#वो मुस्कुरा देती है
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Best 80+ Broken Heart Shayari in Hindi टूटे दिल पर शायरी
हम आपके लिए 80 से Broken Heart Shayari का संग्रह पेश करते हैं, जो अपनी कोमलता से आपकी आत्मा को छूने के लिए तैयार की गई हैं। ये शायरी टूटे दिल की कच्ची सच्चाई और तीव्र भावनाओं को बयां करती हैं, और इन्हें पढ़ते समय आप खुद को थोड़ा उदास महसूस कर सकते हैं।. हिंदी में Broken Heart Shayari in Hindi अक्सर उन लोगों द्वारा सराही जाती है जो कालातीत शायरी पढ़ते हुए बड़े हुए हैं। इसलिए हमने एक नया संग्रह तैयार किया है, जो आपकी भावनाओं के साथ प्रतिध्वनित होगा और आपके टूटे दिल को सांत्वना प्रदान करेगा। प्रत्येक शायरी गहरी भावनाओं को व्यक्त करती है, जो आपके दिल की बातों को दर्शाती है।. दिल टूटना सिर्फ़ Girlfriend या Boyfriend से अलग होने के कारण नहीं होता; यह व्यक्तिगत दुःख या किसी प्रियजन को खोने के दर्द से उपजा हो सकता है, चाहे वह दोस्त हो, भाई-बहन हो या रिश्तेदार। कई लोग ऐसे नुकसान या संघर्ष से निपटने के Broken Heart Shayari पढ़ने में आराम पाते हैं। तो, आइए इन मार्मिक छंदों में खुद को डुबोएँ और दिल के दर्द के साझा अनुभव में सुंदरता पाएँ।.
Latest Broken Heart Shayari Collection in Hindi
गम बहुत है, खुलासा मत होने देना, मुस्कुरा देना मगर तमाशा मत होने देना..!!!
तुम्हारे बाद फिर कहां किसी की हसरत रहेगी, खमखा उम्र भर मोहब्बत से नफरत रहेगी..!!!
इश्क वालो को फुशरत कहा की वो गम लिखेंगे, कलम इधर लाओ बेवफाओ के बारे में हम लिखेंगे..!!
मेरा हाल देख कर मोहब्बत भी शर्मिंदा है, की ये शख्स सबकुछ हार गया फिर भी जिंदा है…!
मुझे ��ूकर एक फकीर ने कहा, अजीब लास है सांस भी लेती है…!
वो हाल भी ना पूछ सके हमें बेहाल देख कर, हम हाल भी ना बता सके उसे खुश हाल देख कर…!
उसकी गली से होकर गुजरेगा जनाजा मेरा, फरिश्तों ने ये लालच देकर मेरी जान ले ली !!!
रख आए हैं हम अपनी मोहब्बत उनके दरवाजे पर, अब हमे अपने घर की जिम्मेदारियां संभालनी हैं…!
मत कर गुरुर अपने आप पर, तेरे जैसे खुदा ने कितने बना कर मिटा दिए…!
तू उजाड़ गई मुझको किसी और को हंसाने के चक्कर में, मैने हंसना छोड़ दिया तुझे हंसाने के चक्कर में…!
अपने किरदार पर डालकर पर्दा, हर शख्स कह रहा है जमाना खराब है…!
तुझे उजाड़ कर तरस नहीं आया, लोग मेरी दास्तां सुनकर रोने लगे…!
हर चीज छीन ली मुझसे, भगवान तू मुझसे भी गरीब है क्या…!
हमतो लाइलाज लोग है जनाब, दुआ तो उसे भी देंगे जो हमे ज़हर देगा…!
जुल्म इतने ना कर के लोग कहे तुझे दुश्मन मेरा, हमने ज़माने को तुझे अपनी जान बता रक्खा है…!
जरूरी नहीं की कुछ गलत करने से ही दुख मिले, हद से ज्यादा अच्छे होने की भी कीमत चुकानी पड़ती है…!
जब अपना होना ना, होना बराबर हो, तो अपना वहां ना होना बेहतर है…!
कौन रखेगा हमें याद इस हाल ए खुदगर्जी में, हालात ऐसी है के लोगो को खुदा याद नहीं…!
उदास शाम, सर्द रात, और मुझपर बुखार का पहरा, हाय नए साल तू बड़ा बेदर्द ठहरा..!!
Emotional Broken Heart Shayari in Hindi
डुबोया उनको भी ठहरे समंदर न���, अंदाज़ जिनको बहुत ��हराई का था…!!
जो रुला सकता है, वो भुला भी सकता है…!!
बहुत देर करदी तुमने मेरी धड़कने महसूस करने में, वो दिल नीलाम हो गया जिसपर कभी हुकूमत तुम्हारी थी..!!!
नही चाहिए किस की झुटी हमदर्दी, मैं अपनी तकलीफों के साथ खुश हूं..!!!
इंतजार हार गया, क्योंकि किसी की जिद, किसी के दर्द से बड़ी हो गई..!!!
टुकड़े पड़े थे किसी हसीना की तस्वीर के, लगता है कोई दीवाना आज समझदार हो गया..!!!
कुछ इस तरह से रिश्ते टूट जाया करते है, दिल अगर भर जाए तो लोग रूठ जाया करते हैं..!!!
काश तुम समझ जाते मिजाज मेरा, कितना आसान था इलाज मेरा..!!!
चल तू अब अपना हुनर आजमा के देख, निकाल दिया दिल से तुझे जगहा बना के देख..!!!
दिल अगर बे नकाब होते, तो सोचो कितने फसाद होते…!
आहिस्ता आहिस्ता खत्म हो जायेगे, गम ना सही हम हो जायेंगे..!!!
ये जो अहम होते है, बड़े बे रहम होते है…!!!
मोहब्बत कमजोर दिलों का काम नहीं, रूह कांप जाती है यार जुदा होने पर..!!!
बहुत अंदर तक जला देती हैं, वो शिकायतें जो बयान नहीं होती…!
सबको मैं ही समझू क्या, कोई मुझे भी समांझो यार..!!!
मकसद तुझे पाने का कभी था ही नही मेरा, वादा तुझे उम्र भर चाहने का था जो आज भी कायम है.!!!
मेरे घर में रहता है कोई मेरे ही जैसा, मुझे तो मरे हुए ज़माना हो गया..!!!
तमाम शहर की हमदर्दियों का क्या करता, मुझे किसी की ज��ूरत थी हर किसी की नही.!!!
Broken Heart Shayari 2 Line
गलती उसकी नही, उसे चाहने वाले मुझसे बेहतर थे, कुछ सूरत में खास तो कुछ रुतबे में अच्छे थे.!!!
दिल डरता है अब शिकायतें करने से, यारो ! लोग गलती सुधारने की जगह छोड़ना बेहतर समांझते है.!!!
नज़र ना आऊं इतना भी दूर ना करो मुझे, पूरी तरह बदल जाऊं इतना भी मजबूर ना करो मुझे.!!!
फिरसे नया शख्स मुझे समझने आया है, मैं सोच रहा हु उसे अपने पुराने किस्से सुना दूं.!!!
मैं किस से जाकर कहूं हाल-ए-दिलअपना, मेरे दुःख से वाकिफ तो मेरी मां भी नहीं है.!!!
समंदर सी खामोशी है, तो बेचैनियां भी बहुत हैं, खूबियों से लबालब भरे हैं और हममें खामियां भी बहुत है.!!!
उम्मीद का जन्म प्रेम से होता है, और प्रेम की मृत्यु उम्मीद से.!!!
ले रहा था मोहब्बत की चादर इश्क के बाजार से, भीड़ से आवाज आई कफन भी लेते जाना अक्सर यार बेवफा होते है.!!!
नब्ज़ टटोलते ही हकीम ने कहा, इसने हालात पी रक्खे है..!!!
हकदार बदल दिए जाते हैं, किरदार बदल दिए जाते है, ते दुनियां है साहब, यहां मन्नत पूरी ना हो तो भगवान बदल दिए जाते है..!!!
किस्मत का कोई कसूर नहीं होता, कई बार हम वो भी मांग लेते हैं, जो किसी और का होता है..!!!
दुःख कोई चिड़ियां तो नही की फुर्र से उड़ जाए, दुःख बैठता है देर तक, आत्मा में छोड़ता है घाव गहरे..!!!
हमसे हैरत किस बात की, टूटे है तो चुभेगे ही..!!!
मुस्कुराहट का हकदार था मगर झोली में गम निकला, जिंदगी भी बरबाद हुईं और नसीब भी बेशरम निकला..!!!
जिंदगी गुजर रही है इम्तेहान के दौर से, एक ज़ख्म भरा नही और दूसरा आने की जिद करता है..!!!
सुना है तुम रातों में देर तक जागते हो, यादों के मारे हो या मोहब्बत के हारे हो..!!!
Broken Heart Shayari for Girlfriend in Hindi
अपनी तो जिंदगी की अजीब कहानी है, जिस चीज को चाहा वो ही बेगानी है..!!!
किसी ने धूल क्या झोंकी आंखो में, कमबख्त पहले से बेहतर दिखने लगा..!!!
पैसा वो साबुन है जो आज के ज़माने में, हर तरफ के दाग साफ कर देता है..!!!
मेरी जिंदगी में रहोगी तुम उम्र भर, अब चाहे प्यार बनके रहो या दर्द..!!!
जाते जाते उसने पलटकर सिर्फ इतना कहा मुझसे, मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊं..!!!
सुकून की तलाश में हम दर्द बेचने निकले थे, खरीदार ऐसा मिला दर्द भी दे गया दिल भी ले गया..!!!
नींद में भी गिरते है मेरी आंखो से आसू, तुम ख्वाब में भी मेरा दिल तोड़ देते हो..!!!
हमे प्यार के दो लफ्ज़ भी ना नसीब हुए और, बदनाम ऐसे हुए जैसे इश्क के बादशाह है हम..!!!
गुजर गया वो वक्त जब तेरी हसरत थी मुझे, अब तू खुदा भी बन जाए तो भी तेरा सजदा ना करू..!!!
बहुत अंदर तक तबाह कर देते है, वो आसूं जो आंखो से गिर नही प��ते..!!!
ना शाखो ने जगह दी ना हवा ने बक्शा, वो पत्ता आवारा ना बनता तो क्या करता..!!!
खुदा का खोफ था साहब, वरना दिलों से खेलना तो हमे भी आता है.!!!
कुछ उसे भी दूरियां पसंद आने लगी थी, कुछ मैने भी वक्त मांगना छोड़ दिया..!!!
हम भी खामोश होकर तेरा सब्र आजमाएंगे, देखते है अब तुझे हम कब याद आयेंगे.!!!
हम वो कश्ती है जिसका कोई किनारा ना हुआ, सबके हुए हम मगर कोई हमारा ना हुआ.!!!
झुटी मोहब्बत कभी लौटकर नहीं आती, सच्ची मोहब्बत कभी छोड़कर नहीं जाती.!!!
कागज की ये महक ये नशा रूठने को है, ये आखिरी सदी है किताबो से इश्क की.!!!
एक रोज कोई आएगा सारी फुर्सत लेकर, एक रोज हम कहेंगे जरूरत नहीं रही..!!!
हवा से कह दो कि खुद को आजमा के दिखाएं, बहुत चिराग बुझाती है एक जला के दिखाएं..!!
तमाशा देख रहे थे जो डूबने का मेरे, अब मेरी तलाश में निकले हैं कश्तियां लेकर.!!! Read the full article
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..... नया रिश्ता ....
बिदा करा कर बारात वापस आयी और मैं इन्हें अपनी नौकरी वाले शहर ले आया ।
छोटा सा मकान , आगे बरामदा , दो कमरे, किचन , पीछे कच्चा मिट्टी वाला आंगन जिसमे एक नीम का पंद्रह बीस फुट ऊंचा पेड़ था ।
पहले ही दिन सवेरे सवेरे इन्होंने आंगन के सेंटर में गोबर से लीप कर मायके से लायी तुलसी लगा दी ।चारो तरफ़ रंगोली बना कर ��ीपक जला मेरी तरफ़ विजयी भाव से देखा... मैं तो पहले ही सब हार चुका था .. मुस्कुरा दिया ।
इन्होंने मेरे क्वार्टर को उस सवेरे घर मे बदल दिया था । नीम वाले आँगन में कुछ कमी तो मुझे पहले भी लगती थी पर वो क्या थी , इन्होंने पहली सुबह ही बता दिया ।
गाँव और शहर का फर्क मुझे कभी इनकीं चेहरे हाथों की भाव भंगिमाओं में तो कभी चौड़ी फैलती आंखों में तो कभी मुँह से निकलती हाय राम , जे का है तो कभी हाय दैया में !
हर वक़्त एक ही सवाल पूछती , ' आपको का पसंद , का खाओगे , का बनाएं ? ऐसा दिन में चार पाँच बार तो हो ही जाता । और मैं टटोल रहा था कि इसे क्या क्या पसंद है ?
गाँव की मिठाई , साड़ियाँ , गहने इन्हें शहर में नही दिख रहे थे । बाज़ारो में इनको इतना सब नया नया दिख रहा था ये हर दुकान पर रुक कर पूछती , ' जे का है , जा से का होत , जे आपको पसंद , बो ले लो आप अपने लाने !"
मैं इसे पूछता ये ले लो , ये पहनोगी , ये खाओ , ये ले चलो .. पर हर बात का उत्तर एक ही होता , ' हमे का कन्ने जे सब ले कर , हमे नई लेने !"
एक महीना हो चला । इनका यही ' ना ना का पहाड़ा ' चल रहा था , मुझे अच्छा नही लग रहा था जो हर बात के लिए मना कर देती ।
वो शाम गहरा गयी थी ।
आकाश में बादल भी घुमड़ रहे थे , आज शायद बारिश होगी , मैंने इन्हें कहा ... और लाइट चली गईं ।
बारिश के आसार होते ही बिजली जाती रहती थी पर शादी के बाद पहली बार आज शाम को घुप्प अंधेरा छा गया । मैं कुछ कहता इससे पहले ही ये आले में रखी ढिबरी जलाने की तैयारी करने लगी ।
उनकी आँखों में मुझे मायके की चमक दिख रही थी धुंधलके में घूँघट से ढिबरी की लौ में एक बार फ़िर से गाँव के उस पीछवाड़े के हीरे चमक उठे और मैं सम्मोहित सा इन्हें देख रहा था ।
ये माचिस जलाती और मैं फूँक मार कर बुझा देता ,तीन चार बार ऐसा ही किया और घूँघट चुप चाप झुक गया ..
मैंने कहा , " आज तुम्हे बताना ही पडेगा कि तुम्हे क्या क्या पसंद है .. सब्ज़ी में , मिठाई में , गहनों में , कपड़ो में कुछ बोलती ही नहीं , आज बताना ही पड़ेगी अपनी पसंद . ... वरना मैं ढिबरी नही जलने दूँगा ..। "
अचानक ... घूँघट मेरे सीने से आ लगा और मद्दम आवाज़ आयी , " आ�� और सिर्फ़ आप ... बस !" उस रात .. न तो बिजली आयी और न ढिबरी ही जली ... पर रात भर बादल बरसे और ... ख़ूब बरसे ...
