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💎समाज कल्याण हेतु संत रामपाल जी महाराज जी की अद्भुत एवं अलौकिक परमार्थी कार्य💎
समाज में जब जब भी त्रासदी अथवा आपदा आई है संत रामपाल जी महाराज जी व उनके शिष्य हमेशा आगे रहते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी का यही ज्ञान है कि परोपकार तथा परमार्थ के कार्य में हमेशा आगे रहना चाहिए और यही कारण है कि संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य हमेशा आगे रहते हैं।
जो कोई करै सो स्वार्थी, अरस परस गुण देत।
बिन किये करै सो सूरमा, परमारथ के हेत ।।
कोरोना कल में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी की आदेश अनुसार संत रामपाल जी महाराज जी की शिष्य कोरोना काल में विशेष योगदान दिए थे। कुरूना महामारी में लॉकडाउन के कारण जहां कहीं भी खाने की व्यवस्था नहीं थी वहां खाने की व्यवस्था किए थे। जगह-जगह लोगों को ताज सामग्री पहुंचाई गई थी।
बाढ़ त्रासदी में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य कोरोना कल में साथ देने के साथ-साथ बाढ़ टेस्ट में भी लोगों की विशेष मदद की है। हाल ही में जहां कहीं भी बाढ़ आई थी वहां पर लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई गई। संत रामपाल जी महाराज जी के शिक्षा का ही परिणाम है संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आगे रहते हैं।
दहेजमुक्त समाज का निर्माण
एक तरफ समाज में जहां बेटियों को बोझ समझा जाता है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी बेटियों के लिए दहेज मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं और यही कारण है कि आज लाखों बेटियां दहेज मुक्त विवाह करके अपना सुखी जीवन जी रही है। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य न दहेज लेते हैं और ना देते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के पद चिन्हों पर चलकर दहेज मुक्त विवाह करते हैं।
नशा मुक्त समाज का निर्माण
संत रामपाल जी महाराज जी समाज के परोपकारी कार्य में नशा मुक्त का कार्य भी सम्मिलित है। जहां युवा पीढ़ी नसीब मिलत है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य नशा नहीं करते हैं और यहां तक कि ना ही नशा की सामग्री को हाथ लगाते हैं। इससे समाज एक नई दिशा की ओर अग्रसर होगा जिसमें किसी भी प्रकार का नशा चोरी जारी रिश्वतखोरी इत्यादि से मुक्त होगा।
देहदान एवं रक्तदान में योगदान
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य सदैव परोपकार के कार्य में आगे रहते हैं और यही कारण है कि वह संत रामपाल जी महाराज जी के प्रत्येक आदेशों का पालन करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य रक्तदान एवं देहदान में विशेष योगदान दिए हैं।
संत रामपाल जी महाराज व उनके शिष्य हमेशा से ही परमार्थ के कार्यों में आगे रहे हैं । संत रामपाल जी महाराज जी का यही उद्देश्य है समाज में अनैतिक कार्यों को समाप्त करके नैतिकता को बढ़ावा देना है।
#समाज_सुधारक_संत_रामपालजी
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💎समाज कल्याण हेतु संत रामपाल जी महाराज जी की अद्भुत एवं अलौकिक परमार्थी कार्य💎
समाज में जब जब भी त्रासदी अथवा आपदा आई है संत रामपाल जी महाराज जी व उनके शिष्य हमेशा आगे रहते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी का यही ज्ञान है कि परोपकार तथा परमार्थ के कार्य में हमेशा आगे रहना चाहिए और यही कारण है कि संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य हमेशा आगे रहते हैं।
जो कोई करै सो स्वार्थी, अरस परस गुण देत।
बिन किये करै सो सूरमा, परमारथ के हेत ।।
