#यह समागम संत रामपाल जी महाराज जी के मार्गदर्शन में
Explore tagged Tumblr posts
Text
#विश्व_का_सबसे_बड़ा_भंडारा 17 फरवरी से 20 फरवरी तक हो रहा है#जिसमे आप सभी आमंत्रित है#यह समागम संत रामपाल जी महाराज जी के मार्गदर्शन में
0 notes
Text
संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा 511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का हो रहा है आयोजन और आप सभी को है निमंत्रण
14, 15, 16 नवंबर 2024 को संत रामपाल जी महाराज जी के सान्निध्य में 511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के उपलक्ष्य पर तीन दिवसीय विशाल भंडारे का आयोजन सभी सतलोक आश्रमों में होने जा रहा है, जिसमें विश्वभर के लोगों को व्यक्तिगत रूप से और सोशल मीडिया के माध्यम से निमंत्रण दिया जा रहा है। विश्वभर में संत रामपाल जी महाराज जी के 11 सतलोक आश्रम हैं जहां पर यह आयोजन ��योजित होने जा रहा है। यह आयोजन परमेश्वर कबीर साहेब जी की आध्यात्मिक विचारधारा पर आधारित तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के दिव्य ज्ञान और आध्यात्मिक मार्गदर्शन को प्रसारित करने के लिए किया जा रहा है। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी स्वयं कबीर साहेब जी के अवतार हैं। विश्व के मानव के लिए, संत रामपाल जी महाराज जी और कबीर साहेब जी को समझने और पहचानने के लिए भी यह एक सुअवसर है।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस पर निमंत्रण
संत रामपाल जी महाराज जी के सान्निध्य में दिव्य धर्म यज्ञ दिवस 14, 15, 16 नवंबर 2024 को होने जा रहा है। आप सभी को संत रामपाल जी महाराज जी के सान्निध्य में आयोजित दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के अवसर पर आमंत्रित किया जाता है। यह भव्य आयोजन देश के सभी सतलोक आश्रमों में मनाया जाएगा। सभी आश्रमों की जानकारी निमंत्रण में नीचे दी गई है।
संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान आधार पर, आयोजक इस दिव्य अवसर को साथ में मनाने के लिए आपकी उपस्थिति का इंतजार कर रहे हैं। इस दौरान, आप संत रामपाल जी महाराज जी के दिव्य सत्संगों को सुन सकेंग, आश्रम की व्यवस्था, शिष्यों के रहन-सहन, बोल-चाल को देख सकेंगे।
आप अपने परिवार, रिश्तेदारों, पड़ोसियों और मित्रों के साथ इस दिव्य आयोजन में शामिल अवश्य हों और संत रामपाल जी महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त करें।
संत रामपाल जी महाराज जी कहते हैं, “समागम हमारा त्योहार है और यह हर दो महीने बाद तीन दिनों तक मनाया जाता है।” आध्यात्मिक समागम करने से पाप कर्म हल्के होते हैं और समाज में आध्यात्मिक विचार प्रबल होते हैं।
आयोजन की तैयारियां
इस विशाल भंडारे की तैयारी में संत रामपाल जी महाराज जी के हज़ारों अनुयायी दिन-रात जुटे हुए हैं ताकि समागम में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हों।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस और भंडारे का उद्देश्य
इस विशाल भंडारे का उद्देश्य लोगों को संत रामपाल जी महाराज जी के दिव्य ज्ञान से जोड़ना है, ताकि वे अपने जीवन में आध्यात्मिक शांति, सुख, निरोगी काया और मोक्ष प्राप्त कर सकें। इस तीन दिवसीय आयोजन में संत गरीबदास जी महाराज द्वारा विरचित अमरग्रंथ पाठ, संत रामपाल जी महाराज जी के मुख-कमल से उच्चारित अमरग्रंथ वाणी 24 घंटे चलेंगी व पाठियों द्वारा पाठ का निरंतर पाठन किया जाएगा।
आयोजन की विशेषताएं
इस विशाल भंडारे में कई विशेषताएं होंगी, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- संत गरीबदास जी द्वारा विरचित अमरग्रंथ पाठ को स्वयं संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा उच्चारित किया जाएगा जिसका सकारात्मक आध्यात्मिक प्रभाव सभी मनुष्यों और जीव- जंतुओं पर होता है।
- 24 घंटे खुला देसी घी निर्मित भंडारा और रहने की मुफ्त व्यवस्था होगी।
- संत रामपाल जी महाराज जी के जीवन और ज्ञान पर आध्यात्मिक प्रदर्शनी का आयोजन।
- वेद, गीता और स��ी शास्त्रार्थ प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण होंगे।
- निशुल्क नाम दीक्षा, रक्तदान शिविर, नेत्र जांच शिविर, दंत चिकित्सा, देहदान, दहेज मुक्त सामू��िक विवाह के साथ-साथ तीन दिवसीय विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस मनाने का उद्देश्य
