#मिशनरी
Explore tagged Tumblr posts
manmohan888-blog · 3 months ago
Text
आधी दुनिया के देशों से मूल निवासियों का सफाया कर अब मूल निवासी दिवस की आड़ में मिशनरियों का भारत है निशाना "
– फड़ापेन (बड़ा देव) ही महादेव हैं, वही ‘सत्यम् शिवम सुंदरम्’ के रुप में प्रकाशित होकर,भारत के मूल का शक्तिपुंज हैं। हम भगवान् बिरसा मुंडा के देश के हैं, वो हमारे पूर्वज हैं, इसलिए हम उनकी जयंती पर जनजाति गौरव दिवस मनाते हैं। अतः भारत में मूल निवासी दिवस मनाए जाने का कोई औचित्य नहीं है? ये तो भारत के विरुद्ध षड्यंत्र है। परंतु 9 अगस्त को मूल निवासी दिवस मनाए जाने के विश्व व्यापी षड्यंत्र का…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
manvadhikarabhivyakti · 1 month ago
Text
सांप्रदायिक टिप्पणी को लेकर आरएसएस नेता की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ईसाइयों में तनाव
गोवा के कुछ हिस्सों में रविवार को तनाव फैल गया, जब ईसाई समुदाय के सदस्य सड़कों पर उतर आए और कैथोलिक मिशनरी सेंट फ्रांसिस जेवियर के बारे में उनकी टिप्पणी को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गोवा इकाई के पूर्व प्रमुख सुभाष वेलिंगकर की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। स्थानीय लोगों और राजनीतिक नेताओं ने वेलिंगकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए पुराने गोवा में विरोध प्रदर्शन किया।…
0 notes
mnaasilveira · 11 months ago
Text
निकाराग्वामध्ये "देवाची प्रचंड हालचाल"
______________________________________________________________ मधील लेखाचा सारांश CBN News. ______________________________________________________________ ख्रिश्चन मिशनर्‍यांनी समस्याग्रस्त निकाराग्वामध्ये “देवाची मोठी चाल” पाहिली. मिशनरी ब्रिट हॅनकॉक यांनी सुवार्तिक कार्यात भाग घेतलेल्या सुमारे 650,000 लोकांपैकी हजारो चमत्कार आणि हजारो लोकांनी ख्रिस्तामध्ये रूपांतरित झाल्याची नोंद…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
naitahreek · 1 year ago
Text
अल्लामा इकबाल : सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
नई तहरीक : रायपुर 
अल्लामा मोहम्मद इकबाल की पैदाईश 9 नवंबर सन् 1877 को सूबे पंजाब के स्यालकोट जिले में हुई। आपके वालिद शेख नूर मोहम्मद कारोबारी थे। आपका खानदान कश्मीर से पंजाब आकर मुकीम हुआ था। इकबाल साहब ने अरबी और उर्दू की तालीम मदरसे से हासिल कर मिशनरी स्कूल से मिडिल पास किया। उसके बाद आपने सन् 1899 में लाहौर से गे्रजुएशन और फिलासफी से एमए किया। उसके बाद आप फिलासफी के टीचर हो गए। Read More
0 notes
orstube · 1 year ago
Text
मणिपुर समस्या की जड़ें जानने की इच्छा है तो पढ़ें | Manipur Violence | मणिपुर में हिंसा की पूरी कहानी
Tumblr media
लेख बड़ा हैं लेकिन मणिपुर समस्या की जड़ें जानने की इच्छा है तो पढ़ें 👇
