Tumgik
#राष्ट्रीय सुरक्षा कानून
digitalbharat12 · 9 months
Text
Telecom Bill 2023: मोबाइल फोन इस्तेमाल करने के बदल जाएंगे नियम, जानिए फ़ायदे और नुक़सान
लोकसभा में दूरसंचार विधेयक 2023 (Telecom Bill 2023) बिल पास हो चुका है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नए टेलीकॉम विधेयक 2023 (Telecom Bill 2023) को मंजूरी दे दी है। इसके पश्चात्, इस विधेयक को कानून बना दिया गया है। इसी के साथ इस बिल को 138 साल पुराने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की जगह मिलने जा रही है। यह बिल कानून बनता है तो बहुत से नियम पहले की तरह नहीं रहेंगे। नए नियमों के साथ कई नए बदलाव देखे जा सकेंगे। नए नियमों के साथ अनचाही कॉल्स पर शिकंजा कसा जा सकेगा। यह विधेयक सरकार को नागरिकों और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में किसी भी दूरसंचार सेवा या नेटवर्क को प्रबंधित, प्रतिबंधित, या निलंबित करने की अनुमति प्रदान करता है। Read more...
2 notes · View notes
navinsamachar · 19 days
Text
एनयूजे-आई देश में पत्रकार सुरक्षा कानून, राष्ट्रीय पत्रकार रजिस्टर और मीडिया काउंसिल बनाने के लिए संघर्षरत: रास बिहारी
-उत्तराखंड के नवनियुक्त प्रदेश महासचिव डॉ. नवीन जोशी के अभिनंदन कार्यक्रम में पहुंचे संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्षनवीन समाचार, नैनीताल, 5 सितंबर 2024 (NUJ-I Fight for Journalist Protection-Ras Bihari)। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स से संबद्ध देश के पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन एनयूजे-आई यानी नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि एनयूजे-आई देश में पत्रकारों की…
0 notes
imranjalna · 20 days
Text
एसडीपीआई जालना ने नितेश राणे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की
जालना: एसडीपीआई जालना ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपकर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हेट स्पीच देने वाले नितेश राणे के खिलाफ एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) और एमपीडीए (महाराष्ट्र खतरनाक गतिविधियां निरोधक कानून) के तहत कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है.ज्ञापन में बताया गया है कि 1 सितंबर 2024 को अहमदनगर में एक कार्यक्रम के दौरान नितेश राने ने नफरत भरा भाषण दिया. उन्होंने रामगिरी महाराज का समर्थन…
0 notes
dainiksamachar · 23 days
Text
अपराधी खुलआम घूमते हैं, पीड़ित डर में रहते हैं... महिला सुरक्षा को लेकर राष्ट्रपति मुर्मू ने न्यायपालिका के समक्षजताईचिंता
नई दिल्ली: ने रविवार को कहा कि त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए अदालतों में ‘स्थगन की संस्कृति’ को बदलने के प्रयास किए जाने की जरूरत है। जिला न्यायपालिका के दो-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अदालतों में लंबित मामलों का होना हम सभी के लिए एक बड़ी चुनौती है। राष्ट्रपति ने कहा कि अदालतों में स्थगन की संस्कृति को बदलने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने की जरूरत है। 'न्याय की रक्षा करना देश के सभी जजों की जिम्मेदारी' राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि न्याय की रक्षा करना देश के सभी न्यायाधीशों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अदालती माहौल में आम लोगों का तनाव का स्तर बढ़ जाता है। उन्होंने इस विषय पर अध्ययन का भी सुझाव दिया। उन्होंने महिला न्यायिक अधिकारियों की संख्या में वृद्धि पर भी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, 'अपनी स्थापना के बाद के पिछले 75 वर्षों के दौरान भारत के उच्चतम न्यायालय ने विश्व के सबसे बड़े लोकतन्त्र की न्याय-व्यवस्था के सजग प्रहरी के रूप में अपना अमूल्य योगदान दिया है। उच्चतम न्यायालय ने भारत के न्याय-शास्त्र यानी jurisprudence को बहुत सम्मानित स्थान दिलाया है।' राष्ट्रपति ने कहा कि जनपद स्तर के न्यायालय ही करोड़ों देशवासियों के मस्तिष्क में न्यायपालिका की छवि निर्धारित करते हैं। इसलिए जनपद न्यायालयों द्वारा लोगों को संवेदनशीलता और तत्परता के साथ, कम खर्च पर न्याय सुलभ कराना हमारी न्यायपालिका की सफलता का आधार है। राष्ट्रपति ने महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को सराहा उन्होंने आगे कहा कि मुझे यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई है कि हाल के वर्षों में न्यायिक अधिकारियों के चयन में महिलाओं की संख्या बढ़ी है। इस वृद्धि के कारण, कई राज्यों में कुल न्यायिक अधिकारियों की संख्या में महिलाओं