#मेडिकल कॉलेज परीक्षा 2021
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भारत में सबसे बेहतरीन ईएनटी विशेषज्ञ की तलाश: डॉ. मीनिश जुवेकर
जब भारत में कान, नाक और गले (ईएनटी) की देखभाल की बात आती है, तो डॉ. मीनिश जुवेकर सबसे उत्कृष्ट विशेषज्ञों में से एक के रूप में उभरते हैं। 25 वर्षों से अधिक के अनुभव और अनेक पुरस्कारों के साथ, डॉ. जुवेकर ने ओटोलरिंगोलॉजी के क्षेत्र में खुद को एक अग्रणी के रूप में स्थापित किया है।
असाधारण योग्यताएँ और प्रशिक्षण
डॉ. जुवेकर ने मुंबई के प्रसिद्ध एलटीएम मेडिकल कॉलेज से ईएनटी में एमएस (मास्टर ऑफ सर्जरी) की डिग्री 1999 में पूरी की। उन्होंने राष्ट्रीय बोर्ड, नई दिल्ली की डीएनबी परीक्षाओं में मई 1999 में प्रथम स्थान प्राप्त किया, जिससे उन्हें भारत में पहले स्थान पर आने के लिए प्रतिष्ठित कameshwaran गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ। उन्होंने जनवरी 1999 में बॉम्बे यूनिवर्सिटी के एमएस (ईएनटी) परीक्षा में भी तीसरा स्थान प्राप्त किया।
ओटोलॉजी में डॉ. जुवेकर की असाधारण विशेषज्ञता को दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है। उन्हें फ्रांस के काउस क्लिनिक के प्रोफेसर रॉबर्ट विंसेंट और जर्मनी के बोचुम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हिल्डमैन जैसे प्रसिद्ध ओटोलॉजिस्टों द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त करने का अवसर मिला, जहां उन्होंने विभिन्न सर्जरी में हिस्सा लिया और कैडेवरिक टेम्पोरल बोन डिसेक्शन किए।
प्रतिष्ठित पद और सहयोग
वर्तमान में, डॉ. मीनिश जुवेकर कई प्रमुख पदों पर कार्यरत हैं:
बॉम्बे अस्पताल और मेडिकल रिसर्च सेंटर में सलाहकार ईएनटी सर्जन
ग्रांट मेडिकल कॉलेज और जे.जे. समूह अस्पताल, मुंबई में यूनिट के प्रमुख
फोर्टिस अस्पताल, मुलुंड, मुंबई में सलाहकार ईएनटी सर्जन
जुवेकर नर्सिंग होम, चेम्बूर, मुंबई के निदेशक
वे फोर्टिस अस्पताल, मुलुंड में एक अतिथि सलाहकार के रूप में भी काम करते हैं। बहुत कम उम्र में ही, डॉ. जुवेकर मुंबई के ओटोलरिंगोलॉजिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बने और हांगकांग में गोल्डन जुबली वर्ष के दौरान एक सम्मेलन का आयोजन किया।
कोक्लियर इम्प्लांट और ईएनटी सर्जरी में विशेषज्ञता
डॉ. जुवेकर को कोक्लियर इम्प्लांट सर्जरी में विशेष रूप से मान्यता प्राप्त है। वह यह प्रक्रिया जुकेर्स नर्सिंग होम, बॉम्बे अस्पताल और फोर्टिस अस्पताल, मुंबई में करते हैं। नर्सिंग होम अत्याधुनिक तकनीक और अत्यधिक कुशल चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम के साथ सुसज्जित है जो कोक्लियर इम्प्लांट सर्जरी में विशेषज्ञता रखते हैं। अब तक, डॉ. जुवेकर के मार्गदर्शन में 150 से अधिक सफल इम्प्लांट सर्जरी की जा चुकी हैं।
कोक्लियर इम्प्लांट के अलावा, डॉ. मीनिश जुवेकर विभिन्न ईएनटी सर्जरी जैसे मिडिल ईयर सर्जरी, राइनोप्लास्टी, और फेशियल नर्व ग्राफ्टिंग और डीकम्प्रेशन में भी कुशल हैं। उनकी विशेषज्ञता और रोगियों के प्रति व्यक्तिगत दृष्टिकोण ने उन्हें मुंबई और भारत के बेहतरीन ईएनटी सर्जनों में से एक के रूप में प्रतिष्ठित किया है।
शैक्षिक योगदान और प्रशंसा
डॉ. जुवेकर की शैक्षणिक जिज्ञासा और चिकित्सा उन्नति में आगे रहने की प्रेरणा ने उन्हें कई प्रतिष्ठित प्रकाशनों में योगदान देने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने "हैंडबुक ऑफ ईएनटी और हेड नेक सर्जरी" नामक पुस्तक का दूसरा संस्करण 2021 में लिखा, जो अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रकाशन साबित हुई है।
उन्हें ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर), विभिन्न टेलीविजन चैनलों, बीबीसी न्यूज़, और सोशल मीडिया पर शोर प्रदूषण, बहरापन और कान-नाक-गले (ईएनटी) में सामान्य समस्याओं पर समाज को शिक्षित करने के लिए कई बार आमंत्रित किया गया है। डॉ. जुवेकर के क्षेत्र के प्रति समर्पण ने उन्हें मुंबई और भारत के बेहतरीन ईएनटी विशेषज्ञ के रूप में प्रतिष्ठित किया है, जिससे वह कान, नाक और गले की देखभाल में एक विश्वसनीय नाम बन गए हैं।
निष्कर्ष
यदि आप भारत के सर्वश्रेष्ठ ईएनटी विशेषज्ञ की तला��� कर रहे हैं, तो डॉ. मीनिश जुवेकर से बेहतर विकल्प नहीं हो सकता। उनकी असाधारण योग्यताओं, व्यापक अनुभव, और व्यक्तिगत देखभाल के प्रति प्रतिबद्धता के साथ, डॉ. जुवेकर आपके सभी ईएनटी संबंधी जरूरतों के लिए एक आदर्श विकल्प हैं। चाहे आपको कोक्लियर इम्प्लांट सर्जरी की आवश्यकता हो, पुराने कान के संक्रमण का इलाज हो, या कोई अन्य ईएनटी संबंधित समस्या हो, आप डॉ. जुवेकर पर उच्चतम स्तर की देखभाल और विशेषज्ञता के लिए भरोसा कर सकते हैं।
FAQs:
डॉ. मीनिश जुवेकर कोक्लियर इम्प्लांट सर्जरी में विशेषज्ञ क्यों माने जाते हैं?डॉ. जुवेकर की कोक्लियर इम्प्लांट सर्जरी में विशेष विशेषज्ञता और 150 से अधिक सफल सर्जरी का अनुभव उन्हें इस क्षेत्र में अग्रणी बनाता है।
क्या डॉ. मीनिश जुवेकर के पास अन्य ईएनटी सर्जरी का भी अनुभव है?हाँ, डॉ. जुवेकर मिडिल ईयर सर्जरी, राइनोप्लास्टी, और फेशियल नर्व ग्राफ्टिंग में भी विशेषज्ञता रखते हैं।
डॉ. मीनिश जुवेकर की शैक्षणिक उपलब्धियाँ क्या हैं?उन्होंने "हैंडबुक ऑफ ईएनटी और हेड नेक सर्जरी" का दूसरा संस्करण लिखा है और कई प्रतिष्ठित प्रकाशनों में योगदान दिया है।
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NEET 2021 Scores Now Applicable for Admissions to BSc Nursing
NEET 2021 Scores Now Applicable for Admissions to BSc Nursing
बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम के उम्मीदवारों को अब एनईईटी 2021 के लिए आवेदन करना होगा। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने बीएससी नर्सिंग सहित स्नातक (यूजी) मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए मेडिकल प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 10 अगस्त शाम 5 बजे तक बढ़ा दी गई है। परीक्षा 12 सितंबर को आयोजित की जाएगी। बीएससी (नर्सिंग) में प्रवेश लेने के इच्छुक…
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#कॉलेज प्रवेश#नीट 2021#नीट 2021 बीएससी नर्सिंग#नीट.nta.nic.in#बीएससी नर्सिंग#मेडिकल प्रवेश परीक्षा#शिक्षा समाचार
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AFMC Nursing Result 2022 Link-Indian Army BSC Nursing Merit List PDF
AFMC Nursing Result 2022 Link-Indian Army BSC Nursing Merit List PDF
AFMC नर्सिंग परिणाम 2021 – InAFMC नर्सिंग परिणाम 2022-joinindianarmy.nic.in BSC नर्सिंग मेरिट सूची, कट-ऑफ, अ��क विवरण, चयन प्रक्रिया, साक्षात्कार ऑनलाइन सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज एएफएमसी, पुणे नर्सिंग परिणाम 2022 यहां देखें। AFMC, पुणे ने भारतीय सेना नर्सिंग प्रवेश परीक्षा 2022 आयोजित की है। अब परीक्षा प्राधिकरण जल्द ही मेरिट लिस्ट के साथ परिणाम घोषित करने की तैयारी कर रहा है। आज का ताजा अपडेट: AFMC…
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मुख्यमंत्री निवास पर हुई राज्य मंत्रिमंडल एवं मंत्रिपरिषद की बैठक में पुरानी पेंशन योजना के क्रियान्वयन के लिए नियमों में आवश्यक संशोधन, समान पात्रता परीक्षा के आयोजन, सीधी भर्तियों में साक्षात्कार का प्रावधान हटाने एवं कुछ पदों पर साक्षात्कार का भारांक अधिकतम 10 प्रतिशत निर्धारित करने, पैरालम्पिक खेलों में पदक विजेताओं को इंदिरा गांधी नहर परियोजना में निःशुल्क 25 बीघा भूमि आवंटन कराने, सोलर पार्क एवं पॉवर प्रोजेक्ट के लिए भूमि आवंटन, झालावाड़ अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज सोसायटी का राजमेस में आमेलन, 45 बॉर्डर रोड्स टास्क फोर्स को भूमि आवंटन सहित कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
बैठक में एक जनवरी, 2004 और इसके पश्चात नियुक्त हुए समस्त राजकीय कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने की बजट घोषणा के क्रियान्वयन हेतु नियमों में आवश्यक संशोधनों को मंजूरी मिली। इसकी क्रियान्विति के क्रम में राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996, राजस्थान सिविल सेवा (अंशदायी पेंशन) नियम, 2005, विभिन्न पुनरीक्षित वेतनमान नियमों एवं राजस्थान सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम, 2013 में विभिन्न संशोधनों के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है।
इस निर्णय से 1 जनवरी, 2004 एवं उसके पश्चात नियुक्त हुए राजकीय कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति पर पेंशन परिलाभों के पात्र होंगे। साथ ही राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (RGHS) के अंतर्गत कैशलेस चिकित्सा सुविधा भी प्राप्त कर सकेंगे। 31 मार्च, 2022 से पूर्व जो अपनी सेवा से एग्जिट हो गए हैं, उन्हें ��ी उक्त नियमानुसार पेंशनरी परिलाभ अप्रेल, 2022 से देय होंगे।
एक जैसी पात्रता वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अब समान परीक्षा
मंत्रिमंडल ने निर्णय किया कि प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया को सरल, समयबद्ध एवं एकीकृत किये जाने की दृष्टि से एक जैसी पात्रता वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं (जैसे ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, मंत्रालयिक कर्मचारी इत्यादि) के स्थान पर अब समान पात्रता परीक्षा (CET) आयोजित होगी। इसके लिए राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा (समान पात्रता परीक्षा) नियम, 2022 बनाया जाना है।
समान पात्रता परीक्षा से अब अभ्यार्थियों को विभिन्न पदों की भर्ती के लिए बार-बार आवेदन करने, परीक्षा में शामिल होने, आवेदन शुल्क एवं यात्रा में व्यय करने से निजात मिलेगी। वहीं, भर्ती एजेंसियों द्वारा कई बार परीक्षा लेने में लगने वाले समय, व्यय एवं श्रम से राहत मिलेगी। उल्लेखनीय है कि बजट वर्ष 2021-22 में इस संबंध में यह घोषणा की गई थी।
सीधी भर्ती में साक्षात्कार का प्रावधान हटाने और
कुछ पदों पर साक्षात्कार का भारांक अधिकतम 10 प्रतिशत रखने का निर्णय
बैठक में ऐसे पद जिनकी कार्य प्रकृति एवं भूमिका के कारण चयन प्रक्रिया में साक्षात्कार आवश्यक नहीं समझा गया है, उनमें साक्षात्कार के प्रावधान को हटाने एवं ऐसे पद जिनमें संवाद कौशल की आवश्यकता है उनमें भारांक कुल अंकों का अधिकतम 10 प्रतिशत निर्धारित करने के लिए संशोधन का निर्णय किया गया। साथ ही राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा सीधी भर्ती के जरिए भरे जाने वाले जिन पदों के लिए साक्षात्कार का प्रावधान है, उन पदों में राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं (संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा द्वारा सीधी भर्ती) नियम 1999 (आरएएस भर्ती) एवं कुछ विशिष्ट सेवा नियमों को छोड़कर अन्य सभी सेवा नियमों में साक्षात्कार का प्रावधान हटाने का निर्णय लिया गया है।
बीआरटीएफ को सड़क निर्माण के लिए 375.10 बीघा भूमि निःशुल्क आवंटन
पीथेवाला एवं रामगढ़ क्षेत्र के लोगों का आवागमन होगा सुगम