- सबको यह साक्षात अनुभव करवाना कि परमात्मा धरती पर हमारे कल्याणार्थ उपस्थित हैं
- लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करना
- लोगों को संत रामपाल जी महाराज जी के दिव्य ज्ञान से जोड़ना
- समाज में आध्यात्मिक चेतना को बढ़ावा देना
- लोगों को अपने जीवन में शांति, सुख, परमात्मा और मोक्ष प्राप्ति करने में मदद करना
- समाज में एकता, समरसता लाना और नशे, दहेज, जात-पात, आतंकवाद, बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों को जड़ से खत्म करना
- मानवता का बीज बोना
संत रामपाल जी महाराज जी का संक्षिप्त जीवन परिचय और दर्शन
संत रामपाल जी महाराज जी एक महान आध्यात्मिक गुरु हैं, जिन्होंने अपना जीवन लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए समर्पित किया है। संत रामपाल जी का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गांव धनाना जिला सोनीपत हरियाणा में एक किसान परिवार में हुआ। वे पढ़ाई पूरी करके हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजिनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे। उन्होंने सन् 1988 में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा प्राप्त की तथा तन-मन से सक्रिय होकर स्वामी रामदेवानंद जी द्वारा बताए भक्ति मार्ग से साधना की तथा परमात्मा का साक्षात्कार किया।
संत रामपाल जी को नाम दीक्षा 17 फरवरी 1988 को फाल्गुन महीने की अमावस्या को रात्रि के समय में प्राप्त हुई। उस समय संत रामपाल जी महाराज की आयु 37 वर्ष थी। उपदेश दिवस (दीक्षा दिवस) को संतमत में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
कबीर सागर ग्रंथ में (जो संत धर्मदास जी द्वारा लगभग 550 वर्ष पूर्व लीपीबद्ध किया गया है) कबीर परमेश्वर ने कहा है कि एक समय आएगा जब पूरे विश्व में मेरा ही ज्ञान चलेगा। पूरा विश्व शांतिपूर्वक भक्ति करेगा। आपस में विशेष प्रेम होगा, सतयुग जैसा समय (स्वर्ण युग) होगा। परमेश्वर कबीर बन्दी छोड़ द्वारा बताए ज्ञान को संत रामपाल जी महाराज ने समझा है। इसी ज्ञान के विषय में कबीर साहेब जी ने अपनी वाणी में कहा है कि --
कबीर, और ज्ञान सब ज्ञानड़ी, कबीर ज्ञान सो ज्ञान।
जैसे गोला तोब का, करता चले मैदान।।
भावार्थ है कि यह तत्वज्ञान इतना प्रबल है कि इसके समक्ष अन्य संतों व ऋषियों का ज्ञान टिक नहीं पाएगा। जैसे तोप का गोला जहां भी गिरता है वहां पर सर्व किलों तक को ढहा कर साफ मैदान बना देता है।
यही प्रमाण संत गरीबदास जी (छुड़ानी, जिला झज्जर, हरियाणा वाले) ने दिया है कि सतगुरु (तत्वदर्शी संत परमेश्वर कबीर बन्दी छोड़ का भेजा हुआ) दिल्ली मण्डल में आयेंगे और परमात्मा की भक्ति बिना कंजूस हो गए व्यक्तियों को जगाएगा।
"गरीब, सतगुरु दिल्ली मण्डल आय���ी, सूती धरणी सूम जगायसी"
गांव धनाना, जिला सोनीपत पहले दिल्ली शासित क्षेत्र में पड़ता था। इसलिए संत गरीबदास जी महाराज ने कहा है कि सतगुरु (वास्तविक ज्ञान जानने वाला संत अर्थात् तत्व दृष्टा संत) दिल्ली मण्डल में आएगा फिर कहा है कि -
"साहेब कबीर तख्त खवासा, दिल्ली मण्डल लीजै वासा"
भावार्थ है कि परमेश्वर कबीर बन्दी छोड़ के तख्त (दरबार) का ख्वास (नौकर) अर्थात् परमेश्वर का नुमायंदा (प्रतिनिधि) दिल्ली मण्डल में वास करेगा अर्थात् वहां उत्पन्न होगा। प्रथम अपने हिन्दू बंधुओं को तत्वज्ञान से परिचित करवाएगा। बुद्धिमान हिन्दू ऐसे जागेंगे जैसे कोई हड़बड़ा कर जागता है अर्थात् उस संत के द्वारा बताए तत्व ज्ञान को समझ कर अविलम्ब उसकी शरण ग्रहण करेंगे। फिर पूरा विश्व उस तत्वदर्शी हिन्दू संत के ज्ञान को स्वीकार करेगा। यह भविष्यवाणी श्री नास्त्रेदमस जी ने भी की है। नास्त्रेदमस जी ने यह भी लिखा है कि मुझे दुःख इस बात का है कि उससे परिचित न होने के कारण मेरा शायरन (तत्वदृष्टा संत) उपेक्षा का पात्र बनेगा। हे बुद्धिमान मानव ! उसकी उपेक्षा ना करो। वह तो सिंहासनस्थ करके (आसन पर बैठा कर) अराध्य देव (इष्टदेव) रूप में मान करने योग्य है। वह हिन्दू धार्मिक संत शायरन आदि पुरुष (पूर्ण परमात्मा) का अनुयायी जगत् का तारणहार है।
आइए अब आपको बताते हैं कि दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है और यह क्यों मनाया जाता है?
दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी का पीर शेखतकी व अन्य काज़ियों ने ईर्ष्यावश कबीर साहेब को काशी से भगाने के लिए उनके नाम का झूठा निमंत्रण पत्र/चिट्ठी पूरे भारतवर्ष के साधु-संतों को भिजवाया। निमंत्रण पत्र में लिखा था कि कबीर पुत्र नीरू, काशी में तीन दिन तक भंडारा (लंगर) करेगा। भोजन करने वाले को भंडारा करने के बाद एक मोहर व एक दोहर दिया जायेगा। भोजन में मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सूखा सीधा सामान भी दिया जायेगा। यह निमंत्रण पाकर दूर-दूर से साधु संत काशी में आने लगे और उन्होंने तीन दिन तक वहां भंडारा किया।
विक्रमी संवत 1570 (सन् 1513) में कबीर जी ने काशी में 18 लाख साधु-संतों के लिए तीन दिवसीय मोहन भंडारे का आयोजन किया था। कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष में प्रारंभ हुआ यह भंडारा मंगसर (माघशीर्ष) की कृष्ण पक्ष एकम (प्रथमा) को सम्पन्न हुआ। यह आयोजन उन लोगों के झूठे निमंत्रण के कारण हुआ था, जो कबीर साहेब से ईर्ष्या रखते थे और इस असंभव भंडारे को उनके लिए चुनौती मानते थे। कबीर साहेब ने केशव बंजारे (अपना ही अन्य रूप ) का रूप धारण कर सतलोक से सारी पकी पकाई सामग्री, नौ लाख बैलों पर लदवाकर, अठारह लाख लोगों को भंडारा करवाया। साधु-संतों को तीन दिन तक भोजन करवाकर यह चमत्कार दिखाया और यह संदेश दिया कि परमात्मा पर आश्रित रहने वाले भक्तों की परमात्मा सदैव सहायता करता है। तब से यह परंपरा आज तक अखंड बरकरार है। वर्तमान में कबीर साहेब जी के अवतार संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा सभी सतलोक आश्रमों में तीन दिवसीय भंडारा और अमरवाणी का अखंड पाठ आयोजित किया जा रहा है।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस परमात्मा की समर्थता का प्रतीक
इस साल 14 से 16 नवंबर 2024 तक, जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में 511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के अवसर पर एक विशेष भव्य समागम का आयोजन किया जा रहा है। इस समागम पर आयोजित किए जाने वाले विशेष कार्यक्रम कुछ इस प्रकार हैं:
निःशुल्क भंडारा: सभी श्रद्धालुओं के लिए 14 से 16 नवंबर 2024 तक निःशुल्क भंडारे का आयोजन होगा।
निःशुल्क नाम दीक्षा: इस अद्वितीय अवसर पर संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम दीक्षा प्राप्त की जा सकती हैं।
तीन दिवसीय अखंड पाठ: 14 से 16 नवंबर 2024, 3 दिनों तक संत गरीबदास जी महाराज जी के अमरग्रंथ साहेब जी के अखंड पाठ का आयोजन होगा।
रक्तदान शिविर, निशुल्क नेत्र व दांतों की जांच, दहेज मुक्त विवाह और आध्यात्मिक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है।
विशेष सत्संग प्रसारण: 16 नवंबर 2024 को संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग का विशेष प्र���ारण साधना टीवी चैनल पर सुबह 9:15 बजे (IST) से होगा।
सोशल मीडिया प्रसारण: इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण निम्नलिखित सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर भी उपलब्ध होगा।
Facebook page:- Spiritual Leader Saint Rampal Ji
YouTube:- Sant Rampal Ji Maharaj
Twitter:- @SaintRampalJiM
आप सभी इस महान आध्यात्मिक अवसर पर अवश्य पधारें करें और इस आध्यात्मिक समागम के आयोजन का लाभ उठाएं। इस आध्यात्मिक समागम में आने के लिए आप निम्न स्थानों पर पहुंच सकते हैं:
1. सतलोक आश्रम धनाना धाम, सोनीपत, हरियाणा
2. सतलोक आश्रम मुंडका, दिल्ली
3. सतलोक आश्रम धूरी, पंजाब
4. सतलोक आश्रम खमाणों, पंजाब
5. सतलोक आश्रम सोजत, राजस्थान
6. सतलोक आश्रम शामली, उत्तर प्रदेश
7. सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र, हरियाणा
8. सतलोक आश्रम भिवानी, हरियाणा
9. सतलोक आश्रम बैतूल, मध्य प्रदेश
10. सतलोक आश्रम इंदौर, मध्य प्रदेश
11. सतलोक आश्रम धनुषा, नेपाल
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम दीक्षा लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें ⬇️
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
0 notes
Text
संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा 511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का हो रहा है आयोजन और आप सभी को है निमंत्रण
