Tumgik
#रस्सी कूदने से शरीर में क्या होता है?
khulkarjiyo · 5 months
Text
Khali Pet Rassi Kudne Ke Fayde | खाली पेट रस्सी कूदने के आश्चर्यजनक फायदे
खाली पेट रस्सी कूदने के फायदे: सजीव और स्वस्थ जीवन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है अगर रोजाना खाली पेट रस्सी कूदने की आदत बना ली जाए तो बहुत सी बीमारियो से बचें रह सकते है। khali pet rassi kudne ke fayde खाली पेट रस्सी कूदना, इस योग विद्या में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, वाकई में यह एक अद्वितीय और लाभकारी अभ्यास है। इस आसन तरीके से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बल्कि मानसिक तंतु में भी सुधार…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
Text
घर पर बॉडी बनाने के तरीके
आज के समय में लोग आधुनिकीकरण की ओर बढ़ रहे हैं, जो कहीं ना कहीं सही भी है। हम जितना आधुनिक होंगे उतने ही खुद में भी कुछ बदलाव करने होंगे। आधुनिकीकरण की दौड़ में कोई भी किसी से पीछे नहीं होना चाहता फिर वह बच्चे हो, युवा वर्ग हो, या बुजुर्ग हो।
इस आधुनिक युग में खुद को फिट रखने की जद्दोजहद भी देखी जा सकती है। खासकर युवा वर्ग खुद की बॉडी बनाने या स्लिम ट्रिम करने में अपनी सारी मेहनत लगा देते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि  जब तक फिट नहीं होंगे तो हम पीछे रह जाएंगे। इसमें हम देखेंगे कि युवाओं में बॉडी बनाने की होड़ बनी है वहीं कहीं ना कहीं बॉलीवुड अभिनेताओं को देखकर भी होती है।
बॉडी बनाना है एक नया ट्रेंड
बॉडी बनाना एक ट्रेंड के रूप में सामने आया है। ऐसा देखा जाता है कि बॉडी बना लेने से लोगों  का ध्यान आसानी से ध्यान खींचा जा सकता है लेकिन यह पूर्ण रूप से सत्य नहीं है। बॉडी बनाना ही काफी नहीं होता लेकिन यह भी सत्य है कि लगातार बढ़ते इस  ट्रेंड से नए व्यवसाय जैसे जिम ट्रेनर, पर्सनल ट्रेनर की अवसर बढ़ जाते हैं।
अगर आप चाहे तो घर पर भी आसानी से बॉडी बनाई जा सकती है जो आपके लिए आसान भी है और सुरक्षित भी।
घर पर बॉडी बनाने के तरीके | Ghar Par Body Banane Ke Tarike
अगर आप घर से बाहर नहीं जा सकते और अपनी बॉडी बनाने के लिए उत्साहित हैं, तो ऐसे में आप घर में ही रहकर बॉडी बना सकते हैं। हमारे सुझाए तरीकों से महिला और पुरुष फिट हो सकते हैं। यह सभी तरीके आप सुबह के समय या शाम के समय भी कर सकते हैं इसके माध्यम से खुद को तरोताजा भी कर सकते हैं। सभी की इच्छा खुद को आकर्षित और खूबसूरत बनाने की होती है तो यह हसरत पूरी की जा सकती है घर पर ही।
1) लेग  ड्रॉप करें | Leg Drop Karye
यह सबसे आसान तरीका है, जो आप को फिट रखने में मददगार है। इसके लिए आप मैट पर लेट जाएं। अब अपने दोनों पैरों को धीरे-धीरे उठाते हुए सीधा करें और जैसे ही आप पैरों को ऊपर की ओर लाएं तो थोड़ी देर ऊपर ही छोड़ दें। इसको आप 10/ 15 बार करें शुरू में थोड़ा कम समय लीजिए बाद में समय बढ़ाया भी जा सक��ा है।
2) पुश अप करें | Push Ups kare
पुश अप से आप अपने व्यायाम की शुरुआत कर सकते हैं। इसके लिए पहले आप लेट जाएं वह भी पेट के बल अब दोनों हाथों को सामने जमीन की ओर रखें और हाथों के ही बल ऊपर जाएं उसी क्रम में नीचे भी जाएं। ऐसे हाथों के सहारे ऊपर नीचे करें तो आपके मसल्स को फायदा होगा। इसे आप 10 से 15 बार कर  सकते हैं।
3) क्रंच करें | karanch karen
इसमें आपको एकदम सीधे किसी मैट पर या जमीन पर लेटना होगा। अपने दोनों हाथों को पीछे की ओर कानों के पास रखें। अपने पैरों को मोड़ ले और फिर पीठ को ऊपर की ओर उठाएं। इसके बाद फिर से वापस लौट जाएं बार-बार उठ कर इसे दोहराएं हाथों को पीछे ही रहने दे। यह भी आपकी बाडी के लिए आवश्यक एक्सरसाइज है।
4) लेग लिफ्ट करे | Leg lift kare
