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आईबीपीएस विभिन्न पदों के साक्षात्कार कॉल लेटर 2021 जारी, यहां डाउनलोड करें- results.amarujala.com
आईबीपीएस विभिन्न पोस्ट साक्षात्कार कॉल लेटर 2021 – पीसी: माई रिजल्ट प्लस बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) ने विभिन्न पदों (आईटी) साक्षात्कार 2021 के लिए कॉल लेटर जारी किया है। संस्थान द्वारा कॉल लेटर 25 मई को जारी किया गया है और 02 जून तक डाउनलोड के लिए उपलब्ध रहेगा। विभिन्न आईटी पदों के लिए आईबीपीएस साक्षात्कार का दौर आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकता है और ऑनलाइन एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकता…
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शिशु जीसस हाई स्कूल, कोलवा वॉक इन वैंसी में प्रशिक्षित प्राथमिक शिक्षक
शिशु जीसस हाई स्कूल, कोलवा वॉक इन वैंसी में प्रशिक्षित प्राथमिक शिक्षक
पता: पहला वार्ड, कोलवा बीच रोड, कोलवा, सालसेटे, गोवा 403708। कौशल: प्रिंट विज्ञापन में उल्लेख नहीं है। अनुभव: प्रिंट विज्ञापन में उल्लेख नहीं है। सीबीएसई, नई दिल्ली से संबद्ध शिशु जीसस हाई स्कूल, कोलवा शैक्षणिक वर्ष के अंत तक अनुबंध के आधार पर निम्नलिखित पदों पर भर्ती करता है। प्रशिक्षित प्राथमिक शिक्षक शैक्षिक योग्यता “प्रिंट विज्ञापन में उल्लिखित नहीं”। आवेदन कैसे करें: इच्छुक उम्मीदवारों को…
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🙏🙏🪔🪔🔔🔔🌹🌹🕉️🕉️March17🌹भक्ति सत्संगमयी शुभ बुधवार 🌹ॐ गं गणपतये नमः 🌹श्रीमद् भागवत महापुराण अमृत कथा 🌹हरिबोल 🌹प्रेम से बोलो सच्चिदानंद भक्त वत्सल भगवान की जय 🌹जय जय श्री राधे 🌹श्रीशुकदेवजी ने कहा - परीक्षित! भगवान श्री कृष्ण ने आप /हम सभी और प्रिय उद्धवजी का इस पावन कथा के माध्यम से मार्गदर्शन करते हुए कहा - प्रिय भक्तगणों! जब से उस पापी राजनेता का धन नष्ट हुआ, सारे अति प्रिय सगे संबंधियों ने उसका साथ छोड़ उसे घर से बेघर कर दिया। unexpected incurred paralysis, और अन्य बीमारियों ने जकड़ लिया तो उसका सारा घमंड और झूठीं शान सभी कुछ नष्ट हो गया और उसकी जगह केवल सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशु की हो गई। उसका सारा क्लेश ही दूर हो गया। यद्यपि उसे लोगों ने बहुत सताया फिर भी वह तनिक भी विचलित नहीं हुआ और अपने पापों क��� प्रायश्चित समझ सब सहता रहा जिससे उसकी तृष्णा जाती रही और मन व बुद्धि शुद्ध हो गए। ईश्वर के श्रीचरणों की शरण में जाने से वह मौनी बाबा बन गया और वहाँ से दूर हिमालय पर्वत पर जाकर अपना आश्रम बनाकर नये जीवन में प्रवेश कर गया। जैंसे ही ईश्वरीय कृपा हुई और लोगों ने उसकी सहायता की और वह फिर से स्वस्थ हो गया। लेकिन फिर कलयुग के प्रभाव से वह दुरबुद्धि सन्यासी दुर्जनों की संगति और उनके यहाँ भोजन खाने के कारण फिर से वह कलयुग के प्रभाव में आकर उसे धन संग्रह ऐशो आराम का लालच मन आ गया। "जैंसी संगत वैंसी रंगत, जैंसा खाओगे ��न्न वैंसा होगा मन" वह स्वस्थ होकर कलयुगी बाबा बनकर सज धज कर लोगों को प्रवचन देते हुए कहने लगा - मेरे प्रिय बंधुओं! यह संसार नश्वर है। मनुष्य को कोई सुख दुःख नहीं देता। यह उसके चित्त का भ्रम मात्र है। यह सारा संसार और उसके भीतर मित्र उदासीन और शत्रु के भेद अज्ञान के द्वारा ही कल्पित है। इसलिए अपनी समस्त वृत्तियों और कर्मों को मुझमें तन्मय कर दो। मोह माया से मुक्त होकर अपना धन आश्रम को दान कर दो। यह धन जनता की सेवा के काम आएगा और आपका प्रभु के परम धाम बैकुण्ठ लोक जाने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। आप सभी अपनी सारी शक्ति लगाकर मन को वश में करो और फिर मुझमें स्थित हो जाओ। सारे योग साधन का बस इतना ही सार है... To be continued.. आरती श्रीमद् भागवत अमृत महापुराण की।आरती अति पावन पुराण की।धर्म भक्ति विज्ञान खान की।कलि मल मथनि त्रिताप निवारिनि।जन्म मृत्यु मय भव भय हारिनि।सेवत सतत सकल सुखकारिनि।समहौषधि हरि चरित्र ज्ञान की।आरती..प्रणाम 🌹🌹🕉️🕉️🔔🔔🪔🪔🙏🙏 https://www.instagram.com/p/CMfyymYhgS9/?igshid=2b2yqz1qgjxo
