#मोल्दो . में सैन्य स्तर की वार्ता
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कब सुलझेगा LAC विवाद? भारत-चीन के बीच कल मोल्डो में 12वें राउंड की होगी सैन्य स्तर की वार्ता
कब सुलझेगा LAC विवाद? भारत-चीन के बीच कल मोल्डो में 12वें राउंड की होगी सैन्य स्तर की वार्ता
भारत चीन सीमा विवाद: भारत और चीन के बीच में ही बना हुआ है। लेकिन अस्त अब कलीका को भारत और चीन के 12वें वैले की शुरुआत में वैसी ही सही ढंग से समाप्त होने के बाद समाप्त हो जाएगा। बार-बार चर्चा करने के लिए समाचार एक ऐसी घटना के लिए है, जैसे कि भारत और चीन के बीच बैठक के दौरान, गोगारा हाइट्स की घटना होने की घटना होने की उम्मीद है।” IQ । भारत और चीन के बीच 12वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता कल…
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दो महीने बाद भारत, चीन के शीर्ष जनरलों की मुलाकात
दो महीने बाद भारत, चीन के शीर्ष जनरलों की मुलाकात
भारत और चीन ने रविवार को मोल्दो में कोर कमांडर स्तर की 13वें दौर की वार्ता की। सुबह करीब साढ़े दस बजे शुरू हुई बैठक शाम करीब सात बजे खत्म हुई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित XIV कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया, जो लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के लिए जिम्मेदार है। चीनी पक्ष का नेतृत्व शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन कर रहे थे। बैठक का कोई…
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लद्दाख गतिरोध: भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 13वें दौर की वार्ता आज, इन मुद्दों पर होगी बात
लद्दाख गतिरोध: भारत-चीन के ��ीच कोर कमांडर स्तर की 13वें दौर की वार्ता आज, इन मुद्दों पर होगी बात
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चल रहे सैन्य गतिरोध को हल करने के लिए भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 13वें दौर की वार्ता आज सुबह 10:30 बजे चीनी हिस्से के मोल्दो में शुरू होगी: सेना के सूत्र
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LAC पर चीन से घटेगा तनाव? गोगरा में पीछे हटीं सेनाएं, सभी ढांचे भी ध्वस्त किए गए Divya Sandesh
#Divyasandesh
LAC पर चीन से घटेगा तनाव? गोगरा में पीछे हटीं सेनाएं, सभी ढांचे भी ध्वस्त किए गए
नई दिल्ली के गोगरा में पीछे हट गई हैं। इसे पेट्रोलिंग पॉइंट 17ए भी कहा जाता है। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में यह दोनों देशों के बीच तनाव का केंद्र रहा है। 12वें दौर की वार्ता के बाद दोनों देशों की इस पर सहमति बनी। दोनों ने क्षेत्र में बनाए गए सभी अस्थायी स्ट्रक्चरों और अन्य सहायक इंफ्रास्ट्रक्चर को हटाने की भी बात कही है। भारतीय सेना ने इस बारे में एक बयान जारी किया है। इसके अनुसार, दोनों देशों के सैनिक अब अपने-अपने स्थायी बेस में हैं।
12वें दौर की वार्ता में गोगरा से सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमति बनी है। पिछले साल मई से यहां पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं। बताया गया है कि भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में (एलएसी) के पास तैनात अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया है। 12वें दौर की वार्ता के बाद एक बड़ी सफलता के रूप में पूर्वी लद्दाख के गोगरा में फ्रिक्शन पेट्रोलिंग पॉइंट (पीपी) 17ए से भारत और चीन की सेनाएं पीछे हटीं हैं।
भारतीय सेना ने कहा कि दोनों देशों ने चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से इस क्षेत्र में अग्रिम तैनाती बंद कर दी है। भारतीय सेना ने एक बयान में कहा, पीछे हटने की प्रक्रिया दो दिनों, यानी 4 अगस्त और 5 अगस्त को की गई थी। दोनों पक्षों के सैनिक अब अपने-अपने स्थायी ठिकानों पर हैं।
