#श्री गोपाल तेल
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sundartatips · 5 months ago
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श्री गोपाल तेल कितने दिन लगाना चाहिए - फायदे और नुकसान की जानकारी
श्री गोपाल तेल कितने दिन लगाना चाहिए – फायदे और नुकसान की जानकारी – Baidyanath ब्रांड का यह तेल आयुर्वेदिक हैं जो की सबसे ज्यादा बिकने वाले तेलों में से एक हैं। यह तेल १००% प्राकृतिक औषधियों द्वारा निर्मित की जाती हैं। जिसका इस्तेमाल महिला और पुरुष दोनों ही कर सकते हैं। यह तेल किसी भी मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिल जाती हैं। आइए आपको बताते हैं की श्री गोपाल तेल के फायदे और नुकसान क्या हैं। साथ ही…
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abhay121996-blog · 4 years ago
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जरुरतमंद 220 परिवारों को राशन सामग्री का निशुल्क वितरण Divya Sandesh
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जरुरतमंद 220 परिवारों को राशन सामग्री का निशुल्क वितरण
बीकानेर। गरीब एवं असहायजनों की सहायतार्थ श्री कृष्ण अन्न क्षेत्र द्वारा रविवार को जाने-माने समाजसेवी मगन लाल चांडक के सानिध्य में 220 जरुरतमंद परिवारों को राशन सामग्री का निशुल्क वितरण किया गया। जस्सूसर गेट के अंदर, बिन्नाणी निवास के पीछे आयोजित हुए कार्यक्रम में महीने के पहले रविवार को आयोजित हुए कार्यक्रम में चांडक ने बताया कि यह सेवा पिछले 24 वर्षों से प्रतिमाह आयोजित की जा रही है।
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नर सेवा नारायण सेवा के उद्देश्य के साथ आज भी जरुरतमंदों को गेहूं, चीनी, चाय, तेल, साबुन, माचिस, 2 तरह की दाल, किणी चावल, मिर्च, हल्दी, मटकी प्रदान की गयी। चांडक ने अन्न क्षेत्र की व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी दी।
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आयोजन से जुड़े आनंद चांडक ने बताया कि इस अवसर पर नारायण डागा, सुशील मूंधड़ा, अशोक बागड़ी, राजू चांडक, गोपाल कोठारी, आनंद चांडक, रमेश मूंधड़ा सहित अनेक मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि महीने के चार रविवार को यह राशन सामग्री वितरित की जाती है।
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ajitnehrano0haryana · 5 years ago
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कोटा। शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाने की मुहिम में सर्राफा व्यापारियों की संस्था श्री सर्राफा थोक विक्रेता व्यावसायिक संघ भी जुड़ गई है। सोमवार की रात को संस्था के दीपावली स्नेह मिलन समारोह में श्री सर्राफा बोर्ड के अध्यक्ष सुरेन्द्र गोयल विचित्र ने थोक सर्राफा विक्रेताओं को नो सिंगल यूज प्लास्टिक मुहिम के तहत पॉलीथिन का प्रयोग नहीं करने की शपथ दिलाई।
संस्था के अध्यक्ष अरुण कोठारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि संस्था द्वारा पॉलीथिन मुक्त अभियान के प्रथम चरण में व्यापारियों के लिए तीन हजार कपड़े के थैले बनवाए हैं, जो समारोह में सदस्यों को वितरित किए गए। जल्द ही सभी सदस्य अपने प्रतिष्ठान पर पॉलीथिन थैलियां हटाकर ग्राहकों को केवल कपड़े के थैले ही देंगे।
इस अवसर पर कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन और महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कहा कि सर्राफा व्यापारी शहर के विकास और सामाजिक सरोकार में सदैव तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि सभी व्यापारिक संगठनों के लिए सर्राफा व्यापार से जुड़ी संस्थाएं एक आदर्श के रूप में स्था���ित है। संस्था के सचिव गोपाल सोनी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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source https://lendennews.com/archives/61988 https://ift.tt/2Kb2qK9