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*🙏🙏🕉🕉🌹🌹👏👏February 11🌹श्रीमद् भागवत महापुराण अमृत कथा 🌹हरिबोल 🌹ॐ नमो भगवते वासुदेवाय 🌹ॐ श्री लक्ष्मीनारायणाय नमः 🌹ॐ श्री राधावल्लभाय नमः 🌹प्रेम से बोलो सच्चिदानंद भक्तवत्सल भगवान की जय 🌹श्रीशुकदेवजी ने कहा - परीक्षित! नारदजी ने युधिष्ठिर से कहा - राजन! वैंसे तो समस्त यज्ञों के भोक्ता भगवान ही हैं परंतु ब्राह्मण के मुख में हवन अर्पित किए हुए हविष्यान्न से उनकी जैंसी तृप्ति होती है वैंसी अग्नि के मुख में हवन करने से ��हीं होती। इसलिए ब्राह्मण देवता मनुष्य आदि सभी प्राणियों में विराजमान भगवान की पूजा करनी चाहिए। ब्राह्मणों की इनमें प्रधानता माननी चाहिए। ब्राह्मण को अपनी हैसियत के अनुसार आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में अपने माता-पिता, पितामह, दादी और बंधुओं का श्राद्ध करना चाहिए। इसके अतिरिक्त प्रत्येक मास की पूर्णिमा, अष्टमी और एकादशी को व्रत आदि करके योग्य ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। बूढ़े और असहाय ब्राह्मण को दवा उपचार, वस्त्र भोजन आदि की व्यवस्था कर उसकी सेवा करनी चाहिए। इससे अक्षय फल की प्राप्ति होती है। सबसे पवित्र देश वह है ��हाँ पर लोगों में सत्य का पालन, बड़े-बुजूर्गों का सच्चे तन मन धन से सेवा भाव हो। जहाँ प्रभु श्रीहरि विष्णु नारायण भगवान की श्रीमद् भागवत महापुराण अमृत कथा, लीलाओं का गुणगान होता होता हो। जहाँ गंगा यमुना सरस्वती जैंसी पवित्र नदियां हों। पुष्कर सरोवर सिद्ध पुरुषों द्वारा सेवित क्षेत्र, कुरुक्षेत्र गया हरिद्वार, द्वारका काशी मथुरा गोवर्धन वृंदावन बदरिकाश्रम, माता वैष्णो देवी धाम, केदारनाथ चित्रकूट रामेश्वरम कन्याकुमारी आदि अत्यन्त पवित्र तीर्थ स्थल हैं। इन तीर्थों का भ्रमण करने से मनुष्य को बड़ा पुण्य प्राप्त होता है।युधिष्ठिर! तुम्हारी इस यज्ञ भूमि में यज्ञ का प्रमुख पात्र श्रीकृष्ण को ही माना गया है। समस्त ऋषि-मुनियों में अग्र पूजा प्रभु श्री कृष्ण की ही की जाती है। असंख्य जीवों से युक्त इस ब्रह्मांड के महावृक्ष के एक मात्र मूल बीज भगवान श्रीकृष्ण ही हैं। इनकी पूजा..... To be continued...आरती श्रीमद् भागवत अमृत महापुराण की।आरती अति पावन पुरान की।धर्म भक्ति विज्ञान खान की।कलि मल मथनि त्रिताप निवारिनि।जन्म मृत्यु मय भव भय हारिनि।सेवत सतत सकल सुख कारिनि।समहौषधि हरि चरित्र गान की।आरती अति पावन पुरान की... प्रणाम 👏👏🌹🌹🕉🕉🙏🙏* https://www.instagram.com/p/B8Z6b-Ggma0/?igshid=rfdelc1t6tde
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*🙏🙏🕉🌹🌹October 19:ॐ श्रीमद् भागवत महापुराणाय नमः❣मैत्रेयजी ने कहा - विदुरजी! जिस समय देवांगनाए इस प्रकार स्तुति कर रही थीं, भगवान के जिस परमधाम को महाराज पृथु गए थे, महारानी अर्चि भी उसी लोक को गई। जो लोग ऐंसे श्रीमद् भागवत महापुराण के पवित्र चरित्रों को श्रद्धापूर्वक निष्काम भाव से, एकाग्रचित होकर श्रवण करता है वह भगवान श्रीहरि के परमधाम को प्राप्त करता है। प्रभु! आप तो सब जानते हैं फिर भी एक विनती है आपसे जो भक्त श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का श्रवण करते हैं व अन्य लोगों को इसके लिए प्रेरित करते हैं उन्हें भी अपने सुन्दर परमधाम में जगह देना। यह चरित्र मनुष्य मात्र का कल्याण करने वाला है और अमंगल दूर करने वाला है। यह धन यश और आयु में वृद्धि करने वाला है। जो लोग अपने कार्य में विजय प्राप्त करने के लिए इस चरित्र को सुनकर जाते हैं उन्हें निश्चित रूप से विजय प्राप्त होती है और उन्हें भी वैंसी ही भेंटें प्राप्त होती हैं जैंसी राजा पृथु को प्राप्त हुई थी। श्रीमद् भागवत महापुराण के इस चरित्र को निष्काम और श्रद्धा भाव से सुनना चाहिए। इससे भगवान श्रीहरि के चरणों में प्रीति बनी रहती है और प्रभु चरणों में सुदृढ़ भक्ति उत्पन्न हो जाती है.. To be continued.. आरती श्रीमद् भागवत महापुराण की।आरती अति पावन पुराण की।धर्म भक्ति विज्ञान खान की।शुक मुख विगलित निगम कल्प फल। परम��नन्द सुधा रसमय कल। लीला रति रस रस निधान की। आरती अति पावन पुराण की... : प्रणाम 🌹🌹🕉🙏🙏* https://www.instagram.com/p/B3y82Kjg-gW/?igshid=177n8praw1eho
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