#वटसावित्री व्रत
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Aaj Ka Rashifal 21 June: पूर्णिमा के दिन जानें अपना राशिफल, पढ़ें आज 21 जून 2024 दैनिक राशिफलAaj Ka Rashifal 21 June: आज के दिन भद्रा सुबह से शाम तक रहने वाली है और चंद्रमा की स्थिति आप को करने वाली है प्रभावित क्योंकि होने वाला है चंद्रमा की राशि में परिवर्तन। मेष से मीन सभी होंगे प्रभावित जानें आज के दिन का अपना दैनिक राशिफल।
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*🚩🏵️ॐगं गणपतये नमः 🏵️🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (अमावस्या तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
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#udaipur
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#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक :-06-जून-2024
वार:--------गुरुवार
तिथी :---30अमावस्या:-18:07
पक्ष :---------कृष्णपक्ष
माह:--------ज्येष्ठ
नक्षत्र :------रोहिणी:-20:16
योग:-------धृति-22:08
करण:-----चतुष्पाद:-06:58
चन्द्रमा:-------वृषभ
सूर्योदय:------05:49
सूर्यास्त:------19:24
दिशा शूल------दक्षिण
निवारण उपाय:-----राई का सेवन
ऋतु :---------ग्रीष्म ऋतु
गुलीक काल:-----09:11से10:52
राहू काल:--14:22से16:03
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:----कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
शुभ:-05:49से07:30तक
चंचल:-10:52से12:33तक
लाभ:-12:33से14:14तक
अमृत:-14:14से15:55तक
शुभ:-17:43से19:24तक
🌗चोघङिया रात🌓
अमृत:-19:24से20:43तक
चंचल:-20:43से22:02तक
लाभ:-00:33से01:52तक
शुभ:-03:11से04:30तक
अमृत:-04:30से05:49तक 🙏आज के विशेष योग🙏 वर्ष का 59वा दिन, शनैश्चर जयंती, देव -पित्र अमावस्या, वटपूजन (राजस्थान अमावस्या पक्ष), बडपूजन-भावुका अमावस्या, वटसावित्री व्रत (मरुस्थल) अन्वाधान, धनिष्ठा- नवक समाप्त20:16, मृत्युयोग 20:16से सूर्योदय, रोहिणी व्रत (जैन), संत ज्ञानेश्वर महाराज जयंती,
🙏🪷टिप्स🪷🙏
वटसावित्री व्रत पर बेसन से बनी चीजें, जैसे हलवा लड्डू या बर्फी का ही सेवन करें।
सुविचार
फायदा खुद को समझने में है औरो को तो वक्त खुद-ब-खुद समझा देगा।👍 सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
🌷 *शरीर में ठंडी या गर्मी हो तो* 🌷
🔥जिसके शरीर में बहुत गर्मी हो ...आँखे जलती हों उसको रात को सोते वक्त दायीं करवट लेकर थोड़ा सोना चाहिए तो शरीर की गर्मी कम हो जाएगी और जिनका शरीर ठंडा पड़ जाता हो और ढीला हो उसको बायीं करवट सोना चाहिए।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
☀️ मेष राशि :- आज आपकी कार्यशैली से लोग प्रभावित होंगे। किसी व्यक्ति विशेष से आकर्षित होंगे। संपत्ति संबंधी कार्यों के लिए दिन अनुकूल रहने की संभावना है। आजीविका के साधनों को बढ़ाने में ��गे रहेंगे।
☀️ वृषभ राशि :- आज आप जिन लोगों पर अति विश्वास कर रहे हैं, वह आपको धोखा देने में लगे हैं। धैर्य व संयम आपको सफलता देगा। राजनीतिक नया परिचय लाभदायक रहेगा।
☀️ मिथुन राशि :- आज पारिवारिक विवादों के कारण आप तनाव में रहेंगे। मन अनुकूल समाचार मिलने से खुश होंगे। बहनों के विवाह की चिंता रहेगी। पिता के व्यवसाय में आप की रूचि बढ़ेगी।
☀️ कर्क राशि :- आज समय रहते विवादों को सुलझा लें। सामाजिक आयोजनों का हिस्सा बनेंगे। घर-परिवार में मांगलिक आयोजनों की रुपरेखा बनेगी। धन का प्रबंध करने में कष्ट होगा।
☀️ सिंह राशि :- आज आलसी प्रवृति को त्यागें। संतान की बुरी आदतों के कारण आप परेशान रहेंगे। परिवार में शुभ कार्य का निर्णय होगा। किसी से बात करते वक्त अपनी बात को कहने में संकोच करेंगे। सद्भाव निर्णायक रहेगी।
☀️ कन्या राशि :- आज काम को टालना बंद करें और समझदारी और जिम्मेदारी से कार्य पूर्ण करें। दांपत्य जीवन में अनुकूलता रहेगी। कार्यस्थल पर आपकी बुद्धिमानी से राज्यपक्ष की समस्या का समाधान हो सकेगा।
☀️ तुला राशि :- आज आप विशेष ध्यान दें अपनी भूलने की आदत के कारण जीवन-साथी से विवाद, मतभेद होंगे। कार्य में नुकसान से मनोबल कमजोर होगा। उधार दिया पैसा बड़ी मुश्किल से आयेगा।
☀️ वृश्चिक राशि :- आज व्यस्तता के कारण जरूरी कार्य अधूरे ही रहेगें। मित्रों एवं सहयोगियों पर अधिक विश्वास नहीं करना चाहिए। व्यापार के निर्णय सोच-समझकर लें। सुदूर जाने के योग हैं।
☀️ धनु राशि :- आज अपने कार्य से लोगों को अचम्भित करेंगे। आर्थिक लाभ होगा और ख्याति भी मिलेगी। खान-पान में अनियमितता से कष्ट हो सकता है। व्यापार में कल्पना के अनुसार परिणाम आएंगे।
☀️ मकर राशि :- आज स्वास्थ्य संबंधित समस्या का समाधान होगा। धन संपत्ति के कामों में प्रबल सफलता मिलने के योग हैं। कार्यस्थल पर विवादों से दूर रहें। कर्मचारियों से परेशान रहेंगे।
☀️ कुंभ राशि :- आज कारोबार में अधिकारियों से संबंध सुधरेंगे। भूमि व संपत्ति संबंधी कार्यों में लाभ की संभावना है। पारिवारिक सुख में वृद्धि के योग हैं। व्यापार अच्छा चलेगा। कर्म करें, फल की इच्छा न करें।
☀️ मीन राशि :- आज काम की व्यस्तता में निजी जीवन को नजर अंदाज न करें। आय से अधिक व्यय होने से बजट बिगड़ सकता है। कष्ट से मुक्ति मिलेगी।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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Shani Jayanti and Vat Savitri Festival:
🚩🚩जय श्री राम🚩🚩
आप सभी को शनि जयंती और वटसावित्री व्रत की हार्दिक शुभकामनाएं🙏
#ShaniJayanti
Shani Dev's birthday is celebrated as Shani Jayanti.
