#श्रृंगला म्यांमार
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lazypenguinearthquake · 3 years ago
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पश्चिम के विपरीत, भारत भू-राजनीतिक कारणों से म्यांमार को अलग नहीं कर सकता | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
पश्चिम के विपरीत, भारत भू-राजनीतिक कारणों से म्यांमार को अलग नहीं कर सकता | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली: इस सप्ताह म्यांमार में भारतीय पहुंच अतिदेय थी, लोकतंत्र की बहाली की दिशा में इसे आगे बढ़ाते हुए तत्काल पूर्वी पड़ोसी को उलझाने के बीच एक अच्छा संतुलन चल रहा था। अब स्थापित “ट्विन-ट्रैक” दृष्टिकोण को बनाए रखते हुए, भारत का दृष्टिकोण जापान के सबसे करीब है, लेकिन आंतरिक रूप से चीन से अलग है। विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला की यात्रा, सरकार की अपनी समीक्षा के अनुसार, म्यांमार के साथ भारत के…
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lok-shakti · 3 years ago
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��िल्ली ने मांगी सू ची से श्रृंगला की मुलाकात, जनता ने दिया कोल्ड शोल्डर
दिल्ली ने मांगी सू ची से श्रृंगला की मुलाकात, जनता ने दिया कोल्ड शोल्डर
भारत ने म्यांमार की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) की नेता आंग सान सू की के साथ बैठक की मांग की, जबकि विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला देश में थे, लेकिन वहां के सैन्य नेतृत्व ने कोई जवाब नहीं दिया, जैसा कि इंडियन एक्सप्रेस ने सीखा है। पिछले दो दिनों से म्यांमार के कार्यकारी दौरे पर आए श्रृंगला ने सू की की पार्टी के नेताओं से मुलाकात की। इस साल फरवरी में तख्तापलट के बाद से यह म्यांमार के सैन्य…
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divyabhashkar · 3 years ago
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विदेश सचिव श्रृंगला ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख से मुलाकात की, यूक्रेन, अफगानिस्तान सहित यूएनएससी के एजेंडे के मुद्दों पर चर्चा की
विदेश सचिव श्रृंगला ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख से मुलाकात की, यूक्रेन, अफगानिस्तान सहित यूएनएससी के एजेंडे के मुद्दों पर चर्चा की
संयुक्त राष्ट्र: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे पर मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें यूक्रेन, अफगानिस्तान और म्यांमार में उभरती स्थिति शामिल है। श्रृंगला मंगलवार को न्यूयॉर्क पहुंची और बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र और अरब राज्यों के…
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mytracknews · 4 years ago
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नौसेना दिवस समारोह के लिए अगले सप्ताह रूस जाएंगे नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह
नौसेना दिवस समारोह के लिए अगले सप्ताह रूस जाएंगे नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह
भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह अगले सप्ताह रूसी नौसेना दिवस के लिए रूस का दौरा करेंगे। इस साल की शुरुआत में विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के बाद, वह रूस का दौरा करने वाले तीसरे उच्च-स्तरीय भारतीय अधिकारी हैं। भारतीय नौसेना प्रमुख अतीत में म्यांमार, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया की यात्रा कर चुके हैं। रूस 25 जुलाई को सेंट पीटर्सबर्ग में नौसेना दिवस का मुख्य दिन आयोजित…
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sachsamachaar · 4 years ago
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भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में सेना ने तख्ता पलट कर एक साल के लिए आपातकाल लगा दिया है। म्यांमार की सर्वोच्च नेता आंग सानू सू की, वहां के राष्ट्रपति यू विन म्यिंट को गिरफ्तार कर लिया है। दुनिया भर में इस कदम की आलोचना हो रही है। लेकिन म्यामांर की सेना अड़ी हुई है और उसका दावा है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए ही उसे ये कदम उठाना पड़ा।
