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#यूरिक एसिड बढ़ने के नुकसान
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Today's Horoscope-
बुधवार को सिंह राशि के ऐसे लोग जो टारगेट बेस्ड काम करते हैं, मेहनत को और बढ़ाते हुए काम करने पर फोकस करना होगा, वहीं कुंभ राशि के लोगों के व्यापार की स्थिति सामान्य रहेगी, आज आप न तो लाभ की स्थिति में रहेंगे और न ही घाटे की.
मेष - मेष राशि के नौकरीपेशा लोगों पर एक साथ कई कामों की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, जिम्मेदारियां अधिक देखकर परेशान न हो, मन को शांत करके काम करने की प्लानिंग करें. खाने-पीने का काम करने वाले व्यापारी जरूरत के अनुसार ही माल तैयार करें, गर्मी के कारण माल खराब हो सकता है जिसके चलते आज नुकसान होने की आशंका है. युवा वर्ग बेवजह दूसरों के मामलों में बोलने से बचें, अन्यथा वह बिना बात के फंस सकते हैं जो कि उनके करियर के लिए उचित नहीं है. परिवार के सभी लोगों को हरे राम हरे कृष्णा का भजन-कीर्तन करना चाहिए, इससे परिवार में प्रसन्नता बनी रहेगी. सेहत में दिनचर्या में योग को शामिल करें जो आपके शरीर को स्फूर्ति प्रदान करेगा, साथ ही आप स्वस्थ महसूस करेंगे.
वृष - इस राशि के लोगों को कार्यस्थल पर प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है, ऐसा होना आपके लिए सही है क्योंकि इसके जरिए आपके काम में गति आएगी. व्यापारी वर्ग की बात करें तो वर्तमान समय में उन्हें धैर्य रखना होगा, छोटे-छोटे निवेश पर फोकस करें तभी भविष्य की योजनाएं पूरी होंगी. ऐसे विद्यार्थी जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उनको अपनी पढ़ाई स्ट्रेटजी को मजबूत बनाना होगा जिससे उन्हें सफलता जल्दी हासिल हो. परिवार के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए किसी म्युचुअल फंड, घर या संपत्ति में निवेश कर सकते हैं. शारीरिक तौर पर फिट रहने के लिए खानपान पर कंट्रोल करना होगा, चिकनाई युक्त खाने से परहेज करें साथ ही व्यायाम भी करें.
मिथुन - मिथुन राशि के लोगों को सहकर्मी के भीतर अहंकार की भावना प्रतीत होगी, जिसके चलते सहकर्मी के साथ मनमुटाव हो सकता है. व्यापारी वर्ग को प्रतिष्ठित कार्यों को करने के लिए मन को एकाग्रचित्त करना होगा, तभी काम को सही ढंग से करने में सफल होंगे. युवा वर्ग आत्मविश्वास के चलते प्राथमिकताओं, मूल्य व न्याय के लिए आवाज उठाते हुए नजर आएंगे. आपके सहयोग व प्रयास से निजी संबंधों में मधुरता बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर घर का माहौल भी शांतिपूर्वक बना रहेगा. सेहत की बात करें तो आज आपका स्वास्थ्य सामान्य जाएगा, हेल्थ को लेकर चिंता करने वाली कोई बात नहीं है.
कर्क - इस राशि के लोगों के निजी व पेशेवर मामलों में नए अनुभव आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिसके लिए अपने मन को पहले से तैयार कर लें. नकारात्मक ग्रहों की स्थिति व्यापारी वर्ग को थोड़ा तनाव दे सकती है, ऐसे में आपको खुद से तनाव मुक्त होने के मार्ग तलाशने होंगे. युवा वर्ग को व्यस्तता के मध्य विश्राम के लिए कुछ समय निकालना होगा, क्योंकि काम के साथ-साथ आराम भी बेहद जरूरी है. परिवार से संबंधित कठोर सत्य को इंगित करते समय विनम्रता बनाए रखें, जिससे घर का माहौल खराब न हो. सेहत में कल की भांति आज भी पेट दर्द को लेकर सतर्क रहना होगा, पेट से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती है.
सिंह - सिंह राशि के ऐसे लोग जो टारगेट बेस्ड काम करते हैं, मेहनत को और बढ़ाते हुए काम करने पर फोकस करना होगा. व्यापारी वर्ग को सतत परिश्रम व लचीले रवैए से सफलता हासिल होगी, व्यवहार में कठोरता लाने से बचें. सत्ता में मौजूद युवा निष्ठुर व असंवेदनशील हो सकते हैं, अतः इससे सचेत रहते हुए व्यवहार में परिवर्तन लाने का प्रयास करें. परिवार संग बाहर जाने की योजना बन सकती है, घूमने के साथ-साथ धार्मिक स्थल के दर्शन करना आप सभी के लिए उत्तम रहेगा. सेहत की बात करें तो यूरिक एसिड बढ़ने से घुटनों के दर्द से परेशान हो सकते हैं इसलिए तत्काल ही डॉक्टर से संपर्क करें और इसका इलाज शुरू करें.
कन्या - इस राशि के लोग नए अवसरों के प्रति आकर्षित होंगे, जो आपके विकास के लिए लाभदायक साबित होंगे. व्यापारी वर्ग सरकारी नियमों का पालन करते हुए व्यापार का संचालन करें, नियमों का उल्लंघन करने पर आर्थिक दंड के भागीदार हो सकते हैं. युवा वर्ग स्वयं को उसी रूप में स्वीकार करें जैसे कि आप हैं, दुनिया की चकाचौंध में अपने अस्तित्व को खोने से बचें. परिवार संग किसी आयोजन में शामिल होने का अवसर मिलेगा, आयोजन में शामिल होकर वहां के काम में लोगों की मदद करें. यदि आप काम करते समय किसी तरह के औजार का प्रयोग करते हैं, तो आज के दिन आपको सतर्क रहना होगा क्योंकि इससे आपको चोटिल होने की आशंका है.
तुला - तुला राशि के नौकरीपेशा लोग अज्ञात भय से ऑफिशियल कार्य को प्रभावित न होने दें, क्योंकि इससे आपके साथ-साथ संस्थान को भी नुकसान होगा. व्यापारी वर्ग बड़े लाभ के लालच में छोटे मुनाफे को इग्नोर करने से बचें, अन्यथा आप छोटे और बड़े दोनों ही तरह के मुनाफे से हाथ धो बैठेंगे. युवा वर्ग तन-मन को तरोताजा करने वाली गतिविधियों में भाग ले, इससे वह मानसिक और शारीरिक तौर पर स्वस्थ रहेंगे. पारिवारिक मुद्दों पर बड़े बुजुर्गों के साथ बैठक हो सकती है, मुद्दों पर बोलने से पहले अच्छे से विचार कर ले. उसके बाद ही विचार व्यक्त करें अन्यथा घर का माहौल खराब हो सकता है. आज के दिन स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा,आगे भी ऐसे ही सेहत का ध्यान रखें जिससे आपकी निरोगी काया बनी रहे.
वृश्चिक - इस राशि के लोगों के भीतर नई चुनौतियों को स्वीकार करने का साहस है, जिसके चलते आप कठिन से कठिन चुनौतियों को भी सरलतापूर्वक पार कर लेंगे. व्यापारी वर्ग को कर्मचारियों पर हुक्म चलाने से बचना होगा, अपने और उनके बीच के संबंधों को मधुर बनाए रखने का प्रयास करें अन्यथा इसका नकारात्मक असर व्यापार पर पड़ सकता है. रचनात्मक कार्यों में रुचि रखने वाले युवाओं को प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर मिलेगा, जिसमें आपको जीत हासिल होने की भी प्रबल संभावना है. आज के दिन पारिवारिक आयोजनों में भाग लेंगे वह संबंधों को स्नेह से सींचने में सफल रहेंगे. सेहत की बात करें तो आई साइट वीक होने का अनुभव कर सकते हैं, समय निकाल कर जल्दी किसी अच्छे नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लें.
धनु - धनु राशि के लोगों का सकारात्मक व रचनात्मक दृष्टिकोण करियर में सफलता दिलाने में मदद करेगा. व्यापार का आर्थिक ग्राफ ऊंचा करने के लिए कारोबारियों को सतत प्रयास करने होंगे, साथ ही व्यापार के लिए नई योजना भी बनानी होगी. युवा वर्ग को करियर संबंधित निर्णय लेने में टालमटोल करने से बचते हुए त्वरित निर्णय लेना होगा, निर्णय विलंबित होने पर अवसर हाथ से निकलने की आशंका है. जीवनसाथी के साथ समय व्यतीत करें और कम्युनिकेशन गैप न होने दें, संवादों में कमी के चलते दांपत्य जीवन में मतभेद हो सकते हैं. सेहत की बात करें तो मन बेचैन हो सकता है, ध्यान के माध्यम से मन को शांति मिलेगी.
मकर - इस राशि के लोग यदि किसी कंपनी के मालिक है कर्मचारियों के साथ अत्यधिक व्यावहारिक होने से बचें, ऐसा करना आपके संस्थान के लिए उचित नहीं है. कारोबार में संसाधनों व कर्मचारियों के कुशल प्रबंधन से विभिन्न समस्याओं का अंत होगा, जिसके चलते आज आप चैन की सांस ले सकेंगे. प्रेमी युगल के लिए आज का दिन बेहद शुभ रहने वाला है, क्योंकि आज आप प्रेम के संबंध को वैवाहिक परिणय में बदलने का विचार बना सकते हैं. घर में आज अतिथियों का आगमन होने की संभावना है, जिसके चलते आपका अधिकांश समय घर में व्यतीत होगा. सेहत की बात करें तो लापरवाही के चलते पुराने रोग उभर सकते हैं, डॉक्टर के बताए गए निर्देशों का सख्ती से पालन करें और सेहत का ध्यान रखें.
कुंभ - कुंभ राशि के नौकरीपेशा लोग सफलता के निकट पहुंचकर कार्य को अधूरा छोड़ने से बचें, कार्य के अंत तक उन्हें अपना साहस बनाए रखना होगा. व्यापार की स्थिति सामान्य रहेगी, आज आप न तो लाभ की स्थिति में रहेंगे और न ही घाटे की. युवा वर्ग नकारात्मक विचारों के प्रभाव में आकर बनाए गए प्लान को कैंसिल कर सकते हैं. आज के दिन निजी जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेने पड़ सकते हैं, फैसला लेते समय जीवनसाथी की राय जरूर जान लें. सेहत की बात करें तो लू लगने की आशंका है, आवश्यकता पड़ने पर ही घर से बाहर जाएं अन्यथा घर पर रहे.
मीन - इस राशि के लोग कुशल संवाद व योग्यता से बहुचर्चित लोगों से संपर्क कायम करने में सफल रहेंगे. व्यापारिक समस्याओं का अंत होगा जिसके चलते व्यापारी वर्ग आज हल्कापन महसूस करेंगे. युवा वर्ग को गलत संगति से बचने का प्रयास करना होगा, अन्यथा आप पर कुसंगति का नकारात्मक प्रभाव आ सकता है. यदि परिवार और मित्रों को अनदेखा कर रहे हैं तो उन्हें समय देना आवश्यक है. आज के दिन उनके साथ कहीं बाहर जाने के लिए विचार बना सकते हैं. जो लोग तंबाकू, गुटखा आदि नशीले पदार्थों का सेवन करते है, उनको इसका सेवन बंद कर देना चाहिए, क्योंकि इसके सेवन के चलते गंभीर बीमारी होने की आशंका है.
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luckysweetspeace · 3 years
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जहर के समान है सफेद नमक (salt), इसके सेवन को करे नियंत्रित
अक्सर आपने लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि नमक (salt) कम खाना चाहिए। यह सेहत (health) के लिए हानिकारक होता है। इसके कई गंभीर नुकसान है लेकिन यह बात किस हद तक सही है।
नमक (Salt) यानी कि सोडियम क्लोराइड (sodium chloride) हमारे शरीर के लिए ऐसा जरूरी केमिकल कंपाउंड है जिसके बिना हमारे शरीर में लीवर (lever), दिल (heart) और थायराइड (thyroid) जैसे कई जरूरी अंग काम करना बंद कर सकते हैं, यानी कि सही मायने में इसके बिना जीवित रह पाना बेहद मुश्किल है।
वहीं दूसरी तरफ अगर शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाए तो मामूली से दिखने वाले नमक के सफेद दाने धीरे-धीरे व्यक्ति की शरीर को खोखला कर सकते हैं। बालों का झड़ना (hair fall), त्वचा रोग (skin disease), एसिडिटी (acidity), हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure), किडनी में समस्या (kidney disorders), यूरिक एसिड (uric acid) और यहां तक कि लगभग 40 से ज्यादा गंभीर रोग शरीर में नमक की मात्रा बढ़ने से होते हैं।
read at: https://arribatrends.in/harmful-effects-of-table-salt/
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kisansatta · 4 years
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घुटनो के दर्द को कहे अलविदा हमेशा के लिए
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बढ़ती उम्र में घुटनों में दर्द होना एक आम समस्या है, आमतौर पर घुटनों का दर्द गठिया या आर्थराइटिस बीमारी के कारण ही होता है। शरीर के जोड़ों में सूजन उत्पन्न होने पर गठिया रोग होता है या जोड़ों में उपास्थि (कोमल हड्डी) भंग हो जाती है। शरीर के जोड़ ऐसे स्थल होते हैं जहां दो या दो से अधिक हड्डियाँ एक-दूसरे से मिलती है जैसे कि कूल्हे या घुटने। उपास्थि जोड़ों में गद्दे की तरह होती है जो दबाव से उनकी रक्षा करती है और क्रियाकलाप को सहज बनाती है। जब किसी जोड़ में उपास्थि भंग हो जाती है तो आपकी हड्डियाँ एक-द���सरे के साथ रगड़ खाती हैं, इससे दर्द, सूजन और ऐंठन उत्पन्न होती है और यही घुटनों में दर्द का कारण बन जाता है।
घुटनों में दर्द के लक्षण –
घुटनों या जोड़ों में दर्द होने की समस्या को आप इन लक्षणों से पहचान सकते हैं :
चलने, खड़े होने, हिलने-डुलने और यहां तक कि आराम करते समय भी दर्द।
सूजन और क्रेपिटस
चलते समय जोड़ों का लॉक हो जाना
जोड़ों का कड़ापन, खासकर सुबह में या यह पूरे दिन रह सकता है।
मरोड़।
वेस्टिंग और फेसिकुलेशन
शरीर में अकड़न।
घुटनों और जोड़ों में दर्द होना।
घुटनों के दर्द से बचने के उपाय-
रात के समय चना, भिंडी, अरबी, आलू, खीरा, मूली, दही, राजमा इत्यादि का सेवन भूलकर भी नहीं करें।
दही, चावल, ड्राई फ्रूट्स, दाल और पालक बंद कर दें। इनमें प्रोटीन बहुत ज्यादा होता है।
रात को सोते समय दूध या दाल का सेवन करना हानिकारक है। इससे शरीर में ज्यादा मात्रा में यूरिक एसिड जमा होने लगता है। छिलके वाली दालों से पूरी तरह परहेज करें।
नॉन वेज खाने के शौकीन है तो मीट, अंण्डा, मछली का सेवन तुरन्त बंद करें। इसे खाने से यूरिक एसिड तेजी से बढ़ता है।
बेकरी फूड जैसे कि पेस्ट्री, केक, पैनकेक, क्रीम बिस्कुट इत्यादि ना खाएं। ट्रांस फैट से भरपूर खाना यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ाता है।
पानी पीने के नियम भी जरूर फॉलो करना चाहिए। खाना खाते समय पानी न पीएं। पानी, खाने से डेढ़ घण्टे पहले या बाद में ही पीना चाहिए।
यूरिक एसिड की परेशानी से बचने के लिए सोया मिल्क, जंक फूड, चटपटे खाद्य पदार्थ, ठण्डा पेय, तली-भूनी चीजें न खाएं।
गठिया के रोगी को अधिक तापमान पर पकी चीजों का सेवन करने से भी बचना चाहिए। माइक्रोवेव या ग्रिलर में बना खाना जोड़ों को नुकसान पहुंचाता है।
अधिक मात्रा में मीठी चीजें जैसे- चॉकलेट, केक, सॉफ्ट ड्रिंक और मैदे से बनी चीजों को खाने से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है जो गठिया रोग बढ़ने का कारण बन जाता है।
जंक फूड का भी पीठ दर्द से गहरा नाता होता है। अधिकांश जंक फूड शरीर को पर्याप्त पोषण प्रदान नहीं करते। इनके कारण मांसपेशियां जल्दी थक जाती हैं। दूसरी ओर, साबुत अनाज, प्रोटीन युक्त दही और सब्जियों के रूप मांसपेशियों पर सकारात्मक असर डालते हैं।
घुटनों के दर्द से छुटकारा पाने का घरेलू इलाज –
 हल्दी-चूने का लेप लगाए: हल्दी और चूना दर्द को दूर करने में अधिक लाभदायक साबित होते हैं। हल्दी और चुना को मिलाकर सरसों के तेल में थोड़ी देर तक गर्म करे फिर उस लेप को घुटने में लगाकर रखने से घुटनों का दर्द कम होता है!
