#भोजन वितरण
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helputrust · 4 days ago
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|| जय श्री राम ||
लखनऊ 24.11.2024 | राम राज्य के वर्तमान समय में हमें अपने समाज के सबसे निर्धन और असहाय वर्ग की मदद के लिए आगे आना होगा । यह वह समय है जब हम उनके साथ मिलकर, उनकी मदद कर सकते हैं और उन्हें जीवन की आधारभूत जरूरतें प्रदान करने का संकल्प ले सकते हैं । इसी कड़ी में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा 'सियाराम की रसोई' अभियान की शुरुआत की गयी जिसका उद्देश्य है प्रतिदिन गरीबों को आपके सहयोग से नि:शुल्क भरपेट भोजन प्रदान कर मानवता की सेवा करना ।
आप अपने “कभी खुशी कभी गम” के यादगार पलों (जन्मदिवस, सालगिरह, पुण्यतिथि आदि) के शुभ अवसर पर निम्नलिखित तरीकों से जनहित में अपना अमूल्य समर्थन प्रदान कर सकते हैं:
1. ऑनलाइन दान करके आर्थिक सहायता प्रदान करना |
2. खाद्य सामग्री, जैसे कि अनाज, दाल, चावल, फल, सब्जियां और ताजा दूध आदि, को संग्रहित करके हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के समृद्धि केंद्र में जमा करना |
उल्लेखनीय हैं कि भोजन वितरण से पहले, आपके यादगार पलों / विशेष दिन के अवसर की घोषणा उपस्थित सभी लोगों के समक्ष की जाएगी, ताकि  आपको आध्यात्मिक साधकों से आशीर्वाद और शुभकामनाएं मिल सकें |
सियाराम की रसोई अभियान के अंतर्गत, श्री अभिषेक पाण्डेय जी, निवासी कटराखुदायर खाँ, सहादत गं��, चौक, लखनऊ ने अपने जन्मदिन के शुभ अवसर पर हनुमान जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की 'सियाराम की रसोई' योजना के अंतर्गत 201 व्यक्तियों के लिए ₹5100/- का दान देकर भोजन की व्यवस्था में अपना बहुमूल्य योगदान प्रदान किया | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट श्री अभिषेक पाण्डेय जी तथा उनके परिवार का आभार प्रकट करता है और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं देता है ।
इस अवसर पर श्री अभिषेक पाण्डेय जी ने कहा कि, “आज मैं सर्वप्रथम हनुमान जी को कोटि- कोटि नमन करता हूं और 'हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट' का हृदय से धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने मेरे निवेदन को स्वीकार करते हुए भंडारे का आयोजन करवाया । मेरा यह कार्यक्रम आयोजित करने का उद्देश्य यह है कि मैं अधिक से अधिक जरूरतमं��, गरीब, पीड़ित और वंचित लोगों तक पहुंच सकूं । मेरा प्रयास है कि मेरा जन्मदिन उनकी दुआओं, स्नेह और आशीर्वाद से सार्थक बने । ईश्वर से यही प्रार्थना है कि मुझे सदा ऐसा ही अवसर और मार्गदर्शन प्रदान करें ताकि मैं समाज के प्रति अपना दायित्व निभा सकूं |”
इस अवसर पर श्री अभिषेक पाण्डेय जी तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
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parasparivaarorg · 6 days ago
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जय माता दी पारस भाई जी का संदेश
जय माता दी केवल एक जयकारा नहीं है; यह देवी मां दुर्गा के प्रति भक्ति और आभार का एक गहरा भाव है। पारस भाई जी के नेतृत्व में पारस परिवार के लिए यह मंत्र अटूट विश्वास, प्रेम और कृतज्ञता का प्रतीक है। इस ब्लॉग में हम पारस भाई जी की आध्यात्मिक शिक्षाओं, पारस परिवार की भक्ति की परंपरा, और उनके जीवन में "जय माता दी" के महत्व को जानेंगे।
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पारस भाई जी कौन हैं?
पारस एक प्रतिष्ठित आध्यात्मिक नेता और पारस परिवार के लिए मार्गदर्शक हैं। उनकी शिक्षाएं भक्ति, करुणा, और निःस्वार्थ सेवा के सिद्धांतों पर आधारित हैं, जो सनातन धर्म के शाश्वत मूल्यों के अनुरूप हैं। अपनी बुद्धिमत्ता और विनम्र दृष्टिकोण के माध्यम से, पारस भाई जी ने अनगिनत व्यक्तियों को आध्यात्मिकता अपनाने और धर्ममय जीवन जीने के लिए प्रेरित किया है।
उनका संदेश सरल लेकिन गहन है: ईश्वर पर विश्वास करें, मानवता की सेवा करें, और भक्ति के माध्यम से आंतरिक शांति प्राप्त करें। पारस भाई जी मानते हैं कि "जय माता दी" केवल एक वाक्य नहीं, बल्कि हमारे भीतर मौजूद दिव्य ऊर्जा से जुड़ने का एक माध्यम है।
पारस परिवार की भूमिका
पारस परिवार एक ऐसा समुदाय है, जो मां दुर्गा और पारस भाई जी की शिक्षाओं के प्रति अपनी साझा भक्ति से बंधा हुआ है। वे आध्यात्मिक और सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, और "जय माता दी" को आशा और शक्ति के प्रतीक के रूप में फैलाते हैं।
1. सत्संग के माध्यम से भक्ति
पारस परिवार नियमित रूप से सत्संग (आध्यात्मिक सभाएं) आयोजित करता है, जहां भक्त भजन गाते हैं, शास्त्रों का पाठ करते हैं, और अनुभव साझा करते हैं। ये सभाएं मां दुर्गा के साथ अपने संबंध को गहरा करने और पारस भाई जी की शिक्षाओं को मजबूत करने का अवसर प्रदान करती हैं।
2. भाईचारे को बढ़ावा देना
एकता और सद्भावना पारस परिवार के मूल मूल्य हैं। पारस भाई जी अपने अनुयायियों को जाति, धर्म और स्थिति से ऊपर उठकर सार्वभौमिक भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
3. सेवा के र��प में सामाजिक कार्य