Shani Jayanti is also known as #ShaniAmavasya.
Both Saturn Jayanti and #VatSavitri fast fall on the same day.
Lord Shani according to Hindu beliefs; #Suryadev's son and owner of the planet Saturn.
Not only this, #Saturday is the day dedicated to Shani Dev in the week.
It is said that worshiping him on the day of Shani Jayanti fulfills all wishes.
Although this time there is #Lockdown, in such a situation, you should worship Shani Dev #AtHome.
#Ram #Ramayana #RamMandir #Ayodhya #SriRamJanmBhumi #Hinduism
#Shani Dev#Shani Jayanti#Shani Dev Jayanti#Shani Jayanti 2020#Vat Savitri#वटसावित्री व्रत#शनि देव#Surya Dev#Lord Surya#Ram#Ram Mandir#Ramayana#Ayodhya#Ram Mandir Trust#Ram JanmBhoomi nyas#SriRamJanmBhumi#shri ram JanmBhoomi teertha kshetra#Jai Shri Ram
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HAPPY VAT SAVITRI PUJA वटसावित्री व्रत की बधाई हो🚩 #indian #tradition सौभाग्यवर्धक,पापहारक,दुःखप्रणाशक और धन-धान्य प्रदान करने वाला होता है। जो स्त्रियां सावित्री व्रत करती हैं वे पुत्र-पौत्र-धन आदि पदार्थों को प्राप्त कर चिरकाल तक पृथ्वी पर सब सुख भोग कर पति के साथ ब्रह्मलोक को प्राप्त करती हैं। ऐसी मान्यता है कि वट वृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा,तने में भगवान विष्णु एवं डालियों में त्रिनेत्रधारी शंकर का निवास होता है एवं इस पेड़ में बहुत सारी शाखाएं नीचे की तरफ लटकी हुई होती हैं जिन्हें देवी सावित्री का रूप माना जाता है। इसलिए इस वृक्ष की पूजा से सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं। #yogini #vat #vatsavitri #fasting #naturopathy #yogic #diet #veganfood https://www.instagram.com/p/CAeoftzlXkL/?igshid=1smdlo58sjid3
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🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄#सुप्रभातम🌄
🗓#आज_का_पञ्चाङ्ग🗓
🌻#शुक्रवार, २५ #जून २०२१🌻
सूर्योदय: 🌄 ०५:३०
सूर्यास्त: 🌅 ०७:१४
चन्द्रोदय: 🌝 २०:१६
चन्द्रास्त: 🌜०५:२९
अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🌦️ वर्षा
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 आषाढ़
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 प्रतिपदा (२०:५९ तक)
नक्षत्र 👉 मूल (०६:४० तक)
योग 👉 ब्रह्म (२२:३८ तक)
प्रथम करण 👉 बालव (१०:३१ तक)
द्वितीय करण 👉 कौलव (२०:५९ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मिथुन
चंद्र 🌟 धनु
मंगल 🌟 कर्क (उदित, पूर्व, मार्गी)
बुध 🌟 वृष (उदय, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 कर्क (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५१ से १२:४८
अमृत काल 👉 २४:०४ से २५:३१
विजय मुहूर्त 👉 १४:४० से १५:३७
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:०८ से १९:३२
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०० से २४:४०
राहुकाल 👉 १०:३४ से १२:२०
राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व
यमगण्ड 👉 १५:५१ से १७:३६
होमाहुति 👉 चन्द्र (२८:२६ से मंगल)
दिशाशूल 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 पृथ्वी
चन्द्रवास 👉 पूर्व
शिववास 👉 गौरी के साथ (२०:५९ से सभा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ - चर २ - लाभ
३ - अमृत ४ - काल
५ - शुभ ६ - रोग
७ - उद्वेग ८ - चर
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ - रोग २ - काल
३ - लाभ ४ - उद्वेग
५ - शुभ ६ - अमृत
७ - चर ८ - रोग
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
उत्तर-पूर्व (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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आषाढ़ कृष्ण पक्ष आरम्भ, वटसावित्री व्रत पारण, गुरु हर गोविन्द सिंह जन्म, उपनयन संस्कार मुहूर्त प्रातः ०५:३८ से १०:४६ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ०६:४० तक जन्मे शिशुओ का नाम