बैठक में जैसलमेर जिले की उपनिवेशन तहसील मोहनगढ़ एवं रामगढ़ के कुल 135 खसरा नंबरों की 375.10 बीघा कमांड/अनकमांड भूमि 45 बॉर्डर रोड्स टास्क फोर्स (जीआरईएफ) को पीथेवाला पीटी रामगढ़ में सड़क निर्माण के लिए निःशुल्क भूमि आवंटन के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। इससे पीथेवाला एवं रामगढ़ सहित पूरे क्षेत्र के लोगों का आवागमन और परिवहन सुगम होगा और क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा।
पैरालम्पिक खेलों में पदक विजेताओं को
इंदिरा गांधी नहर परियोजना में निःशुल्क 25 बीघा भूमि का होगा आवंटन
मंत्रिमंडल में पैरालम्पिक खेलों के पदक विजेताओं के लिए बड़ा निर्णय किया है। इसमें राजस्थान के निवासी पैरालम्पिक पदक विजेताओं को भी इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में निःशुल्क 25 बीघा भूमि का आवंटन हो सकेगा। इससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन और खेलों को बढ़ावा मिलेगा एवं उनकी जीविका उपार्जन में सहायता होगी। उल्लेखनीय है कि इसके लिए बजट वर्ष 2022-23 में घोषणा की गई थी।
2000 मेगावॉट सोलर पार्क एवं 150 पॉवर प्रोजेक्ट के लिए भूमि आवंटन
राज्य सरकार प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पा��न बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इसी के तहत मंत्रिमंडल ने जैसलमेर जिले में 6000 हैक्टेयर राजकीय सिवायचक भूमि को 2000 मेगावाट सोलर पार्क की स्थापना के लिए राज्य सरकार के उपक्रम राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड एवं अडानी समूह के मध्य करार से स्थापित संयुक्त उपक्रम अडानी रिन्यूएबल एनर्जी पार्क राजस्थान लिमिटेड को कीमतन भूमि आवंटन पर निर्णय किया गया है। साथ ही जैसलमेर की तहसील फतेहगढ़ में कुल रकबा 290.62 हैक्टेयर राजकीय भूमि को ईडन रिन्यूएबल पैसी प्राइवेट लिमिटेड को सशर्त कीमतन आवंटन किये जाने के प्रस्ताव पर निर्णय किया है। इस निर्णय से 150 मेगावॉट सोलर पॉवर प्रोजेक्ट की स्थापना हो सकेगी। इन दोनों प्रोजेक्ट की स्थापना से राज्य में अक्षय ऊर्जा का उत्पादन बढ़ेगा। क्षेत्रीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और राज्य की राजस्व अर्जन में भी बढ़ोतरी होगी।
झालावाड़ अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज सोसायटी का राजमेस में आमेलन
बैठक में झालावाड़ अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज सोसायटी का राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसाइटी (राजमेस) में आमेलन करने का निर्णय किया गया है। अभी झालावाड़ मेडिकल कॉलेज एक पृथक राजकीय सोसायटी ‘‘झालावाड़ अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज सोसायटी‘‘ के अधीन संचालित है तथा सात अन्य मेडिकल कॉलेज राजमेस सोसायटी के अधीन है। दोनों सोसायटी के उददेश्य भी लगभग एक समान है तथा प्रशासनिक विभाग चिकित्सा शिक्षा विभाग है। अब तक दोनों सोसायटी के संचालन किए जाने से प्रशासनिक विभाग के स्तर पर एक ही कार्य/आदेश/नीति आदि कार्यवाही दो बार की जाती है। मंत्रिमंडल के इस निर्णय अब राजमेस स्तर पर कार्यवाही के जरिए कार्यों में एकरूपता बनी रहेगी।
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NEET 2021: Why Do Students Want Medical Entrance Exam Postponed
NEET 2021: Why Do Students Want Medical Entrance Exam Postponed
मेडिकल कॉलेज के उम्मीदवार महीनों से राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) में देरी की मांग कर रहे हैं। मेडिकल प्रवेश परीक्षा 12 सितंबर को आयोजित होने वाली है। इस साल, परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने परीक्षा में गंभीर बदलाव किए हैं, जिसमें 13 अलग-अलग भाषाओं में परीक्षा आयोजित करना, छात्रों को आंतरिक विकल्प की पेशकश करना शामिल…
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यूपी चुनाव से पहले NEET में OBC आरक्षण, बीजेपी के 'मास्टरस्ट्रोक' की क्या है सियासी अहमियत? समझिए Divya Sandesh
#Divyasandesh
यूपी चुनाव से पहले NEET में OBC आरक्षण, बीजेपी के 'मास्टरस्ट्रोक' की क्या है सियासी अहमियत? समझिए
लखनऊ केंद्र सरकार ने नीट की परीक्षा में अखिल भारतीय कोटे से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्ल्यूएस) को आरक्षण देने का फैसला किया है। इसके तहत अब ग्रैजुएशन और पोस्ट ग्रैजुएशन सीटों पर नामांकन के लिए केंद्रीय कोटे में ओबीसी को 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी आरक्षण लागू किया जाएगा। इस व्यवस्था इसी शैक्षणिक सत्र से शुरू होगी। बीजेपी के इस फैसले का राजनीतिक महत्व भी है, खासकर यूपी में, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
मेडिकल शिक्षा में ओबीसी आरक्षण की कवायद लंबे समय से चल रही थी। अभी कुछ दिन पहले ही मोदी कैबिनेट विस्तार में ओबीसी मंत्रियों की संख्या बढ़ाकर 27 हो गई है। जाहिर है कि अगले चुनाव से पहले मोदी और बीजेपी का फोकस पिछड़े वर्ग पर है। पीएम मोदी खुद को भी पिछड़े समुदाय से ताल्लुक रखने वाला बताते हैं।
क्या है आरक्षण के फैसले का मकसद? लखनऊ से वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ कलहंस एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में कहते हैं, ‘नीट में आरक्षण का राजनीतिक मकसद पिछड़े वर्ग की नाराजगी को दूर करना है। तमिलनाडु से लेकर मध्य प्रदेश और बिहार में तेजस्वी का लगातार दबाव था, तमिलनाडु में स्टालिन का दबाव था। इसके अलावा यूपी में पिछड़ों के अलग-अलग समूह और राजनीतिक दल भी इसके लिए आंदोलन कर रहे थे जिसमें कांग्रेस प्रमुख थी।’
