#राजस्थान में शिक्षा नवाचार
Explore tagged Tumblr posts
Text
टीचर्स ट्रेनिंग मॉड्यूल' के वीडियो- राजस्थान के स्कूल शिक्षा विभाग की नई पहल।
राजस्थान के स्कूल शिक्षा विभाग की नई पहल। प्रदेश में समग्र शिक्षा कार्यक्रमों की गाइडलाइन के इंटरैक्टिव वीडियो तैयार। करीब चार दर्जन गाइडलाइंस को किया 15 वीडियो में समाहितव्हाट्सएप ग्रुप के जरिए किया जाएगा सभी स्कूलों में सर्कुलेटमोबाइल पर क्यूआर कोड स्कैन से कर सकेंगे एक्सेस। प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अनूठी पहल के तौर पर समग्र शिक्षा अभियान के तहत संचालित कार्यक्रमों, गतिविधियों और…
View On WordPress
0 notes
Text
राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील का 63 वां जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन
*बीकानेर 22 अक्टूबर 2024 राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील का 63 वां जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन पेंशनर समाज भवन, पुराने कोष कार्यालय के सामने, कचहरी परिसर,बीकानेर में दिनांक 25 अक्टूबर एवं 26 अक्टूबर 2024 को होगा सम्मेलन के मुख्य अतिथि और शिक्षाविदों को निमंत्रण दिया जा चुका है। यह जानकारी देते हुए जिलाध्यक्ष आनंद पारीक ने बताया कि सम्मेलन के प्रथम दिन शिक्षा में गुणात्मक सुधार और नवाचार पर शिक्षक…
0 notes
Text
मुख्यमंत्री निवास से मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना एवं मुख्यमंत्री निःशुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना का शुभारंभ किया। इस दौरान उपस्थित विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म वितरित की। राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा एक समान यूनिफॉर्म पहनने से विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों और समाज में समानता का संदेश जाएगा और विद्यार्थियों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं बेहतर स्वास्थ्य उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। इस दिशा में दोनों ही योजनाएं महत्वपूर्ण कदम हैं।
बच्चे हमारे प्रदेश का भविष्य हैं। राज्य सरकार द्वारा बच्चों को स्वस्थ और शिक्षित बनाने के साथ समुचित विकास के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जा रही हैं। अब शिक्षक और अभिभावक सुनिश्चित करें कि यूनिफॉर्म जल्द सिलवाएं और विद्यार्थी विद्यालय में नियमित यूनिफॉर्म पहनकर आएं। योजनाओं के संचालन तथा क्रियान्वयन में शिक्षा विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। शिक्षक सुनिश्चित करें कि इन योजनाओं से एक भी विद्यार्थी वंचित नहीं रहे।
हमारा ध्येय राजस्थान में साक्षरता दर 90 प्रतिशत से अधिक करने के लिए होना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ��्रदान करने के लिए कई नवाचार किए जा रहे हैं, जो कि देश में क्रांतिकारी कदम हैं। ‘नो बैग डे‘ में एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटीज से बच्चों का सर्वांगीण विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना, उड़ान योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने के लिए शिक्षकों की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया।
सरकार द्वारा विद्यार्थियों और युवाओं को तमाम सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। शिक्षा के साथ नौकरियां देने में भी प्रदेश अग्रणी रहा है। अभी तक 1.35 लाख नौकरियां दी गई हैं। करीब 1.25 लाख प्रक्रियाधीन हैं और एक लाख की बजट में घोषणा की गई है। गत तीन वर्षों में 211 महाविद्यालय और कई विश्वविद्यालय शुरू हुए हैं। देश के बड़े शिक्षण संस्थान भी प्रदेश में स्थापित हो चुके हैं। राजकीय विद्यालयों में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर विद्यार्थियों को दक्षता आधारित रिपोर्ट कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे।
समारोह में मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना तथा निःशुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना के लोगो का अनावरण किया। राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम के तृतीय फेज के मोबाइल एप, दक्षता आधारित डिजिटल रिपोर्ट कार्ड तथा महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों में बाल वाटिका की प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ के पोस्टर का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के तहत राज्य में मिड-डे मील कार्यक्रम से लाभान्वित राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों, मदरसों एवं विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों में अध्ययनरत कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को पाउडर मिल्क से तैयार दूध मंगलवार और शुक्रवार को उपलब्ध कराया जाएगा। दूध का वितरण प्रार्थना सभा के बाद होगा। गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अध्यापक, अभिभावक या स्कूल मैनेजमेंट कमेटी सदस्य दूध चखेंगे। योजना पर राज्य सरकार द्वारा 476.44 करोड़ रूपए वहन किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री निःशुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना अंतर्गत राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 के विद्यार्थियों को ड्रेस के 2 सैट के लिए कपड़ा मिलेगा। सिलाई के लिए प्रति विद्यार्थी 200 रूपए सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे। कक्षा 1 से 8 तक राजकीय विद्यालयों में करीब 67.58 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। योजना पर 500.10 करोड़ रूपए खर्च होंगे।
शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि बच्चों के लिए दूध के समान कोई औषधि नहीं है। एक समान यूनिफॉर्म से विद्यार्थियों में समानता का विचार बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी संतुलित आहार लें, चेष्टाशील बनें और पढ़ाई में ध्यानकेंद्रित ��खें। शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती जाहिदा खान ने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित कर रही है। महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय ऐतिहासिक फैसला बना है।
मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि दोनों योजनाएं स्वस्थ-समृद्ध राजस्थान की परिकल्पना साकार करने में अहम भूमिका निभाएंगी। समस्त अधिकारी व जिला कलक्टर पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। इससे पहले स्कूल शिक्षा आयुक्त डॉ. मोहन लाल यादव ने योजनाओं और विभाग की उपलब्धियों की जानकारी दी।
समारोह में मुख्यमंत्री निवास पर प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री अखिल अरोड़ा, निदेशक माध्यमिक शिक्षा श्री गौरव अग्रवाल सहित वरिष्ठ अधिकारी, वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मंत्रीगण, विधायकगण, जनप्रतिनिधिगण, समस्त जिला कलक्टर, शिक्षा विभाग के अधिकारी, शिक्षक और विद्यार्थी कार्यक्रम से जुड़े।
0 notes
Text
वर्ष 2017-18 और वर्ष 2018-19 के लिए राजस्थान के 2 युवाओं समेत कुल 22 युवाओं को प्रदान किए गए राष्ट्रीय युवा पुरस्कार Divya Sandesh
#Divyasandesh
वर्ष 2017-18 और वर्ष 2018-19 के लिए राजस्थान के 2 युवाओं समेत कुल 22 युवाओं को प्रदान किए गए राष्ट्रीय युवा पुरस्कार
