एलएसी पर चीनी सैनिकों की कोई कमी नहीं, लद्दाख गतिरोध पर सेना प्रमुख का कहना है
एलएसी पर चीनी सैनिकों की कोई कमी नहीं, लद्दाख गतिरोध पर सेना प्रमुख का कहना है
द्वारा पीटीआई
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में स्थिति “स्थिर लेकिन अप्रत्याशित” है, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने ऊंचाई वाले क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 30 महीने से अधिक समय तक गतिरोध के बीच शनिवार को कहा।
एक थिंक-टैंक के एक संबोधन में, जनरल पांडे ने कहा कि सैन्य वार्ता के अगले दौर का ध्यान शेष दो घर्षण बिंदुओं पर मुद्दों को हल करने पर होगा, जिसे उस क्षेत्र में डेमचोक और देपसांग के…
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India China News: धूर्त चीन की बौखलाहट
India China News: भारत के सेना प्रमुख व जनरल उपेन्द्र द्विवेदी का यह कहना कि पूर्वी लद्दाख में स्थिति स्थिर है किन्तु सामान्य नहीं, का मतलब बिल्कुल स्पष्ट है कि कूटनीति के मोर्चे पर दोनों देश एक दूसरे को बातचीत में उलझाए हुए हैं जबकि सशस्त्र सेना बल जो उस क्षेत्र में तैनात हैं वह घात लगाए अवसर की तलाश में हैं। जब सैन्य प्रतिष्ठान और सरकार शांति के लिए अपनी शर्तो पर समझौते की रणनीति बनाने में लगी…
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दिल्ली: चीन के साथ भारत के रिश्ते बेहद खराब, दुनिया पर पड़ेगा असर: जयशंकर
चीन के साथ भारत का सीमा विवाद काफी समय से चल रहा है. चीन पिछले 4-5 साल से लद्दाख से अपनी सेना हटाने की चाल चल रहा है. अप्रैल 2020 में, चीन ने गलवान घाटी पर आक्रमण किया और भारतीय सैनिकों के साथ हिंसक झड़प की। जिसमें चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गये थे.
भारत के करीब 20 जवान शहीद हो गए. इस घटना के 4 साल बाद भी LAC पर भारत और चीन के रिश्ते बेहद खराब और तनावपूर्ण हैं. भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर…
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India-China border Clashes Tension: क्या फिर से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिक LAC पर भिड़े? सामने आई सच्चाई
India-China border Clashes Tension: काफी समय से सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच विवाद होते रहते हैं. साल 2020 के दौरान पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेना अब आमने-सामने आ चुकी है. ऐसे में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प भी हुई थी.
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LAC पर चीन के साथ क्यों नहीं बन पा रही बात? नो-पेट्रोलिंग या फिर नियंत्रित पेट्रोलिंग, जानें कहां है गतिरोध
नई दिल्ली : ईस्टर्न लद्दाख में LAC पर भारत और चीन के बीच गतिरोध खत्म करने के लिए एक बार फिर बुधवार को इंडिया- चीन बॉर्डर अफेयर्स पर WMCC की मीटिंग हुई। WMCC यानी वर्किंग ��ेकेनिजम फॉर कंसल्टेशन एंड कॉर्डिनेशन। अब उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही भारत और चीन की सेना के बीच कोर कमांडर स्तर की मीटिंग होगी। डेपसांग और डेमचॉक दो ऐसे पॉइंट हैं जहां अब भी विवाद बना हुआ है। हर मीटिंग में इन दो पॉइंट को लेकर बातचीत हो रही है।
