#विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग
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mewaruniversity · 1 month ago
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🔰🔰भारतीय शिक्षण मण्डल, चित्तौड-प्रान्त || अजमेर में पुरस्कार सम्मान समारोह अयोजित हुआ 🔰🔰
जिसमें मेवाड़ विश्वविद्यालय की छात्रा अमीना लवन अबुबकर, एम एससी वनस्पति विज्ञान, जीवन विज्ञान विभाग, ललिता प्रजापति, सहायक प्रोफेसर, शिक्षा विभाग, और प्राची सिंह, सहायक प्रोफेसर, जीवन विज्ञान विभाग का शोध पत्र चयन हुआ | 🧪🔎🎓
रविवार दिनांक 29 सितम्बर 2024 को मध्याह्न 12.30 बजे शैक्षिक प्रौद्योगिकी प्रभाग अजमेर में विजन फॉर विकसित भारत शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता पुरस्कार वितरण समारोह व शोधार्थी सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती, भारत माता के समक्ष दीप प्रज्वलन उपरांत श्रीमान धर्मेंद्र सिंह बांसवाड़ा द्वारा ध्येय श्लोक व श्रीमान दिनेश कुमार ओझा द्वारा ध्येय वाक्य के वाचन से हुआ। मंचासीन अतिथियों को शिक्षण मण्डल का दुप्पटा , स्मृति चिन्ह व श्री फल भेंट कर सम्मान किया गया । कार्यक्रम मुख्य अतिथि डॉ जितेन्द्र कुमार भारद्वाज जी (अखिल भारतीय मण्डल कार्य प्रमुख), मुख्य वक्ता श्रीमान जगदीश जी राणा ( प्रान्त संघ चालक, चित्तौड़ प्रान्त, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ), अध्यक्ष श्रीमान पुरुषोत्तम जी मंत्री (संरक्षक भारतीय शिक्षण मण्डल, चित्तौड प्रान्त) तथा श्री जगदीश प्रसाद साहू (प्रांत टोली सदस्य) के उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि डॉ जितेन्द्र कुमार भारद्वाज ने भारतीय शिक्षण मण्डल की स्थापना से लेकर समस्त गतिविधि एवं युवा आयाम गतिविधि द्वारा आयोजित कार्यक्रम के विषय में प्रकाश डालते ��ुए विजन फ़ोर विकसित भारत के तहत आयोजित शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता के उद्देश्यों व शोध के विभिन्न ग्यारह विषय के बारे में विस्तार से चर्चा कर बताया कि किस प्रकार से बौद्धिक योद्धा तैयार कर विकसित भारत की संकल्पना सरकार की जा सकती है। मुख्य वक्ता श्रीमान जगदीश जी राणा भाईसाहब ने ग्यारह गतिविधियों द्वारा विकसित भारत के संकल्प को सार्थक करने हेतु सामाजिक दायित्व बोध से अवगत करवाया। अध्यक्षता करते हुए श्रीमान पुरुषोत्तम जी मंत्री ने "वास्तविक जीवन में शोध के प्रयोग से जीवन मूल्यों को कैसे प्राप्त कर सकते हैं" विषय पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में उपस्थित शोधार्थियों द्वारा पीपीटी के तथा अन्य माध्यम से अपने शोध के विषयों पर संक्षिप्त जानकारी साझा की गई शोधार्थीयों के समस्त कार्य व मूल्यांकन कर्त्ताओं को शोध पत्र भेजकर पुनः मंगवाकर वर्ड फाइल पीडीएफ फाइल में वनाकर समस्त कार्य केन्द्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान से डॉ अन्जली शर्मा जी एवं उनकी समस्त टीम, के द्धारा सम्पन्न हुआ जो विजन फार विकसित भारत के आयोजन का महत्वपूर्ण योगदान रहा सभी शोधकर्ताओं का स्मृति चिन्ह, केसरिया दुपट्टा व प्रमाण पत्र भेंट कर व मूल्यांकन कर्त्ताओं का दुपट्टा व प्रमाण पत्र भेंट कर सम्मान किया गया।"कार्यक्रम के अंत में श्री अनिल कुमार गुप्ता जी ने सभी सम्माननीय अतिथियों, सभागार में उपस्थित शोधार्थियों, मूल्यांकन समिति के सदस्यों, कार्यकर्ताओं प्रान्त टोली सदस्य श्री अनूप सिंह जोधा जी श्री राधा किशन मोटवानी जी तथा शैक्षिक प्रौद्योगिकी प्रभाग के प्रभारी श्री रविन्द���र जी शर्मा का धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया। अन्त में प्रार्थना व कल्याण मंत्र से समापन उपरांत उपस्थित सभी ने भोजन किया।
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rightnewshindi · 2 months ago
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हिमाचल में आज और कल उचित मूल्य की दुकानों पर नहीं मिलेगा राशन, जानें क्या है बड़ा कारण