12वें दौर की वार्ता के बाद बनी रजामंदी सेना ने बताया कि भारत और चीन के कोर कमांडरों के बीच 12वें दौर की वार्ता 31 जुलाई को पूर्वी लद्दाख के चुशुल मोल्दो मीटिंग पॉइंट पर हुई थी। दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के पास तैनात सैनिकों को पीछे हटाने से संबंधित शेष क्षेत्रों के समाधान पर विचारों का स्पष्ट और गहन आदान-प्रदान किया था।
भारतीय सेना ने कहा, बैठक के परिणाम के रूप में दोनों पक्ष गोगरा के क्षेत्र में पीछे हटने पर सहमत हुए। पिछले साल मई से इस क्षेत्र में दोनों देशों की सेना आमना-सामने थी। बल ने कहा कि दोनों पक्षों की ओर से क्षेत्र में बना�� गए सभी अस्थायी ढांचे और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया गया है और पारस्परिक रूप से इस बात को सत्यापित किया गया है।
यथास्थिति में नहीं होगा एकतरफा बदलाव भारतीय सेना ने कहा, दोनों पक्षों की ओर से पूर्व गतिरोध अवधि के लिए क्षेत्र में भू-आकृति को बहाल कर दिया गया है। यह समझौता सुनिश्चित करता है कि इस क्षेत्र में एलएसी का दोनों पक्षों की ओर से कड़ाई से पालन और सम्मान किया जाएगा। यथास्थिति में कोई एकतरफा बदलाव नहीं होगा। इसके साथ ही सेना के आमने-सामने का एक और संवेदनशील क्षेत्र का मुद्दा सुलझ गया है।
सेना ने कहा, दोनों पक्षों ने बातचीत को आगे बढ़ाने और पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ शेष मुद्दों को हल करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। भारतीय सेना ने यह भी बताया कि आईटीबीपी के साथ यह देश की संप्रभुता सुनिश्चित करने और पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ शांति बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
इस सप्ताह की शुरुआत में 12वें दौर की भारत-चीन कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि इस बीच वे एलएसी पर स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रभावी प्रयास जारी रखेंगे। पश्चिमी क्षेत्र और संयुक्त रूप से शांति और सद्भाव बनाए रखेंगे।
कई महीनों बाद हुई बातचीत दोनों देशों के बीच तीन महीने के अंतराल के बाद 12वें दौर की बातचीत हुई थी। गोगरा में दोनों देशों के सैनिकों के अब पीछे हटने के साथ भारत अब अन्य शेष विवाद वाले क्षेत्रों जैसे हॉट स्प्रिंग्स और 900 वर्ग किमी के डेपसांग मैदानों पर अपनी पहुंच सुनिश्चित कर लेगा।
डेपसांग में निर्माण को मौजूदा गतिरोध का हिस्सा नहीं माना जा रहा है, जो पिछले साल मई में शुरू हुआ था। भारत ने हाल ही में सैन्य कमांडर-स्तरीय बैठकों के दौरान एलएसी के सभी मुद्दों को हल करने पर जोर दिया है। अब तक कोर कमांडर स्तर की 12 दौर की वार्ता के अलावा, दोनों बलों ने हॉटलाइन पर 1,450 कॉल के अलावा 10 मेजर जनरल स्तर और 55 ब्रिगेडियर स्तर की वार्ता भी की है। इससे पहले दो हिमालयी दिग्गजों के सैनिक इस साल फरवरी में पैंगोंग त्सो के दोनों किनारों से पीछे हटे थे।
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भारत, चीन के बीच 12वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता
भारत, चीन के बीच 12वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता
भारत और चीन के बीच शीर्ष कमांडर-स्तरीय वार्ता का 12वां दौर शनिवार को लद्दाख क्षेत्र में चीनी पक्ष मोल्दो में चल रहा है। वार्ता तीन महीने के अंतराल के बाद हो रही है। भारतीय सैन्य प्रतिनिधि हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और 900 वर्ग किमी के देपसांग मैदानों जैसे घर्षण क्षेत्रों में विघटन पर चर्चा कर रहे हैं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित XIV कोर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन और विदेश…
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कल होगी भारत-चीन के बीच 12वें दौर की सैन्य वार्ता, उठा जाएंगे ये मुद्दे!
