#यूपी उपचुनाव 2022
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Why Milkipur Seat Elections Delayed: Gorakhnath Baba's Role Explained
Introduction
Milkipur Seat Bypolls Election 2024: भारत के निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों का एलान कर दिया है. इसके साथ ही 48 विधानसभा सीटों, 2 लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का भी एलान कर दिया है. उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर उपचुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है. हालांकि, अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर सभी की नजरें बनी हुई थी. लेकिन इस सीट पर तारीखों का एलान नहीं हुआ. चुनाव आयोग ने इसका जवाब भी दिया है कि इस सीट पर उपचुनाव की तारीखों का एलान क्यों नहीं किया गया है .
Table of Content
क्यों नहीं हुआ चुनाव की तारीखों का एलान
क्या पूरा मामला
SP ने साधा निशाना
क्या है वोटरों की संख्या
अजित प्रसाद को दिया जा सकता है टिकट
किन-किन सीटों पर हो रहा उपचुनाव
क्या है जातीय समीकरण
मिल्कीपुर सीट का इतिहास
लोकसभा में पहुंचने वाले दूसरे नेता बने अवधेश प्रसाद
SP को लग सकता है बड़ा झटका
सीएम योगी ने संभाली कमान
BJP की बढ़ी टेंशन
क्यों नहीं ��ुआ चुनाव की तारीखों का एलान
चुनाव आयोग का कहना है कि इस सीट पर चुनाव की तारीखों का एलान इसलिए नहीं किया गया क्योंकि BJP के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने समाजवादी पार्टी विधायक अवधेश प्रसाद के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है और कोर्ट में पिटीशन अभी पेंडिंग है. ऐसे में मिल्कीपुर सीट पर चुनाव की तारीखों का एलान नहीं किया जा सकता है. वहीं, समाजवादी पार्टी ने इसको लेकर चुनाव आयोग पर निशाना साधा है. समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग BJP के पक्ष में काम कर रही है. अगर ऐसा है तो फिर कानपुर की सीसामऊ सीट का मामला भी कोर्ट में चल रहा है, लेकिन वहां चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है.
बता दें कि इस सीट से समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद विधायक थे. लेकिन 2024 में लोकसभा चुनाव उन्होंने लड़ा और जीत हासिल कर ली. 7 हजार वोटों से जीत हासिल कर वो संसद पहुंच गए. ऐसे में मिल्कीपुर सीट खाली हो गई.
क्या पूरा मामला ?
साल 2022 में BJP प्रत्याशी बाबा गोरखनाथ ने समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. उन्होंने अवधेश प्रसाद के चुनावी हलफनामे पर सवाल उठाए था और उनके निर्वाचन को चुनौती दी थी. बाबा गोरखनाथ का कहना था कि अवधेश प्रसाद ने जो हलफनामा दाखिल किया. उसमें नोटरी ऐसे शख्स से कराई गई, जिसका लाइसेंस पहले ही खत्म हो चुका था. ऐसे में उनका हलफनामा वैध नहीं माना जाएगा. उनका हलफनामा अवैध था. BJP प्रत्याशी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अवधेश प्रसाद के नामांकन को रद्द किए जाने की गुहार लगाई थी.
SP ने साधा निशाना
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फकरूल हसन चांद ने दूसरी तरफ चुनाव आयोग पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पक्षपात कर रहा है. मिल्कीपुर का मामला कोर्ट में चल रहा है, तो वहां चुनाव नहीं हो रहा. लेकिन वैसा ही एक मामला सीसामऊ विधानसभा सीट का है, तो फिर वहां चुनाव कैसे हो रहा है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के विधायक रहे इरफान सोलंकी ने भी कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने निचली अदालत के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दी है.
क्या है वोटरों की संख्या ?
अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर 34% OBC और 36% जनरल वोटर हैं. मुस्लिम वोटरों की संख्या 9.48% है. SC के 20% वोटर हैं. सामान्य वर्ग को वोटरों की बात करें तो उनकी हिस्सेदारी 36.04% है. इस सीट पर कुल 3.69 लाख वोटर हैं. इस सीट पर BJP के लिए ब्राह्मण और ठाकुर मजबूत वोट बैंक माने जाते हैं तो समाजवादी पार्टी के लिए यादव-SC और मुस्लिम वोट बैंक है. पिछले 5 चुनावों की अगर बात करें तो इस सीट पर 3 बार समाजवादी पार्टी, एक बार BJP और एक बार BSP को जीत मिली है.
