Tumgik
#विरोध कर रहे किसान
jitendraharde · 2 years
Photo
Tumblr media
*🎯जगत के तारणहार परम पूज्य संत रामपाल जी महाराज जी का जीवन परिचय और उनका अद्भुत क्रांतिकारी अध्यात्मिक संघर्ष🎯* परम संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितंबर, 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में जाट किसान परिवार में हुआ। पढ़ाई पूरी करने के बाद हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे। संत रामपाल जी महाराज जी की आस्था देवी देवताओं की भक्ति में विशेष होने के कारण जगह जगह साधु संतों से अध्यात्मिक चर्चा करते थे जिनके फलस्वरूप उनकी मुलाकात स्वामी रामदेवानंद जी महाराज से हुई और उनसे प्रभावित होकर उन्होंने 17 फरवरी सन् 1988 को 37 वर्ष की आयु में फाल्गुन महीने की अमावस्या की रात्रि में दीक्षा प्राप्त की। 1994 में अपने गुरुदेव रामदेवानंद जी के आदेश अनुसार नाम दीक्षा देने लगे। अपनी नौकरी से 21/05/1995 को इस्तीफा दे दिया और पूर्णतः नामदान देने लग गए। अपने गुरुदेव की आज्ञा पालन करने के लिए संत रामपाल जी महाराज ने अपना घर, बच्चे, नौकरी छोड़कर, सर्वस्व परमात्मा की सेवा के लिए समर्पित कर दिया । ऐसा माना जाता है कि सामाजिक, आर्थिक, अध्यात्मिक इत्यादि क्षेत्रों में जब सुगमता पूर्वक विचारयुक्त वाले व्यक्ति हो तो प्रायः सभी क्षेत्रों में समानता के भाव रहते है किंतु इसके उलट जब लोग स्वार्थपूर्वक जीवन जीने के आतुर हो तो वही संघर्ष की शुरुआत होती है। कुछ ऐसा ही कुकृत्य सन् 2006 में करोंथा कांड में देखा गया। जब संत रामपाल जी महाराज जी व उनके अनुयाई शांति पूर्वक सत्संग कर रहे थे तभी कुछ तथाकथित आर्य समाज के व्यक्तियों ने आश्रम को चारों तरफ से घेर लिया और सभी प्रकार की सुविधाएं भी बंद करा दी तथा हत्या का झूठा आरोप लगाकर 2006 से 2008 तक संत रामपाल जी महाराज जी को जेल भिजवा दिया। पुनः 2014 में भी झूठे आरोप में जेल जाना पड़ा। कारण सिर्फ इतना था कि संत रामपाल जी महाराज ने आर्य समाज के प्रवर्तक महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा रचित पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश का खुलासा किए तथा जनता को सच्चाई से रूबरू करवाए। जेल में जाने के बावजूद भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान रुका नहीं जन जन तक लोगों में अलख क्रांति जगाई । लोग संत रामपाल जी महाराज जी से जुड़ते गए और उनके सत्य ज्ञान को पहचानते गए। आज जनता के सामने सच्चाई भी उजागर हुई। 2006 में करोंथा कांड में लगाए गए हत्या के झूठे आरोप में संत रामपाल जी महाराज जी बाइज्जत बरी हो चुके हैं। दोस्तों यह तो सच है कि जब भी किसी कार्य में परिवर्तन किया जाता है तो विरोध होना लाजमी है किंतु यह बड़े स्तर पर संत रामपाल https://www.instagram.com/p/CopoB29IlsL/?igshid=NGJjMDIxMWI=
2 notes · View notes
kaluladas · 2 years
Text
🧿सद्गुरु रामपाल जी महाराज की अद्भुत क्रांतिकारी आध्यात्मिक जीवन की यात्रा🧿
संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गांव धनाना जिला सोनीपत हरियाणा में एक किसान परिवार में हुआ। पढ़ाई पूरी करके हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजिनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे।
17 फरवरी 1988 फाल्गुन महीने की अमावस्या को परम् संत रामदेवानंदजी महाराज से दीक्षा प्राप्त की तथा तन-मन-धन से सक्रिय होकर स्वामी रामदेवानंद जी द्वारा बताए भक्ति मार्ग से साधना की तथा परमात्मा का साक्षात्कार किया।
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज को सत्संग करने की आज्ञा दी तथा सन् 1994 में नामदान करने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण जूनियर इंजीनियर की पोस्ट से त्यागपत्र दे दिया जो हरियाणा सरकार द्वारा पत्र क्रमांक 3492-3500, तिथि 16-5-2000 के तहत स्वीकृत है।
संत रामपाल जी महाराज ने घर-घर जाकर सत्संग किया। साथ-साथ ज्ञानहीन संतों का विरोध भी बढ़ता गया। चंद दिनों में संत रामपाल महाराज जी के अनुयायियों की संख्या लाख���ं में पहुंच गई।
ज्ञान में निरूत्तर होकर अपने अज्ञान का पर्दाफाश होने के भय से उन अंज्ञानी संतों, महंतों व आचार्यों ने संत रामपाल जी महाराज को बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार करना प्रारम्भ कर दिया तथा 12.7.2006 को संत रामपाल जी को जान से मारने तथा आश्रम को नष्ट करने के लिए स्वयं तथा अपने अनुयायियों से सतलोक आश्रम पर आक्रमण करवाया। जब संत रामपाल जी को मारने में असफल रहे तो एक व्यक्ति की हत्या कर दी जिसका आरोप संत रामपाल जी महाराज पर लगा दिया। संत रामपाल जी महाराज 2006 से 2008 तक जेल में रहे।
हत्या के झूठे केस में संत रामपाल जी महाराज बाइज्जत बरी हो चुके हैं।
सन 2008 से पुनः समाज सुधार के कार्य किये और तत्वज्ञान की अलख जगाई, नकली धर्मगुरुओं की दुकानें बंद होने लगी तो षड्यंत्र करके 2013 में करौंथा कांड व 2014 में बरवाला कांड करा दिया। और संत जी को पुनः जेल में भेज दिया। क्योकि ज्ञान में तो कोई बोल न सका।
लेकिन जेल में जाने के बावजूद भी उनका ज्ञान नहीं रुका, ना ही समाज सुधार का मिशन डगमगाया।
बल्कि अब तो यह ज्ञान पूरे संसार में छा गया है।
विश्व के एकमात्र संत एवं सबसे बड़े समाज सुधारक हैं संत रामपाल जी महाराज जिनका उद्देश्य है- जातिवाद, साम्प्रदायिकता समाप्त कर आपसी भेदभाव मिटाना, अंधविश्वास, पाखण्डवाद से मुक्ति दिलाना, सभी प्रकार के नशे पर प्रतिबंध लगाना, दहेज जैसी कुप्रथाएं समाप्त कर बेटियों को न्याय दिलाना तथा भ्रष्टाचार मुक्त स्वच्छ समाज का निर्माण कर भारत को विश्वगुरु बनाना।
वे पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार हैं।