कोरोना कल में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी की आदेश अनुसार संत रामपाल जी महाराज जी की शिष्य कोरोना काल में विशेष योगदान दिए थे। कुरूना महामारी में लॉकडाउन के कारण जहां कहीं भी खाने की व्यवस्था नहीं थी वहां खाने की व्यवस्था किए थे। जगह-जगह लोगों को ताज सामग्री पहुंचाई गई थी।
बाढ़ त्रासदी में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य कोरोना कल में साथ देने के साथ-साथ बाढ़ टेस्ट में भी लोगों की विशेष मदद की है। हाल ही में जहां कहीं भी बाढ़ आई थी वहां पर लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई गई। संत रामपाल जी महाराज जी के शिक्षा का ही परिणाम है संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आगे रहते हैं।
दहेजमुक्त समाज का निर्माण
एक तरफ समाज में जहां बेटियों को बोझ समझा जाता है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी बेटियों के लिए दहेज मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं और यही कारण है कि आज लाखों बेटियां दहेज मुक्त विवाह करके अपना सुखी जीवन जी रही है। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य न दहेज लेते हैं और ना देते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के पद चिन्हों पर चलकर दहेज मुक्त विवाह करते हैं।
नशा मुक्त समाज का निर्माण
संत रामपाल जी महाराज जी समाज के परोपकारी कार्य में नशा मुक्त का कार्य भी सम्मिलित है। जहां युवा पीढ़ी नसीब मिलत है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य नशा नहीं करते हैं और यहां तक कि ना ही नशा की सामग्री को हाथ लगाते हैं। इससे समाज एक नई दिशा की ओर अग्रसर होगा जिसमें किसी भी प्रकार का नशा चोरी जारी रिश्वतखोरी इत्यादि से मुक्त होगा।
देहदान एवं रक्तदान में योगदान
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य सदैव परोपकार के कार्य में आगे रहते हैं और यही कारण है कि वह संत रामपाल जी महाराज जी के प्रत्येक आदेशों का पालन करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य रक्तदान एवं देहदान में विशेष योगदान दिए हैं।
संत रामपाल जी महाराज व उनके शिष्य हमेशा से ही परमार्थ के कार्यों में आगे रहे हैं । संत रामपाल जी महाराज जी का यही उद्देश्य है समाज में अनैतिक कार्यों को समाप्त करके नैतिकता को बढ़ावा देना है।
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ताऊ की मर्जी के आगे बनी बाल वधू, पेपर से ठीक पहले हुआ बच्चा... दिल छू लेगी डॉक्टर रूपा यादव की कहानी
नई दिल्ली: आठ साल... हां यही उम्र थी रूपा की, जब परिवार के लोगों ने उसकी शादी कर दी। उस वक्त तो शायद उसे शादी शब्द के मायने भी ना पता होंगे। वो उम्र तो उसके लिए खेलने की थी। अपने बचपन को जीने की थी लेकिन उसके ताऊजी ने उसके ससुर से बहुत पहले ही वादा कर दिया था कि रूपा और उसकी बड़ी बहन रुक्मा की शादी उनके दोनों बेटों से ही होगी। पिता तो रूपा को अभी पढ़ाना चाहते थे लेकिन अपने बड़े भाई के वादे के सामने मजबूर थे। और आखिरकार उस छोटी सी उम्र में ही रूपा की शादी कर दी गई। अब रूपा केवल गौना होने तक अपने मायके में रह सकती थी।ये कहानी है राजस्थान में करीरी गांव की रहने वाली रूपा यादव की। उस रूपा की, जिसे कभी बाल वधू कहकर पुकारा गया। वो रूपा, जिसके दिल में अरमान थे कि वो एक एमबीबीएस डॉक्टर बने, लेकिन परीक्षाओं के दिनों में ही वो गर्भवती हो गई। जिसकी पढ़ाई-लिखाई के लिए परिवार को कर्ज तक लेना पड़ गया। और एक दिन यही रूपा अपने गांव में डॉक्टर बनकर लौटी। उन सभी तानों को उसने अपनी सफलता से जवाब दे दिया, जिनमें कहा जाता था कि लड़की है, इसे इतना पढ़ाना ठीक नहीं। 12वीं हो गई, बस काफी है, अब घर ब��ठाओ।
10वीं में आए इतने नंबर, गांव में मच गया हल्ला
