#शरद पूर्णिमा आरती
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narmadanchal · 2 months ago
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शरद पूर्णिमा पर हे माते समिति के भगवती जागरण में बही भक्ति की गंगा
कटनी। हे माते समिति नई बस्ती कटनी द्वारा निरंतर 31 वे वर्ष में शरद पूर्णिमा पर विशाल मां भगवती जागरण संपन्न हुआ। हे माते समिति सदस्य शशिशेखर भारद्वाज ने बताया कि कटनी पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल प्रांगण आधारकाप में एकता जागरण मंडल के राजू ग्रोवर, संजय नाकरा ने मां भगवती जागरण में भक्तिमय मधुर भजनों की प्रस्तुति दी जो रात्रि 9 बजे से मां की ज्योत प्रज्वलित कर प्रारंभ कर प्रात: 4 बजे आरती पश्चात्…
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prakhar-pravakta · 1 year ago
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श्री सत्यनारायण मंदिर में धूमधाम से मना शरद पूर्णिमा उत्सवसुबह से ही भक्तों की कतार पूजन के लिए लगी रही.पूरे मंदिर को फूलों से सजाया गया.
सतना, शरद पूर्णिमा उत्सव श्री सत्यनारायण मंदिर में धूमधाम से परंपरागत तरीके से मनाया गया. 28 अक्टूबर शनिवार को शरद पूर्णिमा के दिन प्रातः काल से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। मंदिर के महंत पंडित सुशील पांडे द्वारा प्रातः काल मंगला आरती के पश्चात महिलाओं द्वारा जो पूजन का सिलसिला शुरू हुआ वह शाम 4 बजे तक अनवरत चला रहा।प. सुशील पांडे ने आगे बताया कि शरद पूर्णिमा के अवसर पर पूरे मंदिर की…
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ragbuveer · 1 year ago
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (चतुर्दशी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*आपको और आपके पूरे परिवार को त्याग, समर्पण, अपनत्व, स्नेह, वात्सल्य और रक्षा के पर्व रक्षाबंधन, और भगवान लव-कुश के जन्मदिवस की अनन्त कोटि- कोटि शुभकामनाएं*
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-30-अगस्त-2023
वार:----------बुधवार
तिथी :--------14चतुर्दशी:-10:59
पक्ष:----------शुक्लपक्ष
माह:----------द्बितीय श्रावण
नक्षत्र:---------धनिष्ठा:-20:47
योग:----------अतिगंड:-21:33
करण:---------वणिज:-10:58
चन्द्रमा:-------मकर10:19कुम्भ
सुर्योदय:-------06:20
सुर्यास्त:--------18:56
दिशा शूल---------उत्तर
निवारण उपाय:---गुड का सेवन
ऋतु :---------------वर्षा-शरद ऋतु
गुलीक काल:---10:53से 12:27
राहू काल:-------12:27से14:02
अभीजित-------- नहीं है
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:------पिंगल
🌞चोघङिया दिन🌞
लाभ:-06:20से07:54तक
अमृत:-07:54से09:28तक
शुभ:-11:03से12:37तक
चंचल:-15:37से 17:21तक
लाभ:-17:21से 18:56तक
🌓चोघङिया रात🌗
शुभ:-20:24से21:50तक
अमृत :-21:50से23:15तक
चंचल :-23:15से00:40तक
लाभ :-03:31से04:56तक
🙏आज के विशेष योग 🙏
वर्ष का161वाँ दिन, भद्रा प्रारम्भ
10:58से21:02 पृथ्वी-लोक अशुभ(दिशा) नैर्ऋत्य, रक्षाबंधन रात्रि 09:02 पश्चात, पूर्णिमा व्रत, नारिरली पूर्णिमा (दमन), कोकिला व्रत पूर्ण, संस्कृत दिवस,बुध अस्त पश्चिम में 14:43, शुक्ल यजु:-अथर्व तैतरीय श्रावणी,हयग्रीय जयंती, अवनी जयंती, कुलधर्म, झूलनयात्रा समाप्त, अन्वाधान, बलभद्र पूजा (उड़ीसा), पंचक प्रारम्भ 10:19, वज्रमुसलयोग 06:13से 20:47, राजयोग 10:58 से 20:47, कजरी पर्व (मध्य भारत), श्रवण पूजन, ऋषितर्पण, काण्वमाध्यन्दिन कात्या, अथर्वदेयी उपाकर्म, श्रावणी मरुस्थल,
*राखी बांधने का समय*:-
30अगस्त2023 को पूर्णिमा तिथि प्रातः 10:59से प्रारंभ हो जायेगी,इस दिन भद्रा 10:59से रात्रि 09:02तक रहेगी, अतः भद्रा प्रारम्भ के पूर्व एवं समाप्ति के पश्चात रक्षासूत्र (राखी) बांधें
👉वास्तु टिप्स👈
घर में बाथरूम और टॉयलेट एक साथ हैं तो आपके बाथरूम का प्रवेश द्वार उत्तरी या पूर्वी दीवार पर होना चाहिए।
🎗🏵🎗 *रक्षाबंधन -*
सनातन परंपरा में किसी भी कर्मकांड व अनुष्ठान की पूर्णाहुति बिना रक्षासूत्र बांधे पूरी नहीं होती। प्रातः स्नानादि से निवृत्त होकर लड़कियां और महिलाएं पूजा की थाली सजाती हैं।
थाली में राखी के साथ रोली या हल्दी, चावल, दीपक व मिष्ठान्न आदि होते हैं। पहले अभीष्ट देवता और कुल देवता की पूजा की जाती है, इसके बाद रोली या हल्दी से भाई का टीका करके उसकी आरती उतारी जाती है व दाहिनी कलाई पर राखी बांधी जाती है।
भाई, बहन को उपहार अथवा शुभकामना प्रतीक कुछ न कुछ भेंट अवश्य देते हैं और उनकी रक्षा की प्रतिज्ञा लेते हैं। यह एक ऐसा पावन पर्व है, जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को पूरा ��दर और सम्मान देता है। रक्षाबंधन के अनुष्ठान के पूरा होने तक व्रत रखने की भी परंपरा है।
यह रक्षाबंधन का अभीष्ट मंत्र है :-
*'येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो महाबल |*
*तेन त्वामभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल' ||*
अर्थात जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बांधा गया था, उसी रक्षाबंधन से मैं तुम्हें बांधता हूं, जो तुम्हारी रक्षा करेगा।
*🌅सुविचार🌅👏*
रक्षा के पवित्र बंधन को सदा निभाइये, अनमोल है बहनों पर सदां स्नेह लुटाइये।👍🏻
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*वजन कम करने के लिए आसान योग -*