Himachal News: प्रदेश की सभी उचित मूल्य की दुकानों पर हिमाचल प्रदेश खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति होती है। तीन दिन तक डिपुओं में सस्ता राशन नहीं मिल पाएगा। दो सितंबर से चार सितंबर तक राशन कार्ड लाभार्थियों का डाटा, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सर्वर से राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के सर्वर में स्थानांतरित किया जाएगा, जिस कारण पीओएस मशीनें कार्य नही करेंगी।…
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sharpbharat · 3 months ago
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jamshedpur rural- बीए कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में उभरती प्रौद्योगिकी पर आयोजित फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का हुआ समापन, मानव मस्तिष्क के रहस्यों पर दी गयी जानकारी
गालूडीह: बीए कॉलेज आफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में उभरती प्रौधोगिकियो पर आयोजित फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का रविवार को समापन हो गया. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के कंप्यूटर विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ केके सिंह ने “मानव मस्तिष्क के रहस्यों” पर जानकारी दी. उन्होंने मस्तिष्क की जटिल संरचना और उसकी कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला, जिसमें मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों के कार्य, उनकी…
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dainiksamachar · 4 months ago
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ब्रह्मोस के नक्शेकदम पर स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस सिस्टम, ब्राजील की पैनी नजर, खरी��ने को तैयार
रियो डी जेनेरियो: ब्राजील की सेना की नजर भारत के स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस सिस्टम पर है। अगर सब कुछ सही रहा तो ब्राजील जल्द ही भारत के साथ आकाश एयर डिफेंस की खरीदारी को लेकर समझौता कर सकता है। यह समझौता सरकार से सरकार के तहत किया जा सकता है। दरअसल, ब्राजील लंबे समय से एक मध्यम से उच्च ऊंचाई के एयर डिफेंस सिस्टम को तलाश रहा है, लेकिन उसकी यह तलाश अब भारत में आकर लगभग थम गई है। ब्राजील की सेना ने मध्यम से उच्च ऊंचाई वाले एयर डिफेंस सिस्टम के लिए 21 जून को एक अध्यादेश भी जारी किया था। इसे एयर डिफेंस के लिए ब्राजील की सेना के रणनीतिक कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। ब्राजील की सेना के अध्यादेश से लोग हैरान क्यों इस अध्यादेश को ब्राजील के रक्षा क्षेत्र में आश्चर्य के साथ देखा गया। अभी तक, स्थानीय हितधारकों के बीच यह समझा जाता था कि ब्राजील की वायु सेना उच्च-ऊंचाई वाली एयर डिफेंस सिस्टम को ऑपरेट करेगी और सेना केवल छोटी और मध्यम-दूरी वाले एयर डिफेंस सिसट्म को संभालेगी। परियोजना का व्यवहार्यता अध्ययन 90 दिनों के भीतर सेना के जनरल स्टाफ के प्रमुख, जनरल रिचर्ड फर्नांडीज नून्स को प्रस्तुत किया जाना चाहिए। अध्यादेश का अनुच्छे�� 2 अध्ययन करने के लिए जिम्मेदार टीम को परिभाषित करता है, जिसमें निम्नलिखित के प्रतिनिधि शामिल हैं: * आर्मी जनरल स्टाफ (EME) * लॉजिस्टिक कमांड (COLOG) * भूमि संचालन कमांड (COTER) * विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DCT) * इंजीनियरिंग और निर्माण विभाग (DEC) * सेना का शिक्षा और संस्कृति विभाग (DECEx) * दक्षिणपूर्व सैन्य कमान (CMSE) नवंबर 2023 से कोटेशन मांग रहा ब्राजील नवंबर 2023 में, ब्राजील की सेना ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उपलब्ध मध्यम-ऊंचाई वाली वायु रक्षा प्रणालियों की कीमतों पर शोध करने के लिए कोटेशन की मांग की थी। फरवरी 2024 में, अतिरिक्त जानकारी जुटाने के लिए दूसरा रिक्वेस्ट फॉर कोटेशन प्रकाशित किया गया था। इस साल अप्रैल में कमेटी ऑन फॉरेन रिलेशन्स एंड नेशनल डिफेंस में एक सार्वजनिक सुनवाई के दौरान, सेना के कमांडर जनरल टॉमस मिगुएल पाइवा ने देश में मध्यम और उच्च-ऊंचाई वाली वायु रक्षा प्रणालियों की अनुपस्थिति के बारे में चिंता व्यक्त की। ब्राजील की सेना ने आकाश एयर डिफेंस खरीदने का दिया सुझाव कमेटी ऑन फॉरेन रिलेशन्स एंड नेशनल डिफेंस में अपनी प्रारंभिक प्रस्तुति में जनरल टॉमस मिगुएल पाइवा ने कहा कि ब्राजील 3,000 मीटर की ऊंचाई तक "अपेक्षाकृत सुरक्षित" है, लेकिन राष्ट्रीय क्षेत्र की सुरक्षा के लिए अधिक परिष्कृत तकनीकों का अभाव है। बाद में उन्होंने प्रतिनिधियों से कहा कि उनका इरादा रक्षा मंत्रालय को मध्यम दूरी की आकाश एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल हासिल करने के लिए भारत के साथ "सरकार-से-सरकार" समझौते का सुझाव देना है। http://dlvr.it/T91nXL
