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लेफ्टिनेंट जनरल पांडे: लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने थल सेनाध्यक्ष का पदभार संभाला | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
लेफ्टिनेंट जनरल पांडे: लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने थल सेनाध्यक्ष का पदभार संभाला | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली: 13 लाख की मजबूत सेना में शीर्ष स्तर की नियुक्तियों में लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे मंगलवार को यहां मुख्यालय में नए उप प्रमुख के रूप में पदभार संभाला, जबकि लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और आरपी कलिता ने क्रमशः उधमपुर स्थित उत्तरी कमान और कोलकाता स्थित पूर्वी कमान का पदभार संभाला। 1982 में कोर ऑफ इंजीनियर्स में कमीशन प्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल पांडे सफल हुए हैं लेफ्टिनेंट जनरल सीपी…
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भारतीय सेना: लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने संभाली आर्मी के नये उप-प्रमुख के तौर पर कमान
भारतीय सेना: लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने संभाली आर्मी के नये उप-प्रमुख के तौर पर कमान
Retirement Of Top Lt. General In Army news: लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने आर्मी के नये उप-प्रमुख के तौर पर भारतीय सेना की कमान संभाल ली है. वहीं तीन बड़े सैन्य अफसरों के रिटायरमेंट से थलसेना में बड़ा फेरबदल हुआ है. पूर्वी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने अब सेना के नए सह-प्रमुख का पदभार संभाल लिया है. उनकी जगह अब लेफ्टिनेंट जनरल आर पी कलीता ने ली है. उत्तरी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट…
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चीन का सामना करने वाली उत्तरी और पूर्वी कमानों को मंगलवार को नए कमांडर मिलेंगे
चीन का सामना करने वाली उत्तरी और पूर्वी कमानों को मंगलवार को नए कमांडर मिलेंगे
3,488 किलोमीटर की संवेदनशील भारत-चीन सीमा के लिए जिम्मेदार सेना की तीन कमानों में से दो को मंगलवार को नए कमांडर मिल जाएंगे। उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी की सेवा करते हुए, सोमवार को सेवानिवृत्त हुए, पूर्वी सेना कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे, मंगलवार को सेना के नए उप प्रमुख के रूप में पदभार संभालेंगे, लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती के रूप में, सोमवार को भी सेवानिवृत्त हो…
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हर मोर्चों पर लड़ी लड़ाई, वीरता, शहादत और शौर्य की दास्तां है कारगिल विजय दिवस Divya Sandesh
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हर मोर्चों पर लड़ी लड़ाई, वीरता, शहादत और शौर्य की दास्तां है कारगिल विजय दिवस
