#यूपीएससी परीक्षा की तैयारी
Explore tagged Tumblr posts
Text
UPSC Trick: कलेक्टर, एसपी, डीएसपी बनना है तो ऐसे करें पढ़ाई, पुलिस अफसर ने बताई ट्रिक
UPSC Trick: कलेक्टर, एसपी, डीएसपी बनना है तो ऐसे करें पढ़ाई, पुलिस अफसर ने बताई ट्रिक
सतना: यूपीएससी और एमपीपीएससी (UPPSC And MPPSC Exam Tips) के साथ-साथ बड़ी संख्या में छात्र अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। कई बार छात्रों के सामने असमंजस की स्थिति हो जाती है कि तैयारी कैसे करें। साथ ही उन्हें पढ़ाई करने के लिए गाइड करने वाला भी कोई नहीं है। वैसे एमपी पुलिस अधिकारी व चित्रकूट के एसडीओपी आशीष कुमार जैन ने छात्रों के लिए नवभारत टाइम्स.कॉम से खास बातचीत की है. बातचीत…
View On WordPress
#एमपी पुलिस ऑफिसर शेयर करें यूपीएससी क्रैक ट्रिक#एमपीपीएससी परीक्षा क्रैक सीक्रेट टिप्स#एसडीओपी आशीष कुमार जैन#कलेक्टर और एसपी कैसे बने#चित्रकूट एसडीओपी आशीष कुमार जैन#डीएसपी आशीष कुमार जैन इंटरव्यू#यूपीएससी एमपीपीएससी परीक्षा क्लियर ट्रिक#यूपीएससी क्रैक ट्रिक#यूपीएससी परीक्षा की तैयारी#यूपीएससी परीक्षा कैसे क्लियर करें
0 notes
Text
IAS टीना डाबी से मिली प्रेरणा, सब-इंस्पेक्टर की बेटी ने क्रैक किया UPSC, बनी IPS अधिकारी
यूपीएससी परीक्षा पास करना हर किसी के बस की बात नहीं होती. कई लोग ऐसे होते हैं, जो सालों तक तैयारी करते हैं, लेक��न परीक्षा में सफल नहीं हो पाते, जबकि कुछ ऐसे भी होते हैं, जो दूसरे अधिकारियों के प्रेरणा लेते हैं और परीक्षा में सफल होकर आईएएस-आईपीएस या अन्य सेवाओं में अधिकारी बन जाते हैं. उत्तर प्रदेश की रहने वाली काजल भी उन्हीं में से एक हैं, जिन्हें एक ऐसी महिला आईएएस अधिकारी से प्रेरणा मिली, जो…
0 notes
Text
प्रतापगढ़ में शिक्षक शिवपूजन पाण्डेय के बेटे पवन का यूपीएससी में हुआ सेलेक्शन
प्रतापगढ़, 2 नवंबर 2024। यूपी के प्रतापगढ़ जिले में प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक शिवपूजन पाण्डेय के बेटे पवन पाण्डेय का सेलेक्शन यूपीएससी में हुआ है। 22 वर्षीय पवन पाण्डेय ने पहले प्रयास में ही यूपीएससी में सफलता पाई है। स्कूलिंग टाइम में शिवपूजन पाण्डेय भी यूपीएससी की तैयारी प्रयागराज में रहकर किया करते थे। वह भी यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुए पर सफलता हासिल नहीं कर सके। उस दौरान उनके कई साथी…
0 notes
Text
लैंप की रोशनी का सहारा, मां की वो जिद फिर झटके पर झटके... अपने जिले की पहली IFS लब्धी जैन की कहानी
नई दिल्ली: एक ऐसा इलाका, जहां तीन-तीन दिनों तक बिजली नहीं रहती थी। पढ़ाई-लिखाई करनी हो तो केवल लैंप और लालटेन की रोशनी का सहारा था। बुनियादी सुविधाएं तो छोड़िए, अगर किसी को मेडिकल इमरजेंसी की जरूरत पड़ जाए, तो दूसरे प्रदेश में जाकर इलाज कराना पड़ता था। पूरे इलाके में केवल एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र था, जिसमें नाम मात्र की सुविधाएं थीं। ऐसी चुनौतियों के बीच एक लड़की ने अपने लिए वो लक्ष्य तय किया, जिसे सोचना भी आसान नहीं था। वजह थी उसकी मां की एक जिद, जिसमें वो अपनी बेटी को अधिकारी बनता हुआ देखना चाहती थीं।ओडिशा के नुआपाड़ा जिले में छत्तीसगढ़ के बॉर्डर से सेट खरियार रोड इलाके में रहने वालीं लब्धी जैन जब 9वीं क्लास में ही थीं, तो उनकी मां ने उनके लिए अधिकारी बनने का सपना देख लिया। लब्धी को उनकी मां बचपन से ही प्रेरणा देती हुई आईं थी। हालांकि, लब्धी जिस जगह रहती थीं, वहां संसाधन बेहद सीमित थे। 