जयपुर। केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस 2021 के मौके पर आज राजस्थान के 2 युवाओं समेत कुल 22 युवाओं को वर्ष 2017-18 और वर्ष 2018-19 के लिए राष्ट्रीय युवा पुरस्कार प्रदान किए। विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में राजस्थान के मनीष कुमारदवे को वर्ष 2017-18 और दिव्या कुमारी जैन को वर्ष 2018-19 का राष्ट्रीय युवा पुरस्कार प्रदान किया गया। अनुराग ठाकुर ने कृषि-उद्यम चुनौती एस.ओ.एल.वी.ई.डी 2021 (सामाजिक उद्देश्य-नीत स्वयंसेवी उद्यम विकास) की दस युवा विजेता उद्यमी टीमों को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर युवा मामले और खेल मंत्रालय की सचिव उषा शर्मा; संयुक्त राष्ट्र की रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर डिर्डे बॉयड और युवा मामलों के संयुक्त सचिव असित सिंह उपस्थित थे।
अनुराग ठाकुर ने पुरस्कार समारोह के दौरान अपने संबोधन में कहा, “आज संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा निर्धारित अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस का वार्षिक उत्सव है। अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस केवल कैलेंडर का एक दिन नहीं है। ��ारत के युवा “भारत का भविष्य” होने के साथ-साथ व्यापक रूप में “भारत का वर्तमान” हैं। वे एआई यानी “आत्मनिर्भर इनोवेशन” (आत्मनिर्भर नवाचार) के इस युग में विचारों और नवाचार के संचालक हैं।
अनुराग ठाकुर ने कहा, इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस की थीम विषय खाद्य प्रणालियों को बदलने पर केंद्रित है; युवाओं के साथ जुड़ाव इस बदलाव की कुंजी है। युवाओं के नेतृत्व में कृषि-तकनीक नवाचार इस क्षेत्र में नए उभरते रुझानों को प्रेरित कर रहे हैं। इस तरह के वैश्विक प्रयास की सफलता युवाओं की सार्थक भागीदारी के बिना हासिल नहीं की जा सकती।
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने हमारे युवा नागरिकों के लिए व्यावसायिक शिक्षा, कौशल, स्टार्टअप फंडिंग (वित्त पोषण) की दिशा में विभिन्न पहलों को प्राथमिकता दी है। हमारा लक्ष्य भारत के युवाओं को दुनिया का सबसे बड़ा कौशल बनाना है। मैं सभी राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेताओं को बधाई देता हूं। ��ुरस्कार प्रदान करने के पीछे हमारा उद्देश्य युवाओं को उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करना है।”
इस अवसर पर डिर्डे बॉयड ने कहा कि भारत के पास दुनिया के साथ साझा करने के लिए बहुत कुछ जानकारी उपलब्ध है, भारत में युवाओं की बड़ी आबादी है। युवाओं में परिवर्तन करने की शक्ति होती है, उनके पास देश की प्रगति के लिए बेहतर और नवीन विचार होते हैं। दुनिया भर में युवा सतत विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
युवा मामले विभाग की सचिव उषा शर्मा ने कहा कि भारत के युवा एक परिवर्तनकर्ता, नवप्रवर्तक, युवा उद्यमी और समुदाय के हितों की रक्षा करने वाले निस्वार्थ स्वयंसेवक के रूप में बहुआयामी भूमिका निभा रहे हैं।
व्यक्तिगत और संगठनों की श्रेणियों में कुल 22 राष्ट्रीय युवा पुरस्कार दिए गए हैं। एनवाईए 2017-18 के लिए कुल 14 पुरस्कार दिए गए थे, जिनमें व्यक्तिगत श्रेणी में दिए गए 10 पुरस्कार और संगठन श्रेणी में दिए गए 4 पुरस्कार शामिल हैं। एनवाईए 2018-19 के लिए कुल 8 पुरस्कार दिए गए थे, जिनमें व्यक्तिगत श्रेणी में दिए 7 पुरस्कार और संगठन श्रेणी में दिया गया एक पुरस्कार शामिल हैं। इस पुरस्कार में व्यक्तिगत श्रेणी में एक पदक, एक प्रमाण पत्र और 1,00,000/- रुपये का नकद पुरस्कार तथा संगठन श्रेणी में 3,00,000/- रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
यह खबर भी पढ़ें: अजीबोगरीब मामला/ कोरोना वैक्सीनेशन के बाद महिला के शरीर में चिपकने लगे हैं सिक्के और स्टील के बर्तन !
युवा मामले और खेल मंत्रालय का युवा मामले विभाग व्यक्तियों (आयु 15-29 वर्ष के बीच) और संगठनों को स्वास्थ्य, मानवाधिकारों के संवर्द्धन, सक्रिय नागरिकता, सामुदायिक सेवा जैसे विकास और समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य और योगदान के लिए राष्ट्रीय युवा पुरस्कार (एनवाईए) प्रदान करता है।
इन पुरस्कारों का उद्देश्य युवाओं को राष्ट्रीय विकास और समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करना, युवाओं में समुदाय के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करना और इस प्रकार उनकी व्यक्तिगत क्षमता में अच्छे नागरिकों के रूप में सुधार करना एवं समाज सेवा सहित राष्ट्रीय विकास के लिए युवाओं के साथ काम करने वाले स्वयंसेवी संगठनों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों को मान्यता प्रदान करना है।
युवा मामले और खेल मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र स्वयंसेवकों और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के सहयोग से ग्रामीण, उप-शहरी और शहरी भारत के युवाओं के लिए दिसंबर 2020 में एस.ओ.एल.वी.ई.डी चैलेंज का शुभारंभ किया था। इसका उद्देश्य कृषि-खाद्य मूल्य श्रृंखला में नवाचारी, युवा नेतृत्व वाले उद्यमशीलता समाधानों की पहचान और पोषण करना है।
यह खबर भी पढ़ें: दुखद: 38 पत्नियों के पति और 89 बच्चों के पिता जिओना चाना का निधन, 17 साल की उम्र में हुई थी पहली शादी
इसके लिए पूरे भारत से 850 से अधिक युवाओं ने आवेदन किया और कई दौर की प्रतियोगिताओं और प्रशिक्षण के बाद, ज��्मू और कश्मीर, बिहार, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, गुजरात सहित अनेक राज्यों से 10 विजेता सामने आए।
Download app: अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप
0 notes
Text
राजस्थान : शिक्षकों की होगी भर्ती, CM अशोक गहलोत ने भर्ती प्रक्रिया तेज करने के दिए निर्देश
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) ने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए शिक्षा विभाग में स्कूल व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक, तृतीय श्रेणी शिक्षकों एवं अन्य पदों पर भर्ती प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए हैं। गहलोत ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पदों पर भर्ती के लिए रीट परीक्षा-2020 (REET Exam 2020) समय पर हो, इसके लिए सिलेबस तैयार करने सहित अन्य प्रक्रियाओं को जल्द पूरा किया जाए। इससे न केवल स्कूलों में रिक्त पद भर सकेंगे, बल्कि युवाओं को भी रोजगार के अवसर मिल सकेंगे।
उन्होंने शिक्षा विभाग में संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की भी समीक्षा की। बैठक में शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में एक वर्ष की उपलब्धियों से अवगत कराया। शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण सुधार के लिए किए गए नवाचार, नीतिगत निर्णय, विद्यालय क्रमोन्नयन, संकाय परिवर्तन, अल्प भाषा प्रोत्साहन हेतु पदों के आवंटन के सम्बन्ध में जानकारी दी। बैठक में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, शासन सचिव स्कूल शिक्षा मंजू राजपाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/cm-ashok-gehlot-asks-education-deptt-to-speed-up-recruitment-process-5826259/
0 notes
Link
पृष्ठभूमि