14, 15, 16 नवंबर 2024 को संत रामपाल जी महाराज जी के सान्निध्य में 511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के उपलक्ष्य पर तीन दिवसीय विशाल भंडारे का आयोजन सभी सतलोक आश्रमों में होने जा रहा है, जिसमें विश्वभर के लोगों को व्यक्तिगत रूप से और सोशल मीडिया के माध्यम से निमंत्रण दिया जा रहा है। विश्वभर में संत रामपाल जी महाराज जी के 11 सतलोक आश्रम हैं जहां पर यह आयोजन आयोजित होने जा रहा है। यह आयोजन परमेश्वर कबीर साहेब जी की आध्यात्मिक विचारधारा पर आधारित तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के दिव्य ज्ञान और आध्यात्मिक मार्गदर्शन को प्रसारित करने के लिए किया जा रहा है। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी स्वयं कबीर साहेब जी के अवतार हैं। विश्व के मानव के लिए, संत रामपाल जी महाराज जी और कबीर साहेब जी को समझने और पहचानने के लिए भी यह एक सुअवसर है।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस पर निमंत्रण
संत रामपाल जी महाराज जी के सान्निध्य में दिव्य धर्म यज्ञ दिवस 14, 15, 16 नवंबर 2024 को होने जा रहा है। आप सभी को संत रामपाल जी महाराज जी के सान्निध्य में आयोजित दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के अवसर पर आमंत्रित किया जाता है। यह भव्य आयोजन देश के सभी सतलोक आश्रमों में मनाया जाएगा। सभी आश्रमों की जानकारी निमंत्रण में नीचे दी गई है।
संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान आधार पर, आयोजक इस दिव्य अवसर को साथ में मनाने के लिए आपकी उपस्थिति का इंतजार कर रहे हैं। इस दौरान, आप संत रामपाल जी महाराज जी के दिव्य सत्संगों को सुन सकेंग, आश्रम की व्यवस्था, शिष्यों के रहन-सहन, बोल-चाल को देख सकेंगे।
आप अपने परिवार, रिश्तेदारों, पड़ोसियों और मित्रों के साथ इस दिव्य आयोजन में शामिल अवश्य हों और संत रामपाल जी महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त करें।
संत रामपाल जी महाराज जी कहते हैं, “समागम हमारा त्योहार है और यह हर दो महीने बाद तीन दिनों तक मनाया जाता है।” आध्यात्मिक समागम करने से पाप कर्म हल्के होते हैं और समाज में आध्यात्मिक विचार प्रबल होते हैं।
आयोजन की तैयारियां
इस विशाल भंडारे की तैयारी में संत रामपाल जी महाराज जी के हज़ारों अनुयायी दिन-रात जुटे हुए हैं ताकि समागम में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हों।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस और भंडारे का उद्देश्य
इस विशाल भंडारे का उद्देश्य लोगों को संत रामपाल जी महाराज जी के दिव्य ज्ञान से जोड़ना है, ताकि वे अपने जीवन में आध्यात्मिक शांति, सुख, निरोगी काया और मोक्ष प्राप्त कर सकें। इस तीन दिवसीय आयोजन में संत गरीबदास जी महाराज द्वारा विरचित अमरग्रंथ पाठ, संत रामपाल जी महाराज जी के मुख-कमल से उच्चारित अमरग्रंथ वाणी 24 घंटे चलेंगी व पाठियों द्वारा पाठ का निरंतर पाठन किया जाएगा।
आयोजन की विशेषताएं
इस विशाल भंडारे में कई विशेषताएं होंगी, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- संत गरीबदास जी द्वारा विरचित अमरग्रंथ पाठ को स्वयं संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा उच्चारित किया जाएगा जिसका सकारात्मक आध्यात्मिक प्रभाव सभी मनुष्यों और जीव- जंतुओं पर होता है।
- 24 घंटे खुला देसी घी निर्मित भंडारा और रहने की मुफ्त व्यवस्था होगी।
- संत रामपाल जी महाराज जी के जीवन और ज्ञान पर आध्यात्मिक प्रदर्शनी का आयोजन।
- वेद, गीता और सभी शास्त्रार्थ प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण होंगे।
- निशुल्क नाम दीक्षा, रक्तदान शिविर, नेत्र जांच शिविर, दंत चिकित्सा, देहदान, दहेज मुक्त सामूहिक विवाह के साथ-साथ तीन दिवसीय विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस मनाने का उद्देश्य
- सबको यह साक्षात अनुभव करवाना कि परमात्मा धरती पर हमारे कल्याणार्थ उपस्थित हैं
- लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करना
- लोगों को संत रामपाल जी महाराज जी के दिव्य ज्ञान से जोड़ना
- समाज में आध्यात्मिक चेतना को बढ़ावा देना
- लोगों को अपने जीवन में शांति, सुख, परमात्मा और मोक्ष प्राप्ति करने में मदद करना
- समाज में एकता, समरसता लाना और नशे, दहेज, जात-पात, आतंकवाद, बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों को जड़ से खत्म करना
- मानवता का बीज बोना
संत रामपाल जी महाराज जी का संक्षिप्त जीवन परिचय और दर्शन
संत रामपाल जी महाराज जी एक महान आध्यात्मिक गुरु हैं, जिन्होंने अपना जीवन लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए समर्पित किया है। संत रामपाल जी का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गांव धनाना जिला सोनीपत हरियाणा में एक किसान परिवार में हुआ। वे पढ़ाई पूरी करके हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजिनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे। उन्होंने सन् 1988 में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा प्राप्त की तथा तन-मन से सक्रिय होकर स्वामी रामदेवानंद जी द्वारा बताए भक्ति मार्ग से साधना की तथा परमात्मा का साक्षात्कार किया।
