#रिसॉर्ट पॉलिटिक्स
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नतीजों से पहले शुरू हुई 'रिसॉर्ट पॉलिटिक्स', कांग्रेस ने विधायकों के लिए कर्नाटक में बनाया 'किला'
हैदराबाद: तेलंगाना में एग्जिट पोल कांग्रेस के पक्ष में है, लेकिन पार्टी किसी अन्य स्थिति के लिए भी तैयार है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यदि कांग्रेस 70 सीटों के आंकड़े से पीछे रह जाती है तो वैसी स्थिति में विधायकों को बेंगलुरु या किसी अन्य स्थान पर ले जाने की योजना है। उन्हें किसी होटल या रिसॉर्ट में रखा जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहता और 3 दिसंबर को खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए अपने विधायकों को शिफ्ट करने की रणनीति बना रहा है। तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी ने कहा कि वह पार्टी की जीत के प्रति आश्वस्त हैं। 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा में सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 60 है। अगर विधायकों को शिफ्ट करने की जरूरत पड़ी तो कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार की अहम भूमिका होने की उम्मीद है। उन्होंने 2018 में कर्नाटक विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान कांग्रेस और JDS विधायकों के लिए इसी तरह की व्यवस्था की थी। इसी तरह के एक सवाल के जवाब में डीके शिवकुमार ने कहा है कि पार्टी आलाकमान कहे तो वह सभी पांच राज्यों के विधायकों को संभाल सकते हैं।कांग्रेस ने कथित तौर पर कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को इन दोनों राज्यों के अपने विधायकों को घेरने के लिए कहा है ताकि निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी और बीआरएस उनकी संख्या बढ़ाने की कोशिश करने के किसी भी प्रयास को रोका जा सके। चार राज्यों के चुनाव परिणाम रविवार को सामने आएंगे। विधायकों को रखने के लिए चुने गए रेजॉर्ट कर्नाटक कांग्रेस के सूत्रों ने दावा किया कि शिवकुमार और राज्य इकाई को विधायकों को रखने के लिए कम से कम 2-3 रिसॉर्ट्स या स्टार होटलों की पहचान करने और मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधायकों को आवास की आवश्यकता होने पर अतिरिक्त आवश्यकताओं के लिए भी तैयार रहने को कहा गया है। पार्टी के नि��्देश पर करूंगा काम: शिवकुमार स्थिति की प्रारंभिक रीडिंग में कहा गया है कि अगर कांग्रेस तेलंगाना में 119 सीटों में से 70 सीटें जीतती है, तो हमारे विधायकों को सुरक्षित रखने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। अगर हमारी संख्या 70 से कम हो जाती है, तो विधायकों को बेंगलुरु लाया जाएगा। शिवकुमार ने कहा कि आलाकमान और पार्टी जो चाहेगी, वह उसका पालन करेंगे। उन्होंने कहा, 'हालांकि मुझे नहीं लगता कि मीडिया घरानों के इस्तेमाल किए गए छोटे नमूने के कारण एक्जिट पोल के पूर्वानुमान में कोई सच्चाई है, और कांग्रेस पांच राज्यों में आराम से आगे है, हमें