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#मधुमेह के लिए गन्ने का रस
jairohanijbp · 2 years
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1. गन्ने का रस आपको तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है।
2.गन्ने का रस आपके लिवर के लिए लाभदायक है
3. गन्ने का रस कैंसर से लड़ने में मदद करता है
4.गन्ने का रस पाचन तंत्र (डाइजेस्टिव सिस्टम) को स्वस्थ रखने में मदद करता है
5. गन्ने का रस मधुमेह (डायबिटीज) से पीड़ित लोगों के लिए भी लाभदायक हो सकता है
6. गन्ने का रस आपके गुर्दों (किडनीस) को स्वस्थ रखता है
7. गन्ने का रस यौन संचारित रोग (एसटीडी) और मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) से जुड़े दर्द को कम करता है
8. गन्ने का रस हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाये रखता है
9.गन्ने का रस सांसों की दुर्गंध और दांतों की सड़न से बचाता है
10. गन्ने का रस मुंहासों (एक्ने) को ठीक करने में मदद कर सकता है
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hindinewshub · 4 years
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इम्यूनिटी बूस्ट ही नहीं मुंह की बदबू से भी छुटकारा देता है गन्‍ने का रस, जानें कई गजब के फायदे मुंह की दुर्गंध हो या खराब इम्यूनिटी, दोनों ही चीजें अक्सर व्यक्ति के लिए परेशानी का सबब बन जाती हैं। इम्यूनिटी कमजोर होने पर व्यक्ति जल्दी संक्रमण की चपेट में आकर बीमार पड़ जाता है तो मुंह की बदबू ...। Image Source link
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sabkuchgyan · 4 years
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गन्ने के रस के कुछ ऐसे फायदे जो बहुत से लोग नहीं जानते
गन्ने के रस के कुछ ऐसे फायदे जो बहुत से लोग नहीं जानते
गन्ने का रस आपको कहीं भी आसानी से मिल जायेगा, यह आपको शरीर के लिए बहुत सफुर्ती लाता है. वहीं इस रस में कैंसर व मधुमेह जैसी जानलेवा बीमारियों से लड़ने की ताकत भी होती है. गन्ने का रस बहुत ही सेहतमंद और गुणकारी पेय है. इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, मैग्नेशियम और फॉस्फोरस जैसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं. इनसे हड्डि‍यां मजबूत बनती हैं और दांतों की समस्या भी कम होती है. गन्ने के रस के ये पोषक…
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फंगल इन्फेक्शन के लिए घरेलु उपाय Home Remedies for Fungal Infection
#fungalinfection #dadkailaj #dadkhajkhujli AYUSH MINISTRY GUIDELINES FOR CORONA (HINDI) https://youtu.be/ZgyH3HhJomg पेशाब में जलन आयुर्वेदिक चिकित्सा https://youtu.be/GMf24uncPM4 पेशाब में जलन के लक्षण https://youtu.be/7qWiArcJXnA बार बार पेशाब में जलन होने के कारण https://youtu.be/0-_fm0hdjds Migraine Headache माइग्रेन का इलाज https://youtu.be/V6G1K9ShRYM Migraine headache माइग्रेन के कारण https://youtu.be/HllI-0IRxRM माइग्रेन के लक्षण https://youtu.be/KTDqsEO81Zg sinusitis सायनस की आयुर्वेद ट्रीटमेंट https://youtu.be/CykRKgvxv90 सायनस के कारण https://youtu.be/I9d-6y5Sv0g सायनस के लक्षण https://youtu.be/ifM8rnf921k acidity ka ilaj एसिडिटी की आयुर्वेद ट्रीटमेंट https://youtu.be/lqsqVAFLHJE एसिडिटी के कारण https://youtu.be/a9fhD5xSzPo एसिडिटी के लक्षण https://youtu.be/J_nz0kn_xak कमरदर्द के कारण https://youtu.be/pNHiPyp_rO0 Kati Basti Treatment Ayurveda Panchakarma https://youtu.be/DudApvsv3p8 Side Effects Of Weight Loss Treatment | https://youtu.be/Hy1BhM7m4MA यूरिक एसिड गाउट Part 1   https://youtu.be/eMqh6OpsCfQ गाउट, यूरिक एसिड  के लक्षण | Uric acid GOUT Symptoms Part 2    https://youtu.be/9rq6StB8XVY गाउट, यूरिक एसि�� की आयुर्वेद ट्रीटमेंट | Uric acid GOUT AYURVED TREATMENT Part  3   https://youtu.be/yetlgBm9IEU शहद (हनी) के फायदे | https://youtu.be/SK4ukFLGIC0 गाय का देसी घी फायदे  https://youtu.be/yPUPO1KrY9U गन्ने का रस पिने के फायदे और सावधानियाँ  https://youtu.be/QnMspfxtZeE क्या आप अपने मन से एंटीबायोटिक दवाई खाते हैं https://youtu.be/j0h2XyPRHoY क्या आप भी इन्टरनेट / YOUTUBE पर बताई आयुर्वेद दवाई लेते है ?   https://youtu.be/4elUgJuiyaM आयुर्वेद के अनुसार डायबेटीज (मधुमेह) के कारण  https://youtu.be/-rYixrdjKY8 आयुर्वेद के अनुसार मोटापे के कारण https://youtu.be/sloI2QfwUmo स्कुल टीचर्स और प्रोफेसर गले की बिमारिया https://youtu.be/kwkYNgQgSsY गुस्से को काबू करने का आयुर्वेदिक उपाय https://youtu.be/Kw1diz-MuqE आयुर्वेद इन हिंदी. what is Ayurveda ?   https://youtu.be/_QQ6Jx8MZ10 पाईल्स/बवासीर के कारण लक्षण आयुर्वेद इलाज। piles causes ayurvedic treatment   https://youtu.be/RYWPKrqXN0M फैटी लीवर संपूर्ण आयुर्वेदिक उपचार  https://youtu.be/SUX4fmDm3hE मुंह के छाले  Muh ke chhale ( Mouth Ulcers)   https://youtu.be/8G1BJxpKIAo दिन में सोने से होने वाली बीमारिया   https://youtu.be/CA_MFbblid4 तेल लागानेसे बाल बढते है?    https://youtu.be/c6E2QmbGyNw अगर आपको आयुर्वेद पंचकर्म के बारे में विस्तृत जानकारी लेंनी  है तो पंचकर्म क्या होता है ? हिंदी | What is Panchakarma? https://youtu.be/TxCV8fySw6Y पंचकर्म के फायदे   https://youtu.be/rIxLtxexv2M वमन पंचकर्म https://youtu.be/rFvCNBmgHvU रक्तमोक्षण पंचकर्म   https://youtu.be/KoJKNxlWuGE विरेचन पंचकर्म   https://youtu.be/b3xDiYX42Gs नस्य पंचकर्म   https://youtu.be/evxVtYQlHA0 बस्ती पंचकर्म   https://youtu.be/tUnFSFQyXWA शिरोधारा के फायदे shirodhara ke fayde https://youtu.be/pBdxt89U3_Y शिरोधारा क्या है What is Shirodhara https://youtu.be/pyLHOBU5QXI netra tarpan ke fayde नेत्र तर्पण के फायदे https://youtu.be/rutRyo0ZGxE netra tarpan ka vidhi नेत्र तर्पण का विधि https://youtu.be/fKnHNm82M1c षट्कर्म होता है ? योग से शरीर शुद्धि क्रिया | what is shatkarma in yoga ?   https://youtu.be/-Q2vgR4YBsE जलनेति के फायदे , विधि     https://youtu.be/rXR8cppwvi4 कपालभाती के फायदे विधि | Kapalbhati https://youtu.be/30acLZ_rCLg त्राटक शुद्धिक्रिया के फायदे विधि https://youtu.be/Rg3kvQ1wWC8 #YogaAyurvedHealthDotCom #health  #healthtips #ayurved #आयुर्वेद #योगा #yoga #homermedies #ghareluupay #fungaltreatment #fungalinfectiononskintreatment #fungalinfectionkhujli #fungal_infection_treatment #fungalnails #fungalinfectionringworm #fungalacne #fungalinfectiontreatment #fungalinfectionsolution #fungalingectiontreatment #fungalkyuhotahai #fungalmedicine #fungalparhej #fungalringwormtreatment #dadkaisetheekkre #khujlikeliye #khujlitreatment #khujlikailaj #skindisease #skininfection #skinitching #skinitchinghomeremedies #skinproblems #skinremedy #skinredness #khujlikaghareluilaj
