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इस लड़की ने की 11 शादियां… हर राज्य में है एक पति....
इस लड़की ने की 11 शादियां… हर राज्य में है एक पति….
आपने “डाली की डोली” फिल्म तो देखी होगी, जिसमें सोनम कपूर शादियां कर लोगों को ठकने का काम करती दिखीं थी. लेकिन आज रियल लाइफ में एक ऐसी ही ठग को दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा में पुलिस ने गिरफ्तार किया है जो कई शादियां कर दूल्हों को ठगने का काम करती थी. इस लड़की ने एक दो नहीं बल्कि 11 शादियां की जिसमें से ज्यादातर दिव्यांग और तलाकशुदा लड़कों से शादी की थी और शादी के कुछ ही दिन बाद घर के सारे रुपए और…
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निहारिका भार्गव दिल्ली में पली बढ़ी, लंदन से मार्केटिंग स्ट्रेटेजी एंड इनोवेशन में मास्टर्स किया। एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी लगी, अच्छी खासी सैलरी भी थी। लेकिन, उनका मन नौकरी में नहीं लगा और एक साल बाद ही जॉब छोड़ दी। 2017 में उन्होंने अचार बनाने का एक स्टार्टअप लॉन्च किया।
आज 50 एकड़ में उनका खुद का फार्म है, जहां अचार में लगने वाले सभी प्रोडक्ट ऑर्गेनिक तरीके से उगाए जाते हैं। हर साल 30 टन से ज्यादा का प्रोडक्शन हो रहा है। पिछले साल उनकी कंपनी का टर्नओवर एक करोड़ रु रहा है।
27 साल की निहारिका ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन के बाद 2015 में लंदन से मार्केटिंग स्ट्रेटेजी एंड इनोवेशन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। उसके बाद वापस इंडिया आ गई और गुड़गांव में एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करने लगीं।
नौकरी छोड़ने के बाद 2017 में निहारिका ने अचार बनाने का एक स्टार्टअप लॉन्च किया।
निहारिका कहती हैं, 'मैं हमेशा से खुद का बिजनेस शुरू करना चा��ती थी लेकिन, अचार तैयार करने का काम करूंगी, ये कभी नहीं सोचा था। पापा को अचार बनाने का शौक था, वे अचार तैयार करके रिश्तेदारों को गिफ्ट करते थे। उनके बनाए अचार की काफी डिमांड रहती थी।
वो बताती हैं, 'एक दिन पापा से मैंने कहा कि आप इसका बिजनेस क्यों नहीं करते। तब पाप हंसने लगे, बोले अब जो मुझे करना था वो कर लिया, अब आगे तुम्हें करना है। मुझे काम तो अच्छा लगा पर इसका बिजनेस चलेगा कि नहीं इसको लेकर थोड़ा डाउट था। क्योंकि अचार तो लगभग सभी घरों में तैयार होता है।
निहारिका ने इसके बाद अचार के मार्केट को लेकर रिसर्च करना शुरू किया। कई लोगों से बात की तो पता चला कि शुद्ध और घर पर तैयार किए हुए अचार की डिमांड काफी ज्यादा है। बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्हें बाजार का अचार पसंद नहीं है, वे मजबूरी में खरीदते हैं। फिर क्या था उन्होंने पापा के पैशन को अपने प्रोफेशन में बदल दिया और उनसे अचार बनाना सीखने लगी।
निहारिका की टीम में 15-20 लोग काम करते हैं। इनमें से ज्यादातर महिलाएं हैं जो अचार तैयार करने का काम करती हैं।