मेकांग, गंगा सहयोग (एमजीसी) 6 देशों की एक पहल है, जिसमें भारत और 5 आसियान देश, अर्थात कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं, जो पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा, परिवहन और संचार के क्षेत्र में सहयोग के लिए संगठित हुए हैं।
इसकी शुरुआत 10 नवंबर, 2000 को लाओस की राजधानी वियनतियाने में की गई थी। गंगा और मेकांग दोनों सभ्यतामूलक नदियां हैं। एमजीसी का उद्देश्य इन दो प्रमुख नदी घाटियों के बीच रहने वाले लोगों को करीब लाना है। यह सदस्य देशों के बीच सदियों से चले आ रहे सांस्कृतिक और वाणिज्यिक संबंधों को भी जोड़ना चाहता है। एमजीसी की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक वियनतियाने में 9-13 नवंबर, 2000 के मध्य आयोजित की गई थी। जिसमें चार क्षेत्रों अर्थात पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा और परिवहन में सहयोग पर सहमति बनी ।
वर्तमान परिदृश्य
मेकांग-गंगा सहयोग की दसवीं मंत्रिस्तरीय बैठक बैंकॉक, थाईलैंड में 1 अगस्त, 2019 को आयोजित की गई। इस बैठक में वर्ष 2016-2018 की एमजीसी योजना में हुई प्रगति की समीक्षा की गई तथा सहयोग के तीन नए क्षेत्रों अर्थात जल संसाधन प्रबंधन, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, कौशल विकास और क्षमता निर्माण पर परियोजना आधारित सहयोग के साथ नई एमजीसी योजना, 2019-2022 को अपनाया गया।
प्रमुख समझौते
1. सांस्कृतिक सहयोग
राष्ट्रीय हथकरघा संवर्धन विकास एजेंसियों को शामिल कर एमजीसी एशियाई पारंपरिक वस्त्र संग्रहालय (एटीटीएम), सिएम रिज, कंबोडिया में एमजीसी में शामिल देशों के हाथ से बुने हुए विभिन्न कपड़ों का प्रदर्शन करने के लिए सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ-साथ कपड़ा प्रदर्शनी का आयोजन करना। प्रतिनिधिमंडलों के आदान-प्रदान तथा कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्मारकों के संरक्षण में क्षमता निर्माण और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना। è नालंदा विश्वविद्यालय में एक साझा अभिलेखीय संसाधन केंद्र (सीएआरसी) की स्थापना करना, जिसमें शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और विद्वानों के उपयोग के लिए पुरातत्व स्थलों, विश्व विरासत, व्यापार के इतिहास, जनसंख्या और धार्मिक वितरण डेटा तथा भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच ऐतिहासिक संपर्क जैसे क्षेत्रों पर जानकारी का भंडार हो। हरियाणा के सूरजकुंड मेले, राजस्थान के पुष्कर मेले, मणिपुर के संगोई महोत्सव, नगालैंड के हॉर्नविल महोत्सव और ओडिशा के बाली जात्रा जैसे भारत के प्रमुख सांस्कृतिक मेलों और उत्सवों में शिल्पकारों और सांस्कृतिक मंडलों को आमंत्रित करना तथा एमजीसी देशों के सांस्कृतिक मेलों और समारोहों में भारतीय शिल्पकारों और कलाकारों की उत्साहपूर्ण भागीदारी को प्रोत्साहित करना। सूचना प्रसार और प्रचार के लिए मेकांग देशों में महत्वपूर्ण यात्रा, मेलों और सांस्कृतिक समारोहों का एक संयुक्त कैलेंडर विकसित करना। वर्ष 2020 में एमजीसी की 20वीं वर्षगांठ मनाने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करना।
2. पर्यटन सहयोग
एमजीसी देशों के प्रमुख बौद्ध स्थलों के लिए ट्रैवल एजेंसियों और मीडिया परिचय यात्राओं का आयोजन करना तथा बौद्ध सर्किट के लिए टूर पैकेज को प्रोत्साहित करना।
एमजीसी देशों की समृद्ध पाक परंपराओं को प्रदर्शित करना तथा उन्हें लोकप्रिय बनाने के लिए खाद्य उत्सवों का आयोजन करना।
पर्यटन और यात्रा प्रबंधन, आतिथ्य प्रबंधन आदि में डिप्लोमा और प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रमों के लिए छात्रवृत्ति के प्रस्ताव के माध्यम से छात्रों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना।
3. शिक्षा में सहयोग
एमजीसी में शामिल देशों के छात्रों द्वारा उपयोग को बढ़ाने के लिए भारतीय सांस्कृतिक परिषद (आईसीसीआर) द्वारा दी गई 50 एमजीसी छात्रवृत्तियों को प्रोत्साहित करना।
राष्ट्रीय संस्थानों के बीच संकायों और छात्रों के आदान-प्रदान के माध्यम से चिकित्सा की पारंपरिक प्रणालियों में प्रशिक्षण को बढ़ावा देना। इसके लिए आयुष मंत्रालय, भारत सरकार आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी और योग में स्नातक/स्नातकोत्तर/पीएचडी करने के इच्छुक छात्रों के लिए एमजीसी देशों को प्रतिवर्ष 10 छात्रवृत्तियां प्रदान करेगा।
एमजीसी को सम��्पित एक वेबसाइट लांच करना, जो क्षेत्रीय समूह की ब्रांडिंग में योगदान करेगी और विभिन्न संयुक्त कार्यक्रमों और गतिविधियों के बारे में उपयोगी जानकारी प्रदान करेगी।
4. सार्वजनिक स्वास्थ्य और पारंपरिक चिकित्सा में सहयोग
भारत में नई दिल्ली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मलेरिया रिसर्च में अधिक प्रकोप वाले संचारी और गैर-संचारी रोगों के उन्मूलन पर एमजीसी देशों के अधिकारियों के लिए दूसरी कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण का आयोजन करना।
अनुरोध करने पर मेकांग देशों में भारतीय आयुर्वेद विशेषज्ञ भेजना।
पारंपरिक और पूरक चिकित्सा पर एक क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन करना।
5. कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के फसल विज्ञान प्रभाग द्वारा मशीनीकरण के माध्यम से चावल जर्मप्लाज्म के संरक्षण और उत्पादकता बढ़ाने पर एक कार्यशाला का आयोजन करना।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मत्स्य विज्ञान विभाग/पशु विज्ञान प्रभाग द्वारा स्थायी मत्स्य पालन और डेयरी पर कार्यशाला आयोजित करना।
राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान, हैदराबाद में एमजीसी देशों के पेशेवरों के लिए ‘एकीकृत ग्रामीण विकास एवं स्थायी विकास लक्ष्यों’ (एसीडीजीएस) पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
6. जल संसाधन प्रबंधन में सहयोग
भारत सामुदायिक खेती और जल संसाधन में अनुभवों और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित करेगा।
सतत जल प्रबंधन, जल संचयन, जल डेटा संग्रह, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और शमन, एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन, भूजल प्रबंधन, सीमा पार बेसिन प्रबंधन, जल गुणवत्ता निगरानी, बाढ़ और सूखा प्रबंधन तथा आपदा में कमी इत्यादि क्षेत्रों में सहयोगात्मक परियोजनाएं आरंभ करना।
7. विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सहयोग
कृषि, परिवहन, संचार, औद्योगिक ज्ञान हस्तांतरण, ई-कॉमर्स, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT), स्वास्थ्य, ऊर्जा और पर्यावरण, भोजन इत्यादि में सामाजिक नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए किसी एक एमजीसी देश में एक नवाचार मंच आयोजित करना।
8. परिवहन और संचार में सहयोग
भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग को कंबोडिया, लाओस और वियतनाम तक विस्तारित करने की व्यवहार्यता की जांच करना और आर्थिक विकास के गलियारे के रूप में इसका विकास करना। भारत-म्यांमार-थाईलैंड मोटरवाहन समझौते के समापन के तरीकों और साधनों का अन्वेषण करना, जिससे सीमाओं के पार माल और यात्रियों की निर्बाध आवाजाही तथा अधिक से अधिक व्यापार और पर्यटन हो सके। एमजीसी देशों के लिए भारतीय राजमार्ग अभियंता अकादमी, नोएडा में व्यवहार्यता अध्ययन की तैयारी और राजमार्ग परियोजनाओं के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तथा राजमार्गों के निर्माण और रख-रखाव के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना। आईसीटी उद्योग के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए ई-गवर्नेंस, ई-कॉमर्स, ई-शिक्षा और अन्य संबंधित ई-सेवाओं के अनुभवों और सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना।