की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक हो गई है। मैं आशा करती हूं कि न्यायपालिका से जुड़े सभी लोग महिलाओं के विषय में पूर्वाग्रहों से मुक्त विचार, व्यवहार और भाषा के आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करेंगे। स्थानीय भाषा में न्याय देने पर जोर राष्ट्रपति ने आगे कहा कि स्थानीय भाषा और स्थानीय परिस्थितियों में न्याय प्रदान करने की व्यवस्था करके शायद ‘न्याय सबके द्वार’ तक पहुंचाने के आदर्श को प्राप्त करने में सहायता होगी। यह हमारे सामाजिक जीवन का एक दुखद पहलू है कि, कुछ मामलों में, साधन-सम्पन्न लोग अपराध करने के बाद भी निर्भीक और स्वच्छंद घूमते रहते हैं। जो लोग उनके अपराध��ं से पीड़ित होते हैं, वे डरे-सहमे रहते हैं, मानो उन्हीं बेचारों ने कोई अपराध कर दिया हो। उन्होंने कहा कि कभी-कभी मेरा ध्यान कारावास काट रही माताओं के बच्चों और बाल अपराधियों की ओर जाता है। उन महिलाओं के बच्चों के सामने पूरा जीवन पड़ा है। ऐसे बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए क्या किया जा रहा है इस विषय पर आकलन और सुधार हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।इस कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल हुए। राष्ट्रपति मुर्मू ने भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उच्चतम न्यायालय का ध्वज और प्रतीक चिह्न भी जारी किया। http://dlvr.it/TCg14H
0 notes
sharpbharat · 3 months
Text
Bar association of india appeal : बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने नयी कानून को लेकर वकीलों से की यह अपील, केंद्र सरकार के साथ होगी वार्ता, एक जुलाई से बदलने वाले है कानून
नयी दिल्ली/रांची/जमशेदपुर : देश भर के अधिवक्ताओं की राष्ट्रीय स्तर की संस्था बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) ने देश भर के बार एसोसिएशन और लायर्स संस्थानों से अपील की है कि नये आपराधिक कानून के खिलाफ किसी तरह का आंदोलन या विरोध प्रदर्शन नहीं करें. एक जुलाई से नये आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होने जा रहा है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
deshbandhu · 7 months
Text
किसानों के मार्च शुरू करने की तैयारी को देखते हुए दिल्ली में सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी
प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा बुधवार को दिल्ली की ओर नियोजित मार्च के बाद राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पड़ोसी राज्यों के साथ प्रमुख सीमा प्रवेश स्थलों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। कानून-व्यवस्था में किसी भी संभावित व्यवधान को रोकने के लिए टिकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर के आसपास के इलाकों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने शहर की ओर किसानों के मार्च की आशंका को देखते हुए सुरक्षा कर्मियों की तैनाती बढ़ा दी है।
0 notes
abhinews1 · 8 months
Text
हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए रवाना हुई ED की टीम, गाड़ियों में दर्जनों हेलमेट भी भरकर ले गए अधिकारी
Tumblr media
हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए रवाना हुई ED की टीम, गाड़ियों में दर्जनों हेलमेट भी भरकर ले गए अधिकारी
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ करने के लिए ईडी की टीम सीएम हाउस के लिए रवाना हो गई है. उससे पहले हेमंत ने अपने पिता शिबू सोरेन से मुलाकात की और उनसे आशीर्वाद लिया.। हेमंत सोरेन से पूछताछ से ईडी को कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है. इसके लिए ईडी ने झारखंड सरकार को चिट्ठी भी लिखी है. उनसे सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करने के लिए कहा था. इसके लिए सरकार ने तीन टीमें बनाई हैं. ईडी की टीम खुद हेलमेट लेकर सीएम हाउस जा रही है.। राजभवन में बैठक के बाद डीजीपी ने बताया था कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्यभर में व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं, जिसमें अतिरिक्त 7,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती भी शामिल है. सीएम हाउस, राजभवन और डोरंडा स्थित ईडी कार्यालय समेत रांची के प्रमुख इलाकों में सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. हेमंत सोरेन सत्तारूढ़ झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं. वे 27 जनवरी की रात राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना हुए थे. राज्य में उनका निर्धारित सरकारी कार्यक्रम बिना किसी जानकारी के अचानक रद्द कर दिया गया था।
Tumblr media
Read the full article
