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MANAN KARNE YOGY Ekadashi Katha:
*🍁 श्री विजया एकादशी मुहुर्त महत्व एवं कथा🍁*
पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 6 मार्च को सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर प्रारंभ हो रही है। यह तिथि 7 मार्च को सुबह 04:13 बजे समाप्त होगी। ऐसे में विजया एकादशी का व्रत 6 मार्च, बुधवार को रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6:41 बजे से सुबह 9:37 बजे तक रहेगा। व्रत का परायण अगले दिन यानी 7 मार्च को सूर्योदय के उपरांत किया जाएगा।
*विजया एकादशी व्रत कथा*
धर्मराज युधिष्ठिर बोले - हे जनार्दन! फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का क्या नाम है तथा उसकी विधि क्या है? कृपा करके आप मुझे बताइए।
श्री भगवान बोले हे राजन् - फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम विजया एकादशी है। इसके व्रत के प्रभाव से मनुष्य को विजय प्राप्त होती है। यह सब व्रतों से उत्तम व्रत है। इस विजया एकादशी के महात्म्य के श्रवण व पठन से समस्त पाप नाश को प्राप्त हो जाते हैं। एक समय देवर्षि नारदजी ने जगत् पिता ब्रह्माजी से कहा महाराज! आप मुझसे फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी विधान कहिए।
ब्रह्माजी कहने लगे कि हे नारद! विजया एकादशी का व्रत पुराने तथा नए पापों को नाश करने वाला है। इस विजया एकादशी की विधि मैंने आज तक किसी से भी नहीं कही। यह समस्त मनुष्यों को विजय प्रदान करती है। त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्रजी को जब चौदह वर्ष का वनवास हो गया, तब वे श्री लक्ष्मण तथा सीताजी सहित पंचवटी में निवास करने लगे। वहाँ पर दुष्ट रावण ने जब सीताजी का हरण किया तब इस समाचार से श्री रामचंद्रजी तथा लक्ष्मण अत्यंत व्याक��ल हुए और सीताजी की खोज में चल दिए।
घूमते-घूमते जब वे मरणासन्न जटायु के पास पहुँचे तो जटायु उन्हें सीताजी का वृत्तांत सुनाकर स्वर्गलोक चला गया। कुछ आगे जाकर उनकी सुग्रीव से मित्रता हुई और बाली का वध किया। हनुमानजी ने लंका में जाकर सीताजी का पता लगाया और उनसे श्री रामचंद्रजी और सुग्रीव की मित्रता का वर्णन किया। वहाँ से लौटकर हनुमानजी ने भगवान राम के पास आकर सब समाचार कहे।
श्री रामचंद्रजी ने वानर सेना सहित सुग्रीव की सम्पत्ति से लंका को प्रस्थान किया। जब श्री रामचंद्रजी समुद्र से किनारे पहुँचे तब उन्होंने मगरमच्छ आदि से युक्त उस अगाध समुद्र को देखकर लक्ष्मणजी से कहा कि इस समुद्र को हम किस प्रकार से पार करेंगे।
श्री लक्ष्मण ने कहा हे पुराण पुरुषोत्तम, आप आदिपुरुष हैं, सब कुछ जानते हैं। यहाँ से आधा योजन दूर पर कुमारी द्वीप में वकदालभ्य नाम के मुनि रहते हैं। उन्होंने अनेक ब्रह्मा देखे हैं, आप उनके पास जाकर इसका उपाय पूछिए। लक्ष्मणजी के इस प्रकार के वचन सुनकर श्री रामचंद्रजी वकदालभ्य ऋषि के पास गए और उनको प्रमाण करके बैठ गए।
मुनि ने भी उनको मनुष्य रूप धारण किए हुए पुराण पुरुषोत्तम समझकर उनसे पूछा कि हे राम! आपका आना कैसे हुआ? रामचंद्रजी कहने लगे कि हे ऋषे! मैं अपनी सेना सहित यहाँ आया हूँ और राक्षसों को जीतने के लिए लंका जा रहा हूँ। आप कृपा करके समुद्र पार करने का कोई उपाय बतलाइए। मैं इसी कारण आपके पास आया हूँ।
वकदालभ्य ऋषि बोले कि हे राम! फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का उत्तम व्रत करने से निश्चय ही आपकी विजय होगी, साथ ही आप समुद्र भी अवश्य पार कर लेंगे।