यह एक्सरसाइज भी आसान ही है इसमें आपको पीठ के बल लेटना होगा। ऐसा आप एक पैर के साथ करें। पहले बाएं पैर को उठाए फिर दाएं पैर को। ऐसा करने से भी आपको बहुत ही फायदा होगा।
5) साइड प्लैंक करे | side plank kare
एक्सरसाइज को साइड में लेट कर किया जा सकता है। इसमें करवट के बल लेट जाएं अब हाथों को कमर में रखकर पैरों को एक साथ कर ले। अब धीरे-धीरे अपनी बॉडी को हटाएं थोड़ी देर के लिए बॉडी को उठाएं ही रखें।  एक्सरसाइज को कम से कम 10 बार दोहराएं इससे भी अपनी बॉडी को फिट रखा जा सकता है।
अपने खानपान का रखें विशेष ध्यान
आप अपने शरीर और खुद को फिट बनाए रखने के लिए जागरूक हैं यह तो अच्छी बात है। लेकिन इसके लिए अपने आहार पर विशेष ध्यान देना होगा ज्यादा से ज्यादा  ऐसा आहार लेना होगा जो वसायुक्त हो। जिसमे मक्खन ,जैतून का तेल, पनीर, हरी सब्जियां, मछली, मशरूम, दही, सोयाबीन, प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का उपयोग करें। अगर आप ताजे फल और दूध, दही ले तो भी फायदेमंद है।
1) दही | Dahi
बॉडी बनाने के लिए दही के सेवन को अनिवार्य माना गया है। अगर आप नाश्ते में पराठे खाते हैं खासतौर से आलू के पराठे तो आप साथ मे दही जरूर ले। यह आपकी बॉडी को फिट बनाता है।
2) मूंगफली और गुड़ | mungfali or Gud
इन दोनों आहारों को उर्जा का अच्छा स्त्रोत माना गया है। इसमें आप 40 ग्राम मूंगफली को सेक कर रख ले और साथ में लगभग 20 ग्राम गुड़ मिलाकर उपयोग करें इससे अच्छा परिणाम प्राप्त होगा।
3) पनीर | Paneer
बॉडी बनाते समय आपके लिए दूध या दूध से बनी चीजें फायदेमंद होंगी। अगर आप खाने या नाश्ते में पनीर के साथ बने व्यंजन ले या फिर कच्चा पनीर भी खा ले तो इससे भी आपको बहुत ही ज्यादा फायदा होने वाला है।
4) फल |Fruits
हमेशा कोशिश करें कि ताजे व मौसमी फलों को लिया जाए ताकि शरीर में विटामिन, प्रोटीन या पर्याप्त शर्करा की कमी पूरी हो सके।
5) जंक फूड | Junk Food
अगर आप अपने सही शेप में बॉडी बनाना चाहते हैं, तो जंक फूड से दूरी बना ले। यह आपके शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं और बॉडी बनाने में अवरोध पैदा करते हैं।
6) पानी
ऐसा कहा जाता है कि दिन में 8/10 गिलास पानी पीना फायदेमंद है। अगर आप बॉडी बनाने के इच्छुक हैं, तो निश्चित रूप से आपको ज्यादा पानी पीना चाहिए यह शरीर के अंदर की सारी कमियों को दूर करेगा।
घर पर बॉडी बनाने के कारगर टिप्स
कभी-कभी कुछ लोगों को बाहर जाकर बॉडी बनाना आसान नहीं लगता है। ऐसे में हम आसानी से घर पर ही बॉडी बनाने के टिप्स बताने जा रहे हैं।
1) बॉडी बनाने के लिए लटकने वाली एक्सरसाइज भी की जाती है, जिससे स्टेमिना बढ़ता है। ऐसे में आप घर में ही किसी रोड से लटककर अपने शरीर को फिट बनाने का काम कर सकते हैं।
2) अगर आप सुबह-सुबह रनिंग का काम कर करें तो इससे भी आपका स्टेमिना बढ़ेगा। आप शुरुआत में दो-तीन किलोमीटर तक ही रनिंग कर सकते हैं।
3) अगर आप बॉक्सिंग करना चाहते हैं, तो किसी बैग में रेत भर लें और उसमें बॉक्सिंग, पंचिंग करें इससे आप आसानी से खुद को फिट कर पाएंगे।
4) आप घर में बनी सीढ़ियों के माध्यम से भी वर्कआउट कर सकते हैं। बार-बार सीढ़ियों में ऊपर नीचे करके भी शरीर को फिट किया जा सकता है। इससे ज्यादा कैलरी बर्न होती है इसलिए यह आपके लिए फायदेमंद है।
5) आप योग के माध्यम से भी खुद को स्वस्थ और फिट बना सकते हैं इसमें अनुलोम विलोम, कपालभाति, प्राणायाम मुख्य है।
धैर्य रखना भी है जरूरी
अगर आप बॉडी बनाने की सोच रहे हैं, तो एक बात पहले से ही समझ लीजिए कि आपको थोड़ा धैर्य रखना होगा। बॉडी बनाना एक प्रकार से लंबे समय लेने वाली प्रक्रिया है जिसमें आपको लगातार प्रयत्न करते रहना होगा। अपने आहार, अपनी नींद, अपनी आदतों पर नियंत्रण रखना होगा। बुरी आदतों से भी खुद को दूर रखना होगा।