जरूरत पड़ने पर पार्टी के निर्देशों के अनुसार काम करना होगा।' संकटमोचन बने शिवकुमार कर्नाटक देश का एकमात्र बड़ा राज्य है जो कांग्रेस के अधीन है, पार्टी फिर से अपने झुंड को एकजुट रखने के लिए भरोसेमंद संकटमोचक शिवकुमार पर भरोसा कर रही है। शिवकुमार तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने 2019 में जद (एस) के साथ गठबंधन किया और चुनाव के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा की खरीद-फरोख्त के प्रयासों के बीच कांग्रेस विधायकों को एक साथ रखा। पहले ही कांग्रेस के लिए खेली सफल रिसॉर्ट राजनीति 2019 के अंत में, उन्हें गुजरात के कांग्रेस विधायकों को कर्नाटक के एक रिसॉर्ट में ले जाने का काम सौंपा गया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे राज्यसभा चुनाव में क्रॉस-वोट न करें, जिसमें पूर्व एआईसीसी अध्यक्ष सोनिया गांधी के विश्वासपात्र अहमद पटेल पार्टी के उम्मीदवार थे।दोनों ही मामलों में, शिवकुमार ने अपने भाई और बेंगलुरु ग्रामीण के सांसद डी के सुरेश और उनके चचेरे भाई, एमएलसी डी के रवि को विधायकों को रखने के लिए दक्षिणी कर्नाटक के अपने पैतृक रामनगर जिले में स्थानों की पहचान करने के लिए कहा। http://dlvr.it/SzbTkb
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Karnataka Congress Legislature will meet on May 29 in bengaluru
कर्नाटक: विधायकों को बचाने में जुटी कांग्रेस, येदियुरप्पा बोले- फिर हों चुनाव
हाई���ाइट
बीजेपी की जीत के बाद कर्नाटक में सियासी संग्राम शुरू
सिद्धारमैया ने 29 मई शाम 6 बजे बेंगलुरु में विधान मंडल की बैठक बुलाई
बी.एस येदियुरप्पा ने कहा है कि भाजपा राज्य में जेडीएस के साथ मिलकर सरकार नहीं बनाएगी
लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद कर्नाटक में सियासी संग्राम शुरू हो चुका है। ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस मिलकर सरकार मुश्किल है। राज्य में कई विधायकों के बीजेपी के संपर्क में होने की बात भी सामने आई है। ���िसके बाद कांग्रेस अपने विधायकों को बचाने में जुट गई है। सत्ता का सिंहासन हिलने के बाद कांग्रेस ने 29 मई शाम 6 बजे राजधानी बेंगलुरु में अपने विधायक दल की बैठक बुलाई है। कांग्रेस के इस कदम के बाद एक बार फिर रिसॉर्ट पॉलिटिक्स की संभावनाएं देखने को मिल सकती हैं।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें - https://www.bhaskarhindi.com/news/karnataka-congress-legislature-will-meeting-on-may-29-in-bengaluru-68961
#लोकसभा चुनाव#बीजेपी#जेडीएस-कांग्रेस#विधायक दल#रिसॉर्ट पॉलिटिक्स#Siddaramaiah#bengaluru#Karnataka Congress#Lok Sabha#Rajya Sabha#B. S. Yeddyurappa#BhaskarHindiNews
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Mi Punha Yein: सत्तानाट्यावर आधारित ‘मी पुन्हा येईन’ वेब सीरिजचा जबरदस्त टीझर पाहिलात का?
Mi Punha Yein: सत्तानाट्यावर आधारित ‘मी पुन्हा येईन’ वेब सीरिजचा जबरदस्त टीझर पाहिलात का?