‘यूपी चुनाव को देखते हुए लिया गया फैसला’सिद्धार्थ कलहंस बताते हैं, ‘यह फैसला खासतौर से अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले लिया है, जहां 40 फीसदी से ज्यादा पिछड़े समुदाय की आबादी है। एक कारण और भी हो सकता है कि सुप्रीम कोर्ट में यह मुद्दा गया था और हो सकता है कि वहां से इस तरह के निर्देश आ जाते तो असहज स्थिति हो सकती थी, तो उस असहज स्थिति से बचने के लिए यह घोषणा पहले ही कर दी गई, ताकि इसका श्रेय भी लिया जा सके और यूपी चुनाव में इसे भुनाया जा सके।’
यूपी चुनाव में बीजेपी को इस फैसले से होगा फायदा? वरिष्ठ पत्रकार का कहना है कि जिस तरह से बीजेपी ने नीट मे�� पिछड़ों को आरक्षण देने के मुद्दे को हाइलाइट किया है उससे साफ है कि यूपी चुनाव में वह इसका फायदा लेने का प्रयास करेगी। साथ ही बीजेपी नहीं चाहेगी कि किसी और दल को इसका क्रेडिट मिले। इसकी शुरुआत हो भी गई है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव हों या बीएसपी सुप्रीमो मायावती सभी इस फैसले में अपना योगदान दिखाने की जुगत में लग गए हैं।
सपा-बीएसपी-कांग्रेस में क्रेडिट लेने की होड़ बीजेपी के फैसले के बाद अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘सपा के आंदोलन के आगे अंततः आरक्षण विरोधी बीजेपी को झुकना ही पड़ा। बीजेपी ने लाख हथकंडे और चालें चलीं पर आखिर उसे मेडिकल में 27 फीसदी ओबीसी और 10 फीसदी इडब्ल्यूएस का सांविधानिक अधिकार देना ही पड़ा। ये सपा के सामाजिक न्याय के संघर्ष की जीत है। इस जीत के बाद हम 2022 भी जीतेंगे।’
वहीं मायावती ने ट्वीट करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा। मायावती ने लिखा, ‘देश में सरकारी मेडिकल कालेजों की ऑल इंडिया की यूजी और पीजी सीटों में ओबीसी कोटा की घोषणा काफी देर से उठाया गया कदम। केंद्र सरकार अगर यह फैसला पहले ही समय से ले लेती तो इनको अबतक काफी लाभ हो जाता, किंतु अब लोगों को यह चुनावी राजनीतिक स्वार्थ हेतु लिया गया फैसला लगता है।’
बीएसपी सुप्रीमो ने लिखा, ‘वैसे बीएसपी बहुत पहले से सरकारी नौकरियों में एससी, एसटी व ओबीसी कोटा के बैकलॉग पदों को भरने की मांग लगातार करती रही है, किंतु केंद्र औप यूपी सहित अन्य राज्यों की भी सरकारें इन वर्गों के वास्तविक हित और कल्याण के प्रति ��गातार उदासीन ही बनी हुई हैं, यह अति दुःखद है।’
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस फैसले के लिए मद्रास हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद किया है। उन्होंने लिखा, ‘मद्रास हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को साधुवाद जिन्होंने मोदी सरकार को फटकार लगाई और उन्हें सभी मेडिकल और डेंटल कॉलेज में ऑल इंडिया कोटे के तहत ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने पर मजबूर दिया। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2007 में इसके लिए ऐतिहासिक कानून बनाया था, जिसे मद्रास हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के साथ अंतिम रूप दिया गया है।’
‘चुनाव के दवाब में बीजेपी ने लिया फैसला’समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने एनबीटी ऑनलाइन से कहा, ‘ओबीसी समाज को आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन यह देर से लिया गया फैसला है। समाजवादी पार्टी हमेशा सामाजिक न्याय की पक्षधर रही है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नीट में ओबीसी समाज के लिए आरक्षण की वकालत की थी। अभी तक 11,000 डॉक्टर बनते ओबीसी समाज के लेकिन केंद्र की वजह से यह संभव नहीं हो पाया। साथ ही अगले साल यूपी में चुनाव भी होने हैं, ऐसे में लगता है कि बीजेपी ने दबाब में रहते हुए यह फैसला लिया।’
यूपी में पिछड़ा वर्ग की कितनी आबादी? गौरतलब है कि यूपी में पिछड़े वर्ग की आबादी 40 फीसदी से अधिक है जोकि अन्य किसी समुदाय से सबसे ज्यादा है। इससे पहले 2017 के चुनाव में भी बीजेपी को प्रचंड जीत मिलने के पीछे ओबीसी समुदाय का मोदी का साथ देना रहा। इनमें से अधिक गैर-यादव समुदाय से आते हैं, जिन पर बीजेपी का लक्ष्य है। एक दिन पहले पिछड़े वर्ग के सांसदों ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के नेतृत्व में पीएम मोदी से मुलाकात की थी। फिर उसके बाद पीएम के निर्देश पर इसकी कार्यवाही शुरू हुई और गुरुवार को पीएम मोदी ने इसकी घोषणा की।
‘एमपी-राजस्थान चुनाव में भी बीजेपी को होगा लाभ’ वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ कलहंस ने कहा, ‘इस फैसले का सबसे ज्यादा लाभ यूपी में होना है जहां अगले साल चुनाव है। उत्तराखंड और पंजाब में पिछड़ा वर्ग की इतनी आबादी नहीं है। इसलिए कहा जा सकता है कि यूपी में चुनाव को देखते हुए भी यह फैसला लिया गया है। इसके साथ ही एक साल बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव होने हैं, इन राज्यों में इसका लाभ होगा।’
फैसले से कितने छात्रों को मदद? मोदी सरकार का फैसला शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से अंडर ग्रैजुएट और पोस्टग्रैजुएट मेडिकल/डेंटल कोर्स (एमबीबीएस, एमडी, एमएस, डिप्लोमा, बीडीएस, एमडीएस) में ये लागू हो जाएगा। केंद्र सरकार के इस फैसले से हर साल लगभग 5,550 छात्रों को लाभ होगा। केंद्रीय कोटे में स्नातक की सीटों पर 1,500 और पोस्ट ग्रैजुएट सीटों पर 2,500 छात्रों को ओबीसी कोटे से लाभ मिलेगा। इसी तरह आर्थिक रूप से कमजोर तबक के 550 छात्रों को गैजुएट और 1000 छात्रों को पोस्ट ग्रैजुएटकोर्स में लाभ मिलेगा।
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NEET मामले में DMK की दोहरी भूमिका.... अन्नामलाई ने की कड़ी निंदा.... DMK's double role in NEET affair .... Annamalai has strongly condemned ....
