#वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे
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sawaalkejawaab · 2 years ago
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World Hypertension Day 2023: एक स्वस्थ भविष्य के लिए जागरूकता
वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे 2023 प्रतिवर्ष हर 17 मई को मनाया जाता है और यह एक महत्वपूर्ण आरोग्य संदेश देता है। इस दिन, वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय एक साझा उद्देश्य के लिए जुटता है - हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाना। यह अवसर एक माहत्वपूर्ण संदेश है कि रक्तचाप नियंत्रण के माध्यम से आप स्वस्थ भविष्य की ओर प्रवृत्त हो सकते हैं।
विश्वभर में लाखों लोगों को हाइपरटेंशन से पीड़ित होने का खतरा है, और यह एक मुख्य कारण है जो दिल की बीमारियों, स्ट्रोक, और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के पीछे होता है। इसलिए, वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे के माध्यम से हमें अपने रक्तचाप को नियंत्रित रखने की महत्वता को समझना चाहिए और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए सक्रिय बनना चाहिए।
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thedepthnews · 5 years ago
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वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे: स्वस्थ रहना है तो तनाव से रहें दूर
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sandhyabakshi · 5 years ago
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World Hypertension Day: क्या आप भी करते हैं ये गलतियां? हो सकता है हाई ब्लड प्रेशर
World Hypertension Day: क्या आप भी करते हैं ये गलतियां? हो सकता है हाई ब्लड प्रेशर
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वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे (World Hypertension Day ):आमतौर पर जब कोई व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से गुजर रहा होता है तो हम आसानी से इसे उसकी लाइफस्टाइल के साथ जोड़ देते हैं. इसमें स्मोकिंग, ड्रिंकिंग, प्रोसेस्ड फूड (पैकेज्ड फूड), नमक का ज्यादा सेवन करना, तनाव और एक्सरसाइज न करना शामिल हैं. कई मामलों…
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articlesinhindi · 6 years ago
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वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे
आजकल की लाइफस्टाइल के चलते लोग तरह-तरह की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। जिनमें प्रमुख है हाइपरटेंशन। गलत खानपान के चलते व गलत आदतों के कारण हाइपरटेंशन की समस्या लोगों को होने लगती है। लोगों में हाइपरटेंशन के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है।इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह है कि लोगों को हाई ब्लड प्रेशर के खतरों के बारे में बताया जाए और इसे कंट्रोल…
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srgoi · 4 years ago
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श्री रावतपुरा सरकार ग्रुप ऑफ इंस्टीटूशन्स आप सभी से अपील करता है की वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे पर, रक्तचाप को नियमित रूप से मापना, उसे नियंत्रित करना और तनाव मुक्त जीवन शैली अपनाना, हमारा प्रयास लंबे समय तक जीने का होना चाहिए। (at Shri Rawatpura Sarkar Group of Institutions) https://www.instagram.com/p/CO93W0lDHv9/?igshid=1vgukidica5a5
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newswave-kota · 4 years ago
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आंखों में छिपी हैं 'उम्मीद की किरणें'
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*होप इन साइट- विश्व दृष्टि दिवस पर उपयोगी स्वास्थ्य मंत्र* न्यूजवेव @ कोटा समूचे विश्व में अक्टूबर के दूसरे गुरुवार को "वर्ल्ड साइट डे" मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है "होप इन साइट" है। विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर दृष्टि की रक्षा करने, आंखों को स्वस्थ व सुरक्षित बनाये खने के लिए *वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ सुरेश कुमार पांडेय एवं डॉ विदुषी पांडेय* बता रहे हैं कुछ उपयोगी टिप्स-
