#राजेंद्र के सिन्हा
Explore tagged Tumblr posts
rightnewshindi · 14 days ago
Text
आज का इतिहास, 11 दिसंबर; आज के दिन संविधान सभा के अध्यक्ष चुने गए थे डॉ राजेंद्र प्रसाद, पढ़ें 11 दिसंबर का इतिहास
History 11 December: हर दिन का अपना एक इतिहास होता है. 11 दिसंबर कई महापुरुषों के जन्मदिन के साथ साथ देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद से जुड़ा हुआ है. सन 1946 में आज ही के दिन डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को भारतीय संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष चुना गया था. इससे पहले अस्थायी सदस्य के रूप में डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा ने 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक की अध्यक्षता भी की थी. बैठक के 2…
0 notes
livetimesnewschannel · 22 days ago
Text
Dr. Rajendra Prasad Biography
Tumblr media
Introduction
Rajendra Prasad Biography And Facts: देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद सही मायने में सादगी के प्रतीक थे. अपनी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के लिए मशहूर राजेंद्र प्रसाद देश के एकमात्र राष्ट्रपति हैं, जिनका कार्यकाल एक बार से अधिक का रहा. 03 दिसंबर, 1884 को बिहार के सीवान जिले में जन्में राजेंद्र प्रसाद का जीवन बेहद सादगी भरा रहा. उन्होंने कठिन चुनौतियों के बीच पढ़ाई की. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अत्यंत प्रिय राजेंद्र प्रसाद को बिहार का गांधी भी कहा जाता था. उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन तो सादगी के साथ गुजारा ही, साथ ही अपने निजी जीवन में भी वह बेहद ईमानदार रहे. सही मायने में वह शुचिता, विद्वता और सरलता के साथ-साथ सादगी के भी प्रतीक थे. पढ़ाई के दौरान वह अत्यंत मेधावी थे. बड़े होने पर वह महान कानूनविद हुए. उन्होंने नैतिकता की उस ऊंचाई को छुआ जो आज के समय में तपस्या से कम नहीं है.
Table of Content
कांग्रेस कार्यालय को बनाया रहने का ठिकाना
सादगी से गुजारा जीवन
संविधान सभा का किया था नेतृत्व
कई भाषाओं के थे जानकार
गुरु के विचारों का था गहरा प्रभाव
3 साल जेल में बिताए
पत्नी के जेवरात किए राष्ट्र को समर्पित
बेमन से लड़े चुनाव
कांग्रेस कार्यालय को बनाया रहने का ठिकाना
कहा जाता है कि राजेंद्र प्रसाद इस कदर ईमानदार थे कि उन्होंने भाई-भतीजावाद को कभी तरजीह नहीं दी. नैतिकता, शुचिता और ईमानदारी की इससे बड़ी मिसाल क्या होगी कि राष्ट्रपति पद का कार्यकाल खत्म होने के बाद उनके पास रहने के लिए अपना कोई निजी आवास भी नहीं था. उन्होंने लोगों की सेवा को ही ध्येय बनाया था. यह भी बड़ी बात है कि पद से हटने के बाद राजेन्द्र प्रसाद ने बिहार कांग्रेस कमेटी के कार्यालय सदाकत आश्रम को अपने रहने का ठिकाना बनाया. उनके कार्यकाल के दौरान जो भी व्यक्ति मदद के लिए आता वह सरलता से उसे संबल देते और हमेशा लोगों की मदद के लिए आगे रहते थे. वर्ष 1914 में बिहार और बंगाल में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए उन्होंने हर मुमकिन कोशिश की. इस दौरान उन्होंने एक समाजसेवी के रूप में सक्रिय भूमिका निभाई. इसके 20 साल बाद 15 जनवरी, 1934 को बिहार में भूकंप आया तो वह आजादी की लड़ाई के लिए जेल में थे. उस अवधि के दौरान राजेंद्र प्रसाद ने राहत कार्य को अपने निकट सहयोगी अनुग्रह नारायण सिन्हा को सौंप दिया, जिससे जरूरतमंद लोगों की मदद का सिलसिला नहीं थमे. इसी कड़ी में 31 मई, 1935 को क्वेटा भूकंप के बाद उन्होंने पंजाब में क्वेटा सेंट्रल रिलीफ़ कमेटी की स्थापना की.