9. कौशल विकास और क्षमता निर्माण
एमजीसी देशों के लिए राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी और बड़े पैमाने पर सामाजिक-आर्थिक नमूना सर्वेक्षण के क्षेत्रों में प्रशिक्षण और छात्रवृत्ति कार्यक्रम आयोजित करना।
व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों और कौशल विकास प्राधिकरणों के विशेषज्ञों द्वारा विनिमय यात्राओं के माध्यम से ज्ञान साझा करने की सुविधा प्रदान करना।
थाईलैंड के वार्षिक अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम एआईटीसी के अंतर्गत एमजीसी क्षेत्रों से संबंधित विषयों पर सहयोग के साथ-साथ अन्य प्रासंगिक मुद्दों पर एसडीजी के अनुरूप वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
अन्य प्रमुख तथ्य
1. भारत या किसी अन्य एमजीसी देश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों पर केंद्रित एक व्यापार प्रदर्शनी के साथ एमजीसी व्यापार मेले का आयोजन करना।
2. आसियान और पूर्वी एशिया के लिए जकार्ता स्थित आर्थिक अनुसंधान संस्थान (ERIA) द्वारा ‘क्षेत्रीय उत्पादन शृंखला में एमजीसी एमएसएमई के एकीकरण : संभावनाओं और चुनौतियों’ पर अनुसंधान अध्ययन करने का कार्य सौंपना।
3. वर्ष 2020 में वियतनाम द्वारा आयोजित किए ज��ने वाले आसियान भारत बिजनेस एक्सपो और शिखर सम्मेलन के अवसर पर एमजीसी बिजनेस मंच का आयोजन करना।
विशिष्ट तथ्य
आसियान अर्थात दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन की स्थापना 8 अगस्त, 1967 को बैंकाक, थाईलैंड में हुई थी। थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर और फिलीपींस इसके संस्थापक सदस्य देश हैं। ब्रुनोई, वियतनाम, लाओस, म्यांमार और कंबोडिया इसमें बाद में शामिल हुए। भारत अपनी लुक ईस्ट नीति, अब एक्ट ईस्ट नीति के तहत इस संगठन में शामिल होना चाहता है। जिसमें एमजीसी मंच एक ब्रिज के रूप में काम करेगा।
निष्कर्ष
निष्कर्षतः कहा जा सकता है कि एमजीसी सहयोग के माध्यम से भारत अपनी क्षेत्रीय, आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक आकांक्षाओं को पूरा कर सकेगा। साथ ही आसियान जैसे क्षेत्रीय मंच के सहयोग में भागीदारी बढ़ेगी।
सं. अनिल दुबे
0 notes
Text
अब छत्तीसगढ़ के शिक्षा पोर्टल का भी लाभ ले सकेंगे राज्य के विद्यार्थी
अब छत्तीसगढ़ के शिक्षा पोर्टल का भी लाभ ले सकेंगे राज्य के विद्यार्थी
काेविड-19 के दाैरान काॅलेज विद्यार्थियाें के लिए ऑनलाइन पाेर्टल शुरू करने के राजस्थान सरकार के नवाचार को छत्तीसगढ़ सरका�� ने भी अपनाया है। इस पाेर्टल काे राजस्थान में भी सभी के लिए ओपन किया गया है। ऐसे में अब राजस्थान के विद्यार्थी भी यह जान सकेंगे कि छत्तीसगढ़ में क्या पढ़ाया जा रहा है। इस पाेर्टल की जानकारी काॅलेज शिक्षा आयुक्त प्रदीप बाेरड़ ने प्रदेश के सभी राजकीय काॅलेजाें के प्राचार्याें काे…
View On WordPress
0 notes
Link
कोटा। शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य तनावमुक्त होकर विद्यार्थियों की प्रतिभा को तराशना है। कोचिंग संस्थानों के लिए सरकार शीघ्र कानून बनाकर लागू करेगी। जिससे विद्यार्थियों को काउंसलिंग, योग्यता के आधार पर रूचि के अनुसार विषय का चयन शामिल किया जा सके। इसके लिए कमेटी बन चुकी है।
वे शुक्रवार को यूआईटी ऑडिटोरियम में आओ चले विद्यालय की ओर अभियान को सम्बोधित कर रहे थे। शिक्षा राज्यमंत्री डोटासरा ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश को नम्बर वन बनाना है। इसकी जिम्मेदारी शिक्षकों के कंधों पर है। भागदौड़ की जिंदगी में माता-पिता बच्चों पर पूरी तरह से ध्यान नहीं दे पाते हैं। इस स्थिति में शिक्षक ही उन्हें सदमार्ग पर ले जाकर योग्य बना सकते हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान पूरे भारत में दूसरे स्थान पर है, लेकिन हम सब को मिलकर इसके लिए मेहनत करनी होगी। बच्चों का बेहतर भविष्य का निर्माण करना होगा। उसी की बदौलत हम अपने लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं। प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में कई नवाचार किए जा रहे हैं। उसके परिणाम भी बेहतर आ रहे हैं। सरकार की ओर से शिक्षकों की हर मांग पूरी की जा रही है, लेकिन अब शिक्षकों का दायित्व है कि वह अपने आप पर खरे उतरें। इससे पहले 20 प्रतिभाशाली विद्यार्थी व भामाशाहों का सम्मान किया गया।
सभी अधिकारी सरकारी स्कूल से पढ़े शिक्षा मंत्री ने कहा कि एक शिक्षक के बेटे को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा मंत्री का दायित्व दिया है। इससे बड़ा सौभाग्य नहीं हो सकता। टीम भी ऐसी दी कि सभी अधिकारी सरकारी स्कूल से पढ़े। यहां प्राइवेट कुछ भी नहीं है। ��िक्षा मंत्री ने अभियान का नाम बदलकर ��हा कि अब शिक्षा मंत्री चले विद्यालय की ओर की जगह ‘आओ चले विद्यालय की ओर होगा।
एक अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता। जब हम सब विद्यालय की ओर से नहीं चलेंगे और विद्यालय के बारे में नहीं सोचेंगे।, उनमें अपना योगदान, विजन व मेहनत नहीं देंगे तब तक कोई सफल नहीं होगा। भामाशाह भी समय-समय पर भरपूर योगदान दे रहे हैं। जिससे हम अपनी परिकल्पना को साकार कर रहे हैं।
स्कूल को सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस बनाएं निदेशक नथमल डिडेल ने कहा कि शिक्षा में किये जा रहे नवाचारों के प्रति सभी संस्था प्रधान संवेदनशील रहकर कार्य करें। विद्यालयों को आने वाले समय में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में स्थापित करने के लिए सभी शिक्षा अधिकारियों को स्वप्रेरित होकर कार्य करना होगा। उन्होंने आह्वान किया कि सभी संस्था प्रधान स्वप्रेरित होकर प्रदेश को अग्रणी स्थान पर रखने के लिए टीम भावना से कार्य करें।
शत-प्रतिशत परिणाम दें शासन सचिव शिक्षा विभाग मंजू राजपाल ने कहा कि जिस तरह के संसाधन विद्यालयों में उपलब्ध हैं, उनका सदुपयोग किया जाए। विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए शत-प्रतिशत परिणाम के लिए कटिबद्ध होकर कार्य करें।
सुविधाओं में कमी नहीं रहने दी जाएगी जिला कलक्टर ओम कसेरा ने कहा कि विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के लिए कमी नहीं रहने दी जाएगी। राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप सभी अधिकारी पूर्ण मनोयोग से कार्य करें। शिक्षा विभाग प्रदेश में नवाचारों के माध्यम से परिवर्तन की दिशा में जिस गति से बढ़ रहा है वह प्रदेश के लिए सुनहरा पल है।
शिक्षा अधिकारियों को सघन निरीक्षण के निर्देश शिक्षा मंत्री ने संभाग के सभी शिक्षा अधिकारियों की बैठक लेकर शैक्षणिक सुधार के लिए सघन निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संसाधनों की कमी नहीं है। पर्याप्त स्टाफ है, ऐसे में निरीक्षण कार्य में लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। विद्यालयों का निरीक्षण कर सूचनाओं को पोर्टल पर अपलोड भी करें। शिक्षा मंत्री ने खेलों के क्षेत्र में संभाग के पिछडऩे पर नाराजगी व्यक्त की।
Share this:
Like this:
Like Loading...
