#वर्जिनिया
Explore tagged Tumblr posts
sharpbharat · 2 years ago
Text
Jharkhand Giridih news- रोटरी नेत्र चिकित्सालय गिरिडीह में प्लास्टिक सर्जरी कैंप शुरू, 70 मरीजों का होगा ऑपरेशन
गिरिडीह: रोटरी नेत्र चिकित्सालय गिरिडीह में प्लास्टिक सर्जरी कैंप की शुरुआत शनिवार 4 फरवरी से शुरु हुई. यह शिविर 10फरवरी तक चलेगा. शिविर में पहले दिन अमेरिका के यूनिवर्सिटी आफ वर्जिनिया से आए प्रसिद्ध प्लास्टिक सर्जन डॉ टॉम कैम्फर, डॉक्टर जॉन समेत 18 सदस्यीय टीम ने 70 मरीजों को चयन किया. इन 70 मरीजों की प्लास्टिक सर्जरी की जाएगी. सभी मरीजों का छह दिनों के अंदर रोटरी नेत्र चिकित्सालय में आपरेशन…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
chaitanyabharatnews · 5 years ago
Text
बायोकेमिस्ट ने स्टेज पर केमिस्ट्री एक्सपेरिमेंट कर जीता 'मिस अमेरिका' का खिताब, खूबसूरती के बजाय दिमाग को मिली तवज्जो
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज न्यूयॉर्क. व्यक्ति के अंदर छुपी प्रतिभा उसकी जिंदगी भी बदल सकती है। कुछ ऐसा ही अमेरिका के वर्जिनिया की रहने वाली कैमिला श्रियर ने कर दिखाया। पेशे से बायोकेमिस्ट कैमिला श्रियर ने अपनी खूबसूरती के दम पर नहीं बल्कि अपनी प्रतिभा के दम पर मिस अमेरिका 2020 का खिताब जीता है।
Tumblr media
प्रतिभा को देखकर तय हुआ परिणाम हाल ही में अमेरिका में 99वीं मिस अमेरिका प्रतिस्पर्धा आयोजित की गई। यह प्रतिस्पर्धा आम सौंदर्य प्रतियोगिता से बिल्कुल अलग थी। जहां अन्य सौंदर्य प्रतियोगिताओं में खूबसूरती पर ज्यादा जोर दिया जाता है, वहीं मिस अमेरिका प्रतिस्पर्धा में प्रतिभा को देखकर परिणाम तय किए गए। I'm gonna be honest. When they said Miss Virginia was doing a science experiment for her talent, I was like wth?!?! But this girl knocked it out of the park! This is a video of her talent from prelims. #awesome #smartgirlsrock https://t.co/VzET31EZKI — Mandy Fulford (@MandyFulford) December 20, 2019 हाइड्रोजन से जुड़ा एक्सपेरिमेंट किया दरअसल मिस अमेरिका के आखिरी राउंड में सभी प्रतिभागियों को अपने अंदर छिपी हुई कोई प्रतिभा दिखानी थी। इसी राउंड में 24 साल की श्रियर, लैब में कोट पहनकर पहुंचीं और जजों के सामने स्टेज पर ही हाइड्रोजन से जुड़ा एक एक्सपेरिमेंट करके दिखाया। उनके द्वारा किए गए एक्सपेरिमेंट को देख जज भी हैरान रह गए। फिर जब स्पर्धा के जज गायिका केली रौलेंड, अभिनेत्री करामो ब्राउन और लॉरेन ऐश ने श्रियर से उनकी प्रतिभा के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि, 'मिस अमेरिका में कोई ऐसी खूबी भी होनी चाहिए, जो लोगों को शिक्षा दे सके।' इसी के साथ श्रियर ने 50 महिलाओं को हराकर यह खिताब जीता।
Tumblr media
ड्रग सेफ्टी प्रोग्राम में खर्च करेंगी इनामी धनराशि बता दें श्रियर फिलहाल वर्जिनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी में फार्मेसी से डॉक्टरेट कर रही हैं। उनके पास पहले से ही साइंस की दो डिग्री हैं। मिस अमेरिका का खिताब जीतने पर श्रियर को 50 हजार डॉलर (करीब 36 लाख रुपए) दिए गए। जब उनसे यह सवाल किया गया कि- आप इस रकम का क्या करोगी? तो उन्होंने ��हा वह इसे एक ड्रग सेफ्टी प्रोग्राम में खर्च करेंगी।
Tumblr media