नई दिल्ली कारगिल युद्ध में भारत को मिली जीत के 22 साल पूरे होने की खुशी में देशभर में जश्न का आगाज हो गया है। कारगिल युद्ध () पाकिस्तान के धोखे () और भारतीय सैनिकों के शौर्य की गाथा (Reasons Behind Kargil War) है। सैनिकों ने जिस वीरता से लड़ाई लड़ी उसी बहादुरी से सेना के डॉक्टर और मेडिकल टीम ने हर मोर्च पर उनका साथ दिया।
कर्नल विजय कुमार उस वक्त यंग कैप्टन थे। श्रीनगर – लेह हाइवे के पास वे एक इंफेंट्री बटालियन में रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात थे। 8 मई 1999 को उन्हें मैसेज मिला क��� उनकी यूनिट को द्रास सेक्टर मूव करना है जहां से पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ना है।
दुश्मन की तरफ से शुरू हो गई भारी गोलाबारी कर्नल विजय बताते हैं कि जब उनकी कंपनी लाइन ऑफ कंट्रोल की तरफ मूव कर रही थी तब दुश्मन की तरफ से भारी गोलाबारी शुरू हो गई। इसमें कई सैनिक जख्मी हो गए। एक सैनिक को दोनों हाथ गंवाने पड़े और खून लगातार बह रहा था। सैनिक बेहोश हो गया था।
दोनों हाथों से लगातार बह रहा था खून कर्नल विजय और उनकी टीम ने सैनिक को एक चट्टान के पीछे शिफ्ट किया ताकि दुश्मन की तरफ से हो रही गोलाबारी से कवर मिल सके। दुश्मन को भारतीय सैनिक भी मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे। सबसे पहले दोनों हाथों से लगातार बहते खून को रोकना था।
एयरलिफ्ट करके पहुंचाया गया सर्जिकल सेंटर कंप्रेशन बैंडेज से इसे रोका गया और फिर आईवी फ्लूड चढ़ाया गया। किसी तरह गोलाबारी से बचाते हुए सभी जख्मी सैनिकों को स्ट्रेचर पर रखकर सड़क तक पहुंचाया गया और फिर वहां से एंबुलेंस में आगे ले गए। बुरी तरह जख्मी सैनिक को एयरलिफ्ट कर फॉरवर्ड सर्जिकल सेंटर पहुंचाया गया और अपनी विलपावर और युद्ध के मैदान में वक्त पर मिली मेडिकल सहायता से उसकी जान बचाई जा सकी।
‘जज्बातों पर काबू पाते हुए निभाई जिम्मेदारी’ कर्नल विजय कहते हैं कि मुझे अपनी यूनिट की उपलब्धियों पर गर्व है, साथ ही कहते हैं कि वह वक्त उनके लिए एक तरह से भावनाओं का तूफान था और सारे जज्बातों पर काबू पाते हुए अपनी जिम्मेदारी निभानी थी। उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया गया।
जब चट्टान पर आ गिरा दुश्मन की तोप का गोला सेना में डॉक्टर कर्नल राजेश अधौ कारगिल युद्ध के दौरान कैप्टन थे। वह कहते हैं कि पॉइंट 5140 की लड़ाई के दौरान हम चढ़ाई चढ़ रहे थे। जब मैं बुरी तरह थक गया और एक चट्टान के पीछे रुकना चाहता था तब मेरे सेकंड इन कमांड लेफ्टिनेंट कर्नल वाईके जोशी (जो अब लेफ्टिनेंट जनरल हैं) ने मुझे रुकने से मना किया और आगे की तरफ धक्का दिया। हम करीब 50 मीटर ही आगे गए थे कि दुश्मन का एक गोला आकर उसी चट्टान पर गिरा जिसमें मैं रुकना चाहता था।
जवान बोला-दुश्मन से लड़ना ही मेरा धर्म है वह बताते हैं कि युद्ध के दौरान जब मैं तोलोलिंग कॉम्प्लेक्स में था तब मेस स्टाफ के एक जवान से बात की जिसकी कुछ वक्त पहले ही शादी हुई थी। मैंने जवान से पूछा कि वह फ्रंटलाइन क्यों जॉइन कर रहा है, जबकि उसे एडमिनिस्ट्रेटिव पार्टी में ��ोना चाहिए। जवान ने जवाब दिया कि दुश्मन से लड़ना ही मेरा धर्म है।