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jodhpurnews24 · 6 years ago
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घर-घर पधारो सा! सुख और समृद्धि
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छोटी दिवाली दीपावली का पर्व हर वर्ष कार्तिक मास की कृष्णा चतुर्दर्शी को मनाया जाता है। इस पर्व को नरक चतुर्दर्शी अथवा रूप चौदस के नाम से ��ी जाना जाता है। पौराणिक मान्यतानुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध करके उसके कैद से 16 हजार कन्याओं को मुक्त करवाया था। इस वर्ष यह त्योहार 06 नवंबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। बाद में उनके उचित सम्मान को बनाए रखने के लिए एक साथ सभी 16 हजार कन्याओं से भगवान श्रीकृष्ण ने विवाह किया था। नरकासुर के वध और कन्याओं के मुक्त होने के उपलक्ष में नरकचतुर्दर्शी के दिन दीपदान की परंपरा प्रारंभ हुई। दूसरी मान्यता यह है कि इस दिन प्रात: स्नान करके प्रसन्न होते हैं तथा मनुष्य नरक की यात्नाओं एवं अकाल मृत्यु के भय से बचा रहता है।
दीपावली भारत को त्योहारों का देश भी कहा जाता है। यहां के लोग उत्सव प्रेमी माने जाते हैं। उत्सवों की इस श्रृंखला में कई पर्व आते हैं लेकिन दीपावली पर्व का महत्व अधिक है। इस पर्व पर स्थायी समृद्धि के लिए माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और विशेष प्राप्ति के लिए कुछ विशेष उपाय भी किए जाते हैं। इन उपायों से लोगों को सुख-समृद्धि, कर्ज मुक्ति, आर्थिक परेशानी एवं रोगादि से मुक्ति में विशेष लाभ मिलता है। इसके लिए सबसे पहले पूजन विधि को समझना जरूरी है। इसका कारण यह है कि सही विधि से की गई पूजा से ही शुभ फल मिलता है।
गोवर्धन पूजा गोवर्धन पूजा का पर्व कार्तिक मास की शुक्ला प्रतिपदा को मनाते हैं। इस वर्ष यह पर्व 08 नवंबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। शास्त्र के अनुसार श्रीकृष्ण के समय से यानी द्वापर युग के समय से ही यह पर्व मनाया जा रहा है। उस समय इस दिन वर्षा के देवता इंद्र की पूजा की जाती थी परन्तु उस दिन इंद्र के बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा की गई जिस कारण जिस इंद्र के प्रकोप से श्रीकृष्ण ने सभी नगरवासियों की रक्षा की थी। तभी से आज तक गोवर्धन पर्वत की ही पूजा होती है। अन्नकुट और गोवर्धन उत्सव विष्णु भगवान की लिए प्रसन्नता के लिए मनाते हैं। यह हर जगह मनाया जाता है।
भाई दूज बहन-भाइयों के पावन संबंध भाई दूज हर्षोंल्लास का पर्व है। इस दिन बहनें चावल के घोल से चौक बनाकर उस पर भाई का बिठाकर उसके हाथों की पूजा करें। भाई का तिलक लगाकर कलावा बांधें, मिठाई खिलाएं व भाई के मंगलमय जीवन की कामना करें। इस दिन भाई को बहन के घर भोजन करना चाहिए, यदि सगी बहन न है तो परिवार में परिवार में बहन के घर जाना चाहिए। भोजन के बाद भाई बहन को उपहार में वस्त्र, गहने आदि दें। इस दिन धनप्राप्ति के लिए अखंडित चावल लक्ष्मीजी का ध्यान करते ह��ए जल में बहाएं। इस दिन भाई-बहन का यमुनाजी में स्नान करना शुभ है। ऐसे करते हैं पूजा की तैयारी दीपावली की पूजा के लिए सबसे पहले चौकी पर माता लक्ष्मी व भगवान गणेश की मूर्ति को इस तरह रखें कि उनका मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में रहे। लक्ष्मीजी, गणेशजी की दाहिनी ओर रहें। पूजनकर्ता मूर्तियों के सामने की ओर बैठें। कलश को लक्ष्मीजी के पास चावलों पर रखें। नारियल को लाल वस्त्र में इस तरह लपेटें कि नारियल का अग्र भाग दिखाई देता रहे व इसे कलश पर रखें। कलश वरुण का प्रतीक होता है। लक्ष्मीजी की ओर श्री का चिह्न बनाएं, गणेशजी की ओर त्रिशूल व चावल का ढेर लगाएं। सबसे नीचे चावल की नौ ढेरियां बनाएं। छोटी चौकी के सामने तीन थाली व जल भरकर कलश रखें।