2018 में हुए नियमों में बदलाव गौरतलब है कि साल 2018 में मिस अमेरिका प्रतिस्पर्धा के कुछ नियमों में बदलाव किया गया था। स्पर्धा से स्विमसूट सेगमेंट को हटाया गया और प्रतियोगियों की दिखावट आधार पर नंबर देना कम किया गया। जबकि स्पर्धा में महिलाओं को उनकी प्रतिभाएं और जुनून दिखाने का मौका दिया जाने लगा। दरअसल आयोजनकर्ता चाहते थे कि मिस अमेरिका बनने के लिए महिलाओं में जुनून दिखाई देना चाहिए। बता दें 2018 में मिस अमेरिका की विजेता ग्रेचेन कार्लसन ने ऐलान किया था कि, आने वाली प्रतियोगिताओं में मिस अमेरिका का खिताब शारीरिक दिखावट की जगह महिलाओं की ताकत के आधार पर चुना जाएगा। ये भी पढ़े... जमैका की टोनी एन सिंह ने जीता मिस वर्ल्ड 2019 का खिताब, सेकेंड रनरअप रहीं भारत की सुमन रावत साउथ अफ्रीका की यह सुंदरी बनी मिस यूनिवर्स 2019, कहा- हमारी जैसी महिलाओं को सुंदर नहीं समझा जाता मिस कोहिमा 2019 में मॉडल से पूछा पीएम मोदी से जुड़ा सवाल, बोलीं- पीएम मोदी गाय से ज्यादा महिलाओं पर ध्यान दें   Read the full article
0 notes
nationalnewsindia · 2 years ago
Text
0 notes
agromedihome · 3 years ago
Text
एचएयू सिखाएगा अफगानिस्तान के कृषि अधिकारियों व वैज्ञानिकों को तकनीकी कौशल
एचएयू सिखाएगा अफगानिस्तान के कृषि अधिकारियों व वैज्ञानिकों को तकनीकी कौशल
चंडीगढ़, 26 जून/ एग्रोमीडिया चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार जल्द ही अफगानिस्तान के कृषि अधिकारियों व वैज्ञानिकों को तकनीकी कौशल प्रदान करेगा। प्रशिक्षण का आयोजन अमेरिका के वर्जिनिया टैक विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन किया जाएगा। यह जानकारी एचएयू के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने युनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट के अधिकारियों व अमेरिका के…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
abhay121996-blog · 4 years ago
Text
अमेरिकी नौसैनिक का दावा, दो साल तक हवा में उड़ती देखी थीं हजारों उड़न तश्‍तरियां Divya Sandesh
#Divyasandesh
अमेरिकी नौसैनिक का दावा, दो साल तक हवा में उड़ती देखी थीं हजारों उड़न तश्‍तरियां
वॉशिंगटन अमेरिका के एक पूर्व नौसैनिक पायलट लेफ्टिनेंट रयान ग्रेव्‍स ने दावा किया है कि उन्‍होंने दो साल तक हर दिन हवा में हजारों उड़न तश्‍तरियों को प्रतिबंधि‍त हवाई क्षेत्र में उड़ते हुए देखा था। ग्रेव्‍स ने इन उड़न तश्‍तरियों को ‘सुरक्षा के लिए खतरा’ करार दिया था। उन्‍होंने बताया कि वर्ष 2019 की शुरुआत में वर्जिनिया के तट पर हर दिन ये ‘अज्ञात विमान’ दिखाई देते थे।
अमेरिकी नौसैनिक का यह दावा ऐसे समय पर सामने आया है जब एक महीने बाद अमेरिकी रक्षामंत्री और नैशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्‍टर उड़न तश्‍तरियों या UFO को लेकर रिपोर्ट पेश करने वाले हैं। ग्रेव्‍स ने सीबीएस चैनल से बातचीत में कहा कि वह इन उड़न तश्‍तरियों को लेकर चिंतित थे। लेफ्टिनेट ग्रेव्‍स ने कहा, ‘मैं अगर स्‍पष्‍ट रूप से कहूं तो मैं चिंतित हूं।’
अमेरिका सरकार ने उड़न तश्‍तरी के लीक फोटो की पुष्टि की ग्रेव्‍स ने कहा कि अगर ये अज्ञात विमान किसी दूसरे देश के होते तो यह एक बड़ा मुद्दा होता लेकिन यह कुछ अलग है और हम इस समस्‍या की ओर ध्‍यान भी नहीं देना चाहते हैं। उन्‍होंने कहा, ‘हम उन्‍हें बस अनदेखा करके खुश हैं जो हम पर हर दिन निगरानी कर रहे हैं।’ यह पूछे जाने पर कि जिन विमानों को उन्‍होंने आकाश में उड़ते देखा वे अमेरिकी खुफिया विमान या किसी दुश्‍मन देश के निगरानी विमान हो सकते हैं, इस ग्रेव्‍स ने कहा कि यह कह पाना मुश्किल है।
उन्‍होंने कहा, ‘इन विमानों के गति और ऊंचाई है। मैं नहीं जानता हूं कि वे क्‍या थे। मैं कहूंगा कि इस बात की सबसे ज्‍यादा संभावना है कि यह एक खतरा निगरानी कार्यक्रम है। इससे पहले अप्रैल महीने में अमेरिका सरकार ने इस बात की पुष्टि की थी कि उड़न तश्‍तरी के लीक हुए फोटो और वीडियो सही हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने कहा कि नौसेना के जवानों ने वर्ष 2019 में त्रिकोने आकार के ऑब्‍जेक्‍ट की तस्‍वीर खींची थी।
0 notes
khabarexclusive24 · 4 years ago