Mi Punha Yein: सत्तानाट्यावर आधारित ‘मी पुन्हा येईन’ वेब सीरिजचा जबरदस्त टीझर पाहिलात का? राजकारणावर आधारित या वेब सीरिजमध्ये सत्तालोलूपता, कपट-कारस्थान, संधीसाधूपणा, आमदारांची मेगाभरती, फोडाफोडी, पळवापळवी आणि सध्या चर्चेत असलेलं ‘रिसॉर्ट पॉलिटिक्स’ असा सगळा मसाला पाहायला मिळणार आहे. महाराष्ट्राच्या राजकारणानं (Maharashtra Politics) गेल्या काही दिवसांत मोठे भूकंप पाहिले. शेवटपर्यंत कुणालाच…
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#&8220;मी#punha#yein:#आजची बातमी#आताची बातमी#आधारित#का?&8230;#जबरदस्त#टीझर#ठळक बातमी#ताजी बातमी#पाहिलात#पुन्हा#बातम्या#भारत बातम्या#भारत बातम्या मराठी#भारत लाईव्ह मीडिया#मराठी न्यूज#मराठी बातम्या#मराठी समाचार#महाराष्ट्र न्यूज#महाराष्ट्र बातम्या#महाराष्ट्र समाचार#येईन!’#राजकारण#वेब#सत्तानाट्यावर#सीरिजचा
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भर्तियों को समयबद्ध करने को लेकर कमेटी की हुई पहली बैठक, आए ये सुझाव
भर्तियों को समयबद्ध करने को लेकर कमेटी की हुई पहली बैठक, आए ये सुझाव
Jaipur : सरकारी भर्तियों (Government Jobs) को समय पर पूरा कराने के लिए सरकार की ओर से बनाई गई 6 सदस्यीय कमेटी की पहली बैठक सचिवालय में आयोजित हुई. जिसमें भर्तियों की प्रक्रिया निर्धारण सहित अन्य मामलों को लेकर चर्चा हुई. यह भी पढे़ं- Rajasthan में फिर शुरू हुई ‘रिसॉर्ट पॉलिटिक्स’, CM Gehlot संभालेंगे बाड़ेबंद�� की कमान सरकारी सेवा (Government Service) में जाने के लिए आरपीएससी, राजस्थान राज्य…
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#government jobs#Government service#jaipur news#Rajasthan News#Rajasthan State Staff Selection Board
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राजस्थान की सियासत में लगातार नए मोड़ सामने आ रहे हैं। पहले विधायकों की रिसॉर्ट पॉलिटिक्स हुई, फिर कोर्ट में मामला गया और अब तीन ऑडियो वायरल हो रहे हैं, जिनके बारे में दावा किया जा रहा है कि उनमें गहलोत सरकार गिराने के लिए विधायकों से डील हो रही है। कांग्रेस ने सचिन पायलट के
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Rajya Sabha Elections 2020: कांग्रेस के सामने आज BJP की घेराबंदी तोड़ने की चुनौती, सिंधिया सहित कई दिग्गज मैदान में, 10 बातें
शुक्रवार को 10 राज्यों की 24 सीटों पर राज्यसभा चुनाव हो रहे हैं.
नई दिल्ली: Rajya Sabha Elections 2020: 19 जून यानी शुक्रवार को देश के 10 राज्यों की 24 सीटों पर राज्यसभा चुनाव होने हैं. इनमें से कई सीटों पर मार्च में ही चुनाव होने थे लेकिन कोरोनावायरस महामारी के चलते इन्हें टाल दिया गया था. अब ये चुनाव आखिरकार कराए जा रहे हैं. इस बीच इन चुनावों को लेकर राजनीतिक पार्टियों में खूब खींचतान हुई है- खासकर राजस्थान और गुजरात में. कांग्रेस पार्टी ने तो इन दोनों राज्यों में रिसॉर्ट पॉलिटिक्स का सहारा लिया और बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाकर अपने विधायकों को रिसॉर्ट में ठहराया. बीजेपी को अपनी सरकार आराम से चलाने के लिए राज्यसभा में आराम से बहुमत चाहिए. बीजेपी-नीत NDA की सरकार को उच्चसदन यानी राज्यसभा में बहुमत के लिए 30 और सीटों की जरूरत है.
हम आपको आज हो रहे इस चुनाव पर जरूरी 10 बातें बता रहे हैं
गुजरात, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक की चार-चार सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे. मध्य प्रदेश और राजस्थान की दो-दो सीटों पर चुनाव होंगे. झारखंड की एक सीट पर चुनाव, वहीं मेघालय, मणिपुर, अरुणाचल और मिज़ोरम की एक-एक सीट पर चुनाव होने हैं. वोटिंग सुबह 9 बजे शुरू है. सबसे कड़ी लड़ाई गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश की एक-एक सीट पर है.
महामारी को देखते हुए चुनाव आयोग ने वोटिंग के लिए जरूरी व्यवस्था की है. यहां पहले सभी विधायकों के शरीर का तापमान लिया जाएगा और उन्हें फेस मास्क पहने रखने और ��ोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करना होगा. अगर किसी विधायक को बुखार या अन्य कोई लक्षण हुए तो उन्हें अलग रूम में रखा जाएगा.