…और जब उसी जवान शहीद होने की मिली खबर दो घंटे बाद ही मुझे एक कॉल आई कि मेरी यूनिट में एक जवान शहीद हो गया है। यह यूनिट की पहली कैजवल्टी थी। यह वही जवान था जिससे मेरी बात हुई थी। यह सुनकर मैं सन्न रह गया था। कई जख्मी सैनिकों का इलाज किया और कई की जान बचाई जा सकी तो कई सैनिकों को खोया भी। कर्नल अधौ को सेना मेडल से सम्मानित किया गया।
ऐसे बची 150 सैनिकों की जान कर्नल वीवी शर्मा भी उस वक़्त कैप्टन थे और रेजिमेंट मेडिकल ऑफिसर थे। युद्ध में घायल सैनिकों को वक्त पर मेडिकल हेल्प म��ल सके इसलिए उन्होंने अपनी रेजिमेंट एड पोस्ट को बेटल फील्ड के काफी करीब शिफ्ट कर लिया। इससे घायल सैनिकों को जल्दी निकालने में मदद मिली। उस वक्त एक एक मिनट कीमती होता है और बैटल फील्ड के काफी करीब होने से करीब 150 घायल सैनिकों की जान बचाई जा सकी। कर्नल शर्मा भी सेना मेडल से सम्मानित किए गए।
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पुलवामा हीरो की पत्नी ने अर्जित की सेना की वर्दी
पुलवामा हीरो की पत्नी ने अर्जित की सेना की वर्दी
उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने ओटीए, चेन्नई में नितिका कौल की वर्दी पर सितारों को पछाड़ दिया। नई दिल्ली: दो साल पहले एक छोटी सी, नीतिका कौल उस पर एक दर्दनाक विदाई चुंबन विस्फोट से उड़ा दिया ‘सरल और मधुर’ प्रेमकथा। 2019 में एक फरवरी के दिन देहरादून में तिरंगे से ढके ताबूत के पास खड़े होकर, वह शोक मनाने वालों को मजबूत रहने के लिए कहती रही। इसके अंदर उनके पति मेजर विभूति शंकर…
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120 साल की ढोली देवी ने कोरोना की वैक्सीन लगाकर की मिसाल कायम, बढ़ाया जम्मू-कश्मीर में लोगों का हौसला
120 साल की ढोली देवी ने कोरोना की वैक्सीन लगाकर की मिसाल कायम, बढ़ाया जम्मू-कश्मीर में लोगों का हौसला #JammuKashmir #CoronaVaccine
नई दिल्ली । शनिवार, 22 मई, 2021: 120 साल की ढोली देवी जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए प्रेरणास्रोत रही हैं. ढोली देवी ने कोरोना की वैक्सीन लेकर दूसरों के लिए मिसाल कायम की है। बाद में शुक्रवार को सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने दूदू तहसील के गर कटियास गांव में ढोली देवी के घर का दौरा किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. जीओसी लेता है।…
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सरकार से मिले Free Hand ने पलटी सीमा पर बाजी, Indian Army की कार्रवाई से पीछे हटने को मजबूर हुआ China
सरकार से मिले Free Hand ने पलटी सीमा पर बाजी, Indian Army की कार्रवाई से पीछे हटने को मजबूर हुआ China
लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने एक इंटरव्यू में बताया कि भारतीय सेना की 29-30 अगस्त की कार्रवाई के बाद चीन को झुकने पर मजबूर होना पड़ा. इसके बाद जब अगले दौर की बातचीत हुई तो भारत का पलड़ा भारी रहा. यह एक तरह से पूरे मामले में टर्निंग पॉइंट रहा.
