#मुंग
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todaymandibhav · 1 month ago
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Mandi Bhav 28 September 2024: नरमा ग्वार मुंग मोठ मूँगफली इत्यादि फसलों का रेट
Mandi Bhav 28 September 2024: राजस्थान, हरियाणा प्रदेश की सभी प्रमुख कृषि उपज मंडियों में आज सोयाबीन, तुअर, धान, नरमा, चना, ग्वार, अरंडी, गेहूं, सरसों, जीरा, मेथी, तारामीरा, मूंगफली समेत अन्य कृषि जिंसों का हाज़िर बोली भाव… सिवानी मंडी के भाव ग्वार 5460 गम 11450 हाजिर.. चना 7700 मुंग 7500 मोठ 5700 सरसो40 लैब 6400 गेहू 2745 बाजरा नया 2350 N 14 तारामीरा 5250 जो 2330 ऐलनाबाद मंडी…
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khetikisaniwala · 2 years ago
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मुंग की खेती से बहुत बढ़िया पैसे कैसे कमाए
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4rtheyenews · 2 years ago
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जल जीवन मिशन से कमार बस्ती तक पहुंच रहा शुद्ध जल
गरियाबंद 27 फरव��ी 2023 मैनपुर से पूर्व की ओर 20 कि.मी. ओडिसा कि सीमा पर स्थित ग्राम पंचायत कुल्हाड़ीघाट के आश्रित ग्राम देवडोंगर में भारत सरकार द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा रखने वाली कमार जनजाति निवास करती है। इस जनजाति के लोगों के घर घास-फुस या खपरैल से बने होते है। कमार जनजाति के मुख्य भोजन चावल या कोदो की पेज, भात, बासी के साथ, कुल्थी, बेलिया, मुंग, उड़द, तुवर की दाल तथा मौसमी सब्जियां…
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agriossindia · 5 years ago
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#मुंग की खेती की #संपूर्ण जानकार मूंग दलहन फसलों में काफी अहम मानी जाती है. इसकी दाल को छिल्के के साथ और बिना छिलके के खाया जाता है. मूंग की दाल के अंदर 25 प्रतिशत प्रोटीन और 60 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है. इस कारण ये मनुष���य के लिए बहुत उपयुक्त होती है. मूंग की दाल का रंग हरा होता है. इसकी ��लियों को कच्चे रूप में भी खाया जाता है. लेकिन पकने के बाद इसे कई तरह से खाने में इस्तेमाल करते हैं. वर्तमान में इसकी सबसे ज्यादा पैदावार राजस्थान में की जा रही है. क्योंकि राजस्थान की जलवायु इसकी खेती के लिए उपयुक्त होती है. राजस्थान के अलावा इसे हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में भी बड़े पैमाने पर उगाया जाता है. मूंग दलहन फसलों में काफी अहम मानी जाती है. इसकी दाल को छिल्के के साथ और बिना छिलके के खाया जाता है. मूंग की दाल के अंदर 25 प्रतिशत प्रोटीन और 60 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है. इस कारण ये मनुष्य के लिए बहुत उपयुक्त होती है. मूंग की दाल का रंग हरा होता है. इसकी फलियों को कच्चे रूप में भी खाया जाता है. लेकिन पकने के बाद इसे कई तरह से खाने में इस्तेमाल करते हैं. मुंग की खेती ज्यादातर खरीफ के मौसम में की जाती है. जिसके लिए बलुई मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है. इसके पौधों को सामान्य बारिश की जरूरत होती है. लेकिन फलियों के पकने के दौरान होने वाली बारिश इसकी पैदावार को अधिक नुक्सान पहुँचाती है. फलियों के पकने के दौरान बारिश के होने पर फली फट जाती हैं. मूंग की खेती के लिए जमीन का पी.