इस व्रत की विधि यह है कि दशमी के दिन स्वर्ण, चाँदी, ताँबा या मिट्टी का एक घड़ा बनाएँ। उस घड़े को जल से भरकर तथा पाँच पल्लव रख वेदिका पर स्थापित करें। उस घड़े के नीचे सतनजा और ऊपर जौ रखें। उस पर श्रीनारायण भगवान की स्वर्ण की मूर्ति स्थापित करें। एकादशी के दिन स्नानादि से निवृत्त होकर धूप, दीप, नैवेद्य, नारियल आदि से भगवान की पूजा करें।
तत्पश्चात घड़े के सामने बैठकर दिन व्यतीत करें और रात्रि को भी उसी प्रकार बैठे रहकर जागरण करें। द्वादशी के दिन नित्य नियम से निवृत्त होकर उस घड़े को ब्राह्मण को दे दें। हे राम! यदि तुम भी इस व्रत को सेनापतियों सहित करोगे तो तुम्हारी विजय अवश्य होगी। श्री रामचंद्रजी ने ऋषि के कथनानुसार इस व्रत को किया और इसके प्रभाव से दैत्यों पर विजय पाई।
अत: हे राजन्! जो कोई मनुष्य विधिपूर्वक इस व्रत को करेगा, दोनों लोकों में उसकी अवश्य विजय होगी। श्री ब्रह्माजी ने नारदजी से कहा था कि हे पुत्र! जो कोई इस व्रत के महात्म्य क�� पढ़ता या सुनता है, उसको वाजपेय यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
*महत्व*
विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की होती है पूजा
पद्म और स्कंद पुराण में विजया एकादशी व्रत का बताया गया है महत्व
हिंदू धर्म में सभी एकादशी का अपना-अपना महत्व बताया गया है. इसमें विजया एकादशी का विशेष महत्व. इसी दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु की भक्त पर कृपा बनी रहती है. मोक्ष की प्राप्ति होती है. फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष एकादशी को विजया एकादशी मनाई जाती है।
विजया एकादशी, नाम के अनुसार ही इस एकादशी का व्रत करने वाले को जीवन की हर बाधा पर विजय पाने की शक्ति मिलती है. ये एकादशी आपका आत्मबल बढ़ाएगी साथ ही आपको सशक्त बना सकती है.पद्म पुराण और स्कंद पुराण में भी इस व्रत का महत्व बताया गया है. पौराणिक मान्यता है कि प्राचीन काल में कई राजा-महाराजा इसी व्रत के प्रभाव से अपनी निश्चित हार को जीत में बदल लेते थे. कहा जाता है कि विकट से विकट परिस्थिति में भी विजया एकादशी के व्रत से जीत पाई जा सकती है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि व्रतों में सबसे बड़ा व्रत एकादशी का माना जाता है. ज्योतिष के जानकारों के अनुसार इससे आप चन्द्रमा के हर ख़राब प्रभाव को रोक सकते हैं, ग्रहों के बुरे प्रभाव को भी काफी हद तक कम कर सकते हैं.
मान्यता है कि विजया एकादशी के दिन व्रत रखने से हर समस्या का निदान हो जाता है. लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए भगवान श्रीराम ने समुद्र के तट पर अपनी पूरी सेना के साथ विजया एकादशी का व्रत रखा था. जिसके प्रभाव से रावण का वध हुआ और भगवान राम को विजय प्राप्त हुई. इस व्रत को सभी पापों का नाश करने वाला माना जाता है. इस एकादशी व्रत का सीधा प्रभाव मन और शरीर पर पड़ता है. इस व्रत से अशुभ संस्कारों को भी नष्ट किया जा सकता है.ज्योतिष के जानकारों की मानें तो विजया एकादशी पर जिस मनोकामना को लेकर आप व्रत का संकल्प लेंगे उसमें आपको विजय मिलेगी.
*पूजा विधि*
1. विजया एका��शी का दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है.
2. इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें.
3. पीले या लाल रंग के वस्त्र को धारण करें.
4. पूजा का मंदिर अच्छे से स्वच्छ कर लें. फिर उसपर सप्त अनाज रखें.