कई बार लोगों को ऐसा लगता है कि कितने दिन हो गए पर फर्क ही नहीं पड़ रहा है, तो ऐसे में बेचैन नहीं बल्कि धैर्य रखने की जरूरत होती है। अगर इंसान दृढ़ निश्चय कर ले तो कुछ भी आसानी से हासिल कर सकता है इसलिए आप ज्यादा सोचने नहीं बल्कि निरंतर रूप से अपना काम करते रहे।
इम्यूनिटी बूस्टर जूस बनाने के तरीके
कम बजट में घर में ही कैसे बनाएं जिम
इस कोरोना काल में बाहर निकलना मुश्किलों भरा है और आप अपनी बॉडी के लिए भी चिंतित हैं, तो ऐसे में आप कम बजट में ही छोटा सा जिम घर में बना सकते हैं।
1) रोप
रस्सी कूदने को सबसे काम की  एक्सरसाइज मानी जाती है जो बॉडी बनाने में सहायक होती है। आप बाजार से ही कम कीमत में इसे खरीद कर सुबह के समय रोपिंग का अभ्यास कर सकते हैं।
2)  रजिस्टेंस बैंड
ऐसा देखा गया है कि शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए रजिस्टेंस बेंड को जरूरी माना जाता है। आप बाजार से 800 से 1200 तक का बैण्ड लेकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
3) वेट मशीन
एक्सरसाइज होने पर इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि वजन पर क्या प्रभाव पड़ा? इसके लिए वेट मशीन का भी उपयोग करें इसे आप सस्ते दामों में ऑनलाइन ही प्राप्त कर सकते है।
4) डम्बल्स
बॉडी बनाने के लिए डंबल्स का भी उपयोग किया जा सकता है। यह आपको सस्ते दामों में लोकल मार्केट से मिल जाता है। धीरे धीरे आप  डंबल का वजन भी बढ़ा सकते हैं और घर में ही आसानी से उपयोग किया जा सकता है।
5) हूप
हुप का उपयोग कमर से कैलोरी को कम करने में भी किया जाता है। इसे चर्बी भी कम की जा सकती है इसे आप अपने साइज के हिसाब से भी ले सकते हैं, जो सस्ते दामों में मिल सकता है।
इन सभी उपकरण से आसानी से ही घर में ही बॉडी बना सकते हैं लेकिन ध्यान रहे कि यह सब नियमित रूप से हो।
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लाभदायक है प्याज की चाय
डांस करना भी है फायदेमंद
अगर आप डांस करना पसंद करते हैं, तो सुबह या किसी भी समय इसे भी आजमा सकते हैं। आप इससे आपकी अतिरिक्त कैलोरी बर्न होगी। ऐसे किसी भी गतिविधि को करते समय जब पसीना आता है वह वजन घटाने या बॉडी बनाने में सहायक हो सकता है। आपने देखा होगा कि मशहूर अभिनेत्रियां हेमा मालिनी, माधुरी दीक्षित, श्रीदेवी ने अपने क्लासिकल डांस के माध्यम से अपने आप को संतुलित रखा है। भले ही आप क्लासिकल डांस ना जानते हो पर किसी भी प्रकार का डांस आपके लिए फायद��मंद है। इसे जरूर आजमाएं।
निष्कर्ष
इस प्रकार से आपने देखा कि बॉडी बनाना बहुत मुश्किल काम नहीं और अगर घर से यह काम करना हो तो कोई दिक्कत नहीं है। आप घर के कामों के साथ-साथ भी इस काम को भी अंजाम दे सकते हैं। इसमें आपको थोड़ी मेहनत की आवश्यकता है। अगर आपके अंदर लगन हो, तो कोई भी कार्य आसानी से किया जा सकता है। प्रयत्न करते रहिए और अपने मार्ग में आगे  बढि़ए।
उम्मीद करते हैं हमारा लेख आपको पसंद आएगा।
Source : https://www.ghareluayurvedicupay.com/ghar-par-body-banane-ke-tarike/
0 notes
gethealthy18-blog · 4 years
Text
वार्म अप करने के तरीके और फायदे – Warm Up Steps And Benefits In Hindi
New Post has been published on http://healingawerness.com/getting-healthy/getting-healthy-women/%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%ae-%e0%a4%85%e0%a4%aa-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%ab/
वार्म अप करने के तरीके और फायदे – Warm Up Steps And Benefits In Hindi
वार्म अप करने के तरीके और फायदे – Warm Up Steps And Benefits In Hindi Bhupendra Verma
Hyderabd040-395603080 February 18, 2020