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bhai ke saath
मेरा नाम रागिनी सिंह है मेरी उम्र 23 साल है मेरी फैमिली में मेरे पापा अजय सिंह (45 वर्ष) मेरी मम्मी अन्नू सिंह (43 वर्ष) और मेरा भाई आशू सिंह (18 वर्ष) है। मेरा परिवार दिल्ली में रहता है। मेरे पापा स्कूल टीचर हैं और मम्मी हाउसवाइफ है, मैं कॉलेज में एम एस सी की स्टूडेंट हूँ और मेरा भाई अभी 12वीं में है।
आप सबको मैं अपने पुराने समय के बारे में कुछ बता दूं तो ज्यादा अच्छा होगा। बचपन में जब मैं 5 साल की थी तब मेरे भाई का जन्म हुआ, धीरे-धीरे समय बीतता गया अब मैं 10 की तथा मेरा भाई 5 साल का हो गया। वह बचपन से ही मुझे बहुत प्यारा लगता था, हम दोनों का कमरा एक ही था। वह देखने में जितना क्यूट था उतना ही नटखट भी था, अक्सर वह मुझसे लड़ता झगड़ता था। आशू मेरे सामान को हमेशा इधर उधर बिखेर देता था जैसे- मेरी किताबें, कपड़े आदि। अब वह स्कूल जाने लगा था घर पर मैं उसकी पढ़ने में मदद किया करती थी। धीरे-धीरे हम बड़े होते गए, मैं जवानी की दहलीज पर खड़ी थी और आशू अब 13 साल का हो गया था। पर उसके बड़े होने के साथ साथ उसकी शैतानियाँ भी बढ़ गयी थी, वह मुझे परेशान करने का एक भी मौका नहीं छोड़ता था। अब मैं 18 की हो गयी थी, मेरी जवानी खूब निखर के ��ई थी मुझ पर। 18 की उम्र में 22 की लगती थी मेरे उरोजो में गजब की वृद्धी हुयी थी। 18 की उम्र में ही मेरा साइज़ 34-28-32 का हो गया था और अभी तक मैं कुंवारी थी पर सेक्स के बारे में पूरी जानकारी रखती थी। स्कूल में मेरी सहेलियां मुझसे मेरी जवानी देख के जलन रखने लगी थी। लड़के तो देख देख के ही आहें भरते थे, कइयों ने तो प्रपोज भी कर दिया था पर मुझे इन सब में कोई इंटरेस्ट नहीं था उस समय। मैं तो सिर्फ अपनी पढाई में ध्यान लगाये हुयी थी क्योंकि 12वीं बोर्ड का एग्जाम था।
घर पर अक्सर मैं कम्फर्��ेबल रहना पसंद करती थी चाहे वह किसी भी रूप में क्यों न हो जैसे- सोना, कपड़े पहनना आदि। मुझे ढीले कपड़े पहनना ज्यादा पसंद था, मैं घर पर अंडरगारमेंट बहुत कम पहनती थी। बिना अंडरगारमेंट के मैं बहुत अच्छा महसूस करती थी, सोते वक्त बिना कपड़ों के ही सो जाती थी। कपड़ों के बिना सोने का अपना ही मजा है और बिना अंडरगारमेंट के तो कुछ अलग ही आनंद है। कई बार तो मैं स्कूल में भी अंदर बिना कुछ पहने ही चली जाती हूँ, मेरे स्कूल का ड्रेस कोड है- नीले रंग का स्कर्ट जोकि घुटनों तक होता है, सफ़ेद रंग का शर्ट और धारीदार ग्रे कलर की टाई।
एक दिन रविवार को घर पर मैं अपने कमरे में बैठकर पढ़ रही थी, तभी मेरा भाई आशू आया और मेरी किताबें इधर उधर करने लगा. मैंने उससे कहा- मुझे डिस्टर्ब न कर आशू, मुझे पढ़ने दे! पर वह मेरी बात को अनसुना करके अपनी शरारत में मस्त था। मैंने तेजी दिखाते हुए एक झटके से अपनी किताब उससे ले ली, ऐसा होते ही वह मुझ पर टूट पड़ा और मुझे गिराकर मेरे ऊपर बैठ गया तथा हाथापाई करने लगा। इस लड़ाई में उसके प्रहार से मैं अपने आप को बचा रही थी क्योंकि मैं उसे चोट नहीं पहुँचाना चाहती थी।
वह मेरे मम्मों पर बैठा था जिससे वे एकदम से दबे हुए थे मुझे तकलीफ हो रही थी। लेकिन वह उठने का नाम ही नहीं ले रहा था आखिर मुझे हारकर अपनी किताब उसे देनी पड़ी तब जाकर वह मेरे ऊपर से हटा। अब जाकर मुझे राहत महसूस हुई.
मेरे बगल में बैठ कर वह मुझे जीभ निकाल कर चिढ़ा रहा था। ऐसी ही मासूम सी हाथापाई हमेशा हम दोनों के बीच होती रहती है, जिसमें कभी कभी वह मजाक में मुझे गुदगुदी करने लिए मेरे मम्में भी दबा देता है। यह सिलसिला लगभग रोज का रूटीन बन गया है, सोने के स��य तो वह जरूर मुझसे शैतानियाँ करता है। हमारा रूम छत पर होने की वजह से मम्मी पापा को इस के बारे में पता नहीं चल पाता। हम ज्यादातर छत पर ही रहत�� हैं, हमारे रूम के बगल में ही हमारा अलग बाथरूम भी है। नीचे वाले फ्लोर पर मम्मी पापा रहते हैं तथा किचन भी वही है और उनका बाथरूम भी। टीवी भी वही किचन के बगल में हाल में है।
एक दिन मैं बाथरूम में नहा रही थी, तभी मेरा भाई भी नहाने के लिए अंदर घुस आया. उसे पता नहीं था कि मैं अंदर नहा रही हूँ। नहाते वक्त मैं बाथरूम का दरवाजा लॉक नहीं करती थी क्योंकि ऊपर जल्दी कोई आता नहीं था, आशू ही ऊपर होता था जिससे मुझे कोई दिक्कत नहीं थी क्योंकि अभी वह छोटा था। तो आशू भी बाथरूम में घुस आया था नहाने के लिए!
मैं वहाँ पर नंगी होकर नहा रही थी. पहले तो मैं डर गयी कि कौन आ गया। जब देखा कि आशू है तो जान में जान आई। अब डरने की बारी आशू की थी, वह मुझे पहली बार नंगी देख रहा था, मुझे बाथरूम में नंगी देखकर तो पहले तो उसकी आवाज ही नहीं निकल रही थी, वह मुझे एकटक घूरे जा रहा था। डर के मारे उसकी कुछ बोलने की हिम्मत नहीं हो रही थी, मेरे डर से वह काम्प रहा था। वह डर इसीलिए रहा था कि कहीं मैं मम्मी पापा से उसकी शिकायत न कर दूँ कि यह मेरे बाथरूम में घुस गया था। मुझे उसको देखकर हंसी आ गयी, मैंने पूछा- क्या हुआ आशू? वह हकलाते हुए बोला- क..क..क.. कुउउउच्चछ… कुछ नहीं दीदी। और इतना कहते ही वह जाने को हुआ तो मैंने पूछा- नहाना है तुमको? तो वह बोला- जी दीदी। मैंने कहा- ठीक है, आ जाओ साथ में नहाते हैं.
मैंने उससे कपड़े निकालने को कहा तो उसने धीरे धीरे अपने कपड़े निकाल कर अलग कर दिए और मेरी तरह बिल्कुल नंगा हो गया। अब हम साथ में बैठकर नहाने लगे, मैं उसको नहलाने लगी जैसे एक माँ अपने बच्चे को नहलाती है, वह भी चुपचाप बैठकर नहा रहा था।
आशू के शरीर पर मैंने साबुन लगाना शुरू किया और हर एक जगह मैंने अच्छी तरह साबुन लगाया, उसके नुन्नू पर भी। उसका नुन्नू अभी छोटा था तक़रीबन 3 इंच का रहा होगा। नहाने के बाद हमने अपने कपड़े पहने और अपने अपने काम में लग गए, मैं एग्जाम की तैयारी करने लगी और आशू अपना होमवर्क करने लगा। अब लगभग रोज ही हम दोनों साथ साथ नहाने लगे थे और एक दूसरे के अंगों को पकड़कर देखने भी लगे थे।
उस दिन के बाद से मैं अपने रूम में आशू के सामने ही कपड़े बदल लेती थी, नंगी हो जाती थी। आशू भी मेरे सामने ही अपने कपड़े बदल लेता था।
जैसा मैंने बताया था कि मुझे रात को सोते वक्त नंगी होकर सोना ज्यादा पसंद है। दिसम्बर का महीना था ठण्ड पड़ रही थी, मैं नंगी होकर रजाई में लेटी थी, आशू नीचे पापा के साथ टीवी देख रहा था। कुछ देर तक टीवी देखने के बाद वह ऊपर सोने के लिए आया.
मैं जाग रही थी, आते ही वह रजाई में घुस कर मुझसे चिपक गया। रजाई में घुसने पर उसको पता चल गया कि मैं नंगी हूँ, वह अपने हाथ मेरे ऊपर फिराने लगा। वह मेरे मम्मों को टटोल रहा था. आशू को मेरे मम्मों से ज्यादा प्यार है.
मेरा भाई मेरे निप्पल को उमेठ रहा था, मैंने पूछा- ऐसा क्यों कर र��ा है? तो वह बोला- दीदी, मुझे आपका दूध पीना है। मैंने कहा- मुझे अभी दूध नहीं आता! तो वह बोला- क्यों? आपको दूध क्यों नहीं आता दीदी?
तब मैंने उसको दूध आने की पूरी प्रक्रिया बताई। मेरी बात सुनने के बाद वह बोला- मुझे तो आपके दूध पीने हैं तो पीने हैं. मैं उसकी बचकानी बात पर हंसने लगी और बोली- ठीक है पी ले जैसी तेरी इच्छा।
मेरे हां कहते ही आशू ने मेरे निप्पल चूसना शुरू कर दिया और बारी बारी से वह एक दुधमुंहे की तरह मेरे चूचियों को चूसता रहा, चूची चूसते चूसते कब उसे और मुझे नींद आ गयी, पता ही नहीं चला। अब यही प्रक्रिया लगभग रोज होने लगी, अब आशू को बगैर मेरी चूची चूसे नींद ही नहीं आती थी. शायद मुझे भी अब चूची चुसाने की आदत पड़ गयी थी। लेकिन इस सब में सेक्स नाम की कोई चीज नहीं थी. यह तो भाई बहन का प्यार था.
धीरे धीरे हमारी उम्र बढती गयी अब मैं 23 साल की तथा आशू 18 साल का हो गया था।
अब आशू जवान हो गया था तथा उसका नुन्नू अब 3 इंच से 6 इंच का हो गया था। मेरे शरीर का साइज़ भी अब बदल चुका था इन 5 सालो में जो चूचियां कभी 34 की हुआ करती थी वह अब 36 की हो गयी थी। अब मेरा साइज़ 36-30-34 की हो गयी थी, मेरे सगे भाई ने मेरी चूचियां चूस चूस के बड़ी कर दी थी। इतनी चुसाई होने के बाद भी मेरे मम्में अभी भी पूरी तरह से टाइट थे, देखने में लगता था जैसे दो गोल गोल खरबूजे लटक रहे हो बिल्कुल हॉरर माडल डैनी डीवाइन की तरह।
एक दिन मैं घर पर अकेली थी, पापा स्कूल पढ़ाने गए थे, मम्मी भी मामा के यहाँ गयी थी और आशू स्कूल गया था। मैं घर का सब काम निपटा के नहाने चली गयी, नहाने से पहले मैंने पूरे शरीर पर वैक्स किया था। नहाकर मैं नंगी ही वापस कमरे में गयी और बाल सुखाकर तथा मेकअप करके घर में उसी अवस्था में घूमने लगी। कुछ देर टीवी देखा और वहीं पर नंगी ही सो गयी.
नींद में ही डोरबेल की आवाज सुनाई पड़ी तो मेरी आँख खुली। मैंने कीहोल से बाहर देखा तो आशू था, मैंने कपड़ा पहनना मुनासिब नहीं समझा और दरवाजा खोल दिया। जब वह अंदर आया तो मुझे नंगी देखकर बड़ा खुश हुआ, आशू तुरंत मेरी ओर लपक पड़ा। इससे पहले की वह मुझ तक पहुँचता, मैंने दरवाजा लॉक कर दिया, दरवाजा बंद होते ही वह मेरी चूचियों पर टूट पड़ा।
आशू बोला- दीदी, आपके दूध मुझे बहुत अच्छे लगते हैं, मन करता है हरदम इन्हें पकड़ के चूसता रहूँ। मैंने भी झट से बोल दिया- तो चूसो … मना किसने किया है। आशू एक एक करके मेरे मम्मों को वही खड़े खड़े दबाने व चूसने लगा, मुझको भी मज़ा आने लगा।
15-20 मिनट चूसने के बाद जब उसका मन भर गया तो उसने ��ेरे मम्मों को छोड़ दिया और मुस्कुराते हुए कमरे की ओर जाने लगा. मैं भी उसको देखकर मुस्कुरा रही थी। आज तक हमारे दरमियान कभी भी सेक्स की फीलिंग नहीं थी, हम दोनों ऐसा करते हुए एक अलग ही लेवल के आनंद में डूब जाते थे। ऐसा करते हुए मुझे लगता कि मैं एक माँ हूँ और अपने बच्चे को दूध पिला रही हूँ। आशू को अभी तक सेक्स के बारे में कुछ नहीं पता था, हाँ इतना जरूर था कि जब वो मेरी चूचियों को चूसता तो उसका नुन्नू जो अब एक लंड बन गया था, जरूर तन जाता था।
जब भी उसका लंड तन जाता तो वह उसे पकड़ के मुझे दिखाता और कहता दीदी- ये देखो मेरे नुन्नू को क्या हो गया ये इतना बड़ा और मोटा हो गया। मैं उसकी बात सुनकर मुस्कुरा देती और कहती- कुछ नहीं हुआ, अभी ठीक हो जायेगा.
ऐसे ही चलता रहा, एक महीना बीत गया। अगस्त का महीना था एक रात को हम दोनों बिल्कुल नंगे लेटे लेटे बातें कर रहे थे उसका लंड तना हुआ था, वह उसको पकड़ के मुझे दिखाते हुए बोला- ऐसा क्यों होता है दीदी? तब मैंने उसे समझाते हुए सब कुछ बताया तथा यह भी बताया कि यह पुरुष और महिला के अट्रैक्शन के कारण होता है। यह उत्तेजना के कारण होता है। आशू बोला- इसको ठीक कैसे करते हैं? मैंने कहा- सेक्स करके या फिर अपने हाथ से!