"सेवा परमो धर्म:" (सेवा सबसे बड़ा धर्म है) के सिद्धांत का पालन करते हुए, पारस परिवार भोजन वितरण, चिकित्सा सहायता, और गरीबों की सहायता जैसे कार्यों में सक्रिय है। ये परोपकार के कार्य मां दुर्गा को अर्पण के रूप में देखे जाते हैं।
पारस परिवार में "जय माता दी" का अर्थ
पारस परिवार के लिए "जय माता दी" केवल एक मंत्र नहीं है; यह उनके जीवन का एक तरीका है। यह मां दुर्गा में उनके अटूट विश्वास को दर्शाता है और उनकी दिव्य उपस्थिति की निरंतर याद दिलाता है।
1. शक्ति का स्रोत
पारस भाई जी सिखाते हैं कि "जय माता दी" का उच्चारण हृदय को साहस और सकारात्मकता से भर देता है। कठिन समय में, यह मंत्र एक ढाल के रूप में काम करता है, जो बाधाओं को दूर करने की शक्ति प्रदान करता है।
2. कृतज्ञता का आह्वान
कृतज्ञता पारस भाई जी की शिक्षाओं का मूल है। "जय माता दी" मां दुर्गा को उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद देने का एक तरीका है।
3. आध्यात्मिक जागरण का मार्ग
पारस भाई जी इस बात पर जोर देते हैं कि "जय माता दी" का नियमित जाप मन को शुद्ध करता है और आत्मा को ऊंचा करता है, जिससे भक्त आध्यात्मिक जागृति के करीब आते हैं।
पारस भाई जी की शिक्षाएं
पारस भाई जी की शिक्षाएं भक्ति, सेवा, और आंतरिक शांति के इर्द-गिर्द घूमती हैं। उनका संदेश जीवन के जटिल पहलुओं को सरलता से नेविगेट करने के लिए एक रास्ता प्रदान करता है।
1. शुद्ध हृदय से भक्ति
पारस भाई जी मानते हैं कि सच्ची भक्ति ईश्वर के प्रति शुद्ध और ईमानदार हृदय से समर्पित होने में है। उनका मानना है कि स्वार्थरहित आस्था ही दिव्य आशीर्वाद की कुंजी है।
2. निःस्वार्थ सेवा
पारस भाई जी की शिक्षाएं दूसरों की सेवा बिना किसी अपेक्षा के करने को प्रोत्साहित करती हैं। वह अक्सर कहते हैं, "मानवता की सेवा मां दुर्गा की सेवा है।"
3. आस्था की शक्ति
पारस भाई जी अपने अनुयायियों को विशेष रूप से कठिन समय में मां दुर्गा पर अटूट विश्वास रखने के लिए प्रेरित करते हैं। उनके अनुसार, आस्था एक शांतिपूर्ण और संतोषजनक जीवन की नींव है।
पारस परिवार "जय माता दी" का संदेश कैसे फैलाता है
पारस परिवार विभिन्न पहल के माध्यम से पारस भाई जी की शिक्षाओं और "जय माता दी" के मंत्र को बढ़ावा देता है।
1. सामुदायिक कार्यक्रम
वे नवरात्रि और अन्य शुभ अवसरों पर बड़े पैमाने पर कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, जिसमें भक्त सामूहिक प्रार्थना और उत्सव में भाग लेते हैं।
2. डिजिटल आउटरीच
आधुनिक युग में, पारस परिवार डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग व्यापक दर्शकों तक पहुंचने के लिए करता है। वे ऑनलाइन शिक्षाएं, भक्ति गीत, और प्रेरणादायक संदेश साझा करते हैं।
3. शैक्षणिक कार्यक्रम
युवा पीढ़ी में आध्यात्मिक मूल्यों को विकसित करने के लिए पारस परिवार कार्यशालाओं और शिविरों का आयोजन करता है।
आज के समय में "जय माता दी" का महत्व
तनाव और चुनौतियों से भरी दुनिया में, "जय माता दी" का मंत्र सांत्वना और शक्ति प्रदान करता है।
आध्यात्मिक जुड़ाव
"जय माता दी" व्यक्ति और दिव्य के बीच एक सेतु का काम करता है। यह भक्तों को उनकी आध्यात्मिक जड़ों और उनके जीवन में मां दुर्गा की शाश्वत उपस्थिति की याद दिलाता है।
आंतरिक शांति और सकारात्मकता
इस मंत्र को विश्वास के साथ जपने से मन शांत होता है और सकारात्मकता आती है। पारस भाई जी इसके माध्यम से नकारात्मक ऊर्जा को रचनात्मक कार्यों में बदलने की शक्ति को महत्व देते हैं।
सामाजिक सद्भाव का निर्माण
एकता और सेवा पर केंद्रित पारस भाई जी की शिक्षाएं लोगों को समाज की भलाई के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रेरित करती हैं।
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sharpbharat · 9 days ago
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jamshedpur marwari samaj- विनोद अग्रवाल की पुण्यतिथि पर साकची बाजार शिवमंदिर के समक्ष मारवाड़ी समाज ने बांटा प्रसाद
जमशेदपुर: मंगलवार को मारवाड़ी समाज द्धारा समाजसेवी स्वर्गीय विनोद कुमार अग्रवाल की तीसरी पुण्यतिथि पर उनकी याद में साकची बाजार शिवमंदिर के सामने आम लोगों के बीच प्रसाद (भोजन हलवा, पुड़ी, सब्जी) का वितरण किया गया. इसका आयोजन स्वर्गीय विनोद के पु���्र लालचंद अग्रवाल एवं बबलू अग्रवाल द्धारा किया गया था. जिसमें दो हजार से अधिक लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया.(नीचे भी पढ़े) इस अवसर पर प्रमुख रूप से मारवाड़ी…
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archanakumar00 · 9 days ago
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#रक्तदान_महादान
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सतलोक आश्रम में आयोजित धर्म यज्ञ दिवस पर मानव सेवा को प्राथमिकता दी गई। रक्तदान, भोजन वितरण, और नशामुक्ति जैसी सेवाओं के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी समाज को नई दिशा दे रहे हैं।
जानने के लिए देखिये
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indlivebulletin · 9 days ago
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बिजनेस: मुफ्त राशन वितरण में खामियों से केंद्र सरकार को हर साल 69,000 करोड़ रुपये का झटका
