#लद्दाख नई दिल्ली
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भारतीय सेना के जवानों ने लद्दाख में चीनी आक्रामकता के खिलाफ मोर्चा संभाला, PLA को पीछे हटने के लिए मजबूर किया...
Home News भारतीय सेना के जवानों ने लद्दाख में चीनी आक्रामकता के खिलाफ मोर्चा संभाला, PLA को पीछे हटने पर मजबूर किया… भारतीय सेना का यह साहस रंग लाया है। (फाइल) नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना के 50,000 जवानों की दृढ़ता अब रंग लाने लगी है. साल 2020 में गलवान हिंसा के बाद से भारतीय सेना के ये वीर जवान कड़ाके की सर्दी में भी चीन के खिलाफ डटे हुए हैं. भारतीय सेना का यह साहस रंग लाने लगा है…
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भारत, चीन ने पूर्वी लद्दाख में सेना की वापसी शुरू की | भारत समाचार
नई दिल्ली: भारतीय और चीनी सैनिकों ने देपसांग में चरणों में पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है डेमचोक में पूर्वी लद्दाखयहां तक कि रक्षा मंत्री के रूप में भी -राजनाथ सिंह गुरुवार को कहा गया कि समान और पारस्परिक सुरक्षा के सिद्धांतों पर कुछ क्षेत्रों में “जमीनी स्थिति” बहाल करने के लिए “व्यापक सहमति” बन गई है।एक सूत्र ने टीओआई को बताया, “मई 2020 के बाद दोनों आमने-सामने की जगहों पर बनाई गई…
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दिल्ली पुलिस ने लद्दाख भवन के पास 30 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया
सोनम वांगचुक को हिरासत में नहीं लिया गया है। लेखक: एक्सप्रेस न्यूज़ सर्विस नई दिल्ली | अपडेट: 13 अक्टूबर, 2024, 15:27 IST रविवार को दिल्ली पुलिस ने लद्दाख भवन के पास 30 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। यह घटनाक्रम उस समय सामने आया जब लद्दाख के प्रमुख पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का आठवां दिन था। वह लद्दाख के प्रशासन के लिए अधिक स्वायत्तता की मांग कर रहे…
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लद्दाख से दिल्ली का सफर, 100 लोगों की टीम के साथ 1000 किमी पैदल क्यों चले सोनम वांगचुक?
लेह से चलकर दिल्ली पहुंचे एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक और उनके 100 से ज्यादा साथियों को दिल्ली पुलिस ने सोमवार की रात सिंघु बॉर्डर पर हिरासत में ले लिया. इस मामले पर राजनीति भी हो रही है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोनम वांगचुक को हिरासत में लिए जाने पर सरकार पर तीखा वार किया. वांगचुक और अन्य एक्टिविस्ट लद्दाख से नई दिल्ली तक पैदल मार्च पर निकले थे,…
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बिहार-झारखंड समेत इन राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी, जानें अपने इलाके के मौसम का ताजा हाल
अगले 24 घंटों के दौरान असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के मुताबिक आज दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश हो सकती है। नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में आज सुबह बारिश हुई। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने बताया कि इस हफ्ते जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद,…
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LAC पर चीन के साथ क्यों नहीं बन पा रही बात? नो-पेट्रोलिंग या फिर नियंत्रित पेट्रोलिंग, जानें कहां है गतिरोध