वो कहती हैं, 'शुरुआत में दिल्ली और उसके आसपास जो एक्जिबिशन लगते थे वहां हम अपने अचार का स्टॉल लगाते थे। लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला। इसके बाद लोकल मार्केट में भी हमने अचार देना शुरू कर दिया।
इस बीच मैं मध्यप्रदेश के खजुराहो गई, जहां पापा ने फार्मिंग के लिए जमीन ले रखी थी, लेकिन कुछ खास काम वहां नहीं हो रहा था। मुझे वो जगह बहुत पसंद आई। मैंने सोचा कि क्यों न अचार में लगने वाले सभी प्रोडक्ट खुद के ही खेत में उगाया जाए। इससे अपना बिजनेस भी बढ़ेगा और लोगों को शुद्ध अचार भी मिलेगा।
निहारिका बताती हैं, 'अपने फार्म पर हमने आम, आंवला, नींबू, हल्दी, अदरक, मिर्च सहित कई प्लांट्स लगाए जिनका अचार बनाने में उ��योग होता है। वहां कुछ लोगों को काम पर भी रखा। इनमें कुछ महिलाएं भी थीं जो अचार बनाने का काम करती थीं। वहां से अचार तैयार करके दिल्ली लाते थे और मार्केट में बेचते थे। धीरे- धीरे डिमांड बढ़ने लगी। दूसरे शहरों से भी लोग फोन आने लगे। इसके बाद 2017 में हमने द लिटिल फार्म नाम से गुड़गांव में एक कंपनी खोली और ऑनलाइन प्रोडक्ट्स बेचना भी शुरू कर दिया।'
अभी निहारिका 50 एकड़ जमीन पर ऑर्गेनिक फार्मिंग कर रही हैं। जिसमें फल, सब्जियां और मिर्च- मसाले से लेकर वो सबकुछ उगाती हैं जिसका उपयोग अचार बनाने में होता है।
वो बताती हैं कि हमने अचार बनाने के लिए बाहर से कहीं ट्रेनिंग नहीं ली, मुझे पापा ने ही सिखाया है। अभी भी मैं सीख रही हूं। अचार कैसे बेहतर और हेल्दी हो इसको लेकर हम लोग लगातार रिसर्च और एक्सपेरिमेंट करते रहते हैं।
अभी निहारिका 50 एकड़ जमीन पर ऑर्गेनिक फार्मिंग कर रही हैं। जिसमें फल, सब्जियां और मसाले से लेकर वो सबकुछ उगाती हैं जिसका उपयोग अचार बनाने में होता है। वो कोई भी चीज बाजार का यूज नहीं करती हैं। वो सिंथेटिक सिरका या कोई प्रिजर्वेटिव्स अपने अचार में नहीं मिलती है। साधारण नमक की जगह वो सेंधा नमक का इस्तेमाल करती हैं ताकि लोगों का गला खराब नहीं हो।
वो इस समय 50 से ज्यादा वैरायटी के अचार बेचती हैं। इनमें सबसे ज्यादा आम और गुड़ के अचार की डिमांड होती है। इसमें शक्कर की जगह गुड़ मिला होता है। इसके साथ ही वो मसाले, तेल, सॉस, मिर्च पाउडर जैसी चीजें भी बेचती हैं।
अभी उनकी टीम में 15-20 लोग काम करते हैं। इनमें से 13 लोग खजुराहो में फार्मिंग और अचार तैयार करने का काम करते हैं, जिसमें 10 महिलाएं हैं। बाकी लोग गुड़गांव में मार्केटिंग और पैकेजिंग का काम देखते हैं।
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दिल्ली की रहने वाली निहारिका अचार बेचने का बिजनेस करती हैं। उन्होंने लंदन से पढ़ाई की है।