गरीबों को राहत देने के लिए सरकार ने खाद्यान्न की सार्वजनिक वितरण प्रणाली स्थापित की है। गरीबों को पर्याप्त भोजन मिले यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा मुफ्त राशन योजना के तहत 80 करोड़ लाभार्थियों को खाद्यान्न दिया जाता है। लेकिन अब एक रिपोर्ट सामने आई है जो बेहद चौंकाने वाली है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य सरकारों द्वारा वितरित 28 प्रतिशत खाद्यान्न सही लाभार्थियों…
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sunderdass064 · 9 days ago
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drrupal-helputrust · 16 days ago
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सियाराम की रसोई | Siya Ram Ki Rasoi | श्रद्धांजलि | स्वर्गीय श्री प्रकाश चन्द्र तिवारी (मुन्नू) जी
|| जय श्री राम ||
लखनऊ, 11.06.2024 | राम राज्य के वर्तमान समय में हमें अपने समाज के सबसे निर्धन और असहाय वर्ग की मदद के लिए आगे आना होगा । यह वह समय है जब हम उनके साथ मिलकर, उनकी मदद कर सकते हैं और उन्हें जीवन की आधारभूत जरूरतें प्रदान करने का संकल्प ले सकते हैं । इसी कड़ी में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा 'सियाराम की रसोई' अभियान की शुरुआत की गयी जिसका उद्देश्य है प्रतिदिन गरीबों को आपके सहयोग से नि:शुल्क भरपेट भोजन प्रदान कर मानवता की सेवा करना ।
आप अपने “कभी खुशी कभी गम” के यादगार पलों (जन्मदिवस, सालगिरह, पुण्यतिथि आदि) के शुभ अवसर पर निम्नलिखित तरीकों से जनहित में अपना अमूल्य समर्थन प्रदान कर सकते हैं:
1. ऑनलाइन दान करके आर्थिक सहायता प्रदान करना |
2. खाद्य सामग्री, जैसे कि अनाज, दाल, चावल, फल, सब्जियां और ताजा दूध आदि, को संग्रहित करके हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के समृद्धि केंद्र में जमा करना |
उल्लेखनीय हैं कि भोजन वितरण से पहले, आपके यादगार पलों / विशेष दिन के अवसर की घोषणा उपस्थित सभी लोगों के समक्ष की जाएगी, ताकि  आपको आध्यात्मिक साधकों से आशीर्वाद और शुभकामनाएं मिल सकें |
सियाराम की रसोई अभियान के अंतर्गत, श्रीमती विजय लक्ष्मी तिवारी जी, निवासी 68/240, छितवापुर, पजावा, लालकुआं, लखनऊ ने अपने पूज्य पति स्वर्गीय श्री प्रकाश चन्द्र तिवारी (मुन्नू) जी के स्वर्गवास को एक माह पूर्ण होने पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की 'सियाराम की रसोई' योजना के अंतर्गत 201 व्यक्तियों के लिए ₹5100/- का दान देकर भोजन की व्यवस्था में अपना बहुमूल्य योगदान प्रदान किया जिसके लिए हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट श्रीमती विजय लक्ष्मी तिवारी जी तथा उनके परिवार का आभार प्रकट करता है और स्वर्गीय श्री प्रकाश चन्द्र तिवारी जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है ।
इस अवसर पर स्वर्गीय श्री प्रकाश चन्द्र तिवारी जी की पत्नी श्रीमती विजय लक्ष्मी तिवारी, उनके पुत्र श्री सुमित मिश्रा, श्री गौरव मिश्रा तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल तथा ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
#पुण्यतिथि #प्रकाशचन्द्रतिवारी
#SiyaRamKiRasoi #FoodtoAll #DonateforFood #खाना_खिलाना #CSR #Donation #Sponsership #Volunteer #fundraising #nonprofitorganization #volunteering #collaboration #philanthropy
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helpukiranagarwal · 16 days ago
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सियाराम की रसोई | Siya Ram Ki Rasoi | श्रद्धांजलि | स्वर्गीय श्री प्रकाश चन्द्र तिवारी (मुन्नू) जी
|| जय श्री राम ||
लखनऊ, 11.06.2024 | राम राज्य के वर्तमान समय में हमें अपने समाज के सबसे निर्धन और असहाय वर्ग की मदद के लिए आगे आना होगा । यह वह समय है जब हम उनके साथ मिलकर, उनकी मदद कर सकते हैं और उन्हें जीवन की आधारभूत जरूरतें प्रदान करने का संकल्प ले सकते हैं । इसी कड़ी में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा 'सियाराम की रसोई' अभियान की शुरुआत की गयी जिसका उद्देश्य है प्रतिदिन गरीबों को आपके सहयोग से नि:शुल्क भरपेट भोजन प्रदान कर मानवता की सेवा करना ।
आप अपने “कभी खुशी कभी गम” के यादगार पलों (जन्मदिवस, सालगिरह, पुण्यतिथि आदि) के शुभ अवसर पर निम्नलिखित तरीकों से जनहित में अपना अमूल्य समर्थन प्रदान कर सकते हैं:
1. ऑनलाइन दान करके आर्थिक सहायता प्रदान करना |
2. खाद्य सामग्री, जैसे कि अनाज, दाल, चावल, फल, सब्जियां और ताजा दूध आदि, ��ो संग्रहित करके हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के समृद्धि केंद्र में जमा करना |
उल्लेखनीय हैं कि भोजन वितरण से पहले, आपके यादगार पलों / विशेष दिन के अवसर की घोषणा उपस्थित सभी लोगों के समक्ष की जाएगी, ताकि  आपको आध्यात्मिक साधकों से आशीर्वाद और शुभकामनाएं मिल सकें |