सादगी से गुजारा जीवन
ईमानदारी की मिसाल राजेन्द्र प्रसाद देश के सर्वोच्च पद पर यानी राष्ट्रपति के पद पर कई सालों तक रहे. लेकिन इस दौरान भी उन्होंने अपनी सादगी नहीं छोड़ी. ��ाष्ट्रपति भवन कमरों की भरमार है, लेकिन उन्होंने अपने इस्तेमाल के लिए केवल 2-3 कमरे ही रखे थे. राष्ट्रपति भवन के एक कमरे में चटाई बिछी रहती थी, यहां पर वह महात्मा गांधी से प्रेरित होकर चरखा काता करते थे. यह डॉ. राजेंद्र प्रसाद की राजनीतिक शुचित ही थी कि राष्ट्रपति पद से हटने के साथ ही उन्होंने राजनीति से संन्यास भी ले लिया था. पटना के एक आश्रम में 28 फरवरी, 1963 को बीमारी के कारण उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली. यह भी सच है कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद उन बिरले राजनेताओं में थे, जो राष्ट्रपति पद से हटने के बाद सीधे पटना के सदाकत आश्रम में रहे. इतना ही नहीं जब उनका समय निकट आया, तो वह अपने जर्जर घर में चले गए.
यह भी पढ़ें: 10 हजार युवा इंडिया गेट पर करेंगे संविधान की प्रस्तावना का पाठ, राष्ट्रपति देंगी संबोधन
संविधान सभा का किया था नेतृत्व
राजेंद्र प्रसाद ने एक दशक से भी अधिक समय तक बतौर राष्ट्रपति अपनी सेवाएं दीं. वह 1950-62 के बीच राष्ट्रपति के पद पर आसीन रहे. वर्ष 1962 में राजेंद्र प्रसाद को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया. उन्होंने संविधान सभा का भी नेतृत्व किया था. राजेंद्र प्रसाद उस दौर के सबसे बेहतरीन नेता और महान समाजसेवी महात्मा गांधी के बेहद करीबी सहयोगी थे. आजादी के बाद वह भारत के पहले राष्ट्रपति बने. महात्मा गांधी के करीबी होने के चलते ही राजेंद्र प्रसाद को ‘नमक सत्याग्रह’ और ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान ��ेल तक जाना पड़ा. डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने अपना वकालत का करियर छोड़कर देश सेवा को तरजीह दी. वह एक आदर्श शिक्षक होने का साथ-साथ सफल वकील और प्रभावशाली लेखक भी थे. यह भी कम बड़ी बात नहीं कि उन्होंने अपने जीवन का हर पल देश की सेवा में बिताया. उनकी खूबियों के चलते ही 26 जनवरी, 1950 को उन्हें भारत का पहला राष्ट्रपति चुना गया. वह लगभग 12 वर्षों तक इस पद पर आसीन रहे. वह देश के इकलौते ऐसे नेता हैं, जो इतने लंबे समय तक राष्ट्रपति के पद पर आसीन रहे.
Tumblr media
कई भाषाओं के थे जानकार
देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद का जन्म बिहार के सीवान में 3 दिसंबर, 1884 को हुआ था. पिता का नाम महादेव सहाय और माता का नाम कमलेश्वरी देवी था. वह पढ़ाई में बहुत अच्छे थे और उनकी शुरुआती शिक्षा बिहार के छपरा जिले के एक ग्रामीण स्कूल में हुई थी. डॉ राजेंद्र प्रसाद की हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, बंगाली एवं फारसी भाषा पर अच्छी पकड़ थी. उन्होंने पटना से कानून में मास्टर की डिग्री ली. राजेंद्र प्रसाद अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे थे, इसलिए उन्हें दुलार भी खूब मिला. उनके एक बड़े भाई और 3 बड़ी बहनें थीं. उनकी मां की मृत्यु कम उम्र में ही हो गई थी. ऐसे में राजेंद्र प्रसाद का पालन-पोषण और देखभाल उनकी बड़ी बहनों ने किया था. जून 1896 में 12 साल की कम उम्र में उनकी शादी राजवंशी देवी से हुई. राजेंद्र प्रसाद का पूरा नाम राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव था. मां कमलेश्वरी देवी ने अपने बेटे यानी राजेंद्र प्रसाद को रामायण और महाभारत की कहानियां सुनाकर पाला था. दरअसल, मां ने बेटे में संस्कार कूटकट कर भरे थे.