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gethealthy18-blog · 5 years
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गुड़ के फायदे और नुकसान – Jaggery Benefits and Side Effects in Hindi
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गुड़ के फायदे और नुकसान – Jaggery Benefits and Side Effects in Hindi
गुड़ के फायदे और नुकसान – Jaggery Benefits and Side Effects in Hindi Bhupendra Verma Hyderabd040-395603080 January 22, 2020
घर के बड़े-बुजुर्ग हों या फिर डॉक्टर, सभी स्वस्थ रहने के लिए चीनी से दूर रहने की सलाह देते हैं। कायदे से देखा जाए, तो यह बात सही भी है। चीनी कई बीमारियों की जड़ हैं, लेकिन अगर हम कहें कि खाने के बाद थोड़ा मीठा खाना बनता है, तो आपका हैरान होना जायज है। यहां हम मीठे के रूप में चीनी की नहीं, बल्कि गुड़ की बात कर रहे हैं। चीनी के मुकाबले गुड़ को सेहत के लिए फायदेमंद माना गया है। ऐसा माना जाता है कि खाने के बाद गुड़ का सेवन करने से भोजन जल्दी हजम हो जाता है और पाचन तंत्र भी ठीक रहता है। अब इन सभी बातों में कितनी सच्चाई है, स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में इसी का पता लगाएंगे। यहां हम कुछ शारीरिक समस्याओं की चर्चा भी करेंगे और जानेंगे कि इन समस्याओं में गुड़ कितना फायदेमंद है। इस आर्टिकल में हम गुड़ के औषधीय गुण व गुड़ खाने के फायदे के साथ-साथ गुड़ खाने के नुकसान पर भी चर्चा करेंगे।
इस लेख में सबसे पहले गुड़ के फायदे जानेंगे और आखिर में इसके नुकसान के बारे में।
विषय सूची
गुड़ के फायदे – Benefits of Jaggery in Hindi
गुड़ कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। गुड़ को गन्ने की रस से बनाया जाता है। इसके लिए गन्ने की रस को किसी बड़े बर्तन में रखकर आग से गर्म किया जाता है, जो कुछ समय बाद गुड़ का रूप ले लेता है। वहीं, चीनी को भी गन्ने के रस से प्राप्त किया जाता है, लेकिन चीनी गन्ने के रस का रिफाइंड रूप है, जबकि गुड़ अनरिफाइंड प्रकार है। इस कारण से गुड़ में अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं। इस प्रकार ब्राउन शुगर व साधारण चीनी के मुकाबले गुड़ बेहतर विकल्प हो सकता है। आइए, अब गुड़ के फायदों पर विस्तार से चर्चा करते हैं (1) :
1. पाचन में सुधार
लोग अक्सर भोजन के बाद मीठा खाना पसंद करते हैं। ऐसे में चीनी से बनी कोई चीज खाने की जगह गुड़ का सेवन करना उनके पाचन क्रिया के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। गुड़ शरीर के लिए डाइजेस्टिव एजेंट की तरह काम करता है। इससे पाचन क्रिया में सुधार हो सकता है (2)। इसलिए, ऐसा माना जा सकता है कि गुड़ के फायदे पाचन में सुधार करने के लिए हो सकते हैं।
2. एनीमिया
एनीमिया वह स्थिति होती है, जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है। इससे थकान और कमजोरी होने लगती है। अगर किसी को एनीमिया की समस्या है, तो आयरन युक्त आहार के सेवन से इस समस्या को कम किया जा सकता है। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) में प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध में किया गया है। इस शोध से पता चलता है कि जिन गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी होती है, उन्हें एनीमिया की शिकायत होती है। वहीं, गुड़ को आयरन के मुख्य स्रोत में से एक माना गया है। इसलिए, गुड़ का सेवन करने से शरीर में आयरन की पूर्ति की जा सकती है। साथ ही एनीमिया की समस्या से राहत मिल सकती है (3)।
3. लीवर डिटॉक्सिफिकेशन के लिए
गुड़ खाने के फायदे में लीवर को डिटॉक्सिफाई यानी विषैले पदार्थों को साफ करना भी शामिल है। दरअसल, गुड़ में एंटीटॉक्सिक गुण पाए जाते हैं, जो शरीर से विषैले पदार्थ को बहार निकालने में मदद कर सकता है (4)। इसके अलावा, गुड़ के सेवन से लीवर को रेगुलेट करने में मदद मिल सकती है (5)। गुड़ लीवर को कैसे डिटॉक्सिफाई करता है, इस संबंध में सीधे तौर पर कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है।
4. इम्यून फंक्शन में सुधार
गुड़ का सेवन कर शरीर के इम्यून सिस्टम (प्रतिर��्षा प्रणाली) को मजबूत करने में मदद मिल सकती है। दरअसल, गुड़ में कुछ मात्रा विटामिन-सी की पाई जाती है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ रखने का काम कर सकता है। अगर प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक रहेगी, तो कई शारीरिक समस्या को दूर रखने में मदद मिल सकती है। इनमें कैंसर और हृदय रोग जैसी घातक बीमारियां भी शामिल हैं (6)।
5. वजन घटाने के लिए
गुड़ खाने के फायदे वजन को कम करने के लिए भी हो सकते हैं। दरअसल, गुड़ में फाइबर पाए जाते है, जो चीनी की तुलना में धीरे धीरे पचता है और शरीर में ऊर्जा को बनाए रखता है (7)। इससे भूख को लंबे समय तक शांत रखा जा सकता है। इसके अलावा, फाइबर मोटापे को कम करने का भी काम कर सकता है (8)। इसलिए, ऐसा माना जा सकता है कि गुड़ वजन को कम करने का काम कर सकता है, लेकिन इस संबंध में अभी और शोध की आवश्यकता है।
6. एंटीऑक्सीडेंट की तरह
गुड़ में सेलेनियम व विटामिन-सी जैसे कई मिनरल व विटामिन पाए जाते हैं, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होता है। यह एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव शरीर में फ्री रेडिकल्स के असर को कम करता है। साथ ही जुकाम और कैंसर जैसी समस्या से बचाए रखने में भी मदद कर सकता है। इसके अलावा, एंटीऑक्सीडेंट गुण दांतों को स्वस्थ और मसूड़ों को मजबूत के साथ ही हृदय रोग और मोतियाबिंद से निजात दिलाने में मदद कर सकता है (6)।
7. त्वचा के लिए
