#राजस्थानी पाठ्यक्रम
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CBSE के बाद राजस्थान सरकार भी कर रही सिलेबस घटाने पर विचार, RBSE और RSCERT को सौंपी गई जिम्मेदारी सीबीएसई की ओर से सिलेबस 30 फीसदी घटाने के बाद अब रेटेड सरकार ने भी स्कूली पाठ्यक्रम में कटौती की कवायद शुरू की है। राज्य सरकार सिलेबस का बोझ कम करने की ��िम्मेदारी राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ...। Source link
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साहित्य अकादमी पुरस्कार से अलंकृत एवं राजस्थानी भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार श्री अन्नाराम सुदामा जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन। अन्नाराम जी की रचनाएं आज भी प्रासंगिक हैं और कई विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम के रूप में प्रचलित भी। #AnnaramSudama https://www.instagram.com/p/Cd58bZdppR1/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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कला एवं संस्कृति विभाग, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी और राजस्थान संस्कृत अकादमी की ओर से जोधपुर में आयोजित 5 दिवसीय राष्ट्रीय नाट्यशास्त्र कार्यशाला के समापन समारोह को वीसी के माध्यम से संबोधित किया। कला एवं साहित्य के संरक्षण और कलाकारों के कल्याण की दिशा में राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। साहित्यकारों और कलाकारों को निरंतर प्रोत्साहन दिया जा रहा है। कोविड की विपरीत परिस्थितियों में ‘मुख्यमंत्री कलाकार सहायता योजना’ लागू कर 9800 से अधिक कलाकारों तथा ‘मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना’ के तहत करीब 350 लोक कलाकारों को आर्थिक संबल प्रदान किया गया है।
रंगमंच की विधाओं में नाट्यशास्त्र का महत्वपूर्ण स्थान है। नाटक हमारे जीवन में बदलाव लाने और समाज की हकीकत से रूबरू कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी सत्यवादी राजा हरिशचंद्र और माता-पिता भक्त श्रवण कुमार के नाटक से काफी प्रभावित हुए और इससे उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया। हमारे महान नेता एवं प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने देश में साहित्य और संस्कृति के संरक्षण के लिए अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों एवं अकादमियों की स्थापना की, जिनके माध्यम से आज गीत, संगीत, नृत्य आदि ललित कलाओं का संरक्षण और संवर्द्धन ह��ने के साथ ही कलाकारों को प्रोत्साहन मिल पा रहा है। कलाकारों एवं साहित्यकारों ने राजभाषा ��िन्दी को लोकप्रिय बनाने में बड़ा योगदान दिया है।
आचार्य भरत मुनि के नाट्यशास्त्र का हमारे संस्कृति में विशेष स्थान है। इसमें नाटकों के विभिन्न भेदों और सिद्धांतों की व्यापक व्याख्या की है। राजनीति, धर्म, जीवन, समाज और दुनिया से जुड़े नाटक सही मायने में जन कल्याण का माध्यम है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में विद्वानों द्वारा रखे गए विचार नाट्य की इस विधा को और मजबूत करेंगे।
प्रदेश के कलाकारों की जानकारी के लिए एक आर्टिस्ट डायरेक्टरी भी तैयार की जा रही है। इसमें अब तक 1700 से अधिक कलाकारों के आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। राज्य सरकार रचनाधर्मियों के मान-सम्मान में किसी तरह की कमी नहीं रखेगी। कला क्षेत्र के विशेषज्ञों से जो भी सुझाव मिलेंगे उन पर सकारात्मक सोच के साथ निर्णय लिया जाएगा। इस अवसर पर राजस्थान संस्कृत अकादमी द्वारा प्रकाशित दो पुस्तकों ‘भरत मुनि के नाट्य शास्त्र का हिंदी अनुवाद’ एवं ‘प्रेम तत्व’ का विमोचन भी किया।
कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि रंगमंच विधा के प्राचीनतम ग्रंथ नाट्यशास्त्र की रचना आचार्य भरत मुनि ने की। इसमें विभिन्न लोक नाट्यों को लेकर करीब 6000 श्लोक लिखे गए हैं। यह ऐसा महत्वपूर्ण ग्रंथ है जिसका उपयोग एवं अनुसरण न केवल भारत बल्कि दुनिया के कई देशों में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कला एवं संस्कृति विभाग को मजबूत कर रही है। विभाग के माध्यम से कला एवं साहित्य के क्षेत्र में निरंतर गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
प्रमुख शासन सचिव कला एवं संस्कृति श्रीमती गायत्री राठौड़ ने कहा कि नाट्यशास्त्र प्राचीनतम विधाओं में से एक प्रमुख विधा है, जिसका समाज पर गहरा प्रभाव है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला के आयोजन से प्रतिभागियों को इस विधा की बारीकियों को समझने का अवसर मिला है।
राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष एवं कार्यशाला के संयोजक श्री रमेश बोराणा ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कला संरक्षण एवं कलाकारों के कल्याण की दिशा में निर्णय किए हैं, जिसमें राजस्थानी फिल्मों को प्रोत्साहन, पत्रकार एवं साहित्यकार कल्याण कोष तथा कलाकार कल्याण कोष का गठन जैसे फैसले महत्वपूर्ण हैं। कोविड-19 की विषम परिस्थितियों में राज्य सरकार ने कलाकारों को आगे बढ़कर संबल प्रदान किया है।
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के पूर्व कुलपति प्रोफेसर राधावल्लभ त्रिपाठी तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर श्री भरत गुप्त ने ��ाट्यशास्त्र को सम्पूर्ण रूप में पाठ्यक्रम का अंग बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर राजस्थान संस्कृत अकादमी के प्रशासक एवं जयपुर संभागीय आयुक्त श्री दिनेश कुमार यादव, राजस्थान संस्कृत अकादमी के प्रशासक एवं जोधपुर संभागीय आयुक्त डॉ. राजेश शर्मा, नाट्यविज्ञ प्रोफेसर भारतरत्न भार्गव, श्री महेश चंपकलाल, श्री भार्गव ठक्कर एवं श्रीमती डॉली ठक्कर सहित अन्य विशेषज्ञ उपस्थित थे। इस कार्यशाला में करीब 140 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
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श्री कृष्ण की नगरी मथुरा हमारे देश में ही नही बल्कि दूर के देशो में भी प्रचलित है| मथ���रा को भगवान् श्री कृष्ण का जन्म स्थान माना जाता है |मथुरा के बारे में कौन नही सुनना चाहता ,आप अक्सर कृष्ण की कहानियों का चित्रण करते हुए उन प्रतिष्ठित अमर चित्र कथा पुस्तकों को पढ़ते होंगे।
यह आपके घर के बुजुर्ग होंगे , जिन्होंने छोटे कृष्ण और उनके प्रिय नाटको के बारे में सोते समय कहानियाँ सुनाई थीं |मथुरा, उनकी जन्मभूमि हमारे जीवन चक्र के आसपास हमेशा जिवंत रहती है|
मथुरा एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत माना जाता है जो सैकड़ों और हजारों किंवदंतियों और मिथकों के माध्यम से पहचाना जाता है। इस तथ्य में कोई आश्चर्य नहीं, यह पूरे भारत में हिंदुओं द्वारा सात पवित्र शहरों में से एक के रूप में प्रचलित है। इस आधुनिक युग में भी, मथुरा का आकर्षण देश के सभी हिस्सों और उसके विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है।
एतिहासिक मंदिरों, धार्मिक संरचनाओं, ऐतिहासिक स्मारकों और शांत घाटों का एक आकर्षक स्थल मथुरा को एक असली सुंदरता देता है जो आपके नियमित पर्यटन स्थलों में मिलना मुश्किल है।
मथुरा में घूमने की प्रसिद्ध जगह श्री कृष्ण जन्मभूमि(Krishna janmbhumi in hindi)
मंदिर को भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि माना जाता है और इसे मथुरा का सबसे पवित्र स्थान माना गया है। यहां का विशेष आकर्षण भगवान कृष्ण की एक संगमरमर की प्रतिमा है, और यहाँ देवी-देवताओं की प्रतिमाये छोटे मंदिरों के रूप में हैं। दीपावली या होली जैसे प्रमुख त्योहारों में यहाँ बहुत ज्यादा संख्या में भक्तो की भीड़ यहाँ इकठ्ठा होती है ।
श्री कृष्णा के जन्मोत्सव का जश्न भगवान की जन्म के साथ मध्य रात्रि के दौरान शुरू होता है।मथुरा की यात्रा कभी भी श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर की यात्रा के बिना पूरी नही मानी जाती है, यहाँ एक ऐसा आकर्षण होता है जो पर्यटकों को मोहित करने में कभी विफल नहीं होता है।
आपको नाम से प्रतीत होता है कि, यह भगवान कृष्ण के जन्म का स्थान है। मथुरा में सबसे पवित्र स्थान के रूप में, मंदिर का निर्माण जेल की कोठरी के चारों ओर किया गया है, इसी स्थान पर माना जाता है कि देवकी ने लगभग 5000 साल पहले कृष्ण को जन्म दिया था।
जबकि मूल मंदिर का निर्माण भगवान कृष्ण के परपोते, राजा वज्र द्वारा कराया गया था, इतिहास के पाठ्यक्रम के अनुसार मंदिर को 17 बार नष्ट किया गया।आज के समय में , यह न केवल मथुरा में, बल्कि पूरे देश में सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है।
पर्यटक अगर होली या जन्माष्टमी के त्योहारों के दौरान मथुरा घूमने जाते हैं, तो यहाँ लाखों लोगों को आकर्षित करने वाले जीवंत समारोहों का हिस्सा बन सकते हैं। चाहे आप कृष्णा को मानते हो या न हों, इस पवित्र मंदिर में आए बिना शहर नहीं छोड़ना चाहिए।
स्थान: डेग गेट चौराहा के पास, जनम भूमि समय: शाम 5:00 बजे से 12:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से 09:30 बजे तक (ग्रीष्मकाल) प्रातः ५:३० से १२.०० बजे और अपराह्न ३:०० बजे से ९ :३० बजे तक (सर्दियो में )
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द्वारकाधीश मंदिर (dwarkadhish temple)
बांसुरी और मोर के पंख के बिना कृष्ण की एक मूर्ति द्वारकाधीश मंदिर में बनाई गयी है, बांसुरी और मोरपंख ये दो विशिष्ट विशेषताएं जिन्हें हम हमेशा उनके साथ जोड़ते हैं| मथुरा में द्वारकाधीश मंदिर में आप देख सकते हैं|
लगभग 200 साल पुराने हिंदू मंदिर को शहर के अन्य मंदिरों से अलग मानने की ख़ास बात यह है कि यहां भगवान कृष्ण की चमकदार काली संगमरमर की मूर्ति को उनकी मनपसंद बांसुरी और मोर पंख के बिना द्वारिकानाथ या द्वारका के राजा के रूप में बनाया गया है।इस मंदिर में उनके साथ उनकी पत्नी राधार���नी हैं, जो सफेद संगमरमर से बनी हैं।