मूल नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (भी) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम पूर्वाषाढ़ नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (भू, धा, फा, ढा) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मिथुन - २८:३९ से ०६:५४
कर्क - ०६:५४ से ०९:१६
सिंह - ०९:१६ से ११:३५
कन्या - ११:३५ से १३:५३
तुला - १३:५३ से १६:१४
वृश्चिक - १६:१४ से १८:३३
धनु - १८:३३ से २०:३७
मकर - २०:३७ से २२:१८
कुम्भ - २२:१८ से २३:४३
मीन - २३:४३ से २५:०७
मेष - २५:०७ से २६:४१
वृषभ - २६:४१ से २८:३५
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रोग पञ्चक - ०५:१७ से ०६:४०
शुभ मुहूर्त - ०६:४० से ०६:५४
मृत्यु पञ्चक - ०६:५४ से ०९:१६
अग्नि पञ्चक - ०९:१६ से ११:३५
शुभ मुहूर्त - ११:३५ से १३:५३
रज पञ्चक - १३:५३ से १६:१४
शुभ मुहूर्त - १६:१४ से १८:३३
चोर पञ्चक - १८:३३ से २०:३७
शुभ मुहूर्त - २०:३७ से २०:५९
रोग पञ्चक - २०:५९ से २२:१८
शुभ मुहूर्त - २२:१८ से २३:४३
मृत्यु पञ्चक - २३:४३ से २५:०७
रोग पञ्चक - २५:०७ से २६:४१
रोग पञ्चक - २६:४१ से २८:२६
शुभ मुहूर्त - २८:२६ से २८:३५
मृत्यु पञ्चक - २८:३५ से २९:१७
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आप पूर्व में कई गई अपनी ही किसी गलती को लेकर शर्मिंदा होंगे। व्यवहारिकता की कमी और अहम की भावना आपसी संबंधों में खटास लाएगी। घर को छोड़ अन्य सभी जगह सम्मान में कमी का अनुभव करेंगे। आज किसी से भी बात करते समय हद पार ना करें अन्यथा लोगो मे आपके प्रति गलत धारणा बनेगी। कार्य व्यवसाय से लाभ की उम्मीद जागेगी लेकिन अंत समय मे निराशा में बदल जाएगी। लोग आपसे केवल अपना काम निकालने के लिये ही व्यवहार रखेंगे। खर्चो पर भी नियंत्रण रखें भावुकता में आवश्यकता से अधिक खर्च करेंगे बाद में आर्थिक संतुलन बिगड़ेगा। पति-पत्नी में थोड़ी बहुत कहासुनी के बाद स्थिति सामान्य हो जाएगी। जोड़ो में दुर्बलता महसूस करेंगे।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आरम्भ से ही सेहत में उतार चढ़ाव लगा रहेगा इस वजह से दिनचर्या भी अस्त व्यस्त रहेगी। आप आज जहां भी जाएंगे या उठ बैठ करेंगे वही आलस्य प्रमाद फैलाएंगे। कार्य व्यवसाय को लेकर गंभीर तो रहेंगे लेकिन आर्थिक कमी के चलते विचार सिरे नही चढ़ पाएंगे। नौकरी पेशा जातक सब सुविधा मिलने पर भी प्रतिष्ठा की चाह ने अथवा अन्य किसी न किसी कारण से परेशान ही रहेंगे। व्यवसायी वर्ग को धन लाभ जुगाड़ करने पर अवश्य होगा लेकिन धन को रोक नही पाएंगे अनर्गल कार्यो में खर्च हो जाएगा। परिवार में किसी पुराने आपसी विवाद अथवा शत्रु पक्ष के कारण बेचैनी का वातावरण रहेगा। कल दे परिस्थिति बदलने लगेगी महत्त्वपूर्ण निर्णय आज ना लें।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आप जिस भी कार्य को करने का मन बनायेगे उसी में भ्रम की स्थित रहेगी कार्य आरंभ होने के बाद भी कोई ना कोई टांग अढायेगा लेकिन जिस भी कार्य को करें एकाग्र होकर लगे रहे विजय अवश्य मिलेगी। कार्य व्यवसाय की मध्यान तक धीमी रहेगी धन लाभ को लेकर चिंतित रहेंगे मध्यान बाद अकस्मात लाभ के सौदे मिलने से धन की आमद निश्चित होगी ��ेकिन तुरंत नही होगा जबरदस्ती भी ना करें अन्यथा हाथ आ��ा भी निकल सकता है। गृहस्थ का वातावरण ठीक ठाक ही रहेगा लेकिन घरेलू सुख सुविधा संघर्ष के बाद ही जुटा पाएंगे। शत्रु पक्ष अथवा प्रतिस्पर्धियों के प्रति ढुलमुल रवैया आगे हानि का कारण बन सकता है इसका ध्यान रहे। पिता की सेहत को लेकर चिंतित रह सकते है।