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trendingwatch · 2 years
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दक्षिण अफ्रीका बनाम बांग्लादेश लाइव स्कोर सिडनी मौसम अपडेट टी 20 विश्व कप 2022: सुबह 8:00 बजे टॉस
दक्षिण अफ्रीका बनाम बांग्लादेश लाइव स्कोर सिडनी मौसम अपडेट टी 20 विश्व कप 2022: सुबह 8:00 बजे टॉस
सिडनी में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में आईसीसी टी 20 विश्व कप 2022 के ग्रुप बी मैच के सुपर 12 में दक्षिण अफ्रीका बांग्लादेश से भिड़ता है। सुबह 8:00 बजे टॉस मैच विवरण मिलान: दक्षिण अफ्रीका बनाम बांग्लादेश, 22वां मैच, सुपर 12 ग्रुप बी टूर्नामेंट: ICC मेन्स T20 वर्ल्ड कप 2022 कब: 27 अक्टूबर 2022, गुरुवार टॉस का समय: 8:00 पूर्वाह्न IST मैच का समय: 8:30 पूर्वाह्न IST स्थान: सिडनी क्रिकेट ग्राउंड,…
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helputrust · 2 months
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17.07.2024, जयपुर | शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता हेतु निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया | MOU | समझौता ज्ञापन पर निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने हस्ताक्षर किये |
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह ने कहा कि, "इस MOU | समझौता ज्ञापन का उद्देश्य शैक्षिक उत्कृष्टता, सांस्कृतिक संवर्धन और सामाजिक कल्याण तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता को लेकर निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच एक सहयोगात्मक संबंध स्थापित करना है । दोनों पक्ष आपसी उद्देश्यों को प्राप्त करने और समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हैं ।“
श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि “आज का यह अवसर हमारे लिए अत्यंत गर्व और उपलब्धि का है | निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच होने वाले MOU | समझौता ज्ञापन के माध्यम से हम एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं ।
हमारा उद्देश्य सदैव से ही जन हित में कार्य करना रहा है | शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में हम मिलकर अनेक परियोजनाओं पर कार्य करेंगे, जिससे न केवल हमारे छात्रों को लाभ होगा, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को भी इसका प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा ।
हम विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और सामाजिक अभियानों का आयोजन करेंगे, जो समाज के वंचित वर्गों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे । हम छात्रों को केवल सैद्धांतिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करेंगे, जिससे वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझ सकें और एक बेहतर नागरिक बन सकें | हमे पूरा विश्वास है कि निम्स यूनिवर्सिटी और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का साथ हमारे समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा | हम सभी का सामूहिक प्रयास निश्चित रूप से हमारे उद्देश्यों की पूर्ति करेगा और समाज को एक सकारात्मक दिशा में ले जाएगा | निम्स यूनिवर्सिटी के समस्त सदस्यों का धन्यवाद एवं आभार, जिन्होंने इस MOU को बनाने में अपना योगदान दिया । साथ ही हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के सभी सदस्यों का आभार जिनकी 12 वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण ने आज के दिन को ऐतिहासिक बना दिया है |
आप यदि समाजसेवा में अपना योगदान करना चाहें तो आप हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ सकतें हैं और ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान कर, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से समाज सेवा कर सकते हैं । यह आवश्यक नही है कि आप ट्रस्ट को आर्थिक सहयोग (Donation, Sponsorship, CSR आदि) ही प्रदान करें बल्कि आप अपने सेवा क्षेत्र के माध्यम से हमारे सलाहकार, आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य, Coordinator, Goodwill Ambassador, संयुक्त तत्वावधान में आयोजन करके, भी अपना बहुमूल्य योगदान जनहित में प्रदान कर सकते हैं |”
निम्स यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी ने कहा कि “निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन शिक्षा के साथ संगीत, मनोरंजन एवं फिल्म इंडस्ट्री में छात्र-छात्राओं को नई दिशा प्रदान करेगा |”
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी से डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी (रजिस्ट्रार), डॉ. हिमांशु त्रिपाठी, डॉ. तुषार जगावत, श्री आशीष माथुर, डॉ. दीप्ति रस्तोगी, डॉ. कुलदीप सिंह झाला, डॉ. पियूष पाठक, डॉ. गोविन्द उपाध्याय, श्री राधेश्याम गुर्जर, श्री अशोक कुमार मेर, श्री आशुतोष सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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jyotis-things · 1 day
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart89 के आगे पढिए.....)
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart90
।। पाण्डवों की यज्ञ में सुपच सुदर्शन द्वारा शंख बजाना।।
जैसा कि सर्व विदित है कि महाभारत के युद्ध में अर्जुन ने युद्ध करने से मना कर दिया था तथा शस्त्र त्याग कर युद्ध के मैदान में दोनों सेनाओं के बीच में खड़े रथ के पिछले हिस्से में आंखों से आँसू बहाता हुआ बैठ गया था। तब भगवान कृष्ण के अन्दर प्रवेश काल शक्ति (ब्रह्म) अर्जुन को युद्ध करने की राय देने लगा था। तब अर्जुन ने कहा था कि भगवान यह घोर पाप मैं नहीं करूंगा। इससे अच्छा तो भिक्षा का अन्न भी खा कर गुजारा कर लेंगे। तब भगवान काल श्री कृष्ण जी के शरीर में प्रवेश करके बोला था कि अर्जुन युद्ध कर। तुझे कोई पाप नहीं लगेगा। देखें गीता जी के अध्याय 11 के श्लोक 33, अध्याय 2 के श्लोक 37, 38 में।
महाभारत में लेख (प्रकरण) आता है कि कृष्ण जी के कहने से अर्जुन ने युद्ध करना स्वीकार कर लिया। घमासान युद्ध हुआ। करोड़ों व्यक्ति व सर्व कौरव युद्ध में मारे गए और पाण्डव विजयी हुए। तब पाण्डव प्रमुख युधिष्ठिर को राज्य सिंहासन पर बैठाने के लिए स्वयं भगवान कृष्ण ने कहा तो युधिष्ठिर ने यह कहते हुए गद्दी पर बैठने से मना कर दिया कि मैं ऐसे पाप युक्त राज्य को नहीं करूंगा। जिसमें करोड़ों व्यक्ति मारे गए थे। उनकी पत्नियाँ विधवा हो गई, करोड़ों बच्चे अनाथ हो गए, अभी तक उनके आँसू भी नहीं सूखे हैं। किसी प्रकार भी बात बनती न देख कर श्री कृष्ण जी ने कहा कि आप भीष्म जी से राय लो। क्योंकि जब व्यक्ति स्वयं फैसला लेने में असफल रहे तब किसी स्वजन से विचार कर लेना चाहिए। युधिष्ठिर ने यह बात स्वीकार कर ली। तब श्री कृष्ण जी युधिष्ठिर को साथ लेकर वहाँ पहुँचे जहाँ पर श्री भीष्म शर (तीरों की) शैय्या (चारपाई) पर अंतिम स्वांस गिन रहे थे, वहाँ जा कर श्री कृष्ण जी ने भीष्म से कहा कि युधिष्ठिर राज्य
गद्दी पर बैठने से मना कर रहे हैं। कृपा आप इन्हें राजनीति की शिक्षा दें। भीष्म जी ने बहुत समझाया परंतु युधिष्ठिर अपने उद्देश्य से विचलित नहीं हुआ। यही कहता रहा कि इस पाप से युक्त रूधिर से सने राज्य को भोग कर मैं नरक प्राप्ति नहीं चाहूँगा। श्री कृष्ण जी ने कहा कि आप एक धर्म यज्ञ करो। जिससे आपको युद्ध में हुई हत्याओं का पाप नहीं लगेगा। इस बात पर युधिष्ठिर सहमत हो गया और एक धर्म यज्ञ की। फिर राज गद्दी पर बैठ गया। हस्तिनापुर का राजा बन गया।
