#राष्ट्रीय धरोहर
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sarhadkasakshi · 1 month ago
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वन एव वन्य जीव हमारी राष्ट्रीय धरोहर इनकी सुरक्षा व संरक्षण हम सभी का परम कर्तव्य: सुबोध उनियाल
वन एव वन्य जीव हमारी राष्ट्रीय धरोहर इनकी सुरक्षा व संरक्षण हम सभी का परम कर्तव्य: सुबोध उनियाल देहरादून, डा.शोभा राम उनियाल। वन मंत्री उत्तराखंड सरकार सुबोध उनियाल ने आज देहरादून जू मालस�� में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए विधिवत पूजा अर्चना के साथ टाईगर बाड़े का उद्घाटन एवं पर्यटकों के Sight हेतु बाघ प्रवास बाड़े में अवलोकन के लिए रखा गया। इस दौरान विधायक रामनगर दिवान सिंह बिष्ट एवं…
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helputrust · 3 months ago
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19.10.2024, लखनऊ | लखनऊ का प्रतिष्ठित वन-स्टॉप शॉपिंग डेस्टिनेशन, फन रिपब्लिक मॉल, अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है। दीपावली के शुभ अवसर पर मॉल में 24 कैरेट गोल्ड प्लेटेड, 20 फीट ऊंची और लगभग 500 किलो वजन की भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की भव्य मूर्ति स्थापित की गई है, जिसे एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में मान्यता मिली है। इस ऐतिहासिक क्षण में एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीम भी मॉल में उपस्थित रही। यह लखनऊ के लिए एक बड़ा सम्मान है कि फन रिपब्लिक मॉल ने एक बार फिर शहर को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला दिया है ।
भगवान गणेश और माता लक्ष्मी का भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है, जो किसी भी शुभ कार्य के प्रारंभ में  मस्त विघ्नों को दूर कर मार्ग प्रशस्त करते हैं। माता लक्ष्मी को धन, समृद्धि और वैभव की देवी माना जाता है, जिनकी कृपा से सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इस दिव्य मूर्ति की स्थापना से फन रिपब्लिक मॉल ने न केवल धार्मिक श्रद्धालुओं के लिए एक  महत्वपूर्ण स्थल तैयार किया है, बल्कि इस भव्य मूर्ति के माध्यम से सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को भी सहेजने का कार्य किया है ।
इस खास अवसर पर उत्तर प्रदेश के माननीय उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक जी, ने मूर्ति का अनावरण किया। अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, "फन रिपब्लिक मॉल का यह अद्वितीय कार्य अत्यंत सराहनीय है और लखनऊ के लिए गौरव का विषयहै। भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की यह भव्य मूर्ति न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करती है। मैं आशा करता हूँ कि फन रिपब्लिक मॉल भविष्य में भी इसी प्रकार के सराहनीय कार्य करता रहेगा।" इस विशेष अवसर पर श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड च��रिटेबल ट्रस्ट, भी उपस्थित रहे ।
फन रिपब्लिक मॉल की मार्केटिंग मैनेजर, श्रीमती प्रीति पांडे ने कहा, "यह हमारे लिए अत्यंत गौरवपूर्ण क्षण है। हमारी टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण ने आज इस ऐतिहासिक मूर्ति के अनावरण को संभव बनाया है।" उन्होंने यह भी बताया कि मॉल में 'फन उत्सव' की शुरुआत 12 अक्टूबर से हो चुकी है, जो 31 अक्टूबर तक चलेगा। इस उत्सव में 12 से 26 अक्टूबर तक 'शॉप एंड विन' प्रतियोगिता के तहत, तीन हजार या उससे अधिक की खरीदारी करने वाले पांच टॉप शॉपर्स को प्रतिदिन निश्चित उपहार दिया जाएगा। 27 से 31 अक्टूबर के बीच, एक मेगा विजेता को प्रतिदिन एक ग्राम सोने का सिक्का दिया जाएगा। अब तक 30 से अधिक लोग इस उत्सव में उपहार जीत चुके हैं ।
इस दिव्य और ऐतिहासिक क्षण के साथ, फन रिपब���लिक मॉल ने न केवल लखनऊ को गौरवान्वित किया है, बल्कि भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की इस अनूठी मूर्ति के माध्यम से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आस्था और समृद्धि का संदेश भी दिया है। इस भव्य आयोजन में श्री प्रमिल द्विवेदी, श्रीमती प्रीति पांडे, श्री सुमित कुमार, श्री रोहित मिश्रा, श्री देवेंद्र प्रताप सिंह, और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे ।
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helputrust-harsh · 8 months ago
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Dharohar | Stage Play Kakori Train Action | धरोहर | काकोरी ट्रेन एक्शन | Harsh Vardhan Agarwal
लखनऊ, 07.05.2023 | भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों व क्रान्तिकारियों को समर्पित नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन का मंचन ऑडिटोरियम, शेरवुड कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट, इंदिरा नगर, लखनऊ में किया गया । यह नाटक हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार व उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंन्द्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में, धरोहर" थीम के अन्तर्गत आयोजित हुआ । काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक द्वारा कलाकारों ने 09 अगस्त 1925 को काकोरी में घटित काकोरी कांड का सजीव चित्रण किया | चन्द्रभाष सिंह के लेखन एवं निर्देशन में नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन' में अनुभवी व मंझे हुऐ कलाकारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों को देश भक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया |
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान से हुआ तत्पश्चात हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अगवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव, श्री एम० पी० अवस्थी, श्री अशोक कुमार जायसवाल, डॉ अलका निवेदन, श्री पंकज अवस्थी, द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया ।
सभागार में उपस्थित सभी अतिथिगणों का स्वागत करते हुऐ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए आज यह सौभाग्य का दिन हैं कि आज अपने वीर शहीद क्रांतिकारियों को, काकोरी ट्रेन एक्शन, नाटक के मंचन के माध्यम से याद करने का, श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिला है | "काकोरी ट्रेन एक्शन" एक महत्वपूर्ण एतिहासिक घटना है, जिसने देश के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । इस घटना में, भारत के स्वाधीनता संग्राम के सैनिकों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत की थी । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए अत्यंत गर्व की बा�� है कि हमें देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर समय-समय पर मिला है | संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार तथा उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) का आभार है जिनके आर्थिक सहयोग से धरोहर थीम के अंतर्गत आज देश के महान क्रन्तिकारी वीरों को समर्पित काकोरी ट्रेन एक्शन का नाट्य मंचन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ | मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का विशेष आभार है जिन्होंने वर्ष 2021 में वीर शहीदों की शहादत को नमन करते हुए आजादी की लड़ाई के संघर्ष की धरोहर का नामकरण काकोरी ट्रेन एक्शन कर दिया, जिसे पहले काकोरी कांड कहा जाता था |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने देश के महान क्रांतिकारी वीरों, शहीदों, सैनिकों के सम्मान में 1 मिनट का मौन होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम देश के समस्त 28 राज्यों में और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी में ट्रस्ट का कार्यालय स्थापित