#वे सहमत हैं
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17.07.2024, जयपुर | शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता हेतु निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया | MOU | समझौता ज्ञापन पर निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने हस्ताक्षर किये |
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह ने कहा कि, "इस MOU | समझौता ज्ञापन का उद्देश्य शैक्षिक उत्कृष्टता, सांस्कृतिक संवर्धन और सामाजिक कल्याण तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता को लेकर निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच एक सहयोगात्मक संबंध स्थापित करना है । दोनों पक्ष आपसी उद्देश्यों को प्राप्त करने और समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हैं ।“
श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि “आज का यह अवसर हमारे लिए अत्यंत गर्व और उपलब्धि का है | निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच होने वाले MOU | समझौता ज्ञापन के माध्यम से हम एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं ।
हमारा उद्देश्य सदैव से ही जन हित में कार्य करना रहा है | शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में हम मिलकर अनेक परियोजनाओं पर कार्य करेंगे, जिससे न केवल हमारे छात्रों को ला�� होगा, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को भी इसका प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा ।
हम विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और सामाजिक अभियानों का आयोजन करेंगे, जो समाज के वंचित वर्गों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे । हम छात्रों को केवल सैद्धांतिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक अ��ुभव भी प्रदान करेंगे, जिससे वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझ सकें और एक बेहतर नागरिक बन सकें | हमे पूरा विश्वास है कि निम्स यूनिवर्सिटी और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का साथ हमारे समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा | हम सभी का सामूहिक प्रयास निश्चित रूप से हमारे उद्देश्यों की पूर्ति करेगा और समाज को एक सकारात्मक दिशा में ले जाएगा | निम्स यूनिवर्सिटी के समस्त सदस्यों का धन्यवाद एवं आभार, जिन्होंने इस MOU को बनाने में अपना योगदान दिया । साथ ही हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के सभी सदस्यों का आभार जिनकी 12 वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण ने आज के दिन को ऐतिहासिक बना दिया है |
आप यदि समाजसेवा में अपना योगदान करना चाहें तो आप हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ सकतें हैं और ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान कर, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से समाज सेवा कर सकते हैं । यह आवश्यक नही है कि आप ट्रस्ट को आर्थिक सहयोग (Donation, Sponsorship, CSR आदि) ही प्रदान करें बल्कि आप अपने सेवा क्षेत्र के माध्यम से हमारे सलाहकार, आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य, Coordinator, Goodwill Ambassador, संयुक्त तत्वावधान में आयोजन करके, भी अपना बहुमूल्य योगदान जनहित में प्रदान कर सकते हैं |”
निम्स यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी ने कहा कि “निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन शिक्षा के साथ संगीत, मनोरंजन एवं फिल्म इंडस्ट्री में छात्र-छात्राओं को नई दिशा प्रदान करेगा |”
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी से डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी (रजिस्ट्रार), डॉ. हिमांशु त्रिपाठी, डॉ. तुषार जगावत, श्री आशीष माथुर, डॉ. दीप्ति रस्तोगी, डॉ. कुलदीप सिंह झाला, डॉ. पियूष पाठक, डॉ. गोविन्द उपाध्याय, श्री राधेश्याम गुर्जर, श्री अशोक कुमार मेर, श्री आशुतोष सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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समाज में परंपराएं और अंधविश्वास: एक सोचने योग्य विषय
हमारा समाज विभिन्न परंपराओं और मान्यताओं से भरा हुआ है। कई बार ऐसा लगता है कि कुछ चीजें केवल इसलिए चली आ रही हैं क्योंकि वे सदियों से चली आ रही हैं। पर क्या हमने कभी गंभीरता से सोचा है कि इनमें से कितनी चीजें वास्तव में आज के दौर में प्रासंगिक हैं? क्या जाति व्यवस्था की अब भी आवश्यकता है? क्या महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग नियम वास्तव में सही हैं? क्या अंधविश्वासों को बिना प्रश्न किए मानते जाना उचित है?
मेरा नाम राजा है, और मेरी उम्र 22 वर्ष है। मैं यह दावा नहीं करूंगा कि मेरे पास ज्ञान का विशाल भंडार है, लेकिन अपने जीवन के इस मोड़ पर इतना जरूर समझ चुका हूं कि कई सामाजिक मान्यताएं केवल परंपराओं का अनुसरण हैं, जिनका तर्क से कोई लेना-देना नहीं है। ये सवाल मैंने खुद से भी पूछे थे, और लंबे समय तक सोचने और पढ़ने के बाद मुझे यह महसूस हुआ कि ये परंपराएं और अंधविश्वास सिर्फ सामाजिक नियमों का हिस्सा बन गए हैं जिन्हें हम बिना सोचे-समझे मानते जा रहे हैं।
हम अपने आस-पास के समाज में इन चीजों को होते हुए देखते हैं—बाजारों में, गलियों में, और हमारे सामाजिक ढांचे के हर हिस्से में। फिर भी, हम में से बहुत कम लोग ऐसे हैं जो इन परंपराओं और मान्यताओं पर सवाल उठाते हैं। जब मैं देखता हूं कि आज भी समाज में जाति और लिंग के आधार पर भेदभाव हो रहा ह��, तो मुझे सच में अचरज होता है कि हम अब भी इन चीजों को क्यों स्वीकार कर रहे हैं। क्या वाकई इनकी अब कोई जरूरत है?
मैं यह समझता हूं कि शायद समाज के कुछ हिस्���े मेरी बातों से सहमत न हों। लेकिन फिर भी, मैं आपसे आग्रह करता हूं कि एक बार अपने आप से और अपने समाज से इन सवालों को पूछिए। क्या ये परंपराएं और अंधविश्वास अब भी जरूरी हैं? क्या इनका कोई तार्किक आधार है?
जवाब शायद यही मिलेगा: "हमारे दादा-दादी ने किया, इसलिए हम भी कर रहे हैं।"लेकिन क्या यह पर्याप्त कारण है?
समाज को आगे बढ़ाने के लिए हमें अपनी सोच में बदलाव लाना होगा। अगर हम अतीत के केवल अनुकरण करते रहेंगे, तो विकास कैसे होगा? यह जरूरी है कि हम इन सवालों को खुद से पूछें और उन पर विचार करें, ताकि हम एक ऐसे समाज की ओर बढ़ सकें जो तर्कसंगत, न्यायसंगत और आधुनिक हो।
- राजा
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पति पत्नी को संबंध कब बनाना चाहिए
पति-पत्नी को संबंध कब बनाना चाहिए?