हल्दी दूध का सेवन घुटनों के दर्द में फायदेमंद: एक ग्लास दूध में एक चम्मच हल्दी के पाउडर को मिलाकर सुबह-शाम कम से कम दो बार पीने से घुटनों के दर्द में लाभ मिलता है। यह जोड़ों का दर्द दूर करने का सबसे कारगर घरेलू इलाज है।
घुटनोँ का दर्द दूर करने में सहायक हैं अदरक:गर्म प्रकृति होने के कारण यह सर्दी जनित दर्द में फायदेमंद है। सांस संबंधी तकलीफ, घुटनों में दर्द, ऐंठन और सूजन होने पर अदरक का सेवन करना लाभकारी होता है।
एलोवेरा से करें घुटनों के दर्द का घरेलू उपचार : जोड़ों के दर्द, चोट लगने, सूजन, घाव एवं त्वचा संबंधी समस्याओं से होने वाले दर्द में ऐलोवेरा का गूदा, हल्दी के साथ हल्का गर्म करके बांधने पर लाभ होता है। घुटनों में दर्द होने पर भी आप इस घरेलू उपाय को आजमा सकते हैं!
अश्वगन्धा एवं सोंठ पाउडर से करें घुटनों के दर्द का उपाय: इसके लिये 40 ग्राम नागौरी अश्वगंध पाउडर, 20 ग्राम सोंठ चूर्ण तथा 40 ग्राम की मात्रा में खाण्ड पाउडर लें। तीनों को अच्छी तरह से मिला लें। जोड़ों एवं घुटनों के दर्द में इस चूर्ण को 3-3 ग्राम मात्रा में सुबह शाम गर्म दूध के साथ लेने से जोड़ों के दर्द में और सूजन में बहुत अच्छा आराम मिलता है। गठिया के घरेलू इलाज के रूप में यह नुस्खा काफी प्रचलित है, कई लोग इसे घुटनों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
  https://kisansatta.com/say-goodbye-to-knee-pain-forever/ #SayGoodbyeToKneePainForever Say goodbye to knee pain forever In Focus, Life #InFocus, #Life KISAN SATTA - सच का संकल्प
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indianjadibuti · 5 years
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शिलाजीत हिमालय की पहाड़ियों और चट्टानों पर पाया जाने वाला एक चिपचिपा और लसलसा पदार्थ है जो काले या भूरे रंग का होता है। (Shilajit) शिलाजीत का उपयोग करीब पांच हजार सालों से हर तरह की बीमारियों के इलाज में किया जाता है। आयुर्वेद में शिलाजीत के फायदे और गुणों का अधिक महत्व है। इसमें कई तरह के मिनरल पाये जाते हैं जिस वजह से इसे कई असाध्य रोगों के इलाज में भी इस्तेमाल किया जाता है। शिलाजीत का सेवन पुरुषों में यौन शक्ति बढ़ाता है और बढ़ती उम्र को रोकता है। कहा जाता है कि शिलाजीत की खुराक का हजारों मर्ज की एक दवा के रूप में उपयोग किया जाता है। तो आइये जानते हैं कि शिलाजीत के सेवन से किन बीमारियों से बचा जा सकता है और हमारे स्वास्थ्य को इससे क्या क्या फायदे हैं।
शिलाजीत के फायदे –
1. अल्जाइमर के इलाज में शिलाजीत के फायदे – अल्जाइमर दिमाग से जुड़ी बीमारी है जिसमें यादाश्त, व्यवहार और सोचने-समझने की क्षमता पर असर ���ड़ता है। अल्जाइमर के लक्षणों के इलाज के लिए वैसे तो कई दवाएं मौजूद हैं लेकिन कुछ रिसर्च यह दावा करते हैं कि शिलाजीतअल्जाइमर से बचाने में काफी उपयोगी है और यह धीरे-धीरे अल्जाइमर के लक्षणों को कम कर देता है। शिलाजीत में फुल्विक एसिड नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो न्यूरॉन में अधिक टॉ प्रोटीन जमा होने से रोकता है इससे हमारी यादाश्त की क्षमता बढ़ती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि शिलाजीत में मौजूद फुल्विक एसिड असामान्य रूप से टॉ प्रोटीन के निर्माण को रोकता है और सूजन को कम करता है जिससे अल्जाइमर के लक्षण कम होने लगते हैं।
2. शिलाजीत के फायदे से बढ़ाएं टेस्टोस्टेरोन के स्तर को – टेस्टोस्टीरॉन पुरुषों में पाया जाने वाला सेक्स हार्मोन है। लेकिन कुछ पुरुषों में इस हार्मोन का स्तर काफी कम होता है। इसकी वजह से सेक्स की इच्छा में कमी, बाल झड़ना, थकान और मोटापा बढ़ने लगता है। पैंतालिस से पचपन साल की उम्र के कुछ पुरूषों पर एक स्टडी की गई जिसमें आधे पुरुषों को प्लेसिबो दवा और आधे को दिन में दो बार 250 मिलीग्राम शिलाजीत की खुराक दी गई। स्टडी में पाया गया कि लगभग तीन महिने में शिलाजीत की खुराक लेने वाले पुरुषों के टेस्टोस्टीरॉन का लेवल बढ़ चुका था।
3. शिलाजीत के लाभ थकान दूर करें – क्रोनिक फॉटिग सिंड्रोम (सीएफएस) एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति को काफी लंबे समय तक थकान और सुस्ती का अनुभव होता है। सीएफएस से पीड़ित व्यक्ति किसी भी काम को एक्टिव होकर नहीं कर पाता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि शिलाजीत की खुराक सीएफएस के लक्षणों को दूर कर एनर्जी स्टोर करने में मदद करती है। सीएफएस शरीर में कोशिकाओं को पर्याप्त ऊर्जा उत्पन्न करने से रोकता है जिससे की माइटोकांड्रिया की कार्यक्षमता प्रभावित होने लगती है। शिलाजीत माइटोकांड्रिया के कार्यक्षमता को मजबूत करने में मदद प्रदान करता है जिससे शरीर में एनर्जी फिर से स्टोर होने लगती है और थकान की समस्या दूर हो जाती है।
4. शिलाजीत के फायदे बढ़ती उम्र का असर करे कम – चूंकि शिलाजीत में पर्याप्त मात्रा में फुल्विक एसिड, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लैमेटरी गुण मौजूद होते हैं। इसलिए यह फ्री रेडिकल से हमारी रक्षा करता है और कोशिकाओं को टूटने से बचाता है। शिलाजीत का नियमित सेवन करने से आप बिल्कुल स्वस्थ रहते हैं और यह बुढ़ापे को रोकता है जिससे आप हमेशा जवान दिखते हैं।
5. एनीमिया होने से बचाता है शिलाजीत का सेवन – शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन न मिलने से खून की कमी हो जाती है। इसकी वजह से थकान, कमजोरी, सिरदर्द, हृदय की गति बढ़ना और हाथ पैर ठंडे पड़ जाते हैं। शिलाजीत की खुराक लेने से शरीर में धीरे-धीरे आयरन की कमी पूरी होने लगती है। यह रेड ब्लड सेल्स की संख्या को बढ़ाता है जिससे एनीमिया की समस्या अपने आप खत्म हो जाती है।
6. शिलाजीत का सेवन बांझपन दूर करता है – पुरुषों में शिलाजीत बांझपन की समस्या को दूर करने में काफी उपयोगी साबित होता है। बांझपन की समस्या से ग्रस्त 60 पुरुषों पर एक स्टडी की गई, जिसमें उन्हें तीन महीनों तक भोजन के बाद दिन में दो बार शिलाजीत की खुराक दी गई। तीन महीने बाद स्टडी में शामिल साठ प्रतिशत पुरुषों के स्पर्म में वृद्धि हो गई।
7. शिलाजीत के फायदे हृदय को रखे मजबूत – नियमित शिलाजीत का सेवन करने से हृदय मजबूत रहता है और हृदय रोगों का खतरा कम हो जाता है। प्रयोगशाला में कुछ चूहों पर किए गए परीक्षण में पाया गया है कि शिलाजीत का रोजाना सेवन करने से हृदय की बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है।
शिलाजीत के नुकसान (साइड इफ़ेक्ट )-
अधिकतर शिलाजीत का प्रयोग आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है इसलिए इसके नुकसान (साइड इफेक्ट) बहुत कम होते हैं लेकिन इसका उपयोग सही तरीके और सही मात्रा में न करने पर आपको शिलाजीत के साइड इफेक्ट भी झेलने पड़ सकते हैं।
शिलाजीत का सेवन के साथ दूसरे आयरन सप्लीमेंट लेने पर इसका साइड इफेक्ट हो सकता है क्योंकि शिलाजीत में अधिक मात्रा में आयरन पाया जाता है। इसके साथ अन्य आयरन सप्लीमेंट लेने पर खून में आयरन की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है। इससे ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।
कभी-कभी शिलाजीत के सेवन से एलर्जी की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसलिए यदि आपको खुजली और मिचली का अनुभव हो या हृदय की धड़कन की गति बढ़ जाए तो शिलाजीत के सेवन को तुरंत बंद कर देना चाहिए। हालांकि इस तरह के साइड इफेक्ट कम ही देखने को मिलते हैं।
अगर आप पहले से क��ई दवा खा रहे हों तो शिलाजीत का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श ले लें, अन्यथा शिलाजीत का सेवन का साइड इफेक्ट हो सकता है।
शिलाजीत का अधिक मात्रा में सेवन करने पर यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जिससे पित्त में परेशानी पैदा हो सकती है। हालांकि ऐसी समस्या शिलाजीत की अधिक खुराक लेने पर ही उत्पन्न होती है।
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lifeatexp · 4 years
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 यूरिक एसिड के स्तर को कम करते हैं  यह  खाद्य पदार्थ । uric acid effect solution tips  मा��व शरीर में रक्त, रसायन और पदार्थों का संतुलन होता है, जब तक ये पदार्थ शरीर में संतुलित रहते हैं, तब तक मानव स्वास्थ्य बना रहता है और जब वे बदलने लगते हैं या शरीर में किसी चीज की कमी या वृद्धि होने लगती है।  तो तरह-तरह की बीमारियाँ पैदा होने लगती हैं।  यूरिक एसिड ( uric acid ) भी मानव शरीर में सबसे महत्वपूर्ण पदार्थों और रसायनों में से एक है। यह वास्तव में एक प्रकार का एसिड है जो मानव शरीर में रक्त और मूत्र में परिसंचारी में पाया जाता है।  ओवरडोज कई बीमारियों को जन्म दे सकता है, सबसे विशेष रूप से जोड़ों का दर्द।  यूरिक एसिड महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक पाया जाता है। जोड़ों और गठिया के दर्द के अलावा, यह गठिया जैसी बीमारी का कारण बनता है जिसमें रोगी दर्द के साथ-साथ मानसिक भ्रम से ग्रस्त होता है।  गाउट क्या है?  इसे दवा की भाषा में गाउट और आधुनिक चिकित्सा की भाषा में गाउट कहा जाता है। यह पैर के दर्द के लिए एक नाम है।  एक प्रकार का गंभीर दर्द जो पैर और टखनों में होता है। इससे हाथ या पैर में सूजन भी हो जाती है। इसे गठिया और जोड़ों का दर्द भी कहा जाता है। इस बीमारी का मुख्य कारण यूरिक एसिड में वृद्धि है।  उच्च यूरिक एसिड के स्तर का नुकसान  वैसे, यह जोड़ों में दर्द का कारण बनता है और शरीर में बेचैनी का कारण भी बनता है।  इससे प्रभावित व्यक्ति की भूख कम हो जाती है और उसे बार-बार चक्कर आने लगते हैं।  नींद की कमी होती है, पाचन तंत्र गंभीर रूप से प्रभावित होता है, और लगातार पेशाब कम मात्रा में होता है।  यह भी मूत्राशय की पथरी का कारण है और यह गुर्दे में सूजन को भी बढ़ाता है और प्रभावित व्यक्ति को चिड़चिड़ा बनाता है।  यूरिक एसिड में वृद्धि से लगातार बुखार भी होता है जिसमें बुखार कभी-कभी बढ़ जाता है और कभी-कभी गिर जाता है।  आधुनिक चिकित्सा अनुसंधान के अनुसार, शरीर में यूरिक एसिड में वृद्धि या चयापचय सिंड्रोम का एक हिस्सा है। यूरिक एसिड में वृद्धि से गुर्दे की विफलता का खतरा तीन गुना बढ़ जाता है।  यूरिक एसिड के स्तर में वृद्धि से दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।  कैंसर में, रक्त में मात्रा बहुत अधिक होती है, इसलिए यह मूत्र में भी उत्सर्जित होता है।  गुर्दे शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालते हैं, जैसे रक्त से विषाक्त पदार्थ और अतिरिक्त लवण। जैसा कि यूरिक एसिड बनाता है, गुर्दे और मूत्राशय में पत्थर बनते हैं, जो अपशिष्ट उत्पादों के उत्सर्जन को रोकते हैं।  शरीर में ऊंचा यूरिक एसिड का स्तर भी त्वचा को प्रभावित करता है और सोरायसिस जैसी बीमारी त्वचा पर दिखाई देने लगती है।  यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण  शरीर के जोड़ों में बार-बार दर्द होना।  शरीर के विभिन्न भागों पर गांठ।  उंगलियों की सूजन, विशेष रूप से पैर की उंगलियों।  लगातार पेशाब आना  लगातार बुखार रहना।  मतली और प्रकृति का भारीपन।  चिड़चिड़ापन बढ़ गया।  यूरिक एसिड का स्तर  रेड मीट का अत्यधिक सेवन।  घटिया घी और तेल में पकाया गया भोजन  ड्रग्स और ड्रग्स, विशेष रूप से शराब और तंबाकू।  अधिक वसा युक्त दूध का सेवन करें।  खाद्य पदार्थ जो शरीर में यूरिक एसिड का स्तर कम करते हैं  केला  केले में प्राकृतिक तत्व होते हैं जो मानव शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को कम करने की क्षमता रखते हैं। केला शरीर में गठिया के गठन को रोकता है और गठिया से पीड़ित लोगों के लिए सबसे अच्छा भोजन है।  एक दिन में आठ से नौ केले खाने से बहुत मदद मिलती है।  नींबू  यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने के लिए विटामिन सी सबसे अच्छा तरीका है और नींबू एक ऐसा फल है जो विटामिन सी से भरपूर होता है।  उच्च यूरिक एसिड के मामले में नींबू का अत्यधिक सेवन चमत्कारिक रूप से गठिया और गाउट से राहत दिलाता है। गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से यूरिक एसिड त्वचा पर नियंत्रण होता है।  सेब  सेब में बड़ी मात्रा में मैलिक एसिड होता है और यह एसिड स्वाभाविक रूप से यूरिक एसिड के प्रभावों को बेअसर करता है और इससे होने वाली बीमारियों से छुटकारा दिलाता है - सर्वोत्तम लाभ प्राप्त करने के लिए दिन में एक सेब खाना आवश्यक है।  ।  चेरी  चेरी में एंथोसायनिन होता है, जो सूजन के लिए प्रतिरोधी है - चेरी न केवल यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ने से रोकती है, बल्कि शरीर में विभिन्न रसायनों के मिश्रण को नुकसान से भी बचाती है।  दिन में तीन से चार चेरी खाना बहुत उपयोगी है।  गाजर  यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में फाइबर का जादुई प्रभाव होता है। शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने के लिए फाइबर में उच्च खाद्य पदार्थों का उपयोग करना।  गाजर एक ऐसी सब्जी है जिसमें फाइबर होता है और इसका उपयोग शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बनाए रखता है और जोड़ों के दर्द में उपयोगी होता है।
http://www.lifeatexp.site/2020/06/uric-acid.html
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khabaruttarakhandki · 4 years
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यूरिक एसिड के कारण लक्षण और उपाय …
यूरिक एसिड के कारण लक्षण और उपाय
यूरिक एसिड होता क्या है?