एच. मान सामान्य होना चाहिए. #उपयुक्त मिट्टी मूंग की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है. बलुई दोमट मिट्टी के अलावा इसे और भी कई तरह की मिट्टी में उचित देखरेख कर आसानी से उगाया जा सकता है. इसके लिए मिट्टी में पानी का भराव नहीं होना चाहिए. क्योंकि मिट्टी में पानी का भराव होने पर पौधा जल्द खराब हो जाता है. इसकी खेती के लिए मिट्टी का पी.एच. मान 6 से 7.5 तक होना चाहिए #जलवायु और तापमान मूंग की खेती के लिए किसी ख़ास जलवायु की जरूरत नही होती. भारत वर्ष में इसे खरीफ और रबी दोनों मौसम में उगाया जाता है. उत्तर भारत में इसकी खेती खरीफ और जायद के मौसम में की जाती है तो दक्षिण भारत में इसकी खेती रबी के मौसम में की जाती है. इसके पौधे को अधिक बारिश की जरूरत भी नही होती. इसकी खेती के लिए सामान्य तापमान की जरूरत होती है. सामान्य तापमान पर इसके पौधे अच्छी पैदावार देते हैं. इसके पौधे 40 डिग्री तापमान को भी सहन कर लेते हैं. लेकिन पौधों पर फूल और फल बनने के दौरान अधिक तापमान https://www.instagram.com/p/B_ALdaCJ-9G/?igshid=qapyi0uik4hl
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veggieveganrecipe · 6 years ago
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मुंग पानी रेसिपी – Mung Pani Recipe मुंग पानी रेसिपी एक भरपूर सूप है जिसे हरे मूंग से बनाया जाता है. यह आपके बच्चो के लिए बहुत ही सेहतमंद होता है. यह आपको नुट्रिशन तो देता ही है, साथ में एनर्जी में भी देता है. यह बनाने में बहुत आसान भी है, इसलिए आप इसे काम समय में बना सकते है. इसे सर्दियों के दिनों में बनाए और इसका आनंद ले.  मुंग पानी रेसिपी को बीमार होने पर या इस मौसम में खासी झुकाम होने पर दे. 
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merikheti · 2 years ago
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ऐसे मिले धान का ज्ञान, समझें गन्ना-बाजरा का माजरा, चखें दमदार मक्का का छक्का
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खरीफ की मुख्य फसलों की सफल खेती के लिये कृषि वैज्ञानिकों व अनुभवी किसानों के सुझाव
पैडी (Paddy) यानी धान, शुगरकैन (sugarcane) अर्धात गन्ना, बाजरा (millet) और मक्का (maize) की अच्छी पैदावार पाने के लिए, भूमि सेवक किसान यदि मात्र कुछ मूल सूत्रों को अमल में ले आएं, तो कृषक को कभी भी नुकसान नहीं रहेगा। यदि होगा भी तो बहुत आंशिक।
धान, गन्ना, जवार, बाजरा, मक्का, उरद, मुंग की अच्छी पैदावार : समझें अनुभवी किसानों से
स्यालू में धान (dhaan/Paddy)
स्यालू यानी कि खरीफ की मुख्य फसल (Major Kharif Crops) की यदि बात की जाए तो वह है धान (dhaan/Paddy/Rice)। इस मुख्य फसल की बीज या फिर रोपा (इसकी सलाह अनुभवी किसान देते हैं) आधारित रोपाई, जूलाई महीने में हर हाल में पूरा कर लेने की मुंहजुबानी सलाह किसानों से मिल जाएगी।