कल होगी भारत-चीन के बीच 12वें दौर की सैन्य वार्ता, उठा जाएंगे ये मुद्दे!
भारत और चीन के बीच सैन्य कमांडर स्तर की 12वें राउंड की वार्ता शनिवार यानी 31 जुलाई को होगी. भारतीय सेना के सूत्रों का कहना है, भारत और चीन के बीच 12वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता कल सुबह करीब साढ़े दस बजे वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी हिस्से के मोल्दो में होगी. Continue reading
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भारत- चीन गतिरोध: कमांडर ���ेवल की मीटिंग खत्म, भारत ने चीन से सेना और स्ट्रक्चर हटाने को कहा
भारत- चीन गतिरोध: कमांडर लेवल की मीटिंग खत्म, भारत ने चीन से सेना और स्ट्रक्चर हटाने को कहा
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Image Source : AP भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की वार्ता खत्म हुई, भारत ने चीन से सेना हटाने को कहा
नई दिल्ली:भारत और चीन के बीच एलएसी पर जारी गतिरोध के बीच आज दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की वार्ता संपन्न हुई। यह वार्ता में एलएसी परचशूल के सामने चीन की तरफ मोल्दो में हुई। भारतीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह-स्थित 14 कॉर्प के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर…
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पूर्वी लद्दाख विवाद: भारत, चीन के बीच 13वें दौर की सैन्य वार्ता
पूर्वी लद्दाख विवाद: भारत, चीन के बीच 13वें दौर की सैन्य वार्ता
सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि दो महीने से अधिक के अंतराल के बाद, भारत और चीन रविवार को पूर्वी लद्दाख में शेष घर्षण बिंदुओं में विघटन प्रक्रिया पर आगे बढ़ने के उद्देश्य से उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता का एक और दौर आयोजित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोर कमांडर स्तर की वार्ता का 13वां दौर पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीनी हिस्से में मोल्दो सीमा बिंदु पर हो रहा…
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पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पर 16 घंटे चली बातचीत, अभी नहीं निकला कोई हल
नई दिल्ली भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले बिंदुओं से सैनिकों को हटाने पर नौवें दौर की वार्ता के दौरान करीब 16 घंटे तक विस्तृत चर्चा हुई। सूत्रों ने सोमवार को इस बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कोर कमांडर स्तर की वार्ता रविवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे शुरू हुई और यह सोमवार तड़के करीब ढाई बजे खत्म हुई। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की तरफ मोल्दो में यह बैठक हुई। बैठक के नतीजों के बारे में पता नहीं चल पाया है।
पूर्वी लद्दाख में तैनात हैं 50 हजार भारतीय जवान बातचीत के बारे में जानकारी रखने वालों के मुताबिक, भारत ने जोर दिया कि क्षेत्र में गतिरोध वाले स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे ले जाने और तनाव कम करने की जिम्मेदारी चीन पर है। पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पवर्तीय क्षेत्रों में करीब 50,000 भारतीय जवान तैनात हैं। अधिकारियों के अनुसार चीन ने भी इतनी ही संख्या में अपने सैनिकों को तैनात किया है। रविवार को हुई बातचीत से करीब दो सप्ताह पहले भारत ने एक चीनी सैनिक को चीन को सौंप दिया था। इस चीनी सैनिक को पूर्वी लद्दाख में पेंगोंग सो के दक्षिण तट वाले इलाके में पकड़ा गया था। पता चला है कि भारत के इ�� कदम से सकारात्मक माहौल बना है।
