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28.01.2024, लखनऊ | पंजाब केसरी लाला लाजपत राय जी की जन्म जयंती के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल व ट्रस्ट के लाभार्थियों, स्वयंसेवकों ने लाला लाजपत राय जी के चित्रपर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सादर नमन किया |
इस अवसर पर श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, "भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की आज 159वीं जयंती मनाई जा रही है जिन्हें पंजाब केसरी और शेर-ए-पंजाब (Lion of Punjab) के नाम से भी जाना जाता है । फ्रीडम फाइटर, राजनेता, इतिहासकार, वकील और लेखक रहे पंजाब केसरी लाला लाजपत राय ने अंग्रेजों की गुलामी से देश को मुक्त करवाने ��ें अहम योगदान दिया था ।अंग्रेजों की लाठियों के हमले में ��ह बुरी तरह घायल हुए थे, जिसके बाद उनका निधन हो गया था । लाला लाजपत राय देश के उन अमर स्वतंत्रता सेनानियों में से एक है, जिन्होंने अपना जीवन देश को समर्पित कर दिया । हमें लाला लाजपत राय जी द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर देश के लिए कुछ करने का संकल्प लेना चाहिए | ऐसे महान व्यक्तित्व को हमारा शत-शत नमन |" श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने युवाओं से कहा कि आज स्वतंत्र भारत में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में युवाओं के लिए विकल्प खुले हैं, जिन पर काम करके उन्हें अपने और देश क�� हित में काम करना चाहिए |
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कनाडा में खालिस्तानियों ने मंदिर पर किया हमला, श्रद्धालुओं पर लाठियां बरसाईं
नई दिल्ली: कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर के पास जब काउंसलर कैंप चल रहा था, तभी अचानक पहुंचे खालिस्तान समर्थकों ने तीर्थयात्रियों और अन्य भारतीयों पर लाठियों से हमला कर दिया. उसने महिलाओं और बच्चों पर भी हमला किया. कुछ लोगों ने हमले के बाद 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों की याद में प्रदर्शन किया। भारत ने मंदिर पर हमले की आलोचना की और कनाडा पर खालिस्तानियों को परेशान करने का आरोप लगाया. प्रधान…
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शरद पूर्णिमा उत्सव मना रहे लोगों पर असामाजिक तत्वों का हमला, आठ घायल
– घायलों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ स्वयंसेवक भी, दो हमलावर हिरासत में जयपुर, 18 अक्टूबर (हि.स.)। जयपुर के करणी विहार थाना क्षेत्र में गुरुवार रात मंदिर में शरद पूर्णिमा उत्सव मना रहे लोगों पर असामाजिक तत्वों ने धारदार हथियारों और लाठियों से हमला कर दिया। हमले में आठ लोग घायल हो गए। घायलों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ स्वयंसेवक भी हैं। घायलों को उपचार के लिए सवाई मानसिंह अस्पताल…
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Jamshedpur kadma adivasi womens attack case : कदमा में आदिवासी महिला और उसकी बेटी की बेरहमी से पीटने वाला मुन्ना सिंह आजसू से निष्कासित, भाजपा के नेता भी पीड़ित महिला और बच्ची से मिलने पहुंचे