*उष्ट्रासन -*
उष्ट्रासन स्लिम और टोनिंग के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण योग आसन है। यह आपके कमर के आकार को कम करने में मदद करता है क्योंकि यह विशेष रूप से शरीर के उसी क्षेत्र पर काम करता है।
*उष्ट्रासन करने की विधि -*
सबसे पहले खाली पेट किसी खुली हवादार जगह पर एक चटाई बिछाकर बैठ जाएं। दोनों पैरों को सामने की तरफ फैलाएं और उसके बाद धीरे-धीरे दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर बैठ जाए। यह ठीक उसी तरह है जैसे आप वज्रासन की स्थिति में बैठते हैं। फिर धीरे-धीरे घुटनों के बल उपर की तरफ उठें और झुकते हुए पहले हाथ को पहली ऐड़ी और वैसे ही दूसरे हाथ को दूसरे पैर की ऐड़ी पर लगाएं। आप 10 से 15 सेकेंड इस स्थिति में रहें। फिर वापस पहले वाली स्थिति में आ जाएं।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
व्यावसायि‍क यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली होगी। धनार्जन होगा। चोट व रोग से बचें। व्यवसाय ठीक चलेगा। मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा के अवसर आएंगे। आमदनी में सुधार होगा। व्यापारिक स्थायित्व बढ़ेगा। मांगलिक उत्सवों में भाग लेंगे।
🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
कार्यप्रणाली में सुधार होगा। नई योजना बनेगी। मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। जीवनसाथी को सम्मान मिलने से मन प्रसन्न रहेगा। जोखिम के कामों से दूर रहें। नौकरी में ऐच्छिक स्थानांतरण, पदोन्नति के योग हैं। अध्ययन में रुचि बढ़ेगी।
👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
तीर्थदर्शन हो सकता है। महत्वपूर्ण व्यक्तियों से मेलजोल बढ़ेगा। प्रसन्नता रहेगी। संतान पक्ष की चिंता रहेगी। समस्याओं का हल ढूँढ सकेंगे। कर्ज लेने की प्रवृत्ति का त्याग करें। जीवनसाथी के स्वास्थ्य में सुधार होगा। क्रोध-चिड़चिड़ाहट से कार्य नहीं करें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
जल्दबाजी न करें। विवाद से बचें। पुराना रोग उभर सकता है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। सोच-विचार के अनुरूप स्थितियां रह पाएंगी। व्यावसायिक प्रयास सफल होने के आसार हैं। परिवार में धार्मिक, मांगलिक कार्य हो सकते हैं।
🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। प्रभावशाली व्यक्ति सहायता करेंगे। धनार्जन होगा। मानसिक-वैचारिक श्रेष्ठता रहेगी। आर्थिक स्थितियां विशेष लाभप्रद बन पाएंगी। दांपत्य जीवन संतोषप्रद रहेगा। व्यर्थ लोभ-लालच नहीं रखें।
👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। भूमि व भवन आदि की खरीद-फरोख्त संभव है। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। रोजगार में अपने कार्य को महत्व देंगे। महत्वपूर्ण काम समय पर पूरे हो पाएंगे। नए कार्यों की योजना बनेगी। आशानुरूप लाभ होने के योग हैं।
⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
चोट व रोग से बचें। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। निवेशादि लाभप्रद रहेंगे। परिवार के सदस्यों की तरक्की होगी। आमदनी से अधिक व्यय न करें। अपने कामों के प्रति सजगता रखना आवश्यक है।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
शारीरिक कष्ट से बाधा संभव है। दु:खद समाचार मिल सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। भागदौड़ रहेगी। कामकाज की अधिकता से तनाव बढ़ेगा। व्यावहारिक परेशानियां रहेंगी। छोटी-बड़ी तात्कालिक समस्याएं विचलित रखेंगी। व्यापारिक असंतोष रहेगा।
🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
प्रयास सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। लाभ होगा। दूसरों के व्यवहार से लाभ होगा। पूर्व नियोजित योजनाओं का क्रियान्वयन संभव है। रुके कार्यों की चर्चा होगी। संतान के कामों से सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
अतिथियों का आवागमन रहेगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। बेचैनी रहेगी। मान बढ़ेगा। झंझटों में न पड़ें। सहयोग, मार्गदर्शन नहीं मिल पाएगा। अर्थ संबंधी विवाद हो सकते हैं। संतान की चिंता रहेगी। सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेना होगा। पारिवारिक कामकाज स्थगित रहेंगे।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
महत्वपूर्ण कार्यसिद्धि हो सकती है। मनोरंजक यात्रा होगी। निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। ���्रमाद न करें। व्यावसायिक स्थिति में सुधार संभव है। कामकाज में मन लगेगा। निजी कार्यों में सावधानी, सतर्कता रखें। रुका पैसा प्राप्त होगा।
🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
कुसंगति से बचें। यात्रादि में जोखिम न लें। लेन-देन में सावधानी रखें। स्वास्थ्य क���जोर रहेगा। धैर्य रखें। आय से अधिक व्यय से आर्थिक तंगी आने की आशंका है। साधारण मतभेद, चिड़चिड़ाहट रह सकती है। दूसरों के कहने में नहीं रहें। व्यापार मध्यम रहेगा।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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jaishrirambhakti · 4 years ago
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Live शरद पूर्णिमा आरती - आज शाम के समय लक्ष्मी माता की ये आरती सुने आपके...