गुड़ के फायदे त्वचा के लिए भी हो सकते हैं। गुड़ और शहद को मिलाकर बनाए गए लेप को त्वचा पर लगाने से बैक्टीरिया व फंगस की समस्या से राहत मिल सकती है, क्योंकि इसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं (9)। बैक्टीरिया त्वचा संबंधी विभिन्न समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इनमें इम्पेटिगो (त्वचा में लाल निशान), एडिमा और सूजन आदि शामिल है (10)। इसलिए, बैक्टीरिया और फंगस के दूर होने से त्वचा स्वस्थ व खिली-खिली नजर आती है। फिलहाल, इस संबंध में और शोध किए जाने की जरूरत है। अभी वैज्ञानिक स्तर पर यह स्पष्ट नहीं है कि गुड़ किस प्रकार त्वचा के लिए फायदेमंद है।
चलिए अब जानते हैं कि गुड़ में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं।
गुड़ के पौष्टिक तत्व – Jaggery Nutritional Value in Hindi
किसी भी खाद्य पदार्थ के महत्व को उसमें मौजूद पोषक तत्वों से समझा जा सकता है। यहां हम टेबल के जरिए बता रहे हैं कि गुड़ में कौन-कौन पोषक तत्व और कितनी मात्रा में होते हैं (11)।
पोषक तत्व मूल्य प्रति 100 g ऊर्जा 375 Kcal कार्बोहाइड्रेट 100 g शुगर 100 g सोडियम Na 250 mg
अब आगे जानेंगे कि गुड़ को किस-किस तरह से उपयोग किया जा सकता है।
गुड़ का उपयोग – How to Use Jaggery in Hindi
गुड़ को कई तरह से खाने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है, जो इस प्रकार है :
कैसे खाएं :
गुड़ को सीधे खाया जा सकता है।
गुड़ को रोटी क��� साथ खाया जा सकता है।
इसे चाय में चीनी की जगह मिलाया जा सकता है।
गुड़ और तिल को मिलाकर लड्डू बनाया जा सकता है।
इसे हलवा बनाने में उपयोग किया जा सकता है।
गुड़ से स्वादिष्ट गुलगुले भी बनाए जा सकते हैं।
कई लाेग गुड़ की बनी चिक्की भी स्वाद से खाते हैं।
कब खाएं :
सुबह और शाम गुड़ की चाय पी जा सकती है।
दोपहर और रात को खाना खाने के बाद थोड़ा-सा गुड़ खाया जा सकता है।
कितना खाएं : फिलहाल ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि प्रतिदिन कितना गुड़ खाना चाहिए। इसलिए, गुड़ की उचित मात्रा जानने के लिए आहार विशेषज्ञ की सलाह ली जा सकती है।
आइए, अब जानते हैं कि गुड़ खाने के नुकसान क्या-क्या हैं।
गुड़ के नुकसान – Side Effects of Jaggery in Hindi
कई बार गुड़ खाने के नुकसान भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
अधिक मात्रा में गुड़ खाने से इसमें मौजूद शुगर के कारण टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोग की जोखिम बढ़ सकती है (12)।
 अधिक मात्रा में गुड़ खाने से आंत में कीड़े होने की समस्या हो सकती है।
अब तो स्पष्ट हो गया कि चीनी का बेहतरीन विकल्प गुड़ है। इसलिए, मीठा खाने के शौकीन लोगों को मीठे से परहेज करने की जरूरत नहीं है। बस वो चीनी की जगह सीमित मात्रा में गुड़ का सेवन करें। इससे न सिर्फ मीठे की तलब पूरी होगी, बल्कि गुड़ के औषधीय गुण भी मिलेंगे। हां, अगर कोई मधुमेह या ह्रदय रोग से पीड़ित है, तो वह डॉक्टर की सलाह पर ही गुड़ का इस्तेमाल करे। हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख में दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। अगर आप गुड़ के संबंध में और कुछ जानना चाहते हैं, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमें संपर्क कर सकते हैं।
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Bhupendra Verma
भूपेंद्र वर्मा ने सेंट थॉमस कॉलेज से बीजेएमसी और एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी से एमजेएमसी किया है। भूपेंद्र को लेखक के तौर पर फ्रीलांसिंग में काम करते 2 साल हो गए हैं। इनकी लिखी हुई कविताएं, गाने और रैप हर किसी को पसंद आते हैं। यह अपने लेखन और रैप करने के अनोखे स्टाइल की वजह से जाने जाते हैं। इन्होंने कुछ डॉक्यूमेंट्री फिल्म की स्टोरी और डायलॉग्स भी लिखे हैं। इन्हें संगीत सुनना, फिल्में देखना और घूमना पसंद है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/gud-ke-fayde-aur-nuksan-in-hindi/
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margdarsanme · 3 years
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स्वास्थ्य सम्बन्धी रोचक घरेलू औषधियां Home Remedies in Hindi
अकसर कई बार आपातकाल में विभिन्न तरह के बीमारियों में साधारण घरेलू नुस्खे काम कर जाते हैं। प्राचीनकाल से ही वैद्य बीमारियों का उपचार घरेलू औषधियां से ही करते आ रहे थे। जोकि काफी असरदार और सुरक्षित होती थी। 
कालांतर में बहुत सी गूढ़ ज्ञान विलुप्त होता गया। और व्यक्ति आयुर्वेद ज्ञान से भ्रमित हो गया। परन्तु हमारा प्रयास हमेशा पाठकों के लिए साइंसटिक आर्युवेद उपचार की रही है। कुछ खास महत्वपूर्ण घरेलू उपचार औषधियां अलग-अलग बीमारियों के अनुसार निम्नलिखत है। जोकि काफी फायदेमंद हैं।
अलग-अलग समस्याओं के लिए कुछ खास घरेलू औषधियां / Home Remedies in Hindi / Bimari ke Gharelu Upchar
पेट गैस कब्ज
पेट में गैस कब्ज समस्या में हरड़, बहेड़ा, आंवला, अजवाइन का पाउडर बनाकर उस में काला नमक मिलाकर सेवन करने से पेट पाचन गैस कब्ज सम्बन्धि समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
खाज खुजली
शरीर पर खाज खुजली होनी पर 8 नींम पत्ता और 5 कच्ची जंगली बेर मिलाकर लगातार खाने से त्वचा से खाज खुजली से जल्दी छुटकारा मिलता है। 
पथरी
कुल्थ दाल रात को भिगोंकर रोज सुबह, दोपहर रात्रि का पानी पथरी रोगी को पिलाएं और 1-2 गिलास पानी हर दो घण्टे में पीने से पथरी पेशाब के रास्तें बाहर आ जाती है। यदि पथरी गुर्दे के बाहर हो।
लकवा
लकवा होने पर आंक के पत्तों को तवे में सरसों तेल के साथ पकायें और फिर पत्तों को लकवाग्रस्त अंग पर 20 मिनट तक मलते रहें और फिर उन्ही पत्तों को पके तवे के तेल में भिगो कर लकवाग्रस्त अंगों पर बांधने से 15 दिनों में लाभ मिल जायेगा। यह प्रक्रिया सुबह और रात को सोत समय करनी चाहिए।
पीलिया
पीलिया रोग होने पर गन्ना का रस एक रामबाण ईलाज है। गन्ने के ड़ठल को चूसें और उसका रस पीने से पीलिया दूर होता है। जौ को भून कर आटा सत्तू बना लें, सत्तू को गन्ने के रस के साथ खाने से पीलिया वक्त से पहले ही ठीक हो जाता है। और मूली की हरी पत्तियां का सेवन पीलिया के रोगी के लिए फायदेमंद है।
गठिया
गठिया रोगी के लिए मूली एक रामबाण औषधि है। रोगी को मूली का रस, अदरक का रस, पत्ता गोभी का रस, तीनों को मिला कर दिन में 2 बार पिलाने से गठिया से छुटकारा मिलता है। मूली में क्यारिन होता है। मूली के बीजों को पीसें और तिली के तेल में भुनें। और शरीर के ग्रसित अंगों पर लेपें और पट्टी बांधें, गठिया से तुरन्त छुटकारा मिलेगा। लगभग 100 ग्राम छिली लहसुन को 20 एम.एल. मछली तेल में पकायें गलायें। हल्का ठंड़ा होने पर नित्य सुबह, रात्रि सोते समय ग्रसित अंगों पर मालिश करने से गठिया से जल्दी छुटकारा मिलता है।