हालांकि, एक ��ोटे से गांव की बाल वधू से डॉक्टर बिटिया बनने तक की उसकी राह भारी मुश्किलों से भरी थी। उनके पिता मालीराम यादव को अपनी बेटी पर शुरुआत से ही नाज था और चाहते थे कि अभी वो बस पढ़ने-लिखने पर ध्यान दे। लेकिन जब सुना कि उनके बड़े भाई ने रूपा की शादी का वादा कर दिया है, तो कुछ ना कह सके। हालांकि, मायके में रहते हुए रूपा ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और 86 फीसदी नंबरों के साथ 10वीं की परीक्षा पास कर ली। रूपा की इस सफलता पर पूरा गांव हैरान था। इससे पहले लड़की तो छोड़िए, कोई लड़का भी इतने अच्छे नंबर लेकर नहीं आया था।
जीजा ने किया वादा, रूपा की पढ़ाई नहीं रुकेगी
अलग-अलग संस्थाओं ने रूपा को सम्मानित किया। स्कूल से भी उन्हें पुरस्कार मिले और टीचरों ने सलाह दी कि इस बच्ची को खूब पढ़ाइए। लेकिन उसी दौरान उनके ताऊजी के वादे के मुताबिक, रूपा के गौने का समय आ गया। उसके पिता नहीं चाहते थे कि रूपा अभी से ससुराल चली जाए, लेकिन उसकी बड़ी बहन रुक्मा के पति ने वादा कर दिया कि चाहे जो हो जाए, ससुराल में रूपा की पढ़ाई नहीं रुकेगी। रूपा ससुराल पहुंची, तो उसके जीजा ने अपना वादा निभाया और दो साल बाद ही शानदार नंबरों के साथ उसने 12वीं की परीक्षा भी पास कर ली।
परिवार ने लिया कर्ज और आगे बढ़ने लगी रूपा
रूपा की सफलता पर उसके स्कूल टीचरों ने ससुराल के लोगों को बुलाया और कहा कि उसे डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए नीट की तैयारी करनी चाहिए। ससुराल के लोग मान गए। रूपा की काबिलियत को देखकर कोचिंग सेंटर ने भी उसे नीट की तैयारी बिना फीस कराने का ऑफर दे दिया। बस फिर क्या था, रूपा ने बीएससी में एडमिशन लिया और साथ ही नीट की तैयारी में जुट गई। अपने पहले प्रयास में रूपा को 22000वीं रैंक मिली। परिवार ने फैसला किया कि उसे अब कोचिंग के लिए कोटा भेजना चाहिए। घर की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी लेकिन परिवार ने कर्ज लेकर रूपा को कोचिंग कराई।
रूपा का सपना और परिवार का सपोर्ट
हालांकि, इस बीच उन्हें ताने भी सुनने पड़े। लोगों ने कहा कि एक लड़की को इतनी ऊंची पढ़ाई के लिए घर से बाहर नहीं भेजना चाहिए था। लेकिन उनके और जीजा ने रूपा को खूब सपोर्ट किया। यहां तक कि ज्यादा घंटों तक काम भी किया, ताकि रूपा की पढ़ाई में कोई आर्थिक दिक्कत ना आए। उनके परिवार को सपोर्ट रंग लाया और तीन साल की मेहनत के बाद रूपा को साल 2017 में बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया। एमबीबीएस की पढ़ाई के शुरुआती दो साल ठीक से बीते, लेकिन तीसरे साल में कोरोना वायरस महामारी की वजह से देशभर में लॉकडाउन लग गया और रूपा को घर लौटना पड़ा।
आधे टाइम में पूरा किया 3 घंटे का पेपर
इस बीच प्री-फाइनल परीक्षा से पहले रूपा गर्भवती हो गईं। अब रूपा के सामने दो विकल्प थे - या तो वो मां बनें या अपने करियर को चुनें। रूपा ने फैसला लिया कि वो अपनी इन दोनों जिम्मेदारियों को निभाएगी। रूपा की बेटी महज 25 दिन की थी, जब उसे प्री-फाइनल परीक्षा देनी थी। इस मोड़ पर उसकी बहन और सास ने रूपा की नन्हीं बेटी की देखभाल की और रूपा फिर से बढ़िया नंबर लाने में सफल रही। रूपा बताती हैं कि उनका फाइनल पेपर ठीक उस दिन पड़ा, जिस दिन उनकी बेटी का पहला जन्मदिन था। उन्होंने 3 घंटे का पेपर आधे वक्त में पूरा किया, बस से घर पहुंची और अपनी बेटी का जन्मदिन मनाया।28 अप्रैल 2022 को उनका रिजल्ट घोषित हुआ और गांव की रूपा अब बन गईं। रूपा चाहती हैं कि वो अपने उसी गांव में एक अस्पताल खोलें, जहां उन्होंने डॉक्टर बनने के सपने को साकार किया। उनके इसे सपने को पूरा करने के लिए ससुराल वाले भी पूरी तरह साथ… http://dlvr.it/T92WGw
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💎समाज कल्याण हेतु संत रामपाल जी महाराज जी की अद्भुत एवं अलौकिक परमार्थी कार्य💎