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए ज्यादा सोच-विचार करने की जरूरत नहीं है। आप प्रतिदिन बस कुछ मिनट वार्म अप कर शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। वार्म अप का असर पूरे शरीर पर होता है, जिससे कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं को दूर रखने में मदद मिल सकती है। वार्म अप करने के साथ-साथ स्वस्थ आहार का सेवन करना भी जरूरी है। अगर आप सोच रहे हैं कि वार्म अप कैसे करना है, तो स्टाइलक्रेज का यह लेख आपके लिए ही है। इस लेख में हम वार्म अप के प्रकार और वार्म अप करने के फायदे पर विस्तार से जानकारी देंगे।
आइए, सबसे पहले जान लेते हैं कि वार्म अप क्या है।
विषय सूची
वार्म अप क्‍या है? – What is Warm Up in Hindi
वार्म अप करने पर मांसपेशियों में पोषक तत्वों व रक्त का संचार बेहतर तरीके से होता है। इससे सभी अंगों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है। साथ ही वार्म अप करने से हृदय और श्वास की गति बढ़ती है, जो हृदय और श्वसन प्रणाली के लिए फायदेमंद है। वार्म अप के पूरे फायदे लेने के लिए इसे कम से कम 5 से 10 मिनट तक करना चाहिए। इसकी शुरुआत धीरे-धीरे करें और फिर बाद में स्पीड बढ़ाएं। कुछ वार्म अप एक्सरसाइज मुख्य रूप से हृदय के बेहतर स्वास्थ्य के लिए की जाती हैं (1)। वार्म अप करने के बाद शरीर में पैदा हुई गर्माहट से मांसपेशियां खुल जाती है, जिससे शरीर को स्ट्रेच करने में मदद मिलती है। वार्म अप से कई शारीरिक और मानसिक लाभ हो सकते हैं। इसके बारे में हम नीचे लेख में विस्तार से जानेंगे।
ऊपर आपने पढ़ा कि वार्म अप क्या है, अब आगे वार्म अप के प्रकार जानेंगे।
वार्म अप के प्रकार – Types of Warm Up in Hindi
वैसे तो वार्म आप के कई तरीके होते हैं, जिनमें से कुछ के बारे में हम बता रहे हैं। इसे आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।
जॉगिंग और रनिंग (jogging and running)- नियमित मॉर्निंग वॉक, जॉगिंग (धीरे-धीरे दौड़ना) और रनिंग वार्म अप करने का सबसे आसान तरीका है। इसे करने से पूरा शरीर वार्म अप हो जाता है। अगर आपके घर के आसपास कोई मैदान है, तो आप वहां जाकर जॉगिंग या रनिंग कर सकते हैं। जॉगिंग करते समय आप दोनों हाथों की मूवमेंट भी अच्छी तरह करें।
स्ट्रेचिंग (Stretching)- स्ट्रेचिंग भी अच्छा वार्म अप का तरीका है। इससे मांसपेशियों में खिंचाव आता है। ज्यादातर लोग व्यायाम शुरू करने से पहले स्ट्रेचिंग करते हैं, ताकि व्यायाम के बेहतर परिणाम नजर आ सकें। स्ट्रेचिंग से शरीर को लचीला बनाने में भी मदद मिल सकती है। इसे आप किसी समतल स्थान में खड़ा होकर करें। खिलाड़ी भी मैदान पर उतरने से पहले स्ट्रेचिंग जरूर करते हैं।
जंपिंग या रस्सी कूदना (jumping or rope jumping)- जंपिंग या रस्सी कूदने से भी शरीर को वार्म अप किया जा सकता है। आप इसे किसी समतल स्थान पर करें। अगर रस्सी का उपयोग कर रहे हैं, तो शुरुआत में सावधानी पूर्वक करें, क्योंकि कई बार रस्सी पैर में फंस सकती है। इससे गिरने का जोखिम बना रहता है। रस्सी कूदने के फायदे और शरीर का वार्म अप इसे सही तरीके से करने पर ही होगा।
मार्चिंग (Marching)- यह भी वार्म अप का एक तरीका है। इसका अधिकतर लाभ पैरों को होता है। इसे करने के लिए आप सीधा खड़े हो जाएं और फिर एक-एक करके अपने दोनों पैरों घुटनों से मोड़ते हुए 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं। आपके तलवे नीचे जमीन की तरफ होने चाहिए।
साइकलिंग (Cycling)- अगर आप कभी जिम जाएं, तो आप वहां देखेंगे कि वर्कआउट शुरू करने से पहले लोग साइकलिंग जरूर करते हैं। साइकलिंग वार्म अप का अच्छा तरीका होता है। इससे पैरों की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। यह एक्सरसाइज करने और उसके बेहतर परिणाम के लिए मददगार साबित होती है।