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bhagyachakra · 2 years ago
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।। नमो नमः ।। ।।भाग्यचक्र ।। आज का पञ्चाङ्ग :- संवत :- २०७९ दिनांक :- 08 नवम्बर 2022 सूर्योदय :- 06:37 सूर्यास्त :- 17:45 सूर्य राशि :- तुला चंद्र राशि :- मे�� मास :- कार्तिक तिथि :- पूर्णिमा वार :- मंगलवार नक्षत्र :- भरणी योग :- व्यतिपात करण :- बव अयन:- दक्षिणायन पक्ष :- शुक्ल ऋतू :- शरद लाभ :- 10:47 - 12:11 अमृत:- 12:12 - 13:35 शुभ :- 14:58 - 16:22 राहु काल :- 14:58 - 16:22 जय महाकाल महाराज :- *चन्द्र ग्रहण* *कार्तिक पूर्णिमा* आज मंगलवार 8 नवम्बर 2022, कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत वर्ष में खग्रास चंद्रग्रहण के रूप में दिखेगा। *ग्रहण प्रारंभ* सायँकाल 5:32 पर होगा। *ग्रहण समाप्ति* सायँकाल 6:19 पर होगा। ग्रहण के बेध समय मे वृद्ध, बाल, अस्वस्थ को छोड़कर अन्य के लिए भोजन आदि निषेध है। ग्रहण समाप्ति के पश्चात स्नानादि से निवृत होकर पूजन-पाठ, दान आदि करें। आज का मंत्र :- ""|| ॐ नमो हनुमंते भय भंजनायय सुखं कुरु फट स्वाहा।। ||"" *🙏नारायण नारायण🙏* जय महाकालेश्वर महाराज। माँ महालक्ष्मी की कृपा सदैव आपके परिवार पर बनी रहे। 🙏🌹जय महाकालेश्वर महाराज🌹🙏 महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग का आज का भस्म आरती श्रृंँगार दर्शन। 08 नवम्बर 2022 ( मंगलवार ) जय महाकालेश्वर महाराज। सभी प्रकार के ज्योतिष समाधान हेतु। Whatsapp@9522222969 https://www.facebook.com/Bhagyachakraujjain शुभम भवतु ! 9522222969 https://www.instagram.com/p/Ckr2mwQLe6d/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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khsnews · 3 years ago
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गलियर में बच्चे की हत्या का आह्वान करने वाली युवती की हत्या
गलियर में बच्चे की हत्या का आह्वान करने वाली युवती की हत्या
ग्वालियर ग्वालियर में शरद पूर्णिमा की रात हुए आरती मिश्रा हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. कॉल गर्ल आरती की हत्या निःसंतान दंपत्ति ने कर दी। आरोपित ममता भदौरिया और उनके पति बेतो भदौरिया शादी के 18 साल बाद भी कोई संतान नहीं होने से नाखुश थे। दोनों तांत्रिक गरवार यादव के पास पहुंचे। कई हथकंडे आजमाए लेकिन बच्चा नहीं हुआ। अंत में, तांत्रिक ने कहा कि पूनम की रात एक आदमी के लिए दो बच्चों की…
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kisansatta · 4 years ago
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शरद पूर्णिमा कल , जानें पूजा विधि,मंत्र, व्रत कथा एवं खीर के लाभ
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sharad poornama 2020 : शरद पूर्णिमा का दिन बेहद अहम होता है। शरद पूर्णिमा पर अमृतमयी चांद अपनी किरण���ं से स्‍वास्‍थ्‍य का वरदान देता है। यह सभी पूर्णिमा की रातों में से सबसे अहम रातों में से एक है। इसी से ही शरद ऋतु का आगमन होता है। हिंदू धर्म के आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा होती है। इसे कौमुदी उत्‍सव, कुमार उत्सव, शरदोत्सव, रास पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा एवं कमला पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। आइए शरद पूर्णिमा का मुहूर्त, खीर के लाभ, पूजन विधि, मंत्र और व्रत कथा।
शरद पूर्णिमा 2020 का मुहूर्त…………
पूर्णिमा तिथि आरंभ- 30 अक्टूबर 2020 शाम 17:45 से
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 31 अक्टूबर 2020 रात 20:18 बजे तक
शरद पूर्णिमा खीर के लाभ……….
इस दिन खीर का विशेष महत्व होता है। खीर को चांद की रोशनी में रखा जाता है। माना जाता है कि चंद्रमा की रोशनी में रखी हुई खीर खाने से उसका प्रभाव सकारात्मक होता है। यह खीर रोगियों को दी जाती है। कहा जाता है कि इस खीर से शरीर में पित्त का प्रकोप और मलेरिया का खतरा कम हो जाता है। अगर यह खीर किसी ऐसे व्यक्ति को खिलाई जाए जिसकी आंखों की रोशनी कम हो गई है तो उसकी आंखों की रोशनी में काफी सुधार आता है। हृदय संबंधी बीमारी और अस्थमा रोगियों के लिए भी यह खीर काफी लाभदायक है। इससे चर्म रोग जैसी समस्याओं में भी सुधार आता है।
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शरद पूर्णिमा या कोजागरी पूजा की विधि……..
इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। साथ ही किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान करें। हालांकि, कोरोना के चलते नदी पर स्नान करना इस समय संभव नहीं है। ऐसे में घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर नहाना चाहिए।
फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। इस पर मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थाप��त करें।
मां लक्ष्मी को लाल फूल, नैवेद्य, इत्र जैसी चीजें चुढ़ाएं। फिर मां को वस्त्र, आभूषण, और अन्य श्रंगार पहनाएं।
मां लक्ष्मी का आह्वान करें। फिर फूल, धूप (अगरबत्ती), दीप (दीपक), नैवेद्य, सुपारी, दक्षिणा आदि मां को अर्पित करें।
इसके बाद लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। मां लक्ष्मी की आरती भी गाएं। फिर पूजा धूप और दीप (दीपक) से मां की आरती करें। फिर मां को खीर चढ़ाएं।
इस दिन अपने सामार्थ्यनुसार किसी ब्राह्मण को दान करें।
खीर को गाय के दूध से ही बनाएं। मध्यरात्रि को मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं।
इसे प्रसाद के तौर पर भी वितरित करें। पूजा के दौरान कथा जरूर सुनें।
एक कलश में पानी रखें और एक गिलास में गेहूं भरकर रखें। फिर एक पत्ते का दोना लें। इसमें रोली और चावल रखें।
फिर कलश की पूजा करें और दक्षिणा अर्पित करें। मां लक्ष्मी के साथ भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान कार्तिकेय की भी पूजा करें।
शरद पूर्णिमा व्रत कथा…………
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार एक साहूकार था जिसकी दो बेटियां थीं। साहूकार की दोनों बेटियां पूर्णिमा का व्रत करती थीं। जहां एक तरफ बड़ी बेटी ने विधिवत् व्रत को पूरा किया। वहीं, छोटी बेटी ने व्रत को अधूरा छोड़ दिया। इसका प्रभाव यह हुआ कि छोटी लड़की के बच्चों का जन्म होते ही उनकी मृत्यु हो गई। फिर एक बार बड़ी बेटी ने अपनी बहन के बच्चे को स्पर्श किया वो स्पर्श इतना पुण्य था कि उससे बालक जीवित हो गया। बस उसी दिन से यह व्रत विधिपूर्वक किया जाने लगा।
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supermamaworld · 4 years ago
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आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस साल शरद पूर्णिमा 30 अक्टूबर शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शरद पूर्णिमा सभी पूर्णिमा तिथि में से सबसे महत्वपूर्ण पूर्णिमा तिथि मानी जाती है। इस दिन धन वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। इस पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा या कोजागरी लक्ष्मी पूजा भी कहते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी जी का अवतरण हुआ था। आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा व्रत का मुहूर्त विधि और महत्व। 1. शरद पूर्णिमा के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान अवश्य करें। 2. इसके बाद एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। फिर मां लक्ष्मी को लाल पुष्प, नैवैद्य, इत्र, सुगंधित चीजें अर्पित करें। 3. आराध्य देव को सुंदर वस्त्र और आभूषण पहनाएं। आवाहन, आसन, आचमन, वस्त्र, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, तांबूल, सुपारी और दक्षिणा आदि अर्पित कर पूजन करें। 4. यह सभी चीजें अर्पित करने के बाद माता लक्ष्मी के मंत्र और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। मां लक्ष्मी की धूप व दीप से आरती करें। 5. फिर माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं। ब्राह्मण को इस दिन खीर का दान अवश्य करें। 6. रात्रि के समय गाय के दूध से खीर बनाई जाती है और इसमें घी और चीनी मिलाई जाती है। आधी रात के समय भगवान भोग लगाएं। 7. रात्रि में चंद्रमा के आकाश के मध्य में स्थित होने पर चंद्र देव का पूजन करें। फिर खीर का नेवैद्य अर्पण करें। 8. रात को खीर से भरा बर्तन चांदनी में रखकर दूसरे दिन उसका भोजन करें। इसे प्रसाद के रूप में वितरित भी करें। 9. पूर्णिमा का व्रत करके कथा सुनें। कथा से पहले एक लोटे में जल और गिलास में गेहूं, पत्ते के दोने में रोली व चावल रखकर कलश की वंदना करें। फिर दक्षिणा चढ़ाएं। 10. इस दिन भगवान शिव-पार्वती और भगवान कार्तिकेय की भी पूजा की जाती है। पूर्णिमा व्रत शुभ मुहूर्त: शरद पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ: 30 अक्टूबर 2020 को शाम 07 बजकर 45 मिनट शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय: 30 अक्टूबर 2020 को 7 बजकर 12 मिनट शरद पूर्णिमा तिथि समाप्त: 31 अक्टूबर 2020 को रात्रि 8 बजकर 18 मिनट मंत्र : ॐ चं चंद्रमस्यै नम: दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम । नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।। (at Gurudwara Bhat Singh Sabha) https://www.instagram.com/p/CG2slpAACXS/?igshid=1ay2h9jylgk6w
