#संक्रमित
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स्कूल में कोरोना ब्लास्ट, करीब 150 छात्राएं हुई कोरोना संक्रमित
स्कूल में कोरोना ब्लास्ट, जमेशदपुर : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के चार बालिका आवासीय विद्यालयों की 148 छात्राएं कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गयी हैं। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि सोमवार को 69 छात्राओं के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद जिला उपायुक्त विजया जाधव के निर्देश पर मंगलवार को सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) की छात्राओं की…
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#150#Corona Blast in Kasturba Gandhi School#एक्सक्लूसिव#करीब#करीब 150 छात्राएं हुई कोरोना संक्रमित#कोरोना#छात्राएं#छात्राएं हुई कोरोना संक्रमित#झारखंड#न्यूज़#ब्रेकिंग#ब्लास्ट#में#राज्य#संक्रमित#स्कूल#स्कूल में कोरोना ब्लास्ट#स्वास्थ्य#हुई
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Hazaribagh: तीन कोरोना संक्रमित मरीज मिलें, संक्रमितों की पहचान की गई है
Hazaribagh: देश में कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर से बढने लगे हैं। इसी क्रम में सोमवार को जिले में तीन कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई है। इसकी पुष्टि जिला आईडीएसपी कार्यालय ने की है। जिला आईडीएसपी कार्यालय के मुताबिक जिले के शहरी क्षेत्र में तीन कोरोना संक्रमितों की पहचान की गई है। इनमें नूरा निवासी 32 वर्षीया महिला, 15 वर्षीय किशोर और इमली कोठी के पास की 33 वर्षीय युवती है। वर्तमान में…
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#एक तो महामारी से संक्रमित होने का डर#दूसरा नौकरी और कारोबार को लेकर अनिश्चितता और तीसरा अकेलापन। हम इन सभी समस्याओं से निजात पा सकत#kabirisgod
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जबलपुर कोरोनावायरस न्यूज़: 26 दिन बाद हुई कोरोना की वापसी, अमेरिका से लौटी महिला के पॉजिटिव आने के बाद हड़कंप
जबलपुर कोरोनावायरस न्यूज़: 26 दिन बाद हुई कोरोना की वापसी, अमेरिका से लौटी महिला के पॉजिटिव आने के बाद हड़कंप
मप्र के जबलपुर में 26 दिन बाद कोरोना का एक नया मरीज मिला है। अमेरिका से लौटी महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वैरिएंट का पता लगाने के लिए उसका सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है। महिला को घर में आइसोलेट करने के साथ ही उसके पति व बच्चे की भी जांच की जाएगी। हाइलाइट अमेरिका से लौटी महिला जबलपुर में कोरोना पॉजिटिव पाई गई जिले में 26 दिन बाद कोरोना का नया मामला मिला है इससे पहले 3 दिसंबर…
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#एमपी कोरोनावायरस न्यूज#जबलपुर कोरोनावायरस अपडेट#जबलपुर कोरोनावायरस न्यूज#जबलपुर न्यूज#जबलपुर में अमेरिका से लौटी महिला कोरोना पॉजिटिव#जबलपुर में कोरोना मरीजों की संख्या#जबलपुर में कोरोना वायरस#जबलपुर में महिला कोरोना संक्रमित#जबलपुर समाचार#जबलपुर समाचार हिंदी में#जबलपुर सुर्खियाँ#जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट#नवीनतम जबलपुर समाचार#बीएफ.7 वैरिएंट
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#मानसिक_शांति_नहींतो_कुछनहीं
वर्तमान में लोगों को परेशान करने वाली काफी वजह हैं।
एक तो रोगों से संक्रमित होने का डर, नौकरी खोने का और कारोबार को लेकर अनिश्चितता और अकेलापन जैसी परेशानी। हम इन सभी समस्याओं से निजात पा सकते हैं क्योंकि हमारा वास्तविक मित्र पूर्ण परमात्मा है जो हमारी सारी बाधाओं को दूर करके हमें वास्तविक सुख प्रदान करता है।
अवश्य पढ़ें "ज्ञान गंगा”।