Related
source https://lendennews.com/archives/61906 https://ift.tt/2Cum8wg
0 notes
Text
राजस्थान नर्सिंग काउंसिल देश की पहली ई-काउंसिल के रूप में विकसित- रजिस्ट्रार
बीकानेर, 19 फरवरी। नर्सिंग टीचर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा रविवार को सुपर स्पेशलिटी बिल्डिंग के पीछे स्थित नए परीक्षा हॉल में राजस्थान नर्सिंग कौंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. शशिकान्त शर्मा का अभिनंदन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला रहे।उन्होंने कहा कि आज का समय ई-लर्निंग का है। राजस्थान नर्सिंग काउंसिल द्वारा 16 महीनों में अनेक नवाचार करते हुए ई-लर्निंग को अपनाया गया…
View On WordPress
0 notes
Text
सचिवालय में स्वयंसेवी संगठनों, सिविल सोसायटी तथा उपभोक्ता फोरम के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद को संबोधित किया। राज्य सरकार की महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ-साथ पारदर्शी, संवेदनशील एवं जवाबदेह सुशासन में स्वयंसेवी संगठनों एवं सिविल सोसायटी की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। आवश्यकता के अनुसार नवाचार के लिए दिए गए मूल्यवान एवं सारगर्भित सुझावों को आगामी बजट में स्थान देने का पूरा प्रयास किया जाएगा। इनके सुझावों के आधार पर हम ऐसा बजट लाने का प्रयास करेंगे जो प्रदेश के समग्र विकास को गति देने वाला हो। राज्य सरकार इस बार का बजट युवाओं एवं छात्रों की भावना के अनुरूप तैयार करने जा रही है।
राज्य सरकार ने हमेशा सामाजिक सुरक्षा से जुड़े कार्यों में प्रगतिशील सोच के साथ फैसले लिये हैं। प्रदेश में जनकल्याणकारी योजनाओं के लागू होने के चलते ही गरीब एवं वंचित वर्ग का जीवन स्तर ऊपर उठा है। राज्य सरकार जनकल्याणकारी बजट तैयार करने में स्वयंसेवी संगठनों तथा सिविल सोसायटी की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है ताकि हर वर्ग तक बजट का लाभ वास्तविक रूप में पहुंच सके।
सरकारी योजनाओं एवं नीतियों के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में विभिन्न संगठनों द्वारा दिए गए फीडबैक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। स्वयंसेवी संगठनों, सिविल सोसायटी तथा उपभोक्ता फोरम के प्रतिनिधियों के साथ हुई चर्चा के दौरान कई महत्वपूर्ण सुझाव आए हैं, जिन्हें बजट में शामिल कर क्रियान्वित करने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। समाज के सभी वर्गों की भागीदारी से ही प्रदेश का समग्र विकास होगा।
सामाजिक संगठनों ने पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, खाद्य सुरक्षा, रोजगार, पोषण, पारदर्शिता, कचरा प्रबंधन, सड़क सुरक्षा, नशा मुक्ति, उपभोक्ता हितों के संरक्षण, लैंगिक एवं सामाजिक समानता जैसे बुनियादी मुद्दों पर निरन्तर उपयोगी फीडबैक देने का काम किया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा अगले बजट के लिए सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। 12 घंटों में ही प्रदेशवासियों से लगभग 21 हजार सुझाव प्राप्त हो चुके हैं।
स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने कोरोना के बेहतरीन प्रबंधन के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाये गए कदमों की खुलकर तारीफ की। राजस्थान सरकार के प्रबंधन की देश-विदेश में सराहना हुई है। इससे पहले अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज श्री अभय कुमार ने बैठक की शुरूआत में सभी का स्वागत किया। प्रतिभागियों से प्राप्त सुझावों पर गंभीरता से विचार कर उन्हें आगामी बजट में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा।
बैठक में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए। इसमें सड़क दुर्घटना पीड़ितों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने व उनकी जीवन रक्षा के लिए प्रावधान, मूक-बधिर बच्चों की शिक्षा को प्रोत्साहन, व्यवसायिक प्रशिक्षण का प्रबंध, दिव्यांग बच्चों के लिए विश्वविद्यालय, घुमंतू जातियों को राज्य सरकार की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ देने के लिए उनका आर्थिक व सामाजिक सर्वेक्षण तथा स्थाई आवास का प्रबंध, मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए उचित काउंसलिंग की उपलब्धता, जवाबदेही कानून, स्कूली शिक्षा में ही बच्चों को कानून की पढ़ाई से जोड़ने, महिलाओं से जुड़े स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहन देने, प्रशासन शहरों के संग व प्रशासन गांवों के संग अभियानों में जनसंगठन की भागीदारी सुनिश्चित करने आदि से संबंधित सुझाव प्राप्त हुए।
मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस वर्ष बजट आने से काफी पहले बजट पूर्व संवाद आयोजित किए जा रहे हैं।
इस ���वसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीणा, उद्योग मंत्री श्रीमती शकुन्तला रावत, पंचायतीराज मंत्री श्री रमेश मीणा, जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी, सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना, कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया सहित मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्य, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. गोविन्द शर्मा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, प्रदेशभर से आए स्वयंसेवी संगठनों, सिविल सोसायटी एवं उपभोक्ता फोरम के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
0 notes
Text
नॉलेज ब्लेकबोर्ड से नही लेबोरेट्री से दें- डॉ सुभाष गर्ग
आरटीयू का 9वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न, राज्य के 96 इंजीनियरिंग कॉलेजों में मिलेंगी 25,604 डिग्री न्यूजवेव@ कोटा राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (RTU) के 9वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि भविष्य में इंजीनियरिंग की पढ़ाई ब्लेकबोर्ड पर कम और लेबोरेट्री में अधिक होनी चाहिये। इंजीनियरिंग विद्यर्थियों को इंडस्ट्री में आ रहे नये बदलावों को देखते हुये प्रेक्टिकल लर्निंग पर फोकस करना होगा।