अपर बॉडी वार्म अप (upper body warm up)- यह वार्म अप शरीर के ऊपरी भाग के लिए होता है। इसे करने के लिए आप सबसे पहले सीधा खड़े हो जाएं। उसके बाद दोनों पैरों को कंधों की चौड़ाई जितना फैला लें। फिर दोनों हाथों को कंधे के बराबर फैला लें। इसके बाद पैरों को स्थिर रख कर कमर व कमर से ऊपर वाले हिस्से को बाएं ओर मोड़ें। कुछ सेकंड इसी स्थिति में रहें। फिर सीधे हो जाएं और बाद में दाईं ओर मुड़ें। इसे दोनों तरफ 5 से 8 बार तक कर सकते हैं।
अब इसके आगे हम वार्म अप करने के फायदे जानेंगे।
वार्म अप करने के फायदे – Benefit of Warm Up in Hindi
इसमें कोई शक नहीं की वार्म अप करने से कई शारीरिक लाभ हो सकते हैं। बस इस बात को ध्यान में रखने की जरूरत है कि वार्म अप को सही तरह से किया जा रहा है या नहीं। वार्म अप करने के लाभ इस तरह से हो सकते हैं।
1. लचीलेपन को बढ़ावा
वार्म अप करने से शरीर को कई फायदे हो सकते हैं, जिनमें से एक शरीर के लचीलेपन का बढ़ना भी है। वार्म अप से शरीर के गर्म होने पर मांसपेशियां खुलती हैं। इससे शरीर लचीला बनता है। प्रतिदिन वार्म अप करने पर इसका असर आपको जल्दी नजर आने लगेगा। यही कारण है कि योग करने से पहले भी लोग वार्म अप जरूर करते हैं, ताकि शरीर, हाथ और पैर की गतिविधि में किसी तरह की तकलीफ न हो (2)।
2. चोट के जोखिम को कम करना
चोट के जोखिम को कम करने में भी वार्म अप के फायदे हो सकते हैं। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि एथलीट और खिलाड़ी अभ्यास करने से पहले वार्म-अप और स्ट्रेचिंग जरूर करते हैं। इनसे शारीरिक प्रदर्शन को बेहतर करने और खेल के दौरान लगने वाली चोट को रोकने में मदद मिल सकती है। वार्म अप से मस्कुलोस्केलेटल इंजरी (टिश्यू से संबंधित चोट) के जोखिम को कम किया जा सकता है (3)।
3. रक्त संचार और ऑक्सीजन को बढ़ावा
वार्म अप के फायदे शरीर में रक्त और ऑक्सीजन के संचार को बढ़ाने के लिए भी हो सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध में यह बताया गया है कि वार्म अप और व्यायाम के बाद शरीर में जो गर्मी पैदा होती है, वह मांसपेशियों के तापमान को बढ़ाती है और रक्त को प्रवाहित करने का काम कर सकती है। इससे रक्त को पूरे शरीर में संचारित होने में मदद मिल सकती है। यह जानकारी एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च पेपर में उपलब्ध है (4)।
4.  मांसपेशियों के तनाव और दर्द में कमी
वार्म अप करने के तरीके सही होने पर मांसपेशियों के तनाव और दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है। एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, वार्म अप के समय मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जो इसके तनाव और दर्द को कम करने में मदद कर सकता है (5)। इसलिए, मांसपेशियों के तनाव और दर्द को कम करने के लिए वार्म अप के फायदे हो सकते हैं। इस संबंध में अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।
जैसा कि आर्टिकल को पढ़कर समझ आ गया होगा कि वार्म आप क्या होता है और व्यायाम से पहले इसे करना क्यों जरूरी होता है। अगर कोई योग या एक्सरसाइज करने का मन बना रहा है, तो उन्हें ऊपर बताए गए वार्म अप को जरूर करना चाहिए। हां, अगर किसी को चोट लगी हो या फिर किसी तरह का दर्द और अन्य कोई तकलीफ है, तो वार्म अप या व्यायाम करने से पहले डॉक्टर से जरूर बात करें। हम उम्मीद करते हैं कि हमारी यह जानकारी आपके काम आएगी। अगर आपके पास इस लेख से जुड़ी कोई अन्य जानकारी या सुझाव है, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के मदद से हम तक पहुंचा सकते हैं।
The following two tabs change content below.