मथुरा के सबसे बड़े मंदिरों में से एक, यह मंदिर अपनी असाधारण वास्तुकला और सुंदर नक्काशी के लिए भी जाना जाता है। मंदिर का प्रवेश द्वार, जो स्थापत्य कला की राजस्थानी शैली में निर्मित किया गया है, भव्य रूप से नक्काशीदार स्तंभों के साथ एक खुला प्रांगण बनाया गया है।
मंदिर में जाने का सबसे अच्छा समय जुलाई के दौरान होता है जो हर साल मानसून की शुरुआत में मनाया जाता है।इस विशेष उत्सव के दौरान, इस मूर्ति को एक सुंदर रूप से सजाए गए चांदी के झूले पर रखा जाता है, और पूरे मंदिर को रंगों और फूलो से सजाया जाता है। यह वास्तव में सम्मोहित करने वाला द्रश्य होता है, लेकिनहमेशा याद रखें, इस विशेष आयोजन पर मंदिर में काफी ज्यादा मात्रा में भीड़ उपस्थित होती हैं।
स्थान: राजा धीरज बाजार रोड समय: सुबह 6:30 से 10:30 और शाम 4.00 बजे से 7:00 बजे (ग्रीष्मकाल) सुबह 6:30 से 10:30 और शाम 3:30 से 7:00 बजे (सर्दियाँ)
जरूरी सूचना
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कुसुम सरोवर (kusum sarovar)
ये वो सरोवर है जाहा राधा जी और श्री कृष्णा की रास लीला की सुरुआत हुई है जहाँ राधा फूल लेने और अपने प्यारे कृष्ण से मिलने जाती थी|कृष्ण प्रेमी सरोवर की यात्रा जरुर करते है , इस सरोवर का एक और प्रमुख आकर्षण जो पर्यटकों के बीच मथुरा की लोकप्रियता को बढ़ाता है।
यह विशाल सरोवर 450 फीट लंबा और लगभग 60 फीट गहरा है। भरतपुर के शासकों की कब्रों को घेरने वाले कदंब के पेड़ और खूबसूरती से उकेरे गए यहाँ के पत्थर अपनी प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। मथुरा के इस लोकप्रिय स्थान पर अपनी यात्रा के दौरान अपना कैमरा ले जाना नही भूलना चाहिये |
स्थान: राधा कुंड समय: सभी दिन के माध्यम से
कंस किला (kans Qila)
कंस किला वो किला है जो हिंदू और इस्लामी स्थापत्य शैली की सुंदरता और कालातीतता की सजीव नमूना है। हालांकि इस किले का एकमात्र महत्वपूर्ण पहलू यही है। कथनों के अनुसार, यह कभी मथुरा के ��त्याचारी राजा कंस का घर था।
यमुना नदी के तट पर स्थित ये प्राचीन किला अब आज अपनी सबसे अच्छी स्थिति में नहीं है। परन्तु फिर भी , यह शहर में आने वाले पर्यटकों के लिए एक बहुत बड़ा आकर्षण है। कहा जाता है कि इस प्राचीन किले में एक बार वेधशाला रखी गई थी, लेकिन अब इसका कोई संकेत नहीं मिलता है।
हालांकि, इसकी किलेबंद दीवारें और विशाल संरचना इसे आपके पर्यटन के लायक बनाती हैं।
स्थान: रतनकुंड समय: सुबह 8:00 से शाम 4:30 तक
नन्द भवन (nand bhavan)
श्री कृष्ण का जन्म तो मथुरा में हुआ था, परन्तु उन्होंने अपना बचपन अपने पालक माता-पिता, यशोदा और नंद राय के घर गोकुल में बिताया। गोकुल को कई सुंदर संरचनाओं और स्थानों के साथ बनाया गया है जहाँ आप कृष्ण के बचपन की झलक देख सकते हैं।
नन्द भवन गोकुल में घूमने के लिए प्रमुख स्थानों में से एक है| नंद भवन के बारे में कहा जाता है है कि एक विशाल हवेली है जहाँ कृष्ण और उनके भाई बलराम पले बढ़े थे। एक पहाड़ी पर स्थित विशाल भवन ,यह आसपास के क्षेत्रों का एक अद्भुत दृश्य प्रदान करता है|
इस प्रकार, यहा आप फोटोग्राफी का भी आनंद ले सकते है। वर्तमान में , आप उस स्थान पर जा सकते हैं जहाँ बालकृष्ण ने अपने साथियों के साथ बहुत पहले खेला होगा और यशोदा ने उन्हें उनकी पसंद का मक्खन खिलाया होगा।
स्थान: महाबन बांगर, गोकुल समय: शाम 5:00 बजे से 12:00 बजे और दोपहर 2:00 बजे से रात 9:00 बजे तक (ग्रीष्मकाल) सुबह 6:00 से 12:00 और दोपहर 2:00 से 8:30 बजे (सर्दियाँ)
प्रेम मंदिर (prem mandir)
प्रेम मंदिर मथुरा में हाल ही में बने श्रेष्ठ मंदिरों में गिना जाता है। प्रेम मंदिर 54 एकड़ की विशाल भूमि पर स्थित, सन 2012 में जनता के लिए खोला गया था। लेकिन, इस मंदिर की खूबसूरती एसी है कि इस थोड़े समय के भीतर ही , यह मथुरा की सैर करने वाले पर्यटकों के लिए सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक बन गया है|
इस मंदिर में राधा कृष्ण और राम सीता की पूजा की जाती है। लालित्य और स्थापत्य भव्यता का एक उत्कृष्ट उदाहरण इस मंदिर में देखने को मिलता है| इस विशाल मंदिर को भगवान के प्रेम के मंदिर के रूप में भी जाना जाता है।
इटली के सफेद संगमरमर से बनाया हुआ, 125 फीट ऊंचा मंदिर भगवान कृष्ण की विस्तृत नक्काशी और मूर्तियों से सुशोभित है जो कृष्णा जीवन से विभिन्न रोचक घटनाओं को दर्शाते हैं।
रात के समय इस मंदिर की यात्रा अधिक मनोरम मानी जाती है ,और यहा रंगीन रोशनी से जगमगाते हुए इसके शानदार नजारे को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। मंदिर में हर शाम होने वाले म्यूजिकल फाउंटेन शो का भी ��नंद ले सकते हैं।