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लखनऊ 01.12.2022 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने “विश्व एड्स दिवस” के अवसर पर जागरूकता अभियान के तहत महिला सरकारी अस्पताल, शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (यूसीएससी), इंदिरा नगर लखनऊ में एड्स जागरूकता अभियान चलाया I इस अभिय���न के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने यूसीएससी, इंदिरा नगर लखनऊ की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि गुप्ता के सहयोग से अस्पताल में उपस्थित लोगों को एड्स के बारे में जागरूक किया तथा सूचनात्मक ब्रोशर का वितरण किया I स्वयंसेवकों ने सभी लोगों को एड्स के लिए जागरूक करने हेतु रेड रिबन लगाया व उन्हें एड्स से बचाव के बारे में अवगत कराया I डॉ रश्मि गुप्ता ने ट्रस्ट के इस प्रयास की सराहना की |
ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा कि, “एड्स के खिलाफ जागरूकता फैलाने हेतु आज हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा “विश्व एड्स दिवस 2022” के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया I एड्स के बारे में जागरूकता फैलाकर ही इस बीमारी के संक्रमण को रोका जा सकता है I क्योंकि यह रोग न ही छूत से फैलता है और ना ही किसी मच्छर के काटने से I एड्स फैलता है असुरक्षित यौन सम्बन्ध से, एच.आई.वी. संक्रमित सीरिंज से, एच.आई.वी. संक्रमित माता से पैदा हुए शिशु में या एच.आई.वी. संक्रमित खून से I इन सबसे बचकर व सुरक्षित तरीके अपनाकर हम इस बीमारी के खिलाफ जंग जीत सकते हैं I हम आप सबसे यह अपील करते हैं कि इस बीमारी के खिलाफ जागरूकता फैलाएं व देश को इस बीमारी से बचायें |
इस अवसर पर ट्रस्ट द्वारा सभी लोगों से वर्ष में एक बार रक्तदान करने की अपील की गई |
#विश्व_एड्स_दिवस2022 #worldaidsday #hiv #aids #hivawareness #aidsawareness #hivaids #aidsday #hivprevention #HelpUTrust #HelpUEducationalandCharitableTrust #KiranAgarwal #HarshVardhanAgarwal #DrRupalAgarwal
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उत्तराखंड का एक चौंकाने वाला मामला, जब नशे की लत में फंसी एक लड़की ने 20 युवाओं को एचआईवी से संक्रमित कर दिया
उत्तराखंड का चौंकाने वाला मामला: उत्तराखंड के रामनगर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक एचआईवी पॉजिटिव लड़की ने 17 महीने की अवधि में 20 युवकों को संक्रमित कर दिया। वजन कम करने वाले युवकों का परीक्षण किया गया तो वे एचआईवी पॉजिटिव पाए गए। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ समय से नैनीताल जिले में एड्स के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. पिछले 17 महीनों में 45 एचआईवी पॉजिटिव मामले सामने आए। नए…
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स्मैक की लती किशोरी ने 17 महीनों में 20 युवकों को बनाया HIV का रोगी, जानें कैसे हुआ खुलासा
Uttarakhand News: गुलरघट्टी इलाके में एचआईवी संक्रमित किशोरी ने 17 माह में करीब 20 युवकों को एड्स की राह पर पहुंचा दिया। शरीर सुस्त पड़ने पर अस्पताल पहुंचे इन युवकों की जांच हुई तो वे भी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए। काउंसलर के सवालों के जवाब में केवल उसी किशोरी का जिक्र सामने आया। बताया कि किशोरी स्मैक की लती है, इसके लिए रुपये का इंतजाम करने के लिए वह युवकों पर डोरे डालती है। पूरे नैनीताल जिले में…
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आई फ्लू से बचाव के तरीके
आई फ्लू से बचाव के तरीके अपनाकर आप इस संक्रमण से सुरक्षित रह सकते हैं। इसमें आंखों को साफ और सुरक्षित रखना, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना, हाथों को नियमित रूप से धोना, गंदे हाथों से आंखों को न छूना, और संक्रमित व्यक्ति के तौलिया या रूमाल का इस्तेमाल न करना शामिल है। उचित देखभाल और स्वच्छता से आई फ्लू से बचाव किया जा सकता है।
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गैस्ट्रोएन्टेराइटिस के लिए सबसे अच्छा उपचार क्या है?
