#लद्दाख चीन सेना भारत
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indlivebulletin · 19 days ago
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LAC से चीन सैनिकों की वापसी, अब भारतीय सेना उठा रही ये कदम
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हाल ही में हुई सैन्य वापसी के बाद भारत ने एक रणनीतिक कदम उठाया है. इसके तहत भारत ‘पूर्वी प्रहार’ नाम का एक ट्राई सर्विस मिलिट्री एक्सरसाइज कर रहा है. इस अभ्यास का उद्देश्य पूर्वी सीमा पर भारत की एकीकृत रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन करना है. पूर्वी प्रहार अभ्यास में भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के समन्वित प्रयास शामिल हो रहे हैं. इस अभ्यास के दौरान वो…
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rightnewshindi · 21 days ago
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LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर आमने-सामने आए भारत और चीन? भारतीय सेना ने बताई सच्चाई
India China Relations: पूर्वी लद्दाख के देपसांग क्षेत्र में भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता में गतिरोध होने की अटकलों को भारतीय सेना ने खारिज कर दिया है। सेना ने गुरुवार को अपने X (ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट करत�� हुए कहा कि कोई भी बाधा या विरोध उत्पन्न नहीं हुआ है। सेना ने कुछ मीडिया रिपोर्टों को “काल्पनिक और तथ्यहीन” बताया। सेना के अतिरिक्त महानिदेशक जनसंपर्क ने कहा कि बुधवार और गुरुवार को प्रकाशित…
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latestnewsandjokes · 1 month ago
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भारत, चीन ने पूर्वी लद्दाख में सेना की वापसी शुरू की | भारत समाचार
नई दिल्ली: भारतीय और चीनी सैनिकों ने देपसांग में चरणों में पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है डेमचोक में पूर्वी लद्दाखयहां तक ​​कि रक्षा मंत्री के रूप में भी -राजनाथ सिंह गुरुवार को कहा गया कि समान और पारस्परिक सुरक्षा के सिद्धांतों पर कुछ क्षेत्रों में “जमीनी स्थिति” बहाल करने के लिए “व्यापक सहमति” बन गई है।एक सूत्र ने टीओआई को बताया, “मई 2020 के बाद दोनों आमने-सामने की जगहों पर बनाई गई…
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eradioindia · 2 months ago
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India China News: धूर्त चीन की बौखलाहट
India China News: भारत के सेना प्रमुख व जनरल उपेन्द्र द्विवेदी का यह कहना कि पूर्वी लद्दाख में स्थिति स्थिर है किन्तु सामान्य नहीं, का मतलब बिल्कुल स्पष्ट है कि कूटनीति के मोर्चे पर दोनों देश एक दूसरे को बातचीत में उलझाए हुए हैं जबकि सशस्त्र सेना बल जो उस क्षेत्र में तैनात हैं वह घात लगाए अवसर की तलाश में हैं। जब सैन्य प्रतिष्ठान और सरकार शांति के लिए अपनी शर्तो पर समझौते की रणनीति बनाने में लगी…
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pniindia · 4 months ago
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India-China border Clashes Tension: क्या फिर से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिक LAC पर भिड़े? सामने आई सच्चाई
India-China border Clashes Tension: काफी समय से सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच विवाद होते रहते हैं. साल 2020 के दौरान पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेना अब आमने-सामने आ चुकी है. ऐसे में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प भी हुई थी.