प्रमाण सुखसागर के पहले स्कन्ध के आठवें तथा नौवें अध्याय से सहाभार पृष्ठ नं. 48 से 53)
कुछ वर्षों पर्यन्त युधिष्ठिर को भयानक स्वपन आने शुरु हो गए। जैसे बहुत सी औरतें रोती-बिलखती हुई अपनी चूड़ियाँ तोड़ रहीं हैं तथा उनके मासूम बच्चे अपनी माँ के पास खड़े कुछ बैठे पिता-पिता कह कर रो रहे हैं मानों कह रहे हो हे राजन् ! हमें भी मरवा दे, भेज दे हमारे पिता के पास। कई बार बिना शीश के धड़ दिखाई देते है। किसी की गर्दन कहीं पड़ी है, धड़ कहीं पड़ा है, हा हा कार मची हुई है। युधिष्ठिर की नींद उचट जाती, घबरा कर बिस्तर पर बैठ कर हाँफने लग जाता। सारी-2 रात बैठ कर या महल में घूम कर व्यतीत करता है। एक दिन द्रौपदी ने बड़े पति की यह दशा देखी और परेशानी का कारण पूछा तो युधिष्ठिर कुछ नहीं कुछ नहीं कह कर टाल गए। जब द्रौपदी ने कई रात्रियों में युधिष्ठिर की यह दुर्दशा देखी तो एक दिन चारों (अर्जुन, भीम, नकुल, सहदेव) को बताया कि आपका बड़ा भाई बहुत परेशान है। कारण पूछो। तब चारों भाईयों ने बड़े भईया से प्रार्थना करके पूछा कि कृप्या परेशानी का कारण बताओ। ज्यादा आग्रह करने पर अपनी सर्व कहानी सुनाई। पाँचों भाई इस परेशानी का कारण जानने के लिए भगवान श्रीकृष्णजी के पास गए तथा बताया कि बड़े भईया युधिष्ठिर जी को भयानक स्वपन आ रहे हैं। जिनके कारण उनकी रात्रि की नींद व दिन का चैन व भूख समाप्त हो गई। कृप्या कारण व समाधान बताएँ। सारी बात सुनकर श्री कृष्ण जी बोले युद्ध में किए हुए पाप परेशान कर रहे हैं। इन पापों का निवारण यज्ञ से होता है।
गीता जी के अध्याय 3 के श्लोक 13 का हिन्दी अनुवाद यज्ञ में प्रतिष्ठित ईष्ट (पूर्ण परमात्मा) को भोग लगाने के बाद बने प्रसाद को खाने वाले श्रेष्ठ पुरुष सब पापों से मुक्त हो जाते हैं जो पापी लोग अपना शरीर पोषण करने के लिये ही अन्न पकाते हैं वे तो पाप को ही खाते हैं अर्थात् यज्ञ करके सर्व पापों से मुक्त हो जाते हैं। और कोई चारा न देख कर पाण्डवों ने श्री कृष्ण जी की सलाह स्वीकार कर ली। यज्ञ की तैयारी की गई। सर्व पृथ्वी के मानव, ऋषि, सिद्ध, साधु व स्वर्ग लोक के देव भी आमन्त्रित करने को, श्री कृष्ण जी ने कहा कि जितने अधिक व्यक्ति भोजन पाएंगें उतना ही अधिक पुण्य होगा। परंतु संतों व भक्तों से विशेष लाभ होता है उनमें भी कोई परम शक्ति युक्त संत होगा वह पूर्ण लाभ दे सकता है तथा यज्ञ पूर्ण होने का साक्षी एक पांच मुख वाला (पंचजन्य) शंख एक सुसज्जित ऊँचे आसन पर रख दिया जाएगा तथा जब इस यज्ञ में कोई परम शक्ति युक्त संत भोजन खाएगा तो यह शंख स्वयं आवाज करेगा। इतनी गूँज होगी की पूरी पृथ्वी पर तथा स्वर्ग लोक तक आवाज सुनाई देगी।
यज्ञ की तैयारी हुई। निश्चित दिन को सर्व आदरणीय आमन्त्रित भक्तगण, अठासी हजार ऋषि, तेतीस करोड़ देवता, नौ नाथ, चौरासी सिद्ध, ब्रह्मा, विष्णु, शिव आदि पहुँच गए। यज्ञ कार्य शुरु हुआ। बाद में सब ने यज्ञ का बचा प्रसाद (भण्डारा) सर्व उपस्थित महानुभावों व भक्तों तथा जनसाधारण को बरताया (खिलाया)। स्वयं भगवान कृष्ण जी ने भी भोजन खा लिया। परंतु शंख नहीं बजा। शंख नहीं बजा तो यज्ञ सम्पूर्ण नहीं हुई। उस समय युधिष्ठिर ने श्री कृष्ण जी से पूछा हे मधुसूदन ! शंख नहीं बजा। सर्व महापुरुषों व आगन्तुकों ने भोजन पा लिया। कारण क्या है? श्री कृष्ण जी ने कहा कि इनमें कोई पूर्ण सन्त (सतनाम व सारनाम उपासक) नहीं है। तब युधिष्ठिर को बड़ा आश्चर्य हुआ कि इतने महा मण्डलेश्वर जिसमें वशिष्ठ मुनि, मार्कण्डेय, लोमष ऋषि, नौ नाथ (गोरखनाथ जैसे), चौरासी सिद्ध आदि-2 व स्वयं भगवान श्री कृष्ण जी ने भ�� भोजन खा लिया। परंतु शंख नहीं बजा। इस पर कृष्ण जी ने कहा ये सर्व मान बड़ाई के भूखे हैं। परमात्मा चाहने वाला कोई नहीं तथा अपनी मनमुखी साधना करके सिद्धि दिखा कर दुनियाँ को आकर्षित करते हैं। भोले लोग इनकी वाह-2 करते हैं तथा इनके इर्द-गिर्द मण्डराते हैं। ये स्वयं भी पशु जूनी में जाएंगे तथा अपने अनुयाईयों को नरक ले जाएंगे।
गरीब, साहिब के दरबार में, गाहक कोटि अनन्त । चार चीज चाहै हैं, रिद्धि सिद्धि मान महंत ।।
गरीब, ब्रह्म रन्द्र के घाट को, खोलत है कोई एक। द्वारे से फिर जाते हैं, ऐसे बहुत अनेक ।।
गरीब, बीजक की बातां कहें, बीजक नाहीं हाथ। पृथ्वी डोबन उतरे, कह-कह मीठी बात ।। गरीब, बीजक की बातां कहैं, बीजक नाहीं पास।
ओरों को प्रमोदही, अपन चले निरास ।।
प्रमाण के लिए गीता जी के कुछ श्लोक ।।
अध्याय 9 का श्लोक 20
त्रैविद्याः, माम्, सोमपाः, पूतपापाः, पूतपापाः, यज्ञैः, इष्टवा, स्वर्गतिम्, प्रार्थयन्ते, ते, पुण्यम्, आसाद्य, सुरेन्द्रलोकम्, अश्नन्ति, दिव्यान्, दिवि, देवभोगान् । ।20 ।। अनुवाद :- (त्रैविद्याः) तीनों वेदों में विधान (सोमपाः) सोमरस को पीने वाले (पूतपापाः) पाप रहित पुरुष (माम्) मुझको (यज्ञैः) यज्ञों के द्वारा (इष्टवा) पूज्य देव के रूप में पूज कर (स्वर्गतिम्) स्वर्ग की प्राप्ति (प्रार्थयन्ते) चाहते हैं (ते) वे पुरुष (पुण्यम्) अपने पुण्यों के फलरूप (सुरेन्द्रलोकम्) स्वर्ग लोक को (आसाद्य) प्राप्त होकर (दिवि) स्वर्ग में (दिव्यान्) दिव्य (देवभोगान्) देवताओं के भोगों को (अश्नन्ति) भोगते हैं।
केवल हिन्दी अनुवाद तीनों वेदों में विधान सोम रस को पीने वाले पाप रहित पुरुष मुझको यज्ञों के द्वारा पूज्य देव के रूप में पूज कर स्वर्ग की प्राप्ति चाहते हैं। वे पुरुष अपने पुण्यों के फलरूप स्वर्ग लोक को प्राप्त होकर स्वर्ग में दिव्य देवताओं के भोगों को भोगते हैं।
अध्याय 9 का श्लोक 21
ते, तम्, भुक्त्वा, स्वर्गलोकम्, विशालम्, क्षीणे, पुण्ये, मर्त्यलोकम्, विशन्ति,
एवम्, त्रयीधर्मम्, अनुप्रपन्नाः, गतागतम्, कामकामाः, लभन्ते । ।21 ।। अनुवाद :- (ते) वे (तम्) उस (विशालम्) विशाल (स्वर्गलोकम्) स्वर्गलोकको (भुक्त्त्वा) भोगकर (पुण्ये) पुण्य (क्षीणे) क्षीण होनेपर (मर्त्यलोकम्) मृत्युलोकको (विशन्ति) प्राप्त होते हैं। (एवम्) इस प्रकार (त्रयीधर्मम्) तीनों वेदों में कहे हुए पूजा कर्मों का (अनुप्रपन्नाः) आश्रय लेने वाले और (कामकामाः) भोगों की कामनावस (गतागतम्) बार-बार आवागमन को (लभन्ते) प्राप्त होते हैं।
केवल हिन्दी अनुवाद वे उस विशाल स्वर्ग लोक को भोगकर पुण्य क्षीण होने पर मृत्युलोक को प्राप्त होते हैं। इस प्रकार तीनों वेदों में कहे हुए पूजा कर्मों का आश्रय लेने वाले और भोगों की कामनावश बार-बार आवागमन को प्राप्त होते हैं।
अध्याय 16 का श्लोक 17
आत्सम्भाविताः, स्तब्धाः, धनमानमदान्विताः, यजन्ते, नामयज्ञैः, ते, दम्भेन, अविधिपूर्वकम् । ।17 ।।
अनुवाद :- (ते) वे (आत्मसम्भाविताः) अपने आपको ही श्रेष्ठ मानने वाले (स्तब्धाः) घमण्डी पुरुष (धनमानमदान्विताः) धन और मान के मद से युक्त होकर (नामयज्ञैः) केवल नाममात्र के यज्ञों द्वारा (दम्भेन) पाखण्ड से (अविधिपूर्वकम्) शास्त्रविधि रहित पूजन करते हैं।
केवल हिन्दी अनुवाद वे अपने आपको ही श्रेष्ठ मानने वाले घमण्डी
पुरुष धन और मान के मद से युक्त होकर केवल नाममात्र के यज्ञों द्वारा पाखण्ड से शास्त्रविधि रहित पूजन करते हैं।
अध्याय 16 का श्लोक 18
अहंकारम्, बलम्, दर्पम्, कामम्, क्रोधम्, च, संश्रिताः, माम्, आत्मपरदेहेषु, प्रद्विषन्तः, अभ्यसूयकाः । |18||