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस, जिसे आमतौर पर "स्टमक फ्लू" के रूप में जाना जाता है, एक सामान्य पाचन तंत्र की समस्या है जिसमें पेट और आंतों में सूजन होती है। यह स्थिति अक्सर वायरस, बैक्टीरिया या परजीवियों के संक्रमण के कारण होती है। इसके प्रमुख लक्षणों में दस्त, उल्टी, पेट दर्द, मिचली, बुखार और कमजोरी शामिल हैं। हालांकि गैस्ट्रोएन्टेराइटिस आमतौर पर कुछ दिनों के भीतर ठीक हो जाता है, सही उपचार और देखभाल से जल्द राहत मिल सकती है। यहां पर हम कुछ प्रमुख उपचार और देखभाल के तरीकों की चर्चा करेंगे:
1- तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाएं
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस का सबसे आम और खतरनाक लक्षण डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) है, क्योंकि दस्त और उल्टी के कारण शरीर से बहुत सारे तरल पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि आप शरीर में तरल की कमी न होने दें। इसके लिए:
ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) का सेवन करें, यह शरीर में खोए हुए इलेक्ट्रोलाइट्स और पानी की पूर्ति करता है।
नारियल पानी और फलों के रस भी फायदेमंद होते हैं।
साफ पानी, सूप या हल्की हर्बल चाय पीने से भी फायदा होता है।
2- हल्का और पोषक भोजन लें
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस के दौरान पाचन तंत्र को राहत देने के लिए हल्का और सुपाच्य भोजन करना जरूरी है। कुछ भोजन जो इस स्थिति में उपयोगी होते हैं:
ब्रैट डाइट: इसमें ��ेला (Bananas), चावल (Rice), सेब की चटनी (Applesauce), और टोस्ट (Toast) शामिल होते हैं। यह भोजन हल्का होता है और पाचन के लिए आसान होता है।
दलिया, साबूदाना, और उबले हुए आलू भी खाने में हल्के होते हैं और पाचन तंत्र को आराम देते हैं।
चिकन सूप या वेजिटेबल सूप से शरीर को पोषण मिलता है और यह तरल की कमी को भी पूरा करता है।
3- प्रोबायोटिक्स लें
प्रोबायोटिक्स स्वस्थ बैक्टीरिया होते हैं जो पाचन तंत्र में संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। प्रोबायोटिक्स युक्त खाद्य पदार्थ जैसे:
दही (विशेषकर बिना शक्कर वाला)।
प्रोबायोटिक्स सप्लीमेंट्स लेने से भी पेट के अच्छे बैक्टीरिया का संतुलन बहाल हो सकता है, जिससे तेजी से रिकवरी होती है।
4- दवाएं
यदि गैस्ट्रोएन्टेराइटिस के लक्षण गंभीर हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक होता है। वे आपको उचित दवाएं दे सकते हैं:
5- आराम और विश्राम
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस से पीड़ित होने पर शरीर को पूरा आराम देना आवश्यक है। शरीर की ताकत लौटने के लिए पर्याप्त नींद और शारीरिक आराम जरूरी है। अधिक शारीरिक गतिविधि से बचें जब तक कि आप पूरी तरह से स्वस्थ न हो जाएं।
6- संक्रमण से बचाव
गैस्ट्रोएन्टेर���इटिस को फैलने से रोकने के लिए सावधानियाँ बरतना आवश्यक है:
अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं।
खाने से पहले और टॉयलेट के बाद हाथ धोना आवश्यक है।
दूषित पानी या अस्वास्थ्यकर भोजन से बचें, खासकर यात्रा के दौरान।
व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें।
7- डॉक्टर से कब संपर्क करें?