Tumblr media
गुरु के विचारों का था गहरा प्रभाव
डॉ. राजेंद्र प्रसाद को प्यार से ‘राजेन बाबू’ के नाम से भी पुकारा जाता था. जानकारों का कहना है कि एक दशक तक भारत के राष्ट्रपति रहे डॉ. राजेद्र प्रसाद के जीवन पर उनके गुरु गोपाल कष्ण गोखले के विचारों का गहरा प्रभाव था. अपनी आत्मकथा में उन्होंने इस बात का जिक्र भी किया था कि उन्होंने गोपाल कृष्ण से मुलाकात और उनके विचारों को जानने के बाद आजादी की लड़ाई में शामिल होने का फैसला किया था. बताया जाता है कि राजेंद्र प्रसाद के निर्मल स्वभाव और उनकी योग्यता को लेकर आजादी की लड़ाई लड़ रहे महात्मा गांधी भी खूब खुश हुए थे. महात्मा गांधी ने वर्ष 1917 में बिहार में ब्रिटिश नील उत्पादकों द्वारा शोषित किसानों की दुर्दशा को सुधारने के उद्देश्य से एक अभियान के लिए उनका समर्थन हासिल किया था. वर्ष 1920 में डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने असहयोग आंदोलन में शामिल होने के लिए अपना कानूनी करियर तक छोड़ दिया था.
यह भी पढ़ें: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का गुरुवार को गोवा दौरा, आईएनएस विक्रांत पर नौसेना के प्रदर्शन को देखेंगी
3 साल तक बिताया जेल में
गुरु गोपाल कष्ण गोखले के विचारों और महात्मा गांधी से प्रभावित हो कर ही डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने आजादी के आंदोलन में शिरकत की. आजादी के आंदोलन में शामिल होने के चलते वह ब्रिटिश अधिकारियों की नजर में आए गए. इसकी वजह से उन्हें कई बार कारावास का सामना करना पड़ा. राजेद्र प्रसाद ने अगस्त, 1942 से जून, 1945 तक का समय जेल में बिताया. वह आधुनिक भारत के प्रमुख वास्तुकारों में से एक थे. इसके साथ ही उन्होंने संविधान समिति के अध्यक्ष के रूप में भारतीय संविधान को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
Tumblr media
पत्नी के जेवरात को किया राष्ट्र को समर्पित
चीन के युद्ध के समय डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने अपनी पत्नी के जेवर राष्ट्र काे समर्पित कर दिया था. यह भी कड़वा सच है कि देश को उन्होंने बहुत कुछ दिया लेकिन लोगों ने उनके साथ न्याय नहीं किया. राजवंशी देवी (17 जुलाई 1886 – 9 सितंबर 1962) एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं. उन्होंने भारत के राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की पत्नी और भारत की पहली प्रथम महिला के रूप में कार्य किया. उन्होंने पति राजेंद्र प्रसाद के आदर्शों को अपनाया. बहुत कम लोग जानते हैं कि राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति रहते हुए कभी धन नहीं जोड़ा. उन्होंने अंत समय तक कोई घर या अन्य संपत्ति नहीं बनाई. उन्हें राष्ट्रपति के रूप में जितना वेतन मिलता था, उसका आधा वो राष्ट्रीय कोष में दान कर देते थे.
Tumblr media
बेमन से लड़े चुनाव
राजेंद्र प्रसाद ने 1977 में आपातकाल के बाद घोषित चुनाव में जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा. कहा जाता है कि वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे. यह भी सच है कि जयप्रकाश नारायण के अनुरोध पर चुनाव में खड़े हुए. उन्होंने जीत भी हासिल की लेकिन इसके बाद फिर कभी सियासत में सक्रिय नहीं रहे. सादगी पसंद राजेंद्र प्रसाद के परिवार तथा किसी भी रिश्तेदार ने उनके पद का लाभ नहीं उठाया. वह खुद नहीं चाहते थे कि उनका कोई नजदीकी रिश्तेदार राष्ट्रपति पद की गरिमा पर कोई आंच आने दे. यही वजह है कि राजेंद्र प्रसाद को लोग सम्मान के नजरिये से देखते हैं.
