Tumgik
#शिक्षा विभाग ने किया विरोध
dainiksamachar · 8 months
Text
बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षक बनेंगे राज्यकर्मी, नीतीश कुमार से मिल गई गारंटी, जान लीजिए नियम
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री ने नियोजित शिक्षकों को गुड न्यूज दिया है। फिलहाल राज्य में करीब चार नियोजित शिक्षक अलग-अलग स्कूलों में पढ़ाते हैं। सीएम नीतीश ने में शिक्षक नियुक्ति पत्र सौंपने के कार्यक्रम में कहा कि बहुत जल्द नियोजित शिक्षकों को मामूली परीक्षा लेकर राज्यकर्मी का दर्जा दे दिया जाएगा। राज्यकर्मी के दर्जे को लेकर नियोजित शिक्षक कई बार आंदोलन कर चुके हैं। मगर, सीएम नीतीश के आश्वासन से नियोजित शिक्षकों को काफी राहत मिली है। बिहार को मिले 1.20 लाख शिक्षक पटना गांधी मैदान में आयोजित समारोह में करीब 25 हजार शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए गए। इसके अलावा अन्य जिलों में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी इच्छा है कि अगले दो महीने में बचे 1.20 लाख शिक्षकों की भी नियुक्ति कर दी जाए।नीतीश कुमार ने मंच से ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को इसका टास्क सौंपा है। मंच से ही नीतीश कुमार ने केके पाठक से इसके लिए हामी भरवाई। नीतीश कुमार ने विपक्षी पार्टियों की ओर से अन्य राज्यों के चयनित अभ्यर्थियों का विरोध किए जाने पर कहा कि बिहार के लोग बड़ी संख्या अन्य राज्यों में काम करते हैं। पूरा देश एक है और यह खुशी की बात है कि अन्य राज्यों के लोग भी बिहार के बच्चों को पढ़ाएंगे। नियोजित शिक्षकों को गुड न्यूज उन्होंने कहा कि 88 प्रतिशत बिहार के बच्चों की बहाली हुई है। पूरे देश में इतनी संख्या में पहली बार बहाली हुई है। नीतीश ने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने की चर्चा करते हुए कहा कि एक मामूली परीक्षा लेकर उन्हें भी राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा।नीतीश कुमार ने कहा कि 10 लाख सरकारी नौकरी 10 लाख रोजगार देने की सरकार की प्रतिबद्धता है। 50,000 हेड मास्टर, 51,000 पुलिस अधिकारी भी जल्द नियुक्त किए जाएंगे। अगले डेढ़ साल में 10 लाख सरकारी नौकरी देने की तैयारी है। http://dlvr.it/SyHtxR
0 notes
sharpbharat · 1 year
Text
Jamshedpur rural- शिक्षक संघ ने निजी मोबाईल से हाजिरी बनाने का किया विरोध, बीईईओ को सौंपा ज्ञापन
गुड़ाबांदा: बुधवार को अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के गुड़ाबांदा प्रखंड इकाई द्वारा प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को प्रखंड अध्यक्ष के नेतृत्व में एक ज्ञापन सौंपा गया. ज्ञापन के माध्यम से यह अवगत कराया गया कि पिछले कई वर्षों से प्रखंड के कई विद्यालयों में बायोमेट्रिक हाजिरी हेतु विभाग द्वारा उपलब्ध कराया गया टैब पूर्णत: ख़राब हो चुका है. जिसकी सूचना संबंधित विद्यालयों द्वारा विभाग को दिए जाने…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
prabudhajanata · 1 year
Text
जयपुर: लंबे समय से नियमितीकरण regularization का इंतजार कर रहे संविदा और अनियमित कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज है। जी हां अनियमित कर्मचारियों को जल्द ही नियमित किया जाएगा, सरकार ने इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि पहले चरण में सरकार ने 10 हजार कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। बता दें कि राज्य सरकार द्वारा एक लाख से अधिक कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया गया था। मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने नियमितीकरण के लिए पहले चरण में उन कर्मचारियों का चयन किया है, जो 15 साल की सेवा अवधि पूरा कर चुके हैं। वहीं, जिनके पास 12 , 13 ,14 साल के अनुभव है, उन्हें 1 साल का इंतजार करना होगा। आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में 15 साल सेवा अवधि पूरा कर चुके लगभग 10000 कर्मचारी कार्यरत हैं। दरअसल प्रदेश में संविदा कर्मचारियों की संख्या लाखों में है। ऐसे में संविदा कर्मचारियों की सबसे अधिक संख्या चिकित्सा शिक्षा और शिक्षा विभाग में रिकॉर्ड की गई है। चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में संविदा कर्मचारियों की संख्या 44833 है जबकि शिक्षा विभाग में संविदा कर्मचारियों की संख्या 41423 हैं। ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग सहित अल्पसंख्यक विभाग में भी संविदा कर्मचारियों की संख्या अधिक है। हालांकि राजस्थान सरकार द्वारा यह घोषणा की गई है कि पहले प्रक्रिया के तहत 15 साल का अनुभव रखने वाले कर्मचारियों को ही नियमितीकरण का लाभ दिया जाएगा। वहीं इस प्रक्रिया में राज्य के 10000 संविदा कर्मचारी नियमित होंगे जबकि अन्य कर्मचारियों को 15 साल की सेवा पूरी होने के बाद ही नियमितीकरण का लाभ दिया जाएगा। इससे पूर्व राजस्थान सरकार ने बजट 2023-24 में कहा था कि विभिन्न विभागों के तहत काम करने वाले संविदा कर्मचारियों को अन्य सेवाओं में नियमितीकरण का लाभ आईएएस के पद पर चयन पदोन्नति के समान पैटर्न पर किया जाएगा। इसके तहत कुल कार्य अनुभव के बजाय उन्हें एक तिहाई कार्य अनुभव को ही गिना जाएगा। हालांकि बजट में राजस्थान सरकार द्वारा इसकी घोषणा किए जाने के साथ ही कर्मचारियों में विरोध देखा जा रहा था इससे पहले अक्टूबर महीने में सरकार द्वारा बड़ी घोषणा की गई थी इसमें कहा गया था कि संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नियम तय किए जाएंगे। इसके साथ ही उनके वेतन को लेकर भी नियम तय किए जाने हैं। वेतन और अन्य भत्ते का भी मिलेगा लाभ राजस्थान सरकार द्वारा अपनी घोषणा में कहा गया था कि लंबे समय से संविदा के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला किया गया। इसमें पंचायत सहायक, पैरा टीचर सहित शिक्षाकर्मी के रूप में कार्य संविदा कर्मियों को नियमित करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। वहीं तीनों कर्मचारियों को शुरुआत में 10400 मिलेंगे। 9 साल की नौकरी पूरी करने के बाद 18500 रुपए जबकि 18 साल की सेवा पूरी करने के बाद 33300 रुपए वेतन के रूप में प्राप्त होंगे। बीडी कल्ला सब कमेटी की सिफारिश बता दे कि संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए मंत्री बीडी कल्ला के नेतृत्व में कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी द्वारा संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नियम तय किए गए थे। हालांकि संविदा कर्मचारी सरकारी कर्मचारियों के अनुसार वेतन और पदोन्नति की मांग कर रहे थे लेकिन राज्य सरकार द्वारा ऐसा नहीं करके अलग से नियम तय किए गए हैं। वहीं राजस्थान कांट्रेक्चुअल सर्विस रूल 2021 के दायरे में आने वाली संविदा कर्मचारियों को ही नियमित किया जाएगा। इधर बजट में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया IAS के पद पर चयन और पदोन्नति के समान पैटर्न रखने पर विरोध शुरू हो गया है। कर्मचारी संगठन का कहना है कि इस पैटर्न के तहत कर्मचारियों की कुल कार्य अनुभव के बजाय उन्हें एक तिहाई कार्य अनुभव को ही मान्य किया जाएगा। संविदा कर्मचारी संघ की मांग है कि उनके पिछले सेवा के कुल कार्य अनुभव को उनके पदों के नियमितीकरण में गिना जाना चाहिए। 15 साल तक काम करने वाले को केवल 5 साल का अनुभव के ना गिना जाना सही नहीं है। वही राजस्थान में केवल 10000 अनुबंधित कर्मचारियों के पास ही 15 साल का अनुभव है। ऐसे में केवल 10000 को ही इस नियमितीकरण का लाभ मिलेगा। वही आगे आने वाली प्रक्रिया में फिर अन्य कर्मचारियों को नियमितीकरण का लाभ दिया जाएगा।
0 notes
livenewsaaptak · 1 year
Text
NIOS द्वारा आयोजित D.El.Ed. कोर्स से संबंधित Date of Result के मामले को लेकर बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ गंभीर।
• BPNPSS संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष सह जिलाध्यक्ष, समस्तीपुर रामचंद्र राय ने NIOS, नई दिल्ली के निदेशक को प्रेषित किया पत्र।
• संघ ने निदेशक NIOS नई दिल्ली से बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं प्राथमिक शिक्षा निदेशक को संबंधित मामले की सुस्पष्ट निर्देश पत्र प्रेषित करने की लगाई गुहार।
Tumblr media