पति-पत्नी के बीच संबंध एक स्वाभाविक और महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, लेकिन इसे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तैयारियों के आधार पर समय पर बनाना चाहिए। यह केवल शारीरिक आवश्यकताओं तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि दोनों के सहमति, विश्वास और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया जाना चाहिए।
1. मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक तैयारियों के साथ
सहमतिपूर्ण और सहज: जब दोनों पार्टनर्स मानसिक रूप से तैयार हों और संबंध के लिए सहमत हों। यह महत्वपूर्ण है कि दोनों की इच्छाओं का सम्मान किया जाए।
भावनात्मक जुड़ाव: संबंध बनाने से पहले, पार्टनर्स के बीच भावनात्मक जुड़ाव और विश्वास होना चाहिए, ताकि यह एक सुखद और सकारात्मक अनुभव हो।
2. स्वास्थ्य और शारीरिक स्थिति का ध्यान रखें
स्वस्थ होना: जब दोनों पार्टनर्स शारीरिक रूप से स्वस्थ महसूस करते हों और किसी प्रकार के स्वास्थ्य समस्याओं, संक्रमण या बीमारियों से प्रभावित न हों।
महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान: यह एक व्यक्तिगत और सांस्कृतिक निर्णय हो सकता है, लेकिन सामान्यत: मासिक धर्म के दौरान सेक्स से बचना कई महिलाएं पसंद करती हैं।
3. सुरक्षा और गर्भनिरोधक उपाय
गर्भनिरोधक उपाय: यदि पार्टनर्स के बीच अनचाही गर्भावस्था का डर हो, तो संबंध बनाने से पहले गर्भनिरोधक उपायों का इस्तेमाल करना चाहिए।
यौन संचारित संक्रमण से सुरक्षा: सेक्स के दौरान सुरक्षा के उपाय, जैसे कंडोम का उपयोग, यौन संचारित संक्रमणों से बचने के लिए जरूरी है।
4. समय और स्थिति का चयन
समय का चयन: जब दोनों पार्टनर्स के पास एक-दूसरे के लिए समय हो और वे एक-दूसरे के साथ शांति से समय बिताने के लिए तैयार हों।
जिंदगी में बड़े बदलाव: जैसे शादी के बाद का समय, जब दोनों जीवन के नए दौर में कदम रख रहे होते हैं, संबंध बनाने के लिए एक अच्छा समय हो सकता है।
5. तनाव और मानसिक अस्वस्थता के दौरान
मनोवैज्ञानिक तनाव से बचें: जब किसी एक पार्टनर को मानसिक तनाव, चिंता या किसी अन्य भावनात्मक अस्वस्थता का सामना हो, तो सेक्स के लिए तैयार न होना समझदारी होगी।
शारीरिक अस्वस्थता: जब किसी को शारीरिक रूप से थकावट या बीमारी का अनुभव हो, तो सेक्स से बचना चाहिए।
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निष्कर्ष
पति-पत्नी को संबंध तभी बनाना चाहिए जब दोनों मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से तैयार हों और दोनों की सहमति हो। सुरक्षा, स्वास्थ्य, और सही समय का ध्यान रखते हुए संबंध बनाए रखना दोनों के लिए सकारात्मक और सुखद अनुभव हो सकता है।
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**गरीबों को भी रोटी चाहिए, उनका शोषण ठीक नहीं, ये सूरत बदलनी चाहिए**
आज के इस युग में, जहाँ हर कोई अपने सपनों के पीछे भाग रहा है, कहीं न कहीं हम एक महत्वपूर्ण सच्चाई को अनदेखा कर रहे हैं—हमारे समाज के उस हिस्से को, जो अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए भी संघर्ष कर रहा है। गरीबों के पास वह सब कुछ नहीं है जो हमें आसानी से मिल जाता है। उनके पास ना तो पर्याप्त भोजन है, ना ही पहनने को अच्छे कपड़े, और ना ही एक सुरक्षित छत।
### गरीबी का वास्तविक चेहरा
जब हम किसी महानगर की चमचमाती इमारतों को देखते हैं, तो हमें महसूस ही नहीं होता कि इन इमारतों की नींव में उन गरीब मजदूरों का खून-पसीना शामिल है। वे वही लोग हैं जो सुबह से शाम तक काम करते हैं, परंतु बदले में उन्हें सिर्फ कुछ मुट्ठीभर पैसे मिलते हैं, जिससे उनका जीवन संघर्षों से भरा रहता है। यह विडंबना है कि जो लोग हमारे समाज को बनाने में अपना योगदान देते हैं, वे खुद भूखे पेट सोने को मजबूर हैं।
### शोषण की जड़ें और इसे खत्म करने की आवश्यकता
हमारा समाज एक ऐसा ढांचा बन चुका है जहाँ गरीबों का शोषण करना एक सामान्य बात हो गई है। उनसे कम वेतन पर लंबे घंटे काम करवाना, उन्हें स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रखना, और उनके बच्चों को शिक्षा से दूर रखना, यह सब एक गंभीर समस्या बन चुकी है। यह शोषण तब और भी ज्यादा दर्दनाक हो जाता है जब हम देखते हैं कि उनकी मेहनत का फल कुछ गिने-चुने अमीरों की जेबों में चला जाता है।
### हमें क्या बदलने की आवश्यकता है?
विक्रांत राजलीवाल का मानना है कि अब समय आ गया है कि हम इस स्थिति को बदलें। हमें एक ऐसा समाज बनाना चाहिए जहाँ हर व्यक्ति को जीने का हक मिले। गरीबों को सिर्फ दया का पात्र समझने के बजाय हमें उनके अधिकारों के लिए आवाज उठानी चाहिए। यह जरूरी है कि—
1. **रोज़गार और उचित वेतन:** गरीबों को भी सम्मानजनक नौकरी और उचित वेतन मिलना चाहिए। अगर वे दिन-रात मेहनत करते हैं, तो उन्हें उनकी मेहनत का सही फल मिलना चाहिए।
2. **शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ:** गरीब बच्चों को भी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध होनी चाहिए ताकि वे अपने भविष्य को संवार सकें।
3. **शोषण का अंत:** जो लोग गरीबों का शोषण करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। ऐसे कानून बनाए जाने चाहिए जो मजदूरों और गरीबों के अधिकारों की रक्षा करें।
### एक नया दृष्टिकोण
हमारी सोच में बदलाव लाने की जरूरत है। हमें समझना होगा कि गरीब कोई बोझ नहीं हैं, बल्कि वे भी इस समाज के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। अगर हम सभी अपने छोटे-छोटे प्रयासों से उनकी मदद करें, तो यह दुनिया रहने के लिए एक बेहतर जगह बन सकती है।
### विक्रांत राजलीवाल का संदेश
विक्रांत राजलीवाल के शब्दों में, "गरीबों का शोषण करना मानवता के खिलाफ है। हमें उनकी मदद करनी चाहिए और उन्हें वह सम्मान देना चाहिए जिसके वे हकदार हैं। अगर हम समाज की इस सूरत को बदलने में सफल होते हैं, तो यही असली जीत होगी।"
आइए, हम सब मिलकर एक ऐसा समाज बनाने की ओर कदम बढ़ाएँ जहाँ कोई भूखा न सोए, जहाँ हर किसी को उसकी मेहनत का फल मिले, और जहाँ गरीबों का शोषण एक बीते हुए कल की बात बन जाए।
अगर आप इस संदेश से सहमत हैं और इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो कृपया इस वीडियो को देखें, फॉलो करें, और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। आइए मिलकर इस समाज की सूरत बदलने की ओर कदम बढ़ाएँ।
🔗 [**Watch, Follow, and Share**] https://www.facebook.com/share/v/19fjNuiJeL/
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निम्स यूनिवर्���िटी, जयपुर, राजस्थान | NIMS University, Jaipur, Rajasthan | MOU | समझौता ज्ञापन
17.07.2024, जयपुर | शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता हेतु निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया | MOU | समझौता ज्ञापन पर निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने हस्ताक्षर किये |
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह ने कहा कि, "इस MOU | समझौता ज्ञापन का उद्देश्य शैक्षिक उत्कृष्टता, सांस्कृतिक संवर्धन और सामाजिक कल्याण तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता को लेकर निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच एक सहयोगात्मक संबंध स्थापित करना है । दोनों पक्ष आपसी उद्देश्यों को प्राप्त करने और समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हैं ।“
श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि “आज का यह अवसर हमारे लिए अत्यंत गर्व और उपलब्धि का है | निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच होने वाले MOU | समझौता ज्ञापन के माध्यम से हम एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं ।
हमारा उद्देश्य सदैव से ही जन हित में कार्य करना रहा है | शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में हम मिलकर अनेक परियोजनाओं पर कार्य करेंगे, जिससे न केवल हमारे छात्रों को लाभ होगा, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को भी इसका प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा ।
हम विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और सामाजिक अभियानों का आयोजन करेंगे, जो समाज के वंचित वर्गों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे । हम छात्रों को केवल सैद्धांतिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करेंगे, जिससे वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझ सकें और एक बेहतर नागरिक बन सकें | हमे पूरा विश्वास है कि निम्स यूनिवर्सिटी और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का साथ हमारे समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा | हम सभी का सामूहिक प्रयास निश्चित रूप से हमारे उद्देश्यों की पूर्ति करेगा और समाज को एक सकारात्मक दिशा में ले जाएगा | निम्स यूनिवर्सिटी के समस्त सदस्यों का धन्यवाद एवं आभार, जिन्होंने इस MOU को बनाने में अपना योगदान दिया । साथ ही हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के सभी सदस्यों का आभार जिनकी 12 वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण ने आज के दिन को ऐतिहासिक बना दिया है |
आप यदि समाजसेवा में अपना योगदान करना चाहें तो आप हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ सकतें हैं और ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान कर, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से समाज सेवा कर सकते हैं । यह आवश्यक नही है कि आप ट्रस्ट को आर्थिक सहयोग (Donation, Sponsorship, CSR आदि) ही प्रदान करें बल्कि आप अपने सेवा क्षेत्र के माध्यम से हमारे सलाहकार, आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य, Coordinator, Goodwill Ambassador, संयुक्त तत्वावधान में आयोजन करके, भी अपना बहुमूल्य योगदान जनहित में प्रदान कर सकते हैं |”