करें | निष्पक्षता, समानता और समावेशिता ट्रस्ट की कार्यशैली हैं । ट्रस्ट सभी संस्कृतियों के सम्मान के सिद्धांत पर काम करता है । पारदर्शिता और जवाबदेही ट्रस्ट के प्रमुख तत्व हैं। ट्रस्ट रचनात्मक और प्रभावी साझेदारी को पोषित करने के लिए प्रतिबद्ध है । प्रासंगिकता केवल लोगों और समुदाय के निरंतर सशक्तिकरण के साथ ही बनाए रखी जा सकती है । ट्रस्ट का उद्देश है जाति, पंथ या धर्म के भेद के बिना लोगों की सेवा करना । ट्रस्ट अनाथालय, वृद्धाश्रम, यूपीएस60+ क्लब, भगवद् गीता केंद्र, आध्यात्मिक संगीत अकादमी, बाल गोपाल शिक्षा योजना, स्वच्छता/स्वच्छ भारत मिशन, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम, राष्ट्रीय एकता के लिए जागरूकता, शैक्षिक जागरूकता आदि, दान - रक्त, पुराने कपड़े, किताबें और अन्य पुन: प्रयोज्य वस्तुएं, खाने-पीने की चीजों का वितरण, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवसों पर कार्यक्रमों का आयोजन, परिवार परामर्श हेल्पलाइन, आपदा प्रबंधन, महामारी समर्थन, निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, उत्कृष्ट व्यक्तित्वों का सम्मान करना, शैक्षिक और धर्मार्थ गतिविधियों, महिला अधिकारिता कार्यक्रम, वैज्ञानिक अनुसंधान, ग्रामीण और कृषि कार्यक्रम, सीएसआर गतिविधियो और कार्यक्रमो, के क्षेत्र में प्रयत्नशील तथा कार्यरत है | ट्रस्ट एक गैर-लाभकारी संगठन है । इसका लक्ष्य लोगों और समितियों को सामंजस्यपूर्ण, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार तरीके से संपन्न करने के लिए सशक्त बनाना है । ट्रस्ट शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में समाज के गरीब और ��ंचित वर्ग का समर्थन करता है । यह सभी प्रकार के मानवीय कष्टों और सामाजिक विखंडन के उन्मूलन में मदद करता है । ट्रस्ट का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता में योगदान देने वाली संवेदनाओं और धारणाओं को परिष्कृत करना है । यह कला, संस्कृति साहित्य के प्रचार के लिए भी काम करता है और पवित्र शास्त्रों की शिक्षाओं का प्रचार करता है । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की गतिविधियों का समर्थन करने के लिए दान करें । आप स्वयंसेवक, सहयोगी, दान दाता, प्रायोजक बनकर हमसे जुड़ें सकते हैं और ट्रस्ट के माध्यम से समाज की सेवा कर सकते हैं | आपकी सक्रिय सहभागिता से हम अपने जनसेवा के क्षेत्र को पुरे देश में फैला सकते है |
कार्यक्रम के अंत में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव ने सभी का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया | कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका निवेदन ने किया |
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drrupal-helputrust · 8 months ago
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धरोहर | नाट्य मंचन काकोरी ट्रेन एक्शन | Dharohar | Stage Play Kakori Train Action
लखनऊ, 07.05.2023 | भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों व क्रान्तिकारियों को समर्पित नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन का मंचन ऑडिटोरियम, शेरवुड कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट, इंदिरा नगर, लखनऊ में किया गया । यह नाटक हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार व उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंन्द्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में, धरोहर" थीम के अन्तर्गत आयोजित हुआ । काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक द्वारा कलाकारों ने 09 अगस्त 1925 को काकोरी में घटित काकोरी कांड का सजीव चित्रण किया | चन्द्रभाष सिंह के लेखन एवं निर्देशन में नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन' में अनुभवी व मंझे हुऐ कलाकारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों को देश भक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया |
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान से हुआ तत्पश्चात हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अगवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव, श्री एम० पी० अवस्थी, श्री अशोक कुमार जायसवाल, डॉ अलका निवेदन, श्री पंकज अवस्थी, द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया ।
सभागार में उपस्थित सभी अतिथिगणों का स्वागत करते हुऐ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए आज यह सौभाग्य का दिन हैं कि आज अपने वीर शहीद क्रांतिकारियों को, काकोरी ट्रेन एक्शन, नाटक के मंचन के माध्यम से याद करने का, श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिला है | "काकोरी ट्रेन एक्शन" एक महत्वपूर्ण एतिहासिक घटना है, जिसने देश के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । इस घटना में, भारत के स्वाधीनता संग्राम के सैनिकों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत की थी । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि हमें देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर समय-समय पर मिला है | संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार तथा उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) का आभार है जिनके आर्थिक सहयोग से धरोहर थीम के अंतर्गत आज देश के महान क्रन्तिकारी वीरों को समर्पित काकोरी ट्रेन एक्शन का नाट्य मंचन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ | मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का विशेष आभार है जिन्होंने वर्ष 2021 में वीर शहीदों की शहादत को नमन करते हुए आजादी की लड़ाई के संघर्ष की धरोहर का नामकरण काकोरी ट्रेन एक्शन कर दिया, जिसे पहले काकोरी कांड कहा जाता था |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने देश के महान क्रांतिकारी वीरों, शहीदों, सैनिकों के सम्मान में 1 मिनट का मौन होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम देश के समस्त 28 राज्यों में और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी में ट्रस्ट का कार्यालय स्थापित करें | निष्पक्षता, समानता और समावेशिता ट्रस्ट की कार्यशैली हैं । ट्रस्ट सभी संस्कृतियों के सम्मान के सिद्धांत पर काम करता है । पारदर्शिता और जवाबदेही ट्रस्ट के प्रमुख तत्व हैं। ट्रस्ट रचनात्मक और प्रभावी साझेदारी को पोषित करने के लिए प्रतिबद्ध है । प्रासंगिकता केवल लोगों और समुदाय के निरंतर सशक्तिकरण के साथ ही बनाए रखी जा सकती है । ट्रस्ट का उद्देश है जाति, पंथ या धर्म के भेद के बिना लोगों की सेवा करना । ट्रस्ट अनाथालय, वृद्धाश्रम, यूपीएस60+ क्लब, भगवद् गीता केंद्र, आध्यात्मिक संगीत अकादमी, बाल गोपाल शिक्षा योजना, स्वच्छता/स्वच्छ भारत मिशन,  व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम, राष्ट्रीय एकता के लिए जागरूकता, शैक्षिक जागरूकता आदि,  दान - रक्त, पुराने कपड़े, किताबें और अन्य पुन: प्रयोज्य वस्तुएं, खाने-पीने की चीजों का वितरण,  राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवसों पर कार्यक्रमों का आयोजन, परिवार परामर्श हेल्पलाइन, आपदा प्रबंधन,  महामारी समर्थन,  निःशुल्क स्वास्थ्य शिवि���, उत्कृष्ट व्यक्तित्वों का सम्मान करना, शैक्षिक और धर्मार्थ गतिविधियों,  महिला अधिकारिता कार्यक्रम, वैज्ञानिक अनुसंधान, ग्रामीण और कृषि कार्यक्रम, सीएसआर गतिविधियो और कार्यक्रमो, के क्षेत्र में प्रयत्नशील तथा कार्यरत है | ट्रस्ट एक गैर-लाभकारी संगठन है । इसका लक्ष्य लोगों और समितियों को सामंजस्यपूर्ण, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार तरीके से संपन्न करने के लिए सशक्त बनाना है । ट्रस्ट शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में समाज के गरीब और वंचित वर्ग का समर्थन करता है । यह सभी प्रकार के मानवीय कष्टों और सामाजिक विखंडन के उन्मूलन में मदद करता है । ट्रस्ट का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता में योगदान देने वाली संवेदनाओं और धारणाओं को परिष्कृत करना है । यह कला, संस्कृति साहित्य के प्रचार के लिए भी काम करता है और पवित्र शास्त्रों की शिक्षाओं का प्रचार करता है । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की गतिविधियों का समर्थन करने के लिए दान करें । आप स्वयंसेवक, सहयोगी, दान दाता, प्रायोजक बनकर हमसे जुड़ें सकते हैं और ट्रस्ट के माध्यम से समाज की सेवा कर सकते हैं | आपकी सक्रिय सहभागिता से हम अपने जनसेवा के क्षेत्र को पुरे देश में फैला सकते है |