डॉ. गर्ग ने कहा कि तकनीकी शिक्षा सेल्फ एम्पलायमेंट का सेतु बन सकती है। यूनिवर्सिटी में ऐसे उच्च शिक्षित इंजीनियर तथा प्रोफेशनल्स तैयार करें जिनमें नवाचार करने का जज्बा हो। इसके लिये शिक्षाविदों को सिलेबस में बदलाव करने की पहल करनी होगी। इंजीनियरिंग कोर्सेस के सिलेबस में सोशल साइंस, हिस्ट्री, हृयूमन वैल्यू जैसे क्षेत्रों की जानकारी भी देनी होगी। डॉ. गर्ग ने कहा कि देश में आईआईटी एवं एम्स की क्वालिटी एजुकेशन के कारण ही दुनिया में अलग पहचान है। इसे यूनिवर्सिटी व कॉलेज लेवल पर भी बरकरार रखना होगा। उन्होंने दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय परिसर में ही आयोजित करने का सुझाव दिया। डिग्री को केवल मार्क्स तक सीमित न रखें विशिष्ट अतिथि आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. पी.के.जैन ने कहा कि एडवांस टेक्नोलॉजी के दौर में इंजीनियरिंग विद्यार्थियों के सामने कई नई चुनौतियां सामने आयेंगी। उन्हें नई लर्निंग के लिये डिजिटल माध्यमों से अपडेट रहना होगा। स्किल इंडिया में प्रत्येक इंजीनियर अपने क्षेत्र के अनुभव से स्टार्टअप प्रारंभ कर सकते हैं। डिग्री को केवल मार्क्स तक सीमित नही रखें, अपने स्किल को भी ��समें जोडें। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक का उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, यातायात की बेहतर सेवाएं, वैकल्पिक ऊर्जा, निर्माण उद्योग एवं स्मार्ट सिटीज को बेहतर बनाने जैसे कार्यों में कर सकते हैं। अध्यक्षता करते हुये कुलपति प्रो. आर.ए.गुप्ता ने आरटीयू का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 96 कॉलेज विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हैं जिनमें एआईसीटीई द्वारा तैयार किये गये सिलेबस के अनुसार अंक प्रणाली के स्थान पर ग्रेडिंग सिस्टम को लागू किया है। कुलसचिव सुनीता डागा ने दीक्षांत समारोह में दी जाने वाली उपाधियों के बारे में जानकारी दी। 25,604 स्टूडेंट्स को प्रोफेशनल डिग्री दीक्षांत समारोह में 6 वर्षों में सवोच्च अंक प्राप्त करने वाली एमटेक छात्रा कु. स्वाति विजय को कुलाधिपति स्वर्ण पदक तथा बीटेक छात्रा जया मित्तल को कुलपति पदक प्रदान किया गया। दीक्षांत समारोह में 25604 विद्यार्थियों को कॉलेजों में उपाधियां वितरित करने की अनुमति दी गई। इनमें बीटेक की 22284, बीआर्क की 180, बीबीए की 32, होटल मैनेजमेंट की 17, एमटेक की 643, एमआर की 8, एमबीए की 1553, एमसीए की 872, पीएचडी की 15 उपाधियां प्रदान की जायेंगी। तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री ने यूआईटी ऑडिटोरियम परिसर में पौधारोपण किया। इस अवसर पर शिक्षाविदों, गणमान्य नागरिकों सहित राजीवगांधी स्टडी सर्किल के अनुज विलियम्स भी उपस्थित रहे। Read the full article
0 notes
Text
राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की 18वीं बैठक, परिवहन मंत्री ने कहा- सड़क सुरक्षा में भी ‘मॉडल स्टेट‘ बनेगा राजस्थान Divya Sandesh
#Divyasandesh
राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की 18वीं बैठक, परिवहन मंत्री ने कहा- सड़क सुरक्षा में भी ‘मॉडल स्टेट‘ बनेगा राजस्थान
जयपुर। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की अध्यक्षता में राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की 18वीं बैठक सोमवार को शासन सचिवालय में आयोजित हुई। प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए बैठक में कई अहम प्रस्ताव लिए गए।
खाचरियावास ने कहा कि सड़क सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर है। परिवहन विभाग ने कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए जिस तरह ऑक्सीजन परिवहन का सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन कर ‘मॉडल स्टेट‘ के रूप में पहचान बनाई, उसी तरह सड़क सुरक्षा में भी राजस्थान देश में ‘मॉडल स्टेट‘ बनेगा। खाचरियावास ने कहा कि परिवहन और पुलिस विभाग का मात्र चालान बनाना नहीं है बल्कि दुर्घटनाओं को रोकना हैं। यह हम सबकी बड़ी जिम्मेदारी हैं। सभी विभाग सड़क सुरक्षा से संबंधित बजट घोषणाओं के लिए समयसीमा तय कर जल्द से जल्द पूरा करें। उन्होंने कहा कि हर पंचायत स्तर पर सड़क सुरक्षा अग्रदूत बनाने पर विचार किया जावें।
बीआरटीएस को हटायें यूडीएच- खाचरियावास ने कहा कि जयपुर से बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टस (बीआरटीएस) कॉरिडोर दुर्घटनाएं हो रही है। दिल्ली में हटाया जा चुका है। यूडीएच विभाग के अधिकारी जयपुर में भी कॉरिडोर को तुरंत हटाने की कार्यवाही करें।
टोल प्लाजा के नजदीक बनाए जायें अस्पताल- ��ैठक में प्रदेश में संचालित टोल प्लाजाओं के पास एनएचएआई द्वारा अस्पताल बनवाने का प्रस्ताव लिया गया हैं। इसमें राज्य सड़क सुरक्षा परिषद द्वारा केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी को पत्र लिखा जायेगा। मंत्री ने कहा कि अधिकांश दुर्घटनाएं हाईवे पर होती हैं। टोल के पास अस्पताल और एंबुलेंस होने से घायलों को तुरंत ईलाज मिल सकेगा।
यह खबर भी पढ़ें: अनोखी परंपरा: इस मंदिर में मर्द पूजा करने के लिए महिलाओं की तरह सजते-संवरते हैं!
ब्लैक स्पॉट को करायें दुरूस्त- खाचरियावास ने कहा कि एनएचएआई हाईवे पर युद्ध स्तर पर कार्यवाही कर ब्लैक स्पॉट को दुरूस्त करायें। जयपुर-दिल्ली सहित सभी राजमार्गों पर चल रहे सड़क निर्माण कार्यों में तेजी लायें। बनावट में सुधार किया जायें। टोल संचालन करने वाली एजेंसी यदि षर्तों के अनुसार कार्य नहीं करें तो एनएचएआई सख्त कार्यवाही करें। पुलिस, परिवहन, सार्वजनिक निर्माण विभाग और सड़क निर्माण से संबंधित एजेंसी ब्लैक स्पॉट को तुरंत ठीक करायें। सड़क पर निकलने वाले अवैध कटों को बंद कराया जायें।
विभागों के साथ अलग-अलग की जायें बैठक- उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा से जुड़े स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर सुझाव लिए जायें। एनएचएआई, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, पुलिस, नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन विभाग की अलग-अलग बैठकें आयोजित सड़क सुरक्षा संबंधित कार्यों की मॉनिटरिंग की जायें। गांवों में चौराहों और उनके हाईवे से जुड़ने वाले मार्गों लाइट्स लगवाई जायें।
यह खबर भी पढ़ें:मंदिर से जूते चप्पल का चोरी होना है शुभ संकेत, जानिए क्यों
प्राइमरी ट्रोमा सेंटर शीघ्र होने चाहिए शुरू- खाचरियावास ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि परिवहन विभाग से राषि आवंटित होने के बावजूद प्राइमरी ट्रोमा सेंटर नहीं बन सकें। विभाग प्राथमिकता में लेकर निर्माण करायें, ताकि हाईवे पर दुर्घटनाग्रस्तों का गोल्डन ऑवर में उपचार मिलें।
