#मत में मत मिलि जाय । चतुराई रीझै नहीं
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subhashdagar123 · 30 days ago
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dasjaswant960 · 30 days ago
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#GodNightSaturday
#जग्गीवासुदेव_को_नहींहै_ज्ञान
सेवक स्वामी एक मत, मत में मत मिलि जाय ।
चतुराई रीझै नहीं, रीझै मन के भाय ||
कबीर साहेब जी कहते हैं कि सेवक और स्वामी दोनों का मत-सिद्धांत मिलकर एक होना चाहिए। चतुराई (चालाकी) करने से सद्गुरु स्वामी नहीं रीझते, बल्कि हार्दिक सेवा-भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं, अतः सेवक को चाहिए कि गुरु के मतानुसार चलते हुए सहज भाव से सेवा करे।
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colorfulkittyfart · 29 days ago
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#GodMorningSunday
#जग्गीवासुदेव_को_नहींहै_ज्ञान
सेवक स्वामी एक मत, मत में मत मिलि जाय ।
चतुराई रीझै नहीं, रीझै मन के भाय ||
कबीर साहेब जी कहते हैं कि सेवक और स्वामी दोनों का मत-सिद्धांत मिलकर एक होना चाहिए। चतुराई (चालाकी) करने से सद्गुरु स्वामी नहीं रीझते, बल्कि हार्दिक
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sagardasssaini · 30 days ago
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#GodNightSaturday
#जग्गीवासुदेव_को_नहींहै_ज्ञान
सेवक स्वामी एक मत, मत में मत मिलि जाय ।
चतुराई रीझै नहीं, रीझै मन के भाय ||
कबीर साहेब जी कहते हैं कि सेवक और स्वामी दोनों का मत-सिद्धांत मिलकर एक होना चाहिए। चतुराई (चालाकी) करने से सद्गुरु स्वामी नहीं रीझते, बल्कि हार्दिक सेवा-भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं, अतः सेवक को चाहिए कि गुरु के मतानुसार चलते हुए सहज भाव से सेवा करे।
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kartarkartar · 30 days ago
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#GodNightSaturday
#जग्गीवासुदेव_को_नहींहै_ज्ञान
सेवक स्वामी एक मत, मत में मत मिलि जाय ।
चतुराई रीझै नहीं, रीझै मन के भाय ||
कबीर साहेब जी कहते हैं कि सेवक और स्वामी दोनों का मत-सिद्धांत मिलकर एक होना चाहिए। चतुराई (चालाकी) करने से सद्गुरु स्वामी नहीं रीझते, बल्कि हार्दिक सेवा-भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं, अतः सेवक को चाहिए कि गुरु के मतानुसार चलते हुए सहज भाव से सेवा करे।
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praveendkumar · 30 days ago
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#GodNightSaturday
#जग्गीवासुदेव_को_नहींहै_ज्ञान
सेवक स्वामी एक मत, मत में मत मिलि जाय ।
चतुराई रीझै नहीं, रीझै मन के भाय ||
कबीर साहेब जी कहते हैं कि सेवक और स्वामी दोनों का मत-सिद्धांत मिलकर एक होना चाहिए। चतुराई (चालाकी) करने से सद्गुरु स्वामी नहीं रीझते, बल्कि हार्दिक सेवा-भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं, अतः सेवक को चाहिए कि गुरु के मतानुसार चलते हुए सहज भाव से सेवा करे।
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ajitsingh-009 · 30 days ago
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#GodNightSaturday
#जग्गीवासुदेव_को_नहींहै_ज्ञान
सेवक स्वामी एक मत, मत में मत मिलि जाय ।
चतुराई रीझै नहीं, रीझै मन के भाय ||
कबीर साहेब जी कहते हैं कि सेवक और स्वामी दोनों का मत-सिद्धांत मिलकर एक होना चाहिए। चतुराई (चालाकी) करने से सद्गुरु स्वामी नहीं रीझते, बल्कि हार्दिक सेवा-भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं, अतः सेवक को चाहिए कि गुरु के मतानुसार चलते हुए सहज भाव से सेवा करे।
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abhay1233 · 30 days ago
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#GodNightSaturday
#जग्गीवासुदेव_को_नहींहै_ज्ञान
सेवक स्वामी एक मत, मत में मत मिलि जाय ।
चतुराई रीझै नहीं, रीझै मन के भाय ||
जानने के लिए पढ़ें "ज्ञान गंगा" पुस्तक और Factful Debates YouTube channel देखें।
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subhashdagar123 · 1 month ago
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vipulmangla0 · 1 month ago
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#GodMorningTuesday
सेवक स्वामी एक मत, मत में मत मिलि जाय ।
चतुराई रीझै नहीं, रीझै मन के भाय ||
पवित्र पुस्तक "ज्ञान गंगा"
निःशुल्क पायें। अपना नाम, पूरा पता भेजें +91 7496801823
#गुरु_बिन_मोक्ष_नहीं_रे_प्राणी l
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chanderbali · 1 month ago
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#GodMorningTuesday
सेवक स्वामी एक मत, मत में मत मिलि जाय ।
चतुराई रीझै नहीं, रीझै मन के भाय ||
पवित्र पुस्तक "ज्ञान गंगा"
निःशुल्क पायें। अपना नाम, पूरा पता भेजें +91 7496801823
#गुरु_बिन_मोक्ष_नहीं_रे_प्राणी
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