वर्तमान में NDA के पास राज्यसभा की 245 सीटों में से 91 सीटें हैं, वहीं UPA के पास 61 हैं. दूसरी विपक्षी पार्टियों और गुट-निरपेक्ष पार्टियों के पास कुल मिलाकर 68 सीटें हैं. आज के चुनाव में जो मुख्य कैंडिडेट हैं, वो हैं- गुजरात से शक्ति सिंह गोहिल और भारत सिंह सोलंकी, मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह और राजस्थान से केसी वेणुगोपाल.
गुजरात में कांग्रेस की मुश्किल है क्योंकि कांग्रेस के आठ विधायकों ने यहां मार्च में इस्तीफा दे दिया था. यहां की चार सीटों पर नजर डालें तो तीन पर बीजेपी की जीत निश्चित दिखाई दे रही है. कांग्रेस को गुजरात में जीत के लिए 34 वोटों की जरूरत है.
गुजरात की182 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 65 विधायक हैं, जिन्हें पिछले तीन कुछ हफ्तों से राजस्थान के एक और अहमदाबाद के दो रिसॉर्ट में रखा गया है. बीजेपी के पास यहां 103 सदस्य हैं.
मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 22 विधायकों सहित मार्च में इस्तीफा दे दिया था, जिससे कांग्रेस की सरकार गिर गई थी. अब उस सरकार में मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ कुछ विधायकों को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं. यहां की तीन सीटों में से कांगेस के पास एक सीट है और बीजेपी के पास दो.
मध्य प्रदेश की 230 सदस्यों वाली विधानसभा में अभी 206 सीटों पर निवर्तमान विधायक हैं. इनमें से 107 सीटें बीजेपी के पास और कांग्रेस के पास 92 सीटें हैं. यहां पर राज्यसभा सीट जीतने के लिए कैंडिडेट को 51 वोटों की जरूरत होगी.
राजस्थान में तीन सीटों पर चुनाव होने हैं और आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां बीजेपी को एक सीट और कांग्रेस को दो सीटें मिल सकती हैं. लेकिन बीजेपी ने यहां अपना एक अतिरिक्त कैंडिडेट भी मैदान में उतारा है, जिसके चलते कांग्रेस को रिसॉर्ट पॉलिटिक्स का सहारा लेना पड़ा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि उनके हर विधायक को बीजेपी की ओर से 25 से 30 लाख करोड़ की पेशकश की गई थी.
मणिपुर में कांग्रेस चुनाव से ठीक पहले मणिपुर की बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले आई थी. यहां बीजेपी के नौ विधायक बागी हो गए ह��ं, जिसका असर यहां की एक राज्यसभा सीट पर हो सकता है.
फरवरी में चुनाव आयोग ने 17 राज्यों की 55 सीटों पर चुनाव की घोषणा की थी. मार्च में इनमें से 10 राज्यों में से 37 कैंडिडेट्स को निर्विरोध चुन लिया गया था. बाकी सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होना था लेकिन लॉकडाउन लागू होने के चलते इसे टालना पड़ा था.
