#शवदाह गृह
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राजकीय सम्मान के साथ वर्ली शवदाह गृह में हुआ रतन टाटा के अंतिम संस्कार, जानें क्यों नहीं ले जाया गया टॉवर ऑफ साइलेंस
#RatanTata #last #rites #crematorium #TowerofSilence राजकीय सम्मान के साथ वर्की शवदाह गृह में हुआ रतन टाटा के अंतिम संस्कार, जानें क्यों नहीं ले जाया गया टॉवर ऑफ साइलेंस
Ratan Tata Last Rites: दिग्गज बिजनेसमैन रतन टाटा के निधन से पूरा देश गम में है. बीमारी के चलते वे कई दिनों से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में एडमिट थे. बुधवार की रात उनका निधन हो गया. गुरुवार को राजयकीय सम्मान के साथ मुंबई के वर्ली स्थित शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया. यहां आपके मन में ये सवाल जरूर उठ रहा होगा कि रतन टाटा का अंतिम संस्कार पारसी रीति रिवाज से क्यों नहीं हुआ? उनका…
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#UP कानपुर चिड़ियाघर में अब पांच सौ किलो का हो सकेगा विद्युत शवदाह गृह से अंतिम संस्कार,66 लाख कीमत की लगेगी इनसीनरेटर मशीन!
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kandra factory director passed away- सरायकेला ग्लास फैक्ट्री के निदेशक सुभाष चंद्र वार्ष्णेय का कोलकाता में निधन, कांड्रा में शोक की लहर
कांड्रा: स्थित वर्षों से बंद पड़े कांड्रा सरायकेला ग्लास वर्क्स कंपनी के निदेशक सुभाष चंद्र वार्ष्णेय का कोलकाता हा��रा रोड स्थित आवास पर सोमवार को निधन हो गया. वे 81 वर्ष के थे और कंपनी के संस्थापक स्वर्गीय हरिश्चंद्र वार्ष्णेय के दूसरे पुत्र थे. सोमवार को दोपहर उनकी शव यात्रा आवास से निकाली गई तथा कोराटोला कोलकाता स्थित विद्युत शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार इनके पुत्र राजकुमार वार्ष्णेय द्वारा…
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अंत्येष्टि स्थल के निर्माण के गुणवत्ता की उच्च स्तरीय जाँच करवाने की मांग
शिकायत के बाद भी लगातार घटिया निर्माण कार्य जारी। इंद्र बहादुर सिंह बीकेटी लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किसी भी कार्य में लापरवाही न बरतने का निर्देश है, वही कई जनपदों में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कर्रवाई लगातार जारी है।नगर पंचायत बीकेटी के वार्ड नंबर पांच के अंर्तगत रामपुर देवरई में हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा लाखों की लागत से बनाये जा रहे विद्युत शवदाह गृह निर्माण में…
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चीन में कोविड-19 से होती मौतों ने खोली शी जिनपिंग की पोल, राष्ट्रपति पर नहीं अधिकारियों को भरोसा!