गुर्दे का दर्द
गाजर के रस में दो रत्ती फिटकरी भस्म घोलकर पीने से बहुत आराम मिलता है। और मिर्च का सेवन बन्द कर दें तो 15 दिन में गुर्दे दर्द से छुटकारा मिल जायेगा।
मधुमेह
करेले और गाजर के रस को पीने से शुरूआती मधुमेह से छुटकारा मिलता है। और मधुमेह मरीज के लिए करेला, जामुन, नींम, कलौंजी, दालचीनी, सलाद सेवन शुगर लेवल नियंत्रण में रखने का सफल अजमाये तरीके हैं।
पाईल्स
नींम की हरी कोमल पत्तियां चकाकर खायें। और 10 मिनट बाद जंगली कच्ची बेर खाएं। नींम हरी कोमल पत्तियां जंगली बेर बारी बारी से खाने से पाईल्स धीरे धीरे पूरी तरह से ठीक हो जाती है। अचार, मिर्च, मसाले, गुटका, सौंफ, सुपारी आदि तरह की कठोर चीजें बिल्कुल नहीं खायें।
एक्जींमा
सोयाबीन का दूध एक्जींमा रोगी के लिए एक महत्वपूर्ण गुणकारी है। सोयाबीन में सम्पूर्ण गुण विघमान होते है जोकि एक्जींमा को दूर करने में सहयक है।
कुष्ठ कोढ़
खैर का छिलका, आंवला, बड़ी इलायची, लौंग, नीबूं रस पीला संखिया का मिश्रण बराबर मात्रा में लेकर पत्थर में घोटें। और जहाँ पर सफेद दाग हों उन पर लगायें। धीरे-धीरे फायदा होगा। यह एक प्राचीन चमत्कारी आर्युवेद औषधि है।
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आयुर्वेद म्हणजे काय ? Ayurveda basic information marathi what is ayurveda ?
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sabkuchgyan · 4 years
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गन्ने के रस के कुछ ऐसे फायदे जो बहुत से लोग नहीं जानते
गन्ने के रस के कुछ ऐसे फायदे जो बहुत से लोग नहीं जानते
गन्ने का रस आपको कहीं भी आसानी से मिल जायेगा, यह आपको शरीर के लिए बहुत सफुर्ती लाता है. वहीं इस रस में कैंसर व मधुमेह जैसी जानलेवा बीमारियों से लड़ने की ताकत भी होती है. गन्ने का रस बहुत ही सेहतमंद और गुणकारी पेय है. इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, मैग्नेशियम और फॉस्फोरस जैसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं. इनसे हड्डि‍यां मजबूत बनती हैं और दांतों की समस्या भी कम होती है. गन्ने के रस के ये पोषक…
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gethealthy18-blog · 5 years
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मेपल सिरप के 11 फायदे, उपयोग और नुकसान – Maple Syrup Benefits and Side Effects in Hindi
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मेपल सिरप के 11 फायदे, उपयोग और नुकसान – Maple Syrup Benefits and Side Effects in Hindi
मेपल सिरप के 11 फायदे, उपयोग और नुकसान – Maple Syrup Benefits and Side Effects in Hindi Soumya Vyas Hyderabd040-395603080 October 15, 2019
अगर आप डायबिटीज से ग्रसित हैं, लेकिन बिना मीठा खाए आपका दिन खत्म नहीं होता, तो आप मेपल सिरप इस्तेमाल कर सकते हैं। चौंकिए मत, यह खूबसूरत सुनहरा सिरप आपके खाने का जायका बढ़ाने के साथ-साथ आपकी सेहत के लिए भी गुणकारी है। खासकर, उत्तर-पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका और पूर्वी कनाडा में बनने वाले इस मेपल सिरप के फायदे के बारे में हम स्टाइलक्रेज के इस लेख में विस्तार से बताएंगे (1)। आप जानेंगे कि मेपल सिरप क्या होता है और यह किस तरह से फायदेमंद है। इस लेख को पूरा पढ़ लेने के बाद आप मेपल सिरप के स्वास्थ्य लाभ और नुकसान के बारे में अच्छी तरह से समझ जाएंगे।
लेख से सबसे पहले भाग में जानिए कि मेपल सिरप क्या है।
विषय सूची
मेपल सिरप क्या है? – What is Maple Syrup in Hindi
मेपल के पेड़ों से निकलने वाले रस को मेपल सिरप कहा जाता है। पेड़ो में इस रस के बनने की शुरुआत सर्दियों में होती है, जब मेपल की पत्तियों में मौजूद शुगर, कार्बोहाइड्रेट में बदल कर पेड़ की लकड़ियों में जमा होने लगती है। वसंत ऋतु तक ये कार्बोहाइड्रेट्स पिघल कर रस के रूप में पेड़ों से बहने लगते हैं। उसी दौरान मशीन की मदद से पेड़ के तने में छेद करके इस रस को निकाला जाता है (1)।
यह जानने के बाद कि मेपल सिरप क्या होता है, अब समय है मेपल सिरप के फायदे के बारे में जानने का।
मेपल सिरप के फायदे – Benefits of Maple Syrup in Hindi
1. पाचन शक्ति बढ़ाए
मेपल सिरप आपकी पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदद कर सकता है। दरसरल, मेपल सिरप में प्रीबायोटिक गुण होते हैं, जो आंत के लिए लाभकारी होते हैं। ये शरीर में लैक्टिक एसिड का उत्पादन बढ़ाते हैं, जो पाचन शक्ति को बेहतर करते हैं और आंत को संक्रमण से बचाते हैं (2) (3)।
2. सूजन को कम करे
मेपल सिरप के लाभ आपको सूजन रोग जैसे अर्थराइटिस से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। मेपल सिरप में मैंगनीज होता है (4)। शोध में पाया गया है कि मैंगनीज में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो अर्थराइटिस की वजह से पैरों में आई सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं (5)।
3. मानसिक स्वास्थ के लिए
मेपल सिरप के स्वास्थ लाभ की बात करें, तो यह आपको दिमाग से जुड़ी बीमारियों से बचा कर, आपके मानसिक स्वास्थ को सही बनाए रखने में मदद कर सकता है। यहां भी इसमें मौजूद मैंगनीज काम करता है (4)। यह दिमाग के लिए के जरूरी खनिज माना गया है। इसका सेवन सही मात्रा में करने से दिमाग में न्यूरोन्स को ��ही ढंग में काम करने में मदद मिलती है। ��ालांकि, मैंगनीज का असंतुलित सेवन न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग जैसे पार्किंसंस का कारण बन सकता है (6)। इसलिए इसका सीमित और संतुलित सेवन जरूरी हैं।
4. कैंसर से बचाए
मेपल सिरप के लाभ आपको कैंसर से बचाने में भी मदद करते हैं। शोध में पाया गया है कि मेपल सिरप के गुण पेट के कैंसर (colorectal cancer) के सेल को बढ़ने से रोक सकते हैं। साथ ही यह भी पाया गया है कि ज्यादा गहरे रंग के मेपल सिरप में ज्यादा एंटीप्रोलिफेरेटिव गुण पाए जाते हैं (7)। इसलिए, यह कहा जा सकता है कि कैंसर के खतरे से बचने के लिए आप मेपल सिरप का उपयोग कर सकते हैं।
5. स्वस्थ दिल के लिए मेपल सिरप के लाभ