परमेश्वर कबीर बन्दीछोड़ जी ने अपनी अमृत वाणी में पवित्र ‘कबीर सागर‘ ग्रंथ में कहा है कि एक समय आएगा जब पूरे विश्व में मेरा ही ज्ञान चलेगा। पूरा विश्व शांति पूर्वक भक्ति करेगा। आपस में विशेष प्रेम होगा, सतयुग जैसा समय (स्वर्ण युग) होगा। परमेश्वर कबीर बन्दी छोड़ द्वारा बताए ज्ञान को संत रामपाल जी महाराज ने समझा है। इसी ज्ञान के विषय में कबीर साहेब जी ने अपनी वाणी में कहा है कि --
कबीर, और ज्ञान सब ज्ञानड़ी, कबीर ज्ञान सो ज्ञान।
जैसे गोला तोब का, करता चले मैदान।।
#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#SantRampalJiMaharaj
अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj > App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
3 notes · View notes
Text
🎋संत रामपालजी महाराज का जीवन परिचय व् आध्यात्मिक संघर्ष🎋
संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में जाट किसान परिवार में हुआ, जिन्होंने हम जीवों के उद्धार के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया।
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद संत ऱामपालजी महाराज हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे। इसी दौरान संत रामपाल जी महाराज जी ने 17 फरवरी सन् 1988 को फाल्गुन महीने की अमावस्या को परम संत रामदेवानंद जी से नाम दीक्षा प्राप्त की। उनके अनुयायी इस दिवस को बोध दिवस के रूप में मनाते हैं।
अपने गुरु जी से नाम दीक्षा लेकर दृढ भक्ति करने के बाद संत रामपाल जी महाराज जी को 1994 में स्वामी रामदेवानंद जी ने आदेश दिया कि अब आप लोगों को नाम दीक्षा दिया करो। अपने गुरुजी की आज्ञा को मानकर संत रामपाल जी महाराज ने 18 साल की अपनी नौकरी से 21/05/1995 को इस्तीफा दे दिया और पूर्णतः नामदान देने लग गए।
वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र ऐसे संत है जो शास्त्रों के आधार पर लोगों को तत्वज्ञान का भेद करा रहे हैं व् लोगों को पाखंडवाद से मुक्त कर शास्त्रानुसार कबीर साहेब की सतभक्ति करने के लिए जागृत कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज जी अपने तत्वज्ञान के माध्यम से लोगों को यह बताते हैं कि मनुष्य जीवन का मूल उद्देश्य क्या है, हमें किस तरह से मनुष्य जीवन में रहना चाहिए, किस की भक्ति करनी चाहिए, शास्त्रानुसार वास्तविक भक्ति विधि क्या है इन सबकी जानकारी बताते हैं।
सतगुरु रामपाल जी महाराज को लोगों तक वास्तविक तत्वज्ञान पहुँचाने के लिए अनेकों संघर्षों का सामना करना पड़ा पर उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
जब संत रामपाल जी महाराज ने नौकरी छोड़ी तब वह नौकरी ही उनके परिवार के निर्वाह का एकमात्र साधन थी पर अपने सतगुरु के आदेश का पालन करने के लिए और परमात्मा के बच्चों के उद्धार के लिए उन्होंने नौकरी त्याग दी। उन्होंने अपने परिवार तथा बच्चों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया और परमात्मा के लिए अपना जीवन समर्पण कर दिया।
उन्होंने अपने कुछ भक्तों के सहयोग से गाँव गाँव, नगर नगर जाकर सत्ज्ञान का प्रचार किया। सर्व धर्मों के शास्त्रों का अध्ययन किया और उनमें से परमात्मा का सच्चा ज्ञान निकालकर भक्त समाज के सामने रख दिया। दिन रात सत्संग किये, पुस्तकें लिखी। 20-20 घंटे लगातार काम किया। समाज में व्यापत कुरीतियों तथा नकली संतो द्वारा फैलाये गए गलत ज्ञान पर दृढ़ लोगों ने परम संत और उनके द्वारा दिये गए ज्ञान का बहुत विरोध किया पर सतगुरु जी द्वारा दिया गया परमेश्वर कबीर साहेब का ज्ञान ऐसा था जैसे तोप का गोला हो जिसके आगे कोई टिक नही सका।
इस पृथ्वी पर सिर्फ संत रामपाल जी ही पूर्ण संत हैं फिर चाहे वे जेल में ही क्यों न हों। परमार्थ के लिए, हम जीवों के उद्धार के लिए ही आज उनको जेल जाना पड़ा है। इस तत्वज्ञान के प्रचार के लिए उन्होंने इतना संघर्ष किया है, उसे समझकर संत जी से नाम उपदेश लेना हमारा परम कर्तव्य बनता है क्योंकि मोक्ष प्राप्त करना ही इस मानव जीवन का प्रथम कर्त��्य है।
#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#SantRampalJiMaharaj
अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj > App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️
🎋संत रामपालजी महाराज का जीवन परिचय व् आध्यात्मिक संघर्ष🎋
संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में जाट किसान परिवार में हुआ, जिन्होंने हम जीवों के उद्धार के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया।
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद संत ऱामपालजी महाराज हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे। इसी दौरान संत रामपाल जी महाराज जी ने 17 फरवरी सन् 1988 को फाल्गुन महीने की अमावस्या को परम संत रामदेवानंद जी से नाम दीक्षा प्राप्त की। उनके अनुयायी इस दिवस को बोध दिवस के रूप में मनाते हैं।
अपने गुरु जी से नाम दीक्षा लेकर दृढ भक्ति करने के बाद संत रामपाल जी महाराज जी को 1994 में स्वामी रामदेवानंद जी ने आदेश दिया कि अब आप लोगों को नाम दीक्षा दिया करो। अपने गुरुजी की आज्ञा को मानकर संत रामपाल जी महाराज ने 18 साल की अपनी नौकरी से 21/05/1995 को इस्तीफा दे दिया और पूर्णतः नामदान देने लग गए।
वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र ऐसे संत है जो शास्त्रों के आधार पर लोगों को तत्वज्ञान का भेद करा रहे हैं व् लोगों को पाखंडवाद से मुक्त कर शास्त्रानुसार कबीर साहेब की सतभक्ति करने के लिए जागृत कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज जी अपने तत्वज्ञान के माध्यम से लोगों को यह बताते हैं कि मनुष्य जीवन का मूल उद्देश्य क्या है, हमें किस तरह से मनुष्य जीवन में रहना चाहिए, किस की भक्ति करनी चाहिए, शास्त्रानुसार वास्तविक भक्ति विधि क्या है इन सबकी जानकारी बताते हैं।