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आशानुकूल रहेगा धन का खर्च विशेष रहेगा फिर भी सुख सुविधाओं में कुछ ना कुछ वृद्धि ही होगी। काम धन्धा आज ज्यादा बेहतर तो नही चलेगा फिर भी दैनिक खर्च आसानी से निकल जाएंगे। कार्य क्षेत्र पर नौकरी वालो के लिये कोई नई मुसीबत बढ़ने से मानसिक तनाव में रहेंगे। घर के सदस्यों का व्यवहार स्वार्थ सिद्धि से भरा रहेगा इच्छा पूर्ति करते रहने तक ही मीठा व्यवहार करेंगे माता अथवा पति-पत्नी में व्यवहारिकता की कमी रहेगी छोटी सी बात को प्रतिष्ठा से जोड़ने पर कलह होने की संभावना है। सरकारी कार्यो में आकस्मिक लाभ होने की संभावना है। व्यसन दुराचरण से बचे मान हानि हो सकती है। सेहत संबंधित शिकायत खान पान में संयम ना रखने पर ही होगी।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आर्थिक दृष्टिकोण से निराश करने वाला रहेगा धन की आमद बुद्धि बल का प्रयोग करने पर ही होगी लेकिन क्रोध पर नियंत्रण ना रहने के कारण स्वयं ही अपना नुकसान कर लेंगे। बुद्धि विवेक आज प्रखर रहेगा लेकिन फिर भी धन संबंधित कार्यो में निराशा ही मिलेगी। घर के सदस्यों को छोड़ अन्य सभी लोग अपनी समस्याओं को लेकर आएंगे। अति आत्मविश्वास की भावना आज हानि करा सकती है इसका भी ध्यान रखें खास कर कर्क एवं कुम्भ राशि के लोगो से बच कर रहे अपने कार्य निकालने के लिये आपको परेशानी में डाल सकते है। जोड़ो में दर्द अथवा पेट संबंधित शिकायत हो सकती है।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपको मौन रहकर बिताने की सलाह है। किसी को भी बिना मांगे सलाह भूल कर भी ना दें अन्यथा लेने के देने पड़ सकते है। घर का माहौल छोटी सी बात पर उग्र होगा खास कर पति-पत्नी के बीच झगड़ा होने के प्रबल योग है संतान अथवा अन्य अनैतिक कार्य इसका कारण बनेंगे। कार्य क्षेत्र पर जिस कार्य से लाभ की उम्मीद लगाएंगे उसी में हानि होगिनिस्के विपरीत जहां से कोई उम्मीद नही रहेगी वहां से खर्च चलाना पड़ेगा। संताने मनमानी करेंगी नजर बनाए रखें सार्वजनिक क्षेत्र पर सम्मान हानि भी हो सकती है। धन लाभ किसी न किसी रूप में अवश्य होगा लेकिन झंझटो के बाद ही। रक्त पित्त संबंधित शिकायत हो सकती है।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन अनिर्णय की स्थित किसी भी कार्य को समय पर होने से रोकेगी। मेहनत करने के पक्ष में आज बिल्कुल नही रहेंगे इसके विपरीत महात्त्वकांक्षाये सामर्थ्य से अधिक रहेंगी। आलस्य प्रमाद में कार्यो को आगे के लिये टालेंगे बाद में सर पर आने पर जो भी निर्णय लेंगे अधिकांश तह जल्दबाजी में ही होंगे जिससे कोई न कोई भूल होगी। काम धंधा सामान्य रहने पर भी अपनी ही गलतियों के कारण जिस लाभ के अधिकारी है उससे वंचित रह जाएंगे। अविवाहितों को योग्य साथी मिलेगा लेकिन यहाँ भी असमंजस की स्थित के कारण बात बिगड़ ना जाये इसके लिये आज निर्णय ना ले तो ही बेहतर रहेगा। धन हाथ मे नही रुकेगा। सेहत के ऊपर खर्च होगा।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आप व्यवहारिकता में संतोष का प्रदर्शन करेंगे लेकिन अंदर ही अंदर उथल पुथल लगी रहेगी। कार्य व्यवसाय में भागदौड़ करने पर भी लाभ की जगह खर्च ही बढ़ेंगे आज धन लाभ केवल धैर्य धारण करने पर ही हो सकेगा जल्दबाजी में लिया निर्णय कोई नई मुसीबत ना खड़ी कर दे इसके लिये बाद में मिलने वाले परिणामो को ध्यान में रख कर ही कोई भी कार्य करें। अनैतिक कार्यो में मन जल्दी से भटकेगा आरम्भ में इसमें आनंद आएगा लेकिन बाद में परिणाम नेष्ट मिलेंगे। पिता अथवा पैतृक संबंधित कार्यो में नुकसान होने की संभावना है देखभाल कर ही करें। भाई बहनों से ईर्ष्या युक्त संबंध रहेंगे। शरीर मे तेज अथवा शक्ति की कमी अनुभव करेंगे।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज आपका व्यक्तित्त्व निखरा हुआ रहेगा लेकिन स्वभाव में जिद और अकड़ रहने के कारण कोई भी आपसे अपने मन की बात बोलने से कतरायेगा। दिन के आरंभ में आलस्य रहेगा फिर भी मन ही मन नौकरी व्यवसाय संबंधित तिकडम लगी रहेगी। कार्य व्यवसाय में पुरानी योजनाओ से धन लाभ होगा लेकिन भाग्य पक्ष कमजोर होने के कारण कुछ ना कुछ कमी अनुभव करेंगे आज नए कार्य अनुबंध भी मिलने की सम्भवना है। धन धार्मिक अथवा परोपकार के कार्यो पर खर्च होगा। घर परिवार में वातावरण असामान्य रहेगा पत्नी की उम्मीदों का हनन करना महंगा पड़ सकता है। माता से भी संबंध में चंचलता आएगी। मूत्राशय संबंधित समस्या रहेगी।