तमिलनाडु भाजपा के उपाध्यक्ष अन्नामलाई ने NEET मामले में DMK की दोहरी भूमिका की कड़ी निंदा करते हुए कहा, "इनमें से कोई भी व्यक्ति छात्रों को पढ़��े की अनुमति नहीं देता है"।
आज जारी एक बयान में:
"कांग्रेस शासन के तहत, मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने 2013 में देश भर में एनईईटी परीक्षाएं शुरू कीं। जब 2016 में नीड समाधान के माध्यम से पूरे भारत में मेडिकल कॉलेज में प्रवेश हुआ, तो प्रधान मंत्री मोदी ने हस्तक्षेप किया और देखा कि केवल तमिलनाडु को इससे छूट दी गई थी। परीक्षा की आवश्यकता है।
नीट चुनाव की जासूसी कांग्रेस शासित राज्यों और कम्युनिस्ट शासित राज्य ने की थी। तमिलनाडु कोई अपवाद नहीं है और नीट की पुष्टि तब हुई है जब सभी जानते हैं कि किसने सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दायर किया कि नीट का चयन रद्द नहीं किया जाना चाहिए। खिंचाव पर अदालत द्वारा मुकदमा नहीं किया जा सकता है। नीट परीक्षा के जरिए साल दर साल छात्रों का प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है। तमिलनाडु में, वर्ष 2019 और 2020 में, राज्य सरकार ने पाठ्यक्रम को संशोधित किया है और स्कूलों में नीड परीक्षा के समकक्ष पाठ्यक्रम पेश किया है।
नतीजतन, तमिलनाडु में पास प्रतिशत 2019 में 48.57% से बढ़कर 2020 में 5744% हो गया है। तमिल में लिखने वाले NEET उम्मीदवारों की संख्या 2019 में 1,071 से बढ़कर 2020 में 17,101 हो गई है। तमिलनाडु में श्री एडप्पादी पलानीसामी की सरकार द्वारा लाया गया 7.5% आंतरिक आरक्षण 334 ग्रामीण सरकारी स्कूल के छात्रों के चिकित्सा सपने की याद दिलाता है, जिससे यह समझना आसान है कि तमिलनाडु के लोगों ने NEET को स्वीकार कर लिया है।
नीट चयन को अदालत या संघीय सरकार द्वारा नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। DMK ने यह भी कहा कि वे सत्ता में आते ही NEET चुनाव रद्द कर देंगे। अब जब वे सत्ता में आ गए हैं, तो वे भारत के प्रधान मंत्री से मिल रहे हैं और उनसे नीट को परीक्षा से छूट देने के लिए कह रहे हैं। यह 2016 में पहले ही दिया जा चुका है। स्वास्थ्य मंत्री श्री एम. सुब्रमण्यम कहते रहे हैं कि भले ही तमिलनाडु सरकार नीड परीक्षा के लिए प्रशिक्षण कक्षाएं संचालित कर रही हो, लेकिन नीड परीक्षा जल्द ही रद्द कर दी जाएगी। यह आगे-पीछे बात करके छात्रों को भ्रमित करने का एक प्रयास है और इनमें से कोई भी छात्रों को पढ़ने नहीं जा रहा है। तमिलनाडु के छात्रों और अभिभावकों को यह समझने की जरूरत है कि सत्तारूढ़ राज्य सरकार द्वारा NEET परीक्षा रद्द नहीं की जा सकती है।
यह कुछ ऐसा है जिसकी पुष्टि सुप्रीम कोर्ट ने की है। सामान्य सूची में एनईईटी चयन को एक प्रस्ताव द्वारा रद्द नहीं किया जा सकता है। तो शिक्षा मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री श्री मा सुब्रमण्यम या मुख्यमंत्री जी को चाहिए कि वे लोगों और छात्रों को भ्रमित करना बंद करें और इस साल पूरे मन से स्कूलों में बेहतर प्रशिक्षण कक्षाएं संचालित करें और छात्रों को अच्छी तरह से पढ़ने और पास होने का अवसर दें। नीड परीक्षा दें और मेडिकल कॉलेज जाए��। द्रमुक को राजनीतिक फायदे के लिए लोगों और छात्रों को भ्रमित करना बंद करना चाहिए।"
NEET Exam - Confusing students & parents to hide their wanton lies has become the habit of @arivalayam @BJP4TamilNadu pic.twitter.com/DBhRRRs4Sm
— K.Annamalai (@annamalai_k) June 18, 2021
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NEET 2021: Why Do Students Want Medical Entrance Exam Postponed
NEET 2021: Why Do Students Want Medical Entrance Exam Postponed
मेडिकल कॉलेज के उम्मीदवार महीनों से राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) में देरी की मांग कर रहे हैं। मेडिकल प्रवेश परीक्षा 12 सितंबर को आयोजित होने वाली है। इस साल, परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने परीक्षा में गंभीर बदलाव किए हैं, जिसमें 13 अलग-अलग भाषाओं में परीक्षा आयोजित करना शामिल है, जो छात्रों को आंतरिक विकल्प प्रदान…
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AFMC Admit Card 2021 – AFMC Entrance Exam Hall Ticket
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एएफएमसी एडमिट कार्ड 2022 / हॉल टिकट / परीक्षा तिथि। एएफएमसी प्रवेश परीक्षा हॉल टिकट 2022 / एएफएमसी परीक्षा 2022 / एएफएमसी चयन प्रक्रिया डाउनलोड करें एएफएमसी प्रवेश परीक्षा 2022 प्रवेश पत्र – सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज उन आवेदकों के एडमिट कार्ड अपलोड करने जा रहे हैं जिन्होंने 2022 प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन किया है। परीक्षा 2022 के महीने में आयोजित की जाएगी, इसलिए इस परीक्षा के लिए AFMC प्रवेश…
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निवास पर राज्य मंत्रिमंडल एवं मंत्रिपरिषद की बैठक में गांधी जयंती (2 अक्टूबर) से प्रदेश में प्रशासन गांवों के संग एवं प्रशासन शहरों के संग अभियान संचालित करने, विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन, राजस्थान राज्य पारिस्थितिकी पर्यटन नीति-2021 के अनुमोदन, मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना ��ागू करने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। बैठक में चिरंजीवी योजना, इंदिरा ��ांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना, इंदिरा रसोई योजना, राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम, राजीव गांधी युवा विकास प्रेरक योजना एवं कोविड वैक्सीनेशन पर भी चर्चा की गई।
स्कूल शिक्षा के सेवा नियमों में एकरूपता के लिए राजस्थान शैक्षिक
(राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम-2021 का अनुमोदन
मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग के कार्मिकों के सेवा नियमों में एकरूपता लाने तथा सरलीकरण के उद्देश्य से राजस्थान शैक्षिक (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम-2021 की अधिसूचना के प्रारूप का अनुमोदन किया है। इससे विद्यमान पृथक-पृथक सेवा नियमों राजस्थान शिक्षा सेवा नियम-1970 तथा राजस्थान शिक्षा अधीनस्थ सेवा नियम-1971 की विसंगतियों एवं जटिलताओं को दूर किया जा सकेगा। इस संशोधन से विभाग में विभिन्न पदों पर पदोन्नति के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए विभिन्न पदों की आवश्यक शैक्षिक योग्यताओं में बदलाव हो सकेगा।
राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम-1989 में संशोधन को मंजूरी
कैबिनेट ने राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम-1989 में संशोधन को मंजूरी दी है। इस संशोधन के पश्चात भविष्य में अधीनस्थ पुलिस सेवा की सीधी भर्ती के लिए बार-बार आयु में अलग से छूट देने की आवश्यकता नहीं रहेगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले प्रतिवर्ष भर्ती नहीं निकलने पर अभ्यर्थियों को ऊपरी आयु सीमा में छूट प्रदान करने के लिए अलग से बार-बार राज्य सरकार की अनुमति लेनी होती थी।
पशुपालन विभाग में पदोन्नति में विसंगतियां होंगी दूर
बैठक में पशुपालन विभाग में वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी एवं उच्चतर पदों पर पदोन्नति में विसंगतियों को दूर करने के लिए राजस्थान पशुपालन सेवा नियम-1963 में संशोधन को भी मंजूरी दी गई। इससे विभाग में सभी अधिकारियों को समानुपातिक रूप से पदोन्नति का लाभ मिल सकेगा तथा जिला स्तरीय अधिकारियों (संयुक्त निदेशक) के पद प्रत्येक वर्ष पदोन्नति से भरे जा सकेंगे।
पॉलिटेक्निक कॉलेजों में अधीनस्थ सेवाओं में साक्षात्कार का प्रावधान हटाया
मंत्रिमंडल ने राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों के कार्मिकों के लिए राजस्थान तकनीकी शिक्षा अधीनस्थ सेवा नियम-1973 में संशोधन की स्वीकृति दी है। इससे राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेजों में कार्यरत अधीनस्थ सेवाओं के कार्मिकों के लिए साक्षात्कार के स्थान पर लिखित परीक्षा का प्रावधान किया जा सकेगा।
कार्मिकों एवं पेंशनरों को आरजीएचएस का लाभ देने के लिए नियमों में संशोधन
कैबिनेट ने राजस्थान सेवा नियम-1951 तथा राजस्थान सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम-2013 में संशोधन को भी मंजूरी दी है। इन संशोधनों के जरिए राजस्थान गवर्नमंेट हैल्थ स्कीम (आरजीएचएस) लागू करने पर राज्य सरकार के सेवारत कार्मिकों के द्वारा सेवा के दौरान राजस्थान स्टेट पेंशनर्स मेडिकल कंसेशन स्कीम के स्थान पर आरजीएचएस में अंशदान किए जाने का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत राज्य सरकार के पंेशनरों एवं 1 जनवरी, 2004 से पूर्व नियुक्त राज्य कर्मचारियों को कैशलेस एवं बेहतर चिकित्सा सुविधा ��पलब्ध होगी।
पारिस्थितिकी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई नीति
बैठक में राजस्थान राज्य पारिस्थितिकी पर्यटन नीति-2021 का अनुमोदन किया गया। इससे राज्य में पारिस्थितिकी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। पारिस्थितिकी पर्यटन के तीन आधारभूत सिद्धांतों- संरक्षण, सामुदायिक सहभागिता एवं व्याख्या पर आधारित इस नीति में वन क्षेत्र, वन्यजीव क्षेत्र तथा संरक्षित क्षेत्रों के साथ-साथ अन्य स्थानों पर भी पारिस्थितिकी पर्यटन को सम्मिलित किया गया है।
डीएमआईसी के लिए एसपीवी के गठन को मंजूरी
बैठक में राज्य में दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना के क्रियान्वयन के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) के गठन, राज्य सहयोग करार, शेयर होल्डिंग एग्रीमेंट तथा मेमोरेंडम एवं आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन का अनुमोदन किया गया। इससे राज्य सरकार द्वारा रीको को क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण के रूप में पदाभिहित करते हुए इस परियोजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। साथ ही इसके क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार के उपक्रम नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डवलपमेंट कॉर्पोरेशन ट्रस्ट लिमिटेड के साथ संयुक्त पूंजी वाली कंपनी (एसपीवी) का गठन हो सकेगा। जिसमें 51 प्रतिशत अंश पूंजी रीको के माध्यम से राज्य सरकार की होगी तथा शेष अंश पूंजी नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डवलपमेंट कॉर्पोरेशन ट्रस्ट की होगी।
आमजन की समस्याओं का मौके पर ही निराकरण के लिए अभियान
कैबिनेट के बाद मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रशासन गांवों के संग अभियान तथा प्रशासन शहरों के संग अभियान की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई। दोनों अभियान गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 2021 से प्रारंभ होंगे। प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत प्रदेश की कुल 11341 ग्राम पंचायत मुख्यालय पर कैम्प का आयोजन कर 19 विभागों के कार्यों का संपादन किया जाएगा। इससे आमजन की समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण संभव होगा। इसी तरह प्रशासन शहरों के संग अभियान राज्य के कुल 213 नगरीय निकायों में संचालित किया जाएगा। इस अभियान में राज्य के 14 नगर विकास न्यास एवं 3 विकास प्राधिकरण भी शामिल होंगे।
छठे राज्य वित्त आयोग के अंतरिम प्रतिवेदन का अनुमोदन