निम्स यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी ने कहा कि “निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चेरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन शिक्षा के साथ संगीत, मनोरंजन एवं फिल्म इंडस्ट्री में छात्र-छात्राओं को नई दिशा प्रदान करेगा |”
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी से डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी (रजिस्ट्रार), डॉ. हिमांशु त्रिपाठी, डॉ. तुषार जगावत, श्री आशीष माथुर, डॉ. दीप्ति रस्तोगी, डॉ. कुलदीप सिंह झाला, डॉ. पियूष पाठक, डॉ. गोविन्द उपाध्याय, श्री राधेश्याम गुर्जर, श्री अशोक कुमार मेर, श्री आशुतोष सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान | NIMS University, Jaipur, Rajasthan | MOU | समझौता ज्ञापन
17.07.2024, जयपुर | शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता हेतु निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया | MOU | समझौता ज्ञापन पर निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने हस्ताक्षर किये |
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह ने कहा कि, "इस MOU | समझौता ज्ञापन का उद्देश्य शैक्षिक उत्कृष्टता, सांस्कृतिक संवर्धन और सामाजिक कल्याण तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता को लेकर निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच एक सहयोगात्मक संबंध स्थापित करना है । दोनों पक्ष आपसी उद्देश्यों को प्राप्त करने और समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हैं ।“
श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि “आज का यह अवसर हमारे लिए अत्यंत गर्व और उपलब्धि का है | निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच होने वाले MOU | समझौता ज्ञापन के माध्यम से हम एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं ।
हमारा उद्देश्य सदैव से ही जन हित में कार्य करना रहा है | शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में हम मिलकर अनेक परियोजनाओं पर कार्य करेंगे, जिससे न केवल हमारे छात्रों को लाभ होगा, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को भी इसका प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा ।
हम विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और सामाजिक अभियानों का आयोजन करेंगे, जो समाज के वंचित वर्गों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे । हम छात्रों को केवल सैद्धांतिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करेंगे, जिससे वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझ सकें और एक बेहतर नागरिक बन सकें | हमे पूरा विश्वास है कि निम्स यूनिवर्सिटी और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का साथ हमारे समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा | हम सभी का सामूहिक प्रयास निश्चित रूप से हमारे उद्देश्यों की पूर्ति करेगा और समाज को एक सकारात्मक दिशा में ले जाएगा | निम्स यूनिवर्सिटी के समस्त सदस्यों का धन्यवाद एवं आभार, जिन्होंने इस MOU को बनाने में अपना योगदान दिया । साथ ही हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के सभी सदस्यों का आभार जिनकी 12 वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण ने आज के दिन को ऐतिहासिक बना दिया है |
आप यदि समाजसेवा में अपना योगदान करना चाहें तो आप हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ सकतें हैं और ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान कर, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से समाज सेवा कर सकते हैं । यह आवश्यक नही है कि आप ट्रस्ट को आर्थिक सहयोग (Donation, Sponsorship, CSR आदि) ही प्रदान करें बल्कि आप अपने सेवा क्षेत्र के माध्यम से हमारे सलाहकार, आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य, Coordinator, Goodwill Ambassador, संयुक्त तत्वावधान में आयोजन करके, भी अपना बहुमूल्य योगदान जनहित में प्रदान कर सकते हैं |”
निम्स यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी ने कहा कि “निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चेरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन शिक्षा के साथ संगीत, मनोरंजन एवं फिल्म इंडस्ट्री में छात्र-छात्राओं को नई दिशा प्रदान करेगा |”
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी से डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी (रजिस्ट्रार), डॉ. हिमांशु त्रिपाठी, डॉ. तुषार जगावत, श्री आशीष माथुर, डॉ. दीप्ति रस्तोगी, डॉ. कुलदीप सिंह झाला, डॉ. पियूष पाठक, डॉ. गोविन्द उपाध्याय, श्री राधेश्याम गुर्जर, श्री अशोक कुमार मेर, श्री आशुतोष सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान | NIMS University, Jaipur, Rajasthan | MOU | समझौता ज्ञापन
17.07.2024, जयपुर | शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता हेतु निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया | MOU | समझौता ज्ञापन पर निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने हस्ताक्षर किये |
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह ने कहा कि, "इस MOU | समझौता ज्ञापन का उद्देश्य शैक्षिक उत्कृष्टता, सांस्कृतिक संवर्धन और सामाजिक कल्याण तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता को लेकर निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच एक सहयोगात्मक संबंध स्थापित करना है । दोनों पक्ष आपसी उद्देश्यों को प्राप्त करने और समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हैं ।“
श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि “आज का यह अवसर हमारे लिए अत्यंत गर्व और उपलब्धि का है | निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच होने वाले MOU | समझौता ज्ञापन के माध्यम से हम एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं ।
हमारा उद्देश्य सदैव से ही जन हित में कार्य करना रहा है | शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में हम मिलकर अनेक परियोजनाओं पर कार्य करेंगे, जिससे न केवल हमारे छात्रों को लाभ होगा, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को भी इसका प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा ।
हम विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और सामाजिक अभियानों का आयोजन करेंगे, जो समाज के वंचित वर्गों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे । हम छात्रों को केवल सैद्धांतिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करेंगे, जिससे वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझ सकें और एक बेहतर नागरिक बन सकें | हमे पूरा विश्वास है कि निम्स यूनिवर्सिटी और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का साथ हमारे समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा | हम सभी का सामूहिक प्रयास निश्चित रूप से हमारे उद्देश्यों की पूर्ति करेगा और समाज को एक सकारात्मक दिशा में ले जाएगा | निम्स यूनिवर्सिटी के समस्त सदस्यों का धन्यवाद एवं आभार, जिन्होंने इस MOU को बनाने में अपना योगदान दिया । साथ ही हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के सभी सदस्यों का आभार जिनकी 12 वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण ने आज के दिन को ऐतिहासिक बना दिया है |
आप यदि समाजसेवा में अपना योगदान करना चाहें तो आप हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ सकतें हैं और ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान क��, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से समाज सेवा कर सकते हैं । यह आवश्यक नही है कि आप ट्रस्ट को आर्थिक सहयोग (Donation, Sponsorship, CSR आदि) ही प्रदान करें बल्कि आप अपने सेवा क्षेत्र के माध्यम से हमारे सलाहकार, आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य, Coordinator, Goodwill Ambassador, संयुक्त तत्वावधान में आयोजन करके, भी अपना बहुमूल्य योगदान जनहित में प्रदान कर सकते हैं |”
निम्स यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी ने कहा कि “निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चेरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन शिक्षा के साथ संगीत, मनोरंजन एवं फिल्म इंडस्ट्री में छात्र-छात्राओं को नई दिशा प्रदान करेगा |”
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी से डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी (रजिस्ट्रार), डॉ. हिमांशु त्रिपाठी, डॉ. तुषार जगावत, श्री आशीष माथुर, डॉ. दीप्ति रस्तोगी, डॉ. कुलदीप सिंह झाला, डॉ. पियूष पाठक, डॉ. गोविन्द उपाध्याय, श्री राधेश्याम गुर्जर, श्री अशोक कुमार मेर, श्री आशुतोष सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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प्यार। इश्क। मोहब्बत।
एक बार एक सुखी, चार दशकों से शादीशुदा कपल को देखकर एक युवा कपल ने पति से पूछा, "आपके सफल वैवाहिक जीवन का राज़ क्या है?"
उसपर जो उत्तर उन्हें मिला, वो सही अर्थों में सभी के लिए प्रेरक है। उन्होंने कहा, "मेरी बीवी पिछले चालीस वर्षों से हर रोज़ ब्रेड-टोस्ट जला रही है, पर मैंने कभी उससे नहीं पूछा, 'क्यों?'। आखिर सही मायने में सफल प्यार वही होता है, जिसमें आदर और सहिष्णुता हो। हम मीन-मेख निकालने जाएं, तो कई मिल जाएंगे। मगर हम खुश रखने, वफा करने, साथ निभाने के कारण ढूँढें, तो वे कमियों से भी ज़्यादा पाएंगे। हमपर निर्भर है कि हम हमारे चुनाव, हमारे फैसले को सही साबित करेंगे, या कि गलत।"
💯 प्रतिशत सत्य। प्यार निभाने, और इश्क से मोहब्बत तक पँहुचने से ज़्यादा पावन अहसास वाकई में नहीं है। सुखी रहें, सुखी रखें, यही सभी प्रेमी-युगलों के लिए सदिच्छा। चाहत बड़ी चीज़ है। क्या आप सहमत हैं?