Conclusion
आजीवन सादा जीवन जीने वाले राजेंद्र प्रसाद ने कई मिसालें देश के सामने ��खी हैं. बतौर राष्ट्रपति 10 साल से अधिक समय तक वह इस पद पर रहे, लेकिन इस दौरान उन्होंने कोशिश की कि उनका परिवार साधारण जिंदगी ही जिए. अपने पद का फायदा उन्होंने शायद ही कभी अपने परिवार को लेने दिया. यहां तक कि जरूरत पड़ने पर वह बिना स्वार्थ के हमेशा राष्ट्र की सेवा के लिए तत्पर रहते थे.
यह भी पढ़ें: जवाहर लाल नेहरू क्यों नहीं चाहते थे, राजेन्द्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति बनें?
Follow Us On: Facebook | X | LinkedIn | YouTube | Instagram
0 notes
sharpbharat · 25 days ago
Text
Jamshedpur rv eloqution : राजेंद्र विद्यालय में 44वीं वार्षिक हिन्दी कविता पाठ एवं वाग्मिता प्रतियोगिता आयोजित, कक्षा एलकेजी से लेकर +2 तक के विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में की शिरकत
जमशेदपुर : साकची स्थित राजेंद्र विद्यालय की ओर से शनिवार को स्कूल के बच्चों के लिए 44वीं वार्षिक हिंदी कविता पाठ एवं वाग्मिता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. प्रतियोगिता में एलकेजी से लेकर कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया. विभिन्न वर्गों में विभाजित उक्त प्रतियोगिता में सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट की पूर्व शिक्षिका माला सिन्हा, जेएच तारापोर की वरिष्ठ शिक्षिका अपर्णा कुमारी एवं पत्रकार…
0 notes
countryinsidenews · 28 days ago
Text
लालू प्रसाद ने 15 साल के राज में किसी को आरक्षण नहीं दिया - सम्राट चौधरी
पटना। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने संविधान दिवस पर बिहार की जनता को बधाई दी और कहा कि जिस संविधान की रचना में बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के साथ बिहार के डाक्टर राजेंद्र प्रसाद और सच्चिदानंद सिन्हा का ऐतिहासिक योगदान था , उस संविधान की आत्मा को आपातकाल थोपने वाली कांग्रेस और दलितों-पिछड़ों को आरक्षण दिये बिना बिहार में पंचायत चुनाव कराने वाले लालू प्रसाद ने सबसे ज्यादा चोट पहुंचायी। श्री चौधरी ने…
0 notes
bihar-ujala · 2 months ago
Text
Sharda Sinha को पुष्पचक्र अर्पित कर सीएम नीतीश ने दी श्रद्धांजलि, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
मशहूर लोक गायिका एवं पद्म भूषण और पद्मश्री से सम्मानित स्वर्गीय शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) जो की छठ गानों के लिए काफी ज्यादा मशहूर थी उन्हें छठी मैया ने छठ के अवसर पर ही अपने पास बुला लिया, जहां पिछले 12 दिनों से दिल्ली के एम्स में उनका इलाज चल रहा था और आखिरकार वह जिंदगी से जंग हार गई. बिहार कोकिला शारदा सिन्हा के राजेंद्र नगर स्थित आवास जाकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके पार्थिव…
0 notes
nationalistbharat · 2 months ago
Text
शारदा सिन्हा के बेटे ने मां के लिए की पद्म विभूषण की माँग
Bihar: शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान ने पटना के राजेंद्र नगर स्थित पारिवारिक आवास (कंकड़बाग के पास) पर संवादादाताओं से बातचीत के दौरान उम्मीद जताई कि उनकी दिवंगत मां को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित करने पर विचार किया जाएगा. सिन्हा का पार्थिव शरीर उनके इसी आवास में रखा गया है, जहां बड़ी संख्या में प्रशंसक और शुभचिंतक लोक गायिका के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. अंशुमान ने…
0 notes
prakhar-pravakta · 1 year ago
Text
देशरत्न कांक्लेव 2023 का हुआ भव्य आयोजन,पांच हजार से अधिक लोग हुये शामिल
बिहार में राजेंद्र प्रसाद की गगनचुंबी मूर्ति स्टैचू ऑफ विज्डम बने :मनीष सिन्हा पटना, 02 दिसंबर राजधानी पटना के बापू सभागार में मनीष सिन्हा, बिहार भाजपा एनआरआई सेल के कन्वेनर और इंडिया पॉजिटिव संगठन के सचिव द्वारा देशरत्न कांक्लेव 2023 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पूरे बिहार से 5 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए, जिसमें सिवान, छपरा, वैशाली एवं अन्य जिलों से हजारों लोगों ने बसों के जरिये कार्यक्रम…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