अप्रैल से पहले की स्थिति बहाल करने की मांग वार्ता म���ं भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया। सैन्य वार्ता में भारत पूर्वी लद्दाख के सभी इलाके में अप्रैल से पहले की स्थिति बहाल करने की मांग कर रहा है। दोनों सेनाओं के बीच यह टकराव पांच मई को शुरु हुआ था। दोनों पक्षों के बीच आठवें दौर की वार्ता छह नवंबर को हुई थी जिस दौरान दोनों सेनाओं ने गतिरोध वाले कुछ खास बिंदुओं से सैनिकों की वापसी पर व्यापक चर्चा की थी।
पेंगोंग झील के आसपास सैनिकों को हटाने पर जोर कोर कमांडर स्तर की सातवें दौर की वार्ता 12 अक्टूबर को हुई थी, जिसमें चीन ने पेगोंग झील के दक्षिणी तट के आसपास सामरिक महत्व के अत्यधिक ऊंचे स्थानों से भारतीय सैनिकों को हटाने पर जोर दिया था। लेकिन भारत ने टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया एक ही समय पर शुरू करने की बात कही थी।
डब्ल्यूएमसीसी के तहत हुई थी वार्ता पिछले महीने, भारत और चीन ने भारत-चीन सीमा मामलों पर ‘परामर्श एवं समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र’ (डब्ल्यूएमसीसी) ढांचा के तहत एक और दौर की राजनयिक वार्ता की थी, लेकिन इस वार्ता में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला था। छठें दौर की सैन्य वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने अग्रिम मोर्चों पर और सैनिक नहीं भेजने, जमीनी स्थिति में बदलाव करने के एकतरफा प्रयास नहीं करने तथा विषयों को और अधिक जटिल बनाने वाली किसी भी गतिविधि से दूर रहने सहित कई फैसलों की घोषणा की थी।
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भारत और चीन की सेनाओं के बीच 9वें दौर की बातचीत, पर क्या पीछे हटेगा ड्रैगन?
नई दिल्ली करीब ढाई महीने के अंतराल के बाद भारत और चीन की सेनाओं ने रविवार को कोर कमांडर स्तर की 9वें दौर की बातचीत की। इसका उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पर आगे बढ़ना है। सूत्रों ने बताया कि उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के चीन की ओर स्थित मोल्दो सीमावर्ती क्षेत्र में सुबह 10 बजे शुरू हुई थी।
इससे पहले, 6 नवंबर को हुई आठवें दौर की वार्ता में दोनों पक्षों ने टकराव वाले खास स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने पर व्यापक चर्चा की थी। वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया। भारत लगातार यह कहता आ रहा है कि पर्वतीय क्षेत्र में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और तनाव को कम करने की जिम्मेदारी चीन की है।
कोर कमांडर स्तर की सातवें दौर की वार्ता 12 अक्टूबर को हुई थी, जिसमें चीन ने पेगोंग झील के दक्षिणी तट के आसपास सामरिक महत्व के अत्यधिक ऊंचे स्थानों से भारतीय सैनिकों को हटाने पर जोर दिया था। लेकिन भारत ने टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया एक ही समय पर शुरू करने की बात कही थी।
पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पवर्तीय क्षेत्रों में भारतीय थल सेना के कम से कम 50,000 जवान युद्ध की तैयारियों के साथ अभी तैनात हैं। दरअसल, गतिरोध के समाधान के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता में कोई ठोस नतीजा हाथ नहीं लगा है। अधिकारियों के अनुसार चीन ने भी इतनी ही संख्या में अपने सैनिकों को तैनात किया है।
पिछले महीने, भारत और चीन ने सीमा मामलों पर ‘परामर्श एवं समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र’ (डब्ल्यूएमसीसी) ढांचा के तहत एक और दौर की राजनयिक वार्ता की थी, लेकिन इस वार्ता में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला था। छठें दौर की सैन्य वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने अग्रिम मोर्चों पर और सैनिक नहीं भेजने, जमीनी स्थिति में बदलाव करने के एकतरफा प्रयास नहीं करने तथा विषयों को और अधिक जटिल बनाने वाली किसी भी गतिविधि से दूर रहने सहित कई फैसलों की घोषणा की थी।
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