काफी संघर्ष भरा है रजनीकांत का 'कंडक्टर' की नौकरी से साउथ के 'भगवान' बनने तक का सफर
चैतन्य भारत न्यूज
साउथ सुपरस्टार रजनीकांत का 12 दिसंबर यानी आज जन्मदिन है। किंग ऑफ स्टाइल, रजनीकांत ने अपनी करिश्माई स्क्रीन उपस्थिति के साथ लाखों प्रशंसकों के दिलों पर राज किया है। उनकी हर फिल्म में लोग 'थलाइवर' को देखने का इंतजार करते हैं, क्योंकि रजनीकांत की हर भूमिका में स्टाइल और जोश देखने को मिलता है। जन्मदिन के इस खास मौके पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें जिन्हें बहुत कम लोग जानते हैं।
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रजनीकांत का जन्म भारत के कर्नाटक में एक मराठी परिवार में हुआ था। उनका असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ था। यही शिवाजी राव आगे चलकर रजनीकांत बने। रजनीकांत पांच साल के थे तभी उनकी मां का निधन हो गया। मां के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधे पर आ गई। रजनीकांत के लिए भी घर चलाना इतना आसान नहीं था। उन्होंने घर चलाने के लिए कूली तक का काम किया।
रजनीकांत एक ऐसे इंसान है, जिन्होंने जमीन से उठकर अपने आप को आसमान तक पहुंचा दिया है। रजनीकांत जैसे सुपर स्टार ने अपने करियर की शुरुआत एक मामूली सी कारपेंटर की नौकरी से की, कारपेंटर से कुली, और कुली से बी.टी. बस के कंडेक्टर और कंडेक्टर के बाद विश्व के सबसे अधिक लोकप्रिय सुपर स्टार बनने का सफर कितना परिश्रम और कठिनाइयों से भरा होगा, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल हैं।
रजनीकांत ने तमिल फिल्म इंडस्ट्री में बालचंद्र की फिल्म 'अपूर्वा रागनगाल' से एंट्री ली थी। इस फिल्म में कमल हासन और श्रीविद्या भी थीं। रजनीकांत ने अपने अभिनय की शुरुआत कन्नड़ नाटकों से की थी। दुर्योधन की भूमिका में रजनीकांत घर-घर में लोकप्रिय हुए थे। रजनीकांत को फ्लिपिंग का कॉनसेप्ट ज्यादा पसंद है। वो सिगरेट, जैकेट, या यहां तक कि कंधे का स्टोल भी बिना फ्लिप किए इस्तेमाल नहीं करते। हालांकि कई लोग रजनीकांत के सनग्लास फ्लिप करने के अंदाज को अजीबो गरीब समझते हैं क्योंकि वो इसे कोहनी से फ्लिप करते हैं और वास्तव में पहनने से पहले कई बार रोल करते हैं। रजनी का यही स्टाइल अभी भी युवाओं के बीच मशहूर है।
उन्होंने हिंदी सिनेमा में 'दोस्ती दुश्मनी', 'बुलंदी', 'गिरफ्तार', 'इंसानियत के देवता', 'फूल बने अंगारे', 'इंसाफ कौन करेगा', 'खून का कर्ज', 'चालबाज', 'हम', '2।0' जैसी कई सुपरहिट फिल्में की है। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए उन्हें भारत का तीसरा सर्वोच्च सम्मान, पद्म भूषण मिला। अभिनय के अलावा, रजनीकांत ने पटकथा लेखक, फिल्म निर्माता और एक पार्श्व गायक के रूप में भी काम किया है।
रजनीकांत ने 26 फरवरी 1981 में तिरुपति मंदरि में लता रंगाचारी के साथ शादी की। इनकी लव स्टोरी को लेकर बताया जाता है कि दोनों को पहली नजर में ही एक दूसरे से प्यार हो गया था। अगर बात करे उनकी संपत्ति की तो आज वो अमीरों की लिस्ट में सबसे ऊपर है। उनके पास करोड़ों में नहीं बल्कि अरबों में संपत्ति है। रजनीकांत अकेले 3 अरब 90 करोड़ के मालिक हैं।
रजनीकांत को लोग सिर्फ एक एक्टर और सुपरस्टार की तरह ही नहीं मानते बल्कि भगवान की तरह मानते हैं। यहां तक की दक्षिण भारत में रजनीकांत के नाम से कई मंदिर भी बनवाए गए हैं। इन मंदिरों में लोग रजनीकांत को भगवान मानकर इनकी पूजा करते हैं।
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