कार्यक्रम के अंत में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव ने सभी का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया | कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका निवेदन ने किया |
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helpukiranagarwal · 4 days ago
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धरोहर | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट | Dharohar | Help U Educational and Charitable Trust
लखनऊ, 28.04.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना के 11 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर "स्थापना दिवस कार्यक्रम" तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र NCZCC के संयुक्त तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर” का आयोजन सी एम एस ऑडिटोरियम, विशाल खंड, गोमती नगर, लखनऊ में किया गया |
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान तथा श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, संस्थापक एवं प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा डॉ रूपल अग्रवाल, न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, ट्रस्ट की आतंरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण ने दीप प्रज्वलन करके किया l
सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर” में, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक पद्माभूषण स्वर्गीय गोपाल दास नीरज, पद्माश्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी तथा वर्तमान संरक्षक पद्माश्री अनूप जलोटा की रचनाओं, गीतों, शायरी तथा भजनों की प्रस्तुति प्रदीप अली, आकांक्षा सिंह, मल्लिका शुक्ला ने की तथा भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत भाव नृत्य राम भी रहीम भी, अवधी नृत्य नाटिका वैदेही के राम, महारास, राजस्थानी लोक नृत्य घूमर, की प्रस्तुति उर्मिला पाण्डेय ग्रुप द्वारा की गयी |
उर्मिला पाण्डेय ग्रुप - भाव नृत्य राम भी रहीम भी
हमारी भारतीय संस्कृति ने हमेशा ही राष्ट्रीय भाईचारे और सौहार्द को बढ़ावा दिया है । राष्ट्रीय भाईचारे और सौहार्द्र को समर्पित भाव नृत्य शीर्षक राम भी रहीम भी प्रस्तुत किया ।
अवधी नृत्य नाटिका वैदेही के राम
श्री राम तथा माता सीता इनके मिलन की ही गाथा है ये नृत्य नाटिका वैदेही के राम। प्रभु श्री राम जब महर्षि विश्वामित्र के साथ मिथिला नगरी पहुँचे और वहाँ की पुष्प वाटिका में देवी सीता और श्री राम एक दूसरे को देख मंत्र मुग्ध हो गए। अंततः प्रभु श्री राम ने स्वयंवर में रखे शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा कर राजकुमारी सीता से विवाह किया।
महारास
राधा कृष्ण और गोपियों द्वारा किया जाने वाला आनंदमयी तथा सौंदर्यवर्धक नृत्य रास कहलाता है। लीलापुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण ने ��रद पूर्णिमा की रात में छः महीने की रातों को एक कर ब्रजभूमि के कुंज में सर्वप्रथम यह नृत्य किया था । नृत्य की बंदिशों के साथ भाव भंगिमाओं तथा डांडिया नृत्य का उच्चतम प्रयोग रास के अंतर्गत देखने को मिलता है। इसमें श्रृंगार रस की प्रधानता होती है तथा यह राधा कृष्ण के प्रेम से परिपक्व नृत्य शैली मानी जाती है। आज की इस रासलीला में सर्वप्रथम बाल कृष्ण तत्पश्चात युवा कृष्ण एवम् राधा रानी का नृत्य प्रस्तुत किया ।
राजस्थानी लोक नृत्य घूमर
घूमर और राजस्थान दोनो एक दूसरे के पर्याय हैं और घूमर राजस्थान का सर्व जन प्रिय लोक नृत्य है। यह नृत्य महिलाओं द्वारा किया जाता है। किसी भी मांगलिक अवसर एवम् उत्सव में घूमर नृत्य अति आवश्यक रूप से नाचा जाता रहा है।
"स्थापना दिवस कार्यक्रम" में, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट की न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल, ट्रस्ट की आतंरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की विवरण पुस्तिका का विमोचन किया गया | विवरण पुस्तिका में ट्रस्ट के विगत 11 वर्षों के कार्यों का विवरण उपलब्ध है |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा विगत 11 वर्षों में ट्रस्ट को महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने वाली 7 विभूतियों का हेल्प यू सम्मान तथा वैश्विक महामारी कोरोना काल में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने हेतु 119 कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया गया |
इस मौके पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि, "आज के मुख्य अतिथि आदरणीय श्री बृजेश पाठक जी ���्रदेश में निकाय चुनाव में व्यस्तता के कारण कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हो पा रहे हैं, वह आज इस समय वाराणसी में हैं | अपने पूज्य बाबा श्री राधेश्याम अग्रवाल जी व अपने पिताजी श्री राजीव अग्रवाल जी के जनहित के कार्यों से प्रभावित होकर 28 अप्रैल, 2012 को हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की | तत्कालीन मेयर परम आदरणीय श्री दिनेश शर्मा जी ने ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग एवं मार्गदर्शन प्रदान किया | हमें संरक्षक के रूप में महाकवि पदम भूषण डॉ श्री गोपाल दास नीरज जी, पदम श्री अनवर जलालपुरी तथा भजन सम्राट पदम श्री अनूप जलोटा जी का सानिध्य प्राप्त हुआ |  देश के सभी राज्यों की राजधानियों तथा अन्य देशो में ट्रस्ट के कार्यालय स्थापित कर जनहित के कार्यों को और विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है जिससे हम सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में जनहित के कार्यों में अपना योगदान दे सकें | वर्तमान समय में माननीय प्रधानमंत्री परम आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास का अनुसरण करते हुए समाज के हर क्षेत्र में लोगों की मदद कर रहे हैं | 
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल ने हेल्प यू सम्मान से नवाजे गए सभी विभूतियों तथा हेल्प यू कोरोना वॉरियर्स से सम्मानित महानुभावों को बहुत-बहुत बधाई | विगत 11 वर्षों में बहुत कुछ बदला और हमने सबसे कठिन दौर ��ब देखा जब वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरे विश्व को ज़कर लिया | उस समय लखनऊ शहर के अनेक संवेदनशील लोगों ने हमारा साथ दिया, जिससे हम सही समय पर असहाय व जरूरतमंद लोगों की मदद कर पाए | मैं बस यही कहना चाहूंगी कि आप भविष्य में भी इसी तरह हमारा साथ दीजिए जिससे हम  समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की अपनी मुहिम को पूरा कर सकें |
कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका निवेदन ने किया I
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helputrust-drrupal · 4 days ago
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धरोहर | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट | Dharohar | Help U Educational and Charitable Trust