studycarewithgsbrar · 2 years ago
Text
बी-स्कूल कम विशेषाधिकार प्राप्त पृष्ठभूमि के छात्रों को उद्यमी बनने में सक्षम बना रहे हैं - टाइम्स ऑफ इंडिया
बी-स्कूल कम विशेषाधिकार प्राप्त पृष्ठभूमि के छात्रों को उद्यमी बनने में सक्षम बना रहे हैं – टाइम्स ऑफ इंडिया
कम विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों के छात्रों को उद्यमशीलता कौशल विकसित करने की सुविधा के लिए, बी-स्कूल विशेष कार्यक्रमों और सीएसआर गतिविधियों के माध्यम से अवसर प्रदान कर रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का पालन करने के लिए, जो कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है, कर्नाटक जैसे राज्यों में बी-स्कूल उद्यमी बनने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए कार्यक्रम…
View On WordPress
0 notes
vinodtawde · 2 years ago
Photo
Tumblr media Tumblr media Tumblr media
विधानसभा नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा जी, विधान परिषद नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी जी एवं विधान परिषद सदस्य राजेंद्र गुप्ता जी से पटना में बिहार की राजनीति के विषय में अच्छी चर्चा हुई। चर्चा के दौरान गोपालगंज और मोकामा विधानसभा उपचुनाव के विषय में विस्तृत चर्चा हुई। 
0 notes
pakadbharat · 2 years ago
Text
जयनगर थाना प्रभारी , रक्षक के रूप में भक्षक।
जयनगर थाना प्रभारी , रक्षक के रूप में भक्षक।
जयनगर थाना प्रभारी ऋषिकेश कुमार सिन्हा के मनमानी के खिलाफ भाकपा माले के द्वारा पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा गया। कोडरमा माले जिला सचिव राजेंद्र मेहता माले राज्य कमेटी सदस्य मोहम्मद इब्राहिम सहित एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर जयनगर थाना प्रभारी ऋषिकेश कुमार सिन्हा के कार्यशैली को लेकर पुलिस अधीक्षक से जांच करने का आग्रह किया। आवेदन में लिखा गया है जयनगर थाना प्रभारी बिना जांच…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
todaypostlive · 3 years ago
Text
अस्पताल में रिटायर्ड हेड मास्टर के युवा पुत्र की मौत
अस्पताल में रिटायर्ड हेड मास्टर के युवा पुत्र की मौत
नवादा। नगर थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर मोहल्ले के अस्पताल में एक युवक की गुरुवार की मौत हो गई। उसके शरीर पर गहरे जख्म के निशान मिले हैं। मृतक की पहचान सेवानिवृत हेड मास्टर स्वर्गीय सतीश सिन्हा के पुत्र बबलू सिन्हा के रूप में की गई है। सूचना पर पहुंची पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। आशंका है कि उसके शरीर पर चाकू से हमला किया गया है। जानकारी अनुसार युवक खून से लथपथ अपने घर के बेड़ पर पड़ा था। घर…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
rnewsworld · 3 years ago
Text
जमशेदपुर की बुलेट रानी को उम्र कैद: प्रेमी के साथ मिलकर की थी पति की हत्या, धटना में शामिल 2 और आरोपियों को आजीवन कारावास
जमशेदपुर की बुलेट रानी को उम्र कैद: प्रेमी के साथ मिलकर की थी पति की हत्या, धटना में शामिल 2 और आरोपियों को आजीवन कारावास
जमशेदपुरएक घंटा पहले कॉपी लिंक हथियार के साथ बुलेट रानी। फाइल फोटो। जमशेदुपर के बहुचर्चित हत्याकांड में शनिवार को अदालत ने अपना फैसला सुना दिया। जमशेदपुर के टेल्को निवासी तपन दास की हत्या करने के मामले में न्यायालय ने मृतक की पत्नी और बुलेट रानी के नाम से चर्चित श्वेता दास, सुमित सिंह और सोनू को आजीवन कारावास की सजा दी है। ADJ 4 राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने यह फैसला सुनाया। न्यायालय ने इस…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