समस्तीपुर : तकरीबन 5 वर्ष पूर्व मानव संसाधन विकास विभाग भारत सरकार द्वारा पारित विधेयक के पश्चात एनआईओएस संस्थान द्वारा पूरे भारतवर्ष में सेवा में बने वैसे शिक्षक जो अप्रशिक्षित थे उन्हें प्रशिक्षित करने हेतु निर्धारित समय अवधि में D.El.Ed. पाठ्यक्रम को शुरू किया गया था। एक निश्चित समय अवधि यानी 31 मार्च 2019 तक में भारत के लाखों और प्रशिक्षित शिक्षकों को एनआईए संस्थान के द्वारा डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (D.El.Ed.) पाठ्यक्रम के सभी क्रियाकलापों को संपादित करते हुए परीक्षा का आयोजन भी संपन्न कराया गया था। मगर परीक्षा के परिणाम पत्र में मुद्रण की तिथि 29-05-2019 है जोकि एनआईओएस द्वारा शिक्षकों को उपलब्ध कराई गई थी जिसमें एनआईओएस कार्यालय के द्वारा एक सूचना F7-104/2018/nios/evaldeled/pdate दिनांक 10.03.2022 एवं 44-1/2022/admn/rectt1562-63 दिनांक16.12.2022 के माध्यम से स्पष्ट किया गया है कि प्रशिक्षण पूर्ण होने की तिथि 31-3-2019 माना जाए तथा जो रिजल्ट दिए गए हैं उन पर मुद्रण तिथि 22-5-2019 अंकित है। किसी कारण से 31.03.2019 के बाद वैसे शिक्षक जिनका रिजल्ट नहीं हो सका उन पर बिहार सरकार द्वारा सेवा मुक्त करने का आदेश जारी किया गया था। जिसके परिणाम स्वरूप अप्रशिक्षित शिक्षकों ने विरोध जताते हुए सरकार के इस आदेश को चुनौती देते हुए माननीय उच्च न्यायालय पटना में एक याचिका दायर की थी।
जिसकी सुनवाई के पश्चात उच्च न्यायालय पटना के द्वारा 31 मार्च 2019 से 19 अक्टूबर 2022 तक प्रशिक्षण प्राप्त कर लेने वाले शिक्षकों को सेवा में बने रहने एवं डेट ऑफ रिजल्ट से नई सेवा मानने संबंधी न्याय निर्णय जारी किया था।
इस आदेश से वैसे शिक्षक जो एनआईओएस से ससमय सभी क्रियाकलापों को सफलतापूर्वक संपादित करते हुए परीक्षा में भाग लिए और वे उत्तीर्ण भी हुए मगर उन्हें भी पटना उच्च न्यायालय के इस आदेश के निहित आना पड़ रहा है क्योंकि उनके प्रमाण पत्र पर भी एनआईओएस के द्वारा डेट ऑफ रिजल्ट 22.5.2019 अंकित है।
बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सह जिला अध्यक्ष समस्तीपुर रामचंद्र राय ने कहा- एनआईओएस द्वारा आयोजित डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (D.El.Ed.)पाठ्यक्रम से संबंधित डेट ऑफ रिजल्ट के कारण शिक्षकों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा NIOS द्वारा 10 मार्च 2022 एवं 16 दिसंबर 2022 की तिथि में जारी पत्र केवल केवल आम सूचना मात्र है यदि एनआईओएस द्वारा शिक्षा विभाग बिहार सरकार पटना को स्पष्ट रूप से पुनः निर्देशित कर दिया जाता तो बिहार में उत्पन्न इस प्रकार की गतिरोध पर विराम लग सकता है।
वहीं संघ के प्रदेश सचिव कुमार गौरव ने कहा विगत 500 वर्षों या उससे भी अधिक वर्ष से अटूट रूप से सेवा करने वाले शिक्षकों को नई सेवा माने जाने संबंधी निदेश पत्र कहीं से भी शिक्षक हित में नहीं है। उन्होंने कहा एनआईओएस द्वारा आयोजित डीएलएड कार्यक्रम जिसके सहारे क्रियाकलाप 31 मार्च 2019 तक संपादित हो चुके थे और वैसे शिक्षक जो इस पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक टेशिमा अवधि में संपन्न भी कर लिए थे किंतु एनआईओएस द्वारा जारी उनके प्रमाण पत्र पर अंकित 22-05-2019 को मात्र मुद्रण की तिथि मानी जाए और इस संबंध में एक सुस्पष्ट निर्देश पत्र बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग एवं प्राथमिक शिक्षा निदेशक, बिहार सरकार पटना को प्रेषित किया जाए ताकि उक्त पाठ्यक्रम को पूर्ण करने वाले शिक्षकों की सेवा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ सके।
0 notes
newsuniversal-in · 2 years
Text
मोबाइल मानिटरिंग सर्विस बन्द करने का ग्राम प्रधानों ने सौंपा ज्ञापन
Tumblr media
सिद्धार्थनगर। बुधवार को इटवा विकास खण्ड के ग्राम प्रधानों ने पारस यादव और राघवेन्द्र सिंह के नेतृत्व में एक स्वर में मोबाइल मानिटरिंग सर्विस को पूर्णतया बन्द करने का खण्ड विकास अधिकारी को ज्ञापन दिया। खण्ड विकास अधिकारी इटवा राज कुमार को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि ब्लाक सभागार इटवा में विकास खण्ड इटवा के हम समस्त प्रधानगण पारस यादव एवं राघवेन्द्र सिंह के अगुआई में एकत्रित हुए हैं। हम ग्राम प्रधानों की सबसे बडी मुख्य समस्या है कि मोबाइल मानिटरिंग सर्विस को बन्द किया जाए। इसके विरोध में हम समस्त प्रधानों ने यह निर्णय लिया है। दिनांक 05 जनवरी 2023 से लेकर जब तक ग्राम पंचायतों में मोबाइल मानिटरिंग की समस्या पूर्णता बंद नहीं हो जाती है, तब तक ग्राम पंचायत से सम्बंधित चाहे वो स्वास्थ्य विभाग से सम्बंधित हो, चाहे शिक्षा से सम्बंधित हो अथवा सफाई कर्मी के पेरोल से सम्बंधित हो समस्त कार्यों का पूर्णता बहिष्कार करके अनिश्चित समय तक इटवा ब्लाक गेट के सामने शांति पूर्ण धरना प्रदर्शन / अनशन करेंगे। Read the full article
0 notes
studycarewithgsbrar · 2 years
Text
महाराष्ट्र: लातूर में शिक्षकों ने शिक्षा विभाग की पहल का विरोध किया - टाइम्स ऑफ इंडिया
महाराष्ट्र: लातूर में शिक्षकों ने शिक्षा विभाग की पहल का विरोध किया – टाइम्स ऑफ इंडिया
