#मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु
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Jharkhand deoghar - बाबा धाम आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना लेजर लाइट शो, मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु
देवघर : राजकीय श्रावणी मेला 2024 कई मायनों में खास है. इस कड़ी में शिवगंगा सरोवर व जलसार पार्क में लेजर शो कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा हैं, ताकि श्रद्धालुओं को एक बेहतर अनुभूति बाबा धाम देवघर में प्राप्त हो सके. इसके अलावा शिवगंगा सरोवर व जलसार पार्क में वाटर प्रोजक्टर के माध्यम से लेजर शो का आयोजन किया जा रहा है, जहां बाबा मंदिर से जुड़े इतिहास के साथ-साथ बाबा मंदिर, शिवलिंग की स्थापना और देवघर…
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श्री कृष्ण जन्म लीला देखकर मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु
श्री कृष्ण जन्म लीला देखकर मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु
धारूहेडाः यहां के वार्ड 11 की पांचाल कालोनी में नवदुर्गा पूजा एवं देवी भागवत कथा में श्री कृष्ण जन्म लीला का मंचन किया गया, जिससे देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। कलाकारों ने नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल के उद्घोष साथ बधाई गीत गाए। National Highway 48 पर फिर लगा जाम श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति डूबकर नृत्य करने को मजबूर हो गए। इसके साथ ही शतचंडी महायज्ञ और गणेश पूजन किया गया। सुमित्रा…
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#Devotees were mesmerized after seeing Shri Krishna&039;s birth Leela#KATHA#REWARI NEWS#मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु#श्री कृष्ण
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Lakhbir Singh Lakha in Meerut: भजनों पर मंत्रमुग्ध हुए दर्शक
Lakhbir Singh Lakha in Meerut: भजनों पर मंत्रमुग्ध हुए दर्शक
Lakhbir Singh Lakha in Meerut: जानी खुर्द,बीती शरद पूर्णिमा की रात जानी में हुए विशाल भगवती ज���गरण में सिवालखास विधानसभा क्षेत्र के श्रद्धालु बड़े जनसैलाब के रूप में उपस्थित रहे। 40 बीघे का खेत मां के भक्तों से लबालब भर गया,रात्रि10 बजे जैसे ही भजन सम्राट लखबीर सिंह लख्खा की एंट्री हुई उनकी एक झलक पाने को लोग बेताब हो गए। लखबीर सिंह लख्खा ने प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी, मां वेदों ने जो तेरी…
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#Lakhbir Singh Lakha in Meerut: जानी खुर्द#बीती शरद पूर्णिमा की रात जानी में हुए विशाल भगवती जागरण में सिवालखास विधानसभा क्षेत्र के श्रद्
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Narnaul History > Best Places To visit > In Hindi [2021]