 म्यांमार के शहर यंगून में जगह-जगह पुलिस तैनात ��ै। वहां की सड़कें खाली हैं और गिने-चुने लोग ही सड़कों पर नजर आ रहे हैं। एयरपोर्ट के रास्ते को बंद कर दिया गया है। वहां नाईट कर्फ्यू लगा दिया गया है।
 म्यांमार की सेना ने तख्तापलट करने के कुछ घंटे बाद एक बयान जारी कर बताया कि जनरल मिन आंग लाइंग ही अब विधायिका, प्रशासन और न्यायपालिका की जिम्मेदारी संभालेंगे।
 दरअसल इतिहास में जाएं तो म्यांमार की राजनीति में सेना का हमेशा से ही दबदबा रहा है। साल 1962 में तख्तापलट के बाद से सेना ने देश पर करीब 50 सालों तक प्रत्यक्ष रूप से शासन किया है। म्यांमार में लोकतांत्रिक व्यवस्था की मांग तेज होने पर साल 2008 में सेना नया संविधान लाई। इस नए संविधान में लोकतांत्रिक सरकार और विपक्षी दलों के नेता को जगह दी गई लेकिन सेना की स्वायत्तता और वर्चस्व को बनाए रखा गया। नए चार्टर के तहत, सेना प्रमुख को अपने लोगों की नियुक्ति करने और सैन्य मामलों में अंतिम फैसला करने का अधिकार दिया गया था। आसान शब्दों में कहें तो सेना प्रमुख को किसी के प्रति जवाबदेह नहीं बनाया गया था।
 आपको बताते चलें कि भारत और म्यांमार के रिश्‍ते काफी पुराने और गहरे हैं. आधुनिक काल में 1937 तक बर्मा भी भारत का ही भाग था और ब्रिटिश राज के अधीन था. आपको बता दें कि‍ बर्मा के अधिकतर लोग बौद्ध हैं और इस नाते भी भारत का सांस्कृतिक संबंध बनता है। वहीं म्यांमार की नेता आंग सान सू के साथ भी भारत के बहुत अच्छे रिश्ते रहे हैं। ��ंग सान सू की ने लेडी श्रीराम कॉलेज, नई दिल्ली से 1964 में राजनीति में स��नातक की पढ़ाई की।
 आन सान सू की के पिता म्यांमार की आजादी के लिए लड़े थे। उनका नाम जनरल आंग सान था। सू की जब दो साल की थीं, तभी उनके पिता की हत्या कर दी गई थी। तब म्यामांर आजाद भी नहीं हुआ था। उनके जाने के बाद आन सान सू की ने देश में लोकतंत्र की लड़ाई लड़ी और उन्हें इसके लिए कई सालों तक जेल में रहना पड़ा। आन सान सू की को 1991 में नोबेल शांति पुरस्कार से भी नावाजा गया है। जब उन्हें ये पुरस्कार दिया जा रहा था तब भी वो नजरबंद ही थीं।
 दुनियाभर ने म्यांमार में हुए इस घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त की है। अमेरिका और भारत समेत अनेक देशों ने म्यांमार में हुई इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। भारत के विदेश मंत्रालय ने पूरे घटनाक्रम पर पर बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है, "हमने म्यांमार में हुए घटनाक्रम का संज्ञान ले लिया है। भारत म्यांमार में हमेशा से लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता हस्तांतरण के पक्ष में रहा है। हमारा मानना है कि कानून का शासन और लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं कायम रहनी चाहिए। हम पूरे हालात पर करीब से नजर बनाए हुए हैं।"
 वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने एक बयान में कहा, ''बर्मा (म्यामांर) की सेना द्वारा तख्तापलट, आंग सान सू ची एवं अन्य प्राधिकारियों को हिरासत में लिया जाना और राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा देश में सत्ता के लोकतंत्रिक हस्तांतरण पर सीधा हमला है।''
 वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि म्यांमार के घटनाक्रम के दूरगामी परिणाम होंगे. तख्तापलट के बाद उन शरणार्थियों की सुरक्षित वापसी में भी देरी हो सकती है, जिन्होंने अन्य देशों को अपना ठिकाना बनाया है।
 म्यांमार में हुए घटनाक्रम का भारत पर असर पड़ना तय है। भारत की म्यांमार के साथ 1600 किलोमीटर लंबी सीमा है। म्यांमार के साथ भारत की समुद्री सीमा भी लगती है। भारत म्यांमार की सेना को स्वदेशी पनडुब्बियों समेत कई रक्षा उपकरणों की आपूर्ति करता है। भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने पिछले साल अक्टूबर महीने में ही म्यांमार का दौरा किया था। इस दौरे में कोविड-19, वैक्सीन की आपूर्ति और तकनीक समेत कई विषयों पर बातचीत हुई थी। श्रृंगला ने एक बयान में कहा था कि म्यांमार भारत के लिए बहुत अहम है क्योंकि ये भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' और 'ऐक्ट ईस्ट' पॉलिसी दोनों का केंद्रबिंदु है।