लखनऊ, 28.04.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना के 11 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर "स्थापना दिवस कार्यक्रम" तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र NCZCC के संयुक्त तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर” का आयोजन सी एम एस ऑडिटोरियम, विशाल खंड, गोमती नगर, लखनऊ में किया गया |
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान तथा श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, संस्थापक एवं प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा डॉ रूपल अग्रवाल, न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, ट्रस्ट की आतंरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण ने दीप प्रज्वलन करके किया l
सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर” में, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक पद्माभूषण स्वर्गीय गोपाल दास नीरज, पद्माश्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी तथा वर्तमान संरक्षक पद्माश्री अनूप जलोटा की रचनाओं, गीतों, शायरी तथा भजनों की प्रस्तुति प्रदीप अली, आकांक्षा सिंह, मल्लिका शुक्ला ने की तथा भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत भाव नृत्य राम भी रहीम भी, अवधी नृत्य नाटिका वैदेही के राम, महारास, राजस्थानी लोक नृत्य घूमर, की प्रस्तुति उर्मिला पाण्डेय ग्रुप द्वारा की गयी |
उर्मिला पाण्डेय ग्रुप - भाव नृत्य राम भी रहीम भी
हमारी भारतीय संस्कृति ने हमेशा ही राष्ट्रीय भाईचारे और सौहार्द को बढ़ावा दिया है । राष्ट्रीय भाईचारे और सौहार्द्र को समर्पित भाव नृत्य शीर्षक राम भी रहीम भी प्रस्तुत किया ।
अवधी नृत्य नाटिका वैदेही के राम
श्री राम तथा माता सीता इनके मिलन की ही गाथा है ये नृत्य नाटिका वैदेही के राम। प्रभु श्री राम जब महर्षि विश्वामित्र के साथ मिथिला नगरी पहुँचे और वहाँ की पुष्प वाटिका में देवी सीता और श्री राम एक दूसरे को देख मंत्र मुग्ध हो गए। अंततः प्रभु श्री राम ने स्वयंवर में रखे शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा कर राजकुमारी सीता से विवाह किया।
महारास
राधा कृष्ण और गोपियों द्वारा किया जाने वाला आनंदमयी तथा सौंदर्यवर्धक नृत्य रास कहलाता है। लीलापुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण ने शरद पूर्णिमा की रात में छः महीने की रातों को एक कर ब्रजभूमि के कुंज में सर्वप्रथम यह नृत्य किया था । नृत्य की बंदिशों के साथ भाव भंगिमाओं तथा डांडिया नृत्य का उच्चतम प्रयोग रास के अंतर्गत देखने को मिलता है। इसमें श्रृंगार रस की प्रधानता होती है तथा यह राधा कृष्ण के प्रेम से परिपक्व नृत्य शैली मानी जाती है। आज की इस रासलीला में सर्वप्रथम बाल कृष्ण तत्पश्चात युवा कृष्ण एवम् राधा रानी का नृत्य प्रस्तुत किया ।
राजस्थानी लोक नृत्य घूमर
घूमर और राजस्थान दोनो एक दूसरे के पर्याय हैं और घूमर राजस्थान का सर्व जन प्रिय लोक नृत्य है। यह नृत्य महिलाओं द्वारा किया जाता है। किसी भी मांगलिक अवसर एवम् उत्सव में घूमर नृत्य अति आवश्यक रूप से नाचा जाता रहा है।
"स्थापना दिवस कार्यक्रम" में, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट की न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल, ट्रस्ट की आतंरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की विवरण पुस्तिका का विमोचन किया गया | विवरण पुस्तिका में ट्रस्ट के विगत 11 वर्षों के कार्यों का विवरण उपलब्ध है |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा विगत 11 वर्षों में ट्रस्ट को महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने वाली 7 विभूतियों का हेल्प यू सम्मान तथा वैश्विक महामारी कोरोना काल में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने हेतु 119 कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया गया |
इस मौके पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि, "आज के मुख्य अतिथि आदरणीय श्री बृजेश पाठक जी प्रदेश में निकाय चुनाव में व्यस्तता के कारण कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हो पा रहे हैं, वह आज इस समय वाराणसी में हैं | अपने पूज्य बाबा श्री राधेश्याम अग्रवाल जी व अपने पिताजी श्री राजीव अग्रवाल जी के जनहित के कार्यों से प्रभावित होकर 28 अप्रैल, 2012 को हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की | तत्कालीन मेयर परम आदरणीय श्री दिनेश शर्मा जी ने ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग एवं मार्गदर्शन प्रदान किया | हमें संरक्षक के रूप में महाकवि पदम भूषण डॉ श्री गोपाल दास नीरज जी, पदम श्री अनवर जलालपुरी तथा भजन सम्राट पदम श्री अनूप जलोटा जी का सानिध्य प्राप्त हुआ |  देश के सभी राज्यों की राजधानियों तथा अन्य देशो में ट्रस्ट के कार्यालय स्थापित कर जनहित के कार्यों को और विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है जिससे हम सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में जनहित के कार्यों में अपना योगदान दे सकें | वर्तमान समय में माननीय प्रधानमंत्री परम आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास का अनुसरण करते हुए समाज के हर क्षेत्र में लोगों की मदद कर रहे हैं | 
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल ने हेल्प यू सम्मान से नवाजे गए सभी विभूतियों तथा हेल्प यू कोरोना वॉरियर्स से सम्मानित महानुभावों को बहुत-बहुत बधाई | विगत 11 वर्षों में बहुत कुछ बदला और हमने सबसे कठिन दौर तब देखा जब वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरे विश्व को ज़कर लिया | उस समय लखनऊ शहर के अनेक संवेदनशील लोगों ने हमारा साथ दिया, जिससे हम सही समय पर असहाय व जरूरतमंद लोगों की मदद कर पाए | मैं बस यही कहना चाहूंगी कि आप भविष्य में भी इसी तरह हमारा साथ दीजिए जिससे हम  समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की अपनी मुहिम को पूरा कर सकें |
कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका निवेदन ने किया I
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mpsay · 27 days ago
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दिल्ली में अष्टलक्ष्मी महोत्सव: युवा कलाकार ने गा���ा वंदे मातरम, पीएम मोदी ने बढ़ाया उत्साह
दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित अष्टलक्ष्मी महोत्सव का आगाज हुआ, जिसमें पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक धरोहर को शानदार तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है। महोत्सव में एक युवा कलाकार द्वारा भारत का राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ गाया गया, जिसने पूरे माहौल को देशभक्ति से सराबोर कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर पूर्वोत्तर के राज्यों – असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम के मुख्यमंत्र���यों के साथ भाग लिया। महोत्सव का उद्देश्य ‘अष्टलक्ष्मी’ के नाम से प्रसिद्ध इन राज्यों की सांस्कृतिक विविधता और उनके विकास की ओर देश का ध्यान आकर्षित करना है। 6 से 8 दिसंबर, 2024 तक चलने वाले इस महोत्सव में पारंपरिक नृत्य, संगीत और कला प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में पूर्वोत्तर की संस्कृति की प्रशंसा की और इस क्षेत्र के विकास को 'नए भारत' का अभिन्न हिस्सा बताया। महोत्सव ने राष्ट्रीय एकता और विविधता का शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया, जहां कला और संस्कृति के माध्यम से देश के हर कोने को एक सूत्र में पिरोया गया।
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agra24 · 1 month ago
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आगरा से चार प्रमुख शहरों के लिए सीधी उड़ानें: अहमदाबाद और बंगलूरू पर खास जोर