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मुंबई की डिप्टी आईटी कमिश्नर मेघा भार्गव कहती हैं, "कोरोनो वायरस के बढ़ते मामलों की खबरों ने मुझे यह सोचने को मजबूर कर दिया कि हम जैसे लोग जो घर पर सुरक्षित बैठे हैं, ऐसे लोगों को जरूरतमंद और फ्रंटलाइन वर्कर्स की मदद करनी चाहिए।" लॉकडाउन शुरू होते ही मेघा ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया। मुंबई में जरूरतमंदों को तकलीफ न हो इसके लिए उन्होंने एक गैर सरकारी संगठन 'समर्पण' के माध्यम से फंड-रेजिंग अभियान की शुरुआत की।मेघा कहती हैं, "जब मैंने इन परिवारों से बात की, तो कई लोग लगभग एक हफ्ते से भूखे थे। दरअसल इस लॉकडाउन में उनके पास कमाई का कोई साधन नहीं था।इसके बाद "समर्पण" से जुड़ी मेघा की टीम ने एक किट तैयार किया जो इन जरूरतमंद लोगों के एक महीने की जरूरत को पूरा कर सके।मेघा ने बताया, "हमने 1,000 रुपये की कीमत से किट तैयार किया जिसमें चावल, दाल, तेल, चीनी, सब्जियां और मसाले शामिल हैं। साथ ही अलग से सैनिटरी किट भी तैयार किया जिसमे साबुन, सैनिटाइज़र और मास्क हैं।" लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की खरीद करना और उन्हें जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाना आसान काम नहीं था। मेघा ने अपने सहयोगी सुरेश कटारिया की मदद से मुंबई पुलिस और बृहन्मुंबई महानगरपालिका की मदद ली और जरूरतमंद लोगों तक सामान पहुंचाया।मेघा कहती हैं, "लोगों को राशन किट प्रदान करने के अलावा, हम उन लोगों का भी ध्यान रखना चाहते हैं, जिनके पास खाना पकाने का कोई साधन नहीं है। इसलिए, हमने शहर में 9000 भोजन के पैकेट वितरित करने के लिए एक मिशन शुरू किया है। हमारी इस मुहिम में आप सब सहयोग करेंगे तो यह आंकड़ा 21,000 तक पहुंच सकता है।"द बेटर इंडिया इस कठिन दौर में डॉ. मेघा जैसे देश भर के अन्य सिविल सर्विस के अधिकारियों के साथ काम कर रही है, ताकि समाज के सबसे प्रभावित तबके को मदद मिल सके, ऐसे लोग जो हमारे घरों का निर्माण करते हैं, हमारे कूड़ेदान उठाते हैं और हमारे परिवारों के लिए खाना बनाते हैं। इस संकट की घड़ी में आइए हम सब मिलकर उनकी सहायता करते हैं।डोनेट करने के लिए क्लिक करें - https://bit.ly/riseagainstcovid19
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राष्ट्र बैंकको ६४औं वाषिर्कोत्सव नेपालगञ्ज कार्यालयमा मनाइयो
१६ वैशाख, काठमाडौं । नेपाल राष्ट्र बैंक नेपालगञ्ज कार्यालयले बैंकको ६४ औं वाषिर्कोत्सव विभिन्न कार्यक्रम गरी भव्यताका साथ मनाएको छ । विभिन्न अतिरिक्त क्रियाकलाप सम्पन्न भएपश्चात वाषिर्कोत्सव समारोहको औपचारिक कार्यक्रम आयोजना गरिएको थियो ।
समारोहको सभापतित्व ग��रहण गरेका बैंकका निर्देशक मुक्तिनाथ सापकोटाले विभिन्न प्रतियोगिताका विजयी कर्मचारीहरुलाई पुरस्कार तथा प्रमाणपत्र प्रदान गरे । समारोहलाई सम्वोधन गर्दै उनले नेपाल राष्ट्र बैंक स्थापना भएयता प्राप्त उपलब्धि, वर्तमान अवस्था तथा भावी चुनौतीहरुको चर्चा गरे । देशको आर्थिक स्थायित्व तथा वित्तीय सन्तुलन कायम राख्न राष्ट्रबैंक सधैं तत्पर रहेको भन्दै सापकोटाले सोका लागि बैंक तथा वित्तीय संस्थाहरुलाई विपन्न वर्गमा लगानी बढाउन आग्रह गरे ।