हर कॉलोनी के प्रवेश पर बनाये स्पीडब्रेकर – खाचरियावास ने कहा कि मुख्य मार्गों के अलावा कॉलोनियों की गलियों में भी सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। सभी नगर निकाय कॉलोनियों के प्रदेश पर स्पीडब्रेकर, व्हाइट पट्टी लगाना सुनिष्चित किया जायें। सड़क सुरक्षा परिषद द्वारा बैठक में पारित प्रस्ताव का हवाला देकर सभी को पत्र लिखकर कार्यवाही के निर्देष दिये जायें। उन्होंने परिषद के अधिकारियों को हाईवे और मुख्य मार्गों पर तेजी गति से चलने वाले वाहनों की निगरानी के लिए कैमरे लगाने और चालान ऑटो-जनरेट कराने जैसे नवाचार करने के निर्देश दिए।
ट्रकों के डैशबोर्ड पर लगे कैमरे- परिवहन विभाग के प्रमुख षासन सचिव अभय कुमार ने कहा कि बड़े ट्रकों के कारण ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं। इनकी स्पीड की निगरानी के लिए डैशबोर्ड पर कैमरे लगने चाहिए। सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों का आंकलन कर दुर्घटनाओं में कमी लाने का प्रयास होना चाहिए।
गुड सेमेरिटन को जल्द मिलेगा प्रोत्साहन- परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी ने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद कर अस्पताल पहुंचाने वालों के प्रोत्साहन के लिए बजट में ‘जीवन रक्षक योजना‘ की घोषणा की गई थी। इसमें मददगार को 5 हजार रूपये और प्रमाण-पत्र दिया जायेगा। जल्द ही लागू कर रहे हैं। बैठक में नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने हाईवे के नजदीक निजी अस्पताल संचालकों को सस्ती जमीन आवंटित कर अस्पताल खोलने के लिए प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया। इनके सुझाव पर मंत्री खाचरियावास ने ऐसी जमीन चिंहित करने के निर्देश दिए।
यह खबर भी पढ़ें: डीफ विलेज के नाम से मशहूर हैं ये गांव, सिर्फ इशारों में होती है बातचीत
बैठक में राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनंद कुमार, एडीजी पुलिस स्मिता श्रीवास्तव सहित अन्य विभागों के प्रतिनिधियों, एनजीओ के प्रतिनिधियों और ने भी सड़क सुरक्षा के बेहतर प्रबंधन के लिए सुझाव दिए।
Download app: अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप
0 notes
Text
अलग-अलग शिक्षक संघों के दो दिवसीय सम्मेलन शुरू
जोधपुर। अलग-अलग शिक्षक संघों के दो दिवसीय सम्मेलन शुक्रवार से शुरू हो गए। सम्मेलनों में सभी संघों ने शिक्षकों की समस्याआ और शैक्षित गुणवत्ता पर चिंतन किया।
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय का जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन शुक्रवार को महादेव गार्डन सारण नगर में शुरू हुआ। संघ के जिला अध्यक्ष रूपाराम खोजा ने बताया कि इस कार्यक्रम में अतिथि के रूप में भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग उपस्थित थे। इस शैक्षिक सम्मेलन में तीन सत्र आयोजित किए जा रहे है। पहला सत्र ध्वजारोहण से प्रारंभ हुआ। इस दौरान श्री देव जय देव पाठक व्याख्यानमाला का आयोजन भी हुआ। दूसरे दिन शनिवार को खुला मंच कार्यक्रम का आयोजन होगा जिसमें शिक्षक अपनी अपनी शिक्षा संबंधी बातों से अवगत कराएंगे। इसके साथ ही एक प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। यह प्रस्ताव शिक्षकों के नवाचार को लेकर तैयार किया जाएगा।
वहीं राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत का दो दिवसीय जिला शैक्षिक सम्मेलन बनाड़ रोड स्थित पिलार बालाजी मंदिर में शुरू हुआ। संघ के संभाग संयोजक भंवरलाल काला व त्रिलोकराम नायल ने बताया कि सम्मेलन में चर्चा के बाद जिला स्तर पर शिक्षकों, छात्रों और स्कूलों में समस्याओं व सुविधाओं को लेकर प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भेजा जाएगा। संघ जिलाध्यक्ष भवानीसिंह फड़ाक ने बताया कि सम्मेलन में अतिथि के रूप में विधायक मनीषा पंवार व महेंद्र विश्नोई सहित कई लोग मौजूद रहे।
इसी प्रकार राजस्थान प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा शिक्षक संघ का दो दिवसीय जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन बनाड़ रोड महादेव नगर विद्या आश्रम स्थित स्वर्णकार समाज भवन में हो रहा है। संघ के जिलाध्यक्ष तुलसीराम सोनी व जिला मंत्री कैलाश दाधीच ने बताया कि समारोह में अतिथि के रूप में समाजसेवी महेश खजवाणिया उपस्थित रहे। इसी क्रम में राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष संतोकसिंह सिणली ने बताया कि संगठन का जिला शैक्षिक सम्मेलन पीपाड़ शहर में हो रहा है। राजस्थान शिक्ष�� अधिकारी संघ रेसा का दो दिवसीय जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन रामावि पुलिस लाइन रातानाडा में शुरू हुआ। जिलाध्यक्ष अमृतलाल व जिला मंत्री योगेशनाथ ने बताया कि इस दौरान सैकंडरी स्कूल प्रधानाध्यापक व प्रिंसीपल मौजूद रहे। सम्मेलन में नवीन कार्यकारिणी का भी गठन होगा।
इसी प्रकार राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद् (प्रधानाचार्य) का सम्मेलन महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ रेसला को सम्मेलन वैदिक कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय बागर चौक, राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ एवं वेलफेयर सोसायटी का सम्मेलन डॉ. मदन डागा साहित्य भवन नेहरू पार्क, राजस्थान शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ का सम्मेलन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय महिला बाग के सभा भवन में आयोजित किया जा रहा है।
source https://krantibhaskar.com/two-teacher-unions/ via JODHPUR NEWS https://ift.tt/2LJqHbu
0 notes
Text
‘सीमेट’ को उत्कृष्ट बनाएं -डोटासरा
https://ift.tt/31YAJM3
जयपुर, 12 सितम्बर (वार्ता)राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा है कि शिक्षक प्रशिक्षण के अंतर्गत समयानुरूप नवाचार अपनाते हुए गोनेर स्थित राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान ‘सीमेट’ को उत्कृष्ट प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित किया जाये।
पाकिस्तान भारतीय राजनयिकों को अब नहीं मिलने देगा जाधव से श्री डोटासरा ने गुरूवार को सीमेट का आकस्मिक निरीक्षण करते हुए वहां की प्रबंध एवं प्रशिक्षण गतिविधियों के बारे में संतोष जताते कहा कि प्रशिक्षण शिक्षा जगत की सामयिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए प्रदान किए जाएं ताकि उनका व्यवहारिक लाभ मिले। उन्होंने कहा कि यह देखकर अच्छा लग रहा है कि स्वतःप्रेरणा से यहां के अधिकारी और कर्मचारी प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने सीमेट को प्रदेश के उत्कृष्ट शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान के रूप में विकसित करने पर जोर दिया।
The post ‘सीमेट’ को उत्कृष्ट बनाएं -डोटासरा appeared first on The Sandhyadeep.