5. इसके बाद वहां पर कलश स्थापित करें. फिर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें.
6. फल, फूल, दीपक, चंदन और तुलसी से भगवान विष्णु की पूजा करें.
7. इसके बाद भगवान विष्णु की आरती करें.व्रत कथा पढ़ें या सुनें.
8. रात में श्री हरि के नाम का जाप करते हुए जागरण करें.
9. अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन और दान दक्षिणा दें।
10. गौसेवा अवश्य करे गौमाताओं को भोजन कराएं उनके निमित्त गौशाला में भूसा राशन डलवाएं।
विजया एकादशी पर क्या करें और क्या नहीं
��ामसिक आहार इस दिन नहीं करें. भगवान विष्णु का ध्यान करके ही दिन की शुरुआत करें. इस दिन ��न को ज्यादा से ज्यादा भगवान विष्णु में लगाए रखें. सेहत ठीक ना हो तो उपवास न रखें. केवल व्रत के नियमों का पालन करें. एकादशी के दिन चावल और भारी भोजन न खाएं. विजया एकादशी के दिन रात की उपासना का विशेष महत्व होता है. इस दिन क्रोध नहीं करें, कम बोलें और आचरण पर नियंत्रण रखें।
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शिवपुरी कलेक्टर की कोठी के बाहर दिखा मगरमच्छ, रिहायशी इलाके में देख लोग डरे
शिवपुरी कलेक्टर की कोठी के बाहर दिखा मगरमच्छ, रिहायशी इलाके में देख लोग डरे
शिवपुरी: एमपी के शिवपुरी जिले में दिखे मगरमच्छ, अब रिहायशी इलाकों में भी निकल रहे हैं मगरमच्छ. बीती रात शिवपुरी कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह की कोठी के बाहर मगरमच्छ निकल आया। कलेक्टर कोठी बाईपास रोड के पास स्थित है। इस कोठी के आसपास का इलाका रिहायशी इलाके में गिना जाता है. कल रात कुछ लोगों ने कलेक्टर कोठी के गेट के बाहर एक मगरमच्छ को बैठे देखा। यह मगरमच्छ करीब दो फीट से बड़ा था। मगरमच्छ के बैठने की…
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ओडिशा के भितरकनिका में देखा गया दुर्लभ अल्बिनो मगरमच्छ
ओडिशा के भितरकनिका में देखा गया दुर्लभ अल्बिनो मगरमच्छ
एक वन अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि हाल ही में ओडिशा के भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में एक दुर्लभ अल्बिनो खारे पानी का मगरमच्छ देखा गया है। राजनगर मैंग्रोव (वन्यजीव) संभागीय वनाधिकारी जेडी पति ने बताया कि राष्ट्रीय उद्यान के दंगमाल स्थित हैचरी और मगरमच्छों के पालने वाले परिसर में अल्बिनो मगरमच्छ देखा गया. वन कर्मियों ने इसका नाम ‘श्वेता’ रखा है। राष्ट्रीय उद्यान अब तीन बंदी अल्बिनो मगरमच्छों का घर…
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सिर मगरमच्छ का, पूंछ मछली जैसी, पलभर में लकड़ी को बना दिया बुरादा...इसे देखकर फटी रह जाएंगी आंखें
सिर मगरमच्छ का, पूंछ मछली जैसी, पलभर में लकड़ी को बना दिया बुरादा…इसे देखकर फटी रह जाएंगी आंखें
कन्हैया पाण्डेय/धनबाद। धनबाद के गोविंदपुर में जोरिया (जोरिया एक पिछड़ी वर्ग की जाति है) ने मछली पकड़ने के दौरान एक ऐसी मछली को पकड़ा, जिसका धड़ मछली का और मुंह मगरमच्छ जैसा है। जब ग्रामीणों ने एक लकड़ी का टुकड़ा उसके मुंह मे डाला तो एक ही झटके में उस मगरमच्छ जैसे मुंह वाली मछली ने उसके टुकड़े कर दिए। लकड़ी के टुकड़े को पलभर में बना दिया बुरादा बताया जाता है कि रविवार की सुबह गांव के लोग मछली पकड़…