सतगुरु रामपाल जी महाराज को लोगों तक वास्तविक तत्वज्ञान पहुँचाने के लिए अनेकों संघर्षों का सामना करना पड़ा पर उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
जब संत रामपाल जी महाराज ने नौकरी छोड़ी तब वह नौकरी ही उनके परिवार के निर्वाह का एकमात्र साधन थी पर अपने सतगुरु के आदेश का पालन करने के लिए और परमात्मा के बच्चों के उद्धार के लिए उन्होंने नौकरी त्याग दी। उन्होंने अपने परिवार तथा बच्चों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया और परमात्मा के लिए अपना जीवन समर्पण कर दिया।
उन्होंने अपने कुछ भक्तों के सहयोग से गाँव गाँव, नगर नगर जाकर सत्ज्ञान का प्रचार किया। सर्व धर्मों के शास्त्रों का अध्ययन किया और उनमें से परमात्मा का सच्चा ज्ञान निकालकर भक्त समाज के सामने रख दिया। दिन रात सत्संग किये, पुस्तकें लिखी। 20-20 घंटे लगातार काम किया। समाज में व्यापत कुरीतियों तथा नकली संतो द्वारा फैलाये गए गलत ज्ञान पर दृढ़ लोगों ने परम संत और उनके द्वारा दिये गए ज्ञान का बहुत विरोध किया पर सतगुरु जी द्वारा दिया गया परमेश्वर कबीर साहेब का ज्ञान ऐसा था जैसे तोप का गोला हो जिसके आगे कोई टिक नही सका।
इस पृथ्वी पर सिर्फ संत रामपाल जी ही पूर्ण संत हैं फिर चाहे वे जेल में ही क्यों न हों। परमार्थ के लिए, हम जीवों के उद्धार के लिए ही आज उनको जेल जाना पड़ा है। इस तत्वज्ञान के प्रचार के लिए उन्होंने इतना संघर्ष किया है, उसे समझकर संत जी से नाम उपदेश लेना हमारा परम कर्तव्य बनता है क्योंकि मोक्ष प्राप्त करना ही इस मानव जीवन का प्रथम कर्तव्य है।
#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#SantRampalJiMaharaj
अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj > App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
Tumblr media
6 notes · View notes
sanjyasblog · 30 days
Text
#तारणहार_संतरामपालजी_महाराज
संत रामपाल जी महाराज पूर्ण सतगुरु हैं जो सद्ग्रंथों से प्रमाणित सत्संग करते हैं वे अपने सत्संगो में कही एक-एक बात का प्रमाण शास्त्रों में दिखाते हैं। संत रामपाल जी महाराज गीता अध्याय 9 श्लोक 25 से प्रमाणित करते हुए बताते हैं कि मनमाने कर्मकांड जैसे-श्राद्ध, पिण्ड दान, माता मसानी और प्रेतों की पूजा करना गीता में मना किया गया है क्योंकि इनके करने से मानव भूत व पितर योनि को प्राप्त होता है। जिससे साधक का मानव जीवन व्यर्थ हो जाता है और वह मानव जीवन के मूल उद्देश्य मोक्ष की प्राप्ति नहीं कर पाता। इसलिए उनके द्वारा भक्त समाज को शास्त्र अनुकूल भक्ति प्रदान की जा रही है जिससे मानव का आत्म कल्याण हो सके।
नास्त्रोदमस जी ने कहा है कि विश्व धार्मिक हिन्दू संत (शायरन) पचास वर्ष की आयु में अर्थात् 2001 ज्ञेय ज्ञाता होकर प्रचार करेगा। संत रामपाल जी महाराज का जन्म पवित्र हिन्दू धर्म में सन् (ई.सं.) 1951 में 8 सितम्बर को गांव धनाना जिला सोनीपत, प्रांत हरियाणा (भारत) में एक किसान परिवार में हुआ। इस प्रकार सन् 2001 में संत रामपाल जी महाराज की आयु पचास वर्ष बनती है, सो नास्त्रोदमस के अनुसार खरी है। इसलिए वह विश्व धार्मिक नेता संत रामपाल जी महाराज ही हैं जिनकी अध्यक्षता में भारतवर्ष पूरे विश्व पर राज्य करेगा। पूरे विश्व में एक ही ज्ञान (भक्ति मार्ग) चलेगा। एक ही कानून होगा, कोई दुःखी नहीं रहेगा, विश्व में पूर्ण शांति होगी। जो विरोध करेंगे अंत में वे भी पश्चाताप करेंगे तथा तत्वज्ञान को स्वीकार करने पर विवश होंगे और सर्व मानव समाज मानव धर्म का पालन करेगा और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करके सतलोक जाएंगे।
अच्छे दिन पाछै गए, सतगुरु से किया ना हेत।
अब पछतावा क्या करे, जब चिडि़या चुग गई खेत।।
सर्व मानव समाज से प्रार्थना करते हैं कि पूर्ण संत रामपाल जी महाराज को पहचानों तथा अपना व अपने परिवार का कल्याण करवाओ। अपने रिश्तेदारों तथा दोस्तों को भी बताओ तथा पूर्ण मोक्ष पाओ। स्वर्ण युग प्रारम्भ हो चुका है। लाखों पुण्य आत्मांए संत रामपाल जी तत्वदर्शी संत को पहचान कर सत्य भक्ति कर रहे हैं, वे अति सुखी हो गए हैं। सर्व विकार छोड़ कर निर्मल जीवन जी रहे हैं।
Tumblr media
0 notes
vikaskumarsposts · 30 days
Text
#तारणहार_संतरामपालजी_महाराज
संत रामपाल जी महाराज पूर्ण सतगुरु हैं जो सद्ग्रंथों से प्रमाणित सत्संग करते हैं वे अपने सत्संगो में कही एक-एक बात का प्रमाण शास्त्रों में दिखाते हैं। संत रामपाल जी महाराज गीता अध्याय 9 श्लोक 25 से प्रमाणित करते हुए बताते हैं कि मनमाने कर्मकांड जैसे-श्राद्ध, पिण्ड दान, माता मसानी और प्रेतों की पूजा करना गीता में मना किया गया है क्योंकि इनके करने से मानव भूत व पितर योनि को प्राप्त होता है। जिससे साधक का मानव जीवन व्यर्थ हो जाता है और वह मानव जीवन के मूल उद्देश्य मोक्ष की प्राप्ति नहीं कर पाता। इसलिए उनके द्वारा भक्त समाज को शास्त्र अनुकूल भक्ति प्रदान की जा रही है जिससे मानव का आत्म कल्याण हो सके।
नास्त्रोदमस जी ने कहा है कि विश्व धार्मिक हिन्दू संत (शायरन) पचास वर्ष की आयु में अर्थात् 2001 ज्ञेय ज्ञाता होकर प्रचार करेगा। संत रामपाल जी महाराज का जन्म पवित्र हिन्दू धर्म में सन् (ई.सं.) 1951 में 8 सितम्बर को गांव धनाना जिला सोनीपत, प्रांत हरियाणा (भारत) में एक किसान परिवार में हुआ। इस प्रकार सन् 2001 में संत रामपाल जी महाराज की आयु पचास वर्ष बनती है, सो नास्त्रोदमस के अनुसार खरी है। इसलिए वह विश्व धार्मिक नेता संत रामपाल जी महाराज ही हैं जिनकी अध्यक्षता में भारतवर्ष पूरे विश्व पर राज्य करेगा। पूरे विश्व में एक ही ज्ञान (भक्ति मार्ग) चलेगा। एक ही कानून होगा, कोई दुःखी नहीं रहेगा, विश्व में पूर्ण शांति होगी। जो विरोध करेंगे अंत में वे भी पश्चाताप करेंगे तथा तत्वज्ञान को स्वीकार करने पर विवश होंगे और सर्व मानव समाज मानव धर्म का पालन करेगा और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करके सतलोक जाएंगे।