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपकी सोच के एकदम विपरीत रहेगा सोचेंगे कुछ होगा उसका उल्टा ही। मानसिक रूप से भी अंदर ही अंदर से जले भुने रहेंगे आवश्यकता होने पर भी अहम के कारण किसी की सहायता अथवा सलाह लेना पसंद नही करेंगे। लाभ की संभावनाए बनेगी अवश्य लेकिन आर्थिक हानि के डर से जोखिम नही लेंगे फलस्वरूप खर्च निकालने के लिये भी अन्य लोगो का मुह ताकना पड़ेगा। शत्रुओ पर पकड़ बनी रहेगी आपके आगे कोई सर नही उठायेगा फिर भी इसे अनदेखा न करें आपके संपर्�� को लोभ देकर अपने पक्ष में कर सकते है सतर्क रहें वरना बाद में पछताना पड़ेगा। सेहत और गृहस्थ दोनो में उतार चढ़ाव लगे रहेंगे।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आपका मन इधर उधर की बातों में अधिक रहेगा। एक काम करते हुए भी दिमाग अन्य जगह रहने पर कुछ त्रुटि होने की संभावना है। कार्य व्यवसाय से जितनी आशा लगाकर रहेगें उतना लाभ नही मिल पायेगा। धन की आमद होते होते किसी स्वजन परिचित की गलती से आगे के लिये टलेगी। नौकरी पेशा लोग सहकर्मियों के ऊपर अधिक निर्भर रहेंगे जाना बूझ कर अपना काम अन्य के ऊपर सरकाएँगे। भाई बंधुओ से आपसी तालमेल की कमी रहेगी आपके विचारों के उलट कार्य करने पर बहस भी हो सकती है लेकिन संतान सहयोगी बनने पर राहत मिलेगी। आरोग्य में कमी अनुभव करेंगे।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आपके लिये सफलता दयाक तो रहेगा लेकिन आज आप अपनी ही किसी गलती से परेशानी को न्योता देंगे। दिन के आरंभ में जिस भी कार्य की रूप रेखा बनाएंगे मध्यान बाद तक ले देकर उसे पूरा कर ही लेंगे। व्यवसाय में जटिल समस्याए किसी वरिष्ठ व्यक्ति के परामर्श से सुलझेंगी। धन की आमद निश्चित होगी इसमे थोड़ा विलंब होने पर निराश ना हो। माता अथवा चल संपत्ति संबंधित सुखों में कमी देखने को मिलेगी। शत्रु पक्ष से कहासुनी भी हो सकती है मामला गंभीर होने की जगह तुरंत शांत भी हो जाएगा। परिवार में भाई बहनों को छोड़ अन्य सभी से विचार मेल नही खाएंगे। सेहत लगभग सामान्य ही रहेगी।
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🦚🌈 श्री भक्ति ग्रुप मंदिर 🦚🌈
🙏🌹🙏जय मां जगदम्बे🙏🌹🙏
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
☎️🪀 +91-7509730537 🪀☎️
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
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🚩जानिए- वटसावित्री व्रत क्यों किया जाता है? कैसे करें व्रत?23 जून 2021
🚩वट सावित्री व्रत ‘स्कंद’ और ‘भविष्योत्तर’ पुराणाें के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा पर और ‘निर्णयामृत’ ग्रंथ के अनुसार अमावस्या पर किया जाता है। उत्तर भारत में प्रायः अमावस्या को यह व्रत किया जाता है। अतः महाराष्ट्र में इसे ‘वटपूर्णिमा’ एवं उत्तर भारत में इसे ‘वटसावित्री’ के नामसे जाना जाता है।
🚩पति के सुख-दुःख में सहभागी होना, उसे संकट से बचाने के लिए प्रत्यक्ष ‘काल’ को भी चुनौती देने की सिद्धता रखना, उसका साथ न छोडना एवं दोनोंका जीवन सफल बनाना- ये स्त्री के महत्त्वपूर्ण गुण हैं।
🚩सावित्री में ये सभी गुण थे। सावित्री अत्यंत तेजस्वी तथा दृढनिश्चयी थीं। आत्मविश्वास एवं उचित निर्णयक्षमता भी उनमें थी। राजकन्या होते हुए भी सावित्री ने दरिद्र एवं अल्पायु सत्यवान को पति के रूप में अपनाया था; तथा उनकी मृत्यु होने पर यमराज से शास्त्रचर्चा कर उन्होंने अपने पति के लिए जीवनदान प्राप्त किया था। जीवन में यशस्वी होने के लिए सावित्री के समान सभी सद्गुणों को आत्मसात करना ही वास्तविक अर्थों में वटसावित्री व्रत का पालन करना है।