जमशेदपुर : जमशेदपु��� के कदमा में आदिवासी महिला और उसकी बेटी की लाठियों से पिटाई करने वाले आजसू नेता ब्रजेश सिंह उर्फ मुन्ना सिंह को आजसू से निष्कासित कर दिया है. आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो के निर्देश पर मुन्ना सिंह को पार्टी के तमाम पदों से पदमुक्त करते हए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है. पार्टी के महासचिव राजेंद्र महतो ने कहा है कि मुन्ना सिंह उर्फ…
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#lallulal #lallulalnews @lallulalnews NEET: 700 बच्चों के लिए कराया पेपर लीक, एक स्टूडेंट से वसूले 40 लाख. खुफिया कैमरे पर कबूला #neet2024 #neetmotivation #neetpreparation #neetexam मेरा नाम बिजेंद्र गुप्ता है, बिजेंद्र गुप्ता ने कहा, "जहाँ तक जेल की बात है, मैं आज जेल जाऊँगा, कल जमानत लेकर बाहर आ जाऊँगा और परसों से फिर से वही खेल खेलूँगा।" उन्होंने कहा, "हम डरते नहीं हैं। देश में ऐसी कोई पुलिस नहीं है जो बिजेंद्र गुप्ता को पकड़ सके ��र पेपर लीक के बारे में बुलवा सके। वे उसे 5000 लाठियों से पीटेंगे, लेकिन फिर भी उससे बुलवा नहीं पाएंगे।" neet scam,neet 2024 scam,nta scam,neet nta scam,neet exam scam,neet result scam,neet scam 2024,nta neet scam,nta scam exposed,neet 2024 result scam,nta scam exposed 2024,neet results scam,nta scam neet,nta scam 2024,nta neet scam exposed 2024,neet scam exposed,nta neet 2024 scam,neet scam explained,nta scam exposed 2024 news,nta scam neet 2024,neet result 2024 scam,neet2024,neet 2024 results scam,#neet2024,scam neet,scam 2024 Lallu Lal (लल्लू लाल)- हे भैया सच्ची खबर तो लल्लू लाल ही देंगे..भारत के हर कोने से चुनी गई खबरों का संग्रह। भारत के राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर गहराई से जानकारी देना हमारा लक्ष्य है। हम यहाँ पर हर विषय को गहराई से देखते हैं, ताकि भारत के करोड़ों Online User के पास सही खबर मिले।
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#UP थाना परिसर के अंदर पुलिस ने युवक की गिरा गिरा कर लाठियों से की पिटाई,पुलिस कमिश्नर ने दिए जांच के आदेश !
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कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तानियों ने एक हिंदू मंदिर को निशाना बनाया
कनाडा में खालिस्तानियों ने एक बार फिर हिंदू मंदिर और उसके श्रद्धालुओं पर हमला किया है। खालिस्तानियों ने ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में पूजा करने वालों पर हमला किया। हिंदू फोरम कनाडा ने अपने एक्स हैंडल पर पूरी घटना का वीडियो शेयर किया है, जिसमें खालिस्तान हाथ में पीला झंडा लेकर मंदिर परिसर में हंगामा करता नजर आ रहा है. इस वीडियो में कुछ खालिस्तानियों को हिंदू श्रद्धालुओं पर लाठियों से हमला करते…
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चमारों की गली -अदम गोंडवी
आइए महसूस करिए ज़िन्दगी के ताप को मैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको
जिस गली में भुखमरी की यातना से ऊब कर मर गई फुलिया बिचारी एक कुएँ में डूब कर
है सधी सिर पर बिनौली कंडियों की टोकरी आ रही है सामने से हरखुआ की छोकरी
चल रही है छंद के आयाम को देती दिशा मैं इसे कहता हूं सरजूपार की मोनालिसा
कैसी यह भयभीत है हिरनी-सी घबराई हुई लग रही जैसे कली बेला की कुम्हलाई हुई
कल को यह वाचाल थी पर आज कैसी मौन है जानते हो इसकी ख़ामोशी का कारण कौन है
थे यही सावन के दिन हरखू गया था हाट को सो रही बूढ़ी ओसारे में बिछाए खाट को
डूबती सूरज की किरनें खेलती थीं रेत से घास का गट्ठर लिए वह आ रही थी खेत से
आ रही थी वह चली खोई हुई जज्बात में क्या पता उसको कि कोई भेड़िया है घात में
होनी से बेखबर कृष्णा बेख़बर राहों में थी मोड़ पर घूमी तो देखा अजनबी बाहों में थी
चीख़ निकली भी तो होठों में ही घुट कर रह गई छटपटाई पहले फिर ढीली पड़ी फिर ढह गई
दिन तो सरजू के कछारों में था कब का ढल गया वासना की आग में कौमार्य उसका जल गया
और उस दिन ये हवेली हँस रही थी मौज में होश में आई तो कृष्णा थी पिता की गोद में
जुड़ गई थी भीड़ जिसमें जोर था सैलाब था जो भी था अपनी सुनाने के लिए बेताब था
बढ़ के मंगल ने कहा काका तू कैसे मौन है पूछ तो बेटी से आख़िर वो दरिंदा कौन है
कोई हो संघर्ष से हम पाँव मोड़ेंगे नहीं कच्चा खा जाएँगे ज़िन्दा उनको छोडेंगे नहीं
कैसे हो सकता है होनी कह के हम टाला करें और ये दुश्मन बहू-बेटी से मुँह काला करें
बोला कृष्णा से बहन सो जा मेरे अनुरोध से बच नहीं सकता है वो पापी मेरे प्रतिशोध से
पड़ गई इसकी भनक थी ठाकुरों के कान में वे इकट्ठे हो गए थे सरचंप के दालान में
दृष्टि जिसकी है जमी भाले की लम्बी ��ोक पर देखिए सुखराज सिंग बोले हैं खैनी ठोंक कर
क्या कहें सरपंच भाई क्या ज़माना आ गया कल तलक जो पाँव के नीचे था रुतबा पा गया
कहती है सरकार कि आपस मिलजुल कर रहो सुअर के बच्चों को अब कोरी नहीं हरिजन कहो
देखिए ना यह जो कृष्णा है चमारो के यहाँ पड़ गया है सीप का मोती गँवारों के यहाँ
जैसे बरसाती नदी अल्हड़ नशे में चूर है हाथ न पुट्ठे पे रखने देती है मगरूर है
भेजता भी है नहीं ससुराल इसको हरखुआ फिर कोई बाँहों में इसको भींच ले तो क्या हुआ
आज सरजू पार अपने श्याम से टकरा गई जाने-अनजाने वो लज्जत ज़िंदगी की पा गई
वो तो मंगल देखता था बात आगे बढ़ गई वरना वह मरदूद इन बातों को कहने से रही
जानते हैं आप मंगल एक ही मक़्क़ार है हरखू उसकी शह पे थाने जाने को तैयार है
कल सुबह गरदन अगर नपती है बेटे-बाप की गाँव की गलियों में क्या इज़्ज़त रहे्गी आपकी
बात का लहजा था ऐसा ताव सबको आ गया हाथ मूँछों पर गए माहौल भी सन्ना गया था
क्षणिक आवेश जिसमें हर युवा तैमूर था हाँ, मगर होनी को तो कुछ और ही मंजूर था
रात जो आया न अब तूफ़ान वह पुर ज़ोर था भोर होते ही वहाँ का दृश्य बिलकुल और था
सिर पे टोपी बेंत की लाठी संभाले हाथ में एक दर्जन थे सिपाही ठाकुरों के साथ में
घेरकर बस्ती कहा हलके के थानेदार ने - "जिसका मंगल नाम हो वह व्यक्ति आए सामने"
निकला मंगल झोपड़ी का पल्ला थोड़ा खोलकर एक सिपाही ने तभी लाठी चलाई दौड़ कर
गिर पड़ा मंगल तो माथा बूट से टकरा गया सुन पड़ा फिर "माल वो चोरी का तूने क्या किया"