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gloriousbanditcashpurse · 4 years ago
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*🙏🙏👏👏🕉️🕉️🌹🌹July 8🌹भक्तिसत्संग श्रीराधाकृष्णमयी शुभ बुधवार 🌹ॐ गं गणपतये नमः 🌹श्रीमद् भागवत महापुराण अमृत कथा 🌹हरिबोल 🌹प्रेम से बोलो सच्चिदानंद भक्त वत्सल भगवान की जय 🌹जय जय श्री राधे 🌹प्रभु श्रीकृष्ण का पुनः प्रकट होना 🌹श्रीशुकदेवजी ने कहा - परीक्षित! गोपियों को सांत्वना देने के लिए प्रभु श्रीकृष्ण उनके बीच अचानक प्रकट हो गए। श्रीकृष्ण का मुख मंद-मंद मुस्कान से खिला हुआ था। कोटि-कोटि कामदेवों से भी सुंदर परम मनोहर प्राणवल्लभ श्याम सुंदर को आया देख गोपियों के नेत्र प्रेम और आनंद से खिल उठे। सभी ने श्रीकृष्ण क��� अंगों को स्पर्श कर अपने ह्रदय को आनंदित किया। जैंसे मोक्ष की इच्छा रखने वाले ज्ञानी पुरुष संसार की पीड़ा से मुक्त हो जाते हैं। वैंसे ही समस्त गोपियों ने श्रीकृष्ण के दर्शन से परमानंद और अमृतमयी रसपान का एहसास हुआ। सभी गोपियों ने शरद पूर्णिमा की निराली चांदनी में अपनी मनोहारी मंद-मंद मुस्कान से सांवरे सलौने चितचोर श्याम प्यारे को उलाहना देकर सत्कार करते हुए बोलीं - हे नट नागर! कुछ लोग तो प्रेम करने वालों से ही प्रेम करते हैं और कुछ प्रेम न करने वालों से भी प्रेम करते हैं। परंतु कुछ लोग दोनों से ही प्रेम नहीं करते। इनमें से तुम्हें कौन प्रिय हैं? भगवान श्रीकृष्ण ने वहां उपस्थित सभी जीवों /गोपिकाओं के पवित्र स्वच्छ निर्मल और अटूट प्रेम से अपने नेत्रों में अश्रुधारा प्रवाहित करते हुए बोले - प्रिय सखियों आपका प्रेम तो निश्छल सच्चा अटूट अतुलनीय अद्भुत और धर्मानुकूल है। तुम्हारा यह सच्चा प्रेम इस पृथ्वीलोक पर युगों-युगों तक इतिहास के पन्नों में स्वर्णाक्षरों से सुशोभित रहेगा। मैं तो हर जीव से बिना किसी भेदभाव के प्रेम करता हूँ। और उसके सब सुख और ऐश्वर्य छीनकर केवल विरह वेदना और आंसू ही प्रदान करता हूँ। फिर जब उसके सभी बंधन मोह माया रिश्ते नाते टूट जाते हैं तब केवल मैं ही उसे इस मोह माया से मुक्त अपने साथ अपने परमधाम बैकुण्ठ लोक ले जाता हूँ। फिर उसे सिर्फ स्वर्ग के सुखों की प्राप्ति होती है और मैं हरपल उसके ह्रदय में विराजमान रहता हूँ। आप सभी तो अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि आपको मेरा सानिध्य...... To be continued.. आरती श्रीमद् भागवत अमृत महापुराण की।आरती अति पावन पुराण की।धर्म भक्ति विज्ञान खान की।कलि मल मथनि त्रिताप निवारिनि।जन्म मृत्यु मय भव भय हारिनि।सेवत सतत सकल सुखकारिनि।समहौषधि हरि चरित्र ज्ञान की।आरती... प्रणाम 🌹🕉️🕉️🕉️👏👏🙏🙏 https://www.instagram.com/p/CCXUY8zgSmQ/?igshid=yarp8xs21psr
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kaahishsharma · 4 years ago
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*🙏🙏👏👏🕉️🕉️🌹🌹July 8🌹भक्तिसत्संग श्रीराधाकृष्णमयी शुभ बुधवार 🌹ॐ गं गणपतये नमः 🌹श्रीमद् भागवत महापुराण अमृत कथा 🌹हरिबोल 🌹प्रेम से बोलो सच्चिदानंद भक्त वत्सल भगवान की जय 🌹जय जय श्री राधे 🌹प्रभु श्रीकृष्ण का पुनः प्रकट होना 🌹श्रीशुकदेवजी ने कहा - परीक्षित! गोपियों को सांत्वना देने के लिए प्रभु श्रीकृष्ण उनके बीच अचानक प्रकट हो गए। श्रीकृष्ण का मुख मंद-मंद मुस्कान से खिला हुआ था। कोटि-कोटि कामदेवों से भी सुंदर परम मनोहर प्राणवल्लभ श्याम सुंदर को आया देख गोपियों के नेत्र प्रेम और आनंद से खिल उठे। सभी ने श्रीकृष्ण के अंगों को स्पर्श कर अपने ह्रदय को आनंदित किया। जैंसे मोक्ष की इच्छा रखने वाले ज्ञानी पुरुष संसार की पीड़ा से मुक्त हो जाते हैं। वैंसे ही समस्त गोपियों ने श्रीकृष्ण के दर्शन से परमानंद और अमृतमयी रसपान का एहसास हुआ। सभी गोपियों ने शरद पूर्णिमा की निराली चांदनी में अपनी मनोहारी मंद-मंद मुस्कान से सांवरे सलौने चितचोर श्याम प्यारे को उलाहना देकर सत्कार करते हुए बोलीं - हे नट नागर! कुछ लोग तो प्रेम करने वालों से ही प्रेम करते हैं और कुछ प्र��म न करने वालों से भी प्रेम करते हैं। परंतु कुछ लोग दोनों से ही प्रेम नहीं करते। इनमें से तुम्हें कौन प्रिय हैं? भगवान श्रीकृष्ण ने वहां उपस्थित सभी जीवों /गोपिकाओं के पवित्र स्वच्छ निर्मल और अटूट प्रेम से अपने नेत्रों में अश्रुधारा प्रवाहित करते हुए बोले - प्रिय सखियों आपका प्रेम तो निश्छल