कार्यक्रममा कामु उपनिर्देशक रामचन्द्र भट्टराई, तत्कालिन मुख्य व्यवस्थापक यसपाल चौरसिया, उपनिर्देशक श्री शिव प्रसाद घिमिरेले सम्वोधन गरेका थिए । उपनिर्देशक घिमिरेको संयोजकत्वमा वाषिर्कोत्सव मूल समारोह तथा अतिरिक्ति क्रियाकलाप समितिको गठन गरी व्याडमिण्टन, भलिवल, चेस, टेवुलटेनिस लगायतका खेलकुद प्रतियोगिता कार्यालय परिसर भित्रै आयोजना गरिएका थिए । यस्तै, मैत्रीपूर्ण फुटवल खेल प्रहरी व्यायामशाला, बाँकेको खेल मैदानमा आयोजना गरिएको थियो ।
कर्मचारीका बालबालिकाहरुलाई सहभागी गराउन बालचित्रकला प्रतियोगिता आयोजना गरिएको थियो भने पूर्व कर्मचारीहरुलाई सहभागी गराउन घंैटो फोड्ने कार्यक्रम समेत समावेश गरिएको थियो । वाषिर्कोत्सवकै अवसरमा वित्तीय सचेतना अभिबृद्धिकालागि प्रभातफेरी कार्यक्रम आयोजना गरिएको थियो ।
फुटसल प्रतियोगिता जारी
वाषिर्कोत्सवकै अवसरमा नेपाल राष्ट्र बैंक कर्मचारी संघले आयोजना गरेको फुटसल प्रतियोगिता शनिबारबाट सुरु भएको छ । प्रतियोगितामा नेपालगञ्ज क्षेत्रका २९ बैंक तथा वित्तिय संस्था सहभागी छन् ।
शनिबार भएको उद्घाटन खेलमा भार्गव विकास बैंकले ग्लोबल आईएमई बैंकलाई २-१ गोलअन्तरले पराजित गरेको थियो । यसैगरी अन्य खेलहरुमा वेस्टर्न डेभलपमेन्ट बैंक, मेघा बैंक, नेपाल बंगलादेश बैंक, सेन्चुरी बैंक, एनआईसी एसिया बैंक र कैलाश बैंक विजयी भएका थिए ।
यसैगरी आइतबार भएका खेलहरुमा राष्ट्रबैंकले गन्डकी विकास बैंकलाई पराजित गरेको छ । यसैगरी लक्ष्मी बैंकले राष्ट्रिय बाणिज्य बैंक र कुमारी बैंकले सानिमा बैंकविरुद्ध जित हासिल गरेका छन् । बाँकी लिग खेलहरु बुधबार र शुक्रबार हुनेछन् भने शनिबार फाइनल खेलाइने छ ।
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जब्बर महिला: जसका विभिन्न राज्यमा दर्जन श्रीमान छन्
‘मर्दका सय स्वास्नी’ भन्ने उखान अहिले गैरकानूनी भैसक्यो । किनकि कानुनले बहुविवाह गर्न निषेध गरेको छ र कानूनविपरीत एक भन्दा बढी श्रीमती भित्राउने पुरुषले जेलको हावा खानुपर्छ । पुरुषलाई धेरै जोई भित्राउन कानुनले रोकेर के भो त ? यो मामिलामा महिलाहरु एक कदम अघि बढ्न थालेछन् । यस्तै घटना भारतमा भएको छ ।
भारतका नोएडा पुलिसले केही दिन पहिले एक महिलालाई गिरफ्तार गर्यो । गिरफ्तारमा परेकी ती महिलाले एक जना पुरुषसँग मात्र होइन, एघार जना पुरुषसँग बिहे गरेकी छन् । उनले ११ जना पुरुषलाई दुलाहा बनाउँदै ठगिसकेकी छिन् । पुरुषसँग बिहे गर्ने, केही दिन घरमा नम्र भएर बस्ने र केही दिनपछि श्रीमानको घरको पैसा तथा गरगहना लिएर भाग्ने ��र्दिरहिछन् उनी ।
२६ वर्षकी मेघा भार्गव नामकी ती महिलाले झण्डै एक दर्जन पटक बिहे गर्नुको कारण नै केवल पैसा कमाउनुु थियो ।
बिहेपछि श्रीमानको घर जाने र केही दिनपछि श्रीमान र उसका परिवारलाई खानेकुरामा निद्राका गोली खुवाएर बेहोस बनाई पैसा र गरगहना लिएर भाग्ने गर्थिन् उनी । बिहेको नाममा मेघाले गर्ने यस्तो धन्दामा उनकी दिदी तथा भिनाजुले पनि सहयोग गर्थे । न भारतका अलग-अलग ११ राज्यमा ११ जना पुरुषलाई आफ्नो सिकार बनाइसकेकी छिन् ।