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dainiksamachar · 4 months ago
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LAC पर चीन के साथ क्यों नहीं बन पा रही बात? नो-पेट्रोलिंग या फिर नियंत्रित पेट्रोलिंग, जानें कहां है गतिरोध
नई दिल्ली : ईस्टर्न लद्दाख में LAC पर भारत और चीन के बीच गतिरोध खत्म करने के लिए एक बार फिर बुधवार को इंडिया- चीन बॉर्डर अफेयर्स पर WMCC की मीटिंग हुई। WMCC यानी वर्किंग मेकेनिजम फॉर कंसल्टेशन एंड कॉर्डिनेशन। अब उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही भारत और चीन की सेना के बीच कोर कमांडर स्तर की मीटिंग होगी। डेपसांग और डेमचॉक दो ऐसे पॉइंट हैं जहां अब भी विवाद बना हुआ है। हर मीटिंग में इन दो पॉइंट को लेकर बातचीत हो रही है। पेट्रोलिंग हो या नहीं इस पर अटकी है बात सूत्रों के मुताबिक बातचीत इस पर अटकी हुई है कि विवाद के इन दो पॉइंट यानी डेपसांग और डेमचॉक में पेट्रोलिंग यानी सैनिकों की गश्ती हो या नहीं। सूत्रों के मुताबिक चीन की तरफ से हर मीटिंग में यह कहा जा रहा है कि यहां नो-पेट्रोलिंग जोन बना दिया जाए यानी न तो चीनी सैनिक गश्ती करें ना ही भारतीय सैनिक। लेकिन भारत की तरफ से कहा जा रहा है कि नो-पेट्रोलिंग की बजाय कंट्रोल्ड पेट्रोलिंग यानी नियंत्रित पेट्रोलिंग की जाए। इसी बिंदु पर बात अटकी है। सूत्रों का कहना है कि भारत नहीं चाहता कि वहां नो-पेट्रोलिंग जोन बनाया जाए। अब तक कोर कमांडर स्तर की 21 मीटिंग हो चुकी हैं। 21 वें दौर की मीटिंग फरवरी में हुई थी। उसमें भी बात नहीं बनी। हालांकि दोनों तरफ से बयान जारी क�� कहा गया कि दोनों पक्ष गतिरोध को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और लगातार बातचीत जारी रहेगी साथ ही दोनों पक्ष जमीनी स्तर पर शांति बनाए रखने पर राजी हैं। चार जगह पहले ही बने हैं नो-पेट्रोलिंग जोन मई 2020 में ईस्टर्न लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव शुरु हुआ था, जब चीनी सैनिक कई जगहों पर आगे आ गए थे। बातचीत के बाद चार जगहों पर डिसइंगेजमेंट हुआ। यानी दोनों देशों के सैनिकों ने अपने सैनिकों को पीछे किया। सबसे पहले पैंगोंग एरिया यानी फिंगर एरिया और गलवान में पीपी-14 में डिसइंगेजमेंट हुआ, फिर गोगरा में पीपी-17 से सैनिक हटे, फिर गोगरा-हॉट स्प्रिंग एरिया में पीपी-15 से सैनिक पीछे हटे । जिन जगहों पर डिसइंगेजमेंट हुआ वहां पर नो-पेट्रोलिंग जोन बने हैं। यानी जब तक दोनों देश मिलकर कुछ रास्ता नहीं निकाल लेते तब तक इन चारों जगहों पर 1 किलोमीटर से लेकर 3 किलोमीटर तक का एरिया नो-पेट्रोलिंग जोन है यानी यहां कोई पेट्रोलिंग (गश्ती) नहीं करेगा। स्थिति सामान्य होने में लगेगा लंबा वक्त ईस्टर्न लद्दाख में स्थिति पहले की तरह सामान्य होने में लंबा वक्त लगेगा। जब तक दोनों देश सैनिकों को पीछे हटाकर और हथियारों को तैनाती से हटाकर पीस पोजिशन नहीं भेज देते तब तक स्थिति सामान्य नहीं कही जा सकती। डिसइंगेजमेंट के बाद की प्रक्रिया है डी-एस्केलेशन। जिसका मतलब है कि दोनों देशों के सैनिक और सैन्य साजोसामान जो इस तरह तैनात किया गया है कि जरूरत पड़ने पर कभी भी एक दूसरे पर हमला हो सकता है, उसे सामान्य स्थिति में लाना। जिन चार पॉइंट पर डिसइंगेजमेंट हुआ हैं वहां अभी भी सैनिक और हथियार दोनों एक दूसरे की रेंज पर हैं। डिसइंगेजमेंट और डीएस्केलेशन के बाद की प्रकिया होगी डी-इंडक्शन। यानी जो भारी तादाद में सैनिक और सैन्य साजो सामान वहां तैनात है उसे वापस अपनी पुरानी पोजिशन में भेजना। अभी वहां दोनों तरफ से 50-50 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात हैं। http://dlvr.it/TBMnLC
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sharpbharat · 11 months ago
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China behind fresh insurgency in india : भारत के खिलाफ पाकिस्तानी आतंकवाद को चीन दे रहा है हवा! शी जिनपिंग ने भी हार मानते हुए पकड़ी पाक के जनरल भुट्टो की राह?