अनुवाद :- (अहंकारम्) अहंकार (बलम्) बल (दर्पम्) घमण्ड (कामम्) कामना और (क्रोधम) क्रोधादि के (संश्रिताः) परायण (च) और (अभ्यसूयकाः) दूसरों की निन्दा करने वाले पुरुष (आत्मपरदेहेषु) प्रत्येक शरीर में परमात्मा आत्मा सहित तथा (माम्) मुझसे (प्रद्विषन्तः) द्वेष करने वाले होते हैं।
केवल हिन्दी अनुवाद: अहंकार बल घमण्ड कामना और क्रोधादि के परायण और दूसरों की निन्दा करने वाले पुरुष प्रत्येक शरीर में परमात्मा आत्मा सहित तथा मुझसे द्वेष करने वाले होते हैं। अध्याय 16 का श्लोक 19
तान् अहम्, द्विषतः, क्रूरान्, संसारेषु, नराधमान्, क्षिपामि, अजस्त्रम्, अशुभान्, आसुरीषु, एव, योनिषु । ।19 ।।
अनुवाद :- (तान्) उन (द्विषतः) द्वेष करने वाले (अशुभान्) पापाचारी और (क्रूरान्) क्रूरकर्मी (नराधमान) नराधमों को (अहम्) मैं (संसारेषु) संसार में (अजस्त्रम्) बार-बार (आसुरीषु) आसुरी (योनिषु) योनियों में (एव) ही (क्षिपामि) डालता हूँ।
केवल हिन्दी अनुवाद उन द्वेष करने वाले पापाचारी और क्रूरकर्मी नराधमों को मैं संसार में बार-बार आसुरी योनियों में ही डालता हूँ।
अध्याय 16 का श्लोक 20
आसुरीम्, योनिम्, आपन्नाः, मूढाः, जन्मनि, जन्मनि,
माम् अप्राप्य, एव, कौन्तेय, ततः, यान्ति, अधमाम्, गतिम् । ।20।।
अनुवाद :- (कौन्तेय) हे अर्जुन ! (मूढाः) वे मूर्ख (माम्) मुझको (अप्राप्य) न प्राप्त होकर (एव) ही (जन्मनि) जन्म (जन्मनि) जन्म में (आसुरीम्) आसुरी (योनिम्) योनि को (आपन्नाः) प्राप्त होते हैं फिर (ततः) उससे भी (अधमाम्) अति नीच (गतिम्) गति को (यान्ति) प्राप्त होते हैं अर्थात् घोर नरकों में पड़ते हैं।
केवल हिन्दी अनुवाद हे अर्जुन! वे मूर्ख मुझको न प्राप्त होकर ही जन्म जन्म में आसुरी योनि को प्राप्त होते हैं फिर उससे भी अति नीच गति को प्राप्त होते हैं अर्थात् घोर नरकों में पड़ते हैं।
अध्याय 16 का श्लोक 23
यः, शास्त्रविधिम्, उत्सृज्य, वर्तते, कामकारतः, न, सः, सिद्धिम्, अवाप्रोति, न, सुखम्, न, पराम्, गतिम् । ।23 ।।
अनुवाद (यः) जो पुरुष (शास्त्रविधिम्) शास्त्र विधि को (उत्सृज्य) त्यागकर (कामकारतः) अपनी इच्छा से मनमाना (वर्तते) आचरण करता है (सः) वह (न) न (सिद्धिम्) सिद्धि को (अवाप्नोति) प्राप्त होता है (न) न (पराम्) परम (गतिम्) गति को और (न) न (सुखम्) सुख को ही।
केवल हिन्दी अनुवाद: जो पुरुष शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है, वह न सिद्धि को प्राप्त होता है, न परम गति को और न सुख को ही।
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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helpukiranagarwal · 1 month
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निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान | NIMS University, Jaipur, Rajasthan | MOU | समझौता ज्ञापन
17.07.2024, जयपुर | शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता हेतु निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया | MOU | समझौता ज्ञापन पर निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने हस्ताक्षर किये |
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निम्स यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी ने कहा कि “निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चेरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन शिक्षा के साथ संगीत, मनोरंजन एवं फिल्म इंडस्ट्री में छात्र-छात्राओं को नई दिशा प्रदान करेगा |”
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी से डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी (रजिस्ट्रार), डॉ. हिमांशु त्रिपाठी, डॉ. तुषार जगावत, श्री आशीष माथुर, डॉ. दीप्ति रस्तोगी, डॉ. कुलदीप सिंह झाला, डॉ. पियूष पाठक, डॉ. गोविन्द उपाध्याय, श्री राधेश्याम गुर्जर, श्री अशोक कुमार मेर, श्री आशुतोष सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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drrupal-helputrust · 1 month
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निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान | NIMS University, Jaipur, Rajasthan | MOU | समझौता ज्ञापन
17.07.2024, जयपुर | शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता हेतु निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया | MOU | समझौता ज्ञापन पर निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने हस्ताक्षर किये |
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह ने कहा कि, "इस MOU | समझौता ज्ञापन का उद्देश्य शैक्षिक उत्कृष्टता, सांस्कृतिक संवर्धन और सामाजिक कल्याण तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता को लेकर निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच एक सहयोगात्मक संबंध स्थापित करना है । दोनों पक्ष आपसी उद्देश्यों को प्राप्त करने और समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हैं ।“
श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि “आज का यह अवसर हमारे लिए अत्यंत गर्व और उपलब्धि का है | निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच होने वाले MOU | समझौता ज्ञापन के माध्यम से हम एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं ।
हमारा उद्देश्य सदैव से ही जन हित में कार्य करना रहा है | शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में हम मिलकर अनेक परियोजनाओं पर कार्य करेंगे, जिससे न केवल हमारे छात्रों को लाभ होगा, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को भी इसका प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा ।
हम विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और सामाजिक अभियानों का आयोजन करेंगे, जो समाज के वंचित वर्गों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे । हम छात्रों को केवल सैद्धांतिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करेंगे, जिससे वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझ सकें और एक बेहतर नागरिक बन सकें | हमे पूरा विश्वास है कि निम्स यूनिवर्सिटी और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का साथ हमारे समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा | हम सभी का सामूहिक प्रयास निश्चित रूप से हमारे उद्देश्यों की पूर्ति करेगा और समाज को एक सकारात्मक दिशा में ले जाएगा | निम्स यूनिवर्सिटी के समस्त सदस्यों का धन्यवाद एवं आभार, जिन्होंने इस MOU को बनाने में अपना योगदान दिया । साथ ही हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के सभी सदस्यों का आभार जिनकी 12 वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण ने आज के दिन को ऐतिहासिक बना दिया है |
आप यदि समाजसेवा में अपना योगदान करना चाहें तो आप हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ सकतें हैं और ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान कर, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से समाज सेवा कर सकते हैं । यह आवश्यक नही है कि आप ट्रस्ट को आर्थिक सहयोग (Donation, Sponsorship, CSR आदि) ही प्रदान करें बल्कि आप अपने सेवा क्षेत्र के माध्यम से हमारे सलाहकार, आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य, Coordinator, Goodwill Ambassador, संयुक्त तत्वावधान में आयोजन करके, भी अपना बहुमूल्य योगदान जनहित में प्रदान कर सकते हैं |”