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कंगना की ‘इमरजेंसी’ में होगी कांट-छांट, CBFC के रुख से Zee Studio सहमत
कंगना की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘इमरजेंसी’ मामले में आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान प्रोडक्शन कंपनी जी स्टूडियो के वकील ने क���र्ट को बताया कि वे रिवाइजिंग कमेटी द्वारा सुझाए गए बदलावों से सहमत हैं. CBFC द्वारा सुझाए गए बदलावों के कार्यान्वयन के लिए एक प्रारूप प्रस्तुत किया है. सीबीएफसी इस फॉर्मेट पर जवाब देगी. वहीं, अब इस मामले की सुनवाई गुरुवार 3 अक्टूबर को होगी. दरअसल, इस मामले की…
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एक छोटे से कस्बे में एक व्यापारी था, जिसका नाम रमेश था। उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा सपना था एक सफल व्यवसाय खोलना। मेहनत और लगन के साथ, उसने अपनी अगरबत्ती की दुकान शुरू की, जिसमें नाना प्रकार की सुगंधित अगरबत्तियां उपलब्ध थीं। ये अगरबत्तियां घरों, मंदिरों और पूजा स्थलों में अपनी खास महक के लिए जानी जाती थीं। दुकान की शुरुआत बहुत ही शानदार रही। दुकान के बाहर रमेश ने एक साइन बोर्ड लगाया, जिस पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था, “यहाँ सुगंधित अगरबत्तियां मिलती हैं।”
दिन बीतते गए, और रमेश की दुकान तेजी से चलने लगी। उसकी मेहनत रंग ला रही थी, और ग्राहकों की भीड़ हर दिन बढ़ती जा रही थी। लेकिन एक दिन, एक अनजान ग्राहक, जो देखने में तो सभ्य लग रहा था, उसकी दुकान पर आया और बोला, “आपके बोर्ड पर जो लिखा है, उसमें एक विरोधाभास है। अगरबत्तियां तो स्वाभाविक रूप से सुगंधित होती हैं। ‘सुगंधित’ शब्द अनावश्यक है। इसे हटा दीजिए, नहीं तो लोग सोचेंगे कि आपको सही शब्दों की समझ नहीं है।”
रमेश को यह तर्क सही लगा। उसने तुरंत ‘सुगंधित’ शब्द को बोर्ड से मिटा दिया। अब बोर्ड पर सिर्फ इतना लिखा था, “यहाँ अगरबत्तियां मिलती हैं।”
कुछ दिन बीते ही थे कि एक और व्यक्ति दुकान में आया, और उसने रमेश को सलाह दी, “भाई, जब दुकान यहीं है, तो ‘यहाँ’ शब्द की कोई ज़रूरत नहीं। जाहिर है, अगर दुकान यहीं है, तो लोग देख ही लेंगे कि यहाँ क्या मिलता है। ‘यहाँ’ शब्द हटाइए।”
रमेश इस बार भी उसकी बात से सहमत हो गया। उसने ‘यहाँ’ शब्द हटा दिया। अब बोर्ड पर बस इतना लिखा था, “अगरबत्तियां मिलती हैं।”
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समय बीतता गया और फिर एक तीसरा ग्राहक आया, जो अपने आप को बड़ा ज्ञानी मानता था। उसने रमेश से कहा, “भाई, जब आप दुकान में अगरबत्तियां बेच ही रहे हैं, तो ‘मिलती हैं’ लिखने की क्या जरूरत है? दुकान है तो लोग खुद ही समझ जाएंगे कि यहाँ अगरबत्तियां मिलती हैं। बस ‘अगरबत्ती’ लिखिए।”
रमेश ने फिर से मान लिया और अब बोर्ड पर सिर्फ ‘अगरबत्ती’ लिखा रह गया। कुछ दिन बाद, एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति, जो खुद को शिक्षित और बुद्धिमान समझता था, दुकान पर आया। उसने रमेश को सलाह दी, “भाई, जब लोग दुकान को देख सकते हैं और जानते हैं कि ये अगरबत्तियों की दुकान है, तो बोर्ड की क्या जरूरत? इसे हटा दो। लोग देख कर ही समझ जाएंगे।”
रमेश को यह सलाह भी सही लगी, और उसने बोर्ड को हटा दिया।
अब उसकी दुकान बिना किसी संकेत या साइन बोर्ड के रह गई। शुरुआत में रमेश ने सोचा कि लोग फिर भी आएंगे क्योंकि उसकी अगरबत्तियां काफी मशहूर थीं, लेकिन धीरे-धीरे दुकान पर ग्राहकों की संख्या घटने लगी। लोगों को पता ही नहीं चल रहा था कि वहाँ अगरबत्तियों की दुकान है। धीरे-धीरे उसकी बिक्री बिल्कुल ठप्प हो गई और रमेश चिंता में डूब गया।
दिन बीतते गए और रमेश की हालत बदतर होती गई। एक दिन उसका पुराना दोस्त श्यामलाल, जो बहुत वर्षों के बाद गाँव लौटा था, रमेश की दुकान पर आया। उसने रमेश को देखा तो उसकी चिंता छिपी नहीं रही। श्यामलाल ने पूछा, “क्या हुआ, रमेश? तुम्हारी दुकान तो पहले बहुत चलती थी, अब इतनी सुनसान क्यों है?”
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रमेश ने उसे पूरी कहानी सुनाई—कैसे लोगों की सलाह पर उसने अपने बोर्ड से शब्द हटाने शुरू किए और अंत में उसे पूरी तरह से हटा दिया।
श्यामलाल ने गहरी सांस लेते हुए कहा, “रमेश, तुमने क्या कर दिया! तुमने अपनी दुकान की पहचान ही खो दी। लोगों की हर एक सलाह सुनकर तुमने अपना व्यापार बर्बाद कर लिया। वे लोग अगरबत्ती के विशेषज्ञ नहीं थे, फिर भी तुमने उनकी बात मानी।”
फिर श्यामलाल ने उसकी दुकान के बाहर एक नया साइन बोर्ड बनवाने का सुझाव दिया। उसने कहा, “तुम वही पुराना बोर्ड वापस लगाओ: ‘यहाँ सुगंधित अगरबत्तियां मिलती हैं।’ यही तुम्हारी दुकान की पहचान थी, यही तुम्हारा व्यापारिक चेहरा था। अगर तुमने इस बोर्ड को सुनने वालों की बातों में आकर हटाया, तो फिर अपनी असली पहचान खो दी।”
रमेश ने श्यामलाल की बात मानी और वही पुराना साइन बोर्ड फिर से लगा दिया। आश्चर्य की बात थी कि जैसे ही वह बोर्ड वापस लगा, धीरे-धीरे उसकी दुकान फिर से चलने लगी। पुराने ग्राहक लौट आए, और नए ग्राहक भी आने लगे। दुकान फिर से चहकने लगी।
रमेश ने इस घटना से एक गहरी स���ख ली: हर किसी की सलाह मानने की ज़रूरत नहीं होती। अगर तुम अपनी बातों और काम पर विश्वास करते हो, तो उसे बिना किसी डर के करते रहो। लोगों की बातें सुनने के बजाय अपने अंतर्मन की आवाज़ सुनो। क्योंकि कोई भी तुम्हें तुम्हारे खुद के व्यवसाय या जीवन से बेहतर नहीं जानता।
इस प्रकार, रमेश की दुकान फिर से चल निकली, और वह अपने अनुभव से समझ गया कि जीवन में विशेषज्ञों की सलाह का महत्व है, लेकिन अज्ञानी लोगों की बातों में फंसने से जीवन की दिशा भटक सकती है।
https://meribaate.in/suno-sabki-karo-apne-man-ki-hindi-story-gyanvardhak/
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart89 के आगे पढिए.....)