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ड्रैगन की चाल पर कड़ी नजर रख रहे भारतीय सेना के टॉप कमांडर
ड्रैगन की चाल पर कड़ी नजर रख रहे भारतीय सेना के टॉप कमांडर
भारत चीन की हर हरकत पर कड़ी नजर बनाए हुए है. इसी क्रम में नादर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने आज पूर्वी लद्दाख इलाके का दौरा किया और वहां डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया का रिव्यू किया. ड्रैगन की चाल पर कड़ी नजर रख रहे भारतीय सेना के टॉप कमांडर (Photo Credit: ANI) नई दिल्ली: लद्दाख से चीन अपने सैनिकों और सैन्य साजो-सामान को तेजी से पीछे हटा रहा है. लेकिन उसकी चालाकियों की पुरानी आदत को…
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जवानों का हौसला बढ़ाने अचानक लेह पहुंचे पीएम मोदी, 11 हजार फीट की ऊंचाई बैठकर की बातचीत
चैतन्य भारत न्यूज लेह. भारत-चीन तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अचानक लेह पहुंचे। उनके साथ में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) विपिन रावत और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का काफिला भी है। यहां प्रधानमंत्री मोदी को सेना, वायुसेना के अधिकारियों ने जमीनी हकीकत की जानकारी दी। #WATCH Prime Minister Narendra Modi briefed by senior officials in Nimmoo, Ladakh pic.twitter.com/uTWaaCwUVL — ANI (@ANI) July 3, 2020 11 हजार फीट की ऊंचाई बैठकर की बातचीत लेह में प्रधानमंत्री ने आईटीबीपी, वायु सेना और थल सेना के जवानों से मुलाकात कर उनकी हौसला अफजाई की और वरिष्ठ अधिकारियों से मौजूदा हालात के बारे में जानकारी ली। साथ ही पीएम मोदी ने सीमा पर अग्रिम मोर्चे नीमू का जायजा लिया। बता दें नीमू करीब 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह दुनिया की सबसे ऊंची और खतरनाक पोस्ट में से एक माना जाता है। यहां सांस लेना भी मुश्किल होता है। ये जगह जांस्कर रेंज से घिरी हुई है।
ये अफसर भी रहे मौजूद बता दें पहले इस दौरे पर सिर्फ CDS बिपिन रावत को ही आना था, लेकिन पीएम मोदी ने खुद पहुंचकर सभी को चौंका दिया। पीएम मोदी और बिपिन रावत के साथ सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे, नॉर्दन आर्मी कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी, लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह भी मौजूद रहे।
टल गया था राजनाथ सिंह का दौरा मई से ही चीन के साथ बॉर्डर पर तनाव जारी है और बॉर्डर पर लगातार गंभीर स्थिति बनी हुई है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यहां पर पहुंचना हर किसी को चौंकाता है। इससे पहले शुक्रवार को सिर्फ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लेह जाना था, लेकिन गुरुवार को उनके कार्यक्रम में बदलाव कर दिया गया। फिर तय हुआ था कि सिर्फ बिपिन रावत ही लेह जाएंगे। PM Modi is presently at one of the forward locations in Nimu, Ladakh. He reached there early morning.He is interacting with personnel of Army, Air Force & ITBP. Located at 11,000 feet,this is among the tough terrains, surrounded by Zanskar range and on the banks of the Indus. pic.twitter.com/ZcBqOjRzcw — ANI (@ANI) July 3, 2020 भारत के 20 जवान शहीद हुए थे गौरतलब है कि लद्दाख बॉर्डर पर तनाव के बीच 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे और कुछ जवान घायल भी हुए थे। इस झड़प में चीन के भी काफी जवानों को नुकसान हुआ था, लेकिन चीन ने आंकड़ा जारी नहीं किया था। ये भी पढ़े... गलवान में झड़प के बाद चीन के कर्नल को बंधक बना लाई थी भारतीय सेना, इस शर्त पर छोड़ा! राहुल का दावा- चीन ने हमसे 3 जगह छीनी जमीन, कहा- पीएम बिना डरे, बिना घबराए सच बताएं, कार्रवाई में हम आपके साथ भारत के आगे झुक गया चीन, तनाव वाले क्षेत्रों से पीछे हटेंगी दोनों देश की सेनाएं Read the full article