सियाराम की रसोई अभियान के अंतर्गत, श्रीमती विजय लक्ष्मी तिवारी जी, निवासी 68/240, छितवापुर, पजावा, लालकुआं, लखनऊ ने अपने पूज्य पति स्वर्गीय श्री प्रकाश चन्द्र तिवारी (मुन्नू) जी के स्वर्गवास को एक माह पूर्ण होने पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की 'सियाराम की रसोई' योजना के अंतर्गत 201 व्यक्तियों के लिए ₹5100/- का दान देकर भोजन की व्यवस्था में अपना बहुमूल्य योगदान प्रदान किया जिसके लिए हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट श्रीमती विजय लक्ष्मी तिवारी जी तथा उनके परिवार का आभार प्रकट करता है और स्वर्गीय श्री प्रकाश चन्द्र तिवारी जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है ।
इस अवसर पर स्वर्गीय श्री प्रकाश चन्द्र तिवारी जी की पत्नी श्रीमती विजय लक्ष्मी तिवारी, उनके पुत्र श्री सुमित मिश्रा, श्री गौरव मिश्रा तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल तथा ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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helputrust-harsh · 16 days ago
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सियाराम की रसोई | Siya Ram Ki Rasoi | श्रद्धांजलि | स्वर्गीय श्री प्रकाश चन्द्र तिवारी (मुन्नू) जी
|| जय श्री राम ||
लखनऊ, 11.06.2024 | राम राज्य के वर्तमान समय में हमें अपने समाज के सबसे निर्धन और असहाय वर्ग की मदद के लिए आगे आना होगा । यह वह समय है जब हम उनके साथ मिलकर, उनकी मदद कर सकते हैं और उन्हें जीवन की आधारभूत जरूरतें प्रदान करने का संकल्प ले सकते हैं । इसी कड़ी में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा 'सियाराम की रसोई' अभियान की शुरुआत की गयी जिसका उद्देश्य है प्रतिदिन गरीबों को आपके सहयोग से नि:शुल्क भरपेट भोजन प्रदान कर मानवता की सेवा करना ।
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1. ऑनलाइन दान करके आर्थिक सहायता प्रदान करना |
2. खाद्य सामग्री, जैसे कि अनाज, दाल, चावल, फल, सब्जियां और ताजा दूध आदि, को संग्रहित करके हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के समृद्धि केंद्र में जमा करना |
उल्लेखनीय हैं कि भोजन वितरण से पहले, आपके यादगार पलों / विशेष दिन के अवसर की घोषणा उपस्थित सभी लोगों के समक्ष की जाएगी, ताकि  आपको आध्यात्मिक साधकों से आशीर्वाद और शुभकामनाएं मिल सकें |
सियाराम की रसोई अभियान के अंतर्गत, श्रीमती विजय लक्ष्मी तिवारी जी, निवासी 68/240, छितवापुर, पजावा, लालकुआं, लखनऊ ने अपने पूज्य पति स्वर्गीय श्री प्रकाश चन्द्र तिवारी (मुन्नू) जी के स्वर्गवास को एक माह पूर्ण होने पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की 'सियाराम की रसोई' योजना के अंतर्गत 201 व्यक्तियों के लिए ₹5100/- का दान देकर भोजन की व्यवस्था में अपना बहुमूल्य योगदान प्रदान किया जिसके लिए हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट श्रीमती विजय लक्ष्मी तिवारी जी तथा उनके परिवार का आभार प्रकट करता है और स्वर्गीय श्री प्रकाश चन्द्र तिवारी जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है ।
इस अवसर पर स्वर्गीय श्री प्रकाश चन्द्र तिवारी जी की पत्नी श्रीमती विजय लक्ष्मी तिवारी, उनके पुत्र श्री सुमित मिश्रा, श्री गौरव मिश्रा तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल तथा ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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helputrust-drrupal · 23 days ago
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सियाराम की रसोई | Siya Ram Ki Rasoi | श्रद्धांजलि | स्वर्गीय श्री प्रकाश चन्द्र तिवारी (मुन्नू) जी
|| जय श्री राम ||
लखनऊ, 11.07.2024 | राम राज्य के वर्तमान समय में हमें अपने समाज के सबसे निर्धन और असहाय वर्ग की मदद के लिए आगे आना होगा । यह वह समय है जब हम उनके साथ मिलकर, उनकी मदद कर सकते हैं और उन्हें जीवन की आधारभूत जरूरतें प्रदान करने का संकल्प ले सकते हैं । इसी कड़ी में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा 'सियाराम की रसोई' अभियान की शुरुआत की गयी जिसका उद्देश्य है प्रतिदिन गरीबों को आपके सहयोग से नि:शुल्क भरपेट भोजन प्रदान कर मानवता की सेवा करना ।
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सियाराम की रसोई अभियान के अंतर्गत, श्रीमती विजय लक्ष्मी तिवारी जी, निवासी 68/240, छितवापुर, पजावा, लालकुआं, लखनऊ ने अपने पूज्य पति स्वर्गीय श्री प्रकाश चन्द्र तिवारी (मुन्नू) जी के स्वर्गवास को दो माह पूर्ण होने पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की 'सियाराम की रसोई' योजना के अंतर्गत 201 व्यक्तियों के लिए ₹5100/- का दान देकर भोजन की व्यवस्था में अपना बहुमूल्य योगदान प्रदान किया जिसके लिए हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट श्रीमती विजय लक्ष्मी तिवारी जी तथा उनके परिवार का आभार प्रकट करता है और स्वर्गीय श्री प्रकाश चन्द्र तिवारी जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है ।