फिर उसने मुझसे पूछा- ये सेक्स क्या होता है दीदी? तब मैंने उसको बताया- जब इस नुन्नू को किसी लड़की के (अपनी चूत की तरफ इशारा करते हुए) यहाँ पर डालते हैं तो उसको सेक्स करना कहते हैं। आशू फिर पूछने लगा- ये हाथ से कैसे होता है? तब मैंने उसको बताया- इसको मुट्ठी में पकड़ के आगे पीछे करते रहने से ये कुछ देर में शांत हो जाता है।
आशू कहने लगा- दीदी, मुझे आपके साथ सेक्स करना है. मैंने उसे समझाया- ये सब भाई और बहन के बीच नहीं होता। मैंने कहा- आशू जब तुम्हारी शादी हो जाएगी, तब तुम अपनी पत्नी के साथ सेक्स करना।
वह जिद करने लगा तो मैंने कहा- अच्छा इधर आओ, मैं अपने हाथों से तुम्हारे नुन्नू को शांत कर दूँ। वह मेरे पास आ गया, मैंने उसको खड़ा होने को कह दिया वह मेरे चेहरे के सामने खड़ा हो गया। मैं घुटनों के बल बैठ गयी तथा उसके लंड को अपने हाथो में पकड़ा और आगे पीछे करते हुए हिलाने लगी, वह धीरे धीरे मदहोशी में खो गया और आँखें बंद कर ली।
आँखें बंद करके वह आहें भरने लगा- सस.. सस आह… उह.. सस एस्स.. आह दीदी, बहुत मज़ा आ रहा है, ऐसे ही करती रहो। तकरीबन 15-20 मिनट लंड हिलाने के बाद उसका लंड फूल गया.
इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाती, उसके लंड से पिचकारी निकली जो सीधे मेरे माथे से जा टकराई, मैं संभल पाती इससे पहले दूसरी पिचकारी निकली जो मेरे होठों पर जा गिरी, फिर उसके लंड ने मेरी चूचियों पर अपना बचा हुआ माल उलट दिया, धीरे धीरे आशू का लंड झटके खा खा कर शांत हो गया।
अब मैंने अपने होंठों पर अपनी जीभ फिराई जहां आशू का माल गिरा था, मुझे उसका स्वाद नमकीन सा लगा जो थोड़ा अजीब था पर टेस्ट अच्छा था तो मैं पूरा चाट के साफ़ कर गयी। आज आशू पहली बार झड़ा था तो माल भी बहुत ज्यादा निकला था जो मेरी चूचियों पर साफ़ देखा जा सकता था।
झड़ने के बाद आशू वही बेड पर लेट गया उसकी साँसें बहुत तेज चल रही थी।
कुछ देर बाद जब उसकी आँखें खुली तो वह बहुत खुश दिखाई दे रहा था। मैंने पूछा- कैसा लगा? तो वह बोला- बहुत मज़ा आया।
अब हम दोनों भाई बहन वहीं बेड पर लेटे लेटे जो कुछ हुआ उसके बारे में बातें करने लगे।
कुछ देर बात करने के बाद आशू बोला- दीदी, अब मेरा नुन्नू आप रोज हिलाना, आज मुझे बहुत अच्छा लगा। मैंने उसको समझाया- ये रोज रोज करना अच्छा नहीं है अभी से, अभी तुम छोटे हो सेहत पर बुरा असर पड़ेगा। मेरी यह बात उसको अच्छी नहीं लगी।
कुछ देर चुप रहने के बाद आशू नाराज होते हुए बोला- अगर आप को नहीं करना तो ना करो, मैं खुद ही कर लूँगा। मैंने उस टाइम उसको तसल्ली दिला दी- ठीक है, मैं ही कर दूंगी, पर अभी सो जाओ रात बहुत हो गयी है।
सुबह हम दोनों सोकर उठे, फ्रेश होने के बाद हम दोनों साथ में नहाये। आशू नाश्ता करके स्कूल चला गया, कुछ देर बाद मैं भी कॉलेज चली गयी।
रात को वह मेरे पास आया और अपने कपड़े निकाल के बिस्तर में घुस गया। मैं पहले से ही नंगी रजाई के अंदर पड़ी थी, रजाई में घुसते ही उसके हाथ मेरी चूचियों पर टहलने लगे। कुछ देर मेरी चूचियों को दबाने के बाद वह एक एक करके उन्हें चूसने लगा।
अनायास ही मेरा हाथ उसके लंड पर चला गया जो अब पूरी तरह से तन गया था।
आशू मेरी चूचियों को दबा दबा के चूस रहा था जिससे आज मेरी भी उत्तेजना जाग गयी थी, मुझे भी मज़ा आने लगा था। जोश में मैं भी उसके लंड को तेजी से आगे पीछे करने लगी, आशू की सिसकारियाँ निकलने लगी- आह.. हम्म… उम्म्ह… अहह… हय… याह… स्स्स्स… ऊह्ह… ओह्ह… दी… दी… आह। बहुत अच्छा लग रहा है ऐसे ही करती जाओ। आज तो मेरा भी मन डोल गया था, अब मेरे अंदर की वासना हिलोरें लेने लगी थी। मैं खुद को ना रोक पाई और रजाई में मैं आशू के लंड के पास पहुँच गयी थी।
लंड के पास पहुंचते ही मैंने तपाक से उसको मुंह में भर लिया और चूसने लगी। आशू अपने लंड पर मेरे होठों का स्पर्श होते ही चिहुँक पड़ा और बोला- ओह दीदी, ये क्या किया आपने … बहुत मजा आ रहा है। ऐसे ही चूसती रहो, मैं तो जन्नत की सैर कर रहा हूँ दीदी।
मैं भी पूरी पोर्न फिल्मो को रंडियों की तरह अपने भाई का लंड चूसे जा रही थी, मुझे भी बहुत आनंद आ रहा था. अब मैं एक हाथ से लंड पकड़ के चूस रही थी तथा एक हाथ से अपनी चूत रगड़ रही थी। 10-12 मिनट लंड चूसने के बाद आशू को उत्तेजना बर्दाश्त नहीं हुई और उसने मेरे मुंह में ही पिचकारी छोड़नी शुरू कर दी, मेरा मुंह उसके लंड के माल से भर गया जिसे मैं पूरा गटक गयी।
इसी दौरान मैं भी भाई क�� लंड का पानी पीने की उत्तेजना में मैं भी झड़ने लगी। मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगी- आह… ह्म्म्म… यस्सस… ओह्ह्ह… आशूशूशू… य्म्म्म!
अब यही प्रक्रिया रोज रोज होने लगी आशू मुझसे अपना लंड चुसा के मजा लेता और मैं अपनी उँगलियों से खुद को शांत कर लेती। हमें जब भी मौका मिलता हम दोनों नंगे होकर अपने काम में लग जाते। अब तो मुझे आशू के लंड के पानी लत लग गयी थी, घर का कोई ऐसा कोना नहीं बचा था जहां पर मैंने आशू का लंड न चूसा हो। यहाँ तक की घर के बाहर लॉन में भी मैंने उसके लंड को चूस के शांत किया था। मैं ऐसे ही 2-3 महीनों तक अपने भाई का लंड चूसती रही। हम दोनों बहुत खुश थे।
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Beautiful love smile quotes in Hindi
One smile wins your family, relatives, friends, and all member's heart. One lovely smile gives you a very different impression from other people. The man says that if a man talks to smiles, he will never feel nervous.
A smile is the best medicine for all types of illness. So, you can send the smiling quotes, smile status for Instagram, and many more quotes and statuses. So, stay connected with us.
Status quotes on smile in Hindi
आप अपनी मुस्कान बस कुछ ही देर तक बनाये रह सकते हैं , उसके बाद बस दांत रह जाते हैं।
तेरे मुस्कुराने का असर सेहत पे होता है, लोग पूछ लेते हैं दवा का नाम क्या है..!!
मुस्कुराहट निश्चित रूप से सबसे अच्छे सौंदर्य उपचारों में से एक है. यदि आपकी विनोदप्रियता अच्छी है और जीवन के प्रति दृष्टिकोण अच्छा है, तो वह सुंदर है.!
छोटीसी ज़िन्दगी है,हँस के जियो, भुला के गम सारे, दिल से जियो।
मुस्कान हर समस्या का सामना करने, हर डर को कुचलने और हर दर्द को छिपाने का सबसे बढ़िया तरीका है.!
कभी भी जिन्दगी को इस तरह मत जिओ, कि आप मुस्कुराना ही भूल जाओ..!!
यदि आपके पास बस एक ही मुस्कान है तो इसे अपने प्रियजनों को दें.!
चलिए एक काम करते हैं , जब मुस्कुराना मुश्किल हो तब हम एक दुसरे से मुस्कुराते हुए मिलें। एक दुसरे पर मुस्कुराओ , अपने परिवार में एक-दुसरे के लिए समय निकालो।
इस ज़माने से सबकुछ छुपाना पड़ता है दिल जलता है चोंट लगती हैं और फिर भी मुस्कुराना पड़ता है !
क्या कहे किस कदर अच्छा लगता है मेरे हाल पर आपका मुस्कुरा देना !
उसका मुस्कुराता हुआ चेहरा बहुत ही खूबसूरत लगता है या रब तू मुझसे मेरी खुशियां छीन लें पर उसके चेहरे से मुस्कराहट कभी ना छीने..!
मुस्कुराना एक ऐसा उपहार है जो बिना मोल के भी अनमोल है, इसमें देने वाले का कुछ कम नहीं होता,और पाने वाला निहाल हो जाता है!
Good morning smile quotes in Hindi
मंजिल यूँ ही नहीं मिलती राही को जुनून सा दिल में जगानापड़ता है पूछा चिड़िया से कि घोसला कैसे बनता है वो बोली कि तिनका तिनकाउठाना पड़ता है..!
तेरे मुस्कुराने का असर सेहत पे होता है, लोग पूछ लेते हैं, दवा का नाम क्या है।
मेरी आत्मा को मेरे दिल से मुस्कुराने दो और मेरे दिल को मेरी आँखों से ��ुस्कुराने दो, क्योंकि मैं उदास दिलों में बहुमूल्य मुस्कुराहट बिखेर सकता !
ना किसी को नाराज़ करके जियो, ना किसी से नाराज़ होकर जियो, जिंदगी बस कुछ पलों की है, सब को खुश रखो और सब से खुश होके जियो।
जिन्होंने अपनी ज़िंदगी गमों में गुज़ारी है, मुस्कराहट की असली कदर उन्हें पता है।
मुस्कान हृदय की मधुरता की तरफ इशारा करती है, और शांति बुद्धि की परिपक्वता की तरफ इशारा करती है और दोनों का ही होना एक मनुष्य की संपूर्णता होने का इशारा करते हैं।
मुश्किल काम भी आसान लगने लगती, जब भी आप मुझे ��ुस्कुरा के देखती है।
थोड़ी सी स्माइल, थोड़ी सी खुशी,थोड़ा सा प्यार किसी को दे दो, तो वो दुनिया का सबसे बड़ा धनवान और प्यारा इंसान कहलाएगा।
एक सरल मुस्कान. यह आपके दिल खोलने और दूसरों के प्रति दयावान होने की शुरुआत है.!
अगर जीवन में कुछ समझ न आए तो बस Smile करो, इससे कठिन समय आसानी से कट जाएगा !!
आप जीवन में बहुत ही व्यस्त क्यों न हों,जीवन में आपके परेशानियां हो, जरा एक मिनट रुक कर मुस्कुराने की कोशिश करें।
क्या लूटेगा जमाना खुशियो को हमारी, हम तो खुद अपनी खुशिया दुसरो पर लुटाकर जीते है..!
अरे कभी हंस लिया करो फिर भी नहीं हंस पाए तो कपिल शर्मा शो देखा करो!
उसकी सिर्फ एक मुस्कराहट मेरी ज़िन्दगी खुशियों से भर देती है वो कोई नहीं वो मेरी दिलरुबा है..!
कुछ लोग हमेशा हंसते रहते हैं क्योंकि वह जानते हैं हंसना ज्यादा अच्छा है बजाएं दुखी रहने के!
Keep smiling quotes in Hindi
अंदर की शांति के लिए मुस्कान बहुत जरुरी है..!!
जब आप बस मुस्कुराएंगे, तो आप पाएंगे कि जीवन अभी भी सार्थक है.!
सच है वैसे तो चाय का कोई मुकाबला ही नहीं मगर मेरी सुकून के लिए एक तेरी मुस्कान ही काफी है..!!
हर फूल आपको एक नया अरमान दे, सूरज की हर किरण आपको सलाम दे, निकले कभी जो एक आँसू भी आपकीतो खुदा आपको उससे दुगनी मुस्कान दे.!
अगर आपके जीवन में स्माइल नहीं है, तो चिंता मत करो मैं तुम्हें अपनी मुस्कुराहट दूंगा !!
हर मर्ज का इलाज नहीं है दवाखाने में, कुछ दर्द चले जाते है सिर्फ मुस्कुराने से।
मुस्कराहट वो हीरा है जिसे आप बिना खरीदे पहन सकते हो, और जब तक यह हीरा आपके पास है आपको सुंदर दिखने के लिये, किसी और चीज की जरुरत नहीं है!
तुम्हारी मुस्कान ही, तुम्हारी पहचान बन जाएगी, देख लेना एक दिन तुम्हारी मुस्कान, तुम्हें ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी।
जैसे पतझड़ में फूल खिलना एक आशियाना है, वैसे ही उसकी smile भी बहुत ��ातिलाना है !
ना कोई राह आसान चाहिए, ना ही हमें कोई पहचान चाहिए, एक ही चीज माँगते हैं रोज भगवान् से अपनों के चेहरे पे हर पल प्यारी से मुस्कान चाहिए.!!
मुस्कान इंसान के व्यक्तित्व को बदलने में मदद करता है, यह बहुत ही आसान और सस्ता तरीका है व्यक्तित्व में तबदीली लाने का !!
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बहुत आसान है
कह देना
कि ऑनलाइन वाली दोस्ती
बस टाइमपास होती है
पर क्यों...???
सच में होता है किसी के पास
इतना टाइम जो वो यूँ ही बर्बाद करे.
सच तो यह है कि
इस fb की दुनिया में...
मिल जाता है कोई ऐसा...
जिसे आपकी परवाह हो
जिसे फर्क पड़ता हो
आपके खुश होने या
आँसू बहाने से...
जहाँ सिर्फ शब्दों से
महसूस कर लिया जाता है
एक दूसरे की आत्मा को...
जहाँ किसी के साथ
दिल खोल कर
हंसने का मन कर जाये...
कभी मन भारी हो तो बस
कुछ शब्दों से...
उसके काँधे पर
सर रख के रो लिया जाये...
और उन्हीं शब्दों में लिपटा
प्यारा सा एहसास दिलाये आपको
कि आप अकेले नहीं हो...
कोई है आपके साथ
जो आपके मुस्कुराने की
वजह बनना चाहता है...
कोई है
जो कुछ इमोजी के ज़रिये
आपको हसाना चाहता है
कोई है
जिसे सोचकर
आप मुस्कुरा सकते हो बेवजह...