वो लोग जो Manipur का रास्ता नहीं जानते। पूर्वोत्तर के राज्यों की राजधानी शायद जानते हो लेकिन कोई दूसरे शहर का नाम तक नहीं बता सकते उनके ज्ञान वर्धन के लिए बता दूं "मणिपुर समस्या: एक इतिहास" जब अंग्रेज भारत आए तो उन्होंने पूर्वोत्तर की ओर भी कदम बढ़ाए जहाँ उनको चाय के साथ तेल मिला। उनको इस पर डाका डालना था। उन्होंने वहां पाया कि यहाँ के लोग बहुत सीधे सरल हैं और ये लोग वैष्णव सनातनी हैं। परन्तु जंगल और पहाड़ों में रहने वाले ये लोग पूरे देश के अन्य भाग से अलग हैं तथा इन सीधे सादे लोगों के पास बहुमूल्य सम्पदा है। अतः अंग्रेज़ों ने सबसे पहले यहाँ के लोगों को देश के अन्य भूभाग से पूरी तरह काटने को सोचा। इसके लिए अंग्रेज लोग ले आए इनर परमिट और आउटर परमिट की व्यवस्था। इसके अंतर्गत कोई भी इस इलाके में आने से पहले परमिट बनवाएगा और एक समय सीमा से आगे नहीं रह सकता। परन्तु इसके उलट अंग्रेजों ने अपने भवन बनवाए और अंग्रेज अफसरों को रखा जो चाय की पत्ती उगाने और उसको बेचने का काम करते थे। इसके साथ अंग्रेज़ों ने देखा कि इस इलाके में ईसाई नहीं हैं। अतः इन्होने ईसाई मिशनरी को उठा उठा के यहां भेजा। मिशनरीयों ने इस इलाके के लोगों का आसानी से धर्म परिवर्तित करने का काम शुरू किया। जब खूब लोग ईसाई में परिवर्तित हो गए तो अंग्रेज इनको ईसाई राज्य बनाने का सपना दिखाने ल��े। साथ ही उनका आशय था कि पूर्वोत्तर से चीन, भारत तथा पूर्वी एशिया पर नजर बना के रखेंगे। अंग्रेज़ों ने एक चाल और चली। उन्होंने धर्म परिवर्तित करके ईसाई बने लोगों को ST का दर्जा दिया तथा उनको कई सरकारी सुविधाएं दी। धर्म परिवर्तित करने वालों को कुकी जनजाति और वैष्णव लोगों को मैती समाज ��हा जाता है। तब इतने अलग राज्य नहीं थे और बहुत सरे नगा लोग भी धर्म परिवर्तित करके ईसाई बन गए। धीरे धीरे ईसाई पंथ को मानने वालों की संख्या वैष्णव लोगों से अधिक या बराबर हो गयी। मूल लोग सदा अंग्रेजों से लड़ते रहे जिसके कारण अंग्रेज इस इलाके का भारत से विभाजन करने में नाकाम रहे। परन्तु वो मैती हिंदुओं की संख्या कम करने और परिवर्तित लोगों को अधिक करने में कामयाब रहे। Manipur के 90% भूभाग पर कुकी और नगा का कब्जा हो गया जबकि 10% पर ही मैती रह गए। अंग्रेजों ने इस इलाके में अफीम की खेती को भी बढ़ावा दिया और उस पर ईसाई कुकी लोगों को कब्जा करने दिया। How to Download Gadar 2 (2023) Hindi Audio Complete Movie in Full HD आज़ादी के बाद (Manipur): आज़ादी के समय वहां के राजा थे बोध चंद्र सिंह और उन्होंने भारत में विलय का निर्णय किया। 1949 में उन्होंने नेहरू को बोला कि मूल वैष्णव जो कि 10% भूभाग में रह गए है उनको ST का दर्जा दिया जाए। नेहरू ने उनको जाने को कह दिया। फिर 1950 में संविधान अस्तित्व में आया तो नेहरू ने मैती समाज को कोई छूट नहीं दिया। 1960 में नेहरू सरकार द्वारा लैंड रिफार्म एक्ट लाया जिसमे 90% भूभाग वाले कुकी और नगा ईसाईयों को ST में डाल दिया गया। इस एक्ट में ये प्रावधान भी था जिसमे 90% कुकी - नगा वाले कहीं भी जा सकते हैं, रह सकते हैं और जमीन खरीद सकते हैं परन्तु 10% के इलाके में रहने वाले मैती हिंदुओं को ये सब अधिकार नहीं था। यहीं से मैती लोगों का दिल्ली से विरोध शुरू हो गया। नेहरू एक बार भी पूर्वोत्तर के हालत को ठीक करने करने नहीं गए। उधर ब्रिटैन की MI6 और पाकिस्तान की ISI मिलकर कुकी और नगा को हथियार देने लगी जिसका उपयोग वो भारत विरुद्ध तथा मैती वैष्णवों को भागने के लिए करते थे। मैतियो ने उनका जम कर बिना दिल्ली के समर्थन के मुकाबला किया। सदा से इस इलाके में कांग्रेस और कम्युनिस्ट लोगों की सरकार रही और वो कुकी तथा नगा ईसाईयों के समर्थन में रहे। चूँकि लड़ाई पूर्वोत्तर में ट्राइबल जनजातियों के अपने अस्तित्व की थी तो अलग अलग फ्रंट बनाकर सबने हथियार उठा लिया।