संत रामपाल जी को नाम दीक्षा 17 फरवरी 1988 को फाल्गुन महीने की अमावस्या को रात्रि के समय में प्राप्त हुई। उस समय संत रामपाल जी महाराज की आयु 37 वर्ष थी। उपदेश दिवस (दीक्षा दिवस) को संतमत में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
कबीर सागर ग्रंथ में (जो संत धर्मदास जी द्वारा लगभग 550 वर्ष पूर्व लीपीबद्ध किया गया है) कबीर परमेश्वर ने कहा है कि एक समय आएगा जब पूरे विश्व में मेरा ही ज्ञान चलेगा। पूरा विश्व शांतिपूर्वक भक्ति करेगा। आपस में विशेष प्रेम होगा, सतयुग जैसा समय (स्वर्ण युग) होगा। परमेश्वर कबीर बन्दी छोड़ द्वारा बताए ज्ञान को संत रामपाल जी महाराज ने समझा है। इसी ज्ञान के विषय में कबीर साहेब जी ने अपनी वाणी में कहा है कि --
कबीर, और ज्ञान सब ज्ञानड़ी, कबीर ज्ञान सो ज्ञान।
जैसे गोला तोब का, करता चले मैदान।।
भावार्थ है कि यह तत्वज्ञान इतना प्रबल है कि इसके समक्ष अन्य संतों व ऋषियों का ज्ञान टिक नहीं पाएगा। जैसे तोप का गोला जहां भी गिरता है वहां पर सर्व किलों तक को ढहा कर साफ मैदान बना देता है।
यही प्रमाण संत गरीबदास जी (छुड़ानी, जिला झज्जर, हरियाणा वाले) ने दिया है कि सतगुरु (तत्वदर्शी संत परमेश्वर कबीर बन्दी छोड़ का भेजा हुआ) दिल्ली मण्डल में आयेंगे और परमात्मा की भक्ति बिना कंजूस हो गए व्यक्तियों को जगाएगा।
"गरीब, सतगुरु दिल्ली मण्डल आयसी, सूती धरणी सूम जगायसी"
गांव धनाना, जिला सोनीपत पहले दिल्ली शासित क्षेत्र में पड़ता था। इसलिए संत गरीबदास जी महाराज ने कहा है कि सतगुरु (वास्तविक ज्ञान जानने वाला संत अर्थात् तत्व दृष्टा संत) दिल्ली मण्डल में आएगा फिर कहा है कि -
"साहेब कबीर तख्त खवासा, दिल्ली मण्डल लीजै वासा"
भावार्थ है कि परमेश्वर कबीर बन्दी छोड़ के तख्त (दरबार) का ख्वास (नौकर) अर्थात् परमेश्वर का नुमायंदा (प्रतिनिधि) दिल्ली मण्डल में वास करेगा अर्थात् वहां उत्पन्न होगा। प्रथम अपने हिन्दू बंधुओं को तत्वज्ञान से परिचित करवाएगा। बुद्धिमान हिन्दू ऐसे जागेंगे जैसे कोई हड़बड़ा कर जागता है अर्थात् उस संत के द्वारा बताए तत्व ज्ञान को समझ कर अविलम्ब उसकी शरण ग्रहण करेंगे। फिर पूरा विश्व उस तत्वदर्शी हिन्दू संत के ज्ञान को स्वीकार करेगा। यह भविष्यवाणी श्री नास्त्रेदमस जी ने भी की है। नास्त्रेदमस जी ने यह भी लिखा है कि मुझे दुःख इस बात का है कि उससे परिचित न होने के कारण मेरा शायरन (तत्वदृष्टा संत) उपेक्षा का पात्र बनेगा। हे बुद्धिमान मानव ! उसकी उपेक्षा ना करो। वह तो सिंहासनस्थ करके (आसन पर बैठा कर) अराध्य देव (इष्टदेव) रूप में मान करने योग्य है। वह हिन्दू धार्मिक संत शायरन आदि पुरुष (पूर्ण परमात्मा) का अनुयायी जगत् का तारणहार है।
आइए अब आपको बताते हैं कि दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है और यह क्यों मनाया जाता है?
दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी का पीर शेखतकी व अन्य काज़ियों ने ईर्ष्यावश कबीर साहेब को काशी से भगाने के लिए उनके नाम का झूठा निमंत्रण पत्र/चिट्ठी पूरे भारतवर्ष के साधु-संतों को भिजवाया। निमंत्रण पत्र में लिखा था कि कबीर पुत्र नीरू, काशी में तीन दिन तक भंडारा (लंगर) करेगा। भोजन करने वाले को भंडारा करने के बाद एक मोहर व एक दोहर दिया जायेगा। भोजन में मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सूखा सीधा सामान भी दिया जायेगा। यह निमंत्रण पाकर दूर-दूर से साधु संत काशी में आने लगे और उन्होंने तीन दिन तक वहां भंडारा किया।
विक्रमी संवत 1570 (सन् 1513) में कबीर जी ने काशी में 18 लाख साधु-संतों के लिए तीन दिवसीय मोहन भंडारे का आयोजन किया था। कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष में प्रारंभ हुआ यह भंडारा मंगसर (माघशीर्ष) की कृष्ण पक्ष एकम (प्रथमा) को सम्पन्न हुआ। यह आयोजन उन लोगों के झूठे निमंत्रण के कारण हुआ था, जो कबीर साहेब से ईर्ष्या रखते थे और इस असंभव भंडारे को उनके लिए चुनौती मानते थे। कबीर साहेब ने केशव बंजारे (अपना ही अन्य रूप ) का रूप धारण कर सतलोक से सारी पकी पकाई सामग्री, नौ लाख बैलों पर लदवाकर, अठारह लाख लोगों को भंडारा करवाया। साधु-संतों को तीन दिन तक भोजन करवाकर यह चमत्कार दिखाया और यह संदेश दिया कि परमात्मा पर आश्रित रहने वाले भक्तों की परमात्मा सदैव सहायता करता है। तब से यह परंपरा आज तक अखंड बरकरार है। वर्तमान में कबीर साहेब जी के अवतार संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा सभी सतलोक आश्रमों में तीन दिवसीय भंडारा और अमरवाणी का अखंड पाठ आयोजित किया जा रहा है।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस परमात्मा की समर्थता का प्रतीक