बीजिंग: 31 दिसंबर 2022 को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नए साल के मौके पर देश की जनता को संबोधित किया। जिनपिंग ने कहा कि उनका देश सही इतिहास की तरफ है। वह इतिहास का दावा कर रहे थे लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे थे कि जिस तरह से जिनपिंग ने अपनी आक्रामक कोविड रणनीति पर यू-टर्न लिया है, उसने साल 2023 की शुरुआत में ही राष्ट्रपति को अप्रभावी कर दिया है। विशेषज्ञों की मानें तो चीन को जीरो कोविड ��ीति की असफलता की वजह से आर्थिक और इंसानी कीमत अदा करनी पड़ रही है। राष्ट्रपति जिनपिंग को इस असफलता का दोष किस पर डाला जाए, इस सवाल का समाधान तलाशने में खासी दिक्कतें हो सकती हैं। चीन की सरकार ने भले ही जनता के गुस्से को दबा दिया हो लेकिन राष्ट्रपति जिनपिंग की मुश्किलें कम नहीं होने वाली हैं। कोविड नीति बनी सिरदर्द पहले जीरो कोविड नीति और फिर इस नीति को खत्म करने की वजह से राष्ट्रपति जिनपिंग को काफी दिक्कतें हो रही हैं। आधिकारिक तौर पर तो चीन में कोविड से सिर्फ 5200 से कुछ ज्यादा ही मौतें हुई हैं। लेकिन यह आंकड़ें गलत हैं। सरकार की तरफ से जो बताया जा रहा है, हकीकत उससे कहीं ज्यादा डराने वाली है। अस्तपाल में इमरजेंसी वॉर्ड ओवरफ्लो हैं और मरीजों को कहीं जगह नहीं मिल रही है। मेडिकल सप्लाई भी बहुत कम हैं, मेडिकल स्टोर्स पर दवाईयां नहीं मिल रही हैं। बेसिक पेनकिलर्स तक गायब हैं। पुलिस को शवदाह गृह के बाहर गश्त करनी पड़ रही हैं। राजधानी बीजिंग में एक शवदाह गृह के बाहर इतनी भीड़ थी कि लोगों के बीच हाथापाई हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने गश्त का फैसला किया। जिनपिंग बोले-जनता सबसे पहले कोविड के लगातार बढ़ते केसेज के बीच ही पहली बार जनता को संबेधित किया। तीन हफ्ते पहले ही चीन की सरकार ने कोविड नीति बदली थी। इसके बाद से ही केसेज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जिनपिंग ने अपने पहले संबोधन में कहा कि चीन की सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी ने देश की जनता को पहले रखा है और हमेशा ऐसा ही करती आई है। कई लोगों को शायद जिनपिंग का यह दावा अखर सकता है। ऐसे लोग जो अपने करीबियों के लिए जरूरी दवाईयां तलाश रहे हैं, उन्हें जिनपिंग की यह बात चुभ सकती है। लोग यह सवाल करने लगे हैं कि तीन साल तक जीरो कोविड नीति लागू थी और इतने भारी प्रतिबंधों के बाद भी महामारी से निबटने की कोई तैयारी नहीं थी। बिना किसी तैयारी के ही प्रतिबंध हटा दिए गए। जिनपिंग पर भरोसा खत्म विशेषज्ञों की मानें तो शायद चीनी अथॉरिटीज और जिनपिंग खुद दीवार के उस तरफ नहीं देखना चाहते हैं लेकिन नुकसान हो चुका है। अमेरिका-चीन के रिश्तों से जुड़े न्यूयॉर्क स्थित एशिया सोसायटी में यूएस-चाइना रिलेशंस के डायरेक्टर ओरविले स्केहल की मानें तो महामारी के लिए कम्युनिस्ट पार्टी का जो रवैया है वह अब पूरी तरह से पलट गया ��ै। जीरो कोविड नीति की वजह से हुए विद्रोह ने सिर्फ शी जिनपिंग की अक्षमता को हवा दी है। जिनपिंग अभी चीन में हो रही आलोचना से अछूते हैं। उन्हें कुछ पता नहीं लग पा रहा है लेकिन चीनी नागरिकों की मानें तो जिनपिंग की नीतियां जिस तरह से असफल हुई हैं उससे हर चीनी नागरिक और अधिकारी परेशान हैं। चीनी राष्ट्रपति पर अब उनकी ही जनता का भरोसा खत्म हो रहा है। चुकानी होगी बड़ी कीमत कोविड नीति को खत्म करने और को सबकुछ खोल देने की बड़ी आर्थिक कीमत चीन को अदा करनी पड़ सकती है। कुछ विशेषज्ञों ने कहा है कि चीन के अमीर और एलीट क्लास के लोग अपने पैसे को बाहर लेकर जा सकते हैं और साथ ही साथ वो देश भी छोड़कर जा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो फिर चीन की तेजी से गिरती अर्थव्यवस्था पर और दबाव और बढ़ जाएगा और यह बिखर सकती है। http://dlvr.it/SgFWwc