नई दिल्ली : ईस्टर्न लद्दाख में LAC पर भारत और चीन के बीच गतिरोध खत्म करने के लिए एक बार फिर बुधवार को इंडिया- चीन बॉर्डर अफेयर्स पर WMCC की मीटिंग हुई। WMCC यानी वर्किंग मेकेनिजम फॉर कंसल्टेशन एंड कॉर्डिनेशन। अब उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही भारत और चीन की सेना के बीच कोर कमांडर स्तर की मीटिंग होगी। डेपसांग और डेमचॉक दो ऐसे पॉइंट हैं जहां अब भी विवाद बना हुआ है। हर मीटिंग में इन दो पॉइंट को लेकर बातचीत हो रही है। पेट्रोलिंग हो या नहीं इस पर अटकी है बात सूत्रों के मुताबिक बातचीत इस पर अटकी हुई है कि विवाद के इन दो पॉइंट यानी डेपसांग और डेमचॉक में पेट्रोलिंग यानी सैनिकों की गश्ती हो या नहीं। सूत्रों के मुताबिक चीन की तरफ से हर मीटिंग में यह कहा जा रहा है कि यहां नो-पेट्रो��िंग जोन बना दिया जाए यानी न तो चीनी सैनिक गश्ती करें ना ही भारतीय सैनिक। लेकिन भारत की तरफ से कहा जा रहा है कि नो-पेट्रोलिंग की बजाय कंट्रोल्ड पेट्रोलिंग यानी नियंत्रित पेट्रोलिंग की जाए। इसी बिंदु पर बात अटकी है। सूत्रों का कहना है कि भारत नहीं चाहता कि वहां नो-पेट्रोलिंग जोन बनाया जाए। अब तक कोर कमांडर स्तर की 21 मीटिंग ��ो चुकी हैं। 21 वें दौर की मीटिंग फरवरी में हुई थी। उसमें भी ��ात नहीं बनी। हालांकि दोनों तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि दोनों पक्ष गतिरोध को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और लगातार बातचीत जारी रहेगी साथ ही दोनों पक्ष जमीनी स्तर पर शांति बनाए रखने पर राजी हैं। चार जगह पहले ही बने हैं नो-पेट्रोलिंग जोन मई 2020 में ईस्टर्न लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव शुरु हुआ था, जब चीनी सैनिक कई जगहों पर आगे आ गए थे। बातचीत के बाद चार जगहों पर डिसइंगेजमेंट हुआ। यानी दोनों देशों के सैनिकों ने अपने सैनिकों को पीछे किया। सबसे पहले पैंगोंग एरिया यानी फिंगर एरिया और गलवान में पीपी-14 में डिसइंगेजमेंट हुआ, फिर गोगरा में पीपी-17 से सैनिक हटे, फिर गोगरा-हॉट स्प्रिंग एरिया में पीपी-15 से सैनिक पीछे हटे । जिन जगहों पर डिसइंगेजमेंट हुआ वहां पर नो-पेट्रोलिंग जोन बने हैं। यानी जब तक दोनों देश मिलकर कुछ रास्ता नहीं निकाल लेते तब तक इन चारों जगहों पर 1 किलोमीटर से लेकर 3 किलोमीटर तक का एरिया नो-पेट्रोलिंग जोन है यानी यहां कोई पेट्रोलिंग (गश्ती) नहीं करेगा। स्थिति सामान्य होने में लगेगा लंबा वक्त ईस्टर्न लद्दाख में स्थिति पहले की तरह सामान्य होने में लंबा वक्त लगेगा। जब तक दोनों देश सैनिकों को पीछे हटाकर और हथियारों को तैनाती से हटाकर पीस पोजिशन नहीं भेज देते तब तक स्थिति सामान्य नहीं कही जा सकती। डिसइंगेजमेंट के बाद की प्रक्रिया है डी-एस्केलेशन। जिसका मतलब है कि दोनों देशों के सैनिक और सैन्य साजोसामान जो इस तरह तैनात किया गया है कि जरूरत पड़ने पर कभी भी एक दूसरे पर हमला हो सकता है, उसे सामान्य स्थिति में लाना। जिन चार पॉइंट पर डिसइंगेजमेंट हुआ हैं वहां अभी भी सैनिक और हथियार दोनों एक दूसरे की रेंज पर हैं। डिसइंगेजमेंट और डीएस्केलेशन के बाद की प्रकिया होगी डी-इंडक्शन। यानी जो भारी तादाद में सैनिक और सैन्य साजो सामान वहां तैनात है उसे वापस अपनी पुरानी पोजिशन में भेजना। अभी वहां दोनों तरफ से 50-50 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात हैं। http://dlvr.it/TBMnLC
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Jamshedpur bjp leader : भाजपा कार्यसमिति सदस्य कुलवंत सिंह बंटी ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव से की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई बात
जमशेदपुर : भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और खादी बोर्ड के पूर्व सदस्य कुलवंत सिंह बंटी ने शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरूण चुघ से नई दिल्ली के भाजपा राष्ट्रीय कार्यालय में एक शिष्टाचार मुलाकात की. इस दौरान श्री बंटी ने उन्हें पुष्प गुच्छ देखकर गर्मजोशी से स्वागत किया. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरूण चुघ को जम्मू कश्मीर और लद्दाख का चुनाव प्रभारी भी नियुक्त किया गया है. बताया जाता है…

