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भारत के अन्दर कई देशी और विदेशी कम्पनियों ने अपने नए मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स (manufacturing units) को लगाने का काम शुरू कर दिया है जिसमें ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री (automobile industry), फार्मा कंपनी (pharma industry), इलेक्ट्रॉनिक्स (electronics) सहित कई बड़ी इंडस्ट्री शामिल हैं जिसको देखते हुए रोबोटिक्स कंपनियां (robotics companies) अपनी तैयारियो मे जुट गई हैं।
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भारत में रोबोट manufacturing होगी 10 गुना
भारत के अन्दर कई देशी और विदेशी कम्पनियों ने अपने नए मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स (manufacturing units) को लगाने का काम शुरू कर दिया है जिसमें ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री (automobile industry), फार्मा कंपनी (pharma industry), इलेक्ट्रॉनिक्स (electronics) सहित कई बड़ी इंडस्ट्री शामिल हैं जिसको देखते हुए रोबोटिक्स कंपनियां (robotics companies) अपनी तैयारियो मे जुट गई हैं।
ऐसे में एक भारतीय कंपनी उभर कर सामने आई है जिसका नाम है Adverb Technology Private limited। ये कम्पनी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के नोएडा (Noida) में स्थित है और दुनिया की 100 से भी ज्यादा बड़ी कंपनियों में इनके रोबोट (robot) इस्तेमाल किए जाते हैं। कंपनी का कहना है कि वह financial year 2022–23 तक अपने प्रोडक्शन को 10 गुना तक बढ़ाएंगे। इस कंपनी की शुरुआत लगभग 5 साल पहले कर दी गई थी व इनके उत्पाद (products) सिंगापुर (Singapore), ऑस्ट्रेलिया (Australia) व यूरोप (Europe) के बहुत सारे देशों में इस्तेमाल किए जाते हैं।
हाल ही उत्तर प्रदेश के नोएडा में इनकी एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट (manufacturing unit) का उद्घाटन किया गया था और इस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में प्रतिवर्ष 50 हजार से भी ज्यादा अलग अलग तरह के रोबोट की मैन्युफैक्चरिंग की जाती है।
Read at: https://arribatrends.in/robot-manufacturing-in-india-to-grow/
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भारत के अन्दर कई देशी और विदेशी कम्पनियों ने अपने नए मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स (manufacturing units) को लगाने का काम शुरू कर दिया है जिसमें ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री (automobile industry), फार्मा कंपनी (pharma industry), इलेक्ट्रॉनिक्स (electronics) सहित कई बड़ी इंडस्ट्री शामिल हैं जिसको देखते हुए रोबोटिक्स कंपनियां (robotics companies) अपनी तैयारियो मे जुट गई हैं।
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ज्योतिष एक त्रिकालदर्शी शास्त्र है, अर्थात् इसकी सहायता से हम भूत, वर्तमान और भविष्य का अनुमान आसानी से लगा सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र एक प्राचीन वैज्ञानिक कला है जिसका उद्देश्य मानव समाज का सर्वांगीण विकास करना है। लेकिन आज लोग ज्योतिष को अंधविश्वास, नाम और धन कमाने का साधन मानकर इस शास्त्र की अवहेलना करते हैं। इस शास्त्र के दुरूपयोग के कारण आम जनता का इस शास्त्र से विश्वास उठ गया है।
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ज्योतिष शास्त्र में ‘संख्या’ का महत्व
ज्योतिष एक त्रिकालदर्शी शास्त्र है, अर्थात् इसकी सहायता से हम भूत, वर्तमान और भविष्य का अनुमान आसानी से लगा सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र एक प्राचीन वैज्ञानिक कला है जिसका उद्देश्य मानव समाज का सर्वांगीण विकास करना है। लेकिन आज लोग ज्योतिष को अंधविश्वास, नाम और धन कमाने का साधन मानकर इस शास्त्र की अवहेलना करते हैं। इस शास्त्र के दुरूपयोग के कारण आम जनता का इस शास्त्र से विश्वास उठ गया है।
हमारे ऋषियों ने प्राचीन काल में सौरमंडल के ग्रहों और अन्य खगोलीय पिंडों का अध्ययन करके ज्योतिष शास्त्र की रचना की है। कौन सा ग्रह सूर्य का एक चक्कर कितने दिनों में पूरा करता है यह ऋषियों ने इन शास्त्रों में युगों पहले लिख दिया है। सूर्योदय और सूर्यास्त किस दिन किस समय होगा, इसकी गणना भी हमारे ऋषियों ने की है। आज हम ज्योतिषीय अध्ययनों में सबसे महत्वपूर्ण पहलू यानी अंक के बारे में संक्षेप में चर्चा करेंगे।