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गुजरात में श्मशान की धातु पिघलने के कारण मौत का कारण बना टोल राइज़
गुजरात में श्मशान की धातु पिघलने के कारण मौत का कारण बना टोल राइज़
कोविद -19 महामारी के बीच शवास की संख्या बढ़ने से लगातार इस्तेमाल के कारण गुजरात के सूरत में कुछ शवदाह गृह में धातु की भट्ठियां पिघल रही हैं या उनमें दरार आ गयी है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि पिछले एक सप्ताह से शवों को जलाने के लिए कुरुक्षेत्र शवदाह गृह और अश्विनी कुमार शवदाह गृह में गैस आधारित भट्ठियां लगातार चालू हैं जिससे रख-रखाव के काम में मुश्किलें आ रही हैं। पिछले कुछ दिनों में कोविद…
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जिलाधिकारी ने शवदाह गृह के लिए लकड़ी का विक्रय मूल्य किया तय
जिलाधिकारी ने शवदाह गृह के लिए लकड़ी का विक्रय मूल्य किया तय
गाजीपुर। जनपद मे अन्त्येष्टि स्थलों पर अन्त्येष्टि क्रिया मे प्रयुक्त होने वाली लकड़ियों का अधिक मूल्य लिए जाने की शिकायतो का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट ने द एपीडेमिक डिजीज एक्ट1897, डिजास्टर मैनेजमेन्ट एक्ट 2005 एवं उ0प्र0 महामारी कोविड-19 विनियमावली-2020 मे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए,प्रभागीय निदेशक, सामाजिक बानिकी वन प्रभाग की आख्या 12.05.2021 से सहमत होते हुए कोविड-19…
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ग्वालियर : श्मशान में भी वसूली, 5 सौ की लकड़ी के ले रहे 15 सौ रुपए
ग्वालियर : श्मशान में भी वसूली, 5 सौ की लकड़ी के ले रहे 15 सौ रुपए
ग्वालियर के लक्ष्मीगंज विद्युत शवदाह, गैस शवदाह गृह पर नगर निगम द्वारा पूर्णत: निशुल्क दाह संस्कार किया जाता है, लेकिन इसमें बॉडी के नीचे जो लकड़ी बिछाई जाती है वो परिजनों को लाकर देनी होती है, जिसकी कीमत करीब 5 सौ रुपए के करीब होती है, लेकिन यहां लकड़ी की टाल वाले 500 की जगह 15 सौ रुपए की वसूली कर रहे हैं, जिसे लेकर नगर निगम ने एफआईआर कराने का आवेदन दिया है। बंगाल के हुगली में मतदान के बीच…
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कालीगण्डकी नदीको कटान संरक्षण
प्रदेश सरकारको रु ५१ लाखको लागतमा निर्माण गरिएको पर्खाल ।
बागलुङ नगरपालिका–४ स्थित निरयघाट शवदाह गृह निरन्तर कालीगण्डकी नदीले कटान गरिरहेकाले त्यसलाई रोक्न गण्डकी प्रदेश सरकारको रु ५१ लाखको लागतमा निर्माण गरिएको पर्खाल । तस्बिरः खेमराज गौतम÷रासस
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Saraikela gas crematorium : सरायकेला में गैस चालित शवदाह गृह बन कर तैयार, नगर पंचायत की ओर से जल्द उपयोग के लिए किया जायेगा समर्पित
सरायकेला : सरायकेला में करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से निर्मित गैस संचालित अत्याधुनिक शवदाह गृह लगभग बन कर तैयार है. नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि जल्द ही इसका उपयोग भी शुरू हो जायेगा. उन्होंने बताया कि नगर पंचायत के बोर्ड ने जनहित के अनेक कार्य किये हैं. उन कार्यों में गैस संचालित शवदाह गृह का निर्माण एक बड़ी उपलब्धि है. (नीचे भी पढ़ें) पारंपरिक पद्धति से अंत्येष्टि में…