लातूर: महाराष्ट्र के शिक्षक लातूर जिले ने आप के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए उनके हाथों पर काले रिबन बांधे गुरु अभियान‘ (मेरे शिक्षक की पहल) द्वारा शुरू किया गया। राज्य शिक्षा विभागएक अधिकारी ने मंगलवार को कहा। कांग्रेस शिक्षक इकाई का हिस्सा रहे शिक्षकों ने सोमवार को जिले में शिक्षक दिवस समारोह के दौरान अपना विरोध दर्ज कराया। शिक्षा विभाग ने आपल गुरु अभियान के तहत स्कूलों को शिक्षकों की…
View On WordPress
0 notes
ashokgehlotofficial · 2 years
Text
मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी प्रभारी मंत्री व जिला कलक्टर्स के साथ लम्पी स्किन रोग की रोकथाम को लेकर समीक्षा बैठक ली।
लम्पी स्किन रोग की रोकथाम के लिए सभी जिला कलक्टर्स को बिना टेंडर दवाईयां खरीदने व युद्धस्तर पर इस महामारी के उपचार एवं रोकथाम के लिए पुख्ता प्रबन्ध करने के निर्देश दिए। राज्य सरकार पूरी गंभीरता व संवेदनशीलता के साथ पशुओं में फैल रहे इस रोग पर नियंत्रण पाने के लिए कार्य कर रही है। कई जिलों में स्थिति सामान्य भी हो रही है। कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार का जो प्रभावी प्रबंधन रहा वैसा ही आज की परिस्थितियों में जनता, जनप्रतिनिधि व अधिकारियों के समन्वय से संभव हो पाया है। सरकार दवाईयों, चिकित्सकों, एंबुलेंस सहित अन्य आवश्यकताओं के लिए धन की कमी नहीं आने दे रही है। राज्य सरकार हर पशुपालक के साथ खड़ी है और सभी के सहयोग से इस संक्रमण से जल्द निजात पा सकेंगे।
गौवंश हमारा सम्मान है, इसका संरक्षण और संवर्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है। सरकार द्वारा गौशालाओं के लिए अनुदान की अवधि को 6 माह से बढ़ाकर 9 माह कर दिया गया है। गोपालन विभाग बनाकर गौवंश संवर्धन के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। 15 अगस्त को राज्य के सभी जिला प्रमुख, प्रधान, सरपंच, वार्डपंच, पशुपालक, पंचायती राज, नगर परिषद, नगर पालिका के सदस्य, गौशाला प्रबंधक व अधिकारियों के साथ वीसी के माध्यम से अहम बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।
संक्रमित पशुओं के उपचार में जुटे चिकित्सकों, वेटेनरी स्टाफ और विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की सजगता और सतर्कता से संक्रमण और मृत्यु दर में कमी आई है। जिस तरह कोरोना काल में विधायकों द्वारा अपने एमएलए फंड से सहायता राशि दी गई, उसी तरह अब भी जारी की गई है। राज्य सरकार की अपील पर बड़ी संख्या मे भामाशाह व स्वंयसेवी संगठन सहयोग के लिए आगे आए हैं। रोकथाम के लिए विधायक, महापौर, जिला प्रमुख, प्रधान, सरंपचों सहित सभी जनप्रतिनिधिगण अपने क्षेत्रों में दौरा कर पशुपालकों को जागरूक कर रहे हैं।
मुख्यतः प्रभावित जिले श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, नागौर, पाली, बीकानेर, जैसलमेर, बाडमेर, सिरोही, जालौर व जोधपुर में संक्रमण व मृत्यु दर में कमी आई है। साथ ही, जयपुर, अजमेर, सीकर, झुंझुनू व उदयपुर में स्थिति पर निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है। भैंसों में भी संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
मीटिंग में विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी एवं पीसीसी अध्यक्ष श्री गोविन्द सिंह डोटासरा भी रहे। डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि राज्य सरकार पशुपालकों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास क��� रही है। रोग निवारक दवाईयों की उपलब्धता पंचायत समिति स्तर तक सुनिश्चित की जा रही है। पशुपालकों की मदद से संक्रमण रहित पशुओं में टीकाकरण का कार्य भी जारी है।
वीसी के माध्यम से जुड़े कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि रोग की प्रभावी रोकथाम के लिए प्रदेश की सभी गौशालाओं की साफ-सफाई पर ध्यान दिया जा रहा है। चिकित्सकों और कर्मचारियों की लगातार मेहनत से सुधार आ रहा है और प्रदेश में रिकवरी रेट बढ़ा है। बीकानेर विश्वविद्यालय की टीमों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। रोग से बचाव में स्वयंसेवी संस्थाएं, भामाशाह और आमजन सहयोग कर रहे हैं। लोग पारंपरिक तरीके से भी उपचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय पशुपालन मंत्री श्री पुरूषोत्तम रूपाला से भी लगातार समन्वय बनाकर उन्हें स्थिति के बारे में अवगत कराया जा रहा है।
