#योगिनी एकादशी की आरती
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sharpbharat · 1 year ago
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jamshedpur shyam mahila mandal- टुइलाडुंगरी में श्याम महिला मंडल ने एक हजार लोगों के बीच बांटा शर्बत
जमशेदपुर: बुधवार को योगिनी एकादशी के अवसर पर श्री श्याम मंडल व श्री श्याम महिला मंडल टुईलाडुंगरी द्धारा संयुक्त रूप से इस गर्मी में लगभग एक हजार से अधिक लोगों के बीच चना-गुड, आम पानी, ठंडा पानी एवं शर्बत का वितरण किया गया. राज गुप्ता के नेतृत्व में टुईलाडुंगरी दुर्गा पूजा मैदान के पास (आरडी टाटा स्कूल के सामने) आयोजित हुए इस कार्यक्रम का शुभारंभ बाबा श्याम की आरती कर एवं भोग लगाकर किया गया.(नीचे…
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kaahishsharma · 4 years ago
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*🙏🙏🌹🌹👏👏🕉️🕉️Jun 17🌹भक्ति सत्संग श्री राधाकृष्णमयी शुभ बुधवार 🌹आप सभी को पाप नाशनि योगिनी एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं🌹श्रीमद् भागवत महापुराण अमृत कथा 🌹हरिबोल 🌹प्रेम से बोलो सच्चिदानंद भक्त वत्सल भगवान की जय 🌹जय जय श्री राधे 🌹श्रीशुकदेवजी ने कहा - परीक्षित! हेमन्त ऋतु का आगमन हो चुका है ब्रज की सभी कुमारी गोपियाँ सूर्योदय से पूर्व ही यमुना में स्नान कर तट पर बालू से देवी कात्यायनी की मूर्ति बनाकर विधि विधान से पूजा कर रहीं हैं। वे प्रार्थना कर रहीं हैं कि नंद नदंन श्रीकृष्ण के समान ही उन्हें पति की प्राप्ति हो। उनका बस चले तो वे नौ वर्ष के उस प्यारे श्याम सुंदर को ही अपना पति बना लें। एक दिन सभी कुमारियों ने ब्रह्म मुहूर्त में अपने वस्त्र उतार कर यमुना के शीतल जल में प्रवेश कर स्नान करने लगीं। तभी श्रीकृष्ण और ग्वाल-बालों ने ये सब देखा तो उन्होंने उनके वस्त्र समेट लिये और कदंब के एक ऊंचे पेड़ पर चढ़ कर ठठाकर हंसने लगे। जब कुमारियों को पता चला तो वे गर्दन तक जल में डूब कर श्रीकृष्ण से वस्त्र देने की प्रार्थना करने लगी। लेकिन कान्हा ने कहा यदि तुम्हें लज्जा आ रही हो तो एक-एक करके आओ और अपने वस्त्र ले लो। भगवान श्रीकृष्ण की मसखरी देख कर कुमारियां लज्जा से पानी-पानी हो गई। उन्होंने कहा - कान्हा! तुम तो ब्रज के लाडले हो। हम तो तुम्हारी दासी हैं। हम नग्न बाहर नहीं आ सकती। तुम तो धर्म की बात करते हो। फिर यह निंदनीय कार्य क्यों कर रहे हो। यह आपको शोभा नहीं देता। हमें तंग मत करो अन्यथा हम आपकी शिकायत नंद बाबा से करेंगे... To be continued... आरती श्रीमद् भागवत अमृत महापुराण की।आरती अति पावन पुराण की।धर्म भक्ति विज्ञान खान की।कलि मल मथनि त्रिताप निवारिनि।जन्म मृत्यु मय भव भय हारिनि।सेवत सतत सकल सुखकारिनि।समहौषधि हरि चरित्र ज्ञान की।आरती... प्रणाम 🌹🌹🕉️🕉️👏👏🙏🙏*
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gloriousbanditcashpurse · 4 years ago
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*🙏🙏🌹🌹👏👏🕉️🕉️Jun 17🌹भक्ति सत्संग श्री राधाकृष्णमयी शुभ बुधवार 🌹आप सभी को पाप नाशनि योगिनी एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं🌹श्रीमद् भागवत महापुराण अमृत कथा 🌹हरिबोल 🌹प्रेम से बोलो सच्चिदानंद भक्त वत्सल भगवान की जय 🌹जय जय श्री राधे 🌹श्रीशुकदेवजी ने कहा - परीक्षित! हेमन्त ऋतु का आगमन हो चुका है ब्रज की सभी कुमारी गोपियाँ सूर्योदय से पूर्व ही यमुना में स्नान कर तट पर बालू से देवी कात्यायनी की मूर्ति बनाकर विधि विधान से पूजा कर रहीं हैं। वे प्रार्थना कर रहीं हैं कि नंद नदंन श्रीकृष्ण के