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Republic Day 2024 Weekend: गणतंत्र दिवस 2024 के मौके पर घूमने के लिए बेस्ट हैं भारत की ये ऐतिहासिक जगहें

जैसा कि भारत 26 जनवरी, 2024 को अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने के लिए तैयार है, विस्तारित तीन दिवसीय सप्ताहांत देश के समृद्ध इतिहास और विविध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाने का एक उपयुक्त अवसर प्रस्तुत करता है। यह लंबा सप्ताहांत भारत के कुछ सबसे प्रतिष्ठित ऐतिहासिक स्थलों, प्रेरणादायक प्रतिबिंब और राष्ट्रीय गौरव की एक नई भावना के लिए देशभक्तिपूर्ण तीर्थयात्रा पर जाने का मौका प्रदान करता है।
Republic Day 2024 Weekend: राजधानी नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह की भव्यता का गवाह बनें, जहां राजसी 'कर्तव्य पथ' (जिसे पहले राजपथ के नाम से जाना जाता था) जीवंत रंगों और सांस्कृतिक प्रदर्शनों की जीवंत झांकी में बदल जाता है। देश की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन और विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों की समृद्ध विरासत का प्रदर्शन करने वाली लुभावनी परेड को देखें। राष्ट्रीय ध्वज फहराते ही देशभक्ति की लहर महसूस करें और संविधान की प्रस्तावना के प्रेरक शब्द हवा में गूंजते हैं।
Republic Day 2024 Weekend: हड़प्पा और मोहनजो-दारो के आकर्षक सिंधु घाटी
सभ्यता स्थलों का दौरा करके भारत के प्राचीन इतिहास के केंद्र में उद्यम करें। जब आप उल्लेखनीय रूप से अच्छी तरह से संरक्षित खंडहरों को देखकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं, तो आप बीते युग के रहस्यों को उजागर करते हैं, जटिल शहर योजना, पर���ष्कृत जल निकासी प्रणाली और हजारों साल पहले इन शहरों में रहने वाले लोगों के जीवन की एक झलक दिखाते हैं।
Republic Day 2024 Weekend: सेलुलर जेल देखने के लिए बंगाल की खाड़ी में एक सुदूर द्वीपसमूह
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की यात्रा, जो स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष की एक स्पष्ट याद दिलाती है। इसकी उदास दीवारों में बलिदान और लचीलेपन की कहानियां हैं, जो उन स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक मार्मिक श्रद्धांजलि है, जिन्होंने इसकी सीमाओं के भीतर अकल्पनीय कठिनाइयों को सहन किया।
Republic Day 2024 Weekend: दिल्ली में लाल किले
वास्तुशिल्प चमत्कारों की खोज करें जो मुगल साम्राज्य की भव्यता का प्रमाण है। प्रतिष्ठित लाहौरी गेट और दीवान-ए-खास सहित किले की संरचनाओं की जटिल नक्काशी और आश्चर्यजनक समरूपता की प्रशंसा करें, जहां एक बार मुगल सम्राटों ने दरबार लगाया था।
Republic Day 2024 Weekend:अहमदाबाद में प्रतिष्ठित साबरमती आश्रम का दौरा
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और शिक्षाओं में डूब जाएं। उस विनम्र निवास से गुजरें जहां गांधीजी रहते थे और काम करते थे, और उनके अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों के बारे में जानकारी प्राप्त करते थे।
साहसी लोगों के लिए,Republic Day 2024 Weekend पर हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों की रोमांचक यात्रा पर निकलें। लद्दाख की प्राचीन सुंदरता का अन्वेषण करें, जहां ऊंचे पहाड़, नीली झीलें और प्राचीन मठ आपकी खोज का इंतजार कर रहे हैं। लुभावने परिदृश्यों के बीच अविस्मरणीय यादें बनाते हुए ट्रैकिंग, पर्वतारोहण और सांस्कृतिक पर्यटन जैसी रोमांचक गतिविधियों में शामिल हों।