सच्चा अटूट अतुलनीय अद्भुत और धर्मानुकूल है। तुम्हारा यह सच्चा प्रेम इस पृथ्वीलोक पर युगों-युगों तक इतिहास के पन्नों में स्वर्णाक्षरों से सुशोभित रहेगा। मैं तो हर जीव से बिना किसी भेदभाव के प्रेम करता हूँ। और उसके सब सुख और ऐश्वर्य छीनकर केवल विरह वेदना और आंसू ही प्रदान करता हूँ। फिर जब उसके सभी बंधन मोह माया रिश्ते नाते टूट जाते हैं तब केवल मैं ही उसे इस मोह माया से मुक्त अपने साथ अपने परमधाम बैकुण्ठ लोक ले जाता हूँ। फिर उसे सिर्फ स्वर्ग के सुखों की प्राप्ति होती है और मैं हरपल उसके ह्रदय में विराजमान रहता हूँ। आप सभी तो अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि आपको मेरा सानिध्य...... To be continued.. आरती श्रीमद् भागवत अमृत महापुराण की।आरती अति पावन पुराण की।धर्म भक्ति विज्ञान खान की।कलि मल मथनि त्रिताप निवारिनि।जन्म मृत्यु मय भव भय हारिनि।सेवत सतत सकल सुखकारिनि।समहौषधि हरि चरित्र ज्ञान की।आरती... प्रणाम 🌹🕉️🕉️🕉️👏👏🙏🙏 https://www.instagram.com/p/CCXRVq2gPrC/?igshid=1va4mmo0uh31y
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bhagyachakra · 2 years ago
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।। नमो नमः ।। ।।भाग्यचक्र ।। आज का पञ्चाङ्ग :- संवत :- २०७९ दिनांक :- 07 नवम्बर 2022 सूर्योदय :- 06:36 सूर्यास्त :- 17:46 सूर्य राशि :- तुला चंद्र राशि :- मेष मास :- कार्तिक तिथि :- चतुर्दशी ( चतुर्दशी तिथि दोपहर 16:17 तक तत्पश्चात पूर्णिमा ) वार :- चंद्रवार नक्षत्र :- अश्विनी योग :- सिद्ध करण :- वणिज अयन:- दक्षिणायन पक्ष :- शुक्ल ऋतू :- शरद लाभ :- 14:57 - 16:21 अमृत:- 16:22 - 17:45 शुभ :- 09:24 - 10:46 राहु काल :- 08:00 - 09:23 जय महाकाल महाराज :- *चतुर्दशी ( आज पितरों का धूप ध्यान पूजन रहेगा ) :-* *आज सोमवार 07।11।2022 - को चतुर्दशी तिथि है।* अतः जिस भी व्यक्ति को पितृदोष है वह आज चतुर्दशी को प्रातः स्नान करने के पश्चात पितृदेव का ध्यान करे व पीपल के वृक्ष में जल चढ़ावें तथा शिवालय में जाकर शिवलिंग का स्वयं या ब्राह्मणो द्वारा जलाभिषेक पूजन करें व प्रभु भोलेनाथ भगवान से अपने समस्त कष्टों को हरने व अपनी मनोरथ के पूर्ण होने की प्रार्थना करे। तत्पश्चात घर पर कच्चे चांवल को कच्चे दूध में डालकर ( १०-२० चांवल के दाने थोड़े से कच्चे दूध में भिगो दें ) धूप घर पर कंडे पर देवे। तथा गाय माता को चारा खिलाए। नोट :- जिन लोगो को पितृदोष नही है वह भी उपरोक्त कार्य कर सकते है। पितृओं का आशिर्वाद प्राप्त होगा। पितरौ का धूप ध्यान का समय दोपहर ११:३० से १२:३० के मध्य अति उत्तम रहता है। चतुर्दशी के दिन विष्णुसहस्रनाम व गजेन्द्रमोक्ष स्तोत्र का पाठ करने से भी पितृदोष में शांति मिलती है। आज का मंत्र :- ""|| ॐ नमः शिवाय।। ||"" *🙏नारायण नारायण🙏* जय महाकालेश्वर महाराज। माँ महालक्ष्मी की कृपा सदैव आपके परिवार पर बनी रहे। 🙏🌹जय महाकालेश्वर महाराज🌹🙏 महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग का आज का भस्म आरती श्रृंँगार दर्शन। 07 नवम्बर 2022 ( चंद्रवार ) जय महाकालेश्वर महाराज। सभी प्रकार के ज्योतिष समाधान हेतु। Whatsapp@9522222969 https://www.facebook.com/Bhagyachakraujjain शुभम भवतु ! 9522222969 https://www.instagram.com/p/CkpTtAgyFsz/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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sanjeevnitodaydotcom · 5 years ago
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famousloveastrology · 6 years ago
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जानिए शरद पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मान्‍यताएं और खीर का महत्‍व -
शरद पूर्णिमा का महत्‍व-
यह पूर्णिमा अन्‍य पूर्णिमा की तुलना में काफी लोकप्रिय है. मान्‍यता है कि यही वो दिन है जब चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से युक्‍त होकर धरती पर अमृत की वर्षा करता है. दरअसल, हिन्‍दू धर्म में मनुष्‍य के एक-एक गुण को किसी न किसी कला से जोड़कर देखा जाता है. माना जाता है कि 16 कलाओं वाला पुरुष ही सर्वोत्तम पुरुष है. कहा जाता है कि श्री हरि विष्‍णु के अवतार भगवान श्रीकृष्‍ण ने 16 कलाओं के साथ जन्‍म लिया था, जबकि भगवान राम के पास 12 कलाएं थीं. बहरहाल, शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा, माता लक्ष्‍मी और विष्‍णु जी की पूजा का विधान है. साथ ही खीर (Sharad Purnima Kheer) बनाकर उसे आकाश के नीचे रखा जाता है. फिर 12 बजे के बाद उसका प्रसाद गहण किया जाता है. मान्‍यता है कि इस खीर में अमृत होता है.