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भारत-चीन तनाव : लद्दाख पर बढ़ते तनाव को देखते हुए सीमा पर सुखोई और मेराज तैनात
नई दिल्ली : लद्दाख सीमा में बढ़ते भारत चीन तनाव के साथ -साथ लगातार बढ़ते सैन्य तनाव के बीच भारतीय वायुसेना ने लद्दाख में दुश्मनों के दांत खट्टे कर देने वाले सुखोई और मिराज जैसे अपने युद्धक विमान तैनात कर दिए हैं। बता दें कि चीन सीमा के साथ आने वाले इलाके गलवन घाटी से लेकर ¨फगर-4 इलाके में थलसेना ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक युद्धक सामान सहित जवानों व अधिकारियों की अतिरिक्त तैनाती भी शुरू कर दी है।
��ढ़ते तनाव के बीच चल रही तैयारियों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते कुछ दिनों से प्रतिदिन 80 से 90 सैन्य ट्रक लद्दाख के अग्रिम इलाकों की तरफ जा रहे हैं। तोपखाना और टैंक भी भेजा गया है। इनमें से अधिकांश ट्रकों को कश्मीर घाटी से ही भेजा जा रहा है। इस बीच, मंगलवार को सेना की उत्तरी कमान के जीओसी इन सी लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी भी लेह पहुंच गए।
सूत्रों ने बताया कि गलवन घाटी, हॉट स्पि्रंग और फिंगर-4 इलाके में तैनात किए जा रहे जवानों को पहले कुछ दिनों तक लेह व अन्य जगहों पर रखा गया ताकि वह स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप खुद को ढाल सकें। लद्दाख के अग्रिम इलाकों में तोपखाना और टैंक भी भेजा गया है।
सूत्रों ने बताया कि लद्दाख स्थित सेना की 14 कोर किसी भी स्थिति से निपटने में पूरी तरह समर्थ है। उसके पास तोपखाना, टैंक व अन्य आवश्यक युद्धक सामग्री व हथियारों की कोई कमी नहीं हैं। अन्य इलाकों से जो सैनिक व सैन्य साजो सामान तैनात किया जा रहा है, वह सिर्फ अतिरिक्त और अग्रिम तैनाती के लिए है। भारतीय वायुसेना ने भी लद्दाख में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं।
भारत अपने हवाई क्षेत्र में उड़ा रहा सुखोई और मिराज विमान
भारतीय वायुसेना के पायलट पूर्वी लद्दाख में अपनी वायुसीमा के भीतर सुखोई और मिराज विमान उड़ा रहे हैं। चीन की वायुसेना भी अपनी गतिविधियां लगातार बढ़ा रही है। पूर्वी लद्दाख में गलवन घाटी के साथ सटे दुरबुक इलाके में बसे ग्रामीणों के मुताबिक, बीते कुछ दिनों से भारतीय सेना की गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। रोजाना शाम को अंधेरा होने के साथ 80-90 ट्रक अग्रिम इलाकों की तरफ जा रहे हैं। इन काफिलों में नागरिक वाहन भी शामिल रहते हैं। उन्होंने 1962 के बाद ऐसी सैन्य गतिविधियां देखी हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से की बात
लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी भी मंगलवार सुबह ही ऊधमपुर से लेह पहुंचे हैं। उन्होंने पूर्वी लद्दाख के हालात का जायजा लेते हुए 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरींद्र सिंह व अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ दोपहर बाद बैठक भी की। इससे पूर्व वह 22 मई को थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने के दौरे के समय लेह आए थे। कारगिल युद्ध में भाग ले चुके लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने बैठक में चीनी सेना के साथ मौजूदा गतिरोध को हल करने के लिए स्थानीय स्तर पर दोनों तरफ के सैन्य कमांडरों के बीच हुई विभिन्न वार्ताओं के संदर्भ में अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिया कि वह ऑनग्राउंड हालात के अनुरूप चीनी सेना की गतिविधियों पर अंकुश रखने रखने के लिए कार्रवाई करते रहें।
इस बार चरवाहे नहीं गए गलवन घाटी में
चीन सीमा में बढ़ते तनाव को देखते हुए कोन्चुक स्टेंजिन ने बताया कि उन्होंने बीते सप्ताह अग्रिम गांवों का दौरा किया है। लोग खेती के कामों में लगे हुए हैं लेकिन उनमें तनाव बना हुआ है। इन गांवों की गलवन घाटी और ¨फगर-4 इलाके से करीब 10 किलोमीटर की एरियल दूरी है। उन्होंने कहा कि इस इलाके में चरवाहे हर साल गर्मी में माल मवेशी के साथ जाते थे, लेकिन तनाव को देखते हुए इस बार नहीं गए हैं।