Tumblr media
पूरा पूर्वोत्तर ISI के द्वारा एक लड़ाई का मैदान बना दिया गया। जिसके कारण Mizo जनजातियों में सशत्र विद्रोह शुरू हुआ। बिन दिल्ली के समर्थन जनजातियों ने ISI समर्थित कुकी, नगा और म्यांमार से भारत में अनधिकृत रूप से आये चिन जनजातियों से लड़ाई करते रहे। जानकारी के लिए बताते चलें कि कांग्रेस और कम्युनिस्ट ने मिशनरी के साथ मिलकर म्यांमार से आये इन चिन जनजातियों को Manipur के पहाड़ी इलाकों और जंगलों की नागरिकता देकर बसा दिया। ये चिन लोग ISI के पाले कुकी तथा नगा ईसाईयों के समर्थक थे तथा वैष्णव मैतियों से लड़ते थे। पूर्वोत्तर का हाल ख़राब था जिसका पोलिटिकल सलूशन नहीं निकाला गया और एक दिन इन्दिरा गाँधी ने आदिवासी इलाकों में air strike का आर्डर दे दिया जिसका आर्मी तथा वायुसेना ने विरोध किया परन्तु राजेश पायलट तथा सुरेश कलमाड़ी ने एयर स्ट्राइक किया और अपने लोगों की जाने ली। इसके बाद विद्रोह और खूनी तथा सशत्र हो गया। 1971 में पाकिस्तान विभाजन और बांग्ला देश अस्तित्व आने से ISI के एक्शन को झटका लगा परन्तु म्यांमार उसका एक खुला एरिया था। उसने म्यांमार के चिन लोगों का मणिपुर में एंट्री कराया जिसका कांग्रेस तथा उधर म्यांमार के अवैध चिन लोगों ने जंगलों में डेरा बनाया और वहां ओपियम यानि अफीम की खेती शुरू कर दिया। पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड दशकों तक कुकियों और चिन लोगों के अफीम की खेती तथा तस्करी का खुला खेल का मैदान बन गया। मयंमार से ISI तथा MI6 ने इस अफीम की तस्करी के साथ हथियारों की तस्करी का एक पूरा इकॉनमी खड़ा कर दिया। जिसके कारण पूर्वोत्तर के इन राज्यों की बड़ा जनसँख्या नशे की भी आदि हो गई। नशे के साथ हथियार उठाकर भारत के विरुद्ध युद्ध फलता फूलता रहा। 2014 के बाद Manipur की परिस्थिति: मोदी सरकार ने एक्ट ईस्ट पालिसी के अंतर्गत पूर्वोत्तर पर ध्यान देना शुरू किया, NSCN - तथा भारत सरकार के बीच हुए "नागा एकॉर्ड" के बाद हिंसा में कमी आई। भारत की सेना पर आक्रमण बंद हुए। भारत सरकार ने अभूतपूर्व विकास किया जिससे वहां के लोगों को दिल्ली के करीब आने का मौका मिला। धीरे धीरे पूर्वोत्तर से हथियार आंदोलन समाप्त हुए। भारत के प्रति यहाँ के लोगों का दुराव कम हुआ। रणनीति के अंतर्गत पूर्वोत्तर में भाजपा की सरकार आई। वहां से कांग्रेस और कम्युनिस्ट का लगभग समापन हुआ। इसके कारण इन पार्टियों का एक प्रमुख धन का श्रोत जो कि अफीम तथा हथियारों की तस्करी था वो चला गया। इसके कारण इन लोगों के लिए किसी भी तरह पूर्वोत्तर में हिंसा और अशांति फैलाना जरूरी हो गया था। जिसका ये लोग बहुत समय से इंतजार कर रहे थे। हाल ही Manipur में दो घटनाए घटीं:
Tumblr media
