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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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ऐसा रहा 'सुपरमॉम' मैरीकॉम का सफर, जानिए उनसे जुड़ी कुछ खास बातें और अब तक की उनकी उपलब्धियां
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चैतन्य भारत न्यूज भारत की बेटियां लगातार दुनिया में साबित कर रही है कि वह किसी से कम नही हैं फिर चाहे पीवी सिंधू हो, सानिया मिर्जा हो, दुती चंद हो या फिर मैरीकॉम हो। हाल ही में मैरीकॉम ने रूस के उलान उदे शहर में चल रही वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 51 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में जगह बना ली है। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में कोलंबिया की इंगोट वालेंसिया को 5-0 से मात दी।सेमीफाइनल में जाकर मैरीकॉम ने भारत के लिए एक ��दक पक्का कर लिया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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यह वर्ल्ड चैंपियनशिप में उनका आठवां मेडल होगा। साथ ही वे दुनिया की पहली ऐसी बॉक्सर बन जाएंगी, जिसने वर्ल्ड चैंपियनशिप में आठ मेडल जीते हैं। खास बात यह है कि मैरी कॉम न केवल एक एथलीट है बल्कि सुपर मॉम भी है जिन्होंने बच्चों को जन्म देने के बाद न केवल उनकी मां को रोल अदा किया बल्कि एक सच्चे एथलीट का पहचान दिखाते हुए एक साल के अंदर ही खुद को रिंग के लिए भी तैयार किया। चलिए जानते है उनके अब तक के सफर के बारे में... अब तक जीते 8 विश्व स्वर्ण पदक मैरी कॉम इकलौती महिला मुक्केबाज है जिन्होंने विश्व चैम्पियनशिप में 8 पदक जीत लिए हैं। मैरी कॉम का जन्म 1 मार्च 1983 को मणिपुर में हुआ था। उनका पूरा नाम एमसी मेरीकॉम (Mangte Chungneijang Mary Kom) है। मैरीकॉम को सुपरमॉम के नाम से भी जाना जाता हैं। विश्व स्तर पर 8 मेडल जीतने के साथ मैरीकॉम ने कई अन्य पुरस्कार भी हासिल किए। साल 2003 में अर्जुन पुरस्कार, 2006 में पद्मश्री पुरस्कार, 2009 में राजीव गांधी खेल रत्न, 2013 में तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मभूषण पुरस्कार से नवाजा गया।
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��तना ही नहीं बल्कि तीन बच्चों की मां मैरीकॉम ने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स और पोलैंड में हुए ओपन बॉक्सिंग टूर्नामेंट में भी गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा उन्होंने ओलंपिक गेम्स 2012 में ब्रॉन्ज, बुल्गारिया में हुए स्ट्रैंडजॉ मेमोरियल में सिल्वर मेडल, 2001 में हुए महिला वर्ल्ड चैंपियनशिप के पहले संस्करण में सिल्वर मेडल हासिल किया था। ससुराल का मिला सहयोग  साल 2005 में उनकी शादी ओनलर कॉम से हुई उसके बाद 2007 में उनके जुड़वां बच्चे हुए। बच्चे होने के बाद भी उनका खेल के प्रति प्रेम कम नही हुआ था, इसके एक साल बाद ही 2008 में उन्होंने मैग्नीफिशेंट मैरीकॉम की उपाधि से नवाजा गया। कहा जाता है कि मैरीकॉम के घरवाले उनकी शादी के खिलाफ थे क्योंकि उन्हें लगता था कि शादी के बाद वह घर पर बैठ जाएगी साथ ही समाज क्या ��हेगा लेकिन शादी के बाद एकदम इसका उल्टा हुआ।
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शादी के बाद मैरीकॉम ने बॉक्सिंग छोड़ी नहीं, बल्कि उनके ससुराल ने उनका पूरा साथ दिया। शादी के बाद साल 2005 में उन्होंने रूस में आयोजित हुए विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल लाकर सबको गलत साबित कर दिया। गौरतलब है कि मैरीकॉम पर फिल्म भी बन चुकीं है जो साल 2014 में सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई थी। फिल्म में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने मैरीकॉम का किरदार निभाया था।
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