कोई है
जिसके कुछ शब्द
आपकी आँखों में
मुस्कुराहट ले आते हैं ...
कभी उसकी अनदेखी
दुखा देती है दिल को....
सिर्फ शब्दों से ही
मना भी लिया जाता है...
सिर्फ
शब्दों का ही तो खेल है
न कभी देख सके
एक दूसरे को
न छू पाने की चाह....
ना किसी के शरीर की लालसा...
बस भावनाओं की डोर
जो बांध ली जाती है
बिन कहे
बिन सुने
बस यूँ ही अनजाने में...
ये ऑनलाइन वाली दोस्ती ...
शाश्वत रूप नज़र आता है
मुझे इस दोस्ती का...
सिर्फ मन का रिश्ता
उतनी ही ख़ुशी मिलती है
जितनी किसी के साथ
असल में वक़्त गुज़ार कर
मिलती है...
अलग होने पर
दुःख भी उतना ही होता है...
टूट जाता है इंसान उतना ही
जब दूसरा छोड़ कर चला जाता है
ये मन के रिश्ते
नहीं समझ आएंगे...
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Best 40+ Sad Status in Hindi | दुखद स्टेटस
Best 40+ Sad Status in Hindi: प्यारे दोस्तों, हम आपके लिए नवीनतम और सबसे अनोखे सैड स्टेटस कलेक्शन को लाने के लिए रोमांचित हैं, जो सिर्फ़ आपके लिए तैयार किया गया है। अगर आप हिंदी में बेहतरीन सैड स्टेटस अपडेट की तलाश में हैं, तो आपकी तलाश यहीं खत्म होती है। हमने आपके लिए 40 से ज़्यादा खूबसूरत तरीके से सचित्र सैड स्टेटस इकट्ठे किए हैं। जब हमें धोखा मिलता है, हम किसी अपने को खो देते हैं, या दोस्ती में दिल टूट जाता है, तो हम अक्सर हिंदी सैड स्टेटस में सांत्वना तलाशते हैं। ये WhatsApp और दूसरे सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म पर काफ़ी लोकप्रिय हैं। तो, चलिए शुरू करते हैं, अपने लिए सही स्टेटस ढूँढ़ते हैं और इ���े अपने दोस्तों के साथ शेयर करते हैं।
Sad Status in Hindi हिंदी में दुःख भरे स्टेटस
हम बस दबे जा रहे है तेरी यादों के बोझ तले, ना तुझे पा सकते है, ना भुला सकते है…!!!
वो शख्स एक रोज बड़ी खामोशी से सो गया, जिसे मोहब्बत रात भर अकेले रुलाया करती थी..!!!
ये दिलो का खेल है जनाब, यहां रानी बेवफा हुई तो सीधी मात होती है…!!!
में झुक जाता हु और मसला हल हो जाता है, लेकिन ऐसे हर बार मेरे किरदार का कतल हो जाता है…!!!!
पागल बहाने बनाने की क्या जरूरत थी, प्यार से बोल देती अब तेरी जरूरत नहीं है..!!!
क्या उन्हे भी कहीं दफनाती है ये दुनिया, जिन्हे मौत से पहले मोहब्बत मार देती है..!!!
साथ चलने की खुशी में, कभी ध्यान ही नही दिया, की वापस अकेले लौटना हुआ, तो कैसे लोटेंगे..!!!
जो मर्द ये कहता है, वो मजे में है, फकीर है वो, या फिर नशे में है..!!!
मैंने खुद को आईने में देखा, तब जाकर पता चला, दिल दुखने से चेहरे की रंगत सच में उड़ जाती है…!!!
काश एक किताब ऐसी भी होती, जिसमे लिखा होता, अपना कोई बिछड़ जाए तो सब्र कैसे करते है…!!!!
मालूम है हमे की ये मुमकिन नहीं, मगर एक आस सी रहती है तुम याद करोगे..!!!
वो लौटकर क्यों नहीं आते, जो दिन गुजर जाते है, सिर्फ तस्वीरे रह जाती है, और लोग मर जाते है…!!! Best Sad Status on Life in Hindi
मैने महंगे कपड़ो में घटिया लोग और, सस्ते कपड़ो में महंगे लोग देखे है..!!!
अफसोस है मगर कोई शिकवा नहीं, लाख कौसिसो के बाद भी उसने मुझे समझा नही..!!!
कुछ इस तरह टूटा हमारा रिश्ता, वो झूट बोलते रहे और मुझे सच पता था..!!!
उलझने क्या बताऊं जिंदगी की, तेरे ही गले लगकर, तेरी ही शिकायत करनी है..!!!
मंजिल पे जो मिला, तुम उसके हो गए, जो रास्ते में तुम्हारे साथ थकता रहा उसका क्या..!!!
आदत सी हो गई है हर वक्त तेरे बारे में सोचने की, अब तो ऐसा लगता है तेरी यादें जान ले लेंगी..!!!
हंसकर गुजार लेता हु दिन अपना, खुद से तो मैं शाम में बाद मिलता हु…!!!
तू मुझे उस दिन क्यों नही मिला, जब मुझे शोक थे सवरने के..!!!
इससे बुरा और क्या होगा की, मन मेरा है और मेरे ही बस में नही..!!!
आज बहुत वक्त के बाद तुम्हारे पुराने मैसेज पढ़े, उनमें लिखा था कि हम सब कुछ छोड़ देंगे, मगर एक दूसरे का साथ नहीं..!!!
नए परिवार के लोगो से दिल बहलाने वाला है, अब मेरे रोने से भी वो कब लोट कर आने वाला है…!!!
अगर वो रूठा होता तो कैसे भी मना लेते उसे, मगर वो उस जगह जा बैठा है, जहा जज्बात नही पोहोचते..!!!
वो समय की बात करते हैं, किसी का जीवन बरबाद करके…!!!
फिर एक दिन उसे हमारी जरूरत नहीं रही, जिसकी हर जरूरत हम पूरी करते रहे..!!!
तू चला गया है इसका यकीन किसी को नहीं, ये लोग टूटे दिल से भी सबूत मांगते है..!!! Do Line Sad Status in Hindi
सब बोलते है तू बदल गया, पर कोई ये नही पूछता क्या हुआ क्यों बदला..!!!
फिर कोई जुदा नहीं कर पाएगा हमे, अगली बार आऊंगा तेरी जात का बनकर मैं..!!!!
मुकम्मल कहा हुई जिंदगी मेरी, हर बार कुछ खोता ही रहा कुछ पाने के लिए..!!!
लोटा जब वो बिना जुर्म के सजा कटकर, उसने घर आकर सारे परिंदे रिहा कर दिए..!!!
सारे ही तजुर्बे नही थे, कुछ गलतियां भी थी..!!!
चलो कोई बात नही, हम दोनो में से कोई तो खुश है..!!!
हमदर्दी अब मुझे किलो की तरह चुभती है, कोई खामखा मेरा हाल ना पूछा करो..!!!
उनका वादा भी अजीब था, बोले जिंदगी भर साथ निभाएंगे, हम ये पूछना भूल गए मोहब्बत के साथ या फिर यादों के साथ..!!!
मेरे घर को भी उसी दिए ने जलाया, मैं जिसे हवा से बचाने की कोशिश करता रहा..!!!
वही आंखो में आसू दे गया जिसको, हर दुःख अपने जीवन के बताए हमने..!!!
शाम होते ही चिरागो को बुझा देता हु, दिल ही काफी है तेरी याद में जलने के लिए..!!!
मैं एक मामूली सा ख्याल हु, कभी आऊं तो मुस्कुरा देना..!!!
आज फिर लगा दिल अपनी हदें लांगने, आज फिर गया था तुझे मंदिर में मांगने.!!!!
हमारा वास्ता अक्सर उन्ही लोगो से हुआ, जो दिल पर वार करने में माहिर थे..!!! गजब का रिश्ता हो गया तेरा मेरा, याद दोनो करते हैं, पर बात नही..!!! Also Read: Read the full article
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बचपन की डायरी के कुछ पन्ने;
मन के किसी कोने में धुंधली बातों में लिपटी है वो एक याद। ये सीख है या सिर्फ जिंदगी के कुछ पल जो अब तक उन यादों का ताजा कर जाते हैं। एक किस्सा है बचपन का जो मिक्स्ड फीलिंग दे जाता है पर यकीन मानिए 8 या 9 साल की उम्र में हुई वो वारदात जिंदगी के अहम् पहलुओं को सिखा जाती है। ये तब की बात है जब फौजी पापा कारगिल में अपनी परिस्थितियों से जूंझ रहे थे और 2 बहनें अपनी माँ के साथ सिर्फ पापा की याद में इंतजार करते हुए दिन बिताया करती थी। माँ अक्सर बीमार रहती थी इसलिए दोनों बहनें अपनी चीजें खुद ही संभालने की कोशिश करती थी। वो भी कम कठिनाइयों के दिन नहीं थे पर फिर भी दोनों मुस्कुरा कर जोश में कहती 'मेरे पापा आर्मी में है और देश की सेवा में तत्पर हैं। एक ओर पापा बर्फीले पहाड़ों की ठिठुरती ठंड में रातों को जाग कर सीमा की पहरेदारी करते थे, वहीं दूसरी ओर एक बीमार रहने वाली माँ के साथ दो बेटियां पापा को बेहद याद करती थी। वो हर चुनौती, हर परिस्थिति और हर कठिनाई में खुद को यही समझाया करती थी कि पापा देश की सेवा में तत्पर हैं और गर्व के साथ हर किसी को बताया करती थी। नन्ही-नन्ही वो परियां अक्सर टीचर की मार, अन्य बच्चों का तिरस्कार और कभी-कभी तो स्कूल से आते हुए लड़कों की छेड़-���ाड़ को सहती थी पर घर आकर कभी माँ को कुछ न कहती थी। शायद पेरेंट्स की फ़िक्र का अंदाज़ा था उन्हें इसलिए वो दोनों चुप रहकर सभी कठिनाइयों का सामना करती थी।
एक दिन स्कूल में पेरेंट्स टीचर मीटिंग में मम्मी पापा में से हमेशा की तरह ही कोई नहीं जा पाया। कारण हमेशा की तरह एक जैसा ही था कि मम्मी की तबीयत ठीक नहीं है और पापा की पोस्टिंग आई हुई है। इसलिए दोनों में से मीटिंग में कोई भी नहीं आ पाया और हमेशा की तरह ही टीचर विश्वास नहीं करती थी जिस वजह से कभी पिटाई तो कभी पनिश कर दिया करती थी। कारण वही था और पता था कि टीचर मानेगी नहीं इसलिए एक दिन पिटाई के डर ने झूठ का सहारा लिया पर बदकिस्मती से वो झूठ भी पकड़ा गया। इसके बाद जो हालत हुई है उसका अफ़सोस आज भी है और टीचर के थप्पड़ की गूँज अब भी कानों में सुनाई देती है। इसके अलावा क्लास के सभी बच्चों के सामने वो तिरस्कार इतने सालों के बाद भी डरा जाता है। पर उस समय वो नन्ही सी जान न सोचे कोई बखान क्योंकि उसको था सिर्फ अपनी माँ का खयाल। स्कूल में हुए तिरस्कार को वो सह जाती थी और घर की चौखट पर मुस्कुराकर कदम बढ़ाती थी। टीचर की उस मार ने कभी न झूठ बोलने की कसम दिला दी, पेरेंट्स के त्याग ने निष्ठा और जज्बात सिखा दिए। यही था वो किस्सा जिसने परिवार का प्यार और सच का प्रभाव बता दिया।
#सच्ची_घटनाओं_पर_आधारित
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Radha Krishna Love Quotes in Hindi With Images
Quotes about Radha Krishna's love in Hindi
प्रेम की भाषा बड़ी आसान होती हैं, राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी ये पैगाम देती हैं। – जय श्री राधे कृष्ण !
प्रेम वो नहीं इज़हार किया जाये प्रेम तो वो है जो
महसूस किया जाये प्रेम वो नहीं जो पाया जाये
प्रेम तो वो है जो जिया जाये।
राधा कृष्ण का मिलन तो बस एक बहाना था,
दुनियाँ को प्यार का सही मतलब ��ो समझाना था।
कृष्ण ने राधा से पूछा ऐसी एक जगह बताओ,
जहाँ में नहीं हूँ
राधा ने मुस्कुरा के कहा,
बस मेरे नसीब में।
हर शाम हर किसी के लिए सुहानी नहीं होती,
हर प्यार के पीछे कोई कहानी नहीं होती,
कुछ असर तो होता है दो आत्मा के मेल का
वरना गोरी राधा, सांवले कृष्णा की दीवानी न होती।
राधा ने कृष्ण से पूछा
आपने मुझसे शादी क्यों नहीं की ?
कृष्ण ने जवाब दिया
शादी तो दो लोगो के बीच होती है
परन्तु राधा तुम और में तोह एक हैं।
राधे-राधे जपो चले आएंगे बिहारी,
आएंगे बिहारी चले आएंगे बिहारी।
यदि प्रेम का मतलब सिर्फ पा लेना होता,
तो हर हृदय में राधा-कृष्ण का नाम नही होता।
राधा कृष्ण का मिलन तो बस एक बहाना था..,
दुनिया को प्रेम का सही अर्थ जो समझाना था।
Best quotes on Radha Krishna love
संगीत है श्रीकृष्ण, सुर है श्रीराधे
शहद है श्रीकृष्ण, मिठास है श्रीराधे
पूर्ण है श्रीकृष्ण, परिपूर्ण है श्रीराधे
आदि है श्रीकृष्ण, अनंत है श्रीराधे...
किसी को चाह कर छोड़ देना कोई बड़ी बात नहीं
किसी को छोड़कर भी चाहो,
तोह पता चले की प्रेम किसी कहते हैं।
...राधे राधे...
हे कान्हा, तुम्हे पाना जरूरी तो नहीं,
तुम्हारा हो जाना ही काफी हैं मेरे लिए।
पाने को ही प्रेम कहे, जग की ये है रीत
प्रेम का सही अर्थ समझायेगी, राधा-कृष्णा की प्रीत।
बंधन रिश्तों का नहीं एहसासों का होता है, जहाँ एहसास खत्म वहां रिश्ता खत्म्म..!
गोकुल मैं हैं जिनका वास, गोपियो संग करे निवास, देवकी यशोदा हैं जिनकी मैया, ऐसे हैं हमारे कृष्ण कन्हैया। – जय श्री राधे कृष्णा !