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1. स्वस्थ आंखों के लिए हरी सब्जियों, फलों, ओमेगा थ्री फेटी एसिड युक्त पोष्टिक भोजन का सेवन करें। धूप में जाने पर अल्ट्रा वायलेट फिल्टर चश्मे का उपयोग करें। सात घंटे की नींद लेवें। 10 से 12 गिलास पानी पिएं एवम नियमित योग, एक्सरसाइज करें। 2. कोरोना काल में मोबाइल व लेपटॉप पर स्क्रीन टाईम के बढ़ने से डिजिटल आई स्ट्रेन के रोगी बढ़ें हैं। ड्राई आई एवम् मास्क एसोसिएटेड ड्राई आई (मेड) से बचने के लिए डिजिटल डिवाइस या कंप्यूटर पर काम करने वाले सभी व्यक्ति 20:20:20 रुल का पालन करें। कम्प्यूटर को बीस इन्च दूरी पर रखें। हर 20 मिनट के बाद 20 सेकंड का ब्रेक लेवें एवम् 20 फीट दूर देखें। नेत्र चिकित्सक के परामर्श से लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप का नियमित उपयोग करें। 3. मोतियाबिंद का ऑपरेशन के लिए इसका पूरी तरह से पकना जरूरी नहीं है। ऑपरेशन जब आपको ड्राइविंग या अखबार पढ़ने में परेशानी हो तो आप नेत्र विशेषज्ञ के परामर्श से लें। यदि आप प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने के कारण टेमसुलोसिन आदि दवाओं का उपयोग कर रहे हो तो ऑपरेशन के दौरान फ्लोपी आईरिस होने की संभावना बढ़ जाती है। नेत्र सर्जन को ऑपरेशन के पहले इसकी जानकारी जरूर दे। 4. अनकरेक्टेड रिफ्रेक्टिव एरर (दृष्टि दोष) कम दिखने का सबसे बड़ा कारण है। चश्मे का नंबर हर वर्ष में दो बार नेत्र चिकित्सक से चेक करवाएं एवम् चश्मा लगाने में संकोच/प्रमाद नहीं करें। आंखों का दबाव, पर्दे की जॉच भी कराना भी नहीं भूलें। चालीस वर्ष के दौरान पढ़ने या पास का काम करते समय पास का चश्मा लगने की जरूरत होती है, इसे प्रेस्बायोपिया कहते हैं। 5. 40 वर्ष की उम्र के बाद प्रत्येक 6 माह में ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर चेक एवं अन्य आवश्यक टेस्ट करवाने के साथ साथ आंखों की भी पूरी जांच करवाएं। चश्मे क��� नंबर, आंखों का दबाव, पर्दे (रेटिना) की दवा डालकर जांच आदि करवाने के लिए समय जरूर निकालें। 6. आंखों में एलर्जी/खुजली होने पर कई लोग स्टेरॉइड आई ड्रॉप का उपयोग बिना नेत्र विशेषज्ञ के परामर्श से करतें हैं। लम्बे समय तक स्टेरॉइड आई ड्रॉप का प्रयोग करने से मोतियाबिंद या ग्लूकोमा जैसे नेत्र रोग हो सकते हैं एवं नेत्र ज्योति हमेशा के लिए कम हो सकती है। अतः स्टेरॉइड आई ड्रॉप का उपयोग हमेशा नेत्र विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही करें। 7. आंखों को बार बार जोर से नहीं मसलें। रोजाना आंखों को बार बार मसलने (रबिंग करने) से कॉर्निया में माइक्रो ट्रॉमा होता है जिससे कॉर्निया कमजोर होकर किरेटोकोनस का कारण बन सकता है। 8. छोटे बच्चे यदि टीवी देखते समय टीवी के बहुत पास बैठते हैं तो यह दृष्टि दोष के कारण हो सकता है। बच्चों की एक एक आंख बंद करके दूर के किसी ऑब्जेक्ट को दिखाकर उनकी दोनों आंखों की दृष्टि चेक कर लेवें। यदि दोनों आंखों की दृष्टि में अन्तर हो तो नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लेवें क्यों कि बच्चों में लेजी आई (एंबलायोपिया) का पता नहीं चल पाता है। 9. यदि आपको मधुमेह या हाइपरटेंशन है तो ब्लड शुगर लेवल एवम् ब्लड प्रेशर को फिजिशियन के परामर्श से दवाओं के नियमित सेवन से नियंत्रित रखें। आंखों में चमकती रोशनी या अचानक बहुत से फ्लोटर्स दिखने पर अथवा अचानक नजर कम होने पर तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लेवें। हर छः माह में दवा डालकर पर्दे (रेटिना) की जॉच अवश्य करवाए। 10. बच्चों की आंखों को चोट से बचाये दीवाली पर सेफ्टी गोगल का उपयोग करें जिससे आंखों को फटाखे चलाते समय चोट नहीं लगे। जर्दा, तम्बाकू खाने वाले व्यक्ति चूने के पाउच बच्चों से दूर रखें। क्योंकि चूने के पाउच की ट्यूब को बच्चे दबाते हैं और पाउच की ट्यूब का ढक्कन अचानक खुलने से चूना बच्चों की आंख में जाने से हर साल कई बच्चो की आंखें खराब हो जाती हैं। यदि आंखों में चोट लगती है तो तुरंत नजदीकी नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लेवें। 11. नौ माह से पहले जन्मे नवजात शिशुओं की आंखों की दवा डालकर पर्दे (रेटिना) की जांच जन्म के तीन सप्ताह तक जरूर करवाए। छोटे बच्चों में यदि आंख की पुतली का केंद्र भाग सफेद (व्हाइट पुपिलरी रिफ्लेक्स) दिखाई देता है तो इसकी जांच नेत्र विशेषज्ञ से करवाए। यह मोतियाबिंद, रेटिनोपथी ऑफ प्रीमेचुरिटी या आंख के कैंसर (रेटिनोब्लास्टोमा) का लक्षण हो सकता है। 12. यदि माता पिता को ग्लूकोमा है तो आप अपने आंखों के दबाव की जांच जरूर करवाए। सामान्य इंट्रा ओकुलर प्रेशर 10 से 20 मिमी ऑफ मर्करी होता है। यदि आपके आंखों का दबाव 22 मिमी ऑफ मर्करी से अधिक आता है तो इन्वेस्टिगेशन करवाकर, नेत्र विशेषज्ञ की स���ाह अनुसार बढ़े दबाव को नियंत्रित करने हेतु एंटी ग्लूकोमा मेडिकेशन का उपयोग करें। एंटी ग्लूकोमा आई ड्रॉप को नियमित रूप से निश्चित समय डालें एवं बिना चिकित्सक के परामर्श के बंद नहीं करें। *नेत्र है तो जहान है*