अच्छे दिन पाछै गए, सतगुरु से किया ना हेत।
अब पछतावा क्या करे, जब चिडि़या चुग गई खेत।।
सर्व मानव समाज से प्रार्थना करते हैं कि पूर्ण संत रामपाल जी महाराज को पहचानों तथा अपना व अपने परिवार का कल्याण करवाओ। अपने रिश्तेदारों तथा दोस्तों को भी बताओ तथा पूर्ण मोक्ष पाओ। स्वर्ण युग प्रारम्भ हो चुका है। लाखों पुण्य आत्मांए संत रामपाल जी तत्वदर्शी संत को पहचान कर सत्य भक्ति कर रहे हैं, वे अति सुखी हो गए हैं। सर्व विकार छोड़ कर निर्मल जीवन जी रहे हैं।
Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media
0 notes
dainiksamachar · 7 months
Text
अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर डटे किसान, 'दिल्ली मार्च' पर 3 को होगा रणनीति का ऐलान
नई दिल्ली : एमएसपी समेत अलग-अलग मांगों को लेकर किसान लगातार आंदोलन में जुटे हुए हैं। हालांकि, 'दिल्ली मार्च' पर उन्होंने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। बताया जा रहा कि वो अपने अगला कदम का खुलासा 3 मार्च को कर सकते हैं। इस बीच किसान नेता मनजीत सिंह राय और जसविंदर सिंह लोंगोवाल ने अपनी मांगें पूरी होने तक 'दिल्ली चलो' आंदोलन जारी रखने पर जोर दिया। उन्होंने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शनों को और तेज करने के साथ-साथ डबवाली में धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है। किसान आंदोलन में आगे क्या, 3 को खुलासा जानकारी के मुताबिक, 3 मार्च को आंदोलन कर रहे किसान खनौरी में पुलिस के साथ संघर्ष में जान गंवाने वाले किसान के लिए प्रार्थना सभा करेंगे। इसी के बाद वो अपनी आगे की कार्य योजना की घोषणा करेंगे। किसानों की मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का कानूनी आश्वासन और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ आंसू गैस, लाठी, जहरीली गैस और गोलियों के इस्तेमाल की विरोध शामिल है। किसान नेताओं की ओर से बताया गया कि मौजूदा किसान आंदोलन को और मजबूत किया जाएगा और डबवाली में धरना प्रदर्शन की योजना बनाई गई है। किसान संगठन बोले प्रदर्शन होगा तेज 21 फरवरी को एक किसान शुभकरण सिंह की जान चली गई थी, इसी के बाद 'दिल्ली चलो' आंदोलन को कुछ समय के लिए रोक दिया गया था। इसके बाद 29 फरवरी तक किसान फिर जुटे। खनौरी शंभू बॉर्डर पर आंदोलन में जुटे रहे। इस दौरान किसान नेता जसविंदर सिंह लोंगोवाल ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आंसू गैस, जहरीली गैस और गोलियों के इस्तेमाल सहित दमनकारी रणनीति अपनाने को लेकर केंद्र और हरियाणा सरकारों की आलोचना की। उन्होंने अपने बच्चों को इस तरह की हिंसा से बचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। सरवन सिंह पंडेर ने भी किसानों की चिंताओं को दूर करने के बजाय चुनाव जीतने पर सरकार के ध्यान की निंदा की। सरकार के रवैये पर उठाए सवाल संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की अपील की। बताया जा रहा कि शुभकरण सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए 3 मार्च को एक सभा बुलाई गई है। इसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसान शामिल होंगे। इसी के बाद किसानों के आंदोलन को लेकर आगे रणनीति सामने आएगी। http://dlvr.it/T3TtMs
0 notes
mahadeosposts · 7 months
Text
Tumblr media
*🌴सच्चे संत का मानव कल्याण के अद्भुत उद्देश्य और कठिन संघर्ष🌴*
दोस्तों हम बात कर रहे हैं, महान संत रामपाल जी महाराज जी की जिनका जन्म 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में एक जाट किसान के घर हुआ। संत रामपाल जी महाराज जी की माता का नाम- इंद्रोदेवी, पिता का नाम- नंदराम है तथा संत रामपाल जी महाराज जी की चार संतान है दो पुत्र तथा दो पुत्री।
संत रामपाल जी महाराज जी पढ़ाई पूरी करके हरियाणा में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे। 37 वर्ष की आयु में 17 फरवरी सन् 1988, फाल्गुन महिने की अमावस्या को रात्रि में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा ली। जिसे संत भाषा में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
और सक्रिय होकर भक्ति मार्ग पर चलकर परमात्मा का साक्षात्कार किया।
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज जी को सत्संग करने की आज्ञा दी और 1994 में नामदीक्षा देने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण संत रामपाल जी महाराज ने जे.ई की सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। और अपने परिवार को भगवान भरोसे छोड़कर मानव कल्याण के एक अद्भुत मिशन पर चल पड़े। जिसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सन् 1994 से 1998 तक संत रामपाल जी महाराज ने घर घर, शहर शहर जाकर सत्संग किए। शास्त्र प्रमाणित ज्ञान देखकर बहु संख्या में अनुयाई होते गए। और साथ ही साथ ज्ञानहीन नक़ली संतों का विरोध भी बढ़ता ही गया।
इसके बाद सन् 1999 में गांव करौंथा, जिला रोहतक (हरियाणा) में सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना की। और प्रत्येक पूर्णिमा को तीन दिवसीय सत्संग प्रारंभ किया। जिससे चंद ही दिनों में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों की संख्या लाखों में पहुंच गई। जब ज्ञानहीन नकली संत-धर्मगुरुओं के अनुयाई संत रामपाल जी महाराज के शास्त्र प्रमाणित ज्ञान को आंखों देखकर संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर दीक्षा लेकर उनके अनुयाई बनने लगे। और उन नकली धर्मगुरुओं से प्रश्न करने लगे की आप सारा ज्ञान सदग्रंथों के विपरित बता रहे हो। तब उन नकली धर्मगुरुओं के अज्ञान का पर्दाफाश हुआ।
राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय टीवी चैनलों पर भी उनके सत्संग चलने लगे, सत्य ज्ञान को आंखों देख कर लोग उनके ज्ञान को समझकर जुड़ रहे हैं। देशभर में गांव गांव, शहर शहर में उनके सत्संग होते हैं, जहां लोग शास्त्र प्रमाणित ज्ञान को देखते और सुनते हैं। और आज़ संत जी के सत्य ज्ञान का ही परिणाम है कि भारतवर्ष के अलावा पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, आस्ट्रेलिया, अमेरिका जैसे देशों
0 notes
gagandeepkaur92 · 8 months
Text
🧿सद्गुरु रामपाल जी महाराज की अद्भुत क्रांतिकारी आध्यात्मिक जीवन की यात्रा🧿
संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गांव धनाना जिला सोनीपत हरियाणा में एक किसान परिवार में हुआ। पढ़ाई पूरी करके हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजिनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे।
17 फरवरी 1988 फाल्गुन महीने की अमावस्या को परम् संत रामदेवानंदजी महाराज से दीक्षा प्राप्त की तथा तन-मन-धन से सक्रिय होकर स्वामी रामदेवानंद जी द्वारा बताए भक्ति मार्ग से साधना की तथा परमात्मा का साक्षात्कार किया।
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज को सत्संग करने की आज्ञा दी तथा सन् 1994 में नामदान करने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण जूनियर इंजीनियर की पोस्ट से त��यागपत्र दे दिया जो हरियाणा सरकार द्वारा पत्र क्रमांक 3492-3500, तिथि 16-5-2000 के तहत स्वीकृत है।
संत रामपाल जी महाराज ने घर-घर जाकर सत्संग किया। साथ-साथ ज्ञानहीन संतों का विरोध भी बढ़ता गया। चंद दिनों में संत रामपाल महाराज जी के अनुयायियों की संख्या लाखों में पहुंच गई।
ज्ञान में निरूत्तर होकर अपने अज्ञान का पर्दाफाश होने के भय से उन अंज्ञानी संतों, महंतों व आचार्यों ने संत रामपाल जी महाराज को बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार करना प्रारम्भ कर दिया तथा 12.7.2006 को संत रामपाल जी को जान से मारने तथा आश्रम को नष्ट करने के लिए स्वयं तथा अपने अनुयायियों से सतलोक आश्रम पर आक्रमण करवाया। जब संत रामपाल जी को मारने में असफल रहे तो एक व्यक्ति की हत्या कर दी जिसका आरोप संत रामपाल जी महाराज पर लगा दिया। संत रामपाल जी महाराज 2006 से 2008 तक जेल में रहे।
हत्या के झूठे केस में संत रामपाल जी महाराज बाइज्जत बरी हो चुके हैं।
सन 2008 से पुनः समाज सुधार के कार्य किये और तत्वज्ञान की अलख जगाई, नकली धर्मगुरुओं की दुकानें बंद होने लगी तो षड्यंत्र करके 2013 में करौंथा कांड व 2014 में बरवाला कांड करा दिया। और संत जी को पुनः जेल में भेज दिया। क्योकि ज्ञान में तो कोई बोल न सका।
लेकिन जेल में जाने के बावजूद भी उनका ज्ञान नहीं रुका, ना ही समाज सुधार का मिशन डगमगाया।
बल्कि अब तो यह ज्ञान पूरे संसार में छा गया है।
विश्व के एकमात्र संत एवं सबसे बड़े समाज सुधारक हैं संत रामपाल जी महाराज जिनका उद्देश्य है- जातिवाद, साम्प्रदायिकता समाप्त कर आपसी भेदभाव मिटाना, अंधविश्वास, पाखण्डवाद से मुक्ति दिलाना, सभी प्रकार के नशे पर प्रतिबंध लगाना, दहेज जैसी कुप्रथाएं समाप्त कर बेटियों को न्याय दिलाना तथा भ्रष्टाचार मुक्त स्वच्छ समाज का निर्माण कर भारत को विश्वगुरु बनाना।
वे पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार हैं।
परमेश्वर कबीर बन्दीछोड़ जी ने अपनी अमृत वाणी में पवित्र ‘कबीर सागर‘ ग्रंथ में कहा है कि एक समय आएगा जब पूरे विश्व में मेरा ही ज्ञान चलेगा। पूरा विश्व शांति पूर्वक भक्ति करेगा। आपस में विशेष प्रेम होगा, सतयुग जैसा समय (स्वर्ण युग) होगा। परमेश्वर कबीर बन्दी छोड़ द्वारा बताए ज्ञान को संत रामपाल जी महाराज ने समझा है। इसी ज्ञान के विषय में कबीर साहेब जी ने अपनी वाणी में कहा है कि --
कबीर, और ज्ञान सब ज्ञानड़ी, कबीर ज्ञान सो ज्ञान।
जैसे गोला तोब का, करता चले मैदान।।
#SantRampalJiBodhDiwas
#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#SantRampalJiMaharaj
#TheMission_Of_SantRampalJi
अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
Tumblr media Tumblr media
0 notes
sharpbharat · 8 months
Text
West singhbhum congress putla dahan : किसानों पर बर्बरता व इलेक्टोरल बांड को लेकर कांग्रेसियों ने पीएम व गृहमंत्री का पुतला फूंका, किसान आंदोलन व इलेक्टोरल बांड पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को बताया सही
रामगोपाल जेना/चाईबासा : केंद्र सरका��� द्वारा आंदोलन रत किसानों पर बर्बरतापूर्ण कार्रवाई के विरोध में एवं सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलेक्टोरल बांड को असंवैधानिक घोषित किये जाने को लेकर गुरुवार को जिला कांग्रेस कमेटी ने स्थानीय शहीद पार्क चौक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह का पुतला दहन किया. विभिन्न राज्यों से अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों को रोकने के लिए केंद्र…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
jagannath-das · 8 months
Text
🔸🔸
*🎯संत रामपाल जी महाराज जी के 37वें बोध दिवस पर जानिए अद्भुत रहस्य🎯*