इस अवसर पर श्रीमती विजय लक्ष्मी तिवारी जी ने कहा कि, “मैं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य श्री पंकज अवस्थी एवं स्वयंसेवकों का हार्दिक आभार प्रकट करती हूँ जिनके सहयोग से मैंने आज अपने पति की दूसरे माह की पुण्यतिथि पर प्रसाद वितरण और भंडारे का आयोजन किया । मैंने यह निश्चय किया है कि मैं हर महीने की 11 तारीख को पूरे ��खनऊ के कोने-कोने में भंडारे का आयोजन करूंगी ।"
इस अवसर पर स्वर्गीय श्री प्रकाश चंद्र तिवारी जी की पत्नी श्रीमती विजय लक्ष्मी तिवारी एवं श्री उमा शंकर मिश्रा, मित्र, श्रीमती रुचि शुक्ला, बेटी, श्रीमती दीपा दुबे, भांजी, श्रीमती निर्मला तिवारी, रिश्तेदार तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य श्री पंकज अवस्थी जी और ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
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helputrust · 2 months ago
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10.10.2024, लखनऊ | परम आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मूल मंत्र "सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास" एवं राष्ट्रीय एकीकरण की भावना को बढ़ावा देने हेतु, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा करामत हुसैन मुस्लिम गर्ल्स इंटर कॉलेज, निशातगंज, लखनऊ में 571 छात्राओं को पुस्तक 'गीता गर्ल मरियम' का वितरण किया गया ।
पुस्तक वितरण में लखनऊ विश्वविद्यालय के सामाजिक कार्य विभाग के छात्र-छात्राओं श्री अविन्द्र सिंह, सुश्री भूमिका कुमार, श्री शाश्वत शुक्ला, श्री वृन्दावन सिंह एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान किया । इस अवसर पर करामत हुसैन मुस्लिम गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या एवं शिक्षकों की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
सादर अवगत कराना है कि हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना वर्ष 2012 में जनहित और जनकल्याण हेतु लखनऊ, उत्तर प्रदेश में की गई । अपने स्थापना वर्ष से अब तक 12 वर्षों में, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश में जनकल्याणकारी संस्था के रूप में प्रतिष्ठा अर्जित की है । ट्रस्ट अपने आदरणीय संरक्षकों पद्म भूषण स्वर्गीय गोपाल दास नीरज, पद्म श्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी तथा पद्म श्री अनूप जलोटा के मार्गदर्शन में, स्वसाधनों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उन्नयन की दिशा में गतिशील है । माननीय प���रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के संकल्प “सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास और सबका प्रयास” को ध्येय मानते हुए, ट्रस्ट गरीबों और असहायों की मदद हेतु वस्त्र वितरण अभियान, रक्तदान, बाल गोपाल शिक्षा योजना, जनहित के जागरूकता अभियान, सम्मान समारोह और अन्य लाभकारी योजनाओं का निरंतर क्रियान्वयन कर रहा है । विश्वव्यापी कोरोना महामारी (COVID-19) के संकट के दौरान, ट्रस्ट ने अपने संसाधनों और हेल्प यू कोरोना वारियर्स की मदद से निराश्रित और जरूरतमंद लोगों के लिए निरंतर भोजन, मास्क, सैनिटाइजर तथा अन्य बचाव सामग्री का वितरण किया ।
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा साहित्य और साहित्यकारों के प्रोत्साहन के लिए, अध्यात्म और संस्कृति के संवर्धन एवं उत्थान के दृष्टिगत जनहित में पुस्तकों का प्रकाशन भी किया गया है ।
ट्रस्ट लखनऊ, उत्तर प्रदेश में वृद्धा आश्रम, अनाथालय, भगवत गीता सेंटर, हेल्प यू एकेडमी ऑफ स्पिरिचुअल म्यूजिक तथा अन्य जनहित की परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु प्रयत्नशील है । साथ ही, देश के सभी राज्यों की राजधानियों तथा अन्य देशों में ट्रस्ट के कार्यालय स्थापित कर जनहित के कार्यों को और विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है ।
हम जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों की मदद कर रहे हैं । ट्रस्ट की समस्त गतिविधियों और जनकल्याण के कार्यक्रमों का सम्पूर्ण विवरण ट्रस्ट की वेबसाइट www.helputrust.org तथा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे Facebook, Twitter, LinkedIn, Tumblr, Instagram और YouTube पर आपके अवलोकनार्थ उपलब्ध है ।
आप हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ सकते हैं और ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान कर सकते हैं। यह आवश्यक नहीं है कि आप ट्रस्ट को केवल आर्थिक सहयोग (Donation, Sponsorship, CSR आदि) ही दें, बल्कि आप अपने सेवा क्षेत्र के माध्यम से हमारे सलाहकार, आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य, सद्भावना राजदूत, या संयुक्त तत्वावधान में आयोजन करके भी जनहित में अपना योगदान दे सकते हैं ।
आपसे सादर अनुरोध है कि कृपया ट्रस्ट द्वारा विगत 12 वर्षों से निरंतर किए जा रहे जनहित में समाज उत्थान और समाज कल्याण के कार्यों के ��ृष्टिगत, लाभार्थियों के हित में तथा ट्रस्ट को प्रभावशाली कार्य करने हेतु अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान करना चाहें |
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parasparivaarorg · 1 month ago
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पारस: इस अहोई अष्टमी पर आपकी प्रार्थनाएं स्वीकार हों!