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शवदाह गृह के रास्ते में पानी भरने को लेकर ग्रामीणों ने सौंपा उप जिलाधिकारी पयागपुर को ज्ञापन
शवदाह गृह के रास्ते में पानी भरने को लेकर ग्रामीणों ने सौंपा उप जिलाधिकारी पयागपुर को ज्ञापन
समाजसेवी मनीष प्रताप सिंह के नेतृत्व में दर्जनों भर युवक ने किया रास्ते को सही कराने की मांग। शास्त्र तिवारी बहराइच। पयागपुर क्षेत्र अंतर्गत शवदाह गृह जाने का रास्ता ना होना व मुख्य रास्ते पर कमर भर पानी भरा होने को लेकर पयागपुर के ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर उपजिलाधिकारी पयागपुर को सौंपा ज्ञापन। गांव के समाजसेवी मनीष सिंह तथा अंकुर सिंह, व विशाल कश्यप के नेतृत्व में पयागपुर के सैकड़ों ग्रामीणों ने…
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प्रयागराज में नगर निगम बनवाएगा 6 विद्युत शवदाह गृह, भूमि की गई चिन्हित
प्रयागराज में नगर निगम बनवाएगा 6 विद्युत शवदाह गृह, भूमि की गई चिन्हित
वहीं, निगम जल्द टेंडर (Tender) जारी करने की तैयारी भी कर रहा है. मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी (Mayor Abhilasha Gupta Nandi) के मुताबिक, विद्युत शवदाह गृहों के निर्माण से जहां शवों के दफानाने की परम्परा पर रोक लगेगी वहीं, विद्युत शवदाह गृहों में दाह संस्कार करने से समय और धन दोनों की बचत भी होगी. प्रयागराज. कोरोना काल (Corona Era) में संगम नगरी प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर, फाफामऊ और छतनाग श्मशान घाटों…
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#allahabad#corona virus#corpse#Electrical Body Crematorium#Nagar Nigan#River#इलाहाबाद#कोरोना वायरस#नगर निगन#नदीं#विद्युत शव दाह गृह#शव
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मेयर ने पहला विद्युत शवदाह गृह निर्माण के दिए निर्देश, स्थल का किया निरीक्षण
मेयर ने पहला विद्युत शवदाह गृह निर्माण के दिए निर्देश, स्थल का किया निरीक्षण
मेयर ने पहला विद्युत शवदाह गृह निर्माण के दिए निर्देश, स्थल का किया निरीक्षण स्मार्ट हलचलअशोक शर्माब्यूरो चीफ सहारनपुर सहारनपुर। नुमायश शमशान घाट पर विद्युत शवदाह गृह का काम शुरु हो गया है। करीब एक माह में यह पूरा हो जायेगा। मेयर संजीव वालिया ने पूर्व विधायक राजीव गुंबर व अनेक पार्षदों के साथ कार्यस्थल का निरीक्षण किया और निर्माण विभाग को जल्दी से जल्दी कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। महानगर के…
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कानपुर: कोरोना की चाल पड़ी धीमी... डेढ़ महीने बाद सबसे कम हुई अंत्येष्टि... विद्युत शवदाह में लाशों के ढेर हुए कम Divya Sandesh
#Divyasandesh
कानपुर: कोरोना की चाल पड़ी धीमी... डेढ़ महीने बाद सबसे कम हुई अंत्येष्टि... विद्युत शवदाह में लाशों के ढेर हुए कम
सुमित शर्मा, कानपुर कानपुर में कोरोना वायरस की चाल सुस्त पड़ गई है। डेढ़ महीने बाद गुरुवार को शहर के विभिन्न श्मशान घाटों पर सबसे कम शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे हैं। कोरोना ने ऐसा कहर ढाया था कि श्मशान घाटों पर चिता लगाने की जगह नहीं मिल रही थी। सूर्यास्त के बाद देर रात तक शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक जमकर कहर बरपाया है। हजारों कोविड और नॉन कोविड मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। अंतिम संस्कार के लिए लोगों को श्मशान घाटों पर 5 से 7 घंटे का लंबा इंतजार करना पड़ा है। कोरोना कर्फ्यू ने संक्रमण की रफ्तार को कम किया है। डेढ़ महीने बाद गुरुवार को अंतिम संस्कार का आकड़ा 200 से नीचे आया है। शहर के विभिन्न श्मशान घाटों पर 199 शवों का अंतिम संस्कार किया गया है।