इस साल 14 से 16 नवंबर 2024 तक, जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में 511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के अवसर पर एक विशेष भव्य समागम का आयोजन किया जा रहा है। इस समागम पर आयोजित किए जाने वाले विशेष कार्यक्रम कुछ इस प्रकार हैं:
निःशुल्क भंडारा: सभी श्रद्धालुओं के लिए 14 से 16 नवंबर 2024 तक निःशुल्क भंडारे का आयोजन होगा।
निःशुल्क नाम दीक्षा: इस अद्वितीय अवसर पर संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम दीक्षा प्राप्त की जा सकती हैं।
तीन दिवसीय अखंड पाठ: 14 से 16 नवंबर 2024, 3 दिनों तक संत गरीबदास जी महाराज जी के अमरग्रंथ साहेब जी के अखंड पाठ का आयोजन होगा।
रक्तदान शिविर, निशुल्क नेत्र व दांतों की जांच, दहेज मुक्त विवाह और आध्यात्मिक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है।
विशेष सत्संग प्रसारण: 16 नवंबर 2024 को संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग का विशेष प्रसारण साधना टीवी चैनल पर सुबह 9:15 बजे (IST) से होगा।
सोशल मीडिया प्रसारण: इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण निम्नलिखित सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर भी उपलब्ध होगा।
Facebook page:- Spiritual Leader Saint Rampal Ji
YouTube:- Sant Rampal Ji Maharaj
Twitter:- @SaintRampalJiM
आप सभी इस महान आध्यात्मिक अवसर पर अवश्य पधारें करें और इस आध्यात्मिक समागम के आयोजन का लाभ उठाएं। इस आध्यात्मिक समागम में आने के लिए आप निम्न स्थानों पर पहुंच सकते हैं:
1. सतलोक आश्रम धनाना धाम, सोनीपत, हरियाणा
2. सतलोक आश्रम मुंडका, दिल्ली
3. सतलोक आश्रम धूरी, पंजाब
4. सतलोक आश्रम खमाणों, पंजाब
5. सतलोक आश्रम सोजत, राजस्थान
6. सतलोक आश्रम शामली, उत्तर प्रदेश
7. सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र, हरियाणा
8. सतलोक आश्रम भिवानी, हरियाणा
9. सतलोक आश्रम बैतूल, मध्य प्रदेश
10. सतलोक आश्रम इंदौर, मध्य प्रदेश
11. सतलोक आश्रम धनुषा, नेपाल
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम दीक्षा लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें ⬇️
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
0 notes
Text
Satsang Ishwar TV | 25-08-2024 | Episode: 2491 | Sant Rampal Ji Maharaj ...
*📣🙏बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🙏📣*
*25/08/24 Sunday/रविवार*
*🦚🦚🌼🥀🌼*
#GodMorningSunday
#SundayMotivation
#SundayThoughts
1🌐जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने सचेत किया है कि ज्ञान के बिना मनुष्य पशु-पक्षी की तरह संतानोत्पत्ति और उनके पालन पोषण के लिए आजीवन संघर्षरत रहते हैं! अंत में प्राण त्याग कर कर्मानुसार पुनर्जन्म को प्राप्त होते हैं! यदि सतगुरु के सत्संग मिल जाए तो मनुष्य तत्वज्ञान व सतभक्ति द्वारा पूर्ण मोक्ष को प्राप्त होता है। इसलिए हमें संत रामपाल जी के सत्संग अवश्य सुनने चाहिए!
2🌐क्यों सुनें संत रामपाल जी महाराज के सत्संग?
संत रामपाल जी महाराज के सत्संगों से आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर आज लाखों लोग सामाजिक कुप्रथाओं व बुराइयों जैसे छुआ छूत, तेरहवीं, मृत्यु भोज, नशा, दहेज, कन्या भ्रूण हत्या आदि को बिल्कुल छोड़ चुके हैं व सुखी एवं शान्तिमय जीवन जी रहें हैं! यह शांति आप भी संत रामपाल जी के सत्संग सुनकर प्राप्त कर सकते हैं!
3🌐संत रामपाल जी महाराज के सत्संग क्यों सुनें?
संत रामपाल जी महाराज, संत शास्त्रों से प्रमाणित सत्संग करते हैं वे अपने सत्संगो में कही एक-एक बात का प्रमाण शास्त्रों में दिखाते हैं। संत रामपाल जी महाराज मनमानी शास्त्रविरुद्ध पूजा जैसे कि श्राद्ध, पिण्ड दान, माता मसानी और प्रेतों की पूजा करना निषेध करते हैं, क्योंकि गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में इन क्रियाओं को मना किया गया है और वे एक पूर्ण परमात्मा की शास्त्र अनुसार साधना कराते हैं जिससे साधक को सभी सुख व मोक्ष की प्राप्ति होती है!
4🌐संत रामपाल जी महाराज के सत्संग क्यों सुनें?
गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में वर्णित मोक्ष प्राप्ति के सांकेतिक मंत्र ओम्-तत्-सत् का रहस्य संत रामपाल जी महाराज उजागर करते हैं! इसलिए हमें प्रतिदिन संत रामपाल जी महाराज के सत्संग सुनने चाहिए!