जैसे ही आप इस देशभक्तिपूर्ण तीर्थयात्रा Republic Day 2024 Weekend पर निकलें, उन बहादुर पुरुषों और महिलाओं द्वारा किए गए बलिदान को याद करें जिन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। एकता और विविधता की भावना को अपने भीतर गूंजने दें और संविधान में निहित आदर्शों को बनाए रखने का प्रयास करें। इस गणतंत्र दिवस लंबे सप्ताहांत में, अपने आप को भारत के समृद्ध इतिहास और विरासत में डुबो दें, नए सिरे से गर्व और उद्देश्य की भावना के साथ लौटें।
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चीन ने जारी किया नया नक्शा, भारत ने की आपत्ति
नई दिल्ली। चीन हमेंशा से अपनी सम्राज्यवादी नीतियों के चलते अपने पडोसी देशों को घेरने का प्रयास करता रहता हैं। वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अपना नया नक्शा जारी किया हैं। जिसमें अरूणाचल प्रदेश और लद्दाख को नक्शे में शामिल किया हैं। वहीं चीन के इस कदम पर भारत ने भारत ने कड़ी आपत्ति जताई हैं।
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सीडीएस अनिल चौहान से मंत्री गणेश जोशी ने की मुलाकात, उत्तराखण्ड को ऑपरेशन सद्भावना में सम्मिलित करने की मांग
नई दिल्ली: सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को नई दिल्ली में सीडीएस चीफ आफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान से शिष्टाचार भेंट की। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सीडीएस अनिल चौहान से जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख की भांति उत्तराखण्ड के चीन सीमा से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों को ऑपरेशन सद्भावना में सम्मिलित करने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा उत्तराखंड की भौगोलिक और सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है औ��…

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उत्तराखण्ड को जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख की भांति ऑपरेशन सद्भावना में सम्मिलित किया जाए: गणेश जोशी
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उत्तराखण्ड को जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख की भांति ऑपरेशन सद्भावना में सम्मिलित किया जाए: गणेश जोशी
नई दिल्ली, 07 अगस्त। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को नई दिल्ली में सीडीएस चीफ आफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान से शिष्टाचार भेंट की।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सीडीएस अनिल चौहान से जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख की भांति करने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा उत्तराखंड की भौगोलिक और सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है और उत्तराखंड के जनपद पिथौरागढ़ के 119 ब्रिगेड तथा जनपद चमोली के जोशीमठ में सेना के 09 ब्रिगेड को ऑपरेशन सद्भावना में सम्मिलित किया जाए।
सैनिक कल्याण मंत्री ने डोईवाला में कैंटीन खोलने के प्रस्ताव को शीघ्र स्वीकृति का आग्रह किया और प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए आवश्यकतानुसार अन्य स्थानांे में कैंटीन खोलने पर विचार करने का अनुरोध किय। इसके अतिरिक्त, देहरादून में निर्माण हो रहे सैन्य धाम को लेकर भी चर्चा की गई। जिसमें सैनिक कल्याण मंत्री ने सीडीएस से उत्तराखंड के वीर योद्धाओं द्वारा युद्ध के दौरान इस्तेमाल शस्त्रों को भी सैन्य धाम में स्थापित किया जाने का आग्रह किया ताकि युवा पीढ़ी देश की सेना के प्रति आकर्षित हो सके।
ज्ञात हो, कि ऑपरेशन सद्भावना विशेष रूप से नियंत्रण रेखा के पास ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू किया गया है। इसके तहत कई कल्याणकारी पहल की जाती है। जिसमें बुनियादी ढांचा विकास, चिकित्सा देखभाल, महिला और युवा सशक्तीकरण, शैक्षिक पर्यटन और खेलकूद टूर्नामेंट शामिल हैं। परियोजनाओं को स्थानीय आबादी की जरूरतों और इच्छाओं के अनुसार योजनाबद्ध किया जाता है और सफल दीक्षा के बाद राज्य सरकार को सौंप दिया जाता है। ‘ऑपरेशन सद्भावना ’भारतीय सेना द्वारा जम्मू-कश्मीर में आबादी के करीब आने और आपसी विश्वास और विश्वास विकसित करने का संकल्प है।