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Not Narnaul Photo शानदार ऐतिहासिक स्मारकों की शाही छवि से अपने शहर के दृश्यों को सुशोभित करने वाला Narnaul आपको अपने सुवर्ण अतीत के एक महाकाव्य दौरे के लिए आमंत्रित करता है। सदियों से नारनौल ने कई शक्तिशाली राजवंशों के उत्थान और पतन को देखा है। मुगल और फारसी विजेताओं से लेकर राजपूतों और बाद में अंग्रेजों तक, हर शासक ने शहर पर अपनी छाप छोड़ी है। महाभारत के सन्दर्भ में से पता चलता हे की द्वापर युग के दौरान शहर को एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल माना जाता था, जो इसके पौराणिक आकर्षण को जोड़ता है। हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में स्थित नारनौल अपने राजसी आकर्षण से आपको मंत्रमुग्ध कर देगा।
History Of Narnaul - नारनौल का इतिहास
नारनौल अपने कई ऐतिहासिक स्मारकों के साथ आपको इसके पौराणिक अतीत की एक झलक दिखाता है। 16वीं सदी का जल महल पानी से घिरा शानदार आनंद महल और शाह कुली खान द्वारा निर्मित भव्य त्रिपोली गेटवे मुगल वास्तुकला की उत्कृष्ट कृतियां हैं। शाह विलायत मकबरा और तुगलक-युग का चोर गुंबद स्क्वायर और इब्राहिम खान सूर की पठान शैली की समाधि भी सुन्दर और अदभुत स्मारक हैं। नारनौल के आसपास बिखरे कई धार्मिक स्थलों की यात्रा के साथ इतिहास और आध्यात्मिकता के प्रतिच्छेदन का अनुभव आप कर सकते हो उनमे से कई उल्लेखनीय मंदिर, पीर तुर्कमान की मस्जिद और मकबरा, भगवान शिव का मोदावाला मंदिर, चामुंडा देवी मंदिर और हनुमान मंदिर ऐसे कई धार्मिक स्थान यहाँ मौजूद हैं। शहर से सटे खूबसूरत धोसी हिल, एक विलुप्त ज्वालामुखी के साथ-साथ उस स्थान की यात्रा की योजना बनाएं जहां ऋषि च्यवन ने च्यवनप्राश बनाया था। मुगलों, राजपूतों, फारसियों और अंग्रेजों के मिश्रित स्थापत्य प्रभाव का दावा करते हुए नारनौल अपने कई मकबरों और ऐतिहासिक स्थलों के लिए विश्व भर में बहुत प्रसिद्ध है जो यहाँ पर मुगल और राजपूत युग में बने हैं। इ��के बाद जयपुर और पटियाला के राजकुमारों का स्थान है। अकबर के दरबार में मंत्रियों या नवरत्नों में से एक बीरबल के जन्मस्थान के रूप में भी नरनौल को जाना जाता है साथ ही में नारनौल अफगान राजा शेर शाह सूरी का जन्मस्थान भी है जिसने मुगल वंश की नींव हिला दी थी। प्रसिद्ध आयुर्वेदिक मिश्रण च्यवनप्रकाश सबसे पहले शहर से सिर्फ 8 किमी दूर एक पवित्र पहाड़ी दोशी में बनाया गया था। Other Golconda Fort : Full History Of Golconda And Amazing Fact Alleppey Kerala > Full History And Best Places To Visit Khajuraho Temple > Full History Of Khajuraho Temple Varanasi Banaras : 9 Attractive Places To Visit In Varansi
Places To visit in Narnaul
Khalda Wale Hanuman यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है और नारनाल-सिंघारा राजमार्ग पर स्थित है। इस क्षेत्र का केंद्र अरावली रेंज में एक पहाड़ी की चोटी पर हे जहा भगवान हनुमान की एक मूर्ति है। खाल्दा वाले हनुमान मंदिर पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है और यहां साल भर सैकड़ों श्रद्धालु आते हैं। आपको यहाँ भोजन और आवास की सुविधा पास में मिल सकती है और पर्यटक मंदिर के दर्शन के दौरान पास की दोशी पहाड़ियों की यात्रा भी कर सकते हैं। Jal Mahal नारनौल शहर की पुरानी मंडी में स्थित जल महल खान सरोवर के बीच में एक महल है। यह महल नवाब शाह क्विल खान द्वारा बनवाया गया था। इसके मुख्य प्रवेश द्वार पर फारसी शिलालेख हैं��� इसकी हर तरफ चार सीढ़ियाँ हैं जो की भीतरी कक्ष की छत आकार में अष्टकोणीय है। 