स्थान: रमन रीति समय: मंदिर: सुबह ५:०० बजे से १२:०० बजे और शाम ४:३० से to:३० बजे तक म्यूजिकल फाउंटेन: शाम 7:00 बजे (सर्दियां) और शाम 7:30 बजे (ग्रीष्मकाल)
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कृष्णा बलराम मंदिर(krishna balram mandir)
वृंदावन में कृष्ण बलराम मंदिर भगवान कृष्ण के भक्तों के बीच एक विशेष महत्व रखता है|यह मंदिर इस्कॉन (कृष्ण चेतना के लिए इंटरनेशनल सोसायटी) द्वारा प्रशासित है| कृष्णा बलराम मंदिर पर्यटकों के लिए, प्रभावशाली मंदिर आश्चर्यजनक वास्तुकला और असली सुंदरता का एक उदाहरण माना गया है। मंदिर के प्रमुख देवता कृष्ण बलराम, राधा स्यामसुंदरा और गौरा निताई हैं। मंदिर का मुख्य आकर्षण यह है कि यहा 24 घंटे कीर्तन की मधुर संगीत बजता रहता है।
स्थान: रमन रीति समय: 4:10 बजे से 8:45 बजे (ग्रीष्मकाल) 4:10 बजे से रात 8:15 बजे तक (सर्दियां)
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RPSC Recruitment 2020 : स्कूल लेकचरर पदों के लिए निकली भर्ती, फटाफट करें आवेदन
RPSC Recruitment 2020 : राजस्थान लोक सेवा आयोग (Rajasthan Public Service Commission) (RPSC) ने संस्कृत शिक्षा विभाग (Sanskrit Education Department) के लिए राजस्थान संस्कृत शिक्षा राज्य एवं अधीनस्थ सेवा (विद्यालय शाखा) नियम, 2015 (Rajasthan Sanskrit Education State and Subordinate Services (School Branch) Rules, 2015) के अंतर्गत प्राध्यापक (विद्यालय) (School Lecturer) के विभिन्न 9 विषयों के लिए कुल 22 पदों पर भर्ती हेतु ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। जो उम्मीदवार पोस्ट ग्रेजुएशन और बीएड कर चुके हैं, वे इन पदों के लिए आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया 8 जून को शुरू होकर 7 जुलाई, 2020 (रात 12 बजे) तक चलेगी।
RPSC Recruitment 2020 : वेकेंसी डिटेल्स -पद का नाम : प्राध्यापक (विद्यालय)
-कुल पद : 22
-पे स्केल : L–12
RPSC Recruitment 2020 : विषयवार वेकेंसी डिटेल्स -राजनीति विज्ञान (Political Science) : 07
-गणित (Mathematics) 01
-अर्थशास्त्र(Economics) : 01
-धर्म शास्त्र (Dharm Shahtra) : 01
-ज्योतिष (Jyotish) : 06
-यजुर्वेद (Yjurved) : 03
-सामान्य दर्श�� (Samanya Darsan) : 01
-जैन दर्शन (Jain Darsan) : 01
-न्याय दर्शन (Nayay Darsan) : 01
RPSC Recruitment 2020 : पात्रता मानदंड -राजनीति विज्ञान, गणित और अर्थशास्त्र विषयों के लिए शैक्षिक योग्यता : शिक्षा शास्त्री, बी.एड डिग्री के साथ न्यूनतम 48 प्रतिशत अंकों के साथ संबंधित विषय में द्वितीय श्रेणी में स्नातकोत्तर डिग्री। साथ ही देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान (Working knowledge) और राजस्थानी संस्कृति का ज्ञान।
-धर्म शास्त���र, ज्योतिष, यजुर्वेद, सामान्य दर्शन, जैन दर्शन और याय दर्शन विषयों के लिए शैक्षिक योग्यता : शास्त्री या समकक्ष पारंपरिक संस्कृत परीक्षा के साथ संस्कृत माध्यम और द्वितीय श्रेणी आचार्य डिग्री या संबंधित विषय में समकक्ष संस्कृत माध्यम की परीक्षा न्यूनतम 48 प्रतिशत अंकों के साथ शिक्षा शास्त्री डिग्री या समकक्ष। साथ ही देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान (Working knowledge) और राजस्थानी संस्कृति का ज्ञान।
उम्र सीमा इन पदों के लिए आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवारों की उम्र 1 जुलाई, 2020 के अनुसार, 21 साल से कम नहीं होनी चाहिए, जबकि अधिकतम उम्र 40 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
उम्र सीमा में छूट -इन पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को नियमानुसार उम्र सीमा में छूट दी जाएगी।
-राजस्थान राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग के पुरूष उम्मीदवारों को उम्र सीमा में अधिकतम 5 वर्ष की छूट दी जाएगी।
-सामान्य वर्ग की महिला एवं राजस्थान राज्य की आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (श्व.ङ्ख.स्) की महिला उम्मीदवार को उम्र सीमा में अधिकतम 5 वर्ष की छूट दी जाएगी।
-राजस्थान राज्य की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा वर्ग की महिला उम्मीदवार को उम्र सीमा में अधिकतम 10 वर्ष की छूट दी जाएगी।
-widow, divorcee महिला उम्मीदवार : अधिकतम आयु सीमा नहीं
नोट : उम्र सीमा में अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार आयोग द्वारा जारी आधिकारिक नोटिफिकेशन का अध्ययन कर सकते हैं।
RPSC Recruitment 2020 : चयन प्रक्रिया उम्मीदवारों का चयन प्रतियोगी परीक्षा (Competitive Exam) के माध्यम से किया जाएगा। परीक्षा वस्तुनिष्ठ रूप में (Online/Offline) ली जाएगी। सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ प्रकार के होंगे। विस्तृत पाठ्यक्रम जल्द ही आयोग की वेबसाइट पर जारी कर दिया जाएगा।
RPSC Recruitment 2020 : आवेदन शुल्क -सामान्य, पिछड़ा वर्ग (Creamy layer) : 350 रुपए