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में समाप्ति के कगार पर खड़े आतंकवाद में इन दिनों तेजी आई है. हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में एक के बाद एक कई आतंकी घटनाएं सामने आई हैं. गौर करनेवाली बात यह है कि यह बढ़ोतरी तब देखने को मिल रही है जब भारतीय सेना ने 2020 में चीन की आक्रामकता का जवाब देने के लिए राष्ट्रीय राइफल्स (आरएआर) को लद्दाख में तैनात कर दिया. राष्ट्रीय राइफल्स को स्पेशल काउंटर इन्सर्जेंसी फोर्स के…
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webvartanewsagency · 2 years ago
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Indian Army Ammunation: ड्रैगन-पाक और बांग्लादेश का बड़ा प्लान! जानें क्यों इंडियन आर्मी खरीद रही ₹70 हजार करोड़ के हथियार
नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। एक बड़ी खबर के अनुसार केंद्र सरकार ने सेना (Indian Army) के लिए 70 हजार 584 करोड़ के डिफेंस इक्विपमेंट की खरीद को जरुरी मंजूरी दी है। जी हां, डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में DAC (डिफेंस एक्वजिशन काउंसिल) ने इस खरीद को मंजूरी दी। जानकारी के अनुसार इन खरीदे जा रहे हथियारों में नेवी के लिए 60 मेड इन इंडिया यूटिलिटी मरीन हेलिकॉप्टर और 200 ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी शामिल होंगे। इसके साथ ही आर्मी को 307 हॉवित्जर तोपें दी जाएंगी। वहीं साथ ही एयरफोर्स के लिए ख़ास तौर पर लॉन्ग रेंज स्टैंड-ऑफ वेपन खरीदे जाएंगे। ख़ास बात यह होगी कि, इन वेपन्स को सुखोई- 30 फाइटर जेट���स से अटैच किया जाएगा। इसके साथ ही इंडियन कोस्ट गार्ड्स के लिए भी एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर्स खरीदे जा रहे हैं। इसे खास तौर पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) बनाएगी। Defence Ministry has approved proposals worth over Rs 70,000 crore for buying different weapon systems for the Indian defence forces: Defence officials pic.twitter.com/3jFPr59xOW — ANI (@ANI) March 16, 2023 क्यों जरुरी है ये प्रपोजल जी हां, मोदी सरकार अब देश की सेना को जरुरी सैन्य आयुध से और भी सुसज्जित और पुख्ता करेगी। अब सेना के लिए 70, 584 करोड़ के हथियार खरीदे जाएंगे। यह फैसला इस लिहाज से भी अहम है क्योंकि बीते तीन साल से पूर्वी लद्दाख में मौजूद लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीन के साथ आज भी तनाव जारी है। दरअसल डिफेंस एक्वजिशन काउंसिल ने AoN (एक्सेप्टेंस) ऑफ नेसेसिटी के तहत डील का प्रपोजल रखा था। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा यह पैसा इसी के तहत जारी होगा, यह एक स्पेशल और बहुत ख़ास प्रोग्राम है। इसका मकसद भारत में बने उपकरण का अब हथियार में शामिल करना है। वहीं फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए अब कुल 2,71,538 करोड़ रुपए मंजूर किए जा चुके हैं। इसका 98।9% हिस्सा भारत में बने सामान खरीदने पर ही खर्च होगा। पाकिस्तान-बांग्लादेश चीन से खरीद रहे हथियार जानकारी हो कि, दुनिया के अलग-अलग देशों के बीच युद्ध, श��्त्रीकरण, शस्त्रों पर नियंत्रण और निरस्त्रीकरण में शोध के लिए काम करने वाली स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की एक ख़ास रिपोर्ट के अनुसार भारत के ‘नॉट-सो-फ्रेंडली’ पड़ोसियों का झुकाव भी अब चीन की तरफ बढ़ रहा है। वहीं बीते पांच सालों, यानी 2018 से 2022 के दौरान पाकिस्तान ने 2013-17 की तुलना में हथियारों का 14% ज़्यादा आयात किया, और अपनी ज़रूरत का तीन-चौथाई से भी ज़्यादा हिस्सा पाकिस्तान ने चीन से ही मंगवाया है। पाकिस्तान-बांग्लादेश और चीन क्या बना रहे कोई बड़ा प्लान  वहीं बांग्लादेश भी अपने कुल आयात का लगभग तीन-चौथाई, यानी 74% हिस्सा चीन से ही खरीदता है। वहीं चीन के कुल हथियार निर्यात का 12%हिस्सा बांग्लादेश ही खरीदता है।इस रिपोर्ट के अनुसार, चीन हथियार निर्यात के मामले में दुनिया में इस वक़्त चौथे पायदान पर है, और समूचे विश्व में होने वाले हथियार निर्यात का 5.2% हिस्सा वही बेचता है, लेकिन अहम तथ्य यह है कि उसके कुल निर्यात का 54% हिस्सा पाकिस्तान को ही जाता है। Read the full article