1. Manipur उच्च न्यायालय ने फैसला किया कि अब मैती जनजाति को ST का स्टेटस मिलेगा। इसका परिणाम ये होगा कि नेहरू के बनाए फार्मूला का अंत हो जाएगा जिससे मैती लोग भी 10% के ���िकुड़े हुए भूभाग की जगह पर पूरे Manipur में कहीं भी रह, बस और जमीन ले सकेंगे। ये कुकी और नगा को मंजूर नहीं। 2. Manipur के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने कहा कि सरकार पहचान करके म्यांमार से आए अवैद्य चिन लोगों को बाहर निकलेगी और अफीम की खेती को समाप्त करेगी। इसके कारण तस्करों का गैंग सदमे में आ गया। इसके बाद ईसाई कुकियों और ईसाई नगाओं ने अपने दिल्ली बैठे आकाओं, कम्युनिस्ट लुटियन मीडिया को जागृत किया। पहले इन लोगों ने अख़बारों और मैगजीन में गलत लेख लिखकर और उलटी जानकारी देकर शेष भारत के लोगों को बरगलाने का काम शुरू किया। उसके बाद दिल्ली से सिग्नल मिलते ही ईसाई कुकियों और ईसाई नगाओं ने मैती वैष्णव लोगों पर हमला बोल दिया। जिसका जवाब मैतियों दुगुना वेग से दिया और इन लोगों को बुरी तरह कुचल दिया जो कि कुकी - नगा के साथ दिल्ली में बैठे इनके आकाओं के लिए भी unexpected था। लात खाने के बाद ये लोग अदातानुसार विक्टम कार्ड खेलकर रोने लगे। अभी भारत की मीडिया का एक वर्ग जो कम्युनिस्ट तथा कोंग्रस का प्रवक्ता है अब रोएगा क्योंकि पूर्वतर में मिशनरी, अवैध घुसपैठियों और तस्करों के बिल में मणिपुर तथा केंद्र सरकार ने खौलता तेल डाल दिया है। Read the full article
0 notes
cdn24newsofficial · 1 year ago
Text
गुरमीत सिंह खुडि़यां और बलकार सिंह ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली
मुख्यमंत्री ने दोनों नए मंत्रियों को बधाई दी नव-नियुक्त मंत्रियों से मिशनरी उत्साह के साथ लोगों की सेवा करने की आशा व्यक्त की चंडीगढ़, 31 मई पंजाब के राज्यपाल और यू.टी. चंडीगढ़ के प्र��ासक बनवारी लाल पुरोहि�� ने आज यहां पंजाब राजभवन में आयोजित एक प्रभावशाली समारोह के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान की उपस्थिति में गुरमीत सिंह खुडि़यां और बलकार सिंह को कैबिनेट मंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
mmulnivasi · 2 years ago
Photo
Tumblr media
*बौद्ध शब्दावली अरहंत का एक रूप अर्हत है| अर्हत का अर्थ है -- जो योग्य है, जो पूज्य है|* *इसी अर्हत से अर्हता बना है| किसी पद या ओहदे के लिए वांछित योग्यता को अर्हता कहते है|* *अरहंत को जापानी मे अराकान कहते है, इसी आधार पर म्यांमार के एक प्रदेश का नाम अराकान है|* *अराकान को वर्तमान मे रखाइन कहा जाता है| अर्हत के लिए जापानी मे एक और शब्द है -- रखान| रखान और रखाइन एक - दूसरे से जुड़े है|* *मौर्य काल मे अराकान होकर बौद्ध मिशनरी उधर जाया करते थे|* *अराकान की पट्टी बंगाल की खाड़ी के पूर्वी तट पर स्थित है| चटगाँव से लेकर नेग्रेस अंतरीप तक अराकान विस्तृत है|* *कुछ विद्वानो ने अराकान को राक्षस से जोड़ा है जो सही नही है|* ( अराकानी बुद्ध और अराकानी क्षेत्र की तस्वीरे ) - Rajendra Prasad Singh https://www.instagram.com/p/CpyMcVlsM93/?igshid=NGJjMDIxMWI=
0 notes
lovebksurender-blog · 2 years ago
Video
youtube
प्रश्नः-तुम्हारी गॉडली मिशनरी का कर्तव्य क्या है? तुम्हें कौन सी सेवा कर...