12वीं की पढ़ाई पूरी हुई तो लब्धी ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की डिग्री ली और उन्हें कॉर्पोरेट की एक बढ़िया नौकरी मिल गई। इस नौकरी को करने के पीछे उनकी पारिवारिक जिम्मेदारियां भी एक बड़ी वजह थी। प्रीलिम्स में मिले महज 60 नंबर यहां जल्दी ही उन्हें एहसास हो गया कि कॉर्पोरेट जीवन उनके लिए नहीं है। अपनी मां क�� सपने को पूरा करने के लिए 2021 में लब्धी जैन ने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी। हालांकि, अपने पहले प्रयास में वो प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाईं। इंडियन मास्टरमाइंड्स की रिपोर्ट के मुताबिक, लब्धी बताती हैं कि प्रीलिम्स में उन्हें केवल 60 नंबर ही मिले, जिसकी वजह से वो बहुत निराश हुईं। उन्होंने बताया कि अपनी तैयारी के पहले साल तो वो केवल भटकती ही रहीं। उन्हें नहीं पता था कि क्या पढ़ना है और कैसे पढ़ना है? दूसरे साल भी नाकामयाबी, तीसरी कोशिश कामयाब पहली ही कोशिश में इस झटके के बावजूद लब्धी ने हिम्मत नहीं हारी और एक बार फिर से तैयारी में जुट गईं। इस बार उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विस के साथ-साथ भारतीय वन सेवा (आईएफएस) की भी परीक्षा दी। हालांकि, उन्होंने दोनों में मेंस परीक्षा पास कर ली, लेकिन इंटरव्यू राउंड में सफल नहीं हो पाईं। लब्धी के लिए ये लगातार दूसरा बड़ा झटका था। ऐसे में लब्धी ने एक बड़ा फैसला लिया और अपना पूरा ध्यान आईएफएस पर लगा दिया था। साल था 2023 जब उन्होंने नई रणनीति के साथ ये परीक्षा दी। इस बार कहानी बदल गई। लब्धी जैन को इस परीक्षा में 36वीं रैंक हासिल हुई। हर रोज रात में जागकर आठ घंटे पढ़ाई लब्धी जैन इस रिजल्ट के साथ अपने जिले की पहली आईएफएस अधिकारी बन गईं। लब्धी से जब सिविल सर्विस की जगह आईएफएस चुनने के उनके फैसले के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया, 'मुझे आईएफएस परीक्षा के बारे में जानकारी थी, लेकिन जैसे-जैसे मैंने इसकी तैयारी की तो दिलचस्पी बढ़ती गई और इसके बारे में गहराई से समझा। ओडिशा में प्रकृति और जंगली जानवरों के बहुत करीब होने के कारण आईएफएस में मेरी रूचि बढ़ गई। लगा कि जैसे में इसी सर्विस में जाना चाहती थी।' लब्धी के लिए तीन साल का सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा। वो हर रोज रात में जागकर आठ घंटे पढ़ाई करती थीं। http://dlvr.it/T930wk
0 notes
Text
प्रेशर कम करने का ‘वैक्सीन’ है कोटा कोचिंग सिस्टम- डॉ.विक्रांत पांडे
एलन एलुमनी मीट-2024 ‘समानयन’ : केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव डॉ.विक्रांत पांडे ने कोटा में अपनी पढाई के अनुभव साझा किये अरविंद न्यूजवेव @कोटा ‘कोचिंग ऐसा टूल है जो विद्यार्थी के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। रोज क्लास में उसे कंफर्ट जोन से बाहर आने का डोज दिया जाता है, जिससे उसकी इम्यूनिटी बढ़ती जाती है। पढाई करते समय प्रेशर कम करने का वैक्सीन कोटा कोचिंग सिस्टम ही देता है।' केंद्रीय गृह मंत्रालय, नईदिल्ली में संयुक्त सचिव वरिष्ठ आईएएस डॉ विक्रांत पांडे एलन कॅरिअर इंस्टीट्यूट की दो दिवसीय एलुमनी मीट-2024 ‘समानयन’ में भाग लेने के लिये कोटा पहुंचे। एक विशेष बातचीत में उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि यहां का कोचिंग सिस्टम आपको अपनी छिपी हुई क्षमता को पहचानने की ताकत देता है। यह आप पर निर्भर है प्रेशर में कितना खिलकर बाहर आते हैं। कोटा में पढने का अनुभव