पहले हमें यह जानना बहुत जरूरी है कि यूरिक एसिड होता क्या है  यूरिक एसिड शरीर में बनने वाला एक ऐसा रसायन होता है जो हमारी पाचन क्रिया के मध्य प्रोटीन के टूटने से बनता है मूसली यूरिक एसिड खून में घोलकर किडनी तक पहुंचता है और वह वहां जाकर वहां की सफाई करता है तथा टॉयलेट के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है बहुत बार ऐसा भी होता है कि यूरिक एसिड  ज्यादा बनने लगता है  तथा वह फिल्टर होकर के शरीर से बाहर नहीं निकल पाता है तथा वह सही के अंदर ही जमा होता रहता है यह  किसी के जमा होने की स्थिति में यह शरीर में किडनी में पथरी की तरह बढ़ता रहता है  यह कई बार आंशिक शारीरिक सक्रियता अधिक मात्रा में नॉनवेज खाने तथा शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने की आशंका से होते हैं ऐसे में शुरुआती वक्त में तो पहचान हो जाने पर इस को रोका जा सकता है अगर नहीं रुकते तो इससे शरीर को नुकसान भी होने लगता है इसके लिए हम इसकी जांच भी करवा सकते हैं जांच करवाने से हमें पता चलता है कि हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा कैसी है
यूरिक एसिड के कारण
हमारे शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ाना मोटापा तथा उच्च रक्तचाप को बढ़ाने के साथ-साथ शुगर और हृदय रोगों की भी बढ़ा देता है मूर्ति रिसर्च कहती है कि सामान्य लोगों की अपेक्षा जिन लोगों का यूरिक एसिड अधिक बनता है उनमें टाइप में डायबिटीज होने की ज्यादा आशंका होती है और उन्हें गठिया जोड़ों के दर्द सूजन आ जाती है आमतौर पर रखने में सूजन व दर्द का कारण मुश्किल से चलकर पाना यह सब इसी के कारण ही होता है  इसमें जोड़ों में लालिमा आ जाती है गर्माहट वह दर्द होने लगता है त्वचा पर काले धब्बे भी कई बार देखने को मिलते हैं जवान लोगों में इसका मुख्य कारण अधिक मात्रा में नॉनवेज का खाना तथा शरीर में प्रोटीन की मात्रा का बढ़ना और ज्यादा शराब का या अल्कोहल का सेवन कर लेने से होता है यूरिक एसिड बहुत अधिक बढ़ने पर बड़ा बुरा असर दिखाई देने लगता है किडनी पर इसका ज्यादा प्रभाव पड़ता है कई बार इसके नुकसान से बहुत ज्यादा तकलीफ होती है यूरिक एसिड से हाइपरटेंशन भी बढ़ता है  यूरिक एसिड बढ़ने पर यह जरूरी हो जाता है कि हम अपने वजन को नियंत्रण में रखें मोटापे की स्थिति में जो हमारे शरीर में उत्पन्न वसा ऊतक होते हैं उनको यूरिक एसिड का निर्माण बढ़ा देते हैं रेडमी पोल्ट्री प्रोडक्ट्स तथा मछली का सेवन सीमित ही करें बहुत ज्यादा ना करें  सागर शाकाहारी भोजन का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें दूध से बने डेहरी प्रोडक्ट आप ले सकते हैं लो फैट दूध लेना ज्यादा अच्छा रहेगा मशरूम पालक तथा हर शहर की दाल का सेवन कम करें क्योंकि इन सब चीजों में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है अल्कोहल का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें अधिक फाइबर वाली चीजें खाएं फाइबर युक्त चीजों में यूरिक एसिड को अवशोषित कर लेता है तथा ऐसे शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है और ब्रोकली आदि खा सकते हैं विटामिन सी युक्त प्रोडक्ट से भी इनको फायदा होता है पेशाब के रास्ते इसमें से यूरिक एसिड को निकालने की क्षमता अधिक होती है वनस्पति घी की बजाय खाना पकाने में जैतून के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं जैतून के तेल में शरीर में अतिरिक्त यूरिक एसिड के निर्माण को रोकने की ताकत होती है एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर फल व सब्जियां खाएं लाल शिमला मिर्च टमाटर जो विटामिन से भरपूर होते हैं|
यूरिक एसिड के लक्षण
जब शरीर में उठने बैठने में परेशानी हो हर समय थकान बनी रहे यह यूरिक एसिड के बढ़ने के लक्षण हो सकते हैं इसमें हाथों तथा पैरों की उंगलियों में चुभने वाला दर्द होता है जो कभी कभी बहुत असहनीय हो जाता है तो समझ लेना चाहिए कि शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो गई है  इसका पता हम जांच के द्वारा भी लगा सकते हैं  यूरिक एसिड  को कम करने के उपाय है  यूरिक एसिड को कम करने के लिए हम इन अपना उपायों को अपना करके इसे कम कर सकते हैं इसके लिए सबसे पहले हम एक चम्मच सेब के सिरके को एक गिलास पानी में डाल लें अब इस मिश्रण को पूरे दिन में दो से तीन बार पिएं  इसका सेवन तब तक करें जब तक इस समस्या से आपको छुटकारा ना मिल जाए इसके अलावा  आप नींबू के जूस को एक गिलास गर्म पानी में निचोड़ लें फिर इसे सुबह सुबह खाली पेट पी है इस उपाय से कुछ हफ्ते तक जारी रखें इससे आपको आराम मिलेगा इसके अलावा आफ विटामिन सी की सप्लीमेंट्री की ले सकते हैं लेकिन सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें|
यूरिक एसिड को कम करने के उपाय
इसके बाद आप चेरी चेरी में केमिकल्स होते हैं जो यूरिक एसिड को कम करने की मदद करते हैं साथ ही साथ बैंगनी और नीले रंग की बेरी नाम में लोगों ने नामक तत्व होता है जो यूरिक एसिड को कम करता है साथ ही साथ अकड़न और सूजन को भी कंट्रोल करता है  कुछ हफ्तों तक एक या आधा कप चेरी रोजाना खाएं इससे भी आपको आराम मिलेगा तथा इसके अलावा आप एक या दो कप सीरीज उसको भी चार हफ्तों तक पी सकते हैं साथ ही साथ आफ स्ट्रौबरी टमाटर वेलपेपर ब्लूबेरी विटामिन सी एंटी ऑक्सीडेंट फल सब्जियों को भी अपने आहार में शामिल कर सकते हैं तीसरा उपाय है बेकिंग सोडा बेकिंग सोडा को बायको नाइट सोडा भी कहा जाता है यह एक यूरिक एसिड को कम स्तर पर करने के लिए रामबाण उपाय है इसमें गाउट में दर्द भी दूर होता है|
बेकिंग सोडा में प्राकृतिक स्तर को बनाए रखने और यूरिक एसिड को भी घुलनशील बना देता है जिससे यूरिक एसिड किडनी द्वारा आसानी से शरीर के बाहर निकल जाता है सबसे पहले एक या  आधा चम्मच सोडा को एक गिलास पानी में मिला लें अब इस मिश्रण को रोज  हर 2 से 4 घंटे बाद पी सकते हैं इसे लगातार दो हफ्तों तक पिए आपको आराम मिलेगा    जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तथा जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है वह इनमें चरणों का से 1 दिन में 3 बार से अधिक ना करें  सब्जियों को पकाते समय सब्जियों में तेल बटर के इस्तेमाल की बजाय आप कोल्डप्रेस्ड जैतून के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं जैतून के तेल में सोशल फैट होता है जो गर्म करने के बाद भी वैसा वैसा का वैसा ही रहता है  जैतून के तेल के प्रयोग करने से आपके शरीर को भोजन में कोई नुकसान नहीं पहुंचता है
  इसके साथ ही साथ आप रोजाना ज्यादा से ज्यादा पानी पिए जिससे यूरिक एसिड को शरीर से बाहर निकलने में मदद मिलेगी पानी यूरिक एसिड को पतला करता है और किडनी को उत्तेजित करता है जिसके कारण शरीर से यूरिक एसिड मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाता है इसलिए जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं और यूरिक एसिड को अपने शरीर से बाहर निकालने में मदद करें पूरे दिन में आठ से 10 गिलास पानी जरूर पिएं साथ ही साथ कई तरल पदार्थों का भी अपने आहार में शामिल करें जैसे फलों और सब्जियों का जूस इससे आपके शरीर में से यूरिक एसिड को बाहर निकलने में  आसानी होगी खाद्य पदार्थों में जैसे फाइबर से युक्त पदार्थ यूरिक एसिड के स्तर को ��े अवशेषों को करके शरीर से उन्हें ��िकालने में मदद करते हैं
आप स्टार्ट वाले कार्बोहाइड्रेट से समृद्ध आहार भी खा सकते हैं इसमें पूरींस की मात्रा भी अधिक होती है साबुत अनाज सेब संतरे चौधरी जैसे आया है जो फाइबर से भरपूर हैं स्टार ची कार्बोहाइड्रेट वाले पदार्थों के सेवन जैसे चावल साबुत अनाज वाला पास्ता साबूदाना आलू और और केला भी आप खा सकते हैं  डेरी प्रोडक्ट मैं आप रोजाना एक से पांच कप मलाईदार दूध पी सकते हैं तथा आप कम वसा वाली दही और अन्य डेयरी प्रोडक्ट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं  शराब के सेवन को आप नियंत्रित करें क्योंकि इससे यूरिक एसिड कम करने में दिक्कत होती है रोजाना व्यायाम करें और स्वस्थ वजन बनाए रखें यूरिक एसिड की समस्याओं में संतुलित आहार खाएं जो कार्बोहाइड्रेट में उच्च हो और प्रोटीन में कम हो इरफान कार्बोहाइड्रेट बने हाथ ना खाएं जैसे व्हाइट ब्रेड केक और कैंडी  यह सब सावधानियां बरतने से आपको जो शरीर में यूरिक एसिड की बढ़ी हुई मात्रा से दूर होने में आसानी होगी |
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gethealthy18-blog · 5 years
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फूल गोभी के 15 फायदे, उपयोग और नुकसान – Cauliflower (Phool Gobhi) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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फूल गोभी के 15 फायदे, उपयोग और नुकसान – Cauliflower (Phool Gobhi) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Saral Jain Hyderabd040-395603080 August 14, 2019
दुनिया भर में अपने स्वाद के लिए मशहूर फूल गोभी (Phool Gobhi) का उपयोग सब्जी बनाने से लेकर, पराठे और पकौड़े बनाने तक में होता है। इसके अलावा भी कई ऐसे व्यंजन हैं, जिनमें फूल गोभी का स्थान खास होता है। क्या आप जानते हैं कि भोजन की शान बढ़ाने वाली फूल गोभी खास गुणों से भरपूर है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। आपको बता दें कि स्वाद और स्वास्थ्य के क्षेत्र में फूल गोभी के फायदे बेहद खास हैं। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम आम दिखने वाली फूल गोभी के फायदे, उपयोग और फूलगोभी के नुकसान के बारे में ही बात करेंगे।
विषय सूची
सबसे पहले जानते हैं सेहत के लिए फूल गोभी खाने के फायदे।
फूल गोभी आपके सेहत के लिए क्यों अच्छी है?
फूल गोभी में पाए जाने वाले पोषक तत्व हमारे लिए बेहद ही फायदेमंद हैं। इसमें तमाम तरह के विटामिन्स, मैग्नीशिय व पोटैशियम पाए जाते हैं, जो न सिर्फ हमारे दिल व दिमाग को ठीक रखते हैं, बल्कि कैंसर जैसी घातक बीमारी से भी हमारी सुरक्षा करते हैं। इतना ही नहीं इसके फायदे बालों और त्वचा के लिए भी भरपूर हैं (1)।
आइए, अब जानते हैं स्वास्थ के क्षेत्र में फूलगोभी के फायदे
फूल गोभी के फायदे – Benefits of Cauliflower (Phool Gobhi) in Hindi 
जैसा कि आप जान ही चुके हैं कि फूलगोभी विटामिन और मिनरल्स से समृद्ध है। यहां हम विस्तार से बता रहे हैं कि फूलगोभी किस-किस प्रकार से हमारे लिए लाभकारी है।
1. ह्रदय को स्वास्थ्य रखने में कारगर
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फूल गोभी के अंदर सल्फोराफेन की प्रचुर मात्रा होती है (2)। शोध से पता चलता है कि सल्फोराफेन उच्च रक्तचाप को कम करने और धमनियों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है  और ये दोनों ही ह्रदय रोग को रोकने में प्रमुख कारक हैं (3)।
2. कैंसर की रोकथाम में सहायक
कुछ शोध के अनुसार, सल्फोराफेन में कैंसर की आशंका को पनपने से रोकने की क्षमता होती है (3)। इसलिए, फूल गोभी के अंदर मौजूद सल्फोराफेन कोलन और प्रोस्टेट कैंसर के साथ ही कई अन्य कैंसर के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करा सकता है (4)।
3. हड्डियों को करे मजबूत
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फूल गोभी में एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ कैल्शियम की मात्रा भी पाई जाती है, जो दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, फूल गोभी में पाया जाने वाला विटामिन-के हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ हड्डियों के रोगों की रोकथाम और उपचार दोनों में ही उपयोगी हो सकता है (5)।
4. वजन कम करने में कारगर
फूल गोभी वजन घटाने में भी मदद कर सकता है। इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है। इसलिए, वजन बढ़ने की चिंता किए बिना आप इसका सेवन कर सकते हैं। फूलगोभी में कुछ मात्रा फाइबर की भी होती है (6), (7)। फाइबर पेट को भरने में मदद करता है, जिस कारण भूख कम लगती है। साथ ही शरीर को पर्याप्त ऊर्जा भी मिलती है। साथ ही यह कैलोरी की संख्या को कम कर सकता है, जो वजन नियंत्रण में एक महत्वपूर्ण कारक है (8)।  इसलिए, फूल गोभी के फायदे में वजन को कम करना भी शामिल है।
5. सूजन को कम करने में सहायक
फूल गोभी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण सूजन को कम करने और कई पुरानी बीमारियों से बचाने में फायदेमंद होते हैं (7)। एंटीऑक्सीडेंट शरीर में फ्री रेडिकल्स को बनने से रोकता है। साथ ही ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से बचाता है। यहां आपको बता दें कि फ्री रेडिकल्स और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस के कारण आपको सूजन व अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है (9), लेकिन फूलगोभी के सेवन से बचा जा सकता है।
6. ब्रेन फंक्शन को बूस्ट करता है
वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, फूलगोभी में कोलिन की मात्रा पाई जाती है, जो एक प्रकार का विटामिन-बी होता है (10)। आंकड़ों की बात करें, तो 100 ग्राम फूलगोभी में कोलिन की मात्रा 127 मिली ग्राम होती है (11)। मस्तिष्क के विकास में कोलिन का विशेष योगदान होता है। कोलिन याददाश्त, मनोदशा, मांसपेशियों पर नियंत्रण, मस्तिष्क के विकास और न्यूरोट्रांसमीटर के उत्पादन में मदद करता है, जो स्वस्थ मस्तिष्क के लिए जरूरी हैं (12)।
7. कोलेस्ट्रॉल को करे नियंत्रित
जैसा कि आप जान ही चुके हैं कि फूलगोभी में कोलिन पाया जाता है, जो लिवर में कोलेस्ट्रॉल को जमा होने से रोकने में मदद करता है (13)। फूलगोभी में पाया जाने वाला फाइबर भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है (6)। घुलनशील फाइबर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम कर सकता है। एक दिन में 5 से 10 ग्राम या उससे अधिक घुलनशील फाइबर आपके एलडीएल कोलेस्ट्रॉल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है (14)।
8. पाचन-तंत्र होता है मजबूत
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फूलगोभी खाने के फायदे में यह भी हैं कि इसके सेवन से पाचन-तंत्��� मजबूत होता है, क्योंकि इसमें फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है (6)। एक शोध के अनुसार फाइबर कब्ज, बवासीर, पेट के कैंसर, गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग, अल्सर, मोटापा आदि कई रोगों के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रभाव के लिए जाना जाता है, जो पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद है (15)।
9. लिवर और किडनी के लिए जरूरी
शरीर में कोलिन की कमी होने से लीवर और मांसपेशियों को नुकसान पहुंच सकता है। साथ ही ह्रदय रोग की समस्या भी हो सकती है। वहीं, फूल गोभी में मौजूद कोलिन इस कमी को पूरा करता है (11)। अगर इसे उचित मात्रा में लिया जाए, तो यह लिवर व किडनी को संक्रमण आदि समस्याओं से दूर कर मजबूत बना सकता है (16)। हालांकि, कुछ स्रोत गुर्दे की पथरी या गुर्दे की बीमारी के मामले में फूलगोभी से बचने के लिए कहते हैं, क्योंकि इसमें यूरिक एसिड ज्यादा होता है (17)। इसलिए, बेहतर यही होगा कि आप इस विषय में पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
10. आंखों के लिए फूल गोभी के फायदे