पेट्रोलिंग हो या नहीं इस पर अटकी है बात
सूत्रों के मुताबिक बातचीत इस पर अटकी हुई है कि विवाद के इन दो पॉइंट यानी डेपसांग और डेमचॉक में पेट्रोलिंग यानी सैनिकों की गश्ती हो या नहीं। सूत्रों के मुताबिक चीन की तरफ से हर मीटिंग में यह कहा जा रहा है कि यहां नो-पेट्रोलिंग जोन बना दिया जाए यानी न तो चीनी सैनिक गश्ती करें ना ही भारतीय सैनिक। लेकिन भारत की तरफ से कहा जा रहा है कि नो-पेट्रोलिंग की बजाय कंट्रोल्ड पेट्रोलिंग यानी नियंत्रित पेट्रोलिंग की जाए। इसी बिंदु पर बात अटकी है। सूत्रों का कहना है कि भारत नहीं चाहता कि वहां नो-पेट्रोलिंग जोन बनाया जाए। अब तक कोर कमांडर स्तर की 21 मीटिंग हो चुकी हैं। 21 वें दौर की मीटिंग फरवरी में हुई थी। उसमें भी बात नहीं बनी। हालांकि दोनों तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि दोनों पक्ष गतिरोध को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और लगातार बातचीत जारी रहेगी साथ ही दोनों पक्ष जमीनी स्तर पर शांति बनाए रखने पर राजी हैं।
चार जगह पहले ही बने हैं नो-पेट्रोलिंग जोन
मई 2020 में ईस्टर्न लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव शुरु हुआ था, जब चीनी सैनिक कई जगहों पर आगे आ गए थे। बातचीत के बाद चार जगहों पर डिसइंगेजमेंट हुआ। यानी दोनों देशों के सैनिकों ने अपने सैनिकों को पीछे किया। सबसे पहले पैंगोंग एरिया यानी फिंगर एरिया और गलवान में पीपी-14 में डिसइंगेजमेंट हुआ, फिर गोगरा में पीपी-17 से सैनिक हटे, फिर गोगरा-हॉट स्प्रिंग एरिया में पीपी-15 से सैनिक पीछे हटे । जिन जगहों पर डिसइंगेजमेंट हुआ वहां पर नो-पेट्रोलिंग जोन बने हैं। यानी जब तक दोनों देश मिलकर कुछ रास्ता नहीं निकाल लेते तब तक इन चारों जगहों पर 1 किलोमीटर से लेकर 3 किलोमीटर तक का एरिया नो-पेट्रोलिंग जोन है यानी यहां कोई पेट्रोलिंग (गश्ती) नहीं करेगा।
स्थिति सामान्य होने में लगेगा लंबा वक्त
ईस्टर्न लद्दाख में स्थिति पहले की तरह सामान्य होने में लंबा वक्त लगेगा। जब तक दोनों देश सैनिकों को पीछे हटाकर और हथियारों को तैनाती से हटाकर पीस पोजिशन नहीं भेज देते तब तक स्थिति सामान्य नहीं कही जा सकती। डिसइंगेजमेंट के बाद की प्रक्रिया है डी-एस्केलेशन। जिसका मतलब है कि दोनों देशों के सैनिक और सैन्य साजोसामान जो इस तरह तैनात किया गया है कि जरूरत पड़ने पर कभी भी एक दूसरे पर हमला हो सकता है, उसे सामान्य स्थिति में लाना। जिन चार पॉइंट पर डिसइंगेजमेंट हुआ हैं वहां अभी भी सैनिक और हथियार दोनों एक दूसरे की रेंज पर हैं। डिसइंगेजमेंट और डीएस्केलेशन के बाद की प्रकिया होगी डी-इंडक्शन। यानी जो भारी तादाद में सैनिक और सैन्य साजो सामान वहां तैनात है उसे वापस अपनी पुरानी पोजिशन में भेजना। अभी वहां दोनों तरफ से 50-50 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात हैं। http://dlvr.it/TBMnLC
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China behind fresh insurgency in india : भारत के खिलाफ पाकिस्तानी आतंकवाद को चीन दे रहा है हवा! शी जिनपिंग ने भी हार मानते हुए पकड़ी पाक के जनरल भुट्टो की राह?