from The Sandhyadeep https://ift.tt/2UU2x0H
0 notes
Text
जोधपुर के बरकतुल्लाह खां स्टेडियम में नवीनीकरण कार्यों के लोकार्पण समारोह को संबोधित किया। प्रदेश में खेलों के विकास और खिलाड़ियों के उत्थान के लिए सरकार कोई कमी नहीं रख रही है। राज्य सरकार के सकारात्मक निर्णयों से खेलों का माहौल बनने के साथ ही खिलाड़ियों में नए जोश एवं उत्साह का संचार हुआ है जो खेल जगत के लिए अच्छा संकेत है। इसी कड़ी में जोधपुर में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की क्रिकेट अकादमी स्थापित करने की घोषणा की।
स्टेडियम पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बरकतुल्लाह खां की मूर्ति पर पुष्पान्जलि अर्पित कर स्टेडियम के नवीनीकरण कार्य का लोकार्पण तथा इन कार्यों का विस्तार से अवलोकन किया। इस अवसर पर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन और जोधपुर विकास प्राधिकरण के मध्य समझौता पत्र (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए गए। इसमें आरसीए तथा जेडीए के सचिव ने हस्ताक्षर किए। इसी के साथ अब स्टेडियम के प्रबंधन और संचालन की जिम्मेदारी जेडीए ने आरसीए को सौंप दी है।
बरकतुल्लाह खां स्टेडियम को सभी प्रकार की सुविधाओं से परिपूर्ण कर दिया है। इससे खिलाड़ियों को सभी प्रकार के संसाधनों और सुविधाओं का लाभ मिलेगा तथा वे अपनी प्रतिभाओं को निखारकर आगे बढ़ सकेंगे। पहले के मुकाबले अब खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं।
उल्लेखनीय है कि जोधपुर विकास प्राधिकरण द्वारा 31 करोड़ रूपए की लागत से बरकतुल्लाह खां स्टेडियम में विभिन्न नवीनीकरण कार्य करवाए गए हैं। इनमें खिलाड़ियों के लिए जिम, 26 हजार कुर्सियां, फिजीयो रूम, एंटी डोपिंग रूप, प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल, मिडिया रूम के अलावा मुख्य मैदान और प्रैक्टिस मैदान में दो लाल मिट्टी और तीन काली मिट्टी के पिच अंतर्राष्ट्रीय मापदण्डों के अनुरूप बनाए गए हैं।
राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक का आयोजन प्रदेश के कोने-कोने से खेल प्रतिभाओं को तलाशने, खेलों का माहौल बनाने तथा हर क्षेत्र एवं हर आयु वर्ग के लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। इसमें सभी पूरे जोश और उत्साह के साथ हिस्सा ले रहे हैं। अब ग्रामीण के साथ शहरी ओलंपिक भी होंगे और हर साल होंगे। शहरी ओलंपिक के लिए शीघ्र ही ऑनलाइन पंजीयन आरंभ होगा।
खिलाड़ियों के भविष्य को संवारने के लिए सरकार ने कई प्रभावी निर्णय लिए हैं। इस दिशा में स्पोर्ट्स स्कूल, स्पोर्टस अकादमी आदि बनवाए जा रहे हैं। खेल जीवन निर्माण में महत्त्वपूर्ण है, निरोगी राजस्थान की संकल्पना को साकार करने में भी खेलों की अहम भूमिका है क्योंकि खेलों से स्वास्थ्य लाभ होता है।
आने वाला बजट युवाओं को समर्पित होगा, जिनमें खिलाड़ी भी शामिल हैं। युवाओं को बजट को लेकर सुझावों की अपील है बजट के समय सुझावों पर गंभीरतापूर्वक विचार कर सर्वहितकारी बजट बनाया जाएगा।
सरकार सुशासन, सहज सुलभ सुविधाओं की उपलब्धता और बुनियादी विकास के लिए कृत संकल्पित है। वैश्विक जरूरतों के अनुरूप शिक्षा के लिए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के संचालन तथा मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का जिक्र करने के साथ ही प्रदेश की एक करोड़ 35 लाख महिलाओं को स्मार्ट फोन देने की बात कही, जिसमें 3 साल तक इन्टरनेट सुविधा निःस्टेडियम का उपयोग कर निखारें खेल प्रतिभा
राजस्थान विधानसभाध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने बरकतुल्लाह खां स्टेडियम को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतिभाओं को विकसित करने वाला बताते हुए कहा कि इससे खेल जगत को एक नहीं बल्कि अनेक रवि बिश्नोई जैसे खिलाड़ी मिलेंगे। डॉ. जोशी ने कहा कि जयपुर, जोधपुर एवं उदयपुर में इस प्रकार के स्टेडियम खेल इतिहास में मील के पत्थर साबित होंगे।
पीसीसी अध्यक्ष श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि राजधानी जैसा ही स्टेडियम जोधपुर में तैयार है जिससे मुख्यमंत्री की भावनाओं के अनुरूप प्रदेश के खिलाड़ियों के सारे सपने सच होते दिखाई देंगे। इस कार्य के लिए उन्होंने आरसीए अध्यक्ष श्री वैभव गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने बेहतर ढंग से जिम्मेदारी निभाकर प्रदेश में खिलाड़ियों और खेलों के लिए सुनहरे भविष्य के द्वार खोले हैं। श्री डोटासरा ने राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक जैसे नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि इससे खेलों के प्रति प्रभावी माहौल बनने के साथ ही खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभाओं में निखार लाकर आगे बढ़ने का मंच मिला है।
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री वैभव गहलोत ने कहा कि राजस्थान में खेलों के विकास में प्रदेश सरकार का हर स्तर पर अपेक्षा से अधिक सहयोग प्राप्त होता रहा है। खासकर बीसीसीआई के मैदानों के अनुरूप इस प्रकार के कार्य करने में राज्य सरकार का जो योगदान रहा है, उसके लिए उन्होंने सभी संबंधितों का आभार व्यक्त किया और कहा कि सभी के सम्मिलित प्रयासों से खिलाड़ियों के स्वप्न साकार होने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि लूणी तहसील के रवि बिश्नोई ने इसी मारवाड़ की धरा प�� खेलकर आज अपनी खेल प्रतिभा से देश-दुनिया में नाम रोशन किया है। उन्होंने बताया कि आज हुए एमओयू से आने वाले समय में क्रिकेट खिलाडी कामयाबी के नए आयाम स्थापित कर प्रदेश का गौरव बढ़ाएंगे।
इस अवसर पर राजस्थान क्रीड़ा परिषद की अध्यक्षा श्रीमती कृष्णा पूनिया, राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री राजेन्द्रसिंह सोलंकी, राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा श्रीमती संगीता बेनीवाल, शहर विधायक श्रीमती मनीषा पंवार, विधायक श्री संयम लोढ़ा, महापौर श्रीमती कुन्ती देवड़ा परिहार, जिला कलक्टर श्री हिमांशु गुप्ता, पुलिस आयुक्त श्री रविदत्त गौड़ सहित प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी, खिलाड़ी एवं आमजन उपस्थित थे।
0 notes
Text
टोंक के निवाई में ब्लॉक स्तरीय राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल गतिविधियों का अवलोकन किया। इस दौरान मैदान में खिलाड़ियों से मुलाकात की और उनका मैच देखकर उत्साह बढ़ाया। खेलों से गांवों में उत्साह का माहौल बना है। मैदान में हर आयु वर्ग के खिलाड़ी टीम भावना से खेलते हुए दमखम दिखा रहे हैं। यह उत्साह प्रदेश के लिए ऐतिहासिक है और इससे भविष्य में हमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ी मिलेंगे। खेलों से युवाओं में आगे बढ़ने की इच्छाशक्ति प्रबल होती है। साथ ही तत्काल निर्णय लेने की क्षमता और दूरदर्शिता का भी विकास होता है।
राज्य सरकार प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए सकारात्मक सोच के साथ कार्य कर रही है। चिकित्सा क्षेत्र में हुए नवाचार से हर व्यक्ति को निःशुल्क उपचार की सुविधा मिली है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 10 लाख रूपये तक के उपचार के अलावा गंभीर बीमारियों में ट्रांसप्लांट का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है। इससे मरीजों के परिवारों को संबल मिला है।
राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है। यहां महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों, नए महाविद्यालयों की शुरूआत और छात्रवृत्ति संब��धित योजनाओं से विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए उच्च अवसर मिल रहे हैं। अब उच्च शिक्षा में लड़कियों की संख्या लड़कों से ज्यादा हो गई है। यह संख्या राज्य में बालिका शिक्षा के लिए किए जा रहे सफल प्रयासों का उदाहरण है। गौवंश में फैल रही लम्पी स्किन डिजीज को लेकर राज्य सरकार गंभीर है। डिजीज की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
निवाई-पीपलू विधानसभा क्षेत्र में 4.50 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले राजकीय कन्या महाविद्यालय दतवास, पीपलू और निवाई के निर्माण कार्याें का शिलान्यास किया।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हर क्षेत्र व वर्ग के लिए विकास कार्य कराए हैं। महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर आज गरीब का बेटा भी निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की बराबरी कर रहा है। गृह राज्य मंत्री श्री राजेंद्र सिंह यादव ने कहा कि खेल प्रतियोगिताओं से भाईचारा और आपसी मेल-जोल बढ़ा है। साथ ही राज्य के हर गांव, ढाणी और शहर में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में चहंुमुखी विकास हुआ है।
निवाई विधायक श्री प्रशांत बैरवा ने कहा कि प्रदेश में निरंतर विकास कार्य हो रहे हैं। नवीन योजनाओं से आमजन को राहत मिल रही है। समारोह में बामनवास विधायक श्रीमती इंदिरा मीणा सहित जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण, खिलाड़ी और आमजन उपस्थित रहे।
0 notes