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आंखों की रक्त वाहिकाओं के लिए विटामिन-सी अच्छा होता है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार, यह मोतियाबिंद होने के जोखिम को कम कर सकता है। 100 ग्राम फूल गोभी में इसकी मात्रा 48.2 मिलीग्राम होती है (18)। विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है, जो बढ़ती उम्र के साथ आंखों को होने वाले नुकसान से बचाता है (19)।
11. रक्त प्रवाह बढ़ाने में असरकारक फूल गोभी
फूल गोभी में पाया जाने वाला नाइट्रेट शरीर में रक्त संचार को बेहतर करता है (20) (21)। इसलिए, फूलगोभी का नियमित सेवन रक्त संचार में सुधार कर सकता है और रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकता है।
12. हार्मोन को संतुलित करे फूल गोभी
फूल गोभी जैसे फाइटोएस्ट्रोजन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से हार्मोन संतुलित हो सकते हैं। इससे असंतुलित हार्मोन के कारण होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है (22)।
13. विषाक्त पदार्थों को करे दूर
फूल गोभी में इंडोल-3 कार्बिनोल होता है, जो एक प्रकार का फाइटोन्यूट्रिएंट है। इससे लिवर को डिटॉक्स करने और विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद मिलती है (23)।
14. डायबिटीज
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अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज है, तो इस अवस्था में गैर-स्टार्च वाली सब्जियों का चुनाव करना बेहतर होता है (24)। इस मामले में आप फूल गोभी पर भरोसा कर सकते हैं। यह स्टार्च से रहित सब्जी है (25)। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए प्रतिदिन स्टार्च रहित सब्जियां खाने की सलाह देता है।
15. त्वचा और बालों के लिए फूल गोभी के फायदे
फूल गोभी में मौजूद विटामिन सी कोलेजन के उत्पादन में सुधार करता है (26)। साथ ही चेहरे पर झुर्रियों के प्रभाव को कम करता है। वहीं, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा पर होने वाले हानिकारक प्रभाव को दूर कर त्वचा को स्वस्थ बनाने में सहायता कर सकता है (27)। विटामिन सी बालों को मजबूत करने में भी सहायक हो सकता है  (28)।
 इतना सब जानने के बाद आइए जानते हैं, फूल गोभी में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों के बारे में।
फूल गोभी के पौष्टिक तत्व – Cauliflower Nutritional Value in Hindi
यहां हम टेबल के जरिए बता रहे हैं कि फूलगोभी में कौन-कौने से पोषक तत्व पाए जाते हैं और उनकी मात्रा कितनी होती है (18)।
फूल गोभी के पोषक तत्व पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम ऊर्जा 25 कैलोरी कार्बोहाइड्रेट 4.97 ग्राम वसा 0.28 ग्राम प्रोटीन 1.92 ग्राम कोलेस्ट्रॉल 0 मिलीग्राम फाइबर 2.0 ग्राम विटामिन फ्लोट 57µg नियासिन 0.507 मिलीग्राम पैंटोथेनिक एसिड 0.667 मिलीग्राम पाइरिडोक्सिन 0.184 मिलीग्राम राइबोफ्लेविन 0.060 मिलीग्राम थियामिन 0.050 मिलीग्राम विटामिन सी 48.2 मिलीग्राम विटामिन ए 0 आईयू विटामिन ई 0.08 मिलीग्राम विटामिन के 15.5 µg इलेक्ट्रोलाइट्स सोडियम 30 मिलीग्राम पोटैशियम 299 मिलीग्राम  मिनरल्स कैल्शियम 22 मिलीग्राम कॉपर 0.039 मिलीग्राम आयरन 0.42 मिलीग्राम मैग्नीशियम 15 मिलीग्राम मैंगनीज 0.155 मिलीग्राम जिंक 0.27 मिलीग्राम कैरोटीन-ß 0µg ल्यूटिन-जेक्सैंथिन 1µg
आइए जानते हैं फूल गोभी के फायदे के लिए इसका उपयोग कब, कैसे और कितनी मात्रा में करना चाहिए।
फूल गोभी का उपयोग – How to Use Cauliflower (Phool Gobhi) in Hindi
फूल गोभी का उपयोग मुख्य रूप से सब्जी बनाने में किया जाता है, लेकिन आप निम्न तरीकों से भी इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं :
आप इसे शिमला मिर्च, किशमिश, सफेद सिरका आदि के साथ मिक्स करके सलाद बना सकते हैं।
आप फूल गोभी को मैरीनेट करने के बाद ग्रिल करके भी सेवन कर सकते हैं।
फूल गोभी में क्रीम और चीज़ को मिक्स करने से एक नई डिश बन सकती है। जो न सिर्फ स्वादिष्ट होगी, बल्कि पौष्टिक भी होगी।
आप गोभी के पराठे भी बना सकते हैं, जो खासकर सर्दियों में हर किसी पसंद होते हैं।
शलजम व गाजर के साथ मिलाकर फूल गोभी का आचार भी डाला जा सकता है। इसे भोजन के साथ लेने से खाने का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है।
फूल गोभी से बना सूप भी स्वादिष्ट और सेहतमंद होता है।
वैसे तो फूल गोभी के फायदे बहुत हैं, लेकिन फूल गोभी के नुकसान और कुछ दुष्‍प्रभाव भी देखने को मिलते हैं। आइए, इस बारे में जानते हैं।
फूल गोभी के नुकसान – Side Effects of Cauliflower in Hindi
फूलगोभी के सेवन के कुछ नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं, खासकर अगर इसे अधिक मात्रा में खाया जाए।
किडनी स्टोन का कारण: इसमें यूरिक एसिड की मात्रा ज्यादा होती है। अगर आप इसे अधिक मात्रा में खाते हैं, तो किडनी में पथरी बनने की आशंका हो सकती है (17)।
गैस की समस्या: फूल गोभी में कार्ब्स होते हैं, जो आसानी से नहीं टूटते। इसलिए, फूल गोभी के अत्यधिक सेवन से गैस की समस्या हो सकती है (29)।
रक्त के थक्के का डर: विटामिन-के रक्त के थक्के को जमाता है और फूल गोभी में विटामिन-के पर्���ाप्त मात्रा होता है  (18)। इसलिए, जो खून को गाढ़ा करने की दवा खा रहे हों, उन्हें डॉक्टर की सलाह पर ही फूल गोभी का सेवन करना चाहिए।
स्तनपान कराने वाली मां के लिए हानिकारक: जो महिलाएं अपने शिशु को स्तनपान करवा रही हैं, उन्हें फूल गोभी जैसे गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए (30)।
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने फूलगोभी से जुड़ी कई अहम जानकारियां आप तक पहुंचाने का प्रयास किया है। इससे आप इतना तो समझ गए होंगे कि स्वास्थ्य के लिहाज से फूल गोभी फायदेमंद है। यह स्वादिष्ट है और इसे डाइट में आसानी से शामिल किया जा सकता है। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा, हमें जरूर बताएं। साथ ही अपने अनुभव और सुझाव नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमारे साथ जरूर साझा करें।
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Saral Jain
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/phool-gobhi-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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luckysweetspeace · 3 years
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जहर के समान है सफेद नमक (salt), इसके सेवन को करे नियंत्रित
अक्सर आपने लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि नमक (salt) कम खाना चाहिए। यह सेहत (health) के लिए हानिकारक होता है। इसके कई गंभीर नुकसान है लेकिन यह बात किस हद तक सही है।
नमक (Salt) यानी कि सोडियम क्लोराइड (sodium chloride) हमारे शरीर के लिए ऐसा जरूरी केमिकल कंपाउंड है जिसके बिना हमारे शरीर में लीवर (lever), दिल (heart) और थायराइड (thyroid) जैसे कई जरूरी अंग काम करना बंद कर सकते हैं, यानी कि सही मायने में इसके बिना जीवित रह पाना बेहद मुश्किल है।
वहीं दूसरी तरफ अगर शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाए तो मामूली से दिखने वाले नमक के सफेद दाने धीरे-धीरे व्यक्ति की शरीर को खोखला कर सकते हैं। बालों का झड़ना (hair fall), त्वचा रोग (skin disease), एसिडिटी (acidity), हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure), किडनी में समस्या (kidney disorders), यूरिक एसिड (uric acid) और यहां तक कि लगभग 40 से ज्यादा गंभीर रोग शरीर में नमक की मात्रा बढ़ने से होते हैं। हैरानी की बात तो यह है कि आज हमारे देश में 90% से ज्यादा लोग अपनी रेगुलर डाइट (regular diet) में नमक जरूरत से ज्यादा ही खा रहे हैं, क्योंकि हमारे भोजन में नमक ज्यादा है ही और भोजन के अलावा जितनी खाए जाने वाली चीजें हैं, सभी में नमक जरूर मौजूद होता है।
सर दर्द (head ache), मोटापा (obesity) , बालों का झड़ना (hair fall) या शरीर में चल रही किसी भी बीमारी का मुख्य कारण कहीं ना कहीं नमक भी हो सकता है।
Continue reading at: https://arribatrends.in/harmful-effects-of-table-salt/
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luckysweetspeace · 3 years
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जहर के समान है सफेद नमक (salt), इसके सेवन को करे नियंत्रित
अक्सर आपने लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि नमक (salt) कम खाना चाहिए। यह सेहत (health) के लिए हानिकारक होता है। इसके कई गंभीर नुकसान है लेकिन यह बात किस हद तक सही है।
नमक (Salt) यानी कि सोडियम क्लोराइड (sodium chloride) हमारे शरीर के लिए ऐसा जरूरी केमिकल कंपाउंड है जिसके बिना हमारे शरीर में लीवर (lever), दिल (heart) और थायराइड (thyroid) जैसे कई जरूरी अंग काम करना बंद कर सकते हैं, यानी कि सही मायने में इसके बिना जीवित रह पाना बेहद मुश्किल है।
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वहीं दूसरी तरफ अगर शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाए तो मामूली से दिखने वाले नमक के सफेद दाने धीरे-धीरे व्यक्ति की शरीर को खोखला कर सकते हैं। बालों का झड़ना (hair fall), त्वचा रोग (skin disease), एसिडिटी (acidity), हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure), किडनी में समस्या (kidney disorders), यूरिक एसिड (uric acid) और यहां तक कि लगभग 40 से ज्यादा गंभीर रोग शरीर में नमक की मात्रा बढ़ने से होते हैं। हैरानी की बात तो यह है कि आज हमारे देश में 90% से ज्यादा लोग अपनी रेगुलर डाइट (regular diet) में नमक जरूरत से ज्यादा ही खा रहे हैं, क्योंकि हमारे भोजन में नमक ज्यादा है ही और भोजन के अलावा जितनी खाए जाने वाली चीजें हैं, सभी में नमक जरूर मौजूद होता है।
सर दर्द (head ache), मोटापा (obesity) , बालों का झड़ना (hair fall) या शरीर में चल रही किसी भी बीमारी का मुख्य कारण कहीं ना कहीं नमक भी हो सकता है।
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kisansatta · 4 years
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आर्थराइटिस: जानिये गठिया रोग को क्या नहीं खाना चाहिए
आर्थराइटिस एक ऐसी समस्या है, जिसमें व्यक्ति को तेज दर���द सहन करना पड़ता है। बोलचाल की भाषा में आर्थराइटिस को गठिया और जोड़ों का दर्द भी कहते हैं। गठिया रोग बहुत ही दर्दनाक बीमारी है, यह जिसे एक बार हो जाती है उसका पीछा दूर दूर तक नहीं छोड़ती। इस बीमारी में शरीर में यूरिक एसिड बढ जाता है जिससे जोड़ों में दर्द पैदा होता है। कई लोगों को तो गठिया समय के साथ बढता है पर कई लोगों में गठिया बचपन से ही हो जाता है। यह दर्द शरीर के किसी भी हिस्से में उस जगह पर हो सकता है, जहां दो हड्डियां आपस में जुड़ रही हों। आर्थराइटिस का दर्द उंगली के जोड़ से लेकर घुटने तक किसी भी संधि में हो सकता है।कुछ ऐसे भी फूड हैं जो गठिया के दर्द को बढा भी सकते हैं। हम अक्‍सर गलती या जानबूझ कर ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन कर जाते हैं जो हमारे दर्द को और भी ज्‍यादा बढा देते हैं-
आप रेड मीट का सेवन करना पसंद करते हैं तो उससे भी गठिया का दर्द बढ सकता है। जब आपको गठिया हो तब आपको उन खाद्य पदार्थों को खाने से बचना चाहिये जिसमें अधिक फॉस्‍फोरस पाया जाता है। ऐसा इसलिये क्‍योंकि आपके शरीर में जितना फॉस्‍फोरस रहेगा आप उतना ही कैल्‍शियम हड्डियों से घटाते जाएंगे।
टमाटर ना खाएं टमाटर के बीजो में बहुत सारा यूरिक एसिड होता है जो हड्डियों में जम कर गठिया का दर्द पैदा करता है।
दूध ना खाएं दूध में भी भारी मात्रा में प्‍यूरीन पाया जाता है जो कि यूरिक एसिड को बढावा देता है।
घोंघा ना खाएं इसमें मौजूद प्‍यूरीन बाद में यूरिक एसिड में बदल जाता है। इसलिये आप जितना ज्‍यादा यूरिक एसिड खाएंगे आपको उतना ज्‍यादा दर्द होगा।
आमतौर पर माना जाता है कि गठिया के रोगियों को खट्टे फल और खट्टे खाद्य पदार्थ जैसे दही, छाछ इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए।
जिन लोगों को आर्थराइटिस की समस्या हो उन्हें बहुत अधिक शुगर का उपयोग नहीं करना चाहिए। फिर चाहे शुगर लिक्विड फॉर्म में हो या किसी स्वीट डिश यानी मिठाई के रूप में।
शुगर से भरपूर चीजें खाने से शरीर में सूजन की समस्या बढ़ सकती है, जो आर्थराइटिस के दर्द को बढ़ाने का काम करेगी। इसलिए चॉकलेट्स, कैंडी, सॉफ्ट ड्रिंक्स और सोडा जैसी चीजों से दूर रहना चाहिए।
डेयरी प्रॉडक्ट्स हमारे लिए लाभकारी होते हैं। क्योंकि इनसे हमें बड़ी मात्रा में प्रोटीन की प्राप्ति होती है। लेकिन डेयरी प्रॉडक्ट्स में प्रोटीन का कुछ ऐसा भाग भी होता है, जो आर्थराइटिस की समस्या को बढ़ा देता है।
खाने में तो नमक खाया ही जाता है। लेकिन इसमें भी आप काला नमक या पिंक सॉल्ट का उपयोग करेंगे तो आपको अधिक लाभ होगा।
बेहतर होगा कि आप फास्ट फूड से एकदम दूरी बना लें। क्योंकि फास्ट फूड्स में आमतौर पर नमक की मात्रा बहुत अधिक होती है। जो ना केवल आर्थराइटिस की समस्या को बढ़ाती है बल्कि हमारे रुटीन हेल्थ को भी नुकसान पहुंचाती है। जैसे, बीपी हाई होना, यूरिन अधिक आना।
आर्थराइटिस के मरीजों को मैदा और बटर का उपयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि इनके सेवन से शरीर में सूजन बढ़ने की दिक्कत हो सकती है।
इसलिए खासतौर पर फास्ट फूड जैसे पिज्जा, बर्गर, चीज, पाव आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इनमें मैदा भी होती है और इन्हें तैयार करने में बटर का उपयोग भी किया जाता है। ये दोनों ही आर्थराइटिस के मरीजों के लिए धीमे जहर की तरह काम करते हैं।
वेजिटेबल तेल ना खाएं सोयाबीन तेल या सूरजमुखी आदि का तेल में बहुत सारा फैट होता है जो सूजन पैदा करता है।
वैसे तो नशा करना और स्मोकिंग करना हर किसी की सेहत को नुकसान पहुंचाता है। लेकिन अगर किसी को आर्थराइटिस की समस्या हो तो उसे इन दोनों ही चीजों से बहुत दूरी बना लेनी चाहिए।जिन लोगों को आर्थराइटिस की समस्या होती है, उन्हें एल्कोहॉल के सेवन से अधिक दर्द झेलना पड़ सकता है। क्योंकि एल्कोहल से उन्हें Gout की समस्या हो सकती है। यह भी आर्थराइटिस का ही एक प्रकार है, जो सामान्य से अधिक दर्दभरा होता है।
डीप फ्राइड चीजें और खासतौर पर फ्रैंच फ्राइज के सेवन से आर्थराइटिस के मरीजों को दूर रहना चाहिए। क्योंकि ये वेजिटेबल ऑइल में तैयार किए जाते हैं, जिनमें ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है। साथ ही ये कार्बोहाइड्रेट और सोडियम से रिच होते हैं। ये सभी चीजें मिलकर शरीर में सूजन बढ़ाने का काम करती हैं। इनसे जोड़ों में दर्द की समस्या अधिक हो सकती है।अगर आपको पोटैटो खाने ही हैं तो बेहतर है कि आप सीजन के दौरान शकरकंद का उपयोग करें।
कैफीन ना खाएं शरीर को डीहाइड्रेट बनाता है जो दर्द को बढा देता है। साथ ही यह शरीर के जरुरी पोषक तत्‍वों को भी सोख लेती है जिससे और भी दर्द होता है।
https://kisansatta.com/arthritis-know-what-not-to-eat-for-arthritis/ #ArthritisKnowWhatNotToEatForArthritis, #Candy, #ShouldStayAwayFromThingsLikeChocolate, #SoftDrinksAndSoda Arthritis: Know what not to eat for arthritis, candy, Should stay away from things like chocolate, soft drinks and soda Life, Trending #Life, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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khabaruttarakhandki · 4 years
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यूरिक एसिड के कारण लक्षण और उपाय …
यूरिक एसिड के कारण लक्षण और उपाय
यूरिक एसिड होता क्या है?