अजित प्रसाद को दिया जा सकता है टिकट
इस सीट पर जब भी चुनाव होगा समाजवादी पार्टी और BJP में सीधा मुकाबला होना तय है. अगर समाजवादी पार्टी की बात करें तो कहा जा रहा है कि अवधेश प्रसाद के बेटे अजित प्रसाद को टिकट दिया जाएगा. जबकि BJP ने अभी अपना प्रत्याशी फाइनल नहीं किया है.
किन-किन सीटों पर हो रहा उपचुनाव
यूपी की मैनपुरी की करहल, कानपुर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मिर्जापुर की मझवां, गाजियाबाद सदर, अलीगढ़ की खैर, मुजफ्फरनगर की मीरापुर और मुरादाबाद की कुंदरकी सीट पर विधानसभा उपचुनाव होना है. 13 नवंबर को 9 सीटों पर उपचुनाव होंगे.
क्या है जातीय समीकरण ?
मिल्कीपुर विधानसभा सीट के जातीय समीकरण की अगर बात करें तो इस सीट पर सबसे ज्यादा यादव मतदाता हैं. यादव मतदाताओं की संख्या करीब 65 हजार है. वहीं, 60 हजार पासी, 50 हजार ब्राह्मण, 35 हजार मुस्लिम, 25 हजार ठाकुर, गैर-पासी दलित 50 हजार, मौर्य 8 हजार, चौरासिया 15 हजार, पाल 8 हजार, वैश्य 12 हजार हैं. इस सीट पर यादव, पासी और ब्राह्मण वोटर अहम भूमिका निभाते हैं. समाजवादी पार्टी इस सीट पर यादव-मुस्लिम-पासी समीकरण के सहारे चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है तो BJP को सवर्ण और दलित वोटरों का सहारा है. बता दें कि मिल्कीपुर एक सुरक्षित सीट है.
यह भी पढ़ें : बारामती सीट पर होगा ‘चाचा बनाम भतीजे’ का मुकाबला, NCP ने किन उम्मीदवारों को दिया टिकट
मिल्कीपुर सीट का इतिहास
मिल्कीपुर विधानसभा सीट 1967 में वजूद में आई थी. इस सीट पर कांग्रेस, जनसंघ और CPI, BJP, BSP और समाजवादी पार्टी जीत हासिल कर चुकी है. हालांकि इस सीट पर सबसे ज्यादा समाजवादी पार्टी और लेफ्ट को जीत मिली है. साल 2008 में परिसीमन के बाद मिल्कीपुर सीट SC के लिए रिजर्व हो गई थी.
लोकसभा में पहुंचने वाले दूसरे नेता बने अवधेश प्रसाद
मिल्कीपुर से विधायक रहते हुए लोकसभा में पहुंचने वाले मित्रसेन यादव पहले नेता हैं तो वहीं अवधेश प्रसाद लोकसभा पहुंचने वाले दूसरे नेता हैं. बता दें कि मिल्कीपुर में साल 1998 में पहली बार विधानसभा उपचुनाव हुआ था तो मित्रसेन यादव उस समय समाजवादी पार्टी से विधायक थे. उन्होंने विधायक रहते हुए लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी. इस सीट पर दूसरी बार साल 2004 में उपचुनाव हुआ था. उस समय समाजवादी पार्टी के के तत्कालीन विधायक आनंदसेन यादव विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे��र BSP का दामन थाम लिया था. हालांकि वो यह चुनाव हार गए थे.
SP को लग सकता है बड़ा झटका
अयोध्या में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के मामले ने खूब तुल पकड़ा था. सीएम योगी ने विधानसभा में जोर-शोर से इस मुद्दे को उठाया था. इस मामले में SP नेता मोईद खान का नाम सामने आया था. इसके बाद BJP ने समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा रही है. दूसरी तरफ पीड़िता और उसके परिवार की मदद कर योगी सरकार जनता को खास संदेश देने की कोशिश में लगे हुए हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो अयोध्या दुष्कर्म कांड उपचुनाव में SP को बड़ा झटका दे सकता है.