परम संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितंबर, 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में जाट किसान परिवार में हुआ। पढ़ाई पूरी करने के बाद हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे। संत रामपाल जी महाराज जी की आस्था देवी देवताओं की भक्ति में विशेष होने के कारण जगह जगह साधु संतों से अध्यात्मिक चर्चा करते थे जिनके फलस्वरूप उनकी मुलाकात स्वामी रामदेवानंद जी महाराज से हुई और उनसे प्रभावित होकर उन्होंने 17 फरवरी सन् 1988 को 37 वर्ष की आयु में फाल्गुन महीने की अमावस्या की रात्रि में दीक्षा प्राप्त की। 1994 में अपने गुरुदेव रामदेवानंद जी के आदेश अनुसार नाम दीक्षा देने लगे। अपनी नौकरी से 21/05/1995 को इस्तीफा दे दिया और पूर्णतः नामदान देने लग गए। अपने गुरुदेव की आज्ञा पालन करने के लिए संत रामपाल जी महाराज ने अपना घर, बच्चे, नौकरी छोड़कर, सर्वस्व परमात्मा की सेवा के लिए समर्पित कर दिया ।
विरोध के बावजूद भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान रुका नहीं जन जन तक लोगों में अलख क्रांति जगाई । लोग संत रामपाल जी महाराज जी से जुड़ते गए और उनके सत्य ज्ञान को पहचानते गए। आज जनता के सामने सच्चाई भी उजागर हुई।
दोस्तों यह तो सच है कि जब भी किसी कार्य में परिवर्तन किया जाता है तो विरोध होना लाजमी है किंतु यह बड़े स्तर पर संत रामपाल जी महाराज जी का संघर्ष चल रहा है जो न केवल आध्यात्मिक क्षेत्र में बल्कि आर्थिक, सामाजिक, न्यायिक, राजनीतिक सभी क्षेत्र में एक सुधार का कार्य कर रहे हैं । संत रामपाल जी महाराज जी एक स्वच्छ समाज का निर्माण करना चाहते हैं जिससे जनता सुखी हो सके और अपने एक परमपिता परमेश्वर की पहचान कर सकें।
अतः आप सभी से करबद्ध प्रार्थना है संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित पुस्तक "ज्ञान गंगा" को अवश्य पढ़ें और उनके द्वारा दी गई संपूर्ण जानकारी को सभी शास्त्रों से मिलान करें तब आप सच्चाई से परिचित हो पाएंगे।
#SantRampalJiBodhDiwas
#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#SantRampalJiMaharaj
#TheMission_Of_SantRampalJi
अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
Tumblr media
0 notes
sewakpatel · 8 months
Text
Tumblr media
🔸🔸
*🎯संत रामपाल जी महाराज जी के 37वें बोध दिवस पर जानिए अद्भुत रहस्य🎯*
परम संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितंबर, 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में जाट किसान परिवार में हुआ। पढ़ाई पूरी करने के बाद हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे। संत रामपाल जी महाराज जी की आस्था देवी देवताओं की भक्ति में विशेष होने के कारण जगह जगह साधु संतों से अध्यात्मिक चर्चा करते थे जिनके फलस्वरूप उनकी मुलाकात स्वामी रामदेवानंद जी महाराज से हुई और उनसे प्रभावित होकर उन्होंने 17 फरवरी सन् 1988 को 37 वर्ष की आयु में फाल्गुन महीने की अमावस्या की रात्रि में दीक्षा प्राप्त की। 1994 में अपने गुरुदेव रामदेवानंद जी के आदेश अनुसार नाम दीक्षा देने लगे। अपनी नौकरी से 21/05/1995 को इस्तीफा दे दिया और पूर्णतः नामदान देने लग गए। अपने गुरुदेव की आज्ञा पालन करने के लिए संत रामपाल जी महाराज ने अपना घर, बच्चे, नौकरी छोड़कर, सर्वस्व परमात्मा की सेवा के लिए समर्पित कर दिया ।
विरोध के बावजूद भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान रुका नहीं जन जन तक लोगों में अलख क्रांति जगाई । लोग संत रामपाल जी महाराज जी से जुड़ते गए और उनके सत्य ज्ञान को पहचानते गए। आज जनता के सामने सच्चाई भी उजागर हुई।
दोस्तों यह तो सच है कि जब भी किसी कार्य में परिवर्तन किया जाता है तो विरोध होना लाजमी है किंतु यह बड़े स्तर पर संत रामपाल जी महाराज जी का संघर्ष चल रहा है जो न केवल आध्यात्मिक क्षेत्र में बल्कि आर्थिक, सामाजिक, न्यायिक, राजनीतिक सभी क्षेत्र में एक सुधार का कार्य कर रहे हैं । संत रामपाल जी महाराज जी एक स्वच्छ समाज का निर्माण करना चाहते हैं जिससे जनता सुखी हो सके और अपने एक परमपिता परमेश्वर की पहचान कर सकें।
अतः आप सभी से करबद्ध प्रार्थना है संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित पुस्तक "ज्ञान गंगा" को अवश्य पढ़ें और उनके द्वारा दी गई संपूर्ण जानकारी को सभी शास्त्रों से मिलान करें तब आप सच्चाई से परिचित हो पाएंगे।
#SantRampalJiBodhDiwas
#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#SantRampalJiMaharaj
#TheMission_Of_SantRampalJi
अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
0 notes
dharmpal123 · 8 months
Text
🔸🔸
*🎯संत रामपाल जी महाराज जी के 37वें बोध दिवस पर जानिए अद्भुत रहस्य🎯*
परम संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितंबर, 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में जाट किसान परिवार में हुआ। पढ़ाई पूरी करने के बाद हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे। संत रामपाल जी महाराज जी की आस्था देवी देवताओं की भक्ति में विशेष होने के कारण जगह जगह साधु संतों से अध्यात्मिक चर्चा करते थे जिनके फलस्वरूप उनकी मुलाकात स्वामी रामदेवानंद जी महाराज से हुई और उनसे प्रभावित होकर उन्होंने 17 फरवरी सन् 1988 को 37 वर्ष की आयु में फाल्गुन महीने की अमावस्या की रात्रि में दीक्षा प्राप्त की। 1994 में अपने गुरुदेव रामदेवानंद जी के आदेश अनुसार नाम दीक्षा देने लगे। अपनी नौकरी से 21/05/1995 को इस्तीफा दे दिया और पूर्णतः नामदान देने लग गए। अपने गुरुदेव की आज्ञा पालन करने के लिए संत रामपाल जी महाराज ने अपना घर, बच्चे, नौकरी छोड़कर, सर्वस्व परमात्मा की सेवा के लिए समर्पित कर दिया ।
विरोध के बावजूद भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान रुका नहीं जन जन तक लोगों में अलख क्रांति जगाई । लोग संत रामपाल जी महाराज जी से जुड़ते गए और उनके सत्य ज्ञान को पहचानते गए। आज जनता के सामने सच्चाई भी उजागर हुई।