अगर निम्नलिखित लक्षणों में से कोई भी दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
लगातार उल्टी या दस्त जो 2-3 दिनों से अधिक समय तक रहे।
गंभीर पेट दर्द।
खून के साथ दस्त।
अत्यधिक कमजोरी या भ्रम की स्थिति।
शरीर में अत्यधिक डिहाइड्रेशन (जैसे सूखी त्वचा, कम पेशाब, चक्कर आना) के लक्षण।
निष्कर्ष
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस के लिए सबसे अच्छा उपचार तरल पदार्थों का सही संतुलन, हल्का भोजन, प्रोबायोटिक्स का सेवन और पर्याप्त आराम है। सही समय पर चिकित्सा परामर्श लेना भी आवश्यक है, खासकर जब लक्षण गंभीर हों। यदि आप स्वच्छता का ध्यान रखते हैं और संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक सावधानियाँ अपनाते हैं, तो गैस्ट्रोएन्टेराइटिस से बचना संभव है।
स्वास्थ्य का ध्यान रखना और जल्दी उपचार करवाना इस स्थिति से जल्द छुटकारा पाने में मदद करेगा।
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WHO ने 2025 के Southern Hemisphere Influenza Season के लिए इन्फ्लूएंजा वैक्सीन(influenza vaccine)संरचना के लिए सिफारिशें घोषित की गईं
2025 के दक्षिणी गोलार्ध इन्फ्लूएंजा वैक्सीन(southern hemisphere influenza vaccine) के लिए अनुशंसित संरचना की घोषणा कर दी गई है।
आज, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दक्षिणी गोलार्ध में 2025 के इन्फ्लूएंजा सीज़न के लिए इन्फ्लूएंजा टीकों(southern hemisphere influenza vaccine) की वायरल संरचना के लिए सिफारिशों (recommendations for the viral composition of influenza vaccines) की घोषणा की। इन्फ्लूएंजा वायरस टीकों की संरचना पर 4-दिवसीय बैठक के बाद एक सूचना सत्र में यह घोषणा की गई। सम्मेलन सालाना दो बार आयोजित किया जाता है, एक बार दक्षिणी और एक बार उत्तरी गोलार्ध के लिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) WHO सहयोगी केंद्रों और WHO आवश्यक विनियामक प्रयोगशालाओं के विशेषज्ञों के एक सलाहकार समूह के साथ परामर्श आयोजित करता है, ताकि WHO वैश्विक इन्फ्लूएंजा निगरानी और प्रतिक्रिया प्रणाली (GISRS) द्वारा उत्पन्न इन्फ्लूएंजा वायरस निगरानी डेटा का विश्लेषण किया जा सके। जारी की गई सिफारिशों का उपयोग राष्ट्रीय वैक्सीन नियामक एजेंसियों और दवा कंपनियों द्वारा अगले इन्फ्लूएंजा सीज़न के लिए इन्फ्लूएंजा टीकों को विकसित करने, उत्पादन करने और लाइसेंस देने के लिए किया जाता है। इन्फ्लूएंजा टीकों में निहित वायरसों का समय-समय पर अद्यतन करना आवश्यक है, ताकि टीके प्रभावी रहें, क्योंकि इन्फ्लूएंजा वायरसों की प्रकृति निरंतर विकसित होती रहती है, जिनमें मनुष्यों में प्रसारित होने वाले और उन्हें संक्रमित करने वाले वायरस भी शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि 2025 के दक्षिणी गोलार्ध के इन्फ्लूएंजा सीज़न(southern hemisphere influenza season) में उपयोग के लिए ट्राइवेलेन्ट टीकों में निम्नलिखित चीज़ें शामिल होनी चाहिए: अंडे पर आधारित टीके - A/Victoria/4897/2022 (H1N1)pdm09 जैसा वायरस; - A/Croatia/10136RV/2023 (H3N2) जैसा वायरस; और - B/Austria/1359417/2021 (B/Victoria वंश) जैसा वायरस। सेल कल्चर-, पुनः संयोजक प्रोटीन- या न्यूक्लिक एसिड-आधारित टीके - A/विस्कॉन्सिन/67/2022 (H1N1)pdm09-जैसा वायरस; - A/डिस्ट्रिक्ट ऑफ़ कोलंबिया/27/2023 (H3N2)-जैसा वायरस; और - B/ऑस्ट्रिया/1359417/2021 (B/विक्टोरिया वंश)-जैसा वायरस। - क्वाड्रिवेलेंट इन्फ्लूएंजा टीकों के B/यामागाटा वंश घटक के लिए सिफारिश पिछली सिफारिशों से अपरिवर्तित बनी हुई है: - A B/फुकेत/3073/2013 (B/यामागाटा वंश)-जैसा वायरस।
Influenza क्या होता है?
