#मदरसा शिक्षक
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उत्तराखंड में मदरसों के लिए नए नियम: अब पारदर्शिता और कड़े मानक होंगे अनिवार्य

नियमों को लेकर सख्ती बढ़ा दी है, जिससे गैर-पंजीकृत मदरसों की जांच तेज हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार की इस पहल का असर अब साफ दिखने लगा है। मदरसों के रजिस्ट्रेशन को लेकर नियमों को पारदर्शी बनाया जा रहा है, जिससे सभी मदरसों को आवश्यक मानकों के तहत काम करने के लिए बाध्य किया जा सके।
मदरसों के लिए सख्त मान्यता प्रक्रिया
राज्य में मदरसों को पंजीकरण और मान्यता दिलाने की प्रक्रिया को मजबूत किया जा रहा है। 27 फरवरी को होने वाली मदरसा बोर्ड की बैठक में 80 मदरसों को मान्यता देने पर फैसला होगा। इनमें 60 पुराने और 20 नए आवेदन शामिल हैं।
अब मदरसों की मान्यता के लिए 17 अनिवार्य शर्तों को पूरा करना होगा, जिनमें शामिल हैं:
✔ मदरसों का सोसायटी पंजीकरण।
✔ मदरसे के नाम पर ज़मीन का होना।
✔ पर्याप्त शिक्षक और लाइब्रेरी की व���यवस्था।
✔ छात्रों के लिए जरूरी बुनियादी सुविधा��ं (फर्नीचर, पानी, शौचालय आदि)।
✔ मदरसा बोर्ड की मान्यता अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर दी जाएगी।
उत्तराखंड में मदरसों की स्थिति
मौजूदा समय में उत्तराखंड में 415 पंजीकृत मदरसे हैं, जहां लगभग 46,000 छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। सरकार की नई नीति के बाद अब गैर-पंजीकृत मदरसों को मान्यता प्रक्रिया पूरी करनी होगी, जिससे राज्य में मदरसा शिक्षा प्रणाली अधिक पारदर्शी और बेहतर हो सकेगी।
सरकार की सख्ती का असर
📌 गैर-पंजीकृत मदरसों पर कार्रवाई तेज हुई है।
📌 अब बिना मान्यता के मदरसे नहीं चल सकेंगे।
📌 छात्रों को बेहतर शैक्षिक वातावरण मिलेगा।
📌 पारदर्शिता और सरकारी नियमों का पालन सुनिश्चित होगा।
उत्तराखंड सरकार का यह कदम शिक्षा व्यवस्था को सुधारने और मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकता है।
यह खबर अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) में बड़े पैमाने पर छंटनी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा सरकारी खर्च में कटौती से जुड़ी है।
ट्रंप प्रशासन का बड़ा फैसला: 2,000 कर्मचारियों की नौकरी गई, हजारों को छुट्टी पर भेजा गया
🚨 USAID में छंटनी और प्रशासनिक अवकाश का आदेश जारी
🔹 क्या हुआ?
ट्रंप सरकार ने USAID के 2,000 अमेरिकी-आधारित कर्मचारियों की छंटनी कर दी।
दुनिया भर में कार्यरत हजारों कर्मचारियों को प्रशासनिक अवकाश पर भेज दिया गया।
छंटनी का यह फैसला शुक्रवार को एक संघीय न्यायाधीश के आदेश के बाद आया।
🔹 फैसले की वजह?
ट्रंप और उनके सहयोगी एलन मस्क संघीय सरकार का आकार छोटा करना चाहते हैं।
USAID जैसी एजेंसियों के बजट में कटौती उनकी प्राथमिकता रही है।
संघीय खर्च को कम करने और सरकारी संस्थानों की भूमिका को सीमित करने की योजना।
🔹 कब लागू होगा यह फैसला?