1590-91 ईस्वी में अकबर के शासनकाल के दौरान निर्मित टैंक को इससे बाद में जोड़ा गया था। Chor Gumbad चोर गुंबद नारनौल का सबसे प्रसिद्ध स्मारक है जो शहर के उत्तर की ओर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। शहर का मील का पत्थर माने जाने वाले गुंबद के हर तरफ चार मीनारें हैं और पूरे स्मारक के साथ एक बरामदा है। अफगान जमाल खान द्वारा इसे बनवाया गया था। इसका मूल स्मारक शायद एक मकबरे के रूप में इस्तेमाल किया गया था। संरचना शायद फिरोज शाह तुगलक के तहत बनाई गई थी और वर्तमान में अंदर कोई कब्र नहीं है। स्मारक निश्चित रूप से एक ऐसा स्थान है जहां इमारत की ��टिल वास्तुकला के साथ-साथ पूर्ववर्ती म��बरे को सुशोभित करने वाली सुंदर मीनारों का अनुभव करने के लिए जाना चाहिए। यह जमालपुर क्षेत्र में सिंघाना रोड पर स्थित है। Birbal ka Chatta इसका निर्माण नारनौल के तत्कालीन दीवान रे-ए-रेयान मुकंद दास ने करवाया था । जब शाहजहाँ ने 1628 ईस्वी में शासन किया था। बीरबल का छत्ता एक सुंदर संरचना है जिसमें पाँच कहानियाँ और कई कमरे और साथ ही हॉल हैं। बाहर एक संगमरमर का फव्वारा है जिसमें सुंदर रोशनी है। इमारत में इस्तेमाल किया गया संगमरमर चमकदार सफेद है जो संरचना में आकर्षण जोड़ता है। किंवदंती है कि इस इमारत में कभी जयपुर के लिए सुरंगें थीं जिनका उपयोग अकबर और बीरबल अक्सर करते थे। संरचना का नाम बीरबल के छत्ता के नाम से भी जाना जाता है। Mirza Alijan’s takht an Baoli मिर्जा अलीजान की तख्त एक बावली मिर्जा अली द्वारा निर्मित एक पानी की टंकी है, जब वह नारनौल के नवाब थे, अकबर के शासन के दौरान उस समय के बहुत प्रसिद्ध स्मारकों में से एक के रूप में जाना जाता था। मुख्य भवन एक मेहराब के आकार का है और इसके स्तंभों पर 'तख्त' के साथ-साथ एक 'छतरी' भी है। तख्त बावली के मुख्य द्वार पर है और बावली आगे कुएँ में फैली हुई है। शहर के छोटा-बड़ा तालाब क्षेत्र में स्थित, बोआली के साथ-साथ स्मारक भी देखने लायक है। कहा जाता है कि 1556-1605 ईस्वी के आसपास बनाया गया यह स्मारक निश्चित रूप से देखने लायक है! नारनौल एक शाही शहर है; अतीत और वर्तमान दोनों में, स्मारकों के साथ जो 14 वीं शताब्दी में वापस जाते हैं और किंवदंतियां जो समय में और पीछे जाती हैं। शहर में मस्जिदों से लेकर स्मारकों से लेकर बावड़ियों तक और बहुत कुछ है। यह शहर आगंतुकों के लिए बहुत गर्म है और इसे देखने का सबसे अच्छा समय सर्दियों के दौरान होता है। Read the full article
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अहंकार सदैव पतन का कारण बनता है - बालसंत शाश्वत
कोटा के शिवपुरीधाम में श्रीराम प्राकट्य उत्सव पर बधाइयों की गूंज न्यूजवेव @ कोटा शहर के शिवपुरीधाम में संत सनातनपुरी महाराज के सान्निध्य में चल रही श्रीराम कथा में चौथे दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ। बालसंत शाश्वत जी भार्गव ने ‘भये प्रकट कृपाला दीनदयाला कौशल्या हितकारी’ भजन सुनाया तो समूचा शिवपुरीधाम अयोध्यामयी हो उठा।