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vocaltv · 2 years ago
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जिस गलवान घाटी में चीन के साथ हुआ था टकराव, वहीं क्रिकेट खेलती नजर आई भारतीय सेना
जिस गलवान घाटी में चीन के साथ हुआ था टकराव, वहीं क्रिकेट खेलती नजर आई भारतीय सेना #GalvanValley #IndianArmy #IndiavChina #IndiaChinaDispute
देश की राजधानी दिल्ली में G-20 सम्मेलन का दौर चल रहा है. हाल ही में चीनी विदेश मंत्री और भारत के विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद के बीच मुलाकात भी हुई है. जयशंकर काफी समय पहले से कहते आ रहे हैं कि भारत और चीन के बीच हालात सामान्य नहीं है. इसी बीच भारतीय सेना ने लद्दाख के वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं. लद्दाख में गलवान घाटी के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात भारतीय सेना की…
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prabudhajanata · 2 years ago
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छत्तीसगढ़ का जवान भारत-चीन सीमा पर शहीद, 4 साल पहले हुआ था सेना में शामिल…इलाके में पसरा मातम
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indlivebulletin · 25 days ago
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भारत, चीन ने सैनिकों को पीछे हटाने की दिशा में ‘कुछ प्रगति’ की, Brisbane में बोले जयशंकर
ब्रिस्बेन। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि भारत और चीन ने सैनिकों को पीछे हटाने की दिशा में ‘‘कुछ प्रगति’’ की है। उन्होंने इस घटनाक्रम को ‘‘स्वागत योग्य’’ कदम बताया। जयशंकर की यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले दो बिंदुओं-डेमचोक और देपसांग में भारतीय और चीनी सैनिकों के पीछे हटने के कुछ दिनों बाद आई है। भारतीय सेना ने देपसांग में सत्यापन गश्त…
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rightnewshindi · 26 days ago
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चीनी सैनिकों की दिवाली की मिठाई खिलाने के बाद भारतीय सेना ने डेमचोक में शुरू की गश्त, जानें कितने बदले हालत
LAC News: पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले दो बिंदुओं से भारतीय और चीनी सैनिकों की पूरी तरह वापसी के कुछ दिन बाद भारतीय सेना ने शुक्रवार को डेमचोक में गश्त शुरू कर दी। सेना के सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देपसांग में गश्त जल्द ही फिर शुरू हो सकती है। सेना के सूत्रों ने बुधवार को बताया था कि भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण स��झौते के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी)…
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roh230 · 2 years ago
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sabkuchgyan · 2 years ago
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भारतीय सेना ने अपने क्षेत्र में घुस रहे चीनी सैनिकों को लाठियों से पीटा
भारतीय सेना ने अपने क्षेत्र में घुस रहे चीनी सैनिकों को लाठियों से पीटा
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद एक बार फिर गहरा गया है। लद्दाख की तरह अरुणाचल में भी दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई। 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी सैनिकों ने पूरी योजना के साथ भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सैनिकों के सामने उन्हें सफलता नहीं मिली. इस झड़प में 9 भारतीय और 22 चीनी सैनिकों के घायल होने की खबर है।  अरुणाचल में भारतीय और चीनी सैनिकों के…