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आगरा से अहमदाबाद और बंगलूरू के लिए सीधी उड़ान सेवाएं जनवरी से फिर शुरू होने जा रही हैं। इंडिगो एयरलाइंस ने घोषणा की है कि अहमदाबाद के लिए उड़ान सेवा, जो पिछले पर्यटन सीजन में शुरू होकर कुछ ही महीनों में बंद हो गई थी, अब दोबारा चालू होगी। बंगलूरू के लिए उड़ानें, जो फिलहाल सप्ताह में चार दिन उपलब्ध हैं, जनवरी से सातों दिन संचालित होंगी। अहमदाबाद के लिए नई शुरुआत गुजरात और आगरा के बीच कारोबार करने वाले व्यापारियों के लिए यह खबर राहतभरी है। इंडिगो एयरलाइंस की अहमदाबाद-आगरा उड़ान, जो पहले अहमदाबाद-आगरा-जयपुर मार्ग पर चल��ी थी, को अब नए शेड्यूल के तहत दोबारा शुरू किया जा रहा है। पूर्व में यह फ्लाइट दोपहर 1:10 बजे अहमदाबाद से आगरा पहुंचती थी और 1:45 बजे प्रस्थान करती थी। इंडिगो एयरलाइंस के आगरा एयरपोर्ट मैनेजर देवराज पांडे ने बताया, "शेड्यूल को अंतिम रूप नागरिक उड्डयन निदेशालय से मिलते ही साझा किया जाएगा। बंगलूरू की फ्लाइट को सातों दिन करने का निर्णय यात्रियों की बढ़ती मांग के आधार पर लिया गया है।" यात्रा की बढ़ती मांग और फुल फ्लाइट्स आगरा से मुंबई, हैदराबाद और बंगलूरू के लिए पहले से संचालित फ्लाइट्स की उच्च मांग ने एयरलाइंस को अतिरिक्त सेवाएं जोड़ने के लिए प्रेरित किया है। हर फ्लाइट औसतन 160 से 175 यात्रियों के साथ भरकर उड़ रही है। बंगलूरू से आने-जाने वाले यात्रियों में बड़ी संख्या में आईटी प्रोफेशनल्स शामिल हैं, जबकि मुंबई के लिए मुख्य रूप से कारोबारी यात्राएं हो रही हैं। आगरा और आसपास के जिलों जैसे मथुरा, अलीगढ़, फिरोजाबाद, मैनपुरी और कासगंज के युवा बंगलूरू में आईटी सेक्टर में सक्रिय हैं, जिससे इस मार्ग पर यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पर्यटन क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा आगरा में पर्यटन क्षेत्र के विशेषज्ञों ने इस कदम का स्वागत किया है। आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चेंबर के अध्यक्ष प्रहलाद अग्रवाल ने बीबीसी से बातचीत में कहा, "अहमदाबाद और बंगलूरू से सीधी उड़ानें आगरा के पर्यटन क्षेत्र के लिए बेहद लाभकारी होंगी। गुजराती पर्यटक आगरा के मुख्य आकर्षण जैसे ताजमहल और फतेहपुर सीकरी में विशेष रुचि रखते हैं। वहीं, बंगलूरू से आने वाले आईटी प्रोफेशनल्स और उनके परिवार आगरा में लंबे समय तक रुकने वाले पर्यटक हो सकते हैं।" अग्रवाल ने यह भी कहा कि फ्लाइट्स के संचालन से आगरा के आस-पास के जिलों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिससे न केवल पर्यटन बल्कि स्थानीय व्यापार भी फलेगा-फूलेगा। नए शेड्यूल की प्रतीक्षा यद्यपि फ्लाइट्स का सटीक शेड्यूल नागरिक उड्डयन निदेशालय से जारी होना बाकी है, लेकिन इंडिगो के अधिकारियों का कहना है कि जनवरी से संचालन शुरू ��रने की पूरी तैयारी है। इन उड़ानों के शुरू होने से आगरा में पर्यटन और व्यापार को नई ऊंचाई मिलने की संभावना है। यह शहर, जो पहले से ही ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, अब बेहतर हवाई कनेक्टिविटी के साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक आकर्षण का केंद्र बनेगा। Read the full article
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jantanow · 3 months ago
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बागपत के डॉक्टर विभाष राजपूत इंटरनेशनल कांफ्रेंस मे करेंगें शिरकत
बागपत, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन। बागपत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ विभाष राजपूत दूरसंचार विभाग, भारत सरकार की ओर से तीन दिवसीय आईएमसी की आठवीं इंटरनेशनल कांफ्रेंस में शिरकत करेंगे। राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग-एनएसीडी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के डायरेक्टर जेएल गुप्ता ने यूनेस्को की 46वीं विश्व धरोहर समिति बैठक 2024 के दौरान डाक्टर विभाष…
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indlivebulletin · 3 months ago
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पर्यटकों के लिए फिर से खुला विश्व धरोहर स्थल राष्ट्रीय उद्यान मनाह
बाक्सा (असम), 27 सितंबर (ह��.स.)। विश्व पर्यटन दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन मनाह राष्ट्रीय उद्यान में “पर्यटन और शांति” थीम के साथ किया गया। इसी के साथ इको-टूरिज्म सीजन के लिए मनाह राष्ट्रीय उद्यान को आज फिर से पर्यटकों के लिए असम के पर्यटन मंत्री जयंत मल्लबरूवा और बोडोलैंट टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) के सीईएम प्रमोद बोडो ने संयुक्त रूप से खोला। असम पर्यटन, बोडोलैंड पर्यटन और वन विभाग…
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mewaruniversity · 4 months ago
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उदयपुर में दिखेगी झारखंड की संस्कृति 🤎
मेवाड़ विश्वविद्यालय द्वारा 25 से 29 सितंबर तक अयोजित की जा रही 20 वीं ’मेवाड़ अभिव्यक्ति प्रदर्शनी-2024’
मेवाड़ विश्वविद्यालय स्थित मेवाड़ आर्ट गैलरी (मैग) की ओर से उदयपुर स्थित पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में बुधवार से 20 वीं ‘मेवाड़ अभिव्यक्ति प्रदर्शनी-2024’ का भव्य प्रदर्शन होने जा रहा है। जिसका उद्घाटन राष्ट्रीय पारम्परिक लघु शैली के प्रसिद्ध चित्रकार ओम प्रकाश सोनी बिजौलिया करेंगे। यह पांच दिवसीय प्रदर्शनी 25 से 29 सितंबर तक आयोजित की जाएगी। इस कला प्रदर्शनी में झारखंड की पारंपरिक कलाओं सोहराई और खोबर की उत्कृष्ट कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा। मेवाड़ विश्वविद्यालय में कला एवं संस्कृति विभाग की महानिदेशिका प्रो. (डॉ.) चित्रलेखा सिंह ने बताया कि सोहराई और खोबर पारम्परिक दीवार पेंटिंग तकनीकें है जो भारत के झारखंड के हजारीबाग जिले से उत्पन्न हुई है। सोहराई एक फसल और खोबर एक विवाह पेंटिंग है। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य देशभर में पारंपरिक भारतीय कलाओं को संरक्षित और प्रोत्साहित करना है। साथ ही यह प्रदर्शनी झारखंड के आदिवासी समाज की विशिष्ट कलात्मक अभिव्यक्तियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रदर्शनी में शामिल 30 कलाकृतियों को कलाकारों ने अपनी पारंपरिक शैली में उकेरा है, जो भारतीय संस्कृति की लोक कलाओं की गहरी जड़ों को दर्शाती हैं। मेवाड़ विश्वविद्यालय इस प्रकार की प्रदर्शनी के आयोजन से भारतीय कला और संस्कृति के प्रचार ��र प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि दृश्य कला विभाग के विभागाध्यक्ष ओम प्रकाश साल्वी इस प्रदर्शनी के समन्वयक और पारंपरिक कला को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है जो अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पिछवई और फड़ चित्रकार है।    इस बारे में मेवाड़ यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डॉ. अशोक कुमार गदिया का कहना है कि यह प्रदर्शनी न केवल झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत करेगी बल्कि देशभर के कला प्रेमियों को इन दुर्लभ और पारंपरिक कलाओं से परिचित कराने का एक अनूठा मंच भी प्रदान करेगी। मेवाड़ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) आलोक मिश्रा ने बताया कि इस प्रकार की प्रदर्शनी कला प्रेमियों, शोधार्थियों और सांस्कृतिक विशेषज्ञों के लिए एक दुर्लभ अवसर प्रदान करेगी जहां वे इन अनूठी कलाओं को करीब से जान सकेंगे और इनके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को समझ सकेंगे।
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deshbandhu · 4 months ago
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Raashtreey Ekata Mein Hindi ki Bhoomika