 शरद पूर्णिमा कब मनाई जाती है?
अश्विन मास के शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है. इस बार शरद पूर्णिमा 23 अक्‍टूबर को है.
 शरद पूर्णिमा की तिथ‍ि और शुभ मुहूर्त
चंद्रोदय का समय: 23 अक्‍टूबर 2018 की शाम 05 बजकर 20 मिनट
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 23 अक्‍टूबर 2018 की रात 10 बजकर 36 मिनट
पूर्णिमा तिथि समाप्‍त: 24 अक्‍टूबर की रात 10 बजकर 14 मिनट
 शरद पूर्णिमा की पूजा विधि-
1-शरद पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्‍नान करने के बाद व्रत का संकल्‍प लें.
2-घर के मंदिर में घी का दीपक जलाएं
3-इसके बाद ईष्‍ट देवता की पूजा करें.
4-फिर भगवान इंद्र और माता लक्ष्‍मी की पूजा क��� जाती है.
5-अब धूप-बत्ती से आरती उतारें.
6-संध्‍या के समय लक्ष्‍मी जी की पूजा करें और आरती उतारें
7-अब चंद्रमा को अर्घ्‍य देकर प्रसाद चढ़ाएं और आारती करें.
8-अब उपवास खोल लें
9-रात 12 बजे के बाद अपने परिजनों में खीर का प्रसाद बांटें.
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bhagyachakra · 3 years ago
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।। नमो नमः ।। ।।भाग्यचक्र ।। आज का पंचांग :- संवत :- २०७८ ( आनंद ) दिनांक :- 20 अक्टूबर 2021 सूर्योदय :- 06:27 सूर्यास्त :- 17:58 सूर्य राशि :- कन्या चंद्र राशि :- मीन मास :- अश्��िन तिथि :- पूर्णिमा ( शरद पूर्णिमा ) वार :- बुधवार नक्षत्र :- रेवती योग :- हर्षण करण :- विष्टि अयन:- दक्षिणायन पक्ष :- शुक्ल ऋतू :- शरद लाभ :- 16:30 - 17:57 अमृत:- 07:52 - 09:18 शुभ :- 10:45 - 12:11 राहु काल :- 12:12 - 13:58 जय श्री महाकाल :- *शरद पूर्णिमा* आज व्रत स्नान व दान की पूर्णिमा है आज व्रत, पवित्र नदियों में स्नान व दान आदि करने से सहस्त्र गुना पुण्य की प्राप्ति होती है। शरद पूर्णिमा की रात माँ महालक्ष्मी के निम्नलिखित मंत्र का जप करने से लाभ होता है।* "" *ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः* "" आज का मंत्र :- ""|| ॐ गं गणपतये नमः।। ||"" *🙏नारायण नारायण🙏* जय श्री महाकाल। माँ महालक्ष्मी की कृपा सदैव आपके परिवार पर बनी रहे। 🙏🌹जय श्री महाकाल🌹🙏 श्री महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग का आज का भस्म आरती श्रृंँगार दर्शन। 20 अक्टूबर 2021 ( बुधवार ) जय श्री महाकाल। सभी प्रकार के ज्योतिष समाधान हेतु। Whatsapp@9522222969 https://www.facebook.com/Bhagyachakraujjain शुभम भवतु ! 9522222969 https://www.instagram.com/p/CVO9mjJITNx/?utm_medium=tumblr
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kaahishsharma · 4 years ago
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*🙏🙏🕉️🕉️👏👏🌹🌹Jun29🌹भक्तिसत्संग श्रीराधाकृष्णमयी शुभ सोमवार 🌹श्रीमद् भागवत महापुराण अमृत कथा 🌹हरिबोल 🌹प्रेम से बोलो सच्चिदानंद भक्त वत्सल भगवान की जय 🌹जय जय श्री राधे 🌹श्रीशुकदेवजी ने कहा - परीक्षित! प्रभु श्रीकृष्ण ने सभी अपने भक्त प्रेमियों (आप और हम भी..) माया के अंधकार से बाहर निकाल कर अपने परम धाम के दुर्लभ दर्शन करवाए🌹👏प्रेम से बोलो श्याम प्यारे की जय 🌹👏ये देखकर सभी आश्चर्यचकित रह गए कि समस्त वेद मूर्तिमान होकर कान्हा की ही आराधना कर रहे थे। श्रीकृष्ण और गोपियों की रासलीला का शुभारंभ : भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के वस्त्र हरण के समय जिस रासलीला का संकेत दिया था। वह समय आ गया। शरद ऋतु की चांदनी रा। बेला और चमेली के फूलों की महक। भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी योगमाया के सहारे गोपियों को निमित्त बनाकर रसमयी रास क्रीड़ा का आयोजन करने का संकल्प लिया। इस रास में, 🌹प्रेम रस🌹में सभी जीव उन्मुक्त होकर भगवान के प्रति समर्पित होने की भावना से आगे बढ़ता है और परम पिता परमात्मा के चारों ओर स्फुलिंग की भाँति मंडराते हुए नृत्य करता है। आईए हम सब भी मानसिक रूप से इस पावन अमृतमयी और श्री राधाकृष्णमयी रासलीला में सम्मिलित होकर अपने आपको परमात्मा को समर्पित कर इस रासलीला का आंनद लें।