इन सभी बिंदुओं पर सीडीएस अनिल चौहान ने सकारात्मक आश्वासन देते हुए मामले में शीघ्र कार्यवाही का भरोसा दिलाया।
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मानवता को आईना दिखाता है साहित्य : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
भोपाल/नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भोपाल में कहा, ‘आज 140 करोड़ देशवासियों का मेरा परिवार है। सभी भाषाएं और बोलियां मेरी अपनी हैं। हमारी परंपरा में ‘यत्र विश्वम् भत्येकनीडम्’ (जहां सारा विश्व चिड़ियों का एक घोंसला बनके रहे ) की भावना प्राचीनकाल से है। राष्ट्रप्रेम और विश्व बंधुत्व के आदर्श का संगम हमारे देश में दिखाई देता रहता है।’ राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद मेरी सबसे ज्यादा यात्राएं मध्य प्रदेश में हुई है। यह मेरी मध्य प्रदेश में 5वीं यात्रा है, आप सभी से मिले इस प्यार के लिए धन्यवाद। उन्मेष का अर्थ आंखों का खुलना भी होता है और फूलों का खुलना भी। हमारी परंपरा में “यत्र विश्वं भवत्येकनीडम्” की भावना प्राचीन काल से आ���ुनिक युग तक निरंतर व्यक्त होती जा रही है। राष्ट्रप्रेम और विश्व बंधुत्व के आदर्श का संगम हमारे देश की चिंतन धाराओं में सदैव दिखाई देता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को राजधानी भोपाल में भारत की लोक एवं जनजाति अभिव्यक्तियों के राष्ट्रीय उत्सव उत्कर्ष और उन्मेष उत्सव का शुभारंभ किया। इस मौके पर राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे। आज सुबह साढ़े ग्यारह बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भोपाल पहुंचने पर राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उनकी अगवानी की। विमानतल से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आयोजन स्थल रवीन्द्र भवन के हंसध्वनि सभागार पहुंची। उन्होंने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। राष्ट्रपति ने कहा कि आज 140 करोड़ देशवासियों का मेरा परिवार है और सभी भाषाएं व बोलियां मेरी अपनी हैं। हमारा सामूहिक प्रयास अपनी संस्कृति, लोकाचार, रीति-रिवाज और प्राकृतिक परिवेश को सुरक्षित रखने का होना चाहिए। हमारे जनजाति समुदाय के भाई-बहन और युवा आधुनिक विकास में भागीदार बनें। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार अंतर्गत संगीत नाटक अकादमी और साहित्य अकादमी द्वारा संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश शासन के सहयोग से भोपाल में पहली बार 3 से 5 अगस्त तक भारत की लोक एवं जनजाति अभिव्यक्तियों के राष्ट्रीय उत्सव उत्कर्ष एवं उन्मेष का आयोजन हो रहा है। उत्कर्ष उत्सव में देश के 36 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के लगभग 800 कलाकार लोक एवं जनजातीय प्रदर्शन कलाओं की सतरंगी छटा बिखेरेंगे। उत्सव का प्रसारण संगीत नाटक अकादमी के फेसबुक और यूट्यूब चैनल सहित संस्कृति विभाग के फेसबुक और यूट्यूब चैनल पर किया जा रहा है।
उत्कर्ष में शाम 5 बजे से होंगी नृत्यों की प्रस्तुतियां
उत्कर्ष उत्सव में शाम 5 बजे से रवीन्द्र भवन के सभागार में भारत के लोक-नृत्य और जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुति दी जाएगी। लेह एवं लद्दाख का जबरो नृत्य, नागालैंड का सुमी वार, गोवा का समय, सिक्किम का सिंधी छम, मध्यप्रदेश का राई एवं नरेरी, मेघालय का बांग्ला, महाराष्ट्र का लावणी, असम का बीहू, ओडिसा का सिंगारी, झारखंड का पाईका और आंध्र प्रदेश के टप्पेटा गुल्लू नृत्य की प्रस्तुति यहां होगी।
एशिया का सबसे बड़ा साहित्यिक सम्मेलन
