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मासिक शिवरात्रि आज, इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा, व्रत करने से मिलता है अनंत फल
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का काफी महत्व है। इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है। प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार मासिक शिवरात्रि 8 जुलाई को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि का महत्व और व्रत की पूजा-विधि।
मासिक शिवरात्रि का महत्व मासिक शिवरात्रि शिव और शक्ति के संगम का व्रत है। कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि में व्रत, उपवास रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत करने से हर मुश्किल कार्य आसान हो जाता है और जातक की सारी समस्याएं दूर होती हैं। बता दें एक साल में एक महाशिवरात्रि और 11 शिवरात्रियां पड़ती हैं, जिन्हें मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता पार्वती ने भी मासिक शिवरात्रि का व्रत रख कर शिव की पूजा की थी। शिव के भक्त जहां साल में एक बार महाशिवरात्रि बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। मासिक शिवरात्रि पर भी भोलेनाथ की आराधना करने की परंपरा हैं।
मासिक शिवरात्रि पूजा-विधि मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। आप किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव और उनके परिवार (पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी) की पूजा करें। सबसे पहले आप शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से करें। ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं। अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं। ध्यान रहे कि बेलपत्र अच्छी तरह साफ किए होने चाहिए। अब आप भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें। इस दिन रात भर जागरण किया जाता है और शिव की भक्ति में लीन होकर भजन किए जाते हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन शिव पूजा में रुद्राभिषेक का अधिक महत्व होता है। ये भी पढ़��... मासिक शिवरात्रि पर बन रहा है विशेष संयोग, शिव पूजन से पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं महाशिवरात्रि : 59 साल बाद बनेगा ये विशेष योग, साधना सिद्धि के लिए इस विधि से करें पूजा मासिक शिवरात्रि : आज के दिन ही शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे भोलेनाथ, जानें इसका महत्व और व्रत विधि Read the full article
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मासिक शिवरात्रि आज, इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा, व्रत करने से मिलता है अनंत फल
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का काफी महत्व है। इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है। प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार मासिक शिवरात्रि 8 जुलाई को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि का महत्व और व्रत की पूजा-विधि।
मासिक शिवरात्रि का महत्व मासिक शिवरात्रि शिव और शक्ति के संगम का व्रत है। कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि में व्रत, उपवास रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत करने से हर मुश्किल कार्य आसान हो जाता है और जातक की सारी समस्याएं दूर होती हैं। बता दें एक साल में एक महाशिवरात्रि और 11 शिवरात्रियां पड़ती हैं, जिन्हें मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता पार्वती ने भी मासिक शिवरात्रि का व्रत रख कर शिव की पूजा की थी। शिव के भक्त जहां साल में एक बार महाशिवरात्रि बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। मासिक शिवरात्रि पर भी भोलेनाथ की आराधना करने की परंपरा हैं।
मासिक शिवरात्रि पूजा-विधि मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। आप किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव और उनके परिवार (पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी) की पूजा करें। सबसे पहले आप शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से करें। ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं। अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं। ध्यान रहे कि बेलपत्र अच्छी तरह साफ किए होने चाहिए। अब आप भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें। इस दिन रात भर जागरण किया जाता है और शिव की भक्ति में लीन होकर भजन किए जाते हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन शिव पूजा में रुद्राभिषेक का अधिक महत्व होता है। ये भी पढ़े... मासिक शिवरात्रि पर बन रहा है विशेष संयोग, शिव पूजन से पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं महाशिवरात्रि : 59 साल बाद बनेगा ये विशेष योग, साधना सिद्धि के लिए इस विधि से करें पूजा मासिक शिवरात्रि : आज के दिन ही शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे भोलेनाथ, जानें इसका महत्व और व्रत विधि Read the full article
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मासिक शिवरात्रि आज, इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा, व्रत करने से मिलता है अनंत फल
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का काफी महत्व है। इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है। प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार मासिक शिवरात्रि 8 जुलाई को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि का महत्व और व्रत की पूजा-विधि।