समान ही उन्हें पति की प्राप्ति हो। उनका बस चले तो वे नौ वर्ष के उस प्यारे श्याम सुंदर को ही अपना पति बना लें। एक दिन सभी कुमारियों ने ब्रह्म मुहूर्त में अपने वस्त्र उतार कर यमुना के शीतल जल में प्रवेश कर स्नान करने लगीं। तभी श्रीकृष्ण और ग्वाल-बालों ने ये सब देखा तो उन्होंने उनके वस्त्र समेट लिये और कदंब के एक ऊंचे पेड़ पर चढ़ कर ठठाकर हंसने लगे। जब कुमारियों को पता चला तो वे गर्दन तक जल में डूब कर श्रीकृष्ण से वस्त्र देने की प्रार्थना करने लगी। लेकिन कान्हा ने कहा यदि तुम्हें लज्जा आ रही हो तो एक-एक करके आओ और अपने वस्त्र ले लो। भगवान श्रीकृष्ण की मसखरी देख कर कुमारियां लज्जा से पानी-पानी हो गई। उन्होंने कहा - कान्हा! तुम तो ब्रज के लाडले हो। हम तो तुम्हारी दासी हैं। हम नग्न बाहर नहीं आ सकती। तुम तो धर्म की बात करते हो। फिर यह निंदनीय कार्य क्यों कर रहे हो। यह आपको शोभा नहीं देता। हमें तंग मत करो अन्यथा हम आपकी शिकायत नंद बाबा से करेंगे... To be continued... आरती श्रीमद् भागवत अमृत महापुराण की।आरती अति पावन पुराण की।धर्म भक्ति विज्ञान खान की।कलि मल मथनि त्रिताप निवारिनि।जन्म मृत्यु मय भव भय हारिनि।सेवत सतत सकल सुखकारिनि।समहौषधि हरि चरित्र ज्ञान की।आरती... प्रणाम 🌹🌹🕉️🕉️👏👏🙏🙏* https://www.instagram.com/p/CBhKLX7AcVZ/?igshid=n63zmjp2lmll
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svmkaushal · 4 years ago
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. आगामी बुधवार दिनांक 17.06.2020 को आ रही है संवत् २०७७ के आषाढ़ मास में कृष्णपक्ष की 👇🏻 "योगिनी एकादशी" आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी जिसे योगिनी एकादशी कहते हैं। आइये जानते हैं योगिनी एकादशी के महत्व और इसकी कथा के बारे में। योगिनी एकादशी के उपवास की शुरुआत दशमी तिथि की रात्रि से ही हो जाती है। व्रती को दशमी तिथि की रात्रि से ही तामसिक भोजन का त्याग कर सादा भोजन ग्रहण करना चाहिये और ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करें। हो सके तो जमीन पर ही सोएं। प्रात:काल उठकर नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानादि के पश्चात व्रत का संकल्प लें। फिर कुंभस्थापना कर उस पर भगवान विष्णु की मूर्ति रख उनकी पूजा करें। भगवान नारायण की मूर्ति को स्नानादि करवाकर भोग लगायें। पुष्प, धूप, दीप आदि से आरती उतारें। पूजा स्वयं भी कर सकते हैं और किसी विद्वान ब्राह्मण से भी करवा सकते हैं। दिन में योगिनी एकादशी की कथा भी जरुर सुननी चाहिये। इस दिन दान कर्म करना भी बहुत कल्या��कारी रहता है। पीपल के पेड़ की पूजा भी इस दिन अवश्य करनी चाहिये। रात्रि में जागरण भी करना चाहिये। इस दिन दुर्व्यसनों से भी दूर रहना चाहिये और सात्विक जीवन जीना चाहिये। माहात्म्य महाभारत काल की बात है कि एक बार धर्मराज युधिष्ठिर भगवान श्री कृष्ण से एकादशियों के व्रत का माहात्म्य सुन रहे थे। उन्होंनें भगवान श्री कृष्ण से कहा कि भगवन आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी का क्या महत्व है और इस एकादशी का नाम क्या है ? भगवान श्री कृष्ण ने कहा- "हे राजन ! इस एकादशी का नाम योगिनी है। समस्त जगत में जो भी इस एकादशी के दिन विधिवत उपवास रखता है प्रभु की पूजा करता है उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। वह अपने जीवन में तमाम सुख-सुविधाओं, भोग-विलास का आनन्द लेता है और अंत काल में उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। योगिनी एकादशी का यह उपवास तीनों लोकों में प्रसिद्ध है।" तब युद्धिष्ठर