गोपालन मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि उन्होंने सभी प्रभावित जिलों का दौरा कर जमीनी स्तर पर दवाइयों और संसाधनों की उपलब्धता का निरीक्षण किया है। सभी जिलों में पशुओं में रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने की दवाईयां उपलब्ध कराई जा रही है व प्राथमिकता से टीकाकरण करवाया जा रहा है। टेंडर प्रक्रिया में देरी के कारण दवाईयों की पर्याप्त उपलब्धता में कमी आ रही है, जिसका जल्द निस्तारण किया जाएगा। कुछ क्षेत्रों में रोगी पशुओं के शव दफनाने पर ग्रामीण विरोध कर रहे हैं, ऐसे में शवों को सरकारी भूमि पर वैज्ञानिक तरीके से दफनाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
वीसी में शिक्षा मंत्री श्री बी.डी. कल्ला, वन मंत्री श्री हेमाराम चौधरी, अल्पसंख्यक मामलात मंत्री श्री शाले मोहम्मद, उद्योग मंत्री श्रीमती शकुंतला रावत, पंचायतीराज मंत्री श्री रमेश मीणा, सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री भजन लाल जाटव, सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना, सामाजिक अधिकारिता मंत्री श्री टीकाराम जूली, आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री श्री गोविंद राम मेघवाल, कृषि विपणन मंत्री श्री मुरारीलाल मीणा, उप सचेतक विधानसभा श्री महेंद्र चौधरी एवं राजस्थान गौ सेवा आयोग अध्यक्ष श्री मेवाराम जैन ने श्री गहलोत के निर्देश पर अपने-अपने जिलों की स्थिति को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा व रोग की रोकथाम के लिए सुझाव दिए। वीसी के जरिए सभी जिला कलक्टर भी बैठक में शामिल हुए। बैठक में पशुपालन विभाग के शासन सचिव श्री पी.सी. किशन ने प्रस्तुतीकरण के जरिए प्रदेश की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया।
Tumblr media
0 notes
telnews-in · 2 years
Text
When Arpita Mukherjee Refused To Exit Car, Here's What Enforcement Directorate Did
When Arpita Mukherjee Refused To Exit Car, Here’s What Enforcement Directorate Did
अर्पिता मुखर्जी कोलकाता के एक अस्पताल के बाहर रोती हुई। कोलकाता: बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी ने रोया, विरोध किया और कार से बाहर निकलने से इनकार कर दिया और अदालत द्वारा अनिवार्य जांच के लिए आज उन्हें जबरन कोलकाता के एक अस्पताल में ले जाया गया। अभिनेत्री-इंस्टाग्रामर अर्पिता मुखर्जी और निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता पार्थ चटर्जी – जिन्हें 23 जुलाई को शिक्षा विभाग…
View On WordPress
0 notes
nayesubah · 2 years
Text
बिहार शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा बीटेट नहीं होगा बंद
बिहार शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा बीटेट नहीं होगा बंद
Bihar: बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा बंद करने के सरकार के फैसले की काफी आलोचना हुई जिसके बाद शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी का बयान सामने आया है, उन्होंने कहा कि बीटेट बंद नहीं होगा, दरसअल प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने आधिकारिक पत्र बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को लिखा था जिसमें BTET बंद करने की बात कही थी जिसके बाद राजद सहित अन्य पार्टियों और शिक्षक संघ ने इसका विरोध किया था। ns news अब शिक्षा विभाग…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
dainiksamachar · 8 months
Text
महाराष्ट्र: धाराशिव में बंटने लगे कुनबी सर्टिफिकेट...मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच लागू हुआ शिंदे सरकार का बड़ा फैसला
छत्रपति संभाजीनगर: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच राज्य के धाराशिव जिले के अधिकारियों ने मराठा समुदाय के पात्र सदस्यों को कुनबी जाति के प्रमाण पत्र वितरित करने शुरू कर दिए हैं। इसके साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल होने का उनका मार्ग प्रशस्त हो गया। एक अधिकारी ने बताया कि इस तरह का पहला प्रमाण पत्र सबूत के आधार पर जिले के कारी गांव के सुमित माने को सौंपा गया। जिलाधिकारी सचिन ओम्बासे ने माने को कुनबी जाति प्रमाण पत्र सौंपा। इससे एक दिन पहले राज्य सरकार ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें संबंधित अधिकारियों से मराठा समुदाय के पात्र सदस्यों को नए कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए कहा गया है ताकि उनके लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ हासिल करने का मार्ग प्रशस्त हो सके। सरकार ने लिया था फैसला महाराष्ट्र कैबिनेट ने पिछले महीने फैसला किया था कि मराठवाड़ा क्षेत्र के उन मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे जिनके पास निजाम युग के ऐसे राजस्व या शिक्षा दस्तावेज हैं जिनके जरिए कुनबी के तौर पर उनकी पहचान होती हो। कृषि से जुड़ा समुदाय कुनबी समुदाय महाराष्ट्र में ओबीसी श्रेणी के अंतर्गत आता है और इसे शिक्षा व सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिला हुआ है। माने को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, धाराशिव के जिलाधिकारी ओम्बासे ने कहा कि कुनबी मुद्दे पर गठित समिति ने मराठवाड़ा के हर जिले का दौरा किया और 1967 से पहले की अवधि के सबूत खोजने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अकेले धाराशिव में 40 लाख अभिलेखों की जांच की गई और कुल 459 कुनबी अभिलेख मिले, जिनमें से 110 कारी गांव के हैं। परिवार की हिस्ट्री है जरूरी ओम्बासे ने कहा कि सरकार के निर्णय के अनुसार, हमारे जिले में कुनबी प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अभिलेखों के अनुसार, हमने आज पहला कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी किया है। हम शेष लाभार्थियों की पहचान करके उन्हें प्रमाणपत्र सौंपेगे। उन्होंने कहा कि हम अगले 8-10 दिन में (आवेदकों को) ये प्रमाणपत्र जारी करने के इच्छुक हैं। राजस्व विभाग की एक टीम आवेदकों से संपर्क करेगी और उन्हें प्रमाणपत्र जारी करेगी। उन्होंने कहा कि जो रिकॉर्ड मिलते हैं उन्हें हमारी जिला प्रशासन की वेबसाइट पर प्रमाणित प्रतियों के रूप में अपलोड किया जाता है। अधिकारी ने कहा कि शेष दस्तावेज अगले कुछ दिनों में अपलोड कर दिए जाएंगे। लोगों को उचित दस्तावेजों, पते के प्रमाण और परिवार के इतिहास के साथ ऑनलाइन आवेदन करना चाहिए। http://dlvr.it/SyFpjY
0 notes
sharpbharat · 2 years
Text
saraikela-teachers-demand- सरायकेला जिले के शिक्षकों ने एमएसीपी समेत चार सूत्री मांगों को लेकर किया आंदोलन का आगाज, काला बिल्ला लगाकर सरकार के रवैयै पर जताया विरोध
saraikela-teachers-demand- सरायकेला जिले के शिक्षकों ने एमएसीपी समेत चार सूत्री मांगों को लेकर किया आंदोलन का आगाज, काला बिल्ला लगाकर सरकार के रवैयै पर जताया विरोध
सरायकेला : शिक्षा एवं शिक्षक हितों के समर्थन में चार सूत्री मांगों को लेकर सरायकेला-खरसावां जिले के शिक्षकों में सरकार और विभाग के प्रति रोष व्याप्त है. बीते 15 अक्टूबर को संगठन के प्रदेश इकाई के निर्णय के आलोक में जिले भर के सैकड़ों शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर आंदोलन के प्रथम चरण का आगाज किया. इन शिक्षकों की चार सूत्री मांगों में बिहार की तर्ज पर “एमएसीपी” की मांग शामिल है. उनका कहना है कि सभी…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
magahinews · 2 years
Text
जिला शिक्षा कार्यालय में है भारी भ्रष्टाचार, बिहार राज्य परिवर्तनकारी शिक्षक संघ ने लगाया आरोप
जिला शिक्षा कार्यालय में है भारी भ्रष्टाचार, बिहार राज्य परिवर्तनकारी शिक्षक संघ ने लगाया आरोप
Sheikhpura: बिहार राज्य परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के सदस्यों ने अपने ही विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिक्षकों ने शनिवार को जिला शिक्षा कार्यालय में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस संबंध में प्रदर्शन कर रहे संघ के जिलाध्यक्ष रामाशीष प्रसाद यादव ने कहा कि बिना सरकार के निर्देश के एनआईयूएस से प्रशिक्षण प्राप्त कुल 190 शिक्षकों का नवंबर माह से वेतन रोक…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
lok-shakti · 3 years
Text
लक्षद्वीप ने स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टियों को बंद करने का फैसला किया
लक्षद्वीप ने स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टियों को बंद करने का फैसला किया
लक्षद्वीप प्रशासन के शिक्षा विभाग ने विरोध के बीच 2021-22 शैक्षणिक वर्ष के लिए एक नए कैलेंडर के हिस्से के रूप में स्कूली छात्रों के लिए साप्ताहिक अवकाश के रूप में शुक्रवार के बजाय रविवार को चिह्नित करने का निर्णय लिया है। लक्षद्वीप में, जहां 2011 की जनगणना के अनुसार मुसलमानों की आबादी 96 प्रतिशत है, धार्मिक आधार पर स्कूलों में शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है। नया आदेश उसी…