0 notes
currenthunt · 8 months
Text
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शिमला विकास योजना 2041 को मंज़ूरी दी गई
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शिमला विकास योजना 2041 को मंज़ूरी दी गई है, जिसका उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के राजधानी शहर में निर्माण गतिविधियों को टिकाऊ बनाने के साथ विनियमित करना है। शिमला विकास योजना 2041 - शिमला योजना क्षेत्र 2041 के लिये विकास योजना का मसौदा फरवरी 2022 में प्रकाशित किया गया था। - विकास योजना भारत सरकार की अमृत (कायाकल्प एवं शहरी परिवर्तन के लिये अटल मिशन),उप-योजना के अंर्तगत हिमाचल प्रदेश के नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग द्वारा तैयार की गई है। - योजना GIS (भौगोलिक सूचना प्रणाली) आधारित है। यह हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम नियोजन अधिनियम, 1977 के प्रावधानों के अंर्तगत शिमला नगर निगम तथा इसके आसपास के क्षेत्रों को कवर करता है। - योजना में कहा गया है कि "नगर नियोजन NGT के दायरे में नहीं आता है"। विधिक लड़ाई की पृष्ठभूमि - योजना की प्रारंभिक मंज़ूरी पिछली राज्य सरकार द्वारा फरवरी 2022 में दी गई थी। - राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) के अनुसार, योजना को असंवैधानिक घोषित करने के साथ वर्ष 2017 में लगाए गए पहले के निर्णयों का उल्लंघन माना गया था, जिसने हस्तक्षेप किया और मई 2022 में स्थगन आदेश जारी किये। - NGT के वर्ष 2017 के निर्णय ने शिमला योजना क्षेत्र में दो मंज़िला तथा दो मंजिल से ऊपर की इमारतों के निर्माण पर रोक लगा दी थी। - NGT ने पाया कि योजना ने प्रतिबंधित क्षेत्रों में अधिक मंज़िलों के साथ नए निर्माण की अनुमति देकर प्रतिबंध का उल्लंघन किया है। NGT ने राज्य में जारी रहने पर कानून, पर्यावरण तथा सार्वजनिक सुरक्षा में हानि की चेतावनी दी। - राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की तथा मई 2023 में  सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को विकास योजना के मसौदे पर आपत्तियों का समाधान करने के साथ छह सप्ताह के भीतर अंतिम योजना जारी करने का निर्देश दिया। क्या है सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय - शिमला विकास योजना 2041 को जनवरी 2024 में सर्वोच्च न्यायालय ने NGT के पहले के निर्णयों को पलटते हुए मंज़ूरी दे दी थी। न्यायालय ने तर्क दिया कि राज्य सरकार को विकास योजना का मसौदा तैयार करने के बारे में निर्देश देना उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। - न्यायालय ने उल्लेख किया कि NGT राज्य सरकार को योजना तैयार करने का आदेश नहीं दे सकती है, लेकिन योजना की गुणवत्ता के आधार पर जाँच कर सकती है। - न्यायालय ने माना कि वर्ष 2041 की विकास योजना संतुलित एवं सतत् प्रतीत होती है, लेकिन इस बात पर ज़ोर दिया कि पक्ष अभी भी योजना के विशिष्ट पहलुओं को उनकी योग्यता के आधार पर चुनौती देने के लिये तैयार हैं। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) - यह पर्यावरण संरक्षण एवं वनों तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित मामलों के प्रभावी और शीघ्र निपटान के लिये राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम (2010) के अंर्तगत स्थापित एक विशेष निकाय है। - NGT की स्थापना के साथ भारत, ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूज़ीलैंड के बाद एक विशेष पर्यावरण न्यायाधिकरण स्थापित करने वाला दुनिया का तीसरा देश बन गया, साथ ही ऐसा करने वाला पहला विकासशील देश बन गया। - सात निर्धारित कानून (अधिनियम की अनुसूची-I में सूचीबद्ध) जल अधिनियम 1974, जल उपकर अधिनियम 1977, वन संरक्षण अधिनियम 1980, वायु अधिनियम 1981, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986, सार्वजनिक दायित्व बीमा अधिनियम 1991 तथा जैवविविधता अधिनियम 2002 हैं। जिन्होंने विवाद के साथ NGT अधिनियम की विशेष भूमिका को जन्म दिया। - NGT को आवेदन या अपील दायर करने के 6 महीने के भीतर अंतिम रूप से उसका निपटान करना अनिवार्य है। - NGT की बैठक के पाँच स्थान हैं, नई दिल्ली बैठक का प्रमुख स्थान है और साथ ही भोपाल, पुणे, कोलकाता एवं चेन्नई अन्य चार स्थान हैं। - न्यायाधिकरण का अध्यक्ष, जो प्रधान पीठ की अध्यक्षता करते हैं, के साथ ही न्यूनतम 10 न्यायिक सदस्य तथा अधिकतम 20 विशेषज्ञ सदस्य शामिल होते हैं। - न्यायाधिकरण के निर्णय बाध्यकारी होते हैं। न्यायाधिकरण के पास अपने निर्णयों की समीक्षा करने की शक्तियाँ हैं। यदि ऐसा नहीं होता है तब 90 दिनों के भीतर निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। Read the full article