ने कहा प्रभु योगिनी एकादशी के महत्व को आपके मुखारबिंद से सुनकर मेरी उत्सुकता और भी बढ़ गई है कृपया इसके बारे थोड़ा विस्तार से बतायें। अब भगवान श्री कृष्ण कहने लगे- 'हे धर्मश्रेष्ठ ! मैं पुराणों में वर्णित एक कथा सुनाता हूँ उसे ध्यानपूर्वक सुनना।" https://www.facebook.com/groups/408051389551646/ कथा स्वर्गलोक की अलकापुरी नामक नगर में कुबेर नाम के राजा राज किया करते थे। वह बड़े ही नेमी-धर्मी राजा था और भगवान शिव के उपासक थे। आँधी आये तूफ https://www.instagram.com/p/CBgcVOmh1mV/?igshid=1owsqrbyc511d
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dilsedeshi · 6 years ago
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योगिनी एकादशी की पूजा विधि, महत्व और कथा | Yogini Ekadashi Puja Vidhi, Mahatva and Story in Hindi
योगिनी एकादशी की पूजा विधि, महत्व और कथा
योगिनी एकादशी की पूजा विधि, महत्व, शुभ मुहूर्त, आरती और कथा | Yogini Ekadashi Puja Vidhi, Mahatva Shubh Muhurat, Aarti and Story in Hindi
योगिनी एकादशी हिंदुओं के लिए सभी पिछले जन्मों के पापों से खुद को मुक्त करने और भविष्य में और अधिक प्रभावी तरीके से अपने जीवन का जीने के लिए शुभ अवसरों में से एक है. यह दिन उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो भौतिकवाद की ओर आकर्षित हैं और उन्हें आध्यात्मिकता के…
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kaahishsharma · 4 years ago
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*🙏🙏🌹🌹👏👏🕉️🕉️Jun 17🌹भक्ति सत्संग श्री राधाकृष्णमयी शुभ बुधवार 🌹आप सभी को पाप नाशनि योगिनी एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं🌹श्रीमद् भागवत महापुराण अमृत कथा 🌹हरिबोल 🌹प्रेम से बोलो सच्चिदानंद भक्त वत्सल भगवान की जय 🌹जय जय श्री राधे 🌹श्रीशुकदेवजी ने कहा - परीक्षित! हेमन्त ऋतु का आगमन हो चुका है ब्रज की सभी कुमारी गोपियाँ सूर्योदय से पूर्व ही यमुना में स्नान कर तट पर बालू से देवी कात्यायनी की मूर्ति बनाकर विधि विधान से पूजा कर रहीं हैं। वे प्रार्थना कर रहीं हैं कि नंद नदंन श्रीकृष्ण के समान ही उन्हें पति की प्राप्ति हो। उनका बस चले तो वे नौ वर्ष के उस प्यारे श्याम सुंदर को ही अपना पति बना लें। एक दिन सभी कुमारियों ने ब्रह्म मुहूर्त में अपने वस्त्र उतार कर यमुना के शीतल जल में प्रवेश कर स्नान करने लगीं। तभी श्रीकृष्ण और ग्वाल-बालों ने ये सब देखा तो उन्होंने उनके वस्त्र समेट लिये और कदंब के एक ऊंचे पेड़ पर चढ़ कर ठठाकर हंसने लगे। जब कुमारियों को पता चला तो वे गर्दन तक जल में डूब कर श्रीकृष्ण से वस्त्र देने की प्रार्थना करने लगी। लेकिन कान्हा ने कहा यदि तुम्हें लज्जा आ रही हो तो एक-एक करके आओ और अपने वस्त्र ले लो। भगवान श्रीकृष्ण की मसखरी देख कर कुमारियां लज्जा से पानी-पानी हो गई। उन्होंने कहा - कान्हा! तुम तो ब्रज के लाडले हो। हम तो तुम्हारी दासी हैं। हम नग्न बाहर नहीं आ सकती। तुम तो धर्म की बात करते हो। फिर यह निंदनीय कार्य क्यों कर रहे हो। यह आपको शोभा नहीं देता। हमें तंग मत करो अन्यथा हम आपकी शिकायत नंद बाबा से करेंगे... To be continued... आरती श्रीमद् भागवत अमृत महापुराण की।आरती अति पावन पुराण की।धर्म भक्ति विज्ञान खान की।कलि मल मथनि त्रिताप निवारिनि।जन्म मृत्यु मय भव भय हारिनि।सेवत सतत सकल सुखकारिनि।समहौषधि हरि चरित्र ज्ञान की।आरती... प्रणाम 🌹🌹🕉️🕉️👏👏🙏🙏* https://www.instagram.com/p/CBhSZOKAI-h/?igshid=rv2pm3kj41mi
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