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चीन का सामना करने वाली उत्तरी, पूर्वी कमानों को आज नए प्रमुख मिलेंगे
चीन का सामना करने वाली उत्तरी, पूर्वी कमानों को आज नए प्रमुख मिलेंगे
3,488 किलोमीटर की संवेदनशील भारत-चीन सीमा के लिए जिम्मेदार सेना की तीन कमानों में से दो को मंगलवार को नए कमांडर मिल जाएंगे। उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी की सेवा करते हुए, सोमवार को सेवानिवृत्त हुए, पूर्वी सेना कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे, मंगलवार को सेना के नए उप प्रमुख के रूप में पदभार संभालेंगे, लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती के रूप में, सोमवार को भी सेवानिवृत्त हो…
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भारत-चीन में 16 घंटे चली 10वें दौर की सैन्य वार्ता, हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेप्सांग प्लेन से सेनाओं की वापसी पर फोकस Divya Sandesh
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भारत-चीन में 16 घंटे चली 10वें दौर की सैन्य वार्ता, हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेप्सांग प्लेन से सेनाओं की वापसी पर फोकस
नई दिल्ली। भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच शनिवार को सुबह 10 बजे शुरू हुई 10वें दौर की वार्ता लगभग 16 घंटे चली। आधी रात को 2 बजे तक चली इस वार्ता में पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेप्सांग प्लेन जैसे क्षेत्रों में भी सैन्य वापसी की प्रक्रिया शुरू करने पर फोकस किया गया। दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच पैन्गोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी छोर की तरह इन विवादित इलाकों से भी सैनिकों, हथियारों तथा अन्य सैन्य उपकरणों को हटाए जाने पर गहन मंथन किया गया है।
पूर्वी लद्दाख में पैन्गोंग झील के दोनों किनारों पर सैन्य हथियारों और टुकड़ियों को पीछे हटाने के बाद भारत और चीन 10वें दौर की सैन्य वार्ता करने के लिए शनिवार को सुबह 10 बजे आमने-सामने बैठे। यह कोर कमांडर स्तर की वार्ता मोल्डो-चुशुल सीमा मीटिंग प्वाइंट पर शुरू हुई। इस बैठक का मुख्य मुद्दा रक्षा मंत्री ने 11 फरवरी को संसद के दोनों सदनों में बयान देते वक्त ही तय कर दिया था कि पैन्गोंग झील के उत्तरी और दक्षिण किनारों पर पूरी तरह डिसइंगेजमेंट होने के 48 घंटे के भीतर बाकी विवादित इलाकों पर भी चीन से बातचीत की जाएगी। इसलिए 16 घंटे की इस वार्ता में एलएसी के अन्य विवादित क्षेत्रों हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेमचोक में गतिरोध खत्म करने पर ही फोकस किया गया।
इस डेप्सांग प्लेन में कुल पांच पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) 10, 11, 11ए, 12 और 13 हैं जहां चीनी सेना भारतीय सैनिकों को गश्त करने से लगातार रोक रही है। भारत चाहता है कि डेप्सांग के मैदानी इलाके से चीनी सेना वापस 12 किमी. अपनी सीमा में जाए और यहां एलएसी दोनों पक्षों के बीच व्यापक रूप से स्पष्ट हो। यह वही इलाका है जहां पर चीन की सेना ने 2013 में भी घुसपैठ की थी और दोनों देशों की सेनाएं 25 दिनों तक आमने-सामने रही थींं। चीनियों ने यहां पर नए शिविर और वाहनों के लिए ट्रैक बनाए हैं जिसकी पुष्टि जमीनी ट्रैकिंग के जरिये भी हुई है। इसके अलावा बड़ी तादाद में सैनिक, गाड़ियां और स्पेशल एक्यूपमेंट इकठ्ठा किया है। भारत ने मई के अंत में ही भांप लिया था कि चीन अगली लामबंदी डेप्सांग में कर सकता है, इसीलिए भारतीय सैनिकों ने भी तभी से इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी पुख्ता कर ली थी। इसी तरह गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स एरिया के पेट्रोलिंग-15 और पेट्रोलिंग पॉइंट-14 से चीनी सैनिक पीछे हटें हैं लेकिन अभी भी गोगरा के पेट्रोलिंग पॉइंट-17ए में दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे के करीब हैं।