-राजस्थान के Non-Creamy layer पिछड़ा वर्ग और विशेष पिछड़ा वर्ग : 250 रुपए
-राजस्थान के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग उम्मीदवार : 150 रुपए
-ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत : 8 जून, 2020
-ऑनलाइन आवेदन करने की आखिरी तारीख : 7 जुलाई, 2020 (रात 12 बजे तक)
-फीस जमा करने की आखिरी तारीख : 7 जुलाई, 2020
नोटिफिकेशन के लिए यहां क्लिक करें
ऐसे करें अप्लाई इच्छुक और पात्र उम्मीदवार आयोग की आधिकारिक वेबसाइट rpsc.rajasthan.gov.in पर लॉग इन कर इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह से फोन पर बात कर प्रस्ताव दिया है कि लॉकडाउन के चलते राजस्थान में अटके प्रवासियों और विभिन्न प्रदेशों में रह रहे राजस्थानियों को एक बार अपने घर जाने का मौका दिया जाए। गृह मंत्री ने इस पर मंत्रालय के अधिकारियों से बात कर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। साथ ही, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वार्तालाप कर कोटा में कोचिंग के लिए रह रहे छात्रों को गृह राज्य पहुंचाने के योजना पर काम किया जा रहा है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, आसाम और गुजरात के मुख्यमंत्रियों ने इस पर सहमति दे दी है। जल्द ही इन राज्यों के छात्र अपने घर के लिए रवाना होंगे। निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया प्रतिनिधियों के साथ वार्ता के दौरान कहा कि पूरे देश में लोग फंसे हुए हैं और उनकी घर जाने की मांग पर संवेदशीलता के साथ निर्णय करने की जरूरत है। केन्द्र सरकार से इस विषय पर कई बार चर्चा की गई है और अब सोमवार को केन्द्रीय गृह मंत्री से भी फोन पर गंभीर विमर्श हुआ है। राजस्थान के प्रवासी अपने गृह राज्य से गहरा लगाव रखते हैं और सुख-दुख में हमेशा आते-जाते रहते हैं। इसीलिए देशभर में जो प्रवासी राजस्थानी हैं, राज्य सरकार उन्हें भी एक बार अपने गांव आने का अवसर देने के लिए प्रयासरत है। राजस्थान के विभिन्न जिलों से आकर कोटा में कोचिंग कर रहे 4,000 बच्चों को भी जल्द ही उनके जिलों में भेजा जाएगा। एक सवाल के जवाब में कहा कि लॉकडाउन की अवधि मेें राशन सामग्री की मांग अधिक बढ़ गई है, क्योंकि बड़ी संख्या में परिवार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरित होने वाले गेहूं की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार ने केन्द्र से राशन का अधिक गेंहूं जारी करने का प्रस्ताव दिया है, ताकि इस संकट काल में कोई भी व्यक्ति भूख से पीड़ित ना रहे। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के भण्डार गेहूं से भरे पड़े हैं और नई फसल भी आने वाली है। ऐसे में, मुझे उम्मीद है कि केन्द्र सरकार इस मांग पर भी जल्द ही सकारात्मक निर्णय लेकर राज्यों को राशन के लिए अधिक गेहूं जारी करेगी। एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद 16 अप्रैल से शुरू हो चुकी है। इस बार राज्य सरकार ने एफसीआई के खरीद केन्द्रों की संख्या 204 से बढ़ाकर 300 की है, जिनके माध्यम से भारत सरकार 17 लाख टन गेहूं खरीदेगी। राजस्थान सरकार विशेष प्रयास कर रही है कि मण्डियों में किसानों को उनकी फसल का पूरा दाम मिले और एमएसपी से नीचे खरीद नहीं हो। रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के दिशा-निर्देशों के तहत ही किए जा रहे हैं। इसके लिए टेस्ट किट की खरीद भी आईसीएमआर की स्वीकृति के बाद ही की गई है। अब इस टेस्ट किट की गुणवत्ता के विषय में एसएमएस अस्पताल तथा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में शोध किया जा रहा है। आईसीएमआर को भी इसके बारे में पत्र लिखा गया है। वहां से जो भी दिशा निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार इन टेस्ट किट का इस्तेमाल किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में कहा कि जब तक अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर नहीं आएगी तब तक राजस्थान सरकार वंचितों की हर संभव सहायता करेगी। बेसहारा और किसी भी सामाजिक सुरक्षा योजना से वंचित व्यक्ति हमारा ‘टारगेट ग्रुप‘ है और इनकी मदद करना हमारा संकल्प है। मध्यम वर्ग की समस्याएं अलग हैं, निम्न मध्यम वर्ग की समस्याएं अलग हैं। राज्य सरकार सभी वर्गों की बेहतरी के प्रयास कर रही है, लेकिन अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में केन्द्र सरकार की भूमिका बड़ी है। विभिन्न राज्यों ने केन्द्र सरकार को मदद के लिए कई पत्र लिखे हैं और राहत पैकेज की मांग की है। मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार इस पर काम कर रही होगी और जल्द ही राज्यों को आर्थिक सहायता के लिए घोषणा की जाएगी। कोरोना महामारी से लड़ने के लिए राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत ढांचे के विस्तार पर पूरा फोकस कर रही