इन्फ्लूएंजा श्वसन तंत्र का एक वायरल संक्रमण है जिसके लक्षण बुखार, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द और कमज़ोरी ��ैसे होते हैं। यह ऊपरी या निचले श्वसन तंत्र(respiratory tract) को प्रभावित कर सकता है और सिर और पेट में दर्द भी पैदा कर सकता है।
उपचार और रोकथाम
एंटीवायरल दवाएँ अमैंटाडाइन(amantadine) और रिमैंटाडाइन(rimantadine) टाइप ए वायरस से जुड़े इन्फ्लूएंजा के मामलों पर लाभकारी प्रभाव डालती हैं। हालाँकि, इन एजेंटों के लिए वायरल प्रतिरोध देखा गया है, जिससे उनकी प्रभावशीलता कम हो जाती है। दवाओं की एक नई श्रेणी, न्यूरामिनिडेस अवरोधक(neuraminidase inhibitors), जिसमें ओसेल्टामिविर(oseltamivir) (टैमीफ्लू) और ज़ानामिविर(zanamivir) (रेलेंज़ा) शामिल हैं, 1990 के दशक के उत्तरार्ध में पेश की गई थी; ये दवाएँ इन्फ्लूएंजा ए और बी दोनों वायरस को रोकती हैं। इसके अलावा, मानक उपचार बिस्तर पर आराम, तरल पदार्थों का सेवन और बुखार को नियंत्रित करने के लिए एनाल्जेसिक का उपयोग है। यह अनुशंसा की जाती है कि फ्लू से पीड़ित बच्चों और किशोरों को एस्पिरिन न दी जाए, क्योंकि एस्पिरिन के साथ वायरल संक्रमण का उपचार रेये सिंड्रोम से जुड़ा है, जो एक बहुत ही गंभीर बीमारी है। फ्लू के खिलाफ व्यक्तिगत सुरक्षा को दो या अधिक परिसंचारी इन्फ्लूएंजा वायरस युक्त वैक्सीन के इंजेक्शन द्वारा मजबूत किया जा सकता है। ये वायरस चूजों के भ्रूण में उत्पन्न होते हैं और गैर-संक्रमित होते हैं; मानक वाणिज्यिक तैयारियों में आमतौर पर टाइप बी इन्फ्लूएंजा वायरस और कई ए उपप्रकार शामिल होते हैं। एक टीकाकरण से सुरक्षा शायद ही कभी एक वर्ष से अधिक समय तक रहती है, और वार्षिक टीकाकरण की सिफारिश की जा सकती है, खासकर उन व्यक्तियों के लिए जो असामान्य रूप से इन्फ्लूएंजा के प्रति संवेदनशील हैं या जिनकी कमजोर स्थिति संक्रमण के मामले में गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती है। हालांकि, स्वस्थ लोगों में नियमित टीकाकरण की भी सिफारिश की जाती है। इन्फ्लूएंजा और वैक्सीन प्रौद्योगिकियों की वैज्ञानिक समझ में प्रगति ने एक तथाकथित सार्वभौमिक इन्फ्लूएंजा वैक्सीन के विकास को सक्षम किया, जो व्यक्तियों को विभिन्न इन्फ्लूएंजा उपप्रकारों की एक विस्तृत श्रृंखला से बचाने में सक्षम है; वैक्सीन को 2019 में मानव विषयों को शामिल करते हुए नैदानिक परीक्षणों में प्रारंभिक परीक्षण के लिए निर्धारित किया गया था।
फ्लू(FLU) के लिए आयुर्वेदिक उपचार
फ्लू (इन्फ्लुएंजा) के लिए आयुर्वेद में कई प्रभावी उपचार उपलब्ध हैं। यहाँ कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ और उनके लाभ दिए गए हैं: - हल्दी (Haridra): इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। - नीम (Neem): यह एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुणों से भरपूर होता है। - अश्वगंधा (Ashwagandha): यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। - तुलसी (Tulsi): यह एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है और सर्दी-खांसी में राहत देती है। - मुलेठी (Mulethi): यह गले की खराश और खांसी में राहत प्रदान करती है। इन जड़ी-बूटियों का उपयोग विभिन्न रूपों में किया जा सकता है, जैसे कि काढ़ा, चाय, या सप्लीमेंट्स। आयुर्वेदिक उपचार धीरे-धीरे काम करते हैं लेकिन उनके परिणाम लंबे समय तक रहते हैं और उनके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते. WHO ने Mpox की rapid access diagnostic tests के लिए निर्माताओं को आपातकालीन समीक्षा के लिए आमंत्रित किया
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CG NEWS: CG कोरोना ब्रेकिंग- अब कोरोना की चपेट में डाॅक्टर: इस जिले में 4 डाॅक्टर हुए कोरोना संक्रमित....मचा हड़कंप...