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अच्छी धान के लिए कृषि वैज्ञानिकों के मान से धान (dhaan) के खेत (Paddy Farm) में यूरिया (नाइट्रोजन) की पहली तिहाई मात्रा का उपयोग धान रोपण के 58 दिन बाद करना हितकारी है। क्योंकि इस समय तक पौधे जमीन में अच्छी तरह से जड़ पकड़ चुके होते हैं।
रोपण के सप्ताह उपरांत खेत में रोपण से वंचित एवं सूखकर मरने वाले पौधों वाले स्थान पर, फिर से पौधों का रोपण करने से विरलेपन के बचाव के साथ ही जमीन का पूर्ण सदुपयोग भी हो जाता है।
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धान रोपण युक्ति
तकरीबन 20 से 25 दिन में तैयार धान की रोपाई खेत में की जा सकती है। इस दौरान पंक्ति से पंक्ति की दूरी 20 सेंटीमीटर तथा पौध से पौध की दूरी 10 सेमी रखने की सलाह कृषि वैज्ञानिक देते हैं। उत्कृष्ट उत्पादन के लिए प्रति हेक्टेयर 100 किग्रा नाइट्रोजन (Urea), 60 किग्रा फास्फोरस, 40 किग्रा पोटाश और 25 किग्रा जिंक सल्फेट डालने की सलाह कृषि सलाहकारों की है।
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गन्ने की खेती (Sugarcane Farming)
गले की तरावट, मद्य, मीठे गुड़ में मददगार शुगरकैन फार्मिंग (Sugarcane Farming), यानी गन्ने की खेती में भी कुछ बातों का ख्याल रखने पर दमदार और रस से भरपूर वजनदार गन्नों की फसल मिल सकती है।
जैसे गन्ने की पछेती बुवाई (रबी फसल कटने के बाद) करने की दशा में, खेत में समय-समय पर सिंचाई, निराई एवं गुड़ाई अति जरूरी है। फसल कीड़ों-मकोड़ों और बीमारियों के प्रकोप से ग्रसित होने पर रासायनिक, जैविक या अन्य विधियों से नियंत्रित किया जा सकता है।
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अत्यधिक वर्षा, तूफान या तेज हवा के दबाव में गन्ने के फसल जमीन पर बिछने/गिरने का खतरा मंडराता है। ऐसे में जुलाई-अगस्त के महीने में ही, दो कतारों मध्य कुंड बनाकर निकाली गई मिट्टी क�� ऊपर चढ़ाने से ऐहतियातन बचाव किया जा सकता है।
उड़द, मूंग में सावधानी
बारिश शुरू होते ही उड़द एवं मूंग की बुवाई शुरू कर देना चाहिए। अनिवार्य बारिश में देर होने की दशा में पलेवा कर इनकी बुवाई जुलाई के प्रथम पखवाड़े, यानी पहले पंद्रह दिनों में खत्म करने की सलाह दी जाती है।
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उड़द, मूंग की बुवाई सीड ड्रिल या फिर अपने पुश्तैनी देसी हल से कर सकते हैं। इस दौरान ख्याल रहे कि 30-45 सेमी दूरी पर बनी पक्तियों में बुवाई फसल के लिए कारगर होगी। इसके साथ ही निकाई से पौधे से पौधे के बीच की दूरी 7 से 10 सेमी कर लेनी चाहिए।
उड़द, मूंग की उपलब्ध किस्मों के अनुसार उपयुक्त बीज दर 15 से 20 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर मानी गई है। दोनों फसलों में प्रति हेक्टेयर 20 किलोग्राम नाइट्रोजन, 40 किग्रा फास्फोरस तथा 20 किग्रा गंधक का मानक रखने की सलाह कृषि वैज्ञानिक एवं सलाहकार देते हैं।
भरपूर बाजरा (Bajra) उगाने का यह है माजरा
बाजरा के भरपूर उत्पादन के लिए कई प्लस पॉइंट हैं। अव्वल तो बाजरा (Bajra) के लिए अधिक उपजाऊ मिट्टी की जरूरी नहीं, बलुई-दोमट मिट्टी में यह पनपता है। इसकी भरपूर पैदावार के लिए सिंचित क्षेत्र के लिए नाइट्रोजन 80 किलोग्राम, फॉस्फोरस और पोटाश 40-40 किलोग्राम और बारानी क्षेत्रों के लिए नाइट्रोजन-60 किग्रा, फॉस्फोरस व पोटाश 30-30 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से उपयोग करने की सलाह जानकार देते हैं।