संसार तुम्हे नहीं पकड़ता तुमने ही संसार को पकड़ा है
मकान टुटा जाते है तो तुम रोते हो लेकिन जब तुम चले
जाओगे तो मकान से एक भी अंशु नहीं गिरेगा मकान
को कुछ फर्क नहीं पड़ता।
राधा मुरली-तान सुनावें
छीनि लियो मुरली कान्हा से
कान्हा मंद-मंद मुस्कावें
राधा ने धुन,प्रेम की छेड़ी
कृष्ण को तान पे,नाच नचावें।
***जय श्री राधे कृष्णा***
किसी की सूरत बदल गई, किसी की नियत बदल गई,
जब से तूने पकड़ा मेरा हाथ “राधे” मेरी तो किस्मत ही बदल गई।
Radha Krishna love quotes in Hindi with images
राधा ने किसी और की तरफ
देखा ही नहीं
जब से वो कृष्ण के प्यार में खो गयी
कान्हा के प्यार में पड़ गयी
और खुद प्यार की परिभाषा हो गयी।
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आएंगे,
एक बार आ गए तो कभी नहीं जायेंगे।
एक तरफ साँवले कृष्ण, दूसरी तरफ राधिका गोरी
जैसे एक-दूसरे से मिल गए हों चाँद-चकोरी।
प्रेम मृत्यु के बाद मोक्ष पाने का मार्ग नहीं प्रेम जीवन में जीवन जीने की अनुभूति है..!
रिश्तो की लंबीकतारों ��े क्या लेना, दिल से हो तोमेरा कृष्ण ही काफी है – जय श्री कृष्णा !
एक तरफ साँवले कृष्ण, दूसरी तरफ राधिका
गोरीजैसे एक-दूसरे से मिल गए हों चाँद-चकोरी।
श्याम की बंसी जब भी बजी है,
राधा के मन में प्रीत जगी है।
एक तरफ साँवले कृष्ण, दूसरी तरफ राधिका गोरी,
जैसे एक-दूसरे से मिल गए हों चाँद-चकोरी।
प्यार मे कितनी बाधा देखी,
फिर भी कृष्ण के साथ राधा देखी..!!
जिस इंसान ने कभी ग़लती नहीं की उसने.. कभी कुछ नया करने की कोशिश ही नहीं की।
राधे राधे, राधे कृष्ण
राधा की कृपा, कृष्णा की कृपा, जिस पर हो जाए,
भगवान को पाए, मौज उड़ाए, सब सुख पाए।
राधा के सच्चे प्रेम का यह ईनाम हैं,
कान्हा से पहले लोग लेते राधा का नाम हैं।
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Gam Bhari shayari in Hindi July 2021- गम भरी शायरी हिंदी में
गम भरी शायरी हिंदी में पढ़ना तो सभी पसंद करते है तो आपकी इसी पसंद के लिए हम अप्पके लिए लाये 2000+ गम भरी शायरी हिंदी में शायरी जिन्हे आप अपने दोस्तों गर्लफ्रेंड है और अपने फेसबुक पर स्टेटस डाल सकते हो फोटो को डाउनलोड करके तो एन्जॉय करे हमारी इस वेबसाइट को
haal kaisa hai aur mizaaj kaisa hai
kal to kal tha bata aaj kaisa hai
hamare saher main hai mohabbat ke dushman
tum batao tumhare saher main riwaaj kaisa hai
फना होने की इजाजत ली नहीं जाती
ये मोहब्बत है जनाब पूछ के की नहीं जाती
मैं रेत नही जो मुट्ठी से फिसल जाऊ ,
वक़्त लगता है मुझे अपनों से बिछड़ने में
Apno Ki Chahato Ne Diya Kuch Aesa Fareb
Ki Rote Rhe Lipatkar Har Ek Aznabi Se Hum
Aaya Hi Tha Khyal Ki Aankhen Chalak Gyi
Aansu Kisi Ki Yaad Ke Kitne Kareeb Hai
Agar Koi Ladka Kisi Ladki Ke Liae Rota Hai
To Smajh Lo Usse Jyada Pyaar Use Koi Kar Nhi Sakta
insaan ko apne be bus hone ka andaza tab hota hai
jab wo kisi apno ko dekhne ke liye taras jaya katra hai
Wo Mujhse Puchti Hai Door Jakar Khush Ho Na
Aankhe Pochkar Kahta Hoon Haan Bhut Khoosh Hoon Mai
वक्त पहचान लेगा तेरे इरादों को ,
कोशिश हजार कर लो छुपा नही पाओगे
राह चलते हुए अक्सर यह गुमां होता है
वो नज़र छुपके मुझे देख रही हो जैसे.
जरूरत हो तभी जलाओ अपने आप को
उजालों में चिरागों की अहमियत नहीं होती
DIL TODNE WALI SHAYARI
सुकून ऐ दिल के लिए कभी हाल तो पूँछ ही लिया करो
मालूम तो हमें भी है कि हम आपके कुछ नहीं लगते
wo tere saher main aate hai dhadakna dil ka
har gali yaar mere teri gali ho jaise
बेवफा कहने से पहले मेरी रग रग का खून निचोड़ लेना
कतरे कतरे से वफ़ा ना मिले तो बेशक मुझे छोड़ देना
cahere pe banawat ka gussa aue aakhon me piyaar bhi hai
is shauk ada ko kya kahiye inkaar bhi iqraar bhi hai
यहाँ लोगो ने खुद पर इतने परदे दाल रखे है
किसी के दिल में क्या है नज़र आना बी मुश्किल है
मन के ख्वाब में मुलाक़ात होगी उनसे
पर यहाँ तो उसके बिना नींद आना बी मुश्किल है
andhere ab nahi daste ujale waar karte hai
wo dushman bhi nahi karte jo ab yaar karte hai
uff uske rothne ki adayen bhi gajab ki thi
baat baat pe ye kahena soch lo phir mein baat nahi karungi
उफ़ उसके रोठने की अदाएँ भी गजब की थी
बात बात पे ये कहना शोच लो फिर मैं बात नहीं करूंगी
wo anjaan chala hai jannat ko paane ki khatir
be khabar ko ith,tela kar do ki maa baap ghar par hai
वो अनजान चला है जन्नत को पाने की खातिरबे
खबर को इत्तेला कर दो की माँ बाप घर पर है
फूल सूखे हुए गुलदान से कब निकलेंगे
जिंदग��! हम तेरे एहसान से कब निकलेंगे
behte huwe ashkon kirawani nahi dekhi
maine gume-hazaron ki kahani nahi dekhi
jis din se mere haath se chuta hai tera haath
us din se koi shaam suhani nahi dekhi
मै नासमझ ही सहीं मगर वो तारा हूं
जो तेरी एक ख्वाहिश के लिये..सौ बार टूट जाऊं
zindagi tere kis kis baat par bharosha karo
shauk mujhe jeene ka hai par itna bhi nahi
खुद को कुछ इस तरह तबाह किया
इश्क़ किया क्या ख़ूबसूरत गुनाह किया
जब मुहब्बत में न थे तब खुश थे हम
दिल का सौदा किया बेवजह किया
फुर्सत में याद करना हो तो कभी मत करना
मैं तनहा ज़रूर हु मगर फुजूल नहीं
किसी को औकात याद दिलने के लिए जो अलफ़ाज़
हमारी जबान से निकलते है
वो दर हकीक़त दूसरों को हमारी औकात बता रहे होते है
mujhe kaafir kahoge to tumhara kya hoga
mera bhi wahi khuda nikla to tumhara kya hoga
होने दो तमाशा मेरी भी ज़िन्दगी का
मैंने भी मेले मैं बहुत तालियाँ बजाई हैं
ये कयाम कैसा है रह में तेरे इश्क को किया हुआ
अभी चार काटें चुभे नहीं तेरे सब इरादे बदल गए
हर बात तेरी मानु न मुमकिन है
जिद छोड़ दे ए दिल अब तो बचचा नहीं रहा
मुझे ज़िन्दगी की दुआ देने वाले
हंसी आ रही है तेरी सादगी पर
दोस्त वो है जो दोस्ती का हक दोस्त की गैर मौजूदगी में अदा करे
और गैरों की महफिल में उसकी इज्ज़त की हिफाज़त करे
मिलती ही नहीं मुझे इस दुनियां के लिए फुरसत
सोये तो ख़्वाब तुम्हारा जागे तो ख्याल तुम्हारा
Gum Bhari Shayari
suna hai haaton main mahendi rachye phirti hai
jo mujh se kehti thi bichede to nas kaar lunngi
न हमसफ़र न किसी हमनशीं से निकलेगा
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा
tumse mohabbat thi bataya saare jahan ko
bus yahi baat tumko batana bhul gaye
humne mita diya jahan bhi likha tera naam
magar use apne dil se mitana bhul gaye
उसकी चाहत में हम रुस्वा सर-ऐ-बाजार ह�� गए
दिल भी हमने खोया और हम ही गुनहगार हो गए
Itni tehzeeb se pesh aana aadat hai tumhari
Ya mujhe qatal karne ki sazish hai tumhari
गलतफहमी की गुंजाईश नहीं सच्ची मोहब्बत में
जहाँ किरदार हल्का हो कहानी डूब ही जाती है
दिल पे आए हुए इल्ज़ाम से पहचानते हैं
लोग अब मुझ को तेरे नाम से पहचानते हैं
वो इश्क़ जो था कभी जूनून,उसे रोजगार बना लिया
कही जख्म बेच के आ गया कही कोई शेर सुना दिया
hamein pasand nahi har kisi par fida hone ki saheb
tumhara andaaz gajab ka tha hum sabhal na sake
धोखा देती है अक्सर मासूम चेहरे की चमक
हर काँच के टुकड़े को हीरा नहीं कहते
hum itne bhi nahi badle ke bhul jayenge apno ko
jab koi muntazar hi na ho rabta accha nahi lagta
जो जिने की वजह है वो इश़्क है तेरा
जो जिने नही देता वो भी इश़्क है तेरा
na tujhe meri tanhaiyon ki fikar hai nah i bichadne ka gum hai
dil phir bhi ye samjhta hai ke to chahta hai mujhe apn ki tarah
नमक भर के मेरे जख्मो में,तुम क्या मुस्कुराते हो
मेरे जख्मो को देखो,मुस्कुराना इसको कहते है
बेनूर सी लगती है उससे बिछड़ के जिंदगी
अब चिराग जलते हैं मगर उजाला नहीं करते
दुश्मनोँ ने दोस्ती का सिलसिला रहने दिया
उसके सारे खत जला दिये,फिर भी पता रहने दिया
in aakhon main bhi thi kabhi kisi heer ki tamanna
ye uljha huwa ladka bhi kabhi raanja huwa karta tha
इश्क़ में नशे में मैं चूर होता जा रहा हूँ
मैं तुम्हे लिखते लिखते मशहूर होता जा रहा हूँ
mujhe chhodne ka faisla roz karta hai wo shaks
magar is ka bus nahi chalta meri wafa ke samne
tujhe kya lagta hai mujhe teri yaad nahi aati pagal
koi apni barbadi kaise bhul sakta hai
मुहब्बत करने से फुर्सत नहीं मिली यारों
वरना हम करके बताते नफरत किसे कहते हैं
jo khumaar hai tere ishq ka use maut kaise fanaa kare
wo to pahle maut se mar gaya tere ishq main jo zeba kare
क्या हसीन इत्तेफाक़ था तेरी गली में आने का
किसी काम से आये थे किसी काम के ना रहे
jis din tumhare naam par meri aankhon se bheeg jana chhod diya
us din apna har dard tumhein maaf kar dunga
आज टूट गया हूँ,तो बचकर निकलते हो
कल आईना था तो रुक-रुक कर देखते थे
RULANE WALI SHAYARI
महसूस करोगे तो हर जजबात समझ में आ जायेगा
लब्ज नहीं लहजे बयां करते है की मोहब्बत में गहरायी कितनी है
zindagi tujh ko mubarakh ho meri zindagi ke dard ka har ek pahel
kis tarah se gujari hai ye zindagi bus sirf khuda janta hai
अंदाज़ा मेरी मोहब्बत का सब लगा लेते हैं
जब तम्हारा नाम सुनकर हम मुस्कुरा देते हैं
khamosh reh kar saza kaate hai gunaho ki tarah
kasoor itna tha sirf ke be kasoo the hum
rukhta bhi nahi thik se chalta bhi nahi
ye dil tere baad sabhalta bhi nahi hai
ye saher kis aayine ka darbaan hai
ilzaam lagate huwe darta bhi nahi
मजबूर नही करेंगे तुझे वादे निभानें के लिए
बस एक बार आ जा अपनी यादें वापस ले जाने के लिए
libaas ishq pahen kar qalandar ki tarah
teri yaad ke zahn main naachte hai dewano ki tarah
ख़याल जिसका था ख़याल में मिला मुझे
सवाल का जवाब भी सवाल में मिला मुझे
mujhe aksar apno se chahat ka shikwa raheta hai
Q k apno ne kabhi nahi chaha mujhe apno ki tarah
मै कोई छोटी सी कहानी नहीं था
बस पन्ने ही जल्दी पलट दिए तुमने
kasam lelo tumhare baad kisi ka khuwaab dekha ho
kisi ko chaha ho kisi humne socha ho kisi ki aazro ki ho
thudi si Mohabbat use bhi hogi
waqt sirf dil todhne ke liye kon barbaad karta hai
dukh hota hai hamein sirf is baat ka
hum to sharabi the par hush wale kaise hamein bhul gaye
वक़्त मिले तो कभी रखना कदम दिल के आँगन में
हैरान रह जाओगे मेरे दिल में अपना मुकाम देख कर
mujhe kaise yaqeen aye mohabbat tum bhi karte ho
tumein jab bhi dekha hai muskurate huwe dekha hai
बक्श देता है खुदा उनको जिनकी किस्मत खराब होती है
वो हरगिज़ नहीं बक्शे जाएंगे जिनकी नियत खराब होती है
na jane us shaks ko ye kaisa huner aata hai
raat hoti hai to aakhon main uthar jata hai
सौ दर्द हैं महोब्बत में बस एक राहत हो तुम
नफ़रतें बहुत हैं जहाँ में बस एक चाहत हो तुम
MOHABBAT STATUS
zaruri to nahi ke suraj sawera neze par aa jaye
badal jaye koi apna to qayamat toot padhti hai
गम की परछाईयाँ यार की रुसवाईयाँ
वाह रे मुहोब्बत तेरे ही दर���द और तेरी ही दवाईयां
kuch der ke liye muhe apni bahon main sulale
agar aankh khuli to utha dena na khuli to dafna dena
उन पंछियों को कैद में रखना आदत नही हमारी
जो हमारे दिल के पिंजरे में रहकर गैरों के साथ उड़ने का शौक रखते हों
tumhari nafrat pe bhi luta di apni jaan humne
socho agar wafa karte to hum kya karte
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भाभी की फ्रॉक उठा के चोदा
भाभी की फ्रॉक उठा के चोदा
डिअर फ्रेंड आज मैं आपको एक कहानी शेयर कर रहा हु, ये कहानी मेरे पडोश में रहने बाली लेडी का है, बड़ी ही मस्त चीज़ है यार, गोरा बदन बड़ी बड़ी टाइट और उभरी हुयी ��ूचियाँ, किसी का भी मन डोल जाए देख के अगर आपने एक बार देख लिया तो बिना मुठ मारे या तो चुदाई किये आप रह नहीं सकते.