प्रहरीले ठगीमा संलग्न मेघा र उनका दिदी भिनाजुसमेतलाई पक्रेपछि यो रहस्य खुलेको छ । उनीहरु त्यहाँ एक फ्लाट भाडामा लिएर बसिरहेका थिए ।
तीन जना मिलेर सुरुमा यस्तो युवक खोज्दा रहेछन् जसको उमेर ढल्किसक्दा पनि बिहेका लागि केटी पाएको छैनन् तर सम्पत्ति प्रशस्त छ । ठगीमा पर्ने पुरुष धनसम्पत्ति प्रशस्त रहेका तर डिभोर्स गरेका तथा अपांग समेत रहेका छन् ।
त्यसरी खोज��सकेपछि मेघाका दिदी भिनाजुले विभिन्न सूत्र लगाएर बिहेको कुरा चलाउँथे र मेघासँग उक्त पुरुषको बिहे गरिदिन्थे ।
बिहे गरेर मेघा लोग्नेको घर जान्थिन् । केही दिन त्यहाँ बसेर नगद तथा गरगहना राख्ने ठाउँ पत्ता लगाउँथिन् । त्यसपछि एकदिन घरका सबैजनालाई निद्रा लाग्ने गोली खुवाई पैसा तथा गहना लिएर फरार हुन्थिन् । एजेन्सी
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जब्बर महिला: जसका विभिन्न राज्यमा दर्जन श्रीमान छन्
‘मर्दका सय स्वास्नी’ भन्ने उखान अहिले गैरकानूनी भैसक्यो । किनकि कानुनले बहुविवाह गर्न निषेध गर���को छ र कानूनविपरीत एक भन्दा बढी श्रीमती भित्राउने पुरुषले जेलको हावा खानुपर्छ । पुरुषलाई धेरै जोई भित्राउन कानुनले रोकेर के भो त ? यो मामिलामा महिलाहरु एक कदम अघि बढ्न थालेछन् । यस्तै घटना भारतमा भएको छ ।
भारतका नोएडा पुलिसले केही दिन पहिले एक महिलालाई गिरफ्तार गर्यो । गिरफ्तारमा परेकी ती महिलाले एक जना पुरुषसँग मात्र होइन, एघार जना पुरुषसँग बिहे गरेकी छन् । उनले ११ जना पुरुषलाई दुलाहा बनाउँदै ठगिसकेकी छिन् । पुरुषसँग बिहे गर्ने, केही दिन घरमा नम्र भएर बस्ने र केही दिनपछि श्रीमानको घरको पैसा तथा गरगहना लिएर भाग्ने गर्दिरहिछन् उनी ।
२६ वर्षकी मेघा भार्गव नामकी ती महिलाले झण्डै एक दर्जन पटक बिहे गर्नुको कारण नै केवल पैसा कमाउनुु थियो ।
बिहेपछि श्रीमानको घर जाने र केही दिनपछि श्रीमान र उसका परिवारलाई खानेकुरामा निद्राका गोली खुवाएर बेहोस बनाई पैसा र गरगहना लिएर भाग्ने गर्थिन् उनी । बिहेको नाममा मेघाले गर्ने यस्तो धन्दामा उनकी दिदी तथा भिनाजुले पनि सहयोग गर्थे । न भारतका अलग-अलग ११ राज्यमा ११ जना पुरुषलाई आफ्नो सिकार बनाइसकेकी छिन् ।
प्रहरीले ठगीमा संलग्न मेघा र उनका दिदी भिनाजुसमेतलाई पक्रेपछि यो रहस्य खुलेको छ । उनीहरु त्यहाँ एक फ्लाट भाडामा लिएर बसिरहेका थिए ।
तीन जना मिलेर सुरुमा यस्तो युवक खोज्दा रहेछन् जसको उमेर ढल्किसक्दा पनि बिहेका लागि केटी पाएको छैनन् तर सम्पत्ति प्रशस्त छ । ठगीमा पर्ने पुरुष धनसम्पत्ति प्रशस्त रहेका तर डिभोर्स गरेका तथा अपांग समेत रहेका छन् ।
त्यसरी खोजीसकेपछि मेघाका दिदी भिनाजुले विभिन्न सूत्र लगाएर बिहेको कुरा चलाउँथे र मेघासँग उक्त पुरुषको बिहे गरिदिन्थे ।
बिहे गरेर मेघा लोग्नेको घर जान्थिन् । केही दिन त्यहाँ बसेर नगद तथा गरगहना राख्ने ठाउँ पत्ता लगाउँथिन् । त्यसपछि एकदिन घरका सबैजनालाई निद्रा लाग्ने गोली खुवाई पैसा तथा गहना लिएर फरार हुन्थिन् । एजेन्सी
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