#संग्रह;
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8999634109 · 1 month ago
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sanjaydass9 · 4 months ago
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pujajadhav55 · 4 months ago
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karam-123-ku · 4 months ago
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sitadasi · 7 months ago
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vinod-kumar · 10 months ago
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subhashdagar123 · 11 months ago
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propicsmedia · 1 year ago
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Khalistan Referendum Video Clips at SURREY GURDWARA. ProPics Canada Medi...सरे गुरुद्वारे में मेट्रो वैंकूवर खालिस्तान जनमत संग्रह वीडियो क्लिप्स को देखते हुए। प्रोपिक्स कनाडा मीडिया लिमिटेड के सौजन्य से देखने के लिए कई क्लिप उपलब्ध हैं #सरेबीसी में #रेफरेंडम2020 @सिखगुरुद्वारे में आज अद्भुत मतदान हुआ, इस कार्यक्रम को कवर करने वाले एक महान दिन के लिए सभी को धन्यवाद #सिख #सिखसंप्रभुता #सिख्सफॉरजस्टिस #सिख्सवर्ल्डवाइड #गुरुनानकसिखगुरुद्वारा #सर्रेगुरुद्वारा #सिख #पंजाबी #पंजाबीन्यूज #भारत #खालिस्तान #मणिपुर #जागरूकता #सिखमंदिर #भारतीय #भारतीयटिकटॉक #मानवाधिकार मनोरंजन, शिक्षा और दुनिया भर से ब्रेकिंग न्यूज के लिए रुचि के वीडियो
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angrezzzz · 1 year ago
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Swami Samarth Aarti PDF Download in Marathi : जय जय सद्गुरु स्वामी समर्थ आरती संग्रह
Swami Samarth Aarti PDF: आप सब तो जानते ही होंगे कि स्वामी समर्थ आरती एक प्राचीन भक्ति संगीत है जो महाराष्ट्र के महान संत श्री स्वामी समर्थ महाराज जी को समर्पित किया गया है। हम सब उनकी आरती करना पसंद करते हैं। ताकि उनकी कृपा हम पर हमेशा बनी रहे। इस आरती का मुख्य उद्देश्य भक्तों के मन में भगवन के प्रति श्रद्धा भावना को जागृत करना है। इसलिए हम आज आपके लिए लाये हैं Swami Samarth ji ki Aarti PDF, जिसे आप आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।
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rajasthanilyrics · 1 year ago
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ओम है जीवन हमारा ओम प्राण आधार लिरिक्स | Om Hai Jeevan Hamara Bhajan Lyrics
ओम है जीवन हमारा ओम प्राण आधार लिरिक्स, Om Hai Jeevan Hamara Bhajan Lyrics ~ ओम है जीवन हमारा ~ ओम है जीवन हमारा , ओम प्राण आधार है। ओम है करता विधाता , ओम पालन हार है। ओम है दुःख का विनाशक , ओम सर्वानंद है। ओम है बल तेजधारी , ओम करुणानंद है। ओम सबका पूजनीय है , हम ओम का पूजन करे। ओम के ही ध्यान से , हम शुध्द अपना मन करे। ओम के गुरुमंत्र जपने से , रहेगा शुध्द मन। बुद्धि दिन प्रतिदिन बढ़ेगी…
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sanjaydass9 · 4 months ago
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kavirameshchauhanfan · 2 years ago
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बाल साहित्य (कविता संग्रह):एक घोंसला चिड़िया का -प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह
एक बाल साहित्य (कविता):एक घोंसला चिड़िया का -प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह “एक घोंसला चिड़िया का” नामक पुस्तक में बच्चों के लिए चालीस कवितायेँ हैं । कवि प्रोफेसर रवीन्द्र प्रताप सिंह ने जीव जन्तुओ , प्रकृति और बाल भावों को केंद्र में रखते हुए बाल पाठकों के लिए सार्थक और रोचक पाठ प्रस्तुत किये हैं।” ek ghosala chidiya ka 1.बॉलकनी में नया घोंसला बॉलकनी में नया घोंसला ,देखो उसमे चिड़िया आयी।जाने कहाँ…
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satlokashram · 1 year ago
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कबीर, योग (भक्ति) के अंग पाँच हैं, संयम मनन एकान्त। विषय त्याग नाम रटन, होये मोक्ष निश्चिन्त।। भावार्थ:- भक्ति के चार आवश्यक पहलु हैं। संयम यानि प्रत्येक कार्य में संयम बरतना चाहिए। धन संग्रह करने में, बोलने में, खाने-पीने में, विषय भोगों में संयम रखे यानि भक्त को कम बोलना चाहिए, विषय विकारों का त्याग करना चाहिए। परमात्मा का भजन तथा परमात्मा की वाणी प्रवचनों का मनन करना अनिवार्य है। ऐसे साधना तथा मर्यादा पालन करने से मोक्ष निश्चित प्राप्त होता है।
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tameshwari · 4 months ago
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सोचिए, समझिए और अपने जीवन में बदलाव लाइए
राम- नाम कडवा लागै, मीठे लागें दाम।
दुविधा में दोनों गए, माया मिली ना राम।।
क्या कभी आपने सोचा है, क्यों हमें परमात्मा का नाम लेने में कठिनाई महसूस होती है, जबकि धन-संग्रह हमें मीठा लगता है? आखिर क्यों सत्संग से हम दूर हो जाते हैं?
क्या धन का संग्रह हमें दोनों हाथ से सब कुछ गंवाने पर मजबूर कर देगा?
कमेंट करें और अपने विचार साझा करें! और अधिक जानने के लिए Sant Rampal Ji Maharaj का YouTube चैनल देखें।
#कबीरवाणी #सत्संग #आध्यात्म #धनऔरपरमात्मा #स्वर्ण_युग #सतलोक #SantRampalJiMaharaj
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vaanigheer · 2 months ago
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#बिन_फेरे_हम_तेरे
मानसिक परेशानी का कारण है अपनी परंपराएं।
यह भार व्यर्थ के लिए खड़े हैं जैसे बड़ी कोठी-बडी़ मंहगी कार, मंहगे आभूषण (स्वर्ण के आभूषण), संग्रह करना, विवाह में दहेज लेना-देना, बैंड-बाजे, डीजे बजाना, घुड़चढ़ी के समय पूरे परिवार का बेशर्मों की तरह नाचना।🌺🌹🌺
Dowry Free Marriages
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mehaksharmasblog · 5 months ago
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सत्संग न सुनने वाले मानव (स्त्री / पुरूष) को परमात्मा के विधान का ज्ञान नहीं होता। जिस कारण से उसको परमात्मा के विषय में चर्चा भी अच्छी नहीं लगती। धन संग्रह करना अच्छा लगता है। जिस कारण से उसको दोनों से हाथ धोने पड़ते हैं यानि उसे न तो परमात्मा मिलता है और मृत्यु के पश्चात् धन भी यहीं रह गया। उसके दोनों ही हाथ से निकल गए।
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