दोस्तों यह तो सच है कि जब भी किसी कार्य में परिवर्तन किया जाता है तो विरोध होना लाजमी है किंतु यह बड़े स्तर पर संत रामपाल जी महाराज जी का संघर्ष चल रहा है जो न केवल आध्यात्मिक क्षेत्र में बल्कि आर्थिक, सामाजिक, न्यायिक, राजनीतिक सभी क्षेत्र में एक सुधार का कार्य कर रहे हैं । संत रामपाल जी महाराज जी एक स्वच्छ समाज का निर्माण करना चाहते हैं जिससे जनता सुखी हो सके और अपने एक परमपिता परमेश्वर की पहचान कर सकें।
अतः आप सभी से करबद्ध प्रार्थना है संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित पुस्तक "ज्ञान गंगा" को अवश्य पढ़ें और उनके द्वारा दी गई संपूर्ण जानकारी को सभी शास्त्रों से मिलान करें तब आप सच्चाई से परिचित हो पाएंगे।
#SantRampalJiBodhDiwas
#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#SantRampalJiMaharaj
#TheMission_Of_SantRampalJi
अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
0 notes
kirandasi9495 · 8 months
Text
🔸🔸
*🎯संत रामपाल जी महाराज जी के 37वें बोध दिवस पर जानिए अद्भुत रहस्य🎯*
परम संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितंबर, 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में जाट किसान परिवार में हुआ। पढ़ाई पूरी करने के बाद हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे। संत रामपाल जी महाराज जी की आस्था देवी देवताओं की भक्ति में विशेष होने के कारण जगह जगह साधु संतों से अध्यात्मिक चर्चा करते थे जिनके फलस्वरूप उनकी मुलाकात स्वामी रामदेवानंद जी महाराज से हुई और उनसे प्रभावित होकर उन्होंने 17 फरवरी सन् 1988 को 37 वर्ष की आयु में फाल्गुन महीने की अमावस्या की रात्रि में दीक्षा प्राप्त की। 1994 में अपने गुरुदेव रामदेवानंद जी के आदेश अनुसार नाम दीक्षा देने लगे। अपनी नौकरी से 21/05/1995 को इस्तीफा दे दिया और पूर्णतः नामदान देने लग गए। अपने गुरुदेव की आज्ञा पालन करने के लिए संत रामपाल जी महाराज ने अपना घर, बच्चे, नौकरी छोड़कर, सर्वस्व परमात्मा की सेवा के लिए समर्पित कर दिया ।
विरोध के बावजूद भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान रुका नहीं जन जन तक लोगों में अलख क्रांति जगाई । लोग संत रामपाल जी महाराज जी से जुड़ते गए और उनके सत्य ज्ञान को पहचानते गए। आज जनता के सामने सच्चाई भी उजागर हुई।
दोस्तों यह तो सच है कि जब भी किसी कार्य में परिवर्तन किया जाता है तो विरोध होना लाजमी है किंतु यह बड़े स्तर पर संत रामपाल जी महाराज जी का संघर्ष चल रहा है जो न केवल आध्यात्मिक क्षेत्र में बल्कि आर्थिक, सामाजिक, न्यायिक, राजनीतिक सभी क्षेत्र में एक सुधार का कार्य कर रहे हैं । संत रामपाल जी महाराज जी एक स्वच्छ समाज का निर्माण करना चाहते हैं जिससे जनता सुखी हो सके और अपने एक परमपिता परमेश्वर की पहचान कर सकें।
अतः आप सभी से करबद्ध प्रार्थना है संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित पुस्तक "ज्ञान गंगा" को अवश्य पढ़ें और उनके द्वारा दी गई संपूर्ण जानकारी को सभी शास्त्रों से मिलान करें तब आप सच्चाई से परिचित हो पाएंगे।
#SantRampalJiBodhDiwas
#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#SantRampalJiMaharaj
#TheMission_Of_SantRampalJi
अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
1 note · View note
todaybreakingnews24 · 8 months
Text
Breaking News: Rahul Gandhi होंगे किसान आंदोलन मे शामिल
Rahul Gandhi will join the Kisan movement Rahul Gandhi is also expected to address a rally, the date and venue of which is being finalised विकास से परिचित लोगों ने कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पिछले सप्ताह संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में इस सप्ताह पंजाब में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर सकते हैं। एक कांग्रेस नेता ने कहा कि…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
gaange · 8 months
Text
किसानों की 10 मांगें क्या है ?
ट्रैक्टरों का काफिला दिल्ली कूच के लिए रफ्तार पकड़ चुका है , किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस, लाठी डंडे, नुकीली तारे और बॉडीगार्ड किट के साथ फोर्स तैनात है। एक और किसानों का जत्था है तो दूसरी ओर पुलिस का पूरा दलबल दोनों के बीच जबरजब्त सर्घष देखने को मिल रहा है । कटीले तार, ड्रोन से आंसू गैस कीले बंदूके और सड़कों पर सीमेंट वाली, बैरिकेड्स सब कुछ इंतजाम कर दिया गया है और इंतजाम इसलिए ताकि किसानों का कोई भी जत्था देश की राजधानी में एंट्री ना ले सके। सिर्फ लोहे और सीमेंट की ही बेरिकेटिंग नहीं की गई है बल्कि कंक्रीट की दीवारों को रातोंरात खड़ा कर दिया है, इसका मकसद सिर्फ यही है की किसान किसी तरह दिल्ली ना पहुँच सके। पुलिस जितनी तैयारी का दम भर रही है, किसान भी उतनी ही दमदारी से आगे बढ़ रहे। किसानों ने इस बार आंदोलन को चलो दिल्ली मार्च का नाम दिया है। लेकिन इस बार किसान आंदोलन टू पॉइंट जीरों यानी दूसरा आंदोलन भी कहा जा रहा है किसानों का इस बार का आंदोलन 2020 - 21 में हुए किसान आंदोलन से कितना अलग है ? और इस बार किसानों की मांग क्या हैं ? असल में ये किसान आ क्यों रहे हैं? आइयें इन सभी सवालो का जबाब जानते हैं । किसानों की 10 मांगें क्या है ? देश में जब भी इस तरह का आंदोलन होता हैं तो कुछ लोग इसके विरोध में खड़ा होते है। तो कुछ लोग इसका समर्थन करते हैं। हमारा कहना है की आप एक बार किसानों की मांगो को जान लीजिए, उसके बाद विरोध करना है या असमर्थन अपना फैसला आप खुद कीजिए। पिछला किसान आंदोलन कृषि कानूनों के खिलाफ़ था लेकिन इस बार अब ऐसा कोई कानून ही नहीं बना फिर भी किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं । 2024 आखिर फिर किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं? पॉइंट वाइज किसानों की 10 मांगें क्या है ?