निम्स यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी ने कहा कि “निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चेरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन शिक्षा के साथ संगीत, मनोरंजन एवं फिल्म इंडस्ट्री में छात्र-छात्राओं को नई दिशा प्रदान करेगा |”
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी से डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी (रजिस्ट्रार), डॉ. हिमांशु त्रिपाठी, डॉ. तुषार जगावत, श्री आशीष माथुर, डॉ. दीप्ति रस्तोगी, डॉ. कुलदीप सिंह झाला, डॉ. पियूष पाठक, डॉ. गोविन्द उपाध्याय, श्री राधेश्याम गुर्जर, श्री अशोक कुमार मेर, श्री आशुतोष सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही |
#MOU #MemorandumOfUnderstanding #Teamwork #Contract #Workingtogether #Contractsigned
#NarendraModi #PMOIndia
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helputrust-drrupal · 1 month
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निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान | NIMS University, Jaipur, Rajasthan | MOU | समझौता ज्ञापन
17.07.2024, जयपुर | शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता हेतु निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया | MOU | समझौता ज्ञापन पर निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने हस्ताक्षर किये |
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह ने कहा कि, "इस MOU | समझौता ज्ञापन का उद्देश्य शैक्षिक उत्कृष्टता, सांस्कृतिक संवर्धन और सामाजिक कल्याण तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता को लेकर निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच एक सहयोगात्मक संबंध स्थापित करना है । दोनों पक्ष आपसी उद्देश्यों को प्राप्त करने और समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हैं ।“
श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि “आज का यह अवसर हमारे लिए अत्यंत गर्व और उपलब्धि का है | निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच होने वाले MOU | समझौता ज्ञापन के माध्यम से हम एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं ।
हमारा उद्देश्य सदैव से ही जन हित में कार्य करना रहा है | शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में हम मिलकर अनेक परियोजनाओं पर कार्य करेंगे, जिससे न केवल हमारे छात्रों को लाभ होगा, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को भी इसका प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा ।
हम विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और सामाजिक अभियानों का आयोजन करेंगे, जो समाज के वंचित वर्गों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे । हम छात्रों को केवल सैद्धांतिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करेंगे, जिससे वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझ सकें और एक बेहतर नागरिक बन सकें | हमे पूरा विश्वास है कि निम्स यूनिवर्सिटी और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का साथ हमारे समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा | हम सभी का सामूहिक प्रयास निश्चित रूप से हमारे उद्देश्यों की पूर्ति करेगा और समाज को एक सकारात्मक दिशा में ले जाएगा | निम्स यूनिवर्सिटी के समस्त सदस्यों का धन्यवाद एवं आभार, जिन्होंने इस MOU को बनाने में अपना योगदान दिया । साथ ही हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के सभी सदस्यों का आभार जिनकी 12 वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण ने आज के दिन को ऐतिहासिक बना दिया है |
आप यदि समाजसेवा में अपना योगदान करना चाहें तो आप हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ सकतें हैं और ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान कर, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से समाज सेवा कर सकते हैं । यह आवश्यक नही है कि आप ट्रस्ट को आर्थिक सहयोग (Donation, Sponsorship, CSR आदि) ही प्रदान करें बल्कि आप अपने सेवा क्षेत्र के माध्यम से हमारे सलाहकार, आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य, Coordinator, Goodwill Ambassador, संयुक्त तत्वावधान में आयोजन करके, भी अपना बहुमूल्य योगदान जनहित में प्रदान कर सकते हैं |”
निम्स यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी ने कहा कि “निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चेरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन शिक्षा के साथ संगीत, मनोरंजन एवं फिल्म इंडस्ट्री में छात्र-छात्राओं को नई दिशा प्रदान करेगा |”
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी से डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी (रजिस्ट्रार), डॉ. हिमांशु त्रिपाठी, डॉ. तुषार जगावत, श्री आशीष माथुर, डॉ. दीप्ति रस्तोगी, डॉ. कुलदीप सिंह झाला, डॉ. पियूष पाठक, डॉ. गोविन्द उपाध्याय, श्री राधेश्याम गुर्जर, श्री अशोक कुमार मेर, श्री आशुतोष सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही |
#MOU #MemorandumOfUnderstanding #Teamwork #Contract #Workingtogether #Contractsigned
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helputrust-harsh · 1 month
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निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान | NIMS University, Jaipur, Rajasthan | MOU | समझौता ज्ञापन
17.07.2024, जयपुर | शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता हेतु निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया | MOU | समझौता ज्ञापन पर निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने हस्ताक्षर किये |
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श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि “आज का यह अवसर हमारे लिए अत्यंत गर्व और उपलब्धि का है | निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच होने वाले MOU | समझौता ज्ञापन के माध्यम से हम एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं ।
हमारा उद्देश्य सदैव से ही जन हित में कार्य करना रहा है | शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में हम मिलकर अनेक परियोजनाओं पर कार्य करेंगे, जिससे न केवल हमारे छात्रों को लाभ होगा, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को भी इसका प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा ।
हम विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और सामाजिक अभियानों का आयोजन करेंगे, जो समाज के वंचित वर्गों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे । हम छात्रों को केवल सैद्धांतिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करेंगे, जिससे वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझ सकें और एक बेहतर नागरिक बन सकें | हमे पूरा विश्वास है कि निम्स यूनिवर्सिटी और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का साथ हमारे समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा | हम सभी का सामूहिक प्रयास निश्चित रूप से हमारे उद्देश्यों की पूर्ति करेगा और समाज को एक सकारात्मक दिशा में ले जाएगा | निम्स यूनिवर्सिटी के समस्त सदस्यों का धन्यवाद एवं आभार, जिन्होंने इस MOU को बनाने में अपना योगदान दिया । साथ ही हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के सभी सदस्यों का आभार जिनकी 12 वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण ने आज के दिन को ऐतिहासिक बना दिया है |