मासिक शिवरात्रि का महत्व मासिक शिवरात्रि शिव और शक्ति के संगम का व्रत है। कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि में व्रत, उपवास रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत करने से हर मुश्किल कार्य आसान हो जाता है और जातक की सारी समस्याएं दूर होती हैं। बता दें एक साल में एक महाशिवरात्रि और 11 शिवरात्रियां पड़ती हैं, जिन्हें मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता पार्वती ने भी मासिक शिवरात्रि का व्रत रख कर शिव की पूजा की थी। शिव के भक्त जहां साल में एक बार महाशिवरात्रि बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। मासिक शिवरात्रि पर भी भोलेनाथ की आराधना करने की परंपरा हैं।
मासिक शिवरात्रि पूजा-विधि मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। आप किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव और उनके परिवार (पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी) की पूजा करें। सबसे पहले आप शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से करें। ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं। अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं। ध्यान रहे कि बेलपत्र अच्छी तरह साफ किए होने चाहिए। अब आप भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से ��ूजा करें। इस दिन रात भर जागरण किया जाता है और शिव की भक्ति में लीन होकर भजन किए जाते हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन शिव पूजा में रुद्राभिषेक का अधिक महत्व होता है। ये भी पढ़े... मासिक शिवरात्रि पर बन रहा है विशेष संयोग, शिव पूजन से पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं महाशिवरात्रि : 59 साल बाद बनेगा ये विशेष योग, साधना सिद्धि के लिए इस विधि से करें पूजा मासिक शिवरात्रि : आज के दिन ही शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे भोलेनाथ, जानें इसका महत्व और व्रत विधि Read the full article
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मासिक शिवरात्रि आज, इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा, व्रत करने से मिलता है अनंत फल
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का काफी महत्व है। इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है। प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार मासिक शिवरात्रि 15 अक्टूबर को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि का महत्व और व्रत की पूजा-विधि।
मासिक शिवरात्रि का महत्व मासिक शिवरात्रि शिव और शक्ति के संगम का व्रत है। कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि में व्रत, उपवास रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत करने से हर मुश्किल कार्य आसान हो जाता है और जातक की सारी समस्याएं दूर होती हैं। बता दें एक साल में एक महाशिवरात्रि और 11 शिवरात्रियां पड़ती हैं, जिन्हें मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता पार्वती ने भी मासिक शिवरात्रि का व्रत रख कर शिव की पूजा की थी। शिव के भक्त जहां साल में एक बार महाशिवरात्रि बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। मासिक शिवरात्रि पर भी भोलेनाथ की आराधना करने की परंपरा हैं।
मासिक शिवरात्रि पूजा-विधि मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। आप किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव और उनके परिवार (पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी) की पूजा करें। सबसे पहले आप शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से करें। ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं। अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं। ध्यान रहे कि बेलपत्र अच्छी तरह साफ किए होने चाहिए। अब आप भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें। इस दिन रात भर जागरण किया जाता है और शिव की भक्ति में लीन होकर भजन किए जाते हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन शिव पूजा में रुद्राभिषेक का अधिक महत्व होता है। ये भी पढ़े... मासिक शिवरात्रि पर बन रहा है विशेष संयोग, शिव पूजन से पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं महाशिवरात्रि : 59 साल बाद बनेगा ये विशेष योग, साधना सिद्धि के लिए इस विधि से करें पूजा मासिक शिवरात्रि : आज के दिन ही शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे भोलेनाथ, जानें इसका महत्व और व्रत विधि Read the full article
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मासिक शिवरात्रि आज, इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा, व्रत करने से मिलता है अनंत फल
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का काफी महत्व है। इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है। प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार मासिक शिवरात्रि 15 सितंबर को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि का महत्व और व्रत की पूजा-विधि।
मासिक शिवरात्रि का महत्व मासिक शिवरात्रि शिव और शक्ति के संगम का व्रत है। कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि में व्रत, उपवास रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत करने से हर मुश्किल कार्य आसान हो जाता है और जातक की सारी समस्याएं दूर होती हैं। बता दें एक साल में एक महाशिवरात्रि और 11 शिवरात्रियां पड़ती हैं, जिन्हें मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता पार्वती ने भी मासिक शिवरात्रि का व्रत रख कर शिव की पूजा की थी। शिव के भक्त जहां साल में एक बार महाशिवरात्रि बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। मासिक शिवरात्रि पर भी भोलेनाथ की आराधना करने की परंपरा हैं।