आहार में शुगर की मात्रा ज्यादा होने से ब्लड कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ सकता है, जिससे हृदयरोग का खतरा हो सकता है (8)। ऐसे में आप, अपने आहार में मेपल सिरप का उपयोग कर सकते हैं। शक्कर के मुकाबले, इसमें कार्बोहाइड्रेट और शुगर की मात्रा कम होती है (4) (9), जिस वजह से मेपल सिरप आपके हृदय को स्वस्थ बनाए रखने का काम करता है।
6. हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए मेपल सिरप के फायदे
मेपल सिरप के स्वास्थ्य लाभ की बात करें, तो यह हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने के काम भी आता है। मेपल सिरप में कैल्शियम, कॉपर, फास्फोरस व जिंक जैसे कई खनिज पाए जाते हैं, जो हड्डियों के स्वास्थ्य और मजबूती के लिए जरूरी हैं (4) (10)।
7. मधुमेह के लिए मेपल सिरप के स्वास्थ्य लाभ
अगर आप मधुमेह से ग्रसित हैं और डॉक्टर ने आपको शक्कर से दूर रहने को कहा है, तो मीठे के लिए आप मेपल सिरप का उपयोग कर सकते हैं। एक शोध में पाया गया है कि मेपल सिरप ऐसा प्राकृतिक मीठा सिरप है, जिसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है। इससे ब्लड ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इस प्रक्रिया को लोअर ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Lower Glycemic Index) कहा जाता है (11)। इस प्रकार मेपल सिरप के लाभ आपको टाइप 2 डायबिटीज को कम करने में मिल सकते हैं। ध्यान रखें कि मधुमेह कम करने के लिए इसका सेवन नियंत्रित मात्रा में करना जरूरी हैं।
8. एनीमिया के लिए मेपल सिरप के फायदे
खून में आयरन की कमी एनीमिया का सबसे बड़ा कारण होती है। आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन बनाता है, जिससे खून को लाल रंग मिलता है और यह फेफड़ों से ऑक्सीजन को पूरे शरीर में पहुंचाता है (12)। ऐसे में, मेपल सिरप का सेवन लाभदायक हो सकता है। इसमें आयरन पाया जाता है, जिस वजह से यह आपको एनीमिया से निजात पाने में मदद कर सकता है (4)।
9. मेटाबॉलिज्म के लिए
शरीर के ठीक तरह से काम करने के लिए हमारे अंदर चल रही रसायानिक प्रक्रियाओं को मेटाबॉलिज्म कहा जाता है। मेटाबॉलिज्म कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे मधुमेह, ह्रदय रोग व उच्च कोलेस्ट्रोल आदि। कम मेटाबोलिक दर आगे चल कर हृदय रोग, स्ट्रोक और यहां तक कि मृत्यु का कारण भी बन सकती है (13)। जैसा कि हम लेख में बता चुके हैं कि मेपल सिरप मधुमेह, ह्रदय को स्वास्थ्य रखने और उच्च कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। जब ये सब ठीक रहेंगे, तो मेटाबॉलिज्म का स्तर अपने आप संतुलित रहेगा। इस प्रकार कहा जा सकता है कि मेटाबॉलिज्म ठीक करने के उपाय में आप मेपल सिरप का उपयोग कर सकते हैं।
10. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने की शारीरिक क्षमता को रोग प्रतिरोधक क्षमता कहा जाता है। इसके कम होने की वजह से आप आसानी से बीमारियों के चपेट में आ सकते हैं (14)। ऐसे में, मेपल सिरप के फायदे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय में इस्तेमाल किए जा सकते हैं। मेपल सिरप में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो कई प्रकार के संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया से आपको बचाते हैं (15) (16)।
11. साधारण टेबल शुगर से बेहतर विकल्प
ऊपर बताए गए मेपल सिरप के फायदे पढ़ कर आप यह तो समझ ही गए होंगे कि यह स्वास्थ्य के लिए कितना लाभदायक है। साधारण चीनी की जगह मेपल सिरप का उपयोग करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि जहां एक तरफ साधारण चीनी मधुमेह को बढ़ाती है, वहीं मेपल सिरप उसे नियंत्रित करने में मदद करता है (11)। साधारण चीनी की तुलना में मेपल सिरप में फैट, कार्बोहाइड्रेट्स और शुगर की मात्रा कम होती है। इस वजह से यह स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभदायक हो सकता है (4) (9)।
मेपल सिरप के लाभ जानने के बाद, आइये अब आपको इसमें मौजूद पोषक तत्वों के बारे में बात करते हैं।
मेपल सिरप के पौष्टिक तत्व – Maple Syrup Nutritional Value in Hindi
नीचे जानिये कि मेपल सिरप में कौन-कौन से पोषक तत्व और कितनी मात्रा में पाए जाते हैं (4):
पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम पानी 32.39 ग्राम कैलोरी 260 kcal प्रोटीन 0.04 ग्राम टोटल लिपिड (फैट) 0.06 ग्राम ऐश 0.47 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स 67.04 ग्राम शुगर 60.46 ग्राम मिनरल कैल्शियम 102 मिलीग्राम आयरन 0.11 मिलीग्राम मैग्नीशियम 21 मिलीग्राम फास्फोरस 2 मिलीग्राम पोटैशियम 212 मिलीग्राम सोडियम 12 मिलीग्राम जिंक 1.47 मिलीग्राम कॉपर 0.018 मिलीग्राम मैंगनीज 2.908 मिलीग्राम विटामिन थायमिन (B1) 0.066 मिलीग्राम राइबोफ्लेविन (B2) 1.27 मिलीग्राम नियासिन (B3) 0.081 मिलीग्राम विटामिन बी-6 0.002 मिलीग्राम कोलीन 1.6 मिलीग्राम पैन्टोथैनिक एसिड 0.036 मिलीग्राम लिपिड फैटी एसिड (टोटल सैचुरेटेड) 0.007 ग्राम फैटी एसिड (टोटल मोनोअनसैचुरेटेड) 0.011 ग्राम फैटी एसिड (पॉलीअनसैचुरेटेड) 0.017 ग्राम
मेपल सिरप के पोषक तत्वों के बारे में जानने के बाद, आइए आपको इसके उपयोग के बारे में बताते हैं।
मेपल सिरप का उपयोग – How to Use Maple Syrup in Hindi
आप मेपल सिरप का उपयोग कई तरह से कर सकते हैं, जैसे:
● इसे फ्रूट सलाद, पैन केक, आइसक्रीम, पॉपकॉर्न व फ्रेंच टोस्ट आदि के ऊपर डाल कर खा सकते हैं। ● मेपल सिरप को बटर के साथ मिलाकर खाना पकाने में उपयोग किया जा सकता है। ● बेकरी उत्पाद जैसे केक, पुडिंग या कूकीज बनाने में इसका उपयोग वनिला फ्लेवर की तरह किया जा सकता है। ● आप इसका उपयोग डिपिंग सॉस की तरह भी कर सकते हैं। ● इसे कॉकटेल या जूस में मिलाने से पेय को एक अलग स्वाद मिलेगा। ● स्वाद के लिए मेपल सिरप को आप कस्टर्ड में भी मिला सकते हैं।
कितना उपयोग करें:
एक से दो चम्मच मेपल सिरप खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए पर्याप्त होती है। इसका उपयोग करने की मात्रा खाद्य पदार्थ की मात्रा पर निर्भर करती है। ध्यान रखें कि यह स्वाद में मीठा होता है, इसलिए मेपल सिरप की ज्यादा मात्रा खाने को अधिक मीठा बना सकती है।
रोज आहार में शामिल कैसे करें:
अगर आप नाश्ते में फल, पैनकेक व कॉर्नफ्लेक्स आदि खा रहे हैं, तो उन पर एक बड़ा चम्मच मेपल सिरप डालना पर्याप्त होगा।
लेख के अगले भाग में जानिए कि मेपल सिरप, शक्कर और शहद के बीच क्या फर्क होता है।
मेपल सिरप, चीनी और शहद से कैसे अलग है?