सीएम योगी ने संभाली कमान
मिल्कीपुर उपचुनाव की कमान सीएम योगी आदित्यनाथ ने संभाल रखी है. पिछले कुछ दिनों की बात करें तो सीएम योगी तीन बार अयोध्या का दौरा कर चुके हैं. सीएम मिल्कीपुर में दो सभाएं भी कर चुके हैं. अयोध्या में दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद सीएम योगी ने बीकापुर विधायक अमित सिंह चौहान के साथ पीड़ित परिवार को मिलने के लिए बुलाया था और कठोर कार्रवाई का आश्वासन भी दिया था. इस घटना का जिक्र अपनी सभी सभाओं में भी सीएम योगी कर चुके हैं और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है.
BJP की बढ़ी टेंशन
2012 के विधानसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद यादव को इस सीट से जीत मिली थी. हालांकि साल 2017 में वो चुनाव हार गए थे, लेकिन 2022 में उन्हें दोबारा जीत मिली और 2024 लोकसभा चुनाव में उन्हें फैजाबाद सीट से जीत मिली. उनके सांसद चुने जाने के बाद मिल्कीपुर सीट खाली हो गई. ऐसे में इस सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है. इस सीट पर एक बार फिर समाजवादी पार्टी और BJP के बीच सियासी टक्कर देखने को मिलेगी. लोकसभा चुनाव में जिस तरह से समाजवादी पार्टी को जीत मिली है, उसने BJP की टेंशन जरूर बढ़ा दी है. बता दें कि मिल्कीपुर में समाजवादी पार्टी ने BJP को 8 हजार वोटों से हरा दिया था. ऐसे में BJP के लिए इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए रास्ता आसान नहीं होगा. BJP इस सीट पर हर हाल में जीत हासिल करना चाहती है. ऐसे में BJP ऐसा उम्मीदवार उतारना चाहती है, जो सियासी समीकरण में फिट बैठे और हार का हिसाब बराबर कर सकें.
Conclusion
लोकसभा चुनाव में यूपी में BJP का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा था, लेकिन इससे भी बड़ी टीस फैजाबाद सीट पर हार थी. अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद BJP की रणनीति थी कि इसी के सहारे न केवल पूरे यूपी बल्की हिंदी भाषी क्षेत्रों में दबदबा बनाना का था, लेकिन BJP के हाथ केवल हार आई. ऐसे में BJP की जख्मों पर मिल्कीपुर विधानसभा सीट मरहम लगाने का काम कर सकती है. अवधेश प्रसाद के फैजाबाद से सांसद बन जाने के बाद इस सीट पर होने जा रहा उपचुनाव काफी रोचक हो गया है. सभी के मन में यह सवाल है कि क्या समाजवादी पार्टी का इस सीट पर दबदबा बना रहेगा या फिर BJP को राहत मिलने वाली है. इतिहास की नजरों ��े देखें तो मिल्कीपुर में अब तक के दो उपचुनावों में समाजवादी पार्टी को ही जीत मिली है. ��ेकिन इस बार BJP अपनी पूरी रणनीति के साथ तैयार है और समाजवादी पार्टी का दबदबा खत्म कर हर हाल में कमल खिलाना चाहती है.
यह भी पढ़ें : मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर क्यों नहीं हो रहा उपचुनाव, हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब
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मैनपुरी, रामपुर, खतौली.... तीनों सीटों पर थमा प्रचार का शोर, सियासी दलों ने आखिरी दिन झोंकी ताकत
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आज नई दिल्ली में श्री चन्द्रशेखर ने चौधरी जयंत सिंह से मुलाकात की। नई दिल्ली: आज भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने आरएलडी अध्यक्ष जयंत सिंह चौधरी से दिल्ली में मुलाकात की। चंद्रशेखर आजाद ने चौधरी जयंत सिंह को संविधान की पुस्तक भेंट की। चौधरी जयंत सिंह से मिलकर चंद्रशेखर आजाद ने आरएलडी प्रत्याशी खतौली विधानसभा उपचुनाव में मदन भैया को समर्थन दिया है। भारतीय संविधान की रक्षा व सामाजिक न्याय की…
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बिहार, हरियाणा, यूपी व महाराष्ट्र समेत छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। उत्तर प्रदेश व हरियाणा की एक-एक सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने जीत हासिल की है। वहीं महाराष्ट्र की अंधेरी ईस्ट सीट पर उद्धव गुट की प्रत्याशी की जीत हुई है। बिहार की मोकामा सीट पर राजद प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। वहीं गोपालगंज सीट पर भाजपा ने बाजी मार ली है। उत्तर…