आप यदि समाजसेवा में अपना योगदान करना चाहें तो आप हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ सकतें हैं और ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान कर, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से समाज सेवा कर सकते हैं । यह आवश्यक नही है कि आप ट्रस्ट को आर्थिक सहयोग (Donation, Sponsorship, CSR आदि) ही प्रदान करें बल्कि आप अपने सेवा क्षेत्र के माध्यम से हमारे सलाहकार, आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य, Coordinator, Goodwill Ambassador, संयुक्त तत्वावधान में आयोजन करके, भी अपना बहुमूल्य योगदान जनहित में प्रदान कर सकते हैं |”
निम्स यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी ने कहा कि “निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चेरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन शिक्षा के साथ संगीत, मनोरंजन एवं फिल्म इंडस्ट्री में छात्र-छात्राओं को नई दिशा प्रदान करेगा |”
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी से डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी (रजिस्ट्रार), डॉ. हिमांशु त्रिपाठी, डॉ. तुषार जगावत, श्री आशीष माथुर, डॉ. दीप्ति रस्तोगी, डॉ. कुलदीप सिंह झाला, डॉ. पियूष पाठक, डॉ. गोविन्द उपाध्याय, श्री राधेश्याम गुर्जर, श्री अशोक कुमार मेर, श्री आशुतोष सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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gurujitmshastri · 3 months
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Today's Horoscope -
मेष (चु, चे, चो, ला, लि, लु, ले, लो, अ) :-आपके कार्यों की प्रशंसा होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। आपकी क्रोध में की गई बात किसी से मतभेद उत्पन्न कर सकती है और दूसरों से रखी गई उपेक्षा भी आपके स्वयं के लिए मायूसी पैदा करेंगे। नए लोगों से मुलाकात आपके लिए फ़ायदेमंद होगी। कुछ वित्तीय बाधाओं को भी महसूस किया जा सकता है। यह सब आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है और आप थोड़ा तनाव में आ सकते हैं।
वृषभ (इ, उ, ए, ओ, वा, वि, वु, वे, वो) :-प्रियजनों से भेंट होने पर प्रसन्न होंगे। आज मन में आशावादी विचारों का प्रवाह रहेगा। आकस्मिक धन लाभ होने के योग बन रहे हैं। विवाह योग्य सन्तान का आज विवाह तय हो सकता हैं। आज आप आमदनी बढ़ाने के लिये नये स्त्रोतों के विषय में प्लान करेंगे। आर्थिक पक्ष के मजबूत होने की पूरी संभावना है। पारिवारिक वातावरण बेहतर रहेगा। संतान को लेकर चिंतित रहेंगे लेकिन कुछ बातें समय पर छोड़ दीजिए आपको लाभ मिलेगा।
मिथुन (का, कि, कु, घ, ङ, छ, के, को, हा) :-आज आप नए विचारों से परिपूर्ण रहेंगे और आप जिन कामों को करने के लिए चुनेंगे, वे आपको उम्मीद से ज़्यादा फ़ायदा देंगे। आज आपके द्वारा धन को बचाने के प्रयास आज असफल हो सकते हैं हालांकि आपको इससे घबराने की जरुरत नहीं है स्थिति जल्द ही सुधरेगी। हो सकता है कि आप अपने परिवार के लोगों की सभी बातों से सहमत न हों, लेकिन आपको उनके तजुर्बे से सीखने की कोशिश करनी चाहिए।
कर्क (हि, हु, हे, हो, डा, डि, डु, डे, डो) :-आज धन लाभ होने की संभावना तो बन रही है लेकिन ऐसा हो सकता है कि अपने गुस्सैल स्वभाव के कारण आप पैसा कमाने में सक्षम न हो पाएं। दूसरों को प्रभावित करने की आपकी क्षमता आपको कई सकारात्मक चीज़ें दिलाएगी। धार्मिक कार्यों में रूचि बढेगी। सामाजिक दायरा बढ़ाने में सक्षम होंगे। आप अपने काम पर एकाग्रता बरक़रार रखने में दिक़्क़त महसूस करेंगे क्योंकि आज आपकी सेहत पूरी तरह ठीक नहीं होगी।
सिंह (मा, मि, मु, मे, मो, टा, टि, टु, टे) :-सुख के साधनों में बढ़त होगी। सभी कार्य सरलता पूर्वक हल होंगे और उनमें सफलता मिलेगी। सभी जगह अनुकूल परिस्थितियां निर्मित होंगी। सरकारी काम में सफलता मिलेगी। आज का दिन आपके लिए उत्तम रहेगा। आज सामाजिक कार्यों में अपना योगदान देंगे। कार्यक्षेत्र में उम्मीद के अनुसार कामयाबी हासिल होगी। पारिवारिक मामलों में किसी बात को लेकर जीवनसाथी से बात होगी।
कन्या (टो, पा, पि, पु, ष, ण, ठ, पे, पो) :-मित्र सहयोगी आपके प्रति कुछ द्वेष-भाव रख सकते हैं। व्यर्थ के अत्यधिक खर्चे उत्पन्न हो सकते हैं। आपमें आत्मविश्वास की कमी नहीं रहेगी और दोपहर के समय आपके पास धन का आगमन होगा, जिससे आप अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर काफी खुश रहेंगे। काम के सिलसिले में किए गए प्रयास सफल होंगे और आपकी मेहनत रंग लाएगी। अनुभवी तथा वरिष्ठ लोगों के संपर्क में अपना अधिक से अधिक समय व्यतीत करें।
तुला (रा, रि, रु, रे, रो, ता, ति, तु, ते) :-आपको बहुत से नए अवसर मिल रहे हैं, जिनसे आपके जीवन में उन्नति होगी और अध्यात्मिक रूप से आपकी वृद्धि होगी। किसी किसी खास व्यक्ति से आप लंबे समय से नाराज़ हैं तो उस व्यक्ति को माफ़ करने का प्रयास करें। साझेदारी में किसी नई परियोजना की शुरुआत के लिए दिन काफी अच्छा है। घर-परिवार में अच्छा वातावरण रहेगा और सभी सदस्यों का साथ मिलेगा, जिससे आपका मनोबल बढ़ेगा।
वृश्चिक (तो, ना, नि, नु, ने, नो, या, यि, यु) :-आज का दिन आपके लिए बहुत आत्मविश्वास से भरा हुआ रहेगा। कुछ कामों के मामले में आपको अपने सहयोगियों से पूरी मदद मिलेगी। परिवार में सुख शांति बनी रहेगी। पति-पत्नी के मध्य चल रहे विवादों में भी सकारात्मक हल निकलेगा। कैरियर व नौकरी में परिवर्तन जैसे अवसरों के लिए, यह समय बहुत सकारात्मक नहीं है। आपको वांछित परिणाम मिलने पर विलंब हो सकता हैं।
धनु (ये, यो, भा, भि, भु, धा, फा, ढा, भे):-अपनी जिमेदारियों के प्रति सचेत रहें, उन्हें पूरे समर्पण से निभाएं, इससे आपके जीवन में कई रुके हुए काम बन जाएंगे। यदि नौकरी से संबंधित कोई बदलाव चाहते हैं तो आज इस दिशा में कदम अवश्य उठाएं। व्यर्थ चिंताओं में आज का दिन खराब न करें। अपनी ऊर्जा और आइडियाज को उचित दिशा में लगाएं। पुरानी बातों को सोचने से कोई लाभ नहीं। धार्मिक कार्यों में संलिप्त रहेंगे।
मकर(भो,जा,जि,जु,जे,जो,ख,खि,खु,खे,खो,गा,गि):-घर में एकता-भाईचारा का भाव देखने को मिलेगा। यदि घर में किसी ख़ास या क़रीबी व्यक्ति से आपके संबंधों में कटुता आ गई है तो इस समय आप दोनों के रिश्ते सामान्य हो जाएंगे। अपना व्यवहार सकारात्मक बनाए रखें। भविष्य के लिये बनायी योजनाओं पर भी आज कुछ सोच-विचार करने की जरुरत हैं। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में परिवार वालों की मदद मिलेगी। जीवन में अपने परिवार, दोस्तों और जीवनसाथी की भूमिका को पहचानेंगे।