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart90
।। पाण्डवों की यज्ञ में सुपच सुदर्शन द्वारा शंख बजाना।।
जैसा कि सर्व विदित है कि महाभारत के युद्ध में अर्जुन ने युद्ध करने से मना कर दिया था तथा शस्त्र त्याग कर युद्ध के मैदान में दोनों सेनाओं के बीच में खड़े रथ के पिछले हिस्से में आंखों से आँसू बहाता हुआ बैठ गया था। तब भगवान कृष्ण के अन्दर प्रवेश काल शक्ति (ब्रह्म) अर्जुन को युद्ध करने की राय देने लगा था। तब अर्जुन ने कहा था कि भगवान यह घोर पाप मैं नहीं करूंगा। इससे अच्छा तो भिक्षा का अन्न भी खा कर गुजारा कर लेंगे। तब भगवान काल श्री कृष्ण जी के शरीर में प्रवेश करके बोला था कि अर्जुन युद्ध कर। तुझे कोई पाप नहीं लगेगा। देखें गीता जी के अध्याय 11 के श्लोक 33, अध्याय 2 के श्लोक 37, 38 में।
महाभारत में लेख (प्रकरण) आता है कि कृष्ण जी के कहने से अर्जुन ने युद्ध करना स्वीकार कर लिया। घमासान युद्ध हुआ। करोड़ों व्यक्ति व सर्व कौरव युद्ध में मारे गए और पाण्डव विजयी हुए। तब पाण्डव प्रमुख युधिष्ठिर को राज्य सिंहासन पर बैठाने के लिए स्वयं भगवान कृष्ण ने कहा तो युधिष्ठिर ने यह कहते हुए गद्दी पर बैठने से मना कर दिया कि मैं ऐसे पाप युक्त राज्य को नहीं करूंगा। जिसमें करोड़ों व्यक्ति मारे गए थे। उनकी पत्नियाँ विधवा हो गई, करोड़ों बच्चे अनाथ हो गए, अभी तक उनके आँसू भी नहीं सूखे हैं। किसी प्रकार भी बात बनती न देख कर श्री कृष्ण जी ने कहा कि आप भीष्म जी से राय लो। क्योंकि जब व्यक्ति स्वयं फैसला लेने में असफल रहे तब किसी स्वजन से विचार कर लेना चाहिए। युधिष्ठिर ने यह बात स्वीकार कर ली। तब श्री कृष्ण जी युधिष्ठिर को साथ लेकर वहाँ पहुँचे जहाँ पर श्री भीष्म शर (तीरों की) शैय्या (चारपाई) पर अंतिम स्वांस गिन रहे थे, वहाँ जा कर श्री कृष्ण जी ने भीष्म से कहा कि युधिष्ठिर राज्य
गद्दी पर बैठने से मना कर रहे हैं। कृपा आप इन्हें राजनीति की शिक्षा दें। भीष्म जी ने बहुत समझाया परंतु युधिष्ठिर अपने उद्देश्य से विचलित नहीं हुआ। यही कहता रहा कि इस पाप से युक्त रूधिर से सने राज्य को भोग कर मैं नरक प्राप्ति नहीं चाहूँगा। श्री कृष्ण जी ने कहा कि आप एक धर्म यज्ञ करो। जिससे आपको युद्ध में हुई हत्याओं का पाप नहीं लगेगा। इस बात पर युधिष्ठिर सहमत हो गया और एक धर्म यज्ञ की। फिर राज गद्दी पर बैठ गया। हस्तिनापुर का राजा बन गया।
प्रमाण सुखसागर के पहले स्कन्ध के आठवें तथा नौवें अध्याय से सहाभार पृष्ठ न��. 48 से 53)
कुछ वर्षों पर्यन्त युधिष्ठिर को भयानक स्वपन आने शुरु हो गए। जैसे बहुत सी औरतें रोती-बिलखती हुई अपनी चूड़ियाँ तोड़ रहीं हैं तथा उनके मासूम बच्चे अपनी माँ के पास खड़े कुछ बैठे पिता-पिता कह कर रो रहे हैं मानों कह रहे हो हे राजन् ! हमें भी मरवा दे, भेज दे हमारे पिता के पास। कई बार बिना शीश के धड़ दिखाई देते है। किसी की गर्दन कहीं पड़ी है, धड़ कहीं पड़ा है, हा हा कार मची हुई है। युधिष्ठिर की नींद उचट जाती, घबरा कर बिस्तर पर बैठ कर हाँफने लग जाता। सारी-2 रात बैठ कर या महल में घूम कर व्यतीत करता है। एक दिन द्रौपदी ने बड़े पति की यह दशा देखी और परेशानी का कारण पूछा तो युधिष्ठिर कुछ नहीं कुछ नहीं कह कर टाल गए। जब द्रौपदी ने कई रात्रियों में युधिष्ठिर की यह दुर्दशा देखी तो एक दिन चारों (अर्जुन, भीम, नकुल, सहदेव) को बताया कि आपका बड़ा भाई बहुत परेशान है। कारण पूछो। तब चारों भाईयों ने बड़े भईया से प्रार्थना करके पूछा कि कृप्या परेशानी का कारण बताओ। ज्यादा आग्रह करने पर अपनी सर्व कहानी सुनाई। पाँचों भाई इस परेशानी का कारण जानने के लिए भगवान श्रीकृष्णजी के पास गए तथा बताया कि बड़े भईया युधिष्ठिर जी को भयानक स्वपन आ रहे हैं। जिनके कारण उनकी रात्रि की नींद व दिन का चैन व भूख समाप्त हो गई। कृप्या कारण व समाधान बताएँ। सारी बात सुनकर श्री कृष्ण जी बोले युद्ध में किए हुए पाप परेशान कर रहे हैं। इन पापों का निवारण यज्ञ से होता है।
गीता जी के अध्याय 3 के श्लोक 13 का हिन्दी अनुवाद यज्ञ में प्रतिष्ठित ईष्ट (पूर्ण परमात्मा) को भोग लगाने के बाद बने प्रसाद को खाने वाले श्रेष्ठ पुरुष सब पापों से मुक्त हो जाते हैं जो पापी लोग अपना शरीर पोषण करने के लिये ही अन्न पकाते हैं वे तो पाप को ही खाते हैं अर्थात् यज्ञ करके सर्व पापों से मुक्त हो जाते हैं। और कोई चारा न देख कर पाण्डवों ने श्री कृष्ण जी की सलाह स्वीकार कर ली। यज्ञ की तैयारी की गई। सर्व पृथ्वी के मानव, ऋषि, सिद्ध, साधु व स्वर्ग लोक के देव भी आमन्त्रित करने को, श्री कृष्ण जी ने कहा कि जितने अधिक व्यक्ति भोजन पाएंगें उतना ही अधिक पुण्य होगा। परंतु संतों व भक्तों से विशेष लाभ होता है उनमें भी कोई परम शक्ति युक्त संत होगा वह पूर्ण लाभ दे सकता है तथा यज्ञ पूर्ण होने का साक्षी एक पांच मुख वाला (पंचजन्य) शंख एक सुसज्जित ऊँचे आसन पर रख दिया जाएगा तथा जब इस यज्ञ में कोई परम शक्ति युक्त संत भोजन खाएगा तो यह शंख स्वयं आवाज करेगा। इतनी गूँज होगी की पूरी पृथ्वी पर तथा स्वर्ग लोक तक आवाज सुनाई दे��ी।
यज्ञ की तैयारी हुई। निश्चित दिन को सर्व आदरणीय आमन्त्रित भक्तगण, अठासी हजार ऋषि, तेतीस करोड़ देवता, नौ नाथ, चौरासी सिद्ध, ब्रह्मा, विष्णु, शिव आदि पहुँच गए। यज्ञ कार्य शुरु हुआ। बाद में सब ने यज्ञ का बचा प्रसाद (भण्डारा) सर्व उपस्थित महानुभावों व भक्तों तथा जनसाधारण को बरताया (खिलाया)। स्वयं भगवान कृष्ण जी ने भी भोजन खा लिया। परंतु शंख नहीं बजा। शंख नहीं बजा तो यज्ञ सम्पूर्ण नहीं हुई। उस समय युधिष्ठिर ने श्री कृष्ण जी से पूछा हे मधुसूदन ! शंख नहीं बजा। सर्व महापुरुषों व आगन्तुकों ने भोजन पा लिया। कारण क्या है? श्री कृष्ण जी ने कहा कि इनमें कोई पूर्ण सन्त (सतनाम व सारनाम उपासक) नहीं है। तब युधिष्ठिर को बड़ा आश्चर्य हुआ कि इतने महा मण्डलेश्वर जिसमें वशिष्ठ मुनि, मार्कण्डेय, लोमष ऋषि, नौ नाथ (गोरखनाथ जैसे), चौरासी सिद्ध आदि-2 व स्वयं भगवान श्री कृष्ण जी ने भी भोजन खा लिया। परंतु शंख नहीं बजा। इस पर कृष्ण जी ने कहा ये सर्व मान बड़ाई के भूखे हैं। परमात्मा चाहने वाला कोई नहीं तथा अपनी मनमुखी साधना करके सिद्धि दिखा कर दुनियाँ को आकर्षित करते हैं। भोले लोग इनकी वाह-2 करते हैं तथा इनके इर्द-गिर्द मण्डराते हैं। ये स्वयं भी पशु जूनी में जाएंगे तथा अपने अनुयाईयों को नरक ले जाएंगे।
गरीब, साहिब के दरबार में, गाहक कोटि अनन्त । चार चीज चाहै हैं, रिद्धि सिद्धि मान महंत ।।
गरीब, ब्रह्म रन्द्र के घाट को, खोलत है कोई एक। द्वारे से फिर जाते हैं, ऐसे बहुत अनेक ।।
गरीब, बीजक की बातां कहें, बीजक नाहीं हाथ। पृथ्वी डोबन उतरे, कह-कह मीठी बात ।। गरीब, बीजक की बातां कहैं, बीजक नाहीं पास।
ओरों को प्रमोदही, अपन चले निरास ।।
प्रमाण के लिए गीता जी के कुछ श्लोक ।।
अध्याय 9 का श्लोक 20
त्रैविद्याः, माम्, सोमपाः, पूतपापाः, पूतपापाः, यज्ञैः, इष्टवा, स्वर्गतिम्, प्रार्थयन्ते, ते, पुण्यम्, आसाद्य, सुरेन्द्रलोकम्, अश्नन्ति, दिव्यान्, दिवि, देवभोगान् । ।20 ।। अनुवाद :- (त्रैविद्याः) तीनों वेदों में विधान (सोमपाः) सोमरस को पीने वाले (पूतपापाः) पाप रहित पुरुष (माम्) मुझको (यज्ञैः) यज्ञों के द्वारा (इष्टवा) पूज्य देव के रूप में पूज कर (स्वर्गतिम्) स्वर्ग की प्राप्ति (प्रार्थयन्ते) चाहते हैं (ते) वे पुरुष (पुण्यम्) अपने पुण्यों के फलरूप (सुरेन्द्रलोकम्) स्वर्ग लोक को (आसाद्य) प्राप्त होकर (दिवि) स्वर्ग में (दिव्यान्) दिव्य (देवभोगान्) देवताओं के भोगों को (अश्नन्ति) भोगते हैं।
केवल हिन्दी अनुवाद तीनों वेदों में विधान सोम रस को पीने वाले पाप रहित पुरुष मुझको यज्ञों के द्वारा पूज्य देव के रूप में पूज कर स्वर्ग की प्राप्ति चाहते हैं। वे पुरुष अपने पुण्यों के फलरूप स्वर्ग लोक को प्राप्त होकर स्वर्ग में दिव्य देवताओं के भोगों को भोगते हैं।
अध्याय 9 का श्लोक 21
ते, तम्, ��ुक्त्वा, स्वर्गलोकम्, विशालम्, क्षीणे, पुण्ये, मर्त्यलोकम्, विशन्ति,