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लखनऊवह दिसंबर 1985 का वक्त था, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में उपचुनाव हो रहे थे। पश्चिम यूपी में दिसंबर की ठंड में भी सियासी तपिश मालूम हो रही थी। कैराना के अल दरमियां इलाके में एक 27 साल की लड़की सलवार सूट पहने साइकल के पीछे कैरियर में बैठकर चुनाव प्रचार कर रही थी। उनका एक समर्थ�� साइकल चला रहा था। वह इशारा करती, साइकल रुकती, फिर वह सड़क किनारे ही किसी के साथ बैठकर खाना खाती,…
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मिशन UP: प्रियंका गांधी की करीबी करिश्मा ठाकुर बनीं बुंदेलखंड जोन की महिला कांग्रेस अध्यक्ष
सुमित शर्मा, कानपुर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले कांग्रेस पार्टी संगठन को मजबूत करने में जुटी है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने यूपी के पांच जोन में महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद के नामों की घोषणा की है। बुंदेलखंड जोन में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की करीबी करिश्मा ठाकुर को महिला कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया है। करिश्मा ठाकुर एनएसयूआई की राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुकी हैं। कानपुर की रहने वाली करिश्मा ठाकुर ने दिल्ली विश्वविद्यालय से छात्र राजनीति करने के बाद 23 साल की उम्र में एनएसयूआई की राष्ट्रीय महासचिव बनी थीं। प्रियंका गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी की कांग्रेस महासचिव बनी तो करिश्मा ठाकुर ने भी दिल्ली से कानपुर का रुख कर लिया। 2020 में गोविंद नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने थे। प्रियंका गांधी ने करिश्मा ठाकुर को प्रत्याशी बनाया था। करिश्मा ठाकुर ने बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र मैथानी को कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन करिश्मा ठाकुर को हार का सामना करना पड़ा था। जुझारू नेताओं में है गिनती कांग्रेस ने संगठन को मजबूत करने के लिए यूपी को ईस्ट जोन, वेस्ट जोन, ��ेंट्रल जोन, आगरा जोन और बुंदेलखंड जोन में बांटा है। बुंदेलखंड महिला कांग्रेस अध्यक्ष करिश्मा ठाकुर के पास 17 जिला इकाईयों की जिम्मेदारी है। करिश्मा ठाकुर जुझारू नेता हैं। गोविंद नगर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी भी करिश्मा ठाकुर की ताकत को देख चुकी है। बीते 14 जून 2021 को श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट द्वारा खरीदी जमीन को लेकर सीएम आवास के बाहर कांग्रेस पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था, जिसमें करिश्मा ठाकुर भी शामिल थीं। करिश्मा ठाकुर के सामने सबसे बड़ी चुनौती बुंदेलखंड कांग्रेस महिला अध्यक्ष करिश्मा ठाकुर की राह इतनी आसान नहीं है। कानपुर-बुंदेलखंड बीजेपी का सबसे मजबूत किला है। कानपुर-बुंदेलखंड की 52 विधानसभा सीटों में से 47 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। इसके साथ ही कानपुर-बुंदेलखंड में 10 लोकसभा सीटें हैं। सभी 10 लोकसभा सीटें बीजेपी के पास हैं। इसके साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है। करिश्मा ठाकुर को बुंदेलखंड जोन पर जमीनी स्तर पर काम करना पड़ेगा। Source link Read the full article
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2022 में डेप्युटी CM की डिमांड, कौन हैं डॉक्टर संजय निषाद...यूपी में क्यों अहम NISHAD पार्टी? Divya Sandesh
#Divyasandesh
2022 में डेप्युटी CM की डिमांड, कौन हैं डॉक्टर संजय निषाद...यूपी में क्यों अहम NISHAD पार्टी?