धाम परिसर में भगवान श्रीराम की जय-जयकार के स्वर गूंजने लगे। बालसंत ने भगवान श्रीराम के प्राकट्य उत्सव की कथा का आलौकि�� प्रसंग सुनाकर भक्तजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्रद्धालु महिलाएं बधाई मंगल गीत गाते हुए नृत्य करने लगी। समूचा पांडाल भगवान के जन्मोत्सव पर गाने-झूमने लगा। संत सनातनपुरी महाराज भी श्रद्धालुओं के साथ मंत्रमुग्ध होकर झूमने लगे तो पूरा पांडाल भगवान श्रीराम के जयकारों से गूंजने लगा।
बालसंत ने श्रीराम के धरती पर अवतार लेने का रहस्य बताते हुए कहा कि जब-जब धरती पर पाखंडियों और दुष्टों का बोलबाला हो जाता है, जब भारतभूमि पर भक्तगणों और सज्जनों को सताया जाता है,गौमाता, संत, ब्राह्मणों का लोग तिरस्कार करने लगते हैं। तब श्रीराम धरती पर अवतरित होकर आते हैं और दुष्टों का संहार करके भक्तों की रक्षा करते हैं। संत शाश्वत ने कहा कि अहंकार सदैव पतन का कारण बनता है। जब अभिमान का अंकुर हमारे मन में पनपे उसे समय निकाल दें। अहंकार का बीज पनपकर वृक्ष बन गया तो वह हम पर राज करने लगेगा और हमारा पतन निश्चित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि युगों-युगों से अहंकारी लोगों का पूरी तरह नाश हो गया चाहे वह राजा रावण हो या अत्याचारी कंस। इतिहास गवाह है कि अहंकारी का सर्वनाश होता है।
श्रद्धालुओं से खचाखच भरे पंडाल में भ��वान के बालरूप की सुंदर झांकी में रामलला के बालरूप की छवि के दर्शनों को श्रद्धालु लालायित रहे। महिलाएं पालना झुलाने के लिए उत्साहित दिखी। स्वयं संत सनातनपुरी भी भगवान की अद्भुत छटा देख अभिभूत हो उठे। इस अवसर पर सोमवार को नीति आयोग के सह-संयोजक अखिल शुक्ला, पार्षद बृजेश शर्मा नीटू, पं. अनिल औदिच्य, समाजसेवी महेन्द्रसिंह सहित बडी संख्या में शहरवासी कथा श्रवण के लिये पहुंचे। शाम को महाआरती की। भक्ति की शक्ति का प्रतीक कौशल्या बाई
बालसंत ने कहा कि भगवान श्रीराम ने जब अवतार लिया तो वे अपने पूर्ण चर्तुभुज रूप में प्रकट हुए। भगवान का यह रूप देखकर माता कौशल्या चकित हो गई, उन्होंने भगवान से निवेदन किया कि वे बालक का रूप धारण करें तो माता की बात मानकर भगवान ने तुरंत बालरूप धारण कर लिया। यह कौशल्या मां की भक्ति की शक्ति का प्रतीक है, जिसने भगवान को भी बालरूप धारण कर रोने के लिए विवश कर दिया। Read the full article
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jamshedpur surya mandir : गरज-चमक के साथ बनारस के प्रख्यात गंगा घाट की तर्ज पर सूर्य मंदिर छठ घाट पर हुई महाआरती, भगवान इंद्रदेव ने भी दिया आशीर्वाद, आरती, शंख, डमरू, घरीघंट की ध्वनि, आतिशबाजी से श्रद्धालु ��ुए मंत्रमुग्ध, आस्था का दिखा अदभुत नजारा, सपरिवार शामिल हुए ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास, देखिये - video
जमशेदपुर : जमशेदपुर के सिदगोड़ा सूर्य मंदिर समिति की ओर से श्रावण माह के उपलक्ष्य पर मंगलवार संध्याकाल में बनारस के प्रख्यात गंगा घाट की तर्ज पर आयोजित महाआरती में आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला. आसमान से बरसते बादलों के बीच विश्व प्रसिद्ध बनारस के गंगा आरती की तर्ज पर आयोजित महाआरती में श्रद्धालुओं की विशाल भीड़ मौजूद रही. झमाझम बारिश के बावजूद सभी भक्त आरती में तल्लीन दिखे. मंगलवार शाम से…