एवम्, त्रयीधर्मम्, अनुप्रपन्नाः, गतागतम्, कामकामाः, लभन्ते । ।21 ।। अनुवाद :- (ते) वे (तम्) उस (विशालम्) विशाल (स्वर्गलोकम्) स्वर्गलोकको (भुक्त्त्वा) भोगकर (पुण्ये) पुण्य (क्षीणे) क्षीण होनेपर (मर्त्यलोकम्) मृत्युलोकको (विशन्ति) प्राप्त होते हैं। (एवम्) इस प्रकार (त्रयीधर्मम्) तीनों वेदों में कहे हुए पूजा कर्मों का (अनुप्रपन्नाः) आश्रय लेने वाले और (कामकामाः) भोगों की कामनावस (गतागतम्) बार-बार आवागमन को (लभन्ते) प्राप्त होते हैं।
केवल हिन्दी अनुवाद वे उस विशाल स्वर्ग लोक को भोगकर पुण्य क्षीण होने पर मृत्युलोक को प्राप्त होते हैं। इस प्रकार तीनों वेदों में कहे हुए पूजा कर्मों का आश्रय लेने वाले और भोगों की कामनावश बार-बार आवागमन को प्राप्त होते हैं।
अध्याय 16 का श्लोक 17
आत्सम्भाविताः, स्तब्धाः, धनमानमदान्विताः, यजन्ते, नामयज्ञैः, ते, दम्भेन, अविधिपूर्वकम् । ।17 ।।
अनुवाद :- (ते) वे (आत्मसम्भाविताः) अपने आपको ही श्रेष्ठ मानने वाले (स्तब्धाः) घमण्डी पुरुष (धनमानमदान्विताः) धन और मान के मद से युक्त होकर (नामयज्ञैः) केवल नाममात्र के यज्ञों द्वारा (दम्भेन) पाखण्ड से (अविधिपूर्वकम्) शास्त्रविधि रहित पूजन करते हैं।
केवल हिन्दी अनुवाद वे अपने आपको ही श्रेष्ठ मानने वाले घमण्डी
पुरुष धन और मान के मद से युक्त होकर केवल नाममात्र के यज्ञों द्वारा पाखण्ड से शास्त्रविधि रहित पूजन करते हैं।
अध्याय 16 का श्लोक 18
अहंकारम्, बलम्, दर्पम्, कामम्, क्रोधम्, च, संश्रिताः, माम्, आत्मपरदेहेषु, प्रद्विषन्तः, अभ्यसूयकाः । |18||
अनुवाद :- (अहंकारम्) अहंकार (बलम्) बल (दर्पम्) घमण्ड (कामम्) कामना और (क्रोधम) क्रोधादि के (संश्रिताः) परायण (च) और (अभ्यसूयकाः) दूसरों की निन्दा करने वाले पुरुष (आत्मपरदेहेषु) प्रत्येक शरीर में परमात्मा आत्मा सहित तथा (माम्) मुझसे (प्रद्विषन्तः) द्वेष करने वाले होते हैं।
केवल हिन्दी अनुवाद: अहंकार बल घमण्ड कामना और क्रोधादि के परायण और दूसरों की निन्दा करने वाले पुरुष प्रत्येक शरीर में परमात्मा आत्मा सहित तथा मुझसे द्वेष करने वाले होते हैं। अध्याय 16 का श्लोक 19
तान् अहम्, द्विषतः, क्रूरान्, संसारेषु, नराधमान्, क्षिपामि, अजस्त्रम्, अशुभान्, आसुरीषु, एव, योनिषु । ।19 ।।
अनुवाद :- (तान्) उन (द्विषतः) द्वेष करने वाले (अशुभान्) पापाचारी और (क्रूरान्) क्रूरकर्मी (नराधमान) नराधमों को (अहम्) मैं (संसारेषु) संसार में (अजस्त्रम्) बार-बार (आसुरीषु) आसुरी (योनिषु) योनियों में (एव) ही (क्षिपामि) डालता हूँ।
केवल हिन्दी अनुवाद उन द्वेष करने वाले पापाचारी और क्रूरकर्मी नराधमों को मैं संसार में बार-बार आसुरी योनियों में ही डालता हूँ।
अध्याय 16 का श्लोक 20
आसुरीम्, योनिम्, आपन्नाः, मूढाः, जन्मनि, जन्मनि,
माम् अप्राप्य, एव, कौन्तेय, ततः, यान्ति, अधमाम्, गतिम् । ।20।।
अनुवाद :- (कौन्तेय) हे अर्जुन ! (मूढाः) वे मूर्ख (माम्) मुझको (अप्राप्य) न प्राप्त होकर (एव) ही (जन्मनि) जन्म (जन्मनि) जन्म में (आसुरीम्) आसुरी (योनिम्) योनि को (आपन्नाः) प्राप्त होते हैं फिर (ततः) उससे भी (अधमाम्) अति नीच (गत��म्) गति को (यान्ति) प्राप्त होते हैं अर्थात् घोर नरकों में पड़ते हैं।
केवल हिन्दी अनुवाद हे अर्जुन! वे मूर्ख मुझको न प्राप्त होकर ही जन्म जन्म में आसुरी योनि को प्राप्त होते हैं फिर उससे भी अति नीच गति को प्राप्त होते हैं अर्थात् घोर नरकों में पड़ते हैं।
अध्याय 16 का श्लोक 23
यः, शास्त्रविधिम्, उत्सृज्य, वर्तते, कामकारतः, न, सः, सिद्धिम्, अवाप्रोति, न, सुखम्, न, पराम्, गतिम् । ।23 ।।
अनुवाद (यः) जो पुरुष (शास्त्रविधिम्) शास्त्र विधि को (उत्सृज्य) त्यागकर (कामकारतः) अपनी इच्छा से मनमाना (वर्तते) आचरण करता है (सः) वह (न) न (सिद्धिम्) सिद्धि को (अवाप्नोति) प्राप्त होता है (न) न (पराम्) परम (गतिम्) गति को और (न) न (सुखम्) सुख को ही।
केवल हिन्दी अनुवाद: जो पुरुष शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है, वह न सिद्धि को प्राप्त होता है, न परम गति को और न सुख को ही।
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान | NIMS University, Jaipur, Rajasthan | MOU | समझौता ज्ञापन
17.07.2024, जयपुर | शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता हेतु निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया | MOU | समझौता ज्ञापन पर निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने हस्ताक्षर किये |
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह ने कहा कि, "इस MOU | समझौता ज्ञापन का उद्देश्य शैक्षिक उत्कृष्टता, सांस्कृतिक संवर्धन और सामाजिक कल्याण तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता को लेकर निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच एक सहयोगात्मक संबंध स्थापित करना है । दोनों पक्ष आपसी उद्देश्यों को प्राप्त करने और समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हैं ।“
श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि “आज का यह अवसर हमारे लिए अत्यंत गर्व और उपलब्धि का है | निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच होने वाले MOU | समझौता ज्ञापन के माध्यम से हम एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं ।
हमारा उद्देश्य सदैव से ही जन हित में कार्य करना रहा है | शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में हम मिलकर अनेक परियोजनाओं पर कार्य करेंगे, जिससे न केवल हमारे छात्रों को लाभ होगा, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को भी इसका प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा ।
हम विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और सामाजिक अभियानों का आयोजन करेंगे, जो समाज के वंचित वर्गों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे । हम छात्रों को केवल सैद्धांतिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करेंगे, जिससे वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझ सकें और एक बेहतर नागरिक बन सकें | हमे पूरा विश्वास है कि निम्स यूनिवर्सिटी और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का साथ हमारे समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा | हम सभी का सामूहिक प्रयास निश्चित रूप से हमारे उद्देश्यों की पूर्ति करेगा और समाज को एक सकारात्मक दिशा में ले जाएगा | निम्स यूनिवर्सिटी के समस्त सदस्यों का धन्यवाद एवं आभार, जिन्होंने इस MOU को बनाने में अपना योगदान दिया । साथ ही हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के सभी सदस्यों का आभार जिनकी 12 वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण ने आज के दिन को ऐतिहासिक बना दिया है |
आप यदि समाजसेवा में अपना योगदान करना चाहें तो आप हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ सकतें हैं और ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान कर, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से समाज सेवा कर सकते हैं । यह आवश्यक नही है कि आप ट्रस्ट को आर्थिक सहयोग (Donation, Sponsorship, CSR आदि) ही प्रदान करें बल्कि आप अपने सेवा क्षेत्र के माध्यम से हमारे सलाहकार, आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य, Coordinator, Goodwill Ambassador, संयुक्त तत्वावधान में आयोजन करके, भी अपना बहुमूल्य योगदान जनहित में प्रदान कर सकते हैं |”
निम्स यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी ने कहा कि “निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चेरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन शिक्षा के साथ संगीत, मनोरंजन एवं फिल्म इंडस्ट्री में छात्र-छात्राओं को नई दिशा प्रदान करेगा |”
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी से डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी (रजिस्ट्रार), डॉ. हिमांशु त्रिपाठी, डॉ. तुषार जगावत, श्री आशीष माथुर, डॉ. दीप्ति रस्तोगी, डॉ. कुलदीप सिंह झाला, डॉ. पियूष पाठक, डॉ. गोविन्द उपाध्याय, श्री राधेश्याम गुर्जर, श्री अशोक कुमार मेर, श्री आशुतोष सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान | NIMS University, Jaipur, Rajasthan | MOU | समझौता ज्ञापन