Latest posts by Bhupendra Verma (see all)
Bhupendra Verma
भूपेंद्र वर्मा ने सेंट थॉमस कॉलेज से बीजेएमसी और एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी से एमजेएमसी किया है। भूपेंद्र को लेखक के तौर पर फ्रीलांसिंग में काम करते 2 साल हो गए हैं। इनकी लिखी हुई कविताएं, गाने और रैप हर किसी को पसंद आते हैं। यह अपने लेखन और रैप करने के अनोखे स्टाइल की वजह से जाने जाते हैं। इन्होंने कुछ डॉक्यूमेंट्री फिल्म की स्टोरी और डायलॉग्स भी लिखे हैं। इन्हें संगीत सुनना, फिल्में देखना और घूमना पसंद है।
ताज़े आलेख
Source: https://www.stylecraze.com/hindi/warm-up-karne-ke-tarike-aur-fayde-in-hindi/
0 notes
gethealthy18-blog · 4 years
Text
रस्सी कूदने के फायदे और नुकसान – Skipping Rope Benefits and Side Effects in Hindi
New Post has been published on http://healingawerness.com/getting-healthy/getting-healthy-women/%e0%a4%b0%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%b8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%82%e0%a4%a6%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ab%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%a6%e0%a5%87-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%a8%e0%a5%81/
रस्सी कूदने के फायदे और नुकसान – Skipping Rope Benefits and Side Effects in Hindi
रस्सी कूदने के फायदे और नुकसान – Skipping Rope Benefits and Side Effects in Hindi Bhupendra Verma Hyderabd040-395603080 January 10, 2020
कई लोग फिट होने के बारे में सोचते हैं, लेकिन काम की व्यस्तता के कारण जिम नहीं जा पाते। वहीं, अगर हम यह कहें कि फिट रहने के लिए जिम जाने की जरूरत नहीं है। घर में रहकर ही सेहत पर ध्यान रखा जा सकता है, तो आपको इस पर यकीन नहीं होगा, लेकिन सच में ऐसा संभव है। घर में कुछ समय निकालकर एक्सरसाइज करने से शरीर को फिट रखा जा सकता है। इसके लिए रस्सी कूदना (स्किपिंग रोप) सबसे बेहतर तरीका है। इसे करने पर पूरे शरीर को फिट रखा जा सकता है। रस्सी कूदने के साथ ही पौष्टिक आहार के सेवन का ध्यान रखना भी जरूरी है। इससे कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं को दूर रखा जा सकता है। स्टाइलक्रेज का यह लेख आपको रस्सी कूदने का तरीका व रस्सी कूदने के फायदे के साथ ही रस्सी कूदने के नुकसान के बारे में जानने में मदद करेगा।
चलिए पढ़ते है कि रस्सी कूदने के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं।
विषय सूची
रस्सी कूदने के फायदे – Benefits of Skipping Rope in Hindi
सही समय और नियम से रस्सी कूदना हर किसी के लिए लाभदायक हो सकता है। ये लाभ कुछ इस प्रकार हो सकते हैं।
1. हृदय स्वास्थ्य ��ें सुधार
रस्सी कूदने से हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है। दरअसल, रस्सी कूदने से हृदय की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। रस्सी कूदने से कार्डियो सर्कुलेशन यानी ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जो ब्लड को पंप करने के लिए जरूरी होता है। हृदय के स्वस्थ रहने से हार्ट स्ट्रोक और हृदय से जुड़े अन्य जोखिम से बचा जा सकता है (1)। यही वजह है कि रस्सी कूदना को कार्डियो एक्सरसाइज की लिस्ट में जगह दी गई है।
2. कैलोरी बर्न करने में मददगार
अगर कोई मोटापा कम करना चाहता है, तो उनके लिए रस्सी कूदना लाभकारी हो सकता है। रोप स्किपिंग से शरीर में मौजूद अतिरिक्त कैलोरी को बर्न करने ���ें मदद मिल सकती है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि रस्सी कूदने के फायदे कैलोरी बर्न करने के लिए हो सकते हैं (2) (3)।
3. मोटर फंक्शन और स्टैमिना में सुधार
मोटर फंक्शन मांसपेशियों की कार्यप्रणाली से संबंधित होता है। वहीं, रस्सी कूदने से मांसपेशियां बेहतर तरीके से काम करती हैं। इससे शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद मिल सकती है। इसे बच्चों के लिए अधिक लाभकारी माना जाता है। साथ ही रस्सी कूदने पर शरीर का स्टैमिना भी बढ़ता है। इससे काम करते समय जल्दी होने वाली थकान से बचा जा सकता है (1)।
4. पल्मोनरी में सुधार
