#राष्ट्रद्रोह
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रवि कुमार दलित को जान से मारने की धमकी देने वाला जितेंद्र राजपूत गिरफ्तार; कानून और संविधान का भी करता था अपमान
Shimla News: आप किसी भी देश के नागरिक हो, आपके लिए वहां का संविधान और कानून सर्वोपरि होता है। मनघड़ंत तथ्यों के आधार पर कानून और संविधान का विरोध करना देशद्रोह /राष्ट्रद्रोह माना जाता है। दुनिया के उन देशों में भी कोई भी नागरिक अपने कानून या संविधान का विरोध नहीं करता जहां तानाशाह राज करते है। लेकिन भारत में ऐसी लोगों की बाढ़ आ चुकी है जो समय-समय पर मनघड़ंत तथ्य के आधार पर संविधान और कानून का…
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नास्त्रेदमस की संत रामपाल जी महाराज के बारे में अद्भुत भविष्यवाणी
8. (पृष्ठ 74):- बहुत सारे संत नेता आएगें और जाएगें, सर्व परमात्मा के द्रोही तथा अभिमानी होगें। मुझे (नास्त्रोदमस को) आंतरिक साक्षात्कार उस शायरन का हुआ है। नास्त्रोदमस ने कहा है कि उस महान हिन्दू धार्मिक नेता को न पहचानकर उस पर राष्ट्रद्रोह का भी आरोप लगाया जाएगा। मुझे (नास्त्रोदमस को) दुख है कि वह महान धार्मिक
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#37th_BodhDiwas_SantRampalJi
बहुत सारे संत नेता आएगें और जाएगें, सर्व परमात्मा के द्रोही तथा अभिमानी होगें। मुझे (नास्त्रोदमस को) आंतरिक साक्षात्कार उस शायरन का हुआ है। नास्त्रोदमस ने कहा है कि उस महान हिन्दू धार्मिक नेता को न पहचानकर उस पर राष्ट्रद्रोह का भी आरोप लगाया जाएगा। मुझे (नास्त्रोदमस को) दुख है कि वह महान धार्मिक नेता उपेक्षा का पात्र बनाया जाएगा, परंतु हिन्दुस्तान का हिन्दू संत आगामी अंधकारी (भक्तिज्ञान के अभाव से अंधे) प्रलयकारी (स्वार्थ वश भाई-भाई को मार रहा है, बेटा-बाप से विमुख है, हिन्दू-हिन्दू का शत्रु, मुस्लमान-मुस्लमान का दुश्मन बना है) धुंधुकारी (माया की दौड़ में बेसब्रे समाज) जगत को नया प्रकाश देने वाला सर्वश्रेष्ठ जगज्जेता धार्मिक विश्व नेता की अपनी उदासी के सिवा कोई अभिलाषा नहीं होगी अर्थात् मानव उद्धार के लिए चिन्ता के अतिरिक्त कुछ भी स्वार्थ नहीं होगा। ना अभिमान होगा, यह मेरी भविष्यवाणी की गौरव की बात होगी की वास्तव में वह तत्वदर्शी संत संसार में अवश्य प्रसिद्ध होगा। उसके द्वारा बताया ज्ञान सदियों तक छाया रहेगा। वह संत आधुनिक वैज्ञानिकों की आँखें चकाचैंध करेगा ऐसे आध्यात्मिक चमत्कार करेगा कि वैज्ञानिक भी आश्चर्य में पड़ जायेंगे। उसका सर्व ज्ञान शास्त्र प्रमाणित होगा। मैं (नास्त्रोदमस) कहता हूँ कि बुद्धिवादी व्यक्ति उसकी उपेक्षा न करें। उसे छोटा ज्ञानदीप न समझें, उस तत्ववेता महामानव (शायरन को) सिहांसनस्थ करके (आसन पर बैठाकर) उसको आराध्य देव मानकर पूजा करें। वह आदि पुरुष (सतपुरुष) का अनुयाई दुनिया का तारणहार होगा।
सत्ययुग उस समय को कहा जाता है जिस युग में कोई अनैतिकता नहीं होती है। उसमें शांति होती है। एक पुत्र पिता के सामने नहीं मरता; एक महिला विधवा नहीं होती है। शरीर बीमारी से मुक्त होता है। सभी मनुष्य भक्ति करते हैं वे ईश्वर से डरते हैं क्योंकि वे आध्यात्मिक ज्ञान के सभी कार्यों से परिचित होते हैं। वे मन, कर्म या वचन से किसी को कष्ट नहीं देते हैं और न ही दुष्ट होते हैं।
#विश्व_का_सबसे_बड़ा_भंडारा
#Bhandara #langar #feast
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परमाणु बम और गीता में क्या संबंध था? यहाँ जानिए
'ऑपिनहाइमर' फ़िल्म की आजकल खूब चर्चा है। लेकिन क्या आप जानते हैं इस पूरी घटना में 'श्रीमद् भगवद् गीता' ने क्या भूमिका अदा की थी? हम ऑपिनहाइमर के उस वायरल वीडियो की बात नहीं कर रहे जिसमें वे गीता के एक श्लोक को उद्धृत करते हैं। तो फिर?