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abhinews1 · 6 months ago
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राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं ने जानी पायथन लैंग्वेज की उपयोगिता
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राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं ने जानी पायथन लैंग्वेज की उपयोगिता
मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के एमसीए विभाग द्वारा आईटी की एडवांस टेक्नोलॉजी पायथन लैंग्वेज पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में सॉफ्टवेयर अनालिस्ट चैतन्य सोनी रेपुटेड एम.एन.सी. (नोएडा) ने छात्र-छात्राओं को आईटी क्षेत्र की मूलभूत बारीकियों से अवगत कराने के साथ ही पायथन लैंग्वेज की उपयोगिता और इससे मिलने वाले जॉब अपार्च्��ुनिटीज पर विस्तार से जानकारी दी। रिसोर्स परसन चैतन्य सोनी ने एमसीए के छात्र-छात्राओं को बताया कि पायथन सबसे अच्छी प्रोग्रामिंग भाषा है। यह सरल, स्वच्छ सिंटेक्स, आब्जेक्ट एनकेप्सुलेशन, अच्छी लाइब्रेरी समर्थन और वैकल्पिक नामित पैरामीटर है। इसीलिए यह कम्प्यूटर की विश्वस्तरीय सर्वश्रेष्ठ भाषा है। श्री सोनी ने पायथन लैग्वेज की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कम्प्यूटर में सामान्य प्रयोजन वाली प्रोग्रामिंग भाषा है जिसका उपयोग वेब विकास से लेकर डेटा विश्लेषण तक कई प्रकार के कार्यों के लिए किया जाता है। पायथन का सिंटेक्स सरल और समझने में आसान है जिससे यह सभी स्तर के डेवलपर्स के लिए सुलभ है। यह स्पष्ट और पठनीय कोड प्रदान करती है इसीलिए यह आईटी क्षेत्र में सबसे लोकप्रिय भाषा है। श्री सोनी ने कहा कि यह केवल भाषा ही नहीं बल्कि पूरा डेटा विज्ञान है जिसे सीखकर अच्छे कौशल के साथ विद्यार्थी किसी भी संस्थान में उच्चतम पैकेज पर जॉब प्राप्त कर सकता है। यह एकमात्र ऐसी मशीन लर्निंग भाषा है जोकि विद्यार्थियों को मशीन लर्निंग के साथ-साथ आईटी से सम्बन्धित सभी कार्यों को करने में सक्षम बनाती है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप पायथन सीखकर स्वयं के वेब विकास ज्ञान को काफी आसान बना सकते हैं। कार्यशाला में कम्प्यूटर भाषा का महत्व बताते हुए रिसोर्स परसन ने कहा कि आज हरेक संस्थान में पायथन लैंग्वेज के जानकारों की मांग है। पायथन लैंग्वेज में पा��ंगत व्यक्ति को मुंह मांगा वेतन देने के लिए कम्पनियां तैयार रहती हैं। इसकी मुख्य वजह इसका सामान्य प्रयोजनों के कार्यों के साथ-साथ डाटा माइनिंग व बिग डाटा के फैसिलिटेशन के लिए अत्यन्त उपयुक्त होना है। यह एक ओपन सोर्स भाषा है जिसमें आईटी का जबरदस्त आधार समर्थन है। श्री सोनी ने बताया कि इसका क्षेत्र बहुत विस्तृत है। इसकी मदद से संसाधन सर्च करना आसान होता है। नौकरी पेशा क्षेत्र, स्वास्थ सेवा, खुदरा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में पायथन जानने वाले एक्सपर्ट की भारी मांग है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपना स्किल डेवलप करने के लिए अलग से पायथन कोर्स भी कर सकते हैं ताकि उनको करियर निर्माण में मदद मिले। इसी परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कहा कि पायथन ओपन सोर्स प्रोग्रामिंग भाषा है। इसीलिए दुनिया भर के कई देशों ने इस भाषा में योगदान देने के साथ-साथ इसे जॉब देने वाला साधन माना है। पायथन में बड़ी संख्या में लाइब्रेरीज जैसे पांडा, न्यूम्पी टेंसरफ्लो आदि डेवलपर्स का कार्य आसान बनाती है। कार्यशाला में वेब विकास डेटा विश्लेषण विजुअलाइजेशन, मशीन लर्निंग, एआई खेल विकास, सॉफ्टवेयर विकास, वेब स्क्रेपिंग अनुप्रयोग, एम्बेडेड अनुप्रयोग, सीएडी अनुप्रयोग, आडियो और वीडियो अनुप्रयोग, इंटरप्राइज ऐप्स आदि पर भी चर्चा हुई। कार्यशाला में पायथन परिचय, हैलो वर्ड्स प्रोग्राम, आईडीएलई फॉर कम्पाइलिंग एण्ड रनिंग प्रोग्राम, बेसिक डाटा टाइप्स एण्ड असाइनमेंट्स, आइडेण्टिफायर एण्ड आइडेण्टेशन, डाटा आपरेशन, सिक्वेंस टाइप्स, ट्यूपल्स, लिस्ट आपरेटर्स एण्ड एक्सप्रेशन, डिक्शनरी एण्ड सेट्स, कण्ट्रोल स्ट्रक्चर फंक्शन्स, वैरिएबल स्कोप-ग्लोबल, लोकल आदि पर भी विचार मंथन हुआ। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने सॉफ्टवेयर अनालिस्ट चैतन्य सोनी का आभार माना।