मासिक शिवरात्रि पूजा-विधि मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। आप किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव और उनके परिवार (पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी) की पूजा करें। सबसे पहले आप शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से करें। ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं। अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं। ध्यान रहे कि बेलपत्र अच्छी तरह साफ किए होने चाहिए। अब आप भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें। इस दिन रात भर जागरण किया जाता है और शिव की भक्ति में लीन होकर भजन किए जाते हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन शिव पूजा में रुद्राभिषेक का अधिक महत्व होता है। ये भी पढ़े... मासिक शिवरात्रि पर बन रहा है विशेष संयोग, शिव पूजन से पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं महाशिवरात्रि : 59 साल बाद बनेगा ये विशेष योग, साधना सिद्धि के लिए इस विधि से करें पूजा मासिक शिवरात्रि : आज के दिन ही शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे भोलेनाथ, जानें इसका महत्व और व्रत विधि Read the full article
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मासिक शिवरात्रि आज, इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा, व्रत करने से मिलता है अनंत फल
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का काफी महत्व है। इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है। प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार मासिक शिवरात्रि 17 अगस्त को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि का महत्व और व्रत की पूजा-विधि।
मासिक शिवरात्रि का महत्व मासिक शिवरात्रि शिव और शक्ति के संगम का व्रत है। कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि में व्रत, उपवास रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत करने से हर मुश्किल कार्य आसान हो जाता है और जातक की सारी समस्याएं दूर होती हैं। बता दें एक साल में एक महाशिवरात्रि और 11 शिवरात्रियां पड़ती हैं, जिन्हें मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता पार्वती ने भी मासिक शिवरात्रि का व्रत रख कर शिव की पूजा की थी। शिव के भक्त जहां साल में एक बार महाशिवरात्रि बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। मासिक शिवरात्रि पर भी भोलेनाथ की आराधना करने की परंपरा हैं।
मासिक शिवरात्रि पूजा-विधि मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। आप किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव और उनके परिवार (पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी) की पूजा करें। सबसे पहले आप शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से करें। ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं। अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं। ध्यान रहे कि बेलपत्र अच्छी तरह साफ किए होने चाहिए। अब आप भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें। इस दिन रात भर जागरण किया जाता है और शिव की भक्ति में लीन होकर भजन किए जाते हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन शिव पूजा में रुद्राभिषेक का अधिक महत्व होता है। ये भी पढ़े... मासिक शिवरात्रि पर बन रहा है विशेष संयोग, शिव पूजन से पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं महाशिवरात्रि : 59 साल बाद बनेगा ये विशेष योग, साधना सिद्धि के लिए इस विधि से करें पूजा मासिक शिवरात्रि : आज के दिन ही शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे भोलेनाथ, जानें इसका महत्व और व्रत विधि Read the full article
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आज है मासिक शिवरात्रि, जानिए इसका महत्व, नियम और पूजा-विधि
चैतन्य भारत न्यूज आज मासिक शिवरात्रि है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा होती है। मान्यता है कि, शिवरात्रि के दिन जो भी भक्त भगवान शिव की पूजा सच्चे मन से करता है उसे सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि का महत्व, पूजा विधि और नियम।
मासिक शिवरात्रि का महत्व हिन्दू धर्म में मासिक शिवरात्रि का अपना अलग ही महत्व है। इस दिन व्रत और भगवान शिव की आराधना करने से मनोमनाएं पूरी होती हैं। मान्यता है कि, कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत करती हैं। शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता, पार्वती ने भी शिवरात्र�� का व्रत करके भगवान शिव का पूजन किया था। इस दिन व्रत करने से विवाह में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं। मासिक शिवरात्रि की पूजा-विधि सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण कर शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शकर, शहद, दही आदि से करें। पूजा के दौरान भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें। शिवरात्रि व्रत में उपवास या फलाहार की मान्यता है। शिवरात्रि के दिन रात में भी जागरण करना चाहिए। इस दौरान 'ऊं नम: शिवाय' का जाप करते रहें। इस दिन शिव चालीसा, शिव पुराण, रूद्राक्ष माला से महामृत्युंज्य मंत्र का जाप करने से भी भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। मासिक शिवरात्रि के नियम ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए कभी भी काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। शिवलिंग की पूजा करते समय भूलकर भी सिंदूर, तिल और हल्दी नहीं चढ़ना चाहिए। शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय गलती से भी तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए। शास्त्रों में इसे वर्जित माना गया है। Read the full article