मंत्रिपरिषद ने छठे राज्य वित्त आयोग के वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के लिए प्रस्तुत अंतरिम प्रतिवेदन का भी अनुमोदन किया। राज्य सरकार द्वारा इस अंतरिम प्रतिवेदन को कार्यवाही रिपोर्ट के साथ आगामी विधानसभा सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा।
युवाओं तथा बेरोजगारों के लिए इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना
बैठक में शहरी क्षेत्रों के स्ट्रीट वेंडर्स एवं सर्विस सेक्टर के युवाओं तथा बेरोजगारों को स्वरोजगार तथा रोजमर्रा की जरूरतों के लिए इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना शुरू करने किए जाने पर भी चर्चा की गई। इस योजना के तहत 5 लाख जरूरतमंदों को 50 हजार रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाना प्रस्तावित है। इससे जरूरतमंद वर्ग के ये लोग आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ स��ेंगे।
फ्लेट श्रेणी के उपभोक्ताओं को भी मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना का लाभ
बैठक में मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना लागू करने पर चर्चा की गई। यह योजना बिलिंग माह मई 2021 से लागू होना प्रस्तावित है। इसके तहत कृषि उपभोक्ताओं की द्विमासिक बिलिंग होगी तथा उन्हें प्रतिमाह 1 हजार रूपए अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा। योजना का लाभ फ्लेट श्रेणी के कृषि उपभोक्ताओं को भी देय होगा। मीटर चालू या बंद होने या खराब होने आदि सभी स्थितियों में इसका लाभ मिल सकेगा। यदि किसी माह उपभोक्ता की पुनर्भरण राशि एक हजार रूपए से कम है तो शेष राशि का समायोजन उसी वित्तीय वर्ष के शेष आगामी महीनों में किया जाएगा। योजना के तहत 1450 करोड़ रूपए वार्षिक व्यय होना अनुमानित है।
कॉलेजों के मापदंड निर्धारण के लिए कैबिनेट सब-कमेटी का होगा गठन
बैठक में राज्य में निजी क्षेत्र में नए कृषि महाविद्यालय स्वीकृत करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई। मंत्रिपरिषद ने विभिन्न विभागों से संबंधित कॉलेज हेतु मापदंड निर्धारण के लिए कैबिनेट सब-कमेटी बनाने का निर्णय किया गया।
एक माह में 87 नए अस्पताल चिरंजीवी योजना से जुड़े
बैठक में प्रदेशवासियों को इलाज के भारी-भरकम खर्च से मुक्त करने के लिए प्रारंभ की गई महत्वाकांक्षी योजना ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना’ की प्रगति, बेहतर क्रियान्वयन तथा सभी पात्र व्यक्तियों तक इसका लाभ पहुंचाने के संबंध में चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि 1 मई से लागू इस योजना में अब तक करीब 89 करोड़ रूपए के 1 लाख 23 हजार 521 क्लेम के माध्यम से 82 हजार 843 मरीजों को लाभान्वित किया गया है। जिला कलक्टर द्वारा अधिकृत सभी अस्पतालों को कोविड उपचार के लिए योजना से संबद्ध किया गया है और म्यूकरमाइकोसिस का नया पैकेज जोड़ा गया है। योजना में अस्पतालों का नेटवर्क बढ़ाने के लिए दो वर्ष के कार्य के स्थान पर एक वर्ष तथा सुपर स्पेश्यलिटी अस्पताल के लिए 6 माह का प्रावधान किया गया है। इससे एक माह में 87 नए अस्पताल योजना से जुड़े हैं। उपचार के लिए मना करने वाले अस्पतालों पर त्वरित कार्यवाही के लिए जिलेवार नोडल अधिकारी लगाए गए हैं। बैठक में कोविड की तीसरी लहर के दृष्टिगत 30 दिन में 100 से अधिक अस्पतालों को जोड़ने, निजी अस्पतालों में हेल्प डेस्क स्थापित करने, रेफरल सेवाओं का प्रावधान करने तथा धोखाधड़ी रोकने के लिए संभाग स्तर पर मेडिकल ऑडिटर्स का पैनल बनाने पर भी चर्चा की गई।
इंदिरा रसोई योजना के विस्तार पर चर्चा
मंत्रिपरिषद ने बैठक में ‘कोई भूखा ना सोए’ की संकल्पना को साकार करने की दृष्टि से शुरू की गई ‘इंदिरा रसोई योजना’ को और बेहतर बनाने तथा इसके विस्तार पर चर्चा की गई। योजना में अब तक 3.41 करोड़ भोजन वितरण किया गया है। कोविड की दूसरी लहर के समय जरूरतमंदों तथा कोविड संक्रमितों को 71 लाख निशुल्क भोजन पैकेट उपलब्ध कराए गए। मंत्रिपरिषद ने योजना के सकारात्मक फीडबैक को देखते हुए अधिक आबादी वाले कस्बों, ग्रामीण पर्यटन स्थलों, धार्मिक स्थलों, नगरीय क्षेत्र के बाहर के भवन निर्माण, खनन एवं औद्योगिक श्रमिकों के लिए तथा रेलवे स्टेशन, अस्पतालों, कृषि एवं सब्जी मंडी आदि स्थानों पर इसका विस्तार करने का सुझाव दिया।
प्रदेश में 2,500 राजीव गांधी युवा मित्रों का होगा चयन
आमजन को सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराने, जागरूक करने एवं उनकी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य में राजीव गांधी युवा विकास प्रेरक योजना पर भी बैठक में चर्चा की गई। योजना में 2 हजार 500 ‘राजीव गांधी युवा मित्रों’ का चयन करने तथा गांवों में 50 हजार महिला व पुरुष राजीव गांधी युवा वॉलन्टियर्स बनाये जाने हैं। साथ ही सीजीएचएस की तर्ज पर राजस्थान में भी विधायकों, पूर्व विधायकों अधिकारियों-कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को कैशलेस उपचार के लिए आरजीएचएस योजना के क्रियान्वयन पर भी विचार-विमर्श किया गया।
भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा 18 अप्रैल 2012 को विधानसभा में पारित हुए विधान परिषद के गठन के प्रस्ताव पर संसद की स्टैंडिंग कमेटी द्वारा दिए गए सुझावों के संदर्भ में राज्य सरकार की राय मांगी थी। इस पर मंत्रिपरिषद ने विधान परिषद का गठन सर्वसम्मति से संविधान के प्रावधान के अनुरूप करने हेतु राज्य सरकार के अभिमत से अवगत कराने का निर्णय किया।
मंत्रिपरिषद ने कोविड वैक्सीनेशन की स्थिति, वैक्सीन की उपलब्धता तथा इसकी आपूर्ति को लेकर विचार-विमर्श किया और केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीन की सुचारू आपूर्ति नहीं होने पर चिंता व्यक्त की गई। मंत्रिपरिषद ने कहा कि वैक्सीनेशन अभियान की गति धीमी पड़ने से कोविड संक्रमण की रोकथाम पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है। साथ ही तीसरी लहर का खतरा भी बना रहेगा।