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newswave-kota · 7 months ago
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नवनीत ने AcSIR से हिंदी में पीएचडी करने का कीर्तिमान रचा
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न्यूजवेव @नई दिल्ली राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में उच्च शिक्षा में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर फोकस किया जा रहा है। देश में अब शोध क्षेत्र में भी ऐसे प्रयासों की शुरूआत की गई है। विज्ञान लेखक नवनीत कुमार गुप्ता ने राजभाषा हिंदी में विज्ञान विषय में अपना पहला शोध कार्य पूरा कर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। यह शोध कार्य वैज्ञानिक और नवीकृत अनुसंधान अकादमी (AcSIR) के तहत सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (CSIR-निस्पर) नई दिल्ली से हिंदी भाषा में विज्ञान में पूरा किया है। लगभग 10 हजार से अधिक शोधार्थी में गुप्ता पहले ऐसे शोधार्थी हैं जिन्होंने हिंदी में पीएचडी कार्य पूरा करने का कीर्तिमान रचा है। उन्होंने बताया कि आम तौर पर विज्ञान को जटिल मानकर इसमें अंग्रेजी में ही संदर्भ पुस्तकें उपलब्ध होने से अंग्रेजी में ही शोधकार्य होते हैं। लेकिन उन्होंने हिंदी भाषा को चुनकर चुनौती को स्वीकार किया। नवनीत ने बताया कि शोध कार्य में गाईड डॉ. जी महेश, मुख्य वैज्ञानिक, AcSIR, नई दिल्ली और को-गाईड डॉ. फूलदीप कुमार, वैज्ञानिक, DRDO, दिल्ली का मार्गदर्शन मिला। गुप्ता ने अपने शोध संस्थान AcSIR-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (CSIR-निस्पर) के प्रति आभार जताया। पठनीयता सूचकांक रहा शोध का अहम पहलू
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गुप्ता के शोध विषय ‘‘भारत में लोकप्रिय हिंदी विज्ञान पत्रिका के माध्यम से विज्ञान संचारः एक अध्ययन‘‘ था जिसके अंतर्गत उन्होंने सीएसआईआर-रा���्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान से प्रकाशित होने वाली हिंदी की लोकप्रिय विज्ञान पत्रिका ‘विज्ञान प्रगति‘ की विषयवस्तु का विश्लेषण करने के साथ हिंदी भाषा में विज्ञान पाठ्य के लिए पठनीयता सूचकांक का विकास किया। पठनीयता सूचकांक का विकास होने से हिंदी भाषा में विज्ञान लेखन को बढावा मिलेगा। उन्होंने 1952 से प्रकाशित ‘विज्ञान प्रगति‘ पत्रिका पर शोध कर विज्ञान लेखन में पाठकों और लेखकों के विचारों का भी विश्लेषण कर विज्ञान संचार के क्षेत्र में अहम कार्य किया है। पहले भी बनाए कई कीर्तिमान डॉ. नवनीत गुप्ता विज्ञान लेखन की दुनिया में अलग पहचान रखते हैं। उन्हें सबसे कम उम्र में विज्ञान की विभिन्न विषयों पर हिंदी भाषा में लिखी पुस्तकों पर भारत सरकार के मंत्रालयों गृह मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय आदि द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा नवनीत गुप्ता को विज्ञान लेखन के लिए राजभाषा विभाग के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। विदेश मंत्रालय द्वारा भोपाल में 2015 के दौरान आयोजित किए गए विश्व हिंदी सम्मेलन के दौरान तत्कालीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, भारत सरकार द्वारा हिंदी भाषा में नवनीत के प्रयासों की सराहना की थी। उनके द्वारा विभिन्न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में 500 से अधिक विज्ञान संबंधी लेखों को प्रकाशन किया गया है। अकादमिक क्षेत्र की बात करें तो विभिन्न शोध पत्रिकाओं में उनके 15 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान सम्मलेनों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं। राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (CSIR-निस्पर) विज्ञान संचार, साक्ष्य-आधारित ��िज्ञान प्रौद्योगिकी व नवाचार नीति अनुसंधान को आगे बढ़ाने और लोगों के बीच वैज्ञानिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। CSIR-निस्पर अभिनव पहलों व सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से वैज्ञानिक समुदाय और आम जनता के बीच की दूरी को समाप्त करने का प्रयास करता है। Read the full article
