#विनिर्माण अड्डों
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Apple विक्रेता आँखों का उत्पादन भारत में शिफ्ट - टाइम्स ऑफ़ इंडिया
Apple विक्रेता आँखों का उत्पादन भारत में शिफ्ट – टाइम्स ऑफ़ इंडिया
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NEW DELHI: वैश्विक व्यापार के एक भाग के रूप में चीन से एक प्रमुख स्थानांतरण में विनिर्माण अड्डों आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने के लिए, एक अनुब��ध निर्माता सेब लगभग 5 बिलियन डॉलर के निर्यात के लिए तत्पर छह उत्पादन लाइनों को स्थानांतरित कर रहा है आईफ़ोन भारत के अलावा खानपान से लेकर घरेलू बाजार तक। टीओआई को बताया गया कि इस सुविधा की स्थापना से लगभग 55,000 भारतीय कामगारों को एक साल में…
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सरकार गलत दिशा में आगे बढ़ रही है, विचारों में कमी है: बीएमएस केंद्रीय मंत्री ने शनिवार को रक्षा विनिर्माण में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, छह हवाई अड्डों के निजीकरण, अधिक हवाई अंतरिक्ष के उद्घाटन और वाणिज्यिक कोयला खनन में निजी क्षेत्र को अनुमति देने की सीमा को आसान बनाने की घोषणा की। । Source link
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Trump to charge tax on companies manufacturing outside US
Trump to charge tax on companies manufacturing outside US
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वाशिंगटन: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने COVID-19 महामारी के बीच अमेरिका की बजाय चीन से भारत और आयरलैंड जैसे देशों में अपने विनिर्माण ठिकानों को स्थानांतरित करने से रोकने के लिए Apple जैसी अमेरिकी कंपनियों पर नए कर लगाने की धमकी दी है।
फॉक्स बिजनेस न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में, ट्रम्प ने कहा कि कंपनियों को अमेरिका में विनिर्माण अड्डों को वापस करने के लिए कराधान एक प्रोत्साहन था।
Apple ने…
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भारत की पहली बुलेट ट्रेन
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिन्जो आबे द्वारा अहमदाबाद (गुजरात) में भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना की नींव रखी गई। इस मुंबई - अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (Mumbai to Ahmedabad High Speed Rail - MAHSR) को दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अधिकतम 320-350 किमी प्रति घंटे की एक रफ्तार वाली इस ट्रेन से इन दोनों शहरों के बीच की दूरी को 7-8 घंटों की बजाय महज़ 2-3 घंटों में तय कर लिया जाएगा। प्रारंभिक अनुमानों के मुताबिक, सालाना लगभग 1.6 करोड़ लोगों के बुलेट ट्रेन से यात्रा करने की उम्मीद हैं। ��हीं 2050 तक, दैनिक आधार पर तकरीबन 1.6 लाख यात्रियों के हाई-स्पीड ट्रेन से यात्रा करने की संभावना है। भारत 1,10,000 करोड़ रुपए की इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना में निवेश करने के लिये जापान से 88,000 करोड़ रुपए का ऋण लेगा जो जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (Japan International Cooperation Agency - JICA) द्वारा 0.1% प्रति वर्ष की न्यूनतम ब्याज दर के आधार पर प्रदान किया जायेगा। 15 साल की अनुग्रह अवधि के साथ इस ऋण को 50 वर्षों में चुकता किया जाएगा। जापान ही क्यों? मस्त विश्व में जापान हाई-स्पीड रेल नेटवर्क में अग्रणी राष्ट्र है इसकी शिंकानसेन बुलेट ट्रेन (Shinkansen bullet train) दुनिया की सबसे तेज़ बुलेट ट्रेन है। भविष्य में जापान द्वारा भारत को सुरक्षित शिंकानसेन तकनीक प्रदान की जाएगी, परंतु इसका निर्माण 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत भारत में ही किया जाएगा। शिंकानसेन का अर्थ होता है, 'नई ट्रंक लाइन' इन ट्रेनों का आकार बुलेट (गोलियों) की तरह होता है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह जापान की प्रगति और तकनीकी विकास का प्रतीक बन गई हैं। शिंकानसेन की सबसे खास विशेषता इसकी सुरक्षित और अनुशासनात्मक गतिविधि है जिसके कारण वर्ष 1964 में (जब से इन्हें पेश किया गया) अभी तक इन ट्रेनों में कभी भी कोई दुर्घटना दर्ज़ नहीं हुई है। अगर ट्रेनें एक मिनट से अधिक समय के लिये देर से आती हैं तो ट्रेन के स्टाफ को इसका स्पष्टीकरण होता है। भारत के विकास में क्या होगा योगदान? 1.एम.ए.एच.एस.आर. के साथ-साथ नए उत्पादन अड्डों और टाउनशिप को भी विस्तारित किया जाएगा। 2.इसके लिये आवश्यक सस्ते आवासों, लॉजि़स्टिक्स केंद्रों और औद्योगिक इकाइयों के खुलने से छोटे कस्बों और शहरों को भी लाभ होगा। 3.महाराष्ट्र के पालघर और गुजरात के वलसाड ज़िले के साथ-साथ संघ राज्य क्षेत्र दमन में भी निवेश के नए अवसर निर्मित होंगे। 4.बुलेट ट्रेन की निर्माण संबंधी गतिविधियों से इस्पात, सीमेंट एवं विनिर्माण जैसे संबद्ध उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। 5.इससे अतिरिक्त इससे रसद एवं वस्तुओं की भंडारण संबंधी मांग में भी बढ़ावा होगा। इससे निकट अवधि में देश की आर्थिक उन्नति को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी। 6.इससे देश में बहुत सी नई अस्थायी एवं स्थायी न��करियाँ सृजित होंगी। अ��ेले निर्माण चरण में लगभग 20,000 लोगों के लिये रोज़गार के अवसर पैदा होने की संभावना है। 7.परियोजना के संचालन के बाद, ट्रेन की लाइनों के संचालन और रखरखाव के लिये कम से कम 4,000 नौकरियों का सृजन किया जाएगा। 8.तकरीबन 16,000 अप्रत्यक्ष रोज़गार के भी अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद है। 9.इस जटिल और उच्च पैमाने की परियोजना का प्रबंधन करना भारतीय एजेंसियों के लिये भी एक बेहतर अनुभव साबित होगा, जिसके परिणामस्वरूप इस क्षेत्र में अधिक से अधिक कौशल विकास होने की संभावना है। 10.इसके लिये पहले से ही वडोदरा में एच.एस.आर. प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने की योजना बनाई जा चुकी है। Click to Post
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