विद्युत शवदाह गृह की भट्ठियों को भी मिली राहत कानपुर में कोरोना संक्रमित शवों और लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार भैरवघाट और भगवतदास विद्युत शवदाह गृह में किया जा रहा है। अप्रैल महीने और मई महीने के पहले हफ्ते में भैरवघाट और भगवतदास घाट की इलेक्ट्रानिक भट्ठियां दिन-रात धधक रहीं थीं। इलेक्ट्रानिक भट्ठियों में शव जलाने के बाद भी जितने शव बचते थे, उन्हें लकड़ि��ों से जलाया जाता था।
विद्युत शवदाह गृह में भी कम पहुंचे शव में गुरुवार को 41 शवों का अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें से इलेक्ट्रानिक भट्ठी में 08 शवों जलाया गया। शेष बचे 33 शवों को विद्युत शवदाह गृह परिसर में लकड़ियों से जलाया गया। वहीं, भगवदास घाट विद्युत शवदाह गृह में दो शवों को जलाया गया।
शहर के श्मशान घाटों पर कितने शवों का हुआ अंतिम संस्कार कानपुर के भैरवघाट विद्युत शवदाह गृह में 41 शवों को अंतिम संस्कार, भैरवघाटर श्मशान घाट पर 19 शवों का अंतिम संस्कार, भगवतदास श्मशान घाट पर 11 शवों का अंतिम संस्कार, भगवदास विद्युत शवदाह गृह पर 2 शवों का अंतिम संस्कार, बिठूर में 32 शवों का, स्वर्ग आश्रम में 16 शवों का, नजफगढ़ श्मशान घाट पर 10 शवों का, ड्योढ़ी घाट पर 20 शवों का, गोशाला, नारायाणपुर, नागापुर, डोमनपुर में 09 शवों का, आकिन बिल्हौर और नानामऊ बिल्हौर में 06 शवों का, अकबरपुर सेंग बिल्हौर में 03 शवों का, खेरेश्वर घाट में 08 शवों का, चौबेपुर के बंदीमाता श्मशान घाट 06 शवों का, सजेती गौरयनपुर श्मशान घाट में 03 शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
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लखनऊ बैकुंठ धाम में नई तकनीक से शुरू हुआ हरित शवदाह गृह, सुरक्षित होगा पर्यावरण [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
लखनऊ बैकुंठ धाम में नई तकनीक से शुरू हुआ हरित शवदाह गृह, सुरक्षित होगा पर्यावरण [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
लखनऊ. Lucknow Baikunth Dham. राजधानी लखनऊ के बैकुंठ धाम में नई तकनीक से हरित शवदाह गृह बनाया गया है। इस तकनीक में लकड़ी के कम इस्तेमाल से ही दाह संस्कार संपन्न हो जाएगा। प्रयोग के तौर पर गुलाला घाट पर हरित शवदाह तैयार किया गया था। अच्छे परिणाम मिलने के बाद बैकुंठ धाम में इसे तैयार किया गया है। एक कुंतल से भी कम में शव को पूरी तरह से जला दिया जाएगा। इससे ��कड़ी के साथ-साथ समय और पर्यावरण दोनों की…
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jamshedpur new initiative - जमशेदपुर में नया शमशान घाट बनेगा, सालगाझुरी में नये शमशान घाट का विधायक सरयू राय और मंगल कालिंदी ने रखी आधारशिला
जमशेदपुर : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय की अनुशंसा पर सालगाझुरी स्थित श्मशान घाट में 15वें वित्त आयोग के मद से 2 करोड़ 98 लाख रुपए की लागत से गैस से संचालित होनी वाली शवदाह गृह का निर्माण किया जाएगा. इस योजना का शिलान्यास विधायक सरयू राय ने जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी, जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो के प्रतिनिधि संजीव कुमार, जमशेदपुर अक्षेस के सहायक अभियंता संजय सिंह, कनीय अभियंता…
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