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newsplus21 · 9 months ago
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CG News: अब पूरे प्रदेश में लागू होगी डायल 112 की सेवा
CG News: रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज गृह, जेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की अनुदान मांगे पारित की गई। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अनुदान मांगों की चर्चा में कहा कि पिछले पांच वर्षाें में पुलिस विभाग का मनोबल गिरा हुआ था, हमारी सरकार ने पुलिस और आम जनता के बीच संवाद को बढ़ाने की पहल की। साथ ही अपराधियों में पुलिस का खौफ कायम करने की दिशा में भी काम किया है। उप मुख्यमंत्री शर्मा ने इस मौके पर पूरे प्रदेश में डायल 112 की सेवाएं शुरू करने, प्रदेश के सभी 11 हजार से अधिक पंचायतों को महिला सदन और अमृत सरोवर (तालाब) निर्माण की घोषणा की। उन्होंने बालोद जिले के ग्राम चीचा के मृतक तोरण साहू के परिजन को 5 लाख रूपए देने के साथ ही बिलासपुर में नये फायर स्टेशन की स्थापना की घोषणा की।
उप मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि नई पीढ़ी को मजबूत करने से ही समाज मजबूत होगा। पिछली सरकार की गलत नीतियों के कारण युवाओं और समाज में नशा का कारोबार बढ़ा था। हमारी सरकार नशे के विरूद्ध प्रबलता के साथ कार्रवाई कर रही है। नशे के चैनल को तोड़ने के लिए दिल्ली, मुम्बई तक जाकर नशे के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की गई है। उन्होंने गृह एवं जेल विभागों के अनुदान मांगों पर चर्चा करते कहा कि हमारी सरकार ने बजट में ऐसा प्रावधान किया है कि जेल सिर्फ बंदी गृह ना रहे बल्कि सुधार गृह के रूप में आगे बढ़े। इसीलिए कैदियों को उनके रूचि के अनुरूप विभिन्न ट्रेडों में कौशल उन्नयन किया जा रहा है। ताकि वे जब जेल से बाहर निकलने तो उनके हाथ में कुछ पैसे हो, उनके पास हुनर हो और स्व-रोजगार की दिशा में आगे बढ़ सके। इससे जेल से निकलने के बाद कैदी सभ्य समाज में अच्छी जिंदगी जी सकेंगे।
CG News: उप मुख्यमंत्री शर्मा ने सदन में माओवादी आंतकवाद की समस्या पर कहा कि हमारे जवान विषम परिस्थितियों में भी बहादुरी से माओवादी-आतंक का सामना कर रहे है। इस समस्या के उन्मूलन के लिए राज्य सरकार द्वारा ऑपरेशन में जाने वाले राज्य पुलिस बल के लिए उच्च गुणवत्तायुक्त रेडी-टू-ईट फूड प्रदाय करने के लिए 01 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि माओवादी द्वारा जंगलों में लगाए गए स्पाईक एवं आईईडी से हमारे जवानों को पिछले कई वर्षाें से नुकसान हो रहा है। इसके निजात के लिए जवानों के गश्त के दौरान स्पाईक रेजिस्टेंस बूट उपलब्ध कराने के लिए 02 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसके सा�� ही विशेष अधोसंरचना योजना के लिए 60 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत अधोसंरचना निर्माण के साथ-साथ नवीन हथियार गोला-बारूद उपकरण, ड्रोन एवं अन्य हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर क्रय किया जा सके। इसी तरह प्रतिपूर्ति योग्य सुरक्षा संबंधी व्यय के लिए 321 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। सर्चिंग के दौरान पुलिस पार्टी घने जंगलों में गश्त करती है, जहां सामान्य रूप से उपलब्ध संचार के उपकरण कार्य नहीं करते इसको ध्यान में रखते हुए जवानों के लिए आईसेट फोन खरीदी हेतु 01 करोड़ 52 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।
Read more: https://newsplus21.com/cg-news-now-dial-112-service-will-be-implemented/
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realtimesmedia · 9 months ago
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उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा से संबंधित विभागों की अनुदान मांगें पारित