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में समाप्ति के कगार पर खड़े आतंकवाद में इन दिनों तेजी आई है. हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में एक के बाद एक कई आतंकी घटनाएं सामने आई हैं. गौर करनेवाली बात यह है कि यह बढ़ोतरी तब देखने को मिल रही है जब भारतीय सेना ने 2020 में चीन की आक्रामकता का जवाब देने के लिए राष्ट्रीय राइफल्स (आरएआर) को लद्दाख में तैनात कर दिया. राष्ट्रीय राइफल्स को स्पेशल काउंटर इन्सर्जेंसी फोर्स के…
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Indian Army Ammunation: ड्रैगन-पाक और बांग्लादेश का बड़ा प्लान! जानें क्यों इंडियन आर्मी खरीद रही ₹70 हजार करोड़ के हथियार
नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। एक बड़ी खबर के अनुसार केंद्र सरकार ने सेना (Indian Army) के लिए 70 हजार 584 करोड़ के डिफेंस इक्विपमेंट की खरीद को जरुरी मंजूरी दी है। जी हां, डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में DAC (डिफेंस एक्वजिशन काउंसिल) ने इस खरीद को मंजूरी दी। जानकारी के अनुसार इन खरीदे जा रहे हथियारों में नेवी के लिए 60 मेड इन इंडिया यूटिलिटी मरीन हेलिकॉप्टर और 200 ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी शामिल होंगे।
इसके साथ ही आर्मी को 307 हॉवित्जर तोपें दी जाएंगी। वहीं साथ ही एयरफोर्स के लिए ख़ास तौर पर लॉन्ग रेंज स्टैंड-ऑफ वेपन खरीदे जाएंगे। ख़ास बात यह होगी कि, इन वेपन्स को सुखोई- 30 फाइटर जेट्स से अटैच किया जाएगा। इसके साथ ही इंडियन कोस्ट गार्ड्स के लिए भी एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर्स खरीदे जा रहे हैं। इसे खास तौर पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) बनाएगी।
Defence Ministry has approved proposals worth over Rs 70,000 crore for buying different weapon systems for the Indian defence forces: Defence officials pic.twitter.com/3jFPr59xOW
— ANI (@ANI) March 16, 2023
क्यों जरुरी है ये प्रपोजल
जी हां, मोदी सरकार अब देश की सेना को जरुरी सैन्य आयुध से और भी सुसज्जित और पुख्ता करेगी। अब सेना के लिए 70, 584 करोड़ के हथियार खरीदे जाएंगे। यह फैसला इस लिहाज से भी अहम है क्योंकि बीते तीन साल से पूर्वी लद्दाख में मौजूद लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीन के साथ आज भी तनाव जारी है। दरअसल डिफेंस एक्वजिशन काउंसिल ने AoN (एक्सेप्टेंस) ऑफ नेसेसिटी के तहत डील का प्रपोजल रखा था।
ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा यह पैसा इसी के तहत जारी होगा, यह एक स्पेशल और बहुत ख़ास प्रोग्राम है। इसका मकसद भारत में बने उपकरण का अब हथियार में शामिल करना है। वहीं फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए अब कुल 2,71,538 करोड़ रुपए मंजूर किए जा चुके हैं। इसका 98।9% हिस्सा भारत में बने सामान खरीदने पर ही खर्च होगा।
पाकिस्तान-बांग्लादेश चीन से खरीद रहे हथियार
जानकारी हो कि, दुनिया के अलग-अलग देशों के बीच युद्ध, शस्त्रीकरण, शस्त्रों पर नियंत्रण और निरस्त्रीकरण में शोध के लिए काम करने वाली स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की एक ख़ास रिपोर्ट के अनुसार भारत के ‘नॉट-सो-फ्रेंडली’ पड़ोसियों का झुकाव भी अब चीन की तरफ बढ़ रहा है। वहीं बीते पांच सालों, यानी 2018 से 2022 के दौरान पाकिस्तान ने 2013-17 की तुलना में हथियारों का 14% ज़्यादा आयात किया, और अपनी ज़रूरत का तीन-चौथाई से भी ज़्यादा हिस्सा पाकिस्तान ने चीन से ही मंगवाया है।
पाकिस्तान-बांग्लादेश और चीन क्या बना रहे कोई बड़ा प्लान
वहीं बांग्लादेश भी अपने कुल आयात का लगभग तीन-चौथाई, यानी 74% हिस्सा चीन से ही खरीदता है। वहीं चीन के कुल हथियार निर्यात का 12%हिस्सा बांग्लादेश ही खरीदता है।इस रिपोर्ट के अनुसार, चीन हथियार निर्यात के मामले में दुनिया में इस वक़्त चौथे पायदान पर है, और समूचे विश्व में होने वाले हथियार निर्यात का 5.2% हिस्सा वही बेचता है, लेकिन अहम तथ्य यह है कि उसके कुल निर्यात का 54% हिस्सा पाकिस्तान को ही जाता है।
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जिस गलवान घाटी में चीन के साथ हुआ था टकराव, वहीं क्रिकेट खेलती नजर आई भारतीय सेना
जिस गलवान घाटी में चीन के साथ हुआ था टकराव, वहीं क्रिकेट खेलती नजर आई भारतीय सेना
#GalvanValley
#IndianArmy
#IndiavChina
#IndiaChinaDispute
देश की राजधानी दिल्ली में G-20 सम्मेलन का दौर चल रहा है. हाल ही में चीनी विदेश मंत्री और भारत के विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद के बीच मुलाकात भी हुई है. जयशंकर काफी समय पहले से कहते आ रहे हैं कि भारत और चीन के बीच हालात सामान्य नहीं है. इसी बीच भारतीय सेना ने लद्दाख के वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं.