0 notes
acropolismediainc · 2 years ago
Photo
Tumblr media
28 फरवरी को देश में विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि आज ही के दिन देश के महान वैज्ञानिक सी वी रमन ने 'रमन प्रभाव' का आविष्कार किया था, जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। महान भौतिक विज्ञानी सर चंद्रशेखर वेंकट रमन ने 28 फरवरी 1928 को भौतिकी के गंभीर विषय में एक महत्वपूर्ण खोज की थी। बता दें कि पारदर्शी पदार्थ से गुजरने पर प्रकाश की किरणों में आने वाले बदलाव पर की गई इस महत्‍वपूर्ण खोज के लिए 1930 में उन्हें भौतिकी के नोबेल पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया। इस खोज के सम्‍मान में 1986 से इस दिन को राष्‍ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने का चलन है.. देश दुनिया के इतिहास में 28 फरवरी की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:- • 1568 : करीब चार महीने की घेराबंदी के बाद अकबर की सेना ने चितौड़गढ़ पर कब्जा किया। • 1580 : गोवा से पहला ईसाई मिशनरी फतेहपुर सीकरी में मुगल बादशाह अकबर के दरबार में पहुंचा। • 1712 : बहादुर शाह जफर ने लाहौर में अंतिम सांस ली। • 1936 : देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू का निधन। • 1942 : दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान की सेना ने जावा के द्वीप पर कब्जा किया और यह द्वीप 1945 तक उनके कब्जे में रहा। #TheIndianness #inspiringIndian #BahadurShahJafar #JawaharlalNehru #KamlaNehru #Japan #Goa #RamanEffect #CVRaman #ChandraShekharVenkatRaman https://www.instagram.com/p/CpMplLbqsrE/?igshid=NGJjMDIxMWI=
0 notes
differentauthortacowinner · 2 years ago
Photo
Tumblr media
#मिशन_सुरक्षा_परिषद श्रावस्ती जनपद के हरिहरपुर रानी ब्लाक के युवा मिशनरी समाजसेवी श्री धर्मराज कुमार चक्रवर्ती जी को जिला महासचिव बहराइच जनपद मा.श्री शत्रुघन सिद्धार्थ जी एवं जिलाध्यक्ष श्रावस्ती मा.श्री सुरेन्द्र कुमार वाल्मीकि जी के अनुमोदन पर प्रदेश महासचिव प्रभारी देवीपाटन मण्डल मा.श्री राजकुमार गौतम जी एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता मा.श्री योगेन्द्र वर्मा रिंकू जी एवं मण्डल अध्यक्ष देवीपाटन मण्डल मा.श्री प्रेमचन्द्र मौर्य जी द्वारा मिशन सुरक्षा परिषद श्रावस्ती जनपद का जिला उपाध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ मनोनीत किया गया है। श्री धर्मराज कुमार चक्रवर्ती जी को हार्दिक बधाई। 🌹🌹🌹🌹 1-रविकुमार वाल्मीकि प्रदेश सचिव प्रभारी श्रावस्ती। 2-सुश्री राधिका वर्मा पटेल जिलाध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ। 3-अशोक कुमार आर्या जिला सलाहकार। 4-अवधेश कुमार भास्कर जिला सलाहकार। 5-पृथ्वीराज वर्मा पटेल जिला सलाहकार। 6-हनुमान पासी जिला उपाध्यक्ष। 7-सन्दीप कुमार सोनकर जिला उपाध्यक्ष। 8- https://www.instagram.com/p/CnmMw_jypj8/?igshid=NGJjMDIxMWI=
0 notes
deepinsideheartsblog · 2 years ago
Text
Tumblr media
जब कोई चीज मुफ्त मिल रही हो, तो समझ लेना कि आपको इसकी कोई बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
नोबेल विजेता डेसमंड टुटू ने एक बार कहा था कि ‘जब मिशनरी अफ्रीका आए, तो उनके पास बाईबल थी, और हमारे पास जमीन। उनहोंने कहा 'हम यू आपके लिए प्रार्थना करने आये हैं।’ हमने आखें बंद कर लीं,,, जब खोलीं तो हमारे हाथ में बाईबल थी, और उनके पास हमारी जमीन।’
इसी तरह जब सोशल नैटवर्क साइट्स आईं, तो उनके पास फेसबुक और व्हाट्सएप थे, और हमारे पास आजादी और निजता थी।
उन्होंनें कहा 'ये मुफ्त है।’ हमने आखें बंद कर लीं, और जब खोलीं तो हमारे पास फेसबुक और व्हाट्सएप थे, और उनके पास हमारी आजादी और निजी जानकारियां।
जब भी कोई चीज मुफ्त होती है, तो उसकी कीमत हमें हमारी आजादी दे कर चुकानी पड़ती है।
“ज्ञान से शब्द समझ आते हैं, और अनुभव से अर्थ”.