अब पूरे प्रदेश में लागू होगी डायल 112 की सेवा रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज गृह, जेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की अनुदान मांगे पारित की गई। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अनुदान मांगों की चर्चा में कहा कि पिछले पांच वर्षाें में पुलिस विभाग का मनोबल गिरा हुआ था, हमारी सरकार ने पुलिस और आम जनता के बीच संवाद को बढ़ाने की पहल की। साथ ही…
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currenthunt · 9 months ago
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भारत की पहली हाइपरवेलोसिटी विस्तार सुरंग परीक्षण सुविधा आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित की गई
- भारत की पहली हाइपरवेलोसिटी विस्तार सुरंग परीक्षण सुविधा आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित की गई है। - भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटीके) ने भारत की पहली हाइपरवेलोसिटी विस्तार सुरंग परीक्षण सुविधा सफलतापूर्वक स्थापित की। - यह भारत के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है, केवल कुछ ही देशों के पास उन्नत हाइपरसोनिक परीक्षण क्षमता है। - यह सुविधा 3 से 10 किमी/सेकेंड के बीच उड़ान गति उत्पन्न करके वायुमंडलीय प्रवेश के दौरान देखी गई हाइपरसोनिक परिस्थितियों का अनुकरण कर सकती है। - यह S2 सुविधा 24 मीटर लंबी है। इसे तीन वर्षों में स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया था। इस सुविधा को आम तौर पर 'जिगरथंडा' कहा जाता है। - इस सुविधा के लिए धन और सहायता वैमानिकी अनुसंधान और विकास बोर्ड, और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रदान की गई थी। - यह गगनयान, आरएलवी (पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन), और हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलों सहित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के चल रहे मिशनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। - इस सुविधा के साथ, भारत उन्नत हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों को विकसित करने के लिए बेहतर स्थिति में होगा। Read the full article
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prakhar-pravakta · 10 months ago
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एकेएस विश्वविद्यालय,सतना में 20 से फरवरी तीन दिवसीय कृषि विज्ञान मेला कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संकाय का किसान कल्याण एवं कृषि विभाग के सहयोग से होगा आयोजन
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय, सतना में किसान कल्याण एव��� कृषि विभाग के सहयोग से 20 से 22 फरवरी 2024 तक तीन दिवसीय कृषि विज्ञान मेला आयोजन नियत किया गया है। यह कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संकाय का आयोजन है। इस मेले का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक,जैविक और सटीक खेती के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाने के लिए जागरूक करना है। किसानों के मार्गदर्शन के लिए प्रतिदिन महत्वपूर्ण विषयों पर विभिन्न…
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mewaruniversity · 2 months ago
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अभियंता दिवस पर याद किए गए सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया 🧰👨🏻‍🔧
क्विज में बादल प्रसाद, स्कैचिंग में दीपक सेन और पेंटिंग प्रतियोगिता में भूमि जैन ने बाजी मारी
मेवाड़ विश्वविद्यालय में बुधवार को इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के तत्वाधान में अभियंता दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के देश के प्रति किए गए महान कार्याें को याद किया गया और उनके जीवन पर आधारित एक डॉक्युमेंट्री भी विद्यार्थियों को दिखाई गई। इस मौके पर विद्यार्थियों ने भी विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए। वहीं क्विज, स्कैचिंग और पेंटिंग प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों को शील्ड और सर्टिफिकेट प्रदान करके पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत कुलपति डॉ. आलोक मिश्रा, कला और संस्कृति विभाग की महानिदेशिका प्रो.