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Jamshedpur Bhagwat Katha- सच्चाई के रास्ते पर चलने वाला जीवन में कभी भी हार का सामना नही करता-सर्वज्ञानन्द महाराज, भागवत कथा के 6वें दिन सुदामा चरित्र का प्रसंग सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु
जमशेदपुर: साकची श्री रामलीला मैदान में चल रहे भागवत कथा के 6वें दिन गुरूवार को कथावाचक स्वामी सर्वज्ञानन्द जी महाराज ने श्री सुदामा चरित्र, श्रीमदभागवत, व्यास पूजन, श्रीशुक्रदेव विदाई एवं होली उत्सव की कथा का विस्तार से सुंदर प्रसंग कहा. श्रद्धालु कथा के प्रसंग सुन मंत्रमुग्ध हुए. श्री श्री रामलीला उत्सव समिति द्धारा आयोजित भागवत कथा का वाचन करते हुए सर्वज्ञानन्द महाराज ने कहा कि मित्रता कैसे…
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Jamshedpur suryadham : सिदगोड़ा सूर्यमंदिर परिसर में संगीतमय श्रीराम कथा के तीसरे दिन श्री राम जन्मोत्सव के प्रसंग से मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु, भक्तों ने लगाए जय श्री राम के जयकारे
जमशेदपुर : जमशेदपुर के सिदगोड़ा सूर्य मंदिर समिति द्वारा श्रीराम मंदिर स्थापना के चतुर्थ वर्षगांठ के अवसर पर सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के तीसरे दिन कथा प्रारंभ से पहले वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा सपत्नीक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महानगर कार्यवाह रविंद्र नारायण, मृत्यंजय कुमार, सूर्य मंदिर समिति के संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह, सचिव शशिकांत सिंह एवं अन्य ने…
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jamshedpur suryadham : सिदगोड़ा सूर्यमंदिर परिसर में श्रीराम कथा के प्रथम दिन श्रीराम कथा महिमा एवं गुरु महिमा से मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु, पूरा क्ष���त्र हुआ भक्तिमय, पंडित गौरांगी गौरी ने कथा में किया वर्णन
जमशेदपुर : जमशेदपुर के सिदगोड़ा सूर्य मंदिर समिति द्वारा श्रीराम मंदिर स्थापना के चतुर्थ वर्षगांठ के अवसर पर संगीतमय श्रीराम कथा का शुक्रवार को शंख मैदान में शुभारंभ हुआ. कथा प्रारंभ से पहले वैदिक मंत्रोच्चार के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास, संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह, अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, राकेश सिंह सपत्नीक व अन्य ने कथा व्यास पीठ एवं व्यास का विधिवत पूजन किया.…
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jamshedpur Bhagwat Katha- कृष्ण-रुक्मणि विवाह की झांकी देख मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालुओं ने गाए मंगल गीत, भुइयांडीह नीतिबाग कॉलोनी में श्रीमद् भागवत कथा का छठवां दिन
जमशेदपुर: भुइयांडीह स्लैग रोड़ स्थित नीतिबाग कॉलोनी में चल रहे सात दिवसीय भागवत कथा के छठवें दिन गुरूवार को कथावाचक आचार्य बालव्यास पंडित विवेक महाराज ने श्री कृष्ण-रूकमणी विवाह, रास पंचांग अध्याय, गोपी उद्धव संवाद कथा का सुंदर वर्णन किया. कथाव्यास की वाणी से कृष्ण-रूकमणी विवाह का वर्णन सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए. कृष्ण-रूकमणी विवाह की सुन्दर झांकियों ने सभी का मन मोह लिया. श्रद्धालुओं ने…