मैं भी फ़िदा हो गया और छोड़ दिया ये वाक्या कैसे हुआ वो मैं आपको बता रहा हु, पर मैं पहले अपने बारे में बता दू, मेरा नाम शेखर है, दिल्ली में रहता हु, मेरी शादी अभी नहीं हुई है, पर मैंने चूत का रस चाट चुका हु कई बार, अब तो उसी माल पे हाथ साफ़ करता हु जो बड़ी ही जबरदस्त हो, आज ही मेरा ये ख्वाइश पूरा हो गया,
रश्मि भाभी मेरे फ्लैट के ऊपर बाली फ्लोर में रहती है, एक दिन मैं कोचिंग से आकर आराम कर रहा था, तभी उनके यहाँ जो काम करने बाली आती है वो बेल्ल बजाई, और बोली भैया आपको ऊपर बाली भाभी बुला रही है, और वो निचे चली गयी. मैं ऊपर जाके के बेल्ल बजाया तो भाभी निकली, मैं हैरान रह गया वो फ्रॉक पहनी थी, गजब की सुन्दर लग रही थी, फ्रॉक भी घुटने के ऊपर तक ही ही, गजब की गोरी गोरी पैर, चूच टाइट, गले के पास से बीच में चूच का दरार, गजब की लग रही थी, मैंने कहा हां जी भाभी आपने बुलाया, बोली हां, देखिये ना आपके भैया गुडगाँव चले गए है, और गैस सिलेंडर चेंज करना है, मेरे से लग नहीं रहा है, आप मेरी मदद कर दीजिये प्लीज. मैंने कहा इसमें प्लीज की कोई बात नहीं, चलिए और मैंने किचन में दाखिल हो गया,
नयी सेक्स स्टोरी- भाभी की चूत का गुलाबी छेद
मैंने सिलेंडर बहार निकला और भरा हुआ सिलेंडर लगा दिया, वो बोली आपका बहुत बहुत धन्यबाद, तो मैंने कहा नहीं जी, ये तो मेरा पडोशी होने का फ़र्ज़ है, आपके आक्म आऊँ तो भाभी बोल उठी अच्छा और आप किस किस काम में आ सकते हो, तो मैंने मुस्कुरा के बोला आपका कोई भी काम होगा मैं हाज़िर हु, भाभी बोली मैं भी यही आशा रखती हु, बैठिये मैं आपके लिए कोल्ड ड्रिंक्स लाती हु, मैं सोफे पे बैठ गया, वो फ्रीज़ से ठंडा निकले मैं तो उन्हें ही निहार रहा था, क्यों की आजतक मैं किसी औरत को फ्रॉक पहने नहीं देखा था, बड़ी ही गजब लग रही थी.
वो फिर सोफे पे ही बैठ गयी, मैंने कहा भाभी आप फ्रॉक में बड़े ही हॉट लग रहे हो, तो भाभी बोली अच्छा हॉट लग रही हु तो जल मत जाना, मैंने कहा मैं तो जल जाना पसंद करूंगा अगर आप जलाने के लिए राज़ी हो जाओ तो. तो भाभी बोली अच्छा जी, क्या बात है कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है, मैंने कहा नहीं भाभी कोई नहीं है, तभी तो भाभी बोली, कोई बात नहीं आज मैं गर्ल के तरह लग भी रही हु फ्रॉक में आज मैं आपकी गर्ल फ्रेंड बन जाती हु, मैंने कहा ये तो मेरा सौभाग्या होगा, बोली कहो फिर गर्ल फ्रेंड को क्या करना है?
मैंने कहा अगर सच में मेरी गर्लफ्रेंड होती तो मैं सबसे पहले किश करता तो वो बोल उठी तो मना किसने किया, मैं बोली ना मैं आपकी गर्ल फ्रेंड हु, मैंने भाभी के गाल पे एक हल्का से चुम्मा लिया, वो बोली बस इतना ही, मैंने कहा नहीं ये तो सुरुआत है. फिर मैंने उनके होठ पे किश किया वो मुझे नशीली निगाहों से देखने लगी, मैं अपना होशो हवाश खो दिया, और मैंने उनको अपने बाहों में भर लिया, और जल्दी जल्दी किश करने लगा. वो भी मुझे पकड़ ली और सोफे पे ही मुझे धक्का दे दी और मेरे ऊपर चढ़ के किश करने लगी, वो अपनी मैंने उनके फ्रॉक को ऊपर उठाया और चूतड़ पकड़ के मैंने अपने लंड के करीब ला के धक्का लगाया तभी भाभी बोली अच्छा जी पेंटी के ऊपर से ही घुसा दोगे क्या? मैंने कहा हां जी मेरा लंड काफी टाइट हो गया है ये अभी किसी भी चीज़ को फाड़ सकता है. और दोनों और भी जोर से एक दूसरे को पकड़ लिए.
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भाभी बोली चलो बेड रूम में फिर मैं भहि को अपने गोद में उठाया और बेड पे जाके पटक दिया और दोनों पैर को फैलाकर पेंटी निकाल दी, और मैं वही करने लगा जो की मेरा फेवरेट है, बूर का रस पीना, ओह्ह्ह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह नमकीन नमकीन मज़ा गया ओह्ह्ह ओह्ह्हो ओहू.
भाभी भी मोइन करने लगी इस्स्स इस्स्स्स आऊच उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् हाईईईईईईई चाटो चाटो प्लीज चाटो जीभ अंदर फिराओ, मैं वही करने लगा, मैंने थोड़ा ऊपर चढ़ा और चूच को दबाया भाभी बोली, फोरक खोल देती हु, वो फिर बैठ के फ्रॉक खोल दी, मैंने ब्रा का हुक खोलते ई टूट पड़ा, कभी एक चूची कभी दूसरी चूची मुह में ले रहा था निप्पल काट रहा था, कभी हिला रहा था, वो और भी सेक्सी होने लगी.
फिर भाभी बोली अब और मत तड़पाओ प्लीज, चोद दो मुझे, फाड़ दो मेरे बूर को, मैंने भाभी के पैर को ऊपर उठाया और बीच में लंड रख के पेल दिया, मेरा लंड बड़ा ही मोटा और लंबा हो गया था, भाभी बोली ये हुई ना बात, मस्त लंड है, और वो गांड उठा उठा के चुदवाने लगी, मैंने पेले जा रहा था, वो चुद रही रही उनका बूर पानी पानी हो गया था मैंने लंड निकाला और सारा पानी चाट गया, फिर लंड को बूर के मुह पे रख के कस के धक्का दिया और अब जोर जोर से जल्दी जल्दी, वो हाय है है करने लगी, मैंने चोद रहा था वो चुदवा रही थी मैं ऊपर से धक्के देता वो निचे से धक्के देती, आखिर कार एक लम्बी आह लेके भाभी मुझे पकड़ ली मैंने भी जोर जोर से चालु रखा और मेरा वीर्य सारा उनके बूर में समा गया और एक साथ शांत हो गए.
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दोनों एक दूसरे को पकड़ के करीब १० मिनट तक सोये रहे, फिर भहि मेरे होठ पे किश की, और बोली कल दोपहर को फ्री रहोगे? मैंने कहा हां, तो बोली आ जाना, सिर्फ ६ बजे के बाद मत आना क्यों की आपके भैया आ जाते है जब तक वो घर पे नहीं है मैंने तुम्हारी हु,
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मेरे दर्द मुझसे आज केह उठा क्यूं परेशान है खुद ही तो सबसे बोलती है सब ठीक होगा फिर आज क्यूं खुद परेशान है... अब क्या जवाब दूं कभी यूंही लगता है ज़िन्दगी चल रही है पर कहा किस मोड़ पे पता नहीं है कहा जाना है कोई रास्ता भी तो दिखता नहीं मां पापा की सुनूं या दिल की पता नहीं सपने कुछ ऐसे चलते हैं कि पता नहीं कहा मंज़िल है रोज़ अपने से सवाल करती हूं पर कोई जवाब नहीं मिल पाया दुंडती हूं नया सवेरा पर शाम तक वो नहीं चल पाता दर्द बोला सुन्न पगली यही तो ज़िन्दगी है अगर सब जवाब सामने हो तो सवाल का मज़ा क्या ज़िन्दगी अगर रोज़ नया पाठ पढ़ाती है उसमे जवाब भी तो ढूंढ कर देती है तू बस चलती जा चलती जा में तुझे समझने बैठा तो हूं में मुस्कुरा चल पड़ी अपनी मंज़िल की ओर......!!!!!! . . . ( English translation) . . Why did my pain arise today Why are you upset at all? You Says everything will be fine then today Why bother yourself… Now what should I answer Sometimes I feel like life is going on But where I don't know which turn it will take I don't know There is no other way I could see sometimes.. Should I listen to my parents or heart's I don't know that my dreams going to which direction Don't know where is the destination? I question myself every day But could not find an answer I can not walk till evening in the new morning Pain said this is life.... If all the answers are there then what is the fun of the question If life teaches new lessons everyday It's give you the way to find the answer You just keep going I am here to understand you I smiled and walked towards my destination …… . . . . #shubhchetna #shubh_chetna #justathought (at Solo) https://www.instagram.com/p/CDI0Z_HFzbX/?igshid=boxqw9723uuv
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. "व्रजरज के लड्डू" एक बार ऋषि दुर्वासा बरसाने आए। श्री राधारानी अपनी सखियों संग बाल क्रीड़ा में मग्न थीं। छोटे छोटे बर्तनों में झूठ मूठ भोजन बनाकर इष्ट भगवान श्री कृष्ण को भोग लगा रही थीं। ऋषि को देखकर राधारानी और सखियाँ संस्कार वश बड़े प्रेम से उनका स्वागत किया। उन्होंने ऋषि को प्रणाम किया और बैठने को कहा। ऋषि दुर्वासा भोली भाली छोटी-छोटी कन्यायों के प्रेम से बड़े प्रसन्न हुए और उन्होंने जो आसान बिछाया था उसमें बैठ गए। जिन ऋषि की सेवा में त्रुटि के भय से त्रिलोकी काँपती हैं, वही ऋषि दुर्वासा की सेवा राधारानी एवं सखियाँ भोलेपन से सहजता से कर रही हैं। ऋषि केवल उन्हें देखकर मुस्कुरा रहे। सखियाँ कहतीं हैं- "महाराज !आपको पता है हमारी प्यारी राधारानी बहुत अच्छे लड्डू बनाती हैं। हमने भोग अर्पण किया है। अभी आपको प्रसादी देती हैं।" यह कहकर सखियाँ लड्डू प्रसाद ले आती हैं। लड्डू प्रसाद तो है, पर है ब्रजरज का बना, खेल-खेल में बनाया गया है। ऋषि दुर्वासा उनके भोलेपन से अभिभूत हो जाते हैं। हँसकर कहते हैं-"लाली ! प्रसाद पा लूँ ? क्या ये तुमने बनाया है ?" सारी सखियाँ कहती हैं- "हाँ ऋषिवर ! ये राधा ने बनाया है। आज तक ऐसा लड्डू आपने नही खाया होगा।" मुँह मे डालते ही परम चकित,शब्द रहित हो जाते हैं। एक तो ब्रजरज का स्वाद, दूजा श्री राधा जी के हाथ का स्पर्श। लड्डू अमृत को फीका करे ऐसा स्वाद लड्डू का। ऋषि की आँखों में आँसू आ जाते हैं। अत्यंत ��्रसन्न हो वो राधारानी को पास बुलाते हैं, और बड़े प्रेम से उनके सिरपर हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं- "बेटी आज से तुम अमृत हस्ता हुई। तुम्हारे हाथ के बनाए भोजन को पानेवाला दीर्घायु और सदा विजयी होगा।" ऋषि दुर्वासा धन्य हैं जिनके आशीर्वाद ने श्रीराधा-कृष्ण की अत्यंत मधुर्यमयी भावी लीला के लिए मार्ग प्रशस्त किया। "जय जय श्री राधे" सभी भक्त हमारे Youtube चैनल से भी जुड़ जाएं | जय श्री राधे कृष्णा https://www.youtube.com/channel/UCtVviRtdm_A1-MXKVK27lSQ #radheradheje #jaishreeradheradheje #kirshna #spirituality #inspiration #devotional #prem #bhakti #devichitralekhaji #motivation https://www.instagram.com/p/CBVTVD4ATbt/?igshid=1dbpeufttq6rj
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कहानी- जहां न पहुंचे रवि... (Short Story- Jahan N Pahunache Ravi…)
मैं स्तब्ध खड़ी रह गई थी. मेरा बुद्धिजीवी तार्किक मस्तिष्क संज्ञाशून्य हो गया था. तकनीक और विज्ञान हमें चांद-सूरज पर पहुंचा सकता है, पर किसी के दिल तक पहुंचने के लिए तो एक संवेदनशील दिल ही चाहिए.
बेटे पिंटू को फिज़ियोथेरेपी के लिए ले जाते हुए यह मेरा छठा दिन था. खेलते व़क्त गिर जाने के कारण उसके घुटने की सर्जरी हुई थी और अब फिर से अपने पैरों पर खड़े होने के लिए उसे लगभग दो महीने की फिज़ियोथेरेपी की आवश्यकता थी. फिज़ियोथेरेपी सेंटर लगभग पूरे दिन ही खुला रहता था, इसलिए मैं अपनी सुविधानुसार सुबह, दोपहर, शाम- कभी भी उसे लेकर वहां पहुंच जाती थी. कभी नए चेहरे नज़र आते, तो कभी रोज़वाले ही परिचित चेहरे. कुछ स्वयं चलकर आने वाले होते, कुछ को छोड़ने और लेने आनेवाले होते थे, तो कुछ मेरे जैसे भी थे, जो आरंभ से अंत तक पेशेंट के साथ ही बने रहते थे. मैं और पिंटू जल्द ही वहां के माहौल में अभ्यस्त होने लगे थे.
लगभग हर उम्र, धर्म और आर्थिक स्तर के स्त्री-पुरुष वहां आते थे. मैंने गौर किया अधिकांश पुरुष और कुछ महिलाएं तो आते ही अपने-अपने मोबाइल पर व्यस्त हो जाते. वाट्सऐप, फेसबुक, वीडियो गेम या फिर गाने सुनने में थेरेपी के उनके डेढ़-दो घंटे ऐसे ही निकल जाते. मैंने सोच लिया, अब से मैं भी सारे मैसेजेस वहीं देखा और भेजा करूंगी.
उस दिन यही सोचकर मैंने पर्स से मोबाइल निकालने के लिए हाथ बढ़ाया ही था कि पास के बेड पर लेटे एक बुज़ुर्ग सज्जन के सवाल ने मुझे चौंका दिया.
“एक्सीडेंट हुआ था क्या?”
“ज...जी. खेलते व़क्त घुटने का लिगामेंट रप्चर हो गया था. सर्जरी हुई है.” न चाहते हुए भी मेरे चेहरे पर 9 वर्षीय पिंटू के लिए चिंता की लकीरें उभर आई थीं.