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जीते जी रक्तदान,मरणोपरांत नेत्रदान नामक सूत्र के अनुसार नेत्रदान का संकल्प लें एवम अपने मित्रों को भी नेत्रदान के लिए प्रेरित करें। - डॉ सुरेश पाण्डेय, डॉ विदुषी पाण्डेय सुवि नेत्र चिकित्सालय, कोटा Read the full article
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jiyasaini032-blog · 5 years ago
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पटना पारस | पारस हॉस्पिटल पटना | पारस पटना अस्पताल
हाइपरटेंशन के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है।  हाई ब्लड प्रेशर एक साइलेंट किलर बीमारी है, क्योंकि ज्यादातर लोगों में इसका कोई बाहरी लक्षण या संकेत नहीं दिखता है। नियमित सिरदर्द, सांस की तकलीफ, चक्कर आना, अंगों का फड़कना और प्रतिकूल स्थितियों में नाक बहना आदि कुछ ऐसे मामूली लक्षण हैं।  
#WorldHypertensionDay #KnowYourNumbers #ParasHospitals 
अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें: https://is.gd/D9jA5R
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smarthulchal · 6 years ago
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गंगापुर चिकित्सालय में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया गंगापुर चिकित्सालय में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया मोना शर्मा (गंगापुर) - आज दिनांक 17 मई को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गंगापुर पर उच्च रक्तचाप दिवस मनाया। बताया कि आप कि जिंदगी में अधिक तनाव लेने लगे हैं। तो समझ जाए यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है। इसके प्रति लोगों के बीच जागरूकता लाने के लिए 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस यानी वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है। सीएचसी प्रभारी डॉक्टर छैल बिहारी सविता ने बताया की उच्च रक्तचाप एक साइलेंट किलर है। इसके अपने कोई विशेष लक्षण नहीं होते हैं। कई बार रोगियों को सिर में दर्द या चक्कर आने की शिकायत होती है। लेकिन अधिकतर मस्तिष्क हृदय किडनी और आंखों पर असर होता है। गैर संचारी रोग के तहत बताया जाता है। कि रोजाना 25 से 30 मिनट की कसरत, कम नमक का प्रयोग, कम वसा वाले भोजन के इस्तेमाल में मानसिक तनाव से ब���ा जा सकता है। इसका बीपी रोगियों पर सकारात्मक असर दिखाई देता है। बीपी रोगियों को उपचार और दबाव का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हाइपरटेंशन हाई ब्लड प्रेशर वह स्थिति होती है। जब धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ता है इसके कई कारण हो सकते हैं। इनमें तनाव, फास्ट फूड, व्यायाम की कमी, धूम्रपान का सेवन आदि शामिल है। काउंसलर बुलीवाल द्वारा हाइपरटेंशन से कैसे बचा जा सकता है इसके बारे में बताया। शिविर मे डॉ हरबंस कौर ,डॉ शरद नलवाया, डॉ संध्या नलवाया ,डॉ राजेश यादव, डॉ मनीष जैन , अभिषेक शर्मा, फार्मासिस्ट सिंपू भाटी, योग अनुदेशक डिंपल उपस्थित थे ।
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sandhyabakshi · 5 years ago
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World Hypertension Day 2020: खाने में नमक से भी हो सकती है हाई ब्लड प्रेशर की समस्या? जानें क्यों और कैसे
World Hypertension Day 2020: खाने में नमक से भी हो सकती है हाई ब्लड प्रेशर की समस्या? जानें क्यों और कैसे
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वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे (World Hypertension Day ) हर साल 17 मई को मनाया जाता है ताकि लोगों को लाइफस्टाइल से जुड़ी इस बीमारी के बारे में जागरूक किया जा सके. साथ ही इसे मैनेज करने और रोकने के तरीकों के बारे में भी बताया जा सके. इस साल भले ही पूरी दुनिया नए कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 को लेकर चिंतित हो और सभी लोग सिर्फ इसी बीमारी के बारे में बात कर रहे हों लेकिन हम सेहत से जुड़ी…
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