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सभी परिस्थितियों में नाइट्रोजन की मात्रा आधी तथा फॉस्फोरस एवं पोटाश पूरी मात्रा में तकरीबन 3 से 4 सेंमी की गहराई में डालना चाहिए। बचे हुए नाइट्रोजन की मात्रा अंकुरण से 4 से 5 हफ्ते बाद मिट्टी में अच्छी तरह मिलाने से फसल को सहायता मिलती है।
ज्वार का ज्वार, मक्का (Maize) का पंच
देशी अंदाज में भुंजा भुट्टा, तो फूटकर पॉपकॉर्न तक कई रोचक सफर से गुजरने वाले मक्के की दमदार पैदावार का पंच यह है, कि मक्का (Maize) व बेबी कॉर्न की बुवाई के लिए मानसून उपयुक्त माना गया है।
उत्तर भारत में इसकी बुवाई की सलाह मध्य जुलाई तक खत्म कर लेने की दी जाती है। मक्के की ताकत की यही बात है कि इसे सभी प्रकार की मिट्टी में लगाया जा सकता है। हालांकि बलुई-दोमट और दोमट मिट्टी अच्छी बढ़त एवं उत्पादकता में सहायक हैं।
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जोरदार, धुआंधार ज्वार की पैदावार का ज्वार लाने के लिए बारानी क्षेत्रों में मॉनसून की पहली बारिश के हफ्ते भर भीतर ज्वार की बुवाई करना फलदायी है। ज्वार के मामले में एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में बुवाई के लिए 12 से 15 किलोग्राम ज्वार के बीज की जरूरत होगी।
source ऐसे मिले धान का ज्ञान, समझें गन्ना-बाजरा का माजरा, चखें दमदार मक्का का छक्का
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वास्तुदोष जो घर में क्लेश का कारण बनते है जाने इसके उपाय
आप मनो या ना मानो लेकिन ग्रहो का आपके जीवन के ऊपर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है।इससे आपके जीवन में कई तरह की समस्या होती ही रहती है। इसका प्रभाव आपके जीवन पर बहुत बुरी तरह से पड़ता है। आपको ध्यान में रखना है कि आपकी कुंडली में कोई चक्र व्यू खराब दिशा में तो नहीं है न। आपको अपनी हर तरह की परेशानी के बारे में समझना बहुत जरूरी है। अपने जीवन के बारे में अच्छा करना आपका ही अधिकार है।  आपको अपने ग्रह क्लेश के संकेत आपके घर में होने वाली गतिविधिया ही दे देती है। आपको ध्यान में रखना चाहिए कि कोई ग्रह आपके जीवन को बर्बाद करने वाले भी होते है। हमेशा अपने लिए कुछ अच्छा जरूर करने की कोशिश करे। आपको ही अपने भविष्य को अच्छा बनाना है। नहीं तो बहुत बड़ी समस्या हो सकती है।
बहुत सी वजह है जिसके कारण घर में क्लेश बढ़ता है। आपके ग्रह में सूर्य के साथ अगर पापी ग्रह विद्यमान है तो आपका क्लेश कभी समाप्त नहीं होगा अगर आप अस्त्रोलोगेर की मदद नहीं लेते है तो। आपको अपने जीवन को अच्छा करने के लिए एस्ट्रोलॉ��ी की सहायता लेनी बहुत जरूरी है। एस्ट्रोलॉजर की मदद से ही आप  अपने जीवन की दशा को बदल सकते है।
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गृह क्लेश के उपाय