Text
क्या एक सस्ती और 'यूनिवर्सल' कोरोना वायरस वैक्सीन पर काम हो रहा है? जानिए बड़ी खबर
क्या एक सस्ती और 'यूनिवर्सल' कोरोना वायरस वैक्सीन पर काम हो रहा है? जानिए बड़ी खबर
<p style="text-align: justify;">एक प्रायोगिक कोविड-19 वैक्सीन संभावित तौर पर भविष्य के कोविड वेरिएन्ट्स समेत अन्य कोरोना वायरस से सुरक्षा दे सकती है. शोधकर्ताओं का कहना है कि यूनिवर्सल वैक्सीन के एक डोज की कीमत एक डॉलर से कम हो सकती है. वर्जिनिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और शोधकर्ता डॉक्टर स्टीवन ने कहा, "वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन के हिस्से को निशाना बनाती है जो करीब सभी कोरोना वायरस में आम…
View On WordPress
0 notes
avitaknews · 4 years ago
Text
��ोक्साम इंटरनेशनल मुक्केबाजी टूर्नामेंट: एमसी मैरीकॉम को सेमीफाइनल में मिली हार, कांस्य पदक से करना पड़ा संतोष
बोक्साम इंटरनेशनल मुक्केबाजी टूर्नामेंट: एमसी मैरीकॉम को सेमीफाइनल में मिली हार, कांस्य पदक से करना पड़ा संतोष
छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम (51 किग्रा) को शुक्रवार को कड़े सेमीफाइनल में अमेरिका की वर्जिनिया फुश्स से हारने के बाद स्पेन के कास्टेलोन में चल रहे 35वें बोक्साम इंटरनेशनल मुक्केबाजी… Source link
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
khashrapat · 4 years ago
Text
फेसबुक और ट्विटर पर वीडियो ऑटो-प्लेज को कैसे करें ऑफ
फेसबुक और ट्विटर पर वीडियो ऑटो-प्लेज को कैसे करें ऑफ
फेसबुक और ट्विटर दोनेां ने ही ऑटोप्ले वीडियो फीचर को रिलीज किया है जो कि ऑटोमैटिक ही जिफ, वाईनस और विडियो एड चलाएगा। यह फीचर पब्लिशर्स और एडवर्टाइजर्स के लिए फायदेमंद होगा क्योंकि यह सोशल मीडिया पर टारगेट ऑडियंस तक पहुंचाएगा। हालांकि इस फीचर का दूसरा पहलू भी हाल ही में सामने आया जब हजारों यूजर्स उस दुर्घटना के गवाह बन गए जब वर्जिनिया में एक पत्रकार व कैमरामैन को गोली मारी गयी। स्मार्टफोंस पर ऐसे…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
abhay121996-blog · 4 years ago
Text
पागल की तरह पोछा मत लगाइए, सतह को छूने से कोरोना संक्रमित होने का अबतक नहीं मिला कोई सबूत Divya Sandesh
#Divyasandesh
पागल की तरह पोछा मत लगाइए, सतह को छूने से कोरोना संक्रमित होने का अबतक नहीं मिला कोई सबूत
वॉशिंगटन पूरी दुनिया में इस समय कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार काफी तेज है। पिछले साल जब इस महामारी की शुरुआत हुई थी, तब अंदेशा जताया गया था कि इसके वायरस सतह के जरिए फैलकर लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। जिसके बाद लोग अपने घरों और कार के दरवाजों के हैंडल तक छूने से बचने लगे थे। कई संस्थानों में तो ऑफिस टाइम में दरवाजों को खुला ही छोड़ दिया जाता था। अब अमेरिकी विशेषज्ञों ने दावा किया है कि उन्हें अभी तक कोई भी ऐसा सबूत नहीं मिला है जिसमें सरफेस को छूने से कोई कोरोना संक्रमित हुआ हो।
संक्रमण से बचने के लिए सतह को छूने से डरते हैं लोग पिछले साल कोरोना महामारी के सतह से फैलने का शक इतना ज्यादा था कि लोगों ने दरवाजों और रेलिंग्स तक को पकड़ना बंद कर दिया था। फेसबुक ने अपने दो ऑफिसों को डीप क्लिनिंग के लिए बंद किया था। न्यूयॉर्क मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी हर रात मेट्रो की सफाई करती थी। भारत में भी दिल्ली मेट्रो का यही ��ाल था। यहां भी कई महीनों तक मेट्रो बंद रहने के बाद जब सर्विस को शुरू किया गया तो रोज-रोज इसे डिसइंफेक्ट किया जाता रहा।