ज्योतिष में अंको का अपना ही महत्व है। ज्योतिष में ग्रहों की संख्या 7 बताई गई है और 2 अन्य (राहु और केतु) को छाया ग्रह माना गया है, इन्हें पूर्ण ग्रहों का दर्जा नहीं है।
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ज्योतिष एक त्रिकालदर्शी शास्त्र है, अर्थात् इसकी सहायता से हम भूत, वर्तमान और भविष्य का अनुमान आसानी से लगा सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र एक प्राचीन वैज्ञानिक कला है जिसका उद्देश्य मानव समाज का सर्वांगीण विकास करना है। लेकिन आज लोग ज्योतिष को अंधविश्वास, नाम और धन कमाने का साधन मानकर इस शास्त्र की अवहेलना करते हैं। इस शास्त्र के दुरूपयोग के कारण आम जनता का इस शास्त्र से विश्वास उठ गया है।
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31 अक्टूबर, जिस दिन सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती मनाई जाती है, भारत सरकार ने 2014 में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में चिह्नित किया है। वल्लभभाई झावेरभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था। सरदार पटेल भारतीय राजनीतिज्ञ व आजाद भारत के संभावित प्रथम प्रधान मंत्री थे, जिन्होंने अंततः भारत के पहले उप प्रधान मंत्री के रूप में देश की सेवा करी।
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सरदार वल्लभभाई पटेल व राष्ट्रीय एकता दिवस
31 अक्टूबर, जिस दिन सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती मनाई जाती है, भारत सरकार ने 2014 में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में चिह्नित किया है। वल्लभभाई झावेरभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था। सरदार पटेल भारतीय राजनीतिज्ञ व आजाद भारत के संभावित प्रथम प्रधान मंत्री थे, जिन्होंने अंततः भारत के पहले उप प्रधान मंत्री के रूप में देश की सेवा करी।
सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन परिचय
सरदार पटेल का जन्म गुजरात के खेड़ा जिले के नडियाद में हुआ था। सरदार वल्लभ भाई पटेल, झावेरभाई पटेल और लाडबा पटेल की छह संतानों में से एक थे।
वह कानून का अध्ययन करने के लिए इंग्लैंड गए और बैरिस्टर बन गए। सरदार वल्लभभाई पटेल एक सफल वकील होने के साथ-साथ अपने समय के प्रभावशाली नेता थे। भारत छोड़ो आंदोलन के विद्रोह के दौरान, उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 49वें अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था।
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31 अक्टूबर, जिस दिन सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती मनाई जाती है, भारत सरकार ने 2014 में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में चिह्नित किया है। वल्लभभाई झावेरभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था। सरदार पटेल भारतीय राजनीतिज्ञ व आजाद भारत के संभावित प्रथम प्रधान मंत्री थे, जिन्होंने अंततः भारत के पहले उप प्रधान मंत्री के रूप में देश की सेवा करी।
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उत्तराखंड सरकार ने लॉन्च किया India’s first Bhookamp Alert app
उत्तराखंड सरकार ने समय रहते भूकंप अलर्ट देने वाला ऐप (Bhookamp Alert app) लॉन्च किया है। इस एप को कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल में इंस्टॉल कर सकता है और भूकंप की परिस्थिति में कुछ समय पहले एक वार्निंग आपको दे दी जाएगी ताकि वो समय रहते अपना बचाव कर सके।
उत्तराखण्ड सरकार ने बुधवार को ” उत्तराखण्ड भूकम्प अलर्ट (Uttarakhand bhookamp alert)” नाम से एक भूकंप अलर्ट ऐप लॉन्च किया, जो ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया है। ये ऐप (App) एंड्रॉयड(Android) और आईओएस (IOS) दोनों प्लेटफॉर्म पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।
ऐप को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की द्वारा विकसित किया गया था।
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उत्तराखंड सरकार ने समय रहते भूकंप अलर्ट देने वाला ऐप (Bhookamp Alert app) लॉन्च किया है। इस एप को कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल में इंस्टॉल कर सकता है और भूकंप की परिस्थिति में कुछ समय पहले एक वार्निंग आपको दे दी जाएगी ताकि वो समय रहते अपना बचाव कर सके।