है। हमने पूर्व में भी निशुल्क दवा योजना, निशुल्क जांच और निरोगी राजस्थान जैसे अभियानों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता बढ़ाने पर काम किया है। अब कोरोना संकट के चुनौतीपूर्ण दौर में भी हर जिले में विशेष जांच प्रयोगशाला और आईसीयू बेड की सुविधाएं बढ़ाने पर काम किया जा रहा है। इसके लिए स्थानीय विधायक कोष की क्षेत्रीय विकास निधि का भी उपयोग किया जा सकता है। यह संकट कब तक खत्म होगा, इसका कोई अंदाजा इस समय नहीं लगाया जा सकता, लेकिन इससे जूझने के लिए पूरे देश, दुनिया और प्रदेश में आपसी सहयोग की एक भावना विकसित हुई है। राजस्थान ने दूरदर्शन के माध्यम से राज्य में स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम से जुड़े कार्यक्रमों का प्रसारण करने की मांग की है। दूरदर्शन के नेटवर्क की दूरदराज तक पहुंच होने के कारण लॉकडाउन की स्थिति में विद्यार्थियों के लिए उपयोगी कार्यक्रमों का प्रसारण एक अभिनव ��हल होगी। निजी स्कूलों को जून माह तक अभिभावकों से फीस वसूली स्थगित करने का निर्णय किया गया है और इस अवधि में विद्यार्थियों को स्कूल से नहीं निकालने के लिए निर्देशित किया है। फीस माफ करने के विषय में अभी कोई प्रस्ताव नहीं है। आगे की योजना पर फिर विचार करेंगे, क्योंकि सरकार को यह भी सुनिश्चित करना है कि फीस की कमी के चलते निजी स्कूलों के बंद होने की नौबत नहीं आए। एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि राज्य सरकार ने स्कूलों में रखी पोषाहार की सामग्री को लॉकडाउन के दौरान वंचितों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए इस्तेमाल करने के आदेश जिला कलक्टर को जारी कर दिए थे। कुछ जिलों में इस पोषाहार को उपयोग में भी ले लिया गया है।
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जानें कब आयोजित होगी HCRAJ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती परीक्षा, एग्जाम पैटर्न सहित पूरी जानकारी, यहां पढ़ें
HCRAJ Exam Date 2020: राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा निकाली गई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन सभी प्रमुख शहरों में किया जाएगा। भर्ती परीक्षा का आयोजन hcraj द्वारा करवाया जाएगा। हाई कोर्ट द्वारा रिक्त पदों पर भर्तियां अभी तक निकाली जा रही है। ऐसे में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती परीक्षा में समय लग सकता है। hcraj Admit Card और hcraj Class-IV Employees Exam Date का नोटिफिकेशन आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया जाएगा। परीक्षा में देरी का कारण प्राप्त आवेदनों की संख्या पर निर्भर करता है।
परीक्षा स्कीम और पाठ्यक्रम कार्यालय चपरासी/समतुल्य पदों पर चयन प्रतियोगी परीक्षा से सीधी भर्ती द्वारा किया जाएगा, जिसमें लिखित परीक्षा और साक्षात्कार सम्मिलित हैं। लिखित परीक्षा 85 अंकों की और साक्षात्कार 15 अंकों का आयोजित किया जाएगा।
सामान्य लिखित परीक्षा 2 घंटे की अवधि की होगी, जिसमें मीट्रिक मानक के वस्तुनिष्ठ प्रकार बहुविकल्पीय प्रश्न शामिल होंगे। 1. सामान्य हिंदी 2. सामान्य अंग्रेजी 3. राजस्था���ी संस्कृति एवं बोलियां
लिखित परीक्षा में कुल 85 प्रश्न होंगे। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का होगा। सामान्य हिंदी से 40 प्रश्न पूछे जाएंगे। सामान्य अंग्रेजी से 25 और राजस्थानी संस्कृति से 20 प्रश्न पूछे जाएंगे। लिखित परीक्षा ओएमआर उत्तर पुस्तिका के माध्यम से आयोजित की जाएगी। लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार कुल रिक्तियों के पांच गुना अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। लिखित परीक्षा में समान अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों में अधिकतम आयु सीमा ��ाले को प्राथमिकता द�� जाएगी। अंतिम वरीयता सूची लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में प्राप्त अंकों के आधार पर तैयार की जाएगी।
अर्हक अंक साक्षात्कार हेतु अर्हता प्राप्त काने के लिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/दिव्यांग अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में 34 अंक और अन्य सभी श्रेणी के अभ्यर्थियों को 38 अंक प्राप्त करने होंगे। चयन हेतु अर्हता प्राप्त अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/दिव्यांग अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में कुल 40 अंक हासिल करने होंगे और अन्य सभी श्रेणी के अभ्यर्थियों को कुल 45 अंक प्राप्त करने होंगे।