कुम्भ (गु, गे, गो, सा, सि, सु, से, सो, दा) :-प्रभावशाली व्यक्तियों का सहयोग आपकी उन्नति में सहायक सिद्ध होगा और परिश्रम के अनुसार आपको उचित फल भी प्राप्त होंगे। अत्यधिक कार्यभार के कारण तनाव महसूस करेंगे। आप अकेले और शांत रहना पसंद करेंगे। आप कुछ महत्वपूर्ण लेकर लंबित चल रहे कार्यों को पूरा करने का प्रयास करेंगे। आप अपने काम पर एकाग्रता बरक़रार रखने में दिक़्क़त महसूस करेंगे। कोई सलाह आज कार्यक्षेत्र में आपको धन लाभ करा सकती है , कुल मिलाकर फ़ायदेमंद दिन है।
मीन (दि, दु, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, चि) :-आपके द्वारा बनाई गई योजनाएं सफल होंगी। व्यर्थ की उलझनें और सोच विचार से आपका मन विचलित रहेगा। अगर आप प्रयास करते हैं तो लंबे समय से चल रही किसी मित्र या परिवारिक सदस्य के साथ नाराजगी दूर हो सकती हैं। आज के दिन आपको प्रातः काल से ही कुछ ना कुछ गड़बड़ होने का अंदेशा रहेगा लेकिन ज्यादा परेशान ना हों आज का दिन आपको अधिकांश कार्यो में सफलता दिलाएगा।
आपका दिन शुभ व मंगलमय हो। समस्या चाहे कैसी भी हो 100% समाधान प्राप्त करे:- स्पेशलिस्ट- मनचाही लव मैरिज करवाना, पति या प्रेमी को मनाना, कारोबार का न चलना, धन की प्राप्ति, पति पत्नी में अनबन और गुप्त प्रेम आदि समस्याओ का समाधान। एक फोन बदल सकता है आपकी जिन्दगी। Guru Ji T M Shastri Ji Call Now: - +91-9872539511 फीस संबंधी जानकारी के लिए #Facebook page के message box में #message करें। आप Whatsapp भी कर सकते हैं। #famousastrologer #astronews #astroworld #Astrology #Horoscope #Kundli #Jyotish #yearly #monthly #weekly #numerology #rashifal #RashiRatan #gemstone #real #onlinepuja #remedies #lovemarraigespecilist #prediction #motivation #dailyhoroscope #TopAstrologer
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sumendrasahu · 4 months
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#आदि_सनातनधर्म_होगाप्रतिष्ठित
आदि सनातन धर्म होगा प्रतिष्ठित
प्रसिद्ध भविष्यवक्ता इस बात से पूर्णतः सहमत थे कि यकीनन ही भारत में जन्म लेने वाले एक संत ही होंगे पूरे विश्व के मुक्तिदाता। वे सम्पूर्ण विश्व में अपने ज्ञान से नई जन चेतना का विकास कर आदि सनातन धर्म को प्रतिष्ठित करेंगे। वर्तमान में अपने अद्भुत ज्ञान से सभी में नई चेतना जगाने वाले संत केवल और केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
Sant Rampal Ji Maharaj
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qualitytyphoonchaos · 4 months
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#आदि_सनातनधर्म_होगाप्रतिष्ठित
आदि सनातन धर्म होगा प्रतिष्ठित
प्रसिद्ध भविष्यवक्ता इस बात से पूर्णतः सहमत थे कि यकीनन ही भारत में जन्म लेने वाले एक संत ही होंगे पूरे विश्व के मुक्तिदाता। वे सम्पूर्ण विश्व में अपने ज्ञान से नई जन चेतना का विकास कर आदि सनातन धर्म को प्रतिष्ठित करेंगे। वर्तमान में अपने अद्भुत ज्ञान से सभी में नई चेतना जगाने वाले संत केवल और केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
Sant Rampal Ji Maharaj
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verydeeranchor · 4 months
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#आदि_सनातनधर्म_होगाप्रतिष्ठित
आदि सनातन धर्म होगा प्रतिष्ठित
प्रसिद्ध भविष्यवक्ता इस बात से पूर्णतः सहमत थे कि यकीनन ही भारत में जन्म लेने वाले एक संत ही होंगे पूरे विश्व के मुक्तिदाता। वे सम्पूर्ण विश्व में अपने ज्ञान से नई जन चेतना का विकास कर आदि सनातन धर्म को प्रतिष्ठित करेंगे। वर्तमान में अपने अद्भुत ज्ञान से सभी में नई चेतना जगाने वाले संत केवल और केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
Sant Rampal Ji Maharaj
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helputrust · 1 month
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निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान | NIMS University, Jaipur, Rajasthan | MOU | समझौता ज्ञापन
17.07.2024, जयपुर | शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता हेतु निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया | MOU | समझौता ज्ञापन पर निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने हस्ताक्षर किये |
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह ने कहा कि, "इस MOU | समझौता ज्ञापन का उद्देश्य शैक्षिक उत्कृष्टता, सांस्कृतिक संवर्धन ��र सामाजिक कल्याण तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता को लेकर निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच एक सहयोगात्मक संबंध स्थापित करना है । दोनों पक्ष आपसी उद्देश्यों को प्राप्त करने और समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हैं ।“
श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि “आज का यह अवसर हमारे लिए अत्यंत गर्व और उपलब्धि का है | निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच होने वाले MOU | समझौता ज्ञापन के माध्यम से हम एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं ।
हमारा उद्देश्य सदैव से ही जन हित में कार्य करना रहा है | शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में हम मिलकर अनेक परियोजनाओं पर कार्य करेंगे, जिससे न केवल हमारे छात्रों को लाभ होगा, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को भी इसका प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा ।
हम विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और सामाजिक अभियानों का आयोजन करेंगे, जो समाज के वंचित वर्गों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे । हम छात्रों को केवल सैद्धांतिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करेंगे, जिससे वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझ सकें और एक बेहतर नागरिक बन सकें | हमे पूरा विश्वास है कि निम्स यूनिवर्सिटी और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का साथ हमारे समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा | हम सभी का सामूहिक प्रयास निश्चित रूप से हमारे उद्देश्यों की पूर्ति करेगा और समाज को एक सकारात्मक दिशा में ले जाएगा | निम्स यूनिवर्सिटी के समस्त सदस्यों का धन्यवाद एवं आभार, जिन्होंने इस MOU को बनाने में अपना योगदान दिया । साथ ही हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के सभी सदस्यों का आभार जिनकी 12 वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण ने आज के दिन को ऐतिहासिक बना दिया है |
आप यदि समाजसेवा में अपना योगदान करना चाहें तो आप हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ सकतें हैं और ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान कर, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से समाज सेवा कर सकते हैं । यह आवश्यक नही है कि आप ट्रस्ट को आर्थिक सहयोग (Donation, Sponsorship, CSR आदि) ही प्रदान करें बल्कि आप अपने सेवा क्षेत्र के माध्यम से हमारे सलाहकार, आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य, Coordinator, Goodwill Ambassador, संयुक्त तत्वावधान में आयोजन करके, भी अपना बहुमूल्य योगदान जनहित में प्रदान कर सकते हैं |”
निम्स यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी ने कहा कि “निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चेरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन शिक्षा के साथ संगीत, मनोरंजन एवं फिल्म इंडस्ट्री में छात्र-छात्राओं को नई दिशा प्रदान करेगा |”