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साइकिल पर बैठा एक शख्स बिना किसी कार्रवाई के सड़क के किनारे बैठा नजर आया 10 फुट लंबे मगरमच्छ से भिड़ंत
स्ट्रीट वीडियो पर दिख रहे मगरमच्छ इतने भयानक जीव हैं कि टीवी पर या किसी चिड़ियाघर में बंद पिंजरे में देखने पर लोगों को ऐसा ही डर लगता है। लेकिन सोचिए अगर वही मगरमच्छ आंखों के सामने आ जाए तो लोगों का क्या होगा! हाल ही में ऐसा ही एक अनुभव एक व्यक्ति के साथ हुआ जब वह एक खाली सड़क पर साइकिल चला रहा था (साइकिल सवार ने 10 फीट लंबा मगरमच्छ देखा) और अचानक उसके सामने एक मगरमच्छ दिखाई दिया। सोशल मीडिया अकाउंट वायरलहॉग पर अक्सर चौंकाने वाले वीडियो पोस्ट किए जाते हैं। हाल ही में अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया गया जिसमें एक मगरमच्छ सड़क के किनारे बैठा नजर आ रहा है. हैरानी की बात तो यह है कि मगरमच्छ बहुत ही कड़वे और गुस्सैल स्वभाव के होते हैं, जो अपने पास आने वाले किसी पर भी हमला कर देते हैं, लेकिन इस वीडियो में कुछ और ही दिखाया गया है। एक 10 फुट लंबा मगरमच्छ देखा गया। वीडियो में यह शख्स किसी अनजान जगह पर साइकिल चला रहा है। सड़क के एक तरफ जंगल दिखाई दे रहा है और सड़क पूरी तरह खाली है। उनके सामने करीब 10 फीट लंबा एक विशाल मगरमच्छ पड़ा हुआ दिखाई दे रहा है। आदमी अपना वीडियो रिकॉर्ड करना शुरू कर देता है और जब वह मगरमच्छ के ठीक पीछे चलता है, तब भी जानवर स्थिर रहता है और हिलता नहीं है। लोगों ने वीडियो पर कमेंट किया इस वीडियो को अब तक 75 हजार से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं वहीं कई लोगों ने कमेंट कर अपनी राय दी है. एक ने कहा कि यह वीडियो अमेरिका के एवरग्लेड्स नेशनल पार्क का है, जहां लोग किराए पर साइकिल लेकर सड़क किनारे ड्राइव करते हैं। मगरमच्छों को कभी-कभी धूप में तपते हुए देखा जाता है। एक ने कहा कि यह अमेरिका के मियामी में शार्क वैली है। एक ने कहा कि फ्लोरिडा में ऐसे नजारे अक्सर देखने को मिलते हैं।हिंदी समाचार 18 सबसे पहले ब्रेकिंग न्यूज हिंदी में पढ़ें। आज की ताजा खबरें, लाइव न्यूज अपडेट, सबसे भरोसेमंद हिंदी समाचार वेबसाइट News18 हिंदी| पढ़ते रहियेटैग: आ��्चर्यजनक खबर, ट्रेंडिंग न्यूज।, अजीब खबरपहला प्रकाशन: 01 अक्टूबर 2022, 15:54 IST Source Read the full article
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चेल्सी के मालिक रोमन अब्रामोविच ब्रिटेन के प्रतिबंधों की चपेट में | फुटबॉल समाचार
चेल्सी के मालिक रोमन अब्रामोविच ब्रिटेन के प्रतिबंधों की चपेट में | फुटबॉल समाचार
लंदन: चेल्सी फ़ुटबॉल क्लब के रूसी मालिक रोमन अब्रामोविच यूके को गुरुवार को संपत्ति फ्रीज और यात्रा प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा, जिसने यूरोपीय और विश्व क्लब चैंपियन को बेचने की उसकी योजना को विफल कर दिया। कोई अरबपति मालिक नहीं इंग्लिश प्रीमियर लीग पिछले महीने के अंत में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद, यह किसी भी पश्चिमी देश द्वारा अनुमोदित अब तक का सबसे हाई-प्रोफाइल मगरमच्छ बन गया है। 55 वर्षीय…
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कैलाश से अद्भुत समाचार