अमेरिकी सीडीसी ने भी कहा- सतह से संक्रमण का खतरा नहीं अब सतह को छूने से संक्रमित होने के मामले पर अमेरिकी स्वास्थ्य नियंत्रक संस्थान डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने बड़ा खुलासा किया है। इस संस्थान ने बताया है कि सतह से संक्रमित होने का खतरा 10000 लोगों में से 1 के भी संक्रमित होने से कम है। सीडीसी के डॉयरेक्टर डॉ रोसेल वेलेंस्की ने हाल के ही वाइट हाउस में ब्रीफिंग में बताया है कि सतह को छूने से कोरोना संक्रमित होने का खतरा वास्तव में बहुत ही कम है।
एक्सपर्ट बोले- सतह से नहीं, हवा से फैल रहा वायरस वर्जिनिया टेक में एयरबॉर्न डिजीज के एक्सपर्ट लिंसे मार ने कहा कि हम इसे बहुत पहले से ही जानते हैं, लेकिन अभी भी लोग सतह को साफ करने पर कुछ ज्यादा ही ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक कोई ऐसा साक्ष्य नहीं मिला है, जिससे पता चले कि दूषित या संक्रमित सतह को छूने से किसी को कोरोना हुआ है। पिछले साल से अबतक यह और भी ज्यादा पुख्ता हुआ है कि यह वायरस मुख्यत हवा के जरिए फैलता है। कोरोना के ड्रापलेट्स हवा में काफी देर तक रहते हैं। जब यह किसी इंसान के संपर्क में आता है तो उसके शरीर को अपना घर बना लेता है। इस कारण ही आजकर कोविड संक्रमण की रफ्तार काफी तेज हुई है।
सतह से संक्रमण होने का वैज्ञानिक आधार नहीं रूटगर्स यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायलॉजिस्ट इमैनुएल गोल्डमैन ने बताया कि सतह को छूने से संक्रमण होने का वैज्ञानिक आधार लगभग ना के बराबर है। उन्होंने यह भी कहा कि इस वायरस से आप सांस के जरिए संक्रमित हो सकते हैं लेकिन किसी सतह को छूने से नहीं।
वायरस फैलने का मुख्य कारण सतह को छूना ��हीं अमेरिकी सीडीसी पहले भी इस बात को बता चुका है कि वायरस के फैलने का मुख्य कारण सतह को छूना नहीं है। सीडीसी के इस हफ्ते जारी बयान से यह और भी साफ रहा है। हॉर्वर्ड टीएच चन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के बिल्डिंग सेफ्टी एक्सपर्ट जोसेफ एलन ने कहा कि इस अपडेट की मुख्य बात यह है कि उन्होंने पब्लिक को साफ बताया है कि सतह के जरिए कोरोना फैलने का खतरा बहुत ही कम है, जो कि पिछले साल साफ नहीं था।
0 notes
vilaspatelvlogs · 4 years ago
Photo
Tumblr media
अमेरिकन एयरोस्पेस ने स्पेसक्राफ्ट का नाम कल्पना चावला पर रखा, 29 सितंबर को वर्जिनिया से इसे लॉन्च किया जाएगा Hindi News International American Aerospace Named The Spacecraft To Kalpana Chawla, To Be Launched From Virginia On September 29…
0 notes
kisansatta · 4 years ago
Photo
Tumblr media
अमेरिकी पुलिस कार्रवाई में 7666 अश्वेत लोग मारे गए पूरे अमेरिका में हिंसक प्रदर्शन,
Tumblr media
नई दिल्ली।  अमेरिका एक बार फिर से उबल रहा है। मिनेसोटा में 46 वर्षीय जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद पूरे अमेरिका में हिंसक प्रदर्शन जारी है। यहां तक कि इसकी आंच व्हाइट हाउस तक भी पहुंच चुकी है। हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं है जब अमेरिका में अश्वेतों के साथ हो रहे बर्ताव पर लोग सड़कों पर उतरे हैं।
इतिहास काफी पुराना है। खासतौर से अश्वेतों के साथ पुलिस के बर्ताव को लेकर। पुलिस हिंसा का रिकॉर्ड रखने वाले संगठन ‘मैपिंग पुलिस वॉयलेंस’ के मुताबिक 2013 से 2019 के बीच ही अमेरिकी पुलिस कार्रवाई में 7666 अश्वेत लोग मारे गए। यह आंकड़ा चौंकाता है। अमेरिका में अश्वेतों की आबादी की बात की जाए तो उनकी हिस्सेदारी महज 13 फीसदी ही है। मगर पुलिस के हमले उन पर ज्यादा होते हैं। आंकड़ों के मुताबिक श्वेत अमेरिकियों की तुलना में ढाई गुना ज्यादा अश्वेत पुलिस की गोली से मारे गए।