“अरे, चिंता मत करो. जिस तरह अच्छा व़क्त जल्दी गुज़र जाता है, उसी तरह बुरा व़क्त भी ज़्यादा दिन नहीं ठहरता. जल्दी ठीक हो जाएगा. इस उम्र में रिकवरी जल्दी होती है. समस्या तो हम जैसों के साथ है.”
“आपको क्या प्रॉब्लम है?”
“फ्रोज़न शोल्डर्स! वैसे तो बुढ़ापा अपने आप में ही एक बीमारी है और उसमें भी कुछ समस्या हो जाए, तो लंबा खिंच जाता है. यहां आ जाता हूं, फिज़ियोथेरेपिस्ट की निगरानी में कुछ व्यायाम कर लेता हूं, मशीन से थोड़ी सिंकाई करवा लेता हूं, तो आराम मिल जाता है.”
“सही है. लोगों से मिलकर, बात करके थोड़ा मन भी बहल जाता होगा.” मैंने उनके समर्थन में सुर मिलाया.
“हां, पर आजकल लोगों के पास मिलने-बतियाने का व़क्त कहां है? देखो, सब के सब अपने-अपने मोबाइल पर व्यस्त हैं. मीलों दूर बैठे व्यक्ति को मैसेज पर मैसेज, फोटोज़ भेजते रहेंगे, पर मजाल है बगल में दर्द से कराहते व्यक्ति की ज़रा-सी सुध ले लें.”
इस बार मैं उनकी हां में हां नहीं मिला सकी. मेरे बुद्धिजीवी मस्तिष्क ने अपना तर्क रख ही दिया. “दर्द से ध्यान हटाने के लिए ही तो हर कोई अपने को मोबाइल में व्यस्त किए हुए है.”
“मतलब?”
“अब देखिए न अंकल, थेरेपी में थोड़ा-बहुत दर्द तो होता ही है. ध्यान गानों में, संदेश भेजने-पढ़ने में, फोटोज़ देखने में लगा रहेगा तो दर्द की अनुभूति कम होगी. मैंने इसीलिए तो पिंटू को हेडफोन लगा दिया है. ख़ुद मैं भी अपना मोबाइल ही चेक करने जा रही थी...”
“कि मैंने तुम्हें बातों में लगाकर तुम्हारा टाइम ख़राब कर दिया.” अंकल ने मेरी बात झटके से समाप्त करते हुए दूसरी ओर मुंह फेर लिया. शायद मैंने उन्हें नाराज़ कर दिया था.
“आह!” उनके मुंह से कराह निकली.
“देखिए, आपका ध्यान दर्द पर गया और दर्द महसूस होने लगा. इतनी देर मुझसे बातें करते हुए आपको दर्द का एहसास ही नहीं हो रहा था. बात स़िर्फ ख़ुद को व्यस्त रखकर दर्द से ध्यान बंटाने की है. देखिए, आपसे बातों-बातों में पिंटू की एक्सरसाइज़ पूरी भी हो गई. न उसे कुछ पता चला, न मुझे, वरना वो यदि दर्द से परेशान होता रहता, तो उसे तड़पता देख मैं दुखी होती रहती.”
यह भी पढ़े: रिश्तों का मनोविज्ञान (The Psychology Of Relationships)
केयरटेकर ने आकर अंकल की मशीन हटाई, तो उनके मुंह से निकल गया, “अरे, हो भी गई. आज तो पता ह�� नहीं चला.”
केयरटेकर सहित मेरे चेहरे पर भी मुस्कान दौड़ गई. अंकल झेंप गए.
“टेक्नोलॉजी इतनी बुरी भी नहीं है अंकल! हां, अति सर्वत्र वर्जयेत्.”
प्रत्युत्तर में अंकल मुस्कुरा दिए, तो मैं फूलकर कुप्पा हो गई. घर लौटकर मैंने यह बात अपने पति को बताई, तो वे भी मुस्कुराए बिना न रह सके.
“मतलब, वहां भी तुमने अपनी समझदारी का सिक्का जमाना आरंभ कर दिया है. सॉरी नीतू, घर के कामों के साथ-साथ पिंटू को लाने-ले जाने की ज़िम्मेदारी भी तुम्हें संभालनी पड़ रही है. क्या करूं? आजकल ऑफिस में वर्कलोड ज़्यादा होने से लगभग रोज़ ही लौटने में देरी हो जाती है. देखो, शायद अगले महीने थोड़ा फ्री हो जाऊं, तो फिर पिंटू को लाने-ले जाने की ज़िम्मेदारी मैं संभाल लूंगा.”
“अरे नहीं, मुझे कोई परेशानी नहीं है, बल्कि कुछ नया देखने-समझने को मिल रहा है.” मैंने उन्हें अपराधबोध से उबारना चाहा.
“ओहो! तो लेखिका महोदया को यहां भी कहानी का कोई प्लॉट मिल गया लगता है.”
पति ने चुटकी ली, तो मैं मन ही मन इनकी समझ की दाद दिए बिना न रह सकी. वाकई इस एंगल से तो मैंने सोचा ही नहीं था. सेंटर में तो इतने तरह के कैरेक्टर्स मौजूद हैं कि कहानी क्या, पूरा उपन्यास लिखा जा सकता है. मैं अब और भी जोश के साथ पिंटू को सेंटर ले जाने लगी. पर उन अंकल से फिर बातचीत नहीं हो सकी. एक-दो बार आते-जाते आमना-सामना ज़रूर हो गया था, पर हम मुस्कुराकर आगे बढ़ गए थे. उन्हें जाने की जल्दी थी, तो मुझे आने की. इस बीच मेरा जन्मदिन आया, तो पति ने मुझे उपहारस्वरूप किंडल लाकर दिया.
“इसमें तुम कोई भी क़िताब सॉफ्ट कॉपी के रूप में स्टोर कर कहीं भी पढ़ सकती हो. हैंडल करने में बेहद सुविधाजनक.”
स्मार्टफोन, चश्मे के अलावा अब किंडल भी मेरे हैंडबैग की एक आवश्यक एक्सेसरी हो गई थी. सेंटर में मेरा व़क्त और भी आराम से गुज़रने लगा था. पिंटू के घुटने में भी काफ़ी सुधार था. मुझे किंडल पर व्यस्त देख वह मज़ाक करता.
“ममा, आप अपना लैपटॉप भी साथ ले आया करो. यहीं स्टोरी टाइप कर लिया करो.”
“नहीं, इतना भी नहीं.” मैं मुस्कुरा देती. पर्स में किंडल आ जाने के बाद से मेरी आंखें उन अंकल को और भी बेचैनी से तलाशने लगी थीं. शायद मैं उन्हें उन्नत टेक्नोलॉजी का एक और अजूबा दिखाने के लिए बेक़रार हो रही थी. उनसे उस दिन की मुलाक़ात न जाने क्यों मेरे दिल में बस-सी गई थी, आख़िर मेरी मुराद पूरी हो ही गई. उस दिन पिंटू को फिज़ियोथेरेपिस्ट के हवाले कर मैंने किंडल पर अपना अधूरा नॉवल पढ़ना शुरू ही किया था कि एक परिचित स्वर ने मुझे चौंका दिया. देखा तो अंकल थे.
“अंकल, आप कैसे हैं? कितने दिनों बाद फिर से मुलाक़ात हुई है?”
“हां, बीच में कुछ दिन तो मैं आया ही नहीं था. विदेश से बेटी-दामाद आए हुए थे. उनके और नाती-नातिन के संग दिन कब गुज़र जाता था पता ही नहीं चलता था. भगवान का शुक्र है उस समय कंधों में कोई दर्द नहीं हुआ.”
मैं मुस्कुरा दी. “अंकल दर्द तो हुआ होगा, पर आप बेटी और उसके बच्चों में इतने मगन थे कि आपको दर्द का एहसास ही नहीं हुआ.” अंकल हंसने लगे थे. “तुमसे मैं तर्क में नहीं जीत सकता बेटी. अपनी बेटी को भी मैंने तुम्हारे बारे में बताया था. कहने लगी ठीक ही तो कह रही हैं वे. कब से आपसे कह रही हूं कि इस बटनवाले मोबाइल को छोड़कर स्मार्टफोन ले लीजिए. आपका मन लगा रहेगा और हमें भी तसल्ली रहेगी. वह तो ख़ुद लाने पर उतारू थी, पर मैंने ही मना कर दिया. मेरे भला कौन-से ऐसे यार-दोस्त हैं, जिनसे वाट्सएप पर बातें करूंगा. जो दो-चार हैं, वे मेरे जैसे ही हैं, जो या तो ऐसे ही मिल लेते हैं या फोन पर बातें कर लेते हैं. अपना पुराना लैपटॉप वह पिछले साल आई थी, तब यहीं छोड़ गई थी. उस पर स्काइप पर बात कर लेती है. बाकी सुबह-शाम टीवी देख लेता हूं. मोबाइल में जितने ज़्यादा फंक्शन होंगे, मेरे लिए उसे हैंडल करना उतना ही मुश्किल होगा. शरीर संभल जाए वही बहुत है. और पिंटू बेटा कैसा है? ठीक है? यह तुम्हारे हाथ में क्या है?”
“यह किंडल है अंकल!” मैं उत्साहित हो उठी थी. “मेरे हसबैंड ने मुझे बर्थडे पर गिफ्ट किया है. मुझे पढ़ने-लिखने का बहुत शौक़ है न, तो इसलिए.” मैं उत्साह से उन्हें दिखाने लगी, तो आसपास के कुछ और लोग भी उत्सुकतावश जुट आए.
“यह देखिए. यह मैंने इसमें कुछ क़िताबें मंगवाई हैं. अब ये इसमें सॉफ्ट कॉपी के रूप में उपलब्ध हो गई हैं. मेरा जब जहां मन चाहे खोलकर पढ़ने लग जाती हूं मोबाइल की तरह. यह भी बैटरी से चार्ज होता है. मेरी अपनी लिखी क़िताब भी सॉफ्ट कॉपी के रूप में इसमें उपलब्ध है. आप कभी पढ़ना चाहें तो!”
“वाह, क्या टेक्नोलॉजी है!” आसपास के लोग सराहना करते धीरे-धीरे छितरने लगे, तो मेरा ध्यान अंकल की ओर गया. अंकल किसी गहरी सोच में डूबे हुए थे.
“क्या हुआ अंकल?”
“अं... कुछ नहीं. मैंने तुम्हें बताया था न कि बेटी ने स्मार्टफोन दिलवाने की बात कही थी और मैंने इंकार कर दिया था. तब वह यही, जो तुम्हारे हाथ में है- किंडल, यह भेजने की ज़िद करने लगी. दरअसल, उसने मुझे उसकी मां की डायरी पढ़ते देख लिया था.”
“आपकी पत्नी डायरी लिखती हैं?” मैंने बीच में ही बात काटते हुए प्रश्न कर डाला था.“लिखती है नहीं, लिखती थी? दो वर्ष पूर्व वह गुज़र गई.”
“ओह, आई एम सॉरी!”
अंकल, शायद किसी और ही दुनिया में चले गए थे, क्योंकि मेरी प्रतिक्रिया पर भी वे निर्लिप्त बने रहे और पत्नी की स्मृतियों में खोए रहे.
“उसके जीते जी तो कभी उसकी डायरी पढ़ने की आवश्यकता महसूस ही नहीं हुई. बहुत जीवंत व्यक्तित्व की स्वामिनी थी तुम्हारी आंटी. बेहद हंसमुख, बेहद मिलनसार, बेहद धार्मिक... हर किसी को अपना बना लेने का जादू आता था उसे. मैं ज़रा अंतर्मुखी हूं, लेकिन वो हर व़क्त बोलती रहती थी. पर कैंसर के आगे उसकी भी बोलती बंद हो गई.”
“क्या? कैंसर था उन्हें?”
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“ख़ूब लंबा इलाज चला. अपनी जिजीविषा के सहारे वो लंबे समय तक उस भयावह बीमारी से संघर्ष करती रही, पर अंत में थक-हारकर उसने घुटने टेक दिए. उसके दिन-प्रतिदिन टूटने का सफ़र याद करता हूं, तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं. तुम उस दिन फिज़ियोथेरेपी के दर्द के व़क्त ध्यान दूसरी ओर लगाने की बात कर रही थी न? तुम्हारी आंटी के कीमोथेरेपी के दर्द के सम्मुख यह दर्द कुछ भी नहीं है. मैं तो उस व़क्त आंखें बंद कर बस उसका ध्यान कर लेता हूं. उसका हंसता-मुस्कुराता जीवंत चेहरा मेरी स्मृति में तैर जाता है और मैं सब भूलकर किसी और ही दुनिया में पहुंच जाता हूं.”
अंकल को भावुक होते देख मैंने उनका ध्यान बंटाना चाहा. “आप उनकी डायरी के बारे में बता रहे थे.”
“हां, उसके जाने के बाद मैंने एक दिन वैसे ही उसकी डायरी खोलकर पढ़ना शुरू किया, तो हैरत से मेरी आंखें चौड़ी हो गई थीं. भावनाओं को इतनी ख़ूबसूरती से शब्दों में पिरोया गया था कि मैं उसकी सशक्त लेखनी की दाद दिए बिना नहीं रह सका. किसी कवयित्री की कविता से कम नहीं है उसकी डायरी. एक-एक शब्द जितनी शिद्दत से काग़ज़ पर उकेरा गया था, पढ़ते व़क्त उतनी ही गहराई से दिल में उतरता चला जाता है. जाने कितनी बार पढ़ चुका हूं, पर मन ही नहीं भरता. दिन में एक बार उसके पन्ने न पलट लूं, तब तक मन को शांति नहीं मिलती. बेटी परिवार सहित आई हुई थी, फिर भी मैं आंख बचाकर, मौक़ा निकालकर एक बार तो डायरी के पन्ने पलट ही लेता था और रवाना होने से एक दिन पहले बस बेटी ने यही देख लिया. मां की डायरी देख, पढ़कर पहले तो वह भी ख़ूब रोई. फिर बोली, “ठीक है पापा, मान लिया स्मार्टफोन आपके काम का नहीं. अब मैं आपके लिए किंडल भेजूंगी. उसमें आप न केवल मम्मी की डायरी, वरन और भी बहुत सारी क़िताबें पढ़ सकेंगे. देखिए, मम्मी की डायरी की क्या हालत हो गई है. एक-एक पन्ना छितरा पड़ा है.”
“वो तो बेटी मैं रोज़ देखता हूं न तो इसलिए...” मैंने सफ़ाई दी थी.
“पर किंडल में यह समस्या नहीं होगी, चाहे आप दिन में 20 बार पढ़ें.”
“हां, बिल्कुल. यह देखिए न आप.” मैंने अपना किंडल उनके हाथ में पकड़ा दिया. वे कुछ देर उसे देखते-परखते रहे. फिर लौटा दिया.
“लेकिन बेटी इसमें वो डायरीवाली बात कहां? उस डायरी के पन्नों के बीच तो मेरे द्वारा तुम्हारी आंटी को दिए सूखे गुलाब हैं. जगह-जगह हल्दी-तेल के निशान हैं. आंसुओं से धुंधलाए अक्षर हैं. उसके पन्नों पर हाथ फेरता हूं, तो लगता है तुम्हारी आंटी को ही स्पर्श कर रहा हूं.”