0 notes
hindinewsmanch · 8 months
Text
Noida News : देश में बढ़ रहे आईटी अपराधों पर लगाम लगाने तथा डीपफेक पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही नए आईटी नियमों को लागू करने जा रही है। यह बात केंद्रीय मंत्री कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और जल शक्ति राजीव चंद्रशेखर ने कही।
राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस पर नोएडा स्थित बूट (boAt) की विनिर्माण इकाई के दौरे पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि नवाचार के हर लाभ के साथ चुनौतियां और नुकसान भी हैं। हमारी नीतियां, हमारे नियम और हमारा दृष्टिकोण खुले, सुरक्षित और जवाबदेह इंटरनेट का है। उन्होंने कहा कि, यह हमारा कर्तव्य है कि हर भारतीय इंटरनेट पर सुरक्षा और विश्वास का अनुभव करे। हम इसके लिए नियम और कानून बनाएंगे। डीपफेक मुद्दे पर, उन्होंने कहा कि एक एडवाइजरी अधिसूचित की है। हम आने वाले समय में नए आईटी नियम भी अधिसूचित करेंगे।
0 notes
academypediahi · 10 months
Text
COMINT - संचार खुफिया - परिभाषा, इतिहास, अनुप्रयोग (सैन्य खुफिया, राष्ट्रीय सुरक्षा, कूटनीति, कानून प्रवर्तन), लाभ, चुनौतियां और सीमाएं, तरीके और उपकरण, संचार के प्रकार COMINT द्वारा बाधित, कानूनी और नैतिक विचार, एजेंसियां COMINT में शामिल हैं
संचार खुफिया (COMINT) क्या है ?संचार खुफिया, जिसे COMINT के रूप में भी जाना जाता है, खुफिया जानकारी का एक महत्वपूर्ण पहलू है जिसमें व्यक्तियों या संगठनों के बीच संचार एकत्र करना और विश्लेषण करना शामिल है . यह बुद्धि के सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण रूपों में से एक है, जो प्राचीन सभ्यताओं में वापस आ [...] https://academypedia.info/hi/glossary/comint-%e0%a4%b8%e0%a4%82%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%96%e0%a5%81%e0%a4%ab%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b7%e0%a4%be-%e0%a4%87%e0%a4%a4/
Tumblr media
#business #communication #data #education #ict #information #intelligence #technology - Created by David Donisa from Academypedia.info
0 notes
newsuniversal-in · 1 year
Text
राज्यस्तरीय पत्रकार महाधिवेशन सह सम्मान समारोह का आयोजन
Tumblr media
लखीसराय, बिहार। शहर के नया बाजार आरलाल कॉलेज के समीप सम्राट अशोक भवन में इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन बिहार इकाई के बैनर तले राज्यस्तरीय पत्��कार महाधिवेशन सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन  बिहार के प्रदेश अध्यक्ष रणजीत कुमार सम्राट ने की। समारोह का उद्घाटन डीएम अमरेंद्र कुमार, एडीएम सुधांशु शेखर, एसडीओ डॉ निशांत राज, प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ प्रवीण कुमार सिन्हा, ऑल बिहार को-ऑपरेटिव बैंक इम्पलाइज फेडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष सह वरीय शाखा प्रबंधक विपिन कुमार, एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी व मुख्य अतिथि गंगेश गुंजन, एसके राजीव, पीके आजाद व वरीय अधिवक्ता कुमारी बबीता द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। जबकि कार्यक्रम का संचालन मनोज मेहता व वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार ने की। इस अवसर पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए उद्घाटन कर्ता सह डीएम अमरेंद्र कुमार ने कहा कि पत्रकारिता एक जुनून है, लेकिन इसमें भी सोच समझकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने नवोदित पत्रकारों से कहा कि बायस्ड होकर ख���र नहीं करें, दोनों पक्षों की बातों को भी अपने खबरों में समाहित करें. जिससे आपकी प्रतिष्ठा भी बनी रहेगी। मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार गंगेश गुंजन ( एडीटर इन चीफ़ - न्यूज 22 स्कोप) ने महाधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारों को अपने हक और अधिकार के लिए एकजुटता जरूरी है। समाज में शांति स्नेह और सद्भाव के साथ खबरों की वास्तविकता आम और आवाम के बीच परोसने की जरूरत है। जनता के बीच विश्वास पैदा कर सरकार से अपने हक और हुकूक के लिए पत्रकारों को लड़ना होगा। अति विशिष्ट अतिथि सह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी ने वर्तमान परिस्थिति में पत्रकारों के हालात पर चर्चा करते हुए कहा कि आये दिन पत्रकार पर हमले किये जा रहे हैं तथा सरकार पत्रकार को सुरक्षा देने में नाकाम रही है। सरकार द्वारा समय-समय पर पत्रकारिता पर कुठाराघात किया जा रहा है, जिससे पत्रकारों में आक्रोश व्यक्त है। सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून व मिडिया नीति बनाएं। स्वागत गान से हुई कार्यक्रम की शुरुआत। कार्यक्रम की शुरुआत पवन बिहारी एंड ग्रुप द्वारा स्वागत गान से की गयी, इसके बाद पत्रकार के सम्मान का दौर शुरू हुआ। इससे पूर्व आंगतुक अतिथियों को एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा बुके देकर माल्यार्पण व स्मृति चिन्ह व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। मौके पर इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन बिहार के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत सम्राट, मो. अनवारूल हक (लखनऊ), इश्तियाक अहमद (नेपाल), डी एन एम न्यूज के संपादक पीके आजाद, रफ्तार मिडिया पटना के मदन गुप्ता, राजीव रंजन उपाध्याय, केवल सच के प्रबंध संपादक अरुण बंका, ईटीवी भारत पटना के कुंदन कुमार, नवबिहार के संपादक अमरजीत मौआर, न्यूज 22 स्कोप के बिहार हेड एसके राजीव, मिथलेश कुमार नवादा। मनीष कमालिया नवादा, अजीत कुमार केशरी जमुई, के.एम.राज (मुंगेर), मनीष कुमार (मुंगेर), चंदन वर्मा (शेखपुरा), विश्वनाथ गुप्ता (लखीसराय), पंकज झा (बेगूसराय), राकेश कुमार सिंह, सुधांशु रंजन शुक्ला(पटना), बृज मोहन भगत, रफ्तार मिडिया से आशीष कुमार, दिपक कुमार।  लखीसराय जिलाध्यक्ष सुनील कुमार, राजीव मुरारी सिन्हा, दिवाकर सिंह रामपुरिया, सुधाकर पाण्डेय,रामायण सिंह राजपूत, अमलेश पाण्डेय, संतोष पाण्डेय,मनीष गुप्ता, कुमार हिमांशु, अजय कुमार झा, देव कुमार, भोला यादव, चांद किशोर यादव, जेपी सिंह, चंदन कुमार मिश्रा, सुमित सिंह, नलिनी रंजन, रजा मुराद (सुपौल। मो. शाहिद(मधेपुरा), राकेश रोशन, प्रदीप कुमार, अभिषेक सिन्हा, मिन्हाज( दरभंगा),गुलाम सरवर, लक्ष्मण कुमार, फरोग रहमान के आलावे नगर परिषद के उपाध्यक्ष शिवशंकर राम, रविशंकर सिंह अशोक,नेशनल चैम्बर आँफ काँमर्स के अध्यक्ष सुरेश प्रसाद  नूतन विपिन ,रंजय सिंह, शिक्षाविद रंजन कुमार, धर्मेन्द्र कुमार आर्य, प्रेमचंद कुमार, सिकंदर विद्यार्थि, प्रकाश मंडल, रंजन पासवान, अरविंद कुमार, रामाशीष बिंद, धर्मदेव चौधरी, अमन कुमार आदि उपस्थित रहे। Read the full article
0 notes
digitalbharat12 · 8 months
Text
लोकसभा में दूरसंचार विधेयक 2023 (Telecom Bill 2023) बिल पास हो चुका है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नए टेलीकॉम विधेयक 2023 (Telecom Bill 2023) को मंजूरी दे दी है। इसके पश्चात्, इस विधेयक को कानून बना दिया गया है। इसी के साथ इस बिल को 138 साल पुराने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की जगह मिलने जा रही है। यह बिल कानून बनता है तो बहुत से नियम पहले की तरह नहीं रहेंगे। नए नियमों के साथ कई नए बदलाव देखे जा सकेंगे। नए नियमों के साथ अनचाही कॉल्स पर शिकंजा कसा जा सकेगा। यह विधेयक सरकार को नागरिकों और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में किसी भी दूरसंचार सेवा या नेटवर्क को प्रबंधित, प्रतिबंधित, या निलंबित करने की अनुमति प्रदान करता है।
Read more...
1 note · View note
Text
स्वतंत्रता दिवस के मौके को और यादगार बनाने के लिए आज प्रदेशवासियों के हित में निम्न फैसले किए हैं-
➡️ जयपुर की पहचान रहे रामगढ़ बांध को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के तहत ईसरदा बांध से भरा जाएगा. इस पर 1250 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे जिससे आंधी, जमवारामगढ़, आमेर, जालसू, गोविन्दगढ़, शाहपुरा, विराटनगर, पावटा, कोटपूतली, थानागाजी एवं बानसूर ब्लॉक्स हेतु पेयजल योजना बनाई जा सकेगी.
➡️ 13 जिलों की महत्वपूर्ण पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) की पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाई गई DPR में 26 बांध शामिल किए गए थे. ERCP की इस DPR में कई बांध वंचित रह गए थे. अब दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, भरतपुर एवं अलवर जिले के 53 बांधों को ERCP से जोड़कर उन्हें भरा जाएगा. इससे ERCP की परियोजना लागत 1665 करोड़ रुपये बढ़ जाएगी और 13 विधानसभा क्षेत्रों के 11 लाख किसान लाभान्वित होंगे.
➡️ वर्तमान में लागू राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) में भारत सरकार द्वारा अधिकतम लाभार्थियों की सीमा निश्चित की हुई है जिससे कई जरूरतमंद परिवार NFSA के लाभों से वंचित रह जाते हैं. कोविड के दौरान राज्य सरकार ने निराश्रित परिवारों का सर्वे करवाया था और करीब 33 लाख NFSA एवं नॉन-NFSA परिवारों को 5500 रुपये की आर्थिक सहायता दी. NFSA परिवारों के साथ-साथ जिन नॉन-NFSA परिवारों को कोविड में आर्थिक सहायता दी गई थी, उन्हें भी आज से शुरू हो रही अन्नपूर्णा राशन किट योजना में निशुल्क राशन किट उपलब्ध करवाई जाएगी.