पारस परिवार की ओर से अहोई अष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
पारस परिवार के संस्थापक, आदरणीय “महंत श्री पारस भाई जी” एक सच्चे मार्गदर्शक, एक महान ज्योतिषी, एक आध्यात्मिक लीडर, एक असाधारण प्रेरक वक्ता और एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो देश और समाज के कल्याण के लिए खुद को समर्पित करते हैं। उनका एक ही लक्ष्य है लोगों के सुखी और समृद्ध जीवन की कामना करना। लोगों को अँधेरे से निकालकर उनके जीवन में रोशनी फैलाना।
“पारस परिवार” हर किसी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है। पारस परिवार से जो भी जुड़ जाता है वो इस परिवार का एक अहम हिस्सा बन जाता है और यह संगठन और भी मजबूत बन जाता है। जिस तरह एक परिवार में एक दूसरे की जरूरतों का ख्याल रखा जाता है। ठीक उसी तरह पारस परिवार भी एक परिवार की तरह एक दूसरे का सम्मान करता है और जरूरतमंद लोगों के जीवन में बदलाव लाने के साथ यह परिवार एकजुट की भावना रखता है ।
‘महंत श्री पारस भाई जी’ एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहते हैं जहाँ कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे, जहाँ जाति-धर्म के नाम पर झगड़े न हों और जहाँ आपस में लोग मिलजुलकर रहें। साथ ही लोगों में द्वेष न रहे और प्रेम की भावना का विकास हो। पारस परिवार निस्वार्थ रूप से जन कल्याण की विचारधारा से प्रभावित है।
इसी ��िचारधारा को लेकर वह भक्तों के आंतरिक और बाहरी विकास के लिए कई आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित करते हैं। आध्यात्मिक क्षेत्र (Spiritual Sector) की बात करें तो महंत श्री पारस भाई जी “दुख निवारण महाचण्डी पाठ”, “प्रार्थना सभा” और “पवित्र जल वितरण” जैसे दिव्य कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
जिससे वे भक्तों के दुखों का निवारण, उनकी आंतरिक शांति और उनकी सुख-समृद्धि के लिए समर्पित हैं। इसी तरह सामाजिक क्षेत्र की बात करें तो पारस परिवार सामाजिक जागरूकता और समाज कल्याण के लिए भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने के लिए लंगर, धर्मरथ और गौ सेवा जैसे महान कार्यों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा हरियाणा और मध्य प्रदेश में “डेरा नसीब दा” जैसे महान कार्य का निर्माण भी है, जहाँ जाकर सोया हुआ नसीब भी जाग जाता है।
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बच्चों के कल्याण और समृद्धि के लिए समर्पित अहोई अष्टमी का त्यौहार पारस परिवार संगठन द्वारा मनाया जाता है। यह त्यौहार, जो ज़्यादातर उत्तर भारत में मनाया जाता है, का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत ज़्यादा है, ख़ास तौर पर उन माताओं के लिए जो अपने बच्चों की भलाई के लिए व्रत रखती हैं।
अहोई अष्टमी का सार
कार्तिक महीने में, अहोई अष्टमी ढलते चंद्रमा के आठवें दिन होती है। इस दिन, माताएँ अपने बच्चों की समृद्धि और लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं। देवी अहोई का उपवास और पूजा करना, जिन्हें परिवारों को स्वस्थ संतान प्रदान करने वाली माना जाता है, अनुष्ठानों का हिस्सा हैं।
इस अवसर पर कई परंपराएँ मनाई जाती हैं, जैसे कि विशेष भोजन पकाना, पूजा स्थल को सुंदर रंगोली से स��ाना और शाम के समय प्रार्थना करना। तारों को देखने के बाद व्रत तोड़ना दिन के अंत का प्रतीक है।
पारस परिवार के साथ जश्न मना रहे हैं
पारस परिवार संगठन में हम इस त्यौहार का बड़े उत्साह से इंतज़ार करते हैं। हमारा समुदाय इस विरासत का सम्मान करने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए इकट्ठा होता है:
सामुदायिक सभाएँ: हम पार्टियाँ आयोजित करते हैं जहाँ परिवार जश्न मना सकते हैं, कहानियाँ साझा कर सकते हैं और पड़ोस के रिश्ते बना सकते हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम: अहोई अष्टमी के महत्व को उजागर करने वाले प्रदर्शन युवा पीढ़ी को अपनी विरासत को सीखने और सराहने में मदद करते हैं।
खाद्य अभियान: उदारता की भावना से, हम अक्सर इस मौसम में जरूरतमंद लोगों की सहायता करने के लिए खाद्य अभियान चलाते हैं, जिससे सामुदायिक कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को बल मिलता है।
जश्न में हमारे साथ शामिल हों
इस वर्ष, हम सभी को अहोई अष्टमी मनाने में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। पारस परिवार में सभी के लिए जगह है, चाहे आप माता-पिता हों जो अपने बच्चे के लिए सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद कर रहे हों या कोई ऐसा व्यक्ति जो हमारे रीति-रिवाजों के बारे में अधिक जानना चाहता हो। हमारी गतिविधियों और कार्यक्रमों के बारे में अपडेट प्राप्त करने के लिए सोशल मीडिया पर हमारे साथ बने रहें:
Facebook: Paras Parivaar
Instagram: @parasparivaar
अहोई अष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ! आइये हम सब मिलकर प्रेम, करुणा और सौहार्द के सिद्धांतों का सम्मान करें जो हमें वह बनाते हैं जो हम हैं और इस शुभ अवसर का आनंद लें।
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narmadanchal · 1 month ago
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नर्मदा दर्शन को नर्मदापुरम आने वालों को रोज मिलेगा नि:शुल्क भोजन
सेठानी घाट पर सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने मां नर्मदा दर्शन भोग का शुभारंभ किया नर्मदापुरम। सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने कहा है कि मेरे प्रदेश एवं जिले का कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहना चाहिए। मां नर्मदा दर्शन भोग के प्रमुख सत्या सिंह चौहान एवं श्वेता तिवारी ने बताया कि मां नर्मदा जी के दर्शन करने पधारे सभी श्रद्धालुओं एवं परिक्रमा वासियों एवं जरूरत मंदों को प्रतिदिन भोजन नि:शुल्क वितरण किया…