यदि आपके घर में क्लेश रोज होता है तो यह बहुत ही बुरी बात है। इससे आपके घर में किसी के काला साया बटकने का बहुत ही बड़ा हाथ होता है। यह आपके भविष्य के लिए भी सही नहीं है। आपको अपने भविष्य के बारे में अच्छा सोचने का पूर्ण अधिकार है। घर में क्लेश सिर्फ पति पत्नी का ही नहीं बल्कि भाई बहन और बच्चो का माता पिता के साथ भी हो सकता है। यह आपके जीवन के लिए बिलकुल भी सही नहीं है। यह आपके भविष्य को बहुत बुरी तरह से तबाह कर सकता है। आप अपने अच्छे के लिए ही एस्ट्रोलॉजी की मदद लेंगे। इसमें पंडित जी का कोई भी फयदा नहीं है। उनका अगर कोई फयदा होगा भी तो वह है कि वह आपको हमेशा के लिए खुश रख सकते है।
अगर आपका बच्चा आपकी कोई बात नहीं सुनता और आपकी हर बात का विरोध करता है तो इसके लिए आपको अपने बच्चे के माथे पर रोज चंदन का टिका लगाना है। केसर में मिलकर चंदन का टिका करने से अपने बच्चे आपकी हर बात मैंने लग जायेंगे।
अगर घर की महिलाओ में आपस में नहीं बनती है तो उनको एक आते की चाकी किसी मंदिर में दान करनी चाहिए।
सामूहिक परिवार में कोई न कोई आपस में लड़ता ही रहता है और उनके बिच में बिल्कुल भी नहीं बनती है और वह आपस में एक दूसरे पर वार भी करते है तो ऐसे में आपको जौ लेकर उसे दूध में धोकर फिर एक बंद कमरे में रख दे ध्यान रहे उसी कमरे में रखे जहां पर कोई आता जाता ना हो।
अगर आपकी आपके पिता से, चाचा से या ताऊ जी से नहीं बनती है तो रविवार, मंगलवार, और वीरवार को लोहा, काला कपडा, और काले छानने को दान में दे। आप इनमे से कुछ भी दान में दे सकते है।
जिन लोगो की अपने माता पिता के साथ नहीं बनती है उनको 21 दिन तक कुछ न कुछ दान में देते रहना चाहिए।
जिस घर में बेटे की अपने पिता के साथ नहीं बनती है उसे गेहूं मंदिर में दान करना चाहिए।
अगर भाई बहन की आपस में नहीं बनती है तो उनके माता पिता को किसी मीठी चीज़ का दान करना चाहिए।
अगर आपकी अपनी बहन से नहीं बनती है तो आपको मंदिर में साबुत मुंग दान में देनी चाहिए।
अगर सास ससुर के बीच में झगडे होते है तो ऐसे में चने की खीर बनाकर गरीबो में खिलानी चाहिए।   दान में देने से आपके परिवार के संबंध आपके साथ में और भी अधिक अच्छे होते है। बाकि किसी समस्या की जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट पर जा सकते है। https://www.bestastrologerinusa.com/
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divyabhashkar · 3 years ago
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पावर पैक्ड ब्रेकफास्ट के लिए 7 हाई प्रोटीन मुंग बीन रेसिपीज जरूर ट्राई करें
पावर पैक्ड ब्रेकफास्ट के लिए 7 हाई प्रोटीन मुंग बीन रेसिपीज जरूर ट्राई करें
एक कहावत है, “नाश्ता राजा की तरह करो, दोपहर का भोजन राजकुमार की तरह करो और रात का खाना गरीब आदमी की तरह करो।” दुनिया भर के कई विशेषज्ञ और पोषण विशेषज्ञ कहते हैं कि स्वस्थ नाश्ता कुंजी दिन की शुरुआत करना है। जानते हो क्यों? क्योंकि नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है और अच्छे कारण के लिए। आठ से दस घंटे के ब्रेक के बाद यह भोजन हमें ताकत देता है, यह चयापचय शुरू करने और दिन के लिए तैयार करने में…
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*🚩॥सनातन पूजन सामग्री भण्डार ॥🚩*
आहार सम्बंधित कुछ सूत्र जो याद रखे.,स्वस्थ्य रहे।।
#निम्न_भोज���य_प्रदार्थ_एक_साथ_नहीं_खानी_चाहिए:👇👇
चाय के साथ कोई भी नमकीन चीज नहीं खानी चाहिए।दूध और नमक का संयोग सफ़ेद दाग या किसी भी स्किन डीजीज को जन्म दे सकता है, बाल असमय सफ़ेद होना या बाल झड़ना भी स्किन डीजीज ही है।