भारत एक विशाल और विविधताओं से भरा देश है, जहाँ विभिन्न भाषाएँ, धर्म, जातियाँ, और सांस्कृतिक धरोहरें पाई जाती हैं। इस विविधता के बावजूद, देश की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए एक साझा भाषा का होना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस संदर्भ में राष्ट्रीय एकता में हिंदी का योगदान विशेष महत्व रखता है। हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि देश के विभिन्न भागों को एकता के सूत्र में पिरोने वाली शक्ति है। राष्ट्रीय एकता में हिंदी का योगदान ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा है।
हिंदी: एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भारत की स्वतंत्रता के संघर्ष में हिंदी ने एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, विभिन्न भाषाएँ बोलने वाले लोग एक मंच पर आए और एक साझा लक्ष्य के लिए लड़े। इस समय हिंदी ने संचार का प्रमुख माध्यम बनकर सभी को एक सूत्र में बाँधने का काम किया। महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, और सुभाष चंद्र बोस जैसे महान नेताओं ने हिंदी को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य किया, जिससे यह स्वतंत्रता आंदोलन की आवाज़ बन गई। आजादी के बाद, भारत के संविधान में हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि हिंदी न केवल स्वतंत्रता संग्राम की भाषा रही है, बल्कि देश की एकता को बनाए रखने में भी इसका महत्व है।
सांस्कृतिक एकता में हिंदी का योगदान
भारत की सांस्कृतिक विविधता में हिंदी एक सेतु का काम करती है। विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में बोलचाल की अलग-अलग भाषाएँ और बोलियाँ हैं, परंतु हिंदी ने इन सबको एक मंच पर लाने का काम किया है। हिंदी फिल्मों, संगीत, साहित्य, और नाटकों ने भारतीय समाज के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है। हिंदी सिनेमा ने न केवल भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया, बल्कि देश के अंदर भी लोगों को एक-दूसरे की संस्कृति और परंपराओं से परिचित करवाया। हिंदी के माध्यम से लोग एक-दूसरे की भावनाओं और विचारों को समझ पाते हैं, जिससे समाज में आपसी भाईचारा और सौहार्द बढ़ता है।
सामाजिक समरसता और हिंदी
हिंदी भाषा ने सामाजिक स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह भाषा समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संवाद और विचार-विमर्श का सशक्त माध्यम बनी है। हिंदी, एक ऐसी भाषा है जिसे आम आदमी से लेकर उच्च वर्ग तक सभी लोग समझ सकते हैं। यह भाषा विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों के लोगों के बीच एक कड़ी के रूप में काम करती है। विभिन्न धर्मों, जातियों और समुदायों के लोग हिंदी के माध्यम से एक-दूसरे के साथ संवाद करते हैं और विचारों का आदान-प्रदान करते हैं। इससे समाज में एक समरसता और सहयोग की भावना उत्पन्न होती है, जो राष्ट्रीय एकता को मजबूत करती है। इस प्रकार राष्ट्रीय एकता में हिंदी का योगदान समाज के विभिन्न हिस्सों को एक साथ लाने में अहम रहा है।
राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्र में हिंदी की भूमिका
स्वतंत्रता के बाद, भारत के संविधान निर्माताओं ने हिंदी को देश की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया। यह निर्णय देश की अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया था। प्रशासनिक और राजनीतिक क्षेत्र में हिंदी का प्रयोग देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने का माध्यम बन गया। चाहे संसद हो या विभिन्न राज्यों की विधानसभाएँ, हिंदी के माध्यम से संवाद और निर्णय लिए जाते हैं। इससे देश के सभी नागरिकों को एक समान रूप से संचार की सुविधा मिलती है, जिससे राष्ट्रीय एकता को बल मिलता है।
हिंदी और शिक्षा
हिंदी शिक्षा के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह भाषा शिक्षा का एक प्रमुख माध्यम बनकर उभरी है, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ हिंदी मातृभाषा नहीं है। हिंदी के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र विभिन्न क्षेत्रों और संस्कृतियों से परिचित होते हैं, जिससे उनकी समझ में विस्तार होता है और वे राष्ट्रीय एकता की भावना को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं। हिंदी माध्यम से दी गई शिक्षा लोगों को न केवल अपनी भाषा और संस्कृति से परिचित कराती है, बल्कि देश की अन्य भाषाओं और संस्कृतियों को समझने का अवसर भी प्रदान करती है।
हिंदी: एकता का प्रतीक
हिंदी भाषा राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन गई है। भारत में ��ई क्षेत्रीय भाषाएँ और बोलियाँ होने के बावजूद, हिंदी ने पूरे देश को एकजुट रखने का कार्य किया है। हिंदी का सरल और प्रभावी स्वरूप इसे देश के विभिन्न हिस्सों में अपनाने के लिए अनुकूल बनाता है। हिंदी के माध्यम से लोग न केवल संवाद कर पाते हैं, बल्कि एक साझा राष्ट्रीय पहचान का अनुभव भी करते हैं। यह भाषा राष्ट्रीय पर्वों, आयोजनों, और सरकारी कार्यक्रमों में व्यापक रूप से प्रयोग की जाती है, जिससे देश की एकता और अखंडता को मजबूती मिलती है।
वैश्विक मंच पर हिंदी की भूमिका
हिंदी न केवल भारत के भीतर, बल्कि वैश्विक मंच पर भी भारत की एकता और पहचान को सशक्त कर रही है। हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख भाषा के रूप में मान्यता मिल रही है, और इसे संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं में भी स्वीकार किया जा रहा है। विदेशों में बसे भारतीय भी हिंदी के माध्यम से अपनी संस्कृति और मूल्यों को संरक्षित करते हैं। हिंदी भाषा ने भारत की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने मे�� महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे भारत की एकता और अखंडता का संदेश दुनिया भर में फैल रहा है।
हिंदी का भविष्य और राष्ट्रीय एकता
आज के समय में भी हिंदी राष्ट्रीय एकता की धारा को सशक्त बनाए हुए है। तकनीकी और डिजिटल युग में हिंदी ने अपनी महत्ता को बनाए रखा है। सोशल मीडिया, इंटरनेट, और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर हिंदी का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है, जिससे यह स्पष्ट है कि हिंदी का भविष्य उज्ज्वल है। हिंदी की बढ़ती लोकप्रियता और उपयोगिता इसे भविष्य में भी राष्ट्रीय एकता का महत्वपूर्ण साधन बनाएगी।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय एकता में हिंदी का योगदान अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है। यह भाषा न केवल लोगों को जोड़ने का माध्यम है, बल्कि एक राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक भी है। हिंदी ने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, और राजनीतिक स्तर पर देश की एकता को सुदृढ़ किया है। आज के युग में भी हिंदी अपनी सशक्त उपस्थिति के साथ राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रही है। इसके माध्यम से भारत की विविधता में एकता का संदेश प्रकट होता है, जो देश की प्रगति और स्थिरता के लिए अनिवार्य है। राष्ट्रीय एकता में हिंदी का योगदान हर स्तर पर महत्त्वपूर्ण और अनमोल है, और भविष्य में भी यह देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में अपना योगदान देती रहेगी।
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helputrust · 7 months ago
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लखनऊ, 28.04.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना के 11 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर "स्थापना दिवस कार्यक्रम" तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर” का आयोजन सी एम एस ऑडिटोरियम, विशाल खंड, गोमती नगर, लखनऊ में किया गया |