bnnbharat · 3 years ago
Text
पनामा पेपर्स में नामित भारतीय लोगों की सूची
पनामा पेपर्स में नामित भारतीय लोगों की सूची
पनामा पेपर्स लीक मामले में करीब 500 भारतीय लोगों के नाम है। उनमें से कुछ बड़ी हस्तियों के नाम। 1. रवींद्र किशोर सिन्हा , बिहार के लिए राज्यसभा के भाजपा सदस्य 2. लोक सत्ता पार्टी दिल्ली शाखा के पूर्व अध्यक्ष अनुराग केजरीवाल 3. अनिल वासुदेव सालगांवकर , गोवा विधान सभा के पूर्व सदस्य 4. कर्नाटक के मंत्री शमनरु शिवशंकरप्पा के दामाद और व्यवसायी राजेंद्र पाटिल 5. जहांगीर सोली सोराबजी, पूर्व अटॉर्नी…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
sharpbharat · 8 months ago
Text
Jamshedpur court order : मानगो में छात्रा के साथ बहला-फुसलाकर कर शारीरिक संबंध बनाने वाले ट्यूशन टीचर को 14 वर्ष का सश्रम कारावास, 10 हजार रुपया का जुर्माना भी लगाया गया, जज ने अपने कार्यकाल का अंतिम फैसला सुनाया
जमशेदपुर : जमशेदपुर के मानगो में ट्यूशन टीचर द्वारा छात्रा को बहला-फुसलाकर लगातार शारीरिक संबंध बनाने के एक मामले में सुनवाई कर रहे जमशेदपुर कोर्ट के एडीजे-वन राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने बुधवार को सुनवाई क�� दौरान आरोपी ट्यूशन टीचर पार्थ दास को 14 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई हैं. अदालत ने उस पर अलग से 10 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया हैं. यह फैसला जज राजेंद्र प्रसाद सिन्हा की…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
countryinsidenews · 2 years ago
Text
पटना के बांस घाट स्थित देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद की समाधि स्थल पर जीकेसी ने किया साफ-सफाई
पटना के बांस घाट स्थित देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद की समाधि स्थल पर जीकेसी ने किया साफ-सफाई
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 02 दिसम्बर ::जीकेसी (ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस) ने अपने तय कार्यक्रम के अनुसार 02 दिसम्बर (शुक्रवार) को डॉ राजेंद्र प्रसाद की बांस घाट स्थित समाधि स्थल और समाधि स्थल के इर्द-गिर्द की साफ-सफाई जीकेसी (ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस) के सदस्यों एवं समाधि स्थल के सफाई कर्मियों के साथ की। उक्त जानकारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक अभिषेक ने दी।उन्होंने बताया…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
lokkesari · 3 years ago
Text
आचार्य गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती पर एनयूजे आई, हरिद्वार ने किया समाजसेवियों को सम्मानित
New Post has been published on https://lokkesari.com/nuji-on-the-birth-anniversary-of-acharya-ganesh-shankar-vidyarthi-haridwar-felicitated-the-social-goddesses.html
आचार्य गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती पर एनयूजे आई, हरिद्वार ने किया समाजसेवियों को सम्मानित
हरिद्वार। अमर शहीद मूर्धन्य पत्रकार, महान स्वतंत्रता सेनानी गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती पर नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया इकाई हरिद्वार के तत्वावधान में प्रेस क्लब हरिद्वार में अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कारोना काल में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि बचपन से ही वे आचार्य गणेश शंकर विद्यार्थी के बारे में सुनते आए हैं और उन्हें इस बात की खुशी है कि हरिद्वार के पत्रकार उनकी जयंती और पुण्य तिथि को मनाते चले आ रहे हैं। उन्होंने कहा गणेश शंकर विद्यार्थी ने पत्रकारों को एक नई प्रेरणा दी है उनके बताए रास्ते पर चलकर पत्रकार स्वयं महानता की श्रेणी में स्वयं को शामिल कर सकते हैं।