रविवार, 23 फरवरी 2025 को रात 11:59 बजे ईएसटी से सभी गैर-महत्वपूर्ण कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया जाएगा।
जल्द ही और अधिक कर्मचारियों की छंटनी हो सकती है।
🔹 क्या कहा गया आधिकारिक बयान में?
USAID ने नोटिस जारी कर बताया कि मिशन-महत्वपूर्ण कार्यों, मुख्य नेतृत्व और विशेष कार्यक्रमों से जुड़े कर्मियों को छोड़कर बाकी सभी को अवकाश पर रखा जाएगा।
वाशिंगटन-आधारित कर्मचारियों की सं��्या में भी कटौती शुरू हो चुकी है।
इस फैसले का प्रभाव
✅ अमेरिका में सरकारी नौकरियों पर संकट।
✅ USAID की वैश्विक परियोजनाओं और सहायता अभियानों पर असर।
✅ सरकारी खर्च में भारी कमी की दिशा में ट्रंप प्रशासन का एक और कदम।
न्यायालय का क्या फैसला था?
संघीय न्यायाधीश कार्ल निकोल्स ने कर्मचारियों की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया।
इससे प्रशासन को छंटनी जारी रखने की कानूनी मंजूरी मिल गई।
🚀 निष्कर्ष:
ट्रंप प्रशासन का यह फैसला सरकारी खर्च में कटौती की रणनीति का हिस्सा है, जिससे हजारों कर्मचारियों की नौकरी पर असर पड़ सकता है। आने वाले दिनों में इस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल सकती हैं।
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एमडीएम का भात फर्श पर रखा देख भड़के डीसी, हेड मौलवी को लगाई फटकार
समाचार चक्र संवाददाता पाकुड़। डीसी मृत्युंजय कुमार बरनवाल मदरसा के फर्श पर एमडीएम का भात रखा देख भड़क गए। उन्होंने हेड मालवी को फटकार लगाई। हेड मौलवी के साथ-साथ सहायक शिक्षक और रसोईया पर भी कार्रवाई करने की बात कही। दरअसल डीसी मृत्युंजय कुमार बरनवाल मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य को लेकर शनिवार को निरीक्षण में निकले थे। इसी दौरान वे सदर प्रखंड के मनीरामपुर पंचायत में संचालित मदरसा जियाउल उलूम…

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ग्राम पंचायत सहायकों, शिक्षाकर्मियों, पैराटीचर्स एवं मदरसा पैराटीचर्स के मानदेय में वृद्धि के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। प्रस्ताव के अनुसार राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स-2022 के तहत ग्राम पंचायत सहायकों, शिक्षाकर्मियों, पैराटीचर्स व मदरसा पैराटीचर्स के मासिक मानदेय को बढ़ाकर 16900 रुपए ��र दिया गया है। इस बढ़ोतरी का लाभ बीएड, बीएसटीसी अथवा डीएलईडी की शैक्षणिक योग्यता वाले संविदाकर्मियों को देय होगा।
इसके अतिरिक्त, प्रस्ताव में शिक्षाकर्मी, पैराटीचर्स, ग्राम पंचायत सहायक एवं मदरसा पैराटीचर्स का पदनाम संशोधित कर क्रमशः सहायक शिक्षक, कनिष्ठ शिक्षक, पंचायत शिक्षक एवं शिक्षा अनुदेशक कर दिया गया है। साथ ही, इन सभी पदों पर कार्यरत संविदाकर्मियों को 9 वर्ष एवं 18 वर्ष की संविदा सेवा अवधि पूरी करने पर मासिक मानदेय बढ़ाकर क्रमशः 29600 एवं 51600 रुपए कर दिया गया है एवं पदनाम में क्रमशः ग्रेड-2 व ग्रेड-1 जोड़ने का प्रावधान भी किया गया है।
इन नियमों के अंतर्गत आने से पूर्व यदि किसी संविदाकर्मी को नए निर्धारित मानदेय से ज्यादा मानदेय प्राप्त हो रहा है तो उनके मानदेय को संरक्षित किया जाएगा। इस निर्णय से राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स-2022 के अंतर्गत उच्चतर मानदेय एवं पदनाम मिलने से संविदाकर्मियों के एक बड़े वर्ग को लाभ होगा।
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असम सरकार निजी मदरसों को विनियमित कर सकती है: एडु मिन - टाइम्स ऑफ इंडिया