मेपल सिरप और चीनी : जैसा कि हम लेख के पहले भाग में बता चुके है मेपल सिरप, मेपल के पेड़ का रस होता है। यह पूरी तरह प्राकृतिक होता है और इसे बनाने में किसी प्रकार के रसायनों और प्रिजर्वेटिव (chemicals and preservatives) का उपयोग नहीं होता। इसे सीधा पेड़ से लिया जाता है (1)। वहीं चीनी प्राकृतिक पदार्थ नहीं है। इसे बनाने के लिए गन्ने को कई रिफाइनरी प्रक्रिया से गुजारा जाता है, जिस वजह से इसे रिफाइंड शुगर भी कहा जाता है। (17)।
मेपल सिरप और शहद :
मेपल सिरप और शहद, दोनों ही प्राकृतिक उत्पाद होते हैं। जहां मेपल सिरप पेड़ के तने से निकलता है, वहीं मधुमक्खियां फूलों के अर्क से शहद का निर्माण करती हैं (18)। फर्क इन दोनों के पोषक तत्वों में है। शहद में पाए जाने वाले कुछ विटामिन जैसे विटामिन-सी व फोलेट आदि मेपल सिरप में नहीं होते और मेपल सिरप में फैटी एसिड पाया जाता है, जिसकी मात्रा शहद में शून्य होती है (4) (19)।
अब आप यह अच्छी तरह समझ गए होंगे की मेपल सिरप क्या है और यह कितना गुणकारी है। लेख के अगले भाग में जानिए मेपल सिरप के कुछ दुष्प्रभावों के बारे में।
मेपल सिरप के नुकसान – Side Effects of Maple Syrup in Hindi
मेपल सिरप का सेवन अगर नियंत्रित मात्रा में किया जाए, तो यह पूरी तरह सुरक्षित है। गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान भी मेपल सिरप का उपयोग सुरक्षित है। बस, ध्यान रखें कि किसी भी चीज की अति नुकसानदायक होती है और यही बात मेपल सिरप के उपयोग पर भी लागू होती है। आखिरकार यह भी एक प्रकार का शुगर (sweetener) है। शुगर का अधिक सेवन करने से आपको नीचे बताई गई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है (20):
● मोटापा ● टाइप 2 डायबिटीज ● उच्च रक्तचाप ● दांत की सड़न ● मेटाबोलिक सिंड्रोम
इस आर्टिकल से पूरी तरह से स्पष्ट हो गया कि मेपल सिरप क्या होता है और इसके कितने लाभ हैं। ऐसी कोई खाद्य सामग्री नहीं है, जहां आप चीनी की जगह मेपल सिरप का उपयोग नहीं कर सकते। खास बात यह भी है कि मेपल सिरप के स्वास्थ्य लाभ, साधारण चीनी के मुकाबले कई गुना ज्यादा हैं। इसलिए, अगली बार आप कोई मीठी चीज बनाएं, तो उसमें चीनी की जगह मेपल सिरप का प्रयोग कर सकते हैं। इससे खाने का स्वाद बढ़ जाएगा, बशर्ते आप इसका उपयोग सीमित मात्रा में ही करें। इसके अलावा, अगर आपको मेपल सिरप के लाभ, उससे जुड़ी कोई रेसिपी या उससे जुड़ी किसी और जानकारी के बारे में पता है, तो हमें नीचे दिए कमेंट बॉक्स में लिख कर जरूर बताएं।
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सौम्या व्यास ने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, भोपाल से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बीएससी किया है और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया, बेंगलुरु से टेलीविजन मीडिया में पीजी किया है। सौम्या एक प्रशिक्षित डांसर हैं। साथ ही इन्हें कविताएं लिखने का भी शौक है। इनके सबसे पसंदीदा कवि फैज़ अहमद फैज़, गुलज़ार और रूमी हैं। साथ ही ये हैरी पॉटर की भी बड़ी प्रशंसक हैं। अपने खाली समय में सौम्या पढ़ना और फिल्मे देखना पसंद करती हैं।
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गन्ने के रस (Ganne Ka Juice) के 19 फायदे, उपयोग और नुकसान – Sugarcane Juice Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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गन्ने के रस (Ganne Ka Juice) के 19 फायदे, उपयोग और नुकसान – Sugarcane Juice Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Nripendra Balmiki June 3, 2019
गर्मियों में गन्ने का जूस न सिर्फ प्यास बुझाता है, बल्कि अपने औषधीय गुण के कारण शरीर की रक्षा भी करत��� है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह दांतों की समस्या से लेकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी तक की रोकथाम कर सकता है। इसमें आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम व मैग्नीशियम जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई तरीके से लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। इस लेख में हमारे साथ जानिए गन्ने के रस के शारीरिक लाभ और इसके इस्तेमाल के विभिन्न तरीकों के बारे में।
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गन्ने के रस के फायदे – Benefits of Sugarcane Juice (Ganne ka Ras) in Hindi
गन्ने की खेती इससे प्राप्त मीठे रस के लिए की जाती है। गन्ने से ही चीनी व गुड़ जैसे उत्पादों का निर्माण किया जाता है। इन सबके अलावा, गन्ने का रस गर्मियों का सबसे खास पेय है। यह निर्जलीकरण से बचाने का काम करता है और शरीर को थकान से मुक्त कर तरोताजा करता है। भारत में व्यापक रूप से गन्ने के रस का इस्तेमाल पीलिया, बदहजमी और कई मूत्र रोगों के उपचार में किया जाता है (1)। आंतरिक स्वास्थ्य के अलावा, इसका प्रयोग त्वचा के लिए भी किया जाता है। नीचे जानिए गन्ने का रस किस प्रकार आपको शारीरिक लाभ पहुंचा सकता है।
सेहत के लिए गन्ने के रस के फायदे – Health Benefits of Sugarcane Juice in Hindi
1. बढ़ाता है उर्जा
अगर आप गर्मियों में निर्जलीकरण का सामना कर रहे हैं, तो गन्ने का जूस आपको तुरंत ऊर्जा देने का काम करेगा। गन्ने का रस थकान मिटाने के साथ-साथ आपको तरोताजा करने का काम करेगा। गन्ना प्राकृतिक शर्करा का एक अच्छा स्रोत है, जो आपके शरीर में खोए हुई शर्करा की पूर्ति करेगा।
2. पाचन स्वास्थ्य
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अगर आप पाचन समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको जल्द गन्ने के रस का सेवन शुरू कर देना चाहिए। गन्ना पोटैशियम से समृद्ध होता है (2), जो पेट को संतुलित रखने में मदद करता है और पाचन क्रिया को सरल बनाता है (3)।
3. लिवर स्वास्थ्य (पीलिया)
गन्ने का रस लिवर से संबंधित पीलिया बीमारी के लिए भी फायदेमंद माना जाता है (1)। लिवर की कार्यप्रणाली में रूकावट आने पर पीलिया होता है। यह स्थिति तब बनती है, जब शरीर में बिलीरुबिन अधिक बढ़ जाता है। बिलीरुबिन एक पीला रंगद्रव्य (pigment) है, जो लिवर में लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से बनता है। इस स्थिति पर काबू पाने के लिए आप रोजाना एक गिलास ताजा गन्ने का रस पी सकते हैं (4)।
4. लड़ता है कैंसर से
गन्ने का रस कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से भी रोकथाम करने का काम कर सकता है। यह फ्लेवेनॉइड से समृद्ध होता है (5), जो कैंसर से रोकथाम करने वाले एजेंट के रूप में जाना जाता है। फ्लेवेनॉइड, कोशिकाओं को संतुलित करने और कैंसर प्रभाव से बचाने का काम करता है (6)। भविष्य में कैंसर के जोखिम से बचने के लिए आप गन्ने के रस का सेवन शुरू कर सकते हैं।