खराब खानपान और जीवनशैली की वजह से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होती है। इसमें पल्मोनरी यानी फेफड़ों में मौजूद एक प्रकार की धमानियां भी हैं। पल्मोनरी में समस्या आने पर फेफड़ों से जुड़ी बीमारी हो सकती है। यहां तक कि श्वसन प्रणाली भी प्रभावित हो सकती है (4)। ऐसे में पल्मोनरी धमनियों को स्वस्थ रखना जरूरी हो जाता है। इन्हें स्वस्थ रखने के लिए रस्सी कूदने का सहारा लिया जा सकता है। दरअसल, रस्सी कूदने से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा में वृद्धि होती है, जिससे फेफड़े की कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता हैं (5)।
5. बोन डेंसिटी में सुधार
आजकल कई लोग ऑस्टियोपोरोसिस और उससे संबंधित समस्या से जूझ रहे हैं। इस अवस्था में हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि जरा-सा झटका लगने पर भी टूट सकती हैं (6)।  बोन डेंसिटी में सुधार के विषय में एनसीबीआई ने एक शोध पब्लिश किया। इस शोध के तहत लड़कियों के दो समूह बनाए गए। एक समूह ने नियमित रूप से रस्सी कूदने का अभ्यास किया। परिणामस्वरूप रस्सी न कूदने वाले ग्रुप के मुकाबले इन लड़कियों की बोन डेंसिटी में सुधार हुआ। इस प्रकार कहा जा सकता है कि ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या से बचने के लिए रस्सी कूदने को अपनी दिनचर्या में शामिल किया जा सकता है (7)।
6. मानसिक स्वास्थ्य के लिए
शारीरिक गतिविधि का मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। एनसीबीआई द्वारा पब्लिश एक अध्ययन के मुतबिक, जो लोग ज्यादा शारीरिक गतिविधि नहीं करते हैं, उनमें डिप्रेशन (अवसाद) के लक्षण नजर आ सकते हैं। वहीं, रस्सी कूद जैसे अधिक श्रम वाले व्यायाम करने वालों में अवसाद के लक्षण कम होते पाए गए हैं। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि शारीरिक गतिविधि के लिए रस्सी कूदना एक बेहतर उपाय साबित हो सकता है (8)।
7. जोड़ों के लिए लाभदायक
रस्सी कूदने के फायदे जोड़ों के लिए भी हो सकते हैं। नियमित रूप से रस्सी कूदने पर टखने, घुटने, कूल्हे और कंधों के जोड़ों की गतिविधि में तेजी आती है। इसका सकारात्मक असर जोड़ों पर दिखाई दे सकता है और उनमें सुधार हो सकता है (2)। फिलहाल, इस संबंध में और शोध की आवश्यकता है।
आर्टिकल में आगे हम रस्सी कूदने के विभिन्न तरीकों के बारे में जानते हैं।
रस्सी कूदने का तरीका – Ways to do Skipping in Hindi
रस्सी कूदने के कई तरीके होते हैं, लेकिन इनमें से कुछ कठिन होते हैं। उन्हें करने के लिए अभ्यास की जरूरत होती हैं। यहां हम सामान्य से लेकर कठिन तरीकों के बारे में बता रहे हैं।
दोनों पैरों से कूदना (Two leg jump rope) – दोनों पैरों को एकसाथ उठाकर रस्सी कूदना आसान और आम है। जो लोग पहली बार रस्सी कूदने के बारे में सोच रहे हैं, वो इस तरीके से शुरुआत कर सकते हैं।
एक पैर से कूदना (Single-Leg Jump)- इस तरीके को काफी अभ्यास के बाद ही किया जा सकता है। इसमें एक पैर से कूदा जाता है, जिससे लिए पूरे का शरीर संतुलन बनाना जरूरी होता है। अगर किसी ने रस्सी कूदना शुरू ही किया है, तो इसे न करे।
कूदते हुए हाथ क्रॉस करना (cross hand jump)- इस तरह के रस्सी कूद में कूदने वाला अपने हाथों को सामने की तरफ क्रॉस कर लेता है। कई बार इस तरीके को करते समय रस्सी के पैरों में फंसकर गिरने का डर रहता है। इसलिए, यह तरीका सिर्फ अनुभवी लोग ही कर सकते हैं।
नोट : अगर आप पहली बार रस्सी कूदने का अभ्यास कर रहे हैं, तो शुरुआत में कम गति से दोनों पैरों के साथ शुरू करें।
रस्सी कूदने का सही समय जानने के लिए इस लेख को पढ़ते रहें।
रस्सी कूदने का सही समय – Right Time to do Skipping in Hindi
जिस प्रकार व्यायाम करने का निश्चित समय होता है, उसी प्रकार रस्सी कूदने का भी उचित समय सुबह ही है। इससे पूरे शरीर में रक्त संचार बेहतर हो सकता है। इसके अलावा, आप शाम को भी रस्सी कूद सकते हैं। ये दोनों ही समय रस्सी कूदने के लिए बेहतर होते हैं।
आगे हम बता रहे हैं कि किस अवस्था में रस्सी कूदने से बचना चाहिए।
किन लोगों को रस्सी नहीं कूदनी चाहिए? – Who Should Avoid Skipping in Hindi
कुछ समस्याएं ऐसी होती है, जो रस्सी कूदने पर बढ़ सकती है या अन्य जोखिम उत्पन्न कर सकती है। ऐसे में उन अवस्थाओं में रस्सी नहीं कूदनी चाहिए। ये स्थितियों कुछ इस प्रकार हो सकती हैं :
जो लोग दिल से जुड़ी किसी भी तरह की बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें रस्सी नहीं कूदनी चाहिए।
अगर किसी की सर्जरी हुई है, जो पूरी तरह से ठीक नहीं हुई है, तो रस्सी कूदने से बचना चाहिए।