🌹r u ready? 🌹यहाँ श्रीकृष्ण ही परम पुरूष हैं और आप हम और अन्य सभी जीव गोपियाँ हैं जो निरंतर प्रभु के चारों ओर घूमते हैं और श्याम प्यारे इस पवित्र अमृतरसमयी क्रीड़ा के द्वारा सभी जीवों(गोपियों) के निर्मल स्वच्छ ह्रदय में अपने अमृतमयी प्रेम रस की उन्मुक्त पीर को उत्पन्न करते हैं। वह सुंदर पूर्णिमा की रात्रि चंद्रमा की कोमल किरणों से सारा पवित्र वृन्दावन गोकुल धाम प्रेम रस के अनुराग से भरा हुआ। वन के कोने-कोने में चंदा की चांदनी ने अमृत उड़ेल दिया स्वयं प्रभु श्री कृष्ण ने ब्रज की सुंदरियों के मन को हरने वाली बाँसुरी के स्वरों की मधुर तान छेड़ दी। श्याम प्यारे प्रभु का यह वंशी वादन सभी के प्रति अपने अटूट सच्चे प्रेम को 🌹मिलन की लालसा 🌹से उकसाने वाला। सभी भक्तों (गोपियों) के मन....... To be continued.. आरती श्रीमद् भागवत अमृत महापुराण की।आरती अति पावन पुराण की।धर्म भक्ति विज्ञान खान की।विषय विलास विमोह विनाशिनि।विमल विराग विवेक विकाशिनि।भगवत् तत्व् रहस्य प्रकाशिनि। परम ज्योति परमात्म ज्ञान की। आरती.. प्रणाम 🌹🌹👏👏🕉️🕉️🙏🙏* https://www.instagram.com/p/CB_xbHQgQuK/?igshid=1nta1247wiho9
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gloriousbanditcashpurse · 4 years ago
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*🙏🙏🕉️🕉️👏👏🌹🌹Jun29🌹भक्तिसत्संग श्रीराधाकृष्णमयी शुभ सोमवार 🌹श्रीमद् भागवत महापुराण अमृत कथा 🌹हरिबोल 🌹प्रेम से बोलो सच्चिदानंद भक्त वत्सल भगवान की जय 🌹जय जय श्री राधे 🌹श्रीशुकदेवजी ने कहा - परीक्षित! प्रभु श्रीकृष्ण ने सभी अपने भक्त प्रेमियों (आप और हम भी..) माया के अंधकार से बाहर निकाल कर अपने परम धाम के दुर्लभ दर्शन करवाए🌹👏प्रेम से बोलो श्याम प्यारे की जय 🌹👏ये देखकर सभी आश्चर्यचकित रह गए कि समस्त वेद मूर्तिमान होकर कान्हा की ही आराधना कर रहे थे। श्रीकृष्ण और गोपियों की रासलीला का शुभारंभ : भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के वस्त्र हरण के समय जिस रासलीला का संकेत दिया था। वह समय आ गया। शरद ऋतु की चांदनी रा। बेला और चमेली के फूलों की महक। भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी योगमाया के सहारे गोपियों को निमित्त बनाकर रसमयी रास क्रीड़ा का आयोजन करने का संकल्प लिया। इस रास में, 🌹प्रेम रस🌹में सभी जीव उन्मुक्त होकर भगवान के प्रति समर्पित होने की भावना से आगे बढ़ता है और परम पिता परमात्मा के चारों ओर स्फुलिंग की भाँति मंडराते हुए नृत्य करता है। आईए हम सब भी मानसिक रूप से इस पावन अमृतमयी और श्री राधाकृष्णमयी रासलीला में सम्मिलित होकर अपने आपको परमात्मा को समर्पित कर इस रासलीला का आंनद लें।🌹r u ready? 🌹यहाँ श्रीकृष्ण ही परम पुरूष हैं और आप हम और अन्य सभी जीव गोपियाँ हैं जो निरंतर प्रभु के चारों ओर घूमते हैं और श्याम प्यारे इस पवित्र अमृतरसमयी क्रीड़ा के द्वारा सभी जीवों(गोपियों) के निर्मल स्वच्छ ह्रदय में अपने अमृतमयी प्रेम रस की उन्मुक्त पीर को उत्पन्न करते हैं। वह सुंदर पूर्णिमा की रात्रि चंद्रमा की कोमल किरणों से सारा पवित्र वृन्दावन गोकुल धाम प्रेम रस के अनुराग से भरा हुआ। वन के कोने-कोने में चंदा की चांदनी ने अमृत उड़ेल दिया स्वयं प्रभु श्री कृष्ण ने ब्रज की सुंदरियों के मन को हरने वाली बाँसुरी के स्वरों की मधुर तान छेड़ दी। श्याम प्यारे प्रभु का यह वंशी वादन सभी के प्रति अपने अटूट सच्चे प्रेम को 🌹मिलन की लालसा 🌹से उकसाने वाला। सभी भक्तों (गोपियों) के मन....... To be continued.. आरती श्रीमद् भागवत अमृत महापुराण की।आरती अति पावन पुराण की।धर्म भक्ति विज्ञान खान की।विषय विलास विमोह विनाशिनि।विमल विराग विवेक विकाशिनि।भगवत् तत्व् रहस्य प्रकाशिनि। परम ज्योति परमात्म ज्ञान की। आरती.. प्रणाम 🌹🌹👏👏🕉️🕉️🙏🙏* https://www.instagram.com/p/CB_wdotAItG/?igshid=quxfb4vg3ne2
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