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मासिक शिवरात्रि आज, इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा, व्रत करने से मिलता है अनंत फल
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का काफी महत्व है। इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है। प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार मासिक शिवरात्रि 21 अप्रैल को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि का महत्व और व्रत की पूजा-विधि।
मासिक शिवरात्रि का महत्व मासिक शिवरात्रि शिव और शक्ति के संगम का व्रत है। कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि में व्रत, उपवास रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत करने से हर मुश्किल कार्य आसान हो जाता है और जातक की सारी समस्याएं दूर होती हैं। बता दें एक साल में एक महाशिवरात्रि और 11 शिवरात्रियां पड़ती हैं, जिन्हें मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता पार्वती ने भी मासिक शिवरात्रि का व्रत रख कर शिव की पूजा की थी। शिव के भक्त जहां साल में एक बार महाशिवरात्रि बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। मासिक शिवरात्रि पर भी भोलेनाथ की आराधना करने की परंपरा हैं।
मासिक शिवरात्रि पूजा-विधि मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। आप किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव और उनके परिवार (पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी) की पूजा करें। सबसे पहले आप शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से करें। ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं। अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं। ध्यान रहे कि बेलपत्र अच्छी तरह साफ किए होने चाहिए। अब आप भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें। इस दिन रात भर जागरण किया जाता है और शिव की भक्ति में लीन होकर भजन किए जाते हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन शिव पूजा में रुद्राभिषेक का अधिक महत्व होता है। ये भी पढ़े... मासिक शिवरात्रि पर बन रहा है विशेष संयोग, शिव पूजन से पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं महाशिवरात्रि : 59 साल बाद बनेगा ये विशेष योग, साधना सिद्धि के लिए इस विधि से करें पूजा मासिक शिवरात्रि : आज के दिन ही शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे भोलेनाथ, जानें इसका महत्व और व्रत विधि Read the full article
#bhagwaanshiv#kabhaimasikshivratri#kaisekare masikshivratrikipuja#masikshivratri#masikshivratri2020#masikshivratrikamahatv#masikshivratrikaniyam#masikshivratrimekonsekaamnhikarnachahiye#masikshivratripujavidhi#भगवानशिव#मासिकशिवरात्रि#मासिकशिवरात्रि2020#मासिकशिवरात्रिकामहत्त्व#मासिकशिवरात्रिकेदौरानबातें#मासिकशिवरात्रिकेनियम#मासिकशिवरात्रिपूजाविधि
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मासिक शिवरात्रि आज, इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा, व्रत करने से मिलता है अनंत फल
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का काफी महत्व है। इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है। प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार मासिक शिवरात्रि 21 अप्रैल को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि का महत्व और व्रत की पूजा-विधि।
मासिक शिवरात्रि का महत्व मासिक शिवरात्रि शिव और शक्ति के संगम का व्रत है। कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि में व्रत, उपवास रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत करने से हर मुश्किल कार्य आसान हो जाता है और जातक की सारी समस्याएं दूर होती हैं। बता दें एक साल में एक महाशिवरात्रि और 11 शिवरात्रियां पड़ती हैं, जिन्हें मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता पार्वती ने भी मासिक शिवरात्रि का व्रत रख कर शिव की पूजा की थी। शिव के भक्त जहां साल में एक बार महाशिवरात्रि बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। मासिक शिवरात्रि पर भी भोलेनाथ की आराधना करने की परंपरा हैं।
मासिक शिवरात्रि पूजा-विधि मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। आप किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव और उनके परिवार (पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी) की पूजा करें। सबसे पहले आप शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से करें। ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं। अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं। ध्यान रहे कि बेलपत्र अच्छी तरह साफ किए होने चाहिए। अब आप भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें। इस दिन रात भर जागरण किया जाता है और शिव की भक्ति में लीन होकर भजन किए जाते हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन शिव पूजा में रुद्राभिषेक का अधिक महत्व होता है। ये भी पढ़े... मासिक शिवरात्रि पर बन रहा है विशेष संयोग, शिव पूजन से पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं महाशिवरात्रि : 59 साल बाद बनेगा ये विशेष योग, साधना सिद्धि के लिए इस विधि से करें पूजा मासिक शिवरात्रि : आज के दिन ही शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे भोलेनाथ, जानें इसका महत्व और व्रत विधि Read the full article