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राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट राज्यसभा चुनावों के लिए दिल्ली आमद रिज़ॉर्ट पॉलिटिक्स के लिए रवाना
राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट राज्यसभा चुनावों के लिए दिल्ली आमद रिज़ॉर्ट पॉलिटिक्स के लिए रवाना
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की फाइल फोटो।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि पायलट को दिल्ली से फोन आया और उन्होंने होटल छोड़ दिया जहां पार्टी के सभी विधायक डेरा डाले हुए हैं।
PTI जयपुर
आखरी अपडेट: 13 जून, 2020, 11:25 PM IST
कांग्रेस के विधायक राज्यसभा चुनावों में भाजपा द्वारा अवैध शिकार की आशंका के चलते एक निजी रिसॉर्ट में '' लॉकअप '' में हैं, जबकि उपमुख्यमंत्री और पीसीसी प्रमुख सचिन पायलट…
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#anti-corruption bureau#Ashok Gehlot#BJP#congress#Congress Observor TS Singh Dev#KC Venugopal#Neeraj Dangi#Omkar Singh Lakhawat#Rajasthan rajya sabha polls#Rajendra Gehlot#Ramesh Meena#Sachin Pilot
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गहलोत सरकार पर संकट गहराया? मुख्यमंत्री खेमे के 11 विधायक नाराज़, 7 मंत्री-5 विधायक नहीं पहुंचे जैसलमेर
गहलोत सरकार पर संकट गहराया? मुख्यमंत्री खेमे के 11 विधायक नाराज़, 7 मंत्री-5 विधायक नहीं पहुंचे जैसलमेर
जयपुर: राजस्थान की रिजॉर्ट पॉलिटिक्स खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने समर्थक विधायकों को जैसलमेर शिफ्ट कर दिया है जहां उन्हें एक रिसॉर्ट में ठहराया गया है लेकिन जैसलमेर के रिसॉर्ट में शिफ्ट हुए विधायकों को लेकर तब सस्पेंस बन गया जब वहां कुल 11 विधायक-मंत्री नहीं पहुंचे। बताया जा रहा है कि गहलोत खेमे के 11 विधायक नाराज़ हैं। वहीं पायलट कैंप ने भी दावा किया है कि कुछ…
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गुजरात में राज्यसभा चुनाव से पहले रिसॉर्ट पॉलिटिक्स शुरू, कांग्रेस को विधायकों के पार्टी छोड़ने का डर
गुजरात में राज्यसभा चुनाव से पहले रिसॉर्ट पॉलिटिक्स शुरू, कांग्रेस को विधायकों के पार्टी छोड़ने का डर
गुजरात में राज्यसभा चुनाव से पहले अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए कांग्रेस ने अपने विधायकों को रिसॉर्ट में शिफ्ट कर दिया है। पार्टी ने विधायकों को अलग-अलग समूह में अलग-अलग रिसॉर्ट में रखा है। इन विधायकों पर नज़र रखने की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेताओं को सौंपी गई है।
19 जून को राज्यसभा के लिए मतदान गुजरात में राज्यसभा की चार सीटों के लिए 19 जून को मतदान होना है। चुनाव से ठीक पहले पार्टी के तीन…
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38 साल पहले हरियाणा से शुरू हुई थी रिसॉर्ट पॉलिटिक्स, तब से अब तक 9 राज्यों में 14 बार सरकार बचाने-बनाने के लिए विधायकों को होटल भेजा गया
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Dainik Bhaskar
Mar 11, 2020, 06:46 PM IST
भास्कर रिसर्च. मध्य प्रदेश के सियासी घटनाक्रम में भाजपा-कांग्रेस, कमलनाथ-सिंधिया के अलावा एक और शब्द है, जिसकी चर्चा जोरों पर है। वो शब्द है- रिसॉर्ट पॉलिटिक्स। इस शब्द की चर्चा इसलिए भी क्योंकि भाजपा ने पहले अपने 107 में से 105 विधायक दिल्ली, मनेसर और गुरुग्राम के होटल भेजे। उसके बाद कांग्रेस ने भी अपने 80 विधायक जयपुर के होटल में भेज दिए।…
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कर्नाटक सत्ता स्थापनप्रश्नी न्यायाधीशांनी सांगितला हा जोक न��ी दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालयात शुक्रवारी भाजप आणि काँग्रेसच्या वकिलांकडून, युक्तिवाद सुरू होता. दरम्यान न्यायाधीशांनी, कर्नाटक निवडणुकीशी संबंधित, 'रिसॉर्ट पॉलिटिक्स'वर, वरील फोटोत दिसत असणारा 'व्हॉटसअॅप' जोक वाचून दाखवला, आणि उपस्थित सर्वजण हसू आवरू शकले नाहीत. कोर्टात बाजू मांडण्याच्या ताण-तणावात असलेले दोन्ही बाजूचे वकील जरा रिलॅक्स झाले. खरं तर वरील फोटोत दिसत असणारा, 'रिसॉर्ट पॉलिटिक्स' हा जोक व्हायरल होत आहे. आमदारांची फुटाफुट होवू नये, म्हणून भाजपा आणि काँग्रेस-जेडीएसकडून आमदारांची लपवा ��पवी सुरू आहे. कर्नाटकात जे रिसॉर्ट पॉलेटिक्स सुरू झालं आहे, त्यावर न्यायाधीशांनी आपल्या ठेवणीतील व्हॉटस अॅप जोक तीनही पक्षांच्या वकिलांना वाचून दाखवला.