➡️ राज्य में वर्तमान चिरंजीवी जीवन रक्षक योजना चल रही है जिसके माध्यम से सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों को सही समय पर अस्पताल पहुंचाने वालों को 5000 रुपये एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है. इस योजना से सैकड़ों लोगों की जान बचाई गई है. अब इस योजना में सम्मान राशि को बढ़ाकर 10,000 रुपये की जाएगी एवं कानून व्यवस्था की समस्या उतपन्न होने पर पुलिस की सहायता करने वाले लोगों के लिए भी इस तरह की योजना लाई जाएगी.
➡️ प्रदेश में महिला सशक्तिकरण एवं डिजिटल डिवाइड कम करने के उद्देश्य से इन्दिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के तहत पहले चरण में 40 लाख बालिकाओं व महिलाओं को स्मार्टफोन दिए जा रहे हैं. इस योजना को लेकर महिलाओं में बड़ा उत्साह है. इस योजना के अगले चरण में बजट घोषणा के मुताबिक करीब 1 करोड़ और महिलाओं को स्मार्टफोन दिए जाएंगे.जिसकी गारंटी के लिए 20 अगस्त से गारंटी कार्ड दिए जाएंगे जिनको दिखाकर अगले चरण में वो अपना स्मार्टफोन निशुल्क ले सकेंगी.
➡️ कांस्टेबल से लेकर पुलिस महानिदेशक स्तर तक सभी पुलिसकर्मियों को राजस्थान पुलिस के गठन के 75 वर्ष पूर्ण होने का विशेष “राजस्थान पुलिस पंचसती मेडल“ दिया जाएगा.
➡️ पुलिस विभाग में कांस्टेबल से लेकर निरीक्षक तक के पदों पर पदोन्नति की व्यवस्था वर्तमान में परीक्षा के माध्यम से पूरी की जाती है. अब इस व्यवस्था में बदलाव कर कांस्टेबल से लेकर पुलिस निरीक्षक पद तक की पदोन्नति भी समयबद्ध डीपीसी के माध्यम से की जाएगी.
0 notes
gstnitbuddies-blog · 1 year
Text
प्राइवेटसिक्योरिटीएजेंसी (PSARA License) कैसेप्राप्तकरें
Tumblr media
भारत में निजी सुरक्षा व्यवसाय शुरू करने से पहले Psara License लेना आवश्यक है | क्य��� अपने कभी सोचा है कि PSARA License कैसे लिया जाता है तो आज की वीडियो आपके लिये बहुत ही ज्यादा लाभ दायक है | आइये Psara license लेने की पूरी प्रक्रिया के बारे मे जानते है|
Psara license लेने पूरी प्रक्रिया
Psara License लेने के लिये सबसे पहले एक फॉर्म या कंपनी का निर्माण करना होगा | निजी सुरक्षा एजेंसी का मतलब एक एंटिटी है जो पुलिस के विकल्प के रूप में एक प्रतिष्ठान में सुरक्षा गार्ड और अन्य सेवाएं प्रदान करने के व्यवसाय मे शामिल हैं | निजी सुरक्षा एजेंसी के संचालन को निजी सुरक्षा एजेंसी विनियमन अधिनियम, 2005 के माध्यम से संचालित किया जाता है| जिसे प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी रेगुलेशन एक्ट (Psara) के नाम से भी जाना जाता है | Psara अधिनियमित होने के बाद व्यवसाय शुरू करने से पहले एक सुरक्षा एजेंसी के लिए राज्य नियंत्रण प्राधिकरण से संबंधित लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है | और गैर अनुपालन के मामले में कानून मे कड़े दंडात्मक नतीजा शामिल है | भारत में निजी सुरक्षा एजेंसी खोलने के लिये लाइसेंस के लिये आवेदन राज्य के लिये सक्षम प्राधिकारी यानि कॉम्प���टेंट अथॉरिटी को किया जाता है | Psara लाइसेंस किसी विशेष राज्य के एक या एक से अधिक जिले या पूरे राज्य मे संचालित करने के लिये जारी किया जाता है
Psara लाइसेंस के लिए आवेदन करने की पात्रता
Psara लाइसेंस के लिए कौन कौन आवेदन कर सकता है |
एक व्यक्ति
साझेदारी फर्म
सीमित देयता भागीदारी फर्म
एक व्यक्ति कंपनी
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी
संबंधित राज्य के कॉम्पिटेंट अथॉरिटी को Psara License के लिये आवेदन कर सकते है |
निदेशक अधिकारी की पात्रता
आवेदक के पुलिस सत्यापन के लिये आवेदन कर्ता को भारतीय निवासी होना अनिवार्य है|
आयकर रिटर्न की एक प्रति पेश करने की ज़रूरत होती है | किसी भी अपराध के लिए दोषी नहीं होना चाहिए |
राष्ट्रीय हित खंड
ये लाइसेंस किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं दिया जाता है यदि वह राष्ट्रीय सुरक्षा, लोक व्यवस्था की रक्षा के लिए किसी भी कानून के तहत प्रतिबंधित संगठन या एसोसिएशन के साथ संपर्क रखता हो |
आवेदक का नाम और उद्देश्य
एंटिटी के नाम में सुरक्षा, सेवा से संबंधित शब्द शामिल होने चाहिए | जो आवेदक के उद्देश्य का प्रतिनिधित्व करता हो |