"कैसी चोरी, माल कैसा" उसने जैसे ही कहा एक लाठी फिर पड़ी बस होश फिर जाता रहा
होश खोकर वह पड़ा था झोपड़ी के द्वार पर ठाकुरों से फिर दरोगा ने कहा ललकार कर -
"मेरा मुँह क्या देखते हो ! इसके मुँह में थूक दो आग लाओ और इसकी झोपड़ी भी फूँक दो"
और फिर प्रतिशोध की आंधी वहाँ चलने लगी बेसहारा निर्बलों की झोपड़ी जलने लगी
दुधमुँहा बच्चा व बुड्ढा जो वहाँ खेड़े में था वह अभागा दीन हिंसक भीड़ के घेरे में था
घर को जलते देखकर वे होश को खोने लगे कुछ तो मन ही मन मगर कुछ जोर से रोने लगे
"कह दो इन कुत्तों के पिल्लों से कि इतराएँ नहीं हुक्म जब तक मैं न दूँ कोई कहीं जाए नहीं" यह दरोगा जी थे मुँह से शब्द झरते फूल से आ रहे थे ठेलते लोगों को अपने रूल से
फिर दहाड़े, "इनको डंडों से सुधारा जाएगा ठाकुरों से जो भी टकराया वो मारा जाएगा
इक सिपाही ने कहा, "साइकिल किधर को मोड़ दें होश में आया नहीं मंगल कहो तो छोड़ दें"
बोला थानेदार, "मुर्गे की तरह मत बांग दो होश में आया नहीं तो लाठियों पर टांग लो
ये समझते हैं कि ठाकुर से उलझना खेल है ऐसे पाजी का ठिकाना घर नहीं है, जेल है"
पूछते रहते हैं मुझसे लोग अकसर यह सवाल "कैसा है कहिए न सरजू पार की कृष्णा का हाल" उनकी उत्सुकता को शहरी नग्नता के ज्वार को सड़ रहे जनतंत्र के मक्कार पैरोकार को
धर्म संस्कृति और नैतिकता के ठेकेदार को प्रांत के मंत्रीगणों को केंद्र की सरकार को
मैं निमंत्रण दे रहा हूँ- आएँ ���ेरे गाँव में तट पे नदियों के घनी अमराइयों की छाँव में
गाँव जिसमें आज पांचाली उघाड़ी जा रही या अहिंसा की जहाँ पर नथ उतारी जा रही
हैं तरसते कितने ही मंगल लंगोटी के लिए बेचती है जिस्म कितनी कृष्ना रोटी के लिए!
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हिंदुओं की जान बचाई, घर में रखा, फिर बुर्के में छिपाकर भेजा घर... नूंह हिंसा के बीच मुस्लिम परिवार बना 'भगवान'
गुरुग्राम: नूंह हिंसा की आग हरियाणा के अन्य जिलों तक पहुंच गई है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल समेत कई जगहों पर हाइ अलर्ट है। पुलिस फोर्स तैनात है। सांप्रदायिक तनाव फैल रहा है। इसी सांप्रदायिक हिंसा और तनाव के बीच प्रेम और सद्भावनाओं की खबरें भी सामने आ रही हैं। सांप्रदायिक झड़प होने पर एक मुस्लिम परिवार ने हिंदू पिता-पुत्र और एक महिला पुलिसकर्मी के लिए अपने दरवाजे खोल दिए। इन पीड़ितों के पीछे हमलावर पड़े थे और वे जान बचाकर भाग रहे थे। मुस्लिम परिवार ने उन्हें शरण देकर उनकी जान बचाई। परिवार ने न केवल उन्हें हमलावरों से बचाया, बल्कि उन्हें भोजन दिया और घर के बाहर पहरा देकर उनकी रखवाली भी की, ताकि कोई उन पर हमला न कर सके।सोमवार शाम को हमलावर तितर-बितर किए गए। पुलिस की टीमें सड़कों पर थीं, तो परिवार ने पिता और पुत्र को मुस्लिम प्रतीकों वाली टी-शर्ट और पुलिसकर्मी को एक बुर्का दिया ताकि वे सुरक्षित अपने घर पहुंच सकें। प्रॉपर्टी देखने गए थे पिता-पुत्र सोहना निवासी प्रॉपर्टी डीलर करण सिंह और उनका छोटा बेटा विवेक एक प्लॉट देखने के लिए नूंह के पिनंगवान गए थे। लौटते समय दोनों पिता-पुत्र ने बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा में भाग लेने का फैसला