"स्थापना दिवस कार्यक्रम" में, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट की न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल, ट्रस्ट की आतंरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की विवरण पुस्तिका का विमोचन किया गया | विवरण पुस्तिका में ट्रस्ट के विगत 11 वर्षों के कार्यों का विवरण उपलब्ध है |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा विगत 11 वर्षों में ट्रस्ट को महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने वाली 7 विभूतियों का हेल्प यू सम्मान तथा वैश्विक महामारी कोरोना काल में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने हेतु 119 कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया गया |
सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर” में, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक पद्माभूषण स्वर्गीय गोपाल दास नीरज, पद्माश्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी तथा वर्तमान संरक्षक पद्माश्री अनूप जलोटा की रचनाओं, गीतों, शायरी तथा भजनों की प्रस्तुति प्रदीप अली, आकांक्षा सिंह, मल्लिका शुक्ला ने की तथा भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत भाव नृत्य राम भी रहीम भी, अवधी नृत्य नाटिका वैदेही के राम, महारास, राजस्थानी लोक नृत्य घूमर, की प्रस्तुति उर्मिला पाण्डेय ग्रुप द्वारा की गयी |
भाव नृत्य राम भी रहीम भी
हमारी भारतीय संस्कृति ने हमेशा ही राष्ट्रीय भाईचारे और सौहार्द को बढ़ावा दिया है । राष्ट्रीय भाईचारे और सौहार्द्र को समर्पित भाव नृत्य शीर्षक राम भी रहीम भी प्रस्तुत किया ।
कलाकार- रॉनी सिंह, प्रेक्षा श्रीवास्तव, ज्योति शुक्ला, मलखान सिंह
लेखक - उदय प्रताप सिंह
गायक - प्रदीप अली
सभी कलाकारों को सम्मानित किया गया |
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helputrust-harsh · 8 months ago
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Dharohar | Stage Play Kakori Train Action | धरोहर | काकोरी ट्रेन एक्शन | Dr Rupal Agarwal
लखनऊ, 07.05.2023 | भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों व क्रान्तिकारियों को समर्पित नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन का मंचन ऑडिटोरियम, शेरवुड कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट, इंदिरा नगर, लखनऊ में किया गया । यह नाटक हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार व उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंन्द्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में, धरोहर" थीम के अन्तर्गत आयोजित हुआ । काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक द्वारा कलाकारों ने 09 अगस्त 1925 को काकोरी में घटित काकोरी कांड का सजीव चित्रण किया | चन्द्रभाष सिंह के लेखन एवं निर्देशन में नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन' में अनुभवी व मंझे हुऐ कलाकारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों को देश भक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया |
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान से हुआ तत्पश्चात हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अगवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव, श्री एम० पी० अवस्थी, श्री अशोक कुमार जायसवाल, डॉ अलका निवेदन, श्री पंकज अवस्थी, द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया ।
सभागार में उपस्थित सभी अतिथिगणों का स्वागत करते हुऐ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए आज यह सौभाग्य का दिन हैं कि आज अपने वीर शहीद क्रांतिकारियों को, काकोरी ट्रेन एक्शन, नाटक के मंचन के माध्यम से याद करने का, श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिला है | "काकोरी ट्रेन एक्शन" एक महत्वपूर्ण एतिहासिक घटना है, जिसने देश के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । इस घटना में, भारत के स्वाधीनता संग्राम के सैनिकों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत की थी । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि हमें देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर समय-समय पर मिला है | संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार तथा उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) का आभार है जिनके आर्थिक सहयोग से धरोहर थीम के अंतर्गत आज देश के महान क्रन्तिकारी वीरों को समर्पित काकोरी ट्रेन एक्शन का नाट्य मंचन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ | मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का विशेष आभार है जिन्होंने वर्ष 2021 में वीर शहीदों की शहादत को नमन करते हुए आजादी की लड़ाई के संघर्ष की धरोहर का नामकरण काकोरी ट्रेन एक्शन कर दिया, जिसे पहले काकोरी कांड कहा जाता था |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने देश के महान क्रांतिकारी वीरों, शहीदों, सैनिकों के सम्मान में 1 मिनट का मौन होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम देश के समस्त 28 राज्यों में और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी में ट्रस्ट का कार्यालय स्थापित करें | निष्पक्षता, समानता और समावेशिता ट्रस्ट की कार्यशैली हैं । ट्रस्ट सभी संस्कृतियों के सम्मान के सिद्धांत पर काम करता है । पारदर्शिता और जवाबदेही ट्रस्ट के प्रमुख तत्व हैं। ट्रस्ट रचनात्मक और प्रभावी साझेदारी को पोषित करने के लिए प्रतिबद्ध है । प्रासंगिकता केवल लोगों और समुदाय के निरंतर सशक्तिकरण के साथ ही बनाए रखी जा सकती है । ट्रस्ट का उद्देश है जाति, पंथ या धर्म के भेद के बिना लोगों की सेवा करना । ट्रस्ट अनाथालय, वृद्धाश्रम, यूपीएस60+ क्लब, भगवद् गीता केंद्र, आध्यात्मिक संगीत अकादमी, बाल गोपाल शिक्षा योजना, स्वच्छता/स्वच्छ भारत मिशन, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम, राष्ट्रीय एकता के लिए जागरूकता, शैक्षिक जागरूकता आदि, दान - रक्त, पुराने कपड़े, किताबें और अन्य पुन: प्रयोज्य वस्तुएं, खाने-पीने की चीजों का वितरण, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवसों पर कार्यक्रमों का आयोजन, परिवार परामर्श हेल्पलाइन, आपदा प्रबंधन, महामारी समर्थन, निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, उत्कृष्ट व्यक्तित्वों का सम्मान करना, शैक्षिक और धर्मार्थ गतिविधियों, महिला अधिकारिता कार्यक्रम, वैज्ञानिक अनुसंधान, ग्रामीण और कृषि कार्यक्रम, सीएसआर गतिविधियो और कार्यक्रमो, के क्षेत्र में प्रयत्नशील तथा कार्यरत है | ट्रस्ट एक गैर-लाभकारी संगठन है । इसका लक्ष्य लोगों और समितियों को सामंजस्यपूर्ण, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार तरीके से संपन्न करने के लिए सशक्त बनाना है । ट्रस्ट शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में समाज के गरीब और वंचित वर्ग का समर्थन करता है । यह सभी प्रकार के मानवीय कष्टों और सामाजिक विखंडन के उन्मूलन में मदद करता है । ट्रस्ट का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता में योगदान देने वाली संवेदनाओं और धारणाओं को परिष्कृत करना है । यह कला, संस्कृति साहित्य के प्रचार के लिए भी काम करता है और पवित्र शास्त्रों की शिक्षाओं का प्रचार करता है । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की गतिविधियों का समर्थन करने के लिए दान करें । आप स्वयंसेवक, सहयोगी, दान दाता, प्रायोजक बनकर हमसे जुड़ें सकते हैं और ट्रस्ट के माध्यम से समाज की सेवा कर सकते हैं | आपकी सक्रिय सहभागिता से हम अपने जनसेवा के क्षेत्र को पुरे देश में फैला सकते है |