लखनऊ यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए अभी से सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गई हैं। इसी बीच बीजेपी (BJP) के सहयोगी दल निषाद पार्टी (निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल) ने एक बड़ी मांग कर दी है। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने आगामी विधान सभा चुनाव में उप मुख्यमंत्री पद की मांग की है।
उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव (UP Vidhan Sabha Chunav) में बीजेपी अगर उन्हें उप मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ती है तो इससे उसे और फायदा मिलेगा और हमारी सरकार बनेगी।
‘मछुआरा समाज के चेहरे पर बीजेपी लड़े चुनाव’ संजय निषाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब तक सभी जातियों के मुख्यमंत्री बनाए जा चुके हैं, लेकिन अब 18 फीसदी वोट की ताकत रखने वाले मछुआरा समाज के चेहरे पर बीजेपी को चुनाव लड़ना चाहिए, अगर नहीं मुख्यमंत्री बना सकते तो कम से कम डॉ. संजय निषाद को बीजेपी आगामी चुनाव में उप मुख्यमंत्री का चेहरा बना कर चुनाव लड़े, अगर बीजेपी ऐसा करती है तो इससे पूरे प्रदेश में निश्चित ही विजय मिलेगी और एक बार फिर सरकार बनेगी।
गोरखपुर में चलाते थे इलेक्ट्रो होम्योपैथी क्लीनिक छह साल पहले तक संजय निषाद को निषाद समुदाय और इनके लिए काम करने वाले कुछ लोग ही जानते थे। संजय अचानक लाइमलाइट में तब आए, जब उन्होंने योगी आदित्यनाथ की सीट पर बीजेपी को हराने के लिए काम किया। उन्होंने 2013 में निषाद पार्टी बनाई। उससे पहले वह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गीता वाटिका र��ड पर इलेक्ट्रो होम्योपैथी क्लीनिक चलाते थे।
संजय ने शुरुआत में इलेक्ट्रो होम्योपैथी को मान्यता दिलाने के लिए काम किया। 2002 में उन्होंने पूर्वांचल मेडिकल इलेक्ट्रो होम्योपैथी असोसिएशन बनाया। वह अपनी मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट तक भी गए।
2008 में बनाए दो संगठन संजय सबसे पहले बामसेफ से जुड़े और कैम्पियरगंज विधानसभा से पहली बार चुनाव लड़े और हार गए। यहां से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई। 2008 में उन्होंने ऑल इंडिया बैकवर्ड ऐंड माइनॉरिटी वेलफेयर मिशन और शक्ति मुक्ति महासंग्राम नामक दो संगठन बनाए। उन्होंने राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद बनाई। मछुआ समुदाय की 553 जातियों को एक मंच पर लाने की मुहिम शुरू की।
2015 में जाम किया रेलवे ट्रैक, युवक की हुई थी मौत 7 जून 2015 को गोरखपुर के सहजनवा में कसरावल गांव के पास निषादों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर उन्होंने रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। इस प्रदर्शन में पुलिस फायरिंग हुई और अखिलेश निषाद नाम के युवक की गोली लगने से मौत हो गई। इस घटना के बाद प्रदर्शन और उग्र हो गया। जमकर बवाल और तोड़फोड़ की गई।
2017 में पीस पार्टी के साथ किया गठबंधन अखिलेश सरकार संजय निषाद सहित तीन दर्जन लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ। इस घटना के बाद से संजय निषाद पॉप्युलर हो गए। उन्होंने अपनी निषाद पार्टी बनाई और जुलाई 2016 को गोरखपुर में शक्ति प्रदर्शन किया। 2017 के विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी ने पीस पार्टी के साथ गठबंधन किया और 72 सीटों पर चुनाव लड़ी लेकिन पार्टी को सिर्फ एक सीट ज्ञानपुर में ही जीत मिली।
बेटा प्रवीण है एसपी सांसद संजय निषाद गोरखपुर ग्रामीण सीट से चुनाव लड़े लेकिन उन्हें सिर्फ 34,869 वोट मिले और वह हार गए। हाल ही में निषाद पार्टी ने एसपी के साथ गठबंधन किया और उपचुनाव में संजय के बेटे प्रवीण निषाद संत कबीर नगर संसदीय सीट जीत गए।
पूर्वांचल में निषाद पार्टी की क्या है ताकत गंगा के किनारे वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाके में निषाद समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है। वर्ष 2016 में गठित निषाद पार्टी का खासकर निषाद, केवट, मल्लाह, बेलदार और बिंद बिरादरियों में अच्छा असर माना जाता है। गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, जौनपुर, संत कबीरनगर, भदोही और वाराणसी समेत 16 जिलों में निषाद समुदाय के वोट जीत-हार में बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं।
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UP News Live Updates: मैनपुरी में अखिलेश और शिवपाल भरेंगे दम, रामपुर में सभा करने जाएंगे योगी
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2022 विधानसभा चुनाव के लिए मायावती ने जारी की इन नेताओं की लिस्ट, पार्टी में किया बहुत बड़ा उलटफेर [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