किया। यह यात्रा नलहर में शिव मंदिर की ओर जा रही थी। वे दोनों कुछ किलोमीटर दूर तक इस यात्रा में चले। कुछ दूरी पर अचानक हमला हो गया। एसयूवी से खींचकर लाठियों से पीटने लगे विवेक सिंह और करण सिंह को उनकी एसयूवी से बाहर खींच लिया गया और लाठियों से पीटा गया। वे अपन�� जान बचाने के लिए भागे। भीड़ उनके पीछे भाग रही थी। उन्हें लगा शायद यह उनकी जिंदगी का आखिरी दिन होगा। लेकिन वे भागे जा रहे थे। बेदम पिता-पुत्र को एक घर में आश्रय मिला। मुस्लिम परिवार ने की सेवा यहां 15 लोगों का एक मुस्लिम संयुक्त परिवार था जो घर में रह रहा था। यहां के रहने वालों ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे अंदर सुरक्षित रहेंगे। कुछ मिनट बाद, दरवाजे पर फिर से तेज दस्तकें हुईं। इस बार पथराव कर रही भीड़ के बीच से भाग रहा पुलिसकर्मी महिला थी। परिवार ने उन्हें भी शरण दी। उन तीनों का अच्छे से ख्याल रखा और उन्हें सांत्वना भी दी। उन्हें आश्वासन दिया कि वे सुरक्षित घर पहुंचेंगे। इसलिए मुस्लिम परिवार का नहीं बताया नाम विवेक और करण ने उस मुस्लिम परिवार का नाम बताने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि अगर वे परिवार का नाम बताते हैं तो उन्हें अपने मुस्लिम समुदाय के लोगों की प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ सकता है। प्रॉपर्टी डीलर ने बताया, 'हमें अंदर जाने देने के बाद, वे घर के बाहर पहरा देते रहे ताकि कोई आसपास न जा सके। अगर कोई देवदूत है, तो वह वे ही हैं।' 5 घंटे तक मुस्लिम परिवार ने की सेवा सिंह, उनका बेटा विवेक और पुलिसकर्मी लगभग पांच घंटे तक घर में रहे। उन्हें खाना खिलाया, प्राथमिक उपचार किया और उन्हें किसी भी चीज की कमी नहीं होने दी। जब चीजें कुछ हद तक शांत हो गईं, तो उन्होंने मुझे और मेरे बेटे को मुस्लिम प्रतीकों वाली टी-शर्ट दी। पुलिस वाले को बुर्का दिया गया। जब तक सिंह अपनी फॉर्च्यूनर के पास लौटे, वह जलकर खाक हो चुकी थी। उसके अंदर छोड़े गए सभी दस्तावेज और उसका मोबाइल फोन भी जल गया। पुलिस की एक टीम पिता-पुत्र को उनके सोहना स्थित घर ले गई। http://dlvr.it/St4Pl9
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हिंदू रक्षा दल ने झुग्गियों में रह रहे लोगों पर लाठी-डंडों से किया जानलेवा हमला, कई लोग हुए घायल
Uttar Pradesh News: गाजियाबाद में हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं ने झुग्गियों पर अवैध बांग्लादेशी बताकर हमला किया। वहां रह रहे लोगों को लाठियों से पीटा, उनकी झोपड़ियों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। हमले में कई लोग घायल हो गए। हमलावर संगठन के कार्यकर्ताओं ने इसे बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों का बदला बताया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि जिन लोगों पर…
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पत्नी ने पीहर बुलाकर पति को पिटवाया:साले और 4 युवकों ने किया लाठियों से हमला, टाउन पुलिस थाना में मारपीट का मामला दर्ज