5🌐संत रामपाल जी महाराज के सत्संग क्यों सुनें?
गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा गया है कि शास्त्र विरुद्ध मनमानी क्रियाओं से कोई लाभ नहीं होता! जबकि संत रामपाल जी महाराज शास्त्र अनुकूल भक्ति बताते हैं इसलिए हमें प्रतिदिन संत रामपाल जी महाराज के सत्संग सुनने चाहिए!
6🌐क्यों सुनें संत रामपाल जी का सत्संग?
संत रामपाल जी महाराज का सत्संग हमें इसलिए सुनना चाहिए क्योंकि आज तक जो तत्वज्ञान हमारे तथाकथित धर्म��ुरु नहीं बता सके वह तत्वज्ञान संत रामपाल जी ने गीता, वेदों, पुराणों व सभी धर्म शास्त्रों से प्रमाण सहित बताया है! जिससे भक्त समाज अंधविश्वास, पाखंड और धार्मिक भ्रांतियों से बच सकता है!
7🌐संत रामपाल जी महाराज, सत्संग में जीवन के वास्तविक उद्देश्य की प्राप्ति के बारे में बताते हैं कि मनुष्य जीवन का मुख्य उद्देश्य मोक्ष प्राप्ति है और इसके लिए सही गुरु की पहचान और सही मार्गदर्शन आवश्यक है! इस बारे में कबीर साहेब ने कहा है:
*कबीर मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बारम्बार!
तरूवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर न लगता डारि!!*
8🌐संत रामपाल जी महाराज के सत्संग में समाज की विभिन्न बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, भ्रष्टाचार, व्यभिचार, चोरी, जारी, शराब सेवन और अन्य कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता फैलाई जाती है! यह समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का महत्वपूर्ण साधन है!
9🌐हजार वर्ष तप करने का जो फल प्राप्त होता है उससे अधिक फल तत्वदर्शी संत का एक पल का सत्संग मिल जाए उससे होता है!
कबीर साहेब जी कहते हैं -
*सत्संग की आधी घड़ी, तप के वर्ष हजार !
तो भी बराबर है नहीं, कहै कबीर विचार!!*
10🌐संत रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक सत्संग सुनने से मनुष्य को ज्ञात होता है कि उसके जीवन का मूल उद्देश्य क्या है, सत भक्ति की विधि क्या है, किस परमात्मा की भक्ति करने से उसका जीवन सफल होगा तथा उसे क्या कर्म करना चाहिए और क्या नहीं!
11🌐तत्वज्ञान युक्त सत्संग सुनने से सतभक्ति मार्ग का ज्ञान होता है! यदि एक आत्मा को भी सतभक्ति मार्ग पर लगाकर उसका आत्म कल्याण करव�� दिया जाए तो करोड़ अवश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है!
*आत्म प्राण उद्धार ही, ऐसा धर्म नहीं और!
कोटि अश्वमेघ यज्ञ, सकल समाना भौर!!*
जीवात्मा के उद्धार के लिए किए गए कार्य अर्थात् सेवा से श्रेष्ठ कोई भी कार्य नहीं है, जो वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज कर रहे हैं!
12🌐संत रामपाल जी महाराज बताते हैं सत्संग से आत्मा को गुरु वचनों की खुराक मिलती है और सकारात्मक भावनाएं जागती हैं!
*संत समागम, हरि कथा, तुलसी दुर्लभ दोय!
सुत दारा और लक्ष्मी यह तो घर पापी के भी होए!!*
13🌐मानव समाज के लिए दहेज एक अभिशाप है बेटियों को गर्भ में ही मार दिया जाता है! उन्हें जन्म लेने ही नहीं दिया जाता! इसका कारण केवल और केवल दहेज है!¡संत रामपाल जी महाराज जी ने बीड़ा उठाया है दहेज मुक्त समाज का निर्माण करना। संत रामपाल जी महाराज जी सत्संग के माध्यम से बताते हैं दहेज लेना अपराध है। इससे न तो बेटी सुखी हो सकती है और न ही दहेज लेने वाला सुखी हो सकता है।
0 notes
Text
Satsang Ishwar TV | 25-08-2024 | Episode: 2491 | Sant Rampal Ji Maharaj ...
*📣🙏बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🙏📣*
*25/08/24 Sunday/रविवार*
*🦚🦚🌼🥀🌼*
#SundayMotivation
#SundayThoughts
1🌐जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने सचेत किया है कि ज्ञान के बिना मनुष्य पशु-पक्षी की तरह संतानोत्पत्ति और उनके पालन पोषण के लिए आजीवन संघर्षरत रहते हैं! अंत में प्राण त्याग कर कर्मानुसार पुनर्जन्म को प्राप्त होते हैं! यदि सतगुरु के सत्संग मिल जाए तो मनुष्य तत्वज्ञान व सतभक्ति द्वारा पूर्ण मोक्ष को प्राप्त होता है। इसलिए हमें संत रामपाल जी के सत्संग अवश्य सुनने चाहिए!
2🌐क्यों सुनें संत रामपाल जी महाराज के सत्संग?
संत रामपाल जी महाराज के सत्संगों से आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर आज लाखों लोग सामाजिक कुप्रथाओं व बुराइयों जैसे छुआ छूत, तेरहवीं, मृत्यु भोज, नशा, दहेज, कन्या भ्रूण हत्या आदि को बिल्कुल छोड़ चुके हैं व सुखी एवं शान्तिमय जीवन जी रहें हैं! यह शांति आप भी संत रामपाल जी के सत्संग सुनकर प्राप्त कर सकते हैं!