View On WordPress
0 notes
Text
शुक्रवार को स्कूल बंद के रूप में लक्षद्वीप विरोध देखता है | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
शुक्रवार को स्कूल बंद के रूप में लक्षद्वीप विरोध देखता है | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
कोच्चि : लक्षद्वीप प्रशासन ने स्कूलों के साप्ताहिक अवकाश में बदलाव किया है केंद्र शासित प्रदेश शुक्रवार से रविवार तक, मुस्लिम बहुल द्वीपसमूह में विरोध शुरू हो गया। 2011 की जनगणना के अनुसार लक्षद्वीप की आबादी का लगभग 96% मुसलमान हैं और दशकों से वहां के स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी होती है। 17 दिसंबर को यूटी प्रशासन के शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि स्कूल के समय और नियमित…
View On WordPress
0 notes
currentnewsss · 3 years
Text
महाराष्ट्र: छात्रों का दावा, 3,073 स्कूल बंद, सरकार ने किया इनकार
महाराष्ट्र: छात्रों का दावा, 3,073 स्कूल बंद, सरकार ने किया इनकार
बुधवार को स्कूल फिर से खुलने के साथ, पालगढ़, नासिक और रायगढ़ के लगभग सौ अभिभावकों और छात्रों ने कम नामांकन का सामना कर रहे 3,000 स्कूलों को कथित रूप से बंद करने के खिलाफ मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि, राज्य सरकार ने कहा कि शिक्षा विभाग की स्कूलों को बंद करने की कोई योजना नहीं है. सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ माता-पिता ने दावा किया कि सरकार उन 3,073 स्कूलों को बंद करना चाहती…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
ashokgehlotofficial · 3 years
Text
निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ‘सत्याग्रह की वर्तमान में प्रासंगिकता‘ विषय पर आयोजित राज्यस्तरीय संगोष्ठी को संबोधित किया। इस अवसर पर सीकर जिला कलेक्ट्रेट परिसर में महात्मा गांधीजी की प्रतिमा का वर्चुअल अनावरण किया। साथ ही सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की ओर से गांधीजी के जीवन एवं दर्शन पर आधारित डिजिटल प्रदर्शनी ‘गांधी दर्शन आजादी से पूर्व और आजादी के पश्चात गौरवशाली यात्रा’ का शुभारम्भ भी किया।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी के जीवन मूल्य एवं सिद्धान्त देश और दुनिया के लिए धरोहर हैं। गांधीजी को आवरण के रूप में नहीं अन्तर्मन से आत्मसात करना होगा तभी लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों को अक्षुण्ण रखा जा सकेगा। असहिष्णुता के दौर में बापू के सत्याग्रह के सिद्धान्त की प्रासंगिकता और प्रबल हुई है।
गांधीजी के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन का जो स्वर्णिम इतिहास लिखा गया है। उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी है ताकि देश का युवा जान सके कि अहिंसा के रास्ते पर चलकर किस तरह मुल्क को विदेशी ताकतों से मुक्त कराया गया। आज दुनिया में हिंसा और आतंक का जो माहौल बना हुआ है। गांधीजी की विचारधारा इन समस्याओं का कारगर हल है। गांधीजी के अहिंसा के सिद्धान्त को संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी मान्यता दी। यूपीए चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी और तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र ने यह प्रस्ताव पारित किया कि गांधीजी के जन्म दिवस, 02 अक्टूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
गांधीजी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने गांधी दर्शन म्यूजियम, महात्मा गांधी इंस्टीट्यूूट ऑफ गवर्नेन्स एण्ड सोशल साइंसेज, सर्वोदय विचार परीक्षा, गांधी दर्शन पुस्तकालय, खादी उत्पादों पर 50 प्रतिशत छूट, शांति एवं अहिंसा निदेशालय का गठन जैसे बड़े कदम उठाए हैं। प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक स्व. एसएन सुब्बाराव की स्मृति में गांधीवादी संस्थाओं के माध्यम से सुब्बाराव ट्रस्ट की स्थापना की जा सकती है जो युवाओं को गांधीवाद से जोड़ने में रचनात्मक भूमिका निभाए।
गांधीजी समाज में कमजोर वर्गों के उत्थान के पक्षधर थे। हमारी सरकार इसी सोच के साथ सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का दायरा बढ़ाते हुए उनका सफल संचालन कर रही है। हमारा प्रयास है कि राज्य में सभी जरूरतमंद वर्गों को सामाजिक सुरक्षा मिले और हमारे हर फैसले में गांधीवादी मूल्यों की छाया बनी रहे।