सर्व प्रथम यह जान लीजिये कि कोई भी आयुर्वेदिक दवा खाली पेट खाई जाती है और दवा खाने से आधे घंटे के अंदर कुछ खाना अति आवश्यक होता है, नहीं तो दवा की गरमी आपको बेचैन कर देगी।
दूध या दूध की बनी किसी भी चीज के साथ दही ,नमक, इमली, खरबूजा,बेल, नारियल, मूली, तोरई,तिल ,तेल, कुल्थी, सत्तू, खटाई, नहीं खानी चाहिए।
दही के साथ खरबूजा, पनीर, दूध और खीर नहीं खानी चाहिए।
गर्म जल के साथ शहद कभी नही लेना चाहिए।
ठंडे जल के साथ घी, तेल, खरबूज, अमरूद, ककड़ी, खीरा, जामुन ,मूंगफली कभी नहीं।
शहद के साथ मूली , अंगूर, गरम खाद्य या गर्म जल कभी नहीं।
खीर के साथ सत्तू, शराब, खटाई, खिचड़ी , कटहल कभी नहीं।
घी के साथ बराबर मात्र1 में शहद भूल कर भी नहीं खाना चाहिए ये तुरंत जहर का काम करेगा।
तरबूज के साथ पुदीना या ठंडा पानी कभी नहीं।
चावल के साथ सिरका कभी नहीं।
चाय के साथ ककड़ी खीरा भी कभी मत खाएं।
खरबूज के साथ दूध, दही, लहसून और मूली कभी नहीं।
#कुछ_चीजों_को_एक_साथ_खाना_अमृत_का_काम_करता है जैसे 👇
खरबूजे के साथ चीनी
ईमली के साथ गुड
गाजर और मेथी का साग
बथुआ और दही का रायता
मकई के साथ मट्ठा
अमरुद के साथ सौंफ
तरबूज के साथ गुड
मूली और मूली के पत्ते
अनाज या दाल के साथ दूध या दही
आम के साथ गाय का दूध
चावल के साथ दही
खजूर के साथ दूध
चावल के साथ नारियल की गिरी
केले के साथ इलायची
#कभी कभी कुछ चीजें बहुत पसंद होने के कारण हम ज्यादा बहुत ज्यादा खा लेते हैं। ऎसी चीजो के बारे में बताते हैं जो अगर आपने ज्यादा खा ली हैं तो कैसे पचाई जाएँ 👇
केले की अधिकता में दो छोटी इलायची
आम पचाने के लिए आधा चम्म्च सोंठ का चूर्ण और गुड
जामुन ज्यादा खा लिया तो ३-४ चुटकी नमक
सेब ज्यादा हो जाए तो दालचीनी का चूर्ण एक ग्राम
खरबूज के लिए आधा कप चीनी का शरबत
तरबूज के लिए सिर्फ एक लौंग
अमरूद के लिए सौंफ
नींबू के लिए नमक
बेर के लिए सिरका
गन्ना ज्यादा चूस लिया हो तो ३-४ बेर खा लीजिये
चावल ज्यादा खा लिया है तो आधा चम्म्च अजवाइन पानी से निगल लीजिये
बैगन के लिए स��सो का तेल एक चम्म्च
मूली ज्यादा खा ली हो तो एक चम्म्च काला तिल चबा लीजिये
बेसन ज्यादा खाया हो तो मूली के पत्ते चबाएं
खाना ज्यादा खा लिया है तो थोड़ी दही खाइये
मटर ज्यादा खाई हो तो अदरक चबाएं
इमली या उड़द की दाल या मूंगफली या शकरकंद या जिमीकंद ज्यादा खा लीजिये तो फिर गुड खाइये
मुंग या चने की दाल ज्यादा खाये हों तो एक चम्म्च सिरका पी लीजिये
मकई ज्यादा खा गये हो तो मट्ठा पीजिये
घी या खीर ज्यादा खा गये हों तो काली मिर्च चबाएं
खुरमानी ज्यादा हो जाए तो ठंडा पानी पीयें
पूरी कचौड़ी ज्यादा हो जाए तो गर्म पानी पीजिये
अगर सम्भव हो तो भोजन के साथ दो नींबू का रस आपको जरूर ले लेना चाहिए या पानी में मिला कर पीजिये या भोजन में निचोड़ लीजिये ,८०% बीमारियों से बचे रहेंगे रात्रि भोजन में नींबू का प्रयोग ना करें।।
~~~आइये चलें प्रकृति की ओर।।
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todaymandibhav · 2 years ago
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मंडी भाव 4 अगस्त 2022: देशभर की मंडियों में सरसों गेहूं चना ग्वार मुंग मोठ सहित सभी फसलों के रेट