कंपनी के मामले में, MOA में मुख्य उद्देश्यों में से एक के रूप मे सुरक्षा सेवाए प्रदान करना शामिल होना चाहिए |
प्रशिक्षण संस्था के साथ MOU
PSARA लाइसेंस के लिये आवेदक को प्रशिक्षण संस्थान या एक संगठन के साथ समझौता ज्ञापन में प्रवेश करना चाहिए | जिसे राज्य नियंत्रक प्राधिकरण द्वारा सुरक्षा गार्ड को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये अनुमोदित किया गया हो | पूर्व सैनिकों के लिये प्रशिक्षण आवश्यकता में छूट है |
Psara लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया
अपनी योग्यता और दस्तावेजों की जांच करें | Psara लाइसेंस आवेदन करने का पहला चरण सभी आवश्यक दस्तावेज़ जैसे पैनकार्ड, टैन नंबर , GST , provident fund, ईएसआई , दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत स्थापना का रजिस्ट्रेशन और सभी निर्देशक का आयकर |
एक प्रशिक्षण संस्थान के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
आवेदक अपने गार्ड और सुपरवाइजर को प्रशिक्षित करने के लिए एक मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थान के एक समझौता ज्ञापन में प्रवेश करने के लिए होना चाहिए |
राज्य की कंट्रोलिंग अथॉरिटी में फाइलिंग
सहायक दस्तावेज के साथ भरे हुए पत्रों को नियंत्रित करने वाले प्राधिकरण मे जमा करने के बाद, आवेदन को सत्यापन के लिए संसाधित किया जाता है | पुलिस अधिकारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त होने के बाद प्राधिकरण को लाइसेंस की मजूरी दे सकता है या किसी कारण के साथ अस्वीकृत कर सकता है |
Psara लाइसेंस की शर्त: -
Psara यह बताता है की प्रत्येक सुरक्षा एजेंसी सुरक्षा गार्ड के काम की निगरानी के लिए पर्यवेक्षक को जोड़ने की आवश्यकता है| पर्यवेक्षक को आवश्यक प्रशिक्षण और कौशल प्रदान करने के लिए सुरक्षा एजेंसी की आवश्यकता होती हैं | क़म से कम तीन साल के अनुभव के साथ सेना, नौसेना या वायुसेना के साथ एक व्यक्ति को पर्यवेक्षक को जोड़ते समय तरजीह दी जानी चाहिए | अधिनियम एक सुरक्षा गार्ड के लिए मापदंड, योग्यता को निर्धारित करता है |
Psara पंजीकरण के लिये आवश्यक दस्तावेज़: -
इन्‌ˌकॉपˈरेश्‌न्‌ का प्रमाणपत्र और MOA
पंजीकृत कार्यालय का दस्तावेज़
प्रशिक्षण संस्थान के साथ समझौता ज्ञापन
सुरक्षा गार्ड के दस्तावेज़
निदेशक का पहचान पत्र और पता प्रमाण पत्र
प्रत्येक प्रोत्साहक का पैन कार्ड
प्रोत्साहक की दो तस्वीर
प्रत्येक निदेशक की आयकर
Psara पंजीकरण के लिए हमारे विशेषज्ञ से बात करें | यदि आप भी भविष्य में Psara पंजीकरण के लिए सोच रहे है तो आज ही हमसे संपर्क करे हमारे फ़ोन नंबर है +91-7229903363 और अधिक जानकारी के लिये हमारी वेबसाइट www.gstnitbuddies.com पर विजिट करे |
0 notes
dainiksamachar · 2 months
Text
Exclusive: NDA को छोड़ इंडिया के साथ नहीं जा रहे नीतीश कुमार, आ गई तेजस्वी को मायूस करने वाली खबर
नई दिल्ली: 'क्यों पड़े हो चक्कर में, कोई नहीं है टक्कर में।' बिहार में नीतीश के फिर से खेला करने का इंतजार कर रहे विपक्षी नेताओं को JDU की तरफ से साफ संदेश कुछ इसी तरीके से दे दिया गया है। दरअसल केंद्र का बजट आने के पहले और आने के बाद भी बिहार की चर्चा आम रही। क्या बजट में बिहार को प्राथमिकता मिली और JDU उससे संतुष्ट है? क्या अपने राज्य में NDA का चेहरा बने रहेंगे? ऐसे ही महत्वपूर्ण मुद्दों पर NDA सरकार में सहयोगी JDU के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता संजय कुमार झा से बात की नरेन्द्र नाथ ने। उन्होंंने बजट में बिहार को मिले तोहफों से लेकर सीएम नीतीश कुमार तक पर सवाल पूछे। अपने जवाब से ने बिहार के राजनीति माहौल में अचानक से छाई धुंध को एक झटके में छांट दिया। सवाल- इस बार आम बजट में बिहार पर अधिक फोकस किया गया। कहा गया कि केंद्र सरकार को समर्थन के बदले सौगात मिली है। आप बजट में बिहार की हिस्सेदारी को किस तरह देखते हैं? संजय झा- इस बजट में बिहार जैसे विकास के आकांक्षी राज्य के लिए अब तक की सबसे बड़ी विशेष सहायता की घोषणा की गई है। बिहार में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान के अलावा सड़क परियोजनाओं, विद्युत उत्पादन