लगभग हर महीने एक अश्वेत की मौत  ‘मैपिंग पुलिस वॉयलेंस’ के मुताबिक साल में ऐसा एक भी महीना नहीं बीता, जिसमें पुलिस के हाथों किसी अश्वेत की मौत न हुई हो। औसतन अधिकतर 27 दिन ही ऐसे बीते, जब पुलिस ने किसी अश्वेत को नहीं मारा हो। दिसंबर, 2019 में तो एक ही दिन में 9 से ज्यादा अश्वेत नागरिकों की मौत हुई।
कई प्रांत तो अश्वेतों के लिए ‘नर्क’
हालांकि अमेरिका के 50 में से अधिकतर प्रांतों में पुलिस हिंसा में अश्वेत मारे गए हैं। मगर कैलिफोर्निया, फ्लोरिडा और टेक्सास में हालात ज्यादा बुरे हैं। पिछले कुछ साल में पुलिस की गोली से सबसे ज्यादा लोग इन्हीं प्रांतों में मारे गए। प्रांत   मौत कैलिफोर्निया 186 फ्लोरिडा   169 टेक्सास 157
 अन्य प्रांतों में भी यही हालत अमेरिका के अन्य प्रांतों की बात करें तो वहां भी स्थिति कुछ बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है। वॉशिंगटन में 2013 से 2019 के बीच 25 लोगों ने पुलिस कार्रवाई में जान गंवाई है। जबकि लुइसियाना, इलिनोइस, नॉर्थ कैरोलीना, पेंसिल्वेनिया, न्यूयॉर्क और जॉर्जिया समेत कई प्रांतों में भी बहुत से अश्वेतों की जान गई है।
प्रांत मौत जॉर्जिया  98 इलिनोइस 96 ओहियो   80 मैरीलैंड  80 लुइसियाना 80 नॉर्थ कैरोलीना 77 मिसूरी  74 न्यूयॉर्क  71 पेंसिल्वेनिया  58 अलाबामा  52 वर्जिनिया  52 न्यू जर्सी 51 ओक्लाहोमा 52 मिशिगन 42 मिसीसिप्पी  41 टेनेसी 41 इंडियाना  40 साउथ कैरोलीना 38 अरकंसास  28 एरिजोना  31 विस्कॉन्सिन 27 वॉशिंगटन  25 नेवादा  21 कोलोराडो   21 केंचुकी  19 मिनेसोटा  17 मेसाचुसेट्स  15
हालांकि यहां स्थिति थोड़ी सही 
अमेरिका के कुछ ऐसे भी प्रांत हैं, जहां अश्वेतों के लिए स्थिति ज्यादा बेहतर है। मोंटाना, नार्थ व साउथ डकोता, व्योमिंग, न्यू हैमशायर, वर्मोंट में छह साल में एक भी ऐसी अप्रिय घटना नहीं हुई। इसके अलावा कुछ और प्रांत भी हैं, जहां ऐसी घटनाएं काफी कम हुईं।
प्रांत   मौत मैने  01 इदाहो  01 रोड आइलैंड  03 न्यू मैक्सिको 04 अलास्का  05 आयोवा 06 कनेक्टिकट  07 नेबरास्का 08 उताह 08 ओरेगन 09 डेलावेयर  09 वेस्ट वर्जिनिया  10 कन्सास 11
https://is.gd/rUCs9z #7666BlackPeopleKilledInUSPoliceAction, #ViolentDemonstrationsAcrossAmerica 7666 black people killed in US police action, violent demonstrations across America National, Top, Trending #National, #Top, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
0 notes
shiv739 · 5 years ago
Text
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं - विशाल गिरी (अध्यक्ष युवा यूथ जौनपुर)
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं – विशाल गिरी (अध्यक्ष युवा यूथ जौनपुर)
Tumblr media
सोनभद्र प्राइम
विंध्य नगर/सुमित कुमार गुप्ता
आधुनिक मातृ दिवसका अवकाश ग्राफटन वेस्ट वर्जिनिया में एना जार्विस के द्वारा समस्त माताओं तथा मातृत्व के लिए खास तौर पर पारिवारिक एवं उनके आपसी संबंधों को सम्मान देने के लिए आरम्भ किया गया था।8 मई, 1914 को राष्ट्र��ति वुडरो विल्सन ने मई के दूसरे रविवार को एक संयुक्त प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किया, जिसे मदर्स डे के रूप में मनाया गया। यह दिवस अब दुनिया…
View On WordPress
0 notes
toptrendinglifestyle · 5 years ago
Photo
Tumblr media
कहानियां उन फ्रंटलाइन वॉरियर्स मांओं की जो अपने बच्चों को घर पर छोड़कर इंसानियत को बचाने में जुटी हैं https://ift.tt/2yGP3Ph
Tumblr media Tumblr media
आज मदर्स डे है लेकिन बहुत सी माएं अपने बच्चों से दूर हैं। ये मांएं फ्रंटलाइन वर्कर हैं जो किसी दूसरी मां के बच्चों को कोरोना से बचाने में जुटी हैं। ये अपने मरीजों के लिए भगवान भी हैं और मां भी। ऐसी स्थिति एक देश की नहीं, दुनियाभर में है। मां का दिल वाकई में कितना बड़ा होता है, मदर्स डे के मौके पर इन तस्वीरों की कहानियों से समझिए...