नई दिल्ली कृषि उपज मंडी भाव 4 अगस्त 2022 (गुरुवार) टुडे न्यूज़ (Mandi Bhav Today Updates): आइये जाने ! आज देश की प्रमुख अनाज मंडियों में (Grains Commodity Market Price) नरमा/कॉटन, देशी कपास, चना , ग्वार (Guar), सरसों (Mustard), सरसों तेल, तिलहन, दलहन, सोयाबीन, धनिया, मसूर, मुंग, मोठ , मूंगफली , गेहूं, जौ, तुवर, मक्का, अरण्डी, जीरा, ईसबगोल इत्यादि फसलों का राजस्थान, हरियाणा, पंजाब , MP, UP…
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omgarunk · 3 years ago
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प्रभु देवा हिंदी में नायक हैं
प्रभु देवा हिंदी में नायक हैं
यात्रा & rsquo; प्रभु देवा फिल्म में एक नायक के रूप में हिंदी में अपनी शुरुआत करते हैं। प्रभु देवा अभिनीत & lsquo; पोन मानिक्कवेल & rsquo; फिल्म को हॉटस्टार पर रिलीज़ किया गया था और इसे मिश्रित समीक्षा मिली थी। इसके अलावा, प्रभु देवा ने & lsquo; स्कॉर्पियन & rsquo;, & lsquo; बहीरा & rsquo;, & lsquo; यंग मुंग संग & rsquo; शामिल फिल्मों का फिल्मांकन समाप्त हो गया है और रिलीज के लिए तैयार है। इसमें…
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marwarhalchal · 4 years ago
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मूंग दाल कचौड़ी : कैसे बनाये सबसे स्वादिष्ट कचौड़ी, पूरा तरीका जाने यहां ....
मूंग दाल कचौड़ी : कैसे बनाये सबसे स्वादिष्ट कचौड़ी, पूरा तरीका जाने यहां ….
कचौड़ी कई तरीके से बनाई जाती है। दाल की कचौड़ी अमूमन अन्य कचौरियों की अपेक्षा अधिक स्वादिष्ट होती है। आज हम आपको मूंग दाल की कचौड़ियां बनाना सिखाएंगे, जिन्हे खाने के बाद आपके मेहमान कह उठेंगे ” अरे वाह मजा आ गया”। आवश्यक सामग्री – मूंग दाल की कचौड़ियां बनाने के लिए सबसे पहले आपको आटा गूथने के लिये 2 कप मैदा 1/4 कप तेल व आधा छोटी चम्मच नमक चाहिए। इसके बाद आधा कप २ घंटे पानी में भीगी हुई मुंग दाल, २…
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abhay121996-blog · 4 years ago
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बुधवार के दिन करे ये चमत्कारी टोटके, खोल जाएंगे आपकी किस्मत के ताले Divya Sandesh
#Divyasandesh
बुधवार के दिन करे ये चमत्कारी टोटके, खोल जाएंगे आपकी किस्मत के ताले
 बुधवार के दिन गणेशजी की आराधना की जाती है इस दिन गणेशजी को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय भी किये जाते है आज हम आपको उन्ही उपायों के बारे में बताने जा रहे है तो चलिए जानते है। बुधवार के दिन गणेशजी के मंदिर जाए और गणेशजी को सिंदूर अर्पित करे इससे आपकी सभी परेशानिया दूर होगी। बुधवार के दिन गणेशजी के मंदिर जाकर गणेशजी को गुड़ का भोग लगाए इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होगी। बुधवार के दिन सवा पाँव मुंग उबालकर उसमे घी और शक्कर मिलाये और गौ माता को खिलाये इससे आपको सभी कर्ज से मुक्ति मिलेगी। बुधवार के दिन गणेशजी के मंदिर जाकर हरी दूर्वा अर्पित करे और गणेशजी को लड्डू का भोग लगाए। 
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todaymandibhav · 2 years ago