(डॉ.) चित्रलेखा सिंह, इजीनियरिंग संकाय के डिप्टी डीन कपिल नाहर, डॉ. एसार अहमद, शशिवेेंद्र दुलावत आदि ने सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की और उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प दोहराया। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. (डॉ.) आलोक मिश्रा ने महान इंजीनियर सर मोक्षगुंडम के जीवन पर प्रकाश ड़ालते हुए कहा कि उनके अथक प्रयासों ने समाज को नई दिशा दी और उन्होंने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कई अभूतपूर्व कार्य किए जिनको आज भी याद किया जाता है। समाज को प्रगति की ओर एक इंजीनियर ही ले जाता है और आज का दिन विज्ञान व अन्य तकनीकी के अद्भुत सफर को सलाम करने का दिन है। महान इंजीनियर सर मोक्षगुंडम ने असाधारण योगदान से राष्ट्र निर्माण और विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया है। उनकी औद्योगिकी और बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका रहीं। उन्होंने कई डैम्स और जल प्रबंधन प्रोजेक्ट्स का नेतृत्व किया है जिनमें कर्नाटक स्थित कृष्णराज सागर डैम का निर्माण प्रमुख है। वर्ष 1955 में सर मोक्षगुंडम को भारत के सर्वाेच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वह प्राकृतिक संसाधनों को बचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए। कार्यक्रम का समापन करते हुए कपिल नाहर ने कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों का आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम के दौरान कुलपति डॉ. मिश्रा ने इजीनियरिंग के क्षेत्र से संबंधित कई प्रश्न विद्यार्थियों से पूछे और छात्रों ने भी उनका वाजिब जवाब दिया। इस मौके पर सहायक प्रोफेसर अभिषेक उपाध्याय और हरिओम गांधर्व ने भी प्रेरक गीत सुनाकर विद्यार्थियों में जोश भर दिया।
विभिन्न प्रतियोगिता के प्रतिभागी हुए पुरस्कृतः कोर्डिनेटर निरमा कुमारी शर्मा ने बताया कि क्विज प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर बादल प्रसाद नायक, द्वितीय स्थान हर्ष राज और तृतीय स्थान राजन रजक ने प्राप्त किया। स्कैचिंग में प्रथम स्थान दीपक सेन, द्वितीय स्थान रतन रेगर और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले बप्पा बर्मन को पुस्कृत किया गया। पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान भूमि जैन, द्वितीय स्थान लाल सिंह और तृतीय स्थान पर दिव्यांशी सचान ने बाजी मारी।
#HappyEngineersDay #MewarUniversity #FutureEngineersngineers #practicallearning #InnovatewithEngineers #EngineeringforChange #EngineeringMinds
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latestsarkarijobs · 10 months ago
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NIT Warangal Visiting Faculty Recruitment 2024 | राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान वारंगल भर्ती 2024
NIT Warangal Visiting Faculty Recruitment 2024 | राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान वारंगल भर्ती 2024 NIT Warangal Recruitment 2024-2025 NIT वारंगल भर्ती 2024 ➥ राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान वारंगल (National Institute of Technology Warangal) में अनुबंध के आधार पर विजिटिंग फैकल्टी [Visiting Faculty] (मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग) के 04 पदों के लिए सुबह 9 बजे आयोजित होने वाले वॉकिन इंटरव्यू के…
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getfreejobalert · 10 months ago
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NIT Warangal Visiting Faculty Recruitment 2024 | राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान वारंगल भर्ती 2024
NIT Warangal Visiting Faculty Recruitment 2024 | राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान वारंगल भर्ती 2024 NIT Warangal Recruitment 2024-2025 NIT वारंगल भर्ती 2024 ➥ राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान वारंगल (National Institute of Technology Warangal) में अनुबंध के आधार पर विजिटिंग फैकल्टी [Visiting Faculty] (मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग) के 04 पदों के लिए सुबह 9 बजे आयोजित होने वाले वॉकिन इंटरव्यू के…