समाज में जब जब भी त्रासदी अथवा आपदा आई है संत रामपाल जी महाराज जी व उनके शिष्य हमेशा आगे रहते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी का यही ज्ञान है कि परोपकार तथा परमार्थ के कार्य में हमेशा आगे रहना चाहिए और यही कारण है कि संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य हमेशा आगे रहते हैं।
जो कोई करै सो स्वार्थी, अरस परस गुण देत।
बिन किये करै सो सूरमा, परमारथ के हेत ।।
कोरोना कल में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी की आदेश अनुसार संत रामपाल जी महाराज जी की शिष्य कोरोना काल में विशेष योगदान दिए थे। कुरूना महामारी में लॉकडाउन के कारण जहां कहीं भी खाने की व्यवस्था नहीं थी वहां खाने की व्यवस्था किए थे। जगह-जगह लोगों को ताज सामग्री पहुंचाई गई थी।
बाढ़ त्रासदी में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य कोरोना कल में साथ देने के साथ-साथ बाढ़ टेस्ट में भी लोगों की विशेष मदद की है। हाल ही में जहां कहीं भी बाढ़ आई थी वहां पर लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई गई। संत रामपाल जी महाराज जी के शिक्षा का ही परिणाम है संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आगे रहते हैं।
दहेजमुक्त समाज का निर्माण
एक तरफ समाज में जहां बेटियों को बोझ समझा जाता है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी बेटियों के लिए दहेज मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं और यही कारण है कि आज लाखों बेटियां दहेज मुक्त विवाह करके अपना सुखी जीवन जी रही है। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य न दहेज लेते हैं और ना देते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के पद चिन्हों पर चलकर दहेज मुक्त विवाह करते हैं।
नशा मुक्त समाज का निर्माण
संत रामपाल जी महाराज जी समाज के परोपकारी कार्य में नशा मुक्त का कार्य भी सम्मिलित है। जहां युवा पीढ़ी नसीब मिलत है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य नशा नहीं करते हैं और यहां तक कि ना ही नशा की सामग्री को हाथ लगाते हैं। इससे समाज एक नई दिशा की ओर अग्रसर होगा जिसमें किसी भी प्रकार का नशा चोरी जारी रिश्वतखोरी इत्यादि से मुक्त होगा।
देहदान एवं रक्तदान में योगदान
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य सदैव परोपकार के कार्य में आगे रहते हैं और यही कारण है कि वह संत रामपाल जी महाराज जी के प्रत्येक आदेशों का पालन करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य रक्तदान एवं देहदान में विशेष योगदान दिए हैं।
संत रामपाल जी महाराज व उनके शिष्य हमेशा से ही परमार्थ के कार्यों में आगे रहे हैं । संत रामपाल जी महाराज जी का यही उद्देश्य है समाज में अनैतिक कार्यों को समाप्त करके नैतिकता को बढ़ावा देना है।
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समाज में जब जब भी त्रासदी अथवा आपदा आई है संत रामपाल जी महाराज जी व उनके शिष्य हमेशा आगे रहते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी का यही ज्ञान है कि परोपकार तथा परमार्थ के कार्य में हमेशा आगे रहना चाहिए और यही कारण है कि संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य हमेशा आगे रहते हैं।
जो कोई करै सो स्वार्थी, अरस परस गुण देत।
बिन किये करै सो सूरमा, परमारथ के हेत ।।
कोरोना कल में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी की आदेश अनुसार संत रामपाल जी महाराज जी की शिष्य कोरोना काल में विशेष योगदान दिए थे। कुरूना महामारी में लॉकडाउन के कारण जहां कहीं भी खाने की व्यवस्था नहीं थी वहां खाने की व्यवस्था किए थे। जगह-जगह लोगों को ताज सामग्री पहुंचाई गई थी।