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jamshedpur ganga aarti - बनारस के प्रख्यात गंगा घाट की तर्ज पर सूर्य मंदिर छठ घाट पर हुई महाआरती, हजारों श्रद्धालु हुए शामिल, शंख, डमरू, घरीघंट की ध्वनि, शानदार आतिशबाजी और जलते दीपकों के लौ की अद्भुत छटा को देख हुए मंत्रमुग्ध
जमशेदपुर : जमशेदपुर के सिदगोड़ा सूर्य मंदिर समिति की ओर से श्रावण माह के तृतीय सोमवारी के अवसर पर संध्याकाल में बनारस के गंगा घाट की तर्ज पर महाआरती का आयोजन किया गया. भव्य महाआरती को देखने के लिए सिदगोड़ा समेत आसपास के क्षेत्र के हजारो लोग शामिल हुए. सूर्य मंदिर के छठ घाट के अविरल छल-छल करते जल के बीच आयोजित महाआरती का भव्य और दिव्य दृश्य बहुत मनोरम लग रहा था. इस दौरान महाआरती में शामिल श्रद्धालु…
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jamshedpur sidhghora suryadham - सिदगोड़ा सूर्यमंदिर परिसर में संगीतमय श्रीराम कथा के तीसरे दिन श्री राम जन्मोत्सव के प्रसंग से मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु, भक्तों ने लगाए जय श्री राम के नारे
जमशेदपुर : जमशेदपुर के सिदगोड़ा सूर्य मंदिर कमिटी द्वारा श्रीराम मंदिर स्थापना के तृतीय वर्षगांठ के अवसर पर सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के तीसरे दिन कथा प्रारंभ से पहले वैदिक मंत्रोच्चार के बीच व्यास पीठ एवं व्यास का विधिवत पूजन किया गया. पूजन पश्चात श्री अयोध्याधाम से पधारे मर्मज्ञ कथा वाचिका पूज्य पंडित गौरांगी गौरी जी का स्वागत किया गया. स्वागत के पश्चात कथा व्यास पंडित गौरांगी गौरी देवी जी…
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Haryana news: 68 वें नेशनल फिल्म अवार्ड से सम्मानित हुए मनदीप चौहान, समाज ने दी शुभकामनाएं
Haryana news: 68 वें नेशनल फिल्म अवार्ड से सम्मानित हुए मनदीप चौहान, समाज ने दी शुभकामनाएं
हरियाणा: हरियाणा के मनदीप सिंह चौहान क़ो 68 वें नेशनल फिल्म अवार्ड वितरण समारोह में उनके द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंट्री फिल्म के लिए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुरमू ने पुरस्कृत किया। फिल्म निर्माता मनदीप सिंह चौहान को यह सम्मान उनकी लघु फिल्म ‘जस्टिस डिलेड बट डिलीवर्ड’ के लिए दिया गया। श्री कृष्ण जन्म लीला देखकर मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु नॉन फीचर फिल्म श्रेणी में यह फिल्म राष्ट्रीय स्तर पर…
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#68 वें नेशनल फिल्म अवार्ड#Ambala news#HARYANA NEWS#Mandeep Chauhan honored with 68th National Film Awards#दी शुभकामनाएं#मनदीप चौहान#समाज ने#सम्मानित हुए
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जिस घर में गौमाता,सुख-समृद्धि का वास वहां- गौवत्स राधाकृष्ण महाराज