लद्दाख में गलवान घाटी के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात भारतीय सेना की…
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छत्तीसगढ़ का जवान भारत-चीन सीमा पर शहीद, 4 साल पहले हुआ था सेना में शामिल…इलाके में पसरा मातम
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भारतीय सेना ने अपने क्षेत्र में घुस रहे चीनी सैनिकों को लाठियों से पीटा
भारतीय सेना ने अपने क्षेत्र में घुस रहे चीनी सैनिकों को लाठियों से पीटा
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद एक बार फिर गहरा गया है। लद्दाख की तरह अरुणाचल में भी दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई। 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी सैनिकों ने पूरी योजना के साथ भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सैनिकों के सामने उन्हें सफलता नहीं मिली. इस झड़प में 9 भारतीय और 22 चीनी सैनिकों के घायल होने की खबर है।
अरुणाचल में भारतीय और चीनी सैनिकों के…
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लद्दाख की भीषण ठंड में भी डटे रहने की तैयारी में चीन, सैनिकों के लिए भेजा हजारों टन सामान
लद्दाख की भीषण ठंड में भी डटे रहने की तैयारी में चीन, सैनिकों के लिए भेजा हजारों टन सामान
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हाइलाइट्स:
चीन ने लद्दाख में अपने सैनिकों को सैकड़ों ट्रकों में लादकर हजारों टन आवश्यक सामान भेजा है
चीन ने आने वाले महीनों में इस इलाके में जमा देने वाली ठंड से ठीक पहले यह आपूर्ति की है
चीन के सरकारी टीवी ने बताया कि सैकड़ों की संख्या में ट्रक दिन-रात सफर करके पूर्वी लद्दाख पहुंचे
पेइचिंग
पूर्वी लद्दाख में भीषण ठंड का दौर शुरू हो गया है और भारत के साथ तनाव के बीच चीन ने अपने सैनिकों…
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थल सेना प्रमुख मनोज पांडे ने लद्दाख में भारतीय वायुसेना के अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर से उड़ाया !
थल सेना प्रमुख मनोज पांडे ने लद्दाख में भारतीय वायुसेना के अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर से उड़ाया !
द्वारा पीटीआई
NEW DELHI: सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे रविवार को लद्दाख सेक्टर में भारतीय वायु सेना के एक अपाचे हमले के हेलीकॉप्टर में उड़ान भरी और उन्हें इसकी क्षमताओं और भूमिकाओं के बारे में भी बताया गया, IAF ने कहा।
भारतीय और चीनी सेनाओं द्वारा क्षेत्र के गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में पैट्रोलिंग प्वाइंट 15 से अलग होने के दो दिन बाद, पांडे ने शनिवार को पूर्वी लद्दाख में समग्र सुरक्षा स्थिति की…
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रेजांग ला में मेजर शैतान सिंह ने 120 जवानों के साथ मार गिराए थे 1300 चीनी सैनिक, जानें सबकुछ
रेजांग ला में मेजर शैतान सिंह ने 120 जवानों के साथ मार गिराए थे 1300 चीनी सैनिक, जानें सबकुछ
नई दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) गुरुवार को लेह-लद्दाख (Leh Ladakh) के दौरे के दौरान चुशूल (Chushul) में स्थित रेजांग ला (Rezang La) भी जाएंगे. वहां 1962 के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में नए सिरे से बनाए गए वॉर मेमोरियल का वह उद्घाटन भी करेंगे. रेजांग ला में हुए युद्ध की 59वीं वर्षगांठ पर वहां वह शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे. यह युद्ध स्मारक 13 कुमाऊं रेजीमेंट के उन…