इथियोपिया के संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य के अरबा मिंच सिटी और श्रीकैलाश संप्रभु राष्ट्र, प्राचीन प्रबुद्ध सभ्यता राष्ट्र, हिंदुओं का प्रथम राष्ट्र ने द्विपक्षीय संबंधों में प्रवेश किया और सांस्कृतिक समझ, धार्मिक स्वतंत्रता और अन्य अधिकारों पर उनके समान मूल्यों पर जोर दिया, (सर्वस्वतंत्रत्व ), भूख का उन्मूलन, युवा नेतृत्व, समग्र स्वास्थ्य और शिक्षा की पहल, नागरिकों को शिक्षित करने के लिए आदान-प्रदान, पर्यावरण प्रबंधन और स्थायी जीवन। अरबा मिंच (अम्हारिक में गंटा गारो) दक्षिणी राष्ट्रों की राष्ट्रीयताओं और लोगों के क्षेत्रीय राज्य के प्रमुख शहरों में से एक है। यह शहर 1955 ई.सी. में गामो गोफ़ा प्रांत की राजधानी के रूप में स्थापित किया गया था और अब यह गामो क्षेत्र की राजधानी है। "अरबा मिंच" का अर्थ है "40 झरने"। यह नाम 40 से अधिक झरनों की उपस्थिति से उत्पन्न हुआ है जो घने जंगल में अबाया झील क्षेत्र के आसपास नेच सर राष्ट्रीय उद्यान में शहर की प्रशासनिक सीमा में पाए जाते हैं। शहर में अरबा मिंच प्राकृतिक रिजर्व वन नामक एक बड़ा वन संसाधन है जो शहर के पास स्थित है और 1,030 हेक्टेयर भूमि पर है। प्राकृतिक उपहार जैसे नेचे सर नेशनल पार्क, प्रसिद्ध मगरमच्छ फार्म, चामो झील, अबाया झील, स्वर्ग का पुल (स्थानीय नाम टोसा ज़ोको ) जो दो झीलों, चालीस स्प्रिंग्स, प्राकृतिक जंगल और ग्रेट ईस्ट अफ़्रीकी रिफ्ट के किनारे को अलग करता है। घाटी, चेनेचा और गंटा पर्वत, शहर के चारों ओर हैं। इन प्राकृतिक उपहारों और आकर्षक प्राकृतिक परिदृश्य की उपस्थिति ने शहर को एक पर्यटन केंद्र बना दिया है।
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देखें: मगरमच्छों को डराने के लिए महिला चप्पल का इस्तेमाल करती है, ट्विटर पर प्रतिक्रिया | वायरल समाचार
देखें: मगरमच्छों को डराने के लिए महिला चप्पल का इस्तेमाल करती है, ट्विटर पर प्रतिक्रिया | वायरल समाचार
वर्षों से, हमने देखा है कि लगभग सभी भारतीय घरों में माताएं अपने बच्चों को सही रास्ते पर ले जाने के लिए एक महान हथियार के रूप में चप्पल का उपयोग करती हैं, लेकिन कौन जानता था कि क्रूर सरीसृपों पर भी चप्पलें अद्भुत होंगी। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में कुछ ऐसा ही होता दिख रहा है. एनबीए के पूर्व खिलाड़ी रेक्स चैपमैन द्वारा ट्विटर पर पोस्ट की गई क्लिप में एक महिला को मगरमच्छ को…
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न्यू मैक्सिको में खोजे गए मगरमच्छ
न्यू मैक्सिको में खोजे गए मगरमच्छ
PAPOOSE RATTLE, न्यू मैक्सिको – (व्यंग्य समाचार) – एक रिपोर्टर के साथ बूम बूम न्यूज ने अभी-अभी टिप्पणी की है कि वह और उसका कैमरामैन हाल ही में दक्षिणी न्यू मैक्सिको के हॉट फ्लैश डेजर्ट में तीन वयस्क मगरमच्छों, एक बच्चा मगरमच्छ और एक बच्चे के मगरमच्छ से मिले थे। NS क्रॉक्स, जैसा कि उन्हें स्विट्जरलैंड में संदर्भित किया जाता है, उन्हें एक पंचो विला नोक्टर्नल कैक्टस के टुकड़े खाते हुए देखा गया था,…