0 notes
marketingstrategy1 · 2 years ago
Text
Dehradun:सामूहिक धर्मांतरण में ईसाई मिशनरी से जुड़े सात लोगों पर केस, Bjp समेत हिंदू संगठनों ने निकाला जुलूस - Dehradun Case Against Seven People Associated With Christian Missionary In Mass Conversion
Dehradun:सामूहिक धर्मांतरण में ईसाई मिशनरी से जुड़े सात लोगों पर केस, Bjp समेत हिंदू संगठनों ने निकाला जुलूस – Dehradun Case Against Seven People Associated With Christian Missionary In Mass Conversion
सांकेतिक तस्वीर – फोटो : सोशल मीडिया ख़बर सुनें ख़बर सुनें देवढुंग क्षेत्र में एक एनजीओ के नवनिर्मित भवन में सामूहिक धर्मांतरण कराए जाने के मामले में पुलिस ने ईसाई मिशनरी से जुड़े सात लोगों के खिलाफ उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में मामला दर्ज कर लिया है।  बीते दिन देवढुंग क्षेत्र में एक एनजीओ के नवनिर्मित भवन में एक समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें बाहर से आए धर्म विशेष के लोगों ने…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
mnaasilveira · 11 months ago
Text
निकारागुआ में 'भगवान का विशाल आंदोलन'
______________________________________________________________ यह एक लेख के सार का अनुसरण करता है CBN News. ______________________________________________________________ ईसाई मिशनरियों ने अशांत निकारागुआ में “ईश्वर का विशाल आंदोलन” देखा है। मिशनरी ब्रिट हैनकॉक ने प्रचार कार्यक्रमों में भाग लेने वाले लगभग 650,000 लोगों के बीच हजारों चमत्कारों और हजारों लोगों के ईसा मसीह में रूपांतरण की सूचना…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
thedhongibaba · 2 years ago
Text
डॉ एनी बेसेन्ट सामान्य जानकारी के अनुसार एक अग्रणी आध्यात्मिक, थियोसोफिस्ट, महिला अधिकारों की समर्थक, लेखक एवं प्रसिद्ध वक्ता थी। एवं कुछ तथ्यों के अनुसार संभवतः ईसाई मिशनरी थी। सन 1917 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षा भी बनीं। इन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की ।
💥जन्म : १ अक्टूबर १८४७
लन्दन कलफम
💥मृत्यु : 20 सितम्बर 1933 (उम्र 85)
अड्यार मद्रास
परिचय और कार्य : एनी बेसेन्ट भारतीय वर्ण व्यवस्था की प्रशंसक थीं। डॉ॰ एनी बेसेन्ट की मान्यता थी कि बिना राजनैतिक स्वतंत्रता के इन सभी कठिनाइयों का समाधान सम्भव नहीं है।
डॉ॰ एनी बेसेन्ट के कथन और विचारों पर कुछ तथ्य :