आइए शुरू से समझाते हैं:
अक्टूबर, 1939 में आइंस्टाइन अमेरिका के राष्ट्रपति को एक खत लिखते हैं,
"जर्मनी में परमाणु रिसर्च पूरे ज़ोरों पर है। वे जल्द ही एक शक्तिशाली बम बनाने में सफल हो सकते हैं, ऐसा बम जो मानवजाति ने आजतक नहीं देखा।"
इस वक्त तक दूसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत हो चुकी थी। हिटलर ने पोलैंड पर हमला कर दिया था। और ब्रिटिश व फ्रेंच सरकारों ने जर्मनी के ख़िलाफ़ युद्ध का एलान कर दिया था।
1942 तक आते-आते अमेरिका भी सक्रिय रूप से विश्वयुद्ध का हिस्सा बन चुका था। तब वहाँ के राष्ट्रपति ने विश्व के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों को अपने देश आने का प्रस्ताव भेजा। और शुरुआत हुई "मैनहैटन प्रोजेक्ट" की। जिसका उद्देश्य था जर्मनी से पहले परमाणु बॉम बनाना।
इस प्रोजेक्ट के डायरेक्टर के तौर पर उस वक्त के प्रसिद्ध वैज्ञानिक रॉबर्ट ऑपिनहाइमर को चुना गया। उनको बताया गया कि कैसे विश्वयुद्ध को और हिटलर को अत्याचार को रोकने का एक ही उपाय हो सकता है: कि जर्मनी से पहले अमेरिका एक परमाणु बॉम तैयार करले।
ऑपिनहाइमर धर्मसंकट में पड़ गए। एक तरफ़ थी हिटलर की क्रूरता और अत्याचार और दूसरी ओर था अपने विज्ञान के कौशल का उपयोग करके एक ऐसा हथियार बनाने का आदेश जिसके आगे सारे हथियार विफल साबित हो जाएँ। सिर्फ़ उसके नामभर से सारे युद्ध ख़त्म हो जाएँ।
इसी समय के दौरान वे कहा करते थे कि "भगवद् गीता मेरी बेचैनी की दवाई है"। इसलिए हमेशा गीता की प्रति अपनी मेज़ पर एक हाथ की दूरी पर रखते थे।
वेदान्त से उनका रिश्ता पुराना था। वर्षों पहले जब वे कॉलेज में थे तो उन्हें विज्ञान की किताबों से ज़्यादा रुचि वेदान्त और भगवद् गीता में थी। वे उन लोगों में से थे जिन्होंने संस्कृत सीखी थी ख़ास वेदान्त ग्रंथों के मूल स्वरूप को पढ़ने के लिए।
उनके करीबी बताते हैं कि उनकी बातों से साफ़ झलकता था कि वे कैसे पूरे प्रोजेक्ट के दौरान एक कश्मकश में रहते थे। 'स्वधर्म' को समझने में ख़ुद को असफल पाते थे।
उन्हें समझ नहीं आ रहा था क्या 'सही' है: उनका परमाणु बम बनाने में सफल हो जाना या असफल हो जाना? दोनों ही नतीजे उन्हें भयावह लग रहे थे।
16 जुलाई 1945 को अमेरिका पहला सफल परमाणु परीक्षण करता है। और सभी वैज्ञानिक अपनी खोज को सरकार के हवाले कर देते हैं। ऑपिनहाइमर को पता चलता है कि राष्ट्रपति जापान पर बम गिराने का आदेश देने वाले हैं।
तो वे इस निर्णय का विरोध करते हैं क्योंकि 30 अप्रैल 1945 को हिटलर पहले ही आत्महत्या कर चुका था। और नाज़ी सेना मई तक आते-आते घुटने टेक चुकी थी। सिर्फ़ जापान का तानाशाह हीरोहितो हथियार डालने को राज़ी नहीं था।
राष्ट्रपति उनकी बात नहीं मानते। ऑपिनहाइमर कहते हैं, "आज मेरे और आपके हाथ खून से रंगे हैं" और वहाँ से निकल जाते हैं।