लिखित परीक्षा का स्थान, माह एवं दिनांक राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा लिखित परीक्षा राजस्थान के जिला मुख्यालयों पर आयोजित किए जाने की संभावना है तथा आवश्यकता होने पर उपखण्ड एवं तहसील मुख्यालयों पर भी आयोजित की जा सकेगी। परीक्षा के माह, दिनांक और स्थान के बारे में अभी तक कोई जानकारी या अपडेट नहीं दिया गया है। परीक्षा मई-जून महीने में आयोजित की जा सकती है। परीक्षा दिनांक में परिवर्तन करने का अधिकार राजस्थान उच्च न्यायालय के पास सुरक्षित है। प्रवेश पत्र के लिए अभ्यर्थी को SSO पोर्टल पर लॉगिन करना होगा। एडमिट कार्ड किसी भी अन्य माध्यम से नहीं भेजा जाएगा। परीक्षा की तिथि और एडमिट कार्ड अपलोड करने की सूचना hcraj की आधिकारिक वेबसाइट hcraj.nic.in पर दी जाएगी।
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Big News: अब तीन विभागों की होगी एक बोर्ड में भर्ती, यहां जानें पूरी खबर
इंजीनियर और डिप्लोमाधारी बेरोजगारों (Engineer and Diploma holder unemployed) के लिए खुशखबर है। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (Rajasthan Staff Selection Board) की ओर से कनिष्ठ अभियंता संयुक्त सीधी भर्ती परीक्षा 2020 (Junior Engineer Combined Direct Recruitment Examination 2020) की विज्ञप्ति जारी की गई। सार्वजनिक निर्माण, जल संसाधन, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड (Public Works, Water Resources, Public Health Engineering Department and Rajasthan State Agricultural Marketing Board) में कुल 1054 पदों के लिए आवेदन 5 मार्च से शुरू होंगे तथा अभ्यर्थी अंतिम तिथि 2 अप्रैल तक आवेदन कर सकेंगे।
अलग से जारी होगी पाठ्यक्रम की सूचना : साथ ही बोर्ड द्वारा डिग्री एवं डिप्लोमा की परीक्षा अलग-अलग कराई जाएगी। परीक्षा की तिथि, समय व स्थान के लिए अलग से विज्ञप्ति जारी की जाएगी। इसके अलावा पदों का वर्गीकरण, आरक्षण, आयु छूट में प्रावधान, परीक्षा की स्कीम और पाठ्यक्रम (Provision in classification, reservation, age relaxation, scheme of examination and syllabus) की सूचना भी अलग से जारी होगी।
आयु सीमा आवेदक 1 जनवरी 2021 को 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुका हो और 40 वर्ष का नहीं हुआ हो। समस्त आवेदकों को अधिकतम आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट दी जाएगी।
शैक्षणिक योग्यता पदों के हिसाब से शैक्षणिक योग्यता विज्ञप्ति के अनुसार इंजीनियरिंग में डिग्री या डिप्लोमा (Degree or diploma in engineering) के लिए अलग-अलग होगी। इसके साथ ही देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी का व्यवहारिक ज्ञान और राजस्थानी संस्कृति का ज्ञान आवश्यक होगा।
वेतनमान पे मैट्रिक्स लेवल 10 एवं प्रारंभिक वेतनमान 33,800 निर्धारित किया गया है। परिवीक्षा काल में मासिक नियत पारिश्रमिक राज्य सरकार के आदेशानुसार देय होगा।
शाम को संशोधित विज्ञप्ति जारी
बोर्ड द्वारा दोपहर में निकाली विज्ञप्ति में कुल पदों की संख्या में गफलत की स्थिति बन गई। कुल पद जोड़ के हिसाब से 1054 होने चाहिए थे, लेकिन कुल पद 1054 लिख दिए गए। शाम को जारी की गई संशोधित विज्ञप्ति में पद संख्या 1054 ही लिखी गई, लेकिन जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में कनिष्ठ अभियंता सिविल डिग्रीधारक के 49 और डिप्लोमाधारक के 84 पद रखे गए। पूर्व की विज्ञप्ति में ये पद क्रमश: 66 व 69 रखे गए थे।
परीक्षा शुल्क सामान्य, ईडब्ल्यूएस व क्रीमीलेयर श्रेणी के अन्य पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग के लिए 450 रुपए। नॉन क्रीमीलेयर के पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग के लिए 350 रु.। विशेष योग्यजन तथा राजस्थान के अनु जाति, जनजाति के लिए 250 रु.। सभी वर्ग के ऐसे अभ्यर्थी जिनके परिवार की वार्षिक आय 2.50 लाख से कम है, उनके लिए 250 रु.।
कनिष्ठ अंभियंता, विभागवार पदों का वर्गीकरण
सार्वजनिक जल जन राज्य कृषि निर्माण संसाधन स्वास्थ्य अ. ���ि. बोर्ड
1. सिविल, डिग्रीधारक 276 149 49 59 2. सिविल, डिप्लोमाधारक 69 307 84 15 3. विद्युत डिग्रीधारक 29 - - 04 4. विद्युत डिप्लोमाधार 06 - - 01 5. यांत्रिक डिग्रीधारक - 02 - - 6. यांत्रिक डिप्लोमाधारक - 04 - -
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RPSC PRO Recruitment 2019 : जन संपर्क अधिकारी के 23 पदों पर निकली भर्ती, यहां पढ़ें
RPSC PRO Recruitment 2019 : राजस्थान लोक सेवा आयोग ने जन संपर्क अधिकारी के 23 पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इच्छुक योग्यताधारी अभ्यर्थी RPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
शैक्षणिक योग्यता
(i) नेशनल या स्टेट लेवल पेपर में या नेशनल न्यूज एजेंसियों या केंद्रीय या राज्य के जनसंपर्क या सूचना और ब्रॉड-कास्टिंग विभाग में जर्नलिज्म के 5 साल के अनुभव के साथ विधि द्वारा भारत में स्थापित विश्वविद्यालय की डिग्री