मैने झालावाड जिले के बकानी कस्बे में हिंदी माध्यम से स्कूली पढाई की। शिक्षक पिता ने कहा कि मैं डॉक्टर नहीं बन सका, तुम कोशिश करो। उनके संस्कार लेकर मैने 1996 में कोटा आकर एलन से पीएमटी की तैयारी की। गांव से शहर में आकर अकेले किराये के कमरे में रहकर पढाई की। एलन के शिक्षकों ने मनोबल बहुत बढाया। पहले प्रयास में ही चयन हो गया। उदयपुर से एमबीबीएस करते हुये आईएएस बनने का सपना देखा। पहले प्रयास में इंटरव्यू में सफल नहीं हुआ लेकिन कोटा कोचिंग की बदलौत हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास में यूपीएससी में अच्छी रैंक से चयनित हो गया। गत 19 वर्षों से सिविल सेवा में रहते हुये बलसाड, भरूच व अहमदाबाद में जिला कलक्टर रहा। इन दिनों गृह मंत्रालय, नईदिल्ली में सेवारत हूं। चट्टान की तरह खडे रहो एक सवाल के जवाब में डॉ. पांडे ने कहा कि हमारा पूरा जीवन एक कॉम्पिटीशन है। हर मुकाम पर लाइनें लंबी मिलेगी, आप चट्टान की तरह खडे रहो। यह मानकर चलें कि मेरी सीट तो फिक्स है। मुझे 100 प्रतिशत मेहनत करना है। मैने 2005 में यूपीएससी दी, त�� 50 आईएएस के लिये 11 लाख परीक्षार्थी थे। जज्बा ऐसा हो कि मैदान में रोकने वाले कितने भी खिलाडी हों, आपको अपनी गेंद बाउंड्री के बाहर ही भेजना है। कोचिंग सिस्टम आपकी राह में वेलवेट नहीं बिछाता है, दबाव या दर्द सहने की ताकत पैदा करता है। भीतर से बहुत मजबूत बना देता है। आईएएस इंटरव्यू में भी कोटा कोचिंग से मिला आत्मविश्वास ही काम आया। अपने बच्चों में अलख जगाओ डॉ. पांडे ने माता-पिता को सलाह दी कि वे बच्चों से आशा रखें लेकिन अति महत्वाकांक्षी नहीं बनें। अपने बच्चों को प्रतिस्पर्धा में आगे निकलने के लिये अलख जगाओ। कोचिंग शिक्षक उत्प्रेरक का कार्य करेंगे, आप कूलेंट बनकर शांत रहो। जो आप नहीं कर पाये, उसकी अपेक्षा बच्चे से नहीं करें। बच्चे की मानसिकता को भांप लें। जीवन बहुत लंबा है, हर बात पर उसे दाद देते हुये कहें कि अगली बार इससे भी अच्छा होगा। किसी अन्य से तुलना कभी मत करो। पढाई के दौरान कई टेस्ट होंगे, हमें गोल पर नजरें टिकानी हैं। परीक्षायें मौज-मस्ती नहीं है, स्वाध्याय और मेडिटेशन है। परीक्षा के बाद बच्चे से मार्क्स पर नही करंे। उससे संवाद कर भावनात्मक लगाव महसूस करायें। जिस भूमि पर पानी के छींटे गिरेंगे, खाद डलेगी, वह बंजर नहीं रहेगी। कोचिंग सिस्टम भी बच्चों को वैज्ञानिक ढंग से स्मार्ट थिंकिंग देता है। उसके मस्तिष्क को उपजाऊ बना देता है। थ्योरी पढ़ने का तरीका बदलो एक सवाल के जवाब में वरिष्ठ आईएएस डॉ.पांडे ने कहा कि हम स्कूली पढाई में जो थ्योरी पढते हैं, उसका तरीका प्रवेश परीक्षाओं में बदल जाता है। स्कूल में नंबर आ जाते हैं लेकिन कंसेप्ट क्लियर नहीं होते हैं। कोचिंग में थ्योरी के चेप्टर के कंसेप्ट को समझाते हैं। प्रश्नों का एनालिसिस करना सिखाते हैं। इससे सोचने की सही क्षमता आ जाती है। थ्योरी के प्रत्येक चेप्टर से 100 प्रश्न हल करने की प्रेक्टिस करने पर पढाई करने का तरीका ही बदल जाता है। तेजी से प्रश्न हल करने का स्किल कोचिंग से ही मिलता है। हर शिक्षक थ्योरी चेप्टर को प्रवेश परीक्षाओं से जोड़कर पढाते हैं। यह आप पर निर्भर है कि प्रेशर से कितना खिलकर बाहर आते हैं। कोचिंग सिस्टम आपको दौडने का रास्ता दिखाता है, राह में कंसेप्ट क्लियर कर