कार्यक्रम के अंत में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव ने सभी का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया | कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका निवेदन ने किया |
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drrupal-helputrust · 4 days ago
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धरोहर | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट | Dharohar | Help U Educational and Charitable Trust
लखनऊ, 28.04.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना के 11 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर "स्थापना दिवस कार्यक्रम" तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र NCZCC के संयुक्त तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर” का आयोजन सी एम एस ऑडिटोरियम, विशाल खंड, गोमती नगर, लखनऊ में किया गया |
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान तथा श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, संस्थापक एवं प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा डॉ रूपल अग्रवाल, न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, ट्रस्ट की आतंरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण ने दीप प्रज्वलन करके किया l
सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर” में, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक पद्माभूषण स्वर्गीय गोपाल दास नीरज, पद्माश्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी तथा वर्तमान संरक्षक पद्माश्री अनूप जलोटा की रचनाओं, गीतों, शायरी तथा भजनों की प्रस्तुति प्रदीप अली, आकांक्षा सिंह, मल्लिका शुक्ला ने की तथा भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत भाव नृत्य राम भी रहीम भी, अवधी नृत्य नाटिका वैदेही के राम, महारास, राजस्थानी लोक नृत्य घूमर, की प्रस्तुति उर्मिला पाण्डेय ग्रुप द्वारा की गयी |
उर्मिला पाण्डेय ग्रुप - भाव नृत्य राम भी रहीम भी
हमारी भारतीय संस्कृति ने हमेशा ही राष्ट्रीय भाईचारे और सौहार्द को बढ़ावा दिया है । राष्ट्रीय भाईचारे और सौहार्द्र को समर्पित भाव नृत्य शीर्षक राम भी रहीम भी प्रस्तुत किया ।
अवधी नृत्य नाटिका वैदेही के राम
श्री राम तथा माता सीता इनके मिलन की ही गाथा है ये नृत्य नाटिका वैदेही के राम। प्रभु श्री राम जब महर्षि विश्वामित्र के साथ मिथिला नगरी पहुँचे और वहाँ की पुष्प वाटिका में देवी सीता और श्री राम एक दूसरे को देख मंत्र मुग्ध हो गए। अंततः प्रभु श्री राम ने स्वयंवर में रखे शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा कर राजकुमारी सीता से विवाह किया।
महारास
राधा कृष्ण और गोपियों द्वारा किया जाने वाला आनंदमयी तथा सौंदर्यवर्धक नृत्य रास कहलाता है। लीलापुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण ने शरद पूर्णिमा की रात में छः महीने की रातों को एक कर ब्रजभूमि के कुंज में सर्वप्रथम यह नृत्य किया था । नृत्य की बंदिशों के साथ भाव भंगिमाओं तथा डांडिया नृत्य का उच्चतम प्रयोग रास के अंतर्गत देखने को मिलता है। इसमें श्रृंगार रस की प्रधानता होती है तथा यह राधा कृष्ण के प्रेम से परिपक्व नृत्य शैली मानी जाती है। आज की इस रासलीला में सर्वप्रथम बाल कृष्ण तत्पश्चात युवा कृष्ण एवम् राधा रानी का नृत्य प्रस्तुत किया ।
राजस्थानी लोक नृत्य घूमर
घूमर और राजस्थान दोनो एक दूसरे के पर्याय हैं और घूमर राजस्थान का सर्व जन प्रिय लोक नृत्य है। यह नृत्य महिलाओं द्वारा किया जाता है। किसी भी मांगलिक अवसर एवम् उत्सव में घूमर नृत्य अति आवश्यक रूप से नाचा जाता रहा है।
"स्थापना दिवस कार्यक्रम" में, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट की न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल, ट्रस्ट की आतंरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की विवरण पुस्तिका का विमोचन किया गया | विवरण पुस्तिका में ट्रस्ट के विगत 11 वर्षों के कार्यों का विवरण उपलब्ध है |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा विगत 11 वर्षों में ट्रस्ट को महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने वाली 7 विभूतियों का हेल्प यू सम्मान तथा वैश्विक महामारी कोरोना काल में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने हेतु 119 कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया गया |
इस मौके पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि, "आज के मुख्य अतिथि आदरणीय श्री बृजेश पाठक जी प्रदेश में निकाय चुनाव में व्यस्तता के कारण कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हो पा रहे हैं, वह आज इस समय वाराणसी में हैं | अपने पूज्य बाबा श्री राधेश्याम अग्रवाल जी व अपने पिताजी श्री राजीव अग्रवाल जी के जनहित के कार्यों से प्रभावित होकर 28 अप्रैल, 2012 को हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की | तत्कालीन मेयर परम आदरणीय श्री दिनेश शर्मा जी ने ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग एवं मार्गदर्शन प्रदान किया | हमें संरक्षक के रूप में महाकवि पदम भूषण डॉ श्री गोपाल दास नीरज जी, पदम श्री अनवर जलालपुरी तथा भजन सम्राट पदम श्री अनूप जलोटा जी का सानिध्य प्राप्त हुआ |  देश के सभी राज्यों की राजधानियों तथा अन्य देशो में ट्रस्ट के कार्यालय स्थापित कर जनहित के कार्यों को और विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है जिससे हम सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में जनहित के कार्यों में अपना योगदान दे सकें | वर्तमान समय में माननीय प्रधानमंत्री परम आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास का अनुसरण करते हुए समाज के हर क्षेत्र में लोगों की मदद कर रहे हैं | 
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल ने हेल्प यू सम्मान से नवाजे गए सभी विभूतियों तथा हेल्प यू कोरोना वॉरियर्स से सम्मानित महानुभावों को बहुत-बहुत बधाई | विगत 11 वर्षों में बहुत कुछ बदला और हमने सबसे कठिन दौर तब देखा जब वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरे विश्व को ज़कर लिया | उस समय लखनऊ शहर के अनेक संवेदनशील लोगों ने हमारा साथ दिया, जिससे हम सही समय पर असहाय व जरूरतमंद लोगों की मदद कर पाए | मैं बस यही कहना चाहूंगी कि आप भविष्य में भी इसी तरह हमारा साथ दीजिए जिससे हम  समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की अपनी मुहिम को पूरा कर सकें |
कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका निवेदन ने किया I
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nehuvc · 4 months ago
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नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, शिलांग के हिंदी विभाग ने हाल ही में केंद्रीय हिंदी निदेशालय के सहयोग से तीन दिवसीय राष्ट्रीय साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में विद्वानों ने सगुण (साकार) और निर्गुण (निराकार) भक्ति परंपराओं के जटिल संबंधों पर चर्चा की, विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि उत्तर-पूर्व भारत में ये आध्यात्मिक अवधारणाएँ कैसे एक-दूसरे में समाहित होती हैं।
विशेषज्ञों ने बताया कि भक्ति आंदोलन, राष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ होते हुए भी, इस क्षेत्र में एक अनूठी अभिव्यक्ति प्राप्त करता है। इस संगोष्ठी ने इस क्षेत्र में भविष्य के शोध के लिए नए मार्ग खोले हैं। आइए, भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर की गहराई का उत्सव मनाते रहें! https://theshillongtimes.com/2024/09/08/nehu-hosts-national-symposium-on-bhakti-traditions-in-northeast/
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