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी से डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी (रजिस्ट्रार), डॉ. हिमांशु त्रिपाठी, डॉ. तुषार जगावत, श्री आशीष माथुर, डॉ. दीप्ति रस्तोगी, डॉ. कुलदीप सिंह झाला, डॉ. पियूष पाठक, डॉ. गोविन्द उपाध्याय, श्री राधेश्याम गुर्जर, श्री अशोक कुमार मेर, श्री आशुतोष सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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jyotis-things · 1 day
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart89 के आगे पढिए.....)
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart90
।। पाण्डवों की यज्ञ में सुपच सुदर्शन द्वारा शंख बजाना।।
जैसा कि सर्व विदित है कि महाभारत के युद्ध में अर्जुन ने युद्ध करने से मना कर दिया था तथा शस्त्र त्याग कर युद्ध के मैदान में दोनों सेनाओं के बीच में खड़े रथ के पिछले हिस्से में आंखों से आँसू बहाता हुआ बैठ गया था। तब भगवान कृष्ण के अन्दर प्रवेश काल शक्ति (ब्रह्म) अर्जुन को युद्ध करने की राय देने लगा था। तब अर्जुन ने कहा था कि भगवान यह घोर पाप मैं नहीं करूंगा। इससे अच्छा तो भिक्षा का अन्न भी खा कर गुजारा कर लेंगे। तब भगवान काल श्री कृष्ण जी के शरीर में प्रवेश करके बोला था कि अर्जुन युद्ध कर। तुझे कोई पाप नहीं लगेगा। देखें गीता जी के अध्याय 11 के श्लोक 33, अध्याय 2 के श्लोक 37, 38 में।
महाभारत में लेख (प्रकरण) आता है कि कृष्ण जी के कहने से अर्जुन ने युद्ध करना स्वीकार कर लिया। घमासान युद्ध हुआ। करोड़ों व्यक्ति व सर्व कौरव युद्ध में मारे गए और पाण्डव विजयी हुए। तब पाण्डव प्रमुख युधिष्ठिर को राज्य सिंहासन पर बैठाने के लिए स्वयं भगवान कृष्ण ने कहा तो युधिष्ठिर ने यह कहते हुए गद्दी पर बैठने से मना कर दिया कि मैं ऐसे पाप युक्त राज्य को नहीं करूंगा। जिसमें करोड़ों व्यक्ति मारे गए थे। उनकी पत्नियाँ विधवा हो गई, करोड़ों बच्चे अनाथ हो गए, अभी तक उनके आँसू भी नहीं सूखे हैं। किसी प्रकार भी बात बनती न देख कर श्री कृष्ण जी ने कहा कि आप भीष्म जी से राय लो। क्योंकि जब व्यक्ति स्वयं फैसला लेने में असफल रहे तब किसी स्वजन से विचार कर लेना चाहिए। युधिष्ठिर ने यह बात स्वीकार कर ली। तब श्री कृष्ण जी युधिष्ठिर को साथ लेकर वहाँ पहुँचे जहाँ पर श्री भीष्म शर (तीरों की) शैय्या (चारपाई) पर अंतिम स्वांस गिन रहे थे, वहाँ जा कर श्री कृष्ण जी ने भीष्म से कहा कि युधिष्ठिर राज्य
गद्दी पर बैठने से मना कर रहे हैं। कृपा आप इन्हें राजनीति की शिक्षा दें। भीष्म जी ने बहुत समझाया परंतु युधिष्ठिर अपने उद्देश्य से विचलित नहीं हुआ। यही कहता रहा कि इस पाप से युक्त रूधिर से सने राज्य को भोग कर मैं नरक प्राप्ति नहीं चाहूँगा। श्री कृष्ण जी ने कहा कि आप एक धर्म यज्ञ करो। जिससे आपको युद्ध में हुई हत्याओं का पाप नहीं लगेगा। इस बात पर युधिष्ठिर सहमत हो गया और एक धर्म यज्ञ की। फिर राज गद्दी पर बैठ गया। हस्तिनापुर का राजा बन गया।
प्रमाण सुखसागर के पहले स्कन्ध के आठवें तथा नौवें अध्याय से सहाभार पृष्ठ नं. 48 से 53)
कुछ वर्षों पर्यन्त युधिष्ठिर को भयानक स्वपन आने शुरु हो गए। जैसे बहुत सी औरतें रोती-बिलखती हुई अपनी चूड़ियाँ तोड़ रहीं हैं तथा उनके मासूम बच्चे अपनी माँ के पास खड़े कुछ बैठे पिता-पिता कह कर रो रहे हैं मानों कह रहे हो हे राजन् ! हमें भी मरवा दे, भेज दे हमारे पिता के पास। कई बार बिना शीश के धड़ दिखाई देते है। किसी की गर्दन कहीं पड़ी है, धड़ कहीं पड़ा है, हा हा कार मची हुई है। युधिष्ठिर की नींद उचट जाती, घबरा कर बिस्तर पर बैठ कर हाँफने लग जाता। सारी-2 रात बैठ कर या महल में घूम कर व्यतीत करता है। एक दिन द्रौपदी ने बड़े पति की यह दशा देखी और परेशानी का कारण पूछा तो युधिष्ठिर कुछ नहीं कुछ नहीं कह कर टाल गए। जब द्रौपदी ने कई रात्रियों में युधिष्ठिर की यह दुर्दशा देखी तो एक दिन चारों (अर्जुन, भीम, नकुल, सहदेव) को बताया कि आपका बड़ा भाई बहुत परेशान है। कारण पूछो। तब चारों भाईयों ने बड़े भईया से प्रार्थना करके पूछा कि कृप्या परेशानी का कारण बताओ। ज्यादा आग्रह करने पर अपनी सर्व कहानी सुनाई। पाँचों भाई इस परेशानी का कारण जानने के लिए भगवान श्रीकृष्णजी के पास गए तथा बताया कि बड़े भईया युधिष्ठिर जी को भयानक स्वपन आ रहे हैं। जिनके कारण उनकी रात्रि की नींद व दिन का चैन व भूख समाप्त हो गई। कृप्या कारण व समाधान बताएँ। सारी बात सुनकर श्री कृष्ण जी बोले युद्ध में किए हुए पाप परेशान कर रहे हैं। इन पापों का निवारण यज्ञ से होता है।
गीता जी के अध्याय 3 के श्लोक 13 का हिन्दी अनुवाद यज्ञ में प्रतिष्ठित ईष्ट (पूर्ण परमात्मा) को भोग लगाने के बाद बने प्रसाद को खाने वाले श्रेष्ठ पुरुष सब पापों से मुक्त हो जाते हैं जो पापी लोग अपना शरीर पोषण करने के लिये ही अन्न पकाते हैं वे तो पाप को ही खाते हैं अर्थात् यज्ञ करके सर्व पापों से मुक्त हो जाते हैं। और कोई चारा न देख कर पाण्डवों ने श्री कृष्ण जी की सलाह स्वीकार कर ली। यज्ञ की तैयारी की गई। सर्व पृथ्वी के मानव, ऋषि, सिद्ध, साधु व स्वर्ग लोक के देव भी आमन्त्रित करने को, श्री कृष्ण जी ने कहा कि जितने अधिक व्यक्ति भोजन पाएंगें उतना ही अधिक पुण्य होगा। परंतु संतों व भक्तों से विशेष लाभ होता है उनमें भी कोई परम शक्ति युक्त संत होगा वह पूर्ण लाभ दे सकता है तथा यज्ञ पूर्ण होने का साक्षी एक पांच मुख वाला (पंचजन्य) शंख एक सुसज्जित ऊँचे आसन पर रख दिया जाएगा तथा जब इस यज्ञ में कोई परम शक्ति युक्त संत भोजन खाएगा तो यह शंख स्वयं आवाज करेगा। इतनी गूँज होगी की पूरी पृथ्वी पर तथा स्वर्ग लोक तक आवाज सुनाई देगी।
यज्ञ की तैयारी हुई। निश्चित दिन को सर्व आदरणीय आमन्त्रित भक्तगण, अठासी हजार ऋषि, तेतीस करोड़ देवता, नौ नाथ, चौरासी सिद्ध, ब्रह्मा, विष्णु, शिव आदि पहुँच गए। यज्ञ कार्य शुरु हुआ। बाद में सब ने यज्ञ का बचा प्रसाद (भण्डारा) सर्व उपस्थित महानुभावों व भक्तों तथा जनसाधारण को बरताया (खिलाया)। स्वयं भगवान कृष्ण जी ने भी भोजन खा लिया। परंतु शंख नहीं बजा। शंख नहीं बजा तो यज्ञ सम्पूर्ण नहीं हुई। उस समय युधिष्ठिर ने श्री कृष्ण जी से पूछा हे मधुसूदन ! शंख ��हीं बजा। सर्व महापुरुषों व आगन्तुकों ने भोजन पा लिया। कारण क्या है? श्री कृष्ण जी ने कहा कि इनमें कोई पूर्ण सन्त (सतनाम व सारनाम उपासक) नहीं है। तब युधिष्ठिर को बड़ा आश्चर्य हुआ कि इतने महा मण्डलेश्वर जिसमें वशिष्ठ मुनि, मार्कण्डेय, लोमष ऋषि, नौ नाथ (गोरखनाथ जैसे), चौरासी सिद्ध आदि-2 व स्वयं भगवान श्री कृष्ण जी ने भी भोजन खा लिया। परंतु शंख नहीं बजा। इस पर कृष्ण जी ने कहा ये सर्व मान बड़ाई के भूखे हैं। परमात्मा चाहने वाला कोई नहीं तथा अपनी मनमुखी साधना करके सिद्धि दिखा कर दुनियाँ को आकर्षित करते हैं। भोले लोग इनकी वाह-2 करते हैं तथा इनके इर्द-गिर्द मण्डराते हैं। ये स्वयं भी पशु जूनी में जाएंगे तथा अपने अनुयाईयों को नरक ले जाएंगे।
गरीब, साहिब के दरबार में, गाहक कोटि अनन्त । चार चीज चाहै हैं, रिद्धि सिद्धि मान महंत ।।
गरीब, ब्रह्म रन्द्र के घाट को, खोलत है कोई एक। द्वारे से फिर जाते हैं, ऐसे बहुत अनेक ।।
गरीब, बीजक की बातां कहें, बीजक नाहीं हाथ। पृथ्वी डोबन उतरे, कह-कह मीठी बात ।। गरीब, बीजक की बातां कहैं, बीजक नाहीं पास।