असम सरकार निजी मदरसों को विनियमित कर सकती है: एडु मिन – टाइम्स ऑफ इंडिया
गुवाहाटी, 21 सितंबर (पीटी)- असम सरकार सभी को विनियमित कर सकते हैं निजी स्कूल राज्य में मौजूदा अधिनियम के तहत, शिक्षा मंत्री रनोज पेगुस बुधवार को कहा। कई लोगों की गिरफ्तारी को देखते हुए यह प्रस्ताव चर्चा का विषय बना हुआ है मदरसा शिक्षक आत��कवादी संगठनों के साथ उनके कथित संबंधों के लिए। “हालांकि अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, सरकार इस पर विचार कर रही है कि क्या निजी सेमिनारों को नियंत्रण में…
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गोमांस रखने के मामले में हाईकोर्ट सख्त, केस रद्द करने से किया इनकार
गोमांस रखने के मामले में हाईकोर्ट सख्त, केस रद्द करने से किया इनकार
प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक सरकारी शिक्षक, एक मदरसा शिक्षक व दो अन्य के खिलाफ गो मांस रखने का आपराधिक मामला रद्द करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने इस संबंध में दाखिल याचिका खारिज कर दी है. अध्यापकों के पास से गाय का मांस (बीफ) और 16 जीवित मवेशी बरामद किए गए थे. ये आदेश जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने परवेज अहमद व तीन अन्य की याचिका पर दिया है. कोर्ट ने सुनवाई के बाद 29 जून को फैसला सुरक्षित…
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असम के बाहर के मदरसा शिक्षकों की पुलिस जांच: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा
असम के बाहर के मदरसा शिक्षकों की पुलिस जांच: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा
गुवाहाटी: मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि राज्य के मदरसों में पढ़ाने के लिए असम के बाहर से आए सभी शिक्षकों को “समय-समय पर” निकटतम पुलिस स्टेशन में पेश होने के लिए कहा जा सकता है. पुलिस ने आतंकवादी संगठन अंसारुल बांग्ला टीम के कथित मॉड्यूल पर नकेल कसने के बाद यह कदम उठाया और मदरसों में प्रचारकों के बीच 51 बांग्लादेशियों की खोज की। श्री सरमा ने कहा कि मदरसों के लिए एक चेकलिस्ट तैयार की…
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#असम के बाहर के असम मदरसा शिक्षक#असम मदरसा शिक्षक#असम में मदरसा शिक्षकों की जांच#मदरसा शिक्षकों की जांच
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मदरसा आधुनिक शिक्षक भुखमरी के कगार पर, ध्यान नहीं दे रहे जिम्मेदार-अतीउल्लाह डा. निसार अहमद खाँ, सिद्धार्थनगर। अनेक समस्याओं से जूझ रहा मदरसा आधुनिक शिक्षक भुखमरी के कगार पर है। जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
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#मिशन_सुरक्षा_परिषद पंचशीलनगर हापुड़ जनपद के युवा समाजसेवी एवं मदरसा शिक्षक जनाब मोहम्मद खालिद जी को राष्ट्रीय महासचिव मा. श्री ललित कुमार जी के अनुमोदन पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ मा.जनाब रिजवान अहमद सिद्धिकी जी एवं प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ मा.जनाब मोहम्मद आमिर खान रिंकू जी द्वारा मिशन सुरक्षा परिषद जनपद हापुड़ का जिला महासचिव अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ मनोनीत किया गया हैँ। जनाब मोहम्मद खालिद जी को हार्दिक बधाई। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹 1-आले नवी जिलाध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ। 2-मोहम्मद ताहिर अल्वी जिला उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ। 3-डा.हाजी परवेज जिला कोषाध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ। 4-मस्कूल अली जिला सचिव अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ। 5-अलीमुद्दीन जिला महासचिव अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ। 6-नफीस खान जिला महासचिव अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ। 7-राहुल कुमार जाटव मुख्य जिलाध्यक्ष। https://www.instagram.com/p/CiuhZhYrbjh/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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10 Minor Boys Raped By A Madrasa Teacher In Pakistan Gave Threat To Killing For Telling Anyone - Pakistan : 10 नाबालिग लड़के बने मदरसा शिक्षक की हवस का शिकार, कुकर्म के बाद दी थी जान से मारने की धमकी
10 Minor Boys Raped By A Madrasa Teacher In Pakistan Gave Threat To Killing For Telling Anyone – Pakistan : 10 नाबालिग लड़के बने मदरसा शिक्षक की हवस का शिकार, कुकर्म के बाद दी थी जान से मारने की धमकी
Pakistan के मदरसे में नाबालिग लड़कों के साथ हुआ कुकर्म (प्रतीकात्मक तस्वीर) लाहौर : पाकिस्तान (Pakistan) के पंजाब (Punjab) प्रांत में कम से कम 10 नाबालिग छात्रों (Minor Students) से कुकर्म के आरोप में बुधवार को मदरसे के शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी. संबंधित पुलिस अधिकारी अख्तर फारूक ने बुधवार को कहा कि लाहौर (Lahore) से लगभग 500 किलोमीटर दूर सादिकाबाद रहीम यार खान के…

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पूर्वी चंपारण से बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिद्दीन का सदस्य गिरफ्तार
पूर्वी चंपारण से बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिद्दीन का सदस्य गिरफ्तार
Bihar: पूर्वी चंपारण जिले के ढाका थाना क्षेत्र अंतर्गत जामिया मारिया निसवा मदरसा के गिरफ्तार शिक्षक असगर अली बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन का सदस्य निकला इस बात का खुलासा एनआईए की टीम ने गिरफ्तारी के बाद किया है। गिरफ्तार बांग्लादेश का आतंकी संगठन जेएमबी का सदस्य असगर अली को पिछड़े डेढ़ माह से जामिया मारिया निसवा मदरसा शिक्षक के रूप में काम करता था बताया जा रहा है कि उसका स्वभाव…

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@azad.1947 *यूपीटीईटी की तर्ज पर अब यूपी मदरसा बोर्ड भी कराएगा मदरसा टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट , यानी एमटीईटी मतलब अब प्रदेश सरकार से मान्यता प्राप्त अनुदानित मदरसों में मदरसा प्रबंधक अब सीधे अपने स्तर पर रिक्त पदों पर शिक्षक भर्ती नहीं कर पाएंगे* https://www.instagram.com/p/Cb-jcZrhfyj/?utm_medium=tumblr
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मदरसा शिक्षक बहाली में प्रधान मौलवी व सचिव पर सांठगांठ का आरोप
अबुल काशिम@समाचार चक्र पाकुड़। मदरसों में शिक्षक नियुक्ति में भाई भतीजावाद की परंपरा हमेशा से चला आ रहा है। शिक्षक नियुक्ति में ऐसी परंपराओं को लेकर विवाद भी सुर्खियों में बनी रहती है। मदरसा प्रबंधन से लेकर हेड मौलवी पर अपने चहेते या रिश्तेदारों का अवैध तरीके से नियुक्ति करने का आरोप लगता रहा है। इधर सदर प्रखंड के मनिकापाड़ा गांव स्थित मदरसा एसातुल इस्लाम में तीन पदों के लिए होने वाली…