जापान पर दो परमाणु बम गिराए जाते हैं। 2 लाख से अधिक जानें जाती हैं, दो शहर पूरी तरह मिट्टी में मिल जाते हैं, आने वाले कई दशकों के लिए पूरी जनसंख्या रेडिएशन से ग्रसित रहती है। जापान का तानाशाह अपनी हार मान लेता है। और दूसरा विश्वयुद्ध ख़त्म हो जाता है।
ऑपिनहाइमर को लगा शायद ऐसा भयावह मंजर देखकर मानवता दोबारा ऐसा कभी नहीं होने देगी। और परमाणु बम बनाने पर प्रतिबंध लग��� देगी। लेकिन 1949 में रुस द्वारा सफल परमाणु परीक्षण के बाद पूरी दुनिया में परमाणु बम बनाने की रेस शुरू हो जाती है।
जिस ऑपिनहाइमर को 'परमाणु बम का पिता' कहा गया था, वही उसके सबसे बड़े विरोधी बनकर खड़े होते हैं। अमेरिकी सरकार 1950 में हाइड्रोजन बम बनाने की तैयार शुरू कर देती है। जो कि परमाणु बम से 1000 गुना शक्तिशाली होता।
तो ऑपिनहाइमर इसका पुरज़ोर विरोध करते हैं। लेकिन उनकी बात सुनने की जगह उनपर राष्ट्रद्रोह का मुक़दमा चलाया जाता है। शेष जीवन वे फिजिक्स पढ़ाने में और अपनी ही रचना के अंतर्राष्ट्रीय मंच पर विरोध करने को समर्��ित कर देते हैं।
दो बातों ��र ध्यान दीजिएगा:
1. गीता से प्रेरित होकर कैसे शक्ति का विशाल स्रोत खुलता है। चाहे वे परमाणु शक्ति हो या आंतरिक शक्ति हो।
2. अध्यात्म ही अहिंसा का स्रोत है। जिन्हें अध्यात्म से कोई सरोकार नहीं होता वे ही अपनी घातक महत्वाकांक्षाओं के कारण विश्व पर क्रूरता बरसाते हैं।
ऑपिनहाइमर परमाणु रहस्यों के ज्ञाता थे और गीता के भी। तो उन्होंने बम का पुरज़ोर विरोध किया। लेकिन पूरी दुनिया में पिछले 70 सालों में नाभिकीय विष फैलता ही गया है क्योंकि दुनिया अध्यात्म और वेदान्त से दूर है।
गीता शक्ति भी, करुणा भी।
किसी भी प्रकार कि त्रुटि के लिए क्षमा प्रार्थी और सुक्षावों को आमंत्रण।।
धन्यवाद🙏🙏🙏
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हजारों तलवारें
सौजन्य: India TV हजारों तलवारें तन गई हैं उनपर लोकतंत्र के हिमायती ठेकेदारों के खुद से खींचते हैं नई लकीरें राष्ट्रवाद के औरों पर राष्ट्रद्रोह का इल्जाम लगाते हैं । देश के सम्मान का हर देशवासी मान रखता है, अगर कुछ गलत है तो उस पर मत रखने का संविधान अधिकार देता है, क्यों आज सब लोकतंत्र के मसीहा बन बैठे हैं या अपने विरोध पर तलवारें उठाए ऐंठे हैं ।।
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@spiritualleadersaintrampalji के विषय में नास्त्रोदमस की #भविष्यवाणी ...✍️बहुत सारे संत नेता आएगें और जाएगें, सर्व परमात्मा के द्रोही तथा अभिमानी होगें। मुझे (नास्त्रोदमस को) आंतरिक साक्षात्कार उस शायरन का हुआ है। नास्त्रोदमस ने कहा है कि उस महान हिन्दू धार्मिक नेता को न पहचानकर उस पर #राष्ट्रद्रोह का भी आरोप लगाया जाएगा। मुझे (नास्त्रोदमस को) दुख है कि वह महान धार्मिक नेता (#CHYREN) उपेक्षा का पात्र बनाया जाएगा, परंतु हिन्दुस्तान का हिन्दू संत आगामी अंधकारी (#भक्तिज्ञान के अभाव से अंधे) प्रलयकारी (स्वार्थ वश भाई-भाई को मार रहा है, बेटा-बाप से विमुख