तीन थालियों में रखें ये सामान 11 दीपक (पहली थाली में) : खील, पताशे, मिठाई, वस्त्र, आभूषण, चंदन का लेप, सिंदूर कुमकुम, सुपारी, पान (दूसरी थाली में) लक्ष्मी पूजन का तरीका: सबसे पहले हाथ में अक्षत (चावल), फूल, जल और कुछ द्रव्य लें। यह सब हाथ में लेकर संकल्प मंत्र को बोलते हुए संकल्प करें कि मैं अमूक व्यक्ति अमूक स्थान व समय पर अमूक देवी-देवता की पूजा करने जा रहा हूं। सबसे पहले गणेशजी व मां गौरी का पूजन करें। पूजा हमेशा विधान से करें। फूल, दुर्वा चावल, लौंग, इलायची, केसर, कपूर, हल्दी चने का लेप, सुगंधित पदार्थ, धूप, अगरबत्ती, एक दीपक (तीसरी थाली में)। विशेष उपाय: इस दिन साफ सुथरे कपड़े पहनकर महालक्ष्मी स्त्रोत, विष्णु सहस्त्रनाम अथवा गोपाल सहस्त्रनाम का पाठ करें। कमलगट्टे की माला से रात्रि को ‘ऊं कमलायै नम:’ इस मंत्र का जाप करें। रात्रि में घंटी व शंख बजाएं, नकरात्मक ऊर्जा व दरिद्रता दूर होती है।
पूजन का विधान धनतेरस के अगले दिन छोटी दिवाली मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन पानी में आंवला डालकर स्नान करना चाहिए। इससे समृद्धि होती है। कहा जाता है कि लक्ष्मी को तेल बहुत पसंद है। इसलिए इस दिन लक्ष्मी प्राप्ति के लिए तेल लगाना चाहिए। हमारी संस्कृति में शाम के समय घर की पश्चिम दिशा में दीपक जलाने का विधान है। इससे घर में सुख-संपत्ति की बढ़ोत्तरी होती है। ऐसा कहा जाता है कि इससे पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। दिवाली के दिन भी ऐसा करना चाहिए। पूजा की सामग्री दीपावली की पूजा के लिए ��ाता लक्ष्मी व श्री गणेश की मूर्तियां (बैठी हुई मुद्र�� में)। केसर, रोली, चावल, पान, सुपारी, फल, फूल, दूध, खील, बताशे, सिंदूर, शहद, सिक्के, लौंग। सूखे मेवे, मिठाई, दही, गंगाजल, धूप, अगरबत्ती और 11 दीपक। रुई तथा कलावा, नारियल व तांबे का कलश।
संयम से मनाएं त्योहार सुबह ज्यादा देर तक न सोएं। व्यर्थ में झगड़ा न करें। किसी पर भी क्रोध न करें। घर में किसी भी तरह की गंदगी न करें। माता-पिता व बुजुर्गों का अपमान और किसी प्रकार का नशा न करें।
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aajkarashifal · 7 years ago
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जन्मदिन 7 अप्रैलः 2018-19 की वार्षिक भविष्यवाणी
आचार्य कृष्णदत्त शर्मा ( आज जाने-माने फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा का जन्मदिन है, इनके साथ जिन लोगों का भी जन्मदिन है उन्हें बहुत-बहुत शुभकामनाएं) वर्ष के स्वामी सूर्य और मंगल ग्रह बने हैं। राशि से द्वादश घर में केतु,चन्द्र,सूर्य का त्रिग्रही योग के कारण अप्रैल के शेष दिनों में आपको कुछ बड़े खतरे व जोखिम उठाने पड़ सकते हैं। मई से लेकर जून अंत तक किसी राजकीय विवाद का अंत हो जाएगा। जुलाई अगस्त के मध्य कई प्रकार की समस्याएं उठकर समाप्त हो जाएंगी। सितम्बर से लेकर अक्टूबर तक अपने व्यवसाय, कारोबार को लेकर कुछ कष्ट हो सकता है। नवम्बर दिसम्बर में परिवार के कुछ मामले हल हो सकते हैं। जनवरी से फरवरी 2019 में मित्रों की सहायता से काम-काज में मायूसी खत्म होगी। मार्च से अप्रैल तक किसी पर्यटन का आनन्द उठाएंगे। अप्रैल के मध्य तक किसी नए कार्यक्षेत्र की योजनाएं बनेंगी। महिलाओं के लिए वर्ष जीवन स्तर को बढ़ाने वाला सिद्ध होगा। घर परिवार के सदस्यों की आमदनी के स्रोत बढ़ेंगे। चर्तुग्रही योग की शान्ति के लिए श्री मृतसंजीवनी का सवा लाख जप कराएं। शनिवार को पीपल के नीचे तेल का दीपक जलाएं। मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट। http://dlvr.it/QNglP8
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