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VMMC Safdarjung Hospital Recruitment 2021: सीनियर और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के पदों पर निकली भर्ती, सीधे इंटव्यू से हासिल करें सरकारी नौकरी
VMMC & Safdarjung Hospital Recruitment 2021: मेडिकल प्रोफेशन में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है। वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल ( VMMC & Safdarjung Hospital ) ने सीनियर और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के 96 पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है। इन पदों के लिए वीएमएमसी और सफदरजंग अस्प्ताल ने योग्य युवाओं से आवेदन आमंत्रित किए हैं। योग्य उम्मीदवार 19 और 20 मई 2021 को सीधे वॉक-इन-इंटरव्यू में शामिल हो सकते हैं। इन पदों से संबंधित शैक्षिक योग्यता, वेत���, आयु सीमा, आवेदन शुल्क, आवेदन प्रक्रिया, वॉक-इन प्लेस और अन्य जानकारी आधिकारिक वेबसाइट http://www.vmmc-sjh.nic.in/ पर जाकर हासिल कर सकते हैं।
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VMMC & Safdarjung Hospital Recruitment 2021
महत्वपूर्ण तिथि:
वॉक-इन-इंटरव्यू तिथि 19 और 20 मई 2021
सीनियर रेजिडेंट: 32 पद
जूनियर रेजिडेंट: 64 पद
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शैक्षिक योग्यता
सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर : मान्यता प्राप्त संस्थान से एमबीबीएस, पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री/डिप्लोमा के किसी सरकारी संगठन के क्लिनिकल प्रैक्टिस का अनुभव और संबंधित क्षेत्र में एक साल का स्पेशियलिटी होना जरूरी।
जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर : किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से एमबीबीएस डिग्री और दिल्ली मेडिकल काउंसिल से पंजीकृत होना जरूरी। साथ ही 01 जनवरी 2017 को या उसके बाद इंटर्नशिप का पूरा होना जरूरी।
आवेदन कैसे करें
इच्छुक और योग्य उम्मीदवार इन पदों के लिए 19 और 20 मई 2021 को वॉक-इन-इंटरव्यू में शामिल हो सकते हैं। VMMC SJH का हिस्सा बनने के इच्छुक उम्मीदवारों को सीनियर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट पदों के लिए नवीनतम VMMC SJH भर्ती 2021 के लिए आवेदन करना होगा और वॉक-इन में भाग लेना होगा। इंटरव्यू 19 मई और 20 मई 2021 को आयोजित किया जा रहा है।
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Web Title : vmmc safdarjung hospital recruitment 2021 walk in for senior junior resident doctors posts
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/vmmc-safdarjung-hospital-recruitment-2021-walk-in-for-senior-junior-resident-doctors-posts-6844756/
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CGPSC Jobs 2021: असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए यहां से करें अप्लाई, यहां देखें डीटेल्स Divya Sandesh
#Divyasandesh
CGPSC Jobs 2021: असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए यहां से करें अप्लाई, यहां देखें डीटेल्स
in Chhattisgarh, : छत्तीसगढ़ में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर () के लिए जिन योग्य उम्मीदवारों ने अभी तक आवेदन नहीं किया है, आयोग ने उन्हें एक और मौका दिया है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) ने राज्य चिकित्सा विभाग (Medical Education Department) में सहायक प्रोफेसरों के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख एक बार फिर बढ़ा दी है।
सीजीपीएससी (CGPSC) असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2021 के लिए योग्य और इच्छुक उम्मीदवार सीजीपीएससी की वेबसाइट psc.cg.gov.in पर जाकर अब 25 मई तक आवेदन कर सकते हैं। कोरोना वायरस (COVID-19) कारण उम्मीदवारों की सुविधा के लिए समय सीमा बढ़ाई गई है। इससे पहले, आवेदन की अंतिम तिथि 01 मई से बढ़ाकर 15 मई की गई थी। आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाने का नोटिफिकेशन नीचे दिया गया है।
वैकेंसी डीटेल्स असिस्टेंट प्रोफेसर – 140 पद
शैक्षणिक योग्यता जो उम्मीदवार, एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बायोकैमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, फॉरेंसिक मेडिसिन, कम्युनिटी मेडिसिन, मेडिसिन, टीबी एंड चेस्ट, साइकियाट्री, पीडियाट्रिक्स, ऑर्थोपेडिक्स, ईएनटी, थैरेसिक सर्जरी जैसे संबंधित विषय में 55% अंकों के साथ मास्टर्स डिग्री कर चुके हैं, आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, उम्मीदवार को स्टेट मेडिकल रजिस्टर या इंडियन मेडिकल रजिस्टर में रजिस्टर्ड होना चाहिए। गैर-चिकित्सा योग्यता के लिए यह अनिवार्य नहीं है।
लेक्चरर: M.Sc. (Statistics) या संबंधित विषय में पोस्टग्रेजुट और रेजिडेंट, रजिस्ट्रार, डेमोंस्ट्रेटर या ट्यूटर के रूप में मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज में इस विषय में तीन साल का शिक्षण अनुभव।
आयु सीमा छत्तीसगढ़ राज्य के उम्मीदवारों के लिए 25 वर्ष से 40 वर्ष जबकि अन्य राज्य के उम्मीदवारों के लिए यह मानदंड 25 से 30 वर्ष के बीच है।
आवेदन शुल्क छत्तीसगढ़ से संबंधित एससी, एसटी, पीएच और ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 300 रुपये और जनरल कैटेगरी समेत अन्य उम्मीदवारों को 400 रुपये आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा।
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चयन प्रकिया उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा या साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा।
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