है, #हिन्दू-हिन्दू का शत्रु, #मुस्लमान-मुस्लमान का दुश्मन बना है) धुंधुकारी (माया की दौड़ में बेसब्रे समाज) जगत को नया प्रकाश देने वाला #सर्वश्रेष्ठ जगज्जेता #धार्मिक विश्व नेता की अपनी उदासी के सिवा कोई अभिलाषा नहीं होगी अर्थात् मानव उद्धार के लिए चिन्ता के अतिरिक्त कुछ भी स्वार्थ नहीं होगा। ना अभिमान होगा, यह मेरी भविष्यवाणी की गौरव की बात होगी की वास्तव में वह तत्वदर्शी संत संसार में अवश्य प्रसिद्ध होगा। उसके द्वारा बताया #ज्ञान सदियों तक छाया रहेगा। वह संत आधुनिक वैज्ञानिकों की आँखें चकाचैंध करेगा ऐसे आध्यात्मिक #चमत्कार करेगा कि वैज्ञानिक भी आश्चर्य में पड़ जायेंगे। उसका सर्व ज्ञान शास्त्र प्रमाणित होगा। मैं (नास्त्रोदमस) कहता हूँ कि बुद्धिवादी व्यक्ति उसकी उपेक्षा न करें। उसे छोटा ज्ञानदीप न समझें, उस #तत्ववेता महामानव (शायरन को) सिहांसनस्थ करके (आसन पर बैठाकर) उसको आराध्य देव मानकर पूजा करें। वह आदि पुरुष (सतपुरुष) का अनुयाई दुनिया का #तारणहार होगा। अधिक जानने के लिए देखे #साधना TV रोजाना शाम 07:30 से 08:30 बजे तक। . . Follow:- @shivakant_1811 Follow:- @shivakant_2912 . . . #saintrampaljimaharaj #SANews #SANewsChannel #satlok #satlokashram #love #instagood #memesdaily #meme #memes #picoftheday #KabirisGod #life #likeforlikes #army #worship #bhakti (at Lebanon) https://www.instagram.com/p/CD0uOfepEyX/?igshid=8plernr454bu
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राष्ट्रद्रोह कानून के पक्ष में केंद्र की जोरदार दलीलें, कहा- संज्ञेय अपराध दर्ज करने से नहीं रोका जा सकता
राष्ट्रद्रोह कानून के पक्ष में केंद्र की जोरदार दलीलें, कहा- संज्ञेय अपराध दर्ज करने से नहीं रोका जा सकता
राष्ट्रद्रोह कानून के पक्ष में केंद्र की जोरदार दलीलें, कहा- संज्ञेय अपराध दर्ज करने से नहीं रोका जा सकता सार सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष कोर्ट से कहा कि जहां तक देशद्रोह के विचाराधीन मामलों का सवाल है, हर केस की गंभीरता अलग होती है। किसी मामले का आतंकी कनेक्शन तो कि���ी का मनी लॉन्ड्रिंग कनेक्शन हो सकता है। राष्ट्रद्रोह कानून (Sedition law) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार को भी…
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पोलिसांवर हल्ले करणाऱ्यांवर राष्ट्रद्रोहाचे गुन्हे दाखल करा
पोलिसांवर हल्ले करणाऱ्यांवर राष्ट्रद्रोहाचे गुन्हे दाखल करा
मुंबई : कोरोनोच्या संकटमय परिस्थितीत पोलीस यंत्रणा दिवस-रात्र कोविड योध्दे म्हणून लढत आहे. नागरिकांचे रक्षण करीत आहे. तरीही अशा संकटमय परिस्थितीत जर पोलीस योध्दांवर हल्ले होत असतील तर असे हल्ले करणाऱ्या प्रवृत्तींविरोधात तात्काळ राष्ट्रद्रोहाचे गुन्हे दाखल करावेत, अशी मागणी विधानपरिषदेचे विरोधी पक्ष नेते प्रविण दरेकर यांनी केली.