पत्थर हटाता है तो कठिन प्रश्न देकर पत्थर डालता भी है। जिससे आप कम्पीटिशन की बाधाओं को पार कर लक्ष्य को पा सको। ये हैं कोटा कोचिंग की खास बातें आज दुनियाभर में कोटा कोचिंग की अलग पहचान है। यहां के शिक्षक बच्चों के साथ क���ी मेहनत कर उन्हें लक्ष्मण रेखा से बाहर निकालते हैं। बच्चे खुद का विश्लेषण करें। ओवर थिंकिग व सोशल प्रेशर से खुद को दूर रखें। जल्दी से किसी सफलता की कोशिश न करें। कोटा कोचिंग में पीयर गु्रप आपको पढने का माहौल देता है। टाइम मैनेजमेंट, कंसेप्ट समझने, समर्पित होकर पढाई करने से आप खुद को अपग्रेड करना सीख जायेंगे। कोटा कोचिंग का स्वस्थ वातावरण आपको कम्फर्ट जोन से बाहर निकालने में सक्षम है। इसलिये अपने टारगेट क�� आगे 1-2 साल सोशल मीडिया व स्मार्ट फोन को भूल जायें। Read the full article
0 notes
Text
कोचिंग संस्थानों पर लगाम लगानी है तो हर साल विदेश में पढ़ने जाने वाले छात्रों पर भी लगाम लगाने चाहिए विजय गर्ग
केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने उ���भोक्ता मंत्रालय के सुझाव पर कोचिंग संस्थानों पर अंकुश लगाने के लिए कुछ नियम जारी किए हैं। चुने हुए उम्मीदवारों के लिए आदेश हैं कि वे नियुक्ति पत्र मिलने के बाद किसी भी कोचिंग संस्थान से कोई संपर्क नहीं रखेंगे। यानी कि उनके नाम का इस्तेमाल कोई भी कोचिंग संस्थान नहीं करेगा। तात्कालिक कारण यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराने वाले कोचिंग…
View On WordPress
0 notes
Text
UPSC: खान ग्लोबल स्टडीज़ के साथ यूपीएससी की तैयारी
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) एक महत्वपूर्ण संगठन है जो भारतीय सरकार के विभिन्न पदों के लिए सिविल सेवा परीक्षाएं आयोजित करता है। इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को एक अच्छी तैयारी की आवश्यकता है। खान ग्लोबल स्टडीज़ यूपीएससी की तैयारी के क्षेत्र में अपनी अद्वितीयता के लिए मशहूर है।
खान ग्लोबल स्टडीज़: UPSC की तैयारी का सर्वोत्तम स्थान
खान ग्लोबल स्टडीज़ ने यूपीएससी की तैयारी को सरल और प्रभावी बनाया है। यहाँ प्रदान की जाने वाली उनकी UPSC की तैयारी के पाठ्यक्रम ने छात्रों को सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचाया है।
UPSC कोर्सेस
खान ग्लोबल स्टडीज़ UPSC की तैयारी के लिए विशेष पाठ्यक्रम प्रदान करता है। इन कोर्सों में शामिल हैं ऑनलाइन लाइव क्लासेस, स्वतंत्र अभ्यास सामग्री, और महत्वपूर्ण परीक्षा प्रश्न। ये सभी तत्व एक संपूर्ण तैयारी के लिए साहायक होते हैं।
UPSC में हिंदी में करंट अफेयर्स
UPSC की तैयारी के लिए करंट अफेयर्स को अपडेट रखना महत्वपूर्ण है, और खान ग्लोबल स्टडीज़ इसे हिंदी में प्रदान करता है। इससे छात्रों को ताज़ा जानकारी मिलती है और वे परीक्षा के संदर्भ में अद्यतित रह सकते हैं।
UPSC पाठ्यक्रम 2024 का अन्वेषण
खान ग्लोबल स्टडीज़ ने अपने पाठ्यक्रम को 2024 के UPSC पाठ्यक्रम के साथ समन्वित किया है। यह सुनिश्चित करता है कि छात्र नवीनतम परीक्षा पैटर्न के अनुसार तैयारी कर रहे हैं और सफलता प्राप्त करने के लिए तैयार हैं।
इस लेख के माध्यम से हमने देखा कि खान ग्लोबल स्टडीज़ कैसे UPSC की तैयारी को सरल बनाता है और छात्रों को सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचाता है। इससे साफ होता है कि एक अच्छी तैयारी और मेंटरिंग के साथ सही दिशा में कदम बढ़ाना हमेशा महत्वपूर्ण होता है।