17.07.2024, जयपुर | शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता हेतु निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया | MOU | समझौता ज्ञापन पर निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने हस्ताक्षर किये |
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह ने कहा कि, "इस MOU | समझौता ज्ञापन का उद्देश्य शैक्षिक उत्कृष्टता, सांस्कृतिक संवर्धन और सामाजिक कल्याण तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता को लेकर निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच एक सहयोगात्मक संबंध स्थापित करना है । दोनों पक्ष आपसी उद्देश्यों को प्राप्त करने और समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हैं ।“
श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि “आज का यह अवसर हमारे लिए अत्यंत गर्व और उपलब्धि का है | निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच होने वाले MOU | समझौता ज्ञापन के माध्यम से हम एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं ।
हमारा उद्देश्य सदैव से ही जन हित में कार्य करना रहा है | शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में हम मिलकर अनेक परियोजनाओं पर कार्य करेंगे, जिससे न केवल हमारे छात्रों को लाभ होगा, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को भी इसका प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा ।
हम विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और सामाजिक अभियानों का आयोजन करेंगे, जो समाज के वंचित वर्गों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे । हम छात्रों को केवल सैद्धांतिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करेंगे, जिससे वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझ सकें और एक बेहतर नागरिक बन सकें | हमे पूरा विश्वास है कि निम्स यूनिवर्सिटी और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का साथ हमारे समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा | हम सभी का सामूहिक प्रयास निश्चित रूप से हमारे उद्देश्यों की पूर्ति करेगा और समाज को एक सकारात्मक दिशा में ले जाएगा | निम्स यूनिवर्सिटी के समस्त सदस्यों का धन्यवाद एवं आभार, जिन्होंने इस MOU को बनाने में अपना योगदान दिया । साथ ही हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के सभी सदस्यों का आभार जिनकी 12 वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण ने आज के दिन को ऐतिहासिक बना दिया है |
आप यदि समाजसेवा में अपना योगदान करना चाहें तो आप हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ सकतें हैं और ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान कर, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से समाज सेवा कर सकते हैं । यह आवश्यक नही है कि आप ट्रस्ट को आर्थिक सहयोग (Donation, Sponsorship, CSR आदि) ही प्रदान करें बल्कि आप अपने सेवा क्षेत्र के माध्यम से हमारे सलाहकार, आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य, Coordinator, Goodwill Ambassador, संयुक्त तत्वावधान में आयोजन करके, भी अपना बहुमूल्य योगदान जनहित में प्रदान कर सकते हैं |”
निम्स यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी ने कहा कि “निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चेरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन शिक्षा के साथ संगीत, मनोरंजन एवं फिल्म इंडस्ट्री में छात्र-छात्राओं को नई दिशा प्रदान करेगा |”
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी से डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी (रजिस्ट्रार), डॉ. हिमांशु त्रिपाठी, डॉ. तुषार जगावत, श्री आशीष माथुर, डॉ. दीप्ति रस्तोगी, डॉ. कुलदीप सिंह झाला, डॉ. पियूष पाठक, डॉ. गोविन्द उपाध्याय, श्री राधेश्याम गुर्जर, श्री अशोक कुमार मेर, श्री आशुतोष सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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Today's Horoscope -
मेष (चु, चे, चो, ला, लि, लु, ले, लो, अ) :-आपके कार्यों की प्रशंसा होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। आपकी क्रोध में की गई बात किसी से मतभेद उत्पन्न कर सकती है और दूसरों से रखी गई उपेक्षा भी आपके स्वयं के लिए मायूसी पैदा करेंगे। नए लोगों से मुलाकात आपके लिए फ़ायदेमंद होगी। कुछ वित्तीय बाधाओं को भी महसूस किया जा सकता है। यह सब आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है और आप थोड़ा तनाव में आ सकते हैं।
वृषभ (इ, उ, ए, ओ, वा, वि, वु, वे, वो) :-प्रियजनों से भेंट होने पर प्रसन्न होंगे। आज मन में आशावादी विचारों का प्रवाह रहेगा। आकस्मिक धन लाभ होने के योग बन रहे हैं। विवाह योग्य सन्तान का आज विवाह तय हो सकता हैं। आज आप आमदनी बढ़ाने के लिये नये स्त्रोतों के विषय में प्लान करेंगे। आर्थिक पक्ष के मजबूत होने की पूरी संभावना है। पारिवारिक वातावरण बेहतर रहेगा। संतान को लेकर चिंतित रहेंगे लेकिन कुछ बातें समय पर छोड़ दीजिए आपको लाभ मिलेगा।
मिथुन (का, कि, कु, घ, ङ, छ, के, को, हा) :-आज आप नए विचारों से परिपूर्ण रहेंगे और आप जिन कामों को करने के लिए चुनेंगे, वे आपको उम्मीद से ज़्यादा फ़ायदा देंगे। आज आपके द्वारा धन को बचाने के प्रयास आज असफल हो सकते हैं हालांकि आपको इससे घबराने की जरुरत नहीं है स्थिति जल्द ही सुधरेगी। हो सकता है कि आप अपने परिवार के लोगों की सभी बात��ं से सहमत न हों, लेकिन आपको उनके तजुर्बे से सीखने की कोशिश करनी चाहिए।
कर्क (हि, हु, हे, हो, डा, डि, डु, डे, डो) :-आज धन लाभ होने की संभावना तो बन रही है लेकिन ऐसा हो सकता है कि अपने गुस्सैल स्वभाव के कारण आप पैसा कमाने में सक्षम न हो पाएं। दूसरों को प्रभावित करने की आपकी क्षमता आपको कई सकारात्मक चीज़ें दिलाएगी। धार्मिक कार्यों में रूचि बढेगी। सामाजिक दायरा बढ़ाने में सक्षम होंगे। आप अपने काम पर एकाग्रता बरक़रार रखने में दिक़्क़त महसूस करेंगे क्योंकि आज आपकी सेहत पूरी तरह ठीक नहीं होगी।
सिंह (मा, मि, मु, मे, मो, टा, टि, टु, टे) :-सुख के साधनों में बढ़त होगी। सभी कार्य सरलता पूर्वक हल होंगे और उनमें सफलता मिलेगी। सभी जगह अनुकूल परिस्थितियां निर्मित होंगी। सरकारी काम में सफलता मिलेगी। आज का दिन आपके लिए उत्तम रहेगा। आज सामाजिक कार्यों में अपना योगदान देंगे। कार्यक्षेत्र में उम्मीद के अनुसार कामयाबी हासिल होगी। पारिवारिक मामलों में किसी बात को लेकर जीवनसाथी से बात होगी।
कन्या (टो, पा, पि, पु, ष, ण, ठ, पे, पो) :-मित्र सहयोगी आपके प्रति कुछ द्वेष-भाव रख सकते हैं। व्यर्थ के अत्यधिक खर्चे उत्पन्न हो सकते हैं। आपमें आत्मविश्वास की कमी नहीं रहेगी और दोपहर के समय आपके पास धन का आगमन होगा, जिससे आप अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर काफी खुश रहेंगे। काम के सिलसिले में किए गए प्रयास सफल होंगे और आपकी मेहनत रंग लाएगी। अनुभवी तथा वरिष्ठ लोगों के संपर्क में अपना अधिक से अधिक समय व्यतीत करें।
तुला (रा, रि, रु, रे, रो, ता, ति, तु, ते) :-आपको बहुत से नए अवसर मिल रहे हैं, जिनसे आपके जीवन में उन्नति होगी और अध्यात्मिक रूप से आपकी वृद्धि होगी। किसी किसी खास व्यक्ति से आप लंबे समय से नाराज़ हैं तो उस व्यक्ति को माफ़ करने का प्रयास करें। साझेदारी में किसी नई परियोजना की शुरुआत के लिए दिन काफी अच्छा है। घर-परिवार में अच्छा वातावरण रहेगा और सभी सदस्यों का साथ मिलेगा, जिससे आपका मनोबल बढ़ेगा।