मैं स्तब्ध खड़ी रह गई थी. मेरा बुद्धिजीवी तार्किक मस्तिष्क संज्ञाशून्य हो गया था. तकनीक और विज्ञान हमें चांद-सूरज पर पहुंचा सकता है, पर किसी के दिल तक पहुंचने के लिए तो एक संवेदनशील दिल ही चाहिए. तभी तो कहा गया है ‘जहां न पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कवि’. शायद इसीलिए अंकल से रू-ब-रू वार्तालाप से मुझे जितना सुकून मिलता है, उतना वाट्सऐप पर पिंटू के लिए मिले गेट वेल सून मैसेजेस से नहीं.
संगीता माथुर
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निदा फाज़ली: एक नायाब शायर, जो जीने के बजाय जिंदा रहने में यकीन रखता
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वो मेरा हबीब शायर, फिर सामने आकर बैठ गया. अब वह कुछ पूछता नहीं है, न ही कुछ बताता है, बस जैसे ही हिम्मत करके उनकी आंखों से टकराता हूं, वह मुस्कुरा देती हैं. इन आंखों में विनम्रता है, विनयशीलता है, जो अभी भी पैदा होने के इंतजार में है.
बंद कमरा
छटपटाता सा अंधेरा
और
दीवारों से टकराता…
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Posted @withregram • @manavkaul वह कहती थी कि उसे कुछ कहने की इच्छा सी एक बेचैनी बनी रहती... फिर चुप हो जाती थी। दूर कहीं ताकती हुई वो कुछ किताबों का ज़िक्र करती थी। वह पूछा करती थी कि सारी की सारी कहानियाँ पुरुषों की ही क्यों है? और सारी कहानियों में हम लड़कियाँ आपस में गुत्थमगुत्था क्यों हैं? — पतंग के उलझे हुए माँझे की तरह...। वो छत पर जाती है और तेज़ धूप में सारे उलझे पड़े धागों को एक एक करके सुलझाना चालू करती।. . मेरा जिया, मेरा ही जिया क्यों नहीं है? वह किसी और की कहानी का एक हिस्सा क्यों है? हम क्यों अपनी कहानी में ग़ायब हैं और दूसरों की कहानी में सजावट की तरह बिखरे पड़े हैं?. . माँझा सुलझाने के बाद वो सारे पुरुषों की कहानियों की एक पतंग बनाकर उड़ाती है। जब पतंग दूर आसमान में जा चुकी होती है तब वो अपने हाथ से धागा छोड़ देती है।. . दूर तक आसमान में अब कुछ नहीं था। वो मुस्कुरा देती है क्योंकि पहली बार उसके हाथ ख़ाली थे और सारी किताबें कोरी । . . #givingupongodot @prithvitheatre #prithvitheatre #newplay #drama #hindiplay #theatre #theatreplay #natak #happywomensday #womensday #blackandwhite Clicked by @harshjanii ☺️🙏🏼 https://www.instagram.com/p/B9eyd3PpJDX5dyo7cY3XpEsGKgJ2BTU8OxL6380/?igshid=lku2h93o8ya5
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छाया पुरुष या हमजाद क्या आप जानते है इसके खास सीक्रेट - बिना नुकसान के सिद्धि कैसे करे ?
छाया पुरुष से जुड़ी खास बाते की आज की कड़ी में हम छाया पुरुष से जुड़ी ऐसी बातो पर प्रकाश डालने जा रहे है जो आपके मन में छिपी हुई भ्रांतियों का एक रूप है तो कुछ सच्चाई भी। सुलेमानी तंत्र साधना में हमजाद का जिक्र बहुत बार हुआ है और हमने ब्लॉग पर हमजाद सिद्धि से जुड़ी कुछ पोस्ट भी की है। छाया पुरुष साधना मंत्र के द्वारा क्या हम shadow people यनि छाया पुरुष पर काबू कर सकते है या फिर उसका कोई नकारात्मक प्रभाव हम पड़ता है ? ये ऐसी कुछ बाते है जो हमें रोमांचित और भयभीत दोनों ही अनुभव देती है।
इससे पहले की हमजाद और छाया पुरुष को लेकर आपकी सोच एक खास जगह तक सिमट कर रह जाए आपको बता देना चाहूंगा की ये सब हमारे परछाई या साधना तक सिमित नहीं है। उससे भी आगे बहुत कुछ है जो हमें जानना है। कुछ ऐसी बाते जो हमें सिर्फ वहम मात्र लग सकती है भी छाया पुरुष से जुड़ी हो सकती है। पारलौकिक रहस्यों में छाया पुरुष से जुड़ी खास बाते रोमांच और भय का मिश्रण है। shadow people है या नहीं ? छाया पुरुष यानि shadow people आज भी विज्ञान की नजर में एक रहस्य है क्यों की विज्ञान की नजर में ये सिर्फ एक वहम या फिर अवचेतन मस्तिष्क को दिखने वाला एक तरह का illusion मात्र है। अभी कुछ समय पहले एक फिल्म देखी जिसमे कुछ लोग नरक दूतके बारे में जिक्र करते है और रात्रि में सोने के बाद उन्हें छाया पुरुषके रूप में नरक दूत दिखने लगते है और अंत में उनकी मौत हो जाती है। खैर ये तो कल्पना का एक कार्य था लेकिन कही ना कही ये हमें सोचने को मजबूर कर ही देता है की क्या वास्तव में छाया पुरुष इतने बुरे है या फिर इनका अच्छा स्वरूप भी है। shadow people में रूचि लेने की वजह : जब से हमें पता चला है की छाया पुरुष मन की एक उच्च साधना का स्वरूप है , कुछ लोग इसे साधने का प्रयास करने में लगे है। अगर इसकी वजह पर गौर करे तो शक्ति पाना सबसे बड़ा उदेश्य है। अगर लोगो से पूछा जाए की वो छाया पुरुष से जुड़ी खास बाते जानते है तो निम्न कुछ बाते हमें shadow people के बारे में पता चलती है पश्चिमी देशो के अनुसार वो सर पर बड़ी गोल टोपी और कोट पहनते है। पुराने फैशन की घड़ी पहनते है। ( फिल्मो में दिखाए अनुसार ) हमसे भली भांति परिचित होते है और रियेक्ट करते है। वो कही भी आ जा सकते है। लगभग हर समय वो चुप दिखाई देते है। सामान्य से थोड़ा ऊँचा कद लिए होते है। कभी भी चेहरा दिखाई नहीं देता है और जब दिखाई देता है तब लाल सुर्ख आँखे दिखाई देती है। बहुत ही तीव्र गति से हमें दिखते दिखते गायब हो जाते है। पढ़े : यक्षिणी साधना का महत्व और उन्हें करने की विधि
छाया पुरुष से जुड़ी खास बाते :
छाया पुरुष यानि shadow people क्या है ? हम जिसे हमारी परछाई कहते है वो एक छाया पुरुष का स्वरूप है। हम जिसे हमारा मन का भ्रम या illusion समझते है वो एक shadow people है। सबसे पहले तो आप ये समझ ले की छाया पुरुष दिखने में 3 तरह के होते है। छाया पुरुष 1 प्रकार पहले वो जो हमारे घर में खासतौर से हमारे बैडरूम में घूमते, टहलते या फिर किसी एक जगह बैठे हुए दिखाई देते है। इस तरह की shadow हमें भय का अहसास करवाती है। पहले प्रकार के shadow people घर में किसी एक जगह पर बिना कुछ बोले एकटक किसी माध्यम को या जगह को देखते हुए दिखाई देते है ये किसी से कुछ भी नहीं बोलते ना ही किसी से कुछ कहने की कोशिश भी करते है। शांति से बस एक जगह देखते रहते है जो हमें किसी तरह के संकेत की और इशारा करने की कोशिश होती है। छाया पुरुष से जुड़ी खास बाते प्रकार 2 दूसरा वे जो आमतौर पर कही रास्तो पर चलते हुए दिखाई देते है हालाँकि वैज्ञानिक और डॉक्टर इसे illusion का ना�� देते है जिसमे हमारा मस्तिष्क कल्पनाओ को हकीकत के रूप में देखने लगता है। इस तरह के छाया पुरुष एक निर्धारित वे में टहलते हुए दिखाई देते है जैसे उनका कोई schedule हो। ये सबकुछ एक फिल्म की तरह लगता है जिसमे हम ऐसे लोगो की गतिविधि को देखते है जिनका हमसे कोई वास्ता नहीं होता है। इसे ज्यादा समझने के लिए आप The mummy scorpion king देख सकते है जिसमे अभिनेत्री मम्मी की खोज के वक़्त अनजाने में वो सबकुछ देख लेती है जो उसके पिछले वक़्त में गुजरा था। इस तरह की गतिविधि हमें कुछ ऐसी घटनाए दिखाती है जिनसे हम वाकिफ नहीं होते है। कुछ लोगो का तो ये भी मानना है की हमारा अवचेतन मन में दबी हुई पहले की घटनाओ से हमें इसी माध्यम से परिचित करवाता है। लेकिन विज्ञान इसे illusion से ज्यादा कुछ नहीं मानता है। पढ़े : छाया पुरुष और समानांतर दुनिया का रहस्य क्या वास्तव में सच है shadow people type 3 तीसरे shadow people वे है जो हमें आमतौर पर चेतावनी या किसी खतरे से सावधान करने के समय ही दिखाई देते है। उदहारण के तौर पर हम कही जा रहे है। हम अपनी ही धुन में चलते जाते है और अचानक हमें कुछ खतरा महसूस होने लगता है। अचानक हमारा ध्यान वर्तमान में आता है। हमें कुछ अनचाहा महसूस होने लगता है जैसे कोई हमें घूर रहा है या फिर कोई हमारे आसपास है। हम वहा से हटने लगते है। कुछ लोगो के लिए ये छटी इंद्री का एक संकेत भी हो सकता है लेकिन छटी इंद्री भी सक्रिय अवस्था में सूक्ष्म घटनाओ को महसूस करती है। छाया पुरुष से जुड़ी खास बाते इस ओर भी इशारा करती है की shadow people हमें खतरों की पूर्व चेतावनी भी देने के काम करते है। इसके अलावा ये हर उस खास मौके पर दिखाई दे सकते है जहा पर हमें खतरा महसूस होता है। कुछ लोग इन्हे फ़रिश्तो का रूप भी मानते है। छाया पुरुष आज भी एक ऐसा रहस्य बना हुआ है जिसे समझना हर कोई चाहता है लेकिन पहल करने से घबराता भी है इसकी वजह इसके वो खतरे हो सकते है जो एक छाया पुरुष साधना में बताये जाते है। हकीकत की बात करे तो ऐसा संभव है क्यों की ऊपर जो भी बाते बताई गई है किसी से भी ये साबित नहीं होता है की shadow people हमारे साथ अच्छे से घुल मिलने में रूचि रखते है। पढ़े : बचपन में बच्चो को सही परवरिश देने के फायदे जो पूरी जिंदगी काम आते है छाया पुरुष का मेरा सच्चा अनुभव : बचपन में में बहुत ही शरारती लेकिन साधना के मामले में सबसे अच्छा था। 7-8 साल की उम्र में साधना के दौरान एक दिन चाचा ने बताया की वो हमारे खेत में सो रहे थे और अचानक ही उन्हें कुछ चलने का आभास हुआ। कुछ देर बाद जिस चारपाई पर वे सो रहे थे वो उलट गयी और उन्हें झाड़ियों की तरफ कुछ परछाई दिखाई दी। ऐसा उनके साथ कई बार हुआ और नतीजन सुबह होने को आ गई लेकिन वो सही से सो नहीं पाए। बचपन में हमें झाड़ियों में चुड़ैलों के होने का क��� कर डराया जाता था ताकि रात्रि में हम घर पर बिना किसी शरारत के सो सके। लेकिन मन में उत्सुकता के चलते में एक रात्रि को खेत में अकेला ही चला गया। वहा मेरे चाचा जी की चारपाई पड़ी थी जिस पर में सो गया। रात्रि के कोई 11:30 से 12 बजे का वक़्त हुआ होगा आसमान में चाँद बहुत ही कम रौशनी के साथ था चाँद चमक रहा था जिसमे दूर दूर से साफ देखा जा सकता था। मेरी नींद खुल गयी तो ध्यान गया झाड़ियों की ओर वहा कुछ हिलने की आवाज आ रही थी और परछाई सी दिख रही थी। पहली बार भय का अनुभव उस वक़्त तक में छाया पुरुष से जुड़ी खास बाते जानने में ज्यादा रूचि नहीं रखता था लेकिन उत्सुकता के चलते में उन्हें देखने लग गया था उनकी गतिविधि कोई 5-10 मिनट चली। इसके बाद वो मेरे पास से गुजरती हुई चली गई। जब मेने उन्हें देखने की कोशिश की तो एक ने मेरी ओर पलट कर देखा मुझे सिवाय फटे कपडे के लबादे के अंदर झांकती 2 सुर्ख आँखों के कुछ दिखाई नहीं दिया। उस वक़्त मेरा साहस जवाब दे गया और में बेहोश हो गया। जब आँख खुली तो देखा दादा जी पास में थे। उस रात से मेरे मन में एक भय बैठ गया था और में कभी ऐसे अकेले बाहर नहीं गया। जब दादा जी से इस बारे में बात की तो उन्होंने मेरे गले के ताबीज की ओर इशारा किया और मुस्कुरा दिए। उन्होंने बताया की अगर उस वक़्त मेरे पास वो अभिमंत्रित ताबीज नहीं होता तो मेरा अहित होना निश्चित था। उस रात्रि के बाद वो छाया वहा कभी दिखाई नहीं दी। और तब से मेरे दिमाग में एक बात अच्छे से घर कर गयी की कही भी जाने से पहले सुरक्षा कवच पर ध्यान देना बेहद जरुरी है। पढ़े : झाड़फूंक और पूजा पाठ के बहाने होती है ठगी कही आप तो नहीं फंसे छाया पुरुष से छुटकारा कैसे पाए ? छाया पुरुष से छुटकारा पाने के आसान उपाय में प्राथना सबसे पहले नंबर पर है जिसमे हम प्राथना से खुद को सशक्त बनाने की कोशिश करते है। इसके अलावा विचारो में बदलाव लाना खुद को सकारात्मक बनाना और खुद को आध्यत्मिक वस्तुओ से जोड़ना शामिल है। इसके अलावा अकेले रहने के दौरान घर की लाइट चालू रखना जिससे हमें shadow people के होने का अहसास ही न हो। दोस्तों छाया पुरुष से जुड़ी खास बाते आपको कैसी लगी हमें जरूर बताए। अगर आपने भी ऊपर दिए गए 3 प्रकार में से किसी भी एक प्रकार को अनुभव किया है तो अपना अनुभव कमेंट में जरूर बताए। अगर आप चाहते है बिना किसी नुकसान के हमजाद की सिद्धि करना तो इस पुस्तक को जरुर पढ़े
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