उन्मेष उत्सव एशिया का सबसे बड़ा साहित्यिक सम्मेलन है। इसमें बहुभाषी कविता पाठ, लेखन, आदिवासी कवि सम्मेलन, साहित्य के विषयों पर परिचर्चा, आजादी का अमृत महोत्सव पर कविता पाठ और साहित्य के उत्थान संबंधी विभिन्�� विषय पर प्रबुद्धजन द्वारा विमर्श किया जाएगा। साथ ही पुस्तक मेला में साहित्य अकादमी और अन्य प्रकाशकों की पुस्तकें बिक्री के लिए सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक उपलब्ध रहेंगी। उत्सव के दौरान साहित्य अकादमी द्वारा प्रख्यात लेखकों पर बनी डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई जायेगी। उत्कर्ष उत्सव’ 3 से 5 अगस्त तक चलेगा। ‘उन्मेष उत्सव’ 3 से 6 अगस्त तक चलेगा। देशभर के 500 कलाकार इस कार्यक्रम में नृत्य प्रस्तुति देंगे। संस्कृति मंत्रालय के संगीत नाटक एवं साहित्य अकादमी, संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश के सहयोग से यह आयोजन हो रहा है। पिछली बार शिमला में यह आयोजन हुआ था। मध्यप्रदेश में पहली बार हो रहा है।
साहित्य जुड़ता भी है और जोड़ता भी है
प्रेसिडेंट ने कहा, ‘साहित्य और कला ने मानवता को बचाए रखा है। साहित्य जुड़ता भी है और लोगों को जोड़ता भी है। हमारा सामूहिक प्रयास अपनी संस्कृति, लोकाचार, रीति-रिवाज और प्राकृतिक परिवेश को सुरक्षित रखने का होना चाहिए। हमारे जनजाती समुदाय के भाई-बहन और युवा आधुनिक विकास में भागीदार बनें।’ प्रेसिडेंट ने कहा, ‘भारत में 700 कम्युनिटी के आदिवासी, लेकिन उनकी भाषाएं इससे ज्यादा हैं। भाषाओं को बचाकर रखना लेखकों का कर्तव्य है। यह हम सभी का भी दायित्व है।’ Read the full article
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सेना: चीन ने पूरे पूर्वी लद्दाख में काफी संख्या में सैनिकों को तैनात किया है: सेना प्रमुख | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
सेना: चीन ने पूरे पूर्वी लद्दाख में काफी संख्या में सैनिकों को तैनात किया है: सेना प्रमुख | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली : चीन ने अपने सैनिकों को काफी संख्या में हर तरफ तैनात कर दिया है पूर्वी लद्दाख तथा उत्तरी हमारे पूर्वी कमान के ठीक सामने, सेना चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवाने सोमवार को कहा। सेना प्रमुख ने एक साक्षात्कार में कहा कि अग्रिम क्षेत्रों में उनकी तैनाती में वृद्धि हुई है जो भारत के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। एएनआई. यह भारत-चीन सीमा पर मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए पूर्वी लद्दाख में…

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Top 10 RIVER In India
बहुत कम लोग होंगे जो भारत की 10 सबसे लंबी नदियों को जानते होंगे। दरअसल, यह सवाल सुनने में आसान लगता है। लेकिन हकीकत में यह मुश्किल है। हमारा देश एक बहुत बड़ा और धार्मिक देश है। हमारे देश को नदियों का देश भी कहा जाता है। यहां कई नदियां बहती हैं। भारत के कोने-कोने से नदियाँ बहती हैं। इन नदियों में सवाल उठता है कि भारत से होकर बहने वाली सबसे लंबी नदियां कौन सी हैं, जो भारत से शुरू होकर भारत में ही समाप्त होने वाली सबसे लंबी नदियां हैं। इसके साथ ही भारत की सबसे बड़ी नदियां कौन सी और कहां से बहती हैं। भारत के चारों ओर नदियाँ बहती हैं। भारत में 200 बड़ी और छोटी नदियाँ हैं। भारत की अधिकांश नदियाँ ब��गाल की खाड़ी में मिल जाती हैं। लेकिन भारत की केवल 3 नदियां हैं जो अरब सागर में मिल जाती हैं। इन नदियों का उद्गम हिमालय, दक्षिण, पश्चिम और तटीय क्षेत्रों आदि से होता है। ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि इतनी नदियों में सबसे लंबी नदी कौन सी है। तो आइए अब हम आपको भारत की 10 सबसे लंबी नदियों के बारे में बताते हैं।
भारत के सभी प्रमुख नदियों के नाम | List of longest river in india.