Tumblr media
कर्नाटक : सुगंधा कोरेपुर पेशे से नर्स हैं और वह अपनी बेटी से जितनी करीब हैं उतनी ही दूर हैं। इनकी तैनाती कर्नाटक में बेलागवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के कोविड-19 वार्ड में हुई है। जब वह 15 दिन तक घर नहीं पहुंची तो पिता के साथ बेटी अस्पताल के सामने पहुंची। दोनों एक दूसरे को देखकर रोते रहे लेकिन मिल नहीं सके। यह तस्वीर अप्रैल में ली गई थी। हाल ही में इसका एक वीडियो वायरल हुआ और इस पूरी घटना की तारीफ करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सुगंधा को फोन करके हाल पूछा।
Tumblr media
गुजरात : मयूरी बेन लैब टेक्नीशियन हैं और 8 माह के जुड़वा बच्चों की मां भी। लॉकडाउन में बसें बंद हैं इसलिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचने के लिए रोजाना स्कूटी से ही 75 किलोमीटर की दूरी तय करती हैं। मयूरी संक्रमण के खौफ के बीच बच्चों को मां और पति के पास छोड़कर सूरत के पुणा पटिया से वालोड तहसील के कणजोड पीएचसी पहुंचती हैं। वर्तमान हालात में मयूरी के लिए लो���ों को बचाना ही राष्ट्र सेवा है।
Tumblr media
मध्यप्रदेश : यह तस्वीर मध्य प्रदेश के होशंगाबाद की प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. शोभना चौकसे की है जो 22 साल बाद सरोगेसी से जुड़वा बच्चों की मां बनी है। डॉ. शोभना पेशे से बीएमओ हैं और बच्चों की परवरिश से दूर ड्यूटी पर तैनात हैं। बच्चों का जन्म 26 मार्च को हुआ है और उनकी देखभाल इनके भैया-भाभी कर रहे हैं।
Tumblr media
राजस्थान: महिला डॉक्टर्स जितना चिकित्सा के क्षेत्र में डटी हुई हैं उतना ही महिला पुलिसकर्मी भी लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने में बच्चों से दूर हैं। परमेश्वरी जोधपुर के थाना झंवर में सब-इंस्पेक्टर पद पर हैं। वह जब घर पहुंचती हैं तो 3 साल का बेटा सो चुका होता है और उसके उठने से पहले ड्यूटी के लिए निकल जाती हैं। संक्रमण से बचाने के लिए घर में रहते हुए भी बेटे से दूर अलग कमरे में सोना पड़ता है। परमेश्वरी के मुताबिक, महामारी से पहले जब घर पहुंचती थी तो बेटा प्रत्युश लिपट जाता था, अब उससे दूर हूं।
Tumblr media
चीन : ये हैं झु यान और जु लुलू, दोनों ही चिकित्साकर्मी हैं। इनकी तैनाती चीन के अन्हुई प्रांत के एक अस्पताल में हुई, जहां ये अस्थायी मां के तौर पर काम कर रही है। ऐसे लोग जो कोरोना से पीड़ित हैं वेंटिलेटर पर है, ये उनके बच्चों की देखभाल कर रही हैं। बच्चों की मां इलाज के बाद क्वारेंटाइन में रहीं और दूसरी बिल्डिंग से अपने बच्चों का चेहरा देखकर ही खुश हो जाती हैं। यह तस्वीर फरवरी में ली गई थी।
Tumblr media
अमेरिका : कैमरून वॉकर पेशे से नर्स हैं और वर्जिनिया यूनिवर्सिटी के अस्पताल में इमरजेंसी वॉर्ड में तैनात हैं। 12 घंटे की शिफ्ट में कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए समय बीतता है। वह कहती हैं कि घर पर दो बेटियों की चिंता से ज्यादा परेशानी में डालने वाली यह बात है कि कहीं मुझसे उन तक संक्रमण न पहुंच जाए। हर रात जब अस्पताल से घर के लिए निकलती हूं तो डरी रहती हूं कि कहीं मैं संक्रमण घर तो नहीं ले जा रही।
Tumblr media
सिंगापुर : संक्रमण के खतरे के बीच 38 साल की नोराशिंता मंसूर 7 माह की गर्भवती हैं। उनकी ड्यूटी कोरोना के हाई रिस्क वार्ड के बगल में ही लगाई गई है। नोराशिंता को ऐसी स्थिति में छुट्‌टी पर रहने का विकल्प दिया गया था लेकिन इन्होंने लोगों की जान बचाने का रास्ता चुना। वह कहती हैं कि एक नर्स के तौर पर मैं अपने फर्ज से दूर नहीं भागना चाहती। यह तीसरी महामारी है जिसका मैं सामना कर रही हूं। नोराशिंता को इस बात का मलाल है कि उन्हें डिलीवरी के बाद 4 महीने की मैटरनिटी लीव पर जाना पड़ेगा।
Tumblr media
अमेरिका : यह जेसिका चेन हैं जो अपनी दोनों बेटियों को माता-पिता के घर छोड़ने जा रही हैं। जेसिका के पति ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक शोधकर्ता हैं। दोनों ही कोरोना से लड़ने और लोगों को बचाने की जंग में कूद पड़े हैं। घर आने पर संक्रमण का खतरा न हो और महामारी के दौर में अपने काम को अधिक समय देने के लिए बच्चों को खुद से दूर रखा है। महामारी रुकने तक ऐसे ही काम करने की योजना है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Tumblr media
Mothers Day 2020 Special In Photo Story Of Corona Crisis Warriors Who Saving Lives
Tumblr media
Mothers Day 2020 Special In Photo Story Of Corona Crisis Warriors Who Saving Lives
0 notes
vsplusonline · 5 years ago
Text
अमेरिकी चुनाव: माइक ब्लूमबर्ग ने वापस लिया नाम, जो बिडेन का करेंगे समर्थन
New Post has been published on https://apzweb.com/%e0%a4%85%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%b5-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%95-%e0%a4%ac%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%82%e0%a4%ae/
अमेरिकी चुनाव: माइक ब्लूमबर्ग ने वापस लिया नाम, जो बिडेन का करेंगे समर्थन
Tumblr media
3 नवंबर को है अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव
डेमोक्रेटिक नेता बिडेन व सैंडर्स में टक्कर
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है. इसी कड़ी में न्यूयॉर्क के पूर्व मेयर माइक ब्लूमबर्ग ने अपना नामांकन वापस लेते हुए पूर्व उप-राष्ट्रपति जो बिडेन को समर्थन देने का ऐलान किया है. अमेरिका में इस साल नवंबर में चुनाव है, जिसके लिए नेताओं ने पूरा दमखम लगाया है.