बाढ़ त्रासदी में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य कोरोना कल में साथ देने के साथ-साथ बाढ़ टेस्ट में भी लोगों की विशेष मदद की है। हाल ही में जहां कहीं भी बाढ़ आई थी वहां पर लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई गई। संत रामपाल जी महाराज जी के शिक्षा का ही परिणाम है संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आगे रहते हैं।
दहेजमुक्त समाज का निर्माण
एक तरफ समाज में जहां बेटियों को बोझ समझा जाता है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी बेटियों के लिए दहेज मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं और यही कारण है कि आज लाखों बेटियां दहेज मुक्त विवाह करके अपना सुखी जीवन जी रही है। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य न दहेज लेते हैं और ना देते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के पद चिन्हों पर चलकर दहेज मुक्त विवाह करते हैं।
नशा मुक्त समाज का निर्माण
संत रामपाल जी महाराज जी समाज के परोपकारी कार्य में नशा मुक्त का कार्य भी सम्मिलित है। जहां युवा पीढ़ी नसीब मिलत है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य नशा नहीं करते हैं और यहां तक कि ना ही नशा की सामग्री को हाथ लगाते हैं। इससे समाज एक नई दिशा की ओर अग्रसर होगा जिसमें किसी भी प्रकार का नशा चोरी जारी रिश्वतखोरी इत्यादि से मुक्त होगा।
देहदान एवं रक्तदान में योगदान
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य सदैव परोपकार के कार्य में आगे रहते है��� और यही कारण है कि वह संत रामपाल जी महाराज जी के प्रत्येक आदेशों का पालन करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य रक्तदान एवं देहदान में विशेष योगदान दिए हैं।
संत रामपाल जी महाराज व उनके शिष्य हमेशा से ही परमार्थ के कार्यों में आगे रहे हैं । संत रामपाल जी महाराज जी का यही उद्देश्य है समाज में अनैतिक कार्यों को समाप्त करके नैतिकता को बढ़ावा देना है।
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जो कोई करै सो स्वार्थी, अरस परस गुण देत।
बिन किये करै सो सूरमा, परमारथ के हेत ।।
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देहदान एवं रक्तदान में योगदान
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य सदैव परोपकार के कार्य में आगे रहते हैं और यही कारण है कि वह संत रामपाल जी महाराज जी के प्रत्येक आदेशों का पालन करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य रक्तदान एवं देहदान में विशेष योगदान दिए हैं।
संत रामपाल जी महाराज व उनके शिष्य हमेशा से ही परमार्थ के कार्यों में आगे रहे हैं । संत रामपाल जी महाराज जी का यही उद्देश्य है समाज में अनैतिक कार्यों को समाप्त करके नैतिकता को बढ़ावा देना है।
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जाने क्या है, छत्तीसगढ़ पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल
जाने क्या है, छत्तीसगढ़ पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल #ChhttisgarhNews #govtscheme #bupeshbaghel
छत्तीसगढ़ पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के द्वारा शुरू किया गया है। जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ था तब छत्तीसगढ़ के बच्चों के पढ़ाई को जारी रखने के लिए उन्हें ऑनलाइन क्लास वीडियो लेशन और शैक्षिक खेल के साथ पढ़ाई जारी रखने के उद्देश्य से पढ़ई तुंहर दुआर को शुरू किया गया था।
कोरोना महामारी के वक्त जब इस योजना को लागू किया गया था तब एक दिन में 820 बच्चे और लगभग…
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New Corona Guidelines: फिर बंद होंगे स्कूल-कॉलेज? सिनेमा घर और बसों में भी करना होगा इन नियमों का पालन, कोरोना ब्लास्ट के बाद नई गाइडलाइन जारी...