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मासिक शिवरात्रि आज, इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा, व्रत करने से मिलता है अनंत फल
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का काफी महत्व है। इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है। प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार मासिक शिवरात्रि 22 मार्च को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि का महत्व और व्रत की पूजा-विधि।
मासिक शिवरात्रि का महत्व मासिक शिवरात्रि शिव और शक्ति के संगम का व्रत है। कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि में व्रत, उपवास रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत करने से हर मुश्किल कार्य आसान हो जाता है और जातक की सारी समस्याएं दूर होती हैं। बता दें एक साल में एक महाशिवरात्रि और 11 शिवरात्रियां पड़ती हैं, जिन्हें मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता पार्वती ने भी मासिक शिवरात्रि का व्रत रख कर शिव की पूजा की थी। शिव के भक्त जहां साल में एक बार महाशिवरात्रि बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। मासिक शिवरात्���ि पर भी भोलेनाथ की आराधना करने की परंपरा हैं।
मासिक शिवरात्रि पूजा-विधि मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। आप किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव और उनके परिवार (पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी) की पूजा करें। सबसे पहले आप शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से करें। ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं। अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं। ध्यान रहे कि बेलपत्र अच्छी तरह साफ किए होने चाहिए। अब आप भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें। इस दिन रात भर जागरण किया जाता है और शिव की भक्ति में लीन होकर भजन किए जाते हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन शिव पूजा में रुद्राभिषेक का अधिक महत्व होता है। ये भी पढ़े... मासिक शिवरात्रि पर बन रहा है विशेष संयोग, शिव पूजन से पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं महाशिवरात्रि : 59 साल बाद बनेगा ये विशेष योग, साधना सिद्धि के लिए इस विधि से करें पूजा मासिक शिवरात्रि : आज के दिन ही शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे भोलेनाथ, जानें इसका महत्व और व्रत विधि Read the full article
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आज है मासिक शिवरात्रि, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए जान लें व्रत के नियम
चैतन्य भारत न्यूज हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानी 14वें दिन मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। मासिक त्योहारों में शिवरात्रि का व्रत और पूजन का महत्व माना जाता है। इस बार मासिक शिवरात्रि 23 जनवरी को मनाई जाएगी। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि का महत्व और पूजा-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
मासिक शिवरात्रि का महत्व हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का अपना अलग ही महत्व है। शिव के भक्त जहां साल में एक बार महाशिवरात्रि बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। मासिक शिवरात्रि पर भी भोलेनाथ की आराधना करने की परंपरा हैं। शिव पुराण के अनुसार इस दिन व्रत और भगवान शिव की आराधना करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत करने से मुश्किलें दूर होने लगती हैं।
कहा जाता है कि कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत करती हैं। इससे विवाह में आ रही रुकावटें भी दूर होती हैं। बता दें एक साल में एक महाशिवरात्रि और 11 शिवरात्रियां पड़ती हैं, जिन्हें मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता पार्वती ने भी मासिक शिवरात्रि का व्रत रख कर शिव की पूजा की थी। मासिक शिवरात्रि की पूजा-विधि सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण कर शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शकर, शहद, दही आदि से करें। पूजा के दौरान भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें। शिवरात्रि व्रत में उपवास या फलाहार की मान्यता है। शिवरात्रि के दिन रात में भी जागरण करना चाहिए। इस दौरान 'ऊं नम: शिवाय' का जाप करते रहें। इस दिन शिव चालीसा, शिव पुराण, रूद्राक्ष माला से महामृत्युंज्य मंत्र का जाप करने से भी भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। ये भी पढ़े... यहां है पुष्य नक्षत्र का 700 साल पुराना मंदिर, भगवान शिव और शनिदेव की एक साथ होती है आराधना भगवान शिव के अंतिम ज्योतिर्लिंग के दर्शन से पूरी होती है संतानप्राप्ति की मनोकामना इस रहस्यमयी मंदिर में 5 घंटों तक भगवान शिव के पास बैठा रहता है सांप Read the full article