वृश्चिक (तो, ना, नि, नु, ने, नो, या, यि, यु) :-आज का दिन आपके लिए बहुत आत्मविश्वास से भरा हुआ रहेगा। कुछ कामों के मामले में आपको अपने सहयोगियों से पूरी मदद मिलेगी। परिवार में सुख शांति बनी रहेगी। पति-पत्नी के मध्य चल रहे विवादों में भी सकारात्मक हल निकलेगा। कैरियर व नौकरी में परिवर्तन जैसे अवसरों के लिए, यह समय बहुत सकारात्मक नहीं है। आपको ��ांछित परिणाम मिलने पर विलंब हो सकता हैं।
धनु (ये, यो, भा, भि, भु, धा, फा, ढा, भे):-अपनी जिमेदारियों के प्रति सचेत रहें, उन्हें पूरे समर्पण से निभाएं, इससे आपके जीवन में कई रुके हुए काम बन जाएंगे। यदि नौकरी से संबंधित कोई बदलाव चाहते हैं तो आज इस दिशा में कदम अवश्य उठाएं। व्यर्थ चिंताओं में आज का दिन खराब न करें। अपनी ऊर्जा और आइडियाज को उचित दिशा में लगाएं। पुरानी बातों को सोचने से कोई लाभ नहीं। धार्मिक कार्यों में संलिप्त रहेंगे।
मकर(भो,जा,जि,जु,जे,जो,ख,खि,खु,खे,खो,गा,गि):-घर में एकता-भाईचारा का भाव देखने को मिलेगा। यदि घर में किसी ख़ास या क़रीबी व्यक्ति से आपके संबंधों में कटुता आ गई है तो इस समय आप दोनों के रिश्ते सामान्य हो जाएंगे। अपना व्यवहार सकारात्मक बनाए रखें। भविष्य के लिये बनायी योजनाओं पर भी आज कुछ सोच-विचार करने की जरुरत हैं। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में परिवार वालों की मदद मिलेगी। जीवन में अपने परिवार, दोस्तों और जीवनसाथी की भूमिका को पहचानेंगे।
कुम्भ (गु, गे, गो, सा, सि, सु, से, सो, दा) :-प्रभावशाली व्यक्तियों का सहयोग आपकी उन्नति में सहायक सिद्ध होगा और परिश्रम के अनुसार आपको उचित फल भी प्राप्त होंगे। अत्यधिक कार्यभार के कारण तनाव महसूस करेंगे। आप अकेले और शांत रहना पसंद करेंगे। आप कुछ महत्वपूर्ण लेकर लंबित चल रहे कार्यों को पूरा करने का प्रयास करेंगे। आप अपने काम पर एकाग्रता बरक़रार रखने में दिक़्क़त महसूस करेंगे। कोई सलाह आज कार्यक्षेत्र में आपको धन लाभ करा सकती है , कुल मिलाकर फ़ायदेमंद दिन है।
मीन (दि, दु, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, चि) :-आपके द्वारा बनाई गई योजनाएं सफल होंगी। व्यर्थ की उलझनें और सोच विचार से आपका मन विचलित रहेगा। अगर आप प्रयास करते हैं तो लंबे समय से चल रही किसी मित्र या परिवारिक सदस्य के साथ नाराजगी दूर हो सकती हैं। आज के दिन आपको प्रातः काल से ही कुछ ना कुछ गड़बड़ होने का अंदेशा रहेगा लेकिन ज्यादा परेशान ना हों आज का दिन आपको अधिकांश कार्यो में सफलता दिलाएगा।
आपका दिन शुभ व मंगलमय हो। समस्या चाहे कैसी भी हो 100% समाधान प्राप्त करे:- स्पेशलिस्ट- मनचाही लव मैरिज करवाना, पति या प्रेमी को मनाना, कारोबार का न चलना, धन की प्राप्ति, पति पत्नी में अनबन और गुप्त प्रेम आदि समस्याओ का समाधान। एक फोन बदल सकता है आपकी जिन्दगी। Guru Ji T M Shastri Ji Call Now: - +91-9872539511 फीस संबंधी जानकारी के लिए #Facebook page के message box में #message करें। आप Whatsapp भी कर सकते हैं। #famousastrologer #astronews #astroworld #Astrology #Horoscope #Kundli #Jyotish #yearly #monthly #weekly #numerology #rashifal #RashiRatan #gemstone #real #onlinepuja #remedies #lovemarraigespecilist #prediction #motivation #dailyhoroscope #TopAstrologer
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#आदि_सनातनधर्म_होगाप्रतिष्ठित
आदि सनातन धर्म होगा प्रतिष्ठित
प्रसिद्ध भविष्यवक्ता इस बात से पूर्णतः सहमत थे कि यकीनन ही भारत में जन्म लेने वाले एक संत ही होंगे पूरे विश्व के मुक्तिदाता। वे सम्पूर्ण विश्व में अपने ज्ञान से नई जन चेतना का विकास कर आदि सनातन धर्म को प्रतिष्ठित करेंगे। वर्तमान में अपने अद्भुत ज्ञान से सभी में नई चेतना जगाने वाले संत केवल और केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
Sant Rampal Ji Maharaj
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निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान | NIMS University, Jaipur, Rajasthan | MOU | समझौता ज्ञापन
17.07.2024, जयपुर | शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता हेतु निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया | MOU | समझौता ज्ञापन पर निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने हस्ताक्षर किये |
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी के प्रो0 चांसलर, प्रो0 अमेरिका सिंह ने कहा कि, "इस MOU | समझौता ज्ञापन का उद्देश्य शैक्षिक उत्कृष्टता, सांस्कृतिक संवर्धन और सामाजिक कल्याण तथा संगीत, फिल्म एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता को लेकर निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच एक सहयोगात्मक संबंध स्थापित करना है । दोनों पक्ष आपसी उद्देश्यों को प्राप्त करने और समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हैं ।“
श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि “आज का यह अवसर हमारे लिए अत्यंत गर्व और उपलब्धि का है | निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच होने वाले MOU | समझौता ज्ञापन के माध्यम से हम एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं ।
हमारा उद्देश्य सदैव से ही जन हित में कार्य करना रहा है | शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में हम मिलकर अनेक परियोजनाओं पर कार्य करेंगे, जिससे न केवल हमारे छात्रों को लाभ होगा, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को भी इसका प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा ।
हम विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और सामाजिक अभियानों का आयोजन करेंगे, जो समाज के वंचित वर्गों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे । हम छात्रों को केवल सैद्धांतिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करेंगे, जिससे वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझ सकें और एक बेहतर नागरिक बन सकें | हमे पूरा विश्वास है कि निम्स यूनिवर्सिटी और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का साथ हमारे समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा | हम सभी का सामूहिक प्रयास निश्चित रूप से हमारे उद्देश्यों की पूर्ति करेगा और समाज को एक सकारात्मक दिशा में ले जाएगा | निम्स यूनिवर्सिटी के समस्त सदस्यों का धन्यवाद एवं आभार, जिन्होंने इस MOU को बनाने में अपना योगदान दिया । साथ ही हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के सभी सदस्यों का आभार जिनकी 12 वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण ने आज के दिन को ऐतिहासिक बना दिया है |
आप यदि समाजसेवा में अपना योगदान करना चाहें तो आप हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ सकतें हैं और ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान कर, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से समाज सेवा कर सकते हैं । यह आवश्यक नही है कि आप ट्रस्ट को आर्थिक सहयोग (Donation, Sponsorship, CSR आदि) ही प्रदान करें बल्कि आप अपने सेवा क्षेत्र के माध्यम से हमारे सलाहकार, आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य, Coordinator, Goodwill Ambassador, संयुक्त तत्वावधान में आयोजन करके, भी अपना बहुमूल्य योगदान जनहित में प्रदान कर सकते हैं |”
निम्स यूनिवर्सिटी के रजिस्ट���रार, डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी ने कहा कि “निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चेरिटेबल ट्रस्ट के मध्य MOU | समझौता ज्ञापन शिक्षा के साथ संगीत, मनोरंजन एवं फिल्म इंडस्ट्री में छात्र-छात्राओं को नई दिशा प्रदान करेगा |”
इस अवसर पर निम्स यूनिवर्सिटी से डॉ. (प्रो0) संदीप त्रिपाठी (रजिस्ट्रार), डॉ. हिमांशु त्रिपाठी, डॉ. तुषार जगावत, श्री आशीष माथुर, डॉ. दीप्ति रस्तोगी, डॉ. कुलदीप सिंह झाला, डॉ. पियूष पाठक, डॉ. गोविन्द उपाध्याय, श्री राधेश्याम गुर्जर, श्री अशोक कुमार मेर, श्री आशुतोष सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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