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मंडी भाव 3 अगस्त 2022: सरसों में तेजी, गेहूं मंदा, देखें आज के सभी जिसों के हाजिर दाम
कृषि उपज मंडी भाव 3 अगस्त 2022 (बुधवार) टुडे न्यूज़ (Mandi Bhav Today Updates): आइये जाने ! आज देश की प्रमुख अनाज मंडियों में ���रमा/कॉटन, देशी कपास, चना , ग्वार (Guar), सरसों (Mustard), सरसों तेल, तिलहन, दलहन, सोयाबीन, धनिया, मसूर, मुंग, मोठ , मूंगफली , गेहूं, जौ, तुवर, मक्का, अरण्डी, जीरा, ईसबगोल इत्यादि फसलों का राजस्थान, हरियाणा, पंजाब , MP, UP की प्रमुख अनाज मंडियों का लेटेस्ट लाइव मंडी भाव…
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its-axplore · 4 years ago
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सिचाई विभाग के कर्मचारियों और पदाधिकारियों को रहने के लिए प्रखंड में तीन स्थानों पर बनाए गए कोसी कॉलोनी के भवन और जमीन पर स्थानीय लोगों का अवैध कब्जा है। स्थानीय लोग इन भवनों का इस्तेमाल मवेशी के रखने के साथ-साथ जलावन रखने के लिए कर रहे हैं। जबकि खाली पड़ी भूमि पर खेती कर फसल उगाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार प्रखंड के सिलेठ, महेशपुर और बैजनाथपुर में कोसी कॉलोनी के भवन है, जिसपर स्थानीय लोगों द्वारा अवैध रूप से कब्जा है।
इस बात की जानकारी विभाग को भी है लेकिन विभाग के पदाधिकारी कब्जा हटाने की दिशा में कोई पहल नहीं कर रहे हैं। सौरबाजार पत्तरघट मार्ग के किनारे सिलेठ गांव में बने कोसी कॉलोनी के जमीन और भवन पर स्थानीय लोगों ने मवेशी का चारा जलावन और मवेशी बांधने में उपयोग कर रहे हैं। वहीं यहां विभाग की लगभग 10 एकड़ जमीन पर खेती की जाती है, जिसमें धान, गेहूं, मक्का, मुंग जैसे फसल उगाए जाते हैं लेकिन विभाग को इनसे कोई राजस्व नहीं मिलता है।
स्थानीय लोगों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार गांव के ही रामचंद्र शर्मा, सिफैत पासवान, जुगत राम, बुच्चो शर्मा, सूरज शर्मा समेत दर्जनों लोगों द्वारा कब्जा कर खेती की जा रही है। कब्जे की जानकारी पुलिस प्रशासन और सिचाई विभाग के कर्मियों और पदाधिकारियों को रहने के बावजूद भी कोई कारवाई इन लोगों पर नहीं होती है।
ओपी शिफ्ट हो��े के कारण कुछ ने हटाया कब्जा
वहीं महेशपुर व बैजनाथपुर गांव में बने कोसी कॉलोनी के भवन में भी असमाजिक तत्वों के लोगों ने कब्जा जमा लिया है। बचे भूभाग पर स्थानीय लोगों द्वारा खेती की जाती है। बैजनाथपुर कोसी कालोनी में बैजनाथपुर ओपी के शिफ्ट होने के बाद यहां डेरा जमाए कुछ असमाजिक तत्व के लोगों ने अपना डेरा खाली कर दिया है लेकिन अब भी बेकार लावारिस पड़े भवनों में से ज्यादातर पर असमाजिक तत्व के लोग ही रहकर अवैध कामों को अंजाम दे रहे है।
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सौर बाजार के सिलेठ गांव में बने कोसी कॉलोनी पर अतिक्रमण।
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khetikisaan · 4 years ago
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अनाज मंडी भाव 06-10-2020
पीलीबंगा नरमा ₹4887
सादुलशहर नरमा ₹5000
रायसिंहनगर मूंग ₹7200
गंगानगर कपास ₹5401
ऐलनाबाद मूंगफली ₹4360
हिसार ग्वार ₹3662
आदमपुर चना ₹5250
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