New Corona Guidelines नोएडा : New Corona Guidelines देश के कई राज्यों में इन दिनों कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। रोजाना प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से रोजाना हजारों नए मामले सामने आ रहे हैं। आज भी 10000 से अधिक नए संक्रमितों की पुष्टि हुई है। वहीं, आज 20 संक्रमितों की मौत भी हुई है।
संक्रमण की नई लहर को तेजी से बढ़ते देख ये आशंका जताई जा रही है कि फिर से लॉकडाउन का दौर आएगा। स्कूल कॉलेज…
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चाचा की जवान बेटी के साथ सोया - 2023
��ॉकडाउन अभी भी जारी था और हम दोनों 3-4 दिन में एक बार चुदाई कर ही लेते थे पर हर बार जल्दबाजी और डर में चुदाई करते थे कि कहीं कोई देख न ले.इस वजह से हॉट सेक्स विद कज़िन सिस्टर में वो मजा नहीं आता था.
मेरी बहन चित्रा को भी कुछ ऐसा लगता था कि चुदाई खुल कर होनी चाहिए.
एक दिन मैंने उससे इस बात को लेकर चर्चा की तो वो बोली- हां भाई, मुझे एक लुक छिप कर चुदाई करवाने में मजा नहीं आता है. चुदाई हो तो ऐसी…
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अंडे का फंडा... यूपी सरकार के एक फरमान से हरियाणा के किसान मुश्किल में, जानिए क्या है मामला
नई दिल्ली: हरियाणा देश में सबसे ज्यादा अंडे उत्पादन करने वाले राज्यों में शामिल है। राज्य में दिन करीब तीन करोड़ अंड़ों का उत्पादन होता है। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के एक फरमान के कारण राज्य के पॉल्ट्री किसानों की मुश्किल बढ़ गई है। इसके मुताबिक अंडों को रेफ्रिजरेटेड गाड़ियों में ले जाना होगा और उस पर जीपीएस लगा होना चाहिए। हरियाणा के किसानों का कहना है कि इससे उनका बिजनस प्रभावित होगा। उन्होंने हरिय��णा सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा है। हरियाणा के पॉल्ट्री किसानों के लिए उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा मार्केट है। उनके कुल उत्पादन का आधा हिस्सा यूपी के डिस्ट्रीब्यूटर्स के पास पहुंचता है। बाकी सप्लाई हरियाणा और दूसरे राज्यों में होती है।हरियाणा में पॉल्ट्री फार्मर्स के कुछ एसोसिएशंस का आरोप है कि यूपी सरकार का फरमान अपने किसानों के हक में है। सेंट्रल हरियाणा पॉल्ट्री फार्मर्स एसोसिएशन के प्रेजिडेंट सुभाष नरवाल ने कहा कि इस फैसले का साफ मतलब है कि यूपी में दूसरे राज्यों के किसानों को हतोत्साहित करना। हमारे कुछ ऑर्डर कैंसल हो गए हैं। साथ ही कुछ ट्रकों को सीमा पर रोका गया है और उन्हें वापस जाने को कहा जा रहा है। 15 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग ने अंडों के ट्रांसपोर्ट के संबंध में गाइडलाइन जारी की। उसका कहना है कि इसका मकसद अंडों की ताजगी और साफसफाई सुनिश्चित करना है।
कितना बढ़ जाएगा बोझ