हनुमानगढ़। टाउन के नोरंगदेसर गांव में पत्नी ने उधार लिए रुपए लौटाने की बात कहकर पति को अपने पीहर बुलवाकर भाई और अन्य लोगों के हाथों पिटवा दिया। इस मामले में पति की ओर से अपनी पत्नी, सास, साले के अलावा 4 अन्य लोगों के खिलाफ टाउन पुलिस थाना में मारपीट और छीनाझपटी करने का मामला दर्ज कराया है।सरजीत (35) पुत्र महावीर नायक निवासी वार्ड 10, रायसिंहपुरा तहसील नोहर ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका ससुराल…
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#आम जन विकास समिति#क्षेत्रीय विधायक बामनवास#गंगापुर सिटी प्रकरण#गोकशी मामला#पंचायत समिति बामनवास#भाजपा कार्यकर्ता#भारतीय शिक्षा समिति जयपुर#-यहया करीमी#AVM#CHC#CHC Bamanwas#रोजगार मेला#गंगापुर सिटी
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हुरंगा की मस्ती में डूबा मुकुट मुखरबिंद मंदिर, पुष्प पंखुड़ियों ने बिखेरी सतरंगी चटा, चरकुला नृत्य ने मन मोहा
हुरंगा की मस्ती में डूबा मुकुट मुखरबिंद मंदिर, पुष्प पंखुड़ियों ने बिखेरी सतरंगी चटा, चरकुला नृत्य ने मन मोहा
गोवर्धन मुकुट मुखरबिंद मंदिर प्रांगण की छटा देवलोक सी नजर आई। हर तरफ हुरंगा की मस्ती छाई रही। हुरंगा शुरू होते ही आसमान से पुष्प पँखड़ियों और अबीर गुलाल की बरसात हुई तो मंदिर प्रांगण सतरंगी छटा और होली की मस्ती में हुरियारिन और हुरियारे सराबोर हो गए और डोल नगाड़े की धुनों पर झमकर थिरके। वहीं महिलाओं की चरकुला नृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। सोमवार को कपिल चतुर्वेदी एडवोकेट रिसीवर श्रीगिरिराज मुकुट मुखारविंद मंदिर मानसी गंगा दसविसा ब्राह्मण गोवर्धन के नेतत्व में मंदिर सेवायतों द्वारा फाग महोत्सव बड़े हो धूमधाम से मनाया गया। दसविसा ब्राह्मणन हुरियारिन और हुरियारों पर प्रेम पगी लाठियाँ बरसाईं। होली के रसियों, ढप, ढोल और नगाडे़ के साथ गाते-बजाते अपनी मस्ती में मस्त हुरियारे ने समाज गायन और हंसी-ठिठोली के बीच हुरियारे ने गुलाब की पंखुडियां बरसाईं तो हुरियारिनों ने लठ्ठ बरसाए। साँय पांच बजे हुरियारे ने चमकदार चुन्नी ओढ़े हुरंगा खलने को मुकुट मुखरविन्द मंदिर पहुँची। यहाँ हुरियारिन ने लाठी से हूला मारते हुए हुरियारे को हुरंगा खलने को उकसाया गया। इसी छेड़छाड़ के बीच एक हुरियारा लठामार का संकेत देता है। इसी के साथ हुरियारिन आगे बढ़ हुरियारों के झामों पर तड़ातड़ लाठियों की बौछार शुरू कर देती हैं। हुरियारे भी पूरे जोर शोर से हुरियारिनों को पीछे हटाने पर विवश कर देते हैं। हुरियारिनों का लठ लेकर आगे बढकर झाम पीटना और हुरियारों का उनको पीछे हटाने का क्रम घंटों बार बार चलता है। इसके बाद हुरियारे और हुरियारिन मंदिर प्रांगण में पहुँचकर ढ़ोल नगाड़े की धुन पर जमकर थिरके और महिलाओं ने चरकुला नृत्य की मनमोहिक प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। वहीं मंदिर रिसीवर कपिल चतुर्वेदी एडवोकेट ने हुरियारिन और हुरियारों को फागुआ उपहार वितरण कर शुभकामनायें दी।
हुरंगा की मस्ती में डूबा मुकुट मुखरबिंद मंदिर, पुष्प पंखुड़ियों ने बिखेरी सतरंगी चटा, चरकुला नृत्य ने मन मोहा Read the full article