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एनाकोंडा पूरे मगरमच्छ के चारों ओर लपेटकर पूरे भयानक वीडियो को वायरल करने की कोशिश कर रहा है वायरल वीडियो: मगरमच्छ में लिपटा हुआ एनाकोंडा, मुंह में डालते ही कुछ ... ब्राजील में एक एनाकोंडा ने मगरमच्छ (एनाकोंडा ट्राई टू स्वॉलिग एलीगेटर) को निगलने की कोशिश की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस भयावह फुटेज को मनौस के पोंटा नेग्रा इलाके में कैद किया गया है। फुटेज में, सांप को मगरमच्छ (एनाकोंडा रैप्ड अराउंड एलीगेटर) के चारों ओर लिपटा दिखाया गया है, जो इसे निगलने की कोशिश कर रहा है। स्थानीय समाचार वेबसाइट पोर्टल मार्कोस सैंटोस के अनुसार, घटना वास्तव में 7 अगस्त को एक कॉन्डोमिनियम में हुई थी।
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चिली के जीवाश्म में मिले आधुनिक मगरमच्छ के 'दादा'
चिली के जीवाश्म में मिले आधुनिक मगरमच्छ के ‘दादा’
अर्जेंटीना के प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय ने शुक्रवार को घोषणा की कि दक्षिणी चिली के पहाड़ों में खोजे गए एक 150 मिलियन वर्ष पुराने जीवाश्म कंकाल क�� आधुनिक मगरमच्छ के पूर्वज के रूप में निर्धारित किया गया था। बर्केसुचस मॉलिंगग्रैंडेंसिस नाम की प्रजाति 2014 में अर्जेंटीना और चिली के शोधकर्ताओं द्वारा मैलिन ग्रांडे के पैटागोनियन शहर के पास एक एंडियन जीवाश्म जमा में पाई गई थी। तब से ब्यूनस आयर्स में…
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#इंडियन एक्सप्रेस न्यूज़#क्रमागत उन्नति#नया मगरमच्छ#प्राकृतिक विज्ञान के अर्जेंटीना संग्रहालय#फेडेरिको एग्नोलिन#बर्केसुचस मॉलिंगरैंडेन्सिस#मगरमच्छ का जीवाश्म#विज्ञान समाचार
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तमिलनाडु: शशिकला पर पन्नीरसेल्वम का पलटवार, कहा- मगरमच्छ के आंसू बहाने से कुछ नहीं होगा - नवभारत टाइम्स
नवभारत टाइम्स तमिलनाडु: शशिकला पर पन्नीरसेल्वम का पलटवार, कहा- मगरमच्छ के आंसू बहाने से कुछ नहीं होगा नवभारत टाइम्स AIADMK में चल रही वर्��स्व की लड़ाई ��ेज होने के साथ साथ दिलचस्प भी होती जा रही है। रविवार को दिनभर पार्टी महासचिव वीके शशिकला और कार्यवाहक मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम के बीच तीखी बयानबाजी का सिलसिला चलता रहा। शशिकला विधायकों को संबोधित करने का दौरान भावुक हो गईं तो पन्नीरसेल्वम ने पलटवार में तंज कसते हुए कहा कि अब मगरमच्छ के आंसू बहाने से कुछ हासिल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कई विधायकों ने उन्हें संपर्क कर बताया है कि एक विधायक पर 4 गुंडे लगाए गए हैं। पन्नीरसेल्वम ने शशिकला पर और भी कई गंभीर आरोप लगाए। यह भी पढ़ें: रो पड़ीं शशि, कहा- अपनी ही उंगली से आंख फोड़ रहे ... घड़ियाली आंसू बहाना और बातें बनाना काम नहीं आएगा: पेन्नीरसेल्वमOneindia Hindi घड़ियाली आंसू बहाना और बातें बनाना काम में नहीं आएगा : ओ पन्नीरसेल्वमNavodaya Times सभी ३ समाचार लेख » http://dlvr.it/NMCWrr
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कैलाश से अद्भुत समाचार