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mewaruniversity · 2 months ago
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🔰🔰भारतीय शिक्षण मण्डल, चित्तौड-प्रान्त || अजमेर में पुरस्कार सम्मान समारोह अयोजित हुआ 🔰🔰
जिसमें मेवाड़ विश्वविद्यालय की छात्रा अमीना लवन अबुबकर, एम एससी वनस्पति विज्ञान, जीवन विज्ञान विभाग, ललिता प्रजापति, सहायक प्रोफेसर, शिक्षा विभाग, और प्राची सिंह, सहायक प्रोफेसर, जीवन विज्ञान विभाग का शोध पत्र चयन हुआ | 🧪🔎🎓
रविवार दिनांक 29 सितम्बर 2024 को मध्याह्न 12.30 बजे शैक्षिक प्रौद्योगिकी प्रभाग अजमेर में विजन फॉर विकसित भारत शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता पुरस्कार वितरण समारोह व शोधार्थी सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती, भारत माता के समक्ष दीप प्रज्वलन उपरांत श्रीमान धर्मेंद्र सिंह बांसवाड़ा द्वारा ध्येय श्लोक व श्रीमान दिनेश कुमार ओझा द्वारा ध्येय वाक्य के वाचन से हुआ। मंचासीन अतिथियों को शिक्षण मण्डल का दुप्पटा , स्मृति चिन्ह व श्री फल भेंट कर सम्मान किया गया । कार्यक्रम मुख्य अतिथि डॉ जितेन्द्र कुमार भारद्वाज जी (अखिल भारतीय मण्डल कार्य प्रमुख), मुख्य वक्ता श्रीमान जगदीश जी राणा ( प्रान्त संघ चालक, चित्तौड़ प्रान्त, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ), अध्यक्ष श्रीमान पुरुषोत्तम जी मंत्री (संरक्षक भारतीय शिक्षण मण्डल, चित्तौड प्रान्त) तथा श्री जगदीश प्रसाद साहू (प्रांत टोली सदस्य) के उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि डॉ जितेन्द्र कुमार भारद्वाज ने भारतीय शिक्षण मण्डल की स्थापना से लेकर समस्त गतिविधि एवं युवा आयाम गतिविधि द्वारा आयोजित कार्यक्रम के विषय में प्रकाश डालते हुए विजन फ़ोर विकसित भारत के तहत आयोजित शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता के उद्देश्यों व शोध के विभिन्न ग्यारह विषय के बारे में विस्तार से चर्चा कर बताया कि किस प्रकार से बौद्धिक योद्धा तैयार कर विकसित भारत की संकल्पना सरकार की जा सकती है। मुख्य वक्ता श्रीमान जगदीश जी राणा भाईसाहब ने ग्यारह गतिविधियों द्वारा विकसित भारत के संकल्प को सार्थक करने हेतु सामाजिक दायित्व बोध से अवगत करवाया। अध्यक्षता करते हुए श्रीमान पुरुषोत्तम जी मंत्री ने "वास्तविक जीवन में शोध के प्रयोग से जीवन मूल्यों को कैसे प्राप्त कर सकते हैं" विषय पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में उपस्थित शोधार्थियों द्वारा पीपीटी के तथा अन्य माध्यम से अपने शोध के विषयों पर संक्षिप्त जानकारी साझा की गई शोधार्थीयों के समस्त कार्य व मूल्यांकन कर्त्ताओं को शोध पत्र भेजकर पुनः मंगवाकर वर्ड फाइल पीडीएफ फाइल में वनाकर समस्त कार्य केन्द्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान से डॉ अन्जली शर्मा जी एवं उनकी समस्त टीम, के द्धारा सम्पन्न हुआ जो विजन फार विकसित भारत के आयोजन का महत्वपूर्ण योगदान रहा सभी शोधकर्ताओं का स्मृति चिन्ह, केसरिया दुपट्टा व प्रमाण पत्र भेंट कर व मूल्यांकन कर्त्ताओं का दुपट्टा व प्रमाण पत्र भेंट कर सम्मान किया गया।"कार्यक्रम के अंत में श्री अनिल कुमार गुप्ता जी ने सभी सम्माननीय अतिथियों, सभागार में उपस्थित शोधार्थियों, मूल्यांकन समिति के सदस्यों, कार्यकर्ताओं प्रान्त टोली सदस्य श्री अनूप सिंह जोधा जी श्री राधा किशन मोटवानी जी तथा शैक्षिक प्रौद्योगिकी प्रभाग के प्रभारी श्री रविन्द्र जी शर्मा का धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया। अन्त में प्रार्थना व कल्याण मंत्र से समापन उपरांत उपस्थित सभी ने भोजन किया।
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indlivebulletin · 26 days ago
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अनिरुद्धाचार्य महाराज के आश्रम में हादसा, गर्म खिचड़ी गिरने से 10 श्रद्धालु झुलसे, दो की हालत गंभीर
उत्तर प्रदेश के मथुरा में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज के आश्रम में उस वक्त हादसा हो गया जब श्रद्धालुओं को भोजन वितरित किया जा रहा था. जानकारी के मुताबिक, भोजन वितरण के दौरान एक कर्मचारी का पैर फिसलने से खिचड़ी का भगौना गिर गया. भगौने में गर्म खिचड़ी होने के कारण कई श्रद्धालु झुलस गए. मंदिर से जुड़े लोगों ने बताया कि इस हादसे में पश्चिम बंगाल की 10 महिलाएं झुलस गईं हैं. वहीं महिलाओं को इलाज के…
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deshbandhu · 2 months ago
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Khetee se Kamaen: Jaanen Kaise Milate Hain Rojagaar ke Nae Avasar
भारत एक कृषि प्रधान देश है, और सदियों से खेती यहां के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। हालांकि बदलते समय के साथ, लोग अन्य उद्योगों की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन खेती में रोजगार के अवसर आज भी अपार हैं। नई तकनीकों, नवाचारों और सरकारी योजनाओं के साथ, खेती में रोजगार के कई नए दरवाज़े खुल चुके हैं। आइए जानते हैं, खेती के क्षेत्र में कैसे रोजगार के नए अवसर प्राप्त किए जा सकते हैं और यह क्षेत्र क्यों आज भी एक स्थायी और लाभकारी करियर विकल्प है।
खेती में रोजगार के अवसर: एक व्यापक दृष्टिकोण
खेती केवल खाद्यान्न उत्पादन तक सीमित नहीं है। यह एक व्यापक उद्योग है जिसमें कृषि प्रबंधन, बागवानी, पशुपालन, डेयरी उद्योग, मछली पालन, और औषधीय पौधों की खेती जैसे कई क्षेत्र शामिल हैं। इन सभी में रोजगार के ढेरों अवसर छिपे हुए हैं। आधुनिक तकनीक और बाजार की मांग ने खेती को सिर्फ परंपरागत खेती से आगे बढ़ाते हुए नए व्यवसायिक संभावनाओं के साथ जोड़ा है।
संगठित कृषि उद्योग