3🌐संत रामपाल जी महाराज के सत्संग क्यों सुनें?
संत रामपाल जी महाराज, संत शास्त्रों से प्रमाणित सत्संग करते हैं वे अपने सत्संगो में कही एक-एक बात का प्रमाण शास्त्रों में दिखाते हैं। संत रामपाल जी महाराज मनमानी शास्त्रविरुद्ध पूजा जैसे कि श्राद्ध, पिण्ड दान, माता मसानी और प्रेतों की पूजा करना निषेध करते हैं, क्योंकि गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में इन क्रियाओं को मना किया गया है और वे एक पूर्ण परमात्मा की शास्त्र अनुसार साधना कराते हैं जिससे साधक को सभी सुख व मोक्ष की प्राप्ति होती है!
4🌐संत रामपाल जी महाराज के सत्संग क्यों सुनें?
गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में वर्णित मोक्ष प्राप्ति के सांकेतिक मंत्र ओम्-तत्-सत् का रहस्य संत रामपाल जी महाराज उजागर करते हैं! इसलिए हमें प्रतिदिन संत रामपाल जी महाराज के सत्संग सुनने चाहिए!
5🌐संत रामपाल जी महाराज के सत्संग क्यों सुनें?
गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा गया है कि शास्त्र विरुद्ध मनमानी क्रियाओं से कोई लाभ नहीं होता! जबकि संत रामपाल जी महाराज शास्त्र अनुकूल भक्ति बताते हैं इसलिए हमें प्रतिदिन संत रामपाल जी महाराज के सत्संग सुनने चाहिए!
6🌐क्यों सुनें संत रामपाल जी का सत्संग?
संत रामपाल जी महाराज का सत्संग हमें इसलिए सुनना चाहिए क्योंकि आज तक जो तत्वज्ञान हमारे तथाकथित धर्मगुरु नहीं बता सके वह तत्वज्ञान संत रामपाल जी ने गीता, वेदों, पुराणों व सभी धर्म शास्त्रों से प्रमाण सहित बताया है! जिससे भक्त समाज अंधविश्वास, पाखंड और धार्मिक भ्रांतियों से बच सकता है!
7🌐संत रामपाल जी महाराज, सत्संग में जीवन के वास्तविक उद्देश्य की प्राप्ति के बारे में बताते हैं कि मनुष्य जीवन का मुख्य उद्देश्य मोक्ष प्राप्ति है और इसके लिए सही गुरु की पहचान और सही मार्गदर्शन आवश्यक है! इस बारे में कबीर साहेब ने कहा है:
*कबीर मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बारम्बार!
तरूवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर न लगता डारि!!*
8🌐संत रामपाल जी महाराज के सत्संग में समाज की विभिन्न बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, भ्रष्टाचार, व्यभिचार, चोरी, जारी, शराब सेवन और अन्य कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता फैलाई जाती है! यह समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का महत्वपूर्ण साधन है!
9🌐हजार वर्ष तप करने का जो फल प्राप्त होता है उससे अधिक फल तत्वदर्शी संत का एक पल का सत्संग मिल जाए उससे होता है!
कबीर साहेब जी कहते हैं -
*सत्संग की आधी घड़ी, तप के वर्ष हजार !
तो भी बराबर है नहीं, कहै कबीर विचार!!*
10🌐संत रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक सत्संग सुनने से मनुष्य को ज्ञात होता है कि उसके जीवन का मूल उद्देश्य क्या है, सत भक्ति की विधि क्या है, किस परमात्मा की भक्ति करने से उसका जीवन सफल होगा तथा उसे क्या कर्म करना चाहिए और क्या नहीं!
11🌐तत्वज्ञान युक्त सत्संग सुनने से सतभक्ति मार्ग का ज्ञान होता है! यदि एक आत्मा को भी सतभक्ति मार्ग पर लगाकर उसका आत्म कल्याण करवा दिया जाए तो करोड़ अवश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है!
*आत्म प्राण उद्धार ही, ऐसा धर्म नहीं और!
कोटि अश्वमेघ यज्ञ, सकल समाना भौर!!*
जीवात्मा के उद्धार के लिए किए गए कार्य अर्थात् सेवा से श्रेष्ठ कोई भी कार्य नहीं है, जो वर्तमान में संत ���ामपाल जी महाराज कर रहे हैं!
12🌐संत रामपाल जी महाराज बताते हैं सत्संग से आत्मा को गुरु वचनों की खुराक मिलती है और सकारात्मक भावनाएं जागती हैं!
*संत समागम, हरि कथा, तुलसी दुर्लभ दोय!
सुत दारा और लक्ष्मी यह तो घर पापी के भी होए!!*
13🌐मानव समाज के लिए दहेज एक अभिशाप है बेटियों को गर्भ में ही मार दिया जाता है! उन्हें जन्म लेने ही नहीं दिया जाता! इसका कारण केवल और केवल दहेज है!¡संत रामपाल जी महाराज जी ने बीड़ा उठाया है दहेज मुक्त समाज का निर्माण करना। संत रामपाल जी महाराज जी सत्संग के माध्यम से बताते हैं दहेज लेना अपराध है। इससे न तो बेटी सुखी हो सकती है और न ही दहेज लेने वाला सुखी हो सकता है।
0 notes