(१) डॉ. एनी बेसेन्ट का विचार था कि अच्छाई के मार्ग का निर्धारण बिना अध्यात्म के संभव नहीं। कल्याणकारी जीवन प्राप्त करने के लिये मनुष्य की इच्छाओं को दैवी इच्छा के अधीन होना चाहिये। राष्ट्र का निर्माण एवं विकास तभी सम्भव है जब उस देश के विभिन्न धर्मों, मान्यताओं एवं संस्कृतियों में एकता स्थापित हो। सच्चे धर्म का ज्ञान आध्यात्मिक चेतना द्वारा ही मिलता है। (उनके इन विचारों ��ो महात्मा गाँधी ने भी स्व���कार किया।)
(२) प्राचीन भारत की सभ्यता एवं संस्कृति का स्वरूप आध्यात्मिक था। यही आध्यात्मिकता उस समय के भारतीयों की निधि थी।
(३) बेसेन्ट का निश्चित मत था कि वह पिछले जन्म में हिन्दू थीं। वह धर्म और विज्ञान में कोई भेद नहीं मानती थीं। उन्होंने भारतीय धर्म का अध्ययन किया। उनका भगवद्गीता का अनुवाद 'थाट्स आन दी स्टडी ऑफ दी भगवद्गीता' है।
(४) "वे यह मानती थीं कि विश्व को मार्ग दर्शन करने की क्षमता केवल भारत में निहित है। "
(५) उस समय विदेश यात्रा को अधार्मिक समझा जाता था। उन्होंने बताया कि प्राचीन ऐतिहासिक तथ्यों से पता चलता है कि श्याम, जावा, सुमात्रा, कम्बोज, लंका, तिब्बत तथा चीन आदि देशों में हिन्दू राज्य के चिह्न पाये गये हैं। अत: हिन्दूओं की विदेश यात्रा प्रमाणित हो जाती है। उन्होंने विदेश यात्रा को प्रोत्साहन दिये जाने का समर्थन किया। उनके अनुसार आध्यात्मिक बुद्धि एवं शारीरिक शक्ति के सम्मिश्रण से राष्ट्र का उत्थान करना प्राचीन भारत की विशेषता रही है।
(६) डॉ एनी बेसेन्ट का विचार था कि शताब्दियों से ईसाई धर्म के नेता स्त्रियों को 'आवश्यक बुराई' कहते चले आ रहे हैं और चर्च के सबसे महान सेन्ट वे हैं जो स्त्रियों से सर्वाधिक घृणा करते हैं। अपने 'क्रिस्चियानिटी' नामक ग्रन्थ में वे बताती हैं कि वे गास्पेल को विश्वसनीय क्यों नहीं मानतीं हैं।
(७) डॉ . एनी बेसेन्ट ने वैज्ञानिक तथा एतिहासिक दृष्टिकोण से स्पष्ट कहा है - " हिन्दू धर्म (सनातन वैदिक धर्म) के सामने पाश्चात्य सभ्यता अत्यन्त हीन ज्ञात होती है । ज्ञान की कुञ्जी सदा से हिन्दुओं के हाथ में रही है । "
💥 सुकरात और अरस्तू पाश्चात्यो के सबसे बड़े विचारक और दार्शनिक है । वे कहते हैं- “ स्त्री शरीर में आत्मा नही होती । स्त्री ऐसे होती है जैसे मेज या कुरसी । जिस तरह मेज या कुरसी को कही भी उठाकर फेंका जा सकता है , स्त्री को भी कही भी उठाकर फेंका जा सकता है । स्त्री ऐसे होती है जैसे कोई कपडा । जब जरूरत पड़ी उतार के फेंक दिया , जब जरूरत पड़ी पहन लिया । कपडा शरिर पर हमेशा धारण किया नही जा सकता इसलिए स्त्री को भी हर समय साथ नही रखा जा सकता । उसे कपडे की तरह पहनना , फेंकना और बदलते रहना चाहिए । "
((also Ref : History of Animals Aristotle & Socrates Words of Wisdom.))