खेती अब सिर्फ छोटे किसानों तक सीमित नहीं है। बड़ी कंपनियां और कॉर्पोरेट संस्थाएं भी इस क्षेत्र में निवेश कर रही हैं। संगठित कृषि उद्योग के बढ़ने से रोजगार के अवसरों में भारी वृद्धि हुई है। खेती से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट्स, फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स, एग्रीबिजनेस और एक्सपोर्ट कंपनियां युवाओं के लिए नए अवसर प्रदान कर रही हैं। इस उद्योग में कई तरह के विशेषज्ञों की मांग है, जैसे कृषि वैज्ञानिक, मैनेजमेंट विशेषज्ञ, मार्केटिंग प्रोफेशनल्स, और तकनीकी विशेषज्ञ।
ऑर्गेनिक खेती
आजकल ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। उपभोक्ता अब जैविक और स्वस्थ्य भोजन की ओर झुकाव दिखा रहे हैं। ऑर्गेनिक खेती का बाजार बढ़ने के साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार के कई नए अवसर उत्पन्न हुए हैं। ऑर्गेनिक फार्मिंग में बेहतर लाभ मिलने की संभावना अधिक होती है, और इससे जुड़ी मार्केटिंग, पैकेजिंग और वितरण सेवाओं में भी रोजगार के अवसर मिलते हैं। इसके लिए किसानों को उचित प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है, और कई संस्थान इसे मुफ्त में भी प्रदान कर रहे हैं।
खेती में तकनीकी नवाचार
खेती में तकनीकी नवाचारों का उपयोग बढ़ रहा है। स्मार्ट फार्मिंग, ड्रिप इरिगेशन, और ड्रोन जैसी नई तकनीकों ने खेती को एक अलग स्तर पर पहुंचा दिया है। इन तकनीकों के सही उपयोग के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित लोगों की जरूरत होती है। ऐसे में कृषि तकनीकी विशेषज्ञ, आ��टी प्रोफेशनल्स, और मशीनरी ऑपरेटर्स के लिए खेती में रोजगार के अवसर बढ़ गए हैं। कृषि मशीनीकरण के साथ, किसानों को खेती में अधिक उत्पादन और कम श्रम के साथ बेहतर परिणाम मिल रहे हैं।
डेयरी और पशुपालन
खेती के साथ-साथ पशुपालन और डेयरी उद्योग भी रोजगार के बेहतर विकल्प प्रदान करते हैं। डेयरी उद्योग में रोजगार के कई विकल्प हैं जैसे दूध उत्पादन, पैकेजिंग, और वितरण सेवाएं। इसके अलावा, पशुपालन में मवेशियों की देखभाल, आहार प्रबंधन, और पशु चिकित्सा सेवाओं से भी रोजगार मिलता है। आजकल आधुनिक डेयरी फार्म्स उन्नत तकनीकों के साथ चल रहे हैं, और इसके लिए विशेषज्ञता की जरूरत होती है।
कृषि आधारित उद्योग
खेती से जुड़े अन्य उद्योग भी रोजगार का एक बड़ा स्रोत हैं। कृषि आधारित उद्योग जैसे फूड प्रोसेसिंग, कृषि उपकरण निर्माण, उर्वरक उत्पादन, और कीटनाशक उद्योग में भी रोजगार के अनगिनत अवसर उपलब्ध हैं। ये उद्योग किसानों को सीधे रोजगार प्रदान करते हैं, साथ ही कृषि उत्पादों के बाजार तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन उद्योगों में कृषि अभियंता, मैनेजर, और तकनीशियनों की मांग रहती है।
बागवानी और फूलों की खेती
बागवानी और फूलों की खेती भी एक लाभदायक व्यवसाय है, जिसमें रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। फल और सब्जियों की मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे इस क्षेत्र में निवेश करने वालों के लिए सुनहरे मौके हैं। फूलों की खेती भी एक उभरता हुआ क्षेत्र है, जिसमें निर्यात के लिए बड़े अवसर उपलब्ध हैं। इसके साथ ही पौध नर्सरी, ग्रीनहाउस खेती, और लैंडस्केपिंग सेवाओं में भी रोजगार के कई अवसर होते हैं।
मछली पालन और मत्स्य पालन
मछली पालन और मत्स्य पालन भी खेती के क्षेत्र में उभरते हुए रोजगार के अवसर हैं। आजकल मत्स्य पालन के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिनसे उत्पादन में वृद्धि हो रही है। मछली पालन में निवेश कम है और लाभ अधिक, जिससे यह एक आकर्षक व्यवसाय बनता जा रहा है। मत्स्य पालन के साथ जुड़े तकनीकी विशेषज्ञ, प्रोसेसिंग यूनिट्स, और मार्केटिंग में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।
सरकारी योजनाएं और समर्थन
भारत सरकार कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चला रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, और कृषि मशीनीकरण योजनाएं किसानों को आर्थिक मदद और संसाधन प्रदान करती हैं। इन योजनाओं का लाभ उठाकर युवा किसान खेती में नए रोजगार के अवसर तलाश सकते हैं। इसके अलावा, सरकार की ओर से कृषि संबंधित प्रशिक्षण और शिक्षा कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं, जिससे युवाओं को खेती में रोजगार के लिए तैयार किया जा सके।
कृषि में स्टार्टअप्स
खेती में रोजगार के अवसर अब पारंपरिक तरीकों से हटकर स्टार्टअप्स की ओर भी बढ़ रहे हैं। आजकल कई युवा कृषि स्टार्टअप्स शु��ू कर रहे हैं, जो किसानों को तकनीकी सहायता, बाजार पहुंच, और वित्तीय मदद प्रदान कर रहे हैं। इन स्टार्टअप्स में नौकरी के कई अवसर होते हैं, जैसे डिजिटल मार्केटिंग, डेटा एनालिसिस, एग्रीटेक सॉल्यूशंस, और फाइनेंशियल प्लानिंग।
खेती में स्वरोजगार के अवसर
खेती में स्वरोजगार के भी असीमित अवसर हैं। अगर आपके पास जमीन है, तो आप खुद की खेती कर सकते हैं और अपने उत्पादों को सीधे बाजार में बेच सकते हैं। खेती में स्वरोजगार करने के लिए बहुत ज्यादा निवेश की जरूरत नहीं होती, लेकिन इसके लिए सही तकनीक और बाजार की जानकारी आवश्यक होती है। छोटे किसान भी उन्नत तकनीकों और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
निष्कर्ष
खेती में रोजगार के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं, और यह क्षेत्र न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। नई तकनीक, सरकारी योजनाएं, और बदलते बाजार की मांगों ने खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना दिया है। चाहे आप किसान हों, कृषि वैज्ञानिक हों, या कृषि क्षेत्र में नौकरी की तलाश कर रहे हों, खेती में रोजगार के कई नए और उभरते हुए अवसर आपके लिए हैं। खेती में करियर बनाने का मतलब न केवल खुद को आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि समाज और देश की समृद्धि में योगदान देना भी है।
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