अमेरिका के पूर्व उप-राष्ट्रपति जो बिडेन ने डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को लेकर साउथ कैरोलिना में पार्टी के प्राइमरी चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है. टीवी नेटवर्क्‍स ने उन्हें एग्जिट पोल के आधार पर विजेता घोषित किया, जिसके बाद बिडेन ने शनिवार रात अपने समर्थकों से कहा, हममें अभी काफी दमखम कायम है. बिडेन और अन्य उम्मीदवारों के लिए बड़ी परीक्षा मंगलवार को हुई, जब 14 प्रांतों में प्राइमरी चुनाव हुए. इस चुनाव में बिडेन ने 14 राज्यों में 9 में जीत हासिल की. इसी के साथ अमेरिका की विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी में राष्ट्रपति उम्मीदवारी की होड़ अब पूर्व उप-राष्ट्रपति जो बिडेन और सीनेटर बर्नी सैंडर्स के बीच सिमट गई है. मंगलवार को 14 राज्यों में हुए प्राइमरी चुनाव में इन दोनों नेताओं के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली.
USA: Mike Bloomberg (file pic) withdraws from Presidential race; endorses Joe Biden. pic.twitter.com/8kXRPJIFAT
— ANI (@ANI) March 4, 2020
ये भी पढ़ें: ट्रंप ने तालिबानी नेता से की बात, कहा- शांति समझौते पर बरकरार रहना जरूरी
अरबपति माइक ब्लूमबर्ग, जिन्होंने देशभर में टीवी विज्ञापनों और सोशल मीडिया अभियान में अपने लगभग 38 करोड़ डॉलर खर्च किए हैं और पहले चार चुनाव छोड़ चुके हैं, उन्होंने मंगलवार को चुनावी मैदान से हटने और बिडेन को समर्थन देने का ऐलान किया. एक अन्य अरबपति टॉम स्टेयर, जिन्होंने दक्षिण कैरोलिना में टीवी विज्ञापनों के लिए लगभग 1.8 करोड़ डॉलर खर्च किए, वे 11 प्रतिशत ��ोट पाने के बाद दौड़ से बाहर हो गए. बता दें, डेमोक्रेट नेता बर्नी सैंडर्स राष्ट्रीय चुनावों में आगे हैं. इसके बाद बिडेन और ब्लूमबर्ग आए, लेकिन ब्लूमबर्ग ने मैदान छोड़ने का फैसला किया.
ये भी पढ़ें: अफगानिस्तानः तालिबान बोला- शांति समझौते को लेकर हम प्रतिबद्ध, घटनाक्रम पर भारत सतर्क
77 साल के पूर्व उप-राष्ट्रपति जो बिडेन ने मंगलवार को सबको चौंकाते हुए टेक्सास में जीत दर्ज की और सैंडर्स से यह राज्य छीन लिया. बिडेन ने वर्जिनिया, नॉर्थ कैरोलिना, अल्बामा, टेनेसी, ओक्लाहोमा, अरकंसास, मिनेसोटा और मैसाचुसेट्स जैसे राज्यों में जीत दर्ज की. जबकि वामपंथी झुकाव वाले नेता बर्नी सैंडर्स ने कैलिफोर्निया, कोलोराडो और उटा में विजय हासिल की. सैंडर्स ने अपने गृह राज्य वरमोंट में भी जीत दर्ज की. अब ये दोनों नेता 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के सामने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हैं. राष्ट्रपति ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी से ताल्लुक रखते हैं. बिडेन के साथ 395 डेलिगेट्स हैं, जबकि सैंडर्स के साथ 305 हैं.