कला एवं संस्कृति मंत्री श्री बीडी कल्ला ने कहा कि सत्याग्रह स्वतंत्रता आंदोलन का कभी न भूलने वाला ऐसा अध्याय है, जो एकाधिकारवादी सत्ता के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को सतत् संघर्ष की प्रेरणा प्रदान करता है। उन्होंने इसके जरिए समाज के सभी वर्गों को एकता के सूत्र में बांधा और विश्व इतिहास के सबसे सफल अहिंसक आंदोलन का मार्ग प्रशस्त किया।
शिक्षा राज्यमंत्री श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि राज्य सरकार ने गांधीजी के 150वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में वृहद् स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन कर गांधीजी के जीवन मूल्यों और सिद्धान्तों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में गांधी साहित्य उपलब्ध करवाकर नई पीढ़ी को गांधीजी के आदर्शों और विचारों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि गांधीवाद बहुत सी समस्याओं के समाधान का कारगर उपाय है। शासन के अंग विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका, गांधीजी के सिद्धान्तों को अपनाकर सुशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री राजेन्द्र पारीक ने कहा कि गांधीजी और उनके सिद्धांत युगों-युगों तक प्रासंगिक रहेंगे। शोषण एवं अन्याय के खिलाफ अहिंसक आंदोलन महात्मा गांधी की ही देन है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को समाज को नई दिशा देने के लिए अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करना चाहिए।
प्रमुख गांधीवादी विचारक एवं गांधी शांति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली के अध्यक्ष श्री कुमार प्रशांत ने मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि समाज में सत्य की प्रासंगिकता कभी समाप्त नहीं हो सकती। सत्याग्रह सामाजिक चेतना लाने और अन्याय के विरोध में मजबूती से अपनी बात रखने का अचूक हथियार है। आजादी के आंदोलन में गांधीजी ने सत्याग्रह का सफल प्रयोग कर दुनिया को अन्याय के खिलाफ अहिंसक तरीके से संघर्ष का रास्ता दिखाया। उनकी यह देन दुनिया के लिए वर्तमान ही नहीं भविष्य में भी प्रासंगिक रहेगी।
उन्होंने सत्य को परिभाषित करते हुए कहा कि ‘सच घटे या बढ़े तो सच न रहे, झूठ की कोई इंतहा ही नहीं।‘ अर्थात् सच को बढ़ा या घटाकर कहा जाए तो वह सच नहीं रहता। उन्होंने कहा कि झूठ का कोई अस्तित्व नहीं होता। श्री प्रशांत ने कहा कि गांधीजी ने प्रकृति के ‘योग्यतम का अस्तित्व‘ के सिद्धांत को नकारते हुए ‘दुर्बलतम का अस्तित्व‘ का सिद्धांत स्थापित किया। उनका मानना था कि शक्ति शरीर में नहीं मन में होती है।
मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि गांधीजी अतीत नहीं भविष्य हैं। पूरी दुनिया ने उनके सिद्धांतों को माना है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सामाजिक, राजनीतिक एवं सामूहिक जीवन में गांधी दर्शन की बड़ी उपादेयता है। उनके सत्याग्रह के सिद्धांत के माध्यम से व्यवस्था मंे सुधार लाकर उसे बेहतर बनाया जा सकता है।
प्रमुख शासन सचिव कला एवं संस्कृति श्रीमती गायत्री राठौड़ ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि गांधीजी के जीवन दर्शन और सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विभाग के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने गांधीजी की 150वीं जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित गतिविधियों की जानकारी दी।
महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के प्रदेश प्रभारी श्री मनीष शर्मा ने गांधीजी की विचारधारा के प्रसार तथा युवा पीढ़ी को इससे जोड़ने के लिए समिति की ओर से किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती एवं देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर इन दोनों महान नेताओं के चित्र के समक्ष श्रद्धासुमन अर्पित किए। कार्यक्रम की शुरूआत मेें 2 मिनट का मौन रखकर प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक डॉ. एसएन सुब्बाराव को श्रद्धांजलि दी गई।
इस अवसर पर सीकर के सांसद एवं विधायकगण सहित अन्य जनप्रतिनिधि, सभी जिलों से गांधी 150 जिल��� स्तरीय समिति तथा उपखण्ड स्तरीय समिति के सदस्य एवं अधिकारी भी वीसी के माध्यम से जुड़े। कार्यक्रम में सूचना एवं जनसम्पर्क निदेशक श्री पुरूषोत्तम शर्मा भी उपस्थित थे।
Tumblr media Tumblr media
0 notes