#श्राद्ध_करने_की_श्रेष्ठ_विधिsant rampal ji maharaj
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सूक्ष्मवेद (तत्वज्ञान) में तथा चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथवर्वेद) तथा इन चारों वेदों के सारांश गीता में स्पष्ट किया है कि आन-उपासना नहीं करनी चाहिए क्योंकि ये शास्त्रों में वर्णित न होने से मनमाना आचरण है जो गीता अध्याय 16 श्लोक 23, 24 में व्यर्थ बताया है। शास्त्रोक्त साधना करने का आदेश दिया है।
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#Who_Is_AadiRamKabir Is God#satlokashram#kabirisgodsaintrampalji#godmorningmonday#श्राद्ध_करने_की_श्रेष्ठ_विधिsant rampal ji maharaj#हिन्दू_भाई_संभलोhindu bhai dhokhe mein#इस्लाम_की_अनसुलझी_पहेलीbaakhabar sant rampal ji#ईसाईधर्म_का_यथार्थज्ञानfacts about jesus
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जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेकर पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी की भक्ति करने से सतलोक (अविनाशी लोक) की प्राप्ति होती है।
जहां जाने के बाद साधक जन्म-मृत्यु के चक्र से मु��्त हो जाता है और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है।
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#आउनुहोस्_सनातनलाई_जानौँ All saints who impart mantras like Om Namah Shivaay,Om Namo Bhagvate Vasudevaay,Hare Krishan,RamRam are incomplete saints. In Gita Chapter 17 from Shlok 23 to 28, said that for the of Supreme God, Om' (ॐ) - Tat' - Sat', these are the three naams (mantras)
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तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।
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सूक्ष्मवेद
(तत्वज्ञान) में तथा चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा
अथवर्वेद) तथा इन चारों वेदों के सारांश गीता में स्पष्ट किया
है कि आन-उपासना नहीं करनी चाहिए क्योंकि ये शास्त्रों में
वर्णित न होने से मनमाना आचरण है जो गीता अध्याय 16
श्लोक 23, 24 में व्यर्थ बताया है। शास्त्रोक्त साधना करने का
आदेश दिया है।
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