5. मधुमेह
मधुमेह के मरीज गन्ने के रस का सेवन कर सकते हैं। गन्ने का रस आइसोमाल्टुलोज (Isomaltulose) नामक तत्व से समृद्ध होता, जिसे जापान और कई एशियाई देशों में शक्कर के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। आइ��ोमाल्टुलोज में ग्लाइसेमिक की मात्रा कम होती है, यानी इसका इस्तेमाल मधुमेह से पीड़ित मरीज कर सकते हैं। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स डायबिटीज के मरीजों में रक्त शर्करा नियंत्रण करता है और मरीजों को अन्य पोषण भी प्रदान करता है (7)।
6. करता है वजन कम
वजन घटाने के प्राकृतिक नुस्खे के रूप में आप गन्ने के रस का सेवन शुरू कर सकते हैं। गन्ना फाइबर से युक्त होता है, जो शरीर से अतिरिक्त चर्बी को हटाने का काम कर सकता है। फाइबर शरीर में फैट को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है (8)।
7. बढ़ाता है रोग प्रतिरोधक क्षमता
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आप गन्ने के रस का सेवन कर सकते हैं। यह प्राकृतिक पेय एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो संक्रमण से लड़ने का काम करता है और इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है। यह मूत्र मार्ग से जुड़े संक्रमण और किडनी स्टोन जैसी समस्याओं पर भी प्रभावी असर डालता है (9)।
8. बुखार
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जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि गन्ने का रस एंटीऑक्सीडेंट गुणों से युक्त होता है, जो शरीर में बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी के कारण होने वाले संक्रमण व बुखार से हमारी रक्षा करता है। इसके अलावा, यह प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम भी करता है (9), (10)।
9. एसिडिटी
गन्ने में मौजूद पोटैशियम पाचन तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है, जिससे गैस व एसिडिटी जैसी समस्याओं के होने की आशंका बहुत हद तक कम हो जाती है (2), (3)।
10. गर्भावस्था में लाभदायक
गर्भावस्था के दौरान गन्ने का रस अहम भूमिका निभा सकता है। इसमें मौजूद पॉलीफेनॉल्स मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने और गर्भावस्था के दौरान वजन को नियंत्रित करने का काम करता है। इसके अलावा, गन्ने का लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। एक गिलास गन्ने के रस के साथ अदरक का रस गर्भवती महिलाओं में मार्निंग सिकनेस को कम करने में मदद कर सकता है।
गन्ने का जूस कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन से समृद्ध स्रोत है, इसलिए नियमित रूप से इसका सेवन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और गर्भावस्था के दौरान खनिज की कमी की पूर्ति करता है। गर्भावस्था में कब्ज की समस्या से निजात पाने के लिए भी गन्ने के रस का सेवन किया जा सकता है (11)।
नोट : गर्भावस्था एक नाजुक दौर होता है। इसलिए, गन्ने का जूस पीने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
11. दंत स्वास्थ्य
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गन्ना आपके दांतों के लिए भी लाभदायक हो सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार अगर देर तक गन्ना चबाया जाए, तो यह दांतों में कैविटी की समस्या को दूर सकता है (12)।
12. गले में दर्द
गन्ने के रस के फायदे यहां समाप्त नहीं होते, गन्ने के रस का सेवन गले के दर्द के लिए भी किया जा सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए गए हैं, जो दर्द से निजात दिलाने का काम कर सकते हैं (13)।
13.भरता है घाव
पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ गन्ने का रस घाव को जल्द भरने का काम भी कर सकता है। गन्ना एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होता है और एंटीऑक्सीडेंट संक्रमित व गैर-संक्रमित घाव को जल्द भरने का काम कर सकता है। इसके अलावा, गन्ना रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम भी करता है, जिससे शरीर को किसी भी प्रकार के घाव से लड़ने में मदद मिलती है (9), (14)।
14. यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI)
मूत्र प्रणाली के किसी भी हिस्से (गुर्दे, मूत्राशय या मूत्रमार्ग) में संक्रमण को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन कहा जाता है। यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। इससे पीड़ित व्यक्ति को पेशाब करते हुए जलन व दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है (15)। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप गन्ने के रस का सेवन कर सकते हैं। गन्ने का जूस एक कारगर मूत्रवर्धक के रूप में काम करता है, जो यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन को दूर करने और किडनी की कार्यप्रणाली में सुधार का काम कर सकता है (9)।
15. नाखूनों के लिए
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नाखूनों को स्वस्थ रखने के लिए भी गन्ना आपकी मदद कर सकता है। गन्ना कैल्शियम से समृद्ध होता है, जो नाखूनों को मजबूत बनाने का काम करता है (2), (16)।
16. मांसपेशियों की ताकत
गन्ने के रस के स्वास्थ्य लाभों में मांसपेशियों की ताकत बढ़ाना भी शामिल है। गन्ना ग्लूकोज का अच्छा स्रोत है, जो मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी तत्व माना जाता है (18)।
आंतरिक स्वास्थ्य के लिए गन्ने का रस के फायदे जानने के बाद आइए जानते हैं त्वचा के लिए गन्ने के गुण।
त्वचा के लिए गन्ने के जूस के फायदे – Skin Benefits of Sugarcane Juice in Hindi
17. मुंहासों के लिए
गन्ने का जूस अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड (AHA) का अच्छा स्रोत है, तो त्वचा के लिए खास तत्व माना जाता है। अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड में ग्लाइकोलिक एसिड, लैक्टिक एसिड, मैलिक एसिड, टार्टरिक एसिड और साइट्रिक एसिड मौजूद होते हैं, जिनका कॉस्मेटिक उत्पादों में बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जाता है। मुंहासों से निजात दिलाने में ये एसिड अहम भूमिका निभा सकते हैं (19)।
कैसे करें इस्तेमाल
सामग्री :
गन्ने का रस (आवश्यकतानुसार)
मुल्तानी मिट्टी (आवश्यकतानुसार)
प्रयोग की विधि :
मुल्तानी मिट्टी में गन्ने का रस डालकर पेस्ट बना लें।
अब अपने चेहरे और गर्दन पर यह पेस्ट लगाएं।
लगभग 20 मिनट तक चेहरे पर पेस्ट लगा रहने दें और बाद में ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
हफ्ते में एक-दो बार इस उपाय को कर सकते हैं।
18. चमकती त्वचा के लिए