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टीबी के प्रति समुदाय को जागरूक करेंगे धर्मगुरू और मदरसा शिक्षक
टीबी के प्रति समुदाय को जागरूक करेंगे धर्मगुरू और मदरसा शिक्षक
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। जिले के दर्जनभर से अधिक धर्मगुरू और मदरसा शिक्षक समुदाय को टीबी के प्रति जागरूक करेंगे। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत मनाए जा रहे आईकॉनिक वीक ऑफ हेल्थ के अंतर्गत उनका जिला क्षय रोग केंद्र में मंगलवार को संवेदीकरण किया गया। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. रामेश्वर मिश्र और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पांडेय ने संभावित मरीजों को जांच व इलाज के लिए प्रेरित करने की…

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वर्ष 2022 में 14-15 मई को रीट परीक्षा आयोजित करने का निर्णय किया है जिससे प्रदेश को करीब 20,000 नए शिक्षक मिल सकेंगे। इस भर्ती में विशेष शिक्षकों हेतु भी प्रावधान किया जाएगा। इससे युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।
इसके साथ ही पैराटीचर्स, शिक्षाकर्मी, मदरसा पैराटीचर्स एवं पंचायत सहायकों की समस्याओं को भी माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णयों को ध्यान में रखते हुए हल करने के लिए समयबद्ध रूप से कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।
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आजमगढ़ के मदरसों में गजब 'खेल'! थर्ड डिग्री पास को बनाया टीचर...कहीं पूरे परिवार की भर्ती Divya Sandesh
#Divyasandesh
आजमगढ़ के मदरसों में गजब 'खेल'! थर्ड डिग्री पास को बनाया टीचर...कहीं पूरे परिवार की भर्ती
आजमगढ़/लखनऊ यूपी के आजमगढ़ के मदरसों में नियुक्तियों के मामले में सारे नियमों को ताक पर रख दिया गया। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से मदरसा संचालकों ने थर्ड डिग्री पास लोगों को भी शिक्षक बना दिया। एक मदरसे के अध्यक्ष ने अपनी चारों बेटियों को सहायक अध्यापक बना दिया। कई शिक्षक बिना मान्यता वाले संस्थानों से जारी हुए प्रमाण पत्रों को लगा कर ही भर्ती हो गए। एसआईटी वर्ष 1974 से वर्ष 2013 के बीच आजमगढ़ में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में तैनात रहे अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की जांच करेगी।
एसआईटी ने आजमगढ़ के 20 मदरसों का स्थलीय निरीक्षण किया। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों और मदरसों के पदाधिकारियों से मिले दस्तावेज, उनके बयानों व अन्य तथ्यों से खुलासा हुआ कि मदरसों में ऐसे शिक्षकों कि नियुक्ति कर दी गई, जिनके प्रमाण पत्र ऐसी संस्था से जारी किए गए थे, जो न तो केंद्र और न ही राज्य सरकार की संस्था द्वारा संचालित या मान्यता प्राप्त थीं। कई शिक्षक ऐसे भर्ती हो गए, जो शासनादेश के मुताबिक योग्यता ही नहीं रखते थे।
कुछ की नियुक्ति सहायक अध्यापक आलिया के लिए निर्धारित शैक्षिक योग्यता फाजिल 55 प्रतिशत कम अंक होने के बाद भी कर दी गई। एक शिक्षक ने एक अंक के ग्रेस से तृतीय श्रेणी की परीक्षा पास की थी फिर भी उसकी नियुक्ति हो गई। एक शिक्षक ने मऊ के चिरैयाकोट के मदरसा सेराजुल ओलुम, सेराजनगर से वर्ष 28 फरवरी 2004 में फाजिल का तीन वर्ष का शिक्षण अनुभव दिखाया जबकि इस मदरसा को तब तक मान्यता ही नहीं मिली थी।