परियोजना, एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज, पर्यटन स्थलों और खेलकूद के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए विशेष सहायता का प्रावधान किया गया है। इससे बिहार को विकसित राज्य बनाने के नीतीश सरकार के प्रयास को नई गति मिलेगी। JDU पहले से ही NDA का हिस्सा है। हमारा प्री-पोल अलायंस था। लोकसभा चुनाव में पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी NDA का सर्वमान्य चेहरा थे। जहां तक समर्थन के बदले सौगात मिलने की बात है, तो यह विपक्ष का फैलाया हुआ शिगूफा है। UPA की केंद्र सरकार ने बजट में बिहार की हमेशा उपेक्षा की थी। बिहार को साजिश के तहत लेबर स्लेवरी करने वाला ‘बीमार राज्य’ बना दिया गया था। हमें विश्वास है कि अब केंद्र सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिए जाने से बिहार अगले पांच वर्षों में विकसित बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर होगा। सवाल- बिहार में बाढ़ रोकने के लिए बांध बनाने की खातिर बजट में बड़े पैकेज का एलान किया गया। पहले भी बाढ़ को लेकर कई पहल की जा चुकी हैं। आपने भी इस मुद्दे को बहुत बार उठाया। क्या लगता है, कब तक बिहार को बाढ़ से मुक्ति मिल पाएगी? संजय झा- बिहार के विकास की राह में एक बड़ी बाधा नेपाल से आने वाली नदियों की बाढ़ भी है। देश के कुल बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का 17.2% बिहार में है। राज्य में बाढ़ से सुरक्षा के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा पिछले पांच वर्षों के दौरान करीब 7 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। राज्य में बाढ़ पहले भी आती थी, लेकिन तब आपदा राहत में किसी को कुछ नहीं मिलता था। वर्ष 2006 में नीतीश कुमार ने एसओपी बना दिया कि कब किस परिस्थिति में क्या-क्या काम करना है। कोसी, कमला और बागमती नदी पर नेपाल में हाई डैम के निर्माण के लिए डीटेल्ड प्रॉजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराने को 2004 में ही भारत-नेपाल संयुक्‍त परियोजना कार्यालय खोला गया था, लेकिन इस दिशा में खास प्रगति नहीं हो पाई। हमारी पहल के बाद एक विशेष समिति गठित हुई। इसकी सिफारिशों के आधार पर इस बार के बजट में बिहार में बाढ़ के समाधान, कोसी-मेची नदी जोड़ परियोजना, नदी सुधार योजना और सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए 1100 करोड़ रुपये की विशेष आर्थिक मदद की घोषणा की गई है। सवाल- बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस या विशेष पैकेज की बात थी। बजट के बाद क्या केंद्र सरकार से अपेक्षा पूरी हो गई है? संजय झा- 14वें वित्त आयोग ने ‘विशेष राज्य’ का प्रावधान समाप्त कर दिया। ऐसे में हमारी मांग थी कि बिहार को विशेष दर्जा दिया जाए और यदि नहीं दे सकते तो विशेष सहायता दें। हमें विश्वास है कि केंद्र का फोकस बिहार की ओर शिफ्ट हो गया है, तो आने वाले वर्षों के बजट में भी राज्य की वास्तविक जरूरतों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। सवाल- आपको JDU में संगठन की बड़ी जिम्मेदारी मिली है। अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। आप NDA और JDU में उस भूमिका को किस तरह देखते हैं? संजय झा- BJP और JDU का नैचरल अलायंस है। इस साल झारखंड और अगले साल बिहार विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी NDA के साथ मिलकर मजबूती से चुनाव लड़ेगी। हमें विश्वास है कि दोनों राज्यों में गठबंधन की बहुमत वाली सरकार आएगी। सवाल- बिहार में नीतीश कुमार NDA का चेहरा हैं। क्या आगे भी वही चेहरा रहेंगे? संजय झा- बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार NDA का सर्वमान्य चेहरा हैं, इसमें किसी तरह का कोई सवाल या संदेह नहीं। सवाल- RJD नेता तेजस्वी यादव बिहार में कानून-व्यवस्था और नौकरी का मुद्दा उठा रहे हैं। उनके आरोप को किस तरह काउंटर करेंगे? संजय झा- राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर बनाए रखने के लिए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। अपराधी… http://dlvr.it/TBNXKn
0 notes
indianewstrend · 1 year
Text
1 note · View note