उच्च रक्तचाप वालों को रस्सी नहीं कूदनी चाहिए। अगर वो फिर भी ऐसा करना ही चाहते हैं, तो पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
जिन्हें हड्डियों से संबंधित किसी प्रकार की समस्या है, उन्हें रस्सी नहीं कूदनी चाहिए।
अस्थमा की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति रस्सी न कूदें, क्योंकि इससे सांस फूल सकती है।
लेख के आखिर भाग में हम रस्सी कूदने के नुकसान के बारे में जानेंगे।
रस्सी कूदने के नुकसान – Side Effects of Skipping in Hindi
जिस तरह रस्सी कूदना शरीर को फायदा पहुंचा सकती है, वैसे ही इससे कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। जो इस तरह के हो सकते हैं :
रस्सी कूदते समय रस्सी के टूटने पर चोट लग सकती है।
कई बार पैरों में मोच आ सकती है।
इसे करते समय मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न हो सकता है।
इस लेख को पढ़ने के बाद अब आप भी रस्सी कूदने के बारे में सोच रहे होंगे। रस्सी कूदना इतना फायदेमंद और आसान है कि इसे कोई भी कर सकता है। इसे कब करना बेहतर होगा, इस बात कि जानकारी लेख में ऊपर दी गई है। साथ ही किन स्थितियों में नहीं करना चाहिए, यह भी ऊपर दिया गया है। इसलिए, रस्सी कूदना शुरू करने से पहले इस लेख को ध्यान से अच्छे से पढ़ लें। आशा करते हैं कि इस लेख की जानकारी आपके काम आएगी। इस लेख से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स का सहारा ले सकते हैं।
The following two tabs change content below.
Latest posts by Bhupendra Verma (see all)
Bhupendra Verma
भूपेंद्र वर्मा ने सेंट थॉमस कॉलेज से बीजेएमसी और एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी से एमजेएमसी किया है। भूपेंद्र को लेखक के तौर पर फ्रीलांसिंग में काम करते 2 साल हो गए हैं। इनकी लिखी हुई कविताएं, गाने और रैप हर किसी को पसंद आते हैं। यह अपने लेखन और रैप करने के अनोखे स्टाइल की वजह से जाने जाते हैं। इन्होंने कुछ डॉक्यूमेंट्री फिल्म की स्टोरी और डायलॉग्स भी लिखे हैं। इन्हें संगीत सुनना, फिल्में देखना और घूमना पसंद है।
संबंधित आलेख
कैविटी (दांतों में कीड़े) के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Cavity Symptoms and Treatment in Hindi
दिन-ब-दिन बढ़ती गंभीर बीमारियों के चलते आज कई लोग स्वास्थ्य के प्रति सजग हो गए हैं, लेकिन कुछ खास बातों को नजरअंदाज कर देते हैं।
मंजिष्ठा के 12 फायदे, उपयोग और नुकसान – Manjistha Benefits and Side Effects in Hindi
औषधीय गुण वाले अनगिनत पेड़, पौधे और जड़ी बूटियों का वरदान प्रकृति ने मनुष्य को दिया है। इसलिए, स्वस्थ जीवन का राज प्रकृति की गोद में ही छिपा हुआ है। बस जानकारी के अभाव में हम अपने आसपास मौजूद इन जडी-बूटियों को अनदेखा कर देते हैं। ऐसी ही जड़ी-बुटियों में से एक है मंजिष्ठा। संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए मंजिष्ठा जड़ी-बूटी का इस्तेमाल किया जा सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको मंजिष्ठा के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। मंजिष्ठा क्या है, मंजिष्ठा के फायदे और उपयोग ये सब जानने के लिए पढ़ते रहें यह लेख।
सुपारी खाने के फायदे और नुकसान – Betel Nut (Supari) Benefits and Side Effects in Hindi
संपूर्ण भारत में सुपारी का इस्तेमाल मुख्य रूप से दो रूपों में किया जाता है। एक पूजन सामग्री के तौर पर तो दूसरा तम्बाकू उत्पादों (पान-मसाला या पान) के साथ। लेकिन क्या आप जानते हैं
शलजम के फायदे और नुकसान – Turnip (Shalgam) Benefits and Side Effects in Hindi
शलजम की गिनती चुनिंदा गुणकारी सब्जियों में की जाती है। यह ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसे सलाद के साथ-साथ विभिन्न पकवान व सब्जियां बनाने में भी प्रयोग किया जाता है।
सर्पगंधा के फायदे, उपयोग और नुकसान – Sarpagandha Benefits and Side Effects in Hindi
बेशक, मेडिकल साइंस ने कितनी ही प्रगति क्यों न कर ली है, लेकिन प्राकृतिक इलाज की जगह कोई नहीं ले सकता। संभवत यही कारण है कि भारत में प्राचीन काल से ही कई बीमारियों के इलाज में जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जा रहा है।
Source: https://www.stylecraze.com/hindi/rassi-kudne-ke-fayde-aur-nuksan-in-hindi/
0 notes