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हालांकि इस वार्ता के बारे में अभी दोनों सेनाओं की तरफ से कोई अधिकृत बयान नहीं जारी किया गया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि पहले से तय एजेंडे के अनुसार भारत की ओर से चीन पर एलएसी के हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेप्सांग प्लेन क्षेत्रों से भी तेज गति से सैन्य वापसी पर जोर दिया गया। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक वार्ता में इन इलाकों से भी सेनाओं की वापसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई है। दसवें दौर की वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया। उनके साथ वार्ता में आईटीबीपी के आईजी दीपम सेठ और विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव भी शामिल रहे। चीनी पक्ष का नेतृत्व मेजर जनरल लिउ लिन ने किया जो चीनी सेना के दक्षिणी शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर भी हैं।
दोनों देशों के बीच पिछले साल पांच मई, 2020 को पैन्गोंग झील क्षेत्र में हिंसक संघर्ष के बाद सैन्य गतिरोध शुरू हुआ था और फिर हर रोज बदलते घटनाक्रम में दोनों पक्षों ने भारी संख्या में सैनिकों तथा घातक अस्त्र-शस्त्रों की तैनाती कर दी थी। गतिरोध के लगभग पांच महीने बाद भारतीय सैनिकों ने ‘ऑपरेशन स्नो लेपर्ड’ के तहत कार्रवाई करते हुए पैन्गोंग झील के दक्षिणी छोर पर मुखपारी, रेचिल ला और मगर हिल क्षेत्रों में सामरिक महत्व की कई पर्वत चोटियों पर तैनाती कर दी थी। नौवें दौर की सैन्य वार्ता में भारत ने विशेषकर पैंगोंग झील के उत्तरी क्षेत्र में फिंगर 4 से फिंगर 8 तक के क्षेत्रों से चीनी सैनिकों की वापसी पर जोर दिया था।
अबतक पैंगोंग के उत्तर में फिंगर एरिया और दक्षिण के कैलाश रेंज क्षेत्र में चार-चरणों में हुई विस्थापन प्रक्रिया का दोनों सेनाओं ने भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के माध्यम से सत्यापन भी कर लिया है। पैंगोंग के दोनों किनारों पर 10 माह से दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने फायरिंग रेंज में थीं लेकिन भारतीय सेना विस्थापन प्रक्रिया पर पैनी नजर रखे हुए है। अब तक की यह पूरी प्रक्रिया सेना की उत्तरी कमान के उन्हीं कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी की निगरानी में हुई है जिन्होंने ‘ऑपरेशन स्नो लेपर्ड’ में अहम भूमिका निभाई थी। भारतीय सेना ने मानव रहित हवाई वाहनों (ड्रोन), वीडियोग्राफी, डिजिटल मैपिंग और भौतिक सत्यापन की मदद से विस्थापन प्रक्रिया की निगरानी की है।
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आखिरी वक्त तक गुप्त रखा गया था पीएम मोदी का लेह दौरा, अजित डोभाल थे सक्रिय
आखिरी वक्त तक गुप्त रखा गया था पीएम मोदी का लेह दौरा, अजित डोभाल थे सक्रिय
पीएम मोदी को उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी की उपस्थिति में कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने स्थिति की जानकारी दी।
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इन 2 जनरलों पर है भारत-चीन के बीच तनाव को दूर करने की जिम्मेदारी, ये है खासियत
इन 2 जनरलों पर है भारत-चीन के बीच तनाव को दूर करने की जिम्मेदारी, ये है खासियत
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नई दिल्ली: भारत और चीन (China) के बीच सबसे बड़े सैनिक तनाव को हल करने की जिम्मेदारी शनिवार की सुबह 2 जनरलों पर रहेगी. लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और सेना की उत्तरी कमान के सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ये जिम्मेदारी संभालेंगे.