यूपी सरकार के गाइडलाइंस के मुताबिक 150 किमी या उससे ज्यादा दूरी के लिए अंडे ले जाने वाले वाहनों पर जीपीएस डेवाइस लगाना अनिवार्य है। हरियाणा के किसानों का कहना है कि 80 हजार से एक लाख अंडों को रेफ्रिजरेटेड गाड़ी से ले जाने पर उनका खर्च 15,000 से 20,000 रुपये तक बढ़ जाएगा। ट्रांसपोर्ट कंपनियों ने भी अपना रेट बढ़ा दिया है। वे महामारी में हुए नुकसान की भरपाई करने में लगी हैं। इससे खासकर छोटे किसानों की परेशानी बढ़ेगी। कोरोना लॉकडाउन के कारण यह बिजनस बुरी तरह प्रभावित हुआ था।करनाल के एक पॉल्ट्री किसान सुरिंदर भूटानी ने कहा कि हम 2022 में अच्छी कमाई की उम्मीद कर रहे थे लेकिन चारे का कीमत में बढ़ोतरी के कारण सब चौपट हो गया। पिछले तीन साल में हमारे लिए मुश्किल भरे रहे हैं। अगर यूपी सरकार की गाइडलाइन नहीं हटाई गई तो हरियाणा की पॉल्ट्री इंडस्ट्री बर्बाद हो जाएगी। सेंट्रल हरियाणा पॉल्ट्री फार्मर्स एसोसिएशन के मुताबिक राज्य में इस इंडस्ट्री की सालाना कमाई करीब 7,000 करोड़ रुपये है और इसमें 2.5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। http://dlvr.it/SnQ9NN
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ढील के बाद चीन में फिर बरपा कोरोना का कहर, डर से लोगों ने बंद किया कारोबार, सख्त गाइडलाइंस जारी
ढील के बाद चीन में फिर बरपा कोरोना का कहर, डर से लोगों ने बंद किया कारोबार, सख्त गाइडलाइंस जारी
चीन में रियायत देने के बाद एक बार फिर कोरोना ने कहर बरपाया है. संक्रमित लोगों की संख्या खतरनाक दर से बढ़ने लगी है। दवा के लिए दुकानों पर लंबी-लंबी कतारें नजर आ रही हैं। कमी के कारण उपलब्ध दवाओं और सामानों की कीमत बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि कोरोना लॉकडाउन में ढील के बाद अचानक बाजार में भीड़ हो गई जिससे स्थिति और बिगड़ गई. अब चीन सरकार को एक बार फिर सख्त होना पड़ेगा। सरकार फिर से लॉकडाउन लगाने…
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Winter Will "Not Stop Ukrainian Forces Because...": Minister To NDTV
Winter Will “Not Stop Ukrainian Forces Because…”: Minister To NDTV
नई दिल्ली:
यूक्रेन कड़कड़ाती ठंड में रूसी सेना के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने का इरादा रखता है, उसके विदेश मंत्री द्मित्रो कुलेबा ने आज एनडीटीवी को बताया। रूसी सेना ने इस साल फरवरी में यूक्रेन पर आक्रमण किया, पहली बार यूक्रेनी सेना सर्दियों में युद्ध के लिए गई, जब तापमान शून्य से नीचे चला गया।
यह पूछे जाने पर कि क्या सर्दियों में यूक्रेनी सेना को “लॉकडाउन” कर दिया जाएगा, श्री कुलेबा ने एनडीटीवी के…
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चीन में कोरोना की स्थिति फिर गंभीर, 500 से ज्यादा नए मामले सामने आने के बाद बीजिंग में सेमी-लॉकडाउन
चीन में कोरोना की स्थिति फिर गंभीर, 500 से ज्यादा नए मामले सामने आने के बाद बीजिंग में सेमी-लॉकडाउन
चीन में कोरोना के लगातार बढ़ते कोविड-19 के मामलों से स्थिति गंभीर हो गई है। राजधानी बीजिंग में कोविड-19 के 500 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं, वहीं देशभर में 25,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। शहर के अधिकारियों ने लाखों निवासियों से इस सप्ताह के अंत तक घरों में रहने और रोजाना कोविड टेस्ट की प्रक्रिया से गुजरने की सलाह दी है।
बीजिंग के कई जिलों ने लोगों को एडवायजरी जारी की है। शनिवार को जिला…
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