गंगा नदी भारत की सबसे प्रसिद्ध नदी गंगा को प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लंबी नदी कहा जाता है। गंगा का उद्गम गंगोत्री ग्लेशियर है जो उत्तराखंड राज्य में स्थित है। गंगा नदी की लंबाई लगभग 2704 किलोमीटर है जिसके कारण इसे सबसे लंबी नदी कहा जाता है। गंगा नदी हिमालय पर्वत में स्थित गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है और बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
ब्रह्मपुत्र नदी लंबाई की दृष्टि से देखा जाए तो ब्रह्मपुत्र सबसे लंबी नदी है। ब्रह्मपुत्र नदी की लंबाई लगभग 2900 किलोमीटर है, जो भारत में केवल 916 किलोमीटर की दूरी तय करती है। ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत में कैलाश मानसरोवर से निकलती है, भारत का अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करता है। अरुणाचल के बाद, असम फिर बांग्लादेश में प्रवेश करता है और अंत में बंगाल की खाड़ी में मिल जाता है।
सिंधु नदी सिंधु नदी भारत, पाकिस्तान और चीन तीनों देशों से होकर गुजरती है। सिंधु नदी का उद्गम तिब्बत में मानसरोवर झील है। सिंधु नदी पंजाब, लद्दाख, भारत के रास्ते पाकिस्तान में गिलगित में प्रवेश करती है। सिंधु नदी की लंबाई लगभग 3180 किलोमीटर है लेकिन भारत में इसकी लंबाई केवल 1114 किलोमीटर है।
गोदावरी नदी गोदावरी दक्षिण भारत की सबसे लंबी नदी है। गोदावरी नदी को दक्षिण भारत की गंगा भी कहा जाता है। गोदावरी नदी की लंबाई लगभग 1465 किलोमीटर है। गोदावरी नदी नासिक के त्र्यंबकेश्वर से निकलती है और फिर तेलंगाना, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश के रास्ते बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
कृष्णा नदी कृष्णा नदी महाबलेश्वर के पास पश्चिमी घाट की पहाड़ियों से निकलती है। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से करीब 1337 किमी है। कृष्णा नदी की लंबाई 1401 किमी है। कृष्णा नदी अंत में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। कृष्णा नदी इन चार राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश से होकर गुजरती है।
यमुना नदी यमुना भी भारत की एक प्रमुख नदी है। यमुना नदी का उद्गम यमुनोत्री ग्लेशियर है। यमुनोत्री ग्लेशियर भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है। यमुनोत्री ग्लेशियर की समुद्र तल से ऊंचाई 6316 मीटर है। यमुना नदी की लंबाई लगभग 1345 किमी है। यमुना नदी उत्तराखंड, नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से होकर गुजरती है।
नर्मदा नदी नर्मदा नदी विंध्याचल पर्वत में अमरकंटक नामक स्थान से निकलती है। अमरकंटक की समुद्र तल से ऊंचाई 1057 मीटर है। नर्मदा नदी की लंबाई लगभग 1312 किमी है। यह भारत, मध्य प्रदेश और गुजरात के कुल 2 राज्यों की जीवन रेखा के रूप में कार्य करता है।
सतलुज नदी सतलुज नदी का स्रोत तिब्बत में मसोरावर झील के पास राकस ताल झील है। राकस ताल झील की समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 4555 मीटर है। सतलुज नदी की लंबाई करीब 1500 किमी है। ��ारत में इसकी लंबाई लगभग 1050 किमी है।
घाघरा नदी घाघरा नदी नेपाल में टकलाकोट नामक स्थान से 37 किमी दूर मपसतुंग नामक ग्लेशियर से निकलती है। इस नदी की लंबाई करीब 1080 किमी है। यह शिवालिक को पार करती है और शेषपानी नाम का एक विशाल गड्ढा बनाती है। इस गड्ढे की ऊंचाई 180 मीटर है।
चंबल नदी चंबल नदी का उद्गम मध्य प्रदेश में मऊ के पास स्थित जन पौन पर्वत है। जाना पौन पहाड़ी समुद्र तल से करीब 616 मीटर ऊपर है। चंबल नदी भारत में लगभग 1050 किमी तक फैली हुई है। चंबल नदी उत्तर प्रदेश में इटावा पहुँचती है और यमुना नदी में मिल जाती है।