इस तनाव के समय पूरी भारतीय सेना में सबसे उपयुक्त अफसर ले.जनरल जोशी ही हो सकते थे. जनरल जोशी न केवल चीनी भाषा के जानकार हैं,…
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भारत दुनिया को दवाइयां निर्यात कर रहा है और पाकिस्तान आतंकवादः सेना प्रमुख
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि दुनिया कोरोना वायरस को मात देने में जुटी हुई है। भारत दुनिया की मदद करते हुए दवाइयां निर्यात कर रहा है। लेकिन पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और आतंकवाद का एक्सपोर्ट करने में जुटा हुआ है।
बता दें कि सेना प्रमुख दो दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं। दौरे के दूसरे दिन ��ानी कि आज उन्होंने विभिन्न सैन्य प्रतिष्ठानों का दौरा कर जवानों का हौसला बढ़ाया। इससे पहले उन्होंने गुरुवार को कश्मीर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की।
इस दौरान कहा कि कश्मीर में विकास, शांति और समृद्धि के नए युग की शुरुआत हुई है। घाटी में हर हाल में शांति व्यवस्था को बहाल रखना है। इसके लिए सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए हर वक्त तैयार रहने की जरूरत है।
सेना प्रमुख को चिनार कोर के कमांडर ने घाटी में सुरक्षा स्थिति के बारे में बताया। साथ ही एलओसी पर सुरक्षा हालात और पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन के बारे में जानकारी दी। बताया कि पाकिस्तान लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है, जिसका सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है। दुश्मनों की नापाक हरकतों को किसी भी सूरत में सफल नहीं होने दिया जाएगा। एलओसी पर घुसपैठ की कोशिशों को लगातार सतर्क जवान नाकाम बना रहे हैं।
सेना प्रमुख ने कहा कि घाटी में शांति और सुरक्षा व्यवस्था कायम रखने में सभी सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल से नत���जा सकारात्मक रहा है। इसके साथ ही सेना ने कोरोना के प्रसार को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके बाद उन्होंने 92 बेस अस्पताल का दौरा कर वहां उपलब्ध सुविधाओं और किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी हासिल की। सैन्य अस्पताल के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह घाटी की जीवनरेखा है। यहां के डाक्टर और स्टाफ ने बेहतर काम किया है।
उन्होंने सिविल सोसाइटी के सदस्यों से भी मुलाकात की। उनके साथ उत्तरी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी, चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू भी थे। सूत्रों का कहना है कि सेना प्रमुख दौरे के दूसरे दिन एलओसी पर फारवर्ड पोस्ट का भी दौरा कर सकते हैं। इस दौरान वे सुरक्षा तैयारियों का जायजा लेंगे।
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कारगिल युद्ध में पाक को धूल चटाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी बने उत्तरी कमान प्रमुख
कारगिल युद्ध में पाक को धूल चटाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी बने उत्तरी कमान प्रमुख
भारतीय थल सेना के लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी का पद जीओसी-इन-सी का हो गया है। 12 जून 1982 को 13जेएके आरआईएफ कमीशन में नियुक्ति के बाद उन्होंने इसी यूनिट की आगे चलकर कमान संभाल ली थी। वाईके जोशी ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से अपनी ट्रेनिंग सम्पूर्ण करी है, और साथ ही रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन से स्नातकोत्तर भी है।
आपको बता दें की इन्होने ही ऑपरेशन विजय और पराक्रम में 13 जेएके आरआईएफ की…
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