भवानीमंडी में ‘नानी बाई रो मायरो’ कथा के द्वितीय सोपान में मनाया बसंतोत्सव न्यूजवेव @ भवानीमंडी गौवत्स पूज्य राधाकृष्ण महाराज ने कहा कि जिस घर में गौमाता का निवास रहता है, वहां हमेशा सुख-समृद्धि हमेशा निवास करती है। राधेश्याम की बगीची स्थित गोकुल धाम में ‘नानी बाई रो मायरो’ कथा के दूसरे दिन उन्होने भगवान और भक्त के प्रगाढ़ रिश्ते का मार्मिक वर्णन किया। मारवाड़ी शैली में नानीबाई रो मायरो का वृतांत व प्रसंग सुनकर हजारों श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।
उन्होनें कहा कि समर्पण भाव से की गई भक्त की भावना भगवान् तक अवश्य पहुंचती है। भगवान् मनुष्य की प्रत्येक जरूरत को समझते हैं और मनोभाव से ��्रार्थना हो तो उसे स्वीकार अवश्य करते हैं। मनुष्य शरीर मिलने पर यदि सत्संग प्राप्त हो जाए तो जीवन सार्थक है। महाराज ने कहा कि जिस तरह डिग्री प्राप्त करने के बाद अच्छी नौकरी न मिले तो डिग्री बेकार है, ठीक उसी तरह सत्संग बिना मनुष्य जीवन पाना भी बेकार है। जवानी जीवन का सबसे कीमती समय होता है। जितना जवानी का सदुपयोग कर लेंगे उतना जीवन व समाज सुखमय होगा। श्री महाप्रभुजी के बड़े मंदिर कोटा से पूज्य गोस्वामी विनय बाबा भी कथाश्रवण के लिये पहुंचे। भात भरने रवाना हुए नरसी मेहता व्यासपीठ से राधाकृष्ण महाराज ने कहा कि नानीबाई के यहां से भात भरने का निमंत्रण मिलने के बाद भगत नरसी मेहता अपने साथी सूर-संतों को लेकर टूटी-फूटी बैलगाड़ी से अंजार नगर के लिए रवाना हुए। इस दौरान वह तानपुरा, खड़ताल, मजीरे बजाते, भजन गाते हुए चले जा रहे थे कि अचानक बैलगाड़ी का पहिया टूट गया। नरसीजी के भगवान को याद करने किशना खाती के रूप में भगवान श्रीकृष्ण खुद वहां आ गए। भगवान ने नरसी की गाड़ी को ठीक किया और बैलगाड़ी को हांकते हुए खुद भी अंजार नगर के लिए नरसी के साथ रवाना हो गए। वृतांत सुनाते हुए राधाकृष्ण महाराज के मारवाड़ी और गुजराती मिश्रित भजनों ने श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया। गुरूवार को मायरे की रस्म के साथ कथा का समापन होगा। ‘बसंत ऋतु आई आ जा सांवरिया...’
मानधना परिवार की ओर से आयोजित समारोह में दूसरे दिन बुधवार रात्रि कथा स्थल गोकुल धाम पर बसंतोत्सव का भव्य आयोजन हुआ। गिरिराज मित्र मंडल द्वारा समधुर भजनों की प्रस्तुतियों पर श्रद्धालु झूम उठे। गिरिराज मित्र मण्डल के गोविन्द माहेश्वरी ने ‘तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे...’, ‘बसंत ऋतु आई आ जा सांवरिया’, ‘श्यामा श्याम सलोनी सूरत पे श्रृंगार बसन्ती है...’ सरीखे मीठे भजन प्रस्तुत किए। पारंपरिक परिधान पहने महिलाएं व पुुरुष ठाकुर जी के भजनों पर नृत्य करते हुए झूम उठे। भजन संध्या में मानधना परिवार के ईश्वरलाल माहेश्वरी, कृष्णकुमार, चंद्रप्रकाश, रामेश्वर प्रसाद, बालकृष्ण, गोविन्द माहेश्वरी, राजेश माहेश्वरी, नवीन माहेश्वरी, ललित माहेश्वरी, अशोक लोढा, यशवंत, प्रमोद नागौरी, प्रसन्न लोढ़ा, पारस गोटावाला, राजस्थान टेक्सटाइल मिल के प्रमुख सुरेश जी खंडेलिया एवं रतलाम में 117 वर्ष पूर्व स्थापित श्री गोपाल गौशाला न्यास के अध्यक्ष एमएल दुबे, सचिव ओमप्रकाश मिश्रा एवं उपाध्यक्ष अनिल सारस्वत समेत बड़ी संख्या में कृष्णभक्त मौजूद रहे। Read the full article
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