बालिग हुए नहीं कागजों में बन गए शिक्षक इसी तरह अरमान अहमद की छह नवंबर 1981 में सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति हुई। जबकि उस दौरान उनकी उम्र 18 वर्ष भी नहीं हुई थी। नियमों के विरुद्ध जाकर उनकी नियुक्ति कर दी गई। इसी तरह मोहम्मद मेहंदी नामक प्रधानाचार्य सहायक अध्यापक आलिया की नियुक्ति नौ जनवरी 1996 को हुई जबकि उनका अनुभव प्रमाण पत्र 21 मार्च 1996 का जारी हुआ था।
अध्यक्ष ने अपनी चार बेटियों की कर दी नियुक्ति आजमगढ़ के मुबारकपुर का ��दरसा जामिया नुरूल ओलुम अंजुमन सिद्दीकीया जामिया नुरूल ओलुम सोसायटी के चलता चलता है। सोसायटी के अध्यक्ष जहीन अहमद चयन समिति के भी अध्यक्ष थे। इन्होंने अपनी चार बेटियों नुसरत जहीन को 24 नवंबर 2014 को प्रधानाचार्य, अलीशा सिद्दीकी और इब्तेसान जहीन को 21 मार्च 2013 को सहायक अध्यापक आलिया के पद पर और रूबाना जहीन को 13 दिसंबर 2014 को सहायक अध्यापक आलिया के पद पर नियुक्ति करा दी। इसमें अध्यक्ष ने नियुक्तियों का पत्र भी अपनी बेटियों के नाम पर जारी कर दिया, जो कि शासनादेश के खिलाफ था।
एफआईआर में नामजद नहीं लेकिन भूमिका की होगी जांच अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय में तैनात रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता और संयुक्त निदेशक शेषनाथ पांडेय को एसआईटी द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में नामजद नहीं किया गया है। हालांकि राहुल गुप्ता द्वारा 14 और शेषनाथ पांडेय द्वारा अनियमित नियुक्तियों के दो मामलों को नियम विरुद्ध जाकर निस्तारण किया गया। इसको लेकर विवेचना के दौरान उनकी भूमिका की जांच की जाएगी। एसआईटी ने इन दोनों ही अफसरों को जांच में ढ��लाई का दोषी पाते हुए इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की सिफारिश की है। तत्कालीन संयुक्त निदेशक शेषनाथ पांडेय का कहना है कि सभी नियुक्तियां वर्ष 1974 से 2014 के बीच हुई हैं। जबकि उन्हें रजिस्ट्रार का अतिरिक्त प्रभार 24 जुलाई 2018 से 15 अक्टूबर 2019 के बीच मिला था। उनका कहना है कि वह एसआईटी की कार्यवाही के खिलाफ उचित फोरम पर अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे।
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अयोध्या में हिंदू-बहुसंख्यक गांव मुस्लिम उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ता है, अयोध्या में हिंदू-बहुसंख्यक गांव मुस्लिम उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ता है, हाफिज अज़ीमुद्दीन 10 वर्षों से मदरसा शिक्षक हैं
अयोध्या में हिंदू-बहुसंख्यक गांव मुस्लिम उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ता है, अयोध्या में हिंदू-बहुसंख्यक गांव मुस्लिम उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ता है, हाफिज अज़ीमुद्दीन 10 वर्षों से मदरसा शिक्षक हैं
विज्ञापनों से परेशान? विज्ञापनों के बिना समाचार के लिए डायनाक भास्कर ऐप इंस्टॉल करें अयोध्या2 घंटे पहले प्रतिरूप जोड़ना मुस्लिम अपने परधन गांव में हिंदू बहुल राजनपुर पंचायत में एकमात्र मुस्लिम परिवार हैं, जिन्हें 200 में से 173 हिंदू मिले हैं। अयोध्या का नाम सुनते ही आपके दिमाग में सबसे पहली बात आती है, शायद भगवान राम की झलक; राम मंदिर; बाबरी ढांचा या दिवाली; ये कुछ लोग हैं जो अयोध्या के…

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