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आज है मासिक शिवरात्रि, जानिए इसका महत्व, नियम और पूजा-विधि
चैतन्य भारत न्यूज हर साल फाल्गुन महीने में पड़ने वाली महाशिवरात्रि के साथ-साथ सावन की शिवरात्रि का भी बहुत महत्व है। आज मासिक शिवरात्रि है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा होती है। मान्यता है कि, सावन के महीने में आने वाले शिवरात्रि के दिन जो भी भक्त भगवान शिव की पूजा सच्चे मन से करता है उसे सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है।
सावन महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर शिवरात्रि मनाई जाती है, जिसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। मासिक शिवरात्री के मौके पर भगवान शिव के मंदिरों में आज सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि का महत्व, पूजा विधि और नियम। मासिक शिवरात्रि का महत्व हिन्दू धर्म में मासिक शिवरात्रि का अपना अलग ही महत्व है। इस दिन व्रत और भगवान शिव की आराधना करने से मनोमनाएं पूरी होती हैं। मान्यता है कि, कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत करती हैं। शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता, पार्वती ने भी शिवरात्रि का व्रत करके भगवान शिव का पूजन किया था। इस दिन व्रत करने से विवाह में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं। मासिक शिवरात्रि की पूजा-विधि सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण कर शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शकर, शहद, दही आदि से करें। पूजा के दौरान भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें। शिवरात्रि व्रत में उपवास या फलाहार की मान्यता है। शिवरात्रि के दिन रात में भी जागरण करना चाहिए। इस दौरान 'ऊं नम: शिवाय' का जाप करते रहें। इस दिन शिव चालीसा, शिव पुराण, रूद्राक्ष माला से महामृत्युंज्य मंत्र का जाप करने से भी भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। मासिक शिवरात्रि के नियम ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए कभी भी काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। शिवलिंग की पूजा करते समय भूलकर भी सिंदूर, तिल और हल्दी नहीं चढ़ना चाहिए। शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय गलती से भी तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए। शास्त्रों में इसे वर्जित माना गया है। Read the full article
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मासिक शिवरात्रि आज, इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा, व्रत करने से मिलता है अनंत फल
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का काफी महत्व है। इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है। प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार मासिक शिवरात्रि 8 जून को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि का महत्व और व्रत की पूजा-विधि।
मासिक शिवरात्रि का महत्व मासिक शिवरात्रि शिव और शक्ति के संगम का व्रत है। कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि में व्रत, उपवास रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत करने से हर मुश्किल कार्य आसान हो जाता है और जातक की सारी समस्याएं दूर होती हैं। बता दें एक साल में एक महाशिवरात्रि और 11 शिवरात्रियां पड़ती हैं, जिन्हें मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता पार्वती ने भी मासिक शिवरात्रि का व्रत रख कर शिव की पूजा की थी। शिव के भक्त जहां साल में एक बार महाशिवरात्रि बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। मासिक शिवरात्रि पर भी भोलेनाथ की आराधना करने की परंपरा हैं।
मासिक शिवरात्रि पूजा-विधि मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। आप किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव और उनके परिवार (पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी) की पूजा करें। सबसे पहले आप शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से करें। ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं। अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं। ध्यान रहे कि बेलपत्र अच्छी तरह साफ किए होने चाहिए। अब आप भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें। इस दिन रात भर जागरण किया जाता है और शिव की भक्ति में लीन होकर भजन किए जाते हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन शिव पूजा में रुद्राभिषेक का अधिक महत्व होता है। ये भी पढ़े... मासिक शिवरात्रि पर बन रहा है विशेष संयोग, शिव पूजन से पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं महाशिवरात्रि : 59 साल बाद बनेगा ये विशेष योग, साधना सिद्धि के लिए इस विधि से करें पूजा मासिक शिवरात्रि : आज के दिन ही शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे भोलेनाथ, जानें इसका महत्व और व्रत विधि Read the full article
#bhagwaanshiv#kabhaimasikshivratri#kaisekare masikshivratrikipuja#masikshivratri#masikshivratri2021#masikshivratrikamahatv#masikshivratrikaniyam#masikshivratrimekonsekaamnhikarnachahiye#masikshivratripujavidhi#भगवानशिव#मासिकशिवरात्रि#मासिकशिवरात्रि2021#मासिकशिवरात्रिकामहत्त्व#मासिकशिवरात्रिकेदौरानबातें#मासिकशिवरात्रिकेनियम#मासिकशिवरात्रिपूजाविधि
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