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digimakacademy · 4 years ago
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लद्दाख की भीषण ठंड में भी डटे रहने की तैयारी में चीन, सैनिकों के लिए भेजा हजारों टन सामान
लद्दाख की भीषण ठंड में भी डटे रहने की तैयारी में चीन, सैनिकों के लिए भेजा हजारों टन सामान
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हाइलाइट्स:
चीन ��े लद्दाख में अपने सैनिकों को सैकड़ों ट्रकों में लादकर हजारों टन आवश्‍यक सामान भेजा है
चीन ने आने वाले महीनों में इस इलाके में जमा देने वाली ठंड से ठीक पहले यह आपूर्ति की है
चीन के सरकारी टीवी ने बताया कि सैकड़ों की संख्‍या में ट्रक दिन-रात सफर करके पूर्वी लद्दाख पहुंचे
पेइचिंग पूर्वी लद्दाख में भीषण ठंड का दौर शुरू हो गया है और भारत के साथ तनाव के बीच चीन ने अपने सैनिकों…
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dainiksamachar · 10 months ago
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चीन का मुकाबला कैसे करेगा भारत, रक्षा बजट 10 गुना कम, इस साल 75 अरब डॉलर ही मिला
बीजिंग: भारत ने 2024 के अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 75 अरब अमेरिकी डॉलर (6.21 लाख करोड़ रुपये) का आवंटन किया है। इसमें 20 अरब डॉलर (1.72 लाख करोड़ रुपये) का सैन्य आधुनिकीकरण बजट भी शामिल है। आधुनिकीकरण का पैसा लड़ाकू विमानों, युद्धपोतों, पनडुब्बियों और मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री व्हीकल्स को खरीदने में खर्च किया जाएगा। इसके बाद बची हुई धनराशि का उपयोग मौजूदा हथियारों को बनाए रखने, कर्मचारियों को वेतन और पेंशन में खर्च किया जाएगा। लद्दाख में तनाव के बीच भारत के रक्षा बजट की तुलना चीन से की जा रही है। चीन का रक्षा बजट भारत के मुकाबले लगभग 10 गुना अधिक है। यह बात और है कि चीनी सेना के पास भारतीय सेना का तुलना में युद्ध अनुभव की भारी कमी है, जो जंग के मैदान में बाजी को पलट सकता है। चीन से 10 गुना कम है भारत का रक्षा बजट अमेरिकी थिंक-टैंक द हेरिटेज फाउंडेशन ने सितंबर 2023 के अपने अध्ययन में आकलन किया था कि 75 अरब अमेरिकी डॉलर का भारतीय सैन्य बजट चीन के 700 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अनौपचारिक खर्च से दस गुना कम होगा। अमेरिका रक्षा पर 800 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक खर्च करता है। भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट आवंटन वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य को पूरा करेगा और आत्मनिर्भरता और (हथियार) निर्यात को बढ़ावा देने के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करेगा। रक्षा मंत्रालय ने बजट पर जताई खुशी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 2024-25 का अंतरिम रक्षा बजट भारत सरकार के कुल बजट का 13.04% है। रक्षा मंत्रालय (MoD) को मंत्रालयों के बीच सबसे अधिक आवंटन प्राप्त होता रहता है। FY24-25 के लिए रक्षा के लिए बजटीय आवंटन वित्त वर्ष 2022-23 के आवंटन से लगभग (INR) एक लाख करोड़ (INR 1 ट्रिलियन) या 18.35% अधिक है और FY23-24 के आवंटन से 4.72% अधिक है। कहां-कहां खर्च होगा रक्षा बजट रक्षा बजट का 27.67% नए हथियारों और सैन्य प्रणालियों को खरीदने के लिए खर्च किया जाएगा। 14.82% हथियारों और गोला-बारूद के रखरखाव और परिचालन तैयारियों पर खर्च होगा। 30.68% रक्षा कर्मियों के वेतन और भत्ते के लिए और 22.72% सेवानिवृत्त कर्मियों की पेंशन पर खर्च होगा। इसके अलावा रक्षा बजट का 4.11% रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नागरिक संगठनों के लिए खर्च किया जाएगा। http://dlvr.it/T2DH09
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