अँन्टॉप हिल पोलीस ठाण्यातील पोलिसांवर झालेल्या प्राणघातक…
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रामचंद्र गुहा,अदूर गोपाळकृष्णन सहित ४९ बुद्धीजीवींची मोदींना पत्र लिहून मॉब लिंचीगच्या घटना रोखण्याची मागणी
रामचंद्र गुहा,अदूर गोपाळकृष्णन सहित ४९ बुद्धीजीवींची मोदींना पत्र लिहून मॉब लिंचीगच्या घटना रोखण्याची मागणी
देशभरात जमावाकडून होणाऱ्या हिंसाचाराच्या (Mob Lynching) च्या घटनांमध्ये वाढ झाली असून हा मुद्दा युनो च्या चर्चेतही पोचला आहे. नाटककार, दिग्दर्शक एस.रघुनंदन यांनी नुकताच ईश्वराच्या नावावर होत असलेल्या मॉब लिंचीग विषयी चिंता व्यक्त पुरस्कार स्वीकारण्यास नकार दिला आहे. भारताकडून संविधानातील तरतुदींप्रमाणे काम करण्याची मागणी संयुक्त राष्ट्रामध्ये मॉब लिंच च्या संदर्भातील चर्चेत पुढे आली. त्यानंतर…
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बॉलीवुड अभिनेत्री Kangana Ranaut को बड़ी राहत, दायर याचिका खारिज बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana R...
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रिटायर IAS साहब ने RSS के लोगों को खुश करने का नया तरीका निकाला है, नेता बनने की चाह में भारत से ब्राह्मणवाद की जड़े काटने वाले शासक सम्राट अशोक पर ही हमला कर डाला। ये हमला राष्ट्र पर हमला है
@PMOIndia इस पर राष्ट्रद्रोह के तहत कार्रवाई हो।
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धर्मसेना ने कालीचरण महाराज को रिहा करने की मांग को लेकर एसडीएम को राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन
धर्मसेना ने कालीचरण महाराज को रिहा करने की मांग को लेकर एसडीएम को राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन #ARMYSelcaDay #ARSD #INDvsSA #RangJaunTereRangMein #SAvIND
धमतरी । सन्त कालीचरण की जल्द रिहाई व राष्ट्रद्रोह की धारा निरस्त करवाने की मांग को लेकर आज धर्मसेना के द्वारा एसडीएम धमतरी को राज्यपाल महोदया के नाम ज्ञापन सौंपा गया है धर्मसेना जिला संयोजक संजय शिखा ने कहा कि बीते दिनों दिनांक 26 दिसम्बर को कांग्रेसी नेताओ द्वारा धर्म संसद का कार्यक्रम (रावण भाटा मैदान) भाटा गांव चौक में आयोजित किया गया था जिसमे काली माता उपासक सन्त कालीचरण के साथ बहुत सारे…
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#a memorandum to the Governor#Dharmasena submitted#the release of Kalicharan Maharaj#to the SDM demanding
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भारत एक गांधीवादी देश है जिसे पूरी दुनिया मानती है और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का अपमान करने वालों को या गाली देने वालों को बख्शा नहीं जायेगा। सावधान रहें पहली कार्यवाही राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज करके किया जायेगा। #मैं_गांधी_वादी_हूँ https://www.instagram.com/isubhashsaw/p/CYJ_TA_pkbl/?utm_medium=tumblr
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मरकाम बाेले- कालीचरण जैसे लोग आरएसएस की जहरीली विचारधारा पोषित
मरकाम बाेले- कालीचरण जैसे लोग आरएसएस की जहरीली विचारधारा पोषित
रायपुर(realtimes) पाखंडी कालीचरण ने राष्ट्रद्रोह का काम किया है। उसने महात्मा गांधी पर नहीं भारत की आत्मा पर प्रहार करने का काम किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि बड़ा दुर्भाग्यजनक है कि गांधी जयंती पर खादी खरीदने की नौटंकी करने वाले भाजपाईयों के मुंह से पाखंडी कालीचरण के लिये निंदा के एक शब्द भी नहीं फूटा। भाजपा ने कालीचरण के द्वारा राष्ट्रपिता के संबंध में दिये गये अमर्यादित…
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भानुप्रतापपुर, शिवसेना द्वारा फिल्म अभिनेत्री कंगना राणावत के इस बयान की 1947 को हमें आजादी भीख में मिली थी। असली आजादी 2014 को मिली है । के विरोध में थाना भानुप्रतापपुर में कंगना राणावत पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर f.i.r. कराने हेतु आवेदन दिया गया। एवं उसे दिए गए पद्मश्री पुरस्कार को तत्काल वापस लेने की मांग किया गया।
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