2024 आखिर फिर किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं?
पीछले बार किसान जीते थे और सरकार झुकीं थी किसानों की वजह से नरेंद्र मोदी सरकार को अपने तीनो कृषि कानून वापस लेनेपड़े थे। किसानों का अब आरोप है कि पिछले आंदोलन के समय सरकार ने एमएसपी पर जो गारंटी देने का वादा किया था उस वादे को सरकार ने पूरा नहीं किया । एमएसपी के साथ बाकी मु्द्दे को भी पूरा नहीं किया , इसलिए किसान फिर से आंदोलन कर रहे हैं। पिछली बार ये किसानों ने अपने आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चा के तले ये आंदोलन किया था। लेकिन इस बार आंदोलन अलग अलग किसान संगठन एक साथ आकर कर रहे थे। वैसे आपको बता दें पिछले आंदोलन से सीखते हुए इस बार किसान अपने साथ ट्रैक्टर ट्रॉली और राशन साथ लेकर आ रहे हैं। यानी पिछली बार की तरह इस बार भी किसानों का प्लान लंबे समय तक दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर धरना देने वाले हैं ।
पॉइंट वाइज किसानों की 10 मांगें क्या है ?
किसानों की जो सबसे अहम है न्यूनतम समर्थन मूल्य हैं यानी Msp के लिए कानून बने । स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू किया जायें । दिल्ली आंदोलन के दौरान जान गवाने वाले किसानों और उनके परिवारों को मुआवजा दिया जाए और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिया जायें । किसानों और 58 साल से अधिक उम्र की खेतिहर मज़दूरों के लिए प्रतिमा पेंशन। आंदोलन में शामिल किसान कृषि ऋण माफ़ करने की मांग कर रहे हैं । लखीमपुर खीरी हिंसा के जो पीड़ित हैं उन्हें जल्द से जल्द न्याय मिले। कृषि वस्तुओं दुग्ध उत्पादों फल, सब्जियों और मांस के आयात शुल्क को कम करने के लिए भत्ता बढ़ाया जाए। नकली बीज कीटनाशकों और उर्वरक बेचने वाली कंपनी पर सख्त कार्रवाई हो । मिर्च , हल्दी और बाकी के सुगंधित फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय आयोग की स्थापना । • विद्युत संशोधन विधेयक, 2020 को रद्द किया जाए। Read the full article
0 notes
pawankumar1976 · 8 months
Text
*🎯जगत के तारणहार परम पूज्य संत रामपाल जी महाराज जी का जीवन परिचय और उनका अद्भुत क्रांतिकारी अध्यात्मिक संघर्ष🎯*
परम संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितंबर, 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में जाट किसान परिवार में हुआ। पढ़ाई पूरी करने के बाद हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे। संत रामपाल जी महाराज जी की आस्था देवी देवताओं की भक्ति में विशेष होने के कारण जगह जगह साधु संतों से अध्यात्मिक चर्चा करते थे जिनके फलस्वरूप उनकी मुलाकात स्वामी रामदेवानंद जी महाराज से हुई और उनसे प्रभावित होकर उन्होंने 17 फरवरी सन् 1988 को 37 वर्ष की आयु में फाल्गुन महीने की अमावस्या की रात्रि में दीक्षा प्राप्त की। 1994 में अपने गुरुदेव रामदेवानंद जी के आदेश अनुसार नाम दीक्षा देने लगे। अपनी नौकरी से 21/05/1995 को इस्तीफा दे दिया और पूर्णतः नामदान देने लग गए। अपने गुरुदेव की आज्ञा पालन करने के लिए संत रामपाल जी महाराज ने अपना घर, बच्चे, नौकरी छोड़कर, सर्वस्व परमात्मा की सेवा के लिए समर्पित कर दिया ।
ऐसा माना जाता है कि सामाजिक, आर्थिक, अध्यात्मिक इत्यादि क्षेत्रों में जब सुगमता पूर्वक विचारयुक्त वाले व्यक्ति हो तो प्रायः सभी क्षेत्रों में समानता के भाव रहते है किंतु इसके उलट जब लोग स्वार्थपूर्वक जीवन जीने के आतुर हो तो वही संघर्ष की शुरुआत होती है। कुछ ऐसा ही कुकृत्य सन् 2006 में करौंथा कांड में द��खा गया। जब संत रामपाल जी महाराज जी व उनके अनुयाई शांति पूर्वक सत्संग कर रहे थे तभी कुछ तथाकथित आर्य समाज के व्यक्तियों ने आश्रम को चारों तरफ से घेर लिया और सभी प्रकार की सुविधाएं भी बंद करा दी तथा हत्या का झूठा आरोप लगाकर 2006 से 2008 तक संत रामपाल जी महाराज जी को जेल भिजवा दिया। पुनः 2014 में भी झूठे आरोप में जेल जाना पड़ा। कारण सिर्फ इतना था कि संत रामपाल जी महाराज ने आर्य समाज के प्रवर्तक महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा रचित पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश का खुलासा किए तथा जनता को सच्चाई से रूबरू करवाए।
जेल में जाने के बावजूद भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान रुका नहीं जन जन तक लोगों में अलख क्रांति जगाई । लोग संत रामपाल जी महाराज जी से जुड़ते गए और उनके सत्य ज्ञान को पहचानते गए। आज जनता के सामने सच्चाई भी उजागर हुई। 2006 में करोंथा कांड में लगाए गए हत्या के झूठे आरोप में संत रामपाल जी महाराज जी बाइज्जत बरी हो चुके हैं।
दोस्तों यह तो सच है कि जब भी किसी कार्य में परिवर्तन किया जाता है तो विरोध होना लाजमी है किंतु यह बड़े स्तर पर संत रामपाल जी महाराज जी का संघर्ष चल रहा है जो न केवल आध्यात्मिक क्षेत्र में बल्कि आर्थिक, सामाजिक, न्यायिक, राजनीतिक सभी क्षेत्र में एक सुधार का कार्य कर रहे हैं । संत रामपाल जी महाराज जी एक स्वच्छ समाज का निर्माण करना चाहते हैं जिससे जनता सुखी हो सके और अपने एक परमपिता परमेश्वर की पहचान कर सकें।
अतः आप सभी से करबद्ध प्रार्थना है संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित पुस्तक "ज्ञान गंगा" को अवश्य पढ़ें और उनके द्वारा दी गई संपूर्ण जानकारी को सभी शास्त्रों से मिलान करें तब आप सच्चाई से परिचित हो पाएंगे।
#SantRampalJiBodhDiwas
#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#SantRampalJiMaharaj
#TheMission_Of_SantRampalJi
अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
Tumblr media Tumblr media Tumblr media
0 notes