🚩वृक्षों में भी भगवदीय चेतना का वास है, ऐसा दिव्य ज्ञान वृक्षोपासना का आधार है। इस उपासना ने स्वास्थ्य, प्रसन्नता, सुख-समृद्धि, आध्यात्मिक उन्नति एवं पर्यावरण संरक्षण में बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
🚩वातावरण में विद्यमान हानिकारक तत्त्वों को नष्ट कर वातावरण को शुद्ध करने में वटवृक्ष का विशेष महत्त्व है। वटवृक्ष के नीचे का छायादार स्थल एकाग्र मन से जप, ध्यान व उपासना के लिए प्राचीन काल से साधकों एवं महापुरुषों का प्रिय स्थल रहा है। यह दीर्घकाल तक अक्षय भी बना रहता है। इसी कारण दीर्घायु, अक्षय सौभाग्य, जीवन में स्थिरता तथा निरन्तर अभ्युदय की प्राप्ति के लिए इसकी आराधना की जाती है।
🚩वटवृक्ष के दर्शन, स्पर्श तथा सेवा से पाप दूर होते हैं; दुःख, समस्याएँ तथा रोग जाते रहते हैं। अतः इस वृक्ष को रोपने से अक्षय पुण्य-संचय होता है। वैशाख आदि पुण्यमासों में इस वृक्ष की जड़ में जल देने से पापों का नाश होता है एवं नाना प्रकार की सुख-सम्पदा प्राप्त होती है।
🚩इसी वटवृक्ष के नीचे सती सावित्री ने अपने पातिव्रत्य के बल से यमराज से अपने मृत पति को पुनः जीवित करवा लिया था। तबसे ‘वट-सावित्री’ नामक व्रत मनाया जाने लगा। इस दिन महिलाएँ अपने अखण्ड सौभाग्य एवं कल्याण के लिए व्रत करती हैं।
🚩व्रत-कथा :- सावित्री मद्र देश के राजा अश्वपति की पुत्री थी। द्युमत्सेन के पुत्र सत्यवान से उसका विवाह हुआ था। विवाह से पहले देवर्षि नारदजी ने कहा था कि सत्यवान केवल वर्षभर जीयेगा। किंतु सत्यवान को एक बार मन से पति स्वीकार कर लेने के बाद दृढ़व्रता सावित्री ने अपना निर्णय नहीं बदला और एक वर्ष तक पातिव्रत्य धर्म में पूर्णतया तत्पर रहकर अंधेे सास-ससुर और अल्पायु पति की प्रेम के साथ सेवा की। वर्ष-समाप्ति के दिन सत्यवान और सावित्री समिधा लेने के लिए वन में गये थे। वहाँ एक विषधर सर्प ने सत्यवान को डँस लिया। वह बेहोश होकर गिर गया। यमराज आये और सत्यवान के सूक्ष्म शरीर को ले जाने लगे। तब सावित्री भी अपने पातिव्रत्य के बल से उनके पीछे-पीछे जाने लगी।
🚩यमराज द्वारा उसे वापस जाने के लिए कहने पर सावित्री बोली: ‘‘जहाँ जो मेरे पति को ले जाए या जहाँ मेरा पति स्वयं जाए, मैं भी वहाँ जाऊँ यह सनातन धर्म है। तप, गुरुभक्ति, पतिप्रेम और आपकी कृपा से मैं कहीं रुक नहीं सकती। तत्त्व को जाननेवाले विद्वानों ने सात स्थानों पर मित्रता कही है। मैं उस मैत्री को दृष्टि में रखकर कुछ कहती हूँ, सुनिये। लोलुप व्यक्ति वन में रहकर धर्म का आचरण नहीं कर सकते और न ब्रह्मचारी या संन्यासी ही हो सकते हैं।
🚩विज्ञान (आत्मज्ञान के अनुभव) के लिए धर्म को कारण कहा करते हैं, इस कारण संतजन धर्म को ही प्रधान मानते हैं। संतजनों के माने हुए एक ही धर्म से हम दोनों श्रेय मार्ग को पा गये हैं।’’
🚩सावित्री के वचनों से प्रसन्न हुए यमराज से सावित्री ने अपने ससुर के अंधत्व-निवारण व बल-तेज की प्राप्ति का वर पाया।
🚩सावित्री बोली: ‘‘संतजनों के सान्निध्य की सभी इच्छा किया करते हैं। संतजनों का साथ निष्फल नहीं होता, इस कारण सदैव संतजनों का संग करना चाहिए।’’
🚩यमराज : ‘‘तुम्हारा वचन मेरे मन के अनुकूल, बुद्धि और बलवर्द्धक तथा हितकारी है। ��ति के जीवन के सिवा क��ई वर माँग ले।’’
🚩सावित्री ने श्वशुर के छीने हुए राज्य को वापस पाने का वर पा लिया।
🚩सावित्री: ‘‘आपने प्रजा को नियम में बाँध रखा है, इस कारण आपको यम कहते हैं। आप मेरी बात सुनें।मन-वाणी-अन्तःकरण से किसीके साथ वैर न करना, दान देना, आग्रह का त्याग करना - यह संतजनों का सनातन धर्म है। संतजन वैरियों पर भी दया करते देखे जाते हैं।’’
🚩यमराज बोले: ‘‘जैसे प्यासे को पानी, उसी तरह तुम्हारे वचन मुझे लगते हैं। पति के जीवन के सिवाय दूसरा कुछ माँग ले।’’
🚩सावित्री ने अपने निपूत पिता के सौ औरस कुलवर्द्धक पुत्र हों ऐसा वर पा लिया।