ओरों को प्रमोदही, अपन चले निरास ।।
प्रमाण के लिए गीता जी के कुछ श्लोक ।।
अध्याय 9 का श्लोक 20
त्रैविद्याः, माम्, सोमपाः, पूतपापाः, पूतपापाः, यज्ञैः, इष्टवा, स्वर्गतिम्, प्रार्थयन्ते, ते, पुण्यम्, आसाद्य, सुरेन्द्रलोकम्, अश्नन्ति, दिव्यान्, दिवि, देवभोगान् । ।20 ।। अनुवाद :- (त्रैविद्याः) तीनों वेदों में विधान (सोमपाः) सोमरस को पीने वाले (पूतपापाः) पाप रहित पुरुष (माम्) मुझको (यज्ञैः) यज्ञों के द्वारा (इष्टवा) पूज्य देव के रूप में पूज कर (स्वर्गतिम्) स्वर्ग की प्राप्ति (प्रार्थयन्ते) चाहते हैं (ते) वे पुरुष (पुण्यम्) अपने पुण्यों के फलरूप (सुरेन्द्रलोकम्) स्वर्ग लोक को (आसाद्य) प्राप्त होकर (दिवि) स्वर्ग में (दिव्यान्) दिव्य (देवभोगान्) देवताओं के भोगों को (अश्नन्ति) भोगते हैं।
केवल हिन्दी अनुवाद तीनों वेदों में विधान सोम रस को पीने वाले पाप रहित पुरुष मुझको यज्ञों के द्वारा पूज्य देव के रूप में पूज कर स्वर्ग की प्राप्ति चाहते हैं। वे पुरुष अपने पुण्यों के फलरूप स्वर्ग लोक को प्राप्त होकर स्वर्ग में दिव्य देवताओं के भोगों को भोगते हैं।
अध्याय 9 का श्लोक 21
ते, तम्, भुक्त्वा, स्वर्गलोकम्, विशालम्, क्षीणे, पुण्ये, मर्त्यलोकम्, विशन्ति,
एवम्, त्रयीधर्मम्, अनुप्रपन्नाः, गतागतम्, कामकामाः, लभन्ते । ।21 ।। अनुवाद :- (ते) वे (तम्) उस (विशालम्) विशाल (स्वर्गलोकम्) स्वर्गलोकको (भुक्त्त्वा) भोगकर (पुण्ये) पुण्य (क्षीणे) क्षीण होनेपर (मर्त्यलोकम्) मृत्युलोकको (विशन्ति) प्राप्त होते हैं। (एवम्) इस प्रकार (त्रयीधर्मम्) तीनों वेदों में कहे हुए पूजा कर्मों का (अनुप्रपन्नाः) आश्रय लेने वाले और (कामकामाः) भोगों की कामनावस (गतागतम्) बार-बार आवागमन को (लभन्ते) प्राप्त होते हैं।
केवल हिन्दी अनुवाद वे उस विशाल स्वर्ग लोक को भोगकर पुण्य क्षीण होने पर मृत्युलोक को प्राप्त होते हैं। इस प्रकार तीनों वेदों में कहे हुए पूजा कर्मों का आश्रय लेने वाले और भोगों की कामनावश बार-बार आवागमन को प्राप्त होते हैं।
अध्याय 16 का श्लोक 17
आत्सम्भाविताः, स्तब्धाः, धनमानमदान्विताः, यजन्ते, नामयज्ञैः, ते, दम्भेन, अविधिपूर्वकम् । ।17 ।।
अनुवाद :- (ते) वे (आत्मसम्भाविताः) अपने आपको ही श्रेष्ठ मानने वाले (स्तब्धाः) घमण्डी पुरुष (धनमानमदान्विताः) धन और मान के मद से युक्त होकर (नामयज्ञैः) केवल नाममात्र के यज्ञों द्वारा (दम्भेन) पाखण्ड से (अविधिपूर्वकम्) शास्त्रविधि रहित पूजन करते हैं।
केवल हिन्दी अनुवाद वे अपने आपको ही श्रेष्ठ मानने वाले घमण्डी
पुरुष धन और मान के मद से युक्त होकर केवल नाममात्र के यज्ञों द्वारा पाखण्ड से शास्त्रविधि रहित पूजन करते हैं।
अध्याय 16 का श्लोक 18
अहंकारम्, बलम्, दर्पम्, कामम्, क्रोधम्, च, संश्रिताः, माम्, आत्मपरदेहेषु, प्रद्विषन्तः, अभ्यसूयकाः । |18||
अनुवाद :- (अहंकारम्) अहंकार (बलम्) बल (दर्पम्) घमण्ड (कामम्) कामना और (क्रोधम) क्रोधादि के (संश्रिताः) परायण (च) और (अभ्यसूयकाः) दूसरों की निन्दा करने वाले पुरुष (आत्मपरदेहेषु) प्रत्येक शरीर में परमात्मा आत्मा सहित तथा (माम्) मुझसे (प्रद्विषन्तः) द्वेष करने वाले होते हैं।
केवल हिन्दी अनुवाद: अहंकार बल घमण्ड कामना और क्रोधादि के परायण और दूसरों की निन्दा करने वाले पुरुष प्रत्येक शरीर में परमात्मा आत्मा सहित तथा मुझसे द्वेष करने वाले होते हैं। अध्याय 16 का श्लोक 19
तान् अहम्, द्विषतः, क्रूरान्, संसारेषु, नराधमान���, क्षिपामि, अजस्त्रम्, अशुभान्, आसुरीषु, एव, योनिषु । ।19 ।।
अनुवाद :- (तान्) उन (द्विषतः) द्वेष करने वाले (अशुभान्) पापाचारी और (क्रूरान्) क्रूरकर्मी (नराधमान) नराधमों को (अहम्) मैं (संसारेषु) संसार में (अजस्त्रम्) बार-बार (आसुरीषु) आसुरी (योनिषु) योनियों में (एव) ही (क्षिपामि) डालता हूँ।
केवल हिन्दी अनुवाद उन द्वेष करने वाले पापाचारी और क्रूरकर्मी नराधमों को मैं संसार में बार-बार आसुरी योनियों में ही डालता हूँ।
अध्याय 16 का श्लोक 20
आसुरीम्, योनिम्, आपन्नाः, मूढाः, जन्मनि, जन्मनि,
माम् अप्राप्य, एव, कौन्तेय, ततः, यान्ति, अधमाम्, गतिम् । ।20।।
अनुवाद :- (कौन्तेय) हे अर्जुन ! (मूढाः) वे मूर्ख (माम्) मुझको (अप्राप्य) न प्राप्त होकर (एव) ही (जन्मनि) जन्म (जन्मनि) जन्म में (आसुरीम्) आसुरी (योनिम्) योनि को (आपन्नाः) प्राप्त होते हैं फिर (ततः) उससे भी (अधमाम्) अति नीच (गतिम्) गति को (यान्ति) प्राप्त होते हैं अर्थात् घोर नरकों में पड़ते हैं।
केवल हिन्दी अनुवाद हे अर्जुन! वे मूर्ख मुझको न प्राप्त होकर ही जन्म जन्म में आसुरी योनि को प्राप्त होते हैं फिर उससे भी अति नीच गति को प्राप्त होते हैं अर्थात् घोर नरकों में पड़ते हैं।
अध्याय 16 का श्लोक 23
यः, शास्त्रविधिम्, उत्सृज्य, वर्तते, कामकारतः, न, सः, सिद्धिम्, अवाप्रोति, न, सुखम्, न, पराम्, गतिम् । ।23 ।।
अनुवाद (यः) जो पुरुष (शास्त्रविधिम्) शास्त्र विधि को (उत्सृज्य) त्यागकर (कामकारतः) अपनी इच्छा से मनमाना (वर्तते) आचरण करता है (सः) वह (न) न (सिद्धिम्) सिद्धि को (अवाप्नोति) प्राप्त होता है (न) न (पराम्) परम (गतिम्) गति को और (न) न (सुखम्) सुख को ही।
केवल हिन्दी अनुवाद: जो पुरुष शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है, वह न सिद्धि को प्राप्त होता है, न परम गति को और न सुख को ही।
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
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hridaytiggas-blog · 4 months
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आदि सनातन धर्म होगा प्रतिष्ठित
प्रसिद्ध भविष्यवक्ता इस बात से पूर्णतः सहमत थे कि यकीनन ही भारत में जन्म लेने वाले एक संत ही होंगे पूरे विश्व के मुक्तिदाता। वे सम्पूर्ण विश्व में अपने ज्ञान से नई जन चेतना का विकास कर आदि सनातन धर्म को प्रतिष्ठित करेंगे। वर्तमान में अपने अद्भुत ज्ञान से सभी में नई चेतना जगाने वाले संत केवल और केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
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parshantkumar687 · 4 months
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🎉 आदि सनातन धर्म होगा प्रतिष्ठित
🎉पांच सहस्र अरु पांच सौ, जब कलयुग बीत जाए |
महापुरुष फरमान तब, जग तारन को आए ||
प्रसिद्ध भविष्यवक्ता इस बात से पूर्णतः सहमत थे कि यकीनन ही भारत में जन्म लेने वाले एक संत ही होंगे पूरे विश्व के मुक्तिदाता। वे सम्पूर्ण विश्व में अपने ज्ञान से नई जन चेतना का विकास कर आदि सनातन धर्म को प्रतिष्ठित करेंगे। वर्तमान में अपने अद्भुत ज्ञान से सभी में नई चेतना जगाने वाले संत केवल और केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
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motalal46 · 4 months
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#आदि_सनातनधर्म_होगाप्रतिष्ठित
🎉 आदि सनातन धर्म होगा प्रतिष्ठित
प्रसिद्ध भविष्यवक्ता इस बात से पूर्णतः सहमत थे कि यकीनन ही भारत में जन्म लेने वाले एक संत ही होंगे पूरे विश्व के मुक्तिदाता। वे सम्पूर्ण विश्व में अपने ज्ञान से नई जन चेतना का विकास कर आदि सनातन धर्म को प्रतिष्ठित करेंगे। वर्तमान में अपने अद्भुत ज्ञान से सभी में नई चेतना जगाने वाले संत केवल और केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
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