पहले हमें यह जानना बहुत जरूरी है कि यूरिक एसिड होता क्या है  यूरिक एसिड शरीर में बनने वाला एक ऐसा रसायन होता है जो हमारी पाचन क्रिया के मध्य प्रोटीन के टूटने से बनता है मूसली यूरिक एसिड खून में घोलकर किडनी तक पहुंचता है और वह वहां जाकर वहां की सफाई करता है तथा टॉयलेट के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है बहुत बार ऐसा भी होता है कि यूरिक एसिड  ज्यादा बनने लगता है  तथा वह फिल्टर होकर के शरीर से बाहर नहीं निकल पाता है तथा वह सही के अंदर ही जमा होता रहता है यह  किसी के जमा होने की स्थिति में यह शरीर ��ें किडनी में पथरी की तरह बढ़ता रहता है  यह कई बार आंशिक शारीरिक सक्रियता अधिक मात्रा में नॉनवेज खाने तथा शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने की आशंका से होते हैं ऐसे में शुरुआती वक्त में तो पहचान हो जाने पर इस को रोका जा सकता है अगर नहीं रुकते तो इससे शरीर को नुकसान भी होने लगता है इसके लिए हम इसकी जांच भी करवा सकते हैं जांच करवाने से हमें पता चलता है कि हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा कैसी है
यूरिक एसिड के कारण
हमारे शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ाना मोटापा तथा उच्च रक्तचाप को बढ़ाने के साथ-साथ शुगर और हृदय रोगों की भी बढ़ा देता है मूर्ति रिसर्च कहती है कि सामान्य लोगों की अपेक्षा जिन लोगों का यूरिक एसिड अधिक बनता है उनमें टाइप में डायबिटीज होने की ज्यादा आशंका होती है और उन्हें गठिया जोड़ों के दर्द सूजन आ जाती है आमतौर पर रखने में सूजन व दर्द का कारण मुश्किल से चलकर पाना यह सब इसी के कारण ही होता है  इसमें जोड़ों में लालिमा आ जाती है गर्माहट वह दर्द होने लगता है त्वचा पर काले धब्बे भी कई बार देखने को मिलते हैं जवान लोगों में इसका मुख्य कारण अधिक मात्रा में नॉनवेज का खाना तथा शरीर में प्रोटीन की मात्रा का बढ़ना और ज्यादा शराब का या अल्कोहल का सेवन कर लेने से होता है यूरिक एसिड बहुत अधिक बढ़ने पर बड़ा बुरा असर दिखाई देने लगता है किडनी पर इसका ज्यादा प्रभाव पड़ता है कई बार इसके नुकसान से बहुत ज्यादा तकलीफ होती है यूरिक एसिड से हाइपरटेंशन भी बढ़ता है  यूरिक एसिड बढ़ने पर यह जरूरी हो जाता है कि हम अपने वजन को नियंत्रण में रखें मोटापे की स्थिति में जो हमारे शरीर में उत्पन्न वसा ऊतक होते हैं उनको यूरिक एसिड का निर्माण बढ़ा देते हैं रेडमी पोल्ट्री प्रोडक्ट्स तथा मछली का सेवन सीमित ही करें बहुत ज्यादा ना करें  सागर शाकाहारी भोजन का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें दूध से बने डेहरी प्रोडक्ट आप ले सकते हैं लो फैट दूध लेना ज्यादा अच्छा रहेगा मशरूम पालक तथा हर शहर की दाल का सेवन कम करें क्योंकि इन सब चीजों में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है अल्कोहल का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें अधिक फाइबर वाली चीजें खाएं फाइबर युक्त चीजों में यूरिक एसिड को अवशोषित कर लेता है तथा ऐसे शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है और ब्रोकली आदि खा सकते हैं विटामिन सी युक्त प्रोडक्ट से भी इनको फायदा होता है पेशाब के रास्ते इसमें से यूरिक एसिड को निकालने की क्षमता अधिक होती है वनस्पति घी की बजाय खाना पकाने में जैतून के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं जैतून के तेल में शरीर में अतिरिक्त यूरिक एसिड के निर्माण को रोकने की ताकत होती है एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर फल व सब्जियां खाएं लाल शिमला मिर्च टमाटर जो विटामिन से भरपूर होते हैं|
यूरिक एसिड के लक्षण
जब शरीर में उठने बैठने में परेशानी हो हर समय थकान बनी रहे यह यूरिक एसिड के बढ़ने के लक्षण हो सकते हैं इसमें हाथों तथा पैरों की उंगलियों में चुभने वाला दर्द होता है जो कभी कभी बहुत असहनीय हो जाता है तो समझ लेना चाहिए कि शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो गई है  इसका पता हम जांच के द्वारा भी लगा सकते हैं  यूरिक एसिड  को कम करने के उपाय है  यूरिक एसिड को कम करने के लिए हम इन अपना उपायों को अपना करके इसे कम कर सकते हैं इसके लिए सबसे पहले हम एक चम्मच सेब के सिरके को एक गिलास पानी में डाल लें अब इस मिश्रण को पूरे दिन में दो से तीन बार पिएं  इसका ��ेवन तब तक करें जब तक इस समस्या से आपको छुटकारा ना मिल जाए इसके अलावा  आप नींबू के जूस को एक गिलास गर्म पानी में निचोड़ लें फिर इसे सुबह सुबह खाली पेट पी है इस उपाय से कुछ हफ्ते तक जारी रखें इससे आपको आराम मिलेगा इसके अलावा आफ विटामिन सी की सप्लीमेंट्री की ले सकते हैं लेकिन सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें|
यूरिक एसिड को कम करने के उपाय
इसके बाद आप चेरी चेरी में केमिकल्स होते हैं जो यूरिक एसिड को कम करने की मदद करते हैं साथ ही साथ बैंगनी और नीले रंग की बेरी नाम में लोगों ने नामक तत्व होता है जो यूरिक एसिड को कम करता है साथ ही साथ अकड़न और सूजन को भी कंट्रोल करता है  कुछ हफ्तों तक एक या आधा कप चेरी रोजाना खाएं इससे भी आपको आराम मिलेगा तथा इसके अलावा आप एक या दो कप सीरीज उसको भी चार हफ्तों तक पी सकते हैं साथ ही साथ आफ स्ट्रौबरी टमाटर वेलपेपर ब्लूबेरी विटामिन सी एंटी ऑक्सीडेंट फल सब्जियों को भी अपने आहार में शामिल कर सकते हैं तीसरा उपाय है बेकिंग सोडा बेकिंग सोडा को बायको नाइट सोडा भी कहा जाता है यह एक यूरिक एसिड को कम स्तर पर करने के लिए रामबाण उपाय है इसमें गाउट में दर्द भी दूर होता है|
बेकिंग सोडा में प्राकृतिक स्तर को बनाए रखने और यूरिक एसिड को भी घुलनशील बना देता है जिससे यूरिक एसिड किडनी द्वारा आसानी से शरीर के बाहर निकल जाता है सबसे पहले एक या  आधा चम्मच सोडा को एक गिलास पानी में मिला लें अब इस मिश्रण को रोज  हर 2 से 4 घंटे बाद पी सकते हैं इसे लगातार दो हफ्तों तक पिए आपको आराम मिलेगा    जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तथा जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है वह इनमें चरणों का से 1 दिन में 3 बार से अधिक ना करें  सब्जियों को पकाते समय सब्जियों में तेल बटर के इस्तेमाल की बजाय आप कोल्डप्रेस्ड जैतून के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं जैतून के तेल में सोशल फैट होता है जो गर्म करने के बाद भी वैसा वैसा का वैसा ही रहता है  जैतून के तेल के प्रयोग करने से आपके शरीर को भोजन में कोई नुकसान नहीं पहुंचता है
  इसके साथ ही साथ आप रोजाना ज्यादा से ज्यादा पानी पिए जिससे यूरिक एसिड को शरीर से बाहर निकलने में मदद मिलेगी पानी यूरिक एसिड को पतला करता है और किडनी को उत्तेजित करता है जिसके कारण शरीर से यूरिक एसिड मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाता है इसलिए जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं और यूरिक एसिड को अपने शरीर से बाहर निकालने में मदद करें पूरे दिन में आठ से 10 गिलास पानी जरूर पिएं साथ ही साथ कई तरल पदार्थों का भी अपने आहार में शामिल करें जैसे फलों और सब्जियों का जूस इससे आपके शरीर में से यूरिक एसिड को बाहर निकलने में  आसानी होगी खाद्य पदार्थों में जैसे फाइबर से युक्त पदार्थ यूरिक एसिड के स्तर को के अवशेषों को करके शरीर से उन्हें निकालने में मदद करते हैं
आप स्टार्ट वाले कार्बोहाइड्रेट से समृद्ध आहार भी खा सकते हैं इसमें पूरींस की मात्रा भी अधिक होती है साबुत अनाज सेब संतरे चौधरी जैसे आया है जो फाइबर से भरपूर हैं स्टार ची कार्बोहाइड्रेट वाले पदार्थों के सेवन जैसे चावल साबुत अनाज वाला पास्ता साबूदाना आलू और और केला भी आप खा सकते हैं  डेरी प्रोडक्ट मैं आप रोजाना एक से पांच कप मलाईदार दूध पी सकते हैं तथा आप कम वसा वाली दही और अन्य डेयरी प्रोडक्ट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं  शराब के सेवन को आप नियंत्रित करें क्योंकि इससे यूरिक एसिड कम करने में दिक्कत होती है रोजाना व्यायाम करें और स्वस्थ वजन बनाए रखें यूरिक एसिड की समस्याओं में संतुलित आहार खाएं जो कार्बोहाइड्र���ट में उच्च हो और प्रोटीन में कम हो इरफान कार्बोहाइड्रेट बने हाथ ना खाएं जैसे व्हाइट ब्रेड केक और कैंडी  यह सब सावधानियां बरतने से आपको जो शरीर में यूरिक एसिड की बढ़ी हुई मात्रा से दूर होने में आसानी होगी |
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gethealthy18-blog · 5 years
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तुलसी के 22 फायदे, उपयोग और नुकसान – Basil Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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तुलसी के 22 फायदे, उपयोग और नुकसान – Basil Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Anuj Joshi May 31, 2019
भारत के लगभग हर घर में आपको होली बेसिल यानी तुलसी का पौधा नजर आ जाएगा। जहां एक तरफ इसकी धार्मिक मान्यता है, वहीं कई बीमारियों के इलाज में भी इसका प्रयोग किया जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, जिस घर के आंगन में तुलसी का पौधा होता है, वहां बैक्टीरिया और जीवाणु प्रवेश नहीं कर पाते हैं। साथ ही घर का वातावरण भी शुद्ध होता है। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि क्यों और किस प्रकार तुलसी हमारे लिए फायदे हैं। साथ ही इसे किस प्रकार उपयोग करें कि यह हमारे लिए नुकसानदायक साबित न हो।
अब सीधा हम मुद्दे पर आते हुए तुलसी के फायदों के बारे में बात करते हैं। यहां हम जानेंगे कि तुलसी व तुलसी के बीज का उपयोग कैसे किया जा सकता है।
विषय सूची
तुलसी के फायदे – Basil Leaves Benefits in Hindi
वैज्ञानिक भाषा में बात करें, तो तुलसी में एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल व एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं (1)। इन गुणों के चलते ही तुलसी आपके लिए लाभकारी साबित होती है। यह कैंसर, डायबिटीज व ह्रदय रोग जैसी कई बीमारियों का इलाज करने में सक्षम है। इतना ही नहीं सर्दी-जुकाम व श्वासनली से जुड़े रोग व शरीर में आई सूजन को भी तुलसी की मदद से ठीक किया जा सकता है। अगर यह कहा जाए कि तुलसी आयुर्वेदिक औषधि है, तो गलत नहीं होगा। इसे न सिर्फ पूजा के लिए इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि यह दवा का काम भी कर सकती है। तुलसी किस प्रकार सेहत, त्वचा व बालों के लिए कारगर है, उस बारे में हम आगे विस्तार से बता रहे हैं।
सेहत के लिए तुलसी के फायदे – Health Benefits of Basil in Hindi
1. तनाव के लिए तुलसी के फायदे
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आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बेसिल लीव मानसिक तनाव को कम कर सकती है। इसमें एंटी-स्ट्रेस गुण पाया जाता है (1)। तुलसी इम्यून सिस्टम को बेहतर कर सकती है, जिससे काफी हद तक तनाव से राहत मिल सकती है। साथ ही तुलसी शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को संतुलित करने में मदद करती है। कोर्टिसोल एक प्रकार का स्ट्रेस हार्मोन होता है। अगर इसका स्तर कम होता है, तो तनाव व थकान में कमी आती है।
बेसिल लीव ऊर्जा बढ़ाने में भी मदद करती हैं और आपके काम पर फोकस को बेहतर करती है। अगर इन दो मामलों में आप बेहतर होते हैं, तो न सिर्फ तनाव कम होगा, बल्कि काम पर भी अच्छी तरह से ध्यान दे पाएंगे। एक ऑस्ट्रेलियन अध्ययन के अनुसार भी तुलसी मानसिक तनाव को दूर कर सकती है। साथ ही यह विभिन्न प्रकार के केमिकल के दुष्प्रभाव से भी शरीर के अंगों को सुरक्षित रखती है (2)। वहीं, भारत में हुए रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि की गई है कि तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो आपको तनाव से बचा सकते हैं (3)। तुलसी के पत्ते खाने के फायदे की लिस्ट में आप इसे शामिल कर सकते हैं।
2. बेहतर इम्यूनिटी के लिए तुलसी के फायदे
ऐसा माना जाता है कि रोज तुलसी के ताजे पत्ते खाने से इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हो सकती है। इतना ही नहीं, यह श्वासनली से जुड़ी बीमारी अस्थमा तक में फायदेमंद साबित हो सकती है। साथ ही कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण होने वाली समस्याओं ब्रोंकाइटिस व फेफड़ों में संक्रमण से भी बचाव हो सकता है। इन तमाम बीमारियों में तुलसी कफ को पतला करके उसे शरीर से बाहर निकालती है। साथ ही फेफड़ों की कार्यक्षमता में भी सुधार होता है, जिससे आपको आराम मिलता है (4)।
बेसिल लीव के प्रयोग से सर्दी-जुकाम व बुखार को भी ठीक किया जा सकता है (5)। बुखार होने पर आप सिर्फ तुलसी की कुछ पत्तियों को पानी से धोकर चबा लें। साथ ही पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी को पीने से भी आपको आराम मिल सकता है। तुलसी की पत्तियां कटने व जलने से बने घावों को भी ठीक कर सकती हैं। साथ ही किसी भी तरह के संक्रमण से भी बचाती हैं। आप इम्यूनिटी सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए तुलसी का उपयोग कर सकते हैं।
3. वजन घटाने में तुलसी के फायदे
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तनाव में होने पर कुछ लोगों की भूख बढ़ जाती है और वो जरूरत से ज्यादा खाते हैं। इससे वजन बढ़ने लगता है। जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा कि तुलसी के सेवन से तनाव पैदा करने वाले कोर्टिसोल का स्तर कम होता है। इस लिहाज से हम कह सकते हैं कि वजन घटाने के लिए तुलसी का प्रयोग किया जा सकता है।
हाल ही में हुई एक स्टडी ने भी इस संबंध में तुलसी के प्रभाव की पुष्टि की है। स्टडी के अनुसार, मोटापे से ग्रस्त मरीज को प्रतिदिन 250 ग्राम तुलसी के पत्तों का रस दिया गया। इससे मरीज के लिपिड स्तर व बीएमआई में काफी सुधार देखा गया। इस आधार पर कहा जा सकता है कि वजन घटाने में तुलसी मददगार है (6)। इस प्रकार से तुलसी के पत्ते खाने के फायदे में वजन घटाना भी शामिल है।
4. मुंह के स्वास्थ्य के लिए तुलसी के फायदे
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि होली बेसिल मुंह को साफ करके के काम भी आ सकती है। यह मुंह से आने वाली बदबू, पायरिया, मसूड़ों से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने में मदद करती है। ऐसा तुलसी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुणों के ��ारण है (7)। एक अन्य अध्ययन के अनुसार, तुलसी में एंटीमाइक्रोबियल गुण भी होते हैं। इन गुणों के कारण ही तुलसी को मुंह से संबंधित बीमारियों में इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही इसके प्रयोग से कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है (8)। मुंह के स्वास्थ्य के लिए तुलसी का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है।
5. आंखों के लिए तुलसी के फायदे
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इन दिनों हर कोई आंखों से जुड़ी बीमारी से ग्रस्त है। अगर आपके साथ भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो आज से ही तुलसी का प्रयोग शुरू कर दें। तुलसी कंजक्टिवाइटिस जैसे संक्रमण के साथ-साथ अन्य रोगों से भी आंखों की रक्षा कर सकती है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो आंखों को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। ऐसा माना जाता है कि तुलसी की पत्तियां मोतियाबिंद से भी आपको बचा सकती हैं। तुलसी में विटामिन-ए होता है, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इस लिहाज से भी आप तुलसी का प्रयोग कर सकते हैं (9) (10)।
नोट : बेशक तुलसी गुणकारी है, लेकिन आंखें बेहद कोमल होती हैं, इसलिए आंखों में कुछ भी डालने से पहले अच्छे नेत्र विशेषज्ञ से राय जरूर लें।