🚩सावित्री बोली: ‘‘चलते-चलते मुझे कुछ बात याद आ गयी है, उसे भी सुन लीजिये। आप आदित्य के प्रतापी पुत्र हैं, इस कारण आपको विद्वान पुरुष ‘वैवस्वत’ कहते हैं । आपका बर्ताव प्रजा के साथ समान भाव से है, इस कारण आपको ‘धर्मराज’ कहते हैं। मनुष्य को अपने पर भी उतना विश्वास नहीं होता जितना संतजनों पर हुआ करता है। इस कारण संतजनों पर सबका प्रेम होता है।’’
🚩यमराज बोले: ‘‘जो तुमने सुनाया है ऐसा मैंने कभी नहीं सुना।’’
🚩प्रसन्न यमराज से सावित्री ने वर के रूप में सत्यवान से ही बल-वीर्यशाली सौ औरस पुत्रों की प्राप्ति का वर प्राप्त किया। फिर बोली: ‘‘संतजनों की वृत्ति सदा धर्म में ही रहती है। संत ही सत्य से सूर्य को चला रहे हैं, तप से पृथ्वी को धारण कर रहे हैं। संत ही भूत-भविष्य की गति हैं। संतजन दूसरे पर उपकार करते हुए प्रत्युपकार की अपेक्षा नहीं रखते। उनकी कृपा कभी व्यर्थ नहीं जाती, न उनके साथ में धन ही नष्ट होता है, न मान ही जाता है। ये बातें संतजनों में सदा रहती हैं, इस कारण वे रक्षक होते हैं।’’
🚩यमराज बोले: ‘‘ज्यों-ज्यों तू मेरे मन को अच्छे लगनेवाले अर्थयुक्त सुन्दर धर्मानुकूल वचन बोलती है, त्यों-त्यों मेरी तुझमें अधिकाधिक भक्ति होती जाती है। अतः हे पतिव्रते और वर माँग।’’
🚩सावित्री बोली: ‘‘मैंने आपसे पुत्र दाम्पत्य योग के बिना नहीं माँगे हैं, न मैंने यही माँगा है कि किसी दूसरी रीति से पुत्र हो जायें। इस कारण आप मुझे यही वरदान दें कि मेरा पति जीवित हो जाय क्योंकि पति के बिना मैं मरी हुई हूँ। पति के बिना मैं सुख, स्वर्ग, श्री और जीवन कुछ भी नहीं चाहती। आपने मुझे सौ पुत्रों का वर दिया है व आप ही मेरे पति का हरण कर रहे हैं, तब आपके वचन कैसे सत्य होंगे? मैं वर माँगती हूँ कि सत्यवान जीवित हो जायें। इनके जीवित होने पर आपके ही वचन सत्य होंगे।’’
🚩यमराज ने परम प्रसन्न होकर ‘ऐसा ही हो’ यह कह के सत्यवान को मृत्युपाश से मुक्त कर दिया।
🚩व्रत-विधि:- इसमें वटवृक्ष की पूजा की जाती है। विशेषकर सौभाग्यवती महिलाएँ श्रद्धा के साथ ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी से पूर्णिमा तक अथवा कृष्ण त्रयोदशी से अमावस्या तक तीनों दिन अथवा मात्र अंतिम दिन व्रत-उपवास रखती हैं। यह कल्याणकारक व्रत विधवा, सधवा, बालिका, वृद्धा, सपुत्रा, अपुत्रा सभी स्त्रियों को करना चाहिए- ऐसा ‘स्कंद पुराण’ में आता है।
🚩प्रथम दिन संकल्प करें- ‘मैं मेरे पति और पुत्रों की आयु, आरोग्य व सम्पत्ति की प्राप्ति के लिए एवं जन्म-जन्म में सौभाग्य की प्राप्ति के लिए वट-सावित्री व्रत करती हूँ।’
🚩वट के समीप भगवान ब्रह्माजी, उनकी अर्धांगिनी सावित्री देवी तथा सत्यवान व सती सावित्री के साथ यमराज का पूजन कर ‘नमो वैवस्वताय’ इस मंत्र को जपते हुए वट की परिक्रमा करें। इस समय वट को 108 बार या यथाशक्ति सूत का धागा लपेटें। फिर निम्न मंत्र से सावित्री को अर्घ्य दें-
अवैधव्यं च सौभाग्यं देहि त्वं मम सुव्रते। पुत्रान् पौत्रांश्च सौख्यं च गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तु ते ।।
🚩निम्न श्लोक से वटवृक्ष की प्रार्थना कर गंध, फूल, अक्षत से उसका पूजन करें-
वट सिंचामि ते मूलं सलिलैरमृतोपमैः।
यथा शाखाप्रशाखाभिर्वृद्धोऽसि त्वं महीतले।
तथा पुत्रैश्च पौत्रैश्च सम्पन्नं कुरु मां सदा।।
🚩भारतीय संस्कृति वृक्षों में भी छुपी हुई भगवद्सत्ता का ज्ञान करानेवाली, ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति- मानव के जीवन में आनन्द, उल्लास एवं चैतन्यता भरनेवाली है।
(स्त्रोत्र : संत श्री आशारामजी आश्रम द्वारा प्रकाशित ऋषि प्रसाद पत्रिका से)
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वटसावित्री व्रत - अमावस्यांत पक्ष : 25 मई/वटसावित्री व्रतारम्भ ( पूर्णिमांत पक्ष ) : 6 जून
वटसावित्री व्रत – अमावस्यांत पक्ष : 25 मई/वटसावित्री व्रतारम्भ ( पूर��णिमांत पक्ष ) : 6 जून