FAQs
1. UPSC की तैयारी के लिए क्या-क्या सुझाव हैं?
उम्मीदवारों को नियमित रूप से पढ़ाई करनी चाहिए और प्रैक्टिस टेस्ट लेने चाहिए।
2. खान ग्लोबल स्टडीज़ के कोर्सेस क्या-क्या हैं?
खान ग्लोबल स्टडीज़ UPSC की तैयारी के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
3. UPSC की तैयारी के लिए कितने समय की आवश्यकता है?
यह निर्भर करता है कि छात्र कितने प्रतियोगी हैं, लेकिन सामान्यतः अच्छी तैयारी के लिए 8-10 महीने की आवश्यकता होती है।
4. क्या खान ग्लोबल स्टडीज़ के कोर्सेस हिंदी में उपलब्ध हैं?
हां, खान ग्लोबल स्टडीज़ के कोर्सेस हिंदी में भी उपलब्ध हैं।
5. UPSC सिविल सेवा की परीक्षा कितने चरणों में होती है?
UPSC सिविल सेवा की परीक्षा तीन चरणों में होती है: प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा, और आईए�� इंटरव्यू।
1 note
·
View note
Text
700+GK Questions In Hindi,जनरल नॉलेज के 700 से अधिक प्रश्न उत्तर हिंदी में
भारत में होने वाले सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में GK का ज्ञान होना बहुत महत्वपूर्ण है। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में जनरल नॉलेज से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। ऐसे में जिन उम्मीदवारों का जनरल नोलेज का पार्ट स्ट्रांग होता है वह प्रतियोगी परीक्षा में अच्छे अंक हासिल कर प्रतियोगी परीक्षा पास कर सकते हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए GK से जुड़े 700 से अधिक ऐसे वन लाइनर प्रश्न उत्तर लेकर आए हैं जो कि आपके प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जैसे यूपीएससी, एसएससी, रेलवे, एनटीपीसी, बैंकिंग, यूजीसी नेट आदि प्रतियोगी परीक्षाओं में आपकी बहुत सहायता करेगा।
0 notes
Text
0 notes
Text
02 अगस्त 2023 हिंदी Current Affairs
Today Current Affairs PDF in Hindi: दोस्तों, क्या आप भी सरकारी नौकरी की तैयारी करते हैं अगर हां, तो आप सभी को मालूम होगा की करंट अफेयर्स विभिन्न प्रतियोगी प्रवेश परीक्षा की तैयारियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है अगर आप किसी भी सरकारी नौकरी जैसे कि यूपीएससी, बीपीएससी, बैंकिंग, आईएएस, रेलवे तथा किसी भी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र हैं तो आपको Daily Current Affairs जरूर पढ़ना चाहिए. इसी…
View On WordPress
0 notes
Text
Jharkhand government decision - झारखंड सरकार का अहम फैसला यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा पास एससी-एसटी अभ्यर्थियों को हेमंत सरकार देगी 1 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि और किन्नरों को मिलेगा 1 हजार का मासिक पेंशन, जानें कैसे करें अप्लाई
रांची : यूपीएससी पीटी परीक्षा पास करने वाले राज्य के एससी एसटी युवाओं को सरकार की ओर से प्रोत्साहन के रुप में एक लाख रुपए दिए जाएंगे. सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत मदद की जाएगी ताकि अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी अच्छे से कर सके. इसके लिए आदिवासी कल्याण आयुक्त कार्यालय ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले एससी-एसटी अभ्यर्थियों से आवेदन…
View On WordPress
0 notes
Text
तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्लीयर कर आईएएस बनीं दिव्या मिश्रा