2022 विधानसभा चुनाव के लिए मायावती ने जारी की इन नेताओं की लिस्ट, पार्टी में किया बहुत बड़ा उलटफेर [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
लखनऊ.यूपी में हुए विधानसभा उपचुनाव में करारी शिकस्त और राज्यसभा चुनाव में अपनी ही पार्टी विधायकों की बगावती हरकतों के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने सख्त रुख अख्तियार किया है। मायावती ने सबसे पहले इन चुनावों से सीख लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष मुनकाद अली को हटाकर उनकी जगह भीम राजभर को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया और अब बसपा में एक और बड़ा बदलाव किया है। मायावती ने पार्टी के मंडलों में मुख्य सेक्टर प्रभारी…
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यूपी उपचुनाव में हार के बाद मिशन 2022 के लिए नए जातीय समीकरण पर दांव लगाने की तैयारी में बसपा http://www.headlinehindi.com/politics-hindi-news/%e0%a4%af%e0%a5%82%e0%a4%aa%e0%a5%80-%e0%a4%89%e0%a4%aa%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%b5-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%be/?feed_id=20967&_unique_id=5fb3bef9eb553
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मतदान : अमित शाह ने अपने हाथ में ली मिशन यूपी की कमान, शनिवार को पंचायत उप चुनाव के लिए हुआ मतदान
मतदान : अमित शाह ने अपने हाथ में ली मिशन यूपी की कमान, शनिवार को पंचायत उप चुनाव के लिए हुआ मतदान
मतदान : यूपी में विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। वहीं, शनिवार को पंचायत उपचुनाव के लिए मतदान हुआ। मतदान : यूपी में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियों का सिलसिला शुरू हो चुका है। इसकी तैयारियों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली का दौरा किया जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से…
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Mainpuri Bypoll: मैनपुरी में डिंपल यादव 3 लाख वोट से जीतेंगी, मतदान के बाद मुलायम सिंह यादव के भाई का दावा
Mainpuri Bypoll: मैनपुरी में डिंपल यादव 3 लाख वोट से जीतेंगी, मतदान के बाद मुलायम सिंह यादव के भाई का दावा
Uttarpradesh By Election 2022 Live Hindi News: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी लोकसभा सीट उपचुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। यहां सपा उम्मीदवार डिंपल यादव और बीजेपी प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य के बीच मुकाबला माना जा रहा है। वहीं मुलायम सिंह यादव के भाई अभय राम यादव ने दावा किया कि डिंपल यादव 3 लाख वोट से जीतेंगी। हाइलाइट्समैनपुरी लोकसभा सीट पर वोटिंग शुरूमुलायम सिंह यादव के भाई ने डाला वोटअभय राम…
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उपचुनाव में करारी हार के बाद मायावती का बड़ा कदम, बदल डाला प्रदेश अध्यक्ष, इन्हें दी जिम्मेदारी [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
उपचुनाव में करारी हार के बाद मायावती का बड़ा कदम, बदल डाला प्रदेश अध्यक्ष, इन्हें दी जिम्मेदारी [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
लखनऊ.यूपी उपचुनाव (UP bypolls) में करारी हार के बाद 2022 (2022 election) की तैयारी में जुटीं मायावती (Mayawati) ने बड़ा कदम उठाते हुए बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) का प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया ��ै। बसपा सुप्रीमो ने मुनकाद अली (Munkad Ali) को हटाकर भीम राजभर (Bhim Rajbhar) को बसपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंरी। मायावती ने खुद इसका ऐलान अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर दिया। उन्होंने कहा…
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Azamgarh ByPoll: जब बड़ा भाई सांसद रहते आजमगढ़ नहीं आया तो छोटा क्या आएगा? केशव मौर्य ने अखिलेश पर कसा तंज
Azamgarh ByPoll: जब बड़ा भाई सांसद रहते आजमगढ़ नहीं आया तो छोटा क्या आएगा? केशव मौर्य ने अखिलेश पर कसा तंज
अमन गुप्ता, आजमगढ़: आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ की जीत तय करने के लिए बीजेपी के संगठन और सरकार से जुड़े नेताओं का जमावड़ा आजमगढ़ में लगा हुआ है। इसी कड़ी में सोमवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शाहगढ़ बाजार में निरहुआ के समर्थन में जनसभा की। डिप्टी सीएम ने कहा कि रामपुर में आजम खान का किला ढह रहा है और आजमगढ़ में भी बीजेपी प्रत्याशी निरहुआ की जीत…
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