6. सिरदर्द में तुलसी के फायदे
अगर आपको सिरदर्द है, तो तुरंत राहत पाने के लिए बेसिल लीव पर भरोसा कर सकते हैं। भारत में सदियों से सिरदर्द के लिए तुलसी का प्रयोग किया जा रहा है। फिर चाहे आप इसे रस की तरह प्रयोग करें या फिर पाउडर की तरह। इसके अलावा, आप तुलसी की चाय बनाकर भी पी सकते हैं। चाय में तुलसी के अलावा आप अन्य जड़ी-बूटियां व शहद भी मिला सकते हैं (11)।
7. ह्रदय के लिए तुलसी के गुण
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तुलसी के प्रयोग से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। डायबिटीज, थायराइड व उच्च रक्तचाप से ग्रस्त मरीजों का कोलेस्ट्रॉल सामान्य होना जरूरी है, वरना इससे ह्रदय पर बुरा असर पड़ता है। तुलसी की पत्तियां खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती हैं (12)। ऐसे में आप तुलसी का प्रयोग कर सकते हैं। तुलसी में विटामिन-सी व एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो ह्रदय को फ्री रेडिकल्स से बचाकर रखते हैं।
इसके अलावा, तुलसी में फ्लेवनॉएड नामक तत्व होता है, जो ह्रदय की धमनियों में खून के थक्के बनने नहीं देता। इससे हार्ट अटैक व अन्य ह्रदय रोग की आशंका कम हो जाती है। एक ऑस्ट्रेलियन अध्ययन के अनुसार भी तुलसी ह्रदय रोग से बचाने में सहायक साबित हो सकती है (1)। तुलसी के पत्ते खाने के फायदे में स्वस्थ ह्रदय भी शामिल है।
8. गले में खराश के लिए तुलसी के गुण
मौसम में बदलाव होने, कुछ भी ठंडा खाने, धूम्रपान करने या फिर एलर्जी के कारण गले में खराश होने लगती है। धूम्रपान को छोड़ दिया जाए, तो अन्य कारणों पर हमारा बस नहीं चल सकता। इसलिए, गले में खराश होने पर आप होली बेसिल की पत्तियों को औषधि के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। कुछ वैज्ञानिक शोध में भी पाया गया है कि तुलसी में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं (13)। श्वास व गले से संबंधित कोई भी समस्या होने पर तुलसी का प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए, आप पानी में तुलसी की पत्तियों को पानी में डालकर उबाल लें और फिर उसे पिएं। साथ ही आप इस पानी से गरारे भी कर सकते हैं।
9. कैंसर के लिए तुलसी के लाभ
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शरीर से जुड़ी सामान्य बीमारियों के साथ-साथ तुलसी कैंसर में भी लाभदायक साबित हो सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि तुलसी के रस में रेडियोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं, जो शरीर में पनपने वाले ट्यूमर सेल्स को खत्म कर सकते हैं। इसके अलावा, तुलसी में यूजेनॉल भी पाया जाता है, जिसमें एंटीकैंसर गुण होते हैं। साथ ही तुलसी में रोसमारिनिक एसिड, एपिगेनिन, ल्यूटोलिन, माय्रटेनल जैसे जरूरी फाइटोकेमिकल्स होते हैं। ये भी विभिन्न प्रकार के कैंसर से लड़ने में मदद कर सकते हैं (14)।
एक अन्य अध्ययन के अनुसार, तुलसी के सप्लीमेंट्स भी कैंसर एंजाइम को पनपने से रोक सकते हैं। इतना ही नहीं, तुलसी का रस पैंक्रियाज कैंसर सेल्स में ट्यूमरजेनिसिटी और मेटास्टेसिस के असर को कम कर सकता है (15)। साथ ही यह स्तन कैंसर के प्रभाव को भी धीरे-धीरे कम कर देता है (16)।
10. डायबिटीज के लिए तुलसी के फायदे
डायबिटीज के रोगियों के लिए भी तुलसी फायदेमंद है। तुलसी के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति के शरीर में इंसुलिन का प्रवाह सामान्य हो जाता है। साथ ही वैज्ञानिकों का मानना है कि तुलसी में एंटी-डायबिटीक गुण होते हैं। इसलिए, तुलसी भोजन से पहले और भोजन के बाद ब्लड ग्लूकोज के स्तर को कम कर सकती है (1)।
एक अन्य अध्ययन के अनुसार तुलसी में फ्लेवोनोइड्स, ट्राइटरपेन व सैपोनिन जैसे कई फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो हाइपोग्लाइसेमिक के तौर पर काम करते हैं। इससे शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है (17)। तुलसी के पत्ते खाने के फायदे में डायबिटीज का उपचार भी शामिल है।
तुलसी की पत्तियों व तुलसी के बीज का उपयोग जानने के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।
11. खांसी व सर्दी के लिए तुलसी के बेनिफिट्स
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वैसे तो बाजार में खांसी के लिए ऐसे सिरप मिलते हैं, जिनमें तुलसी होती है, लेकिन इनके मुकाबले तुलसी के घरेलू उपचार ज्यादा फायदेमंद हैं। जैसा कि आप जान ही चुके हैं कि तुलसी में एंटीइंफ्लेमेटरी व एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो श्वासनली से जुड़ी समस्याओं में कारगर साबित हो सकते हैं। इसलिए, खांसी के लिए आप तुलसी पर भरोसा कर सकते हैं। इसके लिए आप तुलसी की कुछ पत्तियों को पानी में उबालकर इस पानी को पिएं। इससे आपको आराम मिल सकता है। वहीं, अगर आपको सर्दी लग रही है, तो आप तुलसी की पत्तियां चबा सकते हैं। इसके अलावा, तुलसी के पत्तों की चाय भी पी सकते हैं। इससे आपको सर्दी लगने में राहत मिल सकती है (18)। आप खांसी या फिर सर्दी होने पर तुलसी का उपयोग कर सकते हैं।
12. किडनी स्टोन के लिए तुलसी के फायदे
इन तमाम खूबियों के अलावा, तुलसी में एक गुण और भी है। यह शरीर को अच्छी तरह से डिटॉक्सीफाई कर सकती है। साथ ही इसमें हल्का मूत्रवर्धक गुण भी होता है, जिस कारण से यह किडनी में पथरी होने पर अपना असर दिखा सकती है। यह एक तरफ शरीर में यूरिक एसिड को कम करती है, तो दूसरी तरफ मूत्रवर्धक गुण के चलते किडनी से पथरी को निकालने में मदद करती है। साथ ही किडनी की कार्��क्षमता में भी वृद्धि होती है (19)।
13. पेट के लिए तुलसी के फायदे
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पेट सही नहीं, तो पूरे शरीर की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। इसलिए, पेट का ठीक रहना जरूरी है। इस मामले में तुलसी रामबाण इलाज है। यह पेट में दर्द, पेट का फूलना, एसिडिटी व कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिला सकती है। साथ ही अगर आप नियमित रूप से तुलसी का सेवन करते हैं, तो अल्सर जैसी समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है (20)।
अगर आपके पेट में तेज दर्द हो रहा है, तो आप 10ml तुलसी के रस में 20ml नींबू का रस मिलाकर पी सकते हैं। इससे आपको तुरंत आराम मिल सकता है। वहीं, अगर एसिडिटी की समस्या है, तो तुलसी के बीजों को पानी में उबालकर पीने से राहत मिल सकती है।
14. लिवर के लिए तुलसी के बेनिफिट्स
एक वैज्ञानिक रिसर्च के दौरान तुलसी में हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण पाए गए थे। हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण के चलते लिवर को नुकसान होने से बचाया जा सकता है। इसलिए, खराब लिवर से पीड़ित चूहे को तुलसी का सेवन कराया गया था। इसके बाद चूहे में सकारात्मक बदलाव नजर आए थे। रिसर्च के दौरान पाया गया कि तुलसी के प्रयोग से चूहे के लिवर में आई सूजन कम हो गई है (21)। इतना ही नहीं, तुलसी के सेवन से शरीर को डिटॉक्सीफाई करने की लिवर की क्षमता में सुधार हो सकता है।
नोट : इन तमाम गुणों के बावजूद हम यही सलाह देंगे कि लिवर की समस्या होने पर तुलसी का सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
15. सूजन को कम करने में तुलसी के लाभ
जैसा कि हमने इस लेख के शुरुआत में बताया था कि तुलसी में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, इसलिए यह शरीर व जोड़ों में आई सूजन को कम करने में कारगर साबित हो सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार तुलसी में कई गुणकारी तत्व होते हैं, जो सूजन को कम कर सकते हैं। इनमें से मुख्य तत्व अर्सोलिक एसिड है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी की तरह काम करता है (22) (23)। यह कोर्टिसोल के कारण पैदा होने वाले हानिकारक एंजाइम को खत्म करने का काम करता है। तुलसी एनाल्जेसिक (दर्द निवारक दवा) के रूप में भी काम करती है।
16. रक्त वाहिकाओं के लिए तुलसी के बेनिफिट्स
यह तो आप समझ ही चुके हैं कि तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यही कारण है कि तुलसी के इस्तेमाल से रक्त वाहिकाएं ठीक प्रकार से काम कर पाती हैं। रक्त वाहिकाओं में किसी भी तरह की रुकावट पैदा नहीं होती है और न ही उन्हें किसी भी तरह की क्षति होती है। इस संबंध में वैज्ञानिक और शोध कार्य कर रहे हैं। तुलसी के पत्ते खाने के फायदे में रक्त वाहिकाओं की बेहतर कार्यप्रणाली भी शामिल है।
आगे हम बताएंगे कि आपकी स्किन के लिए तुलसी किस प्रकार फायदेमंद साबित हो सकती है।
त्वचा के लिए तुलसी के फायदे – Skin Benefits of Basil in Hindi
17. कील-मुंहासों के लिए तुलसी के लाभ
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तुलसी लिवर को डिटॉक्सीफाई करने के साथ-साथ रक्त को भी साफ करने का काम करती है। इसके पत्तों में मौजूद एंटीबैक्टीरियल व एंटीफंगल गुण खून में जमा विषैले जीवाणुओं को शरीर से बाहर निकाल देते हैं। यही कारण है कि तुलसी कील-मुंहासों को बाहर के साथ-साथ अंदर से भी ठीक करती है। थाइलैंड में हुए एक अध्ययन में भी इस बात को माना गया है कि तुलसी की मदद से कील-मुंहासों का उपचार किया जा सकता है (24)। आप कील-मुंहासों के लिए तुलसी को खाने के साथ-साथ तुलसी की चाय भी बनाकर पी सकते हैं। कील-मुंहासों के लिए तुलसी के पत्ते के फायदे प्राप्त करने के लिए इस फेस पैक का इस्तेमाल कर सकते हैं :
सामग्री :
तुलसी की कुछ पत्तियां
चंदन पाउडर (आवश्यकतानुसार)
गुलाब जल (आवश्यकतानुसार)
प्रयोग की विधि :
सबसे पहले तुलसी की पत्तियों को पीस लें।
फिर उसमें चंदन पाउडर व गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बना लें।
अब इस पेस्ट को चेहर पर लगाकर करीब 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
इसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
इस घरेलू उपचार की मदद से आप न सिर्फ कील-मुंहासों को ठीक कर सकते हो, बल्कि ब्लैकहैड्स व दाग-धब्बों से भी छुटकारा पा सकते हो।
18. त्वचा में संक्रमण के लिए तुलसी के पत्ते के फायदे
तुलसी के पत्तों में एंटीबायोटिक गुण भी पाए जाते हैं, जो संक्रमण के कारण होने वाले त्वचा रोग को ठीक कर सकते हैं। तुलसी की पत्तियां त्वचा रोग का कारण बनने वाले बी. एन्थ्रेसिस और ई. कोलाई जैसे बैक्टीरिया को पनपने नहीं देती हैं। इसके अलावा, तुलसी में एंटीफंगल व एंटीमाइक्रोबियल गुण भी होते हैं, जो त्वचा संक्रमण से बचाते हैं (25)। अगर आपकी त्वचा पर संक्रमण होता है, तो आप इस घरेलू उपचार का इस्तेमाल करें, ताकि तुलसी के पत्ते के फायदे आपको मिल सकें :
सामग्री :
250 ग्राम तुलसी की पत्तियां
250 ग्राम तिल का तेल
प्रयोग की विधि :
तुलसी की पत्तियों को तिल के तेल में डालकर उबाल लें।
फिर इसे पीसकर पेस्ट बना लें।
अब इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं।
19. एक्जिमा और विटिलिगो के लिए तुलसी के पत्ते के फायदे
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एक्जिमा ऐसी बीमारी है, जिसमें त्वचा पर तेज जलन व खुजली होती है। कई बार इससे त्वचा पर गंभीर घाव भी हो जाते हैं। वहीं, विटिलिगो में त्वचा अपनी प्राकृतिक रंगत खोने लगती है। इसमें पूरे शरीर पर जगह-जगह बड़े-बड़े पैच नजर आते हैं। आम भाषा में इसे फुलवैरी या फिर सफेद दाग कहते हैं। इन दोनों अवस्थाओं में तुलसी फायदेमंद साबित हो सकती है।
अगर आप प्रतिदिन तुलसी की कुछ पत्तियों का सेवन करते हैं, तो उससे एक्जिमा व विटिलिगो से कुछ राहत मिल सकती है। एक शोध में भी कहा गया है कि तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो एक्जिमा को कुछ हद तक ठीक कर सकते हैं (26)।
नोट : एक्जिमा गंभीर त्वचा रोग है, इसलिए तुलसी का प्रयोग करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
सेहत व त्वचा के बाद अब बारी आती है बालों की, तो इस मामले में भी तुलसी के फायदे देख लेते हैं।
बालों के लिए तुलसी के फायदे – Hair Benefits of Basil in Hindi
20. झड़ते बालों के लिए तुलसी के पत्ते के फायदे
तुलसी की पत्तियां हेयर फॉलिकल्स को फिर से सक्रिय कर बालों को झड़ने से बचाती हैं। साथ ही बालों को जड़ों से मजबूत बनाती हैं। इसके अलावा, स्कैल्प को ठंडा करती हैं और सर्कुलेशन को बेहतर करती हैं। अगर आप झड़ते बालों से परेशान हैं, तो तुलसी पर भरोसा कर सकते हैं (27)। यहां जानिए कि झड़ते बालों से राहत पाने के लिए तुलसी का प्रयोग किस प्रकार करें :
सामग्री :
तुलसी की कुछ पत्तियां
थोड़ा-सा तेल
प्रयोग की विधि :
तुलसी की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बना लें।
फिर इसे अपने हेयर ऑयल में मिक्स करके बालों पर लगाएं और हल्के-हल्के हाथों से मालिश करें।
तेल को करीब 30 मिनट तक लगा रहने दें और फिर सल्फेट फ्री शैंपू से बालों को धो लें।
21. डैंड्रफ के लिए तुलसी के गुण
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डैंड्रफ की समस्या सबसे ज्यादा सर्दियों में देखने को मिलती है। अगर आप भी डैंड्रफ से जूझ रहे हैं, तो एक बार तुलसी का प्रयोग करके देखें। तुलसी के इस्तेमाल से न सिर्फ स्कैल्प में रक्त का संचार बेहतर होता है, बल्कि डैंड्रफ व सिर में होने वाली खुजली से भी राहत मिलती है (28)। साथ ही स्कैल्प पर आया रूखापन भी दूर होता है। डैंड्रफ का कारण बनने वाले पांच प्रकार के फंगल को तुलसी की मदद से ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा, तुलसी लगाने से बालों में प्राकृतिक चमक आती है और बाल रूख व उलझे हुए नहीं रहते।
सामग्री :
तुलसी के तेल की कुछ बूंदें
कोई भी हेयर ऑयल
प्रयोग की विधि :
तुलसी के तेल को अपने हेयर ऑयल में मिक्स कर दें।
फिर इस तेल को बालों व स्कैल्प लगाकर हल्के-हल्के हाथों से मालिश करें।
बेहतर परिणाम के लिए आप इसे रात को लगाकर सोएं और अगली सुबह शैंपू से धो लें।
22. असमय सफेद बालों के लिए तुलसी के गुण
इन दिनों युवाओं के बाल समय से पहले ही सफेद होने लगे हैं। इस मामले में तुलसी का प्रयोग किया जा सकता है। तुलसी बालों को असमय सफेद होने से बचाती है। आप बालों को काला व घना बनाने के लिए इस विधि का इस्तेमाल कर सकते हैं :
सामग्री :
थोड़ा-सा तुलसी पाउडर
थोड़ा-सा आंवला पाउडर
प्रयोग की विधि :
दोनों पाउडर को रात भर के लिए पानी में भिगोकर रख दें।
अगली सुबह बालों को इस मिश्रण से धो लें।
तुलसी के इतने फायदे जानने के बाद अब जान लेते हैं कि इसका सेवन कैसे-कैसे कर सकते हैं।
तुलसी का उपयोग – How to Use Basil in Hindi
आप तुलसी को निम्न प्रकार से अपनी रोज की डाइट में शामिल कर सकते हैं :
आप रोज सुबह खाली पेट तुलसी की पत्तियां चबा सकते हैं। उससे पहले इसे पानी से जरूर धो लें।
आप तुलसी के पत्तों के साथ अदरक व शहद का इस्तेमाल करके हर्बल चाय बना सकते हैं। यह चाय न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि स्वाद में भी अच्छी होती है।
आप अपनी पसंदीदा डिश में तुलसी के पत्तों को काटकर डाल सकते हैं। इससे डिश का स्वाद भी बढ़ेगा और जरूरी पोषक तत्व भी मिलेंगे।
अगर आप खाना बनाते समय अंत में तुलसी के पत्तों को मिक्स कर देंगे, तो इससे खाने में अनोखा स्वाद आएगा और साथ ही खाने से मनमोहक खुशबू भी आएगी।
आप जूस या मॉकटेल में भी तुलसी के पत्तों को डाल सकते हैं। इससे आपको नया फ्लेवर मिलेगा।
आप सलाद में भी तुलसी के ताजे पत्तों को काटकर मिक्स कर सकते हैं।
तुलसी व तुलसी के बीज का उपयोग जानने के बाद आर्टिकल के अंतिम भाग में हम तुलसी के कुछ दुष्प्रभावों के बारे में बात कर लेते हैं।
तुलसी के नुकसान – Side Effects of Basil in Hindi