प्रतापगढ़, 11 सितंबर 2024। प्रतापगढ़ की मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) डॉ. दिव्या मिश्रा की सफलता की कहानी युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है। दिव्या ने कठिन मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ यूपीएससी परीक्षा को तीसरे प्रयास में क्लीयर कर आईएएस अधिकारी बनने का सपना साकार किया। उनकी यह यात्रा न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए प्रेरणा है, बल्कि अपने लक्ष्य के प्रति अटूट विश्वास…
0 notes
Text
उत्तराखंड पीसीएस परीक्षाओं का पाठ्यक्रम अब संघ लोकसेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा पाठ्यक्रम की तर्ज पर होगा
देहरादून : उत्तराखंड के युवाओं के लिए बड़ी खबर है। ऐसे युवा जो सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे है उनके लिए एक नया अपडेट है। लोकसेवा आयोग की पीसीएस परीक्षाओं का पाठ्यक्रम अब संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा पाठ्यक्रम की तर्ज पर होगा। अभी तक ऐसा नहीं था। आयोग के साक्षात्कार के पैर्टन में बदलाव उत्तराखंड लोकसेवा आयोग का परीक्षा पाठ्यक्रम में उक्त बदलाव लंबे समय अपेक्षित था, पर इसे…
View On WordPress
0 notes
Text
मां बीड़ी कारखाने में मजदूर, पापा थे कंडक्टर, बेटी का हौसला तो देखिए... क्रैक कर दिखाया UPSC
नई दिल्ली: एक बहुत पुरानी कहावत है, जहां चाह...वहां राह। मतलब, अगर आपने कुछ करने का ठान लिया, तो फिर मंजिल तक पहुंचने का रास्ता खुद-ब-खुद बन जाता है। और, तमिलनाडु के तेनकासी जिले की रहने वालीं एस इनबा ने इस कहावत को पूरी तरह से सही साबित कर दिखाया है। इनबा के पिता श्रीनिवासन राज्य परिवहन निगम में कंडक्टर के पद से रिटायर हैं। मां एस स्टेला बीड़ी बनाने के एक कारखाने में काम करती हैं। वक्त बचता है, तो कुछ और पैसे कमाने के लिए पास की दुकान पर फूल माला बनाने चली जाती हैं। इनबा ने जब यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर जॉइन किया, तो कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन लग गया। ऐसी कई मुश्किलों के बावजूद इनबा ने यूपीएससी की परीक्षा क्रैक की है।इनबा को यूपीएससी में 851वीं रैंक मिली है। हालांकि, इस रैंक तक पहुंचने से पहले इनबा के सामने चुनौतियों का एक बड़ा पहाड़ खड���ा था। आर्थिक समस्याएं थी, लॉकडाउन था और ऐसी ही कई अन्य परेशानियां थीं। लेकिन, इन सबके ऊपर इनबा का हौसला भारी पड़ा। करीब ढाई साल तक उन्होंने अपने जिले की सरकारी लाइब्रेरी को ही अपना घर बना लिया। वो 12-12 घंटे तक मेहनत करती थीं। विपरीत हालातों पर जीत हासिल करने के जज्बे और उनकी लगन ने उन्हें आज पूरे देश के लिए एक मिसाल बना दिया है। वासुदेवनल्लूर के नादर कम्युनिटी हायर सेकेंडरी स्कूल से उन्होंने अंग्रेजी मीडियम में 10वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद 12वीं के लिए उन्होंने तेनकासी जिले के ही एमकेवीके मैट्रिकुलेशन स्कूल में एडमिशन लिया। 2020 में इनबा ने कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर ली। अब वो वक्त आ चुका था, जब इनबा को अपने करियर का फैसला लेना था। उन्होंने तय किया कि वो यूपीएससी परीक्षा पास कर सिविल सर्विस में जाएंगी। इनबा ने सिविल सर्विस की कोचिंग के लिए चेन्नई में शंकर आईएएस अकादमी में एडमिशन ले लिया। लॉकडाउन की वजह से छोड़नी पड़ी कोचिंग परिवार की आर्थिक समस्याओं के बावजूद यहां तक पहुंची इनबा के सामने मुश्किलों का असली दौर अब शुरू हुआ। जैसे ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर में एडमिशन लिया, देश में कोरोना वायरस