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#WamanMeshram जिन लोगो ने जातियां बनायीं वह राष्ट्रद्रोही है| - हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बयान दिया था कि जातियां ब्राह्मणों ने ही बनायीं हैं। दरअसल, जातियां ब्राह्मणों ने बनायीं यह कबूल करने वाले मोहन भागवत पहले ब्राह्मण नहीं हैं। इसलिए, यह मानना मुर्खता होगी की ब्राह्मण लोग जाति उन्मूलन के लिए कुछ करेंगे। जिस तरह से पुरोहित वर्ग ने मोहन भागवत के इस बयान पर नाराजगी जताई उससे यह बात प्रमाणित होती हैं। जाति प्रथा की क्रूरता और अमानवीयता सती प्रथा जैसी प्रथा, जो अंग्रेजों के भारत में आने के पहले प्रचलन में थी, से पता चलता हैं। इस बर्बरतापूर्ण प्रथा का पालन केवल जातियों को बनाएं रखने के उद्देश से किया जाता था। जब किसी ब्राह्मण पुरुष की अकाली मृत्यू हो जाति थी, उसकी विधवा को उसकी चिता पर जिंदा जलाया जाता था। अगर वह औरत चिता से बाहर निकलने का प्रयास करती थी तो ब्राह्मण उसे लाठियों के मदद से अन्दर धकेलते थे, और जोर-जोर से ढोल बजाया जाता था ताकि उस औरत की चीखे किसी को सुनायी ना दे। आज भी ‘आनर किलिंग’ जैसी घटनाएं समाज में देखने को मिलती हैं। जब कोई लड़की अपनी जाति के बाहर के लड़के से शादी करना चाहती हैं तो उसके माता-पिता उसे मना करते हैं। अगर वह लड़की माता-पिता की बात मानने से इनकार करती हैं तो वह माता-पिता अपना ‘जाति अभिमान’ बचाने के खातिर उस लड़की की जान तक लेने में नहीं हिचकिचाते। यह दुःख की बात हैं कि यह प्रवृत्ति अधिकतर पढ़े-लिखे लोगों में पायी जाती हैं। ��हत्वपूर्ण सवाल यह हैं कि आखिर इसका खामियाजा औरत को ही क्यों भुगतना पड़ता हैं? इसका सरल कारण यह हैं कि यह ब्राह्मण समुदाय के लिए समुदाय का एक अनमोल सदस्य गवाना सुविधाजनक नहीं था क्यों कि ब्राह्मण समुदाय की लोकसंख्या पहले ही कम थी। ब्राह्मणों के नस्ल के संवर्धन के उद्देश से यह मेल नहीं खाता था। चूँकि यूरेशियन ब्राह्मण भारत पर आक्रमण के उद्देश से आए थे उन्होंने अपनी महिलाएं साथ नहीं लायी थी। अपना वंश बढ़ाने के लिए ब्राह्मण यहां की मूलनिवासी महिलाओं का इस्तेमाल करते थे, इसकी वजह से ब्राह्मणों का उनकें प्रती कोई खास लगाव नहीं था। मूलनिवासी महिला तो यूरेशियन ब्राम्हणों लिए केवल भोग की वस्तु मात्र थी। दूसरा अधिक मानवीय उपाय ब्राह्मणों के पास था, उस विधवा औरत को उसकी बाकि सारी जिन्दगी अकेले गुजारने के लिए मजबूर करना। इस तरह विधवा महिलाओं को सिर मुंडवाकर सफ़ेद कपडे पहने, पुनर्विवाह किये बगैर दुखभरा जिवन जीने के लिए मजबूर किया जाता था ताकि उसकी वजह से एक विवाह योग्य ब्राह्मण पुरुष ना https://www.instagram.com/p/CpDqwbdMPuj/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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#कौशाम्बी : कलयुगी बेटे ने पिता को लाठियों से पीटकर उतारा मौत के घाट, पुलिस ने गिरफ्तार कर भेज दिया जेल... #kaushambi पूरी खबर पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें-http://www.tbnews.in/2023/02/blog-post_16.html https://www.instagram.com/p/Copv08WvhKJ/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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