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कब-कब 'रिसॉर्ट पॉलिटिक्स' का सहारा लिया है देश के राजनेताओं ने… खास बातेंनई नही है 'रिसॉर्ट पॉलिटिक्स'पहले भी विधायकों को भेजा रिसॉर्टखरीद-फरोख्त का खत��ानई दिल्ली: जब भी चुनाव परिणाम त्रिशंकु विधानसभा पेश करते हैं, राजनैतिक उठापटक लगभग तय ही होती है...
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विश्लेषण : सरकार पाडण्यासाठी सुरु असलेला रिसॉर्ट पॉलिटिक्सचा खेळ कुठून सुरू झाला?
विश्लेषण : सरकार पाडण्यासाठी सुरु असलेला रिसॉर्ट पॉलिटिक्सचा खेळ कुठून सुरू झाला?
विश्लेषण : सरकार पाडण्यासाठी सुरु असलेला रिसॉर्ट पॉलिटिक्सचा खेळ कुठून सुरू झाला? भारतातील कोणत्याही पक्षासाठी किंवा राज्यासाठी रिसॉर्ट पॉलिटिक्स नवीन नाही. गेल्या चार दिवसांपासून गुवाहाटीतील एक हॉटेल भारतातील सर्वात मोठ्या राजकीय सत्ता नाट्याच्या केंद्रस्थानी आहे. शिवसेना नेते एकनाथ शिदें या��च्या नेतृत्वात महाराष्ट्रातील बहुसंख्य आमदार हे गुवाहाटीतील रेडिसन ब्लू हॉटेलमध्ये मुक्कामी आहेत.…
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Rajya Sabha Elections 2020: कांग्रेस के सामने आज BJP की घेराबंदी तोड़ने की चुनौती, सिंधिया सहित कई दिग्गज मैदान में, 10 बातें
शुक्रवार को 10 राज्यों की 24 सीटों पर राज्यसभा चुनाव हो रहे हैं.
नई दिल्ली: Rajya Sabha Elections 2020: 19 जून यानी शुक्रवार को देश के 10 राज्यों की 24 सीटों पर राज्यसभा चुनाव होने हैं. इनमें से कई सीटों पर मार्च में ही चुनाव होने थे लेकिन कोरोनावायरस महामारी के चलते इन्हें टाल दिया गया था. अब ये चुनाव आखिरकार कराए जा रहे हैं. इस बीच इन चुनावों को लेकर राजनीतिक पार्टियों में खूब खींचतान हुई है- खासकर राजस्थान और गुजरात में. कांग्रेस पार्टी ने तो इन दोनों राज्यों में रिसॉर्ट पॉलिटिक्स का सहारा लिया और बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाकर अपने विधायकों को रिसॉर्ट में ठहराया. बीजेपी को अपनी सरकार आराम से चलाने के लिए राज्यसभा में आराम से बहुमत चाहिए. बीजेपी-नीत NDA की सरकार को उच्चसदन यानी राज्यसभा में बहुमत के लिए 30 और सीटों की जरूरत है.