गुरुकुल कांगड़ी विवि की कुलपति डॉ. रूप किशोर शास्त्री ने कहा की गणेश शंकर विद्यार्थी ने स्वतंत्रता की लड़ाई में अग्रिम भूमिका निभाई। उन्हें निर्देशन में शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु जैसे क्रांतिकारियों ने अपनी लेखिनी के माध्यम से अलख जगाई। पूर्व मेयर मनोज गर्ग ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में गणेश शंकर विद्यार्थी एक आदर्श पुरुष है। उनका अनुश्रवण आज के युवा पत्रकार कर रहे है यह भविष्य के लिए शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जी ने अपने प्राणों की आहुति हिन्दू-मुस्लिम दंगो को रोकने में दी। जो समाज के लिए बड़ी प्रेरणा है। गणेश शंकर विद्यार्थी का जीवन संघर्षों से भरा रहा लेकिन कभी उन्होंने अपने आदर्शों समझौता नहीं किया। इसलिए आज भी उनका नाम सम्मान के साथ किया जाता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष डॉक्टर जयपाल सिंह चौहान ने कहा कि पत्रकार समाज का आईना होता है। इसलिए पत्रकारों को निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता करने पर जोर देना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि निशांत चौधरी ने कहा कि पत्रकारों का आर्थिक पक्ष कमजोर होने से पत्रकारिता की स्तर गिरावट आ रही है। इस ओर ध्या��� देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को आर्थिक संकट से उबारने के लिए एवं पत्रकारिता के स्तर को सुधारने के लिए पत्रकारों की आय को सुनिश्चित करने का प्रावधान तय किया जाना चाहिए। इसके लिए संस्थानों एवं औद्योगिक इकाइयों, नेपाली प्रतिष्ठानों में पत्रकार संगठनों के पत्रकारों को पीआरओ के पद पर तैनाती देकर पत्रकारों की आजीविका का प्रबंध किया जाना चाहिए। मंचासीन अतिथियों में अखाड़ा परिषद के महामंत्री राजेंद्र दास महाराज, उपाध्यक्ष श्रीमहंत दमोदर दास जी महाराज, विभाष सिन्हा, एनयूजे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राम चन्द्र कन्नौजिया, जिला सूचना अधिकारी पीसी तिवारी मुख्य थे।
कार्यक्रम का संचालन एनयूजे के पूर्व जिला अध्यक्ष अमित शर्मा ने किया। इसके पूर्व संगठन के मार्गदर्शक पीएस चौहान ने आचार्य गणेश शंकर विद्यार्थी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामचंद्र कनौजिया एनयूजे आई के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
सम्मानित होने वाली संस्थाएं व व्यक्ति संकल्प प्रकाश से कन्हैया खेवड़िया, टीम जीवन से अनमोल गर्ग, आयुष राही,अमन, ब्लड वैलेंटर ग्रुप से अनिल अरोड़ा, दीपेश भगत,सर्वज कपूर, सचिन कुमार मनीष लखानी, समग्र शिक्षा उत्तराखंड के उप राज्य परियोजना निदेशक आकाश सारस्वत,राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गढ़मीरपुर की सहायक अध्यापिका श्रीमती रेखा झा, भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव डॉ नरेश चौधरी, सुप्रयास संस्था के सचिव डॉ सत्यनारायण शर्मा, सरस्वती विद्या मंदिर सेक्टर 2 के प्रधानाचार्य नरेश चौहान,आचार्य प्रवीण कुमार, अखंड परशुराम अखाड़े के पंडित अधीर कौशिक, पार्षद सुनील गुड्डू, अनुज सिंह, सुप्रसिद्व वैद्य एमआर शर्मा, समाजसेवी महेश प्रताप राणा, भूपेंद्र राजपूत, भोला शर्मा के अतिरिक्त पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रो. पीएस चौहान, डॉक्टर शिव शंकर जयसवाल, अनूप सिंह, प्रवीण झा, निशांत खनी, सुनील डोभाल, दीपक नौटियाल, गुलशन नैय्यर, विक्रम छाछर व लव कुमार को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में प्रेस क्लब अध्यक्ष राजेंद्र नाथ गोस्वामी,महामंत्री राज कुमार,एनयूजे के जिला अध्यक्ष जयपाल सिंह, विकास झा, मुदित अग्रवाल, अश्वनी अरोड़ा, विकास चौहान, प्रशांत शर्मा,संजय रावल,श्रवण झा, काशीराम सैनी,मनोज रावत, राव रियासत पुंडीर, संतोष कुमार, शमशेर अली, पुष्पराज धीमान, रजत चौहान, अश्वनी विश्नोई, गणेश वैद्य, मंजू नेगी, प्रतिभा वर्मा, चन्द्रशेखर जोशी, विकास तिवारी आदि मुख्य थे। कार्यक्रम के अंत में संस्था के महासचिव विकास चौहान ने सभी सदस्यों का आभार जताया।
0 notes