#मत में मत मिलि जाय । चतुराई रीझै नहीं
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#GodNightSaturdayजग्गीवासुदेव_को_नहींहै_ज्ञानसेवक स्वामी एक मत#मत में मत मिलि जाय । चतुराई रीझै नहीं#रीझै मन के भाय ||कबीर साहेब जी क
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#GodNightSaturday
#जग्गीवासुदेव_को_नहींहै_ज्ञान
सेवक स्वामी एक मत, मत में मत मिलि जाय ।
चतुराई रीझै नहीं, रीझै मन के भाय ||
कबीर साहेब जी कहते हैं कि सेवक और स्वामी दोनों का मत-सिद्धांत मिलकर एक होना चाहिए। चतुराई (चालाकी) करने से सद्गुरु स्वामी नहीं रीझते, बल्कि हार्दिक सेवा-भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं, अतः सेवक को चाहिए कि गुरु के मतानुसार चलते हुए सहज भाव से सेवा करे।
Jaggi Vasudev Exposed

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#GodMorningSunday
#जग्गीवासुदेव_को_नहींहै_ज्ञान
सेवक स्वामी एक मत, मत में मत मिलि जाय ।
चतुराई रीझै नहीं, रीझै मन के भाय ||
कबीर साहेब जी कहते हैं कि सेवक और स्वामी दोनों का मत-सिद्धांत मिलकर एक होना चाहिए। चतुराई (चालाकी) करने से सद्गुरु स्वामी नहीं रीझते, बल्कि हार्दिक

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#GodNightSaturday
#जग्गीवासुदेव_को_नहींहै_ज्ञान
सेवक स्वामी एक मत, मत में मत मिलि जाय ।
चतुराई रीझै नहीं, रीझै मन के भाय ||
कबीर साहेब जी कहते हैं कि सेवक और स्वामी दोनों का मत-सिद्धांत मिलकर एक होना चाहिए। चतुराई (चालाकी) करने से सद्गुरु स्वामी नहीं रीझते, बल्कि हार्दिक सेवा-भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं, अतः सेवक को चाहिए कि गुरु के मतानुसार चलते हुए सहज भाव से सेवा करे।
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सेवक स्वामी एक मत, मत में मत मिलि जाय ।
चतुराई रीझै नहीं, रीझै मन के भाय ||
कबीर साहेब जी कहते हैं कि सेवक और स्वामी दोनों का मत-सिद्धांत मिलकर एक होना चाहिए। चतुराई (चालाकी) करने से सद्गुरु स्वामी नहीं रीझते, बल्कि हार्दिक सेवा-भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं, अतः सेवक को चाहिए कि गुरु के मतानुसार चलते हुए सहज भाव से सेवा करे।
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सेवक स्वामी एक मत, मत में मत मिलि जाय ।
चतुराई रीझै नहीं, रीझै मन के भाय ||
कबीर साहेब जी कहते हैं कि सेवक और स्वामी दोनों का मत-सिद्धांत मिलकर एक होना चाहिए। चतुराई (चालाकी) करने से सद्गुरु स्वामी नहीं रीझते, बल्कि हार्दिक सेवा-भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं, अतः सेवक को चाहिए कि गुरु के मतानुसार चलते हुए सहज भाव से सेवा करे।
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सेवक स्वामी एक मत, मत में मत मिलि जाय ।
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कबीर साहेब जी कहते हैं कि सेवक और स्वामी दोनों का मत-सिद्धांत मिलकर एक होना चाहिए। चतुराई (चालाकी) करने से सद्गुरु स्वामी नहीं रीझते, बल्कि हार्दिक सेवा-भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं, अतः सेवक को चाहिए कि गुरु के मतानुसार चलते हुए सहज भाव से सेवा करे।
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#जग्गीवासुदेव_को_नहींहै_ज्ञान
सेवक स्वामी एक मत, मत में मत मिलि जाय ।
चतुराई रीझै नहीं, रीझै मन के भाय ||
जानने के लिए पढ़ें "ज्ञान गंगा" पुस्तक और Factful Debates YouTube channel देखें।
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#GodMorningTuesdayसेवक स्वामी एक मत#मत में मत मिलि जाय । चतुराई रीझै नहीं#रीझै मन के भाय ||पवित्र पुस्तक “ज्ञान गंगा”निःशुल्क पायें। अ
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#GodMorningTuesday
सेवक स्वामी एक मत, मत में मत मिलि जाय ।
चतुराई रीझै नहीं, रीझै मन के भाय ||
पवित्र पुस्तक "ज्ञान गंगा"
निःशुल्क पायें। अपना नाम, पूरा पता भेजें +91 7496801823
#गुरु_बिन_मोक्ष_नहीं_रे_प्राणी l

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#GodMorningTuesday
सेवक स्वामी एक मत, मत में मत मिलि जाय ।
चतुराई रीझै नहीं, रीझै मन के भाय ||
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#गुरु_बिन_मोक्ष_नहीं_रे_प्राणी
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