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उत्तराखंड सरकार ने समय रहते भूकंप अलर्ट देने वाला ऐप (Bhookamp Alert app) लॉन्च किया है। इस एप को कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल में इंस्टॉल कर सकता है और भूकंप की परिस्थिति में कुछ समय पहले एक वार्निंग आपको दे दी जाएगी ताकि वो समय रहते अपना बचाव कर सके।
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इसरो हुआ और भी ताकतवर
पिछले कुछ सालों में इसरो ने स्पेस सेक्टर में अपना लोहा मनवाया है। भारत की स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) आज के समय में दुनिया की टॉप 6 स्पेस एजेंसीज (space agency) में से एक है। इसरो ने न सिर्फ भारत का गौरव बढ़ाया बल्कि देश की सुरक्षा में भी इसरो का बहुत बड़ा योगदान है।
जैसे-जैसे भारत आगे बढ़ रहा है उसकी आवश्यकतायें बढ़ती जा रही है। भारत की छोटी सेटेलाइट हो या बड़ी सेटेलाइट, मून मिशन (moon mission) हो या मार्स मिशन (mars mission), कम्युनिकेशन सेटेलाइट (communication satellite) हो या नेवीगेशन सेटेलाइट (navigation satellite) सब इसरो लॉन्च कर रहा है।
फलस्वरूप पिछले कुछ सालों में इसरो का काम बहुत बढ़ गया है, जिस कारण इसरो बड़े मिशन पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पा रहा है। इसी परेशानी को सुलझाने के लिए व भारत को ग्लोबल लेवल पर स्पेस सेक्टर में एक बड़ा प्लेयर बनाने के लिए भारत सरकार ने Indian Space Association लॉन्च किया है। इसे भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 11 अक्टूबर को देश को समर्पित किया। इसकी टैगलाइन “भूमण्डल से ब्रह्माण्ड तक” है।
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पिछले कुछ सालों में इसरो ने स्पेस सेक्टर में अपना लोहा मनवाया है। भारत की स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) आज के समय में दुनिया की टॉप 6 स्पेस एजेंसीज (space agency) में से एक है। इसरो ने न सिर्फ भारत का गौरव बढ़ाया बल्कि देश की सुरक्षा में भी इसरो का बहुत बड़ा योगदान है।
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पिछले कुछ सालों में इसरो ने स्पेस सेक्टर में अपना लोहा मनवाया है। भारत की स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) आज के सम��� में दुनिया की टॉप 6 स्पेस एजेंसीज (space agency) में से एक है। इसरो ने न सिर्फ भारत का गौरव बढ़ाया बल्कि देश की सुरक्षा में भी इसरो का बहुत बड़ा योगदान है।
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वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन (climate change) के कारण पूरे भारत (India) में बिजली गिरने (lightning) की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। सरकारी आंकड़े के अनुसार देश में हर साल बिजली गिरने की घटनाओं में लगभग ढाई हजार लोग मारे जाते हैं। अमेरिका (America) से इसकी तुलना करें तो वहां इससे लगभग 45 लोग ही मरते हैं।
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खुद को करें बिजली गिरने (lightning) से सुरक्षित
वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन (climate change) के कारण पूरे भारत (India) में बिजली गिरने (lightning) की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। सरकारी आंकड़े के अनुसार देश में हर साल बिजली गिरने की घटनाओं में लगभग ढाई हजार लोग मारे जाते हैं। अमेरिका (America) से इसकी तुलना करें तो वहां इससे लगभग 45 लोग ही मरते हैं।
ऐसे प्रमाण मिल रहे हैं कि बिजली गिरने की घटनाएं गांव के साथ-साथ अब शहरों में भी आम होती जा रही है। ये बात इसलिए भी गंभीर है क्योंकि आने वाले वर्षों में भारत के शहरों की आबादी तेजी से बढ़ेगी।
ऐसा माना जा रहा है कि जलवायु परिवर्तन और स्थानीय स्तर पर पृथ्वी की सतह (earth surface) गर्म होने और अधिक नमी के कारण बिजली गिरने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है।अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह दिन दूर नहीं जब आग के ये गोले सघन आबादी वाले इलाकों में गिरेंगे व हजारों की तादाद में लोग मारे जाएंगे। इसीलिए हमें व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर मिलकर जलवायु संरक्षण (climate protection) के कदम उठाने होंगे।
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