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चीन का मुकाबला कै���े करेगा भारत, रक्षा बजट 10 गुना कम, इस साल 75 अरब डॉलर ही मिला
बीजिंग: भारत ने 2024 के अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 75 अरब अमेरिकी डॉलर (6.21 लाख करोड़ रुपये) का आवंटन किया है। इसमें 20 अरब डॉलर (1.72 लाख करोड़ रुपये) का सैन्य आधुनिकीकरण बजट भी शामिल है। आधुनिकीकरण का पैसा लड़ाकू विमानों, युद्धपोतों, पनडुब्बियों और मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री व्हीकल्स को खरीदने में खर्च किया जाएगा। इसके बाद बची हुई धनराशि का उपयोग मौजूदा हथियारों को बनाए रखने, कर्मचारियों को वेतन और पेंशन में खर्च किया जाएगा। लद्दाख में तनाव के बीच भारत के रक्षा बजट की तुलना चीन से की जा रही है। चीन का रक्षा बजट भारत के मुकाबले लगभग 10 गुना अधिक है। यह बात और है कि चीनी सेना के पास भारतीय सेना का तुलना में युद्ध अनुभव की भारी कमी है, जो जंग के मैदान में बाजी को पलट सकता है।
चीन से 10 गुना कम है भारत का रक्षा बजट
अमेरिकी थिंक-टैंक द हेरिटेज फाउंडेशन ने सितंबर 2023 के अपने अध्ययन में आकलन किया था कि 75 अरब अमेरिकी डॉलर का भारतीय सैन्य बजट चीन के 700 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अनौपचारिक खर्च से दस गुना कम होगा। अमेरिका रक्षा पर 800 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक खर्च करता है। भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट आवंटन वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य को पूरा करेगा और आत्मनिर्भरता और (हथियार) निर्यात को बढ़ावा देने के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करेगा।
रक्षा मंत्रालय ने बजट पर जताई खुशी
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 2024-25 का अंतरिम रक्षा बजट भारत सरकार के कुल बजट का 13.04% है। रक्षा मंत्रालय (MoD) को मंत्रालयों के बीच सबसे अधिक आवंटन प्राप्त होता रहता है। FY24-25 के लिए रक्षा के लिए बजटीय आवंटन वित्त वर्ष 2022-23 के आवंटन से लगभग (INR) एक लाख करोड़ (INR 1 ट्रिलियन) या 18.35% अधिक है और FY23-24 के आवंटन से 4.72% अधिक है।
कहां-कहां खर्च होगा रक्षा बजट
रक्षा बजट का 27.67% नए हथियारों और सैन्य प्रणालियों को खरीदने के लिए खर्च किया जाएगा। 14.82% हथियारों और गोला-बारूद के रखरखाव और परिचालन तैयारियों पर खर्च होगा। 30.68% रक्षा कर्मियों के वेतन और भत्ते के लिए और 22.72% सेवानिवृत्त कर्मियों की पेंशन पर खर्च होगा। इसके अलावा रक्षा बजट का 4.11% रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नागरिक संगठनों के लिए खर्च किया जाएगा। http://dlvr.it/T2DH09
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Chakradharpur : 18 नवंबर को मनेगा रेजांगला युद्ध शौर्य दिवस, अहीर रेजिमेंट की मांग पर प्रदेश यादव महासभा करेगी पूरे राज्य में कार्यक्रम
Chakradharpur : 18 नवंबर को मनेगा रेजांगला युद्ध शौर्य दिवस, अहीर रेजिमेंट की मांग पर प्रदेश यादव महासभा करेगी पूरे राज्य में कार्यक्रम
रामगोपाल जेना / चक्रधरपुर : चीनी सेना 18 नवंबर 1962 को लेह-लद्दाख की पहाड़ियों के जरिए भारत पर चढ़ आयी थी, तब भारतीय सेना की रेजांगला कंपनी के नाम से अहीरवाल जवानों ने डंटकर मुकाबला किया था। भारतीय सेना और चीन के युद्ध में कई जवान शहीद हुए थे। प्रदेश यादव महासभा द्वारा रविवार 6 नवंबर को रांची लेक गार्डन में एक बैठक का आयोजन कर रेजांगला के वीर शहीदों और अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर विचार विमर्श…
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