 भारत म्यांमार को करीब 1.4 अरब डॉलर की आर्थिक मदद देता है। म्यांमार में सित्वे बंदरगाह का निर्माण भी भारत ने किया है जिसके इस साल शुरू होने की उम्मीद है। हालांकि, म्यांमार की सेना के साथ भारत के संबंध बहुत अच्छे नहीं रहे हैं। म्यांमार में तख्तापलट होने के बाद अब भारत की कई योजना��ं पर भी असर पड़ सकता है।
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lazypenguinearthquake · 3 years ago
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श्रृंगला: सू की को हटाए जाने के बाद पहली बार श्रृंगला आज म्यांमार की यात्रा करेंगी | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
श्रृंगला: सू की को हटाए जाने के बाद पहली बार श्रृंगला आज म्यांमार की यात्रा करेंगी | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की यात्रा करेंगे म्यांमार उस देश की सेना द्वारा लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को बेदखल करने के बाद बुधवार को भारत की ओर से पहली उच्च स्तरीय यात्रा में ऑंन्ग सैन सू की 1 फरवरी को तख्तापलट में विदेश मंत्रालय ने कहा कि श्रृंगला अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान राज्य प्रशासन परिषद, राजनीतिक दलों और नागरिक समाज के सदस्यों के साथ चर्चा करेंगे। बयान में कहा गया,…
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lok-shakti · 3 years ago
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हर्षवर्धन श्रृंगला ने म्यांमार को 10 लाख से अधिक वैक्सीन खुराक सौंपी
हर्षवर्धन श्रृंगला ने म्यांमार को 10 लाख से अधिक वैक्सीन खुराक सौंपी
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बुधवार को म्यांमार रेड क्रॉस सोसाइटी के प्रतिनिधियों को ‘मेड इन इंडिया’ टीकों की 10 लाख खुराकें सौंपीं। श्रृंगला दो दिवसीय यात्रा पर म्यांमार में हैं, म्यांमार की सेना द्वारा 1 फरवरी को तख्तापलट में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई आंग सान सू ची की सरकार को अपदस्थ करने के बाद भारत की ओर से इस तरह के पहले उच्च-स्तरीय आउटरीच में। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में…
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lok-shakti · 3 years ago
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विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला म्यांमार के दौरे पर
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला म्यांमार के दौरे पर
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला 22 और 23 दिसंबर को म्यांमार की दो दिवसीय कार्यशील यात्रा करेंगे। इस साल फरवरी में तख्तापलट के बाद से यह देश की उनकी पहली यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय ने यात्रा की घोषणा करते हुए कहा, “यात्रा के दौरान विदेश सचिव राज्य प्रशासन परिषद, राजनीतिक दलों और नागरिक समाज के सदस्यों के साथ चर्चा करेंगे।” इसने यह भी कहा कि “म्यांमार को मानवीय समर्थन, सुरक्षा और भारत-म्यांमार सीमा…
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lok-shakti · 3 years ago
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'किसी भी हिंसा को खत्म करने की जरूरत': विदेश सचिव श्रृंगला ने म्यांमार के सैन्य नेतृत्व से कहा
‘किसी भी हिंसा को खत्म करने की जरूरत’: विदेश सचिव श्रृंगला ने म्यांमार के सैन्य नेतृत्व से कहा
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने हाल ही में चुराचांदपुर की घटना के मद्देनजर “भारत की सुरक्षा से संबंधित मामलों” को उठाया और म्यांमार के सैन्य नेतृत्व को किसी भी प्रकार की हिंसा को समाप्त करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता के बारे में बताया। गुरुवार को विदेश मंत्रालय। पिछले महीने, 46 असम राइफल्स (एआर) के कमांडेंट कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी, बेटे और चार…
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