की वजह से ल़ॉकडाउन लग गया। उन्हें कोचिंग सेंटर छोड़ना पड़ा। अब इनबा ऑनलाइन कोचिंग लेने के लिए मजबूर थी। समस्या ये थी कि उनके घर पर इंटरनेट की सुविधा नहीं थी। ऐसे में शेंगोट्टई इलाके की सरकारी लाइब्रेरी उनके काम आई। इनबा ने अगले ढाई साल तक इस लाइब्रेरी को ही अपना दूसरा घर बना लिया। वो सुबह 8 बजे ही लाइब्रेरी आ जातीं और रात को 8 बजे इसके बंद होने पर ही घर जातीं। दो बार प्री परीक्षा में हुईं फेल लाइब्रेरी में इनबा को अखबारों, किताबों के साथ-साथ फ्री वाईफाई की भी सुविधा मिली। अब उनके लिए ऑनलाइन कोचिंग हासिल करने में कोई मुश्किल नहीं थी। इसके बाद अब वो दिन आया जब इनबा यूपीएससी की परीक्षा में बैठी। हालांकि, उन्हें पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली। इसके बाद दिसंबर 2022 में एक प्रवेश परीक्षा पास करके उन्होंने चेन्नई के एक निःशुल्क सरकारी कोचिंग संस्थान 'अखिल भारतीय सिविल सेवा संस्थान' में एडमिशन ले लिया। इस बी�� आया और दूसरी बार भी उन्हें असफलता हाथ लगी। और आखिरकार इनबा ने हासिल की कामयाबी दो-दो असफलताओं से जूझने के बावजूद इनबा ने हिम्मत नहीं हारी। वो फिर से यूपीएससी की परीक्षा में बैठीं और इस बार उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। इनबा ने पूरी रणनीति के साथ इंटरव्यू की तैयारी की और जब 16 अप्रैल 2024 को यूपीएससी का रिजल्ट घोषित हुआ तो इनबा का नाम मेरिट लिस्ट में था। उन्हें 851वीं रैंक मिलीं। इनबा बताती हैं कि उनकी प्रेरणा कोई और नहीं, बल्कि उनकी मां हैं, जिन्होंने हर मुश्किल के बावजूद इनबा की पढ़ाई पर कोई असर नहीं पड़ने दिया। वहीं, इनबा की कामयाबी पर उनकी मां भी बेहद खुश हैं और हर किसी से अपनी बेटी के संघर्ष की कहानी बता रही हैं। http://dlvr.it/T6Hx5z
0 notes
Text
फिजिक्स वाला विद्यापीठ द्वारा PWNSAT स्कॉलरशिप टेस्ट में 200 करोड़ रू की बम्पर छात्रवृत्ति
अवसरः कक्षा-6 से 12वीं के स्टूडेंट्स के लिये 1 से 15 अक्टूबर तक निःशुल्क टेस्ट, शीर्ष रैंक प्राप्त करने वालों को मिलेंगे 1.5 करोड़ रू के नकद पुरूस्कार भी न्यूजवेव @कोटा देश के अग्रणी यूनिकॉर्न एड-टेक संस्थान पीडब्ल्यू (फिजिक्सवाला) ने कक्षा-6 से 12वीं में अध्ययनरत तथा ड्रॉपर्स विद्यार्थियों को अपनी योग्यता परखने के लिये PW NSAT-2023 (फिजिक्स वाला नेशनल स्कॉलरशिप कम एडमिशन टेस्ट) लांच किया है। यह निशुल्क परीक्षा ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों मोड में आयोजित की जायेगी। पीडब्ल्यू विद्यापीठ ऑफलाइन के सीईओ अंकित गुप्ता ने पत्रकारों को बताया कि पीडब्ल्यू एनएसएटी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्टूडेंट्स को 200 करोड़ रू की मेगा स्कॉलरशिप दी जायेगी। इसके लिये देशभर में कक्षा-6 से 12वीं तक स्टूडेंट्स पीडब्ल्यू सेंटर, वेबसाइट या एप के माध्यम से 30 सितंबर तक अपना निशुल्क रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। यह परीक्षा संस्थान के सभी परीक्षा केंद्रों पर 1, 8 एवं 15 अक्टूबर,2023 रविवार को ऑफलाइन मोड में आयोजित की जायेगी। स्टूडेंट्स आगामी 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक घर बैठे अपने शहर से ही ऑनलाइन मोड में यह परीक्षा दे सकते हैं। इस राष्ट्रीय परीक्षा का रिजल्ट 20 अक्टूबर, 2023 को घोषित किया जायेगा। पीडब्ल्यू विद्यापीठ के कोटा सेंटर हेड कुन्दन कुमार ने पत्रकार वार्ता में बताया कि पीडब्ल्ूयू एनएसएटी-2023 में कक्षा-6 से 12वीं तक एवं ड्रॉपर्स सहित 10 लाख