आजतक के नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट और सभी खबरें. डाउनलोड करें
Tumblr media Tumblr media
!function(e,t,n,c,o,a,f)(window,document,"script"),fbq("init","465285137611514"),fbq("track","PageView"),fbq('track', 'ViewContent'); Source link
0 notes
abhay121996-blog · 4 years ago
Text
बॉक्सम इंटरनेशनल मुक्केबाजी टूर्नामेंट : मनीष कौशिक ने जीता स्वर्ण, भारत ने 10 पदकों के साथ टूर्नामेंट का किया समापन Divya Sandesh
#Divyasandesh
बॉक्सम इंटरनेशनल मुक्केबाजी टूर्नामेंट : मनीष कौशिक ने जीता स्वर्ण, भारत ने 10 पदकों के साथ टूर्नामेंट का किया समापन
कॉस्टेलॉन। राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता मनीष कौशिक ने स्पेन के कास्टेलॉन में 35वें बॉक्सम इंटरनेशनल मुक्केबाजी टूर्नामेंट के 63 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल में डेनमार्क के निकोलेई टी को 3-2 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। 
मनीष के स्वर्ण पदक सहित भारत ने 10 पदकों के साथ टूर्नामेंट का समापन किया। हालांकि विकास कृष्ण को 69 किग्रा के फाइनल में स्थानीय मुक्केबाज यौबा सिसोखो से 1-4 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। महिलाओं में एशियाई चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता पूजा रानी (75 किग्रा) को स्वर्ण पदक मुकाबले में अमेरिका की मेलिसा ग्राहम से 0-5 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। 
यह खबर भी पढ़ें: प्रेमी के साथ भागी युवती तो परिजनों ने पुतला बनाकर किया अंतिम संस्कार, VIDEO वायरल
अपना पहला सीनियर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेल रहीं जैसमीन को फाइनल में य���रोपियन चैंपियन एर्मा टेस्टा के खिलाफ 0-5 से हार का मुंह देखना पड़ा। जैसमीन को रजत पदक मिला। 
अन्य पांच रजत पदकों में सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), मोहम्मद हुसामुद्दीन (57), आशीष कुमार (75 किग्रा), सुमी सांगवान (81 किग्रा) और सतीश कुमार (91 प्लस किग्रा) शामिल रहे। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद आशीष फाइनल मुकाबले से हट गए हैं और उन्हें रजत पदक दिया गया। इससे पहले छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरी कॉम (51 किग्रा) को अमेरिका की वर्जिनिया फुच्स से हार का सामना करना पड़ा। 
Download app: अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप
0 notes
newswave-kota · 5 years ago
Text
कक्षा-10 के आनंद ने यूएस में मैथ्स रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया
Tumblr media
देश से इकलौते स्टूडेंट का पेपर इंटरनेशनल जर्नल आर्चीव डर मैथेमेटिक्स,स्विट्जरलैण्ड ने प्रकाशित किया न्यूजवेव @ कोटा दिशा डेल्फी पब्लिक स्कूल कोटा में कक्षा-10 के स्टूडेंट आनन्द ने अपना रिसर्च पेपर मैथेमेटिक्स फॉर-ऑन सम्स ऑफ पॉलिनोमियल टाइप एक्सेप्शनल यूनिट्स जेड-जेड’ को मैथेमेटिकल एसोसिएशन ऑफ अमेरिका (MAA) में प्रस्तुत किया है। इस टॉपिक पर देशभर के अंडरग्रेजुएट विद्यार्थियों में सिर्फ आनंद का चयन किया गया है। उसने रिसर्च पेपर पीएचडी कर रहे दो अन्य विद्यार्थी जैत्रा चट्टोपाध्याय एवं बिदिशा रॉय के साथ मिलकर तैयार किया । उसने रिसर्च पेपर प्रयागराज स्थित हरीशचंद्र रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर आर थंगादुराई की निर्देशन में पूरा किया। रिसर्च पेपर को इंटरनेशनल जर्नल अरचीव डर मैथेमेटिक, स्विट्जरलैण्ड द्वारा प्रकाशित किया गया है। साथ ही उसका एक अन्य रिसर्च पेपर ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ नंबर थ्योरी’ भी प्रीव्यू के लिए सबमिट है। 7वीं से खुद की थ्योरम लिखी आनंद बचपन से प्रतिभावान विद्यार्थी रहा, मैथेमेटिक्स उसका पसंदीदा सब्जेक्ट है। महज सातवीं कक्षा से उसे मैथेमेटिक्स में खुद की थ्योरम लिखना शुरू कर दिया था। वो भविष्य में अपना कॅरियर मैथेमेटिक्स रिसर्च विशेषकर नंबर थ्योरी में बनाना चाहता है। आनंद की प्रतिभा को देखते हुए यूएस स्थित वर्जिनिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर केन ओनो ने उससे विशेष म��लाकात की और और इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। साथ ही उसके उत्सावर्द्धन के लिए आर्ट ऑफ प्रोब्लम सॉल्विंग (एओपीएस) का वूट प्रोग्राम उसे निशुल्क उपलब्ध कराया गया। ओलंपियाड में जीते अवार्ड आनंद साउथ ईस्ट एशियन मैथेमेटिकल ओलंपियाड, इरानियन ज्योमेट्री ओलंपियाड एवं थाईलैंड इंटरनेशनल मैथेमेटिकल ओलंपियाड में गोल्ड मैडल हासिल कर चुका है। इसके अलावा शेरीगिन ज्योमेट्री ओलंपियाड (रशिया) में ऑनरेबल मेंशन अवार्ड मिल चुका है। टूर्नामेंट ऑफ टाउंस (रशिया) में भी आनंद डिप्लोमा हासिल कर चुका है। वर्ष 2019 आरएमओ की परीक्षा में रीजनल टॉपर रहा है और फिलहाल इंटरनेशनल मैथेमेटिकल ओलंपियाड 2020 के लिए तैयारी रहा है। इसके साथ ही आनंद ने एनएमसी और एआईएमईआर में अपना पेपर प्रस्तुत किया हुआ है। माइक्रोसॉफ्ट की ओर से कम्प्यूटर साइंस में प्रोफेशनल सर्टिफिकेट भी उसे मिल चुका है। आनन्द के पापा अनिल कुमार यूनियन बैंक ऑफ इंडिया जोधपुर में चीफ मैनेजर तथा मां माधुरी कुमारी गृहिणी हैं। Read the full article
0 notes