(iv) रिपोर्टर (v) प्रदर्शनी सहायक (vi) सहायक जनसंपर्क अधिकारी (vii) रंगमंच सहायक या एक मान्यता प्राप्त संस्थान से पत्रकारिता में डिप्लोमा के साथ भारत में विधि द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय की डिग्री। या भारत में कानून द्वारा स्थापित एक विश्वविद्यालय के हिंदी या अंग्रेजी में स्नातकोत्तर और राष्ट्रीय या राज्य स्तर केंद्रीय या राज्य के सार्वजनिक संबंध या सूचना और प्रसारण विभाग में पत्रकारिता के 3 वर्षों का अनुभव
(ii) देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान और राजस्थानी संस्कृति का ज्ञान।
आयु सीमा अभ्यर्थी की उम्र न्यूनतम 21 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष तक होनी चाहिए। आरक्षित वर्ग को नियमानुसार छूट दी जाएगी।
चयन प्रक्रिया अभ्यर्थियों का चयन साक्षात्कार ��े माध्यम से किया जाएगा। यदि विज्ञापन के आधार पर प्राप्त आवेदन पत्रों की संख्या अधिक होगी तो आयोग संवीक्षा परीक्षा आयोजित कर परीक्षार्थियों की संख्या यथोचित सीमा तक कम कर सकता है।
परीक्षा योजना व पाठ्यक्रम संवीक्षा परीक्षा वस्तुनिष्ठ रुप में ली जाएगी। सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ प्रकार के होंगे।
आवेदन प्रक्रिया उक्त पद हेतु ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने से पूर्व सर्वप्रथम अभ्यर्थी आयोग की आधिकारिक वेबसाइट rpsc.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने के संबंध में दिए गए निर्देशों का पालन करें। आवेदन पत्र SSO पोर्टल के माध्यम से भरे जाएंगे।
आवेदन शुल्क अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आवेदन शुल्क - 350 रूपए। नॉन क्रीमीलेयर श्रेणी के OBC/SBC के लिए - 250 रूपए। SC/ST और निःशक्तजन के लिए आवेदन शुल्क - 150 रूपए।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/rpsc-pro-recruitment-2019-know-about-application-process-4741557/
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RPSC स्कूल हेडमास्टर भर्ती 2018 परीक्षा तिथि घोषित, यहां देखें नोटिफिकेशन
RPSC स्कूल हेडमास्टर भर्ती 2018 की परीक्षा तिथि का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। RPSC Headmaster Exam Date Notification आयोग की आॅफिशियिल वेबसाइट www.rpsc.rajasthan.gov.in पर जारी किया गया है। इस नोटिफिकेशन के अनुसार आरपीएससी स्कूल हेडमास्टर भर्ती 2018 की परीक्षा तिथि 2 सितंबर 2018 रखी गई है। इस तिथि का नोटिफिकेशन आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं—
https://rpsc.rajasthan.gov.in/Static/PressNotes/17AF1B35-0F1B-4EA3-992F-CF495290ADB0.pdf
आरपीएससी हेडमास्टर भर्ती 2018 से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें—
Official Notification जारी – 28 March 2018 Online Application शुरू – 09 April 2018 Online Application भरने की Last Date – 31 May 2018
राजस्थान पुलिस सब इंस्पेक्टर भर्ती 2016 की परीक्षा तिथि जारी, यहां से देखें
भर्ती का नोटिफिकेशन नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके देखें— http://duniyapost.com/wp-content/uploads/2018/03/E6503FFE1F3A41299CFD88FEF3C1822D.pdf
हेडमास्टर के 1200 पदों की भर्ती— आरपीएससी प्रधानाध्यापक भर्ती 2018 के तहत कुल 1200 पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं जो इस प्रकार हैं—
कुल पद-1200 जनरल- 600 ओबीसी/एमबीसी- 252/12 एससी-192 एसटी- 144
आरपीएससी प्रधानाध्यापक वेतन- आरपीएससी प्रधानाध्यापक के लिए चयनित उम्मीदवार को वेतन लेवल 14 के अनुसार दिया जाएगा।
आरपीएससी प्रधानाध्यापक शैक्षणिक योग्यता- — शिक्षा में डिग्री या डिप्लोमा के साथ स्नातक की डिग्री — किसी भी स्कूल में न्यूनतम पांच व��्ष का शिक्षण अनुभव — देवनागरी स्क्रिप्ट और राजस्थानी संस्कृति के ज्ञान में लिखित हिंदी का कार्य ज्ञान(अनिवार्य है)
आरपीएससी हेडमास्टर परीक्षा योजना व पाठ्यक्रम- इस भर्ती परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रश्न आएंगे तथा और परीक्षा निम्न प्रकार होगी। यह परीक्षा 600 अंक के लिए ली जाएगी जिसमें दो पेपर होंगे। दोनों पेपर 300-300 अंकों के होंगे। दोनों पेपर्स की अवधि प्रत्येक तीन घंटे के लिए होगी। दोनों पेपर्स में सभी प्रश्न एकाधिक विकल्प प्रकार के प्रश्न होंगे। नकारात्मक अंकन उत्तर के मूल्यांकन में लागू होगा। प्रत्येक गलत जवाब के लिए उस विशेष प्रश्न के लिए निर्धारित अंकों के एक तिहाई काटा जा सकता है।
Headmaster (Secondary School) 2018 यहां से करें डाउनलोड—
आरपीएससी Headmaster (Secondary School) 2018 के लिए जारी किया गया सिलेबस नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं— https://www.rpsc.rajasthan.gov.in/Static/Syllabus/82A37D2D-9E26-4581-ABB6-89342B0D4D42.pdf
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/rpsc-headmaster-exam-date-2-september-2018-2957446/
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