कैलाश से अद्भुत समाचार इथियोपिया के संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य के अरबा मिंच सिटी और श्रीकैलाश संप्रभु राष्ट्र, प्राचीन प्रबुद्ध सभ्यता राष्ट्र, हिंदुओं का प्रथम राष्ट्र ने द्विपक्षीय संबंधों में प्रवेश किया और सांस्कृतिक समझ, धार्मिक स्वतंत्रता और अन्य अधिकारों पर उनके समान मूल्यों पर जोर दिया, (सर्वस्वतंत्रत्व ), भूख का उन्मूलन, युवा नेतृत्व, समग्र स्वास्थ्य और शिक्षा की पहल, नागरिकों को शिक्षित करने के लिए आदान-प्रदान, पर्यावरण प्रबंधन और स्थायी जीवन। अरबा मिंच (अम्हारिक में गंटा गारो) दक्षिणी राष्ट्रों की राष्ट्रीयताओं और लोगों के क्षेत्रीय राज्य के प्रमुख शहरों में से एक है। यह शहर 1955 ई.सी. में गामो गोफ़ा प्रांत की राजधानी के रूप में स्थापित किया गया था और अब यह गामो क्षेत्र की राजधानी है। "अरबा मिंच" का अर्थ है "40 झरने"। यह नाम 40 से अधिक झरनों की उपस्थिति से उत्पन्न हुआ है जो घने जंगल में अबाया झील क्षेत्र के आसपास नेच सर राष्ट्रीय उद्यान में शहर की प्रशासनिक सीमा में पाए जाते हैं। शहर में अरबा मिंच प्राकृतिक रिजर्व वन नामक एक बड़ा वन संसाधन है जो शहर के पास स्थित है और 1,030 हेक्टेयर भूमि पर है। प्राकृतिक उपहार जैसे नेचे सर नेशनल पार्क, प्रसिद्ध मगरमच्छ फार्म, चामो झील, अबाया झील, स्वर्ग का पुल (स्थानीय नाम टोसा ज़ोको ) जो दो झीलों, चालीस स्प्रिंग्स, प्राकृतिक जंगल और ग्रेट ईस्ट अफ़्रीकी रिफ्ट के किनारे को अलग करता है। घाटी, चेनेचा और गंटा पर्वत, शहर के चारों ओर हैं। इन प्राकृतिक उपहारों और आकर्षक प्राकृतिक परिदृश्य की उपस्थिति ने शहर को एक पर्यटन केंद्र बना दिया है।
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मगरमच्छ धीरे-धीरे गांव में प्रवेश कर रहा था, जब गांव वालों ने उसे देखा तो शोर मचाने लगे, तभी...
मगरमच्छ धीरे-धीरे गांव में प्रवेश कर रहा था, जब गांव वालों ने उसे देखा तो शोर मचाने लगे, तभी…
पश्चिम चंपारण समाचार: इस साल भारी बारिश के कारण बड़ी संख्या में मगरमच्छ रिहायशी इलाकों में पहुंच गए हैं. इस साल भी इसी तरह की बारिश शुरू हो गई है और मगरमच्छों ने गांव में प्रवेश करना शुरू कर दिया है। इस साल रामनगर प्रखंड में आठ मगरमच्छों को बचाया गया है.
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कनूज में ग्रामीणों ने पकड़ा मगरमच्छ : 3 दिन पहले दिखाया गया था, रिपोर्ट के बाद भी नहीं पहुंची वन विभाग की टीम, बचाव के लिए ग्रामीणों ने जोखिम में डाली जान | 3 दिन पहले दिखाया था वन विभाग की टीम सूचना के बाद भी नहीं पहुंची, ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर बचाव किया
कनूज में ग्रामीणों ने पकड़ा मगरमच्छ : 3 दिन पहले दिखाया गया था, रिपोर्ट के बाद भी नहीं पहुंची वन विभाग की टीम, बचाव के लिए ग्रामीणों ने जोखिम में डाली जान | 3 दिन पहले दिखाया था वन विभाग की टीम सूचना के बाद भी नहीं पहुंची, ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर बचाव किया
हिंदी समाचार स्थानीय उत्तर प्रदेश نوج۔ कनूज में ग्रामीणों ने पकड़ा मगरमच्छ : 3 दिन पहले दिखाया, सूचना के बाद भी नहीं पहुंची वन विभाग की टीम, ग्रामीणों ने लगाई जान को खतरा نوج۔42 मिनट पहले लिंक की प्रतिलिपि करें ग्रामीणों ने मगरमच्छ को पकड़कर वन विभाग को सौंप दिया। कानुज के कोतवाली क्षेत्र के टोलापुरवा गांव में 10 फुट ऊंचे मगरमच्छ को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौके पर जमा हो गए.…
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