गन्ने का रस के फायदे में चमकती त्वचा भी शामिल है। गन्ने का रस त्वचा के लिए खास माना जाता है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को सुच���रू रूप से चलाने में मदद करता है, जिसका सकारात्मक प्रभाव त्वचा पर भी पड़ता है। गन्ने के रस में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं, जो सूर्य की हानिकारक पैराबैंगनी किरणों से त्वचा की रक्षा करते हैं, जिससे त्वचा की चमक बनी रहती है (9), (20)।
कैसे करें इस्तेमाल
सामग्री :
एक चौथाई कप गन्ने का रस
एक चम्मच शहद
प्रयोग की विधि :
गन्ने के रस में शहद को मिलाएं।
इसे चेहरे और गर्दन पर लोशन की तरह लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
20 मिनट बाद आप ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
इस उपाय को हफ्ते में दो बार कर सकते हैं।
19. स्किन एजिंग
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गन्ने के गुण यहां समाप्त नहीं होते। गन्ने का रस एजिंग से छुटकारा देने का काम कर सकता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट एक कारगर एंटी-एजिंग एजेंट के रूप में काम करता है, जो झुर्रियों की समस्या और झुर्रियों को बढ़ावा देने वाली सूर्य की हानिकारक पैराबैंगनी किरणों से त्वचा की रक्षा करता है (9), (20)।
कैसे करें इस्तेमाल
सामग्री :
2-3 चम्मच गन्ने का रस
चुटकी भर हल्दी
प्रयोग की विधि :
गन्ने के रस में हल्दी को मिलाएं।
इसे पूरे चेहरे पर लगाएं और 10-12 मिनट के लिए छोड़ दें।
अब चेहरे को गुनगने पानी से धो लें।
यह उपाय आप सप्ताह में दो बार कर सकते हैं।
त्वचा के लिए गन्ने के रस के फायदे जानने के बाद आइए जान लेते हैं गन्ने के जूस में मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में।
गन्ने के जूस के पौष्टिक तत्व – Sugarcane Juice (Ganne ka Ras) Nutritional Value in Hindi
पोषक तत्व मात्रा प्रति (28.35) प्रोटीन 0.20 g पानी 0.19 g वसा 0.09 g कैलोरी कुल कैलोरी 111.43 कार्बोहाइड्रेट से कैलोरी – वसा से कैलोरी 0.03 प्रोटीन से कैलोरी – कार्बोहाइड्रेट कुल कार्बोहाइड्रेट 27.40 g शुगर 25.71 g विटामिन राइबोफ्लेविन 0.16 mg नियासिन 0.20mg पैंटोथैनिक एसिड 0.09mg मिनरल्स कैल्शियम 32.57mg आयरन 0.57mg मैग्नीशियम 2.49mg फास्फोरस 0.01mg पोटैशियम 162.86mg कॉपर 0.09mg मैंगनीज 0.09mg
गन्ने के रस के फायदे और इसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों के बाद नीचे जानिए इसका सेवन किस प्रकार किया जा सकता है।
गन्ने के रस का उपयोग – How to Use Sugarcane Juice in Hindi
गन्ने का रस एक लाभकारी प्राकृतिक पेय है, जिसका सेवन आप विभिन्न तरीकों से कर सकते हैं। नीचे जानिए गन्ने के रस की कुछ बेहतरीन रेसिपी :
1. घर का बना गन्ने का रस
सामग्री :
एक गन्ना
एक बड़ा चम्मच अदरक कटा हुआ
नींबू का रस स्वाद के लिए
काला नमक स्वाद के लिए
बनाने की प्रक्रिया :
गन्ने का छिल्का उतारकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
अब ब्लेंडर में सभी सामग्रियों को डालें और कुछ देर तक अच्छी तरह ब्लेंड करें।
अब अपने हाथों की मदद से ब्लेंड सामग्री से रस निचोड़कर गिलास में डालें।
निकाले गए रस को कुछ देर ठंडा करें और पिएं।
2. गन्ना और अदरक से बना स्लश
सामग्री :
एक कप गन्ने का रस
एक चम्मच अदरक का रस
आधा छोटा चम्मच काला नमक
बनाने की प्रक्रिया :
सामग्री को मिलाएं और 12 घंटे के लिए रेफ्रिजरेटर ट्रे में फ्रीज करें।
अब फ्रीज गन्ने के मिश्रण को निकालें और थोड़ी देर ब्लेंड करें।
कप में शुगरकेन स्लश को निकालें और आनंद लें।
3. अन्य रस
आप गन्ने के रस को अन्य फलों के रस के साथ मिलाकर भी पी सकते हैं, जैसे :
अनार का रस
तरबूज का रस
नारियल पानी
मोसंबी का रस
गन्ने के रस के फायदे, इसमें मौजूद पौष्टिक और उपयोग के तरीकों के बाद नीचे जानिए इसे घर में कैसे स्टोर करें।
गन्ने का चयन और लंबे समय तक सुरक्षित रखना – Selection and Storage of Sugarcane in Hindi
चयन : गन्ने का जूस का आनंद लेने के लिए इसका सही चुनाव भी बहुत जरूरी है। हमेशा पीले हो चुके गन्ने का ही चुनाव करें, जिनकी पत्तियां सूखी हों। गन्ने पर उंगली से हल्की चोट मारकर देखें, अगर आवाज किसी धातु से टकराने जैसी आती है, तो इसका मतलब है कि गन्ना पूरी तरह से पक चुका है।
स्टोर : जब भी आप बड़ा गन्ना खरीदें, तो उसे छोटे टुकड़ों में काट लें, ताकि आप उसे अच्छी तरह फ्रिज में स्टोक कर सकें। गन्ने को रेफ्रिजरेटर में रखने से पहले उसके छिल्के उतारना न भूलें। आप गन्ने के टुकड़ों को प्लास्टिक से कवर भी कर सकते हैं, ताकि बाहरी नमी से ये बचे रहें। अगर सही से प्रक्रिया का पालन किया जाए, तो गन्ने को दो सप्ताह तक स्टोर किया जा सकता है।
गन्ने के जूस के नुकसान – Side Effects of Sugarcane Juice (Ganne ka Juice) in Hindi
इसमें कोई शक नहीं कि गन्ने का रस एक गुणकारी पेय पदार्थ है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन निम्नलिखित समस्याओं का कारण बन सकता है :
गन्ना ठंडी तासीर का होता है, इसलिए सर्दियों में इसके सेवन से बचें।
सड़क किनारे बिकने वाले गन्ने के रस से बचें, क्योंकि इस रस में हानिकारक कीटाणु हो सकते हैं, जो पेट संबंधी समस्या का कारण बन सकते हैं।
बहुत देर पहले निकला हुआ गन्ने का रस न पिएं, इससे स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।
गर्मियों के दौरान गन्ने का रस किसी औषधि से कम नहीं, इसलिए जब भी मौका मिले गन्ने के रस का सेवन करें। साथ ही ध्यान रखें कि इसका रस साफ तरीके से निकाला गया हो। गंदगी के संपर्क में आने से यह नुकसानदायक भी हो सकता है। अगर आप लेख में बताई गई किसी भी समस्या से पीड़ित हैं, तो गन्ने के रस का सेवन प्राकृतिक दवा के रूप में करें। नियमित सेवन के दौरान अगर आप अपने में किसी शारीरिक समस्या के लक्षण देखते हैं, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। आशा है कि यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। किसी भी प्रकार के सुझाव और जानकारी के लिए आप नीचे दिए कमेंट बॉक्स का प्रयोग कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:
गन्ने के रस को कब तक पिया जा सकता है?
कोशिश करें कि गन्ने का रस ताजा ही पिएं। अगर गन्ने के रस को फ्रिज में नहीं रखा गया है, तो यह आधा या एक घंटे बाद खराब होने लगता है।
क्या सर्दी-जुकाम के लिए गन्ने का रस ठीक होता है?
गन्ना का रस एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है, जो एक कारगर एंटी इंफ्लुएंजा है। सर्दी-जुकाम के दौरान इसका रस पिया जा सकता है (9), (21)।
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Nripendra Balmiki
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/ganne-ke-ras-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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