स्टूडेंट्स को जोडने का लक्ष्य है, जिससे प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थी को अपने स्कोर के आधार पर अपनी योग्यता व नेशनल रैंक का पता लग सकेगा। इसमें प्रत्येक कक्षा में सिलेबस के अनुसार एन��ीईआरटी आधारित 40 बहुवैकल्पिक प्रश्न पूछे जायेंगे। पेपर 160 अंकों का होगा। किसे कितना नकद पुरूस्कार राजीव रस्तोगी सर ने बताया कि पीडब्ल्ूयू एनएसएटी-2023 का उद्देश्य स्कूली बच्चों के टेलेंट को नर्चर करना है। कक्षा-8वीं, 9वीं एवं 10वीं के स्टूडेंट्स को इस परीक्षा में रैंक-1 प्राप्त करने पर 1 लाख नकद पुरूस्कार,रैंक-2 पर 75 हजार रू, रैंक-3 पर 50 हजार रू तथा रैंक-4 से 10 तक 7 स्टूडें��्स को 35 हजार रू सहित रैक-160 तक आकर्षक नकद पुरूस्कार दिये जायेंगे। इसी तरह, इस स्कॉलरशिप टेस्ट में मेडिकल व इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के इच्छुक कक्षा-11वीं एवं 12वीं के स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप के अतिरिक्त रैंक-1 पर 1.50 लाख, रैंक-2 पर 1 लाख, रैंक-3 पर 75 हजार, रैंक-4 से 10 तक 7 स्टूडेंट्स को 50-50 हजार रू., रैंक-11 से 25 तक 15 स्टूडेंट्स को 35-35 हजार रू, रैंक-26 से 50 तक 25 स्टूडेंट्स को 20-20 हजार रू जीतने का अवसर भी मिलेगा। नीट डिवीजन के हेड हितेश शर्मा ने बताया कि पहली बार कक्षा-छठी व सातवीं के 50 स्टूडेंट्स को रैंक-1 से 50 तक प्राप्त करने पर कोचिंग शुल्क में 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप दी जायेगी। रैंक-51 से 200 तक 150 स्टूडेंट्स को 75 प्रतिशत, रैंक-201 से 500 तक 300 स्टूडेंट्स को 50 प्रतिशत, रैंक-501 से 1000 तक 500 स्टूडेंट्स को 25 प्रतिशत स्कॉलरशिप लेने का अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि संस्थान ने हर वर्ग के स्टूडेंट्स का ध्यान रखते हुये विद्यापीठ रेजीडेंशियल प्रोग्राम (VPR) भी लांच किया है, जिसमें हॉस्टल में ही टीचिंग व मैस सुविधा भी रहेगी। प्री-फाउंडेशन हेड राजीव रंजन ने बताया कि पीडब्ल्यू में कक्षा-6 से ही बच्चों को एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग दी जा रही है। वे जो क्लास में पढते हैं, उसे आत्मविश्वास के साथ करके दिखाते भी हैं। इससे रूचि के अनुसार, उनमें टेलेंट विकसित हो रहा है। उन्हें सभी क्षेत्रों के लिये काउंसलिंग दी जा रही है। इसलिये पीडब्ल्यू है देश में नंबर-1
संस्थान के फाउंडर डायरेक्टर अलख पांडे के अनुसार, भारत क�� शीर्ष 101वें यूनिकॉर्न ‘फिजिक्स वाला विद्यापीठ’ देश के लाखों विद्यार्थियों के लिये यूपीएससी, गेट, कैट, सीए, सीडीएस, एसएससी, रेलवे, बैंकिंग, सीटीईटी सहित जेईई-मेन, एडवांस्ड, नीट-यूजी सहित सभी प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये नंबर-1 प्लेटफॉर्म ब��कर उभरा है। पीडब्ल्यू के देश में 60 स्टडी सेंटर्स हैं, जहां ऑनलाइन व हाईब्रिड कोचिंग के विकल्प मौजूद हैं। पीडब्ल्यू का स्टडी मैटेरियल हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली, मराठी, तेलगू व गुजराती भाषाओं में उपलब्ध होने से सभी माध्यमों के स्टूडेट्स की फर्स्ट च्वाइस बन चुका है। इसके 61 यूट्यूब चैनलों में 31 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स की सबसे बड़ी फॉलोइंग है। पीडब्ल्यू मोबाइल ऐप 10 मिलियन से अधिक यूजर्स द्वारा डाउनलोड किया जा चुका है। गूगल प्ले स्टोर पर 4.6 की शानदार रेटिंग के साथ यह सबसे विश्वसनीय कोचिंग प्लेटफॉर्म बन चुका है। Read the full article
0 notes