आप सोच रहे होंगे कि इतनी गुणकारी तुलसी के नुकसान क्या हो सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। आयुर्वेद भी कहता है कि हर चीज का सेवन सेहत व परिस्थितियों के अनुसार और सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, तभी उसका फायदा होता है। इस लिहाज से तुलसी की भी कुछ सीमाएं हैं, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं :
अगर आप गर्भवती हैं या अपने शिशु को स्तनपान करा रही हैं, तो इस परिस्थिति में तुलसी का सेवन सोच-समझ कर करना चाहिए। सबसे बेहतर यही है कि इन दोनों अवस्थाओं में तुलसी का सेवन न ही किया जाए। तुलसी में एंटीफर्टिलिटी प्रभाव हो सकता है, जिस कारण यह गर्भवती महिला के लिए सही नहीं और उसे इसका परहेज करना चाहिए (29)।
जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा था कि तुलसी शरीर में खून के थक्के नहीं बनने देती। इस कारण से कुछ मामलों में यह खून को जरूर से ज्यादा पतला कर सकती है, जिससे रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। अगर आपको कभी ऐसा लगे, तो तुरंत तुलसी का सेवन बंद कर दें। साथ ही अगर आप खून को जमने से रोकने वाली दवा ले रहे हैं, तो फिर तुलसी का सेवन न करें।
तुलसी में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है, जिस कारण से यह रक्तचाप को कम कर सकती है (30)। इसलिए, अगर कोई कम रक्तचाप से पीड़ित है या फिर कोई रक्तचाप को कम करने की दवा ले रहा है, तो उसे तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए। इसे रक्तचाप बेहद कम हो सकता है।
तुलसी व अदरक की चाय ज्यादा मात्रा में पीने से पेट व सीने में जलन हो सकती है और एसिडिटी भी बन सकती है।
जो लोग मधुमेह की दवा ले रहे हैं, उन्हें भी तुलसी नहीं खानी चाहिए। इससे रक्त शर्करा का स्तर कम हो सकता है।
तुलसी के इतने गुणों को जानने के बाद आप समझ ही गए होंगे कि क्यों तुलसी को इतना महत्व दिया गया है। इसकी मान्यता न सिर्फ धार्मिक आधार पर है, बल्कि वैज्ञानिक मापदंडों पर भी इसके चिकित्सीय लाभों को प्रमाणित किया गया है। अगर आपके घर में तुलसी का पौधा नहीं है, तो जल्द से जल्द से उसे अपने आंगन या फिर बालकॉनी में रखें, ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर आपको इसके लिए इधर-उधर भागना न पड़े। यह आर्टिकल आपको कैसा लगा, अपने विचार हमारे साथ नीचे दिए कमेंट बॉक्स में शेयर करें।
स्वस्थ रहें, खुश रहें।
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Anuj Joshi
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gethealthy18-blog · 5 years
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तेज पत्ता के 12 फायदे, उपयोग और नुकसान – Bay Leaf (Tej Patta) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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तेज पत्ता के 12 फायदे, उपयोग और नुकसान – Bay Leaf (Tej Patta) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Nripendra Balmiki May 13, 2019
तेज पत्ता हर भारतीय रसोई में आपको आसानी से मिल जाएगा। यह ऐसा मसाला है, जिसका इस्तेमाल व्यंजनों में जायका बढ़ाने के लिए किया जाता है। ये पत्तियां कुछ हद तक यूकेलिप्टस की पत्तियों जैसी दिखती हैं। आपको जानकार हैरानी होगी कि इसका प्रयोग कई शारीरिक बीमारियों के उपचार के लिए भी किया जा सकता है। ये पत्तियां औषधीय गुणों से परिपूर्ण होती हैं, जो किडनी की समस्या से लेकर कैंसर जैसी घातक बीमारी तक का इलाज कर सकती हैं। इस लेख में जानिए कि तेज पत्ता किस प्रकार आपके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है। साथ ही जानिए इसके इस्तेमाल के विभिन्न तरीके और क��छ नुकसान।
विषय सूची
तेज पत्ता क्या है – What is Bay Leaf in Hindi
यह एक सुगंधित पत्ता है, जो कई पौधों से आता है, जिसमें बे लॉरेल, इंडियन बे लीफ प्लांट, इंडोनेशियन लॉरेल या वेस्ट इंडियन बे ट्री शामिल हैं। इसमें में एक तेज स्वाद होता है, जो पकवानों का जायका बढ़ाने का काम करता है। साथ ही इसकी तेज सुगंध भूख को बढ़ाने के लिए काफी होती है। तेज पत्ता का उपयोग इसके सूखने के बाद ही होता है। इसके कई औषधीय गुण भी हैं, जिनकी चर्चा हम आगे करेंगे।
तेज पत्ता क्या है जानने के बाद आगे बात करते हैं तेज पत्ता के फायदे के बारे में।
तेज पत्ता के फायदे – Benefits of Bay Leaf in Hindi
1. मधुमेह के लिए फायदेमंद
तेज पत्ते के औषधीय गुण मधुमेह के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। अध्ययन बताते हैं कि तेज पत्ता टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों की मदद कर सकता है। खाद्य पदार्थों का स्वाद बढ़ाने के अलावा ये पत्तियां ग्लूकोज मेटाबॉलिजम में अहम भूमिका निभा सकती हैं (1)। शोध में पाया गया है कि तेज पत्तियां कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकती हैं और टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों में एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकती हैं (2)।
2. पाचन स्वास्थ्य
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पाचन स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए भी तेज पत्ते का इस्तेमाल किया जा सकता है। गर्म पानी में तेज पत्ता डालकर पीने से कब्ज व डायरिया जैसी पाचन समस्याओं से निजात पाया जा सकता है।
तेज पत्तियों में पाए जाने वाले कार्बनिक यौगिक पेट की खराबी, इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) और प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण होने वाले सीलिएक रोग के लक्षणों को कम करने में सक्षम हैं। इसके अलावा, तेज पत्तियों में पाए जाने वाले एंजाइम्स पाचन को बढ़ावा देने का काम करते हैं।
साथ ही तेज पत्तियों में पाया जाने वाला विटामिन-सी फ्री रेडिकल्स के असर को कम कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम भी करता है (3)।
3. ओरल हेल्थ के लिए
दांतों की सेहत के लिए भी तेज पत्ते के फायदे देखे जा सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार तेज पत्ता मसूड़ों को मजबूत बनाने का काम कर सकता है। इसमें मौजूद विटामिन-सी मसूड़ों और दांतों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, तेज पत्ता एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है, जो मसूड़ों और दांत दर्द जैसी स्थिति में लाभकारी हो सकता है (4)।
4. कैंसर
तेज पत्तियां कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचाव का काम भी कर सकती हैं। मानव कैंसर सेल लाइनों पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार, तेज पत्ते में मौजूद एंटीकैंसर गुण प्रभावी रूप से काम कर सकते हैं (5)।
तेज पत्ते में मौजूद सिनोल व ल्यूकेमिया कैंसर सेल लाइनों के विकास को कम कर सकते हैं। इसके अलावा, ये पत्तियां स्तन कैंसर चिकित्सा में भी कारगर पाई गई हैं (5)। एक ऑस्ट्रेलियाई अध्ययन के अनुसार तेज पत्ता कोलन कैंसर की रोकथाम कर सकता है (6)।
5. दर्द-सूजन
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दर्द व सूजन के लिए भी तेज पत्ते के फायदे बहुत हैं। एक ऑस्ट्रेलियाई अध्ययन में पाया गया कि ये पत्तियां COX-2 नामक एंजाइम की गतिविधि को रोकने का काम करती हैं। इस एंजाइम के कारण सूजन बढ़ सकती है (7),(8)।
तेज पत्ते में सेसक्विटरपाइन लैक्टोन (Sesquiterpene Lactones) नामक तत्व होता है, जो नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को रोककर सूजन से लड़ने में मदद करता है। अध्ययनों से पता चलता है कि नाइट्रिक ऑक्साइड कारगर एंटीइंफ्लेमेटरी के रूप में काम कर सकता है, लेकिन शरीर में इसकी मात्रा बढ़ने पर सूजन का सामना करना पड़ सकता है (9)। ऐसे में तेज पत्ता अपना असर दिखाता है। इसके अलावा, इस पत्ते में मौजूद सिनेओल भी सूजन से लड़ने का काम कर सकता है (10)।
6. फंगल संक्रमण
तेज पत्ता एंटीफंगल गुणों से भी समृद्ध होता है, जो विशेष रूप से कैंडिडा संक्रमण के खिलाफ प्रभावी रूप से काम कर सकता है। त्वचा संबंधी फंगल संक्रमण के लिए तेज पत्ते का तेल इस्तेमाल में लाया जा सकता है (11)।
7. घाव को भरने का काम
तेज पत्ता घाव को बेहतर रूप से भरने में मदद कर सकता है। ये विटामिन-सी और ए का एक अच्छा स्रोत है, जो घाव को भरने का काम कर सकता है। देखा गया है कि विटामिन-सी और ए की कमी के कारण घाव संवेदनशील हो सकते हैं (12), (13)।
8. वजन घटाने में कारगर
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शरीर से अत्यधिक चर्बी हटाने कि लिए तेज पत्ते का इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसा कि आप जानते हैं कि तेज पत्ता विटामिन-सी से समृद्ध होता है, इसलिए यह वजन घटाने में आपकी मदद कर सकता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद फाइबर भी वजन नियंत्रित करने में आपकी मदद कर सकता है (14), (15)।
9. किडनी स्वास्थ्य के लिए
तेज पत्ता किडनी स्टोन को रोकने में मदद कर सकता है। अध्ययन में पाया गया है कि पारंपरिक औषधीय जड़ी-बूटियों के साथ तेज पत्ता शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को कम कर सकता है, जो पथरी के विकास को बढ़ावा देता है (16), (17)। एक रिपोर्ट के अनुसार कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ पथरी से निजात दिलाने में मदद कर सकते हैं। वहीं, तेज पत्ता कैल्शियम का अच्छा स्रोत है, इसलिए यहां तेज पत्ते की अहम भूमिका देखी जा सकती है (13), (18)।
10. हृदय स्वास्थ्य
हृदय स्वास्थ्य के लिए तेज पत्ते के फायदे बहुत हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार तेज पत्ते में रूटीन और कैफिक एसिड नामक तत्व पाए जाते हैं। रूटीन हृदय की दीवारों को मजबूत और कैफिक एसिड खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर दिल के दौरे या स्ट्रोक का कारण बन सकता है (3)।
11. त्वचा के लिए लाभदायक
त्वचा के लिए भी तेज पत्ता के फायदे बहुत हैं। ये पत्तियां विटामिन-ए का एक अच्छा स्रोत हैं, जो प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करती हैं। त्वचा के स्वास्थ्य के रखरखाव के लिए विटामिन-ए जरूरी है। इसके अलावा, तेज पत्ता विटामिन-सी से भी समृद्ध होता है, जो कोलेजन को बढ़ाने के साथ-साथ सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से त्वचा की रक्षा करता है (3), (13), (19)।
12. बालों के लिए
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तेज पत्तियों का उपयोग बालों की प्राकृतिक रूप से कंडीशनिंग करने के लिए भी किया जा सकता है। ये पत्तियां एंटीऑक्सीडेंट गुण से समृद्ध होती हैं (20), जो बालों को चिकना करने और चमकदार बनाने में मदद करती हैं।
इसके अलावा, तेज पत्ता स्कैल्प को फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण से दूर रख सकता हैं, क्योंकि ये एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होता है (21), (22)।
तेज पत्ता के पौष्टिक तत्व – Bay Leaf Nutritional Value in Hindi
तेज पत्ते के फायदे के बाद आगे जानिए इसमें मौजूद पोषक तत्वों के बारे में (22)।
पोषक तत्व मात्रा ( प्रति 100 ग्राम) पानी (g) 5.44 ऊर्जा (kcal) 313 प्रोटीन (g) 7.61 कुल फैट(g) 8.36 कार्बोहाइड्रेट (g) 74.97 फाइबर, कुल डायटरी (g) 26.3 मिनरल्स कैल्शियम (mg) 834 आयरन (mg) 43.00 मैग्नीशियम (mg) 120 फास्फोरस (mg) 113 पोटैशियम (mg) 529 सोडियम (mg) 23  जिंक (mg) 3.70 विटामिन्स विटामिन सी (mg) 46.5 थियामिन (mg) 0.009 राइबोफ्लेविन (mg) 0.421 नियासिन (mg) 2.005 विटामिन बी – 6 (mg) 1.740 फोलेट, DEF(μg) 180  विटामिन बी -12 (μg) 0.00  विटामिन ए (μg RAE) 309 विटामिन ए (IU) 6185 विटामिन डी (डी 2 +डी 3) 0.0 विटामिन डी 0 लिपिड फैटी एसिड कुल सैचुरेटेड  (g) 2.280 फैटी एसिड, कुल मोनोअनसैचुरेटेड (g) 1.640 फैटी एसिड, कुल पॉलीअनसैचुरेटेड (जी) 2.290 फैटी एसिड कुल ट्रांस 0.000 कोलेस्ट्रॉल (मिलीग्राम) 0
तेज पत्ता का उपयोग – How to Use Bay Leaf in Hindi
शरीर के लिए तेज पत्ते का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है, नीचे जानिए इसके कुछ बेहतर उपयोग।
जैसा कि हमने पहले भी बताया कि तेज पत्ता एक मसाला है, इसलिए इसका इस्तेमाल व्यंजनों का जायका बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। खासकर, बिरयानी, चिकन या मटन करी व पुलाव जैसे मसालेदार व्यंजनों में इसका इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है। इसके अलावा, तेज पत्ते को खीर जैसे मीठे पकवानों में भी डाला जा सकता है।
कई लोग ब्लैक टी में भी तेज पत्ते का इस्तेमाल करते हैं।
बालों के लिए आप एक कप पानी में कुछ तेज पत्ते उबालें और 15 मिनट के बाद पानी से पत्तों को निकाल लें। ठंडा होने पर पानी को शैंपू के बाद बालों और स्कैल्प पर लगाएं। बेहतर परिणाम के लिए एक दिन छोड़कर आप यह उपाय कर सकते हैं।
दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए तेज पत्ते के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए आप तेल की कुछ बूंदें प्रभावित जगह पर लगाएं और हल्की मालिश कर दें।
सर्दी-जुकाम और पाचन जैसी समस्या के लिए तेज पत्ते का गर्म पानी पिया जा सकता है। इसे पीने से शरीर में गर्माहट आती है और संक्रमण दूर होता है।
तेज पत्ता के नुकसान – Side Effects of Bay Leaf in Hindi
इससे कोई दो राय नहीं कि तेज पत्ता एक गुणकारी खाद्य पदार्थ है, जो कई तरह से स्वास्थ्य लाभ देता है, लेकिन यह कई अवस्थाओं में शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है। तेज पत्ते के नुकसान पर अभी और अध्ययन की आवश्यकता है, फिर भी नीचे बताए गए कुछ बिंदुओं पर विचार किया जा सकता है।
तेज पत्ते का तेल संवेदनशील त्वचा पर एलर्जी का कारण बन सकता है। हालांकि, इस पर और अध्ययन की जरूरत है।
गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर जरूर पूछ लें।
इसका अधिक सेवन करने से डायरिया या उल्टी की समस्या हो सकती है।
दोस्तों, अगर आप इस लेख में बताई गई किसी भी समस्या से पीड़ित हैं, तो आप तेज पत्ते को इस्तेमाल में ला सकते हैं। यह एक कारगर प्राकृतिक उपाय है, जो जल्द अच्छे परिणाम देने की क्षमता रखता है। साथ ही इस बात को भी ध्यान में रखें कि इसके नियमित उपयोग के दौरान अगर कोई दुष्प्रभाव दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यह लेख आपको कैसा लगा हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। तेज पत्ते से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए आप हमसे सवाल भी पूछ सकते हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/tej-patta-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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पथरी (किडनी स्टोन) के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Kidney Stone Symptoms and Home Remedies in Hindi
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पथरी (किडनी स्टोन) के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Kidney Stone Symptoms and Home Remedies in Hindi
Nripendra Balmiki April 10, 2019
क्या आप जानते हैं, पेट के निचले हिस्से में होने वाला दर्द पथरी की समस्या भी हो सकती है। यह गलत खानपान और अनियंत्रित जीवनशैली का नकारात्मक प्रभाव है। इसे किडनी स्टोन के नाम से जाना जाता है। अगर समय रहते इसका इलाज न करवाया जाए, तो यह समस्या आपके लिए गंभीर साबित हो सकती है।
विषय सूची
इस लेख में हम आपको किडनी स्टोन संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी और इससे छुटकारा पाने के सबसे आसान घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए, सबसे पहले जानते हैं कि आखिर किडनी स्टोन है क्या?
क्या होता है किडनी स्टोन – What is Kidney Stone in Hindi
किडनी स्टोन को पथरी और नेफ्रोलिथियासिस के रूप में भी जाना जाता है। दरअसल, पथरी एक प्रकार का ठोस अपशिष्ट पदार्थ है, जो किडनी में बनना शुरू होता है और क्रिस्टल के रूप में विकसित होता है।
किडनी स्टोन कई प्रकार के होते हैं, जिनमें से 80 प्रतिशत कैल्शियम और ऑक्सालेट के कारण बनते हैं। वहीं, अन्य स्टोन के बनने का कारण स्ट्रवाइट, यूरिक एसिड व सिस्टीन जैसे पदार्थ होते हैं (1)। किडनी स्टोन आकार में छोटे या बड़े हो सकते हैं।
आमतौर पर छोटी पथरी से ज्यादा समस्या नहीं होती, लेकिन अगर इनका आकार बड़ा है, तो मूत्र प्रणाली में रूकावट हो सकती है। कुछ मामलों में किडनी स्टोन से पीड़ित इंसान अहसनीय दर्द, उल्टी और रक्तस्राव (Bleeding) का सामना करता है।
अध्ययन से पता चलता है कि जिसे एक बार स्टोन की समस्या हो जाए, उसके ठीक होने बाद अगले 10 वर्ष में फिर से यह समस्या हो सकती है (2)। नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से पथरी के लक्षणों के बारे में जानते हैं –
पथरी के लक्षण – Symptoms of Kidney Stone in Hindi
पथरी के लक्षणों में निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं-
पीठ, बाजू, पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द।
गुलाबी, लाल या भूरे रंग का पेशाब आना।
लगातार पेशाब लगना।
पेशाब करते समय दर्द होना।
पेशाब करने में दिक्कत या कम मात्रा में मूत्र निकलना।
बदबूदार मूत्र।
इन लक्षणों का मतलब हो सकता है कि आपको किडनी स्टोन की समस्या हो चुकी है। अगर आपका दर्द ज्यादा समय तक रहता है, तो आपको ये परेशानियां हो सकती हैं –
जी मिचलाना
उल्टी
बुखार
ठंड लगना आदि
पथरी के लक्षण जानने के बाद आगे जानिए किडनी स्टोन के कारणों के बारे में –
पथरी (किडनी स्टोन) के कारण – Causes of Kidney Stone Hindi
किडनी स्टोन नीचे बताए जा रहे कारणों की वजह से हो सकता है (3) –
मूत्र में कैल्शियम, ऑक्सालेट व यूरिक एसिड जैसे पदार्थों का स्तर बढ़ जाने से किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है।
किडनी रोग, कैंसर और एचआईवी के इलाज के लिए ली जा रही दवाओं से भी पथरी हो सकती है।
उन चिकित्सीय स्थितियों के कारण भी पथरी विकसित हो सकती है, जो शरीर में कैल्शियम, ऑक्सालेट व यूरिक एसिड का स्तर बढ़ा देते हैं।
किडनी स्टोन का पता लगते ही इसका सटीक इलाज जरूरी है। डॉक्टरी इलाज के अलावा आप पथरी का घरेलू इलाज भी कर सकते हैं। नीचे जानिए पथरी का इलाज कैसे किया जाए –
1. सेब का सिरका
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सामग्री
दो बड़े चम्मच सेब का सिरका
एक गिलास पानी
कैसे करें इस्तेमाल
पानी में सिरका मिलाएं और इसे पिएं।
कितनी बार करें
पथरी का देसी इलाज करने के लिए रोजाना भोजन से पहले सेब के सिरके का सेवन करें। भविष्य में पथरी से बचे रहने के लिए सप्ताह में एक या दो बार सेब के सिरके का पानी पी सकते हैं।
कैसे है लाभदायक
सेब के सिरके को किडनी के लिए सुपरफूड कहा जाता है। यह किडनी को साफ करने का काम करता है (4)। सिरके में मौजूद रासायनिक तत्व पथरी को नरम कर बाहर निकालने का काम कर सकते हैं। सेब के सिरके में मौजूद एसिड भविष्य में किडनी स्टोन को विकसित होने से रोक सकता है। पथरी से निजात पाने का यह सबसे सटीक घरेलू उपाय है।
सावधानी : सेब का सिरका दांत की परत को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, इसका सेवन करने से पहले पानी में पतला कर लें। रक्तचाप और डायबिटीज की दवा ले रहे मरीज इसका सेवन न करें।
2. नींबू का रस और-जैतून का तेल
सामग्री
एक बड़ा चम्मच जैतून का तेल
एक बड़ा चम्मच नींबू का रस
60-80 ml पानी
कैसे करें इस्तेमाल
पानी में नींबू का रस और जैतून का तेल मिलाएं।
अब इस मिश्रण को पी लें।
कितनी बार करें
अगर समस्या अधिक है, तो इस मिश्रण को एक दिन में दो से तीन बार ले सकते हैं।
कैसे है लाभदायक
पथरी का इलाज करने के लिए नींबू का उपाय कारगर रहेगा। नींबू के रस में मौजूद सिट्रिक एसिड किडनी स्टोन को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। वहीं, जैतून तेल की चिकनाई पथरी को मूत्रमार्ग से निकालने में मदद करेगी (5)।
सावधानी : इस उपाय को तीन दिन तक प्रयोग करें, अगर कुछ फायदा नहीं मिलता है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
3. अनार का जूस
सामग्री
1 अनार
कैसे करें इस्तेमाल
सबसे पहले अनार के दानों को बाहर निकाल लें।
अब अनार के दानों को जूसर में डालें। जूस ठीक से बने, इसलिए आप थोड़े पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक
पथरी की दवा के रूप में आप अनार का जूस पी सकते हैं। इसका शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव शरीर को किडनी को डिटॉक्स करने का काम कर सकता है। यह मूत्र प्रणाली को रेगुलेट करने और पेशाब की जलन को कम करने का काम भी कर सकता है।
किडनी के लिए अनार का जूस फायदेमंद है, क्योंकि यह नेफ्रोटोक्सिटी (किडनी में होने वाली विषाक्तता) से बचाव करता है। अनार का नियमित सेवन किडनी स्टोन को बाहर निकालने में मदद कर सकता है (6)।
4. राजमा (किडनी बीन्स)
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एक कप किडनी बीन्स
कैसे करें इस्तेमाल
फली से बीन्स निकाल लें और फली के छोटे-छोटे स्लाइस कर लें।
लगभग 60 ग्राम कटी हुई फली को 4 लीटर पानी में चार घंटे तक उबालें। उबालते समय आंच को धीमा रखें।
अब पानी को मलमल के साफ कपड़े से छान लें और लगभग 8 घंटे के लिए ठंडा होने के लिए रख दें।
अब मरीज को एक गिलास बीन्स की फली का पानी एक दिन के लिए हर दो घंटे के अंतराल में दें। इसके बाद फली का पानी हफ्ते में तीन-चार बार लिया जा सकता है।
नोट : एक बार फली का पानी उबालने के बाद इसका सेवन 24 घंटे के अंदर कर लें।
कैसे है लाभदायक
पथरी का उपचार करने के लिए राजमा का सेवन एक कारगर विकल्प हो सकता है। राजमा जिसे किडनी बीन्स के नाम से भी जाना जाता है, वह स्टोन को निकालने का काम कर सकती है (7)।
5. तुलसी
सामग्री
पांच-छह तुलसी के पत्ते
एक कप गर्म पानी
शहद स्वादानुसार
कैसे करें इस्तेमाल
पत्तियों को 10 मिनट के लिए गर्म पानी में डूबा रहने दें।
स्वादानुसार शहद मिलाएं।
अब आराम से तुलसी की चाय का आनंद लें।
कितनी बार करें
आप एक दिन में दो-तीन कप तुलसी की चाय पी सकते हैं।
कैसे है लाभदायक
पथरी का आयुर्वेदिक उपचार करने के लिए आप तुलसी का सहारा ले सकते हैं। तुलसी को भारतीय जड़ी-बूटियों में विशेष स्थान प्राप्त है। किडनी स्टोन के लिए भी आप इसका सेवन कर सकते हैं। यह एक प्राकृतिक उपाय है, जो आपको पथरी की समस्या से निजात दिलाने का काम करेगा (8)।
6. तरबूज
किडनी स्टोन से निजात पाने के लिए आप तरबूज का सेवन कर सकते हैं। तरबूज एक खास फल है, जिसमें पानी की मात्रा अधिक होती है। तरबूज साइट्रिक एसिड और पोटैशियम तत्व से समृद्ध होता है, जो पथरी को बाहर निकालने का काम कर सकता है। पथरी से पीड़ित मरीज रोजाना तरबूज खा सकते हैं या इसका जूस पी सकते हैं (9), (10)।
7. अंगूर
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गुर्दे की पथरी को ठीक करने के लिए अंगूर का सेवन एक कारगर विकल्प हो सकता है। अंगूर भी साइट्रिक गुणों से समृद्ध होता है और इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है (10)। अंगूर को अपने डिटॉक्सीफाइंग गुणों के लिए भी जाना जाता है। किडनी स्टोन से पीड़ित मरीज रोजाना अंगूर का सेवन कर सकते हैं (11)।
8. सिंहपर्णी
सामग्री
एक चम्मच सिंहपर्णी जड़
एक कप गर्म पानी
कैसे करें इस्तेमाल
सिंहपर्णी की जड़ को गर्म पानी में डालें और इसे लगभग 10 मिनट तक पानी में रहने दें।
अब पानी को छान लें और चाय की तरह धीरे-धीरे पिएं।
कितनी बार करें
एक दिन में दो-तीन कप।
कैसे है लाभदायक
पथरी का इलाज करने के लिए सिंहपर्णी की जड़ कारगर रहेगी। सिंहपर्णी की जड़ एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होती है, जो दर्द-सूजन से राहत दिला सकती है। साथ ही इसमें मौजूद पोटैशियम किडनी स्टोन की स्थिति में आपकी सहायता कर सकता है। सिंहपर्णी मूत्र को बढ़ाने का काम भी करती है (12)।
सावधानी : मधुमेह, उच्च रक्तचाप और गॉल ब्लैडर संबंधी रोग की स्थिति में सिंहपर्णी का यह उपाय न करें।
9. सेलेरी
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कच्ची सेलेरी (इतना कि एक कप रस निकल सके)
कैसे करें इस्तेमाल
ब्लेंडर की मदद से सेलेरी का जूस निकालें।
जूस का सेवन सुबह खाली पेट करें।
कितनी बार करें
हफ्ते में तीन बार ले सकते हैं।
कैसे है लाभदायक
सेलेरी का जूस मूत्रवर्धक के रूप में काम करता है, जिससे किडनी स्टोन को बाहर निकालने में मदद मिलेगी। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण भी होता, जो आपको संक्रमण से दूर रखता है (13)।
10. बिच्छू पत्ती
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सामग्री
दो बड़े चम्मच सूखी बिच्छू पत्तियां
एक कप गर्म पानी
कैसे करें इस्तेमाल
सूखी बिच्छू पत्तियों को गर्म पानी में डालें और लगभग 10 मिनट तक पानी में रहने दें।
अब चाय की तरह इसे आराम से पिएं।
कितनी बार करें
एक दिन में 2-3 कप पिएं।
कैसे है लाभदायक
किडनी स्टोन के लिए आप बिच्छू की पत्तियों का उपाय कर सकते हैं। बिच्छू की पत्तियां मूत्रवर्धक का काम करती हैं। साथ ही शरीर के भीतर इलेक्ट्रोलाइट को संतुलित बनाए रखने में मदद करती हैं। मूत्र की मात्रा बढ़ने से पथरी आसानी से बाहर निकल जाती है (14)।
11. नारियल का पानी
किडनी स्टोन के लिए आप नारियल पानी का रोजाना सेवन कर सकते हैं। समस्या के दिनों में दिन में तीन-चार बार नारियल का पानी पिएं। इससे शरीर में मूत्र की मात्रा बढ़ेगी, जिससे पथरी आसानी से बाहर निकल सकती है (15)।
12. बेकिंग सोडा
सामग्री
आधा चम्मच बेकिंग सोडा
एक गिलास गुनगुना पानी
कैसे करें इस्तेमाल
पानी में बेकिंग सोडा मिलाएं और इसे तुरंत पी लें।
कितनी बार करें
दिन में दो से तीन बार पिएं।
कैसे है लाभदायक
बेकिंग सोडे (Sodium Bicarbonate) की क्षारीयता (Alkaline) मूत्र में मौजूद अम्लीय सामग्री (Acidic Content) को कम करने का काम करती है। इस प्रकार पथरी आसानी से पेशाब के रास्ते निकल सकती है (16), (17)। इस अम्लीय सामग्री के कारण ही किडनी स्टोन का निर्माण होता है।
13. शतावरी
किडनी स्टोन के लिए शतावरी एक कारगर विकल्प हो सकता है। आप समस्या के दिनों में शतावरी को अपने दैनिक आहार में स्थान दें। आप शतावरी की सब्जी बनाकर या वेजिटेबल सलाद में डालकर खा सकते हैं। शतावरी में ऐस्पेराजीन नामक तत्व होता है, जो किडनी स्टोन को तोड़ने का काम करता है और पेशाब का उत्पादन बढ़ाता है, जिससे पथरी आसानी से मूत्र के रास्ते निकल जाती है (18)।
14. मूली का जूस
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सामग्री
एक सफेद मूली
कैसे करें इस्तेमाल
मूली के डंठल को हटाकर छोटा-छोटा काट लें।
अब जूसर की मदद से मूली का जूस निकाल लें।
सुबह खाली पेट लगभग 100ml मूली का जूस पिएं।
कितनी बार करें
समस्या के दिनों में रोजाना मूली के जूस का सेवन करें।
कैसे है लाभदायक
मूली एक खास सब्जी है, जो शरीर को डिटॉक्स करने का काम करती है। किडनी स्टोन को बाहर निकालने के लिए इसका रस आपकी मदद कर सकता है। मूली विटामिन-ए, बी, सी, पोटैशियम और डाइजेस्टिव एंजाइम्स से समृद्ध होती है, जो पेशाब व पाचन क्रिया में सुधार करने का काम करती है (19)।
15. हॉर्सटेल
सामग्री
दो-चीन चम्मच हॉर्सटेल
एक कप गर्म पानी
कैसे करें इस्तेमाल
एक कप गर्म पानी में हॉर्सटेल हर्ब को आठ से दस मिनट तक डुबो कर रखें।
अब धीरे-धीरे इसका सेवन करे।
कितनी बार करें
दिन में दो-तीन बार पिएं।
कैसे है लाभदायक
किडनी स्टोन का इलाज करने के लिए आप हॉर्सटेल का सहारा ले सकते हैं। हॉर्सटेल एक प्रभावी जड़ी-बूटी है, जो एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होती है। इसे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के साथ-साथ किडनी और ब्लाडर स्टोन के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। हॉर्सटेल में मौजूद रसायन इसे एक कारगर मूत्रवर्धक बनाने का काम करते हैं। मूत्र की मात्रा बढ़ने से पथरी आसानी से बाहर निकल सकती है (20)।
पथरी (किडनी स्टोन) से बचाव – Prevention Tips for Kidney Stone in Hindi
भविष्य में किडनी स्टोन से बचे रहने के लिए आप निम्नलिखित टिप्स को जरूर अपनाएं –
हाइड्रेट रहें, पानी पीने की प्रक्रिया दिन भर जानी रखें।
अत्यधिक नमक का सेवन न करें।
ऑक्सालेट एक केमिकल कंपाउंड है, जो बहुत से खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। ऑक्सालेट की अत्यधिक मात्रा किडनी स्टोन के निर्माण कर सकती है। इसलिए, जितना हो सके अधिक ऑक्सालेट युक्त खाद्य सामग्री का सेवन न करें। पालक, चॉकलेट, कॉफी, स्वीट पोटैटो व मूंगफली आदि में अधिक ऑक्सालेट पाया जाता है (21)।
एनिमल प्रोटीन जैसे बीफ, पोर्क, फिश व चिकन आदि का सेवन कम करें।
किडनी स्टोन की समस्या उम्र के किसी भी पड़ाव में आपको परेशान कर सकती है। पथरी का होना ज्यादातर भोजन पर निर्भर करता है। भोजन में नमक, एसिड व ऑक्सालेट की मात्रा बढ़ने से पथरी की आशंका बढ़ जाती है। अगर आप भी किडनी स्टोन से पीड़ित हैं, तो लेख में बताए गए किसी भी प्राकृतिक उपाय का चुनाव कर सकते हैं। ध्यान रहे कि आप अपने शरीर के प्रति जितना जागरूक रहेंगे बीमारियां आप से उतना दूर रहेंगी। किडनी स्टोन पर लिखा हमारा यह लेख आपको कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में बताना न भूलें।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/pathri-ke-karan-lakshan-aur-gharelu-ilaj-in-hindi/
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