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sharpbharat · 11 months ago
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Tata steel odissa : ओडिशा के मुख्यमंत्री ने यंग एस्ट्रोनॉमर टैलेंट सर्च के 17वें संस्करण के विजेताओं को सम्मानित किया, पठानी सामंत तारामंडल के सहयोग से टाटा स्टील ने किया आयोज��
जमशेदपुर : यंग एस्ट्रोनॉमर टैलेंट सर्च (याट्स) 2023 के 17वें संस्करण के शीर्ष 5 विजेताओं को आज ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भुवनेश्वर, ओडिशा के पठानी सामंत तारामंडल (पीएसपी) में सम्मानित किया. ओडिशा सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत संचालित पीएसपी के सहयोग से टाटा स्टील द्वारा आयोजित, याट्स के इस संस्करण में राज्य के 30 जिलों के 80,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया. पुरस्कार…
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sagar-jaybhay · 1 year ago
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High Risk - High Reward Research MINISTRY OF SCIENCE & TECHNOLOGY SCHEMES 18 Nov 2023
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High Risk - High Reward Research Scheme
नोडल मंत्रालय/विभाग (Nodal Ministry/Department) Ministry of Science & Technology, Science and Engineering Research Board (SERB)
मुख्य क्षेत्र(Key Sectors Covered)
विज्ञान और प्रौद्योगिकी संक्षिप्त (Brief) - इस योजना का उद्देश्य है हाई रिस्क-हाई रिवार्ड रिसर्च को आर्थिक समर्थन प्रदान करना। - यह योजना ऐसे प्रस्तावों का समर्थन करती है जो नए और जोखिमपूर्ण होते हैं, और यदि सफल होते हैं, तो विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर परिवर्तनात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। - यह नए हैपोथेसिस तैयार करने या वैज्ञानिक अबूतपूर्वी जिनसे नई प्रौद्योगिकियों के उद्भव में स��ायक होते हैं, के संदर्भ में हो सकता है। पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria) - आवेदक को भारतीय नागरिक होना चाहिए और भारत में निवास करना चाहिए। - आवेदक(ओं) को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में एक नियमित शैक्षिक/अनुसंधान पद पर होना चाहिए। - प्रस्ताव व्यक्तिगत रूप से या एक अन्वेषकों की टीम द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है। - अन्वेषकों की टीम द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव में एक मुख्य अन्वेषक को पहचान करना चाहिए, जो शोध उद्देश्यों का मुख्य अनुदेशन करेगा और अनुदान प्रबंधित करेगा। लाभ(Benefits) - सामान्यत: यह वित्तीय सहायता सामान्यत: तीन वर्षों के लिए प्रदान की जाती है। - असाधारण मामलों में, विशेषज्ञ समिति के मूल्यांकन के अनुसार, यह अवधि 5 वर्ष तक हो सकती है। - इस प्रकार के परियोजनाओं के लिए कोई बजट सीमा निर्धारित नहीं होती है। - शोध अनुदान में उपकरण, खपत, आकस्मिकता और यात्रा के अलावा ओवरहेड अनुदान शामिल होता है। कहां पंजीकरण करें - https://serbonline.in/SERB/HRR To Check More Gove Schemes Click Here Read the full article
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kanpursamachar · 1 year ago
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IIT कानपुर का 'साथी' बनेगा गुरु, अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई मुफ्त में करेंगे स्टूडेंट्स
इस पोर्टल के माध्यम से छात्रों को IIT कानपुर के द्वारा डिज़ाइन किए गए सेल्फ असेसमेंट टेस्ट और प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने के लिए मदद मिलेगी. इस पोर्टल में गणित, भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञ��न के कोर्स के साथ ही इंजीनियरिंग सिलेबस के 800 से अधिक वीडियो उपलब्ध है कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी आईआईटी के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग ने ऐसा पोर्टल…
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