वटसावित्री-व्रत वटसावित्री व्रत – अमावस्यांत पक्ष : 25 मई/वटसावित्री व्रतारम्भ (पूर्णिमांत पक्ष) : 6 जून वट पूर्णिमा : 8 जून 24 मई 2017 https://goo.gl/N4iSfr यह व्रत ‘स्कंद’ और ‘भविष्योत्तर’ पुराणाेंके अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमापर और ‘निर्णयामृत’ इत्या��ि ग्रंथोंके अनुसार अमावस्यापर किया जाता है । उत्तरभारतमें प्रायः अमावस्याको यह व्रत किया जाता है । अतः महाराष्ट्रमें इसे ‘वटपूर्णिमा’ एवं…
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सीता जयंती से लेकर ईद उल फितर तक, यहां देखें मई महीने में आने वाले प्रमुख व्रत और त्योहारों की लिस्ट
चैतन्य भारत न्यूज मई माह की शुरुआत हो चुकी है। इसी के साथ हिंदू धर्म के पर्व व त्योहारों का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। इन त्योहारों में सीता नवमी, मोहिनी एकादशी, नृसिंह जयंती, वटसावित्री व्रत के साथ ही महीने के आखिर में मुस्लिमों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार ईद-उल-फितर पड़ रहा है। आइए जानते हैं इस माह में कौन-कौन से प्रमुख तीज-त्योहार आने वाले हैं। मई माह के व्रत और पर्व 2 मई शनिवार- सीता जयंती, जानकी जयंती 4 मई सोमवार- मोहिनी एकादशी 5 मई मंगलवार- प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष) 6 मई बुधवार- भगवान नरसिंह जयंती 7 मई गुरुवार- वैशाख पूर्णिमा व्रत, भगवान बुद्ध जयंती, भगवान कुर्म अवतार जयंती 9 मई शनिवार- देवर्षि नारद जयंती 10 मई रविवार- संकष्टी चतुर्थी 14 मई गुरुवार- वृष संक्रांति 18 मई सोमवार- अपरा, अचला एकादशी 19 मई मंगलवार- प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष) 20 मई बुधवार- मासिक शिवरात्रि 22 मई शुक्रवार- शनि जयंती, ज्येष्ठ अमावस्या 25 मई सोमवार- ईदुल फितर, रमजान ईद, 26 मई मंगलवार- अष्ट विनायक चतुर्थी 27 मई बुधवार- पं. जवाहरलाल जयंती 28 मई गुरुवार- विंध्यवासिनी पूजा 30 मई शनिवार- माँ धुमावती जयंती Read the full article
#may#May2020festivalandvratlist#mayfast#mayfestival#mayfestivallist#MayMonthFestival2020#maytyohar#mayvrat#mayVratAndTyoharCalendar2020#VratAndTyoharCalendar2020#अचलाएकादशी#ईदुलफितर#जानकीजयंती#देवर्षिनारदजयंती#प्रदोषव्रत#भगवानकुर्मअवतारजयंती#भगवाननरसिंहजयंती#भगवानबुद्धजयंती#मई2020#मईतीजत्योहार#मईत्योहार#मईव्रत#मईव्रतऔरत्योहार#मासिकशिवरात्रि#मोह��नीएकादशी#रमजानईद#वैशाखपूर्णिमाव्रत#संकष्टीचतुर्थी#सीताजयंती
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|| आज का पंचांग || Aaj Ka Panchang - 10 June 2021, Thursday ( गुरुवार ) || देवांश पंचांग || Dewans Panchang || By - Dr Dadhichy - डॉ० दधीचि
आज का ज्ञान :- पाकर गुरु की कृपा अज्ञान भ्रम का जाल फटा । आशा की नव तरंग उठा रोम रोम मेंं जोश जगा।।
10 जून 2021, गुरुवार
तिथि :- अमावस्या दिन 03:24 उपरांत प्रतिपदा
पक्ष:- कृष्ण
मास:- ज्येष्ठ
सूर्योदय:- 5:12
सूर्यास्त:- 6:48
काल:- पश्चिम
वटसावित्री/वरसाति व्रत
नक्षत्र:- रोहिणी दिन 11:36 तक
योग:- धृति
करण:- नाग
दिक्शूल:- दक्षिण
अर्द्धपहरा:- दिवा 7,8 रात्रि 5, 8
WhatsApp पर देवांश दैनिक पंचांग प्राप्त करने हेतु इस ग्रुप में जुड़ें और जोड़ें | ॐ || Invite Link:- https://chat.whatsapp.com/Eebfo76NqasGCQ9M08iE8t
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वटसावित्री व्रत - अमावस्यांत पक्ष : 25 मई/वटसावित्री व्रतारम्भ (पूर्णिमांत पक्ष) : 6 जून
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वटसावित्री-व्रत वटसावित्री व्रत – अमावस्यांत पक्ष : 25 मई/वटसावित्री व्रतारम्भ (पूर्णिमांत पक्ष) : 6 जून वट पूर्णिमा : 8 जून 24 मई 2017 https://goo.gl/N4iSfr यह व्रत ‘स्कंद’ और ‘भविष्योत्तर’ पुराणाेंके अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमापर और ‘निर्णयामृत’ इत्यादि ग्रंथोंके अनुसार अमावस्यापर किया जाता है । उत्तरभारतमें प्रायः अमावस्याको यह व्रत किया जाता है । अतः महाराष्ट्रमें इसे ‘वटपूर्णिमा’ एवं…
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