हम आपको आज हो रहे इस चुनाव पर जरूरी 10 बातें बता रहे हैं
गुजरात, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक की चार-चार सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे. मध्य प्रदेश और राजस्थान की दो-दो सीटों पर चुनाव होंगे. झारखंड की एक सीट पर चुनाव, वहीं मेघालय, मणिपुर, अरुणाचल और मिज़ोरम की एक-एक सीट पर चुनाव होने हैं. वोटिंग सुबह 9 बजे शुरू है. सबसे कड़ी लड़ाई गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश की एक-एक सीट पर है.
महामारी को देखते हुए चुनाव आयोग ने वोटिंग के लिए जरूरी व्यवस्था की है. यहां पहले सभी विधायकों के शरीर का तापमान लिया जाएगा और उन्हें फेस मास्क पहने रखने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करना होगा. अगर किसी विधायक को बुखार या अन्य कोई लक्षण हुए तो उन्हें अलग रूम में रखा जाएगा.
वर्तमान में NDA के पास राज्यसभा की 245 सीटों में से 91 सीटें हैं, वहीं UPA के पास 61 हैं. दूसरी विपक्षी पार्टियों और गुट-निरपेक्ष पार्टियों के पास कुल मिलाकर 68 सीटें हैं. आज के चुनाव में जो मुख्य कैंडिडेट हैं, वो हैं- गुजरात से शक्ति सिंह गोहिल और भारत सिंह सोलंकी, मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह और राजस्थान से केसी वेणुगोपाल.
गुजरात में कांग्रेस की मुश्किल है क्योंकि कांग्रेस के आठ विधायकों ने यहां मार्च में इस्तीफा दे दिया था. यहां की चार सीटों पर नजर डालें तो तीन पर बीजेपी की जीत निश्चित दिखाई दे रही है. कांग्रेस को गुजरात में जीत के लिए 34 वोटों की जरूरत है.
गुजरात की182 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 65 विधायक हैं, जिन्हें पिछले तीन कुछ हफ्तों से राजस्थान के एक और अहमदाबाद के दो रिसॉर्ट में रखा गया है. बीजेपी के पास यहां 103 सदस्य हैं.
मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 22 विधायकों सहित मार्च में इस्तीफा दे दिया था, जिससे कांग्रेस की सरकार गिर गई थी. अब उस सरकार में मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ कुछ विधायकों को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं. यहां की तीन सीटों में से कांगेस के पास एक सीट है और बीजेपी के पास दो.
मध्य प्रदेश की 230 सदस्यों वाली विधानसभा में अभी 206 सीटों पर निवर्तमान विधायक हैं. इनमें से 107 सीटें बीजेपी के पास और कांग्रेस के पास 92 सीटें हैं. यहां पर राज्यसभा सीट जीतने के लिए कैंडिडेट को 51 वोटों की जरूरत होगी.
राजस्थान में तीन सीटों पर चुनाव होने हैं और आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां बीजेपी को एक सीट और कांग्रेस को दो सीटें मिल सकती हैं. लेकिन बीजेपी ने यहां अपना एक अतिरिक्त कैंडिडेट भी मैदान में उतारा है, जिसके चलते कांग्रेस को रिसॉर्ट पॉलिटिक्स का सहारा लेना पड़ा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि उनके हर विधायक को बीजेपी की ओर से 25 से 30 लाख करोड़ की पेशकश की गई थी.
मणिपुर में कांग्रेस चुनाव से ठीक पहले मणिपुर की बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले आई थी. यहां बीजेपी के नौ विधायक बागी हो गए हैं, जिसका असर यहां की एक राज्यसभा सीट पर हो सकता है.
फरवरी में चुनाव आयोग ने 17 राज्यों की 55 सीटों पर चुनाव की घोषणा की थी. मार्च में इनमें से 10 राज्यों में से 37 कैंडिडेट्स को निर्विरोध चुन लिया गया था. बाकी सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होना था लेकिन लॉकडाउन लागू होने के चलते इसे टालना पड़ा था.
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