CG NEWS : CG कोरोना ब्रेकिंग- जांजगीर 16 अप्रैल 2023। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण में लगातार इजाफा देखा जा रहा हैं। ऐसे में अब डाॅक्टर भी संक्रमण के दायरे में आ रहे हैं। ताजा मामला जांजगीर जिला का हैं, यहां जिला अस्पताल के 4 डाॅक्टरों की रिपोर्ट कोविड पाॅजिटिव आयी हैं। एक साथ 4 डाॅक्टरों के संक्रमित होने क�� खबर के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया हैं। सभी संक्रमित डाॅक्टरों को होम आइसोलेशन…
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#cg news :#CG NEWS : CG कोरोना ब्रेकिंग- अब कोरोना की चपेट में डाॅक्टर: इस जिले में 4 डाॅक्टर हुए कोरोना संक्रमित....#news:#अब#इस#एक्सक्लूसिव#की#कोरोना#कोरोना ब्रेकिंग#कोविड-19#चपेट#छत्तीसगढ़#जिले#डाॅक्टर#न्यूज़#ब्रेकिंग#में#राज्य#रायपुर#संक्रमित&8230;.मचा#स्वास्थ्य#हड़कंप#हुए
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देश में मिला मंकीपॉक्स का दूसरा केस, क्या खतरनाक बन रहा है ये वायरस?
मंकीपॉक्स. (फाइल फोटो) केरल के मलप्पुरम में एमपॉक्स ( मंकीपॉक्स वायरस) का एक मरीज मिला है. यह व्यक्ति यूएई से लौटा था. इसमें मंकीपॉक्स के लक्षण थे. जांच रिपोर्ट में यह एमपॉक्स से संक्रमित मिला है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने ये जानकारी दी है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किए पोस्ट में उन्होंने कहा कि यूएई से लौटे व्यक्ति में एमपॉक्स के लक्षण देखे जाने पर उसे उपचार के लिए भर्ती कराया गया था, जहां…
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बारिश का मौसम आते ही मलेरिया और डेंगू का खतरा सताने लगता है। मच्छर से काटने पर होने वाली एक खतरनाक बीमारी है मलेरिया इसे दुनिया में घातक बिमारियों में से एक माना जाता हैं. संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। मलेरिया की बीमारी से बचने के लिए सबसे जरूरी है मच्छरों से एहतियात बरतें। इसके अलावा कुछ प्राकृतिक उपचार करके आप इसकी रोकथाम कर सकते हैं।इसे भी पढ़े :
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प्रतापगढ़ में डेंगू का कहर: मेडिकल कॉलेज के टेक्नीशियन की मौत, जिले में 34 मरीज
प्रतापगढ़, 13 सितंबर 2024: प्रतापगढ़ जिले में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, जिससे जनजीवन पर गंभीर असर पड़ रहा है। गुरुवार, 12 सितंबर को मेडिकल कॉलेज में कार्यरत 33 वर्षीय एक्सरे टेक्नीशियन स्वप्निल सिंह की तेज बुखार से मौत हो गई, जिससे आशंका जताई जा रही है कि वह डेंगू से संक्रमित थे। उनके खून की जांच में प्लेटलेट्स की संख्या मात्र 10,000 पाई गई थी। हालांकि, डेंगू की पुष्टि होने से पहले ही…
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टीबी मरीजों के नए आंकड़ों ने WHO को भी चौंकाया, भारत समेत इन 5 देशों में ज्यादा केस
ट्यूबरक्लोसिस को लेकर चौंकाने वाला आंकड़े सामने आए हैं. पिछले साल यानी 2023 में 80 लाख लोग इस बीमारी से संक्रमित हुए थे. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ये जानकारी दी. इन आंकड़ों को देखकर WHO भी चौंक गया. उसने कहा है कि ये अब तक की सबसे ज्यादा संख्या है. रिपोर्ट में क्या कहा गया? रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल लगभग 1.25 मिलियन लोगों की टीबी से मृत्यु हो गई. ये मौतें 2023 में एचआईवी से मारे गए…
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