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जुलाई की होगी भरपाई या रहेगा सूखा! अगस्त-सितंबर में कैसी रहेगी बारिश, मौसम विभाग ने कर दी भविष्यवाणी
नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर में बारिश का असर सड़कों पर देखने को मिल रहा है। जुलाई के महीने में उमस और गर्मी झेल रहे लोगों आने वाले समय में राहत मिल सकती है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने गुरुवार को पूर्वानुमान लगाया कि अगस्त और सितंबर के महीने में भारत में औसत से अधिक बारिश दर्ज की जाएगी। साथ ही इस महीने के अंत तक अनुकूल ला नीना की स्थिति बनने की प्रबल संभावना है। IMD ने पूर्वानुमान लगाया कि देश भर में बारिश लंबी अवधि के औसत का 106 प्रतिशत होगी, जो 422.8 मिमी है। अब तक कितनी हुई बारिश? जून की शुरुआत से अब तक भारत में 453.8 मिमी बारिश हुई है। यह सामान्य स्तर 445.8 मिमी से दो प्रतिशत अधिक है। इस सरप्लस का श्रेय जून के सूखे के बाद जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश को दिया जा सकता है। आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, देश के अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है। हालांकि, पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों, पूर्वी भारत से सटे लद्दाख, सौराष्ट्र और कच्छ के साथ-साथ मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ इलाकों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में कम बारिश भारत के कृषि क्षेत्र में मानसून की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसकी वजह है कि कुल खेती योग्य क्षेत्र का 52 प्रतिशत हिस्सा इस पर निर्भर करता है। जलाशयों को भरने के लिए प्राथमिक वर्षा-असर प्रणाली आवश्यक है, जो पूरे देश में पेयजल उपलब्ध कराने और बिजली उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है। आईएमडी प्रमुख ने दो महीनों के दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के कुछ इलाकों में औसत से कम वर्षा की आशंका जताई है। देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है। कहां-कहां कितनी बारिश? महापात्र ने कहा कि गंगा के मैदानी इलाकों, मध्य भारत और भारत के दक्षिण-पूर्वी तट के कुछ इलाकों में सामान्य से कम अधिकतम तापमान रहने की संभावना है। जुलाई के महीने में भारत में औसत से नौ प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई, जबकि मध्य क्षेत्र में 33 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। आईएमडी प्रमुख ने कहा कि 29 जुलाई को केरल के लिए रेड अलर्ट घोषित किया गया था। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए चेतावनी जारी की गई थी। http://dlvr.it/TBMPPm
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India-China की डिजिटल वार्ता, Eastern Ladakh में तनाव घटाने के लिए बातचीत जारी रखने पर जताई सहमति
India-China की डिजिटल वार्ता, Eastern Ladakh में तनाव घटाने के लिए बातचीत जारी रखने पर जताई सहमति
नई दिल्ली: भारत (India) और चीन (China) ने पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शेष मुद्दों के समाधान को लेकर शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चर्चा की. दोनों पक्षों ने कहा कि पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से सैनिकों को पीछे हटाने के कदम ने बाकी मुद्दों के समाधान के लिए अच्छा आधार प्रदान किया है. किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए दोनों पक्ष सहमत विदेश…
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