स्पष्ट है कि पाश्चात्यो के सर्वोच्च दार्शनिक और विचारकों के ��ुलना में हमारे निकृष्ट से निकृष्ट दार्शनिक भी उनसे अनेक गुणा अतित्योत्तम ही सिद्ध होंगे....पाशात्य के नितांत असभ्य जंगली गंवार uncivilized होने का जीवंत साक्ष्य है रखैल या लिव इन.. जहा परिवार नही है और विवाह नही बिल्कुल पशु... फटे कपड़े, शौचालय का न होना (भारत में प्राचीन शौचालय है, सिंधु घाटी से लेकर आज तक ), शौच करने पर बैल कुत्ते आदि जानवरों के भांती गुदा न धोना, खडे होकर भोजन करना, हर काम बिलकुल विज्ञान के विरूद्ध, 14 वी शताब्दी तक जंगली रहना, वन्य पशु के भांति रहना। जब भारत में लाखों विद्यालय थे तब वहा एक भी स्कूल नही था। इस प्रकार पाश्चात्य फटीचर वस्त्र विहिन, मानवता विहिन असभ्य जंगली थे। उनको चरित्र और मानवता सनातन सभ्यता या भारत कि देन है।
आज से केवल कुछ साल पहले जंगल के जानवरों और पाश्चात्यो मे कोई अंतर न था। अभद्रभुषा, कुत्ता कुत्तियो सी लिव इन उक्त अवस्था के जीवंत साक्ष्य है। पाश्चात्य और कुत्तो के जीवनशैली मे तब भी ९९. ९% साम्य था। आज भारत उनका अनुकरणीय होकर पिछड रहा है। आधुनिकता अर्थात् जंगली पाश्चात्य पशुओं का अंधाधुंधीकरण नही अपितु सत्य के कसौटी पर वैज्ञानिक अध्यात्म के साथ सनातन शाश्वत संस्कृति को धर्म को धारण करना सभ्यता है। सनातन पूर्ण विज्ञान होता है, unique होता है, ईश्वर की हर वस्तु unique है, सनातन धर्म संस्कृति ईश्वरीय है, जैसे चंद्रमा, सुर्य, पृथ्वी..
भारत में जो बौद्धिक दास सनातन को कहते हैं पुरानी परंपरा है , इसे छोड देना चाहिए वे मुख से खाना छोड़ दें , नेत्र से देखना और कानो से श्रवण भी छोड़ दे क्योंकि ये सब भी पुरानी परंपरा है और ये काम किसी और इन्द्रियों से करके दिखाए । सुर्य , चंद्रमा , जल , वायु भी पुराणे है । पृथ्वी भी पुराणी हैं इन सभी को त्यागकर के किसी नये लोक मे बस जाएं । सनातन तो सनातन है , सत्य है , परम है , प्राचीन होकर सदैव नवीन है शाश्वत है इसलिए उसे सनातन कहते हैं ।
भारतीय संस्कृति के बारे में अपना मत प्रकट करते हुए मि . डेलमार ( न्यूयार्क ) ने लिखा है - “ पश्चिमी संसार जिन बातों पर अभिमान करता है वे असल में भारतवर्ष से ही वहाँ गई हैं । और तो और तरह तरह के फल - फूल , पेड़ - पौधे , जो इस समय यूरोप में पैदा होते हैं हिन्दुस्तान में लाकर वहाँ उगाये गये ���े । मलम�� रेशम , घोड़े , टीन इनके साथ - साथ लोहा ओर सीसे का प्रचार भी यूरोप में भारत से ही हुआ । केवल इतना ही नहीं ज्योतिष , वैद्यक अंकगणित , चित्रकारी ओर कानून भी भारत वासियों ने ही यूरोप को सिखलाया ।"
~ (Ref . Akhanda jyoti . Sept. 1964)
(( #इतिहास #धर्म #भारतीयसंस्कृति))
Tumblr media
0 notes
ghazipurhindinews · 2 years ago
Text
0 notes
loksutra · 2 years ago
Text
हिंदू आदिवासी महिलेला ख्रिश्चन बनवण्याचा प्रयत्न, महाराष्ट्रातील डहाणूमध्ये 4 धर्मप्रचारकांना अटक
हिंदू आदिवासी महिलेला ख्रिश्चन बनवण्याचा प्रयत्न, महाराष्ट्रातील डहाणूमध्ये 4 धर्मप्रचारकांना अटक
पालघर जिल्ह्यातील डहाणू, तलासरी, जव्हार, विक्रमगड या आदिवासीबहुल भागात अनेक वर्षांपासून धर्मांतराचे प्रयत्न सुरू आहेत. प्रतीकात्मक चित्र घरी आदिवासी हिंदू स्त्री तिला एकटी सापडल्यानंतर तिला ख्रिश्चन धर्म स्वीकारण्यास भाग पाडल्याबद्दल चार मिशनरी अटक गेला आहे. या चार धर्मप्रचारकांनी महाराष्ट्रातील डहाणू भागात